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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महासमुन्द : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज ज़िला मुख्यालय महासमुन्द स्थित शासकीय स्वामी आत्मानंद हिन्दी उत्कृष्ट विद्यालय में आयोजित लोकार्पण, शिलान्यास एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे। इस दौरान मचेवा स्थित हेलीपैड में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के आगमन पर सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी, महासमुन्द विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा, बसना विधायक श्री संपत अग्रवाल सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने आत्मीयता से स्वागत किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह, पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष सिंह ने भी पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। -
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शहर की यात्रा कर इन जगहों की खूबसूरती को करें महसूस
बिलासपुर : पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो न केवल हमें नये स्थानों से परिचित कराती है बल्कि हमारे जीवन को भी समृद्ध बनाती है। पर्यटन हमें नये अनुभव प्रदान करता है। नये लोगों से मिलने का अवसर देता है। छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन स्थलों को संवारने जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा पहल की जा रही है। प्राकृति ने यहां अपनी पूरी छटा बिखेरी है। घने जंगलों से आच्छादित इस जिले में नदियां और पहाड़ भी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा नित नये प्रयास किये जा रहे हैं। सैलानियों को ठहरने की सुविधा देने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा कुरदर और बेलगहना में रिजॉर्ट बनाया गया है वहीं पर्यटन स्थलों में पहुंचमार्ग से लेकर सौंदर्यीकरण आधारभूत सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है।ताला यह अतीत में वापस जाने और कालातीत मूर्तियों द्वारा मंत्रमुग्ध होने जैसा है। निश्चित रूप से अनंत काल और कलात्मक पत्थर की मूर्तियों की भूमि ताला अमेरिकापा के गांव के पास मनियारी नदी के तट पर स्थित है। ताला शिवनाथ और मनियारी नदी के संगम पर स्थित है। देवरानी-जेठानी मंदिरों के लिए सबसे मशहूर, ताला की खोज 1873-74 में जे.डी. वेलगर ने की थी, जो प्रसिद्ध पुरातत्वविद् अलेक्जेंडर कनिंघम के सहायक थे।
इतिहासकारों ने दावा किया है कि ताला गांव 7-8 वीं शताब्दी ईस्वी की है। ताला के पास सरगांव में धूम नाथ का मंदिर है। इस मंदिर में भगवान किरारी के शिव स्मारक हैं, और मल्हार यहां से केवल 18 किमी दूर है। ताला बहुमूल्य पुरातात्विक खुदाई की भूमि है जिसने उत्कृष्ट मूर्तिकला के काम को प्रकट किया है। पुरातत्त्वविदों और इतिहासकारों को जटिल रूप से तैयार पत्थर की नक्काशी से मंत्रमुग्ध कर दिया जाता है। इन उत्कृष्ट खुदाई 6 वीं से 10 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान ताला की समृद्धि का वर्णन करती हैं।हालांकि, विभिन्न खुदाई वाले खंडहर प्राप्त हुए और मूर्तिकला-शैली हमें विभिन्न राजवंशों को बताती है जो ताला में शासन करते थे और भगवान शिव के भक्त और शिव धर्म के प्रचारक थे। देवरानी - जेठानी मंदिर, अमेरीकांपा (जिला बिलासपुर)प्राचीन काल में दक्षिण कोसल के शरभपुरीय राजाओं के राजत्वकाल में मनियारी नदी के तट पर ताला नामक स्थल पर अमेरिकापा गाँव के समीप दो शिव मंदिरों का निर्माण कराया गया। देवरानी, जेठानी मंदिर भारतीय मूर्तिकला और कला के लिए बहुत प्रसिद्ध है।दुर्लभ रुद्रशिव 1987-88 के दरमियान देवरानी मंदिर में प्रसिद्ध खुदाई में भगवान शिव की एक बेहद अनोखी ‘रुद्र’ छवि वाली मूर्ति प्रकट हुई। शिव की यह अनूठी मूर्ति विभिन्न प्राणियों का उपयोग करके तैयार की जाती है। यह विशाल एकाश्ममक द्विभूजी प्रतिमा समभंगमुद्रा में खड़ी है तथा इसकी उचांई 2.70 मीटर है।
यह प्रतिमा शास्त्र के लक्षणों की दृष्टी से विलक्षण प्रतिमा है। इसमें मानव अंग के रूप में अनेक पशु, मानव अथवा देवमुख एवं सिंह मुख बनाये गये हैं। इसके सिर का जटामुकुट (पगड़ी) जोड़ा सर्पों से निर्मित है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ के कलाकार को सर्प-आभूषण बहुत प्रिय था क्योंकि प्रतिमा में रुद्रशिव का कटी, हाथ एवं अंगुलियों को सर्प के भांति आकार दिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रतिमा के ऊपरी भाग पर दोनों ओर एक-एक सर्पफण छत्र कंधो के ऊपर प्रदर्शित है। इसी तरह बायें पैर लिपटे हुए, फणयुक्त सर्प का अंकन है। दुसरे जीव जन्तुओ में मोर से कान एवं कुंडल, आँखों की भौहे एवं नाक छिपकली से, मुख की ठुड्डी केकड़ा से निर्मित है तथा भुजायें मकरमुख से निकली हैं। सात मानव अथवा देवमुख शरीर के विभिन अंगो में निर्मित हैं।लुतरा शरीफ बाबा सैय्यद इंसान अली शाह की दरगाह के रूप में प्रसिद्ध “लुतरा शरीफ” बिलासपुर में स्थित है। जो पुरे छत्तीसगढ़ में धार्मिक सौहार्द्र, श्रध्दा और आस्था का पावन स्थल तथा प्रमुख केंद्र माना जाता है। हजरत बाबा का पवित्र स्थल लुतरा शरीफ छत्तीसगढ़ में एक पवित्र और चमत्कारिक दरगाह के रूप में विख्यात है। यहां वर्ष भर मनौतियां मानने वालो का मेला लगा रहता है। छत्तीसगढ़ राज्य में यह एक ऐसा दरगाह है जिसकी आस्था सभी धर्माे के लोगो में है।
यह दरगाह एक धर्म विशेष से ऊपर उठकर कल्याणकारी होने का जीवंत उदहारण है।यह पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। श्रद्धालु, पर्यटकों के लिए यह पवित्र दर्शनीय स्थल है। बिलासपुर क्षेत्र में धार्मिक आस्था केंद्र के रूप में विख्यात लुतरा शरीफ दरगाह में माथा टेकने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पर्यटक आते हैं।मल्हारमल्हार नगर बिलासपुर से दक्षिण-पश्चिम में बिलासपुर से शिवरीनारायण जाने वाली सडक पर स्थित मस्तूरी से 14 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मल्हार में ताम्र पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक का इतिहास सजीव हो उठता है। मल्हार के उत्खनन में ईसा की दूसरी शती की ब्राम्हीव लिपी में आलेखित उक मृणमुद्रा प्राप्त हुई है, जिस पर गामस कोसलीया (कोसली ग्राम की) लिखा है। कोसली या कोसल ग्राम का तादात्यपी मल्हार से 16 किमी उत्तर पूर्व में स्थित कोसला ग्राम से स्थित जा सकता है।कोसला गांव से पुराना गढ़ प्राचीर तथा परिखा आज भी विद्यमान है, जो उसकी प्राचीनता को मौर्याे के समयुगीन ले जाती है। वहां कुषाण शासक विमकैडफाइसिस का एक सिक्का भी मिला है। सातवीं से दसवीं शदी के मध्य विकसित मल्हार की मूर्तिकला में उत्तर गुप्त युगीन विशेषताएं स्पष्ट परिलक्षित है। मल्हार में बौद्ध स्मारकों तथा प्रतिमाओ का निर्माण इस काल की विशेषता है।
मल्हार में भीम किचक मंदिर, माता दाई डिड़िनेश्वरी का निवास, ऋषभदेव नाथ मंदिर, भगवान बुद्ध व महावीर की इत्यादि मूर्तियां है। यहां से ताम्र पत्र, शिलालेख और अनेक मूर्तियां खुदाई से प्राप्त हुई है। रतनपुर बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग पर 25 कि.मी. पर स्थित आदिशक्ति महामाया देवी कि पवित्र पौराणिक नगरी रतनपुर का प्राचीन एवं गौरवशाली इतिहास है। त्रिपुरी के कलचुरियों ने रतनपुर को अपनी राजधानी बना कर दीर्घकाल तक छ.ग. मे शासन किया। इसे चतुर्युगी नगरी भी कहा जाता है. जिसका तात्पर्य इसका अस्तित्व चारो युगों में विद्यमान रहा है। राजा रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर के नाम से अपनी राजधानी बसाया।श्री आदिशक्ति माँ महामाया देवी - लगभग नौ वर्ष प्राचीन महामाया देवी का दिव्य एवं भव्य मंदिर दर्शनीय है। इसका निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में कराया गया था। 1045 ई. में राजा रत्नदेव प्रथम ने श्री महामाया देवी का भव्य मंदिर निर्मित कराया। मंदिर के भीतर महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी स्वरुप देवी की प्रतिमाएं विराजमान है। मान्यता है कि इस मंदिर में यंत्र-मंत्र का केंद्र रहा होगा।
रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंद गिरा था। भगवान शिव ने स्वयं आविर्भूत होकर उसे कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया था। जिसके कारण माँ के दर्शन से कुंवारी कन्याओ को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। नवरात्री पर्व पर यहाँ की छटा दर्शनीय होती है। इस अवसर पर श्रद्धालूओं द्वारा यहाँ हजारों की संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किये जाते है।कानन पेंडारी बिलासपुर शहर कानन पेंडारी चिड़ियाघर के लिए प्रसिद्ध है। यह मुंगेली रोड पर बिलासपुर से लगभग 10 किलोमीटर सकरी के पास स्थित एक छोटा चिड़ियाघर है। सिटी बस का संचालन बिलासपुर सिटी बस लिमिटेड द्वारा यात्रियों के परिवहन के लिए किया जाता है।खूंटाघाट (खारंग जलाशय) खूंटाघाट बांध बिलासपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है।यह बांध बिलासपुर में रतनपुर में स्थित है। यह बांध रतनपुर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। खुटाघाट बांध को खारंग जलाशय भी कहा जाता है। यह बांध खारंग नदी पर बना हुआ है। यह बांध पर्यटकों के लिए एक अच्छी जगह है। यहां एक सुंदर गार्डन भी है। -
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बिलासपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव 6 जनवरी को रायपुर और बलौदाबाजार में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे 6 जनवरी को दोपहर एक बजे रायपुर के स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय अधिकारी-कर्मचारी अधिवेशन में शामिल होंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव दोपहर ढाई बजे रायपुर से बलौदाबाजार के लिए रवाना होंगे। वे शाम चार बजे बलौदाबाजार में जिला ऑडिटोरियम का उद्घाटन करेंगे। वे शाम पांच बजे बलौदाबाजार से रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। वे शाम साढ़े छह बजे वापस रायपुर पहुंचेंगे। -
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बिलासपुर : जिला कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा देवकीनन्दन स्कूल में समावेशी शिक्षा अन्तर्गत ज़िला स्तरीय उनमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत सेकेंडरी स्तर के 40प्राचार्यों एवं व्याख्याताओं के साथ साथ 20 दिव्यांग बच्चों के पालकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में प्रारंभिक स्तर के ज़िले के विभिन्न विकासखंडों के प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के 62 प्रधान पाठकों ,शिक्षकों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों को दिव्यांगता के 21 प्रकार,दिव्यांगों के साथ व्यवहार के तरीक़े,सहायक उपकरणों के उपयोग ,शासकीय योजनाओं की जानकारी आदि संबंध विषयों पर जानकारी दी गई।
ज़िले के 67 बच्चे जो अति गंभीर निःशक्तता से बाधित है और गृह आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे है उनके माता पिता को सूक्ष्मता से बच्चों में जीवन कौशल के विकास की तकनीक ,सामाजिक समावेशन,पुनर्वास का व्यक्तित्व विकास में प्रभाव,दिव्यांग बच्चों के अधिकार और उनके प्रति समाज के दायित्व,फ़िज़ियोथेरिपी(शारीरिक व्यायाम )आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान कर समस्या समाधान किया गया. ज़िला मिशन समन्वयक अनुपमा राजवाड़े ने प्रशिक्षण में सीखे कौशल और ज्ञान को शाला स्तर तक पहुँचाने आह्वान किया गया। डॉ मुकेश पांडेय ने प्रशिक्षण की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।सहायक कार्यक्रम समन्वयक डॉ अखिलेश तिवारी द्वारा समस्त प्रतिभागियों को निःशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 से अवगत कराते हुए दिव्यांग जनों के अधिकारों के संरक्षण और अधिनियम के अनुपालन को आवश्यक बताया.मास्टर ट्रेनर आराधना शर्मा,उत्तम भारद्वाज,पूर्णिमा ख़ोबरागढ़े,सुष्मिता दिवाकर,सुदीप,भूपेन्द्र,कमलेश,विनीता,गोविंद प्रवीण,मोना,वंदना द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. प्रतिभागी शिक्षकों और पालकों ने प्रशिक्षण के विषय वस्तु और प्रस्तुति की सराहना करते हुए इस प्रकार के उन्मुखीकरण कार्यक्रम की आवश्यकता बताई। -
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योजना की 11वीं किश्त हुई जारी
बिलासपुर : महतारी वंदन योजना से जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा है। योजना से लाभान्वित मदनपुर की रीता बाई के लिए ये योजना किसी वरदान से कम नहीं, गरीबी के कुचक्र में उलझी रीता की जिंदगी में शासन की कल्याणकारी योजनाओं ने सार्थक बदलाव लाया है, उन्हें महतारी वंदन योजना से आर्थिक संबल मिलने के साथ ही जल्द ही पक्का आवास भी मिलने जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताया है।बिल्हा विकासखंड के ग्राम मदनपुर की रीता बाई के दुख और अभावों से भरे जीवन में सरकारी योजनाओं से नई रोशनी आई है। रीता ने बताया कि पति टीबी की गंभीर बीमारी से लंबे समय से पीड़ित हैं और कमाने में असमर्थ हैं। वह रोजी मजदूरी कर वह किसी तरह अपने बच्चों का पालन पोषण करती है, इसके साथ ही पति के देखभाल में भी काफी पैसे खर्च हो जाते, इन परिस्थितियों के कारण उसकी आर्थिक स्थिति और कमजोर होती चली गई।
रीता बाई ने खुश होकर बताया कि पिछले 11 महीनों से सरकार से मिल रही मदद ने जीवन को थोड़ा आसान बनाया है, अब उन्हें छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है, साथ ही इसमें से मिलने वाली राशि का कुछ हिस्सा वो हर माह बचाती भी है, जो उनके बच्चों के भविष्य में काम आएगा। रीता उत्साह से बताती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भी उनका नाम आया है और जल्द ही उनके परिवार को पक्का घर मिलने वाला है।रीता कहती हैं कि सरकार की इस योजना से हम जैसी गरीब महिलाओं को बड़ा सहारा मिल रहा है,उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस योजना से हमें संबल मिल रहा है, और यह राशि हमारे बहुत काम आ रही है। उल्लेखनीय है कि महतारी वंदन योजना से जरूरतमंद महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा 1000 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जा रही है इस माह योजना की 11वीं किश्त महिलाओं के खाते में आई है। -
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बलरामपुर : आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बलरामपुर नगरीय निकाय के अंतर्गत चांदो चौक के पास स्थित हनुमान मंदिर परिसर में 447.19 लाख रुपये के 27 विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री कृष्णा गुप्ता, जनपद पंचायत अध्यक्ष बलरामपुर श्री विनय पैकरा, उपाध्यक्ष श्री भानुप्रकाश दीक्षित, गणमान्य नागरीक श्री ओमप्रकाश जायसवाल अन्य जनप्रतिनिधिगण, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री अमित श्रीवास्तव, जनपद सीईओ बलरामपुर श्री रणवीर साय, नगर पालिका अधिकारी प्रणव राय व तहसीलदार सहित बड़ी संख्या में आमजन मौजूद रहे।
