- नगरीय सीमा क्षेत्र के लिए एपिडेमिक डिजीज एक्ट 1897 के तहत कलेक्टर ने जारी किया आदेश*
दुर्ग 21 मार्च : कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका को देखते हुए कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने एपिडेमिक डिसीज एक्ट 1897 के अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते हुए 5 अप्रैल या आगामी आदेश तक व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बंद किये जाने के लिए आदेशित किया है।
जिला दुर्ग के समस्त नगरीय सीमा क्षेत्र के अंतर्गत संक्रमण से बचाव एवं स्वास्थ्यगत् आपातकालीन स्थिति को नियंत्रण में रखने हेतु निम्नलिखित संस्थानोंः-
सभी मण्डियों व दुकान व ठेला (सब्जी,फल, अनाज) मेडिकल स्थापनायें एवं मेडिकल दुकान, ट्रांसपोर्ट नगर व गुड्स एवं कैरियरी सेवाए, पेट्रोल पंप, गैस एजेन्सी, बैंकिग सेवाए (जिनमें एक समय में दस से अधिक व्यक्ति एकत्र नहीं होंगे), ए.टी.एम, मीडिया संस्थान, पेयजल सुविधाए, सीवरेज ट्रीटमेंट व्यवस्थायें, फायर ब्रिगेड, टेलीफोन व इंटरनेट सुविधाए,होटल एवं रेस्टोरेंट (जिनमें पक्की स्थायी संरचना एवं वैद्य लायसेंस उपलब्ध हो इसके अलावा राज्य एवं केन्द्र शासन द्वारा(Covid-19) के संदर्भ में समय-समय पर जारी निर्देशों के अनिवार्य रूप से पालन करने पर ), मोबाईल रिचार्ज एवं सर्विसेस दुकाने, डेलीनीड्स व किराना दुकाने, राशन दुकाने, मिल्क पार्लर, विद्युत व्यवस्थापक, बेकरी दुकानों को छोड़कर अन्य सभी संस्थानों, दुकानों, व्यवसायिक प्रतिष्ठानों आदि को दिनांक 05 अप्रैल 2020 या आगामी आदेश पर्यन्त तक अनिवार्य रूप से बंद रखने हेतु आदेशित किया जाता है। आबकारी संबधित इकाईयों के संदर्भ में सक्षम प्राधिकारी द्वारा पृथक से आदेश जारी किया जावेगा।
आदेश के उल्लंघन किये जाने पर नियम अंतर्गत सख्त कार्यवाही की जावेगी।
शासन द्वारा जारी पत्र के अंतर्गत उल्लेख है कि किसी व्यक्ति/संस्था/संगठन द्वारा जारी पत्रान्तर्गत कोरोना वायरस ( Covid -19) के संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु जारी किसी भी निर्देश का उल्लंघन किया जाता है तो वह भारतीय दंड संहिता,1860 (1860 का 45) की धारा 188 के अंतर्गत दण्डनीय अपराध की श्रेणी के अंतर्गत आता है। - दुर्ग : कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने धारा 144 अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते हुए समस्त होटल, मैरिज पैलेस, रिसोर्ट क्लब, सामुदायिक भवन इत्यादि में सार्वजनिक, अर्धशासकीय, निजी आयोजन 5 अप्रैल तक तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दिया है।
- दुर्ग 20 मार्च : जिले में कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए विदेश यात्रा से वापस आये नागरिकों का चिन्हांकन कर कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की जा रही है। 20 मार्च तक विदेश यात्रा से आये 155 यात्रियों की जानकारी प्राप्त हुई है। इनमें से 26 व्यक्ति वर्तमान में जिले में निवासरत नहीं हैं। इनमें से 45 नागरिकों ने होम आइसोलेशन की 14 दिवस की अनिवार्य अवधि पूरी कर ली है। 84 व्यक्ति वर्तमान में होम आइसोलेशन/क्वारन्टीन में हैं। विदेश से आये नागरिकों में केवल 15 व्यक्तियों में सर्दी-खांसी के सामान्य लक्षण मिले हैं, जिसके परिप्रेक्ष्य में सभी के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए। इनमें से 10 की रिपोर्ट निगेटिव प्राप्त हो चुकी है एवं 5 नागरिकों की रिपोर्ट आगामी 12 घंटों में प्राप्त हो जाएगी। इस प्रकार वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रस्त किसी भी व्यक्ति का चिन्हांकन नहीं है।
यदि कोई व्यक्ति विदेश यात्रा से वापस आया है अथवा कोई व्यक्ति ऐसे यात्री के संपर्क में रहे हैं तो उनके लिए 14 दिवस का होम आइसोलेशन/क्वारन्टीन अनिवार्य है। ऐसे व्यक्ति घर से न निकले न ही किसी से मिले जुले। ऐसे व्यक्ति टोल फ्री नंबर 104 पर तत्काल जानकारी दें, ताकि स्वास्थ्य विभाग की टीम घर पहुंचकर एहतियात संबंधी आवश्यक कार्रवाई कर सके। इस संबंध में किसी भी तरह की सूचना नगरीय निकाय के निदान के टोल फ्री नंबर 1100 में भी दी जा सकती है। कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने नागरिकों से अपील की है कि कम से कम घर से बाहर निकले। साथ ही इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए मार्गदर्शन का पूरी तरह पालन करें, ताकि इसके संक्रमण से बचा जा सके। - दुर्ग 20 मार्च : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम हेतु प्रतिबद्ध छत्तीसगढ़ शासन ने आज महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए शहरी क्षेत्र के समस्त नागरिकों हेतु निदान-1100 की सेवाओं में कोरोना वायरस से संबंधित शिकायत किए जाने के प्रावधान हेतु जोड़ा गया है।
प्रदेश के सभी नगरीय निकायों में निवासरत नागरिक अब टोल फ्री नम्बर निदान-1100 में भी कोरोना वायरस से संबंधित शिकायत/सुझाव दर्ज करा सकते हैं। ज्ञात हो कि प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण को रोकने हेतु राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त स्विमिंग पूल, जिम, मॉल, स्पा, ब्यूटी पार्लर, कोचिंग सेंटर, क्लब, वॉटर पार्क आदि बंद किए जाने के निर्देश प्रसारित किए गए हैं। जागरूक नागरिक इस आदेश का उल्लंघन कर रहे संस्थानों/व्यक्तियों की शिकायत 1100 पर फोन कर सकते हैं। इसके साथ ही यदि नागरिकों की जानकारी में कोई ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने हाल ही में विदेश यात्रा की हो एवं स्वास्थ्य परीक्षण न कराया हो, ऐसे व्यक्तियों से संबंधित जानकारी भी 1100 पर दी जा सकती है। -
- बंद किये जाने के पूर्व के आदेश में दी गई आंशिक शिथिलता
दुर्ग 20 मार्च : कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका को देखते हुए जिला दुर्ग में नगरीय सीमा के अंतर्गत आने वाले मॉल, सुपरमार्केट एवं ऐसी स्वरूप की संस्थाएं जहां अधिक भीड़ एकत्रित होती है उन्हें 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से बंद किया गया था के आदेश में आंशिक रूप से शिथिलता करते हुए इन सभी संस्थाओं में केवल अनाज एवं दैनिक उपयोग की वस्तुओं के विक्रय की दोपहर 12 बजे से शाम 8 बजे तक सशर्त अनुमति दी गई है। -
दुर्ग 19 मार्च : जिला खनिज संस्थान न्यास अंतर्गत जिले के खनन कार्य से प्रभावित क्षेत्र/व्यक्तियों के चिन्हांकन सर्वेक्षण, परियोजना की निगरानी न्यास योजनाओं एवं सामाजिक समपरीक्षा के विकास के मास्टर प्लान तैयार करने एवं खनिज संस्थान के दायित्वों को पूर्ण करने के लिए रूचि की अभिव्यक्ति हेतु 27 मार्च तक निविदा आमंत्रित किया गया है। इस संबंध में रूचि रखने वाले व्यक्ति जिले के वेबसाइट का अवलोकन कर विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते है।
- दुर्ग 19 मार्च : कोरोना संक्रमण की आंशका के चलते कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने धारा 144 लागू कर दी है। इस आदेश के प्रभावशील रहते आम जनता के सामूहिक ड्रील, रैली, जुलूस, धरना-प्रदर्शन, सभा को जिला दण्डाधिकारी के बिना अनुमति के प्रतिषेधित किया गया है। इसके अंतर्गत यह आदेशित किया गया है कि अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी, अनुविभागीय दण्डाधिकारी, कार्यपालिक दण्डाधिकारी इस आदेश के तहत आवश्यक प्रतिबंधात्मक कार्यवाही किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के विरूद्ध आवश्यकतानुसार कलेक्टर के आदेश का पालन कराने अधिकृत किया गया है एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत, सिविल सर्जन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, इस आदेश के पालन के लिए आवश्यकतानुसार आदेश अपने विवेक का उपयोग करते हुए जो वे उचित समझे जारी करने के लिए अधिकृत किये जाते हैं।
