- द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाकलेक्टर श्रीमती रानू साहू की एक और पहल: हर महीने के दूसरे-चौथे शुक्रवार को गांव में लगेंगे शिविर समस्याएं जानने दस दिन पहले से होगा सर्वे |
कोरबा : दूरस्थ वनांचलो से लेकर पूरे कोरबा जिले के रहवासियों के लिए अच्छी खबर है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल पर अब जिले वासियो को उनकी समस्याओं का मौके पर ही समाधान मिल जाएगा। जिला प्रशासन के अधिकारी- कर्मचारी अब ग्रामीणों की समस्याओं के समाधान के लिए गाँव गाँव तक पहुचेंगे। पूरे जिले में हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को चिन्हांकित गाँव में 'सरकार तुंहर द्वार- समस्या समाधान शिविर ' आयोजित होंगे। एक ग्राम पंचायत में शामिल पारा- बसाहट के साथ आसपास के गॉंवों की मिलाकर क्लस्टर के रूप में ये शिविर लगेंगे। इन शिविरों में सभी विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी और कर्मचारी भी मौजूद रहेंगे।शिविरों में आमजनो की समस्याओं के संबंध में आवेदन लेकर यथा संभव समाधान तो किया ही जायेगा, इसके साथ ही ग्रामीणों की समस्याओं को जानने दस दिन पहले से गांव में सर्वे भी किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती साहू ने पहले शिविर का आयोजन कोरबा विकास खंड में आयोजित करने की योजना बनाई है। उन्होंने इसके लिए सभी तैयारियों को समय पर पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दे दिए है। संभवतः पहले समस्या समाधान शिविर कोरबा विकासखंड में इस महीने के दूसरे शुक्रवार को आयोजित होने की संभावना है।कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने बताया कि कोरोना काल के दौरान पिछले कई दिनों से ग्रामीण इलाकों में लोगो की समस्याओं के निराकरण के लिए शिविर नही लग पाए थे। अब स्थिति सामान्य होने के बाद लोगो की समस्याओं का निराकरण उनके गांव-घर तक पहुँच कर किये जाने की योजना है। श्रीमती साहू ने बताया कि जिले में पहले ही ग्रामीण इलाकों तक इलाज की बेहतर सुविधाएं पहुचाने मेगा हेल्थ शिविर लगाए जा रहे है,अब दूसरी समस्याओ के निराकरण के लिए उसी तर्ज पर समस्या समाधान शिविर लगाए जाएंगे। गांव में दस दिन पहले से सभी विभागीय अधिकारी-कर्मचारी सर्वे कर लोगों की जरूरतों,समस्याओं और मांगो को चिन्हांकित करेंगे। शिविर के दिन चिन्हांकित लोगो को ग्राम पंचायत के माध्यम से शिविर में लाया जाएगा और मौके पर उनकी समस्याओं का यथा संभव निराकरण कर दिया जाएगा। मौके पर निराकृत नही हो सकने वाली समस्याओं और मांगो को समाधान के लिए उच्च कार्यालयों को भेज दिया जाएगा।शिविर में इन समस्याओं का होगा समाधानसभी प्रकार के राजस्व प्रकरण, फौती, नामांतरण, बटंवारा, किसान किताब बनाना,राजस्व कोर्ट प्रकरणों का निराकरण, सीमांकन आदिराशन कार्ड बनाना, पेंशन प्रकरणों की स्वीकृति, हितग्राही मूलक योजनाओ की सामग्री वितरणपेयजल संबंधी समस्याओं का निराकरण, हेण्डपम्प मरम्मत, जरूरत अनुसार नए हैंड पंप खोदने की स्वीकृति, बंद नलजल और स्पॉट सोर्स योजनाओ को चालू करना- मरम्मत करना, पाइप लाईन विस्तार और अन्य कामआजीविका से जुड़े कार्यो की स्वीकृति, ग्रामीणों को स्व रोजगार से जोड़ना, बैंकिंग सेवाओं की समस्याओं का निराकरणकिसानों की समस्याओं का समाधान आदि -
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बिना रायल्टी पर्ची के निर्माण सामग्री के परिवहन-उपयोग करने पर होगी कार्रवाई
मुख्यमंत्री के अवैध उत्खनन पर रोक लगाने संबंधी निर्देश के पश्चात् कलेक्टर श्रीमती साहू द्वारा अधिकारियों को सख्त निर्देश
कोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के अवैध उत्खनन पर कार्यवाही करने संबंधी निर्देश के बाद कलेक्टर श्रीमती रानू साहू द्वारा जिले के अधिकारियों को कड़े निर्देश जारी कर दिए गए है। कलेक्टर ने समस्त निर्माण विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर अवैध उत्खनन को रोकने और कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्रीमती साहू ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिले में जारी सभी निर्माण कार्यो मेें वैध रूप से खोदी गई या खरीदी गई रेत, गिट्टी, मुरूम आदि सामग्रियों का ही उपयोग होना चाहिए। सड़क, भवन निर्माण कार्यो में भी बिना रायर्ल्टी पर्ची के निर्माण सामग्री रेत, मुरूम, मिट्टी का उपयोग नहीं किया जाए। उन्होंने अवैध निर्माण सामग्रियों की सप्लाई पर भी रोक लगाने के निर्देश अधिकारियों को दिए है। कलेक्टर ने कहा कि जिले में किसी भी स्थिति मंे रेत,मुरूम,मिट्टी का अवैध उत्खनन नहीं होना चाहिए। उन्होेंने निर्माण साइटों में उपलब्ध रेत, गिट्टी आदि की वैधता से संबंधित सभी जानकारी भी रखने के निर्देश दिए है। श्रीमती साहू ने निर्देशित किया कि निर्माण स्थलों पर रायल्टी पर्ची की एंट्री के लिए रजिस्टर संधारित किया जाए। वैध रायल्टी पर्ची के सामानों को एंट्री पश्चात् उपयोग में लाया जाए। कलेक्टर ने ठेकेदार द्वारा सप्लाई किये जा रहे सामग्रियों की भी विस्तृत जानकारी रखने के निर्देश दिए है। विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में नगर निगम आयुक्त श्री प्रभाकर पांडेय लोक निर्माण विभाग, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, जल संसाधन विभाग, क्रेड़ा, सहित अन्य विभागों के अधिकारीगण शामिल हुए।
बैठक में कलेक्टर श्रीमती साहू ने जिले में चल रहे निर्माण कार्यो की प्रगति की भी समीक्षा की। उन्होंने निर्माण कार्यो को गुणवत्तापूर्ण तरीके से समय सीमा में पूरा करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये जा रहे सड़क निर्माण की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने सड़क मरम्मत के कामों की फोटोग्राफ्स के साथ प्रगति की साप्ताहिक जानकारी देने के निर्देश दिए। श्रीमती साहू ने डीएमएफ और सीएसआर मद से कराये जा रहे निर्माण कार्यो की भी जानकारी अधिकारियों से ली। उन्होंने हाउसिंग बोर्ड द्वारा हरदीबाजार और दर्री में नये तहसील भवन निर्माण के बारे में ड्राईंग-डिजाईन के बारे में भी सहायक अभियंता से पूछा। कलेक्टर श्रीमती साहू ने नगर निगम द्वारा कराये जा रहे निर्माण कार्यो की समीक्षा के दौरान गेरवाघाट-राताखार सड़क, छात्रावास भवन, पंप हाउस स्कूल में प्रार्थना शेड, डाइनिंग हॉल और अशोक वाटिका उन्नयन कार्य की जानकारी ली। उन्होंने सभी निर्माण विभागों को स्वीकृत कार्यो को जल्द से जल्द शुरू करने और प्रगतिरत कामों को समय सीमा में पूरा कराने के निर्देश दिए। -
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खनिज साधन विभाग के सचिव ने जारी किए विस्तृत निर्देश
खनिज उड़नदस्ते और अंतर्विभागीय संयुक्त उड़नदस्ते के माध्यम से की जाए कार्रवाई
कोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के सभी कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को खनिज रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण को रोकने के लिए प्रभावी कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशों के तारतम्य में खनिज साधन विभाग के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने इस सम्बंध में कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को आज मंत्रालय से विस्तृत निर्देश जारी कर दिए हैं। जारी निर्देशों में कहा गया है कि जिले में खनिज रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण को रोकना जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक की प्रशासनिक जिम्मेदारी है। इसके लिए जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में खनिज टास्क फोर्स गठित है। जिसके अंतर्गत खनिज अधिकारी द्वारा खनिज उड़नदस्ता एवं अंतर्विभागीय संयुक्त उड़नदस्ता का गठन किया गया है। इनके माध्यम से खनिजों के अवैध उत्खनन, परिवहन और भंडारण पर रोक लगाने के लिए कार्रवाई की जाती है।
खनिज सचिव ने कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को खनिज रेत के अवैध उत्खनन, परिवहन, भंडारण पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित करने के साथ-साथ साप्ताहिक समय सीमा की बैठक में भी इसकी लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि निर्देशों का समुचित पालन नहीं होने पर लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्यवाही करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जाए। -
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पुलिस ने अवैध खनन कर रहे 8 ट्रैक्टर किये जब्त
आत्महत्या का ड्रामा कर दबाव डाल रहे रेत तस्कर को भी जेल भेजा
कोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद कोरबा पुलिस ने तत्काल अवैध रेत उत्खनन पर कार्रवाई की है । मुख्यमंत्री के निर्देश पर कोरबा एसपी भोजराम पटेल ने टीम बनाकर अवैध खनन पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करायी । पुलिस ने जिले के अलग-अलग थाना चौकियों में अवैध रेत परिवहन कर रहे कुल 08 ट्रैक्टरों को पकड़कर जब्ती की है, जिसे विधिवत कार्रवाई हेतु खनिज विभाग को सुपुर्द किया जा रहा है ।