मंत्री श्री रामविचार नेताम ने भूमिपूजन में 16.92 लाख की लागत से स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत आकांक्षीय शौचालय का निर्माण, 294.90 लाख रुपये की लागत से अधोसंरचना मद अंतर्गत 05 नग पाथवे, नाली, स्ट्रीट लाइट एवं बीटी रोड का निर्माण, विधायक मद से 12.83 लाख रुपये की लागत से स्व. श्री लरंगसाय चौक का निर्माण तथा 15वें वित्त अन्तर्गत 17 नग सीसी सड़क, आरसीसी नाली एवं पाथवे का निर्माण कार्य शामिल है। इस दौरान मंत्री श्री नेताम के द्वारा स्वच्छता दीदी एवं स्वच्छता कमांडो को सम्मानित किया गया। साथ ही मंत्री श्री नेताम के द्वारा प्रधानमंत्री आवास शहरी आवास 2.0 के तहत बलरामपुर वार्ड क्रमांक 10 निवासी श्री महेंद्र कोरवा को आवास की चाबी भी सौंपा गया। -
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महासमुंद : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सोमवार 6 जनवरी को महासमुंद के दौरे पर रहेंगे। वे महासमुंद पहुंचकर स्वामी आत्मानंद हिन्दी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महासमुंद में आयोजित लोकार्पण, शिलान्यास, भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होंगे। प्रोटाकाल से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री श्री साय पुलिस लाइन खोखराभाठा, नवागढ़ जांजगीर से दोपहर 02. 30 बजे महासमुंद के लिए हेलीकॉप्टर से रवाना होंगे तथा 3.15 बजे महासमुंद पहुंचेंगे। कार्यक्रम समाप्ति पश्चात वे शाम 4ः25 बजे रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। -
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419 विकास कार्यों का करेंगे लोकार्पण एवं भूमिपूजनमहासमुंद : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय कल 6 जनवरी को स्वामी आत्मानंद हिन्दी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय महासमुंद में आयोजित विकास कार्यां के लोकार्पण, शिलान्यास एवं भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय जिले में कुल 217 करोड़ 17 लाख रुपए के 419 विकास कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन करेंगे। इसमें 111 करोड़ 21 लाख रुपए के 335 विकास कार्यों का लोकार्पण और 105 करोड़ 96 लाख रुपए के 84 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। लोकार्पण अंतर्गत 11 विभागों के 111 करोड़ 21 लाख रुपए लागत राशि के 335 विकास कार्य शामिल है।जिसमें लोक निर्माण विभाग के 3 विकार्स कार्य लागत राशि 2 करोड़ 52 लाख रुपए, सेतु निर्माण विभाग के 4 विकास कार्य लागत राशि 16 करोड़ 96 लाख रुपए, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के 11 विकास कार्य लागत राशि 97 लाख रुपए, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के 57 विकास कार्य लागत राशि 42 करोड़ 62 लाख रुपए, छ.ग. गृह निर्माण मंडल विभाग के 80 कार्य लागत राशि 14 करोड़ 41 लाख रुपए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के 4 विकास कार्य लागत राशि एक करोड़ 45 लाख रुपए, आदिवासी विकास विभाग के 3 विकास कार्य लागत राशि 4 करोड़ 76 लाख रुपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 122 विकास कार्य लागत राशि 8 करोड़ 49 लाख रुपए, विद्युत विभाग के 6 विकास कार्य लागत राशि 15 करोड़ 70 लाख रुपए, वन विभाग के 2 करोड़ 35 लाख रुपए लागत राशि के 7 विकास कार्य एवं नगरीय निकाय के 96 लाख रुपए लागत राशि के 38 कार्य शामिल है।भूमिपूजन अंतर्गत 8 विभागों के 103 करोड़ 68 लाख रुपए लागत राशि के 56 विकास कार्य शामिल है। जिसमें लोक निर्माण विभाग के 7 विकास कार्य लागत राशि 52 करोड़ 19 लाख रुपए, सेतु निर्माण विभाग के 2 विकास कार्य लागत राशि 10 करोड़ 85 लाख रुपए, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग के 10 विकास कार्य लागत राशि 2 करोड़ 23 लाख रुपए, छ.ग.ग्रा.स.वि.अ. विभाग के 14 विकास कार्य लागत राशि 13 करोड़ 65 लाख रुपए, जल संसाधन विभाग के 4 विकास कार्य लागत राशि 13 करोड़ 40 लाख रुपए, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के 13 विकास कार्य लागत राशि 68 लाख रुपए, विद्युत विभाग के 4 विकास कार्य लागत राशि 9 करोड़ 62 लाख रुपए, वन विभाग के एक करोड़ 5 लाख रुपए लागत राशि के 2 विकास कार्य एवं नगरीय निकाय के 2 लाख 28 हजार रुपए लागत राशि के 28 विकास कार्य शामिल है। -
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जशपुर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने स्कूल में लम्बे समय से नदारद शिक्षकों पर कार्रवाई करने के निर्देश शिक्षा विभाग को दिए थे। इसी कढ़ी में बगीचा विकास खंड के शासकीय प्राथमिक शाला गरांज के सहायक शिक्षक एल बी श्री भागन राम और शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुरडेग के सहायक ग्रेड 3 श्री आलोक कुमार भगत , शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय ढोढरअम्बा के भृत्य श्री प्रमोद मिंज इसी प्रकार बगीचा विकास खंड के शासकीय प्राथमिक शाला बीजाघाट सहायक शिक्षक एल बी श्री राजू राम को सेवा से बर्खास्त किया गया है। इन सभी पर जांच प्रतिवेदन के आधार पर कार्रवाई की गई है। शिक्षा विभाग की जांच प्रतिवेदन में अपने कार्य स्थल पर लम्बे समय से अनुपस्थित होना पाया गया। -
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राजस्व अमला और खाद्य विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा दोकड़ा में उड़ीसा से आ रही 60 बोरी अवैध धान जप्तजशपुर : कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर अन्य राज्यों से अवैध रूप से परिवहित और संग्रहित धान के खिलाफ जिला प्रशासन की सख्त कार्रवाई जारी है। इसके साथ ही प्रशासन की टीम किसी भी गड़बड़ी की आंशका के मद्देनजर बार्डर इलाकों के चेकपोस्ट और धानखरीदी केंद्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा भी ले रहे हैं। इसी कड़ी में राजस्व एवं खाद्य विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा ओडिशा से आ रही अवैध धान को पीछा करते हुए ग्राम दोकड़ा में पकड़कर उसे दोकड़ा थाना के सुपर्द कर दिया गया।फरसाबहार के नायब तहसीलदार श्री चंद्रप्रकाश सिंह और फूड इंस्पेक्टर श्री हेमप्रकाश भारद्वाज की संयुक्त टीम रात्रि गश्त पर निकली थी। इस दौरान ओडिशा से पिक अप से आ रही अवैध धान का पीछा करते हुए उसे दोकड़ा में पकड़ा गया और उसमें से 60 बोरी धान जप्त किया गया। जप्त धान को दोकड़ा थाना के सुपुर्द कर दिया गया है। -
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जशपुर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देशन एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन में सुघ्घर ऑफिस अभियान के अन्तर्गत जिला पंचायत परिसर में स्वच्छता श्रमदान कर स्वच्छता का संदेश दिया गया। जिसमें जिला पंचायत के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा परिसर के चारों ओर, ऑफिस के अंदर, समस्त गार्डन तथा पार्किंग स्थल का श्रमदान से साफ सफाई किया गया। जिला स्तरीय सुघ्घर ऑफिस प्रतियोगिता में स्थान पाने के लिये जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के द्वारा तन मन धन से प्रयास किया जा रहा है जिसमें मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री अभिषेक कुमार के द्वारा कर्मचारियों को नियमित प्रोत्साहित किया जा रहा है। -
