विशेष लेख- शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को खाद्यान वितरण के साथ कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए किया जा रहा है जागरूक
जिले के प्राथमिक एवं मिडिल के 100224 विद्यार्थी को किया गया लाभांवित
जशपुर: नोवल कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से जहाॅं पूरा देश एक तरफ लड़ रहा है। वही वायरस से बचाव के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा लोगो के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। कोरोना वायरस कोविड-19 के रोकथाम और नियंत्रण के लिए जारी लाॅकडाउन के चलते प्रदेश के शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला के स्कूली बच्चों के मध्यान्ह भोजन के तहत 40 दिनों का सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। जिसके अंतगर्त जशपुर जिले के समीपस्थ मैदानी एवं दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों मे भी स्कूली शिक्षकों, महिला स्वसहायता समूहों के माध्यम से घर-घर जाकर बच्चों के पालकों को राशन समाग्री का वितरण किया जा रहा है। उन्हंे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के संबंध में आवश्यक निर्देश साफ-सफाई, अपने हाथ को साबुन से बार-बार धोना, सोसल डिस्टेंसिंग एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी गाईड लाईन का पालन करने के लिए जानकारी दी जा रही है। साथ ही उनसे 14 अप्रैल तक लाॅकडाउन को सफल बनाने के लिए अनावश्यक घर से बाहर न निकलने की अपील की जा रही है ताकि वे घरों में सुरक्षित रहकर इस कोरोना महामारी से बचे रहें।

कलेक्टर श्री निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर के निर्देशन में लाॅकडाउन की स्थिति में 03 अप्रैल से जिले के सभी प्राथमिक व मिडिल स्कूल के छात्रों को मध्यान्ह भोजन की सूखा राशन का वितरण डोर-टू-डोर जाकर किया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य लाॅकडाउन की अवधि में नौनिहालों एवं स्कूली बच्चों के शारीरिक विकास में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले मिड-डे मिल उपलब्ध कराना है। खाद्यान वितरण के दौरान शिक्षकों द्वारा घर-घर जाकर सुरक्षित तरीके से सामाग्रियाॅ उपलब्ध कराने के साथ ही बच्चों एवं उनके परिवार के सदस्यों को कोरोना वायरस के बचाव के संबंध में अवगत कराया गया है।

श्री क्षीरसागर ने कहा कि राज्य शासन द्वारा तय की गई निर्धारित मात्रा और गुणवत्ता के अनुसार ही इसका वितरण किया जा रहा है। इसके वजन चावल एवं दाल की गुणवत्ता देखने के लिए रैण्डम जांच भी किया जा रहा है। जिला शिक्षा अधिकारी श्री एन. कूजूर एवं अन्य अधिकारी लगातार इसका मानिटरिंग कर रहे है। उन्होंने सभी विकासखंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा है। यह डोर-टू-डोर घर पहुॅच सुविधा तब तक जारी रहेगा जब तक हर बच्चे तक राशन न पहुॅच जाए। जिले के सभी प्राथमिक एवं मिडिल स्कूलों में राज्य शासन के निर्देशानुसार मध्यान्ह भोजन के तहत 40 दिनों का सूखा राशन दाल और चावल का वितरण किया जा रहा हैं। जिसके अंतगर्त 96 प्रतिशत से अधिक खाद्यान का वितरण किया जा चुका है। योजना के तहत प्राथमिक शाला के प्रत्येक बच्चे के पालकों को 4 किलोग्राम चावल तथा 800 ग्राम दाल एवं माध्यमिक विद्यालय के प्रत्येक बच्चे के पालकों को 6 किलोग्राम चावल व 1200 ग्राम दाल का वितरण किया जा रहा है। शिक्षकों द्वारा स्कूली बच्चों के पालकों को खाद्यान वितरण करने के दौरान भी सोसल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

जशपुर जिले के जिला शिक्षा अधिकारी श्री एन. कूजूर ने बताया कि जिले में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला की कुल संख्या 2268 में कुल बच्चो की दर्ज संख्या 104175 में से 100224 बच्चों के पालकों को सूखा राशन का वितरण किया जा चुका है। दुलदुला एवं बगीचा विकासखंड के स्कूलों के सभी बच्चों के पालकों को सूखा राशन वितरण का कार्य पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि जशपुर विकासखंड के प्राथमिक एवं मिडिल के कुल 252 स्कूलों में कुल बच्चों की दर्ज संख्या 11069 में से 9530 बच्चों के पालकों को सूखा राशन का वितरण किया जा चुका है। इसी प्रकार मनोरा विकासखंड के अंतगर्त 252 स्कूलों में कुल दर्ज संख्या 9248 में से 8778 बच्चों के पालकों को, फरसाबहार विकासखंड के 309 स्कूलों में कुल दर्ज संख्या 13345 में से 13094 बच्चों के पालकों को, कुनकुरी विकासखंड के 242 स्कूलों के कुल दर्ज संख्या 11718 में से 10676 बच्चों के पालको को, पत्थलगांव विकासखंड के 396 स्कूलों के कुल दर्ज संख्या 20640 में से 20103 बच्चों के पालकों को, कांसाबेल विकासखंड के 193 स्कूलों के कुल दर्ज संख्या 8248 में से 8126 बच्चों के पालकों को, दुलदुला विकासखंड के 155 स्कूलों में कुल दर्ज संख्या 5807 एवं बगीचा विकासखंड के 469 स्कूलों में कुल दर्ज संख्या के 24050 बच्चो के पालकों को निर्धारित मात्रा में सूखा राशन का वितरण किया गया। शेष 4 प्रतिशत बच्चों के पालकों को शीघ्र ही आने वाले दिनो में सूखा राशन का शत प्रतिशत वितरण का लक्ष्य रखा गया है।

Leave A Comment