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बिलासपुर : भारत सरकार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों का सत्यापन के लिए मोबाईल एप बेनेफिशियरी सत्यापन एप तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से प्रथम चरण में केंद्रीय पेंशन योजनाओं जैसे कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांगजन पेंशन योजना तथा द्वितीय चरण में राज्य पेंशन योजनाओं जैसे कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, सुखद सहारा पेंशन योजना एवं मुख्यमंत्री पेंशन योजना के हितग्राहियों का उक्त एप के माध्यम से सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के लिए प्रशिक्षण ग्राम पंचायत सचिव एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों तथा नगरीय निकायों के संबंधित कर्मचारियों को दिया जाएगा। सत्यापन के लिए हितग्राहियों को स्वतः उपस्थित होने के साथ-साथ, आधार कार्ड, बैंक खाता की प्रति एवं मोबाईल नंबर साथ लाना आवश्यक होगा। हितग्राहियों से अपील है कि यथा शीघ्र अपना सत्यापन कार्य पूर्ण करा लें ताकि पेंशन राशि का भुगतान सुगमता से हो सके।
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बिलासपुर : भारतीय सेना में अग्निवीर वायु सेना भर्ती के लिए ऑनलाईन आवेदन 11 जुलाई 2025 से प्रारंभ हो रहा है, जिसकी अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 तक निर्धारित है। इच्छुक आवेदक जिनकी आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष है तथा वायु सेना भर्ती हेतु निर्धारित शैक्षणिक अर्हता एवं शारीरिक मापदण्ड पूरी करते हैं वे भारतीय वायु सेना की वेबसाईट https://agnipathvayu.cdac.in में निर्धारित तिथि तक ऑनलाईन रजिस्ट्रेशन कर सकते है।
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बिलासपुर : समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित शासकीय आश्रयदत्त कर्मशाला तिफरा में 15 से 35 वर्ष आयु के ऐसे दिव्यांग छात्र जो अस्थिबाधित एवं श्रवणबाधित है। ऐसे छात्रांे को आर्मेचर वाईडिंग एवं इलेक्ट्रीकल, सिलाई व कटाई, ब्यूटी पार्लर, कम्प्यूटर, स्क्रीन एवं प्रिंटिंग व्यवसायों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में शामिल होने वाले छात्रों के लिए आवश्यक शैक्षणिक योग्यता व्यवसाय के अनुसार पाचवीं से दसवीं उत्तीर्ण निर्धारित की गई है। उक्त प्रशिक्षण 15 जुलाई से प्रारंभ किया जा रहा है।
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मौसमी बीमारियों के प्रति रहें अलर्ट
आयुष्मान कार्ड की धीमी प्रगति पर जताई नाराजगी
तहसील कार्यालय और अस्पताल का किया औचक निरीक्षण
बिलासपुर : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने आज मस्तुरी ब्लॉक पहुंचकर स्वास्थ्य विभाग के कामकाज की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने आयुष्मान कार्ड की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जताई। लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में किसी प्रकार की लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रत्येक नागरिक को समय पर और गुणवत्तापूर्ण सुविधा मिलना चाहिए। मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और जलजनित रोगों को लेकर अलर्ट रहने कहा। बैठक में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल, सहायक कलेक्टर श्री अरविंथ कुमारन डी, एसडीएम श्री प्रवेश पैकरा, सीएमएचओ शुभा गढ़ेवाल, डीपीएम प्यूली मजुमदार, सीईओ जनपद सहित मस्तुरी ब्लॉक के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।बैठक में कलेक्टर ने आयुष्मान कार्ड की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जताई। मस्तुरी ब्लॉक 3 लाख 98 हजार 376 कार्ड बनने थे, जिसमें से 2 लाख 81 हजार 268 कार्ड ही बन पाये है। उन्होंने शत-प्रतिशत पात्र हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड अभियान चलाकर बनाने कहा। उन्होंने कहा कि कोई भी पात्र व्यक्ति इस योजना के लाभ से वंचित न रहे। कलेक्टर ने आयुष्मान भारत योजना के तहत व्यय वंदन कार्ड प्राथमिकता से बनाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मौसमी बीमारियों जैसे डेंगू, मलेरिया और जलजनित रोगों के प्रति अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को सुपोषित करने के लिए जिले में पोठ लईका अभियान चलाया जा रहा है। हर आंगन बाड़ी केंद्र में हर शुक्रवार को पालक चौपाल आयोजित करने के निर्देश दिए। स्वास्थ्य विभाग एवं महिला बाल विकास विभाग को इस पर एक साथ काम करने कहा। गर्भवती महिलाओं के पंजीयन से लेकर प्रसव तक उन्हंे स्वास्थ्य संबंधी जानकारी तथा विभिन्न स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने संस्थागत प्रसव बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके लिए एएनएम एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं से क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभाने की अपेक्षा जताई। कलेक्टर ने सभी अधिकारियों को लगातार फील्ड का दौरा करने, जमीनी स्थिति का मूल्यांकन करने और प्रगति रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
तहसील कार्यालय, पीएचसी का औचक निरीक्षण
कलेक्टर ने सीपत तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने विभिन्न शाखाओं में पहुंचकर राजस्व अभिलेखों की स्थिति, कर्मचारी उपस्थिति और नागरिकों को दी जा रही सेवाओं की गुणवत्ता की गहन समीक्षा की। यहां आए पक्षकारों श्रीमती साहिन बाई एवं पार्वती रात्रे सहित अन्य लोगों से चर्चा कर उनकी समस्याएं जानी। तहसीलदार को जल्द निराकरण के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि जनता को तहसील कार्यालय से जुड़ी सेवाओं में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। अधिकारियों को संवेदनशीलता और तत्परता से काम करना चाहिए। कलेक्टर ने इस दौरान तहसील परिसर में पौधरोपण भी किया।
कलेक्टर ने इसी परिसर में बन रही नई तहसील बिल्डिंग का भी मुआयना किया। उन्होंने निर्माण एजेंसी को निर्माण कार्य पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भी जायजा लिया। यहां कलेक्टर ने पूरे अस्पताल का बारीकी से निरीक्षण किया। बताया गया कि यहां हर महीने 60 से 70 डिलीवरी होती है और प्रतिदिन 100 से ज्यादा ओपीडी होती है। कलेक्टर ने मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने कहा।
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किसानों को समय पर खाद बीज मिल जाने से खेती का काम जोर पकड़ा
बिलासपुर : खरीफ वर्ष 2025 के लिए जिले में किसानों को आवश्यक बीज एवं रासायनिक उर्वरक की उपलब्धता और वितरण की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जा रही है। कृषि विभाग के उप संचालक ने बताया कि बीज वितरण कार्य लगभग पूर्णता की ओर है, जबकि उर्वरक खाद वितरण भी तेजी से चल रही है। किसानों ने समय पर खाद बीज मिलने पर खुशी जताई है और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया है।
खरीफ सीजन 2025 के लिए जिले में अब 21,986 क्विंटल खरीफ फसलों के बीज वितरण का लक्ष्य है जिसके विरुद्ध 19464 क्विंटल बीज का सफल वितरण किया जा चुका है, जो कुल उपलब्ध बीज का 92.77 प्रतिशत होता है। प्रमुख फसल के रूप में सबसे अधिक धान 20,308 क्विंटल का वितरण हुआ है, जो इस फसल के कुल प्राप्त बीज का 93.25ः है। इसके साथ ही मक्का, उड़द, मूँग, सोयाबीन, मूँगफली जैसी फसलों के लिए भी बीज वितरित किया गया है। जिले के 114 कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से यह वितरण कार्य किया गया, जिसमें बेलगहना, मस्तूरी, सीपत, रतनपुर, तखतपुर, कोटा सहित अन्य क्षेत्रों की समितियां भी शामिल हैं। इस दौरान धान के अलावा अन्य फसलों के कुल 179 क्विंटल बीज का भंडारण रहा और 88 क्विंटल बीज वितरण किया गया।
