- Home
- विदेश
-
अमेरिका के संघीय संचार आयोग (एफसीसी) ने अमेरिकी संचार नेटवर्क को सुरक्षित करने के अपने प्रयासों के तहत चीन की हुआवे टेक्नोलॉजीज कंपनी और जेडटीई कॉर्पोरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना है। ये अमेरिकी बाजार से चीनी निर्माताओं को रोकने की दिशा में उठाया गया एक कदम है जहां छोटे ग्रामीण सस्ते नेटवर्क उपकरणों पर भरोसा करते हैं। एक प्रेस रिलीज में एफसीसी ने कहा कि इस कार्रवाई का अर्थ है कि कई छोटे ग्रामीण वाहक द्वारा उपयोग की जाने वाली संघीय सब्सिडी का पैसा अब इन कंपनियों द्वारा उत्पादित उपकरणों को खरीदने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है।
बयान में कहा गया कि Huawei और ZTE दोनों का चीनी कम्युनिस्ट पार्टी और चीन के सैन्य तंत्र से घनिष्ठ संबंध है। मामले में एफसीसी के चेयरमैन अजीत पई ने ट्वीट कर कर कहा कि हम एक स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं कि अमेरिकी सरकार और विशेष रूप से एफसीसी अमेरिकी कम्युनिकेशन नेटवर्क में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को फायदा उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बता दें कि व्यापार, कोरोनो वायरस और सुरक्षा मुद्दों पर बीजिंग और वाशिंगटन के बीच तनाव बढ़ने के बीच एफसीसी ने चीनी कंपनियों की तेजी से छानबीन की है। -
मीडिया रिपोर्टकराची स्थित पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज पर आतंकी हमला हुआ. Ary न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सोमवार को पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज की इमारत में चार आतंकी घुसे और अंधाधुंध फायरिंग की. फिलहाल, चारों आतंकियों को मार गिराया गया है. आतंकियों की फायरिंग में पांच लोगों के मारे जाने की खबर है. पाकिस्तान मीडिया के मुताबिक, चारों आतंकी मार गिराए गए हैं. जियो न्यूज से बात करते हुए कराची के इंस्पेक्टर जनरल ने कहा कि हालात नियंत्रण में है और सभी आतंकियों को मार गिराया गया है. रेंजर्स और पुलिस के जवान इमारत के अंदर घुस गए हैं और सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है.
कराची के आईजी का कहना है कि हमलावरों ने कथित तौर पर पुलिस अधिकारियों के कपड़े पहने हुए थे, जो वो ऑफ ड्यूटी पर पहनते हैं. आतंकवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ हमला किया और एक बैग ले जा रहे थे, जिसमें संभवत: विस्फोटक हो सकता है. आतंकियों ने स्टॉक एक्सचेंज की इमारत के मेन गेट पर ग्रेनेड से हमला किया और अंधाधुंध फायरिंग करते हुए इमारत में घुस गए. इस फायरिंग के दौरान एक पुलिस अफसर और एक सिक्योरिटी गार्ड के घायल होने की खबर है. मौके पर पुलिस और रेंजर्स के जवान के पहुंच गए हैं.
पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज के आस-पास के इलाके को खाली करा लिया गया है. घायलों को नजदीकी अस्पताल में इलाज के भर्ती कराया गया है. इसके साथ ही स्टॉक एक्सचेंज में फंसे कर्मचारियों को पीछे के दरवाजे से निकाल लिया गया है. -
एजेंसीनई दिल्ली : यूरोपीय औषधि एजेंसी ने कोविड-19 के इलाज के लिए पहली दवा के रूप में रेमडेसिवीर को मान्यता दे दी है। परीक्षण के दौरान अस्पताल में भर्ती कोविड-19 के मरीजों को जल्द स्वस्थ्य होने में इस दवा से मदद मिली थी।
औषधि एजेंसी का कहना है कि वह रेमडेसिवीर को सशर्त विपणण की मान्यता दे रही है। इसका उपयोग 12 साल से ज्यादा आयु वाले ऐसे मरीजों पर किया जाएगा, जिन्हें न्यूमोनिया है और ऑक्सीजन की जरूरत है।
एजेंसी ने कहा कि रेमडेसिवीर यूरोपीय संघ में कोविड-19 के इलाज के लिए मान्यता पाने वाली पहली दवा है। पिछले महीने अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने इस दवा को कोविड-19 मरीज को आपात स्थिति में देने की अनुमति दी थी।
महाराष्ट्र सरकार भारी मात्रा में रेमडेसिवीर,फेविपिराविर खरीदेगी
महाराष्ट्र सरकार ने तय किया है कि वह वायरस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां रेमडेसिवीर और फेविपिरावीर भारी मात्रा में खरीदेगी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने बृहस्पतिवार को बताया कि कोविड-19 मरीजों के इलाज के लिए ये दवाइयां खरीदी जाएंगी।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि कोविड-19 मरीजों का इलाज करने के लिए हमें रेमडेसिवीर, फेविपिरावीर और अन्य जरुरी दवाएं भारी मात्रा में खरीदनी पड़ेंगी। उन्होंने कहा कि ये दवाइयां महंगी हैं, इसलिए राज्य सरकार ने उन्हें खरीदने का फैसला किया है। -
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में फंसे अपने नागरिकों को निकालने के लिए भारत सरकार की ओर से वंदे भारत मिशन के तहत चलाई जा रही उड़ानों पर अमेरिका ने रोक लगा दी है। अमेरिकी सरकार का कहना है कि भारत में उनकी विमानन कंपनियों के साथ भेदभाव हो रहा है। इसलिए वो वंदेभारत मिशन के तहत चल रही एयर इंडिया की उड़ानों को बैन कर रहे हैं।
अमेरिका के इस फैसले के बाद कोरोनाकी वजह से वहां फंसे लोग भारत नहीं आ पाएंगे। अमेरिकी सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसपोर्टेशन ने कहा है कि इंडो-यूएस रूट पर 22 जून से एयर इंडिया को चार्टर्ड फ्लाइट की इजाजत नहीं होगी। स्पेशल केस में डीओटी से इजाजत लेनी होगी। आदेश में कहा गया है कि हम यह कदम इसलिए उठा रहे हैं क्योंकि भारत सरकार अमेरिकी विमानन कंपनियों को लेकर भेदभाव किया है। अमेरिकी विमानों को चाटर्ड फ्लाइट की मंजूरी नहीं दी गई है और अमेरिकी विमानों को भारत में सेवा देने से रोका गया है।
अमेरिका का कहना है कि वंदे भारत मिशन की फ्लाइटें अनुचित कार्य प्रणाली के तहत चल रही थीं और इनसे दोनों देशों के बीच की विमानन संधि का उल्लंघन हो रहा था। अमेरिकी सरकार के परिवहन विभाग का कहना है कि एयर इंडिया भारत के नागरिकों को वापस लाने के लिए विशेष उड़ानें भी चला रही है और आम यात्रियों को टिकट भी बेच रही है। इससे अमेरिकी विमानन कंपनियों का प्रतिस्पर्धात्मक नुकसान हो रहा है। कहा गया है कि भारत जब अमेरिकी विमानन कंपनियों पर से प्रतिबंध हटा लेगा, तब अमेरिका का परिवहन विभाग भारत पर लगाए गए इन नए प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करेगा। -
भाषा की खबर
लॉस एंजेल्स: मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमलों में संलिप्तता के मामले में पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा को प्रत्यर्पित किए जाने के भारत के अनुरोध पर राणा को लॉस एंजिलिस में पुन: गिरफ्तार किया गया. अमेरिकी अभियोजकों ने यह जानकारी दी. राणा (59) को अनुकंपा के आधार पर हाल में जेल से रिहा किया गया था. उसने अदालत को बताया था कि वह कोरोनावायरस (Coronavirus) से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था.
अभियोजकों ने बताया कि भारत ने उसे प्रत्यर्पित करने का अनुरोध किया था, जिसके बाद उसे फिर से गिरफ्तार किया गया. भारत में राणा को भगोड़ा घोषित किया गया है. मुंबई में हुए आतंकी हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे.
पाकिस्तान में जन्मे कनाडाई तहव्वुर राणा को मुंबई हमलों के संबंध में एक अपराध का दोषी ठहराया गया था, हालांकि अमेरिकी अभियोजक 2011 में चले मुकदमे के दौरान उस पर आतंकवाद का वह आरोप साबित करने में नाकाम रहे जो उसे उन हमलों से सीधे जोड़ता था. राणा आतंकवादी संगठनों की मदद करने के मामले में 14 साल की जेल की सजा काट रहा था, लेकिन उसे पिछले हफ्ते खराब सेहत और कोरोना वायरस से संक्रमित होने के कारण लॉस एंजिलिस की एक संघीय जेल से जल्दी रिहा कर दिया गया.
