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- वाशिंगटन : अमेरिका में राष्ट्रपति पद (US Presidential Election) के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन (Joe Biden) महत्वपूर्ण राज्यों जॉर्जिया और पेनसिल्वेनिया में रिपब्लिकन उम्मीदवार एवं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) से आगे चल रहे हैं. जीत के करीब नजर आ रहे डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन ने कहा कि हम इस दौड़ में जीतने जा रहे हैं. हम 300 से अधिक इलेक्टोरल कॉलेज वोट हासिल करने की राह पर हैं. बाइडेन ने शुक्रवार को कहा कि वह पद संभालते ही कोरोनावायरस महामारी से निपटने में बिना समय बर्बाद किए जुट जाएंगे.
बाइडेन ने अपने गृहनगर विलमिंगटन में शुक्रवार देर रात एक संबोधन में कहा, "मैं चाहता हूं कि कोरोनावायरस को काबू करने के लिए हम जो योजना पेश करने जा रहे हैं, सभी को पहले दिन से उसके बारे में पता हो." हम इस वायरस को नियंत्रित करने के लिए पहले ही दिन से अपनी योजना को अमल में लाने जा रहे हैं. बाइडेन ने भरोसा जताया कि वह राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हरा देंगे.
बाइडेन ने अपने संबोधन के दौरान, देश को एकजुट करने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा, "चीजों को ठीक करने के लिए यह देश के रूप में एक साथ आने का समय है."
बता दें कि व्हाइट हाउस की रेस जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को 538 ‘इलेक्टोरल कॉलेज वोट' में से 270 वोट हासिल करना जरूरी है. चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार कोविड-19 वैश्विक महामारी और गहरे राजनीतिक ध्रुवीकरण समेत कई चुनौतियों का सामना करना होगा. अमेरिका कोरोनावारस से सर्वाधिक प्रभावित देश है. अमेरिका में कोरोनावायरस संक्रमितों का आंकड़ा 96 लाख के पार पहुंच गया है. - अमेरिका की पल-पल की हलचल पर भारत की निगाहें टिकी हुई हैं. इंतजार इस बात का है कि अगर जो-बाइडेन ट्रंप को व्हाइट हाउस से बेदखल कर देते हैं तो उनकी इस जीत से भारत पर क्या असर पड़ेगा. सवाल उठता है कि अगर जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो क्या भारत अमेरिका के रिश्ते बदल जाएंगे? और चीन, पाकिस्तान, कश्मीर पर क्या राय रहेगी ? यकीनन ये वो सवाल हैं जिनका जवाब इस वक्त भारत सरकार भी तलाश रही होगी. क्योंकि इसी पर भारत अमेरिका के रिश्तों के आगे के रास्ते तय होंगे.
पाकिस्तान पर बाइडेन का कैसा रह सकता है रुख ?
डेमोक्रेटिक नीतियों के मुताबिक जो बाइडेन पाकिस्तान पर उतना सख्त रुख नहीं रखते हैं. हालांकि इससे पहले जब डेमोक्रेटिक के बराक ओबामा अमेरिका के राष्ट्रपति थे तब भी पीएम मोदी से उनकी काफी अच्छी दोस्ती थी. लेकिन 8 साल अमेरिका का राष्ट्रपति रहने के बावजूद ओबामा ने पाकिस्तान पर आर्थिक पाबंदियों का शिकंजा नहीं कसा. लेकिन गौर करने वाली बात यह भी है कि आतंकवाद के मुद्दे पर वो डेमोक्रेट्स ओबामा ही थे जिन्होंने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को ढेर किया था. ऐसे में देखने वाली बात होगी कि अगर जो बाइडेन अमेरिका के राष्ट्रपति बनते हैं तो उनका पाकिस्तान को लेकर अब किस प्रकार का रवैया रहेगा.
मोदी सरकार की कई नीतियों के साथ नहीं बाइडेन
जो बाइडेन मोदी सरकार की कई नीतियों पर सवाल उठा चुके हैं. सीएए और एनआरसी को लेकर भी बाइडेन उंगली उठा चुके हैं. वहीं अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा में रहने वाले भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर के मुद्दे को लेकर भी बाइडेन के रवैये को भारत के लिए बहुत उत्साहवर्धक नहीं कहा जा सकता है. इतना ही नहीं बाइडेन अनुच्छेद 370 खत्म करने को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं. हालांकि कश्मीर पर मध्यस्थता की बात पर पीएम मोदी ने ट्रंप को भी साफ शब्दों में कह दिया था - ये आंतरिक मामला है.
कारोबार को लेकर बाइडेन की भारत नीति
जहां तक कारोबार की बात है तो डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बाइडेन की नीति अमेरिका फर्स्ट की है. ऐसे में बाइडेन की नीतियों से भारत को फायदा कम ही होता नजर आ रहा है. हालांकि बाइडेन अपने बयान में अमेरिका और भारत के मिडिल क्लास को उठाने के लिए कारोबार पर जोर देने की बात कह चुके हैं. वहीं बता दें कि ट्रंप के एच-1 बी वीजा रद्द करने के फैसले का भी बाइडेन ने विरोध किया था. एच-1 बी वीजा रद्द होने से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को नुकसान हुआ है.
चीन के मुद्दे पर भारत के साथ बाइडेन
ट्रंप की तरह बाइडेन भी चीन के विरोध में हैं. सीमा पर आक्रामकता का विरोध करने वाले बाइडेन चीन के मामले को रणनीतिक तौर पर सुलझाने की वकालत करते रहे हैं. इस मामले में बाइडेन समय-समय पर भारत के समर्थन में बयान देते रहे हैं. हाल ही में जब ट्रंप ने भारत को गंदा कहा था तो बाइडेन ने ट्रंप को आड़े हाथों ले लिया था. बाइडेन ने कहा था कि, “ हम भारत से अपनी दोस्ती की कद्र करते हैं. आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ है. हम भारत के साथ मिलकर क्षेत्र में शांति स्थापित करना चाहते हैं जहां चीन या किसी और से अपने पड़ोसी को खतरा ना हो.”
भारत के लिए कैसा रहेगा बाइडेन का राष्ट्रपति बननायहां ये बताना जरूरी है कि जिस पार्टी से बाइडेन आते हैं उसी पार्टी यानी डेमोक्रेट के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन के दौर में ही 1998 में भारत पर पाबंदिया लगाई गयी थीं. उस दौरान भारत में एनडीए सरकार थी यह पाबंदी वाजपेयी सरकार का परमाणु परीक्षण का फैसला लेने की वजह से लगाई गई थी.ऐसे में बाइडेन के राष्ट्रपति बनने पर भारत के लिए कई मुद्दों पर उतार-चढ़ाव नजर आता है. कई मामलों में बाइडेन से भारत को लाभ मिलेगा तो कई मामलों पर बाइडेन की नीतियां भारत के लिए फायदेमंद साबित नहीं होगी
क्या कहना है एक्सपर्ट का
वहीं विदेश मामलों के जानकार संजीव श्रीवास्तव का कहना है कि, “राष्ट्रपति ट्रंप की नीति हमेशा अमेरिका फर्स्ट की रही है. ट्रंप अमेरिका के हितों को सुनिश्चित करने में ज्यादा रहे हैं.उन्हे राजनीति का भी ज्यादा अनुभव नहीं रहा. वे पहली बार राजनीति में आए और राष्ट्रपति बने. अगर बाइडेन राष्ट्रपति बनते हैं तो भारत और अमेरिका के संबंधों में गतिशीलता आ सकती है. भारत और अमेरिका के संबंध साझा मूल्यों पर, साझा चुनौतियों पर आधारित हैं. ये दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों के संबंध हैं और ये बाइडेन भी समझते हैं”. - माली में आतंकियों के ठिकाने पर फ्रांस ने हवाई हमले किए हैं जिसमें कई आतंकी मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस की इस कार्रवाई में अलकायदा के करीब 50 आतंकी मारे गए हैं. फ्रांस ने यह हमला सोमवार को किया.
