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नई दिल्ली : चीन की एक शोधकर्ता को चीनी सेना के साथ संबंधों की जानकारी वीजा आवेदन में नहीं देने के आरोप में उत्तरी कैलिफोर्निया की जेल में बंद किया गया है और उसे सोमवार को संघीय अदालत में पेश किया जा सकता है।
सैक्रामेंटो काउंटी जेल के रिकॉर्ड के अनुसार जुआन तांग (37) को अमेरिकी मार्शल सेवा ने गिरफ्तार किया है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि उसके पास कोई वकील है अथवा नहीं जो उसकी तरफ से बयान दे सके।
न्याय मंत्रालय ने गुरुवार को तांग और अमेरिका में रह रहे तीन अन्य वैज्ञानिकों के खिलाफ आरोपों की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के सदस्य के अपने दर्जे को छिपाया। सभी पर वीजा धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं। तांग की गिरफ्तारी चारों में सबसे बाद में हुई है। इससे पहले न्याय मंत्रालय ने सैन फ्रांसिस्को में चीन के वाणिज्य दूतावास पर एक भगोड़े को शरण देने का आरोप लगाया था।
इस संबंध में जानकारी पाने के लिए महावाणिज्य दूतावास को किए गए ईमेल अथवा फेसबुक संदेश का कोई जवाब नहीं मिला। न्याय मंत्रालय ने कहा कि तांग ने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में काम करने की योजना के लिए पिछले साल अक्टूबर में जो वीजा आवेदन दिया था उसमें सेना के साथ अपने संबंधों के बारे में झूठ बोला था और इसके कई महीनों बाद एफबीआई साक्षात्कार में भी इस बारे में झूठ बोला।
ऐजेंट को तांग की तस्वीरें मिली हैं जिसमें वह सेना की वर्दी में है और चीन में लेखों की समीक्षा में सेना के साथ उसके संबंधों का पता चला है। -
बीजिंग: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (कोविड-19) का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है और दुनियाभर में इस वायरस से अब तक 1.54 करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हो चुके हैं तथा 632,173 लोगों की मौत हो चुकी है। कोविड-19 के संक्रमितों के मामले में अमेरिका दुनिया भर में पहले, ब्राजील दूसरे और भारत तीसरे स्थान पर है। वहीं इस महामारी से हुई मौतों के आंकड़ों के मामले में अमेरिका पहले, ब्राजील दूसरे और ब्रिटेन तीसरे स्थान पर है जबकि भारत मृतकों की संख्या के मामले में आठवें स्थान पर है। अमेरिका की जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के विज्ञान एवं इंजीनियरिंग केन्द्र (सीएसएसई) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार विश्व भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या 15,445,043 हो गयी है जबकि अब तक इस महामारी के कारण 632,173 लोगों ने जान गंवाई है।
विश्व महाशक्ति माने जाने वाले अमेरिका में कोरोना से अब तक 40,34,878 लोग संक्रमित हो चुके हैं तथा 1,44,242 लोगों की मौत हो चुकी है। ब्राजील में अब तक 22,87,475 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं जबकि 84,082 लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 49,310 नये मामले सामने आये हैं और इसके साथ ही यहां इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 12,87,945 हो गयी है। देश में अब तक कुल 8,17,209 मरीज स्वस्थ हुए हैं जबकि 30,601 लोगों की इस महामारी से मौत हो चुकी है। रूस कोविड-19 के मामलों में चौथे नंबर पर है और यहां इसके संक्रमण से अब तक 7,93,720 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 12,873 लोगों ने जान गंवाई है। दक्षिण