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23 लाख किसानों ने बेचा धान, अभी तक 25549 करोड़ रूपए का भुगतानकुल खरीदी का 94 लाख मीटरिक टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी67 लाख मीट्रिक टन धान का हो चुका है उठावरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में प्रदेश के किसानों से सुगमता पूर्वक धान की खरीदी की जा रही है। वहीं धान खरीदी व्यवस्था पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। राज्य में 14 नवम्बर से शुरू हुए धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। अब तक लगभग 124 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी हो चुकी है।प्रदेश के 23 लाख किसानों ने धान बेच चुके हैं। अभी तक बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 25 हजार 549 करोड़ रूपए किसानों को भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। प्रदेश के समस्त पंजीकृत कृषकों को खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में धान विक्रय हेतु टोकन की सुविधा ऑनलाईन एप्प (टोकन तुंहर हांथ) एवं उपार्जन केन्द्रों में 25 जनवरी 2025 तक के लिए उपलब्ध कराया गया है। किसान सुविधा अनुसार तिथि का चयन कर नियमानुसार धान विक्रय कर सकते है।
धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी तेजी से हो रहा है। अब तक 94 लाख मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए डीओ और टीओ जारी किया गया है, इसके एवज में 67 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है। गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा इस खरीफ वर्ष के लिए 27.78 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है। -
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रायपुर : केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) से स्लम बस्तियां अब विकसित कॉलोनी का रूप ले रही हैं। अम्बिकापुर के खालपारा एवं झंझटपारा की स्लम बस्तियों को एक नया स्वरूप मिला है। पहले जहां झुग्गी झोपड़ियां और कच्चे मकान थे, वहां अब पक्की छत वाले मकान बन गए हैं। यह योजना गरीब परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो पहले कच्चे मकानों में रहते थे और बारिश के दिनों में बहुत परेशानी का सामना करते थे। वे अब सारी परेशानियों से दूर अब पक्के मकानों में निवासरत् है।
इस योजना के तहत खालपारा और झंझटपारा के स्लम बस्तियों में 112 आवास स्वीकृत हुए थे, जिसमें से 95 आवास बनकर पूर्ण हो चुके हैं और शेष 17 आवास निर्माणाधीन हैं। लाभान्वित हितग्राहियों ने बताया कि यह योजना उनके लिए बहुत मददगार साबित हुई है, क्योंकि वे पहले पक्का मकान बनाने में असमर्थ थे। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को पक्के मकान प्रदान करना है। यह योजना 2015 में शुरू की गई थी और इसके तहत सभी पात्र शहरी परिवारों को पक्के घर प्रदान करना है। यह योजना महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देती है, क्योंकि पक्के मकानों का स्वामित्व महिला सदस्य के नाम पर या संयुक्त नाम से किया जा सकता है।
गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) एक महत्वाकांक्षी योजना है, जो शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों को पक्के मकान प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। यह योजना न केवल लाभान्वित परिवारों को सुरक्षित और स्वस्थ जीवन प्रदान करती है, बल्कि यह महिला सशक्तीकरण को भी बढ़ावा देती है। इस योजना के तहत लाभान्वित परिवारों को कई सुविधाएं प्रदान की जाती हैं, जिनमें शामिल हैं। लाभान्वित परिवारों को पक्के मकान प्रदान किए जाते हैं, जो उन्हें सुरक्षित और स्वस्थ जीवन प्रदान करते हैं। पक्के मकानों में बुनियादी सुविधाएं जैसे कि शौचालय, पानी की आपूर्ति, बिजली और रसोईघर प्रदान किए जाते हैं। लाभान्वित परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उनका जीवन स्तर बेहतर हो सके। -
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तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव का भव्य शुभारंभ300 बेटियों के हाथ हुए पीले, मुख्यमंत्री ने नवदम्पतियों को दिया आशीर्वाद177 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजनबलरामपुर कॉलेज में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणारायपुर : प्रभु श्री राम छत्तीसगढ़ के कण-कण में बसे हुए हैं, जन-जन में बसे हुए हैं। भगवान श्रीराम हमारे भांचा राम हैं। पूरी दुनिया में छत्तीसगढ़ ही एक ऐसा राज्य है, जहां भांजे को भगवान स्वरूप में पूजते हैं, उनका चरण पखारते हैं। उन्हें दंडवत होकर प्रणाम करते हैं। हमारी सरकार की श्रीराम लला दर्शन योजना से राज्य के 20 हजार से अधिक लोग अयोध्या में भगवान श्रीराम का दर्शन कर चुके हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के तीन दिवसीय तातापानी महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर उक्त बातें कही। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम लोग तातापानी संक्रांति परब में हर साल यहां आते हैं। पिछले साल जब हम लोग यहां आए थे, तब इस पावन स्थल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। परिणाम आप सबके सामने है, आज तस्वीर बहुत कुछ बदली-बदली सी नजर आ रही है। यहां विकास के काम तेजी से हुए हैं और लगातार हो ही रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्यटन के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। खासकर सरगुजा और बस्तर जिले में अनेक ऐसे सुंदर स्थान हैं, जो पूरी दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन सकते हैं। ऐसे स्थलों को चिन्हित कर पर्यटन स्थलों का विकास तेजी से कराया जा रहा है। तातापानी भी ऐसी ही जगहों में से एक है। हम इन सभी दर्शनीय स्थलों को पर्यटन स्थलों के रूप में विकसित करेंगे। इससे रोजगार और आय के अवसर बढ़ेंगे। अभी हम लोगों ने 177 करोड़ रुपये के 198 विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया है। इनमें करीब 134 करोड़ रुपये की लागत के 140 कार्यों का भूमिपूजन और 43 करोड़ रुपये के 58 कार्यों का लोकार्पण शामिल है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नालंदा परिसर के निर्माण के लिए हम लोगों ने आज भूमिपूजन किया है, जिसके निर्माण से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को विशेष लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर बलरामपुर कॉलेज में ऑडिटोरियम निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत 300 बेटियों के हाथ पीले हुए हैं। उन्होंने सभी नवदंपतियों को आशीर्वाद देते हुए सभी के सुखमय गृहस्थ जीवन की मंगल कामना की। मुख्यमंत्री ने कहा कि तातापानी संक्रांति परब बलरामपुर-रामानुजगंज जिले का गौरव है। तातापानी दुनिया के उन चुनिंदा स्थानों में से एक है, जहां गर्म-पानी के कुंड के रूप में प्रकृति की शक्ति को प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि तातापानी संक्रांति परब का यह आयोजन समाज में एकता और सौहार्द का संदेश भी देता है। इस महोत्सव में लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों के साथ ही पतंगबाजी और आरागाही हवाई पट्टी पर पैरासेलिंग का आनंद भी आप लोग उठा पाएंगे। यहां किसान संगोष्ठी और पंच-सरपंच सम्मेलन भी होगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने विकसित भारत के निर्माण का लक्ष्य सामने रखा है। इसी के अनुरूप हम भी विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ा रहे है। पिछले एक साल में हमारी सरकार ने मोदी की अधिकांश गारंटियों को पूरा किया है। इस साल छत्तीसगढ़ में धान की फसल अच्छी हुई है। 3100 रुपए क्विंटल के दाम से प्रति एकड़ 21 क्विंटल के मान से धान की खरीदी हो रही है। इस साल किसान भाइयों के घरों में रिकॉर्ड पैसा आने वाला है। अभी किसान भाइयों को धान के समर्थन मूल्य का भुगतान हो रहा है, शीघ्र ही उनके खातों में अंतर की राशि भी भेज दी जाएगी। हमारी सरकार राज्य के गरीब परिवारों को पांच साल तक निःशुल्क राशन उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया है। तेंदूपत्ता संग्रहण दर को हमने चार हजार रूपये से बढ़ाकर साढ़े 5 हजार रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सभी आवासहीन पात्र परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराया जा रहा है। हमने सरकार के शपथ ग्रहण के दूसरे दिन प्रदेश के आवासहीनों के लिए 18 लाख प्रधानमंत्री आवासों की स्वीकृति दी। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने छत्तीसगढ़ के लिए 3 लाख से अधिक प्रधानमंत्री आवास योजना की घोषणा की है। उन्होंने अगले वित्तीय वर्ष में छत्तीसगढ़ को 4 लाख नए आवास के लिए सहमति दी है। उन्होंने कहा नये सर्वे में अब हितग्राहियों की मासिक आय सीमा बढ़ाकर 15,000 रुपये कर दी गई है।