माली में आतंकियों के ठिकाने पर फ्रांस ने हवाई हमले किए हैं जिसमें कई आतंकी मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस की इस कार्रवाई में अलकायदा के करीब 50 आतंकी मारे गए हैं. फ्रांस ने यह हमला सोमवार को किया.
अलकायदा के आतंकियों पर फ्रांस ने तगड़ा प्रहार किया है. माली में आतंकियों के ठिकाने पर फ्रांस ने हवाई हमले किए हैं जिसमें कई आतंकी मारे गए हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फ्रांस की इस कार्रवाई में अलकायदा के करीब 50 आतंकी मारे गए हैं. फ्रांस ने यह हमला सोमवार को किया. फ्रांस ने यह हमला मिराज फाइटर जेट और ड्रोन्स के जरिए किया.
फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने बताया कि इस हमले में आतंकवादियों की करीब 30 मोटर साइकिलें भी नष्ट हो गईं. फ्रांसीसी वायुसेना ने जिस इलाके में हमला किया वो इस्लामिक आतंकियों के कब्जे में था. हमले के दौरान बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए गए हैं.
हमला करने से पहले ड्रोन के जरिए पूरे हालात की जानकारी ली गई. आतंकी बड़ी संख्या में मोटरसाइकिलों पर सवार होकर तीन देशों की सीमाओं पर थे. ड्रोन से बचने के लिए आतंकियों ने पेड़ का सहारा भी लिया. यह जानकारी पुख्ता होने के बाद फ्रांस ने अपने दो मिराज फाइटर जेट भेजे और आतंकियों पर मिसाइल से हमला किया.
सेना के प्रवक्ता ने बताया कि चार आतंकियों को गिरफ्तार भी किया गया है. सेना के प्रवक्ता के मुताबिक अलकादा आतंकियों का यह ग्रुप सेना एक अड्डे पर हमले की तैयारी कर रहा था. उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और आत्मघाती हमले में इस्तेमाल होने वाली जैकेट भी बरामद की गई है.
हाल ही में फ्रांस से झेले हैं कई हमले, मैंक्रो बोले- हम झुकेंगे नहींपैगम्बर मुहम्मद पर कार्टून को लेकर फ्रांस में हाल में हिंसा की कई घटनाएं देखने को मिली हैं. 16 अक्टूबर को, मिडिल स्कूल के शिक्षक, सैमुअल पैटी को 18 वर्षीय मुस्लिम अप्रवासी, अब्दुल्लाख अंजोरोव ने पेरिस के पास एक स्कूल के अंदर मार दिया था.
इसके बाद फिर 29 अक्टूबर को, ट्यूनीशियाई व्यक्ति 21 वर्षीय ब्राहिम औइसाओई ने नीस शहर में नोट्रेडेम बेसिलिका के अंदर तीन लोगों की हत्या कर दी. तीन दिन बाद, ल्योन शहर में एक चर्च के बाहर गोलीबारी में एक ग्रीक ऑर्थोडॉक्स पुजारी गंभीर रूप से घायल हो गया. वियना में हुए हमले को भी फ्रांस में हुए आतंकी हमले से जोड़कर देखा जा रहा है.
वियना में हुए आतंकी हमले पर सहानुभूति जताते हुए मैंक्रो ने कहा, ''फ्रांस के बाद, हमारे एक मित्र देश पर हमला हुआ है, ये हमारा यूरोप है, हमारे दुश्मनों को पता होना चाहिए कि वे किससे लड़ रहे हैं, हम झुकेंगे नहीं.'' -
एजेंसी
काबुल : अफगानिस्तान के काबुल विश्वविद्यालय में गोलीबारी होने की खबर आ रही है। अधिकारियों के मुताबिक पुलिस ने इस विशाल परिसर को घेर लिया है। फिलहाल किसी के घायल होने की तत्काल कोई जानकारी नहीं नहीं है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक आरियान ने बताया कि गोलीबारी जारी है।
किसी भी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है। पिछले ही महीने इस्लामिक स्टेट ने राजधानी के शिया बहुल दश्त-ए-बार्ची के एक शिक्षण केंद्र में एक आत्मघाती बम हमलावर भेजा था जिसके हमले में 24 विद्यार्थियों की मौत हो गयी थी।
बता दें कि पिछले साल इसी विश्वविद्यालय के गेट पर बम विस्फोट में आठ लोगों की जान चली गयी थी। वर्ष 2016 में बंदूकधारियों ने काबुल में अमेरिकी विश्वविद्यालय पर हमला किया था जिसमें 13 लोगों को मारे गए थे।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अफगानिस्तान के चारों प्रांतों (काबुल, गजनी, खोस्त और ज़ाबुल) में 23-27 अक्टूबर के बीच विस्फोटों और हमलों में कम से कम 58 नागरिकों की मौत हुई। इस दौरान लगभग 143 से अधिक लोग घायल भी हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि तालिबान के हमलों में मारे गए नागरिकों की संख्या में 2020 के पहले नौ महीनों में छह प्रतिशत बढ़ी है। - इस्तांबुल : एजियन सागर में शुक्रवार को जोरदार भूकंप आया। इसके झटकों से तुर्की से ग्रीस तक की धरती कांप उठी। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 7.0 मापी गई। तुर्की में इमारतें गिरने से 12 लोगों की मौत हो गई।भूकंप के चलते घबराहट में लोग सड़कों पर निकल पड़े और इधर-उधर भागने लगे। इस्तांबुल और ग्रीक के समोस द्वीप में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। दोनों देशों में समुद्र में ऊंची लहरें उठने लगीं और तुर्की के इजमिर शहर के कई इलाकों में पानी भर गया।
तुर्की की सरकारी मीडिया ने आपदा और आपातकालीन प्रबंधन के अधिकारियों के हवाले से बताया कि 12 लोगों की मौत हो गई और 419 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि कई जिलों में इमारतें गिरने और मलबे में लोगों के दबे होने की रिपोर्टें आ रही हैं। कई अन्य क्षेत्रों में भी संपत्तियों को आंशिक नुकसान की खबरें हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव का कार्य जारी है। समोस द्वीप में दीवार गिरने से दो किशोरों की मौत हो गई।
इजमिर के मेयर टंक सोयर ने बताया, 'शहर में लगभग 20 इमारतों के गिरने की खबर है। इजमिर के गवर्नर ने बताया कि 70 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया। मेडिकल के छात्र इल्के साइड भूकंप के समय इजमिर के गुजेलबेक इलाके में थे। उन्होंने कहा कि मुझे भूकंप का बहुत अनुभव है। इसलिए शुरू में मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन, इस बार यह डरावना था। उन्होंने कहा कि कम-से-कम 25-30 सेकंड तक झटके आते रहे।'
इजमिर के मेयर टंक सोयर ने बताया कि राज्य में लगभग 20 इमारतों के गिरने की खबर है। इजमिर के गवर्नर ने बताया कि 70 लोगों को मलबे से सुरक्षित निकाला गया। मेडिकल के छात्र इल्के साइड भूकंप के समय इजमिर के गुजेलबेक इलाके में थे। उन्होंने कहा कि मुझे भूकंप का बहुत अनुभव है। इसलिए शुरू में मैंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन, इस बार यह डरावना था। उन्होंने कहा कि कम-से-कम 25-30 सेकेंड तक झटके आते रहे।