अफ्रीका में कोरोना महामारी का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है जिसके कारण कोरोना से संक्रमित होने के मामले में दक्षिण अफ्रीका पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। यहां इससे अब तक 408,052 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 6093 लोगों की मौत हो चुकी है। पेरू में भी लगातार हालात खराब होते जा रहे है वह इस सूची में छठे नम्बर पर है। यहां संक्रमितों की संख्या 3,71,096 हो गई तथा 17,654 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं मेक्सिको में कोरोना से अब तक 3,70,712 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 41,908 लोगों की मौत हुई है। कोविड-19 से संक्रमित होने के मामले चिली अब आठवें नंबर पर पहुंच गया है। यहां इससे अब तक 3,38,759 लोग संक्रमित हुए हैं और मृतकों की संख्या 8,838 है। ब्रिटेन संक्रमण के मामले में नौवें नंबर पर है। यहां अब तक इस महामारी से 2,98,731 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 45,639 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। वहीं खाड़ी देश ईरान में संक्रमितों की संख्या 2,84,039 हो गई है और 15,074 लोगों की इसके कारण मौत हुई है। वहीं स्पेन में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,70,166 है जबकि 28,429 लोगों की मौत हो चुकी है। पड़ोसी देश पाकिस्तान में कोरोना से अब तक 2,69,191 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 5709 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण से अब तक 2,60,394 लोग प्रभावित हुए हैं तथा 2,635 लोगों की मौत हो चुकी है।
यूरोपीय देश इटली में इस जानलेवा विषाणु से 2,45,338 लोग संक्रमित हुए हैं तथा 35,092 लोगों की मौत हुई है। तुर्की में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,23,315 हो गयी है और 5,563 लोगों की मौत हो चुकी है। फ्रांस में कोरोना संक्रमितों की संख्या 2,16,667 हैं और 30,185 लोगों की मौत हो चुकी है। बंगलादेश में 2,16,110 लोग कोरोना की चपेट में आए हैं जबकि 2,801 लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोलंबिया में 2,18,428 लोग कोरोना संक्रमित है और 7373 लोगों की मौत हो चुकी है। जर्मनी में 2,04,881 लोग संक्रमित हुए हैं और 9,110 लोगों की मौत हुई है। कोरोना वायरस से बेल्जियम में 9,808, कनाडा में 8919, नीदरलैंड में 6,158, स्वीडन में 5,676, इक्वाडोर में 5,439, मिस्र में 4,480, इंडोनेशिया में 4,576, इराक में 4122, स्विट्जरलैंड में 1,975, रोमानिया में 2,126, अर्जेंटीना में 2,702, बोलीविया में 2,407, आयरलैंड में 1763, पुर्तगाल में 1,705, पोलैंड 1651 और अफगानिस्तान 1,211 लोगों की मौत हो चुकी है। -
मीडिया रिपोर्टकाबुल: अफगानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में सरकार के हवाई हमले में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई जिनमें कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी। इस हमले में अपने परिवार के तीन सदस्यों को खोने वाली प्रत्यक्षदर्शी नूर रहमती ने बताया कि हेरात के अद्रास्कन जिले में जेल से रिहा हुए तालिबान के एक पूर्व लड़ाके का स्वागत करने के लिए सैकड़ों लोग एकत्रित हुए थे जब एक हवाई जहाज ने लोगों पर हमला किया।
