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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जिला प्रशासन की तत्परता से श्रीमती रन्ता को मिली अनुकंपा नियुक्तिबलरामपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के निर्देशों के तहत अनुकंपा नियुक्ति देने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। इसी क्रम में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के नेतृत्व में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का त्वरित निराकरण किया जा रहा है। कलेक्टर श्री कटारा ने संवेदनशीलता के साथ दिवंगत स्व. श्री ब्रम्हदेव सिंह की पत्नी श्रीमती रन्ता सिंह को नियुक्ति पत्र प्रदान करते हुए निष्ठा और लगन के साथ कार्य करने के लिए शुभकामनाएं दी।विकासखंड वाड्रफनगर के ग्राम कमलपुर निवासी स्व. श्री ब्रम्हदेव सिंह कार्यालय जनपद पंचायत वाड्रफनगर अंतर्गत सचिव के पद पर पदस्थ थे। स्व. श्री ब्रम्हदेव सिंह की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी श्रीमती रन्ता सिंह को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की गई। कलेक्टर श्री कटारा द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को समयबद्ध तरीके से पूरा किया, जिससे न केवल दिवंगत कर्मचारी के परिवार को राहत मिली, बल्कि उनका भविष्य भी सुरक्षित हुआ है। इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय एवं कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा को धन्यवाद दिया। -
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कोरिया : जिले के श्रम पदाधिकारी ने जानकारी दी है कि छत्तीसगढ़ भवन एवं सन्ननिर्माण कर्मकार मंडल के गठन से अभी तक ऐसे पंजीकृत श्रमिक, जिनकी पंजीयन की वैधता समाप्त हुए एक वर्ष या उससे अधिक हो चुके हैं वे नवीनीकरण पंजीयन 31 दिसम्बर 2024 तक आवेदन कर सकते हैं। समय पर नहीं नवीनीकरण नहीं होने पर अपंजीकृत माना जाएगा। इस सम्बंध में अधिक जानकारी हेतु मुख्यमंत्री श्रमिक सहायता केन्द्र 0771-3505050 में सम्पर्क करने की सुविधा है। -
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महासमुंद : स्वामित्व योजना के तहत प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 27 दिसम्बर को देशभर के 50 हजार गांवों में 58 लाख प्रॉपर्टी कार्ड का वितरण करेंगे। इस अवसर पर योजना के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे एवं लाभार्थी कार्ड धारकों के साथ संवाद भी करेंगे। इसके तहत जिला स्तर पर स्वामित्व योजना कार्यक्रम का आयोजन जिला मुख्यालय शंकराचार्य सांस्कृतिक भवन में शुक्रवार 27 दिसम्बर 2024 को सुबह 11 बजे से आयोजित किया गया है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में खाद्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयाल दास बघेल शामिल होंगे। -
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महासमुंद : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन वर्ष 2024-25 के लिए आरक्षण की प्रक्रिया के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समय-सारणी घोषित कर दी गई है। जिले में जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्य, सरपंच एवं पंच पदों के लिए प्रवर्गवार आरक्षण की प्रक्रिया 28 और 29 दिसंबर को पूरी की जाएगी। आज कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह की उपस्थिति में आरक्षण की प्रक्रिया को लेकर सभी अनुविभागीय अधिकारी, तहसीलदार और निर्वाचन से जुड़े अधिकारियों को हैंड्स ऑन प्रशिक्षण दिया गया।कलेक्टर ने विहित अधिकारियों को स्थानीय निर्वाचन के निर्देशानुसार और नियमानुसार आरक्षण की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ पालन करने के निर्देश दिए हैं। उप संचालक पंचायत दीप्ति साहू ने आरक्षण की प्रक्रिया के संबंध में पॉवर पॉईंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। साथ ही उपस्थित अधिकारियों को मॉक ट्रेनिंग भी कराया गया। ज्ञात है कि 28 दिसम्बर को पंच एवं सरपंच पदों के लिए विकासखण्ड स्तर पर आरक्षण की प्रक्रिया होगी तथा 29 दिसम्बर को जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष व जनपद सदस्य पदों के लिए प्रवर्गवार आरक्षण किया जाएगा। -
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महासमुंद : आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा शिक्षा सत्र 2024-25 के लिए जिले में संचालित समस्त शैक्षणिक शासकीय व अशासकीय महाविद्यालय, मेडिकल, कृषि, वेटनरी, पॉलीटेक्निक कॉलेज, आई.टी.आई., नर्सिंग, डी.एड. एवं बी.एड. में अध्ययन कर रहें अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थी ऑनलाइन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु पात्र होंगे।ऑनलाइन आवेदन http://postmatric-scholarsip.cg.nic.in वेबसाइट पर कर सकते हैं। आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त ने बताया कि ऑनलाइन पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए नवीन एवं नवीनीकरण ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 तक निर्धारित है। ड्राफ्ट प्रपोजल लॉक करने के लिए 15 फरवरी 2025 तक एवं सैंक्शन ऑर्डर लॉक करने के लिए 28 फरवरी 2025 तक का समय रहेगा।
उन्होंने बताया कि निर्धारित तिथि तक कार्यवाही पूर्ण नहीं करने पर यदि संबंधित विद्यार्थी छात्रवृत्ति से वंचित रह जाते है, तो इसके लिए संस्था जिम्मेदार होंगे। पीएफएमएस के माध्यम से आधार आधारित पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाएगा। सभी विद्यार्थी आवेदन करते समय ध्यान रखें कि उनका बचत खाता एक्टिव हो एवं आधार सीडेड बैंक खाता नम्बर की प्रविष्टि कराएं।पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति हेतु किए गए आवेदन का सत्यापन आधार से लिंक मोबाईल नम्बर पर ओ.टी.पी. के माध्यम से किया जाएगा। विद्यार्थी आवेदन करते समय आधार नम्बर पर पंजीकृत मोबाइल नम्बर की प्रविष्टि कराएं। वर्ष 2024-25 से अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के विद्यार्थियों को अनिवार्य रूप ओटीआर की प्रविष्टि ऑनलाइन आवेदन करते समय की जानी है। इस संबंध में संबंधित संस्थाओं द्वारा जानकारी प्रदाय की जाएगी। -
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कोरिया : जिला प्रशासन ने बैकुण्ठपुर तहसील के तरगवां (हायर सेकेण्डरी स्कूल) में 27 दिसम्बर 2024 को जिला स्तरीय जनसमस्या निवारण शिविर का आयोजन किया जा रहा है। कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने जिला अधिकारियों से कहा है कि उक्त शिविर में पहुंचकर महत्वपूर्ण योजनाओं के बारे में आम लोगों को अवगत करांए। श्रीमती त्रिपाठी ने ग्रामीणों से अपील करते हुए कहा है कि इस शिविर में बड़ी संख्या में आए और अपनी समस्याओं को दर्ज कराएं।बता दें जनसमस्या निवारण शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों की समस्याओं का समाधान करना और जनहित के मुद्दों पर तत्परता से कार्यवाही करना है। इन शिविरों में जिला प्रशासन व विभिन्न विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। शिविर के दौरान नागरिक अपनी शिकायतें दर्ज करवा सकेंगे और तुरंत आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकेंगे। प्रशासन ने आम जनता से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपनी समस्याएं प्रस्तुत करने का आग्रह किया है, ताकि समय पर उनका निवारण हो सकें। -
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महासमुंद : खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण व जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयाल दास बघेल शुक्रवार 27 दिसंबर को महासमुंद के दौरे पर रहेंगे। जारी कार्यक्रम अनुसार खाद्य मंत्री श्री बघेल सुबह 9ः45 बजे रायपुर से प्रस्थान करेंगे तथा सुबह 11 बजे महासमुंद पहुंकर स्थानीय स्वामित्व योजना कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। तत्पश्चात दोपहर 2 बजे जिला महासमुंद से बलौदाबाजार के लिए रवाना होंगे। -