भूकंप के बाद शुरुआती घंटों में अफरातफरा मच गई। लोग दहशत के चलते घरों और मीनारों से बाहर निकल आए हैं। दोनों ही देशों के प्रशासन पूरी तरह से सतर्कता और बचाव कार्य पर लगे हुए हैं। यूनान की मीडिया के अनुसार, भूकंप के दौरान सामोस और अन्य प्रायद्वीपों के निवासी अपने-अपने घरों से बाहर निकलकर भागे। इसके अलावा कई जगहों पर चट्टान गिरने की खबर भी मिली है। -
मॉस्को : रूस में कोरोना की वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल रोक दिया गया है। टीके की ज्यादा मांग और डोज की कमी नए वालंटियर्स में कोरोना वैक्सीन के ट्रायल पर अचानक रोक लगा दी गई है। गुरुवार को अध्ययन चलाने वाले फर्म के एक प्रतिनिधि ने बताया कि मॉस्को की महत्वाकांक्षी कोरोना वैक्सीन योजना पर रोक लगाना एक झटका है।
बता दें कि रूस में कोरोना की वैक्सीन स्पुतनिक वी(Sputnik V) का 85% लोगों पर कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया। इस वैक्सीन को तैयार करने वाली गामलेया रिसर्च सेंटर के हेड अलेग्जेंडर गिंट्सबर्ग ने सोमवार को इस बारे में जानकारी दी है। अलेग्जेंडर ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट 15% लोगों पर देखे गए।' Sputnik V के तीसरे चरण के ट्रायल चल रहे हैं।
भारत में रूस की कोरोनो वैक्सीन का ट्रायल मार्च के महीने तक खत्म हो सकता है। रूसी वैक्सीन का भारत में ट्रायल कर रही हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी ने कहा है कि रूसी वैक्सीन के तीसरे चरण का मानव परीक्षण मार्च तक पूरा होने की उम्मीद है।
फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ईरेज़ इजरायल ने कहा कि स्पुतनिक-वी वैक्सीन के मध्य चरण के परीक्षण के लिए रजिस्ट्रेशन अगले कुछ हफ्तों में शुरू होगा और दिसंबर तक इस परीक्षण के समाप्त होने की संभावना है।भारत की फार्मा कंपनी से मिलाया हाथ
रूस ने अपने यहां तैयार स्पूतनिक-वी वैक्सीन के फेज थ्री के ट्रायल के लिए भारत में फार्मा कंपनी डॉक्टर रेड्डी लैब्स से हाथ मिलाया है। वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआइ) ने अनुमति दे दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) से भी सहमति मिल चुकी है। अब देश भर के 12 सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में एक साथ वैक्सीन का ट्रायल शुरू होगा। इसमें जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत पांच सरकारी, जबकि छह निजी संस्थान हैं। -
एजेंसी
ढांका/पेरिस : पैगंबर मोहम्मद साहब के कार्टून के विरोध में फ्रांस के खिलाफ मुस्लिम देशों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। दुनिया के कई मुल्कों में मुस्लिम समुदाय फ्रांसीसी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान कर रहा है। सबसे ज्यादा आपत्ति फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के इस्लाम पर दिए गए विवादित बयान को लेकर है। मैक्रों ने कहा था कि कि इस्लाम संकट में है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका में मंगलवार को लगभग 10,000 लोगों ने पैगंबर के कार्टून के विरोध में जुलूस निकाला। लोगों ने फ्रांसीसी वस्तुओं के बहिष्कार की गुजारिश की...
उधर, पाकिस्तान ने पैंगंबर के कार्टून के प्रकाशन और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान पर तीखा विरोध जताया। पाकिस्तान ने सोमवार को फ्रांसीसी राजदूत मार्क बरेती को तलब कर कड़ी नाराजगी जताई। यही नहीं पाकिस्तान की संसद ने सरकार से पेरिस से अपना दूत वापस बुलाने तक की मांग कर डाली। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस तरह के गैरकानूनी और इस्लाम विरोधी कृत्य पाकिस्तान समेत पूरी दुनिया भर में मुस्लिम समाज की भावनाओं को आहत करते हैं। ऐसे कदमों को जायज नहीं ठहराया जा सकता है।
आलम यह है कि कुवैत में तमाम स्टोरों से फ्रांसीसी वस्तुओं को हटा लिया गया है। यहां तक कि कतर विश्वविद्यालय ने फ्रांसीसी सांस्कृतिक सप्ताह को ही रद कर दिया है। सऊदी अरब एवं संयुक्त अरब अमीरात में लोगों से कैरेफोर ग्रोसरी स्टोर चेन से दूर रहने की गुजारिश की गई है। इन बहिष्कारों का कोई बड़ा असर तो नहीं देखा जा रहा है लेकिन इस तरह के विरोन ने दुनियाभर में एक माहौल तो बना ही दिया है। बीते दिनों तुर्की, बांग्लादेश और गाजा पट्टी में विरोध प्रदर्शनों का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब पेरिस के पास 16 अक्टूबर को फ्रांस में किसी क्लास में पैगंबर का कार्टून दिखाने पर एक फ्रांसीसी शिक्षक की किसी कट्टरपंथी ने सिर काटकर हत्या कर दी थी। इस घटना को लेकर फ्रांस के लोगों में भारी आक्रोश था। नतीजतन फ्रांस के एक शहर की इमारत पर पैगंबर का कार्टून प्रदर्शित कर दिया गया।यही नहीं फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कह दिया कि वह इस्लामी कट्टरपंथी विचारधारा को रोकने के लिए दोगुनी कोशिश करेंगे। इसके बाद शुरुआत तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने की और देशवासियों से फ्रांसीसी सामान नहीं खरीदने अपील की।
एर्दोगान ने कहा कि इमैनुअल मैक्रों के मानसिक जांच की जरूरत है। इसके बाद तो दुनियाभर में एक के बाद एक बयानबाजियों का दौर शुरु हो गया। मलेशिया ने कहा है कि वह मुस्लिमों के प्रति बढ़ती आक्रामकता से चिंतित है। ढाका में एक इस्लामिक समूह के बैनर तले लगभग 10 हजार लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी बैनर और तख्तियां लिए हुए थे और फ्रांस का बहिष्कार करो और दुनिया के सभी मुसलमानों एकजुट हो जाओ जैसे नारों के साथ लोगों ने आवाज बुलंद की। यही नहीं प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की तस्वीर भी लाए थे... - पेशावर : उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के पेशावर शहर में एक मदरसे में मंगलवार को एक शक्तिशाली बम विस्फोट हुआ. इस विस्फोट में कम-से-कम सात बच्चों की मौत हो गयी, जबकि 70 से अधिक अन्य घायल हो गये. पेशावर शहर के पुलिस अधीक्षक वकार अजीम ने कहा कि पेशावर शहर की दीर कॉलोनी में स्थित मदरसे में फज्र (सुबह) की नमाज के बाद विस्फोट हुआ. किसी अज्ञात व्यक्ति ने विस्फोटक सामग्री से भरा बैग मदरसे की दीवार के पास रख था. विस्फोट में सात बच्चे मारे गए और 70 से अधिक अन्य घायल हो गये.