सरकारी अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि एक दिन पहले हुए हवाई हमले की जांच की जा रही है। अमेरिका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते के दूसरे और अहम चरण के तहत अंतर अफगान वार्ता आगे बढ़ाने के मकसद से कैदियों की रिहाई के तौर पर गुलाम नबी को रिहा किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जब यह हमला हुआ तब जिले के बुजुर्ग और शुभचिंतक नबी का स्वागत करने के लिए पहुंचे थे। हमले में नबी का नौ साल का बेटा भी घायल हो गया। -
वाशिंगटनः अमेरिका के शिकागो में गोलीबारी में कम से कम 11 लोग घायल हो गए। स्थानीय मीडिया के मुताबिक सभी घायलों को गंभीर या नाजुक स्थित में उपाचर के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पश्चिमी 79 वीं स्ट्रीट के 1000-ब्लॉक के कब्रिस्तान में हुई ताबड़तोड़ फायरिंग से हड़कंप मच गया।
यहां अंतिम संस्कार के दौरान हमलावर ने सबपर बंदूक तान दी और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी जिसमें कम से कम 14 लोग घायल हो गए। शिकागो पुलिस ने एक शख्स को हिरासत में लिया है। पुलिस के मुताबिक, एक एसयूवी में से किसी ने ब्लॉक पर अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने वाले लोगों पर गोली चला दी। इसके बाद अंतिम संस्कार में हिस्सा ले रहे लोगों ने भी अंधाधुंध फायरिंग की और एसयूवी दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
शिकागो फायर विभाग के प्रवक्ता लैरी लैंगफोर्ड ने कहा कि अग्निशमन विभाग ने घटनास्थल से कुल 11 लोगों को अस्पताल पहुंचाया, जबकि अन्य को विभिन्न अस्पतालों में भेजा गया।कई लोगों की हालत गंभीर थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्होंने कई राउंड गोलियों की आवाज सुनी थी। पुलिस ने घटना के कारणों की जांच कर रही है। -
मीडिया रिपोर्टकाबुल: फरवरी में अमेरिका के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बावजूद अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के हमले शुरू कर दिए हैं. रक्षा मंत्रालय के मुताबिक सोमवार को सामान से लदा हुआ ट्रक एक फिदायीन ने सेना के काफिले में घुसा दिया, जिससे 8 सैनिकों की मौत हो गई.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मैदान वरदाक प्रांत में हुए इस हमले में 9 सैनिक घायल हैं. इस हमले के बाद फौरन ही इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान और आईएसआईएस से जुड़े एक स्थानीय संगठन ने ले ली है, ये संगठन अफगानी फोर्सेज पर अक्सर हमले करता रहता है.
मंत्रालय ने बयान दिया है कि वरदाक प्रांत के सैयद अबद जिले में ये हमला हुआ था जो राजधानी काबुल के पास है, इसमें 9 सैनिक घायल भी हो गए हैं.
पिछले कुछ महीनों में तालिबान ने अफगान फोर्सेज पर रोजाना हमले की रणनीति अपनाई है जबकि 2 दशक से चले आ रहे इस संघर्ष को समाप्त करने के लिए वो काबुल से बातचीत करने के लिए भी राजी हो गए थे. -
मीडिया रिपोर्ट्सअमेरिका में हैकर्स ने कई बड़ी हस्तियों के ट्विटर अकाउंट्स को हैक कर उनके फॉलोवर्स से क्रिप्टो करेंसी- बिटकॉइन की ठगी करने की कोशिश की है। यह मामला बुधवार देर रात सामने आया, जब एक-एक कर के कई नेताओं और अरबपति कारोबारियों के अकाउंट में एक ही पोस्ट दिखने लगा। जिन बड़ी हस्तियों के अकाउंट हैक हुए उनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, 2020 चुनाव में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन, अरबपति कारोबारी बिल गेट्स, अमेजन के मालिक जेफ बेजोस और टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क शामिल हैं।
