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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुन्द : खरीफ विपणन वर्ष 2024-25 के अंतर्गत जिले में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी अभियान सुचारू रूप से जारी है। नोडल अधिकारी श्री अविनाश शर्मा ने बताया कि 9 जनवरी तक 182 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से 131667 किसानों से 822286.72 टन धान खरीदा गया, जिसकी राशि 1891 करोड़ 21 लाख रुपए किसानों को वितरित की गई। उन्होंने बताया कि जिले के उपार्जन केन्द्रों में 2 करोड़ 52 लाख 41 हजार 430 बारदाना प्राप्त हुआ है।जिसमें एक करोड 26 लाख 39 हजार 62 नया बारदाना है। एक करोड़ 5 लाख 27 हजार 77 बारदाना मिलर से प्राप्त, 16 लाख 35 हजार 663 पीडीएस से प्राप्त तथा किसानों से 4 लाख 39 हजार 628 बारदाना प्राप्त हुआ है। 2 करोड़ 14 लाख 21 हजार 344 बारदाने का उपयोग उपार्जन केन्द्रों में किया जा रहा है। अभी 38 लाख 20 हजार 86 बारदाना शेष है। -
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महासमुंद : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत लेखापाल, डाटा एन्ट्री ऑपरेटर जिला/जनपद स्तर एवं सहायक ग्रेड-03 के पदों पर भर्ती हेतु मूल दस्तावेज सत्यापन एवं कम्प्यूटर कौशल परीक्षा का आयोजन किया गया था। उक्त मूल दस्तावेज सत्यापन एवं कम्प्यूटर कौशल परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम सह चयनित एवं प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों की सूची तैयार की गई है। जिसका अवलोकन जिला महासमुंद के आधिकारिक वेब साईट www.mahasamund.gov.in पर किया जा सकता है। -
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सोनहत में महिला अध्यक्ष, बैकुण्ठपुर जनपद में अनुसूचित जनजाति वर्ग की मुक्त सीटकोरिया : जिला पंचायत के मंथन कक्ष में आज जिला पंचायत कोरिया की दस सीटों के लिए आरक्षण प्रक्रिया कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती चंदन त्रिपाठी द्वारा संपन्न कराई गई। इस अवसर पर जिला पंचायत कोरिया के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ आशुतोष चतुर्वेदी, उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अंकिता सोम उपस्थित रहे। बता दें जिले में 2 लाख 40 हजार 483 जनसंख्या हैं। अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनसंख्या 1 लाख 19 हजार 785 है, जबकि अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या 18 हजार 185 है।त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2024-25 के तहत जिला पंचायत सदस्यों, जनपद पंचायत अध्यक्ष, सदस्यों के निर्वाचन क्षेत्र के प्रवर्गवार एवं महिला आरक्षण पर कार्यवाही की गई। जिला पंचायत क्षेत्र में नए परिसीमन के अनुसार वर्गवार आरक्षण की स्थिति के बारे में आबादी के आधार पर क्षेत्रों की वर्गवार आरक्षण की जानकारी उपलब्ध कराई गई। इसके बाद प्रवर्ग वार आरक्षण की स्थिति अनुसार सीटों के आरक्षण का निर्धारण किया गया।
विदित हों कि जिला पुनर्गठन के बाद अब कोरिया जिले में दस जिला पंचायत क्षेत्र होंगे। इनमें बैकुण्ठपुर क्षेत्र में कुल छह सीटें, सोनहत क्षेत्र से दो सीटें और बचरापोड़ी क्षेत्र से दो सीटें निर्धारित की गई हैं। वर्ग वार सीटों के निर्धारण के बाद अन्य सीटों पर लाटरी सिस्टम से आरक्षण की प्रक्रिया के बाद बैकुण्ठपुर क्षेत्र की प्रथम सीट अनारक्षित महिला वर्ग के लिए हुई। इसी तरह सीट क्रमांक 2 अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित हो गया है। सीट क्रमांक 3 अनुसूचित जाति महिला, सीट क्रमांक 4 अनारक्षित मुक्त, सीट क्रमांक 5 अनारक्षित महिला, सीट क्रमांक 6 अनारक्षित मुक्त, सीट क्रमांक 7 अनुसूचित जनजाति मुक्त, सीट क्रमांक 8 अनुसूचित जनजाति महिला, सीट क्रमांक 9 अनूसूचित जनजाति महिला तथा सीट क्रमांक 10 अनूसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित की गई हैं।
जिला पंचायत क्षेत्र के निर्वाचन क्षेत्रों के आरक्षण की प्रक्रिया के बाद उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अंकिता सोम ने जनपद पंचायत क्षेत्रों के आरक्षण की कार्यवाही पूरी कराई। जनपद पंचायत सोनहत में क्षेत्र क्र. 01- आनंदपुर अ.ज.जा. मुक्त सीट होगी। इसी प्रकार क्षेत्र क्र. 02- सोनहत अ.ज.जा महिला, क्षेत्र क्र. 03- कुशहा अनारक्षित मुक्त, क्षेत्र क्र. 04- केशगवां अनारक्षित महिला, क्षेत्र क्र. 05- चंदहा अ.ज.जा. मुक्त, क्षेत्र क्र. 06- पुसला अनारक्षित महिला, क्षेत्र क्र. 07- कटगोड़ी अ.जा महिला, क्षेत्र क्र. 08- भैंसवार अ.ज.जा. महिला, क्षेत्र क्र. 09- मझारटोला अ.ज.जा. महिला, क्षेत्र क्र. 10- दामुज अजजा मुक्त वर्ग के प्रत्याशियों के लिए आरक्षित होगा।
बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत सीटों के आरक्षण की प्रक्रिया के बाद क्षेत्र क्र. 01 जगतपुर अजजा महिला, 2 सरडी अनारक्षित महिला, 3 गदबदी अजजा महिला, 4 सलका अजजा महिला, 5 नरकेली अनारक्षित महिला, 6 बरपारा अनारक्षित महिला, 7 कदमनारा अजजा मुक्त, 8 ओड़गी अनारक्षित महिला, 9 चेरवापारा अनारक्षित मुक्त, 10 भांड़ी अजजा मुक्त, 11 छिन्दिया अनारक्षित मुक्त, 12 कुड़ेली अनारक्षित मुक्त, 13 बुड़ार अजजा महिला, 14 जमगहना अजजा महिला, 15 कटकोना अजजा मुक्त, 16 बरदिया अनारक्षित महिला, 17 खोंड अजा मुक्त, 18 गिरजापुर अजा महिला, 19 डुमरिया अनारक्षित मुक्त, 20 बंजारीडांड अजजा मुक्त, 21 जिल्दा अजजा मुक्त, 22पोड़ी अनारक्षित मुक्त, 23 बारी अजजा महिला, 24 बैमा अजजा मुक्त और 25 चिरमी अजजा वर्ग की महिला के लिए आरक्षित किया गया। जनपद पंचायतों के अध्यक्षों के आरक्षण की प्रक्रिया भी आज जिला पंचायत मंथन कक्ष मंे पूर्ण कराई गई। आरक्षण के दौरान जनपद पंचायत बैकुण्ठपुर में अध्यक्ष का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए मुक्त तथा जनपद पंचायत सोनहत का अध्यक्ष पद अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया। -
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कोरिया : कलेक्टर कोरिया श्रीमती चंदन त्रिपाठी ने जल संसाधन विभाग की दो प्रमुख परियोजनाओं, सारा जलाशय योजना और तामडांड़ जलाशय योजना के कार्यों का निरीक्षण किया। सारा जलाशय के मुख्य और माइनर नहरों में मरम्मत और सी.सी. चौनल निर्माण कार्य किए जा रहे हैं। 2.99 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से 67 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की कमी को दूर किया जाएगा, वहीं तामडांड़ जलाशय में मुख्य और माइनर नहरों पर मिट्टी कार्य, लाइनिंग कार्य, दो सी.डी. निर्माण और कुलावा फिक्सिंग कार्य किए जा रहे हैं।इस परियोजना पर 2.98 करोड़ रुपये की लागत आएगी, जिससे 240 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी। इन परियोजनाओं का उद्देश्य क्षेत्र में सिंचाई सुविधाओं का विस्तार और कृषि उत्पादकता में वृद्धि करना है। कलेक्टर के निर्देश निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कार्य की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता श्री ए. टोप्पा को निर्देश दिए कि सभी कार्य वर्षाकाल से पहले पूर्ण किए जाएं। उन्होंने कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दियज्ञं -
