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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कई गांवों को मिलेगी राहत, बारहों महीने निर्बाध आवागमन की मिलेगी सुविधा
खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार गढ़वा और नगर उटारी जाने वालों की दूरी हो जाएगी आधी
बिलासपुर : बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सनावल क्षेत्र को झारखंड से जोड़ने कन्हर नदी पर उच्च स्तरीय पुल का काम तेजी से चल रहा है। इस पुल के निर्माण से 20 गांवों की करीब 40 हजार आबादी को बड़ी राहत मिलेगी। सनावल क्षेत्र के कई गांवों के लोग रोजाना खरीदारी और इलाज के लिए नदी के उस पार स्थित झारखंड के जिला मुख्यालय गढ़वा तथा प्रखंड मुख्यालय नगर उटारी और धुरकी जाते हैं। कन्हर नदी पर इस पुल के शुरू हो जाने से सनावल क्षेत्र से इन तीनों शहरों की दूरी काफी कम हो जाएगी। क्षेत्रवासियों को बारहों महीने निर्बाध आवागमन की सुविधा मिलेगी।
लोक निर्माण विभाग द्वारा बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड के धौली और झारखंड के गढ़वा जिला के धुरकी प्रखंड के बालचौरा के बीच कन्हर नदी पर 15 करोड़ 20 लाख रुपए की लागत से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण किया जा रहा है। अभी 12 पियर एवं दो अबटमेंट में से पांच पियर एवं एक अबटमेंट का काम पूर्ण कर लिया गया है। शेष सात पियर एवं एक अबटमेंट में सब-स्ट्रक्चर का कार्य प्रगति पर है। अगले कुछ दिनों में सुपर-स्ट्रक्चर का भी काम पूर्ण कर लिया जाएगा। 312 मीटर लंबाई और 8.4 मीटर चौड़ाई के इस पुल का करीब 50 प्रतिशत काम पूर्ण कर लिया गया है। उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने अधिकारियों को निर्माण में पूर्ण गुणवत्ता सुनिश्चित करते हुए समय-सीमा में काम पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
विभाग द्वारा पुल का काम इस साल जून तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है। कन्हर नदी पर छत्तीसगढ़ के धौली और झारखंड के बालचौरा गांव के बीच पुल के निर्माण से वाड्रफनगर और रामचंद्रपुर तहसील के अनेक गांव सीधे झारखंड से जुड़ जाएंगे। इससे क्षेत्र में व्यापारिक-व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ने के साथ ही खरीदारी, इलाज और विभिन्न कार्यों से रोजाना गढ़वा एवं नगर उटारी जाने वालों की सफर की दूरी आधी हो जाएगी।अभी धौली से सड़क मार्ग से गढ़वा जाने के लिए करीब 100 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है। पुल के शुरू हो जाने के बाद यह दूरी घटकर 55 किलोमीटर हो जाएगी। सनावल क्षेत्र के लोगों को अभी नगर उटारी जाने के लिए 70 किलोमीटर का रास्ता तय करना पड़ता है। पुल बन जाने के बाद यह दूरी घटकर आधी यानि 35 किलोमीटर हो जाएगी। वाड्रफनगर क्षेत्र के लोग अभी रामानुजगंज और उत्तरप्रदेश होकर झारखंड जाते हैं। कन्हर नदी पर पुल के चालू हो जाने पर वे बहुत कम दूरी तय कर सीधे झारखंड पहुंच सकेंगे।
पुल के निर्माण से ये 20 गांव होंगे लाभान्वित
धौली और बालचौरा के बीच पुल के निर्माण से सनावल क्षेत्र के 20 गांवों के साथ ही इस मार्ग का उपयोग कर झारखंड के गढ़वा, धुरकी और नगर उटारी आने-जाने वालों को फायदा होगा। इसके निर्माण से धौली, कामेश्वरनगर, झारा, कुशफर, सेमरवा, इंद्रावतीपुर, बरवाही, दोलंगी, ओरंगा, रेवतीपुर, सुंदरपुर, सुरंगपान, कुण्डपान, पिपरपान, डुगरु, पचावल, त्रिशूली, सिलाजू, उचरवा, आनंदपुर इत्यादि गांवों को बड़ी राहत मिलेगी। -
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इस वर्ष अब तक 11036 हितग्राहियों को मिली ऋण राशि
बिलासपुर : पीएम स्वनिधि योजना उन परिवारों के लिए वरदान साबित हो रही हैं, जो स्वयं का व्यवसाय स्थापित करना चाहते है या अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाना चाहते है। योजना के तहत् जिले में एक साल में अब तक विभिन्न श्रेणियों में 11,036 हितग्राहियों को योजना के तहत् ऋण स्वीकृत किया गया है। योजना से लाभान्वित हितग्राहियों नेे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताया है। योजना से लाभान्वित जूना बिलासपुर निवासी श्री लक्ष्मी प्रसाद गुप्ता ने बताया कि वे पान ठेला चलाते हैं, जिसके लिए उन्होंने पहले 10,000 का ऋण लिया उसके बाद 20,000/- रुपए ऋण के लिए आवेदन किया इस ऋण को चुकाने के बाद उन्हें 50,000 का ऋण प्राप्त हुआ।उन्होंने बताया कि प्राप्त राशि को व्यवसाय में लगाकर उन्होंने आय अर्जित की और समय पर ऋण का भुगतान किया जिसके कारण वे अधिक ऋण के पात्र बनें। उन्होंने कहा कि योजना से मिली राशि से उनका व्यवसाय बढ़ा जिससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताते हुए कहा कि इस योजना से हम जैसे लोगोें को बड़ी सहायता मिल रही हैं। योजना से लाभान्वित मसानगंज निवासी श्री असद अखतर खान ने बताया कि वे फॉस्ट फूड का ठेला चलाते हैं, योजना से मिली राशि का उपयोग उन्होंने अपने व्यवसाय को आगे बढ़ाने में किया हैं, जिससे उनकी आय बढ़ी हैं, उन्होंने योजना के लिए प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना एक ऐसी योजना जो जरूरतमंद परिवारों को फुटकर व्यवसाय स्थापित कर आत्मनिर्भर बनने का संबल प्रदान करती है। योजना के तहत् प्रथम ऋण के रूप में 10,000 रुपए तक का लोन दिया जाता है, समय पर लोन चुकाने पर अगली बार 20,000 रुपए का ऋण दिया जाता है, और इस राशि को चुकाने के बाद योजना के तहत् 50,000 का ऋण दिया जाता है। योजना का उद्देश्य कमजोर आय वर्ग को स्वयं के व्यवसाय के लिए सहयोग प्रदान करना है, फुटकर व्यवसायी रेहणी, ठेले, और छोटे-मोटे व्यवसाय करने वालो को योजना के तहत् लाभान्वित किया जाता हैं।जिले में योजना के तहत् प्रथम ऋण के लिए 8,123 लक्ष्य प्राप्त है, जिनमें आज तक 7944 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, और 7591 हितग्राहियों को ऋण राशि दी जा चुकीं हैं। द्वितीय ऋण के लिए 3673 लक्ष्य दिया गया हैं, जिनमें 2398 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं, और 2207 हितग्राहियों को ऋण राशि प्रदान की गई हैं। तृतीय ऋण 50,000 के लिए 330 लक्ष्य रखा गया हैं, जिसके विरूद्ध प्राप्त 975 आवेदनों में से 694 आवेदनों को स्वीकृती दी गई और 559 हितग्राहियों को ऋण राशि दी गई हैं, शेष स्वीकृत आवेदनों को वित्तीय वर्ष 31 मार्च 2025 तक ऋण राशि प्रदान कर दी जाएगी। इस योजना के लिए आवेदन नगर निगम की शहरी आजीविका मिशन शाखा के माध्यम से किया जा सकता हैं। -
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बिलासपुर : आज जिला कार्यालय के मंथन सभाकक्ष में जिला पंचायत बिलासपुर के निर्वाचन क्षेत्रों एवं अध्यक्ष जनपद पंचायत बिल्हा, तखतपुर, कोटा एवं मस्तूरी के आरक्षण की कार्यवाही विहित प्राधिकारी एवं अतिरिक्त कलेक्टर श्री शिव कुमार बनर्जी द्वारा किया गया । जिला पंचायत सीईओ श्री संदीप अग्रवाल भी मौजूद थे । जिला पंचायत बिलासपुर में 17 जिला पंचायत क्षेत्र है जिसमें अनुसूचित जाति प्रवर्ग के लिए 4 सीट, अनुसूचित जनजाति के लिए 3 सीट व अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 1 सीट एवं 9 अनारक्षित सीट है।उपरोक्त सीटों के आरक्षण हेतु वर्ष 2019-20 में विभिन्न प्रवर्गाे हेतु आरक्षित सीटों के आरक्षित स्थानों में चक्रानुक्रम में आरक्षित किये जाने हेतु शासन के निदेशानुसार वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति प्रवर्ग हेतु क्षेत्र क्रमांक 2, 4, 11, 12 एवं 13 आरक्षित थे। जिसमें अनुसूचित जाति महिला हेतु 2, 4, एवं 12 आरक्षित थे। अनुसूचित जनजाति हेतु क्षेत्र क्रमांक 15 व 16 आरक्षित थे, जिसमें क्षेत्र क्रमांक 15 अनुसुचित जनजाति महिला हेतु आरक्षित थे। अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु क्षेत्र क्रमांक 5, 9, 14 एवं 10 आरक्षित थे, जिसमें क्षेत्र क्रमांक 10 एवं 14 अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु आरक्षित था।