जिले में किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से रासायनिक उर्वरक भी लगातार वितरित किए जा रहे हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अब तक जिले में 28,263 मीट्रिक टन उर्वरक का भंडारण किया गया है जिसमें से 22,397 मीट्रिक टन का वितरण किया जा चुका है। यह कुल प्राप्त उर्वरक का 80 प्रतिशत है। किसानों ने खाद और बीज वितरण समय पर मिलने पर खुशी जताई और कहा कि समय पर खाद बीज मिलने से उनका खेती का काम आसानी से आगे बढ़ रहा है।मस्तूरी विकासखंड के ग्राम जैतपुरी की महिला किसान श्रीमती शीतला बाई केेंवट और किसान श्री बिशालिक यादव ने बताया कि जैतपुरी सहकारी समिति के माध्यम से समय पर बीज और खाद मिल गया है जिससे उनका खेती किसानी का काम आसान हो गया है। किसानों ने इसके लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति आभार जताया।
उल्लेखनीय है किसानों को खाद और बीज की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल द्वारा रोजाना खाद बीज वितरण की समीक्षा की जा रही है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि किसानों को बिना किसी असुविधा के आवश्यक बीज और उर्वरक समय पर उपलब्ध हो और वितरण में किसी भी तरह की असुविधा न हों। दलदल के कारण यदि बड़ी गाड़ी के पहुंचने में दिक्कत हो रही हो तो ठेला अथवा छोटी गाड़ी में खाद का परिवहन करने के निर्देश दिए हैं।
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बिलासपुर : मानसून आते ही छत्तीसगढ़ राज्य की बस्तर जिला की प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में नजर आती है। हरियाली, झरने और जंगलों का माहौल दिल को खुश कर देता है। इस मौसम में आप परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने-फिरने के साथ भरपूर मौज-मस्ती कर सकते हैं। अगर आप वीकेंड पर मौसम का मजा लेने के लिए कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो बस्तर जिले के प्राकृतिक जलप्रपात चित्रकोट, तीरथगढ़, चित्रधारा, मेंदरीघूमर, तामड़ाघूमर, बीजाकसा, मिचनार ये जगहें न सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर हैं, बल्कि यहां मानसून ट्रैक और फोटोग्राफी के लिए भी बेहतरीन माहौल है।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बस्तर जिले में पहली बार मानसून ट्रैक की थीम पर जिला प्रशासन कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इसके लिए यहां जुलाई से मानसून तक प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर ट्रैकिंग का आयोजन किया जा रहा है। जिला प्रशासन ने मानसून ट्रैक प्लान के तहत जिले के झरनों और जंगल-पहाड़ों के स्थानों पर पर्यटकों को आकर्षित करने वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षित स्थानीय गाइडों के द्वारा भ्रमण करवाया जाएगा। बस्तर जिले में पर्यटकों के आवागमन हेतु विशाखापट्टनम से प्रतिदिन रेल सेवा संचालित है। साथ ही विमान सेवा के तहत हैदराबाद से प्रतिदिन, दिल्ली से सप्ताह में दो दिन की विमान सेवा उपलब्ध है। इसके अलावा जगदलपुर सड़क मार्ग से रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर सहित हैदराबाद, विशाखापट्टनम से नियमित बस की सुविधा से जुड़ी है। प्रशासन द्वारा मानसून ट्रैक कार्यक्रम को अन एक्सप्लोर्ड बस्तर के साथ मिलकर किया जा रहा है। मानसून ट्रैक के संबंध में जानकारी के लिए प्रशासन ने 9109188567 और 8962991988 संपर्क नंबर जारी किया है ।
मानसून ट्रैक में चिन्हाकित स्थलों के तहत चित्रकोट सर्किट में ट्रैकिंग के लिए चित्रकोट दंडामी रिसॉर्ट से प्रारंभ कर करबहार (मिनी गोआ) 2 किलोमीटर की दूरी में बोटिंग, वाटरफाल, शिवलिंग का दर्शन, जलप्रपात का ऊपर से नजारा दिखाया जाएगा। साथ ही मेंदरी घुमर से इंद्रावती नदी तक 3 किलोमीटर के ट्रैक में रिवर क्रासिंग जंगली इलाके में, मेंदरीघुमर से तामड़ाघुमर तक (7 किमी) में 150 फिट डाउनवर्डस ट्रैक, क्रोकोडाइल साइटिंग, सेंडबिच, बर्ड वाचिंग, प्राकृतिक स्वीमिंग एरिया, तीरथा से बीजाकसा (2.5 किमी) तक की ट्रैकिंग बोटिंग कैम्प, बोनफायर, ट्रायबल फूड, तीरथा गांव का भ्रमण सहित स्थनीय स्तर की पौराणिक कहानी की जानकारी दी जाएगी। बीजाकसा से मेंदरी तक (8 किमी) में वाटरफॉल, वैली व्यू, जंगली जानवर और पंक्षियों की साइटिंग का आनंद लिया जा सकेगा। इसके अलावा मिचनार हिल्स क्षेत्र में ट्रैकिंग भी करवाया जाएगा।
बस्तर जिले में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधीन आने वाले टोपर वाटरफॉल का ट्रैकिंग, मड़वा वाटरफॉल का ट्रैकिंग, शिवगंगा ट्रैकिंग में जंगल एरिया के बीच जलप्रपात, झरना जंगली जानवर बर्ड वाचिंग करवाया जाएगा। कैलाश गुफा, कैलाश झील, गुड़िया पदर में गांव से जलप्रपात तक (4 किमी) तक ट्रैकिंग करवाई जाएगी। तीरथगढ़ वॉटरफॉल से रानीदरहा वाटरफॉल(3 किमी) तक में जंगल एरिया वाईल्ड लाइफ, बर्ड वाचिंग, मालकेव ट्रैक में मादरकोंटा से तीरथगढ़ (8 किमी) तक जंगलों के बीच ट्रैकिंग करवाई जाएगी। इसके अलावा जिले के माचकोट इलाके में स्थित झील और झरनों के नाम से प्रसिद्ध तिरिया में और माचकोट के जंगलों में भ्रमण करवाने की कार्ययोजना बनाई गई है।
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बिलासपुर : एकीकृत बाल विकास परियोजना सरकण्डा अंतर्गत वार्ड क्र. 58 रानी दुर्गावती नगर के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 3 खमतराई में सहायिका के रिक्त पद पर भर्ती हेतु 14 जुलाई से 28 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किये गये है। आवेदन पंजीकृत डाक अथवा सीधे नियत दिनांक तक एकीकृत बाल विकास परियोजना सरकण्डा में कार्यालयीन समय में जमा किये जा सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना कार्यालय सरकण्डा से प्राप्त किये जा सकते है।
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बिलासपुर : एकीकृत बाल विकास परियोजना बिलासपुर शहरी अंतर्गत वार्ड क्रमांक 38 के केन्द्र क्रमांक 225 सोनकर मोहल्ला दयालबंद में सहायिका के रिक्त पद पर भर्ती हेतु 24 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। आवेदन पंजीकृत डाक अथवा सीधे नियत दिनांक तक एकीकृत बाल विकास परियोजना बिलासपुर शहरी में कार्यालयीन समय में जमा किये जा सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना बिलासपुर से प्राप्त किये जा सकते है।
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बिलासपुर : एकीकृत बाल विकास परियोजना तखतपुर के अंतर्गत तखतपुर के वार्ड क्रमांक 07 के आंगनबाड़ी केन्द्र क्रमांक 1 में सहायिका के रिक्त पद पर भर्ती हेतु 21 जुलाई तक आवेदन आमंत्रित किया गया है। आवेदन पंजीकृत डाक अथवा सीधे नियत दिनांक तक एकीकृत बाल विकास परियोजना तखतपुर में कार्यालयीन समय में जमा किये जा सकते है। इस संबंध में अधिक जानकारी परियोजना अधिकारी एकीकृत बाल विकास परियोजना तखतपुर से प्राप्त किये जा सकते है।
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बिलासपुर : कबीरधाम निवासी 65 वर्षीय लक्ष्मी चौहान, जो पिछले दो वर्षों से पेट में सूजन और लगातार बढ़ती शारीरिक परेशानियों से जूझ रही थीं, को सिम्स के प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में भर्ती किया गया। मरीज को पिछले 10 दिनों से लगातार उल्टियां हो रही थीं और भोजन ग्रहण करने व मल-मूत्र त्याग में भी असमर्थता थी। परिजनों द्वारा उन्हें सिम्स लाया गया, जहाँ उनकी जांच डॉ. नेहा सिंह के द्वारा की गई।