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आधुनिक जन सेवाओं और जनहित कार्यों में तत्परमहासमुंद : तहसील कार्यालय बसना, ब्रिटिश शासनकाल से लेकर वर्तमान समय तक, प्रशासनिक और जनहित कार्यों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह कार्यालय न केवल भूमि से संबंधित नागरिकों की जरूरतों को पूरा करता है, बल्कि शासन की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने में भी अग्रणी है।राजस्व विभाग का यह प्रमुख हिस्सा जिले की प्रशासनिक व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान देता है। फौती नामांतरण, खाता बंटवारा, सीमांकन, डायवर्सन, और बंदोबस्त त्रुटि सुधार जैसे भूमि कार्यों का समय पर निपटान इसका मुख्य उद्देश्य है। साथ ही, आय, जाति, और निवास प्रमाण-पत्र जैसे दस्तावेज लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत तय समय सीमा में नागरिकों को प्रदान किए जाते हैं।
कलेक्टर के मार्गदर्शन मे तहसील कार्यालय बसना ने हाल ही में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को 1 करोड़ रुपये की मुआवजा राशि वितरित की है। इसके अलावा, आधुनिक रिकॉर्ड रूम के निर्माण के लिए 30 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं, जिससे भूमि से संबंधित दस्तावेजों को ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। तहसीलदार ममता ठाकुर के विशेष पहल से परिसर में नागरिक सुविधाओं में सुधार किया गया है, जैसे रंग-रोगन, गार्डनिंग, शुद्ध पेयजल, और बैठने की व्यवस्था।इसके अतिरिक्त, किसानों के धान पंजीयन और उपार्जन केंद्रों की निगरानी, अवैध धान संग्रहण की जांच, और भू-अभिलेख अद्यतन जैसे कार्य समय पर पूरे किए गए हैं। कार्यपालिक दंडाधिकारी के रूप में, कानून व्यवस्था बनाए रखना, सार्वजनिक वितरण प्रणाली, स्वास्थ्य केंद्रों, और शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण करना और आवश्यक निर्देश जारी करना तहसील कार्यालय की नियमित गतिविधियों में शामिल है। इन प्रयासों ने कार्यालय को नागरिकों और प्रशासन के बीच विश्वास का प्रतीक बना दिया है। -
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जनता की समस्याओं का प्राथमिकता से करें निराकरण:- कलेक्टर श्री कटाराबलरामपुर : संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा की अध्यक्षता में समय-सीमा की बैठक संपन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री कटारा ने खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 में हो रही धान खरीदी की समीक्षा की। उन्होंने शासन के द्वारा निर्धारित मानदंडों के अनुरूप धान खरीदी सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर कहा कि आगामी दिवसों में धान खरीदी में तेजी आएगी, इसके लिए सभी संबंधित अधिकारी धान खरीदी केन्द्रों, समीवर्ती चेकपोस्टों की निरन्तर मॉनिटरिंग करें।साथ ही अवैध धान के परिवहन करते पाए जाने पर कड़ी कार्यवाही करें। समय-सीमा की बैठक में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा ने लोक सेवा गारंटी के तहत प्राप्त आवेदनों का समय-सीमा में निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने ने राजस्व प्रकरणों की समीक्षा करते हुए पेंशन प्रकरण, ई-कोर्ट, अविवादित नामांतरण, सीमांकन, नक्शा, बटांकन, भू-अर्जन मुआवजा स्थिति, पेंशन प्रकरण भुगतान संबंधित प्रकरणों की समीक्षा करते हुएआम जनता की समस्याओं का निराकरण समय-सीमा में सुनिश्चित करने को कहा। कलेक्टर ने आरबीसी 6-4 के प्रकरणों की जानकारी लेते हुए शीघ्र निराकरण करने के निर्देश दिये। उन्होंने समय-सीमा के लंबित प्रकरणों की विभागवार समीक्षा करते हुए सभी आवेदनों को प्राथमिकता के साथ शीघ्र निराकरण करने को कहा।
कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा ने नव उल्लास साक्षरता कार्यक्रम की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य असाक्षरों को पढ़ाने-लिखाने के साथ उन्हें आजीवन सीखने को प्रोत्साहित करना और जीवन कौशल की समझ को समृद्ध करना है। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनते हुए अपनी सहभागिता देने की बात कही। कलेक्टर ने अवैध उत्खनन और परिवहन की रोक पर समीक्षा करते हुए कहा कि इनके रोकथाम के लिए तहसील स्तर पर निगरानी बढ़ायें और नियमित जांच करें।उन्होंने वाहनों की जांच के दौरान सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने पर आवश्यक कार्यवाही करने को कहा। बैठक में कलेक्टर ने पीएम जनमन अंतर्गत की जा रही गतिविधियां, स्वास्थ्य शिविर, जाति प्रमाण पत्र, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जल जीवन मिशन, हितग्राही मूलक योजनाओं के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी ली। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रेना जमील, संयुक्त कलेक्टर आर.एन. पाण्डेय, प्रमोद गुप्ता, सर्व अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सर्व जनपद सीईओ सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे। -
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बलरामपुर : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिवस के अवसर पर 25 दिसम्बर को सुशासन दिवस के तहत बलरामपुर जिले में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसी कड़ी में चांदो चौक स्थित हनुमान मंदिर परिसर में सामरी विधायक श्रीमती उद्धेश्वरी पैकरा के मुख्य आतिथ्य में अटल परिसर निर्माण का वर्चुअल भूमिपूजन समारोह दोपहर 02 बजे से आयोजित होगा। जिले में सुशासन के मूल्यों को बढ़ावा देने और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के आदर्शों को स्मरण करते हुए विभिन्न आयोजन होंगे। -
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2047 तक विकसित जिला बनाने के लिए कार्ययोजना तैयार-कलेक्टरकोरिया : सुशासन सप्ताह के समापन व भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशती के अवसर पर जिला प्रशासन कोरिया द्वारा जिला पंचायत के मंथन कक्ष में फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का संदेश को सुना गया, जिसमें उन्होंने अटल जी को याद करते हुए उनकी जन्मशती को ‘‘अटल निर्माण वर्ष‘‘ के रूप में मनाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘अटल जी का विराट व्यक्तित्व और राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान ने भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणादायी है।‘‘
फोटो प्रदर्शनी का उद्घाटन और श्रद्धांजलिविधायक श्री भैयालाल राजवाड़े ने प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए अटल जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा, ‘‘अटल जी का जीवन प्रेरणा और कर्तव्यनिष्ठा का प्रतीक है। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व ने देश को एक सशक्त और विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में अग्रसर किया। हमें उनके आदर्शों को आत्मसात कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।‘‘
कोरिया के विकास की नई योजनाएंकार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने जिले को 2047 तक विकसित जिला बनाने के लिए तैयार कार्ययोजना पर प्रकाश डाला। कलेक्टर ने बताया कि पर्यटन विकास के लिए तीन जलप्रपातों को चिन्हित कर उनके विकास की योजना तैयार की गई है। होम स्टे जैसी योजनाओं को बढ़ावा देकर स्थानीय रोजगार के अवसर विकसित किए जाएंगे। कलेक्टर ने कहा कि जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने और महिलाओं की भागीदारी से जल शक्ति अभियान को सशक्त किया जाएगा, वहीं जिले को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए विशेष योजनाएं लागू की जाएंगी।