राणा को पाकिस्तानी आतंकवादी ग्रुप लश्कर-ए-तैयबा को मदद मुहैया कराने के लिए शिकागो में दोषी करार दिया गया था. इस आतंकवादी ग्रुप ने भारत में हमले की योजना बनाई थी. साथ ही उसे डेनमार्क के उस अखबार पर हमला करने की साजिश में मदद करने के लिए भी गिरफ्तार किया गया था, जिसने 2005 में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून प्रकाशित किए थे. हालांकि इस हमले को अंजाम नहीं दिया गया. इन कार्टूनों ने कई मुसलमानों को आक्रोशित कर दिया था क्योंकि इस्लाम में पैगंबर की तस्वीरों पर पाबंदी है. कोर्ट ने राणा को मुंबई में हमले करने वाले 10 लोगों की मदद करने के बेहद गंभीर आरोप से मुक्त कर दिया था. -
इस्लामाबाद: पाकिस्तान में गुरुवार को प्रांतीय सरकार के एक मंत्री की कोविड-19 से मौत हो गई. वह पिछले सप्ताह कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए थे. 'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने गिलगित के शहर अस्पताल के एक डॉक्टर के हवाले से बताया कि गिलगित-बाल्तिस्तान के कृषि मंत्री जांबाज खान (64) बीते चार दिन से वेंटिलेटर पर थे. डॉक्टर ने कहा कि उन्हें हृदय संबंधी बीमारी और मधुमेह भी था. दिआमेर जिले के वरिष्ठ नेता मलिक मिस्कीन का भी यही डॉक्टर इलाज कर रहे हैं.
पांच बार विधायक रहे खान गिलगित-बाल्तिस्तान में पाकिस्तान मुस्लिम लीग के संस्थापक सदस्य थे. पाकिस्तान में अब तक दो प्रांतीय मंत्रियों सहित पांच विधायक कोरोना वायरस के चलते जान गंवा चुके हैं. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी तथा यूसुफ रजा गिलानी समेत कई शीर्ष नेता इससे संक्रमित पाए गए हैं.
वहीं पाकिस्तान में कोरोना वायरस के मामले 1,50,000 के पार चले गए हैं, जबकि 136 लोगों की मौत के साथ ही मृतकों की संख्या 2,975 पर पहुंच गई है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि कोविड-19 के लिए अब तक 950,782 लोगों की जांच की गई है जिनमें से 28,117 जांच पिछले 24 घंटों में की गई. मंत्रालय ने बताया कि बीते 24 घंटों में 5,839 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. इसके साथ ही संक्रमितों की कुल संख्या 154,760 हो गई है. -
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प पर अब पूरी दुनिया की नजर है. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं, जबकि चीन को भी बड़ा नुकसान हुआ है. अमेरिका भी भारत और चीन के बीच जारी इस तनाव पर नजर बनाए हुए है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी का कहना है कि भारत-चीन के बीच LAC पर जो भी चल रहा है, उसपर अमेरिका की पूरी नजर है.
