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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बलरामपुर : प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम के तहत बलरामपुर जिले के मरीजों को अब अपने ही जिले में डायलिसिस की अत्याधुनिक सुविधा मिल रही है। जिला अस्पताल में दी जा रही इस सुविधा से आर्थिक रूप से कमजोर और जटिल किडनी रोगों से पीड़ित मरीजों को अब महंगे निजी अस्पतालों के चक्कर से राहत मिली है। जिला अस्पताल में वर्तमान में कुल तीन डायलिसिस मशीनें स्थापित की गई हैं। इन मशीनों के माध्यम से प्रतिदिन 5 से 6 मरीजों का उपचार किया जा रहा है। यह सेवा दो शिफ्टों में संचालित हो रही है ताकि अधिक से अधिक मरीजों को समय पर लाभ मिल सके। अब तक इस सुविधा का लाभ लगभग 35 मरीजों को मिल चुका है और कुल 1478 डायलिसिस सेशन सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं। जिला अस्पताल में डायलिसिस सेवा के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित चिकित्सा कर्मियों के द्वारा अत्याधुनिक मशीनों के माध्यम से मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान की जा रही है, जो पूरी तरह निःशुल्क है।
ग्राम पंचायत कोटसरी निवासी श्री धनेश ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया पहले डायलिसिस के लिए हर सप्ताह अंबिकापुर जाना पड़ता था। यह खर्चीली होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी जोखिम भरी थी। अब जिला अस्पताल में ही हर सप्ताह दो बार आकर डायलिसिस करवा लेता हूं, इस सुविधा से हमारे जैसे परिवारो को राहत मिली है अन्य मरीजों ने भी बताया कि निजी अस्पतालों में डायलिसिस की एक सत्र की कीमत लगभग 1000 से 2000 रुपये तक होती है, जिसमें कई बार एक निम्न वर्गीय परिवार की पूरी महीने की कमाई का अधिकांश हिस्सा खर्च हो जाता था। इस कारणवश आर्थिक तंगी के चलते इलाज अधूरा छोड़ने को मजबूर होते थे। अब यह सुविधा पूरी तरह निःशुल्क उपलब्ध होने से उन परिवारों को बड़ी राहत मिली है।प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम का उद्देश्य उन मरीजों तक निःशुल्क किडनी उपचार की सुविधा पहुंचाना है, जो आर्थिक कारणों से समय पर इलाज नहीं करवा पाते। ऐसे में जिला अस्पताल में यह सुविधा असरदार साबित हो रही है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आने वाले समय में मशीनों की संख्या और स्टाफ की क्षमता में वृद्धि की योजना है, ताकि और अधिक मरीजों को सुविधा उपलब्ध कराई जा सके।
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बलरामपुर : जिला रोजगार अधिकारी ने जानकारी दी है कि वर्तमान में रोजगार पंजीयन का आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य है। इसके लिए रोजगार पंजीयन ऑनलाईन वेबसाईट अथवा प्ले-स्टोर पर उपलब्ध छत्तीसगढ़ रोजगार एप के माध्यम से या जिला रोजगार कार्यालय बलरामपुर में कार्यालयीन दिवस में अपने समस्त दस्तावेज के साथ उपस्थित होकर करवा सकते हैं। रोजगार अधिकारी ने वर्ष 2024 के पूर्व पंजीकृत आवेदकों को रोजगार पंजीयन का आधार कार्ड से लिंक सुनिश्चित करने को कहा है।
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बलरामपुर : जिले में ग्रीष्मकालीन के दौरान पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु छत्तीसगढ़ पेयजल प्रशिक्षण अधिनियम 1986 (क्रमांक-3) 1987 की धारा 03 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग करते हुए कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्री राजेन्द्र कटारा के द्वारा 1 अप्रैल 2025 से 31 जुलाई 2025 तक अथवा मानसून आगमन तक की अवधि के जलाभाव ग्रस्त क्षेत्र घोषित किया गया था। जिले में मानसून क्रियाशील हो चुका है। इसके लिए कलेक्टर के द्वारा 1 जुलाई 2025 से छत्तीसगढ़ पेयजल परीक्षण अधिनियम को शिथिल किया गया।
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बलरामपुर : जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक 14 जुलाई 2025 दिन सोमवार को दोपहर 02ः30 बजे से जिला पंचायत के सभाकक्ष में आयोजित की गई है। बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा, जल जीवन मिशन अंतर्गत कार्यों के प्रगति, विद्युत समस्याओं पर चर्चा, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग सहित अन्य विभागीय योजनाओं के विभिन्न बिंदुओं पर समीक्षा की जाएगी।
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सर्पदंश के संबंध में सभी पीएचसी में तैयारी रखते हुए लोगों को जागरूक करने दिए निर्देश
जशपुरनगर : जिले में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा हेतु जिला पंचायत सभाकक्ष में कलेक्टर रोहित व्यास की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कलेक्टर ने जिले में संचालित सभी एम्बुलेंसों की स्थिति एवं संचालन पर समीक्षा करते हुए सभी 15 वर्ष से पुरानी गाड़ियों को सेवा से हटाकर नीलाम करने एवं सभी एम्बुलेंस संचालकों की जानकारी सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने मनोरा एवं पंडरापाठ विकास खंडों में पहुँच विहीन क्षेत्रों के लिए बाइक एम्बुलेंस को क्रियाशील कर संचालित करने के निर्देश दिए।
वर्षा ऋतु के दौरान मौसमी बीमारियों के सम्भावित फैलाव को देखते हुए सभी मितानिनों के पास दवाइयों की पर्याप्त मात्रा में आकस्मिक उपचार हेतु भण्डारण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। आईआईटी बॉम्बे द्वारा संचालित पोषण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए साप्ताहिक समीक्षा करते हुए मैदानी सर्वे के द्वारा योजना की प्रगति की समीक्षा करने को कहा। जिले में स्वास्थ्य केंद्रों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति के लिए कलेक्टर ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में व्यवस्थित विद्युत कनेक्शन एवं ऑपरेशन थिएटरों में वैकल्पिक विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सकों द्वारा जेनेरिक दवाइयां देने के निर्देश दिए एवं इसकी नियमित जांच के लिए अधिकारियों को आकस्मिक निरीक्षण कर लिखी जा रही दवाओं का निरीक्षण करने के निर्देश दिए। सभी स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एनक्वास सर्टिफ़िकेशन की स्थिति की समीक्षा करते हुए उन्होंने सभी केंद्रों को सर्टिफिकेशन के लिए मानकों के अनुसार तैयारी करने के निर्देश दिए।