इन सभी लोगों के अकाउंट से एक के बाद एक बिल्कुल एक जैसे पोस्ट्स किए गए। इसमें कहा गया- “सभी लोग हमसे कुछ वापस देने के लिए कहते हैं। आप हमें 1000 डॉलर भेजिए, हम आपको 2 हजार डॉलर लौटाएंगे। यह सिर्फ अगले 30 मिनट के लिए कर रहे हैं।”
अब इस स्कैम पर ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी का बयान आया है। उन्होंने कहा है कि ट्विटर के लिए यह काफी कठिन दिन रहा। जो कुछ हुआ, उस बारे में सोचकर बुरा लग रहा है। डोर्सी ने कहा कि हम खुद पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि यह क्या हुआ, इसके बाद यह जानकारी लोगों के साथ भी साझा की जाएगी। इससे पहले ट्विटर ने किसी स्कैम को रोकने के लिए सभी वेरिफाइड अकाउंट्स की ओर से ट्वीट को बंद कर दिया और कुछ अकाउंट्स को डिएक्टिव भी किया गया। -
बीजिंगः चीन ने मंगलवार को अमेरिका के शीर्ष हथियार निर्माण कंपनी लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। बीजिंग ने यह कदम अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा ताइवान को पीएसी-3 वायु रक्षा मिसाइल करार को मंजूरी देने के जवाब में उठाया जिसका निर्माण यह कंपनी करती है। यह एक ऐसा कदम जो बीजिंग और वाशिंगटन के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘चीन मजबूती से अमेरिका द्वारा ताइवान को हथियार बेचने का विरोध करता है। हम अमेरिका का आह्वान करते हैं कि वह ‘एक चीन’ के सिद्धांत का ईमानदारी से अनुपालन करे, ताइवान को हथियारों की बिक्री बंद करे और ताइवान के साथ सैन्य संबंधों को समाप्त करे ताकि द्विपक्षीय संबंधों को एवं ताइवान जलडमरुमध्य में शांति और सुरक्षा को और नुकसान नहीं पहुंचे।’’ झाओ की यह टिप्पणी अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा पैट्रियॉट एडवांस्ड कैपेबिलिटी- (पीएसी-3) वायु रक्षा प्रणाली को बेचने के लिए ताइवान के पुनप्रमाणीकरण अनुरोध को स्वीकार करने के कई दिन बाद आई है। इस प्रणाली पर 62 करोड़ डॉलर खर्च आने का अनुमान है।
अमेरिकी रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी (डीएससीए) ने बृहस्पतिवार को जारी बयान में कहा कि कांग्रेस (अमेरिकी संसद) पहले ही संभावित बिक्री को अधिसूचित कर चुकी है। डीएससीए के बयान के हवाले से अमेरिकी मीडिया ने बताया कि ताइवान ने पीएसी-3 मिसाइल रक्षा प्रणाली के कुछ हिस्सों को खरीदने का अनुरोध किया था ताकि यह 30 साल के परिचालन अवधि तक काम कर सके। लॉकहीड मार्टिक कॉरपोरेशन इस करार का प्रमुख ठेकेदार है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि चीन ने लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध जवाबी कार्रवाई के तहत लगाया है। झाओ ने कहा, ‘‘चीन ने सभी जरूरी कदम उठाने का फैसला किया है। हम इस बिक्री के मुख्य ठेकेदार लॉकहीड मार्टिन पर प्रतिबंध लगाएंगे।’’ विश्लेषकों का कहना है कि चीनी प्रतिबंध संकेतात्मक है क्योंकि लॉकहीड मार्टिन चीन को कोई हथियार नहीं बेचती। -
वॉशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार विदेशी छात्रों के वीजा नियमों में जो बदलाव किया था, उसे वापस ले लिया है। ट्रंप सरकार ने फैसला लिया था कि जिन विदेशी छात्रों ने कोरोना के दौरान ऑनलाइन क्लास का विकल्प चुना है, उनके वीजा को रद्द किया जाएगा लेकिन इस मामले में कोर्ट के दखल के बाद डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने आखिरकार यह विवादित फैसला वापस ले लिया है। हॉवर्ड यूनिवर्सिटी और कई अन्य संस्थानों ने सरकार के फैसले का विरोध किया था।