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सूरजपुर : आज जिला संयुक्त कार्यालय के एनआईसी कक्ष में कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन की अध्यक्षता जिला स्तरीय पर्यटन समिति की बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रखी गई थी। एनआईसी कक्ष में जिला पंचायत सीईओ श्रीमती कमलेश नंदिनी साहू, संभाग प्रभारी अधिकारी पर्यटन श्री आशीष वर्मा, श्री दरोगा सिंह व संबंधित अधिकारी उपस्थिति थे तथा श्री भीमसेन अग्रवाल व अन्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे। जिले के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के सौंदर्यकरण व अन्य विकास कार्यो के संबंध में बैठक का आयोजन किया गया था।जिसमें मां महामाया मंदिर देवीपुर के सौदर्यीकरण, मंदिर परिसर में स्थिति अमृत सरोवर में बोटिंग कार्य एवं सीढ़ी के मार्ग पर स्थित उद्यान का उन्नयन कार्य, शक्तिपीठ परियोजना के तहत मां बागेश्वरी कुदरगढ़ देवी धाम में चिन्हांकित निर्माण कार्याे हेतु भूमि उपलब्धता हेतु एनओसी के संबध में चर्चा की गई। इसके साथ ही राज्य स्तर पर चिन्हांकित पर्यटन स्थल सारासोर, तमोर पिंगला एवं अन्य पर्यटन स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं व कार्याे पर चर्चा किया गया।केनापारा पर्यटन स्थल के संचालन के संबंध में केनापारा पर्यटन स्थल में आवश्यक सुविधाओं के संबध में जैसे- लाइटिंग, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट, टिकट, सुरक्षा और संरक्षण के लिए एचआर, वाणिज्यिक गतिविधियों, वनरोपण गतिविधियां, मनोरंजक गतिविधियों के संबंध चर्चा किया गया। बांक और रकसगंडा पर्यटन स्थल में होमस्टे, रेल्वे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य महत्वपूर्ण स्थानों पर पर्यटन स्थलों का साइन बोर्ड, सभी पर्यटन स्थलों पर डस्टबिन और सुविधायुक्त शौचालय निर्माण, पर्यटन स्थलों पर स्थायी आजीविका के लिए योजना, पर्यटन स्थलों पर लाइटिंग की व्यवस्था, धार्मिक स्थलों के लिए स्वागत द्वार और पर्यटन स्थलों के लिए एलईडी लाइटिंग बोर्ड जैसे महत्वपूर्ण एजेंडा पर चर्चा हुई। -
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प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, पत्रकारों और नागरिकों के सामने सम्पन्न हुई आरक्षण प्रक्रियाबेमेतरा : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2024-25 हेतु छ.ग. शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के परिपालन मे आज गुरुवार 09 जनवरी 2025 को जिला पंचायत सभाकक्ष में कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्री रणबीर शर्मा कि उपस्थिति मे जिला पंचायत के सदस्य पदों के प्रवर्गवार एवं महिलाओं के प्रवर्गवार स्थानों के आबंटन/आरक्षण तथा जनपद पंचायत के अध्यक्ष पदों के प्रवर्गवार एवं महिलाओं के प्रवर्गवार स्थानों के आबंटन/आरक्षण कि कार्यवाई कि गई | इस दौरान उप जिला निर्वाचन अधिकारी अंकिता गर्ग, जिला पंचायत सीईओ टेकचंद अग्रवाल, एडीएम प्रकाश भारद्वाज, अपर कलेक्टर अनिल वाजपेयी, सभी जिला एवं जनपद पंचायत के आरक्षण जनप्रतिनिधि/गणमान्य नागरिक/ पत्रकार/ के अधिकारी कर्मचारी की उपस्थिति में संपन्न की गई।
जिला पंचायत सदस्य के आरक्षण की जानकारी
जिला पंचायत बेमेतरा अंतर्गत निर्वाचन क्षेत्र कठौतिया मे आरक्षित प्रवर्ग अनारक्षित महिला, बालसमुंद मे आरक्षित प्रवर्ग अनारक्षित मुक्त, चंदनु मे आरक्षित प्रवर्ग अनुसूचित जनजाति महिला, बसनी मे अनुसूचित जाति महिला, मल्दा मे अनारक्षित मुक्त, संबलपुर मे अनुसूचित जाति मुक्त, प्रतापपुर मे अनुसूचित जाति महिला, उमरावनगर मे अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, खैरझिटीकला मे अन्य पिछड़ा वर्ग महिला, मोहतरा मे अनारक्षित मुक्त, सुरुजपुरा मे अनारक्षित मुक्त, भाठासोरही मे अनारक्षित महिला, सुरहोली मे अन्य पिछड़ा वर्ग मुक्त, बेरलाकला मे अनारक्षित मुक्त कि कार्यवाई कि गई |जनपद पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण की जानकारी
जनपद पंचायत बेमेतरा मे आरक्षित प्रवर्ग अनुसूचित जाति महीला, जनपद पंचायत नवागढ़ मे आरक्षित प्रवर्ग सामान्य मुक्त, जनपद पंचायत साजा मे आरक्षित प्रवर्ग सामान्य मुक्त, जनपद पंचायत बेरला मे आरक्षित प्रवर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग महिला कि कार्यवाई कि गई है।
कलेक्टर ने कहा :-
कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने कहा कि त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव में आरक्षण की प्रक्रिया पारदर्शी और जनहित में सुनिश्चित की गई है, इससे नागरिकों को बेहतर प्रतिनिधित्व मिलेगा और सभी वर्गों को समान अवसर प्राप्त होंगे। इस आयोजन के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। उन्होंने कहा कि आरक्षण की यह प्रक्रिया कानून और संविधान के दिशा-निर्देशों के अनुसार की गई है, ताकि समतामूलक और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। -
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बेमेतरा : छत्तीसगढ़ प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए राज्य के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने एक कड़ा निर्देश जारी किया है। उन्होंने प्रदेश के सभी विभागों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन अनिवार्य रूप से सुनिश्चित किया जाए। मुख्य सचिव द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि हाल के दिनों में सड़क दुर्घटनाओं के कारण कई शासकीय कर्मियों की मृत्यु और गंभीर चोट लगने की घटनाएं सामने आई हैं। यह स्थिति चिंताजनक है और इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
मोटरयान (संशोधन) अधिनियम, 2019 के तहत वाहन चालन के दौरान सीट बेल्ट और हेलमेट का उपयोग अनिवार्य है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि शासकीय सेवकों को न केवल इन नियमों का पालन करना चाहिए, बल्कि अपने परिवार और आम जनता के लिए एक आदर्श प्रस्तुत करना चाहिए। सभी शासकीय कर्मियों के लिए निर्देश: प्रदेश में कार्यरत सभी शासकीय और अर्द्धशासकीय अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि वे वाहन चालन के समय अनिवार्य रूप से हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग करें। इसके अलावा, इन निर्देशों को सभी शासकीय कर्मियों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी संबंधित विभागों को सौंपी गई है।
मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन ने इस बात पर जोर दिया है कि नियमों का पालन न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए जरूरी है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक संदेश देने के लिए भी आवश्यक है। यह निर्देश प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने और जनसुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से जारी किया गया है।शासकीय कर्मियों से अपेक्षा की गई है कि वे इन नियमों का पालन कर दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत बनें। -
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बलरामपुर : त्रिस्तरीय पंचायतों के आम निर्वाचन 2025 हेतु जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत अध्यक्ष एवं सदस्य के लिए आरक्षण की कार्यवाही जिा पंचायत के सभाकक्ष में जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारी-कर्मचारियों की उपस्थिति में लाटरी पद्धति से किया गया।जिला पंचायत सदस्य हेतु आरक्षण क्षेत्र क्रमांक-1 कोगवार अनुसूचित जाति महिला, क्रमांक-2 सरना हेतु अनारक्षित महिला, क्रमांक-3 सुलसुली हेतु अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-4 सनावल हेतु अनारक्षित महिला, क्रमांक-5 नवाडीह हेतु अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-6 विजयनगर अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-7 खोभी(कपिलदेवपुर) हेतु अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-8 तातापानी हेतु अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-9 चांदो हेतु अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-10 नटवरगर हेतु अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 शंकरगढ़-01 हेतु अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-12 शंकरगढ़-02 हेतु अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-13 कोदौरा हेतु अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-14 चौरा हेतु अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है। इसी प्रकार जनपद पंचायत अध्यक्ष हेतु आरक्षण-जनपद पंचायत वाड्रफनगर अनुसूचित जनजाति मुक्त, रामचन्द्रपुर अनुसूचित जनजाति मुक्त, बलरामपुर अनुसूचित जनजाति महिला, राजपुर अनुसूचित जनजाति मुक्त, शंकरगढ़ अनुसूचित जनजाति महिला, कुसमी अनुसूचित जनजाति महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