मरीज की गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें तत्काल भर्ती कर रक्त, मूत्र एवं सोनोग्राफी जांच की गई। सोनोग्राफी रिपोर्ट में पेट में एक बड़ा ट्यूमर होने की पुष्टि हुई। डॉ. नेहा सिंह ने विभागाध्यक्ष डॉ. संगीता रमन जोगी को मामले से अवगत कराया। मरीज की हालत की गंभीरता को देखते हुए डॉ. संगीता द्वारा मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. लखन सिंह एवं अधिष्ठाता डॉ. रामनेश मूर्ति से चर्चा कर जीवन रक्षक ऑपरेशन की सहमति प्राप्त की गई।
विवतत्काल एक विशेषज्ञ टीम गठित की गई, जिसमें डॉ. संगीता रमन जोगी, डॉ. दीपिका सिंह, डॉ. रचना जैन, डॉ. अंजू गढ़वाल एवं निश्चेतना विभाग से डॉ. मधुमिता मूर्ति, डॉ. श्वेता, डॉ. प्राची, डॉ. आकांक्षा एवं नर्सिंग स्टाफ से ब्रदर अश्विनी शामिल थे। टीम द्वारा की गई जटिल सर्जरी में मरीज के पेट से 10 किलो 660 ग्राम वजनी ट्यूमर सफलतापूर्वक निकाला गया। सर्जरी पूरी तरह सफल रही और फिलहाल मरीज की स्थिति पहले से बेहतर है। सिम्स प्रबंधन द्वारा डॉक्टरों की टीम को उनके समर्पण और तत्परता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया है।
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रानी मिस्त्री का ले रही प्रशिक्षण, बिहान योजना ने दिलाई नई पहचान
बिलासपुर : कोटा विकासखंड के ग्राम करई कछार में स्व सहायता समूह की दीदियों को आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की जा रही है जिसके तहत बैगा, बिरहोर जनजातीय समुदाय सहित 35 महिलाओं को रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाएं साधारण घरेलू महिला है। जिन्हें विशेष पहल के तहत गांव में ही रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। आरसेटी के माध्यम से प्रशिक्षण प्राप्त कर यह महिलाएं आत्मनिर्भरता के लिए अपनी राह बना रही है। महिलाओं ने गांव में ही प्रशिक्षण मिलने पर खुशी जताई और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का आभार जताया।
पीव्हीटीजी यानी विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं चलायी जा रही है। इसी क्रम में दूरस्थ गांव में रहने वाले बैगा, बिरहोर परिवार की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की बिहान योजना से जुड़ी इन महिलाओं को जिला पंचायत द्वारा नया प्रयोग करते हुए रानी मिस्त्री के प्रशिक्षण की व्यवस्था गांव में ही की गई है। प्रशिक्षण के दौरान महिलाओं को पीएम आवास योजना के तहत बनाये जा रहे मकान में प्रशिक्षण देने की शुरूआत की गई है ताकि उन्हें फील्ड पर ही कार्य का बेहतर अनुभव मिल सके।
पीव्हीटीजी एक ऐसा समुदाय जिनकी आजीविका मुख्य रूप से मजदूरी या जंगल पर आधारित रही है। इनका जीवन संघर्षों से भरा होता है और इन्हें आय का कोई स्थायी साधन नहीं मिलता। इन परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए महिलाओं को लखपति दीदी योजना से भी जोड़ा जा रहा है ताकि इन समुदायों की आजीविका में वृद्धि हो सके। प्रशिक्षण प्राप्त कर रही श्रीमती तुलसी बैगा ने बताया कि यहां प्रशिक्षकों द्वारा उन्हें न केवल तकनीकी ज्ञान दिया जा रहा है बल्कि कार्य के लिए मानसिक रूप से भी तैयार किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के तहत हमे फील्ड पर जाकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनवाने का प्रायोगिक अभ्यास भी कराया गया। जिसमें ईंट जोड़ने से लेकर, माप-नाप, लेवलिंग, प्लास्टर, छज्जा बनाने तक के सारे पहलुओं को सिखाया गया। तुलसी कहती हैं कि इस काम को सीखने के बाद उनकी कमाई बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिले भर में हजारों स्वीकृत आवास का निर्माण किया जाएगा। इसी तरह करहीकछार की सिया बाई बैगा ने कहा कि गांव में ही प्रशिक्षण मिलने से उनकी बड़ी समस्या का समाधान हो गया। सिया बाई कहती है कि बिहान योजना से जुड़कर बैगा-बिरहोर परिवार की महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है। अब महिलाएं अपने पारम्परिक कामों से इतर अन्य काम करके भी आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनकर अपने परिवार को सहयोग दे पा रही है। सिया बाई ने उम्मीद जताई कि रानी मिस्त्री का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद उन्हें आवास निर्माण का काम मिलना शुरू हो जाएगा क्योंकि वर्तमान में पीएम आवास योजना के तहत आवास निर्माण बड़ी संख्या में हो रहे हैं जिसमें कुशल मिस्त्रियों की आवश्यकता होगी। प्रशिक्षण के बाद उनकी अच्छी कमाई हो सकेगी।उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं को समूह के माध्यम से जोड़कर आत्मनिर्भर बनाने की विशेष पहल की जाती है। महिलाओं के निःशुल्क प्रशिक्षण की व्यवस्था के साथ ही उन्हें विभिन्न आजीविका गतिविधियों से जोड़ा जाता है ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के साथ ही लखपति दीदी बन सकें।
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बिलासपुर : आईटीआई कोनी के सीओई भवन मे 14 जुलाई को सवेरे 9.30 बजे से अप्रेंटिसशिप मेला का आयोजन किया जाएगा। जिले के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं से विद्युतकार, फिटर, मैकेनिक डीजल, मैकेनिक ट्रेक्टर, वेेल्डर, टर्नर, कोपा व्यवसाय के उत्तीर्ण प्रशिक्षणार्थी अपने समस्त दस्तावेजों के साथ उपस्थित होकर इस मेले में भाग ले सकते है। अधिक जानकारी के लिए आदर्श आद्योगिक प्रशिक्षण संस्था कोनी बिलासपुर में कार्यालयीन समय पर संपर्क कर सकतें हैं।
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बिलासपुर : भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के आव्हान पर पूरे प्रदेश में एक पेड़ मां के नाम पर वृहद वृक्षारोपण कार्यक्रम हुआ। प्रसन्नता है कि बिलासपुर में भी मां अरपा नदी के तीरे स्काउट्स, गाइड्स द्वारा वृक्षारोपण का पुनीत कार्य किया गया। उक्त उदगार भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव ने मुख्य अतिथि के आसंदी से व्यक्त की। डॉ. सोमनाथ यादव ने कहा कि जिला संघ बिलासपुर द्वारा वृक्षारोपण समारोह को मां अरपा नदी के किनारे करना निहायत जरुरी था, आज नदी सुख रही है इसलिए नदी ,तालाबों के किनारों में वृक्षारोपण करना और बड़ा होने तक सुरक्षित रखना दोनों कार्य जरूरी है इससे एक ओर नदी, तालाबों में जल भरा रहेगा और छाया, फल के साथ ही वातावरण भी प्रदूषण मुक्त होगा।
इस अवसर पर कार्यक्रम के अध्यक्ष जिला मुख्य आयुक्त श्री चंद्रप्रकाश बाजपेई और विशिष्ट अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी डॉ अनिल तिवारी ने कहा कि स्काउट्स एवं गाइड्स आज प्रण करे कि अपने जन्म दिन पर एक पेड़ लगाए और उसे बड़ा होने तक सुरक्षित रखे। विशिष्ट अतिथि माध्यमिक शिक्षा मंडल के सदस्य डॉ प्रफुल्ल शर्मा, बिलासा कला मंच के अध्यक्ष श्री महेश श्रीवास, डॉ सुधाकर बिबे, डा भगवती प्रसाद चंद्रा,चंद्रप्रदीप बाजपेई, मनीष गुप्ता,दिनेश्वर जाधव, एम डी मानिकपुरी, विनोद गुप्ता, देवानंद दुबे, विजय यादव, भूपेंद्र शर्मा, मंजू यादव, गायत्री तिवारी नवनीत कौशिक आदि ने भी स्काउट्स एवं गाइड्स द्वारा किए गए सेवा कार्य की भूरी भूरी प्रशंसा की।
राम सेतु और इंदिरा सेतु के मध्य अरपा नदी किनारे वृक्षारोपण समारोह में जिला संघ बिलासपुर के जिला सचिव लता यादव, माधुरी यादव, बीना यादव, संतोष त्रिपाठी, महेंद्र बाबू टंडन, डॉ. प्रदीप कुमार निर्णेजक, शत्रुहन सूर्यवंशी, नवीन यादव, अनिल सोनवानी, शमिता शर्मा, किरण बाला पांडे, डॉ. भारती दुबे, रश्मि तिवारी,डॉ.पूनम सिंह, बिलासा कला मंच के पदाधिकारीगण, विभिन्न स्कूलों के स्काउटर, गाइडर, रोवर लीडर, रेंजर रीडर के साथ भारी संख्या में स्काउट्स एवं गाइड्स शामिल हुए।