सर्पदंश के मामलों पर चर्चा करते हुए उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों में आपात स्थितियों के लिए सभी तैयारी रखने तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में उपचार हेतु उपलब्ध व्यवस्थाओं के संबंध में लोगों को जागरूक करने को कहा। राष्ट्रीय कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मितानिनों एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा लोगों को प्रोत्साहित कर स्वास्थ्य केंद्रों तक लाने के निर्देश दिए। उन्होंने मातृ शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गर्भवती माताओं को गर्भाधान की शुरुआत से ही एएनसी पंजीकरण कराकर उनकी नियमित देखभाल करने को कहा। उन्होंने जिले में संस्थागत प्रसव की प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रवार समीक्षा करते हुए जिस भी केंद्रों में 03 महीने में एक भी डिलीवरी नहीं हुई है उन केंद्रों के आरएचओ एवं सीएचओ को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने रात्रिकालीन प्रसव सुविधाओं पर भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने निजी अस्पतालों में हुए प्रसवों की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव संबंधित सभी सुविधाएं सुनिश्चित करें ताकि ग्रामीणों को निजी अस्पतालों के महंगे इलाज के लिए घर से मीलों दूर का सफर ना तय करना पड़े।
पोस्टमार्टम एवं दुष्कर्म के मामलों में शासन के नियमानुसार 07 दिनों के अंदर चिकित्सकीय रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने पत्थलगांव में भी सीटी स्कैन मशीन स्थापना के लिए शासन को मांग प्रेषित करने की कहा। स्वास्थ्य कार्यक्रम में धीमी प्रगति पर फरसाबहार बीएमओ में नोटिस जारी करने को कहा। जिले के समस्त एनआरसी में कुपोषित बच्चों को दाखिल कराकर उनके सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर ध्यान रखने के लिए चिकित्सकों को माता पिता से काउंसलिंग कर के उन्हें प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत संचालित एनीमिया मुक्त भारत अभियान, राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम, परिवार कल्याण कार्यक्रम, चिरायु कार्यक्रम, मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, राष्ट्रीय बहरापन कार्यक्रम, टेलीकंसल्टेशन, आयुष्मान कार्ड निर्माण, हाट बाजार क्लिनिक योजना, फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम, राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, जनऔषधि केंद्र संचालन आदि पर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर सहायक कलेक्टर अनिकेत अशोक, डिप्टी कलेक्टर हरिओम द्विवेदी, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जी एस जात्रा, डीपीएम राजीव रंजन सहित सभी बीएमओ, बीपीएम सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे। -
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नंगे पांव की शुरुआत से अंतरराष्ट्रीय ट्रैक तक का सफर तय कर अनिमेष बने लोगों के लिए प्रेरणा
जशपुरनगर : बुलंद हौसले और मजबूत इरादों के साथ गढ़ी गई धावक अनिमेष कुजूर की सफलता लोगों के लिए प्रेरणादायी है। जिले के छोटे से गांव घुइटांगर की पगडंडियों पर कभी नंगे पांव दौड़ने वाला लड़का आज देश की सबसे तेज़ दौड़ का रिकॉर्ड बना चुका है। 5 जुलाई 2025 को ग्रीस के वारी शहर में आयोजित ड्रोमिया इंटरनेशनल स्प्रिंट मीट में 100 मीटर की दौड़ को 10.18 सेकंड में पूरा कर श्री अनिमेष कुजूर ने इतिहास रच दिया। हालांकि वह तीसरे स्थान पर रहे। पहला दक्षिण अफ्रीका, दूसरा ओमान, लेकिन उन्होंने भारतीय एथलेटिक्स का नया कीर्तिमान रच दिया। अमृत कुजूर ने बताया कि जब उन्हें फोन पर बताया गया कि उन्होंने 10.18 सेकंड में दौड़ पूरी की है, तब उन्हें समझ नहीं आया की इसका क्या मतलब है। बाद में जब अखबारों और टीवी के माध्यम से पता चला की भारत की यह सबसे तेज़ दौड़ है तो यह उनके लिए एक अविश्मरणीय पल था।
सैनिक स्कूल में रहकर सीखा कड़ी मेहनत और लगन का पाठअनिमेष को यूं ही पहचान नहीं मिली इसके पीछे उनकी कड़ी मेहनत और संकल्प है। संसाधनों की कमी कभी उनके संकल्प के रास्ते में बाधा नहीं बनी। जशपुर जिले के कुनकुरी विकासखण्ड स्थित घुइटांगर जैसे छोटे से गांव में जन्मे अनिमेष, कोई स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स से नहीं निकले, उन्होंने अपने शुरुआती कदम खेतों के मेड़ों और कच्चे रास्तों पर दौड़ते हुए उठाए। माता-पिता की सरकारी नौकरी के कारण अनिमेष का बचपन छत्तीसगढ़ के कई हिस्सों में बीता। प्रारंभिक शिक्षा महासमुंद जिले के वेडनर मिशन स्कूल में हुई। पाँचवीं के बाद वे कांकेर आ गए, जहाँ उन्होंने सेंट माइकल स्कूल में पढ़ाई की। जीवन में असली मोड़ तब आया जब छठवीं कक्षा में उनका चयन सैनिक स्कूल अंबिकापुर में हो गया। यहीं से उनके जीवन में अनुशासन और कड़ी मेहनत की जो नींव पड़ी वह उनके जीवन की दिशा बदल दी। उसके पिता अमृत कुजूर कहते हैं कि सैनिक स्कूल में एडमिशन हमारे लिए किसी सपने से कम नहीं था। वहाँ की कड़े अनशासन ने उनके दिनचर्या को निखारा। अनिमेष के माता और पिता दोनो छत्तीसगढ़ पुलिस में बतौरा डीएसपी के पद पर पदस्थ है और वर्तमान में दोनो बलौदा बाजार में पदस्थ हैं। अनिमेष के पिता अमृत कुजूर ने बताया कि कोरोनाकाल में स्कूल, खेल, कोचिंग सब बंद थे। तब सैनिक स्कूल में रहकर अनिमेष ने खुद को एक नई दिशा दी और वह एथलेटिक्स बनकर लोगों के सामने उभरा। पिता ने बताया कि हमें उसने कभी नहीं बताया कि वो दौड़ना शुरू कर चुका है। जब पहली बार उसने बताया कि वो स्कूल में रनिंग कर रहा है, तो हमें अच्छा लगा, पर अंदाज़ा नहीं था कि यह एक जुनून में बदल जाएगा।
एक साथ पांच स्पर्धाओं में स्वर्ण पदक पाकर चढ़ी सफलता की सीढ़ियां