सुशासन का संदेशजिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी ने अपने संदेश में कहा, ‘‘सुशासन का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब शासन की योजनाएं हर जरूरतमंद तक पहुंचें। हमें अटल जी की नीतियों और विचारों से प्रेरणा लेते हुए इस दिशा में कार्य करना होगा।‘‘ कार्यक्रम में डॉ. राजकुमार शर्मा ने अटल जी की कालजयी कविता ‘‘गीत नया गाता हूं‘‘ का भावपूर्ण पाठ किया। यह प्रस्तुति अटल जी के साहित्यिक पक्ष को सामने लाती है, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण है।
प्रदर्शनी के प्रति उत्साहयह फ़ोटो प्रदर्शनी दो दिनों तक जनता के लिए खुली रहेगी, जिसमें अटल जी के जीवन के महत्वपूर्ण क्षणों और उपलब्धियों को दर्शाने वाली तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं। इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, स्व-सहायता समूह की महिलाएं और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। अटल जी के विचार और कृतित्व सभी के लिए प्रेरणा के स्त्रोत बने हुए हैं। -
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जिले में पशु सखी उद्यमिता केंद्र का उद्घाटनजिले की महिलाओं में हुनर और जुनून की कोई कमी नहीं-कलेक्टरकोरिया : जिले में लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास तेजी से जारी हैं। इसी कड़ी में विकासखंड सोनहत के ग्राम कटगोड़ी में क्रांति महिला संकुल स्तरीय संगठन की सदस्य प्रमिला यादव (पशु सखी) ने अपने पशु सखी उद्यमिता केंद्र की शुरुआत की। इस केंद्र का उद्घाटन सोनहत-भरतपुर विधानसभा की विधायक श्रीमती रेणुका सिंह ने किया।
जिले की महिलाओं में हुनर और जुनून की कोई कमी नहीं कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी ने कहा है कि जिले की महिलाओं में हुनर और जुनून की कोई कमी नहीं है, उन्हें उचित मार्गदर्शन और अवसर की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, स्व-सहायता समूह की महिलाओं के विकास के लिए कृतसंकल्प हैं। जिला कलेक्टर श्रीमती चन्दन त्रिपाठी के निर्देश और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. आशुतोष चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में बिहान स्व-सहायता समूह की महिलाएं लगातार उद्यमशीलता के कार्य में जुटी हुई हैं।
महिलाओं की प्रगति की नई राहकार्यक्रम के दौरान विधायक ने प्रमिला यादव के इस साहसिक कदम की सराहना की और कहा कि यह प्रयास जिले की महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है। उन्होंने कहा, ‘लखपति दीदी योजना के अंतर्गत महिलाएं अपने जीवन में नए आयाम स्थापित कर रही हैं। स्व सहायता समूहों द्वारा शुरू किए गए उद्यम महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहे हैं।‘
2600 लखपति दीदियों का लक्ष्यजिले में एक वर्ष के भीतर 2600 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का लक्ष्य रखा गया है। अब-तक 1460 महिलाएं इस दिशा में कदम बढ़ा चुकी हैं। वित्तीय वर्ष के अंत तक ये सभी महिलाएं आर्थिक सशक्तिकरण के इस मील के पत्थर को हासिल कर लेंगी। वर्तमान में जिले में 4490 महिलाएं लखपति दीदी की श्रेणी में शामिल हो चुकी हैं।
समारोह में शामिल गणमान्यइस अवसर पर क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि, सरपंच, क्रांति महिला संगठन की अध्यक्ष व सचिव, जिला पंचायत से डीपीएम श्री तरुण सिंह, ब्लॉक से बीपीएम मसत राम तथा प्रदान संस्था से कृपा शंकर और आकाश उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान उपस्थित सभी अतिथियों ने महिलाओं के इन प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इस दिशा में हरसंभव सहयोग देने का वादा किया।जिला प्रशासन और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा चलाए जा रहे इन कार्यक्रमों से जिले की महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर बन रही हैं, बल्कि पूरे समाज को भी सशक्त बना रही हैं। -
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महासमुन्द : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंतर्गत आवास मित्र / समर्पित मानव संसाधन भर्ती प्रक्रिया के तहत जनपदवार मेरिट, चयनित और प्रतीक्षा सूची तैयार की गई है। दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी होने के बाद मेरिट सूची तैयार की गई है। उम्मीदवार अपनी जनपदवार चयन सूची का अवलोकन जिला महासमुन्द की आधिकारिक वेबसाइट www.mahasamund.gov.in पर कर सकते हैं। -
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धान खरीदी सुचारु रूप से करने एवं धान उठाव करने के निर्देश दिएबेमेतरा : सचिव खाद्य नागरिक एवं उपभोक्ता संरक्षण श्री अंबलगन पी.ने आज मंगलवार को ज़िले के धान उपार्जन केन्द्र देवरबीजा, डुंडा, कन्टेली, झाल और अंधीयारखोर, का निरिक्षण किया। उन्होंने धान खरीदी सुचारु रूप से करने एवं धान उठाव करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा, जिला खाद्य अधिकारी श्री गणेश कुर्रे जिला प्रबंधक नान, डीएमओ उपेंद्र कुमार सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।कलेक्टर श्री शर्मा ने अब तक की गयी धान खरीदी व धान उठाव की जानकारी से अवगत कराया। उन्होंने धान ख़रीदी की प्रक्रिया का अवलोकन किया और धान खरीदी केंद्रों की व्यवस्थाओं देखा। खाद्य सचिव श्री अंबलगन ने कहा कि सभी उपार्जन केंद्र में किसानों द्वारा रखे गए धान की ढेरी सही हो। गुणवत्तापूर्ण व शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार पर ही खरीदी की जाए। खाद्य सचिव ने कहा कि धान खरीदी शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने नमी मापक यंत्र से धान की नमी चेक की।
खाद्य सचिव श्री ने कहा कि सभी उपार्जन केंद्र में किसानों द्वारा रखे गए धान की ढेरी सही हो। गुणवत्तापूर्ण व शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार पर ही खरीदी की जाए। खाद्य सचिव ने कहा कि धान खरीदी शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता में है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि धान खरीदी बारदाने पर स्टेम्पिंग सही ढंग हो।खाद्य और राजस्व विभाग के अधिकारी उपार्जन केंद्रों में जाकर स्टेम्पिंग सही ढंग हो रही चेक करें। उन्होंने कहा कि किसी भी उपार्जन केंद्रों में किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने उपार्जन केन्द्र के लिए बारदाना आबंटन, भंडारण और बारदाने की उपलब्धता के बारे में भी जानकारी ली। -
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अवैध शराब बिक्री और प्लाटिंग पर सख्त कार्रवाई करें - कलेक्टर श्री लंगेहमहासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने आज मंगलवार शाम समय सीमा की बैठक ली। बैठक में वनमंडलाधिकारी श्री पंकज राजपूत, जिला पंचायत सीईओ श्री एस. आलोक, अपर कलेक्टर श्री रवि कुमार साहू, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे तथा अन्य विकासखण्ड अधिकारी वीसी के माध्यम से जुडे़ थे। कलेक्टर ने भारत रत्न एवं पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन के अवसर पर सुशासन दिवस मनाने के लिए आवश्यक निर्देश दिए हैं। विकासखण्ड स्तर पर वृहद कार्यक्रम आयोजन करने के निर्देश दिए गए हैं जिसमें स्वच्छता अभियान, नशा मुक्ति शपथ और हितग्राही मूलक योजनाओं के प्रचार-प्रसार करने कहा गया।इसी तरह 27 दिसम्बर को स्वामित्व योजना अंतर्गत हितग्राहियों को प्रमाण पत्र वितरित किए जाएंगे जिसकी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर ने अवैध रेत उत्खनन के प्रकरण पर संलिप्त लोगों पर एफआईआर करने के निर्देश दिए है उन्होंने खनिज एवं राजस्व विभाग को नियमित रूप से कार्रवाई करने कहा है। इसी तरह अवैध शराब विक्रय और अनियमितता पाए जाने पर संलिप्त कर्मचारियों के विरूद्ध भी एफआईआर करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने सभी अनुविभागीय अधिकारियों को अवैध प्लाटिंग पर निगरानी करने तथा आवश्यक कार्रवाई करने कहा गया।
