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मीडिया रिपोर्ट
मॉस्को। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक विवादित कानून पर हस्ताक्षर कर दिए हैं जिसके तहत स्वतंत्र पत्रकारों और ब्लॉगरों को ‘‘विदेशी एजेंट’’ घोषित किया जा सकता है। आलोचकों ने इस कदम को मीडिया की आजादी का उल्लंघन बताया है। रूस के इस कानून में अधिकारियों को ब्रांड मीडिया संगठनों और गैर सरकारी संगठनों को विदेशी एजेंट घोषित करने की शक्ति प्रदान की गई है।
रूसी सरकार की वेबसाइट पर प्रकाशित एक दस्तावेज के अनुसार, यह नया कानून तत्काल प्रभाव से लागू होगा। विदेशी एजेंट उन्हें कहा जाता है जो राजनीति में शामिल होते हैं और विदेशों से धन प्राप्त करते हैं। यह साबित होने पर इन्हें एक विस्तृत दस्तावेज सौंपना होगा या जुर्माना भरना होगा। एमनेस्टी इंटरनेशनल और रिपोर्टर्स विदआउट बॉडर्स समेत नौ मानवाधिकार एनजीओ ने चिंता व्यक्त की है कि यह कानून न केवल पत्रकारों तक सीमित है बल्कि ब्लॉगरों और इंटरनेट उपभोक्ताओं पर भी लागू होगा जिन्हें विभिन्न मीडिया आउटलेट से छात्रवृत्तियां, फंडिंग या राजस्व मिलता है।
रूस ने कहा कि वह इसलिए यह कानून चाहता था कि अगर पश्चिमी देशों में उसके पत्रकारों को विदेशी एजेंट बताया जाता है तो वह भी जैसे को तैसा कर सके। रूस ने पहली बार 2017 में यह कानून पारित किया था जब क्रेमलिन के फंड वाले आरटी टेलीविजन को अमेरिका में विदेश एजेंट घोषित किया गया था। -
चीन में प्रताड़ना झेल रहे उइगुर बड़ी संख्या में जर्मनी से शरण मांग रहे हैं. पिछले साल के मुकाबले इस साल दोगुने से भी अधिक आवेदन किए गए हैं.
जर्मनी में शरण के लिए आवेदन देने वाले चीन के उइगुर मुसलमानों की संख्या 2016 से ही लगातार बढ़ रही है. जर्मनी के सरकारी आंकड़े दिखाते हैं कि 2019 में पहले 10 महीनों में 149 उइगुरों ने शरण मांगी है. जबकि इसके पहले पूरे साल 2018 में इसके आधे से भी कम उइगुरों ने आवेदन किया था.
जर्मन सरकार का प्रवासी मामलों का मंत्रालय बीएएमएफ आवेदन करने वालों को यह तय करने देता है कि वे अपनी जाति आधारित जानकारी फॉर्म में भरना चाहते हैं या नहीं. इसलिए यह आंकड़ा केवल उन लोगों से जुड़ा है जिन्होंने इस बारे में स्पष्ट जानकारी भरी है और खुद को उइगुर बताया है.
जर्मनी में इस साल अक्टूबर तक कुल 803 चीनी नागरिकों ने शरण के लिए प्राथमिक आवेदन किया. जिन उइगुर लोगों ने जर्मनी में शरण मांगी थी उनमें से करीब 96 फीसदी लोगों का आवेदन स्वीकार भी कर लिया गया और सुरक्षा प्रदान की गई. किसी भी समुदाय विशेष से तुलना की जाए तो उइगुरों को शरण पाने में कहीं ज्यादा सफलता मिली.