इसी प्रकार जनपद पंचायत के सदस्यों का आरक्षण भी किया गया। जिसमें जनपद पंचायत वाड्रफनगर के निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जनपद सदस्य हेतु क्षेत्र क्रमांक-1 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-2 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-3 अनुसूचित जाति महिला, क्रमांक-4 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-05 अनारक्षित महिला, क्रमांक-06 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-07 अनारक्षित महिला, क्रमांक-08 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-09 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-10 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-12 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-13 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-14 अनारक्षित महिला, क्रमांक-15 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-16 अनारक्षित महिला, क्रमांक-17 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-18 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-19 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-20 अनुसूचित जाति मुक्त, क्रमांक-21 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-22 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-23 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-24 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-25 अनुसूचित जनजाति मुक्त के लिए आरक्षित किया गया है।
इसी प्रकार जनपद पंचायत रामचंद्रपुर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जनपद पंचायत सदस्य हेतु क्रमांक-01 अनारक्षित महिला, क्रमांक-02 अनुसूचित जाति महिला, क्रमांक-03 अनारक्षित महिला, क्रमांक-04 अनारक्षित महिला, क्रमांक-05 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-06 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-07 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-08 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-09 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-10 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-12 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-13 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-14 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-15 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-16 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-17 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-18 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-19 अनारक्षित महिला, क्रमांक-20 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-21 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-22 अनारक्षित महिला, क्रमांक-23 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-24 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-25 अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
जनपद पंचायत बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जनपद सदस्य हेतु क्रमांक-01 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-02 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-03 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-04 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-05 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-06 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-07 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-08 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-09 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-10 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-12 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-13 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-14 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-15 अनारक्षित महिला, क्रमांक-16 अनुसूचित जाति महिला, क्रमांक-17 अनारक्षित महिला, क्रमांक-18 अनाररक्षित महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
जनपद पंचायत राजपुर निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जनपद सदस्य हेतु क्रमांक-01 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-02 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-03 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-04 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-05 अनारक्षित महिला, क्रमांक-06 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-07 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-08 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-09 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-10 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-12 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-13 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-14 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-15 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-16 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-17 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-18 अनारक्षित महिला, क्रमांक-19 अनारक्षित महिला के लिए आरक्षित किया गया है।
जनपद पंचायत शंकरगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जनपद सदस्य हेतु क्रमांक-01 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-02 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-03 अनुसूचित जाति महिला, क्रमांक-04 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-05 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-06 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-07 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-08 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-09 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-10 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-12 अनारक्षित महिला, क्रमांक-13 अनारक्षित महिला, क्रमांक-14 अनुसूचित जनजाति मुक्त के लिए आरक्षित किया गया है।
जनपद पंचायत कुसमी निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत जनपद सदस्य हेतु क्रमांक-01 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-02 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-03 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-04 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-05 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-06 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-07 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-08 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-09 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-10 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-11 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-12 अनुसूचित जाति महिला, क्रमांक-13 अनारक्षित महिला, क्रमांक-14 अनुसूचित जनजाति मुक्त, क्रमांक-15 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-16 अनारक्षित मुक्त, क्रमांक-17 अनुसूचित जनजाति महिला, क्रमांक-18 अनारक्षित महिला एवं क्रमांक-19 अनुसूचित जनजाति मुक्त के लिए आरक्षित किया गया है। -
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बलरामपुर : कलेक्टर श्री राजेंद्र कटारा ने तहसील बलरामपुर के धान खरीदी केंद्र पस्ता और तहसील राजपुर के धान खरीदी केन्द्र राजपुर व धान संग्रहण केन्द्र डकवा का निरीक्षण किया। कलेक्टर नेे धान उपार्जन केन्द्र पस्ता, राजपुर का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने धान खरीदी केंद्र के प्रबंधक से अब तक हुए धान खरीदी और उठाव के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने समय पर धान की आद्रता एवं गुणवत्ता की जांच कर खरीदी करने को कहा। उन्होंने प्रभारियों को रोज की धान आवक की स्टेकिंग करने एवं गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए। साथ ही कहा कि धान उपार्जन केन्द्र से धान का उठाव नियमित रूप से किया जाए। इस दौरान उन्होंने धान बेचने आये किसानों से भी चर्चा कर सुविधाओं की जानकारी ली।