वर्ष 2024-25 में चक्रानुक्रम में आरक्षण की प्रक्रिया संपन्न होने के बाद क्षेत्र क्रमांक 2 एवं 12 अनुसूचित जाति मुक्त एवं 11 और 13 अनुसूचित जाति महिला हेतु आरक्षित किये गये हैं। इसी प्रकार अनुसूचित जनजाति हेतु क्षेत्र क्रमांक 15 अनुसूचित जनजाति मुक्त एवं क्षेत्र क्रमांक 16 व 17 महिला अनुसूचित जनजाति हेतु आरक्षित किये गए। अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु लाट द्वारा क्षेत्र क्रमांक 1 को आरक्षित किया गया है। महिला प्रवर्ग हेतु 50 प्रतिशत आरक्षण किये जाने के प्रावधान होने के कारण स्वमेव अन्य पिछड़ा वर्ग हेतु क्षेत्र क्रमांक 1 आरक्षित हो गया है। शेष क्षेत्र क्रमांक 03, 04, 05, 06, 07, 08, 09, 10 एवं 14 अनारक्षित हुए जिसमें अनारक्षित महिला हेतु लॉटरी से 5 सीटे निकालने की कार्यवाही की गई जिसका क्षेत्र क्रमांक 3, 4, 6, 9 तथा 14 अनारक्षित महिला प्रवर्ग हेतु आरक्षित हुए तथा क्षेत्र क्रमांक 5, 7, 8 एवं 10 अनारक्षित मुक्त हो गये।इस प्रकार जिला पंचायत बिलासपुर के 17 सीटों के आरक्षण की कार्यवाही संपन्न की गई। इसी प्रकार जनपद पंचायत अध्यक्षो के पद वर्ष 2019-20 में अनुसूचित जाति महिला हेतु जनपद पंचायत बिल्हा, अनुसूचित जनजाति मुक्त हेतु जनपद पंचात कोटा, अन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु जनपद पंचायत मस्तूरी एवं अनारक्षित महिला हेतु जनपद पंचायत तखतपुर आरक्षित थे। वर्ष 2024-25 के निर्वाचन हेतु चक्रानुक्रम प्रक्रिया के माध्यम से लाट निकाली गई। जिसमें जनपद पंचायत बिल्हा अनारिक्षत मुक्त, जनपद पंचायत मस्तूरी अनुसूचित जनजाति महिला, जनपद पंचायत कोटा अनारक्षित महिला एवं जनपद पंचायत तखतपुर अनुसूचित जाति महिला हेतु आरक्षित की गई है। -
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शहर की यात्रा कर इन जगहों की खूबसूरती को करें महसूस
बिलासपुर : पर्यटन एक ऐसी यात्रा है जो न केवल हमें नये स्थानों से परिचित कराती है बल्कि हमारे जीवन को भी समृद्ध बनाती है। पर्यटन हमें नये अनुभव प्रदान करता है। नये लोगों से मिलने का अवसर देता है। छत्तीसगढ़ का बिलासपुर जिला अपनी प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और सांस्कृतिक विरासत के लिए प्रसिद्ध है। जिले में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पर्यटन स्थलों को संवारने जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग द्वारा पहल की जा रही है। प्राकृति ने यहां अपनी पूरी छटा बिखेरी है। घने जंगलों से आच्छादित इस जिले में नदियां और पहाड़ भी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की मंशानुरूप जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शासन द्वारा नित नये प्रयास किये जा रहे हैं। सैलानियों को ठहरने की सुविधा देने छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड द्वारा कुरदर और बेलगहना में रिजॉर्ट बनाया गया है वहीं पर्यटन स्थलों में पहुंचमार्ग से लेकर सौंदर्यीकरण आधारभूत सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा गया है।ताला यह अतीत में वापस जाने और कालातीत मूर्तियों द्वारा मंत्रमुग्ध होने जैसा है। निश्चित रूप से अनंत काल और कलात्मक पत्थर की मूर्तियों की भूमि ताला अमेरिकापा के गांव के पास मनियारी नदी के तट पर स्थित है। ताला शिवनाथ और मनियारी नदी के संगम पर स्थित है। देवरानी-जेठानी मंदिरों के लिए सबसे मशहूर, ताला की खोज 1873-74 में जे.डी. वेलगर ने की थी, जो प्रसिद्ध पुरातत्वविद् अलेक्जेंडर कनिंघम के सहायक थे।
इतिहासकारों ने दावा किया है कि ताला गांव 7-8 वीं शताब्दी ईस्वी की है। ताला के पास सरगांव में धूम नाथ का मंदिर है। इस मंदिर में भगवान किरारी के शिव स्मारक हैं, और मल्हार यहां से केवल 18 किमी दूर है। ताला बहुमूल्य पुरातात्विक खुदाई की भूमि है जिसने उत्कृष्ट मूर्तिकला के काम को प्रकट किया है। पुरातत्त्वविदों और इतिहासकारों को जटिल रूप से तैयार पत्थर की नक्काशी से मंत्रमुग्ध कर दिया जाता है। इन उत्कृष्ट खुदाई 6 वीं से 10 वीं शताब्दी ईस्वी के दौरान ताला की समृद्धि का वर्णन करती हैं।हालांकि, विभिन्न खुदाई वाले खंडहर प्राप्त हुए और मूर्तिकला-शैली हमें विभिन्न राजवंशों को बताती है जो ताला में शासन करते थे और भगवान शिव के भक्त और शिव धर्म के प्रचारक थे। देवरानी - जेठानी मंदिर, अमेरीकांपा (जिला बिलासपुर)प्राचीन काल में दक्षिण कोसल के शरभपुरीय राजाओं के राजत्वकाल में मनियारी नदी के तट पर ताला नामक स्थल पर अमेरिकापा गाँव के समीप दो शिव मंदिरों का निर्माण कराया गया। देवरानी, जेठानी मंदिर भारतीय मूर्तिकला और कला के लिए बहुत प्रसिद्ध है।दुर्लभ रुद्रशिव 1987-88 के दरमियान देवरानी मंदिर में प्रसिद्ध खुदाई में भगवान शिव की एक बेहद अनोखी ‘रुद्र’ छवि वाली मूर्ति प्रकट हुई। शिव की यह अनूठी मूर्ति विभिन्न प्राणियों का उपयोग करके तैयार की जाती है। यह विशाल एकाश्ममक द्विभूजी प्रतिमा समभंगमुद्रा में खड़ी है तथा इसकी उचांई 2.70 मीटर है।
यह प्रतिमा शास्त्र के लक्षणों की दृष्टी से विलक्षण प्रतिमा है। इसमें मानव अंग के रूप में अनेक पशु, मानव अथवा देवमुख एवं सिंह मुख बनाये गये हैं। इसके सिर का जटामुकुट (पगड़ी) जोड़ा सर्पों से निर्मित है। ऐसा प्रतीत होता है कि यहाँ के कलाकार को सर्प-आभूषण बहुत प्रिय था क्योंकि प्रतिमा में रुद्रशिव का कटी, हाथ एवं अंगुलियों को सर्प के भांति आकार दिया गया है। इसके अतिरिक्त प्रतिमा के ऊपरी भाग पर दोनों ओर एक-एक सर्पफण छत्र कंधो के ऊपर प्रदर्शित है। इसी तरह बायें पैर लिपटे हुए, फणयुक्त सर्प का अंकन है। दुसरे जीव जन्तुओ में मोर से कान एवं कुंडल, आँखों की भौहे एवं नाक छिपकली से, मुख की ठुड्डी केकड़ा से निर्मित है तथा भुजायें मकरमुख से निकली हैं। सात मानव अथवा देवमुख शरीर के विभिन अंगो में निर्मित हैं।लुतरा शरीफ बाबा सैय्यद इंसान अली शाह की दरगाह के रूप में प्रसिद्ध “लुतरा शरीफ” बिलासपुर में स्थित है। जो पुरे छत्तीसगढ़ में धार्मिक सौहार्द्र, श्रध्दा और आस्था का पावन स्थल तथा प्रमुख केंद्र माना जाता है। हजरत बाबा का पवित्र स्थल लुतरा शरीफ छत्तीसगढ़ में एक पवित्र और चमत्कारिक दरगाह के रूप में विख्यात है। यहां वर्ष भर मनौतियां मानने वालो का मेला लगा रहता है। छत्तीसगढ़ राज्य में यह एक ऐसा दरगाह है जिसकी आस्था सभी धर्माे के लोगो में है।
यह दरगाह एक धर्म विशेष से ऊपर उठकर कल्याणकारी होने का जीवंत उदहारण है।यह पर्यटकों के लिए दर्शनीय स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। श्रद्धालु, पर्यटकों के लिए यह पवित्र दर्शनीय स्थल है। बिलासपुर क्षेत्र में धार्मिक आस्था केंद्र के रूप में विख्यात लुतरा शरीफ दरगाह में माथा टेकने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पर्यटक आते हैं।मल्हारमल्हार नगर बिलासपुर से दक्षिण-पश्चिम में बिलासपुर से शिवरीनारायण जाने वाली सडक पर स्थित मस्तूरी से 14 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मल्हार में ताम्र पाषाण काल से लेकर मध्यकाल तक का इतिहास सजीव हो उठता है। मल्हार के उत्खनन में ईसा की दूसरी शती की ब्राम्हीव लिपी में आलेखित उक मृणमुद्रा प्राप्त हुई है, जिस पर गामस कोसलीया (कोसली ग्राम की) लिखा है। कोसली या कोसल ग्राम का तादात्यपी मल्हार से 16 किमी उत्तर पूर्व में स्थित कोसला ग्राम से स्थित जा सकता है।कोसला गांव से पुराना गढ़ प्राचीर तथा परिखा आज भी विद्यमान है, जो उसकी प्राचीनता को मौर्याे के समयुगीन ले जाती है। वहां कुषाण शासक विमकैडफाइसिस का एक सिक्का भी मिला है। सातवीं से दसवीं शदी के मध्य विकसित मल्हार की मूर्तिकला में उत्तर गुप्त युगीन विशेषताएं स्पष्ट परिलक्षित है। मल्हार में बौद्ध स्मारकों तथा प्रतिमाओ का निर्माण इस काल की विशेषता है।