इसके अलावा जिनके पास ढाई एकड़ सिंचित भूमि या पांच एकड़ असिंचित भूमि है, वे भी अब इस योजना के तहत पात्र होंगे । हितग्राही अब स्वयं भी अपने आवास हेतु मोबाइल एप के जरिए आवेदन और सर्वेक्षण कर सकते हैं। प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी की गारंटी और प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से प्रदेश के लाखों परिवारों में खुशी और समृद्धि आई है। शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं ने समाज के कमजोर वर्गों के जीवनस्तर में सुखद बदलाव लाने का काम किया है। इस अवसर पर सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वकरी पैकरा, प्रतापपुर विधायक श्रीमती शकुंतला पोर्ते, सरगुजा विधायक श्री राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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आदिम जाति विकास मंत्री ने सड्डू के प्रयास विद्यालय में 40 कम्प्यूटरों कानवादिम लैब का किया उद्घाटनरायपुर : आदिम जाति विकास मंत्री श्री रामविचार नेताम ने कहा कि बेहतर भविष्य के निर्माण के लिए एकाग्रता और कठिन परिश्रम जरूरी है। विद्यार्थी जीवन में संयम के साथ ईमानदारी और लगन से परिश्रम करते है, तो सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने कहा कि सभी के साथ अपने बच्चे के बेहतर भविष्य के निर्माण का सपना जुड़ा होता है। विद्यार्थियों को भी अपने माता-पिता तथा रिश्ते-नातेदारों के सपने को साकार करने के लिए शांत मन से अर्जुन की भांति केवल चिड़िया के नेत्र को केन्द्र में रखकर लक्ष्य को भेदने का प्रयास करना चाहिए। इस प्रयास में राज्य सरकार भी हर संभव सहयोग प्रदान कर रही है। उक्त बातें आज राजधानी रायपुर के सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में कही।
मंत्री श्री नेताम ने लगभग 34 लाख रूपए की लागत से निर्मित 40 सीटर नवादिम कम्प्यूटर लैब का उद्घाटन किया। इससे विद्यार्थियों को इंटरनेट के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं के तैयारी के लिए सहायता मिलेगी। इस अवसर पर मंत्री श्री नेताम ने नववर्ष की सौगात के रूप में वहां अध्ययनरत विद्यार्थियों को इंग्लिश डिक्शनरी प्रदान की और बच्चों से चर्चा कर उनकी पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानकारी ली।
मंत्री श्री नेताम ने कहा कि पढ़ाई का उद्देश्य सिर्फ नौकरी नहीं होना चाहिए, बल्कि शिक्षा लेकर औरों को भी रोजगार देने की होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज आवासीय विद्यालयों में सरकार शैक्षणिक वातावरण के साथ-साथ बेहतर सुविधाएं प्रदान कर रही है। यहां रहने वाले विद्यार्थी हजारों बच्चों में चयन करके शिक्षा के लिए यहां लाया जाता है। विद्यार्थियों को भी अपने मंजिल को ध्यान में रखकर आगे बढ़ना चाहिए।कार्यक्रम को रायपुर ग्रामीण के विधायक श्री मोतीलाल साहू ने भी सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में आधुनिक स्तर की पढ़ाई करने की जरूरत है। सफलता के लिए हमें शिक्षा के तकनीकी पहलुओं के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना राज्य सरकार कमजोर वर्ग के बच्चों को उच्चतर शिक्षा प्रदान करने निरंतर प्रयास कर रही है। विद्यार्थियों को भी अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठिन परीश्रम के साथ आगे बढ़ना चाहिए।गौरतलब है कि राज्य सरकार प्रयास विद्यालय के माध्यम से प्रदेश के संपूर्ण अनुसूचित क्षेत्र सहित गैर अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नक्सल प्रभावित जिले के आदिवासी उपयोजना क्षेत्र के विद्यार्थियों को कक्षा 9वीं से 12वीं तक शालेय शिक्षा के साथ-साथ इंजीनियरिंग मेडिकल, राष्ट्रीय प्रतिभा खोज, एनटीएसई, सीए, सीएस, सीएमए, क्लैट इत्यादि प्रवेश परीक्षाओं की कोचिंग प्रदान कर इन विद्यार्थियों के स्वयं के प्रतिभा के बल पर प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हेतु योग्य बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राजधानी रायपुर के सड्डू स्थित प्रयास आवासीय विद्यालय में 884 विद्यार्थी अध्ययनरत है। यहां पढ़ाई के साथ-साथ इंजीनियरिंग तथा मेडिकल की प्रतियोगी परीक्षा हेतु निःशुल्क कोचिंग भी प्रदान की जाती है।इस वर्ष आयोजित छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में 06 अभ्यर्थियों ने सफलता पाई है, जो पहले प्रयास विद्यालय में रह कर पढ़ाई कर चुके हैं। इसी प्रकार यहां 9वीं, 10वीं के शिक्षा के साथ विद्यार्थियों को एनटीएसई, ओलंपियाड, गणित एवं विज्ञान पहेली की तैयारी कराई जा रही है, ताकि इससे इंजीनियरिंग एवं मेडिकल (नीट) की बेसिक तैयारी कराई जा सके। इसी तरह 11वीं, 12वीं के विद्यार्थियों को जेईई (मेंस/एडवांस) की तैयारी कराई जा सके। वर्तमान में 173 विद्यार्थियांें को जेईई मेंस और 61 विद्यार्थियों को एनडीए प्रवेश परीक्षा की तैयारी कराया जा रहा है।प्रयास विद्यालय का 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा का परिणाम लगभग शत्-प्रतिशत रहा है। वर्ष 2024 में 10वीं में 174 विद्यार्थी में से 123 विद्यार्थी उत्तीर्ण रहे। इनमें 74 विद्यार्थी 90 प्रतिशत से भी अधिक अंक अर्जित किए। वहीं कक्षा 12वीं में 95 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए तथा जेईई मेंस में 62 विद्यार्थी क्वालीफाई हुए तथा इन 62 विद्यार्थियों में 33 विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस क्वालीफाई किया। इसी तरह यहां के विद्यार्थियों ने आईआईटी में 05, एनआईटी में 04 तथा ट्रिपल आईटी में 09 विद्यार्थी ने प्रवेश प्राप्त करने में सफलता पाई है। इस अवसर पर आदिम जाति कल्याण विभाग के आयुक्त श्री पी.एस. एल्मा, अपर संचालक श्री संजय गौड़, प्रयास आवासीय विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी श्री अरविन्द जायसवाल, वार्ड पार्षद श्रीमती सुशीला धींवर सहित छात्र-छात्राएं व कर्मचारी उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय 13 जनवरी को दंतेवाड़ा जिले के प्रवास के दौरान जिलेवासियों को 160 करोड़ 73 लाख 21 हजार रूपये की लागत वाले 501 विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री दंतेवाड़ा जिले के बड़े बचेली में आयोजित कार्यक्रम में दंतेवाड़ा जिले के विकास से संबंधित 501 निर्माण कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे, जिसमें 49 करोड़ 5 लाख रूपए की लागत से निर्मित 367 कार्यों का लोकार्पण एवं 111 करोड़ 68 लाख रूपए की लागत वाले 134 कार्यों का भूमिपूजन शामिल हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता वन एवं प्रभारी मंत्री श्री केदार कश्यप करेंगे। कार्यक्रम में सांसद लोकसभा क्षेत्र बस्तर श्री महेश कश्यप एवं विधानसभा क्षेत्र के विधायक श्री चैतराम अटामी विशिष्ट अतिथि होंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय इस अवसर पर छिंदनार से बड़ेकरका मार्ग पर इन्द्रावती नदी पर 33.78 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित उच्च स्तरीय पुल एवं पहुंचमार्ग का लोकार्पण करेंगे। मोर मकान-मोर आवास योजना के अंतर्गत दंतेवाड़ा में 7.25 करोड़ रूपए की लागत से 321 हितग्राहियों के लिए निर्मित पक्के मकानों की चाबी उन्हें सौंपेंगे। मुख्यमंत्री तीन गांवों में नल जल प्रदाय योजना के अंतर्गत 3.98 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित जल प्रदाय योजना, 1.10 करोड़ रूपए की लागत से विभिन्न स्थानों पर निर्मित 15 पुल-पुलियों, 99 लाख रूपए की लागत से 12 सड़कों के निर्माण एवं उन्नयन कार्य, अरनपुर में 28.36 लाख रूपए की लागत से निर्मित उप स्वास्थ्य केन्द्र, वनाधिकार पट्टाधारी 8 कृषकों के खेतों की 50.87 लाख रूपए की लागत से लिए गए चैनलिंक फेंसिंग कार्य का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय नगरपालिका किरंदुल अंतर्गत 44.54 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होने वाली जल आवर्धन योजना, बारासुर में 14.73 करोड़ रूपए की लागत वाली जल आवर्धन योजना, 18.52 करोड़ रूपए की लागत से दंतेवाड़ा में बनने वाले अंतर्राज्यीय बस स्टैण्ड, 3.18 करोड़ रूपए की लागत वाले 28 नवीन आंगनबाड़ी भवनों, 2.44 करोड़ रूपए की लागत वाली 13 सड़कों, 1.92 करोड़ रूपए की लागत वाले 18 पुल-पुलियों, 6.97 करोड़ रूपए की लागत से जलाशय का जीर्णोंद्धार तथा नहर लाईनिंग कार्य, 9.60 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होेने वाले 11 आश्रम भवनों का निर्माण, 20 ग्राम पंचायतों में 1.07 करोड़ रूपए की लागत हाईमास्ट लाईट की स्थापना, 80.59 लाख रूपए की लागत से सोलर हाईमास्ट संयंत्र स्थापना के 15 कार्यों, हल्बारास में 30.68 लाख रूपए की लागत से सोलर पॉवर प्लांट एवं सोलर ड्यूल पम्प की स्थापना सहित अन्य विकास कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। -