इस पूरे मामले की सुनवाई के दौरान जज एलिसन बरॉ ने कहा कि सरकार अपना फैसला वापस लेने के लिए तैयार हो गई है, लिहाजा कोई नया नियम लागू नहीं किया जा रहा है। दरअसल हॉवर्ड और एमआईटी यूनिवर्सिटी की ओर से कोर्ट में ट्रंप सरकार के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की गई थी, जिसमे मांग की गई थी कि ट्रंप सरकार के नए फैसले को रद्द किया जाए। याचिका में कहा गया था कि जो छात्र ऑनलाइन क्लास ले रहे हैं, उन्हें वापस अमेरिका आने की इजाजत देनी चाहिए और नए फैसले को वापस लेना चाहिए।
विश्वविद्यालयों की ओर से कहा गया है कि अगर विदेशी छात्रों को अमेरिका वापस नहीं आने दिया जाता है तो यह ना सिर्फ छात्रों का व्यक्तिगत नुकसान है बल्कि संस्थान का भी वित्तीय नुकसान है। बदा दें कि अमेरिका में 2018-2019 के अकादमिक ईयर में तकरीबन 10 लाख विदेशी छात्र एनरोल हैं। ऐसे में बड़ी संख्या में छात्र कोरोना के चलते वापस अपने देश चले गए हैं और ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं कर रहे हैं। इन्ही छात्रों को लेकर ट्रंप सरकार ने फैसला लिया था कि अब इनका वीजा रद्द किया जाएगा, जिसे आखिरकार वापस ले लिया गया है। -
मीडिया रिपोर्टईरान ने भारत को बड़ा झटका देते हुए चाबहार रेल परियोजना से भारत को बाहर कर दिया है। ईरान ने भारत द्वारा प्रोजेक्ट की फंडिंग में देरी किए जाने को इसकी वजह बताया है। ईरान ने ऐलान किया है कि वह अब अकेले ही इस परियोजना को पूरा करेगा। भारत के लिए ईरान का यह फैसला सामरिक और रणनीतिक तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है। गौरतलब है कि ईरान और चीन के बीच 400 बिलियन डॉलर की एक महाडील होने वाली है। माना जा रहा है कि इस डील के चलते ही ईरान ने चाबहार परियोजना से भारत को बाहर कर दिया है।
इस परियोजना के तहत ईरान के चाबहार पोर्ट से लेकर जहेदान इलाके तक रेल परियोजना बनायी जानी है। इस रेल परियोजना को अफगानिस्तान के जरांज सीमा तक बढ़ाए जाने की भी योजना है। द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस परियोजना को मार्च 2022 तक पूरा किया जाना है।
साल 2014 में पीएम मोदी के ईरान दौरे पर चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर हुए थे। पूरी परियोजना पर 1.6 अरब डॉलर का निवेश होना था। खबर है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के डर से भारत ने इस रेल परियोजना पर काम शुरू नहीं किया। भारत की सरकारी कंपनी इरकॉन इस परियोजना को पूरा करने वाली थी। यह परियोजना भारत के अफगानिस्तान और अन्य मध्य एशियाई देशों तक एक वैकल्पिक मार्ग मुहैया कराने की प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए बनायी जानी थी, जिसका भविष्य में भारत को काफी फायदा हो सकता था, लेकिन अब ईरान के ऐलान के बाद भारत को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। -
जेनेवा। जो लोग यह सोच रहे हैं कि अगले एक साल या दो साल के अंदर कोरोना वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाएगा, तो उनके लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) की तरफ से एक बुरी खबर है। डब्लूएचओ का कहना है कि कोरोना वायरस को खत्म करना नामुमकिन है। आपको बता दें कि दिसंबर 2019 में चीन के शहर वुहान से निकले इस वायरस ने अब तक दुनियाभर में 562,769 लोगों की जान ले ली है और 12,625,156 लोग इससे संक्रमित हैं।