विदित है कि मुख्यमंत्री ने अवैध रेत उत्खनन के विरुद्ध सख्त कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए हैं । पकड़े गए आरोपियों में कृष्ण कुमार पटेल पिता तुलसी कुमार पटेल उम्र 19 वर्ष साकिन - ग्राम रोकदा ,थाना उरगा कोरबा , राधे लाल पिता स्व सालिक राम अगरिया उम्र 28 पंडरीपानी कोरबा , परमात्मा पटेल पिता कन्हैयालाल पटेल उम्र 22 वर्ष निवासी जोगीपाली थाना उरगा, रवि पिता रमेश पटेल उम्र 30 वर्ष निवासी कपाटगुड़ा इमलीछापर ,अविनाश केवट पिता बलराम केवट उम्र 35 वर्ष निवासी कपाटगुड़ा इमलीछापर हैं ।
आपको बता दें कि एक दिन पहले ही कोरबा में रेत तस्कर कादिर खान के द्वारा आत्महत्या करने का ड्रामा कर रेत तस्करी पर कार्यवाही के विरुद्ध दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा था । उक्त तस्कर के विरुद्ध सख्त कार्यवाही कर जेल दाखिल करवाया गया है । -
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15-18 वर्ष के 46 हजार बच्चों को पहली खुराक एवं तीन हजार लोगों को बूस्टर डोज भी लगी
कोरबा : कोरबा जिले में कोविड संक्रमण पर लगाम कसने के लिए 15 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों का कोविड टीकाकरण किया जा रहा है। जिले में अभी तक 18 वर्ष अधिक उम्र के आठ लाख 81 हजार 519 लोगों को कोरोना टीके की पहली डोज दी जा चुकी है। अनुमानित लक्ष्यानुसार यह जिले में 97.49 प्रतिशत है। इसी तरह कोरबा जिले में पांच लाख 40 हजार 075 लोगों ने कोविड वैक्सीन की दूसरी खुराक भी ले ली है। तीन जनवरी 2022 से 15-18 वर्ष के किशोरों को कोविड वेक्सीन लगाया जा रहा है। जिले में इस श्रेणी के अन्तर्गत 46 हजार 322 बालक-बालिकाओं को कोविड वेैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। बूस्टर डोज के रूप में जिले में तीन हजार 317 लोगों को कोविड वेक्सीन का बूस्टर डोज भी दिया जा चुका है। इस प्रकार जिले में कोविड-19 संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लोगों का टीकाकरण तेजी से जारी है।
बूस्टर डोज तीन हजार 317 लोगों को- जिले में फ्रंट लाईन वर्कर, हेल्थ केयर वर्कर और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज भी दिया जा रहा है। जिले में अभी तक तीन हजार 317 लोगों को बूस्टर डोज दिया जा चुका है। एक हजार 073 हेल्थ केयर वर्कर्स को, एक हजार 072 फ्रंट लाईन वर्कर्स को एवं साठ वर्ष से अधिक उम्र के एक हजार 172 लोगों को प्रिकॉशनरी डोज दिया जा चुका है।
पहली डोज: 18$आयु वर्ग के आठ लाख 81 हजार 519 लोगों का टीकाकरण - कोरबा जिले में 18 से अधिक आयु वर्ग के आठ लाख 81 हजार 519 लोगों को अब तक कोविड वेक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। इस आयु वर्ग में सबसे अधिक कोरबा और कटघोरा के शहरी इलाकों में दो लाख 54 हजार 542 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। दूसरे स्थान पर पाली विकासखंड में एक लाख 45 हजार 009 लोगों का, विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा में एक लाख 43 हजार 649 लोगों का, कटघोरा ग्रामीण में एक लाख 17 हजार 677 लोगों को कोविड का वैक्सीन लगाया जा चुका है। इसी प्रकार, कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में एक लाख 10 हजार 778 लोगों का एवं करतला में एक लाख नौ हजार 864 लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है।
दूसरी डोज: 18$ वर्ग के पांच लाख 40 हजार 075 लोगों का टीकाकरण - जिले में 18 वर्ष से अधिक उम्र के पांच लाख 40 हजार 075 लोगों को निर्धारित समयावधि पूरी होने पर कोविड-19 वेक्सीन की दूसरी डोज भी लगा दी गई है। इस श्रेणी में कोरबा-कटघोरा के शहरी इलाकों में एक लाख 74 हजार 013, कटघोरा विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में 72 हजार 566, पोड़ीउपरोड़ा विकासखंड में 75 हजार 408, करतला विकासखंड में 80 हजार 810 और पाली विकासखंड में 75 हजार 091 लोगों को एवं कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में 62 हजार 187 लोगों को कोरोना वेक्सीन का दूसरा डोज दिया जा चुका है।
स्कूली विद्यार्थियों का टीकाकरण तेजी से जारी, अब तक 61 प्रतिशत किशोरों को लगा कोविड का टीका-जिले में 15 से 18 वर्ष की उम्र के किशोर-किशोरियों और स्कूली विद्यार्थियों का कोविड टीकाकरण तेजी से जारी है। जिले में अभी तक 46 हजार 322 किशोर-किशोरियों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। जो अनुमानित लक्ष्य का 61 प्रतिशत है। कोरबा जिले मंे अनुमानित लक्ष्य अनुसार 15 से 18 वर्ष की उम्र के 75 हजार 953 किशोर-किशोरियों और स्कूली विद्यार्थियों को कोविड का टीका लगाया जाना है। अभी तक कोरबा और कटघोरा के शहरी इलाकों में सबसे अधिक 16 हजार 221 किशोरों ने कोविड का टीका लगवाया है। करतला विकासखंड में पांच हजार 700, कटघोरा विकासखंड में पांच हजार 893, कोरबा विकासखंड में चार हजार 650, पाली विकासखंड में सात हजार 906, पोंड़ीउपरोड़ा विकासख्ंाड में पांच हजार 792 एवं निजी केन्द्रों में 160 स्कूली विद्यार्थियों और किशोरों ने कोविड से बचने के लिए टीकाकरण करा लिया है। -
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अब किसान सात फरवरी तक बेच सकेंगे समर्थन मूल्य पर धान, जिलें में लक्ष्य अनुसार पूरी होगी धान खरीदी,
केवल 10 हजार 370 किसानों से एक लाख 38 हजार क्विंटल धान खरीदना बाकी
अब तक 14 लाख एक हजार 290 क्विंटल धान की खरीदी हुई, 30 हजार 57 किसानों ने 271 करोड़ 85 लाख रूपये से अधिक का धान बेचा
कोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए आज एक बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य में समर्थन मूल्य में धान खरीदी की निर्धारित अवधि में एक सप्ताह की वृद्धि किए जाने का एलान किया है। राज्य में अब 7 फरवरी तक किसानों से धान खरीदी की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल के किसान हित में लिए गए इस फैसलें से जिले के किसानों में हर्ष व्यापत है। धान खरीदी की निर्धारित अवधि में वृद्धि होने से किसानों को धान बेचने में सहुलियत होगी और पंजीकृत सभी किसान अपना धान आसानी से बेच पाएंगे। धान खरीदी की तिथि में वृद्धि होनेे पर प्रदेश के किसान मुख्यमंत्री का आभार जता रहे है। कोरबा जिले में एक दिसंबर 2021 से शुरू हुई धान खरीदी में अब तक 30 हजार 057 पंजीकृत किसानों से समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी कर ली गई है। आज की स्थिति में जिले के केवल 10 हजार 370 पंजीकृत किसानों द्वारा धान बेचना बाकी है। जिले में निर्धारित तिथि तक लक्ष्य अनुसार सभी 40 हजार 472 पंजीकृत किसानों से धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर समितियों में कर ली जायेगी। जिले में अब तक 30 हजार 057 किसानों का 271 करोड़ 85 लाख 27 हजार रूपए से अधिक का धान खरीदा जा चुका है। जिले के किसानों से अब तक 14 लाख एक हजार 290 क्विंटल धान सहकारी समितियों द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदा जा चुका है। इस वर्ष कोरबा जिले में पंजीकृत किसानों से लगभग 15 लाख 40 हजार क्विंटल धान खरीदने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। निर्धारित लक्ष्य के हिसाब से किसानों से लगभग एक लाख 38 हजार 710 क्विंटल धान 55 उपार्जन केन्द्रों में खरीदा जायेगा।
जिला सहकारी बैंक के नोडल अधिकारी श्री एस के जोशी ने बताया कि कोरबा जिले में प्रतिदिन औसतन 50 हजार क्विंटल धान खरीदी किसानों से की जा रही है। निर्धारित अवधि में धान खरीदी की लक्ष्य की प्राप्ति कर ली जायेगी। धान खरीदी केंद्रों से लगातार धान का उठाव भी कराया जा रहा है। श्री जोशी ने बताया कि पिछले दिनों बेमौसम बारिश के कारण धान खरीदी और उठाव कुछ धीमा पड़ा था, लेकिन अब मौसम ठीक होने के बाद उठाव भी तेजी से हो रहा है। खरीदी के साथ-साथ समितियों से धान उठाव को भी तेज किया जा रहा है। श्री जोशी ने बताया कि धान खरीदी या उठाव में कोई परेशानी नहीं है। बारदाना भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है और निर्धारित अवधि तक लक्ष्य अनुसार धान की खरीदी कर ली जायेगी।
जिले के 55 धान खरीदी केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर किसानों से 21 जनवरी तक 14 लाख एक हजार 290 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। इसमें से 12 लाख 77 हजार 592 क्विंटल मोटा और एक लाख 22 हजार 507 क्विंटल सरना और एक हजार 190 क्विंटल पतला धान शामिल है। मिलर्स ने खरीदी केन्द्रों से नौ लाख 30 हजार 891 क्विंटल से अधिक धान उठा लिया है। जिले के खरीदी केन्द्रों से आठ लाख 28 हजार 861 क्विंटल मोटा और एक लाख दो हजार 30 क्विंटल सरना धान का उठाव मिलरों द्वारा कर लिया गया है। जिले में 24 जनवरी को धान बेचने के लिए एक हजार 282 किसानों को टोकन जारी किए गए हैं। इन किसानों से लगभग 61 हजार क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जाएगी।सोमवार को खरीदी केन्द्रों पर एक हजार 282 किसानों से खरीदा जाएगा लगभग 61 हजार क्विंटल धान- 24 जनवरी को एक हजार 282 किसानों को धान बेचने के लिए उपार्जन केन्द्रों से टोकन जारी कर दिए गए हैं। इन किसानों से लगभग 61 हजार क्विंटल से अधिक धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। सोमवार को धान खरीदी केन्द्र अखरापाली में 27, उतरदा में 32, कटघोरा में 22 कनकी में 37, करतला में 15, केरवाद्वारी में 19, कुलहरिया में 15, कोथारी में 32, कोरकोमा में 43, कोरबी पाली में 58, पोड़ी-उपरोड़ा कोरबी में 28, चैतमा में 38, चिकनी पाली में 23, लबेद में 15, छुरीकला में 11 , सुमेधा में 01 एवं जटगा में 24 किसान समर्थन मूल्य पर धान बेचेंगे।