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व्यापारियों को आवास निर्माण में सहयोग प्रदान करने के लिए कहाजशपुर : प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण अंतर्गत जशपुर जिले में 2024 - 25 में 39891 आवास निर्माण का लक्ष्य दिया गया है जिसमें से 31364 आवास स्वीकृत हो चुके हैं और 27656 को प्रथम किस्त राशि जारी की जा चुकी है। जिले में आवास के हितग्राहियों को सामग्री के दरों में कमी लाने एवं सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में शासन के मंशा अनुरूप कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन में जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार ने इस पहल को करने के लिए मैटेरियल सप्लायर एवं ट्रेडर्स के साथ जिला पंचायत सभागार में बैठक आयोजित की। जिसमें सभी व्यापारियों को योजना की विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए हितग्राहियों को अपने व्यापार क्षेत्र अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत में हितग्राहियों को निर्माण सामग्री रियायत दरों में उपलब्ध कराने सहयोग प्रदान करने की अपील की ताकि अधिक से अधिक हितग्राही इसका लाभ उठा सके और जिले को आवास निर्माण हेतु प्राप्त लक्ष्य की पूर्ति समय सीमा में पूर्ण हो सके।
साथ ही उन्होंने व्यापारियों को यह भी अवगत कराया कि यह योजना व्यापारियों के लिए भी लाभप्रद होगी क्योंकि यह बिक्री और क्षेत्रीय पहचान को बढ़ावा देने में सहायक होगी । योजना के तहत सामग्री सस्ते दामों पर उपलब्ध कराकर समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की मदद कर सकते हैं जो समाज के समग्र विकास का एक हिस्सा है, जिसमें व्यापारियों का सहयोग महत्वपूर्ण है। व्यापारियों का यह कदम क्षेत्र के हितग्राहियों को आवास निर्माण में सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें और समाज में व्यापारियों की एक जिम्मेदार और सेवा-भावना से ओत-प्रोत छवि बनेगी। साथ ही व्यापारियों ने भी लक्ष्य पूर्ति के सम्बन्ध में अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे और उक्त बातों में सकारात्मक पहल के साथ हितग्राहियों को सहयोग प्रदान करने की बात कही। उक्त बैठक में जिले के मैटेरियल सप्लायर्स, ट्रेडर्स के प्रोपराइटर, कार्यपालन अभियंता आर ई एस, जनपद सीईओ एवं जिला पंचायत के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। -
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जनता के हित में कार्य करना हमारी सरकार की प्राथमिकता-कृषि मंत्री श्री नेतामबलरामपुर : आदिम जाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास एवं कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने बलरामपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत डौरा के शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय के खेल मैदान में 781.59 लाख रूपये के 31 विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री कृष्णा गुप्ता, जनपद पंचायत अध्यक्ष बलरामपुर श्री विनय पैकरा, उपाध्यक्ष श्री भानुप्रकाश दीक्षित, सरपंच श्रीमती बसमतिया तिर्की, अन्य जनप्रतिनिधिगण, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व श्री अमित श्रीवास्तव, जनपद सीईओ बलरामपुर श्री रणवीर साय, तहसीलदार डौरा सुश्री रॉकी एक्का सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे। भूमिपूजन में 74.10 लाख के 3 महतारी सदन, 11.69 लाख का 1 आंगनबाड़ी केंद्र, 24 लाख के 3 छात्रावास अधीक्षक आवास गृह, 60 लाख के 5 अतिरिक्त कक्ष एवं 611.80 लाख के 19 हाट-बाजार निर्माण कार्य शामिल है।
बलरामपुर प्रवास दौरान ग्राम पंचायत डौरा में पहुंचने पर ग्रामीणों द्वारा कृषि मंत्री श्री नेताम का स्थानीय लोकगीत, ढोल नगाड़े की थाप पर स्वागत किया गया। इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम ने आमजनों को संबोधित करते हुए नए साल एवं आगामी मकर संक्रांति पर्व की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस दौरान उन्होंने जनता का अभिवादन भी किया। उन्होंने कहा कि आज लंबे समय बाद बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में यह पहला कार्यक्रम है। आज लगभग 8 करोड़ की राशि के विभिन्न विकास कार्यों का भूमिपूजन किया गया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सुशासन में बेहतर नीतियों से हमारी सरकार के द्वारा जन-जन तक लाभ पहुंचाया जा रहा है और गरीब परिवारों को योजनाओं का लाभ देना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री के बेहतर नीतियों के द्वारा किसानों से 3100 रुपये प्रति क्विंटल में धान खरीदी की जा रही है साथ ही अंतर की राशि भी शीघ्र ही प्रदान की जाएगी।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सभी गरीब परिवारों को पक्का आवास का लाभ दिया जा रहा है। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए महतारी वंदन योजना अंतर्गत हर महीने महिलाओं के खाते में 1 हजार की राशि दी जा रही है। पीएम जनमन अंतर्गत सुदूर क्षेत्रों में भी विकास कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने उपस्थितजनों से कहा कि सरकार के द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही है इसका लाभ लेने के लिए आप लोगों का जागरूक होना भी आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सभी विभागों के समन्वय से क्षेत्र का बेहतर विकास संभव है।पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य श्री कृष्णा गुप्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में क्षेत्र का विकास हो रहा है। लगातार जनता, किसान, महतारियों के हित में काम हो रहे है। उन्होंने इसके लिए आभार व्यक्त किया।
महाराजगंज, रनहत और डौरा में बनने वाले महतारी सदन का किया गया भूमि पूजनमुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने कई पहल किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में वित्तीय वर्ष 2024-25 में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 5 महतारी सदन की स्वीकृति मिली है। जिसमें से बलरामपुर विकासखण्ड के ग्राम महाराजगंज, रनहत और डौरा में बनने वाले महतारी सदन का भूमि पूजन किया गया है। इसमें प्रत्येक महतारी सदन निर्माण की लागत 24 लाख 70 हजार रूपए है। महतारी सदन से ग्रामीण अंचलों के महिला समूह की स्थिति मजबूत होगी, साथ ही रोजगार के नए साधन उपलब्ध होंगे। -
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दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय सक्तीरायपुर : कहते हैं भगवान ने आंखों को रोशनी न दी तो क्या, ज्ञान का प्रकाश ही काफी है, जीवन में उजाले के लिए। कुछ इसी तरह दृष्टिहीन होने के बावजूद बच्चों के बीच शिक्षा का दीप जला कर समाज के लिए एक मिसाल पेश कर रहे हैं प्रधान पाठक जसवंत कुमार आदिले और उनके सहयोगी। छत्तीसगढ़ सर्व दिव्यांग कल्याण संघ के सहयोग से दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय का संचालन कर रहे हैं। यह विद्यालय आंखों की रोशनी न रखने वाले बच्चों की शिक्षा के लिए किसी वरदान से कम नहीं है।
दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय सक्ती के संस्थापक श्री जसवंत कुमार आदिले ने बताया छ.ग. सर्व दिव्यांग कल्याण संघ की मदद से 2017 से दृष्टिबाधित विशेष विद्यालय का संचालन सक्ती में कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ सर्व दिव्यांग कल्याण संघ के सहयोग से दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय सक्ती में वर्तमान में कक्षा एक से 10 वीं तक 60 छात्र एवं छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, जिन्हें ब्रेल लिपि के सामान्य शिक्षा के अलावा दृष्टि बाधित बच्चों को चलने-फिरने, घरेलू कार्याे की जानकारी, पहचानने की विधि, उनके पुनर्वास और आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास किए जाते हैं।सक्ती के कसेरपारा वार्ड क्रमांक 01 के सामुदायिक भवन पर विद्यालय संचालित है। इस संस्था में झारखण्ड, ओडिशा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ के सभी जिले से दृष्टि बाधित बच्चे यहां शिक्षा अर्जित कर रहे हैं। दृष्टि बाधित बच्चों को भगवान भले ही दृष्टि हीन बना दिया है, लेकिन इनका जज्बा बताता है कि हम किसी से कम नहीं।