धान संग्रहण केंद्र डकवा का भी लिया जायजाकलेक्टर श्री कटारा ने धान संग्रहण हेतु बनाए गए संग्रहण केंद्र डकवा का भी जायजा लिया इस दौरान उन्होंने संग्रहण केन्द्र प्रबंधक से बात कर धान संग्रहण हेतु किये जा रहे व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि संग्रहण केन्द्र में संग्रहण शुरू करने के पहले संपूर्ण व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। संग्रहण केन्द्र में विद्युत, फेसिंग, डेनेज की समुचित व्यवस्था करने को कहा। कलेक्टर ने धान संग्रहण केन्द्र में सुरक्षा के तहत सभी आवश्यक स्थानों पर सीसीटीवी लगाने के निर्देश भी दिए।कलेक्टर ने स्टेकों को ढककर रखने, असामयिक परिस्थितियों में मौसम के दृष्टिगत पानी निकासी हेतु नाली की व्यवस्था रखने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रतिदिन आ रही गाड़ियों को तुरंत खाली करने की व्यवस्था करने व स्टेक प्लान के अनुसार ही भण्डारण करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान एसडीएम राजपुर श्री राजीव जेम्स कुजूर, खाद्य अधिकारी श्री शिवेंद्र कामटे सहित अन्य अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे। -
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पर्यटन क्षेत्र में सामुदायिक शौचालय, स्वच्छता, वाहन पार्किंग, टुरिस्ट गाइड आदि का संचालन स्थानीय ग्रामीण महिलाओं और पुरूषों के समूह द्वारा की जा रही है। धमतरी जिला मुख्यालय से तकरीबन 35 किलोमीटर दूर यह नरहरा धाम कुकरेल से बिरझुली जाने वाली पक्की सड़क के बाद कोटरवाही से 5 किलोमीटर है। जलप्रपात का स्वरूप पूरी तरह से प्राकृतिक है और आसपास का पूरा पानी बहकर आगे बढ़ने के दौरान नरहरा धाम में जलप्रपात का स्वरूप लेता है।चट्टानों के ऊपर से पानी का बहाव साफ जाहिर करता है कि पानी के तेज बहाव में चट्टानों को काटकर प्राकृतिक सौंदर्य का रूप दिया है। यह पानी आगे बढ़कर महानदी में जाकर मिलता है। नरहरा धाम पर्यटन की दृष्टि से ऐतिहासिक स्थल होने के साथ-साथ धार्मिक आस्था का केंद्र भी है। यहां कभी ऋषि मारकंडे तप किया करते थे और यह जगह उनका तपस्थली हुआ करता था। इसी जगह पर माता नारेश्वरी देवी का मंदिर भी स्थापित -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए डी.एल.एड. (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) नामांकन और परीक्षा आवेदन प्रक्रिया की तिथियां घोषित कर दी हैं। डी.एल.एड. के प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों को अपने आवेदन ऑनलाइन भरने होंगे। मंडल ने प्रक्रिया को समयबद्ध और सुचारू बनाने के लिए महत्वपूर्ण तिथियों की सूची जारी की है।
प्रथम वर्ष के परीक्षार्थियों ग्राह्यता/नामांकन के लिए ऑनलाइन 10 से 31 जनवरी 2025 तक आवेदन कर सकते हैं। परीक्षार्थी 03 से 18 फरवरी 2025 तक मंडल में नामांकन फार्म की हार्ड कॉपी जमा कर सकेंगे। प्रथम और द्वितीय वर्ष के मुख्य परीक्षा के लिए ऑनलाईन आवेदन 03 से 20 मार्च 2025 तक आवेदन किया जाएगा और आवेदन फार्म की हार्ड कॉपी 21 से 28 मार्च 2025 तक मण्डल में जमा कर सकेंगे। विलंब से परीक्षा की हार्ड कॉपी जमा करने पर विलंब शुल्क 1540 रूपए प्रति परीक्षा की दर से आवेदन 01 से 09 अप्रैल 2025 तक जमा किया जा सकता है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मछुआरों तथ मत्स्य पालक कृषकों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए कई रियायतें दी जा रही है। मत्स्य पालन को प्रोत्साहित करने के लिए अनुसूचित जनजाति वर्ग और महिलाओं को 60 प्रतिशत तक अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है, जिससे इस वर्ग के लोग भी मछली पालन को अपनाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुढृढ़ कर रहे है।
दंतेवाड़ा जिले के ग्राम मैलावाड़ा के प्रगतिशील कृषक श्री जयराम कश्यप ने मत्स्य पालन के माध्यम से अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करते हुए अन्य कृषकों के लिए प्रेरक बन गए है। पारंपरिक खेती से सीमित आय प्राप्त करने वाले जयराम ने 2017 में अपनी पुश्तैनी भूमि पर तालाब बनाकर मत्स्य पालन शुरू किया। उन्होंने मत्स्य विभाग के मार्गदर्शन में इन योजनाओं का लाभ उठाते हुए अपनी सवा एकड़ भूमि पर तालाब का निर्माण कराया और 2023-24 में 25 डिसमिल भूमि में पौंड-लाइनर भी स्थापित किया।
श्री जयराम कश्यप ने सघन मत्स्य पालन तकनीक अपनाते हुए रोहू, कतला, मृगल और कॉमन कॉर्प जैसी उन्नत नस्लों का पालन किया। उनके पौंड-लाइनर में सारंगी (फंगाल) जैसी मछलियों के बीजों को तैयार किया जाता है। तालाबों में ऑक्सीजन की सतत आपूर्ति और वैज्ञानिक तरीकों से मछलियों की बेहतर देखभाल की जाती है। श्री कश्यप को मत्स्य पालन से सालाना साढ़े पांच लाख रुपये का मुनाफा हो रहा है, जो कि उनके कृषि आय से कई गुना अधिक है। उनके दोनों पुत्र इस व्यवसाय में सहयोग कर रहे हैं। स्थानीय बाजार में मछलियों की अधिक मांग के कारण उनकी मछलियां आसानी से बिक जाती हैं।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में मत्स्य पालन को प्रोत्साहन देने के लिए मछुआरों को तालाब निर्माण, उपकरण, परिपूरक आहार और मत्स्य बीजों के लिए अनुदान प्रदान किया जा रहा है। श्री जयराम कश्यप ने बताया कि वे अपने तालाब के पास कुक्कुट शेड बनाकर आय के स्रोतों को और बढ़ाने के लिए प्रयासरत् है। छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं और श्री जयराम कश्यप जैसे प्रगतिशील किसानों के प्रयासों ने दंतेवाड़ा जिले में मत्स्य पालन को एक आकर्षक और स्थायी व्यवसाय बना दिया है। यह सफलता क्षेत्र के अन्य किसानों को भी मत्स्य पालन के प्रति प्रेरित कर रही है। -
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कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन मंत्री श्री केदार कश्यप और 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल थे मौजूदराज्य सरकार द्वारा चालू खरीफ सीजन में 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमानकेन्द्रीय और राज्य पूल में 125 लाख मीट्रिक टन धान का होगा निष्पादनअतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान की नीलामी के लिए हुआ गहन विचार-विमर्शप्रदेश में अब तक 113 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदीधान खरीदी के एवज में 21.54 लाख किसानों को 25,549 करोड़ रूपए का भुगतानरायपुर : खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में आज महानदी भवन मंत्रालय में मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य सरकार द्वारा अनुमानित 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान के शत-प्रतिशत निष्पादन के लिए मंथन किया गया। केन्द्रीय और राज्य पूल में 125 लाख मीट्रिक टन धान का निष्पादन हो सकेगा। लगभग अतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान के नीलामी के लिए निविदा प्रक्रिया पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया गया। धान खरीदी के पश्चात माह फरवरी के दूसरे सप्ताह में नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय पर सहमति बनी है। अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में तय होगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सदस्यों ने शत-प्रतिशत धान के निराकरण हेतु अपने-अपने सुझाव भी दिए।
गौरतलब है कि प्रदेश में इस खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन संभावित है। इस खरीफ विपणन वर्ष में भारत सरकार से प्राप्त केन्द्रीय पूल में चावल जमा लक्ष्य (70 लाख मीट्रिक टन) एवं नागरिक आपूर्ति निगम के राज्य पूल लक्ष्य में (14 लाख मीट्रिक टन) से लगभग 125 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण संभव होगा। वहीं लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष रहेगा। जिसकी नीलामी कर निराकरण किया जाना है।