कलेक्टर ने धान खरीदी की समीक्षा करते हुए कहा कि धान खरीदी किसी भी शर्त में बंद न हो। उठाव की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने संग्रहित धान का उठाव तेज करने के निर्देश दिए हैं। मार्कफेड और नान के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि उठाव नियमित तौर से होता रहे। उन्होंने कहा कि ऐसी नौबत आने की संभावना को देखते हुए पूर्व से ही तैयार कर लेवें। खाद्य अधिकारी ने बताया कि धान खरीदी के लिए अभी 24 कार्य दिवस शेष है।उन्होंने बताया कि धान के अवैध विक्रय और भण्डारण के 111 प्रकरण तैयार किए गए हैं जिसमें लगभग 6700 क्विंटल धान की जब्ती की गई है। कलेक्टर ने बैठक के दौरान बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन के लिए आरक्षण की प्रक्रिया के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समय-सारणी घोषित कर दी गई है। जिले में जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्य, सरपंच एवं पंच पदों के लिए प्रवर्गवार आरक्षण की प्रक्रिया नियमानुसार पूरी की जाएगी।इस संबंध में सभी जनपद सीईओ को आवश्यक तैयारी के निर्देश दिए गए हैं। ज्ञात है कि आरक्षण प्रक्रिया की सूचना का प्रकाशन 23 दिसंबर को कर दिया गया है। कलेक्टर श्री लंगेह ने श्रम एवं उद्योग विभाग को औद्योगिक क्षेत्रों का नियमित निरीक्षण के निर्देश दिए हैं। विभिन्न आयोगों से प्राप्त पत्रों का समय सीमा में जवाब देने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री जनदर्शन, कलेक्टर जन चौपाल, जनसमस्या निवारण शिविर में प्राप्त मांग एवं शिकायतों का गुणवत्तापूर्ण निराकरण के निर्देश दिए गए। -
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सुशासन साल में श्रमवीरों का सम्मानमहासमुंद : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा श्रमिकों और उनके परिवारों के सशक्तिकरण के लिए कल्याणकारी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जिले के श्रम कल्याण अधिकारी ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं से जिले के पंजीकृत हितग्राहियों को योजनावार राशि से लाभान्वित किया गया है। उन्होंने बताया कि 13 दिसंबर 2023 से 23 दिसंबर 2024 तक 7 हजार 152 श्रमिक लाभान्वित हुए हैं। इन योजनाओं के माध्यम से कुल 7 करोड़ 60 लाख 11 हजार 500 रुपये की राशि वितरित की गई।जिसमें मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के तहत 56 श्रमिक परिवारों को 56 लाख रुपये, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत 1981 लाभार्थियों को 3 करोड़ 96 लाख 20 हजार रुपये, मिनीमाता महतारी जतन योजना में 844 माताओं को 1 करोड़ 68 लाख 80 हजार रुपये, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना में 3870 छात्रों को 81 लाख 2 हजार 500 रुपये, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना से 50 छात्रों को 3 लाख 61 हजार 500 रुपये, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत 01 लाभार्थी को01 लाख रुपये, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना से 267 वरिष्ठ श्रमिकों को 53 लाख 40 हजार रुपये, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क कोचिंग योजना से 78 बच्चों को कोचिंग की सुविधा प्रदान की है। और मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक पेंशन सहायता योजना से 05 लाभार्थियों को 7,500 रुपये की सहायता दी गई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सुशासन साल में, सरकार श्रमिकों और उनके परिवारों के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक उत्थान के लिए निरंतर प्रयासरत है। इन योजनाओं का उद्देश्य श्रमिक वर्ग को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। -
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श्रम मंत्री ने किया 66 हजार से अधिक श्रमिकों के खाते में48.82 करोड़ की राशि का अंतरणरायपुर : श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज सवेरे रायपुर के शंकर नगर स्थित अपने निवास कार्यालय में प्रदेश के 66 हज़ार 952 श्रमवीरों और उनके परिवार जनों के सीधे खाते में 48.82 करोड़ की राशि डीबीटी के जरिए ऑनलाईन अंतरित की। इस अवसर पर सचिव सह श्रमायुक्त श्रीमती अलरमेलमंगई डी., अपर आयुक्त श्रम श्री एस.एल. जांगड़े सहित श्रमिक उपस्थित थे। श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि विष्णुदेव की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है।श्रम विभाग के तीनों मंडल छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मंडल, संगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल व श्रम कल्याण मंडल के माध्यम से योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इसी का परिणाम है की जनवरी से नवम्बर 2024 तक 46.59 लाख श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 334.28 करोड़ रूपए अंतरित किए जा चुके हैं। श्रम मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने नई दिल्ली में कल आयोजित इन्वेस्टर्स कनेक्ट मीट में देश के प्रमुख उद्योगपतियों और निवेशकों को छत्तीसगढ़ में निवेश के लिए आमंत्रित किया।श्रम मंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा 01 जनवरी 2024 से 23 दिसंबर 2024 तक कुल 10 लाख 88 हजार श्रमिकों को 252 करोड़ से अधिक राशि वितरीत की गई व आज दिनांक 24 दिसंबर को 59 हजार 738 श्रमिकों को 37 करोड़ से अधिक की राशि वितरीत की जा रही है। असंगठित कर्मकार मण्डल द्वारा 01 जनवरी 2024 से 23 दिसंबर 2024 तक कुल 43 हजार 703 श्रमिकों को 75 करोड़ से अधिक राशि वितरीत की गई व आज दिनांक 24 दिसंबर को 5165 श्रमिकों को 7 करोड़ 90 लाख से अधिक की राशि वितरित की जा रही है। छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना के तहत कुल 3 लाख 88 हजार 238 निर्माण श्रमिकों का निःशुल्क पंजीयन कार्ड उपलब्ध किया गया है।
मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल द्वारा 01 जनवरी 2024 से 23 दिसंबर 2024 तक कुल 4 हजार 916 श्रमिकों को 2 करोड़ 38 लाख से अधिक राशि वितरीत की गई। आज 24 दिसंबर को 2 हजार 49 श्रमिकों को 1 करोड़ 01 लाख से अधिक की राशि वितरित जा रही है। इस प्रकार आज 66 हजार 952 श्रमिकों को 48 करोड़ 82 लाख रूपया जारी किया जा रहा है। इस प्रकार 01 जनवरी 2024 से 24 दिसंबर तक तीनों मण्डलों में पंजीकृत श्रमिकों में से कुल 12 लाख 4 हजार से अधिक श्रमिकों को 375 करोड़ से अधिक राशि का वितरण किया जा चुका है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अंतर्गत 27 लाख 72 हजार श्रमिक असंगठित कर्मकार मण्डल 18 लाख 47 हजार छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण मंडल 5 लाख 10 हजार इस प्रकार कुल पंजीकृत हितग्राही श्रमिक 51 लाख 29 हजार से अधिक है। सचिव श्रम श्रीमती अलरमेल मंगई ने स्वागत भाषण के दौरान बताया कि प्रदेश में श्रमिकों के कल्याण के लिए अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है। इनका लाभ श्रमिकों और उनके परिजनों को मिल रहा है। पंजीकृत श्रमिकों के बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के लिए छात्रवृत्ति का प्रावधान किया गया है। श्रमिकों को किफायतीदर पर भोजन उपलब्ध कराने शहीद वीर नारायण सिंह अन्नपूर्णा अन्न योजना संचालित की जा रही है। -