धान खरीदी केन्द्र जटगा तुमान में 07, जवाली में 23, रंजना में 09, तुमान में 42, तिलकेजा में 15, दुरपा में 14, नवापारा में 19, बेहरचुंआ में 12, निरधि में 28, पठियापाली में 26, पसान में 13, लैंगा में 04, नुनेरा में 13, पाली में 36, पिपरिया में 04, पोड़ी में 22, पोड़ी-उपरोड़ा में 09, फरसवानी में 27, बरपाली कोरबा में 31, बरपाली में 53, बिंझरा में 35, कुदुरमाल में 20 एवं भैंसमा में 52 किसानों ने धान बेचने के लिए टोकन कटाया है। इसी प्रकार धान खरीदी केन्द्र भिलाई बाजार में 34, मोरगा में 01, रामपुर में 38, लाफा में 29, सपलवा में 09, श्यांग में 16, उमरेली में 23, सुखरीकला में 22, सिरमिना में 49, दादरखुर्द में 08, सोनपुरी में 11, सोहागपुर में 35, कराईनारा में 14, नोनबिर्रा में 21 एवं हरदीबाजार में 18 किसानों को धान बेचने के लिए टोकन जारी किया गया है। -
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कलेक्टर श्रीमती साहू की सख़्ती पर सीईओ ने जारी किया आदेश
कलेक्टर की सलाह : बैंक परिसर में ही राशि गिनकर स्वीकारे किसान भाई
कोरबा : कोरबा के जिला सहकारी बैंक में किसानों को अपने ही खातों से राशि निकालने में अव्यवस्था पर प्रभारी शाखा प्रबंधक को निलंबित कर दिया गया है।कलेक्टर की अनुशंसा पर बैंक के सीईओ ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। उल्लेखनीय है कि जिला सहकारी बैंक कोरबा में किसानों द्वारा अपने ही खातों से राशि निकालने में असुविधा और नियम विरुद्ध राशि वसूली की शिकायत मिली थी। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने शिकायत को गम्भीरता से लेते हुए जांच कराई थी। अब शाखा प्रबंधक श्री अजय कुमार साहू को निलंबित कर दिया गया है। अजय साहू का मूल पद सहायक लेखापाल है और वे कोरबा सहकारी बैंक में प्रभारी शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत है। निलंबन अवधि में अजय साहू का मुख्यालय में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर नियत किया गया है।
कलेक्टर श्रीमती साहू ने किसानों की सहूलियत के लिएजिला सहकारी बैंक की सभी छह शाखाओं में राशि आहरण की मॉनिटरिंग के लिए नोडल अधिकारी भी तैनात किए है। सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों ने अपने-अपने क्षेत्र की जिला सहकारी बैंक की शाखाओं में दिनवार अधिकारियों को मॉनिटरिंग के लिए जिम्मेदारी सौपी है। कार्य दिवसों में हफ्ते में कम से कम एक दिन तहसीलदार स्तर के अधिकारी भी सहकारी बैंकों की शाखाओं का निरीक्षण कर रहे हैं । इस दौरान अधिकारी बैंकों में लेनदेन केे ग्राहकों के बीच कोविड प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित कराने की व्यवस्थाओं की जानकारी भी ले रहे है । किसी भी तरह की अवैध वसूली या अव्यवस्था पर नोडल अधिकारी निगरानी रख रहे है।
कलेक्टर श्रीमती साहू ने बैंक अधिकारियों-कर्मचारियों को सख्त हिदायत भी दी है कि किसानों के खातों से उन्हीं की राशि आहरण में अनियमितता, लापरवाही या वसूली जैसी शिकायतों पर जांच कर कठोर कार्रवाई की जायेगी। कलेक्टर ने बैंक के अधिकारियों सहित संबंधित तहसीलदारों और अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को भी निर्देशित किया कि अपने-अपने क्षेत्र में बैंकों का लगातार निरीक्षण करें। किसी भी बैंक में किसानों को अपने ही खाते से राशि आहरण के लिए कोई परेशानी न हो।
कलेक्टर की सलाह, किसान बैंक परिसर में ही गिनकर लें पूरी राशि- कलेक्टर ने जिले के किसानों को भी सलाह दी है कि वे बैंक से राशि आहरण के लिए किसी भी प्रकार की कोई अतिरिक्त राशि किसी भी व्यक्ति को न दें। बैंक से राशि आहरण के बाद बैंक काउंटर पर ही सावधानी से गिनकर पूरी राशि मिलने की तकसीद करें और राशि कम होने पर तत्काल कैशियर या बैंक मैंनेजर से शिकायत कर पूरी राशि प्राप्त करें। कलेक्टर ने यह भी सलाह दी है कि नोटों की गड्डियों में कम नोट निकलने पर गड्डी के उपर लगी पर्ची को फाड़कर न फेंकें। नोट की गड्डी को तत्काल पर्ची सहित कैशियर या बैंक मैनेजर को लौटाकर पूरी राशि वाली गड्डी लेवें।
उल्लेखनीय है कि कोरबा जिले में सहकारी बैंक की छह शाखाएं कार्यरत हैं। इन छह शाखाओं कटघोरा, कोरबा, दीपका, पाली, पोड़ीउपरोड़ा और बरपाली के तहत लगभग 55 आदिम जाति सहकारी समितियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जा रही है। धान की राशि इन्हीं शाखाओं में किसानों के खातों में जमा होती है। -
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अपने घर आने आज होंगे रवाना, रविवार सुबह पहुंचेंगे कोरबा
कोरबा : कलेक्टर श्रीमती रानू साहू की पहल पर कर्नाटक में फंसे कोरबा जिले के सात मजदूरों की कोरबा वापसी हो रही है। मजदूर आज रात ट्रेन से अपने घर आने के लिए रवाना होंगे। सभी सातों मजदूर रविवार सुबह कोरबा पहुंचेंगे। अजगरबहार, लेमरू क्षेत्र के आदिवासी मजदूर काम के सिलसिले मेेेें कर्नाटक राज्य के बैंगलोर में ठेकेदार के चंगुल में फंस गये थे। मजदूरों के रिश्तेदारों ने कलेक्टर के समक्ष कोरबा जिला वापसी के लिए निवेदन किया था। मामले को तत्काल संज्ञान में लेते हुए कलेक्टर श्रीमती साहू ने श्रम विभाग के अधिकारियों को मजदूरों को कोरबा लाने के लिए निर्देशित किया था। श्रम विभाग के अधिकारियों ने बैंगलोर के श्रम आयुक्त से संपर्क कर मजदूरों को ठेकेदारों से छुड़वाने का प्रयास किया। श्रम विभाग और पुलिस के समन्वय से ठेकेदारों से सभी मजदूरों को छुड़वाया गया साथ ही मजदूरों की मजदूरी भी दिलाई गई। मजदूरों को कोरबा भेजने के लिए यशवंतपुर रेल्वे स्टेशन पहुंचाया गया। सभी मजदूर आज रात 11 बजे यशवंतपुर-कोरबा ट्रेन से बैंगलोर से कोरबा के लिए रवाना होंगे एवं रविवार के सुबह लगभग 4.30 बजे कोरबा पहुंचेंगे।
प्रभारी सहायक श्रम आयुक्त श्री राजेश आदिले ने बताया कि एक माह पहले अजगरबहार लेमरू क्षेत्र के विशेष पिछड़ी जनजाति के ग्रामीण बोरवेल कंपनी में काम करने के लिए कर्नाटक राज्य के बैंगलोर गये थे। इन मजदूरों में विकासखंड कोरबा के ग्राम पंचायत अजगरबहार दलदली मोहल्ला के निवासी श्री जोतराम बिरहोर, भवन राम बिरहोर, लेमरू के श्री रामसिंह, श्री दिलीप कुमार कोरवा, श्री सिखाउराम, श्री पुसाउराम कोरवा एवं देवपहरी के श्री पुन्नीराम बिरहोर शामिल हैं। अजगरबहार निवासी श्रीमती शुकवारो बाई एवं ईतवारिन बाई ने कलेक्टर के समक्ष अपनी आवेदन में बताया कि उनके बच्चों को ग्राम बांधापाली के श्री सुभाष केंवट के द्वारा काम का लालच देकर कर्नाटक ले जाया गया है। कलेक्टर के निर्देश पर श्रम विभाग के अधिकारियों ने ठेकेदार सुभाष केंवट से संपर्क कर मजदूरों के बारे में जानकारी लिया। सुभाष केंवट ने मजदूरों को अन्य बोरवेल गाड़ी के साथ काम करने जाना बताया।
कड़ी पूछताछ करने पर ठेकेदार सुभाष ने बोरवेल कंपनी में संलग्न मजदूरों के बारे में जानकारी दिया। बैंगलोर के श्रम आयुक्त से मजदूरों की स्थिति के बारे में पता किया गया। 19 जनवरी को मजदूरों का माण्डया जिले के केरपेट में होने की सूचना प्राप्त हुई। सूचना प्राप्त होने पर अविलंब मैसूर के श्रम आयुक्त से संपर्क किया गया। श्रम आयुक्त ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया। बालको के थाना प्रभारी ने माण्डया के थाना प्रभारी से समन्वय कर ठेकेदार से संपर्क कर मजदूरों को पेश करने के लिए कहा। माण्डया थाने के द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए मजदूरों को सकुशल ठेकेदार से छुड़ाया गया। संबंधित ठेकेदार को भी तलब कर मजदूरों की मजदूरी दिलाई गई। तत्पश्चात मजदूरों को कोरबा रवाना करने के लिए यशवंतपुर स्टेशन भेजा गया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कोरबा : कोरबा जिले में कोविड के बढ़ते मामलों के बीच अब प्रशासन की सभी शासकीय बैठकें यथा संभव वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही वर्चुअल रूप में होंगी। इसके साथ ही आम जनो के लिए हर मंगलवार को होने वाली जान चौपाल भी आगामी आदेश तक स्थगित रहेगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने आज इस संबंध में निर्देश सभी अधिकारियों को दिए है।कलेक्टर ने सभी सरकारी कार्यालयों में अधिकारी-कर्मचारियों को कोविड प्रोटोकाल का पालन करने, मास्क से मुँह को अच्छी तरह ढ़कने के साथ काम के दौरान छह फीट की परस्पर दूरी के नियमो का भी पालन करने को कहा है। -
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किसानों के खातों में जमा हुई 22 करोड़ तीन लाख रूपए से अधिक की कृषि आदान सब्सिडी
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने योजना के तहत आज जारी की दूसरी किश्त
जिले के 29 हजार 950 किसान हुए लाभान्वित, चार किश्तों में मिलेंगे 81 करोड़ 16 लाख रूपए
गौ धन न्याय योजना के तहत तीन लाख 40 हज़ार रुपए से अधिक की राशि भी वितरित
