फिजिकल डिस्टेंसिंग और सैनिटाइजेशन के साथ मनरेगा कार्य का ग्रामीणों में भारी उत्साह
- कहा मानसून पूर्व जम कर करेंगे काम और गांवों में बनाएंगे उपयोगी संरचनाएं
दुर्ग 17 अप्रैल 2020/ग्राम मुरमुंडा का सुबह सुबह का दृश्य, नाली गहरीकरण के लिए मनरेगा श्रमिक जुट गए हैं। सभी ने अपने मुंह को मास्क से ढंका है। रोजगार सहायक सभी से पूछते हैं। अब कौन सा जरूरी काम करना है। सभी ने कहा कि हाथों को धोना है। फिर सभी को सैनिटाइज किया गया। ग्रामीणों ने उत्साह से कहा कि देखो हम कोरोना से बचाव के उपाय भी कर रहे हैं और काम भी शुरू करा दिया है। मुरमुंडा की तरह ही अनेक ग्राम पंचायतों में उत्साह से मनरेगा का काम हो रहा है। नंदवाय में जहां भूमि सुधार कार्य हो रहा है। वहां भी ऐसा ही दृश्य है। नंदवाय के ग्रामीणों ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से उन्हें भुगतान तो होगा ही, गांव में भूमि सुधार का कार्य भी होगा। भूमि सुधार से भूमि की उत्पादकता बढ़ेगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बीते दिनों सभी अधिकारियों को ग्रामीण विकास की योजनाओं में तेजी लाने तथा अगले कुछ महीनों में मनरेगा सहित अन्य कार्यों को युद्धस्तर पर करने के निर्देश दिए थे। इसके अनुपालन में सभी ग्राम पंचायतों को निर्देशित किया गया है कि स्वीकृत कार्यों को अविलंब प्रारंभ करें, साथ ही नये कार्यों का चिन्हांकन करें। ग्राम मुरमंडा में काम में लगे ग्रामीणों ने कहा कि हमें संक्रमण से बचाने के लिए हाथ धोने की सुविधा प्रशासन दे रहा है। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने भी बीते दिनों बैठक लेकर मनरेगा के श्रमिकों की संख्या बढ़ाने तथा नये कार्यों के चिन्हांकन के निर्देश अधिकारियों को दिए थे। अभी 21 हजार से अधिक श्रमिक- अभी मनरेगा के 21561 श्रमिक जिले में काम कर रहे हैं। यह 207 ग्राम पंचायतों में 1136 कार्यों में लगे हुए हैं। ग्राम पंचायतों को नये कार्यों का चिन्हांकन करने कहा गया है। चिन्हांकित किए गए कार्यों में जलसंरक्षण से संबंधित कार्य सबसे अहम हैं। इसके साथ ही भूमि सुधार से संबंधित कार्य भी किया जा रहा है। जलसंरक्षण इसी संबंध में बनाई गई नरवा, गरुवा, घुरूवा, बाड़ी योजना के अहम हिस्से हैं।
मानसून से पहले डट कर करेंगे काम- ग्रामीणों ने कहा कि मनरेगा योजना सबसे महत्वपूर्ण है। इससे गांव में ही काम मिल जाता है। हमारे गांव में हर साल नये काम का सृजन होता है। गांव में जो डबरियां बनी हैं उनसे जलस्तर बढ़ा है। हम लोग ग्राम सभा में नये कार्यों के चिन्हांकन के संबंध में प्रस्ताव देते हैं। बड़ी खुशी की बात है कि यह बहुत जल्दी स्वीकृत भी हो जाता है।
पशु शेड, बकरी शेड जैसे कार्य भी हो रहे स्वीकृत- गांवों में पशु शेड, बकरी शेड जैसे कार्य भी स्वीकृत हो रहे हैं। एनजीजीबी योजना के माध्यम से पशुधन विकास की ओर जिस तेजी से काम हो रहा है उससे ग्रामीण जनों में पशुपालन के प्रति रूझान बढ़ा है। इस तरह के कार्यों से बड़ी आबादी को पशुपालन से जोड़ने में मदद मिलेगी। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने आज उन गांवों का विस्तृत दौरा भी किया जहां मनरेगा के काम आरंभ किए गए हैं।
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