कांकेर जिले में जब युवा एवं खेल विभाग द्वारा एक प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता में अनिमेष ने 100 मीटर दौड़ ,200 मीटर दौड़, 400 मीटर दौड़, लॉन्ग जंप, हाई जंप स्पर्धा में भाग लिया। उन्होंने पाँचों में स्वर्ण पदक जीता। इस असाधारण जीत ने अनिमेष को नई पहचान दी। इस प्रदर्शन के बाद अनिमेष को रायपुर वेस्ट ज़ोन एथलेटिक्स मीट में भेजा गया। वहाँ भी उन्होंने 100 और 200 मीटर में गोल्ड मेडल जीतकर गुवाहाटी में नेशनल अंडर-18 प्रतियोगिता के लिए चयनित हुए। लेकिन वहाँ एक चुनौती सामने आई उन्होंने कभी स्पाइक शूज़ नहीं पहने थे। प्रतियोगिता से पहले उनके पिता ने उन्हें जीवन के पहले प्रोफेशनल स्पाइक शूज़ दिलाए। वो पहली बार उन जूतों को पहनकर नेशनल ट्रैक पर दौड़े और 100 व 200 मीटर दोनों में चौथा स्थान प्राप्त किया। अनिमेष की सफलता इस बात का प्रमाण है कि जशपुर जैसे सीमावर्ती और वन बहुल जिलों से भी निकलकर प्रतिभाएं अंतर्राष्ट्रीय फलक पर छाने लगी
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जशपुरनगर : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के संयुक्त तत्वाधान में मध्यस्थता एवं सुलह परियोजना समिति के सहयोग से विशेष मध्यस्थता अभियान राष्ट्र के लिये मध्यस्थता अंतर्गत प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण जशपुर श्री सत्येन्द्र कुमार साहू के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) जशपुर श्री जनार्दन खरे एवं द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी जशपुर श्री क्रांति कुमार सिंह के द्वारा शासकीय बालक क्रीड़ा परिसर जशपुर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश (एफ.टी.सी.) जशपुर श्री जनार्दन खरे द्वारा नशीली दवाओं के दुरुपयोग एवं अवैध तस्करी के संबंध में कानूनी जानकारी, शिक्षा का अधिकार, संवैधानिक अधिकार एवं कर्तव्य, नशा मुक्ति, बालश्रम निषेध, मोटर दुर्घटना दावा अधिनियम, नालसा हेल्पलाइन नंबर 15100, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012, समझौते के माध्यम से प्रकरण निराकरण हेतु नेशनल लोक अदालत, निशुल्क विधिक सलाह एवं सहायता के संबंध में जानकारी दी गई।
द्वितीय व्यवहार न्यायाधीश वरिष्ठ श्रेणी जशपुर श्री क्रांति कुमार सिंह द्वारा विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत विधिक सहायता व सलाह हेतु पात्रता, घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005, बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 एवं बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 के संबंध में जानकारी दी गई।
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जमनी से दुलदुला और पालेपखना से पंडरीपानी सड़क मार्ग का सुढृढ़ीकरण कार्य भी है प्रगतिरत
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल पर तीनों सड़क मार्ग के सुढृढ़ीकरण की मिली थी स्वीकृति
जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कुशल नेतृत्व में अधोसंरचना विकास के लिए मिल रही कार्यों की स्वीकृति और निर्माण कार्य में तेजी से जिले की तस्वीर तेजी से बदल रही है। विकास की जीवनरेखा कही जाने सड़कों के निर्माण से अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। साथ ही सुदूर इलाके मुख्य मार्गों से जुड़ रहे है। इसका लाभ कृषक, विद्यार्थियों, व्यापारियों, ग्रामीणों सहित समाज के सभी वर्गों को मिल रहा है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री के पहल पर स्वीकृत प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत फरसाबहार विकासखंड में 3 करोड़ 3 लाख 43 हजार रूपए की लागत के टी आर-01 सिंगीबहार से अबीरा सड़क मार्ग पर सुढृढ़ीकरण का कार्य प्रगतिरत है। 5.60 किमी लंबाई की यह सड़क के सुढृढ़ीकरण कार्य पूर्ण हो जाने से आसपास के गांवों को बड़ी राहत मिलेगी। यह सड़क छत्तीसगढ़-झारखंड सीमा को भी जोड़ता है।
इसी तरह दुलदुला विकासखंड में पीएमजेएसवाई अंतर्गत 3 करोड़ 55 लाख 36 हजार रूपए लागत के 17.22 किमी लंबाई की जमनी से दुलदुला और फरसाबहार विकासखंड में 3 करोड़ 87 लाख 03 हजार रूपए की लागत के 14 किमी लंबाई की पालेपखना से पंडरीपानी सड़क मार्ग का भी सुढृढ़ीकरण कार्य प्रगतिरत है। -
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2024 में जिले के किसानों को 1.25 करोड़ से अधिक मिला फसल बीमा मुआवजा
जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ शासन ने खरीफ 2025 सीजन के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अधिसूचना जारी कर दी है। इस योजना के अंतर्गत बीमा कराने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है। यह योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं असमय वर्षा, सूखा, ओलावृष्टि, कीट प्रकोप और अन्य जोखिमों से फसल को होने वाली क्षति के विरुद्ध आर्थिक सुरक्षा प्रदान करती है। योजना का उद्देश्य किसानों की आय को स्थिरता प्रदान करना और खेती को एक सुरक्षित व लाभकारी व्यवसाय बनाना है। कृषि विभाग के उप संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि खरीफ सीजन 2024 में जिले के 701 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत फसल बीमा मुआवजा कुल 01 करोड़ 25 लाख 52 हजार 01 रूपए मिला था, जो इस योजना की सफलता और किसानों को होने वाले लाभ का स्पष्ट प्रमाण है।
ऋणी कृषकों का बीमा संबंधित वित्तीय संस्थाओं द्वारा स्वचालित रूप से कर दिया जाएगा, बशर्ते उन्होंने खरीफ 2025 के लिए फसल ऋण लिया हो। लेकिन अऋणी कृषकों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र सी.एस.सी. सेंटर अथवा मोबाइल एप्प के द्वारा या बचत खाताधारक किसान संबंधित बैंक में जाकर बीमा करा सकते है। इसके साथ ही अऋणी कृषकों के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति, स्वयं के नाम की भूमि रिकॉर्ड बी-1 की प्रति, बुआई प्रमाण पत्र, सक्रिय बैंक खाते की प्रति, जिसमें खाता संख्या और आई.एफ.एस.सी. कोड तथा निर्धारित प्रीमियम राशि लेकर बीमा केंद्र में उपस्थित होना अनिवार्य किया गया है।
खरीफ फसलों के लिए प्रति हेक्टेयर की दर से बीमा प्रीमियम निर्धारित
इसके अलावा खरीफ फसलों के लिए बीमा प्रीमियम बीमांकित राशि का केवल 2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। सिंचित धान के लिए 1100.00 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा असिंचित धान के लिए 860.00 रुपये प्रति हेक्टेयर, मक्का 700.00 रु. प्रति हेक्टेयर, सोयाबीन 600.00 रु. प्रति हेक्टेयर, मूंगफली 840.00 रू. प्रति हेक्टेयर, तुअर (अरहर) 600.00 रु. प्रति हेक्टेयर, मूंग 440.00 रु. प्रति हेक्टेयर, उड़द 440.00 रू. प्रति हेक्टेयर, कोदो 320.00 रु. प्रति हेक्टेयर, कुटकी 340.00 रु. प्रति हेक्टेयर एवं रागी (मडवा) 300.00 रू. रू. प्रति हेक्टेयर की दर से बीमा प्रीमियम निर्धारित किया गया है।