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रायपुर : विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को राष्ट्रपति जी के दत्तक पुत्र-पुत्रियां कहा जाता था लेकिन आजादी के कई साल बाद तक भी इनकी बस्तियों में शुद्ध पेयजल भी नहीं था। घास फूस के घरों में बिजली कहां से पहुंच पाती और शिक्षा तथा स्वास्थ्य सुविधाएं तो इनके लिए लक्जरी ही समझिये। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने इस परिस्थिति को पूरी संवेदनशीलता से समझा और उन्हें लगा कि इस परिस्थति को ठीक करने के लिए मामूली प्रयत्नों से कुछ नहीं होगा जब तक एक लक्ष्योन्मुखी वृहत योजना विशेष पिछड़ी जनजाति के लिए नहीं बनेगी तब तक इनके कल्याण की सूरत नहीं बनेगी।फिर उन्होंने पीएम जनमन योजना लाई और इस एक योजना से उजाले की किरण इन बस्तियों में फैल गई है। पक्के घरों में बिजली पहुंच रही है। बच्चों के लिए स्कूल खोले गये हैं और इन तक पहुंचने के लिए सड़कें भी बनाई जा रही हैं। इस योजना को शुरू हुए अभी एक साल का अरसा भी नहीं बीता है कि इस योजना के प्रभावी कार्यान्वयन से विशेष पिछड़ी जनजातियों के रहवासी इलाकों में विकास का उजियारा साफ-साफ दिखाई देने लगा है। इस उजियारे से जनजातीय समुदाय के लोगों में शासन के प्रति एक नया विश्वास जगा है और उनके चेहरे पर एक चमक दिखाई देने लगी है।पीएम जनमन योजना का उद्देश्य विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों के बीच विकास, समावेशिता और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार जनजातीय समुदाय के लोगों की स्थिति को बेहतर बनाने और उनके रहवासी इलाकों में बुनियादी सुविधाएं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरी शिद्दत से जुटी हुई है। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है।इसके चलते पीएम जनमन के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। शासन की विभिन्न योजनाओं के कन्वर्जेस के चलते छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों की जीवन स्तर और उनके रहवासी क्षेत्रों में तेजी से बदलाव दिखाई देने लगा है। पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान की स्वीकृति एवं निर्माण का काम तेजी से शुरू कर दिया गया हैं।
छत्तीसगढ़ में 42 जनजातियां और इसके 161 उपजातियां है। इस वर्ग में बिंझवार, सावरा, गोंड, मुरिया, हलबा, भतरा, भुंजिया, भूमिया (भूइया), बियार, कंवर, मझवार, माझी, मुण्डा, भैना, नगेसिया आदि विभिन्न जनजातियां आते है। इस वर्ग की जनजातियां जंगली उपज संग्रह, िशकार, आदिम कृषि के साथ-साथ बांस से टोकरी आदि बनाते है। इस समूह में कमार, कंडरा, धनवार, सोता, बैगा, माझी आदि आते है। भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ के लिए पांच जनजातियों को विशेष पिछड़ी जनजाति घोषित किया है, जिसमें बैगा, कमार, पहाड़ी कोरवा, बिरहोर, अबूझमाड़ियां जनजाती आते हैं।छत्तीसगढ़ में पिछड़ी जनजाति की कुल जनसंख्या 3,10,625 है. इनमें से पहाड़ी कोरवा जनजाति की कुल जनसंख्या 1,29,429 है. छत्तीसगढ़ में पहाड़ी कोरवा जनजाति मुख्य रूप से जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, कोरबा, और रायगढ़ ज़िलों में पाई जाती है। पहाड़ी कोरवा प्राचीन समय में बेबर कृषि करते थे अर्थात जंगल में आग लगाकर ज़मीन साफ़ करते थे तथा बरसात के समय बीज छिड़क देते थे। पहाड़ी कोरवा स्त्री-पुरुष दैनिक मजदूरी हेतु ग्राम के अन्य जनजातियों के यहाँ कार्य करते हैं। ये मुख्यतः कृषि-मजदूरी एवं गड्ढे खोदने हेतु मजदूरी का कार्य करते हैं।
इसी प्रकार बैगा जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। वर्ष 2015 में किए गए आधारभूत सर्वेक्षण के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में इनकी कुल जनसँख्या 88317 है जिसमें 44402 पुरुष तथा 43915 महिलाएं हैं। इनमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात 989 है। सर्वेक्षण अनुसार इनकी साक्षरता प्रतिशत 53.97 है। राज्य में बैगा जनजाति के लोग मुख्य रूप से कवर्धा और बिलासपुर जिलों में पाए जाते हैं। बैगा जनजाति का मुख्या व्यवसाय वनोपज संग्रह, पशुपालन, खेती तथा ओझा का कार्य करना है। छत्तीसगढ़ में कमार जनजाति भी विशेष पिछड़ी जनजातीय समुदाय के अंतर्गत आते हैं।इनका मुख्य व्यवसाय बांस से टोकरी, झांपी, पर्रा वगैरह बनाना है. इसके अलावा, पक्षियों और छोटे जानवरों का शिकार करना भी इनका जीविकोपार्जन का साधन है। कमार जनजाति के लोग आपसी संवाद के लिए कमारी बोली और स्थानीय रूप से छत्तीसगढ़ी भाषा का इस्तेमाल करते हैं। महिलाएं विवाह से पहले या छोटी उम्र में गोदना करवाती है। कमार जनजाति के लोग पितृसत्तात्मक समुदाय हैं। कमार जनजाति के लोग आपसी विवाद का निपटारा पंचायत के ज़रिए करते हैं। कमार जनजाति की सर्वाधिक जनसंख्या गरियाबंद, मैनपुर, छुरा, नगरी. मगरलोड, महासमुंद एवं बागबाहरा विकासखंडो के छोटे-छोटे ग्रामों में निवासरत हैं। संस्थान की आधार भूत सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में कमार विशेष पिछड़ी जनजाति की जनसंख्या 26,622 है। जिसमें पुरुष जनसंख्या 13328 एवं स्त्री जनसंख्या 13294 हैं।
इसी प्रकार बिरहोर जनजाति छत्तीसगढ़ राज्य की एक विशेष पिछड़ी जनजाति है। देश में उनकी अधिकांश आबादी झारखंड से सटे हुए सीमावर्ती जिलों में रहती है। संस्थान के आधाभूत सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार इनकी जनसँख्या 3490 है। इनमें पुरुष 1726 तथा महिला 1764 हैं। प्रदेश में रायगढ़ जिले के लैलुंगा, तमनार व धरमजयगढ़, कोरबा जिला के पोंडी, पाली व उपरोड़ा, बिलासपुर जिला के मस्तूरी व कोटा, जशपुर जिला के बगीचा, दुलदुला, पत्थलगाँव व कंसाबेल में ज्यादातर निवास करते हैं। इन लोगों ने स्थायी रूप से कार्य करते हैं। इनमें अधिकतर भूमिहीन हैं, जो शिकार करके तथा रस्सियाँ बेच कर अपनी आजीविका चलाते हैं ये लोग स्थान बदल-बदल कर खेती भी करते हैं तथा कुछ मात्रा में मक्का और बीन उपजा लेते हैं।
अबूझमाड़िया जनजाति का निवास क्षेत्र छत्तीसगढ़ राज्य के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में है। जिसके कारण इन्हें स्थानीय बोली में अबूझमाड़िया कहा जाता है । अबूझमाड़िया जनजाति शहरी व ग्रामीण समाज से पृथक अबूझमाड़ क्षेत्र के गहन वन एवं पहाड़ों से परिपूर्ण प्राकृतिक परिवेश में निवास करती है। सर्वेक्षण के अनुसार अबूझमाड़िया जनजाति की जनसँख्या 23,330 है। जिनमें 11456 पुरुष व 11874 महिलाएं तथा लिंगानुपात 1036 है।अबूझमाड़िया जनजाति के कुल 4786 परिवार हैं। इसकी साक्षरता दर 29.88 प्रतिशत है। पीएम जनमन पहल ने विशेष रूप से कमज़ोर जनजातीय समूहों (PVTG) की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ में कई प्रभावशाली गतिविधियाँ शुरू की हैं। कार्यक्रम ने PVTG समुदाय के लिए कुल 24,079 घरों को मंज़ूरी दी है, जिनमें से 1,108 घर पूरे हो चुके हैं। 21,553 घरों के लिए पहली किस्त जारी की गई है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि इन परिवारों को सुरक्षित और स्थायी आश्रय मिल सके।
बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता को समझते हुए, 1,044.78 करोड़ रूपए के बजट के साथ 398 सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। वर्तमान में, इनमें से 328 सड़कें निर्माणाधीन हैं, जो आदिवासी समुदायों के लिए आवश्यक सेवाओं और बाजारों तक पहुँच को बढ़ाएँगी। प्रारंभिक बचपन की देखभाल और शिक्षा में सुधार के लिए, वर्तमान में 80 आंगनवाड़ी केंद्र संचालित हैं। इनमें से 54 को निर्माण के लिए मंजूरी मिल गई है, जिसके लिए 8.48 करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं। 10 भवनों का निर्माण पहले ही शुरू हो चुका है। 16 वन धन केंद्रों की स्थापना की गई है, इन केंद्रों का उद्देश्य वन उपज के संग्रह और प्रसंस्करण के माध्यम से स्थायी आजीविका को बढ़ावा देना है।इस पहल में 43.80 करोड़ रूपए के बजट के साथ 73 बहुउद्देश्यीय केंद्रों की मंजूरी शामिल है। इनमें से 9 केंद्रों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है, जो विभिन्न सेवाओं के लिए सामुदायिक केंद्र के रूप में काम करेंगे। बिजली की पहुँच सुनिश्चित करने के लिए, 7,067 पीवीटीजी घरों के विद्युतीकरण के लिए स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 3,693 घरों में पहले ही बिजली पहुँच चुकी है। इन समुदायों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है। कार्यक्रम ने आदिवासी बस्तियों के लिए 31 छात्रावासों को मंजूरी दी है, जिसमें कुल 68.24 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। इन सुविधाओं का उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों के छात्रों के लिए आवास उपलब्ध कराना है।