-
न्यूयॉर्क। मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन, जिसे एक वक्त अमेरिका ने कोरोना वायरस के इलाज के लिए कारगर बताया था आज उसी को प्रतिबंधित कर दिया है। अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने अपने आदेश में कहा कि इस दवा के इस्तेमाल से मरीजों के ऊपर घातक दुष्प्रभाव देखने को मिल रहा है। वहीं, इस बात के सबूत भी मिल रहे हैं कि यह दवा कोरोना वायरस के रोगियों पर कोई भी सकारात्मक असर नहीं कर रही है।
दिल की बीमारी से जुड़ी रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए अमेरिकी खाद्य और औषधि प्रशासन ने कहा कि इस दवा के सेवन से लाभ की तुलना में रोगियों को खतरा अधिक है। इस दवा के इस्तेमाल से दिल संबंधिक बीमारियां, लो ब्लड प्रेशर और नर्वस सिस्टम को क्षति पहुंचने की संभावना है। ट्रंप ने कहा कि मुझे लगता है कि यह बहुत कारगर दवा है और यह आपको नुकसान नहीं पहुंचाती और संभवत: यह अच्छी होगी और मुझ पर इसका कोई खराब असर नहीं पड़ा। उन्होंने कहा कि मलेरिया के इलाज में काम आने वाली इस दवा पर दुनियाभर के चिकित्सकों ने अच्छी प्रतिक्रिया दी है।
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा को लेने के लिए हो रही आलोचना पर कहा था कि यह कोरोना वायरस के खिलाफ कारगर है। उन्होंने यह भी कहा था कि एक गलत स्टडी के जरिए लोगों को भड़काया जा रहा है। -
कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका ने बुधवार को अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट 2019 जारी की। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो की ओर से जारी इस रिपोर्ट को भारत पहले ही खारिज कर चुका है। रिपोर्ट आने के बाद अमेरिका ने भारत में धार्मिक स्वतंत्रता पर चिंता जताई है। साथ ही अल्पसंख्यकों को कोरोना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराने की सलाह दी है।
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता रिपोर्ट में दुनियाभर के देशों की धार्मिक स्वतंत्रता का जिक्र किया जाता है। इस पर इंटरनेशनल रिलीजियस फ्रीडम के एंबेस्डर सैमुअल ब्राउनबैक ने कहा कि भारत में प्रमुख रूप से चार धर्मों के लोग रहते हैं। अमेरिका हाल ही में भारत में हुई घटनाओं को लेकर चिंतित है। भारत का अपना एक गौरवशाली इतिहास रहा है, लेकिन अब वो यहां पर कई परेशानियां देख रहे हैं। उन्होंने भारत को इस मुद्दे पर काम करने की सलाह दी। ब्राउनबैक के मुताबिक भारत में अंतरधार्मिक संबंधों को लेकर बातचीत की जरूरत है। उन्होंने तबलीगी जमात का भी अपने बयान में जिक्र किया। उनके मुताबिक कोरोना फैलाने के लिए एक समुदाय को दोषी ठहराना उचित नहीं है। इसके बजाए उन्हें जरूरी स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।
आपको बता दें कि भारत ने पहले ही इस रिपोर्ट का खारिज कर दिया था। भारत सरकार ने उस वक्त अमेरिका को जवाब देते हुए कहा था कि सबसे बड़ा लोकतंत्र होने के साथ ही भारत धर्म निरपेक्ष देश है, जिस पर सभी को गर्व है। भारत ने उस दौरान धार्मिक स्वतंत्रता के बारे में पड़ताल के तरीकों पर भी सवाल उठाए थे। साथ ही कहा था कि भारत का संविधान लोगों को धार्मिक स्वतंत्रता की इजाजत देता है। -
नई दिल्ली: नॉर्थ कोरिया ने अपने प्रतिद्वंदी दक्षिण कोरिया के साथ सभी तरह के सैन्य और राजनीतिक संबंधों को खत्म करने का फैसला किया है. अधिकारियों ने एक समाचार एजेंसी को बताया कि नॉर्थ कोरिया ने दक्षिण कोरिया द्वारा सीमा पर पर्चे बांटने के बाद यह फैसला लिया है. बता दें कि 2018 के बाद से अंतर कोरियाई देशों के संबंधों में ठहराव देखने को मिला था. नॉर्थ कोरिया के किम जोंग उन (Kim Jong Un) और साउथ कोरिया के मून जे इन (Moon Je In) के बीच तीन शिखर वार्ता सम्मेलन भी हो चुके हैं.
रिपोर्ट के अनुसार पहले कदम के रूप में नॉर्थ कोरिया, कोरियाई देशों की संपर्क लाइन को काटने जा रही है. यह दोनों देशों की संपर्क लाइन के बीच काम करती थी साथ ही राष्ट्रपतियों के लिए तैयार की गई हॉट लाइन को भी खत्म कर दिया जाएगा. नॉर्थ कोरिया का कहना है कि उनके लोग दक्षिण कोरिया के विश्वासघाती रवैये से नाराज हैं. रिपोर्ट के अनुसार नॉर्थ कोरिया का मानना है कि दक्षिण कोरिया के अधिकारियों ने गैर-जिम्मेदाराना रूप से किम जोंग उन की गरिमा को चोट पहुंचाई है.