कोरबा : पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री राजीव गांधी की जयंती पर आज प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों केे खातों में कृषि आदान सब्सिडी की दूसरी किश्त के रूप में 22 करोड़ तीन लाख 74 हजार रूपए अंतरित किए। पहली किश्त के रूप में भी जिले के किसानों के खातों में 22 करोड़ तीन लाख 56 हजार रूपए जमा कराए जा चुके हैं।
दो किश्तों को मिलाकर कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों को 44 करोड़ सात लाख रूपए से अधिक की कृषि आदान सब्सिडी मिल चुकी है। जिले के किसानों को इस योजना से चार किश्तों में 81 करोड़ 16 लाख 26 हजार रूपए की सहायता मिलेगी।
गोधन न्याय योजना के तहत जिले के नौ हजार 861 गोबर विक्रेताओं को योजना के प्रारंभ से लेकर 31 जुलाई 2021 तक कुल दो करोड़ 95 लाख से अधिक की राशि का वितरण किया जा चुका है। श्री भूपेश बघेल ने आज जिले के 208 हितग्राहियों को इस पखवाड़े के तीन लाख 40 हजार से अधिक की राशि का वितरण किया।
वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित छत्तीसगढ़ सरकार के मंत्रीमंडल के सदस्य भी शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से श्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रदेश सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति की रक्षा एवं उसके विकास के लिए संकल्पित है तथा प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।श्री भूपेश बघेल ने बताया कि किसानों को धान के फसल का लाभदायक मूल्य मिलने से उनका रूझान खेती-किसानी की ओर बढ़ा है और किसानों में खुशी का माहौल है।
राजधानी के मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से संचालित इस कार्यक्रम में पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. श्री राजीव गांधी के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने एक साथ छत्तीसगढ़ के 22 लाख किसानों को दूसरी किश्त के रूप में एक हजार 500 करोड़ रूपए से अधिक की कृषि आदान सहायता राशि का अंतरण किया।
पिछले वर्ष छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए दूरगामी निर्णय लेते हुए राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत इस वर्ष कोरबा जिले के 29 हजार 950 किसानों को 81 करोड़ 16 लाख रूपये से अधिक की सहायता चार किस्तों में मिलेगी। यह सहायता किसानों के बैंक खातों में सीधे जायेगी। इस योजना के तहत वर्ष 2020-21 में सहकारी समिति लैम्पस के माध्यम से उपार्जित धान फसल के किसानों को सहायता राशि दी जा रही है। इस योजना के तहत पिछले वर्ष कोरबा जिले के 23 हजार 832 किसानों को 67 करोड 62 लाख 79 हजार रूपए की राशि मिली है।
धान के बदले दूसरी फसलों की खेती पर मिलेगी प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी - छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2021 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है।
इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020 से आगामी वर्षों में धान की खेती पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ नौ हजार रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य तीन हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।
इसी तरह वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।
वृक्षारोपण करने वालों किसानों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा। राज्य सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना का खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया है। खरीफ सीजन 2020 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा खरीफ सीजन 2021 से धान को छोड़कर कोई दूसरी चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी। -
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कोरबा : कृषि मास मीडिया समिति की बैठक 23 अगस्त को आयोजित की जाएगी। यह बैठक गूगल मीट के माध्यम से ऑनलाइन दोपहर 12 बजे आयोजित की जाएगी।बैठक में सितंबर 2021 में आकाशवाणी केन्द्र बिलासपुर के माध्यम से किसान वाणी कार्यक्रम के अंतर्गत प्रसारित होने वाले विषय एवं वार्ताकार तय किए जाएंगे। गूगल मीट में लिंक https://meet.google.com/bgm-qaco-eia में लॉगइन कर शामिल हुआ जा सकता है। -
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कोरबा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार 11 सितंबर 2021 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसके अंतर्गत न्यायालय में लंबित दीवानी, फौजदारी, क्लेम, परिवार, श्रम, भू-अर्जन के मामले तथा विद्युत, जल, राजस्व और बैंक की बकाया वसूली आदि मामलों का निराकरण किया जाएगा।
राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन, जिला एवं तहसील स्तर के सभी न्यायालयों में किया जाएगा। जिले के पक्षकार जो लंबित मामलों का निराकरण कराना चाहते हैं वे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा तथा तालुका विधिक सेवा समिति कटघोरा, करतला एवं पाली से संपर्क कर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। -
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कोरबा : पांच लाख रूपए तक के सालाना मुफ्त ईलाज के लिए हितग्राहियों के आयुष्मान कार्ड बनाने की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2021 थी जिसे अब बढ़ाकर 30 सितंबर 2021 कर दिया गया है। ऐसे छुटे हुए हितग्राही जो अब तक आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाये हैं वे 30 सितंबर के पहले आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं।
आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जनआरोग्य योजना के तहत यह कार्ड नजदीकी च्वाइस सेंटर या कॉमन सर्विस सेंटर में निःशुल्क बनाया जा रहा है। कार्ड बनाने के लिए हितग्राहियों को राशनकार्ड के साथ अपना आधार कार्ड लेकर च्वाइस सेंटर जाना होगा।
परिवार की पात्रता के आधार पर क्रियाशील अंत्योदय कार्ड, प्राथमिकता राशन कार्डधारी परिवार और सामाजिक-आर्थिक संगणना 2011 से चयनित परिवारों को पांच लाख रूपए तक ईलाज के लिए सालाना सुविधा इन कार्डों से मिलेगी।
इसी प्रकार शेष राशनकार्ड धारी परिवारों को सालाना 50 हजार रूपए तक का निःशुल्क ईलाज पंजीकृत शासकीय एवं निजी चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड के द्वारा मिलेगा। जिले में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी. बी. बोडे ने जिले वासियों से नजदीकी च्वाइस सेंटर जाकर 30 सितंबर के पहले आयुष्मान कार्ड बनवाने की अपील की है ताकि आवश्यकता पड़ने पर पूरे साल उनका निःशुल्क ईलाज हो सके। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
- विश्व आदिवासी दिवस के वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
- श्री बघेल ने कहा: हमारा आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ की गौरवशाली संस्कृति और इतिहास का हिस्सा
कोरबा : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से प्रदेश के सभी 27 जिलों के आदिवासी समुदाय के प्रतिनिधियों और वनवासियों से जुड़े। उन्होंने आज के दिन को पूरी दुनिया के आदिवासी समुदाय के लिए खास दिन बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज राज्य की गौरवशाली संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा है। आदिवासी समाज और संस्कृति को आगे बढ़ाए बिना छत्तीसगढ़ की संस्कृति और स्वाभिमान की रक्षा नहीं की जा सकती । मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और स्वाभिमान को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का संकल्प लिया है। श्री बघेल ने खुशी जताई की पिछले ढाई वर्षों में राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश के आदिवासी इलाकों में विकास और स्वावलंबन की नई लहर चली है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा विश्वास, विकास और सुरक्षा के मूलमंत्र के साथ आगे बढ़ते हुए जल-जंगल-जमीन पर स्थानीय समुदायों का अधिकार सुनिश्चित करना और आदिवासियों के जीवन स्तर को उंचा उठाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
*गाँव ही नहीं नगरीय क्षेत्रों में भी आदिवासी समुदाय को वनसंसाधन अधिकार देकर रचा कीर्तिमान -
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने चार लाख 41 हजार से अधिक व्यक्तिगत पट्टे और 46 हजार से अधिक सामुदायिक पट्टों के साथ शहरी क्षेत्रों में भी वन संसाधन का अधिकार देकर कीर्तिमान रच दिया है। देश में सबसे पहले शहरी क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासी समुदाय को वहां के जंगलों पर अधिकार देने का काम छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की नगरी नगर पंचायत से शुरू हो गया है। तीन गांवो से मिलकर बनी इस नगर पंचायत में दस हजार 200 एकड़ जंगल पर सामूहिक वन संसाधन अधिकार दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी संस्कृति में वन्य प्राणियों का विशेष महत्व है। वन्य प्राणियों के प्रति आस्था और सम्मान को व्यक्त करते हुए टाइगर रिजर्व कोर क्षेत्र में भी सामुदायिक वन संसाधन का अधिकार स्थानीय निवासियों को दिया जा रहा है। सीतानदी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के पांच गांवों के 14 हजार एकड़ जंगल पर सामुदायिक वनसंसाधन अधिकार दिए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आज पूरे प्रदेश में 700 गांवों को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार सौंपे गए हैं।