उन्होंने बताया कि माना जाता है कि बच्चे जब मदरसे में आ रहे थे, तब विस्फोट हुआ. आतंवाद निरोधक विभाग (सीटीडी) के एक अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में 4 से 5 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया. अधिकारी ने बताया कि मरनेवालों में ज्यादातर बच्चे 7-11 साल की उम्र के थे. इनमें से कई अफगानिस्तान के थे. अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की कि उन्हें विस्फोट में मारे गये सात बच्चों के शव मिले हैं और 70 लोग घायल हुए हैं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हमले की निंदा की और घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की. उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ''पेशावर में मदरसा पर हुए आतंकवादी हमले से बहुत दुखी हूं. मेरी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की दुआ करता हूं. मैं अपने देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम इस कायरतापूर्ण बर्बर हमले के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों को सख्त सजा मिलेगी.''
खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस प्रमुख सनाउल्ला अब्बासी ने मरने वालों की संख्या की पुष्टि की है. पुलिस के अनुसार, जब बम विस्फोट हुआ, तब लगभग 40-50 बच्चे मदरसे के भीतर मौजूद थे. मदरसा प्रशासन ने कहा कि संस्था में लगभग 1,100 छात्र पढ़ते हैं. खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने बच्चों पर हमले की निंदा की. मुख्यमंत्री के सूचना सलाहकार कामरान बंगश ने कहा कि विस्फोट की पूरी तरह जांच की जायेगी और अपराधियों को सजा दी जायेगी. उन्होंने कहा, ''जो लोग आतंक फैलाते हैं, वे अपने मकसद में कभी कामयाब नहीं होंगे.''
उन्होंने कहा कि हमले में कम-से-कम 72 बच्चे घायल हुए हैं. इलाके की घेराबंदी कर दी गयी है और पुलिस की टीमें सबूत इकट्ठा कर रही हैं. किसी भी समूह ने अभी तक हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. खैबर पख्तूनख्वा स्वास्थ्य मंत्री तैमूर सलीम झागरा ने घटनास्थल का दौरा किया. पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि घायल लोगों को जल्द ठीक करने के लिए हरसंभव उपचार प्रदान किया जा रहा है. पीएमएल-एन की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने इसे "दिल दहला देनेवाली" घटना करार दिया. - मिडिया रिपोर्ट
अफगानिस्तान : अफगानिस्तान में घोर प्रांत के फिरोजको शहर में शुक्रवार को सड़क के किनारे हुए बम धमाके में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
टोलो न्यूज के मुताबिक, इस बात की जानकारी आंतरिक मामलों के मंत्रालय के प्रवक्ता तारिक एरियन ने दी। -
व्हाइट हाउस के एक डॉक्टर ने कहा, "ट्रंप और उनकी पत्नी व्हाइट के अंदर ही क्वॉरंटीन रहेंगे." ट्रंप ऐसे समय में कोरोना संक्रमित पाए गए है जब उनका चुनाव प्रचार जोर-शोर चल रहा है
वाशिंगटन : अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) कोरोना (COVID-19) पॉजिटिव पाए गए हैं. राष्ट्रपति ट्रंप ने शुक्रवार को कहा कि वह और फर्स्ट लेडी मेलानिया (Melania Trump) कोरोना संक्रमित पाए गए है. ट्रंप ने ट्वीट करके यह जानकारी दी. ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, "आज रात मेरी और मेलानिया की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. हम अपनी क्वॉरन्टीन और रिकवरी प्रक्रिया जल्द शुरू करेंगे."
व्हाइट हाउस के एक डॉक्टर ने कहा, "ट्रंप और उनकी पत्नी व्हाइट के अंदर ही क्वॉरंटीन रहेंगे." ट्रंप ऐसे समय में कोरोना संक्रमित पाए गए है जब उनका चुनाव प्रचार जोर-शोर चल रहा है. दोबारा राष्ट्रपति बनने की दौड़ में शामिल ट्रंप और उनके प्रतिद्वंद्वी डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन के बीच हाल ही में पहली बहस हुई थी.
करीबी सलाहकार होप हिक्स के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद राष्ट्रपति के भी कोरोना पॉजिटिव होने का अंदेशा जताया जा रहा था. होप के पॉजिटिव आने के बाद ट्रम्प दंपति ने गुरुवार देर रात टेस्ट करवाया था. ट्रम्प ने गुरुवार की देर रात कहा कि वह क्वारंटीन में जाएंगे क्योंकि उनकी एक सलाहकार पॉजिटिव पाई गई हैं.