जल जीवन मिशन के तहत, 17,372 घरों में पाइप से जलापूर्ति शुरू की गई है, जबकि 9,473 और घरों के लिए स्वीकृति दी गई है। स्वच्छ पेयजल तक यह पहुँच स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच बढ़ाने के लिए, 57 मोबाइल मेडिकल इकाइयों को मंजूरी दी गई है, जिनकी परिचालन लागत 33.88 लाख रूपए प्रति इकाई है। ये इकाइयाँ दूरदराज के आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में महत्वपूर्ण हैं। इस पहल ने विभिन्न व्यावसायिक शिक्षा और कौशल विकास कार्यक्रमों में पीवीटीजी समुदाय के 199 युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, जिससे उनके रोजगार के अवसर बढ़े हैं। पीएम जनमन अभियान ने आदिवासी क्षेत्रों में आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, पीएम किसान कार्ड और जाति प्रमाण पत्र जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों के वितरण पर भी ध्यान केंद्रित किया है। कुल 976 शिविर आयोजित किए गए हैं, जिनमें 107,649 से अधिक प्रतिभागियों को लाभ मिला है।
पीएम जनमन योजना भारत में आदिवासी समुदायों की सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा और आजीविका को संबोधित करने वाले अपने व्यापक दृष्टिकोण के साथ, यह पहल समावेशी विकास के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। जैसे-जैसे यह योजना लोगों तक पहुंच रही है, वैसे-वैसे वे समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के लिए एक उज्जवल और अधिक न्यायसंगत भविष्य का वादा करती हैं, जो अधिक समावेशी भारत का मार्ग प्रशस्त करती हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत किए गए प्रयासों से छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज में एक नई रोशनी आई है। यह योजना न केवल सामाजिक न्याय की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि विकास के उन सपनों को साकार करने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है, जो अब तक अधूरे थे। इस तरह की पहलों से हमें उम्मीद है कि हमारा प्रदेश और देश समृद्धि की नई ऊँचाइयों को छूएगा।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों को मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना जनजातीय समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास कर रही है, जो उन्हें सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसी कड़ी में छत्तीसगढ़ और देश के जनजाति बाहुल्य गांवों तथा वहां निवासरत परिवारों के शत् प्रतिशत विकास के दृष्टिकोण से हाल ही मेें भगवान बिरसा मुंडा के 150वीं जयंती के अवसर पर बिहार केे जमुई में आयोजित समारोह से धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान की शुरूआत की है। यह अभियान निश्चित ही इन वर्गों के लिए मील का पत्थर साबित होगा। -
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रायपुर : नैसर्गिक सुंदरता के लिए विख्यात जशपुर जिले के पर्यटन स्थल मयाली की देश-दुनिया मे एक ंअलग पहचान बनते जा रही है। वहीं हाल ही में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाने वाले यहां के मधेश्वर पहाड़ ”लार्जेस्ट नेचुरल शिवलिंग” के रूप में जिले का नाम रोशन हो रहा है। जशपुर के बदलती हुई तस्वीर, आज और कल फिल्म का यह मशहूर गाना ये वदियां ये फिजाएं बुला रही हैं तुम्हें......ऐसा प्रतीत हो रहा है कि किसी खूबसूरत जगह को निहारने के लिए प्राकृतिक खुबसूरती समेटें हुए यह पहाड़, यह नदियां और वादियों की प्राकृतिक खूबसूरती समेटे जशपुर की खूबसूरत वादियों की पुकारती आवाज अब छत्तीसगढ सहित देश-दुनिया के पर्यटकों को सुनाई दे रही है।
वैसे तो सुरमयी वातावरण, प्राकृतिक छटा से घिरे जशपुर में प्रकृति की खूबसूरती दिखाते अनेकों पर्यटन स्थल है। इसी प्राकृतिक नैसर्गिक सुंदरता के लिए विख्यात मयाली में 22 अक्टूबर को मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक ने इसे पुनः चर्चा के केंद्रबिंदु में ले आया। वहीं छत्तीसगढ़ प्रवास पर आई राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु के साथ नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री श्री साय और उनके परिवारजनों व अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ हुई एक ग्रुप फोटो जिसके बैकड्रॉप में जशपुर का खूबसूरत मधेश्वर पहाड़ प्रदर्शित था। पूरी दुनिया में फैली इस छायाचित्र ने लोगों को जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता की ओर ध्यान खींचा है।
मधेश्वर पहाड़ ”लार्जेस्ट नेचुरल शिवलिंग’ के रूप में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रयासों से मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है। रिकॉर्ड बुक में ’लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है। जशपुर की पर्यटन स्थलों की जानकारी के लिए पर्यटन वेबसाइट https://www.easemytrip.com में जगह दी गई है। जशपुर इस पर्यटन वेबसाइट में शामिल होने वाला प्रदेश का पहला जिला बन गया है। इस बेबसाइट के माध्यम से जशपुर की नैसर्गिक खूबसूरती की जानकारी पर्यटकों को आसानी से मिल रही है।
कुनकुरी ब्लॉक में स्थित मयाली जिला मुख्यालय से लगभग 32 किलोमीटर दूरी पर है। जिला मुख्यालय से एनएच-43 सड़कमार्ग से जाते समय चरईडांड चौक पड़ता है। यहां से बगीचा रोड में कुछ ही दूरी पर मयाली नेचर कैंप स्थित है। यहां से सामने दिखाई देती मधेश्वर महादेव पहाड़ को विश्व का प्राकृतिक तौर पर निर्मित विशालतम शिवलिंग की मान्यता मिली है। इस शिवलिंग पर लोगों की बड़ी आस्था है। यहाँ सैलानी दूर-दूर से आते हैं और प्रकृति से अपने आप को जोड़ते हैं। मधेश्वर पहाड़ न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह पर्वतारोहण और एडवेंचर स्पोर्ट्स के लिए भी लोकप्रिय होता जा रहा है।
मयाली स्वदेश दर्शन योजना में शामिल, 10 करोड़ से होगा पर्यटन के रूप में विकसितमयाली नेचर कैंप से एक ओर डैम की खूबसूरती तो दूसरी ओर विशालतम प्राकृतिक शिवलिंग मधेश्वर पहाड़ का विहंगम दृश्य दिखाई पड़ता है। चारों ओर फैली हरियाली से इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। मयाली डेम में बोटिंग की भी सुविधा है। भारी संख्या में लोग यहां की खूबसूरती को निहारने के साथ ही बोटिंग का आनंद लेने के लिए भी आते हैं। यहां पर्यटकों के रात्रि विश्राम की सुविधा के लिए रिसॉर्ट बनाएं गए हैं। नेचर कैंप में बटरफलाई पार्क के बाद यहां कैक्टस पार्क बनाने की योजना तैयार की गई है। मयाली नेचर कैंप को स्वदेश दर्शन योजना में शामिल करने के साथ ही पर्यटन विभाग ने मयाली के विकास के लिए 10 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई है। -