किसी नाबालिग के मामले में प्रतिबंधात्मक कार्यवाही पालक के विरूद्ध किया जावेगा। यह आदेश दुर्ग जिले के नगरीय निकाय क्षेत्रों में तत्काल प्रभावशील होगा, जो कि 05 अप्रैल या आगामी आदेश जो पहले आए तक प्रभावशील रहेगा।यदि कोई व्यक्ति को लेकर पर्याप्त कारण, जानकारी या आवश्यकता है यह मानने के लिए कि वह कोविड-19 से संक्रमित हो सकता है या वह किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में है जो कोविड-19 से संक्रमित हो सकता है या है, यह अनिवार्य होगा कि ऐसा व्यक्ति तुरन्त सहयोग करके सारी जानकारी घोषित करेगा एवं सभी संभावित सहयोग निगरानी दल को देगा और उनके द्वारा दिए गए निर्देश (मौखिक या लिखित) जो कि निगरानी जांच निरीक्षण, भौतिक परीक्षण क्वार्टाइन संगरोध और इलाज से संबंधित है और ऐसे व्यक्ति से संपर्क में आए हुए अन्य व्यक्ति पर भी लागू होगा, ऐसा कोई भी व्यक्ति जो निवारण या इलाज के इन उपयोग या सहयोग देने से मना करता है अथवा संबंधित जानकारी देने से मना करता है या निगरानी दल के निर्देशों का पालन नहीं करता है तो वह भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 270 एवं धारा 144 दं. प्र. सं. के इस आदेश की अवहेलना करने के लिए दंड का भागी होगा।
ऐसे जगहों के सभी मालिक/प्रबंधक/निवासरत सभी व्यक्ति पर यह बाध्यता होगी कि वे राज्य शासन द्वारा जारी दूरभाष टोल फ्री 104 या जिला प्रशासन के टोल फ्री 0788-2210773 से संपर्क करके ऐसे किसी भी व्यक्ति जिसे ऐसे व्यक्तियों के संपर्क में आए है जो कोविड-19 से संक्रमित देशों से आए हैं, इस हेतु जिला चिकित्सालय एवं रेल्वे स्टेशन दुर्ग में हेल्प डेस्क बनाया गया है, के बारे में जानकारी देंगे, और वे बाध्य होगें कि तुरंत सहयोग दे के ऐसे व्यक्तियों तक पहंुचने के लिए अप्रतिबंधित और आवश्यक सारी जानकारी का खुलासा करेंगे, और सहायता देंगे जो निर्धारित स्वास्थ्य दल, जांच दल को अपना कार्य करने के लिए आवश्यक होगा। इन दलों के द्वारा दिए गए निर्देशों (लिखित या मौखिक ) का पालन करेंगे, जो निगरानी जांच, भौतिक परीक्षण क्वार्टाइन संगरोध और इलाज के लिए आवश्यक होगा। ऐसे किसी परिसर के अस्थायी बंद, मुद्रण, निकासी, धुमन, सफाई इत्यादि के लिए दिए गए आदेशों का पालन करेंगे एवं सहयोग प्रदान करेंगे। यदि उपरोक्त में से किसी का उल्लंघन किया जाता है तो संबंधित व्यक्ति धारा 144 दं.प्र.सं., 1973 में इस आदेश के अतिरिक्त धारा 270, 188 आई पी सीं., 1860 का उल्लंघन मानते हुए दण्ड का पात्र होगा।
इस आदेश में परिसर का तात्पर्य दुर्ग जिले में स्थित शासकीय, अर्द्धशासकीय, निजी संस्थाएं जैसे के आश्रम, छात्रावास, हाॅल, लाॅज, रेस्टहाउस, गेस्टहाउस, निरीक्षण गृह, धर्मशाला, रिसाॅर्ट, निजी शिक्षण संस्था, मंदिर मस्जिद, दरगाह, गुरूद्वारा, चर्च, हाटबाजार एवं निजी घर से है। आदेश में कहा गया है कि दुर्ग जिले में इस बीमारी के फैलने या संक्रामक होने की आशंका है क्योंकि दुर्ग जिले की सीमाओं से लगी हुई अन्य जिलों की सीमाओं में यह बीमारी संक्रामक है एवं दुर्ग जिला रायपुर, बेमेतरा, राजनांदगांव, बालोद तथा भिलाई स्टील प्लांट एक लघु भारत होने के कारण अन्य प्रदेशों से जिले में लगातार आवागमन एवं परिवहन होने के कारण धारा दं.प्र.सं., 1973 की धारा 144 के अंतर्गत लागू करना आवश्यक है। जिससे कि मानव जीवन एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा करते हुए कोविड-19 के संक्रमण की रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाया जा सके। -
-लिटिया के गौठान में पशुओं की कमी पर नाराज हुए जिला पंचायत सीईओ, नोडल अधिकारी को दिया नोटिस
’मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा जनपद पंचायत धमधा में किया गया निरीक्षण
दुर्ग 18 मार्च : जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने आज धमधा ब्लॉक के विभिन्न गौठान का निरीक्षण किया। लिटिया में गौठान में पशुओं की कम उपस्थिति पर उन्होंने गौठान नोडल अधिकारी पर नाराजगी जाहिर की और शो कॉज नोटिस दिया। साथ ही कार्यों को दस दिन के भीतर पूरे करने निर्देशित किया। उन्होंने स्वसहायता समूहों के लिए बिहान बाजार बनाने के निर्देश भी धमधा सीईओ को दिए। ग्राम पंचायत सेवती निर्मित गौठान- जिला पंचायत सीईओ द्वारा जनपद पंचायत धमधा में ग्राम पंचायत सेवती में निर्मित गौठान का निरीक्षण किया गया, जिसमें कार्य पूर्व से अच्छी प्रगति के लिए ग्राम पंचायत सचिव को सराहा गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को उक्त गौठान में जाने हेतु मिट्टी की सड़क बनाये जाने हेतु प्रस्ताव तैयार कर जिला कार्यालय प्रेषित किये जाने के निर्देश दिये गये। साथ ही साथ उक्त गौठान में पानी की व्यवस्था किये जाने हेतु निर्देशित किया गया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत को यह भी निर्देशित किया गया कि उक्त गौठान में स्वसहायता समूह को कार्य करने के लिए प्रेरित किया जाना है।
ग्राम पंचायत सेवती नाला- नाले में चल रहे कार्य के लिए मजदूर बढ़ाने के संबंध में निर्देश दिए गए। ग्राम पंचायत के पटवारी की उपस्थिति नहीं रहने का शिकायत किया गया। पोटिया सेवती गौठान- डी.एस सिन्हा, सहायक पशु चिक्तिसक के कार्य की सराहना की गई। गांव के लिए चारागाह हेतु स्थान का चयन ग्राम पंचायत द्वारा स्वीकृत करने के निर्देश दिये गये है।
ग्राम पंचायत लिटिया गौठान- लिटिया में पक्का शेड बनाये जाने के निर्देश दिए गए। जनपद सीईओ, धमधा को बिहान बाजार बनाये जाने के निर्देश दिए गए। स्वसहायकता समूह द्वारा निर्मित सामग्रियों को राजस्व कार्यालय, कृषि, उद्यानिकी, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग में विक्रय किये जाने के निर्देश दिये गये। गौठान नोडल को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए, प्रति सप्ताह बैठक लेकर पशुओ की उपलब्धता बढ़ाये जाने एवं कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण किए जाने के निर्देशित करते हुए 10 दिवस में पूर्ण करने के निर्देश दिये गये साथ ही गौठान में निर्मित वर्मी बेड को पुरी तरह गोबर से भरने के निर्देश दिये गये। उपसंचालक, पशुचिकित्सा को प्रत्येक गौठान में एक उपस्थिति रजिस्टर रखकर पशुओं की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत धमधा को निर्देशित किया गया कि लिटिया में निर्मित गौठान में स्वसहायता समूह के माध्यम से मछली पालन किया जाना है। सामुदायिक बाड़ी के लिए प्रस्ताव दिये जाने के संबंध में निर्देश दिये गये। जनपद पंचायत, धमधा के स्वसहायता समूहों को 50 प्रस्ताव दिया जाना है। -
जिले के 16 सक्रिय महिला समूहो ने किया 175 टन नाडेप कम्पोस्ट और 11 टन केंचुआ खाद का निर्माण-धमधा ब्लॉक है केंचुआ खाद बनाने में अग्रणी-जिले के 218 गौठानों में अब तक 1010 टंकियां निर्मिति-अन्य योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित
दुर्ग 18 मार्च : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नरवा गरवा घुरूवा बाड़ी योजना के परिणाम सामने आने लगे हैं। इस योजना से स्व- सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है। साथ ही जैविक खेती का प्रचलन भी बढ़ रहा है। गांव की महिलाएं समूह बनाकर गौठानों में स्थापित वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों में ऑर्गेनिक खाद का निर्माण कर रही हैं। इस खाद की बाजार में आजकल काफी मांग है। इसके अलावा गांव में स्थित बाड़ियों में भी इसी जैविक खाद की मदद से पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही हैं। जिले के 218 गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट की 357 और नाडेप की 653 टंकियां स्थापित की गई हैं। इन गौठानों में टंकी भरने से लेकर खाद की बिक्री का काम महिलाएं संभाल रही हैं। कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत पहले महिलाओं को खाद बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद जिले के 16 महिला स्व-सहायता समूहों ने खाद बनाने का काम कर रहे है। दुर्ग ब्लॉक् में 2 महिला समूहों ने 8 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, (नाडेप) पाटन ब्लॉक के 11 समूहों ने 160 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, धमधा ब्लॉक के 3 समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया है। इस प्रकार कुल 175 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है।
- पाटन और धमधा के महिला समूह खाद बेचकर कमा रहे अच्छा मुनाफा
पाटन और धमधा ब्लॉक की महिलाओं ने खाद बेचने का काम शुरू भी कर दिया है। यह खाद हाथों हाथ बिक रही है। गांव के अलावा आस पास के बाजार में भी अच्छा दाम मिलने लगा है। पाटन ब्लॉक के पाहन्दा में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 80 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद बेचा जा चुका है। वहीं धमधा के समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया है। नाडेप टंकी में निर्मित कम्पोस्ट खाद के लिए प्रति किलोग्राम 3 से 5 रुपए और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के लिए प्रति किलोग्राम 7 से 10 रुपए का दाम मिल रहा है।
-दूसरे चरण का उत्पादन लेने भरी जा रही हैं टंकियां
सभी वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों से खाद निकालने के बाद दूसरे चरण का उत्पादन लेने की तैयारी शुरू हो गई है। टंकियों को गोबर एवं दूसरे कृषि अवशेषों से भरने की प्रक्रिया शुरू ही गई है। लगभग 653 टंकियों में से अब तक 100 नाडेप और 357 में से 30 केंचुआ खाद की टंकियां भरी जा चुकी हैं। शेष टंकियां भरने का काम लगातार जारी है। टंकी भरने के बाद 45 से 60 दिनों के अंदर खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस बार धमधा के अलावा अन्य विकासखण्ड भी केंचुआ खाद बनाने की तैयारी में हैं। गौठान के अलावा जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित कुछ महिला समूहों द्वारा औसतन 2 से 3 टन वर्मी कम्पोस्ट का किया जा रहा निर्माण जिले में गौठान के अलावा भी करीब 653 वर्मी कम्पोस्ट की टंकियां विभिन्न योजनाओं के तहत स्थापित की गई हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 123, परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 500, जैविक खेती विकास योजना के तहत 30 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित की गई है। अपनी मेहनत से कई समूह भारी मात्रा में उत्पादन भी ले रहे हैं। दुर्ग विकासखण्ड के पुरई में जनजागृति आत्मा समूह, कोटमी में गायत्री जैविक खेती आत्मा समूह और नगपुरा के जय सतनाम समूह द्वारा औसत रूप से 2 से 3 टन का वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है।
- किसान अपने खेतों के लिए बना रहे वर्मी कम्पोस्ट
जैविक खेती के प्रति किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। किसान खुद भी वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं। पाटन विकासखंड ग्राम सोनपुर के किसान जुगनू ठाकुर, अरसनारा के नंदकुमार साहू, गुरुदेव साहू, धमधा के विश्राम पटेल, टेमरी के योगेश साहू वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। -
जिले के 16 सक्रिय महिलाओं ने किया 175 टन नाडेप कम्पोस्ट और 11 टन केंचुआ खाद का निर्माण
-धमधा ब्लॉक है केंचुआ खाद बनाने में अग्रणी-जिले के 218 गौठानों में अब तक 1010 टंकियां निर्मिति-अन्य योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित
दुर्ग 18 मार्च : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य से राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नरवा गरवा घुरूवा बाड़ी योजना के परिणाम सामने आने लगे हैं। इस योजना से स्व- सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है। साथ ही जैविक खेती का प्रचलन भी बढ़ रहा है। गांव की महिलाएं समूह बनाकर गौठानों में स्थापित वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों में ऑर्गेनिक खाद का निर्माण कर रही हैं। इस खाद की बाजार में आजकल काफी मांग है। इसके अलावा गांव में स्थित बाड़ियों में भी इसी जैविक खाद की मदद से पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही हैं। जिले के 218 गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट की 357 और नाडेप की 653 टंकियां स्थापित की गई हैं। इन गौठानों में टंकी भरने से लेकर खाद की बिक्री का काम महिलाएं संभाल रही हैं। कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत पहले महिलाओं को खाद बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद जिले के 16 महिला स्व-सहायता समूहों ने खाद बनाने का काम कर रहे है। दुर्ग ब्लॉक् में 2 महिला समूहों ने 8 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, (नाडेप) पाटन ब्लॉक के 11 समूहों ने 160 क्विंटल कम्पोस्ट खाद, धमधा ब्लॉक के 3 समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया है। इस प्रकार कुल 175 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है।
- पाटन और धमधा के महिला समूह खाद बेचकर कमा रहे अच्छा मुनाफा
पाटन और धमधा ब्लॉक की महिलाओं ने खाद बेचने का काम शुरू भी कर दिया है। यह खाद हाथों हाथ बिक रही है। गांव के अलावा आस पास के बाजार में भी अच्छा दाम मिलने लगा है। पाटन ब्लॉक के पाहन्दा में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 80 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद बेचा जा चुका है। वहीं धमधा के समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया है। नाडेप टंकी में निर्मित कम्पोस्ट खाद के लिए प्रति किलोग्राम 3 से 5 रुपए और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के लिए प्रति किलोग्राम 7 से 10 रुपए का दाम मिल रहा है।
दूसरे चरण का उत्पादन लेने भरी जा रही हैं टंकियां -