मल्हार में भीम किचक मंदिर, माता दाई डिड़िनेश्वरी का निवास, ऋषभदेव नाथ मंदिर, भगवान बुद्ध व महावीर की इत्यादि मूर्तियां है। यहां से ताम्र पत्र, शिलालेख और अनेक मूर्तियां खुदाई से प्राप्त हुई है। रतनपुर बिलासपुर-कोरबा मुख्यमार्ग पर 25 कि.मी. पर स्थित आदिशक्ति महामाया देवी कि पवित्र पौराणिक नगरी रतनपुर का प्राचीन एवं गौरवशाली इतिहास है। त्रिपुरी के कलचुरियों ने रतनपुर को अपनी राजधानी बना कर दीर्घकाल तक छ.ग. मे शासन किया। इसे चतुर्युगी नगरी भी कहा जाता है. जिसका तात्पर्य इसका अस्तित्व चारो युगों में विद्यमान रहा है। राजा रत्नदेव प्रथम ने रतनपुर के नाम से अपनी राजधानी बसाया।श्री आदिशक्ति माँ महामाया देवी - लगभग नौ वर्ष प्राचीन महामाया देवी का दिव्य एवं भव्य मंदिर दर्शनीय है। इसका निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में कराया गया था। 1045 ई. में राजा रत्नदेव प्रथम ने श्री महामाया देवी का भव्य मंदिर निर्मित कराया। मंदिर के भीतर महाकाली, महासरस्वती और महालक्ष्मी स्वरुप देवी की प्रतिमाएं विराजमान है। मान्यता है कि इस मंदिर में यंत्र-मंत्र का केंद्र रहा होगा।
रतनपुर में देवी सती का दाहिना स्कंद गिरा था। भगवान शिव ने स्वयं आविर्भूत होकर उसे कौमारी शक्ति पीठ का नाम दिया था। जिसके कारण माँ के दर्शन से कुंवारी कन्याओ को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। नवरात्री पर्व पर यहाँ की छटा दर्शनीय होती है। इस अवसर पर श्रद्धालूओं द्वारा यहाँ हजारों की संख्या में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किये जाते है।कानन पेंडारी बिलासपुर शहर कानन पेंडारी चिड़ियाघर के लिए प्रसिद्ध है। यह मुंगेली रोड पर बिलासपुर से लगभग 10 किलोमीटर सकरी के पास स्थित एक छोटा चिड़ियाघर है। सिटी बस का संचालन बिलासपुर सिटी बस लिमिटेड द्वारा यात्रियों के परिवहन के लिए किया जाता है।खूंटाघाट (खारंग जलाशय) खूंटाघाट बांध बिलासपुर का एक मुख्य आकर्षण स्थल है।यह बांध बिलासपुर में रतनपुर में स्थित है। यह बांध रतनपुर से करीब 4 किलोमीटर दूर है। यह बांध चारों तरफ से पहाड़ियों से घिरा हुआ है। खुटाघाट बांध को खारंग जलाशय भी कहा जाता है। यह बांध खारंग नदी पर बना हुआ है। यह बांध पर्यटकों के लिए एक अच्छी जगह है। यहां एक सुंदर गार्डन भी है। -
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बिलासपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव 6 जनवरी को रायपुर और बलौदाबाजार में विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल होंगे। वे 6 जनवरी को दोपहर एक बजे रायपुर के स्वर्गीय बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय अधिकारी-कर्मचारी अधिवेशन में शामिल होंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव दोपहर ढाई बजे रायपुर से बलौदाबाजार के लिए रवाना होंगे। वे शाम चार बजे बलौदाबाजार में जिला ऑडिटोरियम का उद्घाटन करेंगे। वे शाम पांच बजे बलौदाबाजार से रायपुर के लिए प्रस्थान करेंगे। वे शाम साढ़े छह बजे वापस रायपुर पहुंचेंगे। -
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बिलासपुर : जिला कार्यालय समग्र शिक्षा द्वारा देवकीनन्दन स्कूल में समावेशी शिक्षा अन्तर्गत ज़िला स्तरीय उनमुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत सेकेंडरी स्तर के 40प्राचार्यों एवं व्याख्याताओं के साथ साथ 20 दिव्यांग बच्चों के पालकों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में प्रारंभिक स्तर के ज़िले के विभिन्न विकासखंडों के प्राथमिक और माध्यमिक स्तर के 62 प्रधान पाठकों ,शिक्षकों और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के अभिभावकों को दिव्यांगता के 21 प्रकार,दिव्यांगों के साथ व्यवहार के तरीक़े,सहायक उपकरणों के उपयोग ,शासकीय योजनाओं की जानकारी आदि संबंध विषयों पर जानकारी दी गई।
ज़िले के 67 बच्चे जो अति गंभीर निःशक्तता से बाधित है और गृह आधारित शिक्षा प्राप्त कर रहे है उनके माता पिता को सूक्ष्मता से बच्चों में जीवन कौशल के विकास की तकनीक ,सामाजिक समावेशन,पुनर्वास का व्यक्तित्व विकास में प्रभाव,दिव्यांग बच्चों के अधिकार और उनके प्रति समाज के दायित्व,फ़िज़ियोथेरिपी(शारीरिक व्यायाम )आदि विषयों पर विस्तार से जानकारी प्रदान कर समस्या समाधान किया गया. ज़िला मिशन समन्वयक अनुपमा राजवाड़े ने प्रशिक्षण में सीखे कौशल और ज्ञान को शाला स्तर तक पहुँचाने आह्वान किया गया। डॉ मुकेश पांडेय ने प्रशिक्षण की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला।सहायक कार्यक्रम समन्वयक डॉ अखिलेश तिवारी द्वारा समस्त प्रतिभागियों को निःशक्त व्यक्ति अधिकार अधिनियम 2016 से अवगत कराते हुए दिव्यांग जनों के अधिकारों के संरक्षण और अधिनियम के अनुपालन को आवश्यक बताया.मास्टर ट्रेनर आराधना शर्मा,उत्तम भारद्वाज,पूर्णिमा ख़ोबरागढ़े,सुष्मिता दिवाकर,सुदीप,भूपेन्द्र,कमलेश,विनीता,गोविंद प्रवीण,मोना,वंदना द्वारा प्रशिक्षण दिया गया. प्रतिभागी शिक्षकों और पालकों ने प्रशिक्षण के विषय वस्तु और प्रस्तुति की सराहना करते हुए इस प्रकार के उन्मुखीकरण कार्यक्रम की आवश्यकता बताई। -
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योजना की 11वीं किश्त हुई जारी
बिलासपुर : महतारी वंदन योजना से जरूरतमंद महिलाओं को आर्थिक संबल मिल रहा है। योजना से लाभान्वित मदनपुर की रीता बाई के लिए ये योजना किसी वरदान से कम नहीं, गरीबी के कुचक्र में उलझी रीता की जिंदगी में शासन की कल्याणकारी योजनाओं ने सार्थक बदलाव लाया है, उन्हें महतारी वंदन योजना से आर्थिक संबल मिलने के साथ ही जल्द ही पक्का आवास भी मिलने जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताया है।बिल्हा विकासखंड के ग्राम मदनपुर की रीता बाई के दुख और अभावों से भरे जीवन में सरकारी योजनाओं से नई रोशनी आई है। रीता ने बताया कि पति टीबी की गंभीर बीमारी से लंबे समय से पीड़ित हैं और कमाने में असमर्थ हैं। वह रोजी मजदूरी कर वह किसी तरह अपने बच्चों का पालन पोषण करती है, इसके साथ ही पति के देखभाल में भी काफी पैसे खर्च हो जाते, इन परिस्थितियों के कारण उसकी आर्थिक स्थिति और कमजोर होती चली गई।
रीता बाई ने खुश होकर बताया कि पिछले 11 महीनों से सरकार से मिल रही मदद ने जीवन को थोड़ा आसान बनाया है, अब उन्हें छोटी छोटी जरूरतों को पूरा करने में मदद मिल रही है, साथ ही इसमें से मिलने वाली राशि का कुछ हिस्सा वो हर माह बचाती भी है, जो उनके बच्चों के भविष्य में काम आएगा। रीता उत्साह से बताती है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में भी उनका नाम आया है और जल्द ही उनके परिवार को पक्का घर मिलने वाला है।रीता कहती हैं कि सरकार की इस योजना से हम जैसी गरीब महिलाओं को बड़ा सहारा मिल रहा है,उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि इस योजना से हमें संबल मिल रहा है, और यह राशि हमारे बहुत काम आ रही है। उल्लेखनीय है कि महतारी वंदन योजना से जरूरतमंद महिलाओं को राज्य सरकार द्वारा 1000 रुपए प्रतिमाह की राशि दी जा रही है इस माह योजना की 11वीं किश्त महिलाओं के खाते में आई है। -
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उठाव कार्य में तेजी, 50 प्रतिशत हो चुका उठाव
किसानों को 1073 करोड़ रुपए का भुगतान
गड़बड़ी की आशंका वाले केन्द्रों की हो रही विशेष निगरानी