होप इन दिनों ट्रम्प के चुनाव अभियान में अहम भूमिका निभा रही थीं. पिछले कुछ हफ़्तों से होप राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ उनके विमान एयरफोर्स वन में भी सफर कर रहीं थीं. इसलिए ट्रंप और मेलेनिया ने कोविड टेस्ट रिजल्ट आने से पहले खुद को क्वारंटीन कर लिया था. - मीडिया रिपोर्ट
यूक्रेन : यूक्रेन में बड़ा विमान हादसा हुआ है। रायटर्स के मुताबिक, 28 लोगों को लेकर जा रहा यूक्रेन वायुसेना का एक विमान शुक्रवार शाम में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसा इतना भयानक था कि 22 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। बाकी लापता हैं।
हादसे की जानकारी यूक्रेन के मंत्री ने दी। उन्होंने बताया कि विमान में ज्यादातर छात्र सवार थे साथ ही इसमें 7 क्रू मेंबर भी थे। हादसे की वजह पता लगाने की कोशिश की जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि वह जल्द ही वह घटनास्थल पर जाएंगे। - एजेंसी
अमेरिका : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को साल 2021 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया गया है। उन्हें UAE- इजरायल के बीच शांति समझौता कराने के लिए नॉमिनेट किया गया। नॉर्वे संसद के क्रिश्चियन ताइब्रिंग ने अमेरिकी राष्ट्रपति को नामित किया।
ताइब्रिंग नॉर्वे की संसद के चार बार से सदस्य हैं और नाटो की संसदीय असेंबली का हिस्सा हैं। उन्होंने यूएई और इजरायल के बीच बेहतर संबंधों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए ट्रंप को श्रेय दिया।
उन्होंने फॉक्स न्यूज से कहा, 'नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किए गए अन्य लोगों से ज्यादा ट्रंप ने देशों के बीच शांति स्थापित करने की कोशिशें की हैं।' ताइब्रिंग ने ट्रंप की मिडिल ईस्ट से बड़ी संख्या में सैनिकों को वापस बुलाने के लिए भी प्रशंसा की।
ट्रंप के लिए नॉमिनेशन पत्र में ताइब्रिंग ने लिखा, 'जैसी कि उम्मीद है कि अन्य मध्य पूर्वी देश संयुक्त अरब अमीरात के नक्शेकदम पर चलेंगे, यह समझौता एक गेम चेंजर हो सकता है जो मध्य पूर्व को सहयोग और समृद्धि के क्षेत्र में बदल देगा।'
गौरतलब है कि अगस्त में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और इजरायल ने दशकों पुरानी दुश्मनी भुलाकर एक ऐतिहासिक समझौता किया था। इस समझौते में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भूमिका निभाई थी। समझौते के तहत, इजरायल ने फिलिस्तीन के वेस्ट बैंक इलाके में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार हो गया था। वहीं, यूएई, इजरायल से पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने को राजी हो गया। ऐसा करने वाला वह पहला खाड़ी देश बन गया था। - बांग्लादेश : ढाका बांग्लादेश की राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित एक मस्जिद में लगे छह एयरकंडीशन के फटने से एक बच्चे सहित 12 नमाजियों की मौत हो गई। यह घटना शुक्रवार को ईशा की नमाज के दौरान हुई।
ढाका मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल बर्न यूनिट (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी) से जुड़े डॉ. सामंथा लाल सेन ने कहा कि शनिवार को 11 नमाजियों की इलाज के दौरान मौत हुई है जबकि शुक्रवार को बुरी तरह घायल एक बच्चे ने दम तोड़ा था।
हादसे में बुरी तरह घायल 25 अन्य लोगों का इलाज चल रहा है। ये सभी 90 फीसद से अधिक जले हैं। ढाका ट्रिब्यून ने नारायणगंज फायर सर्विस के डिप्टी असिस्टेंट डायरेक्टर अब्दुल्ला अल आरफिन के हवाले से कहा है कि मस्जिद के नीचे से टाइटस गैस की पाइपलाइन गुजरती है। पाइपलाइन से गैस लीक हुई और खिड़कियां बंद होने के चलते मस्जिद में भर गई। विस्फोट उस समय हुआ जब किसी ने एसी या पंखा खोलने या बंद करने की कोशिश की। माना जा रहा है कि ऐसा करने के दौरान हुए स्पार्क से गैस ने आग पकड़ी और जोरदार विस्फोट हुआ। - न्यूयार्कः उत्तरी कैलिफोर्निया के वनों में लगी आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है और शुक्रवार को यह बड़े क्षेत्र में फैल गई। वन में लगी यह आग राज्य के इतिहास में दावानल की सबसे बड़ी घटनाओं में शामिल है। इससे लगभग डेढ़ लाख लोग अपने घरों को छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं।
हैलीकॉप्टरों और हवाई टैंकरों से 12,000 से अधिक अग्निशामक पूरे कैलिफोर्निया में जंगल की आग को बुझाने का काम कर रहे हैं। यहां 780 वर्ग मील (2,020 वर्ग किलोमीटर) इलाका आग की चपेट में आ गया है।
इससे 500 से अधिक संरचनाएं नष्ट हो गई हैं और पांच लोगों की मौत हो गई है। क्षेत्र के 1,40,000 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। दमकल विभाग के प्रमुख बेन निकोल्स ने कहा, ‘‘एलएनयू परिसर में आग बुझाने के काम में लगे कर्मचारियों की संख्या बढ़ाकर एक हजार से ज्यादा की गई है।'' -
वाशिंगटन : अमेरिकी सरकार ने H-1B वीजा के लिए कुछ नियमों में ढील दी है. ताकि वीजा धारकों को संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of america) में प्रवेश करने की अनुमति दी जा सके. लेकिन यह छूट उन्हें ही मिल रही है जो उन्हीं नौकरियों में वापस आ रहे हैं जिसमें वीजा प्रतिबंध की घोषणा से पहले थे.अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सलाहकार ने कहा कि आश्रितों (जीवनसाथी और बच्चों) को भी प्राथमिक वीजा धारकों के साथ यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी. विभागीय सलाहकार ने कहा कि एक ही नियोक्ता और अपने पुराने ही रोजगार को फिर से शुरु करने वालों को आने की इजाजत दी जाती है.
वरिष्ठ-स्तर के प्रबंधकों और अन्य श्रमिकों को भी यात्रा की अनुमति दी है, जो एच -1 बी वीजा रखते हैं और जिनकी यात्रा संयुक्त राज्य अमेरिका की तत्काल और निरंतर आर्थिक हालात को सुविधाजनक बनाने के लिए आवश्यक है. साथ ही बताते चले कि अमेरिकी सरकार ने छूट उन लोगों को दी है जो कोविड-19 महामारी के प्रभावों को कम करने के लिए, या पर्याप्त सार्वजनिक स्वास्थ्य लाभ वाले क्षेत्र में चल रहे चिकित्सा अनुसंधान का संचालन करने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर, या शोधकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कुछ ही दिनों पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रोजगार आधारित कई अमेरिकी वीज़ा प्रोग्राम पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी. कोरोनावायरस से फैली कोविड-19 महामारी के बीच उनके इस फैसले से अमेरिका में नौकरी करने की आशा रखने वाले हजारों लोगों की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा था. -
मॉस्को : रूस ने कोविड-19 महामारी से निजात पाने के लिए वैक्सीन विकसित करने में सफलता पा ली है। मंगलवार को राष्ट्रपति ब्लादीमिर पुतिन ने इस बात की पुष्टि की। राष्ट्रपति ने बताया कि इस वैक्सीन की पहली डोज जिन्हें दी गई है उनमें उनकी बेटी भी शामिल है। बता दें कि कोरोना वायरस वैक्सीन को देश में विकसित कर लिया गया है साथ ही इस्तेमाल के लिए रजिस्टर्ड भी हो गया।