बता दें कि पिछले हफ्ते नॉर्थ कोरिया ने साउथ कोरिया को संबंध तोड़ने की धमकी भी दी थी. किम यो जोंग ने साउथ कोरिया को धमकी थी कि अगर वह अपने देश में नॉर्थ कोरिया के विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करेगा तो वह उनसे संबंध तोड़ लेंगे. -
वाशिंगटन : पिछले महीने अमेरिका के मिनियापोलिस शहर में अफ्रीकी-अमेरिकी शख्स जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस बर्बरता के चलते हुई मौत के बाद वहां जबरदस्त प्रदर्शन चल रहे हैं. अब इस प्रदर्शन का एक बड़ा असर हुआ है. अमेरिकी पुलिस व्यवस्था में नस्लभेद के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के बाद यह फैसला लिया गया है कि मिनियापोलिस पुलिस डिपार्टमेंट के पुराने सिस्टम को ध्वस्त करके इसे फिर से स्थापित किया जाएगा, नए सिरे से बदलाव किए जाएंगे. यानी कि लोगों की मांगों के अनुसार और लोगों की सुरक्षा और मदद को ध्यान में रखते हुए नए नियम-कानून बनाए जाएंगे.
मिनियापोलिस शहर के सिटी काउंसिलर्स यानी नगर पार्षदों ने कहा है कि वो शहर के पुलिस डिपार्टमेंट में चली आ रही व्यवस्था को पूरी तरह से हटाकर इसमें नए बदलाव करेंगे. पार्षद अध्यक्ष लीज़ा बेंडर ने CNN से कहा, 'हम पुलिसिया व्यवस्था में बदलाव करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हम हमारे समुदाय के साथ मिलकर पब्लिक सेफ्टी के लिए ऐसा सिस्टम बनाना चाहते हैं जिसमें लोगों को सच में सुरक्षा मिले और वो सुरक्षित महसूस करें.' बेंडर ने यह भी कहा कि उनकी कोशिश है कि पुलिस सिस्टम को जो फंडिंग दी जाती है, उसे कम्यूनिटी की बेहतरी के लिए इस्तेमाल किया जाए.
पार्षद एलॉन्ड्रा कानो ने एक ट्वीट कर बताया कि 'यह फैसला बहुमत में लिया गया है. इसमें सहमति जताई गई है कि पुलिस डिपार्टमेंट में सुधार की गुंजाइश नहीं है और हम मौजूदा व्यवस्था को खत्म करने जा रहे हैं.'
बता दें कि 25 मई को मिनियापोलिस में गिरफ्तारी के वक्त एक पुलिसकर्मी की ओर से फ्लॉयड के गले पर घुटना रखकर दबाव बनाने के बाद उसकी मौत हो गई थी. इस घटना का वीडियो भी सामने आया था. ऑटोप्सी रिपोर्ट में इसे हत्या करार दिए जाने के बाद इस पुलिसकर्मी पर आरोप तय किए गए हैं. इस घटना के बाद से ही पूरे अमेरिका में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई है. वहीं लूटपाट, आगजनी और दंगों की घटनाएं भी हुई हैं. -
एजेंसी
अमेरिका के बाद अब ब्राजील ने भी विश्व स्वास्थ्य सगंठन (WHO) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो ने डोनाल्ड ट्रंप के नक्शेकदम पर चलते हुए शुक्रवार को अपने देश को WHO से अलग करने की धमकी दी है।
बोल्सोनारो ने डब्ल्यूएचओ पर पक्षपात और राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा, ''अमेरिका ने डब्ल्यूएचओ से किनारा कर लिया और हम भी उस पर नजर बनाए हुए हैं। अब आने वाले समय में WHO या तो बिना किसी वैचारिक द्वेष के काम करे या हम उससे अलग हो जाएंगे।''
बोल्सोनारो ने स्पष्ट किया कि यह महज कोई संयोग नहीं है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के WHO को वित्तीय मदद रोकने के फैसले के कुछ ही दिन बाद WHO ने कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्लोरोक्वीन का परीक्षण रोकने के निर्णय को बदल दिया। ब्राजील में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 34,021 हो गई है जोकि पूरे विश्व में तीसरे स्थान पर है। देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ब्राजील में पिछले 24 घंटों में इससे 1437 लोगों की मौत हुई है। -
काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में मंगलवार को एक मस्जिद में हुए बम धमाके में मस्जिद के इमाम समेत दो लोगों की मौत हो गई जबकि दो लोग घायल हुए. अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक अरियान ने कहा कि वजीर अकबर खान मस्जिद को शाम करीब 7:25 बजे उस समय निशाना बनाया गया, जब लोग शाम की नमाज पढ़ने के लिए एकत्र हुए थे.उन्होंने बताया कि हमले में इमाम मुल्ला मोहम्मद अयाज नियाजी घायल हो गए थे. उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में उनकी मौत हो गई.
