सीएम बघेल ने राज्य के आर्थिक संकट पर चिंता जताई छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. उन्हें तत्काल सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है. छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है, जहां 80 फीसदी लघु उद्योग फिर से शुरू हो गए हैं और लगभग 85,000 श्रमिक काम पर लौट आए हैं. बता दें कि सीएम बघेल ने केंद्र से आर्थिक पैकेज के लिए कई बार पीएम मोदी को पत्र लिख चुके हैं.
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रायपुर :बेबस प्रवासी श्रमिकों के चाय, नास्ता, भोजन और परिवहन की व्यवस्था कर छत्तीसगढ़ सरकार ने काफी हद तक उनके दुःख दर्द पर मरहम लगाने का काम किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर सभी राज्यों के प्रवासी श्रमिक जो छत्तीसगढ़ राज्य से होकर गुजर रहे हैं उनके भोजन, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार ने सुनिश्चित की है। प्रदेश सरकार की इस मुहिम में रायपुर के स्वयं सेवी, समाज सेवी संस्थाएं भी बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभा रही है। रायपुर के टाटीबंध में महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना के विभिन्न जिलों में काम करने वाले बिहार, झारखण्ड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल, उत्तरप्रदेश आदि राज्यों के प्रवासी मजदूर हजारों की संख्या में रोजाना विभिन्न साधनों से पहुंच रहे हैं। इन राज्यों के श्रमिकों को राज्य की सीमा तक सकुशल पहुंचाने की व्यवस्था राज्य सरकार ने अपने जिम्मे उठा रखी है। अन्य राज्यों से आने वाले छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को भी उनके गृह जिले में भेजने की व्यवस्था की गई है।
प्रवासी श्रमिकों के स्वास्थ्य की जांच पड़ताल के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टाटीबंध में स्टॉल लगाया गया है। जिला प्रशासन रायपुर की ओर से स्मार्ट सिटी के बैनर तले श्रमिकों को भोजन, नास्ता एवं पेयजल का निःशुल्क प्रबंध किया गया है। प्रवासी श्रमिकों की मदद में रायपुर के कई स्वयंसेवी, समाजसेवी संगठन के पदाधिकारी भी जुटे हुए हैं। टाटीबंध गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी भी इस पुनीत कार्य में जी-जान से जुटी हुई है। गुरूद्वारा प्रबंधन कमेटी द्वारा प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन का प्रबंध किया गया है। समर्थ चेरिटेबल ट्रस्ट व्ही द पीपुल और नुकड्ड द कैफे, मदर्स केयर वुमेन्स एण्ड चिल्ड्रन वेलफेयर सोसायटी सहित अनेक संगठन के कार्यकर्ता भी प्रवासी श्रमिकों की सेवा में जुटे हैं। टाटीबंध में पहुंचने वाले श्रमिकों को उनके राज्य एवं गृह जिला भेजने के लिए शासन-प्रशासन द्वारा परिवहन संघ के सहयोग से बड़ी संख्या में बसों की व्यवस्था की गई है, जो श्रमिकों को लगातार उनके गृह जिला एवं राज्यों की सीमा तक पहुंचा रही है। पुणे, हैदराबाद से ट्रकों में जैसे-तैसे सफर कर रायपुर पहुंचने वाले श्रमिकों ने छत्तीसगढ़ सरकार एवं सामाजिक संगठनों द्वारा टाटीबंध में की गई निःशुल्क भोजन की व्यवस्था को सराहा और कहा कि दो-तीन चरणों में दो-तीन दिनों के कष्टकारी सफर के बाद रायपुर पहुंचकर उन्हें राहत मिली है। यहां की व्यवस्था को देखकर मन का भय दूर हो गया है। श्रमिकों का कहना है कि अब अपने गांव और गृह राज्य पहुंच जाने की चिंता लगभग खत्म सी हो गई है। झारखण्ड राज्य के पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्राम आसूरा के रहने वाले आनंद गोप और काटे कुम्भकार ने बताया कि वह दोनों अपने गांव के 5 अन्य साथियों के साथ महाराष्ट्र के नागपुर में टावर लाईन का एंगल बनाने का काम करते थे। लॉकडाउन के चलते ट्रक में लिफ्ट लेकर आज बागनदी बॉर्डर पहुंचे। वहां से बस से रायपुर टाटीबंध पहुंचे हैं। उन्होंने बताया कि बाग नदी से रायपुर लाने के लिए बस का इंतजाम भी छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया था। रायपुर से झारखण्ड जाने के लिए बंस का इंतजाम भी छत्तीसगढ़ सरकार ने किया है। टाटीबंध से झारखण्ड के गढ़वा के लिए भी श्रमिकों को ले जाने का प्रबंध शासन द्वारा किया गया है।
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केवल गंभीर रोगियों को ही भेजा जाए सेंदरी, कोरोनावायरस की हो जिले में ही जांच; स्वास्थ्य सचिव
रायपुर : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने सभी जिलों से मानसिक रोगियों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी न भेजने की सलाह दी है। स्वास्थ्य सचिवे सुश्री निहारिका बारीक़ सिंह द्वारा जारी एक आदेश में बताया गया है जिलों में संचालित शासकीय एवं स्वयंसेवी संस्थानों द्वारा घुमंतु व्यक्तियों को राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी (बिलासपुर) में भर्ती के लिए भेजा जा रहा है।
``वर्तमान में कोविद -19 की परिस्थिति को देखते हुए राज्य के समस्त सिविल सर्जन एवं अस्पताल अधीक्षक, जिला अस्पताल में अधीन मनोरोग चिकित्सक अथवा वीकेएन प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सा अधिकारी के द्वारा घुमंतु व्यक्तियों की मानसिक जांच एवं कोरोना वायरस टेस्ट जांच कराये जाने के पश्चात सामान्य दशा हो तो उन्हें जिले में संचालित स्वयं सेवी संस्थानों में रखा जाए। जिनकी मानसिक अवस्था ठीक नहीं है, उन्हें राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी रिफ़र किया जाए,’’ आदेश में स्वास्थ्य सचिव ने कहा है।
राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय, सेंदरी के अधीक्षक, डॉ बी आर नंदा का कहना है सभी मानसिक रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है। केवल उन्ही रोगियों को जो हिंसक होते हैं या खुद को क्षति पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं भर्ती करवाया जाता है, बाक़ी रोगियों का उपचार उनके घर पर,शेल्टर होम्स में या फिर स्वयं सेवी संस्थानों में रह कर ही हो सकता है । डॉ नंदा ने कहा अस्पताल में विडियो द्वारा परामर्श और टेली मेडिसिन की सुविधा भी दी जा रही है जिसका लाभ सभी उठा सकते हैं। डॉ मल्लिकार्जुन राव, मनोरोग विशेषज्ञ, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक दूरभाष नंबर: 8354066436 पर उपलब्ध रहते हैं। उन्होंने कहा घुमंतु व्यक्तियों को बिना कोविद-19 टेस्ट के सेंदरी भेजना, अस्पताल में भर्ती रोगियों के लिए मुश्किल पैदा कर सकता है।
पिछले दिनों में देखा गया लगभग सभी जिलों से घुमंतु व्यक्तियों को सेंदरी रेफर किया जा रहा है हालांकि इनका उपचार उनके गृह जिले में ही हो सकता था । प्रदेश के सभी जिलों में कम से कम एक मेडिकल ऑफिसर को बेंगलुरु-स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) द्वारा प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा कुछ जिलों में मनोरोग विशेषज्ञ उपलब्ध है और हर मेडिकल कॉलेज में मनोरोग वार्ड और मनोरोगियों के उपचार की व्यवस्था भी है।
सेंदरी के चिकित्सालय में इस समय लगभग 150 गंभीर मानसिक रोगी भर्ती हैं और इनको कोविद-19 से भी बचाना अस्पताल प्रबंधन की ही ज़िम्मेदारी है। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ राव के अनुसार पिछले दिनों में अस्पताल आने वाले रोगियों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। -
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों, विद्यार्थियों, संकट में पड़े और मेडिकल आवस्यकता वाले लोगों को लेकर गुजरात से आज पहली ट्रेन बिलासपुर स्टेशन पर पहुंची। जिला प्रशासन ने इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित की थी। गुजरात से करीब 1200 श्रमिकों एवं अन्य लोगों को लेकर यह ट्रेन पहुंची । यह ट्रेन अहमदाबाद, गोधरा, रतलाम, बीना, कटनी, पेन्ड्रारोड से होते हुए बिलासपुर पहुंची। इस ट्रेन में मुंगेली जिले के 20, जांजगीर-चाम्पा जिले के 53 और दुर्ग जिले के 11 लोग भी शामिल थे।
जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा ट्रेन से आने वाले याात्रियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए 80 मेडिकल स्टाॅफ की ड्यूटी यहां लगायी गई थी। जिसमें 28 डाॅक्टर, 14 लैब टेक्नीशियन और 22 पैरा मेडिकल स्टाॅफ के सदस्य थे। इसके अलावा अन्य समन्वय, सेनिटाईजर और मास्क वितरण के लिए 16 लोग तैनात किए गए थे। यात्रियों की सुरक्षा के लिए 82 पुलिस और 50 आरपीएफ के जवान तैनात किए गए थे। यात्रियों की स्कार्टिग के लिए राजस्व और पंचायत विभाग के 56 अधिकारी-कर्मचारी तथा 70 बसों के लिए चालक और इतने ही वाहन प्रभारी उपस्थित रहे। स्टेशन और आस-पास के क्षेत्र को सेनिटाईजेशन करने के लिए निगम के 20 कर्मचाारियों का अमला और इस पूरी व्यवस्था के समन्वय और मानिटरिंग के लिए एस.डी.एम., डिप्टी कलेक्टर और तहसीलदार सहित 30 प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे।
जिला प्रशासन द्वारा हर बोगी में कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी। ट्रेन के स्टेशन पहुंचने पर एक बार में अल्टरनेट चार बोगियों से यात्रियों को उतारा गया। उतरने के पहले सभी यात्रियों को हैंड सेनेटाइजर और मास्क दिया गया। रेलवे स्टेशन के हर गेट में स्वास्थ्य विभाग की टीम तैनात रही जिनके द्वारा उनका स्वास्थ्य परीक्षण व स्क्रीनिंग की गई। स्टेशन के गेट नं दो से दूसरे जिलों के लोगों को स्टेशन से बाहर निकाला गया। गेट नंबर तीन से मस्तूरी के तथा गेट नंबर चार से अन्य विकासखंडों के लोग बाहर निकाले गए। मजदूरों को रेलवे स्टेशन से बसों के द्वारा उनके गांव एवं जिलों मंे भेजने की व्यवस्था की गई जहां उन्हें क्वारांटाईन सेंटर में रखा जाएगा। बिलासपुर जिले के लोगों के लिये 60 बसों की व्यवस्था की गई है। यात्रियों को सम्बन्धित क्षेत्र के बसों में बिठाने और उनकी रवानगी के लिए कर्मचारी तैनात किये गये थे। स्टेशन के बाहर छह 108-एम्बुलेंस भी तैनात रहीं।
अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए 15 स्पेशल ट्रेनें चरणबद्ध तरीके से चलायी जाएंगी
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकट में पड़े लोगों और चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिये छत्तीसगढ़ सरकार ने अब तक कुल 15 स्पेशल ट्रेनों चलाने की योजना है । राज्य सरकार ने कहा कि इसके साथ ही चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। ट्रेनों में आने के लिए इन लोगों को राज्य सरकार द्वारा जारी लिंक में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा।
छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 15 ट्रेनों को चरणबद्ध किया है उनमें अहमदाबाद से बिलासपुर के लिए दो ट्रेन, विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर एक ट्रेन, अमृतसर पंजाब से चांपा एक ट्रेन, विरामगम अहमदाबाद से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, लखनऊ उत्तरप्रदेश से रायपुर के लिए तीन ट्रेन, लखनऊ से भाटापारा के लिए दो ट्रेन, मुजफ्फरपुर बिहार से रायपुर एक ट्रेन, दिल्ली से बिलासपुर के लिए एक ट्रेन, मेहसाना गुजरात से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, हैदराबाद तेलंगाना से दुर्ग रायपुर होते हुए बिलासपुर 2 ट्रेन शामिल है।
राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक जारी किया है -http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx
इस लिंक में एप्लाई कर लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे। इसके अलावा 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 तथा 88277-73986 पर संपर्क किया जा सकता है।
- रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और पहल से छत्तीसगढ़ देश में सर्वाधिक मूल्य की लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी करने वाला राज्य बना हुआ है। “द ट्राइबल कोऑपरेटिव मार्केटिंग डेवलपमेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया” (ट्राईफेड) द्वारा जारी किए गए आंकड़ांे के अनुसार छत्तीसगढ़ में अब तक 28 करोड़ रूपए से अधिक मूल्य की लघु वनोपजों की वनवासियों और ग्रामीणों से खरीदी की गई है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक है। ट्राईफेड के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में अब तक 30 करोड़ 63 लाख 61 हजार रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है, इसमें से अकेले छत्तीसगढ़ में 28 करोड़ रूपए मूल्य की लघु वनोपजों की खरीदी की गई है। इसमें देश के अन्य सभी राज्यों द्वारा अब तक मात्र एक करोड़ 93 लाख रूपए की राशि के लघु वनोपजों की खरीदी हुई है। छत्तीसगढ़ में अब 25 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है।
प्रदेश में लघु वनोपजों का यह आंकड़ा लगतार बढ़ रहा है। राज्य सरकार के ताजा आंकड़ों के अनुसार चालू सीजन के दौरान छत्तीसगढ़ में अब तक एक लाख 66 हजार संग्रहकों से लगभग 28 करोड़ रूपए मूल्य की 9 हजार 563 मीट्रिक टन लघु वनोपजों का संग्रहण किया जा चुका है। कोरोना लॉकडाउन के कारण संकट की इस घड़ी में सरकार द्वारा लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और नगद भुगतान की प्रक्रिया से वनांचल के वनवासी-ग्रामीणों को काफी राहत मिल रही है। साथ ही वनोपजों के संग्राहकों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ गए हैं। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2015 से वर्ष 2018 तक मात्र सात वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही थी। वर्तमान में राज्य सरकार द्वारा वनवासी ग्रामीणों के हित को ध्यान में रखते हुए खरीदी जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या बढ़ाकर अब 25 कर दी गयी है।
राज्य में चालू वर्ष में न्यूनतम समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत संग्रहित लघु वनोपजों में इमली (बीज सहित), पुवाड़ (चरोटा), महुआ फूल (सूखा), बहेड़ा, हर्रा, कालमेघ, धवई फूल (सूखा), नागरमोथा, इमली फूल, करंज बीज तथा शहद शामिल हैं। इसके अलावा बेल गुदा, आंवला (बीज रहित), रंगीनी लाख, कुसुमी लाख, फुल झाडु, चिरौंजी गुठली, कुल्लू गोंद, महुआ बीज, कौंच बीज, जामुन बीज (सूखा), बायबडिंग, साल बीज, गिलोय तथा भेलवा लघु वनोपजें भी इसमें शामिल हैं। - रायपुर : मुख्यमंत्री सहायता कोष में दानदाताओं, सामाजिक संगठनों, शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों, उद्योग एवं व्यवसायिक संगठनों के साथ-साथ जनसामान्य द्वारा कोविड-19 की रोकथाम तथा लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों की सहायता के लिए राशि दान दिए जाने का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। बीते 24 मार्च से लेकर 7 मई तक मुख्यमंत्री सहायता कोष में राज्य के विभिन्न संगठनों एवं दानदाताओं द्वारा स्वस्फूर्त रूप से 24 मार्च से 7 मई तक कुल 56 करोड़ 4 लाख 38 हजार 815 रूपए की राशि दान की गई है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम एवं जरूरतमदों की सहायता के लिए अब तक राज्य के सभी जिलों को 10 करोड़ 25 लाख 30 हजार रूपए की राशि जारी की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री सहायता कोष में विभिन्न संगठनों द्वारा 24 मार्च से 30 मार्च तक 3 करोड़ 13 लाख 66 हजार 785 रूपए, 31 मार्च से 6 अप्रैल तक 10 करोड़ 81 लाख 25 हजार 386 रूपए, 7 अप्रैल से 13 अप्रैल तक 5 करोड़ 58 लाख 91 हजार 398 रूपए, 14 अप्रैल से 20 अप्रैल तक 31 करोड़ 26 लाख 25 हजार 148 रूपए, 21 अप्रैल से 27 अप्रैल तक 3 करोड़ 18 लाख 70 हजार 7 रूपए, 28 अप्रैल से 07 मई तक एक करोड़ 57 लाख 52 हजार 46 रूपए की राशि दान में प्राप्त हुई। इसी प्रकार 5 मई को 29 लाख 43 हजार 371 रूपए, 6 मई को 15 लाख 45 हजार 658 रूपए और 7 मई को 3 लाख 19 हजार 16 रूपए की राशि मुख्यमंत्री सहायता कोष में जमा कराई गई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस सहयोग राशि के लिए समस्त संगठनों, उनके पदाधिकारियों एवं दानदाताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान दी गई राशि पर आयकर अधिनियम की धारा 80जी के तहत छूट का प्रावधान है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने सभी प्रदेशवासियों से मुख्यमंत्री सहायता कोष में राशि दान करने की अपील की है ताकि संकट की घड़ी में गरीबों, श्रमिकों और जरूरतमंदों की अधिक से अधिक मदद की जा सके। मुख्यमंत्री सहायता कोष में दान की राशि एसबीआई एकाउंट नंबर - 30198873179 (आईएफएससी कोड - एसबीआईएन0004286) में जमा कराई जा सकती है। दान राशि यूपीआईआईडी cgcmrelieffund@sbi तथा ऑनलाइन पोर्टल cmrf.cg.gov.in के माध्यम से भी दी जा सकती है। -