राष्ट्रपति की बेटी ने लिया वैक्सीन
राष्ट्रपति पुतिन ने बताया कि उनकी एक बेटी ने इस वैक्सीन का डोज भी लिया है। मंगलवार को एक मीटिंग में उन्होंने यह जानकारी दी। राष्ट्रपति ने बताया कि परीक्षणों में यह वैक्सीन प्रभावी साबित हुई है और यह कोरोना वायरस से इम्युनिटी विकसित करने में कारगर है। राष्ट्रपति पुतिन ने इस बात पर जोर दिया कि वैक्सीन के लिए कई आवश्यक परीक्षण किए गए। उन्होंने आगे यह भी बताया उनकी दो बेटियों में से एक ने इस वैक्सीन का डोज लिया और उसे कोई साइड इफेक्ट नहीं है वह बिल्कुल ठीक है।
पहले फ्रंटलाइन वर्करों को लगेगी वैक्सीन
रूसी अधिकारियों ने बताया कि मेडिकल वर्करों, शिक्षकों समेत उन लोगों को सबसे पहले वैक्सीन लगाई जाएगी जिनपर संक्रमण का खतरा अधिक है। वैक्सीन विकसित करने के क्रम में ही मॉस्को स्थित गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने कहा था कि वैक्सीन का प्रोडक्शन हो जाने के बाद सबसे पहला टीका फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को दी जाएगी। वैज्ञानिकों ने कहा कि फ्रंटलाइन हेल्थ वर्करों को दिया जाना अधिक जरूरी है क्योंकि उन्हें आगे भी संक्रमितों के बीच रहना है। इसके साथ ही रूस ने सितंबर में इस वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन की बात कही है। उल्लेखनीय है कि यह दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन है जिसे रेगुलेटरी अप्रूवल मिला है।
रूस ने किया था 12 अगस्त तक वैक्सीन लाने का दावा
दुनिया की निगाहें पहले वैक्सीन के लिए रूस पर ही टिकी थी। आखिरकार रूस अपने दावे पर खरा उतरा और दुनिया में घातक नॉवेल कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन को रजिस्टर कराने में सफल रहा। दरअसल रूस ने दावा किया था कि वह 12 अगस्त को कोरोना वायरस की वैक्सीन को रजिस्टर करवाने जा रहा है। बीती 7 अगस्त को रूस के उप स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रूस, 12 अगस्त को अपनी पहली कोरोना वैक्सीन को रजिस्टर करवाएगा। रूस की गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट(Gamalaya Research Institute) और रक्षा मंत्रालय ने साथ मिलकर इस कोरोना वैक्सीन को विकसित किया है।
इन देशों में भी जारी है वैक्सीन का ट्रायल
फिलहाल दुनिया के कई देशों में वैक्सीन का ह्यूमन ट्रायल जारी है। भारत समेत ब्रिटेन, अमेरिका और चीन इस वैक्सीन के ट्रायल में जुटे हैं। ब्रिटेन की ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से सबसे अधिक उम्मीदें हैं। इसके बाद अमेरिका की मॉडर्ना और चीन की दो वैक्सीन से भी दुनिया भर को उम्मीद है। भारत में बायोटेक और जाइडस कैडिला की कोरोनो वैक्सीन के लिए ह्यूमन ट्रायल जारी है।
रूस में 10 लाख से कम हैं संक्रमण के मामले
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (Johns Hopkins University) द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, मंगलवार सुबह तक दुनिया भर में संक्रमितों का कुल आंकड़ा 2 करोड़ 11 हजार 1 सौ 86 ( 20,011,186) हो गया और मरने वालों की संख्या 7 लाख 34 हजार 6 सौ 64 है। इसके अनुसार संक्रमण के मामले में चौथे नंबर पर रूस है जहां हालात पर नियंत्रण का प्रयास सामने आ रहा है। यहां अब तक कुल संक्रमित मामले 8 लाख 90 हजार 7 सौ 99 हैं। इससे पहले अमेरिका, ब्राजील और भारत है। - एजेंसीश्रीलंका : श्रीलंका में कोरोना वायरस की महामारी को नियंत्रित करने के लिए लागू लॉकडाउन की वजह से करीब चार महीने से बंद स्कूल सोमवार से दोबारा पूरी तरह से खोल दिए गए। श्रीलंका में मार्च मे मध्य में कोविड-19 का पहला मरीज सामने आने के साथ सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया था। जुलाई में कुछ चुनिंदा कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को खोला गया था, लेकिन कुछ दिनों बाद ही कोरोना वायरस के नये मामले सामने आने की वजह से इन्हें बंद कर दिया गया। शिक्षा सचिव एनएचएम चित्रनंदा ने बताया, ''सभी स्कूलों को आज दोबारा खोल दिया गया है और संबंधित कक्षाएं सामाजिक दूरी के आधार पर शुरू हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि 200 से कम विद्यार्थियों वाले स्कूल मार्च में महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन से पहले की तरह संचलित होंगे। वह पूर्व की तरह कक्षाएं संचालित करेंगे। उन्हें विद्यार्थियों के बीच एक मीटर की सामाजिक दूरी का अनुपालन करना होगा।
उन्होंने कहा कि वे स्कूल जिनमें 200 से अधिक विद्यार्थी हैं उन्हें फैसला करना होगा कि स्वास्थ्य दिशानिर्देश के तहत सामाजिक दूरी का अनुपालन करने के लिए किस कक्षा के विद्यार्थी किस दिन स्कूल आएंगे। अधिकारियों ने बताया कि स्कूलों में मौजूद कैंटीन को स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा कोविड-19 के नियंत्रण में होने की पुष्टि होने तक खोलने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि स्कूलों को दोबारा खोलने का फैसला श्रीलंका द्वारा कोरोना वायरस के सामुदायिक स्तर पर संक्रमण को सफलापूर्वक नियंत्रित करने के बाद लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि श्रीलंका में समुदाय स्तर पर संक्रमण का एक भी मामला 30 अप्रैल के बाद से नहीं आया है।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि महामारी का खतरा अभी टला नहीं है। गौरतलब है कि श्रीलंका में कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,844 मामले सामने आए हैं जिनमें स 2,579 संक्रमित ठीक चुके हैं जबकि 11 लोगों की मौत हुई है। - मीडिया रिपोर्टऔगाडौगू: बुकिर्ना फासो में शुक्रवार को पशुओं के भीड़भाड़ वाले बाजार में अंधाधुध गोलीबारी में 20 लोग मारे गये और कई अन्य घायल हो गए। आधिकारिक न्यूज एजेंसी AIB ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आतंकवाद से प्रभावित बुकिर्ना फासो के नामौंगौ के एक पशु बाजार में गोलीबारी में कई लोग मारे गए हैं।
एक स्थानीय सूत्र ने कहा, ‘‘भारी हथियारों से लैस लोगों ने शुक्रवार को बाजार में धावा बोला और भीड़ पर अंधाधुध गोलियां चला दी।'' अस्पताल सूत्रों ने बताया कि इस हमले में बहुत सारे लोग घायल हुए हैं ,वहीं क्षेत्रीय गवर्नर कर्नल सेदोऊ सानोऊ ने बताया कि अपराधियों को पकड़ने का अभियान जारी है। -
अमेरिका : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूएस में टिकटॉक की मूल कंपनी के खिलाफ एक कार्यकारी आदेश जारी किया है. इस आदेश के अनुसार यूएस में टिक टॉक चलाने वाली कंपनी बाइट डांस के साथ अगले 45 दिन तक कोई लेन देन नहीं करेगी. आदेश में कहा गया है, "संयुक्त राज्य अमेरिका को हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए टिकटॉक के मालिकों के खिलाफ आक्रामक कार्रवाई करनी चाहिए."