दृष्टि बाधित श्री जसवंत कुमार आदिले स्वयं शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय महामाया पामगढ जिला जांजगीर-चाम्पा में प्रधान पाठक के रूप में पदस्थ है। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे एक सभ्य नागरिक बन देश और समाज के लिए कुछ करने की तमन्ना मन में रखे हुए हैं। इनके लिए ब्रेल लिपि से अक्षर के ज्ञान से फर्राटे से हिन्दी की किताब पढ़ना, निबंध लिखना आम बात है। इन दृष्टि बाधित बच्चों के पढने की शैली से कोई आम बच्चों से अंतर नहीं कर सकता है। बच्चों की एक ही ललक है कि हम भी पढ़-लिखकर समाज में अपनी पहचान बनाए। यहां पढ़ने वाले बच्चे बताते हैं कि वह पढ़कर शिक्षक बनना चाहता है, तो कोई एक संगीतकार बनने की लालसा मन में रखे हुए हैं।दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय सक्ती के संरक्षक श्री जसबंत चावला ने बताया कि स्थानीय स्तर पर जन सहयोग से इस विद्यालय का संचालन किया जा रहा है। पढ़ाने के लिये शिक्षक पदस्थ हैं, जिन्हें विद्यालय द्वारा वेतन दिया जाता है। इसके अलावा बच्चों को निःशुल्क आवास एवं भोजन दिया जाता है, जिसे पूरा करने में आर्थिक बोझ ज्यादा हो जाता है। लेकिन बच्चों के भविष्य को अपना भविष्य समझ इनके शिक्षा में कोई व्यवधान न हो। इसके लिए निरंतर प्रयास में जुटे रहते हैं। दृष्टि बाधित विशेष विद्यालय सक्ती के संस्थापक श्री जसवंत कुमार आदिले की पत्नी श्रीमती विन्धेष्वरी, दृष्टि बाधित सहायक शिक्षक कमलेश साहू, श्री नरेन्द्र पांडेय मिल जुलकर सहयोग से चला रहे हैं। -
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उठाव कार्य में तेजी, 50 प्रतिशत हो चुका उठाव
किसानों को 1073 करोड़ रुपए का भुगतान
गड़बड़ी की आशंका वाले केन्द्रों की हो रही विशेष निगरानी
बिलासपुर : कलेक्टर अवनीश शरण ने एनआईसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी की समीक्षा की। उन्होंने कोचियों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई में और तेज़ी लाने के निर्देश दिए। गड़बड़ी की संभावना वाले खरीदी केन्द्रों की सूची सौंपकर इन पर निगरानी बढ़ाने को कहा है। धान खरीदी का मौसम चूंकि अब अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुका है, लिहाज़ा नोडल अधिकारी पूरे समय केन्द्र में बैठकर अपने समक्ष खरीदी कराएं और रिपोर्ट दें। राज्य सरकार का फिलहाल सबसे बड़ा काम किसानों से सफलता पूर्वक धान खरीदी करने का है। इसमें किसी भी स्तर पर गड़बड़ी अथवा लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया गया कि जिले में अब तक सुव्यवस्थित तरीके से खरीदी कार्य चल रहा है।
उठाव की मात्रा भी बढ़कर 50 फीसदी हो चुका है। खरीदी केंद्रों में धान रखने जगह की कमी नहीं है। 3 जनवरी तक जिले में 4.67 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। लगभग 96 हजार किसान अपना धान समीप स्थित केन्द्रों पर बेच चुके हैं। किसानों को उनके ऊपज के एवज में 1073 करोड़ की राशि का भुगतान किया जा चुका है। कलेक्टर ने फील्ड में दौरा कर रहे अधिकारियों से फीडबैक भी लिया। उनकी शंकाओं का समाधान भी किया गया। उन्होंने। उप पंजीयक सहकारिता को गड़बड़ी कर रहे समिति के कर्मचारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम पीयूष तिवारी, एसडीएम एसएस दुबे, जिला खाद्य अधिकारी अनुराग भदौरिया, उप पंजीयक सहकारिता मंजू पाण्डेय, सहकारी बैंक के सीईओ सुनील सोढी, डीएमओ शंभू गुप्ता सहित एसडीएम और तहसीलदार वीसी के जरिए शामिल हुए। -
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तीन महीने में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण कर सौंपने के निर्देश
सिम्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कर मरीजों का इलाज करने लायक सुविधा तीन महीने में सुनिश्चित करने के निर्देश
बिलासपुर : संभागायुक्त महादेव कावरे ने कोनी में बन रहे नए संभागायुक्त कार्यालय भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने समयसीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर नाराज़गी जाहिर करते हुए 31 मार्च 2025 के पहले कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। अनुबंध के अनुसार इसे सितंबर 2024 तक पूर्ण कर लिया जाना था। श्री कावरे ने निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने कोनी मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अगले तीन महीने में आईपीडी सुविधा विकसित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान निगम आयुक्त अमित कुमार भी उपस्थित थे।गौरतलब है कि नया संभाग आयुक्त भवन के लिए लगभग 12 करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। भवन निर्माण का कार्य पूर्णता की ओर है। अब केवल फिनिशिंग कार्य बचा है। श्री कावरे ने कोनी में निर्माणाधीन संभागयुक्त कार्यालय के पास नगर निगम द्वारा कराये जा रहे 06 एमएलडी का एसटीपी निर्माण कार्य, जिसकी लागत राशि 7.80 करोड़ रूपये है, इस कार्य को मार्च 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। अरपा फ्रंट कोनी रोड कार्य एवं राशि 30.00 करोड़ रूपये की लागत से निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर कोनी का भी निरीक्षण किया। यह कार्य माह अप्रैल, 2025 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
संभागायुक्त श्री कावरे ने कोनी में 200 करोड़ रूपये की लागत से नव निर्मित सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने ओ.पी.डी., ट्राएज, एम.आर.आई., सी.टी. स्कैन कक्ष व निर्माणाधीन लैब इत्यादि कक्षों का बारीकी से अवलोकन किया। नव निर्मित सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय भवन अधोतल सहित कुल 10 फ्लोर का अत्याधुनिक चिकित्सालय भवन का निर्माण हुआ है। वर्तमान में 04 विभाग- न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, पल्मोनोलरी, जनरल मेडिसीन के ओ.पी.डी. प्रारंभ कर जनमानस को सुविधाएँ प्रदान की जा रही है।संभागायुक्त द्वारा आई.पी.डी. को भी आगामी तीन माह में शुरू करने हेतु निर्देशित किया गया। नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय भवन का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। निरीक्षण के समय उपस्थित सिम्स के अधिष्ठाता डॉ० रमणेश मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक, सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय डॉ० बी० पी० सिंह, चिकित्सा अधीक्षक सिम्स डॉ० लखन सिंह एवं नोडल अधिकारी नवीन सिम्स भवन डॉ० भूपेन्द्र कश्यप उपस्थित थे। -
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बेमेतरा : राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अशोक कुमार बसोड ने निक्षय मित्र बनकर जिले के 5 टीबी मरीजों को पोषण आहार प्रदान किया। इस अवसर पर उन्होंने मरीजों को फूड बास्केट वितरित की और समाज के सभी वर्गों से इस अभियान में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।डॉ. बसोड ने कहा कि टीबी मरीजों को दवा के साथ-साथ उचित पोषण भी आवश्यक है, जिससे उनके स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हो सके। उन्होंने बताया कि फूड बास्केट में तेल, चना, सोयाबीन बड़ी, दाल, उड़द, और फली जैसे पोषक खाद्य पदार्थ शामिल हैं। निक्षय मित्र अभियान के तहत जिले के कई समाजसेवी, अधिकारी और कर्मचारी लगातार मरीजों को नि:शुल्क सहायता प्रदान कर रहे हैं।
इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टीबी मरीजों को पोषण आहार उपलब्ध कराकर उन्हें शीघ्र स्वस्थ बनाना है। डॉ. बसोड ने आम नागरिकों, सामाजिक संगठनों, और संस्थाओं से अपील की कि वे आगे आकर निक्षय मित्र बनें और टीबी मरीजों को सहायता प्रदान करें। कोई भी व्यक्ति इस अभियान में शामिल होकर टीबी मरीजों के लिए तेल, चना, दाल, सोयाबीन, और अन्य खाद्य सामग्री दान कर सकता है। यह योजना टीबी मरीजों को पोषण आहार प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और क्षय रोग के उन्मूलन में समाज की सामूहिक भूमिका को सुनिश्चित करती है। संपर्क करें : टीबी उन्मूलन अभियान में जुड़ने और निक्षय मित्र बनने के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में संपर्क करें। -
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बेमेतरा : जिले में कुपोषण से निपटने और बच्चों को सुपोषित बनाने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा “हमर स्वस्थ लईका अभियान” शुरू किया गया है। इस अभियान के अंतर्गत कुपोषण मुक्त पंचायतों को पुरस्कृत करने की योजना बनाई गई है। मास्टर ट्रेनर्स द्वारा प्रशिक्षण जिला स्तर पर पर्यवेक्षक श्रीमती अंकिता साहू और श्रीमती सीता चंद्रवंशी को मास्टर ट्रेनर नियुक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में जिले के सभी पर्यवेक्षकों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सरपंचों, पंचों और जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक आयोजित कर बच्चों के पोषण और स्वास्थ्य पर जागरूकता बढ़ाई जा रही है।ग्राम पंचायतों में कार्यशाला : ग्राम पंचायत भीमपुरी, कुंरा, अडार, वार्ड नं. 4/2, 8 बेमेतरा और समेसर में कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इन कार्यशालाओं में कुपोषण के कारण, बाल विवाह रोकथाम की रणनीति, तथा पोषण के पांच सूत्रों पर चर्चा की गई: जैसे- पोषण के पाँच सुत्र - प्रथम 1000 दिन (2) विटामिन c से भरपूर भोजन (3) आयरन ,कैल्शियम से भरपूर भोजन, (4) व्यक्तिगत साफसफाई एवं आस पास के पर्यावरण की ,साफ् सफाई (5)दस्त होने पर ORS एवं जिंक की दवाई ।
प्रमुख गतिविधियां : शिशुवती महिलाओं से स्तनपान पर चर्चा की गई। हाथ धुलाई पर चर्चा कर ,हाथ धोने की सही विधि करके दिखाई गई। कार्यकर्ता, मितानित को नियमित रूप से गृह भेट कर व्यवहार परिवर्तन करने को कहा गया। भोजन में स्थानीय अनाज, मुनगा, बथुआ भाजी, लाल भाजी, पालक भाजी, का प्रयोग नियमित रूप में करने को कहा गया। कुपोषित बच्चों का आंकलन: कार्यक्रम के तहत 7 कुपोषित बच्चों का वजन और लंबाई मापा गया। सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिशन 100 के तहत पृथक रजिस्टर तैयार करने के निर्देश दिए गए।अंधियारखोर ग्राम की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता किरण साहू ने कुपोषित बच्चों के घर जाकर उनके पालकों को पोषण युक्त भोजन के महत्व को समझाया। उपस्थित जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता इस कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर अंकिता साहू, सीता चंद्रवंशी, संबंधित ग्रामों के सरपंच, पंच और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। “हमर स्वस्थ लईका अभियान” के माध्यम से जिले में कुपोषण के स्तर में कमी लाने और बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने का यह प्रयास सराहनीय है। -
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महतारी वंदन योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का माध्यम - सुमनबेमेतरा : राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही महतारी वंदन योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है। इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को प्रतिमाह 1 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाती है। हम बात कर रहें है महतारी वंदन योजना से लाभान्वित महिला तहसील नवागढ़ के ग्राम बाघुल निवासी सुमन मार्कण्डेय पति लोकेश मार्कण्डेय कि जिन्होंने बताया कि उनका पति कृषि का कार्य करता है।जिसकी आमदनी कम होने से परिवार आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। दो बच्चों के पालन पोषण एवं शिक्षा में दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह एक हजार रूपए प्रति माह उनके बैंक खाते में जमा हो जाती है। जिसका उपयोग वे अपने बच्चों की जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलती है। सुमन का कहना है, "महतारी वंदन योजना ने मुझे अपने सपनों को पूरा करने के लिए एक अवसर दिया।
यह योजना महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है।" आज सुमन न केवल खुद को आर्थिक रूप से सशक्त महसूस करती हैं, बल्कि वह अपनी कहानी से अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं। उनकी सफलता यह साबित करती है कि अगर महिला को सही अवसर मिले, तो वह किसी भी चुनौती को पार कर सकती है और सफलता की नई ऊंचाइयों को छू सकती है।सुमन की यह प्रेरक यात्रा यह संदेश देती है कि आत्मविश्वास, मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।महतारी वंदन योजना ने उन्हें यह मौका दिया और अब वह दूसरों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। उन्होंने आगे बताया कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही महतारी वंदन योजना से मेरे जैसे गरीब परिवार की महिलाओं को प्रतिमाह मिलने वाली राशि से परिवार को आर्थिक संबल मिला। साथ ही अब हमारी जैसी गरीब परिवार से आने वाली महिलाओं का सम्मान भी बढ़ा है। सुमन ने इसके लिए राज्य सरकार को अपनी तरफ से बधाई दी है।
सुमन मार्कण्डेय ने अपनी सफलता के लिए राज्य शासन को दिल से धन्यवाद दिया है। उनका कहना है कि महतारी वंदन योजना के तहत मिली सहायता ने उनकी जिंदगी बदल दी। इस योजना से उन्हें न केवल आर्थिक समर्थन मिला, बल्कि अपने व्यवसाय को स्थापित करने के लिए आवश्यक संसाधन भी प्राप्त हुए, जिनकी बदौलत आज वह आत्मनिर्भर बन सकी हैं। सुमन का मानना है कि राज्य शासन द्वारा ऐसी योजनाओं का संचालन महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह उन्हें आत्मनिर्भरता की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाने का अवसर प्रदान करता है।उन्होंने राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए कहा, "यह योजना न केवल मुझे बल्कि जैसे कई अन्य महिलाओं को भी आर्थिक स्वतंत्रता और सम्मान की ओर अग्रसर कर रही है।" राज्य शासन द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए सुमन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि इस तरह की योजनाएं और महिलाओं की मदद करती रहेंगी, ताकि वे अपने सपनों को साकार कर सकें।" -
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परिवार नियोजन,जनसंख्या स्थिरीकरण तहत 26 हितग्राहियों का हुआ सफल महिला नसबंदी आपरेशनबेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के निर्देशानुसार नसबंदी ऑपरेशन के लिए सीएमएचओ डॉ यशवंत कुमार ध्रुव के दिशानिर्देश और अस्पताल प्रमुख सलाहकार डॉ स्वाति यदु के मार्गदर्शन पर महिला नसबंदी आपरेशन कराया जा रहा है, इस नसबंदी ऑपरेशन में डॉ विनीता ध्रुव एवं डॉ नेहा साहू के द्वारा 26 महिला हितग्राहियों का सफल नसबंदी ऑपरेशन किया गया। इस महिला नसबंदी ऑपरेशन के सफल आयोजन में जिला अस्पताल स्टाफ का विशेष सहयोग रहा ।जिला चिकित्सालय बेमेतरा में 26 हितग्राहियों का सफल महिला नसबंदी ऑपरेशन डॉ विनीता ध्रुव एवं डॉ नेहा साहू द्वारा संपन्न किया गया | माता एवं शिशु के स्वास्थ्य के लिए जरूरी है परिवार नियोजन