रायपुर : पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी को लेकर एक नई अपडेट आ रही है नई जानकारी के अनुसार अजीत जोगी को आज सुबह हार्ट अटैक आया था जिसके बाद उसे राजधानी के नारायणा अस्पताल में भर्ती किया गया है इससे पहले मीडिया में अलग अलग खबरे आ रही थी किसी मीडिया में जहाँ अजीत जोगी का स्वास्थ्य अचानक बिगड़ने की खबर आ रही थी तो किसी मीडिया में खाना/नास्ता खाने के दौरान श्वास नली में खाना फंसने की खबर आ रही थी लेकिन अभी स्पष्ट खबर आ रही है कि अजीत जोगी को हार्ट अटैक आया था अभी उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी फोन पर अजीत जोगी की तबीयत का हाल जाना है।
- रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विभिन्न राज्यों के ऐसे श्रमिक जो छत्तीसगढ़ से होकर अपने राज्यों में जा रहे है, उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था के साथ ही उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए आवश्यक व्यवस्था के निर्देश सभी जिला कलेक्टरों को दिए है। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ से होकर अन्य राज्यों में जाने वाले श्रमिकों को परेशानी न हो इसका पूरा ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देशन पर त्वरित पहल करते हुए रायपुर जिला कलेक्टर द्वारा रायपुर में श्रमिकों के लिए भोजन-पानी सहित आवश्यक व्यवस्था शुरू भी कर दी गई है।
- रायपुर 8 मई । रायपुर के आश्रय स्थलों में ठहरे हुए प्रवासी श्रमिकों को अवसाद, चिंता, बेचैनी और घबराहट दूर करने के लिये नियमित रूप से परामर्श प्रदान किया जा रहा है ।इसी के तहत लाभांडी स्थित आश्रय स्थल में रुके लगभग 100 प्रवासी श्रमिकों को चिंता से उबारने के लिये विशेषज्ञों द्वारा परामर्श प्रदान किया गया । ज़िले के विभिन्न आश्रय स्थलों में रुके छत्तीसगढ के अलावा अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को ज़िला मानसिक स्वास्थ्य द्वारा गठित दल के माध्यम से परामर्श दिया गया है ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, रायपुर डॉ मीरा बघेल ने बताया परामर्श के लिए तीन सदसीय दल का गठन किया गया है जोनियमित रुप से प्रवासी श्रमिकों के लियें बने आश्रय स्थलों पर जा कर सेवाएंप्रदानकर रहे है। ज्यादातर श्रमिक घर पहुंचने की चिंता को लेकर अवसाद से ग्रसित है।लॉक डाउन में घर से और परिवार से दूर पर होने वाली बेचैनी और घबराहट महसूस कर रहे है जिसको दूर करने के लिए विषय विशेषज्ञों द्वारा उन्हें सलाह दी जा रही है । मनोचिकित्सक डॉ.अविनाश शुक्ला ने बताया साफ-सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग और आपसी व्यवहारिक वातावरण बनाने की सलाह दी जाती है| मुख्य रूप से लोगों में परिवार से मिलने के प्रति चिंता ज्यादा है, जिसकी समझाइश देकर और फोन के माध्यम से बात करवाकर उनके तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।
मनोवैज्ञानिक सुश्री ममता गिरी गोस्वामी ने बताया लॉक डाउन के चलते में आश्रय स्थल में रहने वाले काफी प्रवासी श्रामिकों कुछ भी अच्छा नहीं लग रहा है। यह लोग किसी भी तरह अपने-अपने घरों को जाना चाह रहे हैं। उन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है। परामर्श के दौरान देखने में आया है कि अधिकतर यही सोच रहे हैं कि उनकी पीछे परिवार का पालन पोषण कैसे हो रहा होगा । उन्हें खाना मिल रहा है या भूखे हैं। परामर्श में उन्हें समझाया गया कि सरकार उनका ध्यान रख रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए प्रवासी श्रमिकों का मानसिक तनाव दूर करने के संबंध में 31 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने जागरूकता कार्यक्रम चलाने का आदेश दिया। न्यायालय के आदेश पर राज्य मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा सभी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सिविल सर्जन को पत्र लिखकर निर्देश दिया है।प्रवासियों को तनाव दूर करने के दिए गए सुझाव
कोविड -19 के संबंध में केवल विश्वसनीय माध्यमों से ही जानकारी प्राप्त करें। ऐसे में केंद्र या राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए वेबसाइट व हेल्पलाइन से जानकारी लेना लाभकारी है । व्हाट्सएप, फेसबुक या अपने पड़ोसी द्वारा बताई गई जानकारी पर जल्द विश्वास न करें और न ही जल्दी चितित हो। स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार लें। पर्याप्त पानी व नींद लेने के साथ प्रतिदिन व्यायाम करें। घर पर खेलना, कुछ नया कौशल सीखने या सिखाने का अभ्यास करें। प्रतिदिन कुछ देर ध्यान करने के साथ दस मिनट तक सांस लेने व छोड़ने की क्रिया का अभ्यास करें। प्रियजनों से फोन से बात करें। साथ ही साबुन या हैंडवाश से हाथ धोते हुए शारीरिक दूरी हर हाल में बनाए रखें। सरकार व प्रशासन द्वारा आप की सुरक्षा के लिए जो नियम बनाए जाए उसका पालन करें। - गर्भनिरोधकों पर अब नहीं देना होगा किसी भी प्रकार का चार्ज, होगी सिर्फ फ्री सप्लाई• स्वास्थ्य एवं परिवार परिवार मंत्रालय ने पत्र जारी कर दी जानकारी• एचडीसी योजना में किया गया बदलाव
रायपुर, मई 8 :कोरोना संक्रमण के दौरान सरकार द्वारा जहाँ इसकी रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं, वहीँ अन्य जरुरी स्वास्थ्य सुविधाओं का भी ख्याल रखा जा रहा है I इस दिशा में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार ने परिवार नियोजन सुविधाओं में भी एक नया बदलाव किया हैI वर्ष 2011 में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर-घर जाकर गर्भनिरोधक साधनों की होम डिलीवरी करने के मकसद से वर्ष में ‘होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’(एचडीसी) योजना की शुरुआत की गयी थी, जो अभी भी चलायी जा रही है I अब केंद्र सरकार ने इस योजना में बदलाव किया है I इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के जॉइंट कमिश्नर डॉ. सुमिता घोष ने राज्य को पत्र लिखकर एचडीसी योजना में किये गए संसोधन के विषय में जानकारी दी है I
गर्भनिरोधकों की हो रही थी दो तरीके से सप्लाई:
पत्र में बताया गया है कि योग्य दम्तियों के लिए उनके घर पर ही गर्भनिरोधक साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के मकसद से वर्ष 2011 में ‘होम डिलीवरी ऑफ़ कंट्रासेपटिव’(एचडीसी) योजना की शुरुआत की गयी थी I जिसमें आशा घर-घर जाकर योग्य दम्पतियों को गर्भनिरोधक देती थी I अभी भी यह योजना देश में लागू है जिसमें गर्भनिरोधकों की सप्लाई दो तरीके से की जा रही थी I पहले तरीके में घर-घर जाकर गर्भनिरोधकोण की सप्लाई आशा द्वारा की जा रही थी जिसे ‘एचडीसी’ सप्लाई नाम दिया गया है I इसके लिए लाभार्थी को एचडीसी पैकेट पर अंकित मूल्य के हिसाब से भुगतान करना पड़ता था I वहीँ फ्री सप्लाई कंपोनेट के तहत गर्भनिरोधक साधनों की सप्लाई स्वास्थ्य उपकेंद्रों सहित अन्य सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उपलब्ध करायी जा रही थी I
योजना के तहत अब होगी सिंगल पैकेजिंग:
केंद्र सरकार के पत्र का हवाला देते हुए, उप संचालक, परिवार कल्याण, छत्तीसगढ़, डॉ अखिलेश त्रिपाठी ने बताया एचडीसी योजना के तहत एचडीसी सप्लाई एवं फ्री सप्लाई के दो विभिन्न पैकेजिंग भी की जा रही थी ताकि एचडीसी एवं फ्री सप्लाई में अंतर किया जा सके, लेकिन योजना की समीक्षा में यह पाया गया कि दो विभिन्न पैकेजिंग के कारण इसकी सप्लाई की ट्रैकिंग में भी समस्या देखी गयी I कभी-कभी एचडीसी सप्लाई पैक्स नहीं रहने की दशा में आशाओं को फ्री सप्लाई पैक्स ही दी जाती थी I जिससे रिपोर्टिंग में दिक्कत होती थी एवं इसकी सप्लाई करने पर आशा लाभर्थियों से कोई चार्ज भी नहीं कर पाती थी I इसलिए इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने यह फैसला किया है कि गर्भनिरोधकों की अब केवल फ्री सप्लाई ही की जाएगी I एचडीसी सप्लाई ,जिसमें लाभार्थी को उनके घर जाकर आशा द्वारा गर्भनिरोधक दी जाती थी, उसकी जगह केवल फ्री सप्लाई की सिंगल पैकेजिंग की जाएगी.