राष्ट्रपति ट्रंप ने टिकटॉक को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. आदेश के अनुसार, "इस डेटा संग्रह से चीनी कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकियों की व्यक्तिगत और मालिकाना जानकारी तक पहुंचने की अनुमति मिलती है. संभावित रूप से ये चीनी ऐप संघीय कर्मचारियों और ठेकेदारों के स्थानों को ट्रैक करने, ब्लैकमेल के लिए व्यक्तिगत जानकारी के डोजियर बनाने और कॉर्पोरेट जासूसी करने की अनुमति देता है."
'15 सिंतबर तक इसे अमेरिका में बैन कर दिया जाएगा'ट्रंप ने व्हाइट हाउस में कहा अगर कि अगर इस अमेरिकी कंपनी को बेचा नहीं गया तो 15 सिंतबर तक इसे अमेरिका में बैन कर दिया जाएगा. ट्रंप ने ये भी कहा कि अगर कोई बिक्री होती है तो उसका हिस्सा अमेरिकी टेक्सपेयर्स को भी मिलना चाहिए.
इन डिवाइस में टिक टॉक बैनवहीं अमेरिकी सीनेट ने सर्वसम्मति से संघीय कर्मचारियों को सरकार की तरफ से दिए गए डिवाइस में टिक टॉक के यूज पर बैन लगा दिया है. यह बैन उस विधेयक को मंजूरी मिलने के बाद लगाया गया है, जिस पर गुरुवार को सीनेट में वोटिंग की गई थी. व्हाइट हाउस ने टिकटॉक एप को सुरक्षा कारणों से खतरा बताया है.
माइक्रोसॉफ्ट के साथ होगी डीलएक बयान में माइक्रोसॉफ्ट ने कहा कि उनका अमेरिका में टिकटॉक के साथ डील पूरी करने का टार्गेट था. कंपनी के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलेंड में भी और डील 15 सितंबर तक पूरी होने की उम्मीद है. इसके लिए टिकटॉक को नोटिस भी जारी कर दिया गया है. - एजेंसीबेरूत: लेबनान की राजधानी बेरूत में एक बड़ा विस्फोट हुआ जिसमें बंदरगाह का एक बड़ा हिस्सा और कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं. इसमें कम से कम 78 व्यक्तियों की मौत हो गई और 4,000 से अधिक लोग घायल हो गए. लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दिआब ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को छोड़ा नहीं जाएगा.
अधिकारियों ने बताया कि विस्फोट के कई घंटे बाद भी एंबुलेंस घायलों को अस्पताल पहुंचा रही हैं. वहीं सेना के हेलीकॉप्टर पोर्ट पर लगी आग को बुझाने में मदद कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कई घायलों की स्थिति बेहद नाजुक है, ऐसे में मृतकों की संख्या काफी बढ़ सकती है.
लेबनान के राष्ट्रपति ने कहा कि ये धमाका 2750 टन अमोनियम नाइट्रेट की वजह से हुआ, जो बंदरगाह पर 6 सालों से बिना किसी सुरक्षा के रखा हुआ था. नहीं, लेबनान के प्रधानमंत्री हसन दिआब ने कहा कि जिम्मेदार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा.
लेबनान के सामान्य सुरक्षा के प्रमुख अब्बास इब्राहिम ने कहा कि हो सकता है कि धमाका अत्यधिक विस्फोटक सामग्री से हुआ हो, जिसे कुछ समय पहले एक जहाज से जब्त किया गया था और बंदरगाह पर रखा गया था.
कुछ लोगों का कहना है कि जब धमाका हुआ, तो ऐसा लगा मानों भूकंप आ गया हो. इस धमाके का असर काफी दूर तक पड़ा. इस विस्फोट से आग लग गई, कारें पलट गईं और खिड़कियों और दरवाजें के शीशे टूट गए. हर तरफ धुंआ ही धुंआ फैला हुआ था. - मीडिया रिपोर्टअमेरिका में पिछले हफ्ते भारतीय मूल की एक अनुसंधानकर्ता की हत्या कर दी गई। घटना के वक्त वह जॉगिंग कर रही थीं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस के मुताबिक शर्मिष्ठा सेन (43) टेक्सास के प्लानो शहर में रहती थीं। एक अगस्त को चिशोल्म ट्रेल पार्क के पास जॉगिंग करते समय उन पर अचानक से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई।.
डब्ल्यूएफएए डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के अनुसार लीगेसी ड्राइव और मार्चमैन वे के पास क्रीक इलाके में एक राहगीर ने उनके शव को देखा। फॉक्स4न्यूज की खबर के अनुसार शर्मिष्ठा फार्मासिस्ट और अनुसंधानकर्ता थीं जो कैंसर रोगियों के लिए काम करती थीं। उनके दो बेटे हैं। डल्लासन्यूज डॉट कॉम के अनुसार इस मामले में एक संदिग्ध को लूटपाट के आरोपों में गिरफ्तार कर लिया गया है।खबर के अनुसार उसकी पहचान 29 वर्षीय बकारी एबियोना मोनक्रीफ के तौर पर की गयी है। फॉक्स4न्यूज डॉट कॉम की खबर के अनुसार एथलीट रहीं शर्मिष्ठा हर सुबह चिशोल्म ट्रेल में दौड़ लगाती थीं।
- मीडिया रिपोर्टनई दिल्ली : चीन में कोरोना वायरस के 43 नए मामलों सामने आए हैं। वहीं इसी बीच चीन की वैज्ञानिक ने कोरोना को लेकर बड़ा खुलासा किया है। चीन प्रशासित हॉन्ग कॉन्ग से भागकर अमेरिका पहुंची स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की सीनियर वायरोलॉजिस्ट डॉ ली मेंग यान ने दावा किया कि कोरोना को चीन के मिलिट्री लैब में बनाया गया था। डॉ ली ने इस जानलेवा वायरस के चीन के वेट मार्केट से पैदा होने वाली अफवाहों को भी खारिज कर दिया। हालांकि चीन ने डॉ ली के दावों को खारिज किया है।
ताइवानी समाचार एजेंसी ल्यूड प्रेस के साथ एक लाइव-स्ट्रीम इंटरव्यू के दौरान डॉ ली ने कहा कि जब यह महामारी फैलनी शुरू हुई तब उन्होंने स्पष्ट रूप से इसका मूल्यांकन किया था और पाया था कि यह वायरस चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की एक सैन्य प्रयोगशाला से आया। डॉ ली ने कहा कि सच छुपाने के लिए वुहान वेट मार्केट की कहानी बनाई गई। वहीं डॉ ली ने दावा किया कि जब उन्होंने इसकी सूचना अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी तब उन्होंने इसे गंभीरता से न लेते हुए अनदेखा किया। ली ने दावा किया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के लिए उनके रिपोर्ट को खारिज करना मुश्किल होगा।
इसलिए भागी हॉन्ग कॉग्स सेडॉ ली ने कहा कि हम पहले से जानते थे कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के खिलाफ बोलने के बाद हम कभी भी गायब किए जा सकते हैं। ठीक ऐसा ही हॉन्ग कॉन्ग में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के साथ किया जा रहा है। इसलिए मैंने सभी जानकारियों को इकठ्ठा करना शुरू कर दिया और अप्रैल में हॉन्ग कॉन्ग से अमेरिका आ गई। ली ने कहा कि उन्हें चीनी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत अपनी गिरफ्तारी का भी डर सता रहा था। - मीडिया रिपोर्टवॉशिंगटन: चीन (China) को एक और बड़ा झटका लगा है. भारत के बाद अब अमेरिका (America) में भी TikTok पर प्रतिबंध (Ban) लग गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए हम TikTok पर बैन लगाने जा रहे हैं.