सभी वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों से खाद निकालने के बाद दूसरे चरण का उत्पादन लेने की तैयारी शुरू हो गई है। टंकियों को गोबर एवं दूसरे कृषि अवशेषों से भरने की प्रक्रिया शुरू ही गई है। लगभग 653 टंकियों में से अब तक 100 नाडेप और 357 में से 30 केंचुआ खाद की टंकियां भरी जा चुकी हैं। शेष टंकियां भरने का काम लगातार जारी है। टंकी भरने के बाद 45 से 60 दिनों के अंदर खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस बार धमधा के अलावा अन्य विकासखण्ड भी केंचुआ खाद बनाने की तैयारी में हैं। गौठान के अलावा जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित कुछ महिला समूहों द्वारा औसतन 2 से 3 टन वर्मी कम्पोस्ट का किया जा रहा निर्माण जिले में गौठान के अलावा भी करीब 653 वर्मी कम्पोस्ट की टंकियां विभिन्न योजनाओं के तहत स्थापित की गई हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 123, परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 500, जैविक खेती विकास योजना के तहत 30 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित की गई है। अपनी मेहनत से कई समूह भारी मात्रा में उत्पादन भी ले रहे हैं। दुर्ग विकासखण्ड के पुरई में जनजागृति आत्मा समूह, कोटमी में गायत्री जैविक खेती आत्मा समूह और नगपुरा के जय सतनाम समूह द्वारा औसत रूप से 2 से 3 टन का वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है।
- किसान अपने खेतों के लिए बना रहे वर्मी कम्पोस्ट
जैविक खेती के प्रति किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। किसान खुद भी वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं। पाटन विकासखंड ग्राम सोनपुर के किसान जुगनू ठाकुर, अरसनारा के नंदकुमार साहू, गुरुदेव साहू, धमधा के विश्राम पटेल, टेमरी के योगेश साहू वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। - दुर्ग 18 मार्च : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र पाटन के विभिन्न ग्राम पंचायतों में अनेक निर्माण कार्यों के लिए लगभग 1 करोड़ 1 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इनमें प्रभारी मंत्री की अनुशंसा पर ग्राम पंचायत महुदा में सी.सी. रोड निर्माण कार्य के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए, ग्राम पंचायत अमेरी मे बाजार चैक में सीमंेटीकरण का कार्य के लिए 5 लाख 19 हजार 728 रुपए, ग्राम पंचायत गोंडपेंड्री में सीसी रोड़ निर्माण कार्य के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए तथा ग्राम फेकरी में सीसी रोड़ निर्माण कार्य के लिए 02 लाख 60 हजार रुपए स्वीकृत किए गए है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत खम्हरिया के शीतला पारा तथा ग्राम पंचायत गुढियारी में सी. सी. रोड निर्माण के साथ ग्राम पंचायत सांतरा मे सीसी रोड निमार्ण के लिए 18 लाख 60 हजार रुपए प्रदान की गई है। ग्राम पंचायत मर्रा मे सांस्कृतिक कला मंच व कमरा निर्माण के लिए 5 लाख रुपए की, ग्राम पंचायत भरर मे सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 6 लाख 49 हजार की राशि तथा ग्राम पंचायत धौराभाठा मे सीसी रोड़ निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत करेला मे चबूतरा निर्माण, जामगांव मे सीसी रोड निर्माण, ग्राम पंचायत सिकोला मे सामुदायिक भवन निर्माण, ग्राम पंचायत फुण्डा मे सांस्कृतिक कला मंच मे शेड निर्माण के लिए कुल राशि 16 लाख 70 हजार रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी प्रकार ग्राम पंचायत रवेली मे सीसी रोड़ निर्माण के लिए 5 लाख 20 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा ग्राम पंचायत देवादा के बाजार चैक मे सीमंेटीकरण का कार्य, ग्राम पंचायत तर्रीघाट मे सीसी रोड़ तथा ग्राम पंचायत असोगा के आदिवासी पारा मे भवन निर्माण हेतु समस्त कार्यों के लिए 16 लाख 90 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। पाटन विकासखण्ड के ग्राम कुर्मीगुण्डरा, ग्राम महकाखुर्द, ग्राम दैमार मे सीसी रोड़ के साथ ग्राम कौंही मे सामुदायिक भवन निर्माण कार्य के लिए 19 लाख 49 हजार रुपए स्वीकृति दी गई है। इसी तरह सेक्टर-6 के गुरूद्वारा के सामने पेवर ब्लाॅक कार्य के लिए 2 लाख 98 हजार रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। - दुर्ग 18 मार्च : छत्तीसगढ़ शासन सहकारिता विभाग द्वारा जिले के प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन की योजना-2019 जारी की गयी थी। राज्य शासन द्वारा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के पुनर्गठन की प्रक्रिया को उपान्तरित करते हुए पुनः पुनर्गठन की प्रक्रिया जारी की गई है, जिसके तहत् दुर्ग जिले की प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटियों का भी पुनर्गठन होना है। दुर्ग जिले की पुनर्गठन से प्रभावित व परिणामी प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों में पुनर्गठन योजना-2019, उपान्तरित पुनर्गठन योजना एवं पुनर्गठन-प्रस्ताव (अनुसूची-1,2,3) प्रेषित कर उनके सूचना पटल पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्या. दुर्ग (मुख्यालय) एवं उसकी शाखाओं के सुचना पटल पर चस्पा कराई गई है तथा उसकी प्रति संबंधित समितियों में उपलब्ध है।
उक्त पुनर्गठन से संबंधित सोसायटी के सदस्यों सोसायटियों, बैंक शाखाओं एवं अन्य द्वारा अपना दावा-आपत्ति अभ्यावेदन लिखित में, कार्यालय उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, बुनकर संघ भवन, स्टेशन रोड, संतरा बाड़ी, दुर्ग में 03 प्रतियों में दिनांक 03 अप्रैल तक कार्यालयीन समय में प्रस्तुत किया जा सकता है। उक्त तिथि के पश्चात् कोई भी दावा-आपत्ति अभ्यावेदन स्वीकार नहीं किया जावेगा। - दुर्ग 18 मार्च : आस्था डेवलपर्स एण्ड काॅलोनाईजर्स के संचालकों के द्वारा अधिक ब्याज देने का प्रलोभन देकर रकम जमा कराकर राशि गबन करने एवं कार्यालय बंद कर निवेशकों से छलकपट किया गया है। साथ ही आम जनता द्वारा जमा की गई राशि को वापस नहीं किया जाकर उनके हितों पर कुठाराघात किया गया है। जिला दण्डाधिकारी श्री अंकित आनंद ने निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत आरोपी संचालकों की संपत्ति को कुर्क किए जाने हेतु 23 मार्च को सनुवाई के लिए तिथि नियत किया है। निर्धारित तिथि को संचालकों के द्वारा उपस्थिति सुनिश्चित नहीं किए जाने पर उनके आवेदन पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। साथ ही संबंधितों के संपत्ति को कुर्क करने के आदेश जारी किए जाएंगे।
- दुर्ग 17 मार्च : माननीय छत्तीसगढ़ न्यायालय बिलासपुर द्वारा कोरोना वायरस से बचाव के संबंध में दिशा निर्देश जारी किये जाने पर माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश के निर्देशन में न्यायालय परिसर में एन्ट्री पाईन्ट सुनिश्चित किया गया है। कोरोना वायरस के प्रभाव को देखते हुए न्यायालय में अनिवार्य प्रकरणों की सुनवाई किया जा रहा है, उसके संबंध में इस बात पर ध्यान दिया जा रहा है कि न्यायालय परिसर में अनावश्यक भीड़ न बढे कोई भी व्यक्ति बिना न्यायालयीन आवश्यक कार्य के न्यायालय परिसर में प्रवेश न करें, जिससे न्यायालय में अनावश्यक भीड की स्थिति निर्मित हो।
इसके अलावा माननीय श्री गोविन्द कुमार मिश्रा, जिला एवं सत्र न्यायाधीश /अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, दुर्ग के द्वारा अन्य आवश्यक कदम भी उठाये गये हैं। कर्मचारियों को मास्क का वितरण किया गया है तथा कोर्ट परिसर में आने वाले व्यक्तियों को गेट पर ही हाथ को स्वच्छ कराये जाने की सामग्री से साफ कराया जाकर प्रवेश दिया जावेगा तथा कोरोना वायरस के रोकथाम एवं बचाव के लिए जनमानस के द्वारा अपनाये जाने वाली सुरक्षा के नियमों से अवगत कराये जाने हेतु परिसर में पंडाल लगाया जाकर पैरालीगल वालिन्टियर्स द्वारा जानकारी दी जावेगी तथा फ्लेस के माध्यम से लोगों को इस संबंध में जागरूक किया जावेगा। -