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जशपुरनगर : कलेक्टर रोहित व्यास ने प्राकृतिक आपदा में जनहानि के प्रकरण में प्रभावित परिजन हेतु आर.बी.सी. 6-4 के तहत एक प्रकरणों हेतु 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की है। जिसमें कुनकुरी तहसील अंतर्गत ग्राम मटासी, निवासी स्व. बजरू राम भगत का कुआं के पानी में डूबने से 24 मार्च 2023 को मृत्यु हो जाने पर मृतक के निकटतम मृतक के पुत्र मदन राम भगत, अंतोनिश राम, पुत्री अंजू, मंजू और पुष्पा हेतु 04 लाख रुपए की आर्थिक सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है।
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जशपुरनगर : जशपुर जिले में 01 जून से अब तक 4482.3 मिमी वर्षा हो चुकी है। जिले में बीते 10 वर्षों की तुलना में 10 जुलाई तक की स्थिति में 2830.7 मिमी औसत वर्षा हुई है। बीते दिवस जिले में 267.6 मिमी वर्षा हुई है। भू-अभिलेख शाखा से प्राप्त जानकारी के अनुसार 01 जून से अब तक तहसील जशपुर में 452.6 मिमी, मनोरा में 563.1 मिमी, कुनकुरी में 614.5 मिमी, दुलदुला में 295.5 मिमी, फरसाबहार में 422.6 मिमी, बगीचा में 449.0 मिमी, कांसाबेल में 469.5 मिमी, पत्थलगांव में 380.3 मिमी, सन्ना में 509.3 मिमी एवं बागबहार में 325.9 मिमी वर्षा हो चुकी है। सर्वाधिक वर्षा कुनकुरी में दर्ज की गई है।
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जशपुरनगर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शासन की योजनाओं का लाभ अब समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँच रहा है। जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के ग्राम खटंगा के एक साधारण परिवार की कहानी इसका जीवंत उदाहरण है, जहाँ शासन की तीन योजनाओं ने एक साथ उनकी ज़िंदगी को नई दिशा दी है। श्री सुरेश राम की पत्नी श्रीमती सुमित्रा बाई बताती हैं, “पहले हम कच्चे घर में रहते थे। बरसात हो या गर्मी, हमेशा डर बना रहता था। पानी टपकता था, दीवारें गिरने का डर और रात-बिरात सांप, बिच्छू का डर अलग से। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना से मिला पक्का घर अब हमारे लिए एक नई दुनिया जैसा है। अब न डर है, न परेशानी३ घर भी साफ-सुथरा है, और बच्चों को पढ़ने-लिखने का भी अच्छा माहौल मिल गया है।” उनकी बेटी कुमारी संगीता बताती है, “जब कच्चा घर था, तब हम पढ़ाई भी ठीक से नहीं कर पाते थे। बरसात के दिन बहुत दिक्कत होती थी। अब जब पक्का घर मिला है, तो मन लगता है। हम अब बहुत खुश हैं।”
सुमित्रा बाई आगे बताती हैं, “प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से गैस सिलेंडर और चूल्हा मिलने से अब हम धुँआरहित खाना बना पाते हैं। पहले जंगल से लकड़ी लाना पड़ता था, आग जलाना कृ सब बहुत मुश्किल था। आँख में जलन, खाँसी और समय भी ज़्यादा लगता था। अब रसोई में आसानी से खाना बन जाता है।” उन्होंने आगे बताया कि, “मुझे मुख्यमंत्री महतारी वंदन योजना के तहत हर महीने ₹1000 मिलते हैं। उसी से हम तेल, नमक, साबुन जैसे ज़रूरी सामान खरीद लेते हैं। कभी बेटी को स्कूल के लिए कॉपी-किताब भी लेना हो, तो उसी से काम चल जाता है।”
परिवार ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार जताया।
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अनियमितताओं पर कारण बताओ नोटिस जारी
महासमुंद : कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के निर्देशानुसार आज पिथौरा क्षेत्र के निजी कृषि आदान सामग्री विक्रेताओं के प्रतिष्ठानों में कृषि विभाग के उप संचालक श्री एफ.आर. कश्यप के नेतृत्व में आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल में उपसंचालक कृषि श्री एफ.आर. कश्यप, सहायक भूमि संरक्षण अधिकारी श्री भीमराव घोड़ेसवार, उर्वरक निरीक्षक श्री ब्रजेश तुरकाने एवं श्री राव शाखा निर्वाही शामिल रहे। निरीक्षण के दौरान शिवम कृषि केन्द्र पिथौरा में उर्वरक, बीज एवं कीटनाशकों की स्कंध व मूल्य सूची प्रदर्शित नहीं पाई गई। इसके अलावा बैच/लॉट नंबर के अनुसार भंडारण भी नहीं किया गया था तथा रिकार्ड अद्यतन न होने जैसी अनियमितताएं पाई गईं। इन मामलों में संबंधित विक्रेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। साथ ही उप संचालक कृषि श्री एफ आर कश्यप ने बताया कि आज 400 मीट्रिक टन डीएपी एवं 800 मीट्रिक टन यूरिया का नया खेप जिले में पहुंचा है। जिसे शीघ्र ही भंडारित कर वितरण किया जाएगा।
कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिले के कृषकों को गुणवत्ता युक्त कृषि आदान सुगमता से उपलब्ध हो और वे किसी भी प्रकार की ठगी या धोखाधड़ी के शिकार न हों। इसी उद्देश्य से कृषि विभाग द्वारा जिलेभर में पदस्थ निरीक्षकों एवं मैदानी अमले को सतर्क निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। कृषि केंद्र संचालकों को भी चेतावनी दी गई है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बरतने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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एकलव्य विद्यालय घूघरा में शिक्षण गतिविधियों पर हुई विस्तार से चर्चा
कोरिया : कलेक्टर श्रीमती चंदन त्रिपाठी की अध्यक्षता में एकलव्य आदर्श आवासी विद्यालय, घूघरा (सोनहत) में शिक्षकों की गतिविधियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में पिछली परीक्षाओं में छात्रों द्वारा प्राप्त अंकों का आंकलन करते हुए कलेक्टर ने शिक्षकों से वर्तमान शैक्षणिक सत्र की कार्ययोजना की जानकारी ली।कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने कहा कि छात्रों की सीखने की क्षमता को बेहतर बनाने के लिए शिक्षण में नवीन तकनीकों जैसे ऑडियो, वीडियो और मैपिंग का उपयोग किया जाए। विषयवार चर्चा के दौरान उन्होंने सभी शिक्षकों को अपने पढ़ाने के स्तर में नवाचार लाने और बच्चों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा, श्बच्चे कच्ची मिट्टी जैसे होते हैं, उन्हें जिस माहौल में ढाला जाएगा, वे वैसा ही बनेंगे।श् इसलिए उन्हें सकारात्मक और सृजनात्मक वातावरण देना आवश्यक है। साथ ही उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे बच्चों से अंग्रेज़ी में संवाद करें और उन्हें अंग्रेज़ी बोलने का अभ्यास कराएं।