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बिलासपुर : जिले की विभिन्न थानों में जब्त किये गये मादक पदार्थाें का नष्टीकरण 10 जुलाई को सवेरे 10 बजे किया जाएगा। नष्टीकरण की कार्यवाही मोहतराई स्थित सुधा बॉयो पॉवर लिमिटेड की भट्ठी में उक्त तिथि को किया जाएगा। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नष्टीकरण के लिए गठित जिला स्तरीय औषधि व्ययन समिति के सदस्य एवं पंचान इस दौरान उपस्थित रहेंगे।
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बिलासपुर : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने आज साप्ताहिक जनदर्शन में दूर-दराज से आये लोगों की समस्याएं सुनी। कलेक्टर ने सभी की समस्याओं को इत्मीनान से सुना। निराकरण योग्य आवेदनों का मौके पर ही संबंधित अधिकारियों द्वारा निराकरण किया गया। साप्ताहिक जनदर्शन में लोगों ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी निजी और सामुदायिक समस्याओं से संबंधित आवेदन दिए। कलेक्टर ने त्वरित निराकरण के लिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।
साप्ताहिक जनदर्शन में आज बोदरी तहसील के ग्राम पोड़ी निवासी वृद्ध श्री रामसहाय दिवाकर ने आज कलेक्टर से मिलकर पेंशन राशि दिलाये जाने हेतु आवेदन दिया। 74 वर्षीय वृद्ध श्री दिवाकर ने कहा कि मैं एक उम्रदराज व्यक्ति हूं तथा रोजी मजदूरी कार्य करने में असमर्थ हूँ। शासन के योजनांतर्गत प्राप्त होने वाली पेंशन राशि मुझे नहीं मिल रही है। ग्राम पंचायत सचिव के समक्ष भी पेंशन राशि के लिए आवेदन किया गया, किन्तु आज तक लाभ प्राप्त नहीं हुआ है। कलेक्टर ने जनपद पंचायत बिल्हा सीईओ को मामले को सौंपते हुए इसके निराकरण के निर्देश दिए। सीपत तहसील के ग्राम जांजी निवासी गरिमा सिंह ने शिक्षा सहायता राशि प्रदान करने हेतु आवेदन दिया। गरिमा ने बताया कि वर्तमान में वह अभी बीपीएड की पढ़ाई कर रही है। पिता जी लकवाग्रस्त होने के कारण शारीरिक रूप से चलने-फिरने में असमर्थ है, जिससे पूरे परिवार का पालन-पोषण उनकी माता मजदूरी करके कर रही है। कलेक्टर ने आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी को भेजते हुए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। बिल्हा तहसील के ग्राम पत्थरखान निवासी श्री मनोज पांडे ने खाद एवं दवा सोसाइटी से दिलाने की मांग की। उन्होंने बताया कि ग्राम पत्थरखान बिटकुली सोसाइटी के अंतर्गत 6 गांव आते हैं। उनमें से एक गांव पत्थरखान है। सोसाइटी से खाद और दवा मिल नहीं पा रही है। कलेक्टर ने डीएमओ को इस पर तत्काल आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत मस्तूरी निवासी श्री मनहरण टण्डन ने कलेक्टर के समक्ष अपना आवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा आवास मित्र के विरूद्ध आवश्यक कार्रवाई किये जाने की का निवेदन किया। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत उनके नाम पर आवास स्वीकृत हुआ है। आवास निर्माण के लिए शासन से आई हुई राशि को आवास मित्र के द्वारा आहरण कर लिया गया। बार-बार राशि मांगने पर भी वह देने से इंकार कर रहा है। कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ को इस संबंध में आवश्यक जांच करने के निर्देश दिए है। -
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दलदल के कारण बड़ी वाहन नहीं जा सकती तो छोटी गाड़ी में भेजें खाद
आयुष्मान कार्ड में बिलासपुर राज्य में निचले पायदान पर, स्थिति सुधारने कड़े निर्देश
बिलासपुर : कलेक्टर संजय अग्रवाल ने टीएल बैठक में शासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता वाली फ्लैगशिप योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में खाद बीज सहित खेती किसानी से जुड़े गतिविधियों की जानकारी ली। पिछले दो-तीन दिनों में पर्याप्त बारिश होने के कारण किसान कृषि कार्यों में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। उन्होंने किसानी का कोई काम ना रुके इसलिए दलदल मार्गों पर बड़े वाहनों आवाजाही बाधित होने पर छोटी गाड़ियों से खाद सोसाइटियों में उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने अफसरों को दो टूक कहा कि किसानों को खाद की उपलब्धता में कोई भी हीलाहवाला स्वीकार नहीं किया जाएगा। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने चाहिए।
उन्होंने अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान का आकलन कर रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने के निर्देश सभी तहसीलदारों को दिए ताकि नियमानुसार तत्परता से राहत राशि स्वीकृत किया जा सके। भारी बारिश के कारण अस्पताल, स्कूल और आंगनबाड़ी के काम तो प्रभावित नहीं हुए है, उनकी स्थिति की भी जानकारी ली। कलेक्टर ने बैठक में डीम्ड की शासी निकाय में स्वीकृत कार्य योजना के अनुरूप कार्य प्रस्ताव भेजने के निर्देश सभी अधिकारियों को दिए। उन्होंने एग्रीस्टेक योजना में किसानों के पंजीयन में प्रगति नहीं होने पर नाराजगी जाहिर की। आयुष्मान कार्ड में भी जिला पिछड़ा हुआ है। अभी तक केवल 74 प्रतिशत के आसपास प्रगति हुई है। वर्तमान शिथिलता पर स्वास्थ्य विभाग को फटकारते हुए प्रतिदिन लगभग 5000 का लक्ष्य देते हुए इसकी पूर्ति करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह जरूरी दस्तावेज है। हर आदमी के पास इसकी उपलब्धता होनी चाहिए। पहाड़ी व दूरस्थ एरिया वाले जिले में इसमें अच्छा काम हुआ है। बिलासपुर जिले में प्रगति नहीं होने का कोई सवाल ही नहीं पैदा नहीं होता। कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित आंगनबाड़ी केदो में बच्चों की कम उपस्थिति पर भी असंतोष जाहिर किया। विभागीय सुपरवाइजर को ज्यादा से ज्यादा दौरा कर निरीक्षण करने को कहा। कलेक्टर ने बैठक में सुशासन तिहार के लंबित मामलों की भी समीक्षा की। उन्हें जल्द पूर्ण करने को कहा है। कलेक्टर ने कहा कि जिन अधिकारियों कर्मचारियों के ट्रांसफर हुए हैं उन्हें तत्काल रिलीफ कर इसका पालन प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाए। बैठक में अंतर विभागीय विषयों पर भी चर्चा हुई। कलेक्टर ने शासकीय सामानों की आपूर्ति अथवा ठेकेदार के भुगतान विलंब नहीं करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में कहा कि 22 हजार उपभोक्ता राशन कार्ड का उपयोग नहीं कर रहे हैं। इनका परीक्षण कराकर नियमानुसार निरस्तीकरण की कार्यवाही किया जाए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, एडीएम शिवकुमार बनर्जी सहित सभी विभागीय वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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बिलासपुर : दस अथवा इससे अधिक श्रमिक व कर्मचारी नियोजित करने वाले दुकानों और संस्थाओं को श्रम विभाग में पंजीयन कराना अनिवार्य किया गया है। श्रम विभाग के पोर्टल में 14 अगस्त 2025 तक संबंधित दुकानदार को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस तिथि के बाद पंजीयन करने पर विलंब शुल्क देना होगा।