बचे हुए एचडीसी सप्लाई की खपत करें सुनिश्चित :
पत्र के माध्यम से बताया गया फ्री सप्लाई पैकेजिंग में कंडोम, ओरल कॉण्ट्रासेपटिव पिल्स एवं इमरजेंसी कंट्रासेपटिव पिल्स शामिल होंगे I साथ अब ड्यूल पैकेजिंग की तहत सिंगल पैकेजिंग ही की जाएगी I इसके लिए सभी राज्यों को इस संशोधित योजना को कार्यान्वित करने के निर्देश दिए गए हैं एवं पूर्व में बचे हुए एचडीसी सप्लाई की भी खपत करने की सलाह दी गयी है I -
रेड क्रॉस मतलब वैश्विक आपदा में सहयोग की भावना जागृत करना
रायपुर 7 मई : ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’को मनाने का उद्देश्य आपदा या युद्ध की स्थिति में फंसे लोगों को इस स्थिति से बाहर निकालना और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की मदद करना है। अंतर्राष्ट्रीय रेड क्रॉस सोसायटी के संस्थापक, सन्1901 में नोबेल पुरस्कार पाने वाले पहले व्यक्ति जीन हेनरी ड्यूनेंट के जन्मदिन के अवसर पर हर वर्ष 8 मई को दुनिया भर में ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ मनाया जाता है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे पर ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस और रेड क्रेसेंट मूवमेंटके सिद्धांतों को बढ़ावा देना और इसकी खुशी मनाना है। वर्ल्ड रेड क्रॉस डे ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी के वॉलंटियर और उनके काम को समर्पित होता है।
कोरोना महामारी(कोविड-19) में लोगों को जागरूक करने की प्रक्रिया अनवरत रूप से चल रही है। रेडक्रास के राज्य प्रभारी समीर यादव ने बताया इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष एवं राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उईके के मार्गदर्शन में जिला शाखाओ द्वारा कोविड-19 के संक्रमण के रोकथाम में प्रदेश में 1000 रेडक्रॉस वालेंटियर्स सेवाएं दे रहे है जिससे लगभग 18000 लोगो को राहत पहुचायी गयी है। उन्होने बताया रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा मास्क एवं सेनेटाइजर का वितरण,सोशल डिस्टेंसिंग के लिए जागरूकता कार्यक्रम,सामुदायिक किचन,और क्वारेंटाइन किये गए लोगो के लिए दैनिक आपूर्ति की सामग्री बांटी जा रही है।जन जागरूकता हेतु पम्पलेट और अन्य सामग्री का वितरण;एवं जगदलपुर जेल से लगभग 10,000 मास्क एवं आजीविका मिशन से लगभग 15,000कपड़ो के मास्क क्रय कर वितरण भी किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय स्वयं सेवक दिवस के रूप में मनाया जाने वाला वर्ल्ड रेड क्रॉस डे ‘इंटरनेशनल रेड क्रॉस सोसायटी’ के वॉलंटियर और उनके काम को समर्पित होता है। भारत में इंडियन रेड क्रॉस सोसाइटी ब्लड बैंक और टीबी को लेकर प्रमुख रूप से काम कर रही है। भारत में रेड क्रॉस की 700 से अधिक ब्रांच हैं हर वर्ष ‘वर्ल्ड रेड क्रॉस डे’ दुनिया भर में लोगों का जीवन बचाने के लिए मनाया जाता है। इस सोसाइटी का नारा है:`अपने अन्दर के स्वयं सेवक को पहचानें’। इसके मुख्य सिद्धांतों में मानवता, स्वतंत्रता, निष्पक्षता, तटस्थता, सार्वभौमिकता, स्वैच्छिकता और एकता शामिल हैं। -
छत्तीसगढ़ के लिए राहत की खबर आई है एम्स ने 2 और कोरोना मरीजों के स्वस्थ्य होने की जानकारी दी है स्वस्थ्य हुए लोगों में एम्स का नर्सिंग स्टाफ भी है, जो पिछले दिनों ड्यूटी के दौरान संक्रमित हो गया था अब प्रदेश में कुल 21 एक्टिव केस बचे हैं जिनमे रायपुर से 1, सूरजपुर से 5, दुर्ग से 9 और कबीरधाम से 6 मरीज शामिल हैं। फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर है.
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- आवागमन सेवा बाधित होने से इलाज के लिए नहीं पहुंच रहे बच्चे
- लॉकडाउन के पूर्व 9 बच्चों का चल रहा था इलाज
रायपुर 7 मई : कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी संक्रमण के दौरान संपूर्ण देश में तीसरे चरण का लॉकडाउन है। ऐसे समय में अतिकुपोषित बच्चों को इलाज मुहैय्या कराने की आवश्यकता को देखते हुए कुपोषित और एनीमिक बच्चों के लिए एनआरसी सेंटर, न्यूट्रीशन रिहैब्लीटेशन सेंटर या पोषण पुनर्वास केन्द्र से पुनः इलाज की सुविधा मुहैय्या कराई जा रही है। लॉकडाउन में थोड़ी ढील प्रशासन से मिलने के बाद कालीबाड़ी अस्पताल में उक्त सेंटर पुनः शुरू किया गया है। हालांकि आवागमन का साधन उपलब्ध नहीं होने की वजह से सेंटर खुलने पर अभी एक बच्ची ही पहुंची है जिसका इलाज जारी है।
इससे पूर्व लॉकडाउन की इस घड़ी में कालीबाड़ी एनआरसी सेंटर के विशेषज्ञों द्वारा फोन के माध्यम से कुपोषित बच्चों को आवश्यक चिकित्सकीय परामर्श प्रदान किया जा रहा था। साथ ही वजन की जांच के लिए भी अन्य माध्यमों का सहारा लेकर उनकी निगरानी रखी जा रही थी। महामारी संक्रमणकाल के पूर्व पोषण पुनर्वास केन्द्र में 9 बच्चों का इलाज हो रहा था जिन्हें लॉकडाउन की वजह से घर भेज दिया गया था । परंतु फोन पर ही उनका फॉलोअप जारी था। एनआरसी सेंटर इंचार्ज व शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलय मोझरकर का कहना है शहरी क्षेत्र के बच्चे सेंटर में ज्यादा आते हैं। अतिकुपोषित बच्चों को भर्ती कर इलाज परम आवश्यक होता है। अप्रैल 2019 से मार्च 2020 तक 162 अतिकुपोषित और रक्तअल्पता वाले बच्चों का इलाज सेंटर में हुआ है। सेंटर के जरिए कई ऐेसे मरीजों को भी दाखिल कर पूर्णतः स्वस्थ्य किया गया है जिनका हीमोग्लोबिन सामान्य स्तर से काफी कम था । ऐसे बच्चों को दवाईयों और देखभाल से उन्हें स्वास्थ्य लाभ पहुंचाया है।
18 माह की बच्ची पहुंची सेंटर- एनआरसी सेंटर के पुनः खुलते ही 18 माह की बच्ची रोशनी (काल्पनिक नाम) अस्पताल पहुंची है। डॉ. निलय के अनुसार बच्ची का वजन 4.2 किग्रा है, बच्ची को दाखिल कर इलाज जारी है। आने-जाने का साधन नहीं मिलने की वजह से अभी सेंटर आने वाले बच्चों की संख्या कम है ।
इनका प्रशिक्षण भी - सेंटर इंजार्ज डॉ. निलय मोझारकर के अनुसार सेंटर में 10 बिस्तरों की व्यवस्था है जिसमें 6 माह से 5 वर्ष के बच्चों का इलाज होता है। परंतु कई बार ऐेसी स्थिति होती है कि यह बिस्तर भी कम लगने लगते हैं। प्रतिवर्ष लगभग 1000 से अधिक बच्चे सेंटर में उपचार के लिए आते हैं जिन्हें परामर्श या भर्ती कर ( जैसा उचित हो) इलाज किया जाता है। भर्ती के दौरान बच्चों की मां या उनकी देखभाल करने वालों को घर में मौजूद सामान से भोजन को कैसे पौष्टिक बनाया जाए इसका प्रशिक्षण दिया जाता है। इसके अलावा आयरन, फोलिक एसिड खुराक, कृमि नाशक दवाएं, टीकाकरण आदि के बारे में भी बताया जाता है। छुट्टी के बाद बच्चों का फालोअप भी होता है जो 15-15 दिनों के अंतराल पर बच्चों को बुलाकर किया जाता है। एनआरसी में रहने वालों को सरकार की ओर से मुफ्त में खाना और अटेंडेंट को 2250 रूपए (15 दिनों के हिसाब से) दिया जाता है। - रायपुर, 06 मई : राजधानी के आमानाका इलाके के कुकुरबेड़ा मुहल्ले में कोरोना पॉजिटिव 24 वर्षीय युवक के मिलने के बाद आसपास क्षेत्र को कंटेंमेंट जोन घोषित कर दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा पं.रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से लगे कंटेंमेंट एरिया जो कि प्रभावित इलाका कुकुरबेडा के 1500 घरों का सर्वे करने एक टीम में एक एएनएम और दो मितानिनों की 20 टीमें बनाई गई हैं। कंटेंमेंट जोन के 12000 लोगों का सर्वे कर कोरोना वायरस के लक्षण जैसे सर्दी, सांस लेने में तकलीफ, खांसी व बुखार के मरीज मिलने स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। सर्वे टीम को मंगलवार के दिन 700 घरों के 6000 लोगों की जांच में सर्दी, खांसी व बुखार के लक्षण वाले संदिग्ध लोगों का भी सेम्पल लिया जाएगा। आज लगातार दूसरे दिन भी 800 घरों का सर्वे किया गया है। कोरोना पाजेटिव युवक के क्लोज कांटेक्ट में आने वाले 38 लोगों का भी स्वास्थ्य जांच किया जा रहा है। इसमें से सभी का सेम्पल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजा गया है। युवक के क्लोज कांटेक्ट में आने वाले 16 लोगों को क्वारेंटाइन किया गया है।
