जशपुर दूरस्थ अंचल क्षेत्र की आदिवासी स्व-सहायता समूह की महिलाएं लघुवनोपज का संग्रहण करके बन रही है आत्मनिर्भर
जशपुर जिले में अब तक 307 क्विंटल लघु वनोपज संग्रहण किया गया है और संग्राहकों को 5.47 लाख का भुगतान किया गया जा चुका है
समूह की महिलाओं ने छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनकी मेहनत का सही दाम उन्हें मिल रहा है
जशपुरनगर 17 अप्रैल 2020/ दूरस्थ अंचल आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र जिला जशपुर में निवासरत आदिवासी समुदाय वर्ग के ग्रामीणजन गर्मी के मौसम में वनोपज को संग्रहित करके आर्थिक उपार्जन का एक साधन वनोपज है। कोरोना वायरस कोविड-19 के संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन के दौरान शासन द्वारा अनुचित क्षेत्र में ग्रामीणजनों को कुछ नियमों के तहत् वनोजन संग्रहण करने के लिए छूट दी गई है। जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य वनधन योजना अंतर्गत 307.710 क्विंटल लघु वनोपज का क्रय किया जा चुका है। और संग्राहकों को 5 लाख 47 हजार रुपए का भुगतान शासन द्वारा किया जा चुका है। आदिवासी वर्ग के भाई-बहन, बंधुजन-ग्रामवासी वनसीमा क्षेत्र से ईमली, महुआ, फुल, चिरौंजी, खाद्य योग्य वनोपज हर्रा, बहेरा, औषधियोग्य वनोपज संग्रहण करके आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
दूरस्थ अंचल क्षेत्र में निवासरत आदिवासी वर्ग समुदाय की स्व-सहायता समुह की महिलाएं लघु वनोपज को संग्रहित करके आत्मनिर्भर बन रही है और अपने परिवार को आर्थिक मदद भी कर रही है। लघु वनोपज संग्रहण के कार्य में केराडीह की महिला स्वसहायता समूह, आस्ता के पायल स्व-सहायता समूह, जागरण महिला स्व-सहायता समूह, नाराणपुर के बरड़ाड समूह की महिलाएं, हाट-बाजार संग्रहण केन्द्र आस्ता के पायल समूह के द्वारा आज 10 क्विंटल धवाई फूल खरीदी कर आस्ता रेस्ट हाउस में भण्डारण किया गया है। स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और छत्तीसगढ़ शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि शासन के सार्थक प्रयास से आज उन्हें लघुवनोपज का सही दाम मिल रहा है और वे स्वावलंबन की डगर अग्रसर हो रही है।
वनमंडलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव ने बताया कि लघुवनोपज संग्रहण के दौरान स्व-सहायता समूह की महिलाओं और ग्रामीणजनों को कोरोना वायरस के बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। लघुवनोपज के संग्रहण के समय महिलाओं को एक-दूसरे से कम से कम तीन मीटर की दूरी बनाए रखने के लिए कहा जा रहा है। साथ साबून से नियमित हाथ धोने और मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित कियाग या है। लाॅकडाउन की स्थिति को देखते हुए वनविभाग द्वारा ग्राम स्तर पर ही संग्राहकों से वनोपज की खरीदी की जा रही है। उप वनमंडलाधिकारी श्री एस.गुप्ता ने बताया कि वनांचल के क्षेत्र की आदिवासी वर्ग समुदाय की महिलाओं से लघु वनोपज को खरीदा जाता है ताकि उनको उनकी मेहनता ाि सही दाम मिल सके।
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