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टिकेश्वर पटेल ने अपने गांव में “तेजस्वी मोबाइल शॉप“ की शुरुआतमहासमुंद : महासमुंद के ग्राम लभराखुर्द के निवासी श्री टिकेश्वर पटेल एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखते हैं। आर्थिक कठिनाइयों के कारण उन्होंने महासमुंद की एक मोबाइल दुकान में काम करना शुरू किया, जहां उन्होंने मोबाइल रिपेयरिंग और बिक्री का अनुभव प्राप्त किया। इस अनुभव के आधार पर उन्होंने खुद की मोबाइल रिपेयरिंग और शॉप खोलने का सपना देखा, लेकिन आर्थिक संसाधनों की कमी के कारण यह सपना अधूरा रह गया।श्री पटेल ने जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र महासमुंद से संपर्क कर प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने इस योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन किया। आवेदन स्वीकृत होने के बाद यूनियन बैंक महासमुंद ने नियमानुसार प्रक्रिया पूरी कर उन्हें 2 लाख रुपए का ऋण और 70,000 रुपए का अनुदान प्रदान किया।
इस वित्तीय सहायता से श्री टिकेश्वर पटेल ने अपने गांव में “तेजस्वी मोबाइल शॉप“ की शुरुआत की। उनकी दुकान में मोबाइल रिपेयरिंग और रिचार्ज सेवाएं उपलब्ध हैं, जो क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हो गई है। उनकी मेहनत और लगन का परिणाम यह हुआ कि अब वे हर महीने लगभग 12,000 रुपए की शुद्ध आय अर्जित कर रहे हैं। श्री पटेल ने बताया कि वे बैंक ऋण का नियमित भुगतान कर रहे हैं और इस योजना के माध्यम से आत्मनिर्भर बनने पर उन्हें गर्व है। उनकी इस सफलता से उनके परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हुई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना ने श्री टिकेश्वर पटेल जैसे युवाओं के सपनों को साकार करने का एक सशक्त माध्यम प्रदान किया है। -
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किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत इच्छुक हितग्राहियों से भरवाए गए फॉर्म“विष्णु की पाती“ का किया गया वितरणमहासमुंद : छत्तीसगढ़ सरकार के सुशासन का एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, महासमुंद द्वारा बसना वन परिक्षेत्र में वन चौपाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और सुशासन की उपलब्धियां साझा की गईं। कार्यक्रम में ग्रामीणों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार द्वारा तेन्दूपत्ता संग्राहकों की मानक बोरा राशि को 4000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये करने की घोषणा की जानकारी दी गई। इसके साथ ही, “विष्णु की पाती“ पत्रक का वितरण कर योजनाओं के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा दिया गया। लघु वनोपज संघ की बीमा और छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी भी ग्रामीणों तक पहुंचाई गई।
कार्यक्रम के दौरान किसान वृक्ष मित्र योजना के तहत 5 एकड़ भूमि पर निःशुल्क 5000 पौधे लगाने का प्रावधान बताया गया। पौधों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए अनुदान राशि का भी उल्लेख किया गया। आगामी वर्षा ऋतु 2025 के लिए इच्छुक कृषकों से फार्म भरवाए गए। “एक पेड़ माँ के नाम“ अभियान के तहत ग्रामीणों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया गया और उन्हें पौधे वितरित कर रोपण कराया गया।वन प्रबंधन समितियों के विकास कार्यों, रोजगारमूलक योजनाओं, हाथी-मानव द्वंद रोकथाम, गज यात्रा अभियान, और वन्यजीवों से सुरक्षा के उपायों पर चर्चा की गई। वन अग्नि घटनाओं से पर्यावरण को बचाने और क्षतिपूर्ति मुआवजा योजना की विस्तृत जानकारी दी गई। इस कार्यक्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधि, वन प्रबंधन समिति के सदस्य, वन विभाग के अधिकारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे। -
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कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने प्रतिभागियों को बेहतर प्रदर्शन करने, स्वक्षता एवं नशा से दूर रहने दिया संदेशजिला स्तरीय युवा उत्सव सिरपुर में संपन्नलोक नृत्य में प्रथम मुड़ियाडीह महासमुंद, लोक गीत में प्रथम दिनेश एवं साथी महासमुंदविज्ञान मेला में पिथौरा प्रथममहासमुंद : छत्तीसगढ़ सरकार के गठन एवं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के सुशासन का एक वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित ’सुशासन सप्ताह’ के अंतर्गत आज जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन सिरपुर में किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह,श्री दाऊ लाल चंद्राकर, उप संचालक कृषि एफ आर कश्यप, जिला परिवहन अधिकारी आर के ध्रुव, सहायक संचालक शिक्षा सतीश नायर, पोषण साहू जनसंपर्क, मधु साहू, ए आर ध्रुव सहित जिला अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन, खेल एवं युवा कल्याण विभाग और नेहरू युवा केन्द्र महासमुंद के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।इस दौरान कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने प्रतिभागियों द्वारा प्रदर्शित युवा कृति एवं विज्ञान मेला प्रदर्शनी का अवलोकन किया। उन्होंने कार्यक्रम में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजनों से युवाओं की प्रतिभा को प्रोत्साहन मिलता है और उन्हें अपनी कला एवं कौशल दिखाने का अवसर मिलता है। इस उत्सव के माध्यम से जिले के प्रतिभाशाली युवाओं को एक मंच प्रदान किया गया, जिससे युवाओं के कौशल को नई पहचान मिल सके।
उन्होंने सभी विजेता प्रतिभागियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी युवाओं ने सामूहिक एवं व्यक्तिगत रूप से विकासखण्ड स्तर पर विजेता बनकर जिला स्तरीय कार्यक्रम में अपने-अपने हुनर का प्रदर्शन किया है आप सभी बधाई के पात्र है। कार्यक्रम में जिले भर से आए प्रतिभागियों ने अपनी-अपनी कला का प्रदर्शन किया। युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिला। शुभारंभ अवसर पर सामूहिक जुडो का प्रदर्शन भी किया गया।सांस्कृतिक आकर्षक प्रस्तुतियों ने दर्शकों का मन मोह लिया। उत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की गईं, जिनमें सामूहिक एवं व्यक्तिगत लोक नृत्य, लोक गीत प्रतियोगिताएं, कहानी लेखन, चित्रकला, तात्कालिक भाषण और कविता प्रतिस्पर्धा शामिल थीं। युवा कृति श्रेणी के तहत ’हस्तशिल्प, टेक्सटाइल और कृषि उत्पादों’ का प्रदर्शन भी किया गया।
इसके अलावा विज्ञान मेला का सामूहिक प्रदर्शन किया गया। साथ ही उत्सव का मुख्य आकर्षण ’रॉक बैंड’ की प्रस्तुति रही। प्रतिभागियों ने फोटोग्राफी विधा में भी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के परिणाम कहानी लेखन में प्रथम स्थान हेमा साहू महासमुंद, द्वितीय स्थान गुलशन साव बसना, तृतीय स्थान समीर नायक सरायपाली ने प्राप्त किया। चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रितिक पहरिया महासमुंद, द्वितीय स्थान सुष्मिता प्रधान बसना, तृतीय स्थान भावना साहू सरायपाली ने प्राप्त किया। तात्कालिक भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान भैरव प्रसाद पाल महासमुंद, द्वितीय स्थान गरिमा कन्नौजे पिथौरा, तृतीय स्थान वर्षा गजेन्द्र महासमुंद ने प्राप्त किया।
कविता लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सिंधू जगत सरायपाली, द्वितीय स्थान गुलशन साव बसना, तृतीय स्थान, दिनेश कुमार साहू महासमुंद ने प्राप्त किया। विज्ञान मेला दलीय प्रथम स्थान मल्टी पर्पस स्मार्ट कार के लिए प्रीति व रौशनी पिथौरा, द्वितीय स्थान ऑटो मेटिक स्ट्रीट लाईट चंद्रयान के लिए केशव चेलक महासमुंद, विज्ञान मेला एकल में प्रथम स्थान फूटस्टेप इलेक्ट्रिसिटी जनरेटर मॉडल के लिए रुद्राक्ष शुक्ला पिथौरा, द्वितीय स्थान ऑटो मेटिक पंप मॉडल के लिए अंशिका पिथौरा, तृतीय स्थान एग्रीकल्चर सेफ्टी मॉडल के लिए गरिमा कन्नौज पिथौरा ने प्राप्त किया।सामूहिक लोक गीत में प्रथम स्थान दिनेश साहू एवं साथी, महासमुंद, द्वितीय स्थान अदिति छत्रे एवं साथी बागबाहरा, तृतीय स्थान भावना चौहान व साथी सरायपाली ने प्राप्त किया। एकल लोक गीत में प्रथम स्थान द्रौपदी साहु, महासमुंद, द्वितीय स्थान अदिति छत्रे, बागबाहरा, तृतीय स्थान अर्चना सामल, बसना ने प्राप्त किया। लोक नृत्य में प्रथम स्थान अजय मिर्च एवं साथी, महासमुंद, द्वितीय स्थान डंडा नाचा, बागबाहरा, तृतीय स्थान पंथी नृत्य पिथौरा को मिला। रॉक बैंड में प्रथम स्थान जावेद कुरैशी व साथी बागबाहरा ने प्राप्त किया। फोटोग्राफी में हेमंत ने प्रथम स्थान प्राप्त किया।