बैठक में धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव, किसानों के लिए पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था, टोकन की स्थिति सहित विभिन्न किसान हित से जुड़े मुद्दे की समीक्षा की गई। बैठक में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव में तेजी लाने के निर्देश दिए गए। बैठक में मंत्री-मंडलीय उप समिति के सदस्य कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री श्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए।खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। वर्तमान में राज्य में 2058 सहकारी समितियां तथा 2739 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से आगामी खरीफ विपणन वर्ष में 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में 14 नवम्बर 2024 से शुरू हुए धान खरीदी महाअभियान के तहत अब तक 113 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में राज्य 21.54 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 25 हजार 549 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव जारी है।
बैठक में खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, सचिव श्री अन्बलगन पी, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, वित्त विभाग के विशेष सचिव श्री मुकेश बंसल, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, सहकारिता विभाग के आयुक्त श्री कुलदीप शर्मा, खाद्य विभाग के संचालक श्री जितेन्द्र कुमार शुक्ला, मार्कफेड के प्रबंध संचालक श्री रमेश शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक श्री जे. महोबे, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक श्री एम.एस. सवन्नी, खाद्य विभाग के संयुक्त सचिव श्री जी. एस. सिकरवार सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायगढ़ जिला सर्वाधिक घरेलू नल कनेक्शन देने में सबसे आगेरायपुर : राज्य के ग्रामीण अंचलों में निःशुल्क घरेलू नल कनेक्शन देने का काम तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में जल जीवन मिशन के अंतर्गत घरों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत 50 लाख 03 हजार 730 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन दिया जाना है। जिसके तहत वर्तमान में 40 लाख 15 हजार 635 घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। इसके साथ-साथ राज्य के 43 हजार 926 स्कूलों, 41 हजार 665 आंगनबाड़ी केन्द्रों तथा 17 हजार 319 ग्राम पंचायत भवनों और सामुदायिक उप-स्वास्थ्य केन्द्रों में टेप नल के माध्यम से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति की व्यवस्था की गई है। जिसमें छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिला सर्वाधिक 2 लाख 504 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देने में सबसे आगे है। इसी तरह जिला महासमुंद 1 लाख 98 हजार 12, जांजगीर-चांपा जिले में 1 लाख 85 हजार 283 परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन देने में क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री अरुण साव के मार्गदर्शन में चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के अंतर्गत राज्य में प्रति व्यक्ति, प्रतिदिन 55 लीटर के मान से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है, इसके लिए सभी जिलों में कार्ययोजना तैयार कर तेजी से कार्य किए जा रहे हैं। इस मिशन के तहत घरेलू नल कनेक्शन के अतिरिक्त स्कूल, उप-स्वास्थ्य केंद्र एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी रनिंग वाटर की व्यवस्था की जा रही है। साथ ही साथ जमीनी स्तर पर राज्य में सिंगल विलेज स्कीम और मल्टी विलेज स्कीम सहित अन्य पेयजल योजनाओं सहित जल जीवन मिशन के कार्यों का क्रियान्वयन सचिव लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मो. कैसर अब्दुलहक और जल जीवन मिशन संचालक डॉ. सर्वेश्वेर भूरे द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
जल जीवन मिशन के तहत अब तक बलौदाबाजार-भाटापारा में 1 लाख 81 हजार 420, बिलासपुर जिले में 1 लाख 80 हजार 760, रायपुर जिला 1 लाख 79 हजार 390, कबीरधाम 1 लाख 65 हजार 717, धमतरी जिले में 1 लाख 53 हजार 150, बालोद में 01 लाख 52 हजार 264, बेमेतरा जिले में 1 लाख 50 हजार 578, मुंगेली में 1 लाख 48 हजार 563, जशपुर में 1 लाख 44 हजार 163, कोरबा में 1 लाख 43 हजार 867, बस्तर में 1 लाख 43 हजार 514, बलरामपुर में 1 लाख 41 हजार 808 तथा राजनांदगांव जिला 1 लाख 39 हजार 623 नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं।इसी तरह दुर्ग 1 लाख 37 हजार 872, सक्ती में 1 लाख 34 हजार 835, गरियाबंद 1 लाख 34 हजार 530, सरगुजा जिले के 1 लाख 29 हजार 662, सांरगढ़-बिलाईगढ़ में 1 लाख 24 हजार 017, सूरजपुर में 1 लाख 15 हजार 072, कांकेर 1 लाख 12 हजार 312, कोण्डागांव में 1 लाख 01 हजार 963, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 68 हजार 187, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 62 हजार 635, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 60 हजार 379, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में 47 हजार 113, सुकमा में 46 हजार 477, दंतेवाड़ा में 39 हजार 557, कोरिया में 37 हजार 777, बीजापुर 32 हजार 562, और नारायणपुर जिले में 21 हजार 936 ग्रामीण परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन -
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अब तक 398 करोड़ 22 लाख रूपए की राशि की जा चुकी है जारीरायपुर : श्रम मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज नवा रायपुर स्थित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मंडल कार्यालय में 41 हजार से अधिक श्रमिकों के बैंक खाते में 23.22 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से अंतरित की। विष्णु देव की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है। 37 हजार से अधिक निर्माण श्रमिकों को 14.83 करोड़ रूपए एवं 4928 असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों को राशि रूपए 8.39 करोड़ रूपए, 28 श्रमिकों को पेंशन एवं दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के तहत अनुदान राशि दिया जा रहा है। इस तरह कुल 41 हजार से अधिक श्रमिकों को 23.22 करोड़ रूपए डीबीटी के माध्यम से अंतरित किए गए। इस अवसर पर सचिव सह श्रमायुक्त श्रीमती अलरमेल मंगई डी, अपर आयुक्त श्रम एस. एल. जांगड़े सहित श्रमिक उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान श्रम मंत्री ने मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना के अंतर्गत चंगोराभाठा निवासी झम्मन यादव को एक लाख रूपए की सहायता राशि का चेक, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के तहत फाफाडीह रायपुर निवासी रेणु मिश्रा एवं उदिया सोसायटी टाटीबंध की दीपा साहू को 20-20 हजार रूपए का चेक, दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना के अंतर्गत कुशालपुर रायपुर निवासी श्रीमती रेश्मी बाई, प्रोफेसर कॉलोनी रायपुर की लता देवांगन, कोटा रायपुर की हेमलता साहू एवं सड्डू रायपुर की भुवनेश्वरी साहू को एक-एक लाख रूपए की चेक प्रदाय किया गया।
इस अवसर पर श्रम मंत्री श्री देवांगन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव की सरकार में प्रदेश के श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को लगातार योजनाओं का लाभ तेजी से मिल रहा है। श्रम विभाग के तीनों मंडल-छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार मंडल, संगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मंडल एवं श्रम कल्याण मंडल के माध्यम से योजनाओं का सफल क्रियान्वयन हो रहा है। इसी का परिणाम है की जनवरी से नवम्बर 2024 तक श्रमिकों को विभिन्न योजनाओं के माध्यम से 375 करोड़ रूपए अंतरित किये जा चुके हैं। श्रम विभाग के तीनों मंडल के अंतर्गत श्रमिकों के हित में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही है।इसमें मिनीमाता जतन योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चे हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु निःशुल्क गणवेश एवं पुस्तक कॉपी सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना संचालित की जा रही है। -