परिवार नियोजन के स्थाई साधन महिला नसबंदी एवं पुरूष नसबंदी सुरक्षित एवं असरदार उपाय है। जिला बेमेतरा के जिला चिकित्सालय में निर्धारित दिवसो पर सर्जन के माध्यम से महिला नसबंदी की सुविधा प्रदाय की जाती है। विश्व जनसंख्या दिवस पर जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन भी किया जाता है, जिसमें सास-बहू सम्मेलन के माध्यम से परिवार नियोजन को लेकर जुड़ी भ्रांतियो को दूर किया जाता है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अशोक कुमार बसोड एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक लता बंजारे ने जानकारी दी कि जिला चिकित्सालय बेमेतरा में प्रत्येक सप्ताह के मंगलवार, बुधवार, शुक्रवार को महिला नसबंदी की सेवा प्रदाय की जाती है। जिला चिकित्सालय दुर्ग से डॉ. विनिता ध्रुव एवं जिला चिकित्सालय बेमेतरा से डॉ. नेहा साहू के माध्यम से निर्धारित दिवसो में नसबंदी की सेवा प्रदाय किया जा रहा है।
शासन के द्वारा महिला नसबंदी में प्रोत्साहन राशि का प्रावधान है, महिला नसबंदी आपरेशन करने पर हितग्राहियों को 2000 रू. एवं पुरूष नसबंदी आपरेशन करने पर हितग्राहियों को 3000 रू. की प्रोत्साहन राशि प्रत्येक हितग्राही को प्रदाय किया जाता है। परिवार नियोजन का उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या को रोकने के साथ-साथ माता एवं शिशु के स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। मां एवं बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए दो बच्चों के बीच 03 साल का अंतर जरूरी है। जिले के समस्त शासकीय केंद्रों में परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जैसे-कापर-टी, छाया गोली, अंतरा इंजेक्शन, माला-एन व निरोध उपलब्ध है एवं मितानिन के माध्यम से घर-घर जाकर भी परिवार नियोजन के अस्थाई साधन जैसे-माला-एन, निरोध का वितरण किया जाता है। -
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"जाबो अभियान : चुनाव में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता प्रसार"बेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा के मार्गदर्शन मे आगामी त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों के मद्देनज़र जिला प्रशासन द्वारा "जाबो" कार्यक्रम के तहत मतदाताओं में मतदान के लिए जागरूकता अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को अपने मताधिकार के महत्व से अवगत कराना और उन्हें चुनाव प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए प्रेरित करना है। "जाबो" कार्यक्रम के तहत, विशेष रूप से उन युवाओं को लक्षित किया जा रहा है जिनकी आयु 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष पूर्ण हो गई है और जो आगामी चुनावों में अपना मतदाता पंजीकरण कराना चाहते हैं। इसके साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि निर्वाचक नामावली में किसी भी प्रकार की त्रुटि या सुधार के लिए दावे और आपत्तियां समय पर प्राप्त की जाएं।
कार्यक्रम हेतु जिला प्रशासन विभिन्न माध्यमों से प्रचार-प्रसार कर रहा है, जिसमें नुक्कड़ नाटक, पोस्टर, प्रचार पत्र, सोशल मीडिया और अन्य जनसंचार साधनों का उपयोग किया जा रहा है, इसके माध्यम से नागरिकों को यह बताया जा रहा कि वे अपने नाम को मतदाता सूची में जोड़ने, सुधार करने, या वोट डालने के अधिकार के लिए किस प्रकार सक्रिय रूप से कदम उठा सकते हैं। जिला प्रशासन ने यह सुनिश्चित करने का भी आह्वान किया है कि फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली शुद्ध और त्रुटि रहित बने ताकि चुनावों में सभी नागरिकों की सहभागिता सही तरीके से हो सके।इस अभियान के अंतर्गत नगरपालिकाओं एवं त्रिस्तरीय पंचायतों की निर्वाचक नामावली में 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष पूर्ण करने वाले नागरिक नवीन मतदाता के रूप में पंजीकरण करा सकते हैं। इस प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सभी जिलों में व्यापक प्रचार-प्रसार की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, जिससे अधिक से अधिक पात्र नागरिक मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकें। इसके लिए जिलों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है और फोटोग्राफ्स आयोग को प्रेषित किए जा रहें है ताकि मतदान प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जा सके। -
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अनुपस्थित पाए जाने वाले अधिकारी, कर्मचारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के दिए निर्देशबेमेतरा : कलेक्टर श्री रणबीर शर्मा ने आज कलेक्टरेट परिसर के विभिन्न शाखाओं का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने सरकारी कार्यप्रणाली की समीक्षा की और कार्यालयों की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने कर्मचारियों को कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने अधिकारियों और कर्मचारियों से जनहित में तेजी से कार्य करने को कहा, ताकि जनता को सेवाओं का लाभ समय पर मिल सके।निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कर्मचारियों के कार्यालय में आने और जाने के समय का निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थिति रिकॉर्ड की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि सभी कर्मचारी समय पर कार्यालय में उपस्थित रहें। इसके साथ ही, उन्होंने लंच ब्रेक की अवधि और उसके दौरान कर्मचारियों की उपस्थिति की भी जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिया कि लंच ब्रेक के बाद सभी कर्मचारी समय पर वापस कार्यस्थल पर उपस्थित हों, ताकि सरकारी कामकाज में कोई रुकावट न हो।
कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों की उपस्थिति पंजी का भी अवलोकन किया। उन्होंने उपस्थिति पंजी में दर्ज कर्मचारियों के समय पर आने और जाने की जानकारी ली। कलेक्टर ने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि सभी कर्मचारी नियमित रूप से अपनी उपस्थिति सही समय पर दर्ज करें। उन्होंने यह भी कहा कि अनुशासनहीनता या देरी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि कार्यालय में कामकाज सुचारू रूप से चले। निरीक्षण के दौरान कलेक्टर शर्मा ने पाया कि कुछ कर्मचारी और अधिकारी समय पर उपस्थित नहीं थे।उन्होंने इस पर कड़ी नाराजगी जताते हुए संबंधित विभागों को निर्देश दिया कि इन अनुपस्थित कर्मचारियों और अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकारी कार्य में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, और समय पर उपस्थिति सुनिश्चित करना सभी की जिम्मेदारी है। साथ ही, कलेक्टर ने कहा कि अनुशासनहीनता के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी। निरिक्षण के दौरान एडीएम प्रकाश भारद्वाज, संयुक्त कलेक्टर अंकिता गर्ग, अपर कलेक्टर (संविदा) अनिल वाजपेयी सहित अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। -
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तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप गुणवत्तायुक्त सड़क निर्माण करने दिए निर्देशबलरामपुर : कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा एवं पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल ने संयुक्त जिला कार्यालय भवन के सभाकक्ष में जिले में चल रहे विकास व निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने लोक निर्माण विभाग तथा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजनांतर्गत निर्माण एजेंसीयों एवं ठेकेदारों द्वारा किये जा रहे निर्माण कार्यों की गहन समीक्षा की। बैठक में स्वीकृत, प्रगतिरत व अप्रारंभ कार्यों को विस्तार से समीक्षा करते हुए संबंधित निर्माण एजेंसियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।कलेक्टर ने कहा कि जो कार्य प्रारम्भ हो गए हैं, उसे समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करे। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जो ठेकेदार स्वीकृति पश्चात् कार्य में रूचि नहीं ले रहे हैं उन पर आवश्यक कार्यवाही करें। कलेक्टर ने निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा करते हुए कहा कि निर्माण तकनीकी मापदण्डों के अनुरूप गुणवत्तायुक्त होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सड़क निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए बरसात से पहले पूर्ण करने के निर्देश भी दिए।