बिलासपुर : कलेक्टर अवनीश शरण ने एनआईसी कक्ष से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी की समीक्षा की। उन्होंने कोचियों और दलालों के खिलाफ कार्रवाई में और तेज़ी लाने के निर्देश दिए। गड़बड़ी की संभावना वाले खरीदी केन्द्रों की सूची सौंपकर इन पर निगरानी बढ़ाने को कहा है। धान खरीदी का मौसम चूंकि अब अपने उच्च स्तर पर पहुंच चुका है, लिहाज़ा नोडल अधिकारी पूरे समय केन्द्र में बैठकर अपने समक्ष खरीदी कराएं और रिपोर्ट दें। राज्य सरकार का फिलहाल सबसे बड़ा काम किसानों से सफलता पूर्वक धान खरीदी करने का है। इसमें किसी भी स्तर पर गड़बड़ी अथवा लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। बैठक में अधिकारियों ने बताया गया कि जिले में अब तक सुव्यवस्थित तरीके से खरीदी कार्य चल रहा है।
उठाव की मात्रा भी बढ़कर 50 फीसदी हो चुका है। खरीदी केंद्रों में धान रखने जगह की कमी नहीं है। 3 जनवरी तक जिले में 4.67 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। लगभग 96 हजार किसान अपना धान समीप स्थित केन्द्रों पर बेच चुके हैं। किसानों को उनके ऊपज के एवज में 1073 करोड़ की राशि का भुगतान किया जा चुका है। कलेक्टर ने फील्ड में दौरा कर रहे अधिकारियों से फीडबैक भी लिया। उनकी शंकाओं का समाधान भी किया गया। उन्होंने। उप पंजीयक सहकारिता को गड़बड़ी कर रहे समिति के कर्मचारियों के विरुद्ध त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। बैठक में एसडीएम पीयूष तिवारी, एसडीएम एसएस दुबे, जिला खाद्य अधिकारी अनुराग भदौरिया, उप पंजीयक सहकारिता मंजू पाण्डेय, सहकारी बैंक के सीईओ सुनील सोढी, डीएमओ शंभू गुप्ता सहित एसडीएम और तहसीलदार वीसी के जरिए शामिल हुए। -
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तीन महीने में गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण कर सौंपने के निर्देश
सिम्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में भर्ती कर मरीजों का इलाज करने लायक सुविधा तीन महीने में सुनिश्चित करने के निर्देश
बिलासपुर : संभागायुक्त महादेव कावरे ने कोनी में बन रहे नए संभागायुक्त कार्यालय भवन का निरीक्षण किया। उन्होंने समयसीमा में कार्य पूर्ण नहीं करने पर नाराज़गी जाहिर करते हुए 31 मार्च 2025 के पहले कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। अनुबंध के अनुसार इसे सितंबर 2024 तक पूर्ण कर लिया जाना था। श्री कावरे ने निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। संभागायुक्त ने कोनी मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में अगले तीन महीने में आईपीडी सुविधा विकसित करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान निगम आयुक्त अमित कुमार भी उपस्थित थे।गौरतलब है कि नया संभाग आयुक्त भवन के लिए लगभग 12 करोड रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। भवन निर्माण का कार्य पूर्णता की ओर है। अब केवल फिनिशिंग कार्य बचा है। श्री कावरे ने कोनी में निर्माणाधीन संभागयुक्त कार्यालय के पास नगर निगम द्वारा कराये जा रहे 06 एमएलडी का एसटीपी निर्माण कार्य, जिसकी लागत राशि 7.80 करोड़ रूपये है, इस कार्य को मार्च 2025 तक पूर्ण करने के निर्देश दिये गये। अरपा फ्रंट कोनी रोड कार्य एवं राशि 30.00 करोड़ रूपये की लागत से निर्माणाधीन कन्वेंशन सेंटर कोनी का भी निरीक्षण किया। यह कार्य माह अप्रैल, 2025 तक पूर्ण कर लिया जायेगा।
संभागायुक्त श्री कावरे ने कोनी में 200 करोड़ रूपये की लागत से नव निर्मित सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया। उन्होंने ओ.पी.डी., ट्राएज, एम.आर.आई., सी.टी. स्कैन कक्ष व निर्माणाधीन लैब इत्यादि कक्षों का बारीकी से अवलोकन किया। नव निर्मित सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय भवन अधोतल सहित कुल 10 फ्लोर का अत्याधुनिक चिकित्सालय भवन का निर्माण हुआ है। वर्तमान में 04 विभाग- न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, पल्मोनोलरी, जनरल मेडिसीन के ओ.पी.डी. प्रारंभ कर जनमानस को सुविधाएँ प्रदान की जा रही है।संभागायुक्त द्वारा आई.पी.डी. को भी आगामी तीन माह में शुरू करने हेतु निर्देशित किया गया। नवनिर्मित सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय भवन का निर्माण केन्द्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। निरीक्षण के समय उपस्थित सिम्स के अधिष्ठाता डॉ० रमणेश मूर्ति, चिकित्सा अधीक्षक, सुपर स्पेशियलिटी चिकित्सालय डॉ० बी० पी० सिंह, चिकित्सा अधीक्षक सिम्स डॉ० लखन सिंह एवं नोडल अधिकारी नवीन सिम्स भवन डॉ० भूपेन्द्र कश्यप उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
माइक्रो एटीएम से समिति पर हो रहा नगद भुगतान
बिलासपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की मंशा के अनुरूप जिले में किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी की जा रही है। किसानों की सुविधा के लिए खरीदी केंद्रों में सभी इंतजाम किए गए हैं। माइक्रो एटीएम के जरिए नकद निकासी की सुविधा से खुश हैं किसान।जिले में अब तक 135 करोड़ रूपए की 43,597 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। 10 हजार से अधिक किसानों ने अपने निकटतम केन्द्रों पर धान बेचे हैं। तखतपुर के ग्राम पोड़ी धान खरीदी केंद्र में इलेक्ट्रानिक मशीन से धान तौला जा रहा है। केंद्र में 450 क्विंटल धान की बिक्री करने पहुंचे किसान रमा शंकर कौशिक ने बताया कि केंद्र में धान बेचने में किसी भी तरह की समस्या नहीं हुई है और भुगतान की राशि भी जल्दी ही किसानों के खाते में आ रही है।उपपंजीयक सहकारी संस्थाएं श्रीमती मंजू महेंद्र पांडे ने बताया कि जिले के 114 सोसाइटी के 140 खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की जा रही है। किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीदी हो रही है इसमें किसी भी तरह के संशय की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि माइक्रो एटीएम के जरिए किसान 10000 रुपए तक की नकद निकासी केंद्रों पर ही कर सकते हैं, और टोकन तूहर हाथ ऐप से टोकन कटवा सकते हैं अथवा खरीदी केंद्रों से टोकन कटवाया जा सकता है।श्रीमती पांडेय ने किसानों से अपील की कि वे अपनी बैंक से संबंधित जानकारी किसी से भी साझा न करें व धान बेचने में किसी भी तरह की समस्या होने पर केंद्र के कर्मचारियों से संपर्क करें, किसानों की समस्या के त्वरित निराकरण के प्रयास किए जाएंगे। -
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कलेक्टर ने थमाया नोटिस, 30 नवंबर तक जमा करने दी मोहलत
फिर भी जमा नहीं करने पर बैंक गारंटी जब्त करने की चेतावनी
बिलासपुर : कस्टम मिलिंग योजना के तहत् खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का उठाव जिले के मिलर्स द्वारा किया गया है। उपार्जित धान के अनुसार मिलर्स को नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। शासन द्वारा समस्त मिलर्स द्वारा अनुबंध अनुसार शत्-प्रतिशत चावल जमा कराये जाने के निर्देश दिये गए हैं। वर्तमान में जिले के 04 मिलर्स द्वारा चावल जमा किया जाना शेष है।जिले के ऐसे मिलर जिनके द्वारा शत्-प्रतिशत चावल जमा नहीं किया गया है, उन्हें कलेक्टर अवनीश शरण द्वारा नोटिस जारी करते हुए दिनांक 30 नवंबर 2024 तक चावल जमा करने के निर्देश दिये गये है। चावल जमा नहीं करने की स्थिति में उनके द्वारा शासकीय धान उठाव हेतु जमा किये गये प्रतिभूति राशि (बैंक गारंटी) के माध्यम से राशि वसूली की कार्यवाही की जावेगी। जिले के ऐसे मिलर्स जिन्हें नोटिस जारी है, उनमें श्याम जी राइस इंडस्ट्रीज मोहतराई, सरदार एग्रो एग्रो इण्डस्ट्रीज, एस. डी. एग्रो फूड प्रोडक्ट, जेठू बाबा इंडस्ट्रीज बहतराई शामिल हैं। -