बैठक में कलेक्टर ने जिले के कुछ प्रेरणादायक शिक्षकों का उदाहरण देते हुए बताया कि थोड़ी सी अतिरिक्त मेहनत और समझदारी से कैसे छात्रों के मनोबल को बढ़ाया जा सकता है, जिससे अच्छे परिणाम भी देखने को मिलते हैं। उन्होंने शिक्षकों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालय का भ्रमण कर शिक्षण वातावरण एवं प्रबंधन की शैली से प्रेरणा लेने की सलाह दी।कलेक्टर ने कहा कि शिक्षक अपनी समस्याएं जिला प्रशासन के समक्ष रखें, उनका समाधान किया जाएगा, लेकिन अच्छे परिणाम देने की ज़िम्मेदारी शिक्षकों की है। उन्होंने जानकारी दी कि विद्यालय में शीघ्र ही स्मार्ट बोर्ड लगाए जाएंगे, छात्रावासों में सोलर पंप और एग्जॉस्ट फैन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि छात्रों को पढ़ाई में कोई असुविधा न हो।बैठक के उपरांत कलेक्टर ने 10वीं और 12वीं कक्षा के छात्रों से संवाद कर उनकी पढ़ाई और भविष्य की तैयारी को लेकर चर्चा की। उन्होंने छात्रों को 100 प्रतिशत लक्ष्य लेकर समूह अध्ययन करने की सलाह दी।
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्रीमती त्रिपाठी ने बालक एवं बालिका छात्रावासों का निरीक्षण कर स्वास्थ्य जांच, भोजन व्यवस्था और वातावरण को बेहतर बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्यालय परिसर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया। इस अवसर पर सहायक आयुक्त आदिवासी विकास श्रीमती ऊषा लकरा, जिला शिक्षा अधिकारी श्री जितेन्द्र गुप्ता, एसडीएम सोनहत श्री राकेश साहू, जनपद सीईओ सोनहत, विद्यालय प्राचार्य श्री वी.के. सिंह एवं विद्यालय के शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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महासमुंद : विकासखंड बागबाहरा अंतर्गत शासकीय हाई स्कूल मोहगांव की स्थापना वर्ष 2022 में विद्यार्थियों को माध्यमिक स्तर की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। किंतु विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति न होने के कारण प्रारंभ से ही यह संस्था शिक्षकविहीन स्थिति में संचालित हो रही थी, जिससे विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी। अभिभावकों की चिंता और बच्चों की शैक्षणिक प्रगति में बाधा को लेकर ग्रामीणजनों में निराशा व्याप्त थी।
शिक्षा विभाग द्वारा इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए शासन के निर्देशानुसार युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के माध्यम से हाल ही में तीन व्याख्याता अंग्रेजी, गणित एवं कला विषय के लिए इस विद्यालय में पदस्थ किए गए हैं। इन विषयों की अत्यधिक आवश्यकता थी क्योंकि ये विद्यार्थी के समग्र बौद्धिक और रचनात्मक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। श्री देवेंद्र चंद्राकर, शैलेन्द्र ठाकुर, रामसिंह नाग व विज्ञान सहायक भूपेंद्र जसपाल शिक्षकों की नियुक्ति के साथ ही विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधियाँ पुनः गति पकड़ने लगी हैं। अब नियमित रूप से कक्षाएँ संचालित हो रही हैं और विद्यार्थी पूरे उत्साह एवं रुचि के साथ अध्ययन में भाग ले रहे हैं। बच्चों की उपस्थिति में भी उल्लेखनीय सुधार देखा गया है।
विद्यालय में व्याख्याताओं की उपलब्धता से न केवल बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से प्रारंभ हुई है, बल्कि ग्राम मोहगांव सहित आस-पास के क्षेत्रों के पालकों एवं ग्रामीणजनों में भी प्रसन्नता की लहर है। बच्चों के भविष्य को लेकर अब उनमें आश्वस्ति का भाव है। ग्राम के नागरिकों ने शासन एवं शिक्षा विभाग के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह निर्णय दूरस्थ ग्रामीण अंचल में शिक्षा को मजबूत बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि इसी तरह अन्य आवश्यक सुविधाएँ भी विद्यालय में शीघ्र उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे बच्चों को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिल सके।
क्षेत्र के जनपद सदस्य भूपेंद्र मोंटू दीवान, सरपंच नरेन्द्र दीवान व एसएमसी अध्यक्ष डॉ. चेतन साहू ने प्रसनता व्यक्त करते कहा कि शिक्षा विभाग की यह पहल शिक्षा सबके लिए के उद्देश्य को साकार करने की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि किसी भी बच्चे को केवल संसाधनों के अभाव में शिक्षा से वंचित न होना पड़े।
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महासमुंद : जिले में इस वर्ष 11 जुलाई से 18 जुलाई 2025 तक जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा एवं विश्व जनसंख्या दिवस 2025 मनाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आई. नागेश्वर राव ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा एवं विश्व जनसंख्या दिवस के लिए जिले में स्थाई संसाधन पुरूषों के लिए पुरुष नसबंदी एवं महिलाओं के लिए महिला नसबंदी जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बागबाहरा एवं शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय संबध्द चिकित्सालय में उपलब्ध है एवं अस्थाई संसाधन कण्डोम, आईयूसीडी/पीपीआईयूसीडी, इंजेक्शन डम्पा/अंतरा, छाया, माला एन गोली, इमरजेंसी कांट्रासेप्शन एंड कॉपर-टी जिले के समस्त स्वास्थ्य केन्द्र पर उपलब्ध है। जिसका प्रचार प्रसार सामुदायिक भागीदारी, अंतर-क्षेत्रीय अभिसरण और साझा जिम्मेदारी को बढ़ाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं, महिला एवं बाल विकास, शहरी स्थानीय निकायों, स्वंय सहायता समूहों और सास बहू सम्मेलन जैसे समुदाय आधारित मंचों के सदस्यों को सक्रिय रूप से शामिल किया जाएगा। आउटरीच को अधिकतम करने के लिए इस पखवाड़ा के दौरान आयोजित विभिन्न गतिविधियों को डिजिटल प्लेटफार्म और व्यापक मीडिया चैनलों का कवरेज प्रदान किया जाएगा। इसके लिए जिला स्तर पर उक्त जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा एवं विश्व जनसंख्या दिवस 2025 में जागरूकता के लिए सभी विकासखण्डों में मितानिनों के माध्यम से स्थाई एवं अस्थाई संसाधनों के उपयोग और महत्ता का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राव द्वारा आम जनता से अपील की है कि जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा में सक्रिय भागीदारी करते हुए अपनी इच्छानसार एवं आवश्यकता अनुरूप परिवार नियोजन के साधन अपनाएं।