हाल ही में "चाइना केबल्स" कहे गए कुछ डॉक्यूमेंट लीक हुए थे जिनसे पता चला कि चीनी सरकार शिनजियांग प्रांत में उइगुर मुसलमानों समेत कई जातीय अल्पसंख्यकों को कैंपों में रख रही है. इन कैंपों में 10 लाख से ज्यादा लोगों को रखा गया है और इनमें ज्यादातर मुसलमान हैं. लीक हुए दस्तावेजों के मुताबिक लोगों को यहां जबरन वैचारिक और व्यावहारिक ज्ञान दिया जा रहा है. इन कैंपों का सारा कामकाज बहुत गोपनीय तरीके से चलता है.चीन सरकार पर यह आरोप लग रहे हैं कि वह अल्पसंख्यक मुसलमानों को चीन के रंग ढंग में ढालने के लिए अभियान चला रही है. वहीं चीनी सरकार का कहना है कि ये कैंप दरअसल "वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर" हैं और देश से आतंकवाद एवं अलगाववाद को उखाड़ फेंकने के लिए बेहद जरूरी हैं.
चीन में करीब एक करोड़ उइगुर लोगों के रहने का अनुमान है. इनमें से ज्यादातर चीन के शिनजियांग प्रांत में ही बसे हैं. वे जातीय और सांस्कृतिक रूप से चीनी लोगों से ज्यादा तुर्की के मुसलमानों से जुड़े हैं. उइगुर समुदाय के कई लोग समय समय पर चीन के बहुसंख्यक हान मुसलमानों द्वारा सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से दबाए जाने की शिकायत करते रहे हैं.
आरपी/एनआर (डीपीए) -
मीडिया रिपोर्ट
श्रीलंका के नए राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अपनी पहली आधिकारिक विदेशी यात्रा पर भारत दौरे पर हैं. शुक्रवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की, जिसमें आतंकवाद से लेकर व्यापार समेत हर मुद्दे पर चर्चा की. साझा प्रेस वार्ता में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत हर रूप में आतंकवाद का विरोध करता है और इसके खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी, इस लड़ाई में भारत श्रीलंका का साथ देता रहेगा.
दोनों देशों की इस साझा प्रेस वार्ता में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने बड़ा ऐलान किया है. भारत की जितनी भी नाव/बोट अभी श्रीलंका के कस्टडी में हैं अब श्रीलंका उन सभी को छोड़ देगा. बता दें कि भारत-श्रीलंका के बीच मछुआरों को मुद्दा काफी पुराना है, अक्सर मछुआरे रास्ता भटक कर समुद्री सीमा पार कर देते हैं जिसके कारण काफी परेशानी होती है.
साझा प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने कहा, ‘चुनाव में निर्णायक जीत के लिए मैं राष्ट्रपति महोदय को बधाई देता हूं, श्रीलंका में लोकतंत्र की मजबूती और परिपक्वता गर्व का विषय है. हमारे लिए सम्मान की बात है कि राष्ट्रपति राजपक्षे ने पहली यात्रा के लिए भारत को चुना, ये भारत-श्रीलंका की दोस्ती का सबूत है.’ -
मीडिया
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल छह माह के लिए बढ़ाने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया है। कोर्ट ने कहा है कि इस दौरान सरकार और संसद को नए आर्मी चीफ के नाम पर विचार करना होगा।मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के उस फैसले को निरस्त कर दिया था जिसमें जनरल बाजवा का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया गया था।