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बिलासपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव का जन्म दिवस रतनपुर में भी धूमधाम से मनाया गया। श्री साव ने मंदिर का दर्शन कर मां महामाया देवी का आशीर्वाद लिया। राज्य की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में सफाई मित्रों का पद प्रक्षालन कर सम्मान किया। जन्म दिवस की खुशी में उप मुख्यमंत्री जी को लड्डुओं से तौला गया और सभी का मुंह मीठा कराया गया।प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत हितग्राहियों को मकान की चाबी सौंपी।
उन्होंने लगभग 2 करोड़ रुपए के विकास कार्यों की सौगात दी। इसमें 30 लाख रुपए के छह ई रिक्शा भी शामिल हैं। इस अवसर पर बड़ी संख्या में विभिन सामाजिक संगठनों के अधिकारियों और गणमान्य लोगों ने गुलदस्ता भेंटकर जन्म दिवस की बधाई दी।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की नगरी के पुराने वैभव को वापस लाने के लिए वचनबद्ध है। पिछले 10 महीने में लगभग 6 करोड़ की राशि से विकास किया गया है। आगे भी पूरी ईमानदारी से काम करेंगे। -
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हास्य कवियों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का जीता दिल
मुख्यमंत्री ने उपमुख्यमंत्री को जन्मदिवस की शुभकामनाएं दी
बिलासपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज शाम बिलासपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में आयोजित अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन में पहुंचे और जमकर ठहाके लगाए। मुख्यमंत्री ने देश के अन्य प्रांतों से पहुंचे कवियों का स्वागत और अभिनंदन किया। हास्य कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवि श्री हरिओम पवार, श्री दिनेश बावरा, श्री शंभू शिखर, सुश्री अनामिका अंबर सहित अन्य कवियों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री सह अतिथियों ने उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी।मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि उपमुख्यमंत्री के रूप में सरकार चलाने में उनका हमेशा सहयोग मिलता है। छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा में वे सदैव सक्रिय रहते है। मुख्यमंत्री ने श्री साव के प्रारंभिक जीवन से लेकर उनकी राजनीतिक संघर्ष यात्रा पर अपनी बात रखी। उन्होंने श्री साव के स्वस्थ और दीर्घायु जीवन की कामना की।
कार्यक्रम में केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्यमंत्री श्री तोखन साहू, श्री किरण सिंह देव, बिलासपुर विधायक श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा विधायक श्री धरम लाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, श्री अनुज शर्मा, सहित अन्य जनप्रतिनिधि, कलेक्टर श्री अवनीश शरण, एसपी श्री रजनेश सिंह मौजूद थे। गौरतलब है उप मुख्यमंत्री श्री अरूण साव के जन्मदिन के पूर्व संध्या पर अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया था। -
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मां महामाया के किए दर्शन, सफाई कर्मियों के पखारे पैर
रतनपुर और कोटा में विकास कार्यों का किया लोकार्पण व भूमिपूजन, हितग्राहियों को पूर्ण आवासों की चाबी सौंपी
बिलासपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज अपने जन्मदिन पर परिवार सहित बिलासपुर के कल्याण कुंज वृद्धाश्रम पहुंचकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। श्री साव ने बुजुर्गों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना और उनके साथ समय बिताया। उन्होंने बुजुर्गों को कंबल, फल और मिठाई दिया। बुजुर्गों ने केक काटकर उप मुख्यमंत्री श्री साव का जन्मदिन मनाया और उनकी अच्छी सेहत व दीर्घायु जीवन के लिए आशीष दिया।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज रतनपुर पहुंचकर मां महामाया की पूजा-अर्चना की और राज्य की तरक्की, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में सफाई मित्रों का पैर पखारकर उनका सम्मान किया। श्री साव की जन्मदिन की खुशी में लोगों ने वहां उन्हें लड्डुओं से तौला और सभी का मुंह मीठा कराया। उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को उनके पूर्ण आवासों की चाबी सौंपी। उन्होंने रतनपुर में करीब दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों के साथ ही हितग्राहियों को सामग्री वितरण किया। इनमें 30 लाख रुपए के छह ई-रिक्शा भी शामिल हैं।
श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की नगरी रतनपुर के पुराने वैभव को वापस लाने के लिए हम वचनबद्ध हैं। पिछले दस महीनों में यहां लगभग छह करोड़ रुपए के विकास कार्य किए गए हैं। आगे भी पूरी सक्रियता से यहां काम होंगे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने उन्हें गुलदस्ता भेंटकर जन्मदिन की बधाई दी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बिलासपुर जिले के कोटा नगर पंचायत में छह करोड़ 73 लाख रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोटा तेज गति से आगे बढ़े, इसके लिए हम लोग गंभीरता से काम कर रहे हैं। यहां की साफ-सफाई की व्यवस्था को और भी दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का काम अकेले नगर पंचायत का नहीं है। हम सभी को इसमें भागीदारी निभानी होगी।श्री साव ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को ऋण के चेक वितरित किए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत हितग्राहियों को आवासों के स्वीकृति पत्र और पूर्ण हो चुके आवासों की चाबी भी सौंपी। बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण चौहान और कोटा नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती अमृता प्रदीप कौशिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी इस दौरान मौजूद थे। -
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बिलासपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय बिलासपुर पहुंचे। सकरी स्थित जैन इंटरनेशनल स्कूल हेलीपैड में उनका आत्मीय स्वागत किया गया। शहर में आयोजित अनेक कार्यक्रमों में वे शामिल होंगे। हेलीपैड पर केंद्रीय शहरी विकास मंत्री श्री तोखन साहू, विधायक धरम लाल कौशिक, विधायक अमर अग्रवाल, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान, संभागायुक्त महादेव कावरे, आईजी संजीव शुक्ला, कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह सहित जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों ने गुलदस्ता भेंटकर स्वागत किया। -
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लगभग 16 करोड़ में बनी सड़क का मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने किया लोकार्पणबिलासपुर : बिलासपुर के सकरी में संकरी सड़क को लेकर परेशान आमनागरिकों को अब राहत मिल गई है। उन्नयन के पश्चात चौड़ी हुई उस्लापुर-सकरी रोड़ में आवागमन आसान होने के साथ राहगीरों को ट्रैफिक जाम से भी मुक्ति मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक 15वें वित्त आयोग और डीएमएफ फंड से लगभग 16 करोड़ की लागत से बनकर तैयार इस सड़क का लोकार्पण किया। इस मार्ग के उन्नयन और चौड़ीकरण होने से राहगीरों खासकर तखतपुर, मुंगेली, कवर्धा, लोरमी, पेंड्रा और पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश से आने वाले तथा निगम में नए जुड़े चार वार्डों के रहवासियों को काफी राहत मिलेगी, यातायात सुगम होगा।