हमले की तत्काल किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन आईएस संगठन हाल के कुछ सप्ताह से काबुल में हमले कर रहा है और पूर्व में भी अफगानिस्तान की मस्जिदों में हमले करता रहा है. हालांकि, तालिबानी विद्रोही कभी मस्जिद पर हमला नहीं करते हैं. -
मीडिया रिपोर्ट
वॉशिंगटन: अमेरिका में जॉर्ज फ्लॉयड (George Floyd) की मौत के बाद इंसाफ के लिए अश्वेतों का प्रदर्शन जारी है. करीब 30 शहरों में हिंसक प्रदर्शन भी हुए. 'द न्यूयॉर्क टाइम्स' की खबर के अनुसार, शुक्रवार रात सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी वॉशिंगटन स्थित व्हाइट हाउस के बाहर जमा हो गए थे. प्रदर्शनकारियों के बाहर इकट्ठा होने की खबर मिलते ही व्हाइट हाउस के सुरक्षा अधिकारी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Donald Trump) को अंडरग्राउंड बंकर में ले गए थे. खबर के मुताबिक, ट्रम्प को वहां एक घंटे से भी कम समय तक रखा गया.
सीक्रेट सर्विस और यूनाइटेड स्टेट्स पार्क पुलिस के अफसरों ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका. प्रदर्शनकारियों के व्हाइट हाउस तक पहुंचने पर डोनाल्ड ट्रम्प और उनकी टीम के सदस्य भी हैरान थे. अभी यह साफ नहीं हो पाया है कि ट्रम्प के साथ उनकी पत्नी मेलानिया ट्रम्प और सलाहकार बैरन ट्रम्प भी बंकर में गए थे या नहीं. हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर बीते दिन वॉशिंगटन समेत अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. पुलिस कस्टडी में अश्वेत अफ्रीकन-अमेरिकन नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद वहां लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. 15 राज्यों में अब करीब 5000 नेशनल गार्ड्स ने मोर्चा संभाला हुआ है.
बता दें कि बीते सोमवार को एक रेस्टोरेंट के सिक्योरिटी गार्ड जॉर्ज फ्लॉयड को जालसाजी से जुड़े एक मामले में पुलिस ने पकड़ा था. घटना का एक वीडियो वायरल हुआ था. वीडियो में साफ दिख रहा है कि जॉर्ज ने गिरफ्तारी के समय किसी तरह का विरोध नहीं किया. पुलिस ने उसके हाथों में हथकड़ी पहनाई और जमीन पर लिटा दिया. जिसके बाद एक पुलिस अधिकारी ने उसकी गर्दन को घुटनों से दबा दिया. जॉर्ज कहता रहा कि वह सांस नहीं ले पा रहा है और कुछ ही देर में वह बेहोश हो गया. अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया. जॉर्ज की मौत से लोग आक्रोशित हो गए और रंगभेद की बात पर शहर में बवाल शुरू हो गया.