- कहा सभी अधिकारी-कर्मचारियों का बनाएं वर्कप्लान, इसके मुताबिक देखें किस तरह से हो रही प्रगति
दुर्ग। संभागायुक्त श्री जीआर चुरेंद्र ने आज हिंदी भवन में संभागीय अधिकारियों की बैठक ली। वहां उन्होंने सभी विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। सबसे पहले संभागायुक्त ने कोरोना वायरस से निपटने की तैयारियों को लेकर समीक्षा की। उन्होंने कहा कि लोगों में अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं ताकि वे इनसे निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए सुरक्षा नियमों का पालन करें। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम के लिए जिस तरह से भी सकारात्मक कोशिश होती है वो करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूल-कालेज के संबंध में शासन ने जो आदेश जारी किए हैं उनका सख्ती से पालन हो ताकि इसके संक्रमण की आशंका को पूरी तरह से रोका जा सके।
संभागायुक्त ने कहा कि जलसंरक्षण सबसे अहम आवश्यकता है। इसके लिए तालाबों के संरक्षण और ऐसे ही प्रयासों को लेकर कुछ निर्देश कलेक्टरों को दिये गए हैं। सभी अधिकारी प्रकृति को सहेजने की दिशा में काम करें। उन्होंने कहा कि अभी व्यापक पौधरोपण अभियान होना है। इसमें आप शासकीय कार्यालयों में भी पौधे लगाएं। इसके लिए माँगपत्र डीएफओ को दे दें ताकि वे आवश्यक पौधों की व्यवस्था कर सकें। संभागायुक्त ने कहा कि इसके साथ ही आश्रम छात्रावासों और स्कूलों में भी व्यापक रूप से पौधरोपण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी एक पैच तैयार कराएं जहां फलों के पौधे रोपे जा सकें, ये सुंदर जगह प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी उपयोगी होगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में शासकीय भूमि जो खाली पड़ी है और जहां पर बाड़ी की संभावनाएं हो सकती हैं वहां स्वसहायता समूह का चयन कर बाड़ी निर्माण कार्य कराएं। इस मौके पर नगर निगम कमिश्नर श्री ऋतुराज रघुवंशी, डिप्टी कमिश्नर श्री बीएल गजपाल, श्री आरके खुंटे, सुश्री मोनिका कौड़ो, रिसाली कमिश्नर श्री प्रकाश सर्वे, दुर्ग कमिश्नर श्री इंद्रजीत बर्मन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कार्यालयों में वर्क प्लान- संभागायुक्त ने कहा कि कार्यालयों में अनुशासन सबसे अहम है। संभाग स्तरीय अधिकारी अपने अधीनस्थ कार्यालयों का नियमित दौरा करें और सुनिश्चित करें कि स्टाफ समय पर आता रहे। साथ ही अधिकारी-कर्मचारियों का वर्कप्लान भी जरूरी है। अगले दिन का शासकीय कार्य का आठ घंटे का प्लान होना चाहिए। साथ ही मासिक और त्रैमासिक प्लान भी होना चाहिए ताकि इसके अनुसार मानिटरिंग की जा सके। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था कार्य की मानिटरिंग के लिए बहुत अच्छी साबित होती है। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी टूर डायरी बनाएं और इसे संभागायुक्त कार्यालय द्वारा तय तिथि तक प्रेषित कर दें। -
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जल प्रबंधन के करे उपाय
दुर्ग 17 मार्च : संभागायुक्त श्री जी.आर चुरेन्द्र ने संभाग के सभी कलेक्टरों को जल संकट से बचाव और भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए कारगर उपाय करने के लिए निर्देश जारी किए है। उन्होंने कहा कि बढ़ती आबादी के साथ जल, जंगल, जमीन के दोहन में भी इजाफा हुआ है। इसलिए समय रहते इनको बचाने के बेहतर प्रबंधन की जरूरत है। इसके लिए अभियान चलाकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि इसी उद्देश्य को लेकर भारत सरकार द्वारा जल शक्ति अभियान की शुरूआत भी की गई है। ताकि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में बारह महीने जल उपलब्ध रहे। जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल-वार्मिंग जैसी समस्याओं के कारण अनियमित वर्षा, न्यून वर्षा व असमान वर्षा की स्थिति निर्मित हो रही है। इसलिए जल संकट के समाधान हेतु क्रमबद्ध तरीके से प्रयास करना होगा। जिसमें स्थानीय प्रशासन व जिला प्रशासन के अमलों की भूमिका महत्वपूर्ण है।
भूमिगत जल बचाने ग्रामवासियों को आना होगा आगे रबी सीजन में कम पानी की जरूरत वाली फसलें लेने की अपील
. श्री चुरेन्द्र ने ग्राम वासियों से अपील करते हुए कहा कि गांव में विभिन्न जल स्त्रोतों में सालभर पानी उपलब्ध रहे, इसके लिए ग्राम वासियों को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि धान की फसल में बहुत अधिक पानी की जरूरत होती है। इस दृष्टि से ग्राम सभा की बैठक में निर्णय लिया जाए कि खरीफ मौसम के बाद रबी मौसम एवं गर्मी के मौसम में अब नदी-नालों, तालाबों, जलाशयों, बांध, ट्यूबवेल आदि से धान की फसल के स्थान पर दलहन-तिलहन, मक्का, गन्ना, साग-सब्जी आदि की फसल लें। ताकि भूमिगत पानी बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि ऐसे क्षेत्र जहाॅ बांध, जलाशयों, तालाब के नीचे धरातल में जल का रिसाव ज्यादा हो, दलदल की स्थिति हो, वही पर धान की फसल लें। इसका क्षेत्रफल ग्रामसभा के द्वारा तय किया जाना चाहिए।
सोलर पम्पों से ले जरूरत के मुताबिक पानी
श्री चुरेन्द्र ने कहा कि सौर सुजला योजना के तहत स्थापित सौलर पंप से किसान आवश्यकता के अनुरूप ही पानी सिंचाई करें। किसी भी स्थिति में पानी अनावश्यक न बहे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण/नगरीय क्षेत्रों में स्थित तालाब/डबरी, टारबांध, डायवर्सन स्कीम, चेकडेम, स्टाॅपडेम आदि में पानी भरने के लिए आवश्यकता अनुसार उसके कैचमेंट एरिया में नहर नाली का निर्माण आउटलेट व इनलेट के साथ अनिवार्य रूप से नरेगा या अन्य योजना में या अभिशरण से कराया जावे। स्टाॅपडेम में जब नदी-नालों में पानी का बहाव रहता है तब ही अच्छी तरह बांधा जाए। साथ ही नदी-नालों में अस्थाई नाला बंधान एवं बोरी बंधान उपयुक्त समय पर गांव के सभी पारा, मोहल्ला में एक-एक बंधान श्रमदान की व्यवस्था में किया जाए।
जल संरक्षण के लिए रेनवाटर हार्वेस्टिंग जरूरी, कुओं का करें संरक्षण
श्री चुरेन्द्र ने निर्देश दिए कि कुओं के माध्यम से भूमिगत जलस्त्रोत का संरक्षण संभव है इसलिए ग्रामों/शहरों में जो भी पुराने कुॅंआ हैं, उसकी साफ-सफाई, संरक्षण व मरम्मत करवाएं। भी कुंओं को पाटें नहीं। शासकीय परिसर यथा-कार्यालय परिसर, छात्रावास, आश्रम, विद्यालय परिसर या अर्द्धशासकीय निकायों के परिसरों में पर्याप्त स्थान की उपलब्धता के आधार पर वैकल्पिक जल स्त्रोत की व्यवस्था बनाये रखने के लिए परिसरों में डबरी निर्माण, कुॅुआ निर्माण व सोंखता गढ्ढा का निर्माण, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग सिस्टम आदि अनिवार्यतः कराया जाए। साथ ही निजी व्यक्तियों के मकान परिसर, कोठार, बाड़ी-बखरी आदि में सोंखता गढ्ढा शत-प्रतिशत स्थान में परिवार के सदस्यों के श्रम व सहयोग से बनाया जाकर अधिक से अधिक जल धरती के नीचे लेे जाया जावे।
बारिश का पानी बचाने डबरी, तालाब और जलाशय का गहरीकरण
ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल ढांचों यथा डबरी, तालाब, टारबांध, जलाशयों आदि की जल भराव क्षमता बढ़ाने कैचमेंट का पानी इन ढांचों में शत-प्रतिशत भरने की व्यवस्था के साथ इन ढाचों का गहरीकरण, विस्तारीकण (नाली निर्माण) और इनके मेढ़पारों का सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष पहल किया जावे। यदि इन जल ढाचों के कैचमेंट एरिया व कमांड क्षेत्रों में व जल भराव क्षेत्रों में कोई अतिक्रमण हो तो उसे अभियान में हटाने विशेष पहल कराने ग्राम सभा में निर्णय लिया जावे। गांवों में कन्टूर आधारित जो पहाड़ी पठारी क्षेत्र या ऊंचा क्षेत्र विद्यमान होता है, वहाॅ प्राकृतिक रूप से विकसित छोटे-छोटे नरवा, नाला को आपस में जोड़कर नहरनाली का निर्माण कर उस नहर नाली को आगे बढ़ाते हुए ऐसे फील्ड में ले जाये, जहाॅ गांव में बड़ा शासकीय भूमि हो, जहाॅ बड़ा तालाब बन सके, वहाॅ इस तरह बड़ा तालाब का निर्माण शत प्रतिशत महात्मा गांधी नरेगा योजना के तहत जिले में हर विकासखंड के यथा संभव हर गांव में कराया जावे। ऐसे कार्य कराने के लिए निश्चित तौर पर अतिक्रमण विरोधी दस्ता हर सेक्टर स्तर पर एसडीएम व तहसीलदार द्वारा गठित कराया जावे।
जल प्रबंधन समिति का गठन कर समुदाय को करें अभियान में शामिल जैविक खेती और हरियाली बढ़ाने करें प्रयास
श्री चुरेन्द्र ने कहा कि जल संरक्षण के लिए समुदाय की सहभागिता जरूरी है इसलिए हर गांव व नगरीय क्षेत्रों, में जल प्रबंधन समिति का गठन अनिवार्य रूप से करें। जिसमें अधिकारी और आम नागरिक शामिल हों। इस समिति के माध्यम से जल संरक्षण के कार्य संपादित करवाएं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए अधिक से अधिक पौध रोपण जरूरी है। इसलिए खाली शासकीय भूमि, नदी-नालों के किनारें अधिक से अधिक पौधें लगवाएं ताकि मिट्टी का कटाव रूके और पेड़ पौधों के जड़ों के माध्यम से पानी का स्तर बढ़े। खेती किसानी में परम्परागत गोबर खाद, जैविक एवं केचुआ खाद के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करें। कीट नाशक के रूप में जैविक उत्पादों के इस्तेमाल से अच्छे परिणाम मिल रहे है। इन उपायों से हम जमीन को रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रभाव से बचा सकते है। साथ ही गुणवत्ता युक्त ऑर्गनिक खाद्य सामग्री से अच्छा स्वास्थ्य भी प्राप्त कर सकते है। -
दुर्ग 17 मार्च : जिले में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अब तक 10728 बच्चों में से 4085 इस प्रकार लगभग 39 प्रतिशत बच्चों को कुपोषण से मुक्त कर सामान्य श्रेणी में लाया जा चुका है। इस सफलता में महिला एवं बाल विकास विभाग के पूरे अमले के साथ-साथ समुदाय और पालकों की सहभागिता और सक्रियता का महत्वपूर्ण योगदान है। एक तरफ जहाँ परियोजना अधिकारी,सेक्टर पर्यवेक्षक व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा लगातार गृह भेंट कर बच्चों के वजन के नियमित अवलोकन एंव काॅउन्सलिंग की जा रही है। वही दूसरी ओर पालक भी जागरूक होकर अपने बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने के लिए विभाग का सहयोग कर रहे है।
केस स्टडी-1
-गंभीर रूप से कुपोषित मोहन ने कुपोषण के दानव को हराकर पाई अच्छी सेहत-लगातार निगरानी और देखभाल से सिर्फ चार महीनें में मिली कुपोषण से मुक्ति
परियोजना भिलाई -01 के सेक्टर-खुर्सीपार जोन 03के आगंनबाड़ी केन्द्र -राधा कृष्ण मंदिर 01 के अंतर्गत बालक मोहन यादव को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान अंतर्गत शामिल किया गया। मोहन का जन्म 02.फरवरी 2018 को हुआ। बचपन से ही मोहन यादव गले से कुछ खा नहीं पाता था। उसकी मां कुछ खिलाने से डरती थी, क्योेंकि गले में अटकता था। अपनी इस बीमारी के कारण मोहन लगातार कमजोर होने लगा। जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनिता डहारे गृह भेंट पर गई तब इस बच्चें की हालत के बारे में पता चला कि मोहन गंभीर रूप से कुपोषित था। उसने बिना देर किए मोहन को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत सेक्टर खुर्सीपार जोन03 में आयोजित बाल संदर्भ शिविर में ले जाकर स्वास्थ्य जाँच करवाई। जहाँ डाॅक्टर द्वारा बालक मोहन को जरूरी दवाईया,विटामिन सिरप और प्रोटीन पाउडर आदि उपलब्ध कराया गया। बच्चे की माता को समझाईश दी गई कि किस तरह घर में मोहन की देखभाल होनी चाहिए। इसके साथ-साथ मोहन को आंगनबाड़ी में भी प्रतिदिन मूंगफली,गुड,सोया से निर्मित चिक्की, मौसमी फल,दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज इत्यादि पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप बच्चे का वजन लगातार बढ़ने लगा। आज 4 महीने बाद मोहन पूरी तरह से सेहत मंद हो चुका है।
केस स्टडी -2
-मरोदा सेक्टर के अनन्या को मिला मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का लाभ
कुछ ऐसी ही कहानी परियोजना भिलाई-01 के सेक्टर-मरोदा आंगनबाड़ी केन्द्र -बजरंगपारा की बालिका अनन्या नायक की है। मध्यम रूप से कुपोषित अनन्या को कार्यकर्ता सुनीता धीवर द्वारा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत पंजीकृत किया गया। बालिका अनन्या को आंगनबाड़ी में प्रतिदिन मूंगफली,गुड,सोया से निर्मित चिक्की, मौसमी फल,दलिया, अण्डा, राजगीर का लड्डू, अंकुरित अनाज इत्यादि पौष्टिक आहार के रूप में दिया जाने लगा जिसके फलस्वरूप बच्चे का वजन लगातार बढ़ने लगा।इसके अलावा सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती शिल्पा श्रीवास्तव एंव आंगनबाड़ी कार्याकर्ता द्वारा नियमित गृह भेंट कर अनन्या के माता पिता को उसके पोषण स्तर में सुधार लाने एंव स्वास्थ्य,स्वच्छ जीवन शैली अपनाने प्रोत्साहित किया। साथ ही उसके वजन पर भी लगातार निगरानी रखी गई।जिसका नतीजा यह निकला कि आज बालिका अनन्या अब सामान्य की श्रेणी में आ चुकी है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री विपिन जैन ने बताया कि कलेक्टर श्री अंकित आनंद द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश एंव मार्गदर्शन और जिला खनिज न्यास निधि से प्राप्त राशि का उपयोग कर जिले के कुपोषित बच्चों एंव एनीमिक महिलाओं को अतिरिक्त पौष्टिक आहार प्रदाय एंव स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है,जिससे जिले को कुपोषण एंव एनीमिया मुक्त किया जा सके। -
दुर्ग 17 मार्च : विधान सभा क्षेत्र विकास योजनांतर्गत जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अनुशंसा पर ग्राम पंचायत पेंड्री कुटहा में सामुदायिक भवन को पूर्ण करने के लिए 2 लाख 50 हजार रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। इसी प्रकार वार्ड 17 वृंदा नगर भिलाई में ओपन मंच निर्माण कार्य के लिए 2 लाख 99 हजार रुपए की स्वीकृति दी गई है। - दुर्ग 17 मार्च : जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक कलेक्टर श्री अंकित आनंद की अध्यक्षता में 23 मार्च को संध्या 4 बजे कलेक्टोरेट सभा कक्ष में आयोजित किया गया है। बैठक में समिति के सभी सदस्यों को अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने कहा गया है।
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दुर्ग 17 मार्च : शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय, दुर्ग के अर्थशास्त्र विभाग द्वारा विगत दिनों शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया । इस भ्रमण के आयोजन का उद्देश्य बताते हुए विभागाध्यक्ष डाॅ. शिखा अग्रवाल ने बताया कि शैक्षणिक भ्रमण को छात्र-छात्राओं के पाठ्यक्रम की आवश्यकता और ग्रामीण पृष्ठभूमि के विद्यार्थियों को आधुनिक, आर्थिक क्रियाओं से रूबरू कराना था।