सीएमएचओ डॉ. मीरा बघेल ने बताया, कुकुरबेड़ा मुहल्ले में कोरोना पॉजेटिव केस मिलने के बाद पूरे इलाके को कलेक्टर क निर्देश पर सील कर दिया गया है। वहीं बाहरी लोगों की आवाजाही बंद कर दिए गए हैं। मुहल्ले के लोगों को सिर्फ इमेंजेंसी सेवा के लिए ही घर से निकलने की इजाजत दी गई है। साथ कंटेंमेंट जोन के किराना दुकानों को भी 14 दिन के लिए बंद कराया गया है। कंटेंमेंट एरिया के अस्पतालों में इलाज के लिए आने वाले सर्दी, खांसी, बुखार के मरीजों की पहचान कर सेम्पल लिया जाएगा।
नगर निगम जोन -8 ने कुकुरबेडा एवं उसके आसपास के एरिया सहित कंटेंमेंट जोन के पूरे एरिया को लगातार दूसरे दिन एन्टी कोरोना वायरस स्प्रे करके सेनेटाइज किया। नगर निगम के जोन स्वास्थ्य अधिकारी आत्मानन्द साहू के निर्देश पर कुकुरबेडा में एवं आसपास के स्थानों में कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए कोरोना पॉजिटिव मरीज के पूरे घर सहित पूरे कंटेंमेंट जोन एरिया को सेनेटाइज किया जा रहा है। पूरे कुकुरबेडा सहित कंटेंमेंट जोन के सम्पूर्ण क्षेत्र में नालो व नालियों के किनारे चूना एवं ब्लीचिंग पाउडर का सघन तरीके से छिड़काव भी कराया जा रहा है। -
रायपुर : आज सोनिया गांधी की अध्यक्षा में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक हुआ कोरोना संकट को लेकर सोनिया गांधी ने बैठक में उपस्थित सभी मुख्यमंत्रियों से चर्चा की जिसके बाद सोनिया गांधी केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की 17 मई के बाद लॉकडाउन को लेकर सरकार की आगे की क्या रणनीति है? राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लॉकडाउन के तीसरे चरण के बाद की रणनीति के बारे में पता होना चाहिए. सोनिया गांधी द्वारा आयोजित इस बैठक में प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित होकर छत्तीसगढ़ में कोरोना से बचाव और रोकथाम, लॉक डाउन के संबंध मेंं आगे की रणनीति की जानकारी दी।
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रायपुर : शंकर नगर इलाके में पुलिस ने 50-50 रुपए के नोट बरामद किया है पुलिस ने नोटों को सेनेटाइज कर जब्त कर ली है।
यह नोट किसने फेंका इसकी जांच की जा रही है और आगे की कार्रवाई की जा रही है.
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· यूनिसेफ, डब्ल्यूएफपी सहित अन्य संस्थाओं ने तैयार की मार्गदर्शिका
· कोरोना के बीच माताओं के बेहतर पोषण को सुनिश्चित करने की दी सलाह
· कोरोना काल में मातृ पोषण कार्यक्रमों के बेहतर संचालन को लेकर मार्गदर्शन
रायपुर 5 मई : कोरोना संक्रमणकाल में लोगों का पूरा ध्यान इस संक्रमण से बचाव की तरफ है। वैश्विक स्तर पर इसकी रोकथाम के प्रयासों के साथ उपचार की तकनीक विकसित करने पर भी कार्य किया जा रहा है । महामारी के इस दौर में मातृ स्वास्थ्य के लिए भी कई चुनौतियाँ बढ़ी है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण एक तरफ मातृ पोषण सेवाओं को प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रम प्रभावित हुए हैं तो दूसरी तरफ़ मातृ आहार एवं पोषण पर महिलाओं में जागरूकता बढ़ाने की समस्या भी बढ़ी है। इसको ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, वर्ल्ड फ़ूड प्रोग्राम(डब्ल्यूएफपी), ग्लोबल न्यूट्रीशन क्लस्टर्स एवं ग्लोबल टेक्निकल एस्सिटेंस मैकेनिज्म फॉर न्यूट्रीशन ने संयुक्त रूप से मातृ आहार एवं पोषण सेवाओं को लेकर मार्गदर्शिका तैयार की है जिसमें कोरोना संक्रमण के इस दौर में मातृ आहार एवं पोषण को सुरक्षित करने के लिए विस्तार से जानकारी दी गयी है।
इसलिए जरुरी है मातृ आहार एवं पोषण पर अधिक ध्यान देना:
जारी मार्गदर्शिका में बताया गया है बेहतर मातृ पोषण सुनिश्चित कराना पहले से ही एक चुनौती रही है लेकिन कोरोना महामारी ने इस समस्या को और गति दी है जबकि महिलाओं के लिए बेहतर पोषण की जरूरत अधिक है। गर्भावस्था से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए पोषक आहार एवं बेहतर पोषण की जरूरत बढ़ जाती है। महामारी के कारण पोषक आहारों की अनुपलब्धता भी देखी गयी है। इससे मातृ पोषण भी प्रभावित हुआ है।
एक तरफ विश्वव्यापी लॉकडाउन के कारण आम लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं जिससे पोषक आहारों की उपलब्धता बाधित हुयी है और दूसरी तरफ कोरोना रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग की संलिप्तता के कारण मातृ पोषण सेवाएं भी अच्छे तरीके से सुचारू नहीं हो पा रही हैं। वहीं विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक कारण एवं लिंग आधारित भेदभाव भी माताओं के बेहतर पोषण में बाधक बना है। कोरोना संक्रमण काल में महिलाएं भी घर से नहीं निकल रही हैं एवं उन्हें पोषण पर जरुरी सलाह भी प्राप्त नहीं हो पा रही है। इन वजहों के कारण महिलाओं में चिंता, अवसाद, ट्रामा एवं मानसिक परेशानी भी बढ़ रही है। साथ ही घरेलू हिंसा के मामलों एवं सामजिक सहयोग में कमी भी महिलाओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसलिए यह जरुरी हो जाता है कि कोरोना संक्रमण काल में इन बाधाओं को देखते हुए मातृ आहार एवं पोषण सेवाओं पर आम जागरूकता भी बढाई जाए एवं संबंधित सेवाओं को भी दुरुस्त किया जाए।
जरुरी कार्रवाई से सुधार है संभव:
· सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाता एवं निजी सेक्टर कोरोना के दौर में महिलाओं के लिए आहार की उपलब्धता को फंडामेंटल राईट के तहत सुनिश्चित करें ।
· महिलाओं कीपोषण जरूरत को अधिक प्राथमिकता दें. विशेषकर कुपोषित, कम वजन, हाइपरटेंसिव, गर्भावस्था में मधुमेह से पीड़ित, एनीमिक, एचआइवी-एड्स पीड़ित, किशोरी एवं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही महिलाओं के लिए बेहतर पोषण की अधिक जरूरत है ।
· लिंग आधारित भेदभाव को दूर करते हुए महिलाओं के लिए बेहतर आहार एवं पोषण की उपलब्धता सुनिश्चित करना ।
· सामुदायिक सहभागिता के जरिए महिलाओं को कोरोना पर जागरुक करना एवं स्थानीय स्तर पर सेवा प्रदाताओं की इसमें सहभागिता सुनिश्चित कराना ।
पोषण जरूरत को पूरा करने के लिए दी गयी सलाह:
· महिलाओं के जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को अंतराष्ट्रीय सलाह के मुताबिक जारी रखनाजैसे प्रसव पूर्व जांच एवं प्रसव उपरांत जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को जारी रखना ।
· 2 से 3 महीने के लिए जरुरी पोषण सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करना(आयरन की गोली एवं कैल्शियम की गोली) ।
· लॉन्ग टर्म निति निर्माण के तहत स्थानीय स्तर पर पोषक, सुरक्षित एवं सस्ते आहारों की उपलब्धता सुनिश्चित कराना ।
· सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के तहत महिलाओं की पोषण जरूरत को पूरा करने की दिशा में कार्य करना । - रायपुर : गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी’ ने कोरोना पीड़ितों, गरीबों, मजदूरों और जरूरतमंदों के सहयोग के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में दो लाख रुपए की सहायता राशि दी है। नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया ने अकादमी की ओर से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को सहायता राशि का चेक सौंपा ।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए सतनामी समाज की वर्षो पुरानी समिति ‘गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी’ में सहयोग की मुहिम समिति की संरक्षक श्रीमती शकुन डहरिया ने शुरू की थी। मुख्यमंत्री ने इस सहयोग के लिए अकादमी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सतनामी समाज सदैव संकट की घड़ी में मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाया है, जो सभी के लिए प्रेरणादायी है। प्रतिनिधि मंडल मेें अकादमी के प्रदेशाध्यक्ष श्री के.पी. खाण्डे, डाॅ. जे.आर. सोनी, श्री डी.एस. पात्रे और श्री चेतन चंदेल शामिल थे। - रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लगातार ड्यूटी कर कानून व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे पुलिस कर्मियों के निःशुल्क नाश्ता, दोपहर और रात्रि के भोजन की पूर्व स्वीकृत दरों में वृद्धि करने के निर्देश गृह विभाग को दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर त्वरित अमल करते हुए गृह विभाग द्वारा पुलिस कर्मियों के नाश्ता की पूर्व स्वीकृत दर 15 रूपए प्रति प्लेट से बढ़ाकर 20 रूपए प्रति प्लेट कर दिया गया है। इसी तरह दोपहर के भोजन की पूर्व स्वीकृत दर 30 रूपए प्रति प्लेट से बढ़ाकर 50 रूपए प्रति प्लेट और रात्रि के भोजन की पूर्व स्वीकृत दर 30 रूपए प्रति प्लेट को बढ़ाकर दैनिक व्यय सीमा 70 रूपए किया गया है। पुलिस कर्मियों के लिए नाश्ता और भोजन के लिए पूर्व स्वीकृत दरें 8 फरवरी 2013 से लागू थी, मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर गृह विभाग द्वारा इसमें बढ़ोत्तरी की गई है।
- रायपुर : कोरोना वायरस (कोविड-19) के तहत देशव्यापी लॉक डाऊन के कारण मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों एवं अन्य प्रवासियों को छत्तीसगढ़ लाने तथा यहां से उक्त तीनों राज्यों में जाने वालों का डाटाबेस तैयार कर लिया गया है। श्रमिकों को लाने तथा यहां से भेजे जाने की कार्ययोजना को भी अंतिम रूप दिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उक्त कार्यवाही के लिए श्री अविनाश चंपावत, सचिव, छ.ग. शासन जल संसाधन विभाग (मोबाइल नं.93992-73076) को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्ति किया गया है।
सचिव जल संसाधन श्री अविनाश चंपावत ने बताया कि विभाग के स्टेट डाटा संेटर में मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान राज्य के लिए जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की अलग-अलग टीम बनाकर श्रमिकों एवं प्रवासियों से बीते दो मई से लगातार सम्पर्क कर उनकी जानकारी तैयार की जा रही है। उन्होंने बताया मध्यप्रदेश राज्य के लिए श्री प्रभांशु मित्र वर्मा मो. नं. 74705-71991 एवं 91795-71987, ई-मेल [email protected] गुजरात राज्य के लिए श्री जयंत दास मो. नं. 93014-79765 एवं 83497-85420, ई-मेल [email protected] तथा राजस्थान राज्य के लिए श्री मनीष थवाइत मो. नं. 73987-85120 एवं 95896-99353 ई-मेल [email protected] को सहायक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उक्त अधिकारियों के व्हाटसऐप नं0 में मध्यप्रदेश, गुजरात एवं राजस्थान से श्रमिकोें एवं अन्य प्रवासियों द्वारा लगातार संपर्क किया जा रहा हैं। क्रियाशील हेल्पलाईन पर अब तक राजस्थान से छत्तीसगढ़ आने वाले 5130 प्रवासियों एवं छत्तीसगढ़ से राजस्थान जाने वाले 3952 प्रवासियों का डाटा बेस तैयार किया जा चुका है। इसी प्रकार गुजरात से छत्तीसगढ़ आने वाले 499 प्रवासियो एवं मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ आने वाले 445 प्रवासियों का डाटा बेस तैयार किया गया है। डाटा बेस के अनुसार इन प्रवासियों को छत्तीसगढ़ लाने की योजना तैयार की जा रही है। -
कोरोना वायरस को हराने मितानिन कर रही गृह भ्रमण
बुखार, सूखी खांसी, हांफना, सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षणों का मितानिन द्वारा सर्वे
रायपुर, 23 अप्रेल 2020। कोरोना वायरस के समुदाय में संक्रमण को रोकने के लिए इसके शुरुआती लक्षण के आधार पर मितानिन द्वारा राजधानी के शहरी इलाके के घर-घर सर्वे किया जा रहा है। लॉक डाउन के दौरान सोशल डिसटेंसिंग को कारगर मानते हुए महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने लोगों में सूखा खांसी, सांस लेने में तकलीफ, हांफनाव बुखार आने जैसे लक्षणों की पहचान जा रही है।
रायपुर व बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 20 मार्च से शुरु हुए परिवार भ्रमण अभियान में 22 अप्रेल तक 1 लाख परिवारों के 5 लाख से ज्यादा लोगों का सर्वे किया गया। कोरोना वायरस से संबंधित 30 मार्च तक कुछ लोगों में सूखी खांसी व बुखार के मामूली लक्षण मिले जिनका स्थानीय स्तर पर इलाज करा लिया गया। वहीं एक अप्रेल से 22 अप्रेल के बीच में इस तरह के लक्षण कोई भी परिवार में नहीं मिला है।
शहरी मितानिन प्रोग्राम के कॉडिनेटर सुश्री रानू मिंज ने बताया, शहरी क्षेत्र में लगभग 10,155 मितानिनों द्वारा रोजाना परिवार भ्रमण कर समुदाय व पारा स्तर पर सर्वे कर लोगों को जागृत किया जा रहा है। वहीं सर्वे के दौरान कोरोना वायरल को लेकर कोई भी लक्षण नजर आने पर तत्काल संबंधित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सक को मरीज का रिपोर्ट भेजा जाता है। मितानिन कॉडिनेटर सुश्री मिंज ने बताया, रायपुर व बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में 2.20 लाख परिवारों के लगभग 17 लाख की जनसंख्या निवासरत् हैं। राज्य शासन द्वारामितानिनों को कोरोना वायरस के संदर्भ में कार्य करने के लिए प्रोत्साहन राशि भी प्रदान किया जाएगा। कोरोना वायरस संक्रमण से समुदाय के बचाव के लिए वर्तमान परिदृश्य में व्यापक समुदायिक जागरुकता की आवश्यकता है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा समुदाय में संक्रमण के फैलाव की संभावना को कम करने के लिए समुदाय व पारा स्तर पर क्रियांवित की जाने के लिए आवश्यकता दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। सर्वे को लेकर इलाकों का चयन व गतिविधियों के क्रियांवयन का दायित्व खंड चिकित्सा अधिकारियों को सौंपा गया है जो मितानिन ट्रेनर एवं खंड समन्वयकों के माध्यम से मितानिनों से संपर्क बनाये हुए हैं। संपूर्ण गतिविधियों के लिए मार्गदर्शन एवं कार्य की निगरानी सुनिश्चित करेंगे।
रायपुरा क्षेत्र के मितानिन ट्रेनर श्रीमति सरिता साहू ने बताया मितानिनों द्वारा उनके निर्धारित परिवारों में भ्रमण का कार्य को पूरा करने लॉकडाउन अवधि में पूर्ण करने की कार्य योजना बनाई गयी है। उन्होंने बताया कोरोना संक्रमण एवं इससे बचाव के संबंध में प्राप्त प्रशिक्षण व पाम्पलेट के आधार पर समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना। मितानिन ट्रेनर ने बताया रायपुरा वार्ड में 21 मितानिन परिवार भ्रमण कर सर्वे कार्य में जुटी हुयी हैं। मितानिनों द्वारा रायपुरा में कुल 3130 घरों में निवासरत 13320 लोगों का सर्वे कर बुखार,सूखी खांसी जैसे लक्षणों की जांच की जा रही है। वार्ड में अब तक 70 प्रतिशत परिवारों का मितानिनों ने परिवार भ्रमण कर लिया है। उन्होंने बताया, इस दौरान विगत 14 दिवसों में यात्रा किये हुए व्यक्तियों एवं कोरोना पॉजिटिव प्रकरण के संपर्क में आये व्यक्तियों को चिंहांकित कर स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जा रहा है।
होम क्वारेंटिन किये गये व्यक्तियों द्वारा घर में रहने की समझाइश का पालन हो, इसके लिए फॉलोअप करने की जिम्मेदारी मितानिनों को दी गई है। शहरी क्षेत्रों में महिला आरोग्य समिति के सदस्यों के माध्यम से समुदाय की सहभागिता कोबढाया जा रहा है। मितानिनों द्वारा परिवार भ्रमण में इन परिवारों या व्यक्तियों को प्राथमिकता दी जाएगी। होम (गृह)क्वारेंटिन में रखे गये व्यक्ति, विगत 15 दिवसों में यात्रा किये व्यक्ति, 60 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति,व्यक्ति जिनमें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग अथवा सांस संबंधित रोग होने पर सावधानियां बनाए रखना हैं।