मुख्यमंत्री ने किया छह पुस्तकों का विमोचन -
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान विभागीय योजनाओं की छह पुस्तकों छत्तीसगढ़ का ट्रायबल एटलस, छत्तीसगढ़ की विशेष पिछड़ी जनजातिओं पर आधारित काफी टेबल बुक, गदबा, मुंडा, बैगा, कमार और भुंजिया जनजातिओं पर आधारित मानव शास्त्री अध्ययन, पाव, मांझी, गड़बा, परधान, बैगा, गोंड़, अगरिया और कंवर जनजातिओं के फोटो हैंडबुक तथा कंवर जनजाति में प्रथागत कानूनों का मोनोग्राफ का विमोचन भी किया। उन्होंनेे विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होने वाले विभिन्न जिलों के वनवासी हितग्राहियों से संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश वासियों को बधाई और शुभकामनाएं भी दीं।
वनवासियों को मिले वन अधिकार पत्र, मेधावी विद्यार्थियों का हुआ सम्मान -
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में जिले के 43 वनवासियों को वन अधिकार मान्यता पत्रों का वितरण किया गया। राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने जिला पंचायत सभा कक्ष में आयोजित कार्यक्रम में वनवासियों को वनअधिकार मान्यता पत्र दिए। इसके साथ ही उन्होंने प्रयास आवासीय विद्यालय के पांच और एकलव्य आवासीय विद्यालय के 10 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित भी किया।
कलेक्टर श्रीमती साहू ने दी जिले में आदिवासी विकास के प्रयासों की जानकारी -
कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कोरबा जिले में आदिवासी समुदाय के विकास के लिए किए जा रहे कार्यों और प्रयासों की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि कोरबा जिले में 51 हजार 374 वनवासियों को 27 हजार 551 हेक्टेयर से अधिक वनभूमि के लिए व्यक्तिगत पट्टे दिए जा चुके हैं। एक हजार 448 सामुदायिक वन अधिकार पट्टों के तहत 50 हजार 860 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि का सामुदायिक हक स्थानीय वनवासियों को मिला है। श्रीमती साहू ने बताया कि वनवासियों को विकास की मुख्य धारा में जोड़ने के लिए स्थानीय स्तर पर ही रोजगार के अवसर बढ़ाने 126 समूहों को 90 हजार 518 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि के सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र भी दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 124 छात्रावास और 59 अनुसूचित जनजाति आश्रम छात्रावास, चार आवासीय विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। कलेक्टर ने बताया कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में एकलव्य विद्यालय छुरी के कुल 56 विद्यार्थियों में से सभी ने 95 से 100 प्रतिशत तक अंक अर्जित किए हैं। प्रयास विद्यालय के 92 विद्यार्थियों ने भी 95 से 100 प्रतिशत अंक पाए हैं। उन्होंने बताया कि एकलव्य विद्यालय के दसवीं कक्षा के छात्र राजेन्द्र प्रसाद ने 96.66 प्रतिशत अंक प्राप्त कर मेरिट लिस्ट में स्थान हासिल किया था। इस छात्र ने कक्षा बारहवीं में 97.20 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं। कलेक्टर ने यह भी बताया कि एकलव्य विद्यालय छुरी के चार विद्यार्थियों ने जेईई एडवांस परीक्षा के लिए क्वालीफाई कर लिया है और एक विद्यार्थी का चयन नीट की परीक्षा में भी हुआ है। - विश्व आदिवासी दिवस के वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
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हाथी से जान बचाने के लिए लोगों को मिल रही सुविधा
जिले के आठ हाथी प्रभावित गांवों में सोलर पावर प्लांट स्थापित
कोरबा : जिले के हाथी प्रभावित दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों के गांवो को सोलर लाईटों से रोशनी मिल रही है। सौर उर्जा चलित सोलर लाईट की सुविधा मिल जाने से हाथी प्रभावित गांवों की गलियां रातों में रौशन हो रही है। क्रेडा विभाग द्वारा कटघोरा वनमंडल अंतर्गत आने वाले विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के आठ गांवों में सोलर लाइट के लिए सोलर पावर प्लांट स्थापित किया गया है।
हाथी प्रभावित गांव लाद, बनिया, तनेरा, बाला, सलिहाभांठा, केंदई सड़कपारा, केंदई बस्ती एवं ठूठीपीपर में तीन किलोवाॅट क्षमता के सोलर पावर प्लांट स्थापित किए गए हैं। सोलर पावर प्लांट से इन गांवो में लगी सोलर स्ट्रीट लाईटों को बिजली प्रदान की जा रही है।
इन गांवो को सोलर लाईट की सुविधा मिल जाने से गांव की सड़कों, गलियों एवं चैक-चैराहों में रोशनी प्राप्त हो रही है। रोशनी होने के कारण हाथी गांव में प्रवेश नहीं करते हैं जिससे लोगों को जान-माल का खतरा नहीं होता है। हाथी प्रभावित गांव बनिया की सरपंच श्रीमती संतोषी ने बताया कि उनके गांव की गलियों में करीब 20 पोल सोलर लाईट के लगाये गये है।
सोलर लाईट के लग जाने से रात में अंधेरा नहीं रहता है। रात में उजाला रहने से गांव में हाथी का दल प्रवेश नहीं करते हैं। सरपंच ने बताया कि बारिश के मौसम में बिजली बंद होने के बावजूद सोलर लाईट से रोशनी मिलती रहती है। गांव में हाथी दल के प्रवेश करने की सूचना मिलते ही सभी लोग सोलर लाईट की ओर जाकर अपनी जान बचाते हैं। श्रीमती संतोषी ने बताया कि गांव में सोलर लाईट लग जाने से लोगों को हाथी से जान बचाने के साथ फसल सुरक्षा की भी सुविधा मिली है।
इसी प्रकार ग्राम पंचायत लाद के सरपंच श्री हिमांशु तंवर ने बताया कि क्रेडा विभाग के द्वारा उनके गांव के छिंदवारपारा मोहल्ला में सोलर पावर प्लांट लगाया गया है। पावर प्लांट से गलियों में लगे सोलर स्ट्रीट लाईट को बिजली प्राप्त होती है। सोलर लाईट के लगने से रोशनी की समस्या दूर हो गई है। सोलर लाईट दिनभर चार्ज होते रहता है और शाम होते ही चालू हो जाता है।
यह लाईट रातभर जलती रहती है। सरपंच ने बताया कि सोलर लाईट से सभी मौसम में गांव की गलियां रोशन रहती है। पहले गांव में हाथी आने पर हाथी को भगाने और सुरक्षा के लिए आग जलाकर रोशनी की व्यवस्था करनी पड़ती थी। बारिश के मौसम में आग जलाना संभव नहीं हो पाता था।
बारिश के दौरान गांव की बिजली चले जाने पर पूरे गांव में अंधेरा छा जाता था। ऐसे समय में हाथी दल के आगमन पर लोगों को अंधेरे में भागने का रास्ता नहीं मिलता था और जान-माल का काफी नुकसान होता था। क्रेडा द्वारा सोलर लाईट लगाए जाने से सभी मौसम में रोशनी की सुविधा मिल रही है। रोशनी में सभी लोग एकजुट होकर जान बचाने में सफल हो पाते हैं।
क्रेडा विभाग के सहायक अभियंता श्री एन. के. राय ने बताया कि हाथी प्रभावित गांवो में सोलर लाईट लगने के पूर्व हर साल बड़ी संख्या में हाथी दल रात के अंधेरों में गांवो में प्रवेश करते थे। गांव में प्रवेश कर फसलों के साथ-साथ ग्रामीणों के घरों को भी नुकसान पहुंचाते थे।
उन्होंने बताया कि हाथी प्रभावित इलाकों के ग्रामीणों को हाथी दल से राहत दिलाने के लिए जिला खनिज न्यास निधि से आठ गांवों में सोलर पावर प्लांट लगाया है। इन गांवो में 300 वाट क्षमता के 10 पैनल स्कूलों के छतों पर लगाये गये हैं। इन पैनलों के माध्यम से दिन में सूर्य की रौशनी से बिजली बनती रहती है।
सोलर पावर प्लांट से पैदा हुए बिजली को अंडर ग्राउंड केबल के माध्यम से स्ट्रीट लाईटों तक पहुंचाया गया है। इस बिजली से रात में सोलर लाईटें जलती रहती हैं। सोलर लाईटों के प्रकाश से हाथी गांव की गलियों में नहीं रहते है तथा गांव के बाहर से ही निकल जाते हैं। -
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प्राथमिक एवं अंत्योदय राशन कार्डधारियों को जुलाई से नवंबर तक का चांवल प्रदान किया जाएगा
जिले के एकल निराश्रित, निःशक्तजन एवं अन्नपूर्णा राशन कार्डधारी भी होंगे लाभान्वितकोरबा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के घोषणा के तहत गरीब परिवारों को कोरोना महामारी में बड़ी राहत देते हुए छह महीनों का चांवल निःशुल्क दिया जा रहा है। गरीब परिवारों को माह जुलाई से नवंबर 2021 तक का चांवल मुफ्त में दिया जाएगा। चांवल का आबंटन जुलाई महीने से शुरू हो गया है।निःशुल्क चांवल वितरण के तहत जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के अंत्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित, अन्नपूर्णा एवं निःशक्त श्रेणी के दो लाख 52 हजार 227 राशनकार्डधारी लाभान्वित होंगे।इसमें सर्वाधिक प्राथमिकता श्रेणी के एक लाख 96 हजार 309 राशन कार्ड धारी, अंत्योदय श्रेणी के 53 हजार 449, निराश्रित श्रेणी के दो हजार 063, अन्नपूर्णा श्रेणी के 235 एवं निःशक्तजन श्रेणी के 171 राशन कार्ड धारी शामिल हैं।इन राशनकार्ड धारियों को जुलाई से नवंबर माह तक का चांवल शासकीय उचित मूल्य की दुकानों के द्वारा निःशुल्क वितरित किया जाएगा। जिले के अंत्योदय एवं प्राथमिकता श्रेणी के राशन कार्ड धारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अन्तर्गत अतिरिक्त चांवल का वितरण भी निःशुल्क किया जाएगा। जिले के अंत्योदय राशन कार्डधारी परिवारों को प्रति सदस्य पांच किलो अतिरिक्त चांवल का वितरण निःशुल्क किया जाएगा।प्राथमिकता श्रेणी के राशनकार्ड धारी परिवारों को तीन सदस्य तक कोई अतिरिक्त आबंटन नहीं होगा। परिवार में चार सदस्य होने पर पांच किलो अतिरिक्त चांवल और प्राथमिकता श्रेणी परिवारों में 4 सदस्य से अधिक होने पर प्रति सदस्य तीन किलो अतिरिक्त चांवल दिया जाएगा।