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रायपुर : दंतेवाड़ा जिला प्रशासन ने दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को सरल और आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक नया कदम उठाते हुए ’एनी डिवाइस’ नामक विशेष उपकरण प्रदान किया है। यह डिवाइस बच्चों को ब्रेल लिपि को सीखने और पढ़ने में मददगार है। जिला प्रशासन द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय ’सक्षम’ के दृष्टिबाधित बच्चों को यह डिवाईस दिया गया है। ’एनी डिवाइस’ एक स्मार्ट लर्निंग टूल है, जो बच्चों को ब्रेल अक्षरों को पहचानने और लिखने में मदद करता है। यह डिवाइस टच और ऑडियो फीचर्स से लैस है। बच्चे अपनी उंगलियों से डिवाइस पर ब्रेल अक्षरों को छूते हैं, और डिवाइस तुरंत ऑडियो में अक्षर का नाम और उसकी ध्वनि सुनाता है। इसमें इंटरएक्टिव गेम्स और क्विज भी शामिल हैं, जो बच्चों के सीखने की प्रक्रिया को रोचक और प्रभावी बनाता है।
दंतेवाड़ा जिले के ’सक्षम’ विद्यालय में 16 दृष्टिबाधित बालिकाएं और 12 बालक पढ़ाई कर रहे हैं। इस नई डिवाइस के आने से न केवल उनकी पढ़ाई आसान हुई है, बल्कि आत्मनिर्भरता भी बढ़ी है। शिक्षक श्री अमित यादव ने बताया कि ब्रेल लिपि पढ़ाने का अनुभव पहले भी था, लेकिन ’एनी डिवाइस’ ने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ अन्य डिजिटल सुविधाओं का अनुभव दिया है। ’एनी डिवाइस’ से बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ा है। यह उपकरण बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ उन्हें गेम, गानों और अन्य गतिविधियों से भी जोड़ता है। डिवाइस वॉइस असिस्टेंस जैसी तकनीक से लैस है। दंतेवाड़ा प्रशासन का यह प्रयास दिव्यांग बच्चों के लिए शिक्षा और तकनीक का समावेश करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2013 में ’सक्षम’ विद्यालय की स्थापना से लेकर ’एनी डिवाइस’ के उपयोग तक, यह पहल दृष्टिबाधित बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह शिक्षा में समावेशिता और तकनीकी विकास का प्रतीक बनकर समाज के उन वर्गों के उत्थान है, जिन्हें विशेष सहयोग की आवश्यकता है। -
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रायपुर : गरियाबंद जिले की जनजातीय महिलाओं के जीवन में महतारी वंदन योजना ने नई उम्मीदें जगाई हैं। यह योजना न केवल आर्थिक मदद कर रही है, बल्कि परंपरागत बांसशिल्प कला को सशक्त करने और आत्मनिर्भरता की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कुरूद गांव की कंडरा जनजाति की श्रीमती श्यामा बाई इस योजना की सफलता की मिसाल बन चुकी हैं।
कभी मजदूरी कर मुश्किल से गुजारा करने वाली श्यामा बाई ने योजना से मिलने वाली आर्थिक सहायता का उपयोग अपने पारंपरिक बांसशिल्प व्यवसाय को बढ़ाने में किया। अब उनका परिवार आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, और उनकी मासिक आय 8,000 रुपए तक पहुंच चुकी है। श्रीमती श्यामा बाई ने बताया कि महतारी वंदन योजना से मिलने वाली प्रतिमाह 1,000 रुपए की राशि उनके व्यवसाय के लिए बहुत फायदेमंद साबित हुई है। इससे वह बांस जैसी कच्ची सामग्री समय पर खरीद पाती हैं, जिससे उनका काम तेजी से बढ़ा है।पहले उन्हें पैसे की कमी के कारण कम मात्रा में उत्पाद तैयार करने पड़ते थे, लेकिन अब वह टोकरी, बर्तन और सजावटी सामान के साथ-साथ छोटे उत्पाद जैसे सूपा, चुरकी और टोकनी भी बना पा रही हैं। उनके पति भी इस कार्य में सहयोग करते हैं। साथ मिलकर वे अपने उत्पादों को बिचौलियों के माध्यम से गांवों में बेचते हैं। शादी-विवाह के सीजन में बाजारों में दुकान लगाकर अतिरिक्त आय अर्जित करते हैं। इस मदद और मेहनत ने उनकी जिंदगी को एक नई दिशा दी है।
महतारी वंदन योजना के अंतर्गत मिल रही आर्थिक सहायता ने श्यामा बाई और उनके परिवार को आत्मनिर्भर बनाया है। अब उन्हें दूसरों से ऋण लेने की जरूरत नहीं पड़ती, और वह अपने व्यवसाय को कुशलता से चला रही हैं। उनकी सफलता से अन्य जनजातीय परिवार भी प्रेरित हो रहे हैं और बांसशिल्प जैसे परंपरागत व्यवसायों को नए सिरे से अपनाने की ओर अग्रसर हैं। गरियाबंद जिले में महतारी वंदन योजना जैसे प्रयासों ने यह साबित किया है कि यदि योजनाएं सही तरीके से लागू की जाएं, तो इससे न केवल आर्थिक विकास संभव है, बल्कि पारंपरिक कौशल को भी सहेजा जा सकता है।श्रीमती श्यामा बाई आज आत्मनिर्भरता और परिश्रम की एक मिसाल हैं। उनके प्रयास यह से यह प्रमाणित हुआ है कि कैसे सरकारी योजनाएं जनजातीय समुदायों को प्रगति की मुख्यधारा में लाने का कार्य कर रही हैं। श्रीमती श्यामा बाई का कहना है कि महतारी वंदन योजना ने हमें आर्थिक मजबूती और आत्मविश्वास दिया है। अब हम अपने कौशल से अपने बच्चों को बेहतर भविष्य दे सकते हैं। उनकी यह सफलता अन्य महिलाओं के लिए अनुकरणीय है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगांव विकासखंड में स्थित प्रसिद्ध सांकरदाहरा, आज न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है, बल्कि इसे छत्तीसगढ़ का दूसरा राजिम भी कहा जाने लगा है। शिवनाथ, डालाकस और कुर्रूनाला नदियों के संगम पर स्थित यह स्थान, अपनी प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।
सांकरदाहरा में शिवनाथ नदी के संगम के साथ डालाकस और कुर्रू नाला नदियां मिलती हैं। यहां नदी तीन धाराओं में बंट जाती है और फिर सांकरदाहरा के नीचे आपस में मिलती हैं। इस संगम पर स्थित मंदिर और नदी तट पर बनी भगवान शंकर की 32 फीट ऊंची विशालकाय मूर्ति हर आने वाले को मंत्रमुग्ध कर देती है। मंदिर का रमणीय दृश्य और नौका विहार की सुविधा इस स्थल को और भी खास बनाती है।
सांकरदाहरा में हर वर्ष महाशिवरात्रि के अवसर पर तीन दिवसीय भव्य मेला लगता है। यहां न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु अपने पूर्वजों की अस्थि विसर्जन, मुण्डन और पिंडदान के लिए आते हैं। सांकरदाहरा के मंदिर परिसर में अनेक देवी-देवताओं के मंदिर हैं। नदी के बीचों-बीच शिवलिंग की स्थापना सांकरदाहरा विकास समिति द्वारा की गई है। इसके अलावा सातबहिनी महामाया देवी, अन्नपूर्णा देवी, संकट मोचन भगवान, मां भक्त कर्मा, मां शाकंभरी देवी, राधाकृष्ण, भगवान बुद्ध, दुर्गा माता और अन्य देवी-देवताओं के मंदिर श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र हैं। इन मंदिरों को ग्राम देवरी के ग्रामीणों के सहयोग से स्थापित किया गया है।
सांकरदाहरा के नामकरण के पीछे कई लोक कथाएं प्रचलित हैं। मान्यता है कि नदी के मध्य स्थित गुफा में शतबहनी देवी का निवास है। यह गुफा दो चट्टानों के बीच स्थित दाहरा (गहरा जलभराव) में है। कहा जाता है कि इस क्षेत्र में लोहे के सांकर (लोहे का सामान) का बार-बार अदृश्य होना और चट्टान के पास पुनः प्रकट होना, इस स्थान के नामकरण का आधार बना।
यह स्थान कई अद्भुत घटनाओं का भी साक्षी है। वर्ष 1950 की एक घटना आज भी जनमानस के बीच प्रचलित है। कहा जाता है कि बरसात के मौसम में लकड़ी इकट्ठा करने गई एक गर्भवती महिला बाढ़ में फंस गई। उसे शतबहनी देवी का स्मरण करने का सुझाव दिया गया, और देवी की कृपा से वह सुरक्षित बच निकली। उस महिला ने बाद में एक पुत्र को जन्म दिया, जिसका नाम संकरु रखा गया। इस घटना ने इस स्थान की आध्यात्मिक महिमा को और भी बढ़ा दिया।
शासन द्वारा सांकरदाहरा में विकास कार्यों पर विशेष ध्यान दिया गया है। यहां धार्मिक आयोजन के लिए दो बड़े भवनों का निर्माण किया गया है। यहां एनीकट के निर्माण से हमेशा जलभराव रहता है, जिससे मुण्डन और पिंडदान जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए सुविधाएं बेहतर हुई हैं। पूजन सामग्री और अन्य दुकानों के संचालन से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल रहा है।
सांकरदाहरा न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि आसपास के राज्यों के लोगों के लिए भी एक प्रमुख आध्यात्मिक और पर्यटन स्थल बन चुका है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और लोक कथाएं इसे अद्वितीय बनाती हैं। यह स्थान न केवल श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, बल्कि स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने का माध्यम भी है। -
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कृषक उन्नति योजनारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए संचालित कृषक उन्नति योजना ने ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि और खुशहाली की नई मिसाल कायम की है। इस योजना के माध्यम से किसानों को न केवल उनकी फसलों का उचित मूल्य मिल रहा है, बल्कि उनकी जीवनशैली में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम रवेली के किसान श्री अगनुराम साहू इसका जीता-जागता उदाहरण हैं।