मितानिनों द्वारा जागरुकता व परिवार भ्रमण कार्य -
कोरोना संक्रमण पर समुदाय को स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करना।
संक्रमण के लक्षणों, इसके फैलने के तरीके, बचाव के उपाय ।
विशेष कर साबुन से बार-बार हाथ धोना।
मुंह-नाक ढकना एवं 6 फुट की दूरी बनाये रखने की जानकारी देना एवं अभ्यास करवाना।
व्यक्तियों में संक्रमण के लक्षण का पता लगाकर खंड चिकित्सा अधिकारी को सूचित करना।
मुहल्ले में जिन व्यक्तियों के जांच के लिए नमूने लिये हों उसका फॉलोअप करना।
वृद्व जनों एवं लम्बी बीमारियों से पीडि़त व्यक्तियों के स्वास्थ्य की स्थिति का पता लगाना।
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रायपुर छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा आज दिनक 14 अप्रैल को समस्त कलेक्ट, आबकारी आयुक्त प्रबंध संचालको र सचिव को पत्र जारी करते हुए आदेशित किया गया है की छत्तीसगढ़ राज्य के सभी रेस्टोरेन्ट बार होटल,देसी विदेशी मदिरा दुकाने नोबल कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते 15 अप्रैल 2020 से 21 अप्रैल 2020 बंद रखने के निर्देश दिए गए है एवं रायपुर जिला कलेक्टर के आदेश अनुसार जिले में धारा 144 21 अप्रैल तक लागु रहेगा
- बुजुर्गों के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, खान-पान का ध्यान सहितमास्क, सेनेटाइजेशन की पुख्ता व्यवस्थाकोरोना वायरस संक्रमण का वरिष्ठ नागरिकों पर अधिक प्रभाव के जोखिम को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा दिये गए दिशानिर्देश पर समाज कल्याण विभाग अंतर्गत संचालित वृद्धाश्रमों में विशेष प्रबंध किये गए हैं। बुजुर्गों के स्वास्थ्य परीक्षण, खान-पान पर ध्यान देने सहित सेनेटाइजेशन, साफ-सफाई और मास्क की पुख्ता व्यवस्था की गई है। सुरक्षा की दृष्टि से लाॅकडाउन के लागू होते ही बुजुर्गों के बाहर जाने और बाहरी व्यक्तियों के वृद्धाश्रम में आने-पाने पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। ऐसे बुजुर्ग जिन्हें किसी तरह की स्वास्थ्यगत परेशानी है, उन्हें अलग कमरे में रखने के प्रबंध किये गए हंै। इसके साथ ही कोविड-19 संक्रमण से बचाव और रोकथाम के लिए विभागीय अमले को प्रशिक्षित किया गया है। बुजुर्गों को भी समय-समय पर संक्रमण से बचाव की समझाईश दी जा रही है। व्यवस्थाओं का जायजा लेने विभागीय अधिकारियों द्वारा संस्थाओं की नियमित माॅनिटरिंग भी की जा रही है। लाॅकडाउन के दौरान खुद मुख्यमंत्री और विभागीय मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया ने वृद्धाश्रम पहुंचकर बुजुर्गों के लिए की गई व्यवस्था का जायजा लिया।उल्लेखनीय है कि प्रदेश में विभाग के अंतर्गत संचालित शासकीय और अशासकीय संस्थाओं में कई बुजुर्ग, दिव्यांग, निराश्रित, विशेष आवश्यकता वाले बच्चों सहित जरूरतमंद लोगों को आश्रय दिया गया है। वर्तमान में इन वृद्धाश्रमों में 496, निःशक्त कल्याण संस्था में 252, प्रशामक गृह में 29 और घरौंदा गृह में 127 हितग्राही निवासरत हैं।विभागीय सचिव श्री प्रसन्ना आर. ने बताया कि लाॅकडाउन लागू होते ही मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विशेष रूप से निर्देशित किया था कि बुजुर्गों को किसी तरह की परेशानी न हो और उन्हें सुरक्षित रखा जाए। उन्होंने बताया कि मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया के मार्गदर्शन में विभाग द्वारा बुजुर्गाें सहित सभी जरूरतमंद लोगों के स्वास्थ्य और पोषण का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। इसके लिए वृद्धाश्रमों में चिकित्सकों द्वारा बुजुर्गाें की नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जा रही है। उनके उचित खान-पान विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संक्रमण से बचाव के लिए नियमित रूप से आश्रम को सेनिटाइज किया जा रहा है। कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव के लिए उचित साफ-सफाई, सेनिटाइजेशन, सामाजिक दूरी सहित जरूरी सावधानियों को ध्यान में रखा जा रहा है।
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कोविड-19 के उपचार के लिए सारी तैयारियां यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश
रायपुर : स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज शाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय पहुंचकर कोविड-19 के इलाज के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां सभी तैयारियां यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड-19 के इलाज के दौरान यहां से स्थानांतरित होने वाले विभागों की भी जानकारी ली। श्री सिंहदेव ने यहां आईसीयू के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही सभी आवश्यक सावधानियां बरतने कहा। उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल को कोविड-19 के उपचार के लिए 500 बिस्तरों का विशेषीकृत अस्पताल बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में छोटे बच्चों की गहन चिकित्सा इकाई नियोनेन्टल केयर यूनिट की व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का भी निरीक्षण किया। ये दोनों विभाग अस्थायी रूप से पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय में स्थानांतरित हो रहे हैं। श्री सिंहदेव ने शिशु रोग वार्ड के भ्रमण के दौरान वहां भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के परिजनों को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने कहा। उन्होंने परिजनों से अस्पताल के मॉड्यूलर किचन से मरीजों के लिए आने वाले भोजन के बारे में भी पूछा। इस पर परिजनों ने कहा कि यहां मिलने वाला वाला भोजन पैक्ड एवं हाइजेनिक रहता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित आईसीयू की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोविड-19 के उपचार के लिए निर्मित आईसोलेशन वार्ड और निर्माणाधीन आईसीयू को भी देखा। श्री सिंहदेव ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पूरी तरह पालन किया। भ्रमण के दौरान रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विष्णु दत्त, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनित जैन और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. माणिक चटर्जी ही उनके साथ मौजूद थे।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज शाम डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय पहुंचकर कोविड-19 के इलाज के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने यहां सभी तैयारियां यथाशीघ्र सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कोविड-19 के इलाज के दौरान यहां से स्थानांतरित होने वाले विभागों की भी जानकारी ली। श्री सिंहदेव ने यहां आईसीयू के निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों को सामाजिक दूरी का पालन करने के साथ ही सभी आवश्यक सावधानियां बरतने कहा। उल्लेखनीय है कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर अस्पताल को कोविड-19 के उपचार के लिए 500 बिस्तरों का विशेषीकृत अस्पताल बनाया जा रहा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल में छोटे बच्चों की गहन चिकित्सा इकाई नियोनेन्टल केयर यूनिट की व्यवस्थाओं को देखा। उन्होंने स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का भी निरीक्षण किया। ये दोनों विभाग अस्थायी रूप से पंडरी स्थित जिला चिकित्सालय में स्थानांतरित हो रहे हैं। श्री सिंहदेव ने शिशु रोग वार्ड के भ्रमण के दौरान वहां भर्ती बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्होंने मरीजों के परिजनों को सोशल डिस्टेंसिंग और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखने कहा। उन्होंने परिजनों से अस्पताल के मॉड्यूलर किचन से मरीजों के लिए आने वाले भोजन के बारे में भी पूछा। इस पर परिजनों ने कहा कि यहां मिलने वाला वाला भोजन पैक्ड एवं हाइजेनिक रहता है।