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युवा महोत्सव में मुख्यमंत्री ने किया युवाओं से संवादरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज युवा महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर साइंस कॉलेज स्थित दीनदयाल ऑडिटोरियम में युवाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि आप सब देश और प्रदेश के भविष्य हैं। एक सपना लेकर कि आप किस रूप में देश और प्रदेश की सेवा करना चाहते है, उसको हासिल करने के लिए पूरी निष्ठा, ईमानदारी और समर्पण भाव से पढ़ाई करें। छत्तीसगढ़ राज्य में तकनीकी, मेडिकल, लॉ, मैनेजमेंट से संबंधित उच्च स्तरीय शैक्षणिक संस्थान हैं। प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी के लिए रायपुर में नालंदा परिसर युवाओं के लिए चौबीसों घण्टे खुला है। नालंदा परिसर की तर्ज पर राज्य के अन्य जिलों में भी हाईटेक लायब्रेरी की स्थापना हम कर रहे है, जहां ऑनलाईन-ऑफलाईन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मटेरियल उपलब्ध होंगे।
मुख्यमंत्री ने बस्तर अंचल के युवाओं को देश और प्रदेश के विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए आयोजित बस्तर ओलंपिक की सफलता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इस आयोजन की सराहना की है। उन्होंने युवाओं को स्वामी विवेकानंद की जयंती की बधाई देते हुए कहा कि 1893 में अमेरिका के शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद ने सनातन धर्म के आदर्श, अध्यात्म और दर्शन पर अपने व्याख्यान से पूरी दुनिया को भारत का कायल बना दिया।
मुख्यमंत्री ने युवाओं से अपने संवाद की शुरूआत में अंबिकापुर की अपूर्वा दीक्षित के प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि जीवन में कई बार ऐसी परिस्थितियां आती है कि मन विचलित हो जाता है, परंतु हमें अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अडिग रहना होता है। उन्होंने इस सिलसिले में स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी एक छोटी सी कहानी सुनाई और कहा कि स्वामी विवेकानंद बनारस में एक सन्यासी के साथ जा रहे थे, उसी समय बहुत सारे बंदरों ने स्वामी जी को घेर लिया, ऐसी स्थिति में स्वामी जी न तो डरे न ही अपनी जगह से डिगे। इसका परिणाम ये हुआ कि सारे बंदर भाग गए। उन्होंने युवाओं को आह्वान किया कि हमें भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए अडिग रहना है। दृढ़संकल्प से सारी समस्याओं का समाधान निकलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने रायगढ़ के ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी की छात्रा श्रुति के सवालों के जवाब में कहा कि हमें सफलता के लिए अपना एक क्षेत्र चुनकर पूरी दृढ़ता और मनोयोग के साथ प्रयास करने से सफलता मिलती है। बस्तर में शांति और विकास के संबंध में राजकुमार कुरेटी के सवालों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के नक्सल प्रभावित पांच जिलों में सुरक्षा और विकास को लेकर सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। इन जिलों में 39 सुरक्षा कैम्प की स्थापना और नियद नेल्ला नार योजना के माध्यम से लोगों को शासकीय योजनाओं और कार्यक्रमों का लाभ सुनिश्चित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य में डबल इंजन की सरकार है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का देश से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने का संकल्प है। जिस प्रतिबद्धता और रणनीति के साथ नक्सलवाद के समूल खात्मे के लिए हमारी सरकार काम कर रही है, उससे हमें लगता है कि हम इस लक्ष्य को निर्धारित समयावधि से पहले ही प्राप्त कर लेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में शांति और विकास की स्थापना के लिए वहां के लोग भी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर रहे है। बस्तर ओलंपिक के आयोजन में लाखों युवाओं की भागीदारी इस बात को प्रमाणित करती है।
बलौदाबाजार की छात्रा मृणाल वाजपेयी द्वारा मुख्यमंत्री श्री साय से उनके मुख्यमंत्री बनने तक के सफर के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वह जशपुर के एक छोटे से गांव बगिया के रहने वाले है। आज उनके गांव की आबादी लगभग ढाई हजार है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब वह 10 साल के थे, तभी पिताजी का साया उनके सर से उठ गया। परिवार की पूरी जिम्मेदारी माता जी के ऊपर आ गयी। माता जी निडर महिला है बड़े धैर्य और निडरता से जिम्मेदारी सम्हाली। हमारे पालन-पोषण, पढ़ाई के साथ-साथ खेती-बाड़ी और घर का काम उन्होंने सम्हाला। माता जी को हमने अपना रोल मॉडल माना। बड़ा होने के नाते घर की जिम्मेदारी हमने अपने ऊपर ली।जिस समय पिता जी का स्वर्गवास हुआ उस समय मेरा छोटा भाई मात्र दो माह का था। छोटे भाईयों को पढ़ाया, लिखाया। हमने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरूआत पंच से की। पांच साल पंच रहे। गांव के लोगों ने हमारे अच्छे काम और ईमानदारी को देखकर हमें निर्विरोध सरपंच चुना। छह माह बाद ही विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिली और 1990 में तपकरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक बना। मुख्यमंत्री ने फिर अपने सांसद बनने, पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्री मंडल में राज्य मंत्री और मुख्यमंत्री बनने तक के सफर का उल्लेख किया और कहा कि उन्हें जब भी कोई जिम्मेदारी दी गई, उन्होंने उसे पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ निभाया।उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव एवं पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी उनके रोल मॉडल रहे है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के साथ काम करने के अवसर का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिस तरीके से निर्णायक फैसले लिए है, वे मेरे ही नहीं, नई पीढ़ी के भी रोल मॉडल हैं। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री श्री दयालदास बघेल, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंक राम वर्मा, विधायक श्री राजेश मूणत एवं गुरु खुशवंत साहेब, राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष श्री विश्व विजय सिंह तोमर, जनप्रतिनिधिगण, विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि प्राप्त युवा बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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पर्यटन क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय, स्वच्छता, वाहन पार्किंग, टुरिस्ट गाइड आदि का संचालन स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और पुरूषों के समूह द्वारा की जा रही है। धमतरी जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर यह नरहरा धाम कुकरेल से बिरझुली जाने वाली पक्की सड़क के बाद कोटरवाही से 5 किलोमीटर है। जलप्रपात का स्वरूप पूरी तरह से प्राकृतिक है और आसपास का पूरा पानी बहकर आगे बढ़ने के दौरान नरहरा धाम में जलप्रपात का स्वरूप लेता है।चट्टानों के ऊपर से पानी का बहाव साफ जाहिर करता है कि पानी के तेज बहाव में चट्टानों को काटकर प्राकृतिक सौंदर्य का रूप दिया है। यह पानी आगे बढ़कर महानदी में जाकर मिलता है। नरहरा धाम पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। यहां कभी ऋषि मारकंडे तप किया करते थे और यह जगह उनका तपस्थली हुआ करता था। इसी जगह पर माता नारेश्वरी देवी का मंदिर भी स्थापित -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए डी.एल.एड. (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) नामांकन और परीक्षा आवेदन प्रक्रिया की तिथियां घोषित कर दी हैं। डी.एल.एड. के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को अपने आवेदन ऑनलाइन भरने होंगे। मंडल ने प्रक्रिया को समयबद्ध और सुचारू बनाने के लिए महत्वपूर्ण तिथियों की सूची जारी की है।
प्रथम वर्ष के परीक्षार्थियों ग्राह्यता/नामांकन के लिए ऑनलाइन 10 से 31 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। परीक्षार्थी 03 से 18 फरवरी 2025 तक मंडल में नामांकन फार्म की हार्ड कॉपी जमा कर सकेंगे। प्रथम और द्वितीय वर्ष के मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन 03 से 20 मार्च 2025 तक आवेदन किया जाएगा और आवेदन फार्म की हार्ड कॉपी 21 से 28 मार्च 2025 तक मण्डल में जमा कर सकेंगे। विलंब से परीक्षा की हार्ड कॉपी जमा करने पर विलंब शुल्क 1540 रूपए प्रति परीक्षा की दर से आवेदन 01 से 09 अप्रैल 2025 तक जमा किया जा सकता है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मछुआरों तथ मत्स्य पालक कृषकों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई रियायतें दी जा रही है। मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाओं को 60 प्रतिशत तक अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे इस वर्ग के लोग भी मछली पालन को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुढृढ़ कर रहे है।
दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मैलावाड़ा के प्रगतिशील कृषक श्री जयराम कश्यप ने मत्स्य पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए अन्य कृषकों के लिए प्रेरक बन गए है। पारंपरिक खेती से सीमित आय प्राप्त करने वाले जयराम ने 2017 में अपनी पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मत्स्य पालन शुरू किया। उन्होंने मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में इन योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी सवा एकड़ भूमि पर तालाब का निर्माण कराया और 2023-24 में 25 डिसमिल भूमि में पौंड-लाइनर भी स्थापित किया।
श्री जयराम कश्यप ने सघन मत्स्य पालन तकनीक अपनाते हुए रोहू, कतला, मृगल और कॉमन कॉर्प जैसी उन्नत नस्लों का पालन किया। उनके पौंड-लाइनर में सारंगी (फंगाल) जैसी मछलियों के बीजों को तैयार किया जाता है। तालाबों में ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति और वैज्ञानिक तरीकों से मछलियों की बेहतर देखभाल की जाती है। श्री कश्यप को मत्स्य पालन से सालाना साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है, जो कि उनके कृषि आय से कई गुना अधिक है। उनके दोनों पुत्र इस व्यवसाय में सहयोग कर रहे हैं। स्थानीय बाजार में मछलियों की अधिक मांग के कारण उनकी मछलियां आसानी से बिक जाती हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने के लिए मछुआरों को तालाब निर्माण, उपकरण, परिपूरक आहार और मत्स्य बीजों के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। श्री जयराम कश्यप ने बताया कि वे अपने तालाब के पास कुक्कुट शेड बनाकर आय के स्रोतों को और बढ़ाने के लिए प्रयासरत् है। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और श्री जयराम कश्यप जैसे प्रगतिशील किसानों के प्रयासों ने दंतेवाड़ा जिले में मत्स्य पालन को एक आकर्षक और स्थायी व्यवसाय बना दिया है। यह सफलता क्षेत्र के अन्य किसानों को भी मत्स्य पालन के प्रति प्रेरित कर रही है। -
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कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप और 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल थे मौजूदराज्य सरकार द्वारा चालू खरीफ सीजन में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमानकेन्द्रीय और राज्य पूल में 125 लाख मीट्रिक टन धान का होगा निष्पादनअतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान की नीलामी के लिए हुआ गहन विचार-विमर्शप्रदेश में अब तक 113 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदीधान खरीदी के एवज में 21.54 लाख किसानों को 25,549 करोड़ रूपए का भुगतानरायपुर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में आज महानदी भवन मंत्रालय में मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य सरकार द्वारा अनुमानित 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान के शत-प्रतिशत निष्पादन के लिए मंथन किया गया। केन्द्रीय और राज्य पूल में 125 लाख मीट्रिक टन धान का निष्पादन हो सकेगा। लगभग अतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान के नीलामी के लिए निविदा प्रक्रिया पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया गया। धान खरीदी के पश्चात माह फरवरी के दूसरे सप्ताह में नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय पर सहमति बनी है। अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में तय होगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सदस्यों ने शत-प्रतिशत धान के निराकरण हेतु अपने-अपने सुझाव भी दिए।
गौरतलब है कि प्रदेश में इस खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन संभावित है। इस खरीफ विपणन वर्ष में भारत सरकार से प्राप्त केन्द्रीय पूल में चावल जमा लक्ष्य (70 लाख मीट्रिक टन) एवं नागरिक आपूर्ति निगम के राज्य पूल लक्ष्य में (14 लाख मीट्रिक टन) से लगभग 125 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण संभव होगा। वहीं लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष रहेगा। जिसकी नीलामी कर निराकरण किया जाना है।
बैठक में धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव, किसानों के लिए पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था, टोकन की स्थिति सहित विभिन्न किसान हित से जुड़े मुद्दे की समीक्षा की गई। बैठक में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। बैठक में मंत्री-मंडलीय उप समिति के सदस्य कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए।खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। वर्तमान में राज्य में 2058 सहकारी समितियां तथा 2739 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से आगामी खरीफ विपणन वर्ष में 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में 14 नवम्बर 2024 से शुरू हुए धान खरीदी महाअभियान के तहत अब तक 113 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में राज्य 21.54 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 25 हजार 549 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव जारी है।
बैठक में खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, सचिव श्री अन्बलगन पी, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, वित्त विभाग के विशेष सचिव श्री मुकेश बंसल, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, सहकारिता विभाग के आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा, खाद्य विभाग के संचालक श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला, मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री रमेश शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री जे. महोबे, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री एम.एस. सवन्नी, खाद्य विभाग के संयुक्त सचिव श्री जी. एस. सिकरवार सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायगढ़ जिला सर्वाधिक घरेलू नल कनेक्शन देने में सबसे आगेरायपुर : राज्य के ग्रामीण अंचलों में निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन देने का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत 50 लाख 03 हजार 730 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना है। जिसके तहत वर्तमान में 40 लाख 15 हजार 635 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ राज्य के 43 हजार 926 स्कूलों, 41 हजार 665 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 17 हजार 319 ग्राम पंचायत भवनों और सामुदायिक उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में टेप नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। जिसमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला सर्वाधिक 2 लाख 504 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देने में सबसे आगे है। इसी तरह जिला महासमुंद 1 लाख 98 हजार 12, जांजगीर-चांपा जिले में 1 लाख 85 हजार 283 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देने में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 55 लीटर के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके लिए सभी जिलों में कार्ययोजना तैयार कर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। इस मिशन के तहत घरेलू नल कनेक्शन के अतिरिक्त स्कूल, उप-स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी रनिंग वाटर की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही साथ जमीनी स्तर पर राज्य में सिंगल विलेज स्कीम और मल्टी विलेज स्कीम सहित अन्य पेयजल योजनाओं सहित जल जीवन मिशन के कार्यों का क्रियान्वयन सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मो. कैसर अब्दुलहक और जल जीवन मिशन संचालक डॉ. सर्वेश्वेर भूरे द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