शहर की कई दुकानों में लूटपाट की खबरें हैं. पुलिस ने लोगों को काबू में करने के लिए आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया. गोली लगने से एक शख्स की मौत हुई है. पुलिस इस मामले की भी जांच कर रही है कि क्या किसी स्टोर के मालिक ने उस शख्स को गोली मारी है. व्हाइट हाउस ने इस मामले में बयान जारी करते हुए कहा था कि राष्ट्रपति ट्रम्प इस घटना से बेहद दुखी हैं और वह चाहते हैं कि जॉर्ज फ्लॉयड को इंसाफ मिले. -
वॉशिंगटन। कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका ने शुक्रवार को विश्व स्वास्थ्य संगठन/डब्ल्यूएचओ के साथ संबंध खत्म करने का ऐलान कर दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से हटने का ऐलान करते हुए महामारी को लेकर चीन पर हमला बोला। ट्रंप ने कहा कि यह संगठन अपने उद्देश्यों की पूर्ति करने और उनमें सुधार करने में नाकाम रहा है। उन्होंने संगठन पर चीन का कंट्रोल होने की बात कही। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन डब्ल्यूएचओ को एक साल में 40 मिलियन डॉलर देने के बावजबूद अपने नियंत्रण में रखता है जबकि अमेरिका एक साल में डब्ल्यूएचओ को करीब 450 मिलियन डॉलर का अनुदान देता है। डब्ल्यूएचओ से सुधार को लेकर जो सिफारिश की गई थी उसे लागू नहीं किया गया, इसलिए अमेरिका डब्ल्यूएचओ से अपना रिश्ता तोड़ रहा है।
चीन पर निशान साधते हुए राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि, वर्षों से चीन की सरकार हमारे औद्योगिक रहस्यों को चुराने के लिए जासूसी करता रहा है। आज मैं अपने राष्ट्र के महत्वपूर्ण विश्वविद्यालय अनुसंधान को बेहतर ढंग से सुरक्षित करने के लिए एक घोषणा जारी करूंगा। जो संभावित विदेशी जोखिमों को देखते हुए चीन के नागरिकों के प्रवेश को रोक देगा।
चीन ने हमारे संसाधनों पर एक तरह से हमला किया। ट्रंप ने कहा कि, चीन ने वुहान वायरस को दुनियाभर से छुपाया और इस बीमारी को पूरी दुनिया में फैलने दिया। जिससे एक वैश्विक महामारी पैदा हुई, जिसने 100000 से अधिक अमेरिकियों और दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ले ली। चीनी अधिकारियों ने डब्ल्यूएचओ के रिपोर्टिंग दायित्वों की अनदेखी की। ट्रंप ने हांगकांग के मुद्दे पर कहा कि, चीन ने एकतरफा रूप से हांककांग पर नियंत्रण किया जो नियमों के खिलाफ है। चीन का दावा है कि वह राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा कर रहा है लेकिन वह असल में हांगकांग की संप्रभुता के साथ खिलवाड़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि, हम चीन द्वारा निगरानी और दंड के बढ़ते खतरे को देखते हुए हांगकांग के लिए ट्रेवल एडवाइजरी को संशोधित करेंगे। -
AFP की रिपोर्टवॉशिंगटन: नासा के दो अंतरिक्ष यात्रियों के स्पेसएक्स रॉकेट प्रक्षेपण को अंतिम समय में टाल दिया गया. खराब मौसम की वजह से इसे टाला गया. अगर खराब मौसम साफ हो जाता, तो इसे 4:33 बजे (20:33 GMT) SpaceX रॉकेट, जिस पर नए क्रू ड्रैगन कैप्सूल होते हैं, कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39A से उड़ान भरता. इसी जगह से नील आर्मस्ट्रांग और उनका अपोलो चालक दल अपनी ऐतिहासिक यात्रा के लिए चंद्रमा पर रवाना हुए थे. इस मिशन के लॉन्च से 20 मिनट पहले इसे टालने पर लॉन्च डायरेक्टर माइक टेलर ने कहा, 'दुर्भाग्यवश आज हम लॉन्च नहीं कर रहे हैं.' अब शनिवार को एक बार फिर इस मिशन को लॉन्च किया जाएगा. अगर यह सफल होता है तो दुनिया में पहली बार होगा कि किसी प्राइवेट कंपनी ने इस तरह के लॉन्च को अंजाम दिया हो. यह कुछ ऐसा है जिसे सिर्फ रूस, अमेरिका और चीन ही अब तक कर पाए हैं.
बता दें कि स्पेसएक्स रॉकेट नासा के पायलट डग हर्ली और बॉब बेन्कन के साथ ड्रैगन कैप्सूल को लेकर बुधवार दोपहर को कैनेडी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से उड़ान भरने वाला था. यह पहला मौका है जब सरकार की बजाय कोई निजी कंपनी अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेज रही है. अंतरिक्ष रवानगी की पूर्व संध्या पर कैनेडी अंतरिक्ष केंद्र से नासा के डायरेक्टर जिम ब्रिडेन्सटाइन ने कहा कि अंतरिक्ष एजेंसी और स्पेसएक्स इस रवानगी से जुड़े सभी लोगों से कह चुके हैं कि जब भी कोई चिंता या परेशानी दिखे तो वह उसी क्षण उल्टी गिनती रोकने के लिए स्वतंत्र हैं.