सहायक श्रम आयुक्त श्रीमती ज्योति शर्मा ने बताया कि कार्यालय श्रमायुक्त, छत्तीसगढ़ से प्राप्त निर्देशानुसार छग दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा शतों) अधिनियम, 2017 तथा इसके अंतर्गत निर्मित छग दुकान एवं स्थापना (नियोजन एवं सेवा शर्तों का विनियम) नियम 2021 प्रदेश में दिनांक 13 फरवरी 2025 से प्रभावशील किया गया है। जिसके परिपालन में सभी दुकानों और स्थापनाओं को श्रम पहचान संख्या पंजीयन प्रमाण-पत्र प्राप्त किया जाना अनिवार्य है। छ०ग० दुकान एवं स्थापना अधिनियम, 1958 के अंतर्गत ऐसे पूर्व से पंजीकृत समस्त दुकान एवं स्थापनायें जिनमें 10 या 10 से अधिक श्रमिक अथवा कर्मचारी नियोजित हों को 6 माह के भीतर अर्थात् 14 अगस्त 2025 तक ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत किया जाकर दुकान एवं स्थापनाओं का पंजीयन कराया जाकर श्रम पहचान संख्या प्रमाण-पत्र प्राप्त करने पर निर्धारित शुल्क में छूट प्रदान की गई है। अधिनियम के प्रभावशीलता के 6 माह अर्थात् 14 अगस्त 2025 के बाद निर्धारित शुल्क का 25 प्रतिशत विलंब शुल्क के साथ पंजीयन प्रमाण-पत्र सह श्रम पहचान संख्या प्रदाय किये जाने के निर्देश दिये गये है। इसी प्रकार कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 तथा कर्मचारी भविष्य निधि एवं प्रकीर्ण उपबंध अधिनियम, 1952 के अंतर्गत पंजीकृत दुकान एवं स्थापनाओं को इस अधिनियम के अंतर्गत पंजीकृत माना जावेगा, किन्तु उन्हे दिनांक 14 अगस्त 2025 के पूर्व श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने हेतु श्रम विभाग के पोर्टल श्रमेव जयते डॉट सीजी डॉट जीओवी डॉट इन पर ऑनलाईन आवेदन करने पर कोई पंजीयन शुल्क देय नहीं होगा।
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कोलाहल नियंत्रण के उपायों का सख्ती से पालन कराने के निर्देश
अपराध पर लगाम कसने एसडीएम और एसडीओपी एक साथ करें दौरा
बिलासपुर : कलेक्टर संजय अग्रवाल और एसएसपी रजनेश सिंह एसडीएम एवं एसडीओपी की संयुक्त बैठक लेकर जिले में कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने अपराधियों पर लगाम कसने शांति और व्यवस्था से जुड़े दोनों अधिकारियों को एक साथ दौरा करने के निर्देश दिए। तीज त्योहार और उत्सवों में कानफोड़ू आवाज करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई को कहा है। शोरगुल रोकने जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराया जाएगा। उन्होंने विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में समाज द्वारा लोगों को प्रताड़ित करने और सामूहिक बहिष्कार करने वालों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। जिले में पिछले दिनों सामाजिक बहिष्कार के एक - दो प्रकरण सामने आए हैं।
कलेक्टर -एसपी ने बैठक में कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकने वाले मुद्दों की ओर अधिकारियों को ध्यान दिलाया और शुरुआती स्तर पर ही इनका समाधान कर लेने की हिदायत दी। उन्होंने विभिन्न संगठनों द्वारा दिए जाने वाले धरना प्रदर्शनों की अनुमति 24 घंटे पूर्व देने को कहा। काफी पहले अनुमति देने से कई दफा परिस्थितियां बदल जाती हैं। वीआईपी लोगों की यात्रा पर ध्यान रखने वाली बातें भी बताई। सड़क हादसा में कई बार दुर्घटना करने वाली वाहनों का पता नहीं चलता है। ऐसे मामलों को हिट एंड रन योजना के तहत 2 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। आवारा पशुओं के कारण होने वाली दुर्घटना रोकने जनजागरूकता बढ़ाने के निर्देश दिए। स्कूल कॉलेज अब खुल गए हैं। नशे और साइबर जागरूकता के कार्यक्रम यहां आयोजित किए जाएं। सोशल मीडिया पर नजर रखें। कई दफा गलत तरीके से खबर प्रसारित हो जाती हैं। सही तथ्य तत्परता से अवगत कराएं। उन्होंने बताया कि रेत माफियाओं के खिलाफ विगत दिनों हुई कार्रवाई की राज्य स्तर पर सराहना हुई है। रिकॉर्ड 33 एफआईआर दर्ज किए गए हैं। शराब पीकर वाहन चलाने वाले लगभग 100 लोगों के लाइसेंस रद्द करने आरटीओ को अनुशंसा की गई है। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, एडीएम शिवकुमार बनर्जी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अर्चना झा, राजेंद्र जायसवाल सहित सभी एसडीएम, एसडीओपी और थानेदार वीसी के जरिए शामिल हुए।
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क्षति का सर्वे कर तत्काल राहत दिलाने के निर्देश
अधिकारी कार्यालय में नहीं, प्रभावित लोगों के बीच पहुंचे
पुल के ऊपर बहते पानी में सड़क पार नहीं करने की अपील की
बिलासपुर : कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसएसपी रजनेश सिंह ने जिले में अतिवृष्टि एवं बाढ़ के हालात से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा के लिए अधिकारियों की आपात बैठक ली। उन्होंने बैठक में बाढ़ पीड़ित लोगों की हरसंभव सहायता के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि से जो भी नुकसान हुआ है उनका सर्वे कर तत्काल आरबीसी 6-4 के तहत सहायता दिया जायेगा। कलेक्टर-एसपी ने कहा कि स्थिति में सुधार आने तक कोई भी अधिकारी कार्यालय में नहीं बैठेगा। टीम बनाकर अधिकारी बाढ़ प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों का संयुक्त दौरा करेंगे और लोगों को आपदा से निपटने में जरूरी मदद करेंगे। उन्होंने वीसी के जरिए अधिकारियों से जुड़कर एक-एक तहसील की मैदानी हालात की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ के हालात से निपटना एवं लोगों को राहत दिलाना फिलहाल प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि एक -डेढ़ माह के बराबर पानी पिछले दो-तीन दिन में बरस चुका है। उम्मीद से ज्यादा एकाएक ज्यादा पानी गिरने से कुछ निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी है। लेकिन प्रशासन के हस्तक्षेप से स्थितियों में सुधार आया है। उन्होंने पूरा प्रशासनिक सिस्टम को बाढ़ से बचाव कार्य में झोंक दिए हैं। श्री अग्रवाल ने नियमित दौरा कर संवेदनशील ग्रामों और निचले क्षेत्रों पर लगातार नजर रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अफसरों से कहा कि प्रभावित लोगों के पास जाएं, उनकी तकलीफ सुने। यदि उनका मकान अतिवृष्टि से जर्जर या नष्ट हो गया है तो उन्हें नजदीक के स्कूल अथवा आंगनबाड़ी में ठहराएं। उनके खाने और पीने का इंतजाम किया जाये। आरबीसी 6-4 का प्रकरण बनाकर उन्हें तत्काल मुआवजा दिलाया जाए। बैठक में बताया गया कि बिल्हा के वार्ड 8 एवं 9, मस्तुरी के ईटवापाली, कोटा के तेन्दूभांठा,बांसाझाल, चपोरा, मोहदा, केंदाडांड, मोहदा, पचरा, टोनासागर सेमरा और तखतपुर के मनियारी नदी के किनारे कुछ गांव प्रभावित हुए है। बिलासपुर शहर में गोकने नाला के निचले क्षेत्र सहित गंगानगर, श्रीकांत वर्मा मार्ग, बंधवापारा, तोरवा एरिया में 8-10 स्थलों पर जलभराव की स्थिति बनी थी, जिसे कच्चे नाले बनाकर पानी बाहर निकाला गया है।
कलेक्टर ने लोगों के पानी में फंस जाने पर बचाव के लिए उपलब्ध संसाधनों की भी जानकारी ली। होमगार्डस ने बताया कि जिले में पांच नाव उपलब्ध हैं। दो टीम चौबीसों घण्टे तैयार रहती है। लाईफ जैकेट और अन्य ग्रामीण क्षेत्र में तैराकों की सूची बनाकर उनका भी सहयोग लिया जाये। मछुआरे इस कार्य में काफी मददगार हो सकते हैं। उन्होंने ग्रामीणों को बाढ़ की स्थिति एवं उनकी जागरूकता के लिए मुनादी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि अभी अच्छा मौका है । जल के प्राकृतिक बहाव में यदि कोई अड़चन आ रही है तो उसे तोड़ दिया जाए। लोक निर्माण एवं सिंचाई विभाग के इंजीनियर भी टीम के साथ दौरा करें। यदि पुल के ऊपर पानी बह रहा हो तो बैरिकेड लगाकर यातायात रोक दिया जाए। बेहतर होगा कि गांव में उपलब्ध ट्रेक्टर ट्राली अड़ाकर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया जाये। कलेक्टर-एसपी ने लोगों को पुल के ऊपर बहते पानी में पार नहीं करने की अपील भी की है। कलेक्टर ने कहा कि जीपीएम जिले में भारी बारिश के कारण अरपा भैंसाझार से और ज्यादा मात्रा में पानी छोड़ा जायेगा। अरपा नदी के किनारे लोगों को और सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के हालात से लोगों की जान और माल बचाना है। इसके लिए जो भी जरूरी उपाय मैदानी स्तर में करना है ,उसे करें। किसी बड़े अधिकारी के अनुमति का इंतजार किए बिना जनहित में निर्णय लिया जा सकता है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को भी चेताया। उन्होंने कहा कि बरसात में दूषित पेयजल से डायरिया फैलने की संभावना बनी हुई है। लिहाजा मुस्तैदी से सभी प्रकार के दवाईयों की उपलब्धता रहे। इससे ज्यादा कोई मरीज अस्पताल में आता है तो तुरंत उसका इलाज शुरू किया जाना चाहिए। किसी तरह की औपचारिकता बाद में भी पूरी की जा सकती है।
एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने कहा कि प्रशासन एवं पुलिस की टीम आपसी तालमेल के साथ काम करते दिखने चाहिए। इससे समाज में अच्छा संदेश जाता है। बैठक के बाद जाकर अपने अनुविभाग में भी संयुक्त बैठक करें। उन्होंने सोशल मीडिया पर भी नजर रखने के निर्देश अधिकारियों को दिए। यदि कोई तथ्यहीन खबर की जानकारी आये तो तत्काल उसका खण्डन करते हुए सही जानकारी दिया जाये। पानी ज्यादा गिरने से लोग जलप्रपात और झरने का आनंद उठाने बड़ी संख्या मंे पहुंच जाते हैं, उन्हें वहां पर भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कानून-व्यवस्था को बनाये रखने के लिए भी जरूरी निर्देश दिए। बैठक में जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल,एडीएम शिवकुमार बनर्जी सहित पुलिस अधिकारी सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारी एसडीएम, तहसीलदार, थानेदार आदि शामिल हुए।
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पर्यावरण की सुरक्षा और समृद्धि के लिए जिले में लगाए गए 3.75 लाख पौधे
विधायक,जनप्रतिनिधि, कलेक्टर समेत हर आम और खास ने लगाया पौधा
रिमझिम फुहारों के बीच पौधे लगाकर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश
बिलासपुर : केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्यमंत्री श्री तोखन साहू ने आज एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत बिल्हा ब्लॉक के परसदा(भटगांव) में पौधा लगाया। आज यहां आयोजित कार्यक्रम में बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक, जनपद अध्यक्ष श्री राम कुमार कौशिक, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने छायादार और फलदार पौधे लगाएं। जिले में आज वन, उद्यान, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, नगरीय प्रशासन के सहयोग से सभी ब्लॉक मुख्यालय, स्कूलों, सड़क किनारे,आंगनबाड़ी केन्द्रों में सघन पौधरोपण अभियान चलाकर जिले में 3 लाख 72 हजार से ज्यादा पौधे लगाए गए। साथ ही साथ गोठानो में सीएलएफ के माध्यम से फलदार एवं छायादार पौधे लगाए गए। इसके अलावा उद्योगों में भी सघन पौधरोपण किया गया। रिमझिम फुहारों के बीच सभी ने पौधे लगाकर पर्यावरण सुरक्षा का संदेश दिया । कार्यक्रम में शहीद विशुनदास कुर्रे के परिवारजनों और बिल्हा ब्लॉक में 500 पेड़ लगाने वाले श्री हवेंद्र निर्णयजेक को सम्मानित किया गया।
केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा एक पेड़ मां के नाम अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की रक्षा, सुंदरता के लिए पेड़ लगाना जरूरी है। इस अभियान को एक पेड़ मां के नाम अभियान इसलिए कहा गया कि पेड़ से हम जुड़ पाएं। सबसे पवित्र रिश्ता मां का होता है। मां के लिए इससे बड़ा सम्मान और कुछ नहीं हो सकता। मां के सम्मान में यह आज हम सब पेड़ लगा रहे हैं। जितना सम्मान मां का होता है उतना ही सम्मान पेड़ का भी होता है। वृक्षों से ही धरती माता का श्रृंगार होता है। पीपल बरगद हमें शत प्रतिशत ऑक्सीजन देते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करते बिल्हा विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों का जीवन सुखद और स्वस्थ हो, इसके लिए पौधे लगाना जरूरी है। हमें अपने जीवन के महत्वपूर्ण अवसरों को यादगार बनाने के लिए पौधे लगाना चाहिए। पौधों को लगाने के साथ साथ उनकी देखरेख भी जरूरी है। पर्यावरण संतुलन के लिए पौधे लगाना जरूरी है।
उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए सभी से पौधे लगाने की अपील की। कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने घटते जलस्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रकृति और समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है। यह हमारा भी कर्तव्य है कि हम भी प्रकृति और समाज के लिए अपना योगदान दें। कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य डॉ गोविंद यादव, पुनीता डहरिया, एसडीएम श्री बजरंग वर्मा सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे।
कलेक्टर- एसएसपी ने वेद परसदा में किया पौधरोपण
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल और एसएसपी श्री रजनेश सिंह ने मस्तूरी ब्लॉक के वेदपरसदा में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
ब्लॉक मुख्यालय सहित पूरे जिले में हुआ सघन पौधरोपण
आज ब्लॉक मुख्यालय, नगरीय निकाय, स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों, प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों के घरों सहित पूरे जिले में सघन पौधरोपण हुआ। पूरे जिले में सभी ने पौधा लगाकर हरियाली का संदेश दिया।
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कलेक्टर ने की सभी से सहभागिता की अपील
बिलासपुर : कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल द्वारा बिलासपुर जिले में पर्यावरण संरक्षण और जल संवर्धन के लिए 05 जुलाई से महाअभियान का शुरूआत की जा रही है। इस अभियान का उद्देश्य जिले को हरा भरा पर्यावरण के प्रति संवेदनशील और जल को संरक्षित करने की दिशा में अग्रसर करना है। शासन के सभी विभाग के समन्वय, स्थानीय समुदाय के सहयोग एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को महाअभियान में जोड़कर इस कार्य को विशेष रूप से किया जा रहा है। इसके लिए तैयारी पूरी कर ली गई है।
वन उद्यान, पंचायती राज एवं शिक्षा विभाग के आपसी समन्वय से ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्र के खाली शासकीय भूमियों पर नर्सरी निर्माण, स्कूलों में वृक्षारोपण, सड़क के किनारे वृक्षारोपण किया जाना है। साथ ही साथ गोठानो में सीएलएफ के माध्यम से फलदार एवं छायादार वृक्षो का रोपण किया जावेगा। वृक्षारोपण के लिए निर्धारित स्थानों पर गड्ढे की खुदाई कर ली गई है। जहां लोगों की भागीदारी से वृहद वृक्षारोपण का कार्य किया जाएगा।
अरपा नदी के किनारे वृक्षारोपण का विस्तार किया जावेगा। जून माह में माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक पेड़ मॉ के नाम अभियान को बिलासपुर में उत्साहपूर्वक लागू किया गया। स्कूलों, आंगनबाड़ी केन्द्रों और ग्राम पंचायतों में सामूहिक वृक्षारोपण आयोजित किए गए। वृक्षारोपण महाअभियान के तहत् जिले के विकासखण्ड बिल्हा में 84 हजार, कोटा 54 हजार, मस्तूरी 60 हजार, तखतपुर 70 हजार एवं सभी उद्योगों से 1 लाख 50 हजार पौधा रोपण किया जाना है। विभिन्न समुदाय/संगठन एवं नागरिको के सहयोग से शासकीय भूमि पर 1 लाख 50 हजार पौधो का रोपण किया जाना है। प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण के तहत् निर्माणाधीन तथा निर्मित आवासों में वृक्षारोपण का कार्य स्वयं हितग्राहियों द्वारा किया जा रहा है, जिसके तहत् जनपद मस्तूरी में 1956 बिल्हा में 2051 कोटा 1986 एवं तखतपुर 1771 पौधे अभी तक रोपित किए जा चुके है।
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राजस्व न्यायालयों की मजबूती और गुणवत्ता पर दिया जोर, पक्षकारों को दो बार से ज्यादा पेशी में न बुलाएं