जल जीवन मिशन के तहत अब तक बलौदाबाजार-भाटापारा में 1 लाख 81 हजार 420, बिलासपुर जिले में 1 लाख 80 हजार 760, रायपुर जिला 1 लाख 79 हजार 390, कबीरधाम 1 लाख 65 हजार 717, धमतरी जिले में 1 लाख 53 हजार 150, बालोद में 01 लाख 52 हजार 264, बेमेतरा जिले में 1 लाख 50 हजार 578, मुंगेली में 1 लाख 48 हजार 563, जशपुर में 1 लाख 44 हजार 163, कोरबा में 1 लाख 43 हजार 867, बस्तर में 1 लाख 43 हजार 514, बलरामपुर में 1 लाख 41 हजार 808 तथा राजनांदगांव जिला 1 लाख 39 हजार 623 नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।इसी तरह दुर्ग 1 लाख 37 हजार 872, सक्ती में 1 लाख 34 हजार 835, गरियाबंद 1 लाख 34 हजार 530, सरगुजा जिले के 1 लाख 29 हजार 662, सांरगढ़-बिलाईगढ़ में 1 लाख 24 हजार 017, सूरजपुर में 1 लाख 15 हजार 072, कांकेर 1 लाख 12 हजार 312, कोण्डागांव में 1 लाख 01 हजार 963, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 68 हजार 187, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 62 हजार 635, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 60 हजार 379, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 47 हजार 113, सुकमा में 46 हजार 477, दंतेवाड़ा में 39 हजार 557, कोरिया में 37 हजार 777, बीजापुर 32 हजार 562, और नारायणपुर जिले में 21 हजार 936 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन -
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अब तक 398 करोड़ 22 लाख रूपए की राशि की जा चुकी है जारीरायपुर : श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मंडल कार्यालय में 41 हजार से अधिक श्रमिकों के बैंक खाते में 23.22 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से अंतरित की। विष्णु देव की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है। 37 हजार से अधिक निर्माण श्रमिकों को 14.83 करोड़ रूपए एवं 4928 असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को राशि रूपए 8.39 करोड़ रूपए, 28 श्रमिकों को पेंशन एवं दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत अनुदान राशि दिया जा रहा है। इस तरह कुल 41 हजार से अधिक श्रमिकों को 23.22 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से अंतरित किए गए। इस अवसर पर सचिव सह श्रमायुक्त श्रीमती अलरमेल मंगई डी, अपर आयुक्त श्रम एस. एल. जांगड़े सहित श्रमिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान श्रम मंत्री ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत चंगोराभाठा निवासी झम्मन यादव को एक लाख रूपए की सहायता राशि का चेक, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत फाफाडीह रायपुर निवासी रेणु मिश्रा एवं उदिया सोसायटी टाटीबंध की दीपा साहू को 20-20 हजार रूपए का चेक, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के अंतर्गत कुशालपुर रायपुर निवासी श्रीमती रेश्मी बाई, प्रोफेसर कॉलोनी रायपुर की लता देवांगन, कोटा रायपुर की हेमलता साहू एवं सड्डू रायपुर की भुवनेश्वरी साहू को एक-एक लाख रूपए की चेक प्रदाय किया गया।
इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है। श्रम विभाग के तीनों मंडल-छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मंडल, संगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल एवं श्रम कल्याण मंडल के माध्यम से योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इसी का परिणाम है की जनवरी से नवम्बर 2024 तक श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 375 करोड़ रूपए अंतरित किये जा चुके हैं। श्रम विभाग के तीनों मंडल के अंतर्गत श्रमिकों के हित में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है।इसमें मिनीमाता जतन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना संचालित की जा रही है। -
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रायपुर : दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को सरल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नया कदम उठाते हुए ’एनी डिवाइस’ नामक विशेष उपकरण प्रदान किया है। यह डिवाइस बच्चों को ब्रेल लिपि को सीखने और पढ़ने में मददगार है। जिला प्रशासन द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय ’सक्षम’ के दृष्टिबाधित बच्चों को यह डिवाईस दिया गया है। ’एनी डिवाइस’ एक स्मार्ट लर्निंग टूल है, जो बच्चों को ब्रेल अक्षरों को पहचानने और लिखने में मदद करता है। यह डिवाइस टच और ऑडियो फीचर्स से लैस है। बच्चे अपनी उंगलियों से डिवाइस पर ब्रेल अक्षरों को छूते हैं, और डिवाइस तुरंत ऑडियो में अक्षर का नाम और उसकी ध्वनि सुनाता है। इसमें इंटरएक्टिव गेम्स और क्विज भी शामिल हैं, जो बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाता है।
दंतेवाड़ा जिले के ’सक्षम’ विद्यालय में 16 दृष्टिबाधित बालिकाएं और 12 बालक पढ़ाई कर रहे हैं। इस नई डिवाइस के आने से न केवल उनकी पढ़ाई आसान हुई है, बल्कि आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है। शिक्षक श्री अमित यादव ने बताया कि ब्रेल लिपि पढ़ाने का अनुभव पहले भी था, लेकिन ’एनी डिवाइस’ ने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य डिजिटल सुविधाओं का अनुभव दिया है। ’एनी डिवाइस’ से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है। यह उपकरण बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें गेम, गानों और अन्य गतिविधियों से भी जोड़ता है। डिवाइस वॉइस असिस्टेंस जैसी तकनीक से लैस है। दंतेवाड़ा प्रशासन का यह प्रयास दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा और तकनीक का समावेश करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2013 में ’सक्षम’ विद्यालय की स्थापना से लेकर ’एनी डिवाइस’ के उपयोग तक, यह पहल दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह शिक्षा में समावेशिता और तकनीकी विकास का प्रतीक बनकर समाज के उन वर्गों के उत्थान है, जिन्हें विशेष सहयोग की आवश्यकता है। -
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रायपुर : गरियाबंद जिले की जनजातीय महिलाओं के जीवन में महतारी वंदन योजना ने नई उम्मीदें जगाई हैं। यह योजना न केवल आर्थिक मदद कर रही है, बल्कि परंपरागत बांसशिल्प कला को सशक्त करने और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कुरूद गांव की कंडरा जनजाति की श्रीमती श्यामा बाई इस योजना की सफलता की मिसाल बन चुकी हैं।
कभी मजदूरी कर मुश्किल से गुजारा करने वाली श्यामा बाई ने योजना से मिलने वाली आर्थिक सहायता का उपयोग अपने पारंपरिक बांसशिल्प व्यवसाय को बढ़ाने में किया। अब उनका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, और उनकी मासिक आय 8,000 रुपए तक पहुंच चुकी है। श्रीमती श्यामा बाई ने बताया कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली प्रतिमाह 1,000 रुपए की राशि उनके व्यवसाय के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है। इससे वह बांस जैसी कच्ची सामग्री समय पर खरीद पाती हैं, जिससे उनका काम तेजी से बढ़ा है।पहले उन्हें पैसे की कमी के कारण कम मात्रा में उत्पाद तैयार करने पड़ते थे, लेकिन अब वह टोकरी, बर्तन और सजावटी सामान के साथ-साथ छोटे उत्पाद जैसे सूपा, चुरकी और टोकनी भी बना पा रही हैं। उनके पति भी इस कार्य में सहयोग करते हैं। साथ मिलकर वे अपने उत्पादों को बिचौलियों के माध्यम से गांवों में बेचते हैं। शादी-विवाह के सीजन में बाजारों में दुकान लगाकर अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं। इस मदद और मेहनत ने उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दी है।
महतारी वंदन योजना के अंतर्गत मिल रही आर्थिक सहायता ने श्यामा बाई और उनके परिवार को आत्मनिर्भर बनाया है। अब उन्हें दूसरों से ऋण लेने की जरूरत नहीं पड़ती, और वह अपने व्यवसाय को कुशलता से चला रही हैं। उनकी सफलता से अन्य जनजातीय परिवार भी प्रेरित हो रहे हैं और बांसशिल्प जैसे परंपरागत व्यवसायों को नए सिरे से अपनाने की ओर अग्रसर हैं। गरियाबंद जिले में महतारी वंदन योजना जैसे प्रयासों ने यह साबित किया है कि यदि योजनाएं सही तरीके से लागू की जाएं, तो इससे न केवल आर्थिक विकास संभव है, बल्कि पारंपरिक कौशल को भी सहेजा जा सकता है।श्रीमती श्यामा बाई आज आत्मनिर्भरता और परिश्रम की एक मिसाल हैं। उनके प्रयास यह से यह प्रमाणित हुआ है कि कैसे सरकारी योजनाएं जनजातीय समुदायों को प्रगति की मुख्यधारा में लाने का कार्य कर रही हैं। श्रीमती श्यामा बाई का कहना है कि महतारी वंदन योजना ने हमें आर्थिक मजबूती और आत्मविश्वास दिया है। अब हम अपने कौशल से अपने बच्चों को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। उनकी यह सफलता अन्य महिलाओं के लिए अनुकरणीय है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखंड में स्थित प्रसिद्ध सांकरदाहरा, आज न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है, बल्कि इसे छत्तीसगढ़ का दूसरा राजिम भी कहा जाने लगा है। शिवनाथ, डालाकस और कुर्रूनाला नदियों के संगम पर स्थित यह स्थान, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