नया रायपुर स्थित उर्जा पार्क में छात्रों ने नजदीक से देखा और जाना कि सौर उर्जा किस तरह उत्पन्न की जाती है । देवभोग स्थित देवभोग दुग्ध उद्योग का भ्रमण कर विद्यार्थी स्वरोजगार हेतु प्रेरित हुए। दुग्ध उद्योग में पैकेट बंद दुग्ध, घी, मख्खन, पनीर पेड़ा एवं प्रिजरवेशन की प्रक्रिया से विद्यार्थी अवगत हुए। विभाग की सहायक प्राध्यापक डाॅ. के. पद्मावती के विशेष मार्गदर्शन में छात्र-छात्राओं ने नया रायपुर स्थित पुरखौती मुक्तांगन भ्रमण कर प्रदेश की आदिवासी संस्कृति से रूबरू होने का मौका मिला। पहली बार आदिवासी धरोहर को देख छात्र-छात्राएं रोमांचित हुए। सहायक प्राध्यापक डाॅ. अशुमाला के विशेष प्रयासों से आयोजित इस शैक्षणिक भ्रमण में विद्यार्थियों को साइंस सिटी व योजनागत तरीके से बसा नया रायपुर की जानकारी दी। लगभग 35 छात्र-छात्राओं के इस दल को प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह एवं डाॅ. एम.एस. सिद्दकी ने शुभाकामनाओं के साथ रवाना किया और अपेक्षा की यह भ्रमण अर्थशास्त्र के विद्यार्थियों के लिये बहुउपयोगी होगा। भ्रमण उपरांत विद्यार्थियों द्वारा इसे रोचक और उपयोगी बनाया। विद्यार्थियों को विभिन्न प्रश्नोत्तरी के माध्यम से प्राध्यापकों द्वारा भ्रमण से संबंधित स्थलों के रोचक प्रश्न पूछ कर उन्हें पुरास्कृत भी किया। प्राचार्य डाॅ. आर.एन. सिंह ने विभाग को इस शैक्षणिक भ्रमण हेतु बधाई दी और विभाग से अपेक्षा भी कि भविष्य मे विद्यार्थियों हेतु ऐसे भ्रमण का आयोजन किया जाता रहेगा। -
जिले के 16 सक्रिय महिला हों ने किया 175 टन नाडेप कम्पोस्ट और 11 टन केंचुआ खाद का निर्माणधमधा ब्लॉक है केंचुआ खाद बनाने में अग्रणीजिले के 218 गौठानों में अब तक 1010 टंकियां निर्मितिअन्य योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित
दुर्ग 17 मार्च : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के उद्देश्य राज्य शासन द्वारा शुरू की गई नरवा गरवा घुरूवा बाड़ी योजना के परिणाम सामने आने लगे हैं। इस योजना से स्व सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार तो मिल ही रहा है साथ ही जैविक खेती का प्रचलन भी बढ़ रहा है। गांव की महिलाएं समूह बनाकर गौठानों में स्थापित वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों में ऑर्गेनिक खाद का निर्माण कर रही हैं। इस खाद की बाजार में आजकल काफी मांग है। इसके अलावा गांव में स्थित बाड़ियों में भी इसी जैविक खाद की मदद से पौष्टिक सब्जियां उगाई जा रही हैं। जिले के 218 गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट की 357 और नाडेप की 653 टंकियां स्थापित की गई हैं।इन गौठानों में टंकी भरने से लेकर खाद की बिक्री का काम महिलाएं संभाल रही हैं। कृषि विभाग द्वारा आत्मा योजना के तहत पहले महिलाओं को खाद बनाने का निःशुल्क प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद जिले के 16 महिला स्व सहायता समूहों ने खाद बनाने का काम कर रहे है। दुर्ग ब्लॉक् में 2 महिला समूहों ने
8 क्विंटल कम्पोस्ट खाद(नाडेप) पाटन ब्लॉक के 11 समूहों ने 160 क्विंटल कम्पोस्ट खाद तथा धमधा ब्लॉक के 3 समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन किया है।इस प्रकार कुल 175 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 11 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण किया जा चुका है।
- पाटन और धमधा के महिला समूह खाद बेचकर कमा रहे अच्छा मुनाफा
पाटन और धमधा ब्लॉक की महिलाओं ने खाद बेचने का काम शुरू भी कर दिया है।यह खाद हाथों हाथ बिक रही है ।गांव के अलावा आस पास के बाजार में भी अच्छा दाम मिलने लगा है। पाटन ब्लॉक के पाहन्दा में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा अब तक 80 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट खाद बेचा जा चुका है। वहीं धमधा के समूहों ने 7 क्विंटल नाडेप कम्पोस्ट और 8 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद का विक्रय किया है। नाडेप टंकी में निर्मित कम्पोस्ट खाद के लिए प्रति किलोग्राम 3 से 5 रुपए और वर्मी कम्पोस्ट (केंचुआ खाद) के लिए प्रति किलोग्राम 7से 10 रुपए का दाम मिल रहा है।
दूसरे चरण का उत्पादन लेने भरी जा रही हैं टंकियां -
सभी वर्मी कम्पोस्ट और नाडेप टंकियों से खाद निकालने के बाद दूसरे चरण का उत्पादन लेने की तैयारी शुरू हो गई है। टंकियों को गोबर एवं दूसरे कृषि अवशेषों से भरने की प्रक्रिया शुरू ही गई है। लगभग 653 टंकियों में से अब तक 100 नाडेप और 357 में से 30 केंचुआ खाद की टंकियां भरी जा चुकी हैं। शेष टंकियां भरने बक काम लगातार जारी है। टंकी भरने के बाद 45 से 60 दिनों के अंदर खाद बनकर तैयार हो जाती है। इस बार धमधा के अलावा अन्य विकासखंड भी केंचुआ खाद बनाने की तैयारी में हैं।
गौठान के अलावा जिले में विभिन्न योजनाओं के तहत 653 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित
कुछ महिला समूहों द्वारा औसतन 2 से 3 टन वर्मी कम्पोस्ट का किया जा रहा निर्माण
जिले में गौठान के अलावा भी करीब 653 वर्मी कम्पोस्ट की टंकियां विभिन्न योजनाओं के तहत स्थापित की गई हैं।राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत 123,परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत 500,जैविक खेती विकास योजना के तहत 30 वर्मी कम्पोस्ट टंकियां स्थापित की गई है। अपनी मेहनत से कई समूह भारी मात्रा में उत्पादन भी ले रहे हैं। दुर्ग विकासखंड के पुरई में जनजागृति आत्मा समूह,कोटमी में गायत्री जैविक खेती आत्मा समूह और नगपुरा के जय सतनाम समूह द्वारा औसत रूप से 2 से 3 टन का वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है।
- किसान अपने खेतों के लिए बना रहे वर्मी कम्पोस्ट
जैविक खेती के प्रति किसानों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। किसान खुद भी वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर रहे हैं।पाटन विकासखंड ग्राम सोनपुर के किसान जुगनू ठाकुर,अरसनारा के नंदकुमार साहू,गुरुदेव साहू,धमधा के विश्राम पटेल ,टेमरी के योगेश साहू वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन कर अपने खेतों में उपयोग कर रहे हैं। - दुर्ग 17 मार्च : कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर, जिले में मास्क व सेनेटाईजर की उपलब्धता कीमत नियंत्रण तथा कालाबाजारी पर अकुंश के उद्देश्य से जिलाधीश महोदय, र्दु के निर्देश पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निरीक्षक बृजराज सिंह, आस्था वर्मा, गायत्री पटेल व पीताम्बर साहू, ईश्वरी नारायण सिंह ने संयुक्त रूप से हाउसिंग बोर्ड काॅम्प्लेक्स, दुर्ग तथा सेक्टर-09 व 06 में स्थित औषधी प्रतिष्ठानों (कुल 36) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान मास्क व सेनेटाईजर की उपलब्धता के संबंध में पूछताछ की गई तथा मास्क व सेनेटाईजर की कीमत सूची काउटंर के पास प्रदर्शित करने के लिए निर्देशित किया गया। उक्त मदों के क्रय-विक्रय अभिलेख भी औषधी प्रतिष्ठानों से मांगे जाए।
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- वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने किया शुभारंभ