उस्लापुर रेल्वे ओव्हरब्रिज से लेकर सकरी बाईपास चौक तक नगर निगम द्वारा सवा चार किमी सड़क का उन्नयन और चौड़ीकरण किया गया है। सड़क चौड़ीकरण और उन्नयन होने से राहगीरों को काफी राहत मिली है। उन्नयन और चौड़ीकरण के तहत मार्ग की चौड़ाई बढ़ाई गई है, डिवाइडर बनाया गया है, स्ट्रीट लाइट और दोनों तरफ नाली निर्माण भी किया गया है। यह मार्ग शहर का प्रवेश द्वार है जिसकी काफी दिनों से चौड़ीकरण की जरूरत महसूस की जा रही थी, बिलासपुर शहर अब महानगर के रूप में विकसित हो रहा है।शहर के चारों तरफ कॉलोनियां विकसित हो रही हैं. इसके अलावा व्यापारिक गतिविधियां भी तेजी के साथ बढ़ने लगी है। चौड़ीकरण के पूर्व सड़क संकरी थी, जिसके कारण आए दिन ट्रैफिक जाम और हादसे होते रहते थे। इसके अलावा इस सड़क पर ट्रैफिक का अत्याधिक दबाव रहता था। प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहन इस मार्ग से गुजरती है।इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद श्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव,विधायक तखतपुर श्री धर्मजीत सिंह,बिलासपुर श्री अमर अग्रवाल, बिल्हा श्री धरमलाल कौशिक, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, संभाग आयुक्त श्री महादेव कांवरे, आईजी श्री संजीव शुक्ला, कलेक्टर श्री अवनीश शरण, एसपी आदि उपस्थित थे। -
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उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव करेंगे ध्वजारोहण
मिनट-टू-मिनट कार्यक्रम जारीबिलासपुर : जिले में 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह गरिमामय माहौल में उत्साह के साथ मनाया जाएगा। उपमुख्यमंत्री श्री अरूण साव समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। स्वतंत्रता दिवस समारोह का मुख्य कार्यक्रम पुलिस परेड ग्राउण्ड में आयोजित होगा। उप मुख्यमंत्री श्री साव ध्वजारोहण करेंगे। स्वतंत्रता दिवस समारोह के लिए मिनट टू मिनट कार्यक्रम जारी किया गया है। जारी कार्यक्रम के अनुसार सवेरे 8.59 बजे मुख्य अतिथि श्री साव का आगमन होगा।सवेरे 9 बजे श्री साव द्वारा ध्वजारोहण, सवेरे 9.02 राष्ट्रगान, 9.05 बजे मुख्य अतिथि द्वारा परेड का निरीक्षण, सवेरे 9.15 बजे मुख्य अतिथि श्री साव द्वारा मुख्यमंत्री के सदेश का वाचन एवं उदबोधन किया जाएगा। सवेरे 9.35 बजे हर्ष फायर, सवेरे 9.40 बजे मार्च पास्ट, 9.55 बजे स्कूली बच्चों के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी। सवेरे 10.30 बजे पुरस्कार एवं प्रशस्ति पत्र का वितरण होगा। -
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तीन दिवसीय चित्रों की प्रदर्शनी ने बयान की विभाजन की दास्तानबिलासपुर : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय संचार ब्यूरो प्रादेशिक कार्यालय रायपुर द्वारा नगर स्थित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय चिंगराजपारा के प्रांगण में तीन दिवसीय मल्टीमीडिया चित्र प्रदर्शनी का शुभारंभ बड़े ही अनोखे अंदाज में किया गया। इसके लिए नगर के ऐसे परिवार के लोगों को चिन्हित कर आमंत्रित किया गया जिन्होंने विभाजन की त्रासदी को भोगा है। ऐसे ही सम्माननीय नागरिक सरदार मंजीत सिंह अरोरा एवं श्री नानकराम मखीजा द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया तत्पश्चात विभाग की ओर से इन्हें शाल, श्रीफल और स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर बोलते हुए केंद्रीय संचार ब्यूरो के प्रादेशिक प्रमुख शैलेष फाये ने बताया कि हर वर्ष 14 अगस्त को विभाजन की विभिषिका दिवस मनाया जाने का निर्णय भारत सरकार ने किया है। उन्होंने बताया कि भारत की स्वतंत्रता आसान नहीं थी, इसके साथ भीषण सांप्रदायिक हिंसा आई थी , जिसने 5 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली थी। इस विभिषिका के वास्तविक चित्रों को संग्रहित कर 52 पैनलों में संजोकर चित्र प्रदर्शनी लगाई गई है , ताकि विद्यार्थी और आम जनमानस स्वतंत्रता के मूल्य को समझ सके।इस अवसर पर दर्द भरी त्रासदी को याद करते हुए सरदार मंजीत सिंह अरोरा ने कहा कि विभाजन की विभिषिका कोरोना काल से भी ज्यादा भयावह थी। इस अवसर पर श्री नानक राम मखीजा ने बताया कि जब विभाजन हुआ तो वह 2 साल के थे और वह अपने परिवार के साथ वहां की खेती बाड़ी घर परिवार सब छोड़कर भारत आए थे, बहुत ही संघर्षों के बाद उनका परिवार आज मजबूत स्थिति में पहुंचा है। उन दिनों को याद करते हुए उन्होंने प्रार्थना की कि ऐसा दौर दोबारा कभी ना देखना पड़े।कार्यक्रम में स्थानीय पार्षद राम प्रकाश साहू ने कहा कि इन चित्रों के माध्यम से छात्रों को जहां अपना इतिहास जानने में मदद मिलेगी वहीं वह स्वतंत्रता का अभिप्राय भली भांति समझ सकेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विद्यालय की प्राचार्य श्रीमती अंजना संजय मसीह ने कहा कि यह बहुत ही अनोखा आयोजन है इससे हमारे विद्यार्थियों को और आम लोगों को आजादी के समय जो त्रासदी हुई थी उसकी जानकारी मिलेगी।कार्यक्रम को बहुआयामी बनाने के उद्देश्य से इसमें रंगोली ,चित्रकला , भाषण और निबंध लेखन प्रतियोगिताएं और प्रश्न मंच जैसे कार्यक्रमों को जोड़ा गया है ताकि विद्यार्थी या प्रतिभागी जागरुक हो सके। कार्यक्रम स्थल पर महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा एक स्टॉल लगाकर उनके विभाग के द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही हैं। कार्यक्रम स्थल पर विभाग की सुपरवाइजर कुमारी संगीता यादव व परियोजना अधिकारी दीप्ति पटेल उपस्थित रहीं। इसी तरह भारतीय डाक विभाग द्वारा कार्यक्रम स्थल पर एक स्टाल लगाकर उनके द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं का सीधा लाभ देने की व्यवस्था रखी गई है।पोस्ट आफिस से सुनिता द्विवेदी व पालेश्वर साहू कार्यक्रम में उपस्थित रहे। इस आयोजन के दौरान अतिथियों द्वारा विद्यालय की 9वीं कक्षा की 100 छात्रों को निःशुल्क सायकिल वितरण किया गया और विद्यालय द्वारा आयोजित विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन कर विद्यार्थियों का उत्साह वर्धन किया गया। कार्यक्रम के प्रथम दिवस लगभग 55 प्रतिभागी रंगोली प्रतियोगिता में हिस्सा ले रहे हैं। 15 अगस्त को होंगी निबंध और चित्रकला प्रतियोगिताएं। -
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135 बल्क लीटर गोवा शराब हुई जब्त
बिलासपुर : राज्य सरकार अवैध शराब के विरूद्ध लगातार कार्यवाही कर रही है। इसी कड़ी में बिलासपुर जिला कलेक्टर श्री रजत बंसल के निर्देश पर आबकारी विभाग द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में लगातार गश्त एवं कार्रवाई की जा रही है। आबकारी विभाग की टीम द्वारा 6 दिसम्बर को गश्त के दौरान सर्कल सिमगा क्षेत्र के शंकर नगर वार्ड सिमगा में आबकारी विभाग की टीम द्वारा की गई कार्यवाही में मकान की विधिवत तलाशी लेने पर शयन कक्ष में 15 पेटी, मध्यप्रदेश निर्मित एवं विक्रय हेतु गोवा मदिरा पाव, प्रत्येक में 50 नग कुल 135 बल्क लीटर बरामद कर आरोपी अरुण गौतम पिता संतोष गौतम उम्र 20 वर्ष निवासी शंकर नगर वार्ड सिमगा थाना सिमगा एवं अजय वैष्णव पिता अशोक दास उम्र 20 वर्ष निवासी शंकर नगर वार्ड सिमगा थाना सिमगा के विरुद्ध छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 34 (1) (क), 34 (2), 36, 59 (क) का प्रकरण कायम कर जेल भेज दिया गया। उक्त कार्रवाई में सहायक जिला आबकारी अधिकारी डॉ. समीर मिश्रा आबकारी उपनिरीक्षक जलेश सिंह, डॉ. सुकांत पांडेय, विपिन पाठक आबकारी मुख्य आरक्षक राधागिरी गोस्वामी, देवीप्रसाद तिवारी तथा ड्राइवर नीलकंठ की महत्वपूर्ण योगदान रही।
- बिलासपुर : 16 जनवरी से पूरे राज्य में कोविड की वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। इसमें पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी को टीका लगाया जाना है। बिलासपुर में 18,508 लोगों का रजिस्ट्रेशन किया गया है| यहां अभी मात्र 11000 डोज कोविड वैक्सीन ही पहुंची है।कम मात्रा वैक्सीन पहुंचने के चलते सीएमएचओ डॉ. प्रमोद महाजन और जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल ने यह निर्णय लिया है कि पहले तृतीय और चतुर्थ श्रेणी स्वास्थ्य कर्मियों को टीका लगाया जाए।
जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. मनोज सैम्युअल ने बताया ‘’कोविड वैक्सीनेशन की तैयारी पूरी हो चुकी है। बनाए गए सभी 55 वैक्सीनेशन सेंटरों में इसे लगाया जाएगा। रायपुर से जो 11000 डोज वैक्सीन बिलासपुर पहुंची है उसे डिवीजनल वैक्सीन स्टोर में 2-8 डिग्री तापमान के बीच रखा गया है।
डब्ल्यूएचओ की टीम शुक्रवार को डिवीजनल वैक्सीन स्टोर को निरीक्षण करेगी।इसके बाद तय व्यवस्था के तहत इस वैक्सीन को अलग-अलग क्षेत्र के मुताबिक डिस्टीब्यूट करके दूसरे ड्रग वेयर हाउस में भेजा जाएगा, जिससे इसे आसानी समय रहते वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचाया जा सके।‘’
कर्मचारियों को लाभ देने की प्लानिंगडॉ. सैम्युअल ने बताया ‘’ कलेक्टर और सीएमएचओ के निर्देश पर ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि विभाग के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी सबसे पहले इस वैक्सीन से लाभान्वित हों। उन्होंने बताया कि कोविन एप उनके द्वारा रजिस्टर किए गए नामों को शतप्रतिशत एक साथ उठाएगा।
ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि इन नामों में अधिक से अधिक उन लोगों प्राथिमका मिले, जो तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के हैं। जब तक इन 11000 लाभार्थियों को वैक्सीन लगाई जाएगी ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि शेष लोगों के लिए भी वैक्सीन की खेप आ जाएगी, इससे उन्हें भी कोविड का टीका लगाया जा सकेगा। -
बिलासपुर : तख्तपुर के मेड़पार गांव में लगभग 50 पशुओं की मौत की खबर का रोका छेका अभियान से कोई संबंध नहीं है । राज्य में रोका छेका अभियान 30 जून को समाप्त हो गया है और रोका छेका अभियान के तहत जानवरों से फसलों को बचाने के लिये उन्हें खुले वातावरण में गौठान में रखे जाने के निर्देश थे ।
घटना की जो जानकारी मिली है उससे स्पष्ट ही रहा है कि स्थानीय व्यक्तियों ने पशुओं को एक भवन में बंद कर के रख दिया । यह ग्राम पंचायत द्वारा निर्मित गोठान नहीं था । यह व्यवस्था गोठान की मूल परिकल्पना के ही विपरीत है और ऐसी घटनाओं से बचने के लिये ही सुराजी ग्राम योजना के तहत हर ग्राम पंचायत में तीन एकड़ शासकीय भूमि में खुले वातावरण में गोठान बनाये जा रहे है ।
यह दुर्घटना इस बात की आवश्यकता को और प्रतिपादित करती है कि पशुओं की सुरक्षा के लिये गौठान कितने जरूरी है ।
कुछ समाचार माध्यमों में गलत तथ्य प्रचारित किये जा रहे है इससे बचना चाहिये । -
• स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने जारी की गाइडलाइन्स
• कांटेन्मेंट एवं बफर जोन को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सुलभ होंगी सेवाएं
• कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर
• प्रसव संबंधी सेवाएं सभी क्षेत्रों में समान रूप से की जाएगी प्रदान
बिलासपुर 28 मई : कोरोना के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन ने कई जरुरी स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित किया है. भारत जैसे देश में जहाँ प्रतिवर्ष लगभग 2.5 करोड़ से अधिक प्रसव होते हैं, वहाँ कोरोना के बढ़ते प्रसार ने प्रसव संबंधी सुविधा प्रदायगी में सरकार के सामने चुनौतियाँ खड़ी किया है. लेकिन अब सरकार ने प्रजनन, मातृ, नवजात, शिशु, किशोरी स्वास्थ्य एवं पोषण (आरएमएनसीएचप्लसएन) सेवाओं को फिर से बहाल करने का फैसला लिया है. इसको लेकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने गाइडलाइन्स जारी कर इस संबंध में विस्तार से दिशानिर्देश दिया है. पत्र के अनुसार आरएमएनसीएचप्लसएन की सेवाएं बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में सुलभ होंगी जबकि प्रसव संबंधी सेवाएं अन्य क्षेत्रों की तुलना में कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी सामान रूप से उपलब्ध रहेगी. साथ ही महिलाएं, बच्चे एवं किशोरों के लिए महत्वपूर्ण सेवाओं को उनकी कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किए प्रदान की जाएगी.
कैंपेन मोड की सेवाएं दी जाएगी डोर टू डोर:
पत्र में बताया गया है कि कैंपेन मोड की सेवाओं को वैकल्पिक माध्यम से उपलब्ध करायी जाएगी. स्थानीय परिस्थिति को ध्यान में रखते हुए इन सेवाओं की डोर टू डोर प्रदायगी पर बल दिया जाएगाजिसमें विटामिन ए, सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़ा, राष्ट्रीय डीवर्मिंग डे एवं टेस्ट ट्रीट एवं टॉक कैंप फॉर एनीमिया जैसे कैंपेन मोड की सेवाएं शामिल होंगी.
प्रसव संबंधी सेवाएं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में भी होगी उपलब्ध:
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रसव संबंधी सेवाएं पूर्वत जारी रहेगी. प्रसव पूर्व सेवाओं के तहत प्रसव पूर्व जांच, सशर्त वीएचएसएनडी(ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस) एवं पीएमएसएमए(प्रधान मंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान) की सुविधा बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगीजबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में वीएचएसएनडी एवं पीएमएसएमए का आयोजन नहीं होगा एवं प्रसव पूर्व जांच के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल जाना होगा. प्रसव उपरांत देखभाल की सेवाएं बिना किसी अवरोध की बफर जोन को छोड़कर एवं ग्रीन जोन में उपलब्ध रहेगी. जबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में प्रसव उपरांत देखभाल सेवाएं टेलीकंसल्टेशन के जरिए दी जाएगी.
नवजात एवं बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को भी किया जाएगा नियमित:
नवजात एवं बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रदान की जाने सेवाएं जैसे स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट(एसएनसीयू), गृह आधारित नवजात देखभाल(एचबीएनसी), गृह आधारित बड़े बच्चों की देखभाल(एचबीवाईसी), राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम(आरबीएसके) एवं पोषण पुनर्वास केंद्र(एनआरसी)बफर जोन से परे एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह शुरू की जाएगीजबकि कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में ये सेवाएं कुछ विशेष शर्तों के साथ प्रदान की जाएगी. जिसमें कोविड-19 स्थिति का बिना ख्याल किये बीमार बच्चों को नजदीकी एसएनसीयू में सुविधा मिलेगी एवं एचबीएनसी/एचबीवाईसी सेवाओं को टेलीकंसल्टेशन के जरिए उपलब्ध करायी जाएगी. साथ ही राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत बच्चों की जांच केवल अस्पताल में होगी, जहाँ प्रसव संबधी सेवाएं दी जा रही है. वहीं कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में उचित रेफरल प्रबंधन सुनिश्चित करते हुए अति-कुपोषित बच्चों को नजदीकी पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती किया जाएगा.
कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में मिलेगी सशर्त प्रजनन स्वास्थ्य संबंधी सेवाएं:
प्रजनन स्वास्थ्य सेवा के तहत फिक्स्ड डे सेवा, प्रसव या गर्भपात उपरांत नसबंदी, कॉपर-टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर-टी सुविधा बफर जोन के बाहर एवं ग्रीन ज़ोन में पहले की तरह प्रदान की जाएगीलेकिन कांटेन्मेंट एवं बफर जोन में सशर्त सेवाएं प्रदान की जाएगी. फिक्स्ड डे सेवा के तहत नसबंदी की सुविधा अस्पताल में दी जाएगी जहाँ प्रति दिन 10 लाभार्थियों को ही सेवा मिल सकेगी. प्रसव उपरांत या गर्भपात उपरांत नसबंदी सेवा उन्हीं महिलाओं को मिल सकेगी जो अस्पताल में पहले से होंगी एवं कॉपर टी एवं प्रसव उपरांत कॉपर टी की सुविधा की मांग करने पर यह सेवा अस्पताल में उपलब्ध होगी.