सांकरदाहरा में शिवनाथ नदी के संगम के साथ डालाकस और कुर्रू नाला नदियां मिलती हैं। यहां नदी तीन धाराओं में बंट जाती है और फिर सांकरदाहरा के नीचे आपस में मिलती हैं। इस संगम पर स्थित मंदिर और नदी तट पर बनी भगवान शंकर की 32 फीट ऊंची विशालकाय मूर्ति हर आने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर का रमणीय दृश्य और नौका विहार की सुविधा इस स्थल को और भी खास बनाती है।
सांकरदाहरा में हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य मेला लगता है। यहां न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थि विसर्जन, मुण्डन और पिंडदान के लिए आते हैं। सांकरदाहरा के मंदिर परिसर में अनेक देवी-देवताओं के मंदिर हैं। नदी के बीचों-बीच शिवलिंग की स्थापना सांकरदाहरा विकास समिति द्वारा की गई है। इसके अलावा सातबहिनी महामाया देवी, अन्नपूर्णा देवी, संकट मोचन भगवान, मां भक्त कर्मा, मां शाकंभरी देवी, राधाकृष्ण, भगवान बुद्ध, दुर्गा माता और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र हैं। इन मंदिरों को ग्राम देवरी के ग्रामीणों के सहयोग से स्थापित किया गया है।
सांकरदाहरा के नामकरण के पीछे कई लोक कथाएं प्रचलित हैं। मान्यता है कि नदी के मध्य स्थित गुफा में शतबहनी देवी का निवास है। यह गुफा दो चट्टानों के बीच स्थित दाहरा (गहरा जलभराव) में है। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में लोहे के सांकर (लोहे का सामान) का बार-बार अदृश्य होना और चट्टान के पास पुनः प्रकट होना, इस स्थान के नामकरण का आधार बना।
यह स्थान कई अद्भुत घटनाओं का भी साक्षी है। वर्ष 1950 की एक घटना आज भी जनमानस के बीच प्रचलित है। कहा जाता है कि बरसात के मौसम में लकड़ी इकट्ठा करने गई एक गर्भवती महिला बाढ़ में फंस गई। उसे शतबहनी देवी का स्मरण करने का सुझाव दिया गया, और देवी की कृपा से वह सुरक्षित बच निकली। उस महिला ने बाद में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम संकरु रखा गया। इस घटना ने इस स्थान की आध्यात्मिक महिमा को और भी बढ़ा दिया।
शासन द्वारा सांकरदाहरा में विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यहां धार्मिक आयोजन के लिए दो बड़े भवनों का निर्माण किया गया है। यहां एनीकट के निर्माण से हमेशा जलभराव रहता है, जिससे मुण्डन और पिंडदान जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सुविधाएं बेहतर हुई हैं। पूजन सामग्री और अन्य दुकानों के संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
सांकरदाहरा न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों के लिए भी एक प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल बन चुका है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और लोक कथाएं इसे अद्वितीय बनाती हैं। यह स्थान न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने का माध्यम भी है। -
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कृषक उन्नति योजनारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए संचालित कृषक उन्नति योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और खुशहाली की नई मिसाल कायम की है। इस योजना के माध्यम से किसानों को न केवल उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल रहा है, बल्कि उनकी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम रवेली के किसान श्री अगनुराम साहू इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।
श्री अगनुराम साहू के पास 15 एकड़ जमीन है, जहां वे धान और अन्य फसलों की खेती करते हैं। इस वर्ष कृषक उन्नति योजना के तहत उन्हें 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य मिलने पर उन्हें 2 लाख 40 हजार रूपए का लाभ हुआ। इसके अलावा, उन्हें बकाया धान का बोनस के रूप में 60 हजार रूपए प्राप्त हुए। इस राशि ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई, बल्कि उनके भविष्य की योजनाओं को भी साकार करने में मदद मिली है।
श्री साहू ने बताया कि वे खेती में आधुनिक तकनीकों और नवीनतम यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने धान की बिक्री से मिली राशि से ट्रैक्टर खरीदा है और अब वे उसकी किस्त चुकाने के साथ ही अपने खेत में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, वे अपने सपने का पक्का मकान बनाने की तैयारी भी कर रहे हैं। श्री साहू को न केवल कृषक उन्नति योजना का लाभ मिला है, बल्कि अन्य सरकारी योजनाओं से भी उनकी जिंदगी बेहतर हो रही है।पर्रीनाला एनीकट के माध्यम से सिंचाई के लिए मोटर पंप पर उन्हें 11 हजार रूपए का अनुदान मिला है। घर में नल-जल योजना से स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हुई है। उनकी बहू को महतारी वंदन योजना का लाभ मिला है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और बेहतर हुई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कृषक उन्नति योजना ने हम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। अब हमारे पास न केवल खेती के लिए बेहतर संसाधन हैं, बल्कि हमारी जीवनशैली में भी सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन की योजनाएं उनके जैसे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।कृषक उन्नति योजना के कारण श्री अगनुराम साहू जैसे किसान अब न केवल अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि अपने परिवार का बेहतर भविष्य गढ़ रहे है। श्री साहू जैसे किसान आज छत्तीसगढ़ की कृषि प्रगति की मिसाल बन गए हैं, और उनकी सफलता अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रही है। कृषक उन्नति योजना ने यह साबित कर दिया है, कि योजनाबद्ध तरीके से किसानों का सशक्तिकरण किया जाए, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी जा सकती है। -
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रायपुर : मुंगेली जिले के शुक्लाभाठा-विचारपुर गांव की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सखी सहेली स्व-सहायता समूह के प्रयासों में साफ झलकता है।
समूह की महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सेतगंगा ग्रामीण बैंक से छह लाख रुपए का ऋण लेकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया। इस व्यवसाय से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा बाई गबेल ने बताया कि पहले महिलाएं केवल खेती-बाड़ी पर निर्भर थीं। कम आमदनी के कारण घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं। समूह से जुड़ने और शासन की चक्रीय निधि के तहत 15,000 रुपए का रिवॉल्विंग फंड मिलने के बाद उन्होंने बैंक से ऋण लेकर मछली पालन व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे व्यवसाय को विस्तार देते हुए अब वे आर्थिक रूप से मजबूत हो गई हैं।
समूह की महिलाओं की इस सफलता ने न केवल उनकी जीवनशैली में सुधार किया है, बल्कि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। समूह की अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता शासन की योजनाओं और उनके सही क्रियान्वयन का परिणाम है। सखी सहेली समूह की यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने जीवन को बदलने की दिशा में प्रयासरत हैं। -
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लोगों को आवागमन में मिलेगी बड़ी राहतरायपुर : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने के लिए कन्हर नदी पर बन रहा उच्च स्तरीय पुल स्थानीय लोगों के आवागमन को आसान करेगा। लगभग 15.20 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। पुल के शुरू हो जाने से क्षेत्र के लगभग 20 गांवों की 40 हजार से अधिक आबादी को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।
सनावल क्षेत्र के लोग रोजमर्रा की खरीदारी और इलाज के लिए झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी शहरों पर निर्भर हैं। अभी इन शहरों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। पुल बनने के बाद यह दूरी आधी हो जाएगी। धौली से गढ़वा की वर्तमान दूरी 100 किलोमीटर से घटकर 55 किलोमीटर रह जाएगी। धौली से नगर उटारी की वर्तमान 70 किलोमीटर की दूरी घटकर 35 किलोमीटर हो जाएगी।
पुल के निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे न केवल व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच आवागमन भी सुगम होगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के बालचौरा के बीच इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अभी तक 12 पियर और दो अबटमेंट में से पांच पियर और एक अबटमेंट का काम पूर्ण हो गया है। शेष कार्य तेजी से पूर्णतः की ओर है, इसे जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