पाकिस्तान के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा, जस्टिस मियां मजहर आलम खान मियांखेल और जस्टिस सैयद मंसूर अली शाह की बेंच की तरफ से इस बहु-प्रतीक्षित केस में गुरुवार को फैसला दिया गया है। गुरुवार करीब 3 बजकर 45 मिनट पर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसले का ऐलान किया गया। कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह लिखकर दे कि संसद की तरफ से इस बाबत अगले छह माह के अंदर एक बिल पास किया जाएगा। इसके अलावा एक संशोधित नोटिफिकेशन भी कोर्ट को दिया जाएगा। इस नोटिफिकेशन में सुप्रीम कोर्ट का जिक्र होगा। साथ ही आर्मी चीफ के कार्यकाल की अवधि और उनकी सैलरी और दूसरे भत्तों के बारे में भी जानकारी देनी होगी। जनरल बाजवा आज आधी रात को रिटायर होने वाले थे। आज की सुनवाई सरकार के लिए आखिरी मौका थी जिसमें उन्हें कोर्ट को कानूनी नियमों के तर्कों से संतुष्ट करना था। -
मीडिया रिपोर्ट
पेशावरः दक्षिण बलूचिस्तान प्रांत में मंगलवार को बस के खाई में गिरने से उसमें सवार पाकिस्तानी नौसेना के कम से कम 9 सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई और 29 अन्य घायल हो गए। बस ग्वादर जिले के ओरमरा क्षेत्र से कराची जा रही थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सैनिक छुट्टियों में अपने घर जा रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सहायक आयुक्त बेला जमील बलोच ने कहा कि जब बस लासबेला में बोजी टॉप पर पहुंची तब खाई में गिर गई। आरंभिक जाँच में पता चला कि बस के ब्रेक फेल हो जाने के कारण यह दुर्घटना हुई। बेला ने कहा कि पाकिस्तानी नौसेना, पाकिस्तान तटरक्षक बल और अन्य बलों के बचाव दल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुँचाने में मदद की। -
जकार्ता : इंडोनेशिया में जोको विडोडो के दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहा है। बुधवार को हुए विरोध प्रदर्शन के दौरान कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और करीब 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इंडोनेशियन डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ स्ट्रगल के सदस्य विडोडो ने अपने प्रतिद्वंद्वी प्राबोवो सुबिआंतो को हराया।
जकार्ता के गवर्नर एनिस बसवेडन ने मारे गए लोगों की पुष्टि करते हुए बताया है कि मामले में अबतक कम से कम 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। चुनाव आयोग के बाहर मंगलवार रात से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन बुधवार सुबह तक जारी रहा। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने चुनाव आयोग के बाहर खड़ी कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े।बताया जा रहा है कि चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए प्राबोवो सुबियांतो के समर्थक चुनाव आयोग के बाहर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, जिसने बाद में हिंसा का रूप ले लिया। इससे पहले चुनाव में हार के बाद प्राबोवो सुबियांतो ने धांधली का आरोप लगाते हुए चुनाव परिणामों को कोर्ट में चुनौती देने की बात कही थी। प्राबोवो सुबिआंतो ने आगाह किया था कि चुनाव में व्यापक धांधली के उनके दावों की प्रतिक्रिया में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो सकता है। -
नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव के नतीजों का देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है. सिर्फ भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी यहां के चुनाव नतीजों को लेकर बेचैनी है. पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने नतीजों का लाइव टेलिकास्ट करने का फैसला किया है. इसके लिए 23 मई को इस्लामाबाद में लाइव स्क्रीन्स लगाए जाएंगे.