डब्लूएचओ के इमरजेंसी प्रोग्राम के मुखिया डॉक्टर माइक रेयान ने जेनेवा में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कोविड-19 पर अहम बातें कहीं। उन्होंने कहा, 'वर्तमान स्थिति में तो ऐसा नहीं लगता कि यह वायरस कभी खत्म हो सकेगा। हम इस वायरस को खत्म कर पाएंगे, ऐसा मुश्किल है।' उन्होंने कहा कि इनफेक्शन के क्लस्टर्स को कम करके इस वायरस के सबसे बुरे प्रभाव से दुनिया को बचाया जा सकता है। डॉक्टर रेयान के मुताबिक वायरस की सेकेंड पीक आने वाली है और लॉकडाउन अपनाकर वायरस के दुष्प्रभाव से बचा जा सकेगा।
इसके बीच ही डब्लूएचओ की एक टीम शुक्रवार को चीन के लिए रवाना हो गई है। इस टीम में दो लोग हैं और यह टीम जांच करेगी कि कोविड-19 वायरस आखिर कैसे दुनिया तक पहुंचा है। संगठन की प्रवक्ता मारग्रेट हैरिस ने बताया कि टीम में एनिमल हेल्थ और महामारी से जुड़े विशेषज्ञ शामिल हैं। -
वाशिंगटन। दुनिया भर में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। लगभग सभी देश इस जानलेवा वायरस की चपेट में हैं। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, दुनिया में कोरोना से अबतक 1 करोड़ 19 लाख 48 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 5 लाख 46 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है, जबकि 68 लाख 49 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश अमेरिका में कोरोना से 30 लाख 97 हजार से ज्यादा से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 1 लाख 33 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं ठीक होने वालों की संख्या 13 लाख 54 हजार से ज्यादा है।
जानकारी के मुताबिक अमेरिका में पिछले 24 घंटे में 50 हजार कोरोना के नए मामले सामने आए हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में सबसे ज्यादा 422,851 केस सामने आए हैं। सिर्फ न्यूयॉर्क में ही 32,267 लोग मारे गए हैं। इसके बाद कैलिफॉर्निया में 277,433 कोरोना मरीजों में से 6,445 लोगों की मौत हुई। इसके अलावा न्यू जर्सी, टेक्सस, मैसाचुसेट्स, इलिनॉयस, फ्लोरिडा भी सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। -
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका को आधिकारिक तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से अलग कर लिया है। इस बात की जानकारी खुद अमेरिकी सांसद बॉब मेनेंडेज ने दी है। इसकी नोटिस भी जारी की गई है। बॉब ने ट्वीट कर इसके बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को राष्ट्रपति कार्यालय से यह जानकारी मिली है कि अमेरिका कोरोना महामारी के बीच डब्लूएचओ से आधिकारिक तौर पर अलग हो गया है। उन्होंने कहा कि महामारी के समस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का ये निर्णय अमेरिका को बिल्कुल अलग कर देगा।
आपको बता दें कि इसके पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ पर कोरोनावायरस के फैलने के मामले में चीन को बचाने और सही समय पर दुनिया को जानकारी न देने का आरोप लगाया था। अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली लाखों करोड़ों की फंडिंग भी रोक दी थी। -
भाषा की खबर
हूवर: अमेरिका में अलबामा राज्य के एक शॉपिंग मॉल में शुक्रवार को हुई गोलीबारी में आठ वर्षीय लड़के की मौत हो गई और तीन अन्य लोग घायल हो गए.
हूवर पुलिस प्रमुख निक डेरजिस ने बताया कि रिवरचेज गैलेरिया में दोपहर को हुई गोलीबारी में एक बच्चे की मौत हो गई. पुलिस प्रमुख ने बताया कि एक लड़की और दो वयस्कों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारियों ने अभी पीड़ितों के नाम जारी नहीं किए हैं.