पुल के निर्माण से सनावल क्षेत्र के धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर जैसे 20 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी आने-जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने अधिकारियों को पुल निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समय-सीमा के भीतर इसे पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह पुल न केवल क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच व्यापारिक और सामाजिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा। -
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दो फसली खेती और सब्जी उत्पादन से आत्मनिर्भरता की ओररायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे पर मिली भूमि से महासमुंद जिले के ग्राम बैहाडीह निवासी श्री शोभितराम बरिहा के जीवन में बदलाव दिखाई देने लगा है। बिंझवार जाति से ताल्लुक रखने वाले श्री बरिहा वर्षों तक अपने कब्जे की जमीन पर खेती करते रहे, लेकिन वर्षा पर निर्भरता और संसाधनों की कमी के चलते बेहतर फसल उत्पादन न कर पाना और अपनी मेहनत से उपजायी फसल को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर थे। उनकी सालाना आय मुश्किल से 25-30 हजार रुपये तक सीमित थी।
लेकिन वन अधिकार अधिनियम के तहत काबिज भूमि का पट्टा मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने नई दिशा ली। पट्टा मिलने के बाद शोभितराम ने जमीन का शासन की मनरेगा योजना के तहत सुधार और समतलीकरण हुआ, जिससे उनकी खेती अधिक उत्पादक हो गई। अब वे अपनी उपज को सरकारी धान उपार्जन केंद्रों समर्थन मूल्य पर बेचने के साथ ही शासन की ओर से मिलने वाली आदान सहायता का लाभ भी पाने लगे हैं। उनकी वार्षिक आय अब 60-70 हजार रुपये तक पहुंच गई है, जो पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।
वन अधिकार पट्टा ने शोभितराम को आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने का रास्ता दिखाया। ट्यूबवेल लगाकर उन्होंने सिंचाई की सुविधा सृजित की, जिससे अब वे साल में दोहरी फसल उपजा पा रहे हैं। ग्रीष्मकाल में गेहूं, सूरजमुखी और सब्जियों की खेती ने उनकी आय को और बढ़ा दिया। आर्थिक स्थिति सुधरने से उन्होंने अपने परिवार के लिए एक पक्का मकान बनवाया। इतना ही नहीं, उन्होंने एक नया ट्रैक्टर भी खरीदा, जो उनके कृषि कार्यों में सहायक होने के साथ-साथ किराये पर देकर आय का अतिरिक्त स्रोत बन गया है। वन अधिकार पट्टा मिलने से जीवन में आयी निश्चितता और स्थिरता ने न केवल शोभितराम की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया। उनके परिवार में अब खुशहाली है और वे अपने भविष्य को लेकर अधिक आशावान हैं।
शोभितराम कहते हैं, वन अधिकार पट्टा मिलने के बाद मैंने अपनी जमीन पर पूरी तरह से मेहनत की। सरकार की योजनाओं और तकनीकी मदद से अब मुझे खेती से अच्छी आय हो रही है। इससे मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और अपने परिवार का जीवन बेहतर बनाने में सक्षम हुआ हूं। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल ग्रामीण समुदाय के जीवन में स्थिरता, आर्थिक सुधार और सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार बन रही है। -
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दो फसली खेती और सब्जी उत्पादन से आत्मनिर्भरता की ओररायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की वन अधिकार अधिनियम के तहत पट्टे पर मिली भूमि से महासमुंद जिले के ग्राम बैहाडीह निवासी श्री शोभितराम बरिहा के जीवन में बदलाव दिखाई देने लगा है। बिंझवार जाति से ताल्लुक रखने वाले श्री बरिहा वर्षों तक अपने कब्जे की जमीन पर खेती करते रहे, लेकिन वर्षा पर निर्भरता और संसाधनों की कमी के चलते बेहतर फसल उत्पादन न कर पाना और अपनी मेहनत से उपजायी फसल को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर थे। उनकी सालाना आय मुश्किल से 25-30 हजार रुपये तक सीमित थी।
लेकिन वन अधिकार अधिनियम के तहत काबिज भूमि का पट्टा मिलने के बाद उनकी जिंदगी ने नई दिशा ली। पट्टा मिलने के बाद शोभितराम ने जमीन का शासन की मनरेगा योजना के तहत सुधार और समतलीकरण हुआ, जिससे उनकी खेती अधिक उत्पादक हो गई। अब वे अपनी उपज को सरकारी धान उपार्जन केंद्रों समर्थन मूल्य पर बेचने के साथ ही शासन की ओर से मिलने वाली आदान सहायता का लाभ भी पाने लगे हैं। उनकी वार्षिक आय अब 60-70 हजार रुपये तक पहुंच गई है, जो पहले की तुलना में दोगुनी से भी अधिक है।
वन अधिकार पट्टा ने शोभितराम को आधुनिक कृषि तकनीक अपनाने का रास्ता दिखाया। ट्यूबवेल लगाकर उन्होंने सिंचाई की सुविधा सृजित की, जिससे अब वे साल में दोहरी फसल उपजा पा रहे हैं। ग्रीष्मकाल में गेहूं, सूरजमुखी और सब्जियों की खेती ने उनकी आय को और बढ़ा दिया। आर्थिक स्थिति सुधरने से उन्होंने अपने परिवार के लिए एक पक्का मकान बनवाया। इतना ही नहीं, उन्होंने एक नया ट्रैक्टर भी खरीदा, जो उनके कृषि कार्यों में सहायक होने के साथ-साथ किराये पर देकर आय का अतिरिक्त स्रोत बन गया है। वन अधिकार पट्टा मिलने से जीवन में आयी निश्चितता और स्थिरता ने न केवल शोभितराम की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया। उनके परिवार में अब खुशहाली है और वे अपने भविष्य को लेकर अधिक आशावान हैं।
शोभितराम कहते हैं, वन अधिकार पट्टा मिलने के बाद मैंने अपनी जमीन पर पूरी तरह से मेहनत की। सरकार की योजनाओं और तकनीकी मदद से अब मुझे खेती से अच्छी आय हो रही है। इससे मैं अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने और अपने परिवार का जीवन बेहतर बनाने में सक्षम हुआ हूं। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल ग्रामीण समुदाय के जीवन में स्थिरता, आर्थिक सुधार और सामाजिक प्रतिष्ठा का आधार बन रही है। -
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वन विभाग की बड़ी कार्रवाई: 43 किलो स्केल्स बरामदरायपुर : छत्तीसगढ़ के वन विभाग ने एक बार फिर से वन्यजीव तस्करों के खिलाफ बड़ी सफलता हालिस की है। वनमंडल बस्तर, राज्यस्तरीय वन उड़नदस्ता रायपुर और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई में 43 किलो पेंगोलिन स्केल्स (साल खपरी का छाल) जब्त किए हैं। वन्य तस्करों की धरपकड़ का यह अभियान वन मंत्री श्री केदार कश्यप और प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री श्रीनिवास राव के मार्गदर्शन में संचालित किया गया।
गुप्त सूचना के आधार पर 7 जनवरी को किए गए छापों में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया। इनमें से पहला आरोपी, जेम्स मैथ्यू, जगदलपुर रेंज के ग्राम तेली मारेंगा का निवासी है, जिसके घर से 32 किलोग्राम पेंगोलिन स्केल्स बरामद किए गए। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आरोपी ने लॉकडाउन के दौरान बीजापुर के अंदरूनी इलाकों से इन स्केल्स को एकत्र किया था और खरीदार की तलाश में था। दूसरी कार्रवाई चित्रकोट रेंज के मारडूम-बारसूर मार्ग पर हुई, जहां चुन्नीलाल बघेल और राजकुमार कुशवाहा को 11 किलो पेंगोलिन स्केल्स के साथ रंगे हाथों पकड़ा गया। हालांकि, इनके दो साथी जंगल का सहारा लेकर भागने में कामयाब रहे। फरार आरोपियों की तलाश जारी है। तस्करी में इस्तेमाल की गई एक मोटरसाइकिल भी बरामद की गई है। गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय में प्रस्तुत कर कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उक्त कार्यवाही में उप वनमण्डलाधिकारी जगदलपुर श्री देवलाल दुग्गा, उप वनमण्डलाधिकारी चित्रकोट श्री योगेश कुमार रात्रे, वन परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट श्री प्रकाश ठाकुर, वन परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर श्री देवेन्द्र वर्मा, परिक्षेत्र अधिकारी कोलेंग श्री बुधराम साहू, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी चित्रकोट श्री बुधरू राम कश्यप, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर (ग्रामीण) श्री लल्लन जी तिवारी, सहायक परिक्षेत्र अधिकारी जगदलपुर (शहर) श्री श्रीधर नाथ स्नेही, परिसर रक्षक श्री चौतन सिंह कश्यप, कु. शारदा मण्डावी, श्री शंकर सिंह बघेल, श्री गोपाल नाग, श्री राम सिंह बघेल, श्री कैलाश नागेश, कु. कविता ठाकुर, श्रीमती कुन्ती कश्यप, श्रीमती जया नेताम, श्रीमती सोनमती, श्रीमती चंद्रीका राणा, श्रीमती दीपा पटेल, श्री उमर देव कोर्राम, श्री कमल ठाकुर आदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा। -