बिलासपुर : कमिश्नर श्री सुनील जैन ने आज वीसी के जरिए कलेक्टर्स कॉन्फरेंस लेकर राजस्व मामले एवं शासकीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने राजस्व न्यायालयों की मजबूती और सुव्यवस्थित करने पर जोर दिया। श्री जैन ने कहा कि किसी भी सूरत में पक्षकारों को दो बार से ज्यादा पेशी में बुलाया नहीं जाना चाहिए। जिस दिन प्रकरण सुनवाई के लिए नियत किया गया है, उस दिन पीठासीन अधिकारी जरूर बैठें। प्रोटोकॉल अथवा अन्य कोई जरूरी काम आकस्मिक रूप से आ जाये तो कोई अन्य अधिकारी इस काम को देखे। काम-काज में ऐसे सुधार करें कि लोगों का राजस्व कोर्ट के प्रति विश्वास सुदृढ़ हो। बैठक में संभाग के सभी आठों जिले के कलेक्टर शामिल हुए। लगभग दो घण्टे तक कमिश्नर ने एजेण्डा के अनुरूप राज्य सरकार की फ्लेगशीप योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की।
संभागायुक्त श्री जैन ने कहा कि राजस्व न्यायालय से जुड़े सभी प्रकरणों में सुनवाई ऑनलाईन होनी चाहिए। एक भी प्रकरण की सुनवाई ऑफलाईन तरीके से न हो। उपर के कोर्ट द्वारा कोई प्रकरण मंगाया जाता है, तो तुरंत उपलब्ध कराया जाये। राजस्व नियमों में समय-समय पर संशोधन होते रहते हैं, इन परिवर्तनों से अपडेट रहें और आदेश में इनका उल्लेख होना चाहिए। नये राजस्व अधिकारियों को आर्डर लिखने सहित राजस्व न्यायालय के काम-काज का प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने राजस्व निरीक्षकों को भी प्रकरण के निपटारे में उपयोग करने के निर्देश दिए। उन्होंने नक्शा बटांकन का विशेष जिक्र किया। इसकी धीमी प्रगति पर नाराजगी जाहिर करते हुए अभियान छेड़कर इस काम को पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि राजस्व विवाद और झगड़े का बड़ा कारण बटांकन का नही होना है। इस काम की महत्ता को राजस्व अधिकारी समझें। इसमें शिथिलता अथवा लापरवाई कदापि स्वीकार नहीं की जायेगी।
कमिश्नर ने कहा की भूमि अधिग्रहण के बाद मुआवजा वितरण में तेजी लाया जाए। अभी तक संभाग में लगभग 30 प्रतिशत मुआवजा वितरण बचा हुआ है। उन्होंने कहा की मुआवजा वितरण के पहले अधिग्रहित जमीन का रिकार्ड दुरुस्त कर लिया जाए। शासन के नाम पर जमीन दर्ज कर लिया जाए ताकि बाद में विवाद की स्थिति ना बने। उन्होंने राष्ट्रीय राजमार्ग और भारत माला परियोजना की भी समीक्षा की। श्री जैन ने कहा की गलत बतांकन के आधार पर मुआवजा नहीं दिया जाएगा। स्वामित्व योजना की समीक्षा करते हुए इस पर तेज गति से काम करने के निर्देश दिए। बिलासपुर और रायगढ़ में योजना के तहत प्रगति संतोषजनक नहीं है। सीएम जनदर्शन के तहत प्राप्त आवेदनों के निराकरण की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा की कलेक्टर स्वयं देखें कि निराकरण गुणवत्तापूर्ण हो । लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत आवेदनों के अनावश्यक निरस्त ना करने के निर्देश दिए। मनरेगा की समीक्षा के दौरान कहा फिलहाल आवास निर्माण और पौधों पर फोकस करना है। इसके अलावा उन्होंने जल संरक्षण संबंधी कार्यों को इस योजना में प्राथमिकता देने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री आवास योजना में अब तक अप्रारंभ कार्यों को शुरू करने के निर्देश दिए। पूरे संभाग में फिलहाल 58 हजार आवास निर्माण शुरू नहीं हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर आदमी का आयुष्मान कार्ड बने। बाहर गए लोग अभी वापस आ रहे हैं, उनसे संपर्क कर उनका कार्ड बनाया जाए। बुजुर्ग लोगों के लिए शुरू की गई वयवंदन आयुष्मान कार्ड योजना में एक भी बुजुर्ग छूटना नहीं चाहिए। उन्होंने दसवीं और बारहवीं बोर्ड की रिजल्ट बढ़ाने के लिए निर्देश दिए। श्री जैन ने कहा की कार्रवाई के बजाय शिक्षकों को मोटिवेशन दिया जाए कि वह इस काम को कैसे अच्छे तरीके से कर सकते हैं। युक्तियुक्तकरण के बाद भी जहां शिक्षकों की कमी है वहां रिटायर्ड वह पढ़े-लिखे युवाओं का
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बिलासपुर : जिले में किसान अब ऑयल पाम की खेती करेगें। उद्यानिकी विभाग किसानों को नए फसलों के लिए प्रोत्साहित करते हुए पाम की खेती की शुरुआत करने जा रही है। पहले चरण में 300 हेक्टेयर में ऑयल पाम की खेती की योजना बनाई गई है। उसके लिए विभाग किसानों को प्रोत्साहित कर रहा है। धान की तुलना में 3 से 5 गुना तक ज्यादा कमाई और सब्सिडी जैसी सुविधाएं मिलने से किसान तैयार भी होने लगे है। यानी जल्द ही जिले में ऑयल पाम की खेती होती नजर आएगी। जिले में तखतपुर ब्लॉक के ग्राम घोघाड़ीह में मेगा ऑयल पाम प्लानटेंशन ड्राइव के तहत 01 हेक्टे. (143 पौधे) रकबे के खेत में पौधरोपण किया जा चुका है।
योजना के अंतर्गत केन्द्र एवं राज्य सरकार मिलकर किसानों को भरपूर अनुदान, तकनीकी मार्गदर्शन और विपणन की गारंटी दे रही है। इससे किसानों की आय में स्थायी रुप से बढ़ावा मिलेगा और देश में खाद्य तेलों की आत्मनिर्भरता भी सशक्त बनेगी। भारत को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आयल पॉम पौध रोपण अहम कदम है। भारत में वर्तमान में 60 से 70 प्रतिशत खाद्य तेल का आयात किया जाता है. जिसमें अकेले पाम ऑयल की हिस्सेदारी लगभग 55-60 प्रतिशत है। इस चुनौती को देखते हुए ऑयल पाम की खेती को बढ़ावा देना रणनीतिक एवं आर्थिक दोनों दृष्टियों से अत्यंत आवश्यक हो गया है।
ऑयल पाम एक ऐसी फसल है. जिसमें न्यूनतम मजदूर की आवश्यकता होती है। ऑयल पाम पौधे में बीमारी होने की संभावना कम होती है। इसकी विशेषता यह है कि एक बार पौधरोपण करने के बाद चौथे वर्ष से उत्पादन शुरु होकर लगातार 25-30 वर्षों तक उत्पादन लिया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर 143 पौधे त्रिकोणीय विधि से लगाए जाते है, जिससे चौथे वर्ष में 4-6 टन और सातवें वर्ष के बाद 20-25 टन उत्पादन होने लगता है। यह फसल प्रति हेक्टेयर पारंपारिक फसलों की तुलना में 4 से 6 गुना अधिक तेल उत्पादन देती है। किसान प्रति हेक्टेयर 3 से 4 लाख तक की सालाना आय प्राप्त कर सकते है। यह धान के बदले अन्य फसलों के विकल्प के रुप में एक अच्छा फसल है। यह फसल ड्रीप के माध्यम से न्यूनतम सिंचाई में भी अच्छा उत्पादन का माध्यम है। पाम ऑयल की खेती न केवल फायदेमंद है, बल्कि देश की खाद्य तेलों पर आयात की निर्भरता को भी कम करेगी।
उपसंचालक उद्यान डॉ कमलेश दीवान ने बताया कि किसानों के लिए इसमें आय बढ़ाने का एक और मौका रहता है। पौधे लगाने के बाद पेड़ बनने तक यानी तीन साल किसान पौधों के बीच में ग्राफ्टेड बैंगन, टमाटर, अदरक, हल्दी जैसी फसल लगा सकते है। ऑयल पाम क्षेत्र विस्तार को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार की प्रचलित अनुदान प्रावधान न्यूनतम राशि 1.30 लाख के अलावा राज्य सरकार द्वारा अतिरिक्त अनुदान (टॉप-अप) के साथ अधिकतम 2.30 लाख प्रति हेक्टेयर का प्रावधान है। इसमें प्रति हेक्टेयर उद्यानिकी विभाग की ओर से किसानों को रोपण सामग्री, मेंटनेंस, बोरवेल, पंपसेट, फेरािग, ड्रिप के लिए सब्सिडी दी जावेगी। जिले में प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमि. कंपनी का विभाग के साथ एमओयू हुआ है। इसमें कंपनी मौके से ही किसानों की फसल खरीदेगी। किसानों को कहीं भी जाने की जरुरत नहीं होगी।
किसान योजना के संबंध में अधिक जानकारी के लिए उद्यानिकी विभाग में कार्यरत अधिकारियों एवं प्रतिनिधि कंपनी से संपर्क कर सकते है। इनमें वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी बिल्हा श्री अशोक कुमार परस्ते मो0न0 9617483390, उद्यानिकी विकास अधिकारी तखतपुर श्री जैनेन्द्र कुमार पैकरा मो0न0 6265981957, वरिष्ठ उद्यानिकी विभाग अधिकारी कोटा श्री साधूराम नाग मो0न0 9165490297, प्रभारी उद्यान अधीक्षक मस्तूरी श्रीमती निशा चंदेल मो0न0 7000441324, प्रबंधक प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री संजीव गाईन मो0न0 9630053999, क्षेत्रीय प्रतिनिधि प्रीयूनिक एशिया प्रायवेट लिमिटेड श्री शिव भास्कर मो0न0 9131004397 है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