पुलिस ने गोलीबारी की कोई वजह नहीं बताई है. डेरजिस ने कहा कि पुलिस कुछ अहम सुरागों पर काम कर रही है लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि संदिग्धों की पहचान कर ली गई है अथवा नहीं. मेयर फ्रैंक ब्रोकाटो ने कहा, ‘प्रभावित लोगों के लिए हम प्रार्थना करते हैं.’ पुलिस कैप्टन ग्रेग रेक्टर ने बताया कि मॉल के भीतर एक फूड कोर्ट के पास कई गोलियां चली. रेक्टर ने कहा, ‘हम अभी नहीं जानते कि गोलीबारी क्यों हुई या इस घटना में कितने हमलावर शामिल हैं.’ -
मीडिया रिपोर्टकेरल तट पर 8 साल पहले दो मछुआरों की जान लेने वाले इटली के मरीन सैनिकों पर भारत में कोई कार्रवाई नहीं होगी। न ही उन पर भारत में कोई केस चलाया जाएगा। हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय स्थाई मध्यस्थता कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। इसके मुताबिक, दोनों मरीन्स पर इटली में ही आपराधिक मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने कहा कि भारत मछुआरों की मौत के लिए मुआवजे का हकदार है और वह इसकी रकम के लिए इटली से बात कर सकता है।
कोर्ट ने 3:2 के करीबी अंतर से इटली के पक्ष में फैसला सुनाया। ट्रिब्यूनल ने कहा कि इटली के मरीन्स को समुद्र के कानून पर बने संयुक्त राष्ट्र के कन्वेंशन के तहत इम्युनिटी हासिल है। इटली ने भी घटना की जांच और मरीन्स के खिलाफ आपराधिक जांच आगे बढ़ाने की बात कही है। इसलिए भारत का इस मामले में कोई अधिकार-क्षेत्र नहीं है।
इटली के दो मरीन्स साल्वाटोर गिरोने और मासिमिलियानो लतोरे भारतीय तट क्षेत्र की तरफ से गुजरते एक तेल के टैंकर में सवार थे। दोनों का कहना है कि उन्होंने मछुआरों को समुद्री लुटेरा समझकर उन पर फायरिंग कर दी थी। भारत ने दोनों मरीन्स को पकड़ कर उन पर हत्या के आरोपों पर केस शुरू किया था। भारत का कहना था कि घटना उसके अधिकार क्षेत्र में है। हालांकि, मरीन्स को दोषी पाए मौत की सजा न देने की बात कही गई थी।
दूसरी तरफ इटली का कहना था कि शूटिंग अंतरराष्ट्रीय सीमा में हुई। इसलिए मरीन्स पर इटली में ही केस चलना चाहिए। इटली की तरफ से यह भी कहा गया कि मरीन्स ने मछुआरों की नावों को हटने की चेतावनी दी थी, लेकिन उन्होंने निर्देशों का पालन नहीं किया। दोनों मरीन्स को कुछ साल भारत में कस्टडी में रखा गया। हालांकि, बाद में उन्हें इटली को लौटा दिया गया। 2015 में भारत ने इस मामले को परमानेंट कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन के सामने रखा। पीसीए ने मामले में इस साल मई में ही फैसला सुरक्षित रख लिया था, हालांकि इसका ऐलान गुरुवार को हुआ। -
कुछ दिन पहले न्यूजीलैंड ने खुद को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया था, लेकिन अब फिर वहां पर मामले तेजी से बढ़ना शुरू हो गए हैं। जिस वजह से न्यूजीलैंड के स्वास्थ्य मंत्री डेविड क्लार्क ने इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिन पहले क्लार्क ने लॉकडाउन तोड़कर बीच पर अपने परिवार से साथ मस्ती की थी। तभी से ही वो विरोधियों के निशाने पर थे। इस बीच उनको हटाने की मांग भी उठी थी, लेकिन प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न ने इससे इनकार कर दिया था।
स्थानीय मीडिया के मुताबिक कुछ दिन पहले एक क्वारंटाइन सेंटर में बड़ी लापरवाही हुई थी। वहां पर ब्रिटेन से लौटी दो महिलाओं को रखा गया था। बाद में सिफारिश के आधार पर उन्हें क्वारंटाइन सेंटर से जल्दी छोड़ दिया गया। जिसके बाद उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ ही वहां पर केस की संख्या अब 24 हो गई है, हालांकि नए पॉजिटिव केस दूसरे देश से आए हैं। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री लॉकडाउन में अपने परिवार के साथ बीच पर देखे गए थे, जिसके बाद से उनकी आलोचना हो रही है।