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रायपुर : भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष 25 जनवरी को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस‘ सम्पूर्ण भारत में मनाया जाता है। निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ में 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाएगा। इस संबंध में आज छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय महानदी भवन नवा रायपुर द्वारा परिपत्र जारी कर दी गई है। जारी परिपत्र के अनुसार 25 जनवरी 2025 को ‘राष्ट्रीय मतदाता दिवस‘ के अवसर पर सभी शासकीय अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षण संस्थानों में पूर्वान्ह 11ः00 बजे शपथ लेने की कार्यवाही की जाएगी। इसके साथ ही सभी शासकीय व सार्वजनिक उपक्रम कार्यालय एवं शिक्षण संस्थानों में भारत निर्वाचन आयोग के लोगो, जो मतदान के महत्व की पुष्टि करता है का उपयोग आधिकारिक वेबसाइटों में भी किया जाएगा। जारी पत्र के अनुसार उक्त सभी गतिविधियों के फोटोग्राफ्स भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उपलब्ध करायी गई शासकीय सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड किए जाने का भी निर्देश दिया गया है। -
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नियद नेल्लानार, पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के लक्ष्यों को समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देशप्रमुख सचिव श्री बोरा ने की विभागीय काम-काज की समीक्षारायपुर : आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री सानमणि बोरा ने विभागीय अधिकारियों की बैठक लेकर काम-काज की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आश्रम-छात्रावासों में साफ-सफाई के लिए ‘स्वच्छ परिसर स्वच्छ जीवन’ अभियान चलाया जाए। श्री बोरा ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नियद नेल्लानार, पीएम जनमन एवं धरती आबा जनजाति ग्राम उत्कर्ष अभियान के लक्ष्यों को समय-सीमा में पूरा कर करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के तहत पात्र हितग्राही योजना का लाभ लेने से वंचित न रहे इसका भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाए। बैठक नवा रायपुर स्थित आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के सभाकक्ष में सम्पन्न हुई। समीक्षा बैठक में आयुक्त श्री पी.एस.एल्मा, अपर संचालक श्री संजय गौड़ सहित सहायक आयुक्त, आदिवासी विकास एवं संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।प्रमुख सचिव श्री सोनमणि बोरा ने कहा कि छात्रावास आश्रमों में प्राप्त सामग्री के उपयोग से पूर्व निर्माण एवं क्रय समिति से अनुमोदन के साथ ही सामग्री का भौतिक सत्यापन भी कराया जाए। उन्होंने सहायक आयुक्तों को अनुदान प्राप्त शासकीय संस्थाओं की हर चार माह में बैठक लेने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा न्यायालयीन प्रकरणों की अद्यतन स्थिति की भी समीक्षा की और लंबित प्रकरणों का शीघ्र निराकरण करने के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावास-आश्रमों की साफ-सफाई के संबंध में ष्स्वच्छ परिसर स्वच्छ जीवनष् अभियान चलाने के निर्देश भी दिए। इस अभियान के अंतर्गत छात्रावास-आश्रमों में स्वच्छ शौचालय, स्वच्छ रसोई घर, बच्चों की क्लासरूम एवं शयन कक्ष में साफ सफाई, परिसर में साफ सफाई, किचन गार्डन एवं परिसर में डी.डी.टी. का छिड़काव इत्यादि व्यवस्थाएं किया जाना है। इसके अलावा बच्चों को टीकाकरण, सिकलसेल जांच, मलेरिया जांच, एनीमिया जांच एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी व्यवस्थाएं करने के निर्देश दिए।
उन्होंने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2025-26 हेतु भर्ती की प्रक्रिया को शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विद्यालयों में प्रवेश बढ़ाने के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। पीवीटीजी समुदाय का कोई भी बच्चा शिक्षा के मौलिक अधिकार से वंचित नहीं रहना चाहिए, इसका पूर्ण ध्यान रखा जाए। उन्होंने निर्माण कार्यों में पूर्ण गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए और सहायक आयुक्त एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को नियमित रूप से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए। प्रमुख सचिव श्री बोरा द्वारा टीआरटीआई परिसर में निर्माणाधीन शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय का भी निरीक्षण किया गया उन्होंने कार्य की अपेक्षित प्रगति ना होने पर निर्माण एंजेसी के अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कार्य को पूर्ण गुणवत्ता सहित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। -
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वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने पुसौर विकासखण्ड में विभिन्न विकास कार्यों का किया लोकार्पणरायपुर : वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने आज रायगढ़ जिले के पुसौर विकासखण्ड अंतर्गत बाघाडोला, नवापारा-अ एवं छपोरा में 70 लाख रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि हमारी सरकार गांव, गरीब, किसानों सहित सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। ग्रामीण अंचलों में जनसुविधाओं के विस्तार हेतु लगातार कार्य किया जा रहा है। अधोसंरचना विकास के कार्य तेजी से आगे बढ़ाएं जा रहे है। वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि सरकार गठन के उपरांत 18 लाख आवास निर्माण को स्वीकृति दी गई।इन आवासों का निर्माण पूरी तेजी से करवाया जा रहा है। पीएम आवास योजना से गरीबों के पक्के मकान का सपना पूरा हो रहा है। महतारी वंदन योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं। उन्हें प्रतिमाह एक-एक हजार रूपये राशि उनके खाते में भेजी जा रही है। जिससे महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं, बल्कि अपने घर-परिवार में भी निर्णय लेने में बराबरी का हक महसूस कर रही हैं। इसके साथ ही विभिन्न जनहितैषी योजनाओं के माध्यम से किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के लिए कृषक उन्नति योजना के माध्यम से दो साल का बोनस दिया गया। इसी तरह किसानों से 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल के मान से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदा जा रहा है। रामलला दर्शन योजना के माध्यम से बुजुर्गाे को अयोध्या धाम के दर्शन कराए जा रहे है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अधिकारियों से कहा कि सभी निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ किए जाए। इसमें समय-सीमा का भी विशेष ध्यान रखें। हमारा उद्देश्य लोगों को जनोपयोगी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। इसके लिए सभी अपने दायित्वों का कुशलता पूर्वक निर्वहन करें। वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने पुसौर विकासखण्ड के बाघाडोला, नावापारा-अ एवं छपोरा में 70 लाख रुपये से अधिक के विकास कार्यों का लोकार्पण किया। इनमें बाघाडोला में 25 लाख 40 हजार रुपये की लागत से 3 सीसी रोड निर्माण, 1 लाख 50 हजार रुपये की लागत से दर्री तालाब में पचरी निर्माण, 10 लाख रुपये की लागत से सामुदायिक भवन के पास शेड निर्माण शामिल है। इसी तरह नावापारा-अ में 10 लाख रुपये की लागत से सीसी रोड निर्माण तथा छपोरा में 12 लाख 90 हजार रुपये की लागत से आंगनबाड़ी भवन निर्माण तथा 10 लाख 35 हजार रुपये की लागत से मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय निर्माण शामिल है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने दी अकादमियों की मंजूरीरायपुर में टेनिस अकादमी और राजनांदगांव में हॉकी अकादमी होगी शुरूरायपुर : छत्तीसगढ़ में खेल अधोसंरचनाओं को तेजी से विकसित किया जा रहा है। नए साल में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों को बड़ी सौगात दी हैं। उन्होंने राजधानी रायपुर में टेनिस अकादमी और राजनांदगांव में हॉकी अकादमी का प्रारंभ करने के लिए मंजूरी दी है। इन दो नई अकादमी के प्रारंभ होने से यहां के खिलाड़ी टेनिस और हॉकी के क्षेत्र में देश में छत्तीसगढ़ की नई पहचान बना सकेंगे। टेनिस और हॉकी अकादमियों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की अत्याधुनिक खेल सुविधाओं के साथ ही उत्कृष्ट कोच भी उपलब्ध होंगे।जहां खिलाड़ियों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण मिलेगा, वहीं हॉकी और टेनिस के खिलाड़ियों को अपने हुनर को संवारने और निखारने में मदद मिलेगी। इन खेल अकादमियों की स्थापना से राज्य में खेलों के विकास के लिए एक नया वातावरण बनेगा। छत्तीसगढ़ के खिलाड़ी भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन कर प्रदेश और देश का नाम रौशन कर सकेंगे। गौरतलब है कि वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने रायपुर में स्थापित होने वाले टेनिस अकादमी के लिए 13 नए पदों तथा राजनांदगांव की हॉकी अकादमी के लिए 14 नए पदों के सृजन की स्वीकृति दी हैं।