श्री अगनुराम साहू के पास 15 एकड़ जमीन है, जहां वे धान और अन्य फसलों की खेती करते हैं। इस वर्ष कृषक उन्नति योजना के तहत उन्हें 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान का मूल्य मिलने पर उन्हें 2 लाख 40 हजार रूपए का लाभ हुआ। इसके अलावा, उन्हें बकाया धान का बोनस के रूप में 60 हजार रूपए प्राप्त हुए। इस राशि ने न केवल उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत हुई, बल्कि उनके भविष्य की योजनाओं को भी साकार करने में मदद मिली है।
श्री साहू ने बताया कि वे खेती में आधुनिक तकनीकों और नवीनतम यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने धान की बिक्री से मिली राशि से ट्रैक्टर खरीदा है और अब वे उसकी किस्त चुकाने के साथ ही अपने खेत में सिंचाई के लिए ट्यूबवेल लगाने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, वे अपने सपने का पक्का मकान बनाने की तैयारी भी कर रहे हैं। श्री साहू को न केवल कृषक उन्नति योजना का लाभ मिला है, बल्कि अन्य सरकारी योजनाओं से भी उनकी जिंदगी बेहतर हो रही है।पर्रीनाला एनीकट के माध्यम से सिंचाई के लिए मोटर पंप पर उन्हें 11 हजार रूपए का अनुदान मिला है। घर में नल-जल योजना से स्वच्छ पेयजल की सुविधा उपलब्ध हुई है। उनकी बहू को महतारी वंदन योजना का लाभ मिला है, जिससे परिवार की आर्थिक स्थिति और बेहतर हुई है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कृषक उन्नति योजना ने हम किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त किया है। अब हमारे पास न केवल खेती के लिए बेहतर संसाधन हैं, बल्कि हमारी जीवनशैली में भी सुधार हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि शासन की योजनाएं उनके जैसे किसानों के लिए वरदान साबित हो रही हैं।कृषक उन्नति योजना के कारण श्री अगनुराम साहू जैसे किसान अब न केवल अपनी फसल का उचित मूल्य प्राप्त कर रहे हैं, बल्कि अपने परिवार का बेहतर भविष्य गढ़ रहे है। श्री साहू जैसे किसान आज छत्तीसगढ़ की कृषि प्रगति की मिसाल बन गए हैं, और उनकी सफलता अन्य किसानों को भी प्रेरित कर रही है। कृषक उन्नति योजना ने यह साबित कर दिया है, कि योजनाबद्ध तरीके से किसानों का सशक्तिकरण किया जाए, तो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को एक नई दिशा दी जा सकती है। -
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कई गांवों को मिलेगी राहत, बारहों महीने निर्बाध आवागमन की मिलेगी सुविधा
खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार गढ़वा और नगर उटारी जाने वालों की दूरी हो जाएगी आधी
बिलासपुर : बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने कन्हर नदी पर उच्च स्तरीय पुल का काम तेजी से चल रहा है। इस पुल के निर्माण से 20 गांवों की करीब 40 हजार आबादी को बड़ी राहत मिलेगी। सनावल क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजाना खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार स्थित झारखंड के जिला मुख्यालय गढ़वा तथा प्रखंड मुख्यालय नगर उटारी और धुरकी जाते हैं। कन्हर नदी पर इस पुल के शुरू हो जाने से सनावल क्षेत्र से इन तीनों शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। क्षेत्रवासियों को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।
लोक निर्माण विभाग द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के गढ़वा जिला के धुरकी प्रखंड के बालचौरा के बीच कन्हर नदी पर 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जा रहा है। अभी 12 पियर एवं दो अबटमेंट में से पांच पियर एवं एक अबटमेंट का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष सात पियर एवं एक अबटमेंट में सब-स्ट्रक्चर का कार्य प्रगति पर है। अगले कुछ दिनों में सुपर-स्ट्रक्चर का भी काम पूर्ण कर लिया जाएगा। 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई के इस पुल का करीब 50 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने अधिकारियों को निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समय-सीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग द्वारा पुल का काम इस साल जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। कन्हर नदी पर छत्तीसगढ़ के धौली और झारखंड के बालचौरा गांव के बीच पुल के निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के अनेक गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे क्षेत्र में व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही खरीदारी, इलाज और विभिन्न कार्यों से रोजाना गढ़वा एवं नगर उटारी जाने वालों की सफर की दूरी आधी हो जाएगी।अभी धौली से सड़क मार्ग से गढ़वा जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल के शुरू हो जाने के बाद यह दूरी घटकर 55 किलोमीटर हो जाएगी। सनावल क्षेत्र के लोगों को अभी नगर उटारी जाने के लिए 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। पुल बन जाने के बाद यह दूरी घटकर आधी यानि 35 किलोमीटर हो जाएगी। वाड्रफनगर क्षेत्र के लोग अभी रामानुजगंज और उत्तरप्रदेश होकर झारखंड जाते हैं। कन्हर नदी पर पुल के चालू हो जाने पर वे बहुत कम दूरी तय कर सीधे झारखंड पहुंच सकेंगे।
पुल के निर्माण से ये 20 गांव होंगे लाभान्वित
धौली और बालचौरा के बीच पुल के निर्माण से सनावल क्षेत्र के 20 गांवों के साथ ही इस मार्ग का उपयोग कर झारखंड के गढ़वा, धुरकी और नगर उटारी आने-जाने वालों को फायदा होगा। इसके निर्माण से धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर इत्यादि गांवों को बड़ी राहत मिलेगी। -
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इस वर्ष अब तक 11036 हितग्राहियों को मिली ऋण राशि
बिलासपुर : पीएम स्वनिधि योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही हैं, जो स्वयं का व्यवसाय स्थापित करना चाहते है या अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते है। योजना के तहत् जिले में एक साल में अब तक विभिन्न श्रेणियों में 11,036 हितग्राहियों को योजना के तहत् ऋण स्वीकृत किया गया है। योजना से लाभान्वित हितग्राहियों नेे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताया है। योजना से लाभान्वित जूना बिलासपुर निवासी श्री लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता ने बताया कि वे पान ठेला चलाते हैं, जिसके लिए उन्होंने पहले 10,000 का ऋण लिया उसके बाद 20,000/- रुपए ऋण के लिए आवेदन किया इस ऋण को चुकाने के बाद उन्हें 50,000 का ऋण प्राप्त हुआ।उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि को व्यवसाय में लगाकर उन्होंने आय अर्जित की और समय पर ऋण का भुगतान किया जिसके कारण वे अधिक ऋण के पात्र बनें। उन्होंने कहा कि योजना से मिली राशि से उनका व्यवसाय बढ़ा जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए कहा कि इस योजना से हम जैसे लोगोें को बड़ी सहायता मिल रही हैं। योजना से लाभान्वित मसानगंज निवासी श्री असद अखतर खान ने बताया कि वे फॉस्ट फूड का ठेला चलाते हैं, योजना से मिली राशि का उपयोग उन्होंने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में किया हैं, जिससे उनकी आय बढ़ी हैं, उन्होंने योजना के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक ऐसी योजना जो जरूरतमंद परिवारों को फुटकर व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बनने का संबल प्रदान करती है। योजना के तहत् प्रथम ऋण के रूप में 10,000 रुपए तक का लोन दिया जाता है, समय पर लोन चुकाने पर अगली बार 20,000 रुपए का ऋण दिया जाता है, और इस राशि को चुकाने के बाद योजना के तहत् 50,000 का ऋण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य कमजोर आय वर्ग को स्वयं के व्यवसाय के लिए सहयोग प्रदान करना है, फुटकर व्यवसायी रेहणी, ठेले, और छोटे-मोटे व्यवसाय करने वालो को योजना के तहत् लाभान्वित किया जाता हैं।जिले में योजना के तहत् प्रथम ऋण के लिए 8,123 लक्ष्य प्राप्त है, जिनमें आज तक 7944 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, और 7591 हितग्राहियों को ऋण राशि दी जा चुकीं हैं। द्वितीय ऋण के लिए 3673 लक्ष्य दिया गया हैं, जिनमें 2398 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, और 2207 हितग्राहियों को ऋण राशि प्रदान की गई हैं। तृतीय ऋण 50,000 के लिए 330 लक्ष्य रखा गया हैं, जिसके विरूद्ध प्राप्त 975 आवेदनों में से 694 आवेदनों को स्वीकृती दी गई और 559 हितग्राहियों को ऋण राशि दी गई हैं, शेष स्वीकृत आवेदनों को वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2025 तक ऋण राशि प्रदान कर दी जाएगी। इस योजना के लिए आवेदन नगर निगम की शहरी आजीविका मिशन शाखा के माध्यम से किया जा सकता हैं। -