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महासमुंद : माननीय उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली तथा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मंशानुरूप नेशनल लोक अदालत का आयोजन आगामी शनिवार 13 सितंबर 2025 को जिला एवं समस्त तालुका स्थित न्यायालयों में किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद की सचिव कु. आफरीन बानो ने बताया कि बढ़ते प्रकरणों तथा लंबित प्रकरणो के निराकरण करने के उद्देश्य से आगामी 13 सितंबर को आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के तैयारियों के संबंध में आज माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण महासमुंद के अध्यक्ष श्रीमती अनिता डहरिया के मार्गदर्शन में जिला न्यायालय के वीडियों कान्फ्रेसिंग कक्ष में प्री.लिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारियों एवं विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधकों की बैठक ली गई।
नेशनल लोक अदालत के संबंध में आयोजित बैठक में प्रमुख रूप से प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुश्री संघ पुष्पा भतपहरी, द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश (एफटीसी) श्रीमती मोनिका जायसवाल की उपस्थिति में प्री लिटिगेशन प्रस्तुत करने वाले विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा महासमुंद स्थित विभिन्न बैंकों के शाखा प्रबंधक उपस्थित रहे। बैंक के शाखा प्रबंधकों से पूर्व लोक अदालत में प्रस्तुत किए गए प्रकरणों की स्थिति तथा वर्तमान में प्रस्तुत करने वाले प्रकरणों की समीक्षा करते हुए दिशा-निर्देश दिए ताकि अधिक से अधिक प्रकरण रखकर ऐसे प्रकरणों को आपसी सुलह के माध्यम से निराकरण किया जा सके। -
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सूरजपुर : जिला सूरजपुर अंतर्गत नगरीय क्षेत्र सूरजपुर में सघन आबादी एवं भीड़-भाड़ होने से अम्बिकापुर-मनेन्द्रगढ़ मुख्य मार्ग एवं भैयाथान मार्ग, नगर के मध्य भाग से गुजरने के कारण आये दिन दुर्घटना की संभावना एवं जाम की स्थिति बनी रहती है। अतः नगर की स्थिति को संतुलित बनाये रखने हेतु प्रातः 09ः00 बजे से रात्रि 09ः00 बजे तक नगर से गुजरने वाले भारी वाहनों के प्रवेश को प्रतिबंधित किया जाता है। उक्त समयानुसार भारी वाहन बाईपास सड़क से आवागमन करेंगी एवं नगर के भीतर समान खाली करने एवं लोड करने आने वाले वाहनों पर यह आदेश (प्रतिबंध) लागू नहीं होगा।
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सूरजपुर : शिक्षण सत्र 2025-26 हेतु जिला सूरजपुर के अंतर्गत संचालित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शिवप्रसादनगर (केवल बालक), एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रतापपुर (संयुक्त), एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय ओड़गी (संयुक्त) एवं एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय प्रेमनगर (केवल बालिका) के लिए सीबीएसई पाठ्क्रम हेतु कक्षा 7वीं, कवीं 9वीं एवं 11वी (विज्ञान$गणित/कला) संकाय में रिक्त सीटों की पूर्ति हेतु छ.ग. राज्य द्वारा घोषित अनुसूचित जनजातीय वर्ग/समुदाय के छात्र/छात्रों से ऑफलाईन आवेदन पत्र 19 जुलाई तक आमंत्रित किये गये है।
रिक्त सीटों का संख्या कक्षा 07 वीं में बालक के 07 व बालिका के 03 सीट, कक्षा 08 वीं में बालिका के 01 सीट, कक्षा 09 वीं में बालक के 04 व बालिका के 02 सीट, कक्षा 11 वीं में बालक के 15 एवं बालिका के 16 सीट रिक्त है।
नियम एवं शर्तेः-
कक्षा 7वीं, 8वीं एवं 9वीं हेतु विद्यार्थियों का चयन प्रवेश परीक्षा के माध्यम से की जावेगी। प्रवेश परीक्षा ऑफलाईन मोड में आयोजित होगा। परीक्षा की अवधि 3 घण्टे की होगी। दिव्यांग छात्रों को 30 मिनट का अतिरिक्त समय दिया जावेगा। प्रवेश परीक्षा में प्राप्तांक के वरियताक्रम के आधार पर सूची तैयार की जावेगी। कक्षा 11वीं में प्रवेश हेतु कोई प्रवेश परीक्षा नहीं ली जावेगी। विद्यार्थियों का चयन राज्य बोर्ड/सीबीएसई/आईसीएसई बोर्ड से कक्षा 10वीं में प्राप्तांक अंक/ सीजीपीए के मेरिट आधार पर की जावेगी।
रिक्त सीटों में प्रवेश हेतु आरक्षण लेट्रल ऐन्ट्री नियमावली एवं प्रवेश नीति 2025-26 में निहित प्रावधान अनुसार होगा।
आवेदन पत्र निर्धारित प्रारूप में भरकर दिनांक 19 जुलाई 2025 शाम 4रू00 बजे तक एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शिवप्रसादनगर, प्रतापपुर, ओडगी एवं प्रेमनगर में ऑफलाईन जमा कर पावती प्राप्त कर सकते है। अधिक जानकारी हेतु एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय में कार्यालयीन समय (प्रातः 09 बजे से 4ः00 बजे तक) संपर्क कर या सूचना पटल का अवलोकन कर सकते है। प्रवेश परीक्षा दिनांक 23 जुलाई 2025 दिन बुधवार को समय 11ः00 से 2ः00 बजे के मध्य परीक्षा केन्द्र एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शिवप्रसादनगर (बंजा), विकासखण्ड भैयाथान, जिला सूरजपुर (छ.ग.) में सम्पन्न करायी जायेगी। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों में नियमानुसार मिलने वाली सभी सुविधाओं की पात्रता प्रवेशित छात्र/छात्राओं को होगी। प्रवेश पत्र परीक्षा के 1 घंटे पूर्व परीक्षा केन्द्र पर उपलब्ध कराई जायेगी। परीक्षार्थी को परीक्षा केन्द्र पर परिचय पत्र (आधार कार्ड) लाना अनिवार्य है।