कलेक्टर श्री कटारा ने कहा कि पीएम जनमन अंतर्गत निर्माण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए गुणवत्तापूर्ण व समय-सीमा में पूर्ण कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों को पूरा करने में धरातल स्तर पर आने वाली समस्याओं को उच्च अधिकारियों के संज्ञान में अवश्य लाएं। पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल ने सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में चर्चा करते हुए कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां निर्माण कार्यों में पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता है वहां जरूरत के अनुरूप सुरक्षा बल उपलब्ध कराये जाऐंगे। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी, कार्यपालन अभियंता पीएमजीएसवाई श्री सच्चिदानंद कांत, कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग श्री मोहन राम भगत उपस्थित रहे। -
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बलरामपुर : छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के निर्देशानुसार त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन 2024-25 के अंतर्गत जिला बलरामपुर-रामानुजगंज के जिला पंचायत के सदस्य, जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं सदस्यों तथा समस्त ग्राम पंचायतों के सरपंच व वार्ड पंच का आरक्षण व महिलाओं के प्रवर्गवार आबंटन एवं आरक्षण की कार्यवाही किया जाना है। इसके लिए कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा के द्वारा आरक्षण की कार्यवाही सुचारू रूप से सम्पन्न कराये जाने हेतु अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है।कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में जिला पंचायत के सदस्य, जनपद पंचायत के अध्यक्ष एवं सदस्यों के आरक्षण 09 जनवरी 2025 को जिला पंचायत सभाकक्ष में प्रातः 11 बजे से आयोजित किया गया है। इसके लिए अपर कलेक्टर श्री इंद्रजीत बर्मन को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। इसी प्रकार जिले के सभी जनपद पंचायतों के अंतर्गत आने वाले समस्त ग्राम पंचायत के सरपंच एवं वार्ड पंच एवं महिलाओं के प्रवर्गवार आबंटन एवं आरक्षण 08 जनवरी 2025 को प्रातः 10 बजे से संबंधित जनपद पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित किया गया है। इसके लिए संबंधित अनुविभागीय अधिकारी को प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गया है। -
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ट्रैकिंग के शौकीन युवाओं के बीच लोकप्रिय पर्यटन डेस्टिनेशनमहासमुंद : यदि आप प्रकृति, पहाड़ और एडवेंचर के शौकीन है तो महासमुंद जिले के सरायपाली में स्थित शिशुपाल पर्वत एक शानदार पर्यटन स्थल हो सकता है। आजकल शिशुपाल पर्वत ट्रैकिंग और एडवेंचर के शौकीनों के बीच एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में उभर रहा है। यह स्थान अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक महत्त्व के लिए जाना जाता है। राजधानी रायपुर से 157 किमी और सरायपाली से लगभग 20 किमी की दूरी पर स्थित यह पर्वत पर्यटकों को प्रकृति के करीब लाने का एक शानदार अवसर प्रदान करता है।
रोमांचक ट्रैकिंग का नया अनुभवशिशुपाल पर्वत समुद्र तल से 900 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यहां तक पहुंचने के लिए रोमांचक ट्रैकिंग मार्ग है, जो साहसिक गतिविधियों के प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता है। ट्रैकिंग मार्ग घने जंगलों, चट्टानों और प्राकृतिक पगडंडियों से होकर गुजरता है। पहाड़ के ऊपर एक विशाल मैदान है, जहां से वर्षा ऋतु के दौरान पानी 1100 फीट नीचे गिरकर घोड़ाधार जलप्रपात का निर्माण करता है। यह झरना और उसके चारों ओर हरियाली एक अद्वितीय दृश्य प्रस्तुत करते हैं। पर्यटन की बढ़ती संभावनाओं को देखते हुए, दो साल पहले पर्यटन मंडल ने इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने की पहल की। यहां पहुंचने वाले सैलानियों के लिए आधारभूत सुविधाओं का निर्माण किया गया, जिससे उनकी यात्रा सुखद और आरामदायक हो सके।
प्राकृतिक सुंदरता और शांति का संगमशिशुपाल पर्वत की प्राकृतिक सुंदरता और शांत वातावरण इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यहां का वातावरण, झरने की आवाज और ठंडी हवा पर्यटकों को मानसिक शांति और सुकून का अनुभव कराती है। यह स्थान फोटोग्राफी और प्रकृति के अद्भुत दृश्यों के लिए भी प्रसिद्ध है। शिशुपाल पर्वत न केवल रोमांचक ट्रैकिंग स्थल है, बल्कि इतिहास और प्रकृति का अद्भुत संगम भी है। यह स्थान ट्रैकिंग, फोटोग्राफी और प्राकृतिक दृश्यों का आनंद लेने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। यदि आप प्राकृतिक सुंदरता, रोमांच और इतिहास का अनुभव करना चाहते हैं, तो शिशुपाल पर्वत आपकी सूची में होना चाहिए। अपनी ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक आकर्षण के साथ, शिशुपाल पर्वत आज के दौर में पर्यटन का नया केंद्र बनता जा रहा है।
रोजगार के नए अवसरशिशुपाल पर्वत पर हर वर्ष मकर संक्रांति और महाशिवरात्रि के अवसर पर भारी संख्या में भक्त दर्शन और पूजा के लिए आते हैं। इस दौरान मंदिर के आसपास भव्य मेले का आयोजन किया जाता है, जिसमें लोग धार्मिक अनुष्ठानों के साथ-साथ मेले की चहल-पहल का आनंद लेते हैं। मकर संक्रांति पर लगने वाला यह मेला पर्यंत शिव मंदिर और बस्तीफली के इतिहास और प्राकृतिक सौंदर्य का संगम है। धार्मिक आस्था, ऐतिहासिकता, साहसिक पर्यटन का अद्भुत अनुभव इसे एक संपूर्ण पर्यटन स्थल बनाता है। यह मेला न केवल स्थानीय लोगों के लिए, बल्कि दूर-दूर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहां रोजगार के नए अवसर भी सृजित हो सकता है।ऐतिहासिक और पौराणिक महत्त्वस्थानीय नागरिकों ने बताया कि शिशुपाल पर्वत (बूढ़ा डोंगर) का नाम स्थानीय लोककथाओं से जुड़ा हुआ है। किंवदंती है कि इस पहाड़ पर कभी राजा शिशुपाल का महल हुआ करता था। यहां का गौरवशाली इतिहास रहा है पर्वत के उपर ही अभेद्य दुर्ग, सुरंग एवं शिवमंदिर का निर्माण किया गया है, जिसका भग्नावशेष आज भी अतीत की गौरवगाथा सुनाती है। जिसके जब अंग्रेजों ने राजा को घेर लिया, तो उन्होंने वीरता का प्रदर्शन करते हुए अपने घोड़े की आंखों पर पट्टी बांधकर पहाड़ से छलांग लगा दी। इस घटना के कारण इस पर्वत का नाम शिशुपाल पर्वत और यहां स्थित झरने का नाम घोड़ाधार जलप्रपात पड़ा। यह बारहमासी झरना अत्यधिक ऊँचाई से गिरने के कारण अद्भुत सौंदर्य का अप्रतिम उदाहरण है।पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकास की सम्भावनाइस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित किए जाने की पहल शासन द्वारा किया जा रहा है। पिछले दिनों वन विभाग द्वारा पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए स्थल का निरीक्षण किया गया। चूंकि आसपास के क्षेत्र में बंसोड़ जाति बहुतायत संख्या में पाए जाते है, जो बांस की कलाकृति बनाते है। उन्हें भी रोजगार से जोड़ा जा सकता है। साथ ही एक पर्यटन परिपथ के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। जानकारों का कहना है कि यहां से चंद्रहासिनी देवी मंदिर, गोमर्डा अभ्यारण, सिंघोड़ा मंदिर, देवदरहा जलप्रपात एवं पर्यटन स्थल नरसिंहनाथ को जोड़ा जा सकता है।