भारतीय उच्चायोग की ओर से जश्न-ए-जम्हूरियत नाम से एक जलसे का आयोजन किया जा रहा है. 23 मई को दोपहर 12 बजे से इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के ऑडिटोरियम और लॉन में स्क्रीन्स लगाई जाएंगी, जिसमें चुनाव के नतीजों का लाइव टेलिकास्ट होगा. इसके बाद शाम 7.30 बजे से नतीजों पर बहस का भी कार्यक्रम है.पाकिस्तान में नतीजों का इंतजारभारत के लोकसभा चुनाव का अगर सबसे ज्यादा फर्क किसी पड़ोसी मुल्क पर पड़ेगा तो वह पाकिस्तान है. यही कारण है कि पाकिस्तान के सभी बड़े मीडिया हाउस चुनाव के हर चरण की कवरेज के साथ ही ओपिनियन ब्लॉग लिख रहे हैं. इसके अलावा पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर भारत के चुनाव की खूब चर्चा हो रही है.90 करोड़ से अधिक मतदाताओं का जनादेशलोकसभा चुनाव के नतीजे 23 मई को सुबह 8 बजे से आएंगे. भारत में 90 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. इस बार मतदाताओं ने पूरे उत्साह से लोकतंत्र के उत्सव में हिस्सा लिया और 2293 राजनीतिक पार्टियों के 8 हजार से अधिक प्रत्याशियों की किस्मत को 40 लाख से अधिक ईवीएम में कैद कर दिया. 43 दिन में सात चरणों में हुए इस चुनाव को 1 करोड़ से अधिक कर्मचारियों ने 10 लाख से अधिक पोलिंग स्टेशन पर संपन्न कराया है.एग्जिट पोल में फिर से बन रही है मोदी सरकारआजतक और एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल के मुताबिक एनडीए को 339-365 सीटें मिल सकती हैं, जबकि यूपीए को 77-108 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. उत्तर प्रदेश में सपा-बसपा गठबंधन को 10-16 सीटें मिल रही हैं जबकि अन्य को 59-79 सीटें मिलने का अनुमान है. -
विएना | ऑस्ट्रिया की कट्टर दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी ऑफ ऑस्ट्रिया (एफपीओ) के सभी मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है जिससे सरकार में उथल-पुथल मच गई है। बीबीसी की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रीडम पार्टी के अध्यक्ष हेंज-क्रिश्चियन स्ट्रेच को एक वीडियो स्टिंग के बाद इसी सप्ताहांत पर इस्तीफा देनी पड़ा। स्ट्रेक कुलपति भी थे।
स्ट्रेच को रूस के एक बड़े उद्योगपति की रिश्तेदार मानी जा रही एक लड़की को सरकारी ठेकों का प्रस्ताव देते हुए फिल्माया गया था। एफपीओ ने इससे पहले सोमवार को गृह मंत्री हरबर्ट किक्ल को निकाले जाने की स्थिति में सामूहिक इस्तीफा देने की धमकी दी थी। चांसलर सेबास्टियन कुर्ज ने इसी सप्ताहांत यह कहते हुए किक्ल को बर्खास्त करने की मांग की थी कि पार्टी के महासचिव होने के नाते उन्हें खुद इस मामले की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।यह मामला शुक्रवार को सामने आया जब साल 2017 की वीडियो फुटेज जर्मनी की मीडिया में जारी हो गई। स्ट्रेच ने अगले दिन इस्तीफा दे दिया और पीपुल्स पार्टी (ओवीपी) के अध्यक्ष कुर्ज ने कहा कि नए चुनाव कराए जाएंगे। इस्तीफा देने वाले एफपीओ के मंत्रियों में विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री, परिवहन, सामाजिक मामले मंत्री शामिल हैं। सरकार के आधे मंत्रीमंडल एफपीओ के नेताओं के पास थे।(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर गरजा छत्तीसगढ़ ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.) -
वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान की ओर से किसी भी तरह की उकसावे की कार्रवाई से ‘‘पूरी ताकत'' से निपटने की धमकी दी है. हालांकि उन्होंने ईरान के साथ बातचीत करने की इच्छा भी जाहिर की है.
ट्रंप ने कहा, ‘‘ अगर वे कुछ करते हैं तो उससे पूरी ताकत से निपटा जाएगा, लेकिन हमें इस तरह का कोई संकेत नहीं मिला है कि वे ऐसा कुछ करेंगे.''उन्होंने ईरान को ‘दुश्मन' और ‘आतंकवाद को भड़काने वाला नंबर एक' देश कहा.ट्रंप प्रशासन ने हाल में फारस की खाड़ी में एक विमान वाहक पोत और अन्य सैन्य संसाधनों को भेजा है. उसने इराक से अपने गैर जरूरी कर्मियों को भी वापस बुला लिया है.