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सूरजपुर : सूरजपुर जिला वनांचल क्षेत्र होने के कारण, बरसात का मौसम शुरू होते ही वातावरण में नमी और उमस बढने तथा वर्षा का पानी जब उनके बिलों में भर जाने के कारण अपने भोजन की तालाश में जहरीले कीट, सांप बिच्छु अपने व तथा सुरक्षित स्थान की तलाश में अक्सर बाहर आ जाते हैं तथा भोजन की खोज में घरों में घुस जाते हैं और लोगों को काटने का खतरा बढ़ जाता है। जिससे सर्पदंश की घटनाएँ बढ़ जाती हैं । सर्पदंश से अधिकांश व्यक्तियों की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है। ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्र में ग्रामीण सर्पदंश के मामले में चिकित्सा विज्ञान पर विश्वास नहीं रखते है तथा बैगा गुनिया से झाड-फूक कराते हैं एवं अंधविश्वास व अज्ञानता के कारण असमय कालकवलित हो जाते हैं।झाड़-फूक से किसी भी सर्पदंश से पीड़ित व्यक्ति की जान नही बचाई जा सकती है। अंधविश्वास के कारण ग्रामीण संर्पदंश के मामलों में झाड-फूक में समय नष्ट कर मरणासन्न स्थिति में पीड़ितों को चिकित्सालय लाया जाता है, जिससे एैसे प्रकरणों में जीवन बचाने में चिकित्सक भी असफल रहते हैं।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ कपिल देव पैकरा द्वारा बताया गया कि जिला चिकित्सालय में 340, समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 2221, समस्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 751 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन उपलब्ध है।
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सूरजपुर : भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के अंतर्गत सूरजपुर जिले के चिन्हित जनजातीय गांवों में व्यापक स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों का उद्देश्य आदिवासी अंचलों में बुनियादी सुविधाएं, स्वास्थ्य, शिक्षा तथा आजीविका जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आदिवासी समुदायों को लाभान्वित कर आत्मनिर्भर एवं सशक्त बनाना है।
कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन में जिले के विभिन्न विकास खण्डों में अभियान अंतर्गत शिविरों का आयोजन नियमित रूप से किया जा रहा है। आज विकासखंड भैयाथान के ग्राम गंगोटी, कुर्रीडीह, कुसमुसी एवं सुन्दरपुर में शिविर लगाए गए। वहीं विकासखण्ड ओड़गी के ग्राम माड़र, भकुरा, भांडी, दवनसरा, दवना एवं टोमो में भी ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी दी गई तथा लाभ प्रदान किए गए।विकासखण्ड प्रतापपुर के ग्राम गणेशपुर, मदननगर, धरमपुर, बगड़ा, पलढा, माडीडांड, कोटेया, गौरा, सिंघरा, मानपुर, गोटगावा में भी धरती आबा अभियान के तहत शिविर आयोजित कर जनजातीय समुदायों को लाभ पहुंचाया गया।विकासखण्ड रामानुनगर के ग्राम धनेशपुर, कललपुर एवं गोविन्दपुर में भी ग्रामीणों को योजनाओं की जानकारी दी गई तथा लाभ प्रदान किए गए।
विकासखण्ड सूरजपुर के ग्राम भरतपुर, मानी, पोड़ी, जोबगा, लाछा, केतका, बेलटिकरी, लांची एवं गेतरा में भी शिविरों के माध्यम से योजनाओं की जानकारी और लाभार्थियों को सेवाएं प्रदान की गईं। धरती आबा अभियान के इन शिविरों में संबंधित विभागों के अधिकारी, जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी रही।
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सूरजरपुर : संचालनालय, महिला एवं बाल विकास विभाग रायपुर द्वारा प्राप्त निर्देश के अनुक्रम में कलेक्टर श्री एस.जयवर्धन के निर्देशन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी के मार्गदर्शन में विधानसभा क्षेत्र भटगांव अंतर्गत शासकीय कन्या उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय भटगावं में कक्षा 9 वीं से कक्षा 12 वीं तक के किशोरी बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया गया एवं बच्चियों तथा महिलाओं की सुरक्षा से संबंधित कानूनो जैसे कन्या भ्रुण हत्या निषेध अधिनियम, बाल विवाह निषेध अधिनियम, पॉक्सो एक्ट, गुड-टच बैड-टच, घरेलू हिंसा अधिनियम एवं कार्यस्थल पर महिलाओं का लैगिंग उत्पीडन अधिनियम 2013 की जानकारी प्रदान की गई। जिससे समाज में आमजनमानस को लिंग भेद वाली सोच को समाप्त करने तथा लड़की जन्म पर खुशियाँ मनाने के लिए प्रेरित किया गया तथा बाल विवाह मुक्त सूरजपुर बनाने हेतु शपथ भी दिलाया गया। साथ ही ब्रोसर का वितरण कर उन्हे अपनी सुरक्षा व समाज में पीड़ित बच्चियों व महिलाओं की सुरक्षा हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए गए। सखी वन स्टॉप सेन्टर से संबंधित जानकारियां भी दी गई एवं टोल फ्री नम्बर 181, 1098, 112 के संबंध में बताया गया। जिसके माध्यम से कोई भी पीड़ित महिला अपनी शिकायत दर्ज करा सकती है, जिससे समय पर उस पीड़ित महिला की सहायता सुनिश्चित हो। इस अवसर पर बड़ी संख्या स्कुली बच्चे-बच्चियां, शिकक्षकगण एवं विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।
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सूरजपुर : कलेक्टर श्री एस. जयवर्धन के निर्देशन एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के मार्गदर्शन में जिले के समस्त विकासखंड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का आयोजन किया गया। प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान भारत सरकार की एक अनूठी पहल है जिसके तहत प्रत्येक माह की 9 एवं 24 तारीख को सभी गर्भवती महिलाओं को व्यापक और गुणवता युक्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि प्रसव पूर्व जांच के दौरान देखभाल में गुणवता सुधारना प्रसव पूर्व देखभाल में निम्न सेवाएं प्रदाय की जाती है जैसे रक्त अल्पताए गर्भावस्था प्रेरित उच्च रक्तचाप गर्भावधि मधुमेह आदि का उचित प्रबंधन। उन गर्भवती महिलाओं को जो की किसी भी कारण से अपनी प्रसव पूर्व जांच नहीं करा पाई या उच्च जोखिम गर्भवती हैं। उन्हें अतिरिक्त अवसर प्रदान करना इस अभियान के लहत गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालयए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंदो पर उनकी गर्भावस्था के दूसरी और तीसरी तिमाही के दौरान प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं को प्रदान किया जाता है इस दिन प्रसव पूर्व जांच सेवाएं विशेषज्ञ चिकित्सक एवं चिकित्सा अधिकारियों के द्वारा प्रदाय की जाती है। इस अभियान की शुरुआत करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि यदि हर एक गर्भवती महिलाओं का चिकित्सा अधिकारी द्वारा परीक्षण एवं जांच उचित तरीके से की जाए तथा इस अभियान का उचित पालन किया जाए तौर हमारे देश में होने वाली मातृ मृत्यु की संख्या को कम करने में महत्वपूर्ण एवं निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं एसाथ ही इस दिन उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाओं की पहचान एवं फॉलोअप करना अभियान के महत्वपूर्ण घटकों में से एक है। आज के अभियान के दौरान जिले के जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केदो में 502 गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन हुआ। जिसमें 87 उच्च जोखिम वाले गर्भवती महिलाएं चिन्हित की गई। जिसमें 158 महिलाओं का सोनोग्राफी की गई।