दुर्ग 17 मार्च : जिला अस्पताल दुर्ग में नई डायलिसिस यूनिट का शुभारंभ वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के माध्यम से स्वास्थ्य मंत्री श्री टीएस सिंहदेव ने किया। नई डायलिसिस यूनिट के आ जाने से मरीजों को काफी सुविधा मिलेगी। इस यूनिट में कुल 5 मशीने लगाई गई है। जिसमें 4 निगेटिव व 1 पाॅजिटिव मशीन है। पाजिटिव मशीन के माध्यम से एचआईवी और हेपिटाइटिस के मरीजों का डायलिसिस हो सकेगा उक्त मशीन इसकेग संजीवनी कलकत्ता के माध्यम से लगाई गई है। डायलिसस यूनिट प्रारंभ होने के उपरांत कुल 16 मरीजों का डायलिसिस होना है। वर्तमान में 06 मरीजो का डायलिसिस हो रहा है। जिसमें 04 मरीज निगेटिव है तथा 02 मरीज पाॅजिटिव पाए गए है। माह नवम्बर में जिला अस्पताल में 02 निगेटिव मशीन थी। वर्तमान में 05 मशीने लगाई गई है। जिसमें डायलिसिस हो रहा है।
वीडियो काॅन्फ्रेसिंग के दौरान स्वास्थ्य मंत्री श्री सिंहदेव ने कहा कि यह खुशी की बात है कि जिला अस्पताल में डायलिसिस सुविधा का विस्तार हो रहा है। 5 अतिरिक्त मशीनोें के आ जाने से तकनीकी रूप से प्रशिक्षित स्टाफ से डायलिसिस कराने वाले मरीजों को काफी सुविधा मिल सकेगी। उल्लेखनीय है कि जीवनधारा कार्यक्रम (राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम ) के तहत राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन द्वारा राज्य स्तर से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से एस्कैग संजीवनी प्राइवेट लिमिटेड से अनुबंध किया गया है। इस मौके पर कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने कहा कि डायलिसिस यूनिट के विस्तार होने से और प्रशिक्षित स्टाफ के बढ़ जाने से, अनुबंधित संस्थान द्वारा नेफ्रोलाॅजिस्ट उपलब्ध कराने से सुविधाओं का विस्तार हुआ है। जिला अस्पताल में सुविधाओं के बेहतरी के लिए हर संभव प्रयास किये जाएंगे। मरोदा के मनोज मुरूगवार ने बताया कि पहले पहले वे शंकराचार्य अस्पताल में डायलिसिस करवाते थे उसमें 2000 रूपये प्रति डायलिसिस के खर्च होते थे। अब जिला अस्पताल में निःशुल्क डायलिसिस के सुविधा विस्तार होने से उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिलेगी।
ऐसे ही भिलाई निवासी उमेश कुमार नेे बताया कि पहले उन्हें एमएमआई रायपुर में डायलिसिस कराने जाना पड़ता था। जिला अस्पताल में डायलिसिस की सुविधा के विस्तार होने पर अब रायपुर नही जाना पड़ेगा।इस मौके पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. गंभीर सिंह ठाकुर, सिविल सर्जन एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। - दुर्ग 17 मार्च : शासकीय विश्वनाथ यादव तामस्कर स्नातकोत्तर स्वशासी महाविद्यालय दुर्ग के भू-गर्भशास्त्र विषय के सहायक प्राध्यापक डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव हेमचंद यादव विश्वविद्यालय, दुर्ग के नये डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर होंगे। इस आशय का आदेश आज छत्तीसगढ़ शासन, उच्च शिक्षा विभाग ने जारी किया। उल्लेखनीय है कि डाॅ. नीरजारानी पाठक के इस पद से शास. महाविद्यालय, मचांदुर स्थानान्तरण होने के बाद लगभग 8 माह से यह पद रिक्त था। डाॅ. श्रीवास्तव की पदस्थापना के पश्चात् विद्यार्थियों की समस्याओं के निराकरण में मदद मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि 1989 में एम.एस.सी भ-ूगर्भशास्त्र की परीक्षा में मेरिट में प्रथम स्थान प्राप्त गोल्ड मेडलिस्ट डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव छत्तीसगढ़ अंचल में नैक मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के जाने-माने विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते है। डाॅ. श्रीवास्तव को 2008 में काॅमन वेल्थ अकादमिक स्टाॅफ फेलोशिप, 2008 में यूजीसी का पोस्ट डाॅक्टरेट रिसर्च अवार्ड तथा 2009 में यू एस इंडिया फुलबाईट विजिटिंग लेक्चरर फेलोशिप प्राप्त हो चुकी है। इसके अंतर्गत डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव ने 12 अमरीकी विश्वविद्यालयो ंजैसे पर डयू, सेन फ्रांसिस्को, केलीफोर्निया, टेक्सास, न्यूयार्क, पोर्टलैंड, इंडियाना, मिशिगन आदि में आमंत्रित व्याख्यान दे चुके है। डाॅ. श्रीवास्तव ने पर्यावरण पर केंद्रित 2 पुस्तकें भी लिखी है। वे अंतर्राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के निर्णायक मंडल के सदस्य हैं। 1995 में युवा वैज्ञानिक पुरस्कार प्राप्त डाॅ. प्रशांत श्रीवास्तव के अनेक शोधपत्र प्रकाशित हैं। भारत में नैक मूल्यांकन एवं अन्य विषयों पर लगभग 200 उच्च शिक्षा संस्थानो मे डाॅ. श्रीवास्तव आमंत्रित व्याख्यान दे चुके हैं। हाॅल ही मे बैगलौर स्थित ईस्टीट्यूट ऑफ स्काॅलर द्वारा डाॅ. श्रीवास्तव को बेस्ट टीचर ऑवार्ड 2020 प्रदान किया गया है। डाॅ. श्रीवास्तव की नियुक्ति पर साइंस काॅलेज दुर्ग के प्राचार्य डाॅ. आर.एन.सिह एवं महाविद्यालय परिवार ने बधाई दी है। -
- पावर हाऊस अंडरब्रिज से गैराज रोड होकर 32 बंगला के सामने से व्हाईशिप ब्रिज की ओर से पदयात्री गुजरेंगे
- बैठक में लिया गया निर्णय, कलेक्टर ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए दिये निर्देश
दुर्ग 16 मार्च : इस बार नवरात्रि पदयात्रा में हिस्सा लेने वाले यात्री पावर हाउस अंडर ब्रिज से गैराज रोड होकर 32 बंगला के सामने से व्हाईशिप ब्रिज की ओर से गुजरेंगे। नवरात्रि पदयात्रियों की सुविधा एवं सुरक्षा की दृष्टि से यह निर्णय लिया गया है। बैठक में कलेक्टर श्री अंकित आनंद, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में निर्णय लिया गया कि पदयात्रा सुचारू रूप से संपन्न हो सके, इसके लिए पावर हाऊस अंडर ब्रिज से व्हाईशेप ब्रिज की ओर जाने वाला मार्ग उचित होगा। कलेक्टर ने निगम कमिश्नर एवं अन्य अधिकारियों को मार्ग का निरीक्षण करने एवं आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अधिकारी देर शाम इस रूट का निरीक्षण करें एवं लाइटिंग सहित सभी आवश्यकताओं के संबंध में फीडबैक ले लें और इनका इंतजाम सुनिश्चित कराएं।
उन्होंने कहा कि रूट में जहां-जहां भी लाइट की जरूरत है उसकी पुख्ता व्यवस्था करा लें। उन्होंने कहा कि पदयात्री मार्ग साफसुथरा होना चाहिए। पूरे रास्ते भर में आसपास कहीं भी गंदगी न रहे, इस बात को सुनिश्चित करा लें। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव ने पदयात्रियों की सुरक्षा से संबंधित विशेष हिदायत अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि बीच-बीच में अस्थायी ब्रेकर बना दिये जाएं ताकि वाहनों की गति नियंत्रित रह सके। जहां जहां टेंट लगाए गए हैं वहां पब्लिक एड्रेसिंग सिस्टम की व्यवस्था भी हो, कुछ सूचनात्मक फ्लैक्स भी टेंट के भीतर लगाए जाएं ताकि यात्रियों को वांछित सूचनाएं मिल सके। कलेक्टर ने पदयात्रा मार्ग में झाड़ियों की छंटाई करा लेने के निर्देश भी निगम अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुरक्षा सबसे अहम है इसके लिए सभी जरूरी उपाय कर लिये जाएं।
बैठक में सभी अधिकारियों को दायित्व सौंपे गए। कलेक्टर ने कहा कि पदयात्रियों को किसी तरह की दिक्कत न आए। बीच-बीच में वरिष्ठ अधिकारी इसकी माॅनिटरिंग करते रहें। यात्रा के संबंध में सौंपे गए सारे निर्देशों का समय पर पालन सुनिश्चित करा लें। उन्होंने कहा कि यात्रियों की सुविधा को बढ़ावा देने में पुरानी पदयात्रा के अनुभव काफी उपयोगी होते हैं। जो कमियां रह जाती हैं, उन्हें पूरा करने की दिशा में कार्य करें। पदयात्रियों को यात्रा का अच्छा अनुभव हो इसके लिए उन्हें बुनियादी सुविधाएं प्रदान करना अहम है। साथ ही स्वच्छता भी अहम है इस दिशा में विशेष ध्यान रखें। बैठक में अपर कलेक्टर श्री गजेंद्र ठाकुर, एडीशनल एसपी श्री रोहित झा सहित अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।