पुरस्कार वितरण समारोह में अतिथि रमेश साहू विधायक प्रतिनिधि महासमुंद, पवन पटेल, मुन्ना साहू, दाऊ लाल चंद्राकर, लोकेश चंद्राकर, नीलमणि चंद्राकर, खेल अधिकारी मनोज धृतलहरे उपस्थित रहे। विजेता प्रतिभागियों को अतिथियों ने पुरस्कृत किया। आयोजन को सफल बनाने में निर्णायक मंडल डॉ . विकास अग्रवाल, सुरेंद्र मानिकपुरी, अंकित भोई, अवनीश वाणी, वी. के. असगर, पुष्पलता भार्गव व प्रेमचन्द डडसेना, हेमसागर कैवर्त, डॉ. शुभ्रा डडसेना, सुधीर प्रधान, भूपेंद्र प्रधान, गणेश कोसरे, कामता साहू, वेदराम, छन्नू साहू, नीलम सिंहा, एवन साहू, अशोक चक्रधारी नेहरू युवा केंद्र का सहयोग रहा। मंच संचालन विजय मिर्चें एवं डॉ. विकास अग्रवाल एवं आभार व्यक्त खेल अधिकारी खेल एवं युवा कल्याण महासमुंद मनोज धृतलहरे ने किया। -
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प्राचार्य ने दी महाविद्यालय परिवार को बधाईरायपुर : शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय में राष्ट्रीय प्रत्यायन एवं मूल्यांकन समिति (नैक) द्वारा महाविद्यालय का मूल्यांकन किया गया। मूल्यांकन में समिति ने महाविद्यालय के सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के पश्चात शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय को बी प्लस ग्रेड प्रदान किया है। नैक ग्रेडिंग समिति छत्तीसगढ़ महाविद्यालय की शैक्षिक प्रक्रियाओं में संस्था का प्रदर्शन, पाठ्यक्रम चयन एवं कार्यान्वयन, शिक्षण अधिगम एवं मूल्यांकन तथा छात्रों के परिणाम, संकाय सदस्यों का अनुसंधान कार्य एवं प्रकाशन, बुनियादी सुविधाएँ तथा संसाधनों की स्थिति, संगठन, प्रशासन व्यवस्था, आर्थिक स्थिति तथा छात्र सेवाएँ के आधार पर मूल्यांकन कर ग्रेड प्रदान करती है।महाविद्यालय के लिए यह हर्ष का विषय है कि शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय ने पूर्व की ग्रेडिंग से एक ग्रेड ऊपर स्थान प्राप्त किया। पूर्व में वर्ष 2019 में नैक द्वारा महाविद्यालय को बी ग्रेड दिया गया था। महाविद्यालय सदस्यों ने ग्रेडिंग मूल्यांकन हेतु सभी क्राइटेरिया को ध्यान में रखते हुए विगत वर्षों से अथक प्रयास किए एवं सभी क्राइटेरिया में अंक प्राप्त किए हैं। महाविद्यालय की ग्रेडिंग सुधारने से महाविद्यालय में हर्षाेल्लास व्याप्त है। नैक ग्रेडिंग समिति में अध्यक्ष प्रोफेसर चिंता सुधाकर, समन्वयक श्री नावेद जमाल एवं सदस्य श्रीमती बेगम अख्तर थी।
नैक ग्रेडिंग समिति ने महाविद्यालय मूल्यांकन के प्रथम दिवस में समिति ने प्राचार्य, आइक्यूएसी एवं विभागों के प्रस्तुतीकरण देखें। उसके बाद छात्रों एवं पालकों से मुलाकात कर उनसे जानकारी प्राप्त की। महाविद्यालय द्वारा प्राप्त उपलब्धियां की समिति ने भूरी भूरी प्रशंसा की एवं महाविद्यालयों में विकास की संभावनाओं पर चर्चा भी की। प्रथम दिवस के अंत में महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति से समिति अभिभूत हो गई एवं खुद को छात्र-छात्राओं के साथ समन्वय करने से रोक नहीं पाए।शासकीय छत्तीसगढ़ महाविद्यालय भ्रमण के दूसरे दिन समिति ने महाविद्यालय परिवार के साथ बैठक की एवं विधि विभाग के पांच छात्रों के न्यायाधीश परीक्षा में चयन का परिणाम जानकर नैक समिति ने महाविद्यालय की प्रशंसा की। समिति ने महाविद्यालय के प्रत्येक विभाग का मूल्यांकन कर वहां उनकी तैयारी का जायजा लिया और विभागों द्वारा तैयार रजिस्टर एवं शोध कार्यों की जानकारी प्राप्त ली।द्वितीय दिवस के अंत में एग्जिट मीटिंग में समिति ने महाविद्यालय की रिपोर्ट प्राचार्य को सौंपी एवं उद्बोधन में महाविद्यालय को बेहतर ग्रेडिंग के लिए शुभकामनाएं दी। लगभग दो हफ्तों में नैक द्वारा ग्रेडिंग का परिणाम घोषित हुआ, जिसमें ग्राफिक एनालिसिस के अनुसार निरीक्षण के दौरान सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए। बेहतर ग्रेडिंग के लिए प्राचार्य डॉ तपेशचंद्र गुप्ता ने महाविद्यालय परिवार को बधाई दी। -
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महासमुंद : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन वर्ष 2024-25 के लिए आरक्षण की प्रक्रिया के संबंध में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा समय-सारणी घोषित कर दी गई है। जिले में जिला पंचायत सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जनपद सदस्य, सरपंच एवं पंच पदों के लिए प्रवर्गवार आरक्षण की प्रक्रिया 28 दिसंबर से 29 दिसंबर तक पूरी की जाएगी।कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह ने बताया कि आरक्षण प्रक्रिया की सूचना का प्रकाशन 23 दिसंबर को कर दिया गया है। आरक्षण की प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद 29 दिसंबर को इसकी जानकारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को भेजी जाएगी। कलेक्टर श्री लंगेह ने सभी संबंधित अधिकारियों को आरक्षण प्रक्रिया को समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। -
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प्राप्त राशि से भुनेश्वरी साहू कर रही रसोई गैस और राशन की पूर्तिरायपुर : श्रीमती भुनेश्वरी बताती है कि महतारी वंदन योजना के तहत मिलने वाली 1000 रुपये की राशि ने उनके जीवन को सरल बना दिया है। प्रत्येक महिने सरकार से मिलने वाले 1000 रुपये की मदद से भुनेश्वरी साहू अब अपने घर का खर्च आसानी से चला पा रही हैं। इस राशि का उपयोग वे अपने घर में एलपीजी गैस सिलेंडर भरवाने और राशन के लिए करती हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य की महिलाओं के आत्मसम्मान को बढ़ाने की दिशा में महतारी वंदन योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को एक हज़ार रुपए प्रतिमाह उनके खातों में स्थान्तरित किया जा रहा है। सारंगढ़ जिले के नगर पंचायत पवनी की गृहणी श्रीमती भुनेश्वरी साहू की जिंदगी में महतारी वंदन योजना ने बड़ी राहत दी है। श्रीमती साहू ने कहा कि छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने में पहले दिक्कतें आती है और अपने जरूरतों को पूरा करने घर के मुखिया पर आश्रित रहनी पड़ती थी।उस समय जीवन बड़ा कठिन लग रही थी। पारिवारिक जीवन में जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते पूरा जीवन बीत जाता। श्रीमती भुनेश्वरी का भी कुछ ऐसा ही हाल था। भोजन बनाने के लिए प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत मिले सिलेंडर को भराने के लिए पैसे की कमी के कारण लकड़ी से चूल्हे में खाना बनाना पड़ता था, इससे निकलने वाले धुंए से परेशानी होती थी। इसके साथ ही साथ भोजन बनाने में अनावश्यक ज्यादा समय भी लगता था।
श्रीमती भुनेश्वरी ने बताया कि पहले जहां ईंधन की कमी और रसोई की जरूरतों को पूरा करना मुश्किल होता था, तब पति या पुत्र के आय पर निर्भर रहना पड़ता था। अब महतारी वंदन योजना की राशि ने इस निर्भरता को खत्म कर दिया है। इस योजना ने न केवल परिवार की आर्थिक तंगी को कम किया है, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का भी अवसर दिया है। अब मैं अपनी दैनिक जरूरतों को पूरी कर पा रही हूं, जिससे परिवार को एक स्थिर जीवन मिला है।हितग्राही भुनेश्वरी साहू ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महतारी वंदन योजना से मुझे और मेरे परिवार को बड़ी मदद मिली है। अब मैं अपने बच्चों और घर की जरूरतों को बिना किसी परेशानी के पूरा करती हूं। इसके लिए मैं मुख्यमंत्री श्री साय का धन्यवाद करती हूं। भुनेश्वरी साहू जैसे असंख्य जरूरतमंद ग्रामीण और शहरी महिलाओं को घरेलू खर्च में महतारी वंदन की राशि से मदद मिल रही है, जिससे उनका आत्मसम्मान बढ़ा है।