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सूरजपुर : राज्य का अधिकांश क्षेत्र वर्षा आधारित होने से मौसमीय प्रतिकूलता एवं कृषि आदान लागत में वृद्धि के कारण कृषि आय में अनिश्चितता बनी रहती है, जिसके कारण कृषक फसल उत्पादन के लिए आवश्यक आदान जैसे उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में पर्याप्त निवेश नहीं कर पाते हैं। राज्य सरकार द्वारा कृषि में पर्याप्त निवेश एवं कास्त लागत राहत देने के लिए कृषक उन्नति योजना प्रारंभ की गई है। फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देने, दलहन तिलहन फसलों के क्षेत्र विस्तार तथा इनके उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लक्ष्य के साथ योजनांतर्गत चिन्हित अन्य फसलों पर आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया गया है। जिससे धान के अतिरिक्त दलहन-तिलहन, मक्का व अन्य फसलों की खेती करने वाले कृषकों को 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे किसान जिन्होंने धान की फसल लगाई हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सामग्री का भुगतान होगा।
कृषक उन्नति योजना का मुख्य उद्देश्य फसल क्षेत्राच्छादन, उत्पादन एवं उत्पादकता में वृद्धि, फसल के कास्त लागत में कमी लाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा उनके सामाजिक-आर्थिक स्तर में सुधार के साथ-साथ कृषकों को उन्नत बीज, उर्वरक, कीटनाशक, मानव श्रम, यांत्रिकीकरण एवं नवीन कृषि तकनीकी में निवेश हेतु प्रोत्साहन, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन देते हुए कृषि को लाभ के व्यवसाय के रूप में पुर्नस्थापित करना। योजना का क्रियान्वयन खरीफ 2025 से किया जाएगा।
हितग्राही की पात्रता
कृषक उन्नति योजना का लाभ केवल उन्हीं कृषकों को मिलेगा, जिन्होंने एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन कराया हो। एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे समस्त कृषक जिनके द्वारा खरीफ मौसम में जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक से संबद्ध प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (लैम्पस सहित) अथवा छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड को धान अथवा धान बीज का विक्रय किया गया हो। विगत खरीफ मौसम में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो तथा वर्तमान में धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल लेने हेतु पंजीयन कराया हो, जिनके द्वारा खरीफ मौसम में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल (कोदो, कुटकी एवं रागी) एवं कपास फसल हेतु पंजीयन कराया गया हो। संस्थागत समितियां जैसे-ट्रस्ट, मंडल, प्राईवेट लिमिटेड, शाला विकास समिति तथा केन्द्र व राज्य शासन के संस्थान को योजनान्तर्गत पात्रता नहीं होगी। कृषकों को आदान सहायता राशि का भुगतान कृषि भूमि सिलिंग कानून के प्रावधानों के अध्याधीन किया जाएगा।
कृषकों को भुगतान
कृषक उन्नति योजना अंतर्गत आदान सहायता राशि कृषकों के बैंक खाते में प्रत्यक्ष डीबीटी के माध्यम से की जाएगी। खरीफ 2025 में प्रदेश के किसानों से उपार्जित धान की मात्रा पर धान (कॉमन) पर राशि 731 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 15351 रूपए प्रति एकड़ तथा धान (ग्रेड-ए) पर राशि 711 रूपए प्रति क्विंटल की दर से अधिकतम राशि 14931 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। विगत खरीफ में एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीकृत ऐसे कृषक जिन्होंने धान फसल लगायी हो तथा प्रदेश की सहकारी समितियों में समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया हो, उन्हें धान के स्थान पर अन्य खरीफ फसल हेतु एकीकृत किसान पोर्टल में पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत, मान्य रकबे पर राशि 11,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा।
खरीफ में दलहन, तिलहन, मक्का लघु धान्य फसल कोदो, कुटकी एवं रागी तथा कपास लेने वाले कृषकों को एकीकृत किसान पोर्टल पर पंजीयन तथा गिरदावरी में रकबे की पुष्टि उपरांत मान्य रकबे पर राशि 10,000 रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि प्रदान किया जाएगा। किसी कृषक को अधिक भुगतान होने की स्थिति में संबधित कृषक से राशि वसूल की जा सकेगी। योजना का क्रियान्वयन मार्कफेड, खाद्य विभाग, छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम लिमिटेड तथा संचालनालय कृषि के माध्यम से किया जाना है।
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बिलासपुर : भारत सरकार ग्रामीण विकास विभाग द्वारा सामाजिक सहायता कार्यक्रम अंतर्गत संचालित पेंशन योजनाओं के हितग्राहियों का सत्यापन के लिए मोबाईल एप बेनेफिशियरी सत्यापन एप तैयार किया गया है। जिसके माध्यम से प्रथम चरण में केंद्रीय पेंशन योजनाओं जैसे कि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना एवं इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांगजन पेंशन योजना तथा द्वितीय चरण में राज्य पेंशन योजनाओं जैसे कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना, सुखद सहारा पेंशन योजना एवं मुख्यमंत्री पेंशन योजना के हितग्राहियों का उक्त एप के माध्यम से सत्यापन कराया जाएगा। सत्यापन के लिए प्रशिक्षण ग्राम पंचायत सचिव एवं जनपद पंचायत के कर्मचारियों तथा नगरीय निकायों के संबंधित कर्मचारियों को दिया जाएगा। सत्यापन के लिए हितग्राहियों को स्वतः उपस्थित होने के साथ-साथ, आधार कार्ड, बैंक खाता की प्रति एवं मोबाईल नंबर साथ लाना आवश्यक होगा। हितग्राहियों से अपील है कि यथा शीघ्र अपना सत्यापन कार्य पूर्ण करा लें ताकि पेंशन राशि का भुगतान सुगमता से हो सके।