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बिलासपुर : आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में जिला पंचायत बिलासपुर के निर्वाचन क्षेत्रों एवं अध्यक्ष जनपद पंचायत बिल्हा, तखतपुर, कोटा एवं मस्तूरी के आरक्षण की कार्यवाही विहित प्राधिकारी एवं अतिरिक्त कलेक्टर श्री शिव कुमार बनर्जी द्वारा किया गया । जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल भी मौजूद थे । जिला पंचायत बिलासपुर में 17 जिला पंचायत क्षेत्र है जिसमें अनुसूचित जाति प्रवर्ग के लिए 4 सीट, अनुसूचित जनजाति के लिए 3 सीट व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1 सीट एवं 9 अनारक्षित सीट है।उपरोक्त सीटों के आरक्षण हेतु वर्ष 2019-20 में विभिन्न प्रवर्गाे हेतु आरक्षित सीटों के आरक्षित स्थानों में चक्रानुक्रम में आरक्षित किये जाने हेतु शासन के निदेशानुसार वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति प्रवर्ग हेतु क्षेत्र क्रमांक 2, 4, 11, 12 एवं 13 आरक्षित थे। जिसमें अनुसूचित जाति महिला हेतु 2, 4, एवं 12 आरक्षित थे। अनुसूचित जनजाति हेतु क्षेत्र क्रमांक 15 व 16 आरक्षित थे, जिसमें क्षेत्र क्रमांक 15 अनुसुचित जनजाति महिला हेतु आरक्षित थे। अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु क्षेत्र क्रमांक 5, 9, 14 एवं 10 आरक्षित थे, जिसमें क्षेत्र क्रमांक 10 एवं 14 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु आरक्षित था।
वर्ष 2024-25 में चक्रानुक्रम में आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद क्षेत्र क्रमांक 2 एवं 12 अनुसूचित जाति मुक्त एवं 11 और 13 अनुसूचित जाति महिला हेतु आरक्षित किये गये हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति हेतु क्षेत्र क्रमांक 15 अनुसूचित जनजाति मुक्त एवं क्षेत्र क्रमांक 16 व 17 महिला अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित किये गए। अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु लाट द्वारा क्षेत्र क्रमांक 1 को आरक्षित किया गया है। महिला प्रवर्ग हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण किये जाने के प्रावधान होने के कारण स्वमेव अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु क्षेत्र क्रमांक 1 आरक्षित हो गया है। शेष क्षेत्र क्रमांक 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09, 10 एवं 14 अनारक्षित हुए जिसमें अनारक्षित महिला हेतु लॉटरी से 5 सीटे निकालने की कार्यवाही की गई जिसका क्षेत्र क्रमांक 3, 4, 6, 9 तथा 14 अनारक्षित महिला प्रवर्ग हेतु आरक्षित हुए तथा क्षेत्र क्रमांक 5, 7, 8 एवं 10 अनारक्षित मुक्त हो गये।इस प्रकार जिला पंचायत बिलासपुर के 17 सीटों के आरक्षण की कार्यवाही संपन्न की गई। इसी प्रकार जनपद पंचायत अध्यक्षो के पद वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति महिला हेतु जनपद पंचायत बिल्हा, अनुसूचित जनजाति मुक्त हेतु जनपद पंचात कोटा, अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु जनपद पंचायत मस्तूरी एवं अनारक्षित महिला हेतु जनपद पंचायत तखतपुर आरक्षित थे। वर्ष 2024-25 के निर्वाचन हेतु चक्रानुक्रम प्रक्रिया के माध्यम से लाट निकाली गई। जिसमें जनपद पंचायत बिल्हा अनारिक्षत मुक्त, जनपद पंचायत मस्तूरी अनुसूचित जनजाति महिला, जनपद पंचायत कोटा अनारक्षित महिला एवं जनपद पंचायत तखतपुर अनुसूचित जाति महिला हेतु आरक्षित की गई है। -
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रायपुर : मुंगेली जिले के शुक्लाभाठा-विचारपुर गांव की महिलाओं ने आत्मनिर्भरता की दिशा में एक नई मिसाल पेश की है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के मंशानुरूप महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सकारात्मक परिणाम सखी सहेली स्व-सहायता समूह के प्रयासों में साफ झलकता है।
समूह की महिलाओं ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सेतगंगा ग्रामीण बैंक से छह लाख रुपए का ऋण लेकर मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया। इस व्यवसाय से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुष्पा बाई गबेल ने बताया कि पहले महिलाएं केवल खेती-बाड़ी पर निर्भर थीं। कम आमदनी के कारण घर की जरूरतें पूरी नहीं हो पाती थीं। समूह से जुड़ने और शासन की चक्रीय निधि के तहत 15,000 रुपए का रिवॉल्विंग फंड मिलने के बाद उन्होंने बैंक से ऋण लेकर मछली पालन व्यवसाय शुरू किया। धीरे-धीरे व्यवसाय को विस्तार देते हुए अब वे आर्थिक रूप से मजबूत हो गई हैं।
समूह की महिलाओं की इस सफलता ने न केवल उनकी जीवनशैली में सुधार किया है, बल्कि वे अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई हैं। समूह की अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता शासन की योजनाओं और उनके सही क्रियान्वयन का परिणाम है। सखी सहेली समूह की यह कहानी उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणादायक है, जो अपने जीवन को बदलने की दिशा में प्रयासरत हैं। -
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लोगों को आवागमन में मिलेगी बड़ी राहतरायपुर : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने के लिए कन्हर नदी पर बन रहा उच्च स्तरीय पुल स्थानीय लोगों के आवागमन को आसान करेगा। लगभग 15.20 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस पुल का निर्माण कार्य तेजी से जारी है। पुल के शुरू हो जाने से क्षेत्र के लगभग 20 गांवों की 40 हजार से अधिक आबादी को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।
सनावल क्षेत्र के लोग रोजमर्रा की खरीदारी और इलाज के लिए झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी शहरों पर निर्भर हैं। अभी इन शहरों तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। पुल बनने के बाद यह दूरी आधी हो जाएगी। धौली से गढ़वा की वर्तमान दूरी 100 किलोमीटर से घटकर 55 किलोमीटर रह जाएगी। धौली से नगर उटारी की वर्तमान 70 किलोमीटर की दूरी घटकर 35 किलोमीटर हो जाएगी।
पुल के निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे न केवल व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी, बल्कि झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच आवागमन भी सुगम होगा। लोक निर्माण विभाग द्वारा रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के बालचौरा के बीच इस पुल का निर्माण किया जा रहा है। 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई वाले इस पुल का 50 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। अभी तक 12 पियर और दो अबटमेंट में से पांच पियर और एक अबटमेंट का काम पूर्ण हो गया है। शेष कार्य तेजी से पूर्णतः की ओर है, इसे जून 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
पुल के निर्माण से सनावल क्षेत्र के धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर जैसे 20 गांवों को सीधा लाभ मिलेगा। इसके अलावा, झारखंड के गढ़वा, नगर उटारी और धुरकी आने-जाने वाले यात्रियों को भी सुविधा होगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री एवं लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने अधिकारियों को पुल निर्माण कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और समय-सीमा के भीतर इसे पूरा करने के निर्देश दिए हैं। यह पुल न केवल क्षेत्र के लोगों के लिए आवागमन की सुविधा को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह झारखंड और छत्तीसगढ़ के बीच व्यापारिक और सामाजिक रिश्तों को भी मजबूत करेगा।