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पताल के प्रथम तल पर स्थित आईसीयू की व्यवस्था का भी निरीक्षण किया। उन्होंने कोविड-19 के उपचार के लिए निर्मित आईसोलेशन वार्ड और निर्माणाधीन आईसीयू को भी देखा। श्री सिंहदेव ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य सावधानियों का पूरी तरह पालन किया। भ्रमण के दौरान रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय के डीन डॉ. विष्णु दत्त, अम्बेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. विनित जैन और एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ. माणिक चटर्जी ही उनके साथ मौजूद थे।
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राजधानी में पीलिया के प्रकरणों की मॉनिटरिंग व नियंत्रण के लिए दो प्रभारी नियुक्त
रायपुर, 11 अप्रेल 2020। राजधानी के शहरी क्षेत्रों में कोरोना वायरस महामारी के संदिग्धों की सर्वेक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम को कई इलाकों में पीलिया फैलने की शिकायतें मिली। इसके बाद शिविर लगाकर जांच करने पर कई वार्डों में पीलिया के रोगियों में बढोतरी होने केप्रकरण भी सामने आए|
स्वास्थ्य विभाग ने मुस्तैदी से प्रभावित इलाकों में कैम्प व सर्वे का कार्य तेज कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा शनिवार को आमापारा, मोरेष्वर राव गेंद्रे वार्ड के शिवनगर, दलदल सिवनी, मठपुरैना, चंगोराभांठा वअटारी में आयोजित स्वास्थ्य शिविर में संदेहास्पद कुल 188 मरीजों की जांच की। जांच किए गए मरीजों में से 86 मरीजों के रक्त सेम्पल लिया गया। जांच रिपोर्ट में 44 लोगों का सेम्पल पीलिया पॉजिटिव आने के बाद इन मरीजों को जिला अस्पताल पंडरी में भर्ती कराया दिया गया है। राजधानी में अब तक1969 घरों का गृहभ्रमण कर शिविर में 447 लोगों का जांच किया गया। जांच के बाद संभावित 241 लोगों के रक्त की जांच करायी गई जिसमें 127 लोगों की रिपोर्ट में पीलिया धनात्मक आए हैं।
इसी क्रम में आज शाम रायपुर जिले के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक संचालक महामारी नियंत्रण डॉ. आर.आर. साहनी द्वारा ली गई। बैठक में डॉ. साहनी ने निदेर्शित किया कि शहर के जिन इलाकों में पीलिया प्रभावित प्रकरण मिले हैं उनकी जांच की निशुल्क सुविधा प्रदान की जाए। वहीं पीलिया के मरीजों के इलाज के लिए जिला अस्पताल पंडरी में भर्ती कर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान किया जाए। उन्होंने राजधानी में पीलिया के रोकथाम के लिए दो नोडल अधिकारियों को तत्काल पीलिया के प्रकरणों की मॉनिटरिंग और नियंत्रण के लिए ज़िम्मेदारीदी। उन्होंने कहा पीलिया प्रभावित वार्डों के जनप्रतिनिधियों के समक्ष स्वास्थ्य अमला वाटर सेम्पल लेकर मेडिकल कॉलेज रायपुर में जांच के लिए भेजा जाना सुनिश्चित करें।
संभागीय संयुक्त संचालक डॉ सुभाष पांडेय द्वारा आज दलदल सिवनी में पीलिया नियंत्रण शिविर का निरीक्षण किया गया। शिविर में स्वच्छ पेयजल पीने और फलों को काटकर ताजा सेवन करने की सलाह दी गयी । इन शिविरों के माध्यम से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा पीलिया संभावित मरीजों की जांच एवं उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। डॉ. पाण्डेय ने रायपुर शहर के समस्त नागरिाकों से अपील की है कि दूषित पानी के सेवन से बचे। घर में पानी को 20 मिनट उबालकर व स्वास्थ्य विभाग द्वारा वितरित की जा रही क्लोरीन के टेबलेट का इस्तमाल करें| 20 लिटर पानी में 01 टेबलेट डालकर 30 मिनट बाद उपयोग करें व शर्करा युक्त ताजे फल का इस्तेमाल पीड़ितों को अवश्य किया जाना चाहिए।दलदल सिवनी वार्ड के पीलिया प्रभावित लोगों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा तत्काल शिविर लगाए जाने की सराहना भी की।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मीरा बघेल ने बताया रायपुर शहर में पीलिया ग्रसित मरीजों के उपचार की व्यवस्था जिला चिकित्सालय व शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में की गई है जिसमें निःशुल्क परीक्षण व दवाई वितरण की जा रही है।इसके अलावा भाठागांव वार्ड में गृह भ्रमण के दौरान पीलिया के मरीजों की खोज की गई। शहरी कार्यक्रम अंतर्गत पदस्थ ए.एन.एम. व मितानिनों द्वारा सतत् निगरानी के लिए गृह-भ्रमण कर पीड़ितों की पहचान कर दूषित पेयजल व खान-पान से बचाव की सलाह दी जा रही है।गृह-भ्रमण करते हुए पीड़ित एवं परिजनों की पहचान कर रक्त जांच के लिए सेम्पल प्रयोगशाला भेजे जा रहे है।
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भुगतानसिंचाई परियोजना में सृजित होंगे 26.86 लाख मानव कार्य दिवस
लाॅकडाउन के दौरान 19.87 लाख किसानों को 397.47 करोड़ रूपए भुगतान का प्रस्ताव
मनरेगा के माध्यम से 9,997 बाड़ी का विकास
रायपुर : राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री फसल बीमा के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 3 लाख 93 हजार 763 किसानों को 533 करोड़ 9 लाख रूपए फसल बीमा का दावा भुगतान की राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त दावा की राशि लगभग 101 करोड़ रूपए किसानों को भुगतान करने की कार्यवाही की जा रही है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 15 लाख 52 हजार किसानों का कुल 8,142.18 करोड़ रूपए का बीमा किया गया है। जिसके लिए 1139.75 करोड़ रूपए प्रीमियम राशि का भुगतान बीमा कम्पनी को किया गया है। जिसमें किसानों का अंशदान 162.84 करोड़ भी शामिल है।राज्य में मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत खरीफ वर्ष 2019 में 11 हजार 475 किसानों द्वारा उद्यानिकी फसल का बीमा कराया गया था। जिसमें से 7 हजार 668 किसानों को 12 करोड़ 38 लाख रूपए का दावा भुगतान किया जा चुका है एवं 2 हजार 593 किसानों को फसल बीमा दावा की राशि एक करोड़ 85 लाख रूपए की भुगतान की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। प्रदेश में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत वाटरशेड संबंधित कार्याें में लगभग 24 लाख 86 हजार मानव दिवस एवं लघुत्तम सिंचाई तालाब एवं चेकडेम निर्माण में 2 लाख मानव कार्य दिवस सृजित किए जाएंगे।राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन के बाद 19 लाख 87 हजार किसानों को 397.47 करोड़ रूपए प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत भुगतान के लिए भारत सरकार को आनलाईन प्रस्ताव भेजा गया है। भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली के तहत भुगतान की कार्यवाही किस्तों में की जा रही है।राज्य शासन के बीज निगम द्वारा बीज उत्पादक किसानों को 5 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा रहा है। शेष राशि 20 करोड़ रूपए की भुगतान की कार्यवाही जारी है। राज्य में सुराजी गांव के बाड़ी विकास कार्यक्रम के तहत 2019-20 में मनरेगा के तहत 9 हजार 997 बाड़ी स्वीकृत किया गया है। राज्य पोषित बाड़ी विकाय योजना के तहत उद्यानिकी विभाग को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 10 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। जिसका उपयोग खरीफ 2020 में बाड़ी विकास के लिए किया जाएगा।