निःशक्त श्रेणी के कार्डधारी को प्रतिमाह 10 किलो, एकल निराश्रित को प्रतिमाह 10 किलो तथा अन्नपूर्णा कार्डधारी को प्रतिमाह 35 किलो चांवल का वितरण जुलाई से नवंबर माह तक निःशुल्क किया जाएगा।ग्रामीण क्षेत्र के एक लाख 80 हजार और शहरी क्षेत्र के 69 हजार से अधिक हितग्राही होंगे लाभान्वित - जिले के कुल दो लाख 52 हजार 227 गरीब परिवारों को छह महीनों का चांवल वितरण किया जा रहा है।लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों में सर्वाधिक ग्रामीण क्षेत्र के राशनकार्ड धारी शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्र के कुल एक लाख 82 हजार 851 अंत्योदय, निराश्रित, अन्नपूर्णा, प्राथमिकता एवं निःशक्तजन राशन कार्ड धारियों को छह महीने का निःशुल्क चांवल दिया जाएगा।चांवल वितरण में अंत्योदय श्रेणी के 41 हजार 361, निराश्रित श्रेणी के एक हजार 609, अन्नपूर्णा श्रेणी के 220, प्राथमिकता श्रेणी के एक लाख 39 हजार 610 एवं निःशक्त श्रेणी के 51 कार्डधारी लाभान्वित होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को किए जाने वाले चांवल वितरण में विकासखण्ड करतला के 36 हजार 425, कटघोरा के 22 हजार 348, कोरबा के 35 हजार 742, पाली के 44 हजार 432 एवं विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा के 43 हजार 904 राशनकार्ड धारी शामिल है।इसी प्रकार शहरी क्षेत्रों के 69 हजार 376 राशन कार्डधारियों को छह महीनों का चांवल निःशुल्क दिया जाएगा। इसमें अंत्योदय श्रेणी के 12 हजार 088, निराश्रित श्रेणी के 454, अन्नपूर्णा श्रेणी के 15, प्राथमिकता श्रेणी के 56 हजार 699 एवं निःशक्तजन श्रेणी के 120 राशनकार्ड धारी शामिल हैं। छह महीनों के निःशुल्क चांवल वितरण के अंतर्गत शहरी क्षेत्रों में नगरीय निकाय पाली के 775, कटघोरा के तीन हजार 665, छुरीकला के एक हजार 511, कोरबा के 61 हजार 316 एवं नगरीय निकाय दीपका के दो हजार 109 राशनकार्ड धारी लाभान्वित होंगे।उल्लेखनीय है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत जिले के अंत्योदय राशन कार्डधारी को प्रति परिवार 35 किलो प्रतिमाह चांवल एक रूपए प्रति किलो की दर से दिया जा रहा है।प्राथमिकता राशनकार्ड धारी परिवारों को एक सदस्य होने पर 10 किलोग्राम प्रतिमाह, दो सदस्य होने पर 20 किलोग्राम प्रतिमाह तीन से 5 सदस्यीय परिवारों को 35 किलोग्राम प्रतिमाह तथा पांच सदस्य से ज्यादा होने पर प्रति सदस्य सात किलोग्राम प्रतिमाह चांवल एक रूपए प्रति किलोग्राम की दर से दिया जाता है।वर्तमान में कोरोना संक्रमण से उत्पन्न आपदा के कारण अंत्योदय, प्राथमिक, निःशक्तजन, एकल निराश्रित तथा अन्नपूर्णा श्रेणी के राशन कार्डधारियों को जुलाई से नवंबर माह तक निःशुल्क चांवल का वितरण किया जा रहा है। -
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कोरबा : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार 10 जुलाई 2021 को पूरे देश में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है।इस संबंध में माननीय श्री बी.पी. वर्मा, जिला एवं सत्रा न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के मार्गदर्शन में सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया कि कोरोना संक्रमण के कारण न्यायालयों में बड़ी संख्या से लंबित प्रकरणों में कमी लाने के लिये व पीड़ित व प्रभावित परिवारों को त्वरित व सुलह न्याय प्रदान करने के प्रयोजनार्थ नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिला एवं तहसील विधिक सेवा समिति स्तर पर आयोजित किया जा रहा है।
नेशनल लोक अदालत के प्रकरणों को राजीनामा के माध्यम से निराकृत किये जाने हेतु जिला स्तर पर कुल 15 खण्डपीठ का गठन किया गया है। गठित खण्डपीठ के द्वारा विभिन्न प्रकरणों व प्री-लिटिगेशन का निराकरण किया जाएगा।नेशनल लोक अदालत में समस्त राजीनामा योग्य आपराधिक मामले, बैंक के प्रकरण, लिखत पराक्राम्य अधिनियम 138, वसूली के प्रकरण, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण एवं अन्य व्यवहार वाद के प्रकरण रखे जायेंगे। मान. जिला न्यायाधीश महोदय के द्वारा नेशनल लोक अदालत में अधिक से अधिक प्रकरणों को नेशनल लोक अदालत में रखे जाने हेतु समस्त न्यायिक अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।
नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य समस्त प्रकार के प्रकरण लंबित दीवानी, फौजदारी, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, परिवार, श्रम, निष्पादन प्रकरण, लिखत पराक्राम्य अधिनियम 138, राजस्व, विद्युत, जल, बैंक की बकाया वसूली एवं अन्य उपयुक्त मामलों का निराकरण सुलह समझौता के माध्यम से किया जावेगा। इसके अतिरिक्त आम जनता को राहत देने हेतु कोविड-19 के दौरान लाॅकडाउन के उल्लंघन में दर्ज धारा 188 भारतीय दण्ड संहिता व महामारी अधिनियम के तहत् दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण गृह विभाग छ0ग0 शासन द्वारा जारी परिपत्रा के अनुसार किया जाएगा।
विडियों कान्फेंसिंग से होगा प्रकरणों का निराकरण:- इस बार हाईबिड लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। इसमें पक्षकार व वकील न्यायालय में उपस्थित होकर व अपने घरों से भी विडियों कान्फेंसिंग के माध्यम से आपसी सहमति से प्रकरणों का निराकरण करेंगे।
राजीनामा योग्य प्रकरण दांडिक प्रकरण, पारिवारिक मामलें, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण एवं अन्य राजीनामा योग्य प्रकरण सामान्य लोक अदालत में राजीनामा हो जाते थे। कोरोना संक्रमण के चलते न्यायिक कामकाज प्रभावित होने से निराकृत नहीं हो पा रहे है, परतु नेशनल लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों का निराकरण होने से अधिवक्ता व पक्षकारों को आर्थिक राहत मिलेगी।
हाईब्रिड नेशनल लोक अदालत के सफल संचालन हेतु जिला न्यायालय कोरबा की वेब साईट लिंक की सहायता से पक्षकारों को शारीरिक रूप से न्यायालय में उपस्थित नहीं हो पा रहे है वे ई- नेशनल लोक अदालत के माध्यम से घर बैठे सीधे विडियों कान्फेसिंग के माध्यम से लोक अदालत की खण्डपीठ से जुड़ सकते है।
जो भी पक्षकार राजीनामा के माध्यम से अपने लंबित प्रकरणों को लोक अदालत के माध्यम से निराकरण कराना चाहते है वे पक्षकार अपने प्रकरण को संबंधित न्यायालय में उपस्थित होकर नेशनल लोक अदालत में रखे जाने हेतु निवेदन कर सकते है।
सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के द्वारा बताया गया है कि न्यायालय में प्रस्तुत होने वाले मामले जिनमें कोर्ट फीस चस्पा है उन प्रकरणों में लोक अदालत के माध्यम से निराकरण होता है उक्त प्रकरणों में कोर्ट फीस वापसी का प्रावधान है, साथ ही लोक अदालत में निराकरण होने वाले प्रकरणों में किसी भी न्यायालय में अपील स्वीकार्य नहीं होती।
अधिक जानकारी के लिये जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा दूरभाष 07759-228939, तालुका विधिक सेवा समिति कटघोरा दूरभाष नंबर 07815-250833, तालुका विधिक सेवा समिति पाली दूरभाष नंबर 07816-232037,तालुका विधिक सेवा समिति करतला दूरभाष नंबर 07759-279833 पर संपर्क कर सकते है। -
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स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा परिवार नियोजन के साधन एवं जागरूकता के बारे में किया जाएगा प्रचार-प्रसार
कोरबा : स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के बारे में जनजागरूकता लाने के उद्देश्य से जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। जिले के स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं एवं मितानिनो द्वारा जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन के साधनों केेेेे बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी। साथ ही परिवार नियोजन के साधनों का वितरण भी किया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रथम चरण में दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा 10 जुलाई तक एवं द्वितीय चरण में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 24 जुलाई तक मनाया जाएगा। पहला चरण का आयोजन परिवार नियोजन से संबंधित सभी प्रकार के साधनो के महत्व के बारे में जागरूकता लाने के लिए किया जा रहा है। दूसरे चरण में महिला एवं पुरूष नसबंदी एवं परिवार नियोजन के अन्य साधनों का वितरण एवं परामर्श दिया जाएगा। जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा का आयोजन सभी स्वास्थ्य संस्थाओं में कोविड-19 के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए किया जा रहा है। इसके अंतर्गत परिवार नियोजन की स्थाई एवं अस्थाई साधनों की जानकारी लोगों को दी जाएगी एवं साधनों की सेवा समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में उपलब्ध रहेगी। दूसरे चरण में लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के लिए परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई संसाधनों में आई यू सी डी. निवेशन, गर्भ निरोधक इंजेक्शन, एमपीए माला एवं छाया गोली प्रदान किया जाएगा। वर्ष 2021-22 में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के लिए स्लोगन ‘‘आपदा में भी परिवार नियोजन की तैयारी सक्षम राष्ट्र और परिवार की पूरी जिम्मेदारी’’ है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. बी. बी. बोडे ने बताया कि जनजागरूकता के लिए लोगों को सही समय में विवाह, जन्म अंतराल, प्रसव उपरांत परिवार नियोजन में पूर्ण सहभागिता आदि के बारे में परामर्श दिया जा रहा है। समस्त स्वास्थ्य केन्द्रों में परिवार नियोजन से संबंधित प्रचार-प्रसार सामग्री जैसे कि पंपलेट आदि का वितरण किया जा रहा है। डाॅ. बोडे ने बताया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के दूसरे चरण के अंतर्गत 11 जुलाई से परिवार नियोजन से संबंधित साधन ओरल पिल्स, कंडोम, अंतरा आदि का वितरण भी किया जाएगा। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में महिला स्वास्थ्यकर्ताओं एवं मितानिनो द्वारा हितग्राहियों को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराया जाएगा। जिला चिकित्सालय कोरबा में महिला एवं पुरूष नसबंदी की सेवाएं प्रदान की जाएगी। विकासखण्ड स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पाली एवं कटघोरा में महिला नसबंदी परिवार नियोजन के स्थाई साधन की सेवाएं प्रदान की जाएंगी। -