ब्रिडेन्सटाइन ने कहा कि उन्होंने दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को सोमवार को संदेश भेजकर पूछा था, ‘‘अगर आप किसी भी कारणवश चाहते हैं कि मैं इसे रोक दूं तो आप बताएं, मैं इसे एक क्षण में रोक दूंगा.'' इस पर अंतरिक्षयात्रियों ने कहा, ‘‘हम इस यात्रा के लिए तैयार हैं.'' यह पहले से तय था कि किसी कारणवश अगर बुधवार को यह मिशन लॉन्च नहीं किया जा सकेगा तो इसे शनिवार को लॉन्च किया जाएगा. -
भाषा की खबर
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने सबसे खराब स्थिति की कल्पना करते हुए सेना को युद्ध की तैयारियां तेज करने का मंगलवार को आदेश दिया और उससे पूरी दृढ़ता से देश की सम्प्रभुता की रक्षा करने को कहा. देश की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के महासचिव और करीब 20 लाख सैनिकों वाली सेना के प्रमुख 66 वर्षीय शी ने यहां चल रहे संसद सत्र के दौरान पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के प्रतिनिधियों की पूर्ण बैठक में हिस्सा लेते हुए यह टिप्प्णी की.
सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, शी ने सेना को आदेश दिया कि वह सबसे खराब स्थिति की कल्पना करे, उसके बारे में सोचे और युद्ध के लिए अपनी तैयारियों और प्रशिक्षण को बढ़ाए, तमाम जटिल परिस्थितियों से तुरंत और प्रभावी तरीके से निपटे। साथ ही पूरी दृढ़ता के साथ राष्ट्रीय सम्प्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों की रक्षा करे. उनकी टिप्पणी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीन के बीच करीब 20 दिन से जारी गतिरोध की पृष्ठभूमि में आयी है.
हाल के दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में भारत और चीन की सेनाओं ने अपनी उपस्थिति काफी हद तक बढ़ाई है। यह दोनों देशों की सेनाओं के बीच दो अलग-अलग तनातनी के दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी तनाव बढ़ने और दोनों पक्षों के रुख में कठोरता आने का स्प्ष्ट संकेत देता है. करीब 3,500 किलोमीटर लंबी एलएसी दोनों देशों के बीच वस्तुत: सीमा का काम करती है. -
मीडिया रिपोर्ट
लद्दाख में चीन की ओर से भारतीय सीमा में भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती के बाद भारत ने भी करारा जवाब दिया है. भारतीय सेना ने लद्दाख में चीन सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी है. चीनी सैनिकों की घुसपैठ रोकने के लिए भारत ने लद्दाख के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी गश्त और निगरानी कड़ी कर दी है. चीन की ओर से दौलत बेग ओल्डी (DBO) और 114 ब्रिगेड के तहत निकटवर्ती इलाकों में 5000 सैनिकों की तैनाती की गई है. चीनी सैनिकों को किसी भी तरह से आगे बढ़ने से रोकने के लिए भारतीय सेना ने वायु सेना की मदद से सैनिकों को अग्रिम इलाकों में तैनात किया है.
सूत्रों ने कहा कि चीनी सैनिक भी बहुत आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं. वे पैंगोंग झील और फिंगर क्षेत्र में भारी वाहनों के साथ-साथ निर्माण के उपकरण भी ले आए हैं. गालवान क्षेत्र में भारत अपनी सीमा के गश्ती इलाकों को जोड़ने के लिए सड़क निर्माण कर रहा है. शुक्रवार को चीन ने इस निर्माण को लेकर आपत्ति जताई थी, जिसके बाद चीन ने इस इलाके में (800-900 सैनिकों की) बटालियन तैनात कर दी है, जिन्होंने वहां रहने के लिए लगभग 90 टेंट लगाए हैं.
चीन के सैनिकों के बराबर तैनाती और बराबरी का मुकाबला सुनिश्चित करने के लिए भारत ने सड़क मार्ग और हेलिकॉप्टरों की मदद से अग्रिम इलाके में और सैनिक भेजे हैं. भारत ने लद्दाख में गश्त और निगरानी बढ़ा दी है. साथ ही हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में उन सीमावर्ती क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ाई गई है जहां पिछले कुछ वर्षों में चीन ने अपनी उपस्थिति और अतिक्रमण बढ़ाया है. सिक्किम सेक्टर में भी तैनाती बढ़ा दी गई है और चीनी सेना द्वारा किसी भी संभावित घुसपैठ को रोकने के लिए सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है.