केन्द्र और राज्य से मिल रही सब्सिडी, सरकण्डा निवासी शशांक दुबे का बिजली बिल हुआ शून्य
बिलासपुर : प्रधानमंत्री सूर्यघर योजना एक ऐसी योजना है जिसमें सौर ऊर्जा के माध्यम से घरों तक रोशनी पहुंचाई जा रही है। योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत हितग्राहियों को केन्द्र सरकार की ओर से 78 हजार रूपए और राज्य सरकार द्वारा 30 हजार तक की सब्सिडी दी जा रही है साथ ही प्रतिमाह 300 यूनिट फ्री बिजली का भी प्रावधान है। योजना के तहत अरविंद नगर सरकण्डा निवासी श्री शशांक शेखर दुबे ने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से अब उन्हें महंगे बिजली के बिल से राहत मिल रही है और उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। इस महत्वपूर्ण योजना के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार जताया है।
अरविंद नगर सरकण्डा निवासी श्री शशांक शेखर दुबे ने बताया कि जब से उन्होंने अपने घर की छत पर सोलर पैनल लगवाया है, उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। सोलर पैनल के जरिए छत पर हो रहे बिजली उत्पादन से उनकी प्रतिमाह बिजली पर होने वाले खर्च की बचत हो रही है। श्री तिवारी ने बताया कि उनकी छत पर 5 किलोवाट का सोलर पैनल लगा है, जिससे हो रहे बिजली उत्पादन से न केवल प्रतिमाह आने वाले बिजली बिल की अब चिंता नहीं रही, वहीं वे उत्पादक के रूप में भी बिजली की सप्लाई भी कर रहे हैं जो गर्व की बात है। सोलर पैनल लगवाने के बाद उनके घर का बिजली बिल शून्य हो गया है। उन्होंने बताया कि 5 किलोवाट सोलर पैनल लगवाने पर उन्हें लगभग 2 लाख की लागत आई है, जिसमें से केन्द्र सरकार द्वारा सब्सिडी के रूप में 78 हजार रूपए प्राप्त हो गए हैं और राज्य सरकार की ओर से भी जल्द ही 30 हजार रूपए की सब्सिडी मिलने वाली है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत केवल 1 बार निवेश करना है जिसके बाद 25 वर्षाे तक बिजली की आपूर्ति होती रहेगी। लंबे समय के लिए यह एक बेहद किफायती योजना है जिसके लिए बैंक द्वारा कम ब्याज दर पर ऋण की भी सुविधा दी जाती है। उन्होंने बताया कि एक बार सोलर पैनल लगवाने के बाद इस पर किसी प्रकार का मेंटेनेन्स खर्च नहीं है और पैनल लगाने वाली कंपनी द्वारा 5 साल तक निःशुल्क सविर्सिंग की सुविधा दी जाती है। उन्होंने कहा कि यह पर्यावरण की दृष्टि ये बेहद उपयोगी है। इस माध्यम से हम सौर ऊर्जा कर उपयोग कर बिजली का उत्पादन कर पा रहे हैं, जो ग्रीन एंनर्जी को बढ़ावा दे रहा है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह इस योजना को अपनाकर सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए बिजली के लिए आत्मनिर्भर बनें और पर्यावरण संवर्धन में अपना योगदान दें।उल्लेखनीय है कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत शासन द्वारा शहरी एवं ग्रामीण घरेलू विद्युत उपभोक्ताओं को अपने घरों की छतों पर रूफ टॉप सोलर प्लाण्ट स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उक्त स्थापित प्लाण्ट नेट मीटरिंग द्वारा विद्युत ग्रिड से जुड़ेगा जिससे उपभोक्ता द्वारा अपनी खपत से अधिक उत्पादित बिजली ग्रिड में सप्लाई हो जाती है। इससे न केवल उपभोक्ता के घर का बिजली बिल शून्य हो जाता है, बल्कि ग्रिड में दी गई बिजली के एवज में अतिरिक्त आमदनी भी मिल जाती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के अंतर्गत प्रति माह 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्रदान की जा रही है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अधिक आय, कम बिजली बिल और नवीन रोजगारों का सृजन होगा तथा नवीनीकृत ऊर्जा स्त्रोत के प्रति जागरूकता बढ़ेगी। शासन द्वारा इस योजना में 30 हजार रूपये से लेकर 78 हजार रूपये तक अनुदान भी दिया जाता है। योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए उपभोक्ता पीएम सूर्यघर डॉट जीओव्ही डॉट इन वेब पोर्टल अथवा पीएम सूर्यघर एप्प में पंजीयन करा सकते हैं।
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जल संरक्षण के उपायों पर किया गया विचार-विमर्श
बिलासपुर : भू-जल संवर्धन एवं संरक्षण के लिए जिले में व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जिला पंचायत के सभागार में आयोजित किया गया। आज कार्यशाला के समापन अवसर में कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल शामिल हुए। कार्यशाला में सीईओ जिला पंचायत श्री संदीप अग्रवाल समेत संभाग के सभी जिलों के सीईओ जिला पंचायत ने भी भाग लिया। कार्यशाला में जल का बचाव कर भविष्य के लिए जल संरक्षण के उपायों पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। केंद्रीय भूमि जल बोर्ड द्वारा आयोजित इस कार्यशाला में भू-जल संरक्षण के विषय में रिजनल डायरेक्टर सी जी. डब्ल्यू, वी एनसीसीआर रायपुर से आये डॉ. प्रवीर के. नायक द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई। कार्यशाला में भू-जल संवर्धन के लिए जनभागीदारी पर बल दिया गया। कैसे जन जागरूकता और प्रति व्यक्ति जिम्मेदारी के साथ इस समस्या का समाधान किया जाएगा, इस पर गहन चर्चा की गई।
कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल ने कहा कि पानी केवल प्राकृतिक संसाधन नहीं बल्कि जीवन का आधार है। जिस तेजी से भू-जल स्तर गिर रहा है। वह न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक खतरा बन चुका है। हमने आने वाले पीढ़ियों का पानी भी उपयोग कर लिया है। उन्होंने कहा कि जल संकट से बचने के लिए यदि अभी से ठोस कदम नहीं उठाए गए तो स्थिति और गंभीर हो सकती है। जिस तेजी से हम भूमिगत जल का दोहन कर रहे है। उसी हिसाब से नीचे पानी नहीं भेज रहे है। पुराने समय में शहर भी नदियों के किनारे बसते थे। हमारे यहां बहुत अच्छी बारिश होती है लेकिन हम इसका संरक्षण नहीं कर पाते है। कलेक्टर ने कहा कि हमें जनभागीदारी से भू-जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्रयास करना होगा। राज्य में राजनांदगांव, धमतरी जिले में इस दिशा में सराहनीय कार्य किया गया है।
कलेक्टर ने कहा कि बिलासपुर जिले में भी हम जल संरक्षण एवं संवर्धन के लिए लगातार काम कर रहे है। गांव का पानी गांव में रोकने का प्रयास हमें जनभागीदारी से करना होगा। हमने मोर गांव मोर पानी अभियान के तहत कच्चा नाला बंधान, सोख्ता गड्ढा, रिचार्ज पिट, इंजेक्शन वेल, डिफक्ट बोर वेल जैसे नवाचार अपनाया है। एक ही दिन में 40 हजार सोकपिट बनाए गए। गांव-गांव में अभियान को लेकर जन जागरूकता के लिए रैली और संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। अभी तक जन जागरूकता के लिए गांव में 486 रैली निकाली गई है। उन्होंने कहा कि जल ऐसी चीज है जिससे जीवन यापन के लिए हर चीज बनाई जाती है पर जल नहीं बनाया जा सकता। यह प्राकृतिक है और सीमित है।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने वर्षा जल के संचय, संरक्षण और भू-जल को रिचार्ज करने के उपायों पर तीन दिन तक प्रशिक्षण दिया। विषय विशेषज्ञों ने कार्यशाला में कहा कि छत्तीसगढ़ में पर्याप्त बारिश होती है इसके संरक्षण एवं संवर्धन से पानी की दिक्कतों को दूर किया जा सकता है। कार्यशाला में जन प्रतिनिधिगण, उद्योगपति, विभागों के कार्यपालन अभियंता और प्रबुद्धजन शामिल हुए।