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कोरबा : विकासखण्ड कोरबा के ग्राम पंचायत बरीडीह में नई शासकीय उचित मूल्य की दुकान खुलेंगी। नई दुकान के आबंटन के लिए कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व कोरबा द्वारा 12 जुलाई शाम पांच बजे तक आवेदन मंगाए गए है। अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व कोरबा ने बताया कि नयी खुलने वाली उचित मूल्य की दुकान का आबंटन शासन द्वारा निर्धारित एजेंसियों को ही किया जाएगा। यह दुकान वृहदाकार आदिमजाति बहुद्देशीय सहकारी समिति लेम्पस, ग्राम पंचायत या स्थानीय नगरीय निकाय, शासन द्वारा पंजीकृत महिला स्वसहायता समूह, वन सुरक्षा समितियां, अन्य सहकारी समितियां जिसका कार्य क्षेत्र ग्राम पंचायत क्षेत्र में अनिवार्य हो तथा राज्य शासन द्वारा विनिर्दिष्ट उपक्रम को ही आबंटित की जाएंगी। नयी उचित मूल्य दुकान के आबंटन के लिए संस्था को निर्धारित प्रारूप में आवेदन के साथ जीवित पंजीयन प्रमाण पत्र, बायलास की प्रति, समिति के पदाधिकारियों की सूची, समिति के बैंक पासबुक की सत्य प्रतिलिपि, वर्तमान में बैंक में उपलब्ध धनराशि का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व कोरबा ने बताया कि ग्राम पंचायत बरीडीह में उचित मूल्य दुकान का आबंटन उन सहकारी समितियों या एजेंसियों को किया जाएगा जिनके गठन का उद्देश्य आवश्यक वस्तुओं का वितरण अथवा विक्रय अपने सदस्यों अथवा क्षेत्र के अन्य लोगों को करना है। उन्होने बताया कि संबंधित संस्था या समिति का कार्यक्षेत्र वही क्षेत्र होना चाहिए जहां के उचित मूल्य दुकान उसे आबंटित की जानी है। किसी भी एजेंसी को उसके कार्यक्षेत्र की एक उचित मूल्य की दुकान आबंटित की जाएगी। राशनकार्ड धारी उपभोक्ताओं को आवश्यक वस्तुओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक से अधिक उचित मूल्य की दुकान आबंटित की जा सकेगी। किसी भी स्थिति में उक्त संख्या तीन उचित मूल्य दुकान से अधिक नही होगी। राजस्व अधिकारी ने बताया कि आवेदनकर्ता संस्था या समिति के द्वारा पूर्व कार्य का मूल्यांकन में अनियमितता पाए जाने के स्थिति मंे उन्हें दुकान आबंटन के लिए पात्र नहीं माना जाएगा।
अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि उचित मूल्य दुकान आबंटन ऐसे सहकारी समितियों एवं महिला स्वसहायता समूह को किया जाएगा जो आवेदन पत्र प्राप्त होने की तारीख के कम से कम तीन माह पूर्व पंजीकृत एवं कार्यरत् हो तथा जिसे सामाजिक आर्थिक क्षेत्र में कार्य करने का अनुभव हो। राजस्व अधिकारी ने बताया कि उचित मूल्य दुकान आबंटन के पश्चात् दुकान भवन में शासन द्वारा निर्धारित रंग से रंगरोगन करना एवं दुकान में सीसीटीवी कैमरा लगाया जाना अनिवार्य होगा। दुकान संचालन के लिए खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से खाद्य कारोबार एवं भण्डारण संबंधी अनुज्ञप्ति प्राप्त करना अनिवार्य होगा। दुकान आबंटन के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व कोरबा में सम्पर्क किया जा सकता है। -
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कोरबा : विकासखण्ड करतला के पांच ग्राम पंचायतों में नई शासकीय उचित मूल्य दुकान खुलने के लिए प्राप्त हुए आवेदनों पर दावा आपत्ति आठ जुलाई तक आमंत्रित किया गया है। करतला के अंतर्गत ग्राम पंचायत बुढ़ियापाली, कथरीमाल, सण्डैल, नोनबिर्रा एवं लबेद में शासकीय उचित मूल्य दुकान आबंटन के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था। प्राप्त आवेदनों के परीक्षण उपरांत पात्र-अपात्र आवेदनों की सूची जारी की गई थी। पात्र-अपात्र आवेदनों की सूची कार्यालय अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के सूचना पटल पर चस्पा की गई है।
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा ने बताया कि राशन दुकान खुलने के लिए प्राप्त इन आवेदनों पर दावा आपत्ति 26 जून से शुरू हो गया है। ग्राम पंचायतों में शासकीय राशन दुकानों के संचालन के लिए जमा किए गए आवेदन कर्ताओं द्वारा दावा आपत्ति कार्यालयीन समय में आठ जुलाई 2021 तक प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित समयावधि के पश्चात प्रस्तुत किए गए दावा आपत्ति पर कोई विचार नहीं किया जाएगा। - द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा45 वर्ष से अधिक उम्र के दो लाख 69 हजार से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के एक लाख से
अधिक लोगों को कोविड वेक्सीन की पहली डोज, 65 हजार से अधिक लोगों ने दूसरा डोज भी लगवाया
कोरबा : राज्य शासन से प्राप्त वैक्सीन के अनुसार जिले में लोगों को कोविड का टीका लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 45 वर्ष से अधिक उम्र के दो लाख 69 हजार 449 लोगों को कोविड का पहला टीका लगाया जा चुका है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के एक लाख सात हजार 741 लोगों को कोविड वैक्सीन का पहला डोज दिया जा चुका है। इस प्रकार जिले में कुल तीन लाख 77 हजार 190 लोगों का कोरोना टीकाकरण पूर्ण हो चुका है। 45 वर्ष या अधिक उम्र के 14 हजार 945 लोगों का टीकाकरण बाकी है। विगत दिवस 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह हजार 453 लोगों को कोविड का पहला टीका और 291 लोगों को दूसरा डोज लगाया गया। इसी प्रकार 45 वर्ष और अधिक उम्र के दो हजार 411 लोगों को दूसरा डोज और 301 लोगों को पहला डोज दिया गया। अभी तक 18 वर्ष और अधिक उम्र वर्ग में अंत्योदय श्रेणी के सात हजार 190, बीपीएल के 55 हजार 213, एपीएल श्रेणी के 39 हजार 452 एवं फ्रंटलाइन वर्करों के अंतर्गत पांच हजार 886 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। कोरोना टीकाकरण अभियान के दौरान अभी तक कटघोरा और कोरबा के शहरी इलाकों में सबसे अधिक वैक्सीेनेशन हुआ है। इन इलाकों में अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 72 हजार 241 लोगों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के मामलें में पाली विकासखण्ड पहले स्थान पर है जहां अब तक 43 हजार 854 लोगों को पहले डोज से वैक्सीनेट किया जा चुका है। दूसरे स्थान पर पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड है जहां 43 हजार 737 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। कटघोरा विकासखण्ड में 40 हजार 322 लोगों को, कोरबा विकासखण्ड के ग्रामीण इलाकों में 34 हजार 769 लोगों को और करतला विकासखण्ड में 34 हजार 526 लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा चुका है।
18-44 आयु वर्ग के एक लाख से अधिक लोगों का टीकाकरण- कोरबा जिले में 18 से 44 आयु वर्ग के एक लाख सात हजार 741 लोगों को अब तक कोविड वेक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। इस आयु वर्ग में सबसे अधिक कोरबा और कटघोरा के शहरी इलाकों में 44 हजार 717 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। दूसरे स्थान पर कटघोरा ग्रामीण है जहां पर 16 हजार 344 लोगों को कोविड का वैक्सीन लगाया जा चुका है। इसी प्रकार करतला के ग्रामीण क्षेत्रों में 10 हजार 547 लोगों का, कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 449 लोगों का, पाली में 13 हजार 783 लोगों का एवं विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा में 10 हजार 901 लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है।