एयर फोर्स वन (Air Force One) पर पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा, ‘जहां तक टिकटॉक का सवाल है, तो हम इसे बैन कर रहे हैं’. भारत द्वारा की गई कार्रवाई के बाद से अमेरिका में चीनी ऐप पर बैन की मांग जोर पकड़ रही थी. कई सांसदों और एजेंसियों ने TikTok जासूसी और डेटा चोरी का आरोप लगाया था. जिसके बाद आखिरकार अब अमेरिका ने भी TikTok पर प्रतिबंध लगा दिया है.
इससे पहले, डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि हम मामले को देख रहे हैं. हम TikTok पर प्रतिबंध लगा सकते हैं, साथ ही हम कुछ अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया था कि वे कौन से विकल्पों की बात कर रहे हैं. वहीं, अमेरिका के दो प्रमुख अखबारों ने दावा किया था कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए TikTok की मूल कंपनी बाइटडांस से कहा है कि वो TikTok के अमेरिकी ऑपरेशंस को दे. मीडिया रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि माइक्रोसॉफ्ट TikTok को खरीदने की दौड़ में सबसे आगे चल रही है और दोनों कंपनियों में बातचीत भी शुरू हो गई है.
TikTok ने बेचे जाने की खबरों पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया है. लेकिन न्यूज़ एजेंसी AFP के अनुसार, उसने इतना जरूर कहा है कि ‘हमें TikTok की दीर्घकालिक सफलता पर भरोसा है. लाखों लोग मनोरंजन और कनेक्शन के लिए TikTok पर आते हैं, जिसमें हमारे क्रिएटर और आर्टिस्ट का समुदाय शामिल है’.
चौतरफा हो रहे हमलों के मद्देनजर TikTok यह साबित करने में जुट गई है कि वो चीन के लिए जासूसी नहीं करती. हाल ही में TikTok के सीईओ केविन मेयर ने कहा था कि TikTok पारदर्शिता को लेकर प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा था, ‘हमारा कोई राजनीतिक संबंध नहीं है. हम राजनीतिक विज्ञापन स्वीकार नहीं करते हैं और कोई एजेंडा नहीं है - हमारा एकमात्र उद्देश्य है सभी के आनंद के लिए एक जीवंत, गतिशील मंच प्रदान करना. आज TikTok सबसे निशाने पर है, लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम किसी के दुश्मन नहीं हैं’.
गौरतलब है कि लद्दाख हिंसा के बाद भारत ने कार्रवाई करते हुए TikTok सहित कई चीनी ऐप्स को बैन किया है. इसके बाद से अमेरिका में भी TikTok पर कार्रवाई करने की मांग जोर पकड़ती जा रही थी. अमेरिका टिकटॉक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा मानता है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई नेता इस पर बैन की बात कर चुके थे. - एजेंसीकुवैत : कोरोना वायरस संकट के कारण कुवैत ने बड़ा फैसला लिया है. काफी वक्त के बाद कुवैत ने अपने देश से ट्रैवल की पाबंदी को हटाया, लेकिन कुछ देशों के लोगों के प्रवेश पर बैन जारी रखा है. इनमें भारत के लोगों पर भी बैन जारी है. यानी भारतीय नागरिक कुवैत में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.दरअसल, कोरोना संकट के कारण मार्च के बाद से कुवैत ने अंतरराष्ट्रीय विमानों पर पाबंदी लगा दी थी. अब एक अगस्त से इस सेवा को शुरू करने का फैसला लिया गया है. हालांकि, कुल सात देशों के नागरिकों को कुवैत में प्रवेश करने से रोक है.
इन सात देशों में बांग्लादेश, फिलीपींस, भारत, श्रीलंका, पाकिस्तान, ईरान और नेपाल शामिल हैं. बता दें कि दक्षिण एशिया के इन्हीं देशों में कोरोना वायरस के मामले हैं और अधिकतर मजदूर और कामगार कुवैत यहां से ही जाते हैं. कुवैत के इस फैसले पर अभी आधिकारिक तौर पर भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब सामने नहीं आया है.
29 जुलाई तक के आंकड़ों के मुताबिक, कुवैत में कोरोना वायरस के करीब 66 हजार मामले हैं. अबतक 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है, पचास हजार से अधिक लोग रिकवर हो चुके हैं.
प्रवासी मजदूरों को लेकर भी किया था फैसला
बता दें कि हाल ही में कुवैत में काम करने वाले करीब 8 लाख भारतीयों के लिए बड़ा झटका लगा था. कुवैत की नेशनल एसेंबली की कानूनी और विधायी समिति ने प्रवासी कोटा बिल के मसौदे को तैयार करने की अनुमति दी थी. इसके तहत विदेश से आकर कुवैत में काम करने वाले लोगों की संख्या को सीमित किया जाएगा.
बिल में प्रस्ताव था कि किसी भी देश से आए लोगों की जनसंख्या कुवैत की कुल जनसंख्या के 15 फीसदी से कम ही होनी चाहिए. कुवैत में अभी करीब 15 लाख के करीब भारतीय रहते हैं, अगर ये बिल पास होता है तो लगभग 8 लाख भारतीयों को कुवैत से वापस आना पड़ सकता है. - सुडान: दक्षिण सुडान के जोंगलेई राज्य में हथियारबंद डाकूओं के हमले में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए। पुलिस ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी। जोंगलेई राज्य के पुलिस आयुक्त जोशेप मायेन अकून ने बताया कि हथियारबंद डाकूओं ने बोर प्रांत के माकोल-कुई गांव में सोमवार को हमला किया और तीन बच्चों को अगवा कर कई घरों में आग लगा दी। इस हमले में 17 लोगों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए।
घायलों को बोन टिचिंग अस्पताल में भर्ती कराया गया है।'' श्री अकून ने बताया कि उन्हें विश्वास है कि हमला करने वाले ग्रेटर पिबोर इलाके से आए थे। उन्होंने कहा कि इस हमले में इस इलाके में काफी नुकसान पहुंचा है और मरने वालों महिला, युवा और बच्चे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्रों में गश्त करने और नागरिकों की हत्या को रोकने के लिए सुरक्षा सुद्दढीकरण भेजा है।
अकून ने कहा,‘‘पुलिस के पास पर्याप्त हथियार नहीं हैं, लेकिन हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कानून के रक्षकों को क्षेत्र में जल्द से जल्द भेजा जाए ताकि आगे की झड़पों को रोका जा सके।'' इस बीच सूत्र की रिपोटर् के मुताबिक अब तक 28 लोगों की मौत हुई है और 10 बच्चों का अपहरण हुआ है तथा 19 अन्य घायल हुए हैं।