वहीं मामले में पीएम जेसिंडा अर्डर्न ने पहले तो उन्हें हटाने से इनकार कर दिया था, लेकिन जब स्वास्थ्य मंत्री ने खुद इस्तीफा दिया, तो उसे स्वीकार कर लिया गया। उन्होंने कहा कि वो क्लार्क के फैसले से सहमत नहीं हैं। उन्होंने न्यूजीलैंड को कोरोना मुक्त करने में बड़ी भूमिका निभाई थी। मौजूदा हालात में भी उनकी जरूरत है। अब न्यूजीलैंड के शिक्षामंत्री क्रिस हिपकिन्स को स्वास्थ्य मंत्रालय का जिम्मा दिया गया है। -
वाशिंगटन। भारत सरकार ने 59 चीनी ऐप्स पर बैन लगा दिया है। जिन ऐप्स पर बैन लगे हैं उनमें फेमस ऐप टिकटॉक, वीवी वीडियो और यूसी ब्राउजर शामिल हैं। भारत सरकार के इस फैसले पर अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने बुधवार को (1 जुलाई) को कहा कि चीनी ऐप की सफाई के लिए भारत ने जो तरीका अपनाया है वो देश की संप्रभुता को बढ़ाने का काम करेगी। इसके साथ ही भारत की अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा में भी इजाफा होगा।
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मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : भारत के साथ सीमा विवाद और अपनी ही पार्टी के अंदर विरोध का सामना कर रहे नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को सीने में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया. हालांकि उनके प्रेस सलाहकार ने अपडेट खबर दी है कि अस्पताल से चेक-अप के बाद पीएम ओली लौट गये हैं.
सीने में दर्द की शिकायत के बाद प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को काठमांडू के साहिद गंगालाल नेशनल हार्ट सेंटर में भर्ती कराया. बाद में चेक-अप के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गयी. प्रधानमंत्री के प्रेस सलाहकार सूर्य थापा ने बताया, पीएम ओली चेक-अप के बाद अस्पताल से लौटे गये हैं.
गौरतलब है प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की भारत विरोधी टिप्पणी के लिए पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड' समेत सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष नेताओं ने मंगलवार को उनके इस्तीफे की मांग की. शीर्ष नेताओं ने कहा है कि प्रधानमंत्री की टिप्पणी न तो राजनीतिक तौर पर ठीक थी न ही कूटनीतिक तौर पर यह उचित थी. ओली ने हाल में कहा था कि नेपाल के नये राजनीतिक मानचित्र के प्रकाशन के बाद उन्हें हटाने के प्रयास हो रहे हैं. प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास पर सत्तारूढ़ पार्टी की स्थायी समिति की बैठक शुरू होते हुए ही प्रचंड ने रविवार को प्रधानमंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की. उन्होंने कहा, भारत उन्हें हटाने का षड्यंत्र कर रहा है, प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी न तो राजनीतिक तौर पर ठीक थी न ही कूटनीतिक तौर पर यह उचित थी.
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तेहरान। ईरान के उत्तरी तेहरान में एक मेडिकल क्लिनिक में हुए विस्फोट में कम से कम 19 लोग मारे जाने की खबर है और कई लोग घायल बताए जा रहे हैं, ईरानी सरकारी चैनल की खबर के अनुसार ईरान की राजधानी में एक मेडिकल क्लिनिक में मंगलवार रात आग लग गई जिसके चपेट में आए 19 लोग असमय मौत का शिकार हो गए, स्थानीय मीडिया के मुताबिक ये घटना गैस कैप्सूल विस्फोट के कारण घटित हुई , इस घटना के बाद से इलाके में अफरा तफरी मच गई।
विस्फोट में मारे गए लोगों में 15 महिलाएं शामिल हैं, फिलहाल अग्निशमन विभाग के जलाल मलेकी ने कहा कि आग लगने के कारणों का पता लगाया जा रहा है, घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है, बता दें कि जिस वक्त विस्फोट हुआ, उस वक्त क्लिनिक के अंदर 25 कर्मचारी थे। प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो क्लिनिक के तहखाने में रखे गैस कनस्तरों में आग लगने के कारण विस्फोट हुआ। आग लगने के कारण आस-पास की इमारतों को भी नुकसान पहुंचा है।