किशोरी स्वास्थ्य का भी रखा जाएगा ख्याल:
किशोरी के लिए वितरित की जाने वाली आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट एवं सेनेटरी पैड का वितरण बफर जोन के आलवा एवं ग्रीन जोन में पहले की तरह प्रदान करायी जाएगी एवं यहाँ एडोलसेंट फ्रेंडली हेल्थ क्लीनिक(एएफएचसी) खुली रहेंगीलेकिनकांटेन्मेंट एवं बफर जोन में एएफएचसी का संचालन टेलीकंसल्टेशन के जरिए होगा. -
- सोखने के साथ स्वच्छता और साइज भी है तय(मासिक धर्म स्वच्छता दिवस 28 मई विशेष)
बिलासपुर 27 मई : मासिक धर्म में जिन सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल स्वच्छता और सुरक्षा के लिए किया जाता है वह पूरी तरह से सुरक्षित हो और उससे महिलाओं की सेहत पर बुरा असर भी न पड़े, इसके लिए सरकार ने मानक तय कर रखे हैं।
इंडियन ब्यूरोऑफ़ स्टैंडर्ड्स ने सैनेटरी पैड के लिए यह मानक मूलरूप से 1969 में प्रकाशित किया था जिस से फिर1980 में संशोधित किया गया । समय-समय पर इसमें बदलाव भी किए जाते रहे हैं।"सैनिटरी नैपकिन" या "सैनिटरीपैड" मासिक धर्म के दौरान रक्त को सोखने के लिए उपयोग किया जाता है। मासिक स्राव के मद्देनजर तय किए गए मानक के मुताबिक पैड्स एक उचित मोटाई, लंबाई और अवशोषण क्षमता वाले होने चाहिए। यानि सैनिटरी पैड का काम सिर्फ़ ब्लीडिंग को सोखना नहीं स्वच्छता (हाइजिन) के पैरामीटर पर भी खरा उतरना है। अमूमन जब सैनिटरी पैड खरीदते हैं तो ब्रांड वैल्यू पर विश्वास करते हुए पै़ड्स ख़रीद लेते हैं जबकि सैनिटरी पैड की अच्छी गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा सख्त विनिर्देश तैयार किए गए हैं। आईएस 5405 में मानदंडों और नियमों का विस्तृत विवरण है, जिसका सैनिटरी पैड निर्माताओ कों पालन करना होता है।सैनिटरी पैड गुणवत्ता के लिए मानक –
- सैनिटरी पैड बनाने के लिए अब्सॉर्बेंट फ़िल्टर और कवरिंग का सबसे अधिक ख़्याल रखना होता है। कवरिंग के लिए भी अच्छी क्वालिटी के कॉटन का इस्तेमाल होना चाहिए।- फिल्टर मैटेरियल सेल्युलोज़पल्प, सेल्युलोज़अस्तर, टिशूज़ या कॉटन का होना चाहिए। इसमें गांठ, तेल के धब्बों, धूल और किसी भी चीज़ की मिलावट नहीं होनी चाहिए। यह आईएस 758 के अनुरूप होना चाहिए।- नैपकिन में कम से कम 60 मिलीलीटर और नैपकिन के वजन से 10 गुना तरल पदार्थ सोखने की क्षमता होना जरूरी है।- नैपकीनकाकवर (बाहरीपरत) कपास, सिंथेटिक, जालीऔर बिना बुने हुए कपडे का और स्वच्छ होना चाहिए I- निर्माता के नाम या ट्रेडमार्क के साथ सैनिटरी नैपकिन की संख्या हर पैकेट पर चिह्नित होनी चाहिए ।- सैनिटरी नैपकिन विभिन्न आकृतियों और डिजाइन के हो सकते हैं। नियमित पैड्स 210 एमएम, लार्ज 211 से 240 एमएम, एक्ट्रालार्ज 241 से 280 एमएम और एक्स एक्स एल यानि 281 से अधिक होना चाहिए।- सैनिटरी पैड की सतह चिकनी, नरम और आरामदायक होनी चाहिए जिससे त्वचा को इंफेक्शन और जलन न हो। पैड पर चिपकाने वाले पदार्थो को सही जगह चिपकना चाहिएं।- पैड्स डिस्पोजेबल होना चाहिए यानि उन्हें 15 लीटर पानी के कंटेनर में डाल दें तो पैड्स को विघटित होना चाहिए ।-आईएसओ 17088 : उत्पाद है या नहीं, बायोडिग्रेडेबल, कम्पोस्टेबल या ऑक्सी-डिग्रेडेबल है, इसकी जानकारी सैनिटरी नैपकिन के हर पैकेट पर अंकित किया जाए।-पैड्स की पैकिंग गत्ते का डिब्बाबोर्ड, पॉलीथीन, पॉलीप्रोपाइलीन, पॉलिएस्टरया अन्य जो पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करती हो उसी में होनी चाहिए।इस तरह पहचानें नैपकीन- बाजार से नैपकिन खरीदते समय नैपकिन की सोखने की क्षमता 60 मिलीलीटर से कम लिखी है और प्लास्टिक रहित नहीं लिखा है तो नैपकिन न खरीदे।- नैपकिन पर 60 मिलीलीटर पानी दो बार में 5-5 मिनट के अंतराल में धीरे-धीरे डालें तथा 10 मिनट के बाद नैपकिन का सूखापन हाथ से देखें।नैपकिन से पानी वापस नहीं निकलता है तो सोखने की क्षमता मानको के अनुसार है।- नैपकिन को छूकर उसकी सतह की पहचान करें कि उसकी सतह कितनी मुलायम है। कहीं पॉलिथीन का अगर प्रयोग हुआ है तो नैपकिन से हवा पास नहीं होगी। अतः ऐसा नैपकीन न खरीदें नहीं तो लालदाने और खुजली जैसी समस्या सूखेपन के बाबजूद हो सकती है । - बिलासपुर 15 मई : महिला एवं बाल विकास विभाग की विशेष पहल पर बच्चों को घर पर ही डिजिटल माध्यम से शिक्षा देने और तनाव से दूर रखने के लियें चकमक अभियानचलाया जा रहा है ।इस अभियान का उद्देश्य छोटे बच्चों को शिक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य और प्रकृति पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना है।
चकमक अभियान लॉक डाउन में बच्चों को परिवार के साथ व्यस्त रहने और सक्रमण से बचाने का प्रयास है । जिला परियोजना अधिकारी,बिलासपुर नेहा राठिया ने बताया जिले के 2763 आंगनवाड़ी केंद्रों पर 1 से 5 वर्ष के बच्चों के लिए चकमक अभियान के तहत सोमवार से शुक्रवार तक का सिलेबस राज्य द्वारा तय किया गया है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा सोमवार को ड्रॉईंग स्केच या पेंट करते हैं जिसमें सूर्योदय की इंद्रधनुषिय निराली छटा दिखानी होती है जो प्रकृति से बच्चों को जोडती है। इसके अलावा मिट्टी से खिलौने बनाना, बच्चों को छत्तीसगढ़ी बाल गीत तथा अन्य गतिविधियां भी करायी जा रही है। बच्चों को यह गतिविधियाँ आकर्षित कर रही है । छत्तीसगढ़ी में जागरूकता के साथ साथ साफ-सफाई और कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव की जानकारी भी दी जा रही है ।मंगलवार को कागज पर अंगूठे से छापा लगाकर चित्र बनाना जिसमें पत्ते से आकृति बनाना और रंगोली बनाने जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है । चकमक अभियान के माध्यम से अपनी और दूसरों की रक्षा करने के बारे में जैसे मास्क पहनना,और शारीरिक दूरी बना कर रखना आदि गतिविधि के माध्य्म से बताया जा रहा है । बुधवार को चित्र बनाओ रंग भरो करवाया जाता है और इस दिन मां-पापा, दादा-दादी भैया-दीदी के साथ बाल गीत गाने का कार्यक्रम आयोजित होता हैं। माता-पिता के साथ पेड़ पौधों की फोटो खींचकर अपनी आंगनवाड़ी दीदी को भेजने होते हैं और वहीं गुरुवार को पत्तों से आकृति बनाना, पेपर काटकर आकार बनाना और उसमें रंग भरने के साथ ही ‘क’ शब्द से शुरू होने वाली वस्तुएं इकट्ठा करनी होती है। शुक्रवार को अपना पसंदीदा गाना गाना या डांस करना, घर के बड़ों से कहानी सुनना और बिंदों को जोड़ कर चित्र बनाना होता है|चकमक अभियान लॉक डाउन में बच्चों को परिवार के साथ व्यस्त रहने और सक्रमण से बचाने का प्रयास है । महिला एवं बाल विकास विभाग यह चकमक कार्यक्रम यूनिसेफ (unicef) एवं मीडिया कलेक्टिव फ़ॉर चाइल्ड राइट्स के साथ मिलकर चला रहा है।