दूसरी डोज 45+ वर्ग के 61 हजार 164 लोगों को एवं 18+ वर्ग के चार हजार 170 लोगो को लगी - जिले में कुल 65 हजार 334 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दूसरी खुराक दी जा चुकी है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के 61 हजार 16़4 लोगों को निर्धारित समयावधि पूरी होने पर कोविड-19 वेक्सीन की दूसरी डोज भी लगा दी गई है। इसी प्रकार 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के चार हजार 170 लोगों को भी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गई है। 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोरबा-कटघोरा के शहरी इलाकों में 21 हजार 948, कटघोरा विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में 11 हजार 609, पोड़ीउपरोड़ा विकासखंड में आठ हजार 629, करतला विकासखंड में आठ हजार 698 और पाली विकासखंड में चार हजार 938 लोगों को एवं कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार 342 लोगों को कोरोना वेक्सीन का दूसरा डोज दिया जा चुका है। 18 वर्ष और अधिक उम्र वर्ग में कोरबा और कटघोरा के शहरी क्षेत्रों में एक हजार 551 लोगों को, विकासखण्ड करतला में 453, कटघोरा ग्रामीण में 902, कोरबा ग्रामीण में 337, पाली में 450 एवं पोड़ी उपरोड़ा में 477 लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है।156 जगहों पर लग रही कोविड वैक्सीन - जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कोविड वैक्सीनेशन 156 स्थानों पर किया जा रहा है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड का टीका सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक लग रहा है। पाली विकासखण्ड में 23, करतला विकासखण्ड में 29, कटघोरा विकासखण्ड में 16, कोरबा विकासखण्ड में 30, पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड में 20 तथा कोरबा शहरी क्षेत्रों में संचालित 38 स्वास्थ्य केन्द्रों पर वैक्सीन लग रही है। नगर निगम क्षेत्र में संचालित आठ मोबाइल मेडिकल यूनिटों को भी कोविड वैक्सीनेशन के काम में लगाया गया है। -
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कोरबा : शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए जिले के विद्यार्थी eduportal.cg.nic.in पर आवेदन कर सकते हैं। इस वर्ष शिक्षा के अधिकार के तहत कुल चार हजार 899 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है, जिसके लिए अब तक कुल चार हजार 171 आवेदन मिल चुके है। प्रवेश प्रक्रिया को सुचारू ढंग से संचालित करने के लिए जिले में 67 नोडल अधिकारियों को नियुक्त किया गया है। इस वर्ष जिले के 296 निजी स्कलों में गरीब बच्चों को प्रवेश दिया जाएगा। विद्यार्थियों को प्रवेश लाॅटरी सिस्टम के आधार पर दिया जाएगा। प्रवेश को लेकर किसी भी प्रकार की समस्या आने पर पालक या विद्यार्थी जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय कोरबा या नोडल अधिकारियों से संपर्क कर सकते हैं।
शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटों पर कमजोर तबके के बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। पिछले सत्र में जिले के कुल 288 स्कूलों के लिए पांच हजार 429 सीट निर्धारित किए गए थे और इसके लिए कुल छह हजार 644 आवेदन आए थे। इनमें से चार हजार 127 पात्र विद्यार्थियों को प्रवेश दिया गया था। -
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बैंकों, लेम्पस और कृषि विभाग के कार्यालयों से संपर्क कर फसलों का बीमा कराने कलेक्टर की अपील
कोरबा : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत् जिले में खरीफ वर्ष 2021 में धान सिंचित-असिंचित, मूंग एवं उड़द की फसलों का बीमा आगामी 15 जुलाई तक कराया जा सकता है। इसी प्रकार रबी वर्ष 2021 में बोये जाने वाले सरसों एवं अलसी फसलों का बीमा 15 दिसंबर तक कराया जा सकता है। कृषि विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ऋणी किसान के लिए यह बीमा ऐच्छिक किया गया है। ऋणी किसान जो फसल बीमा योजना में शामिल नही होना चाहते, उन्हें भारत सरकार द्वारा जारी घोषणा पत्र खरीफ फसल के लिये आठ जुलाई तक एवं रबी फसलों के लिए आठ दिसंबर तक संबंधित संस्थान में अनिवार्य रूप से जमा करना होगा। किसानों को बीमा कराने हेतु बी 1 की छायाप्रति, पहचान पत्र एवं बैक खाते के पासबुक की छायाप्रति, किसान पहचान पत्र की छायाप्रति एवं फसल बुआई प्रमाण पत्र के साथ जमा करना अनिवार्य होगा। किसानों को अपना आधार नंबर बैंकों में अनिवार्य रूप से अपडेट कराना होगा। फसल बीमा पोर्टल पर बिना आधार प्रमाणीकरण के बीमा मान्य नहीं होगा। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने इस फसल बीमा योजना का लाभ उठाने किसानों से अपील करते हुये कहा है कि वे नजदीकी बैंक एवं सहकारी समितियों से संपर्क कर फसल बीमा जरूर कराएं और योजना का लाभ उठाएं।
कृषि विभाग द्वारा बीमा आवरण की जानकारी देते हुए बताया गया है कि बीमाकृत क्षेत्र में कम वर्षा अथवा प्रतिकूल मौसमी दशाओं में बुआई, रोपण नहीं होने पर हानि से यह बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा। इसके अलावा गैर बाधित जोखिम जैसे सूखा, शुष्क अवधि, बाढ़, जल भराव, कीट व्याधि, भू-स्खलन, प्राकृतिक अग्नि दुर्घटना, आकाशीय बिजली, तूफान, ओलावृष्टि, चक्रवात, आंधी, समुद्री तूफान, भंवर और बवंडर के कारण फसल को होने वाले नुकसान की सुरक्षा के लिए वृहत् जोखिम बीमा दिया जाएगा। यह बीमा आच्छादन अधिसूचित फसलों के कटाई के बाद अधिकतम दो सप्ताह या 14 दिन के लिए चक्रवात, चक्रवातीय वर्षा और बेमौसम वर्षा के मामले में दिया जाएगा, जिन्हें फसल कटाई के बाद खेत में सूखने के लिए छोड़ा गया हो। अधिसूचित क्षेत्र में पृथक कृषक भूमि को प्रभावित करने वाली ओलावृष्टि, भू-स्खलन और जलभराव के अभिचिन्हित स्थानीयकृत जोखिमों से होने वाले क्षति से भी यह सुरक्षा प्रदान करेगा।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ फसलों के लिए किसान द्वारा देय प्रीमियम दर बीमित राशि का 2 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। योजना के तहत रबी फसलों के लिए प्रीमियम दर डेढ़ प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इस वर्ष धान सिंचित पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 49 हजार 500 रूपए होगी, जिसके लिए किसान को 990 रूपये प्रीमियम देना होगा। धान असिंचित पर प्रति हेक्टेयर बीमित राशि 36 हजार रूपए होगी और बीमा प्रीमियम 720 रूपये निर्धारित किया गया है। मूंग और उड़द की एक हेक्टेयर फसल का 16 हजार रूपये का बीमा 320 रूपये में होगा। रबी मौसम में सरसों के लिए प्रति हेक्टेयर 18 हजार 500 रूपए का बीमा होगा जिसके लिए 277.50 रूपए का प्रीमियम देना होगा। इसी तरह अलसी के लिए प्रति हेक्टेयर 17 हजार रूपए का बीमा होगा जिसके लिए 255 रूपए प्रीमियम का भुगतान किसानों को करना होगा। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्रियान्वयन एग्रीकल्चर इंश्योरेंश कंपनी आफ इंडिया लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए किसान निकटतम बैंक,सहकारी समिति, कृषि विभाग के कार्यालय से संपर्क कर सकते है। -
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मूर्ति-धार्मिक ग्रंथों को स्पर्श करना, बड़ी सभाएं एवं मण्डली कार्यक्रम का आयोजन रहेगा प्रतिबंधित
कलेक्टर श्रीमती साहू ने धार्मिक स्थलों के संचालन के लिए कोविड प्रोटोकाॅल के तहत जारी किया आदेश
कोरबा : जिले में कोरोना पाॅजिटिव मरीजों की संख्या में लगातार कमी पाए जाने के फलस्वरूप पूजा-धार्मिक स्थलों को संचालन की अनुमति दे दी गई है। कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करते हुए पूजा स्थलों के संचालन के संबध में जरूरी आदेश भी जारी कर दिए हैं। कलेक्टोरेट से जारी दिशा निर्देशानुसार पूजा स्थलों में श्रद्धालूओं को प्रवेश की अनुमति दी गई है इसके तहत आगन्तुकों को परिसर में एक के बाद एक ही प्रवेश दिया जाएगा। परिसर में भीड़ इकट्ठा नहीं करते हुए एक समय में अधिकतम पांच लोगों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। धार्मिक स्थलों में लोगों को मास्क, सेनेटाइजर एवं सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजर डिस्पेंसर एवं थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था पूजा स्थल के संचालक को करनी होगी। पूजा स्थल पर मूर्ति एवं धार्मिक गं्रथो को स्पर्श करना प्रतिबंधित होगा तथा स्थल में बड़ी सभाएं एवं मण्डली कार्यक्रम का आयोजन करना मना रहेगा। जहां तक संभव हो रिकाॅर्ड किए गए भक्ति संगीत-गाने बजाए जा सकते हैं। धार्मिक-पूजा स्थल के भीतर प्रसाद वितरण एवं पवित्र जल के छिड़काव करने की अनुमति नहीं रहेगी। परिसर में केवल बिना कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों को ही प्रवेश की अनुमति रहेगी। फेस कवर या मास्क का उपयोग करने वाले व्यक्तियों को ही पूजा स्थलों में प्रवेश दिया जाएगा।
धार्मिक स्थलों के संचालन के संबंध में जारी दिशा-निर्देशानुसार पूजा स्थलों के परिसर के बाहर एवं पार्किंग स्थल पर सोशल-फिजिकल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कोविड प्रोटोकाॅल का पालन करना जरूरी होगा। परिसर के बाहर और भीतर स्थित सभी दुकानों, स्टाॅलों एवं कैफेटेरिया में हमेशा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा। धार्मिक स्थल में प्रवेश के लिए कतार में खड़े होने वाले लोगों के बीच कम से कम छह फिट की शारीरिक दूरी रखना अनिवार्य होगा। आगंतुकों को परिसर में प्रवेश करने से पहले अपने हाथों और पैरों को साबुन और पानी से धोना होगा। धार्मिक-पूजा स्थल के भीतर सार्वजनिक चटाई एवं दरी के उपयोग पर प्रतिबंध रहेगा। आगंतुक अपने साथ स्वयं की दरी या चटाई ला सकते हैं। धार्मिक स्थल के प्रबंधक द्वारा धार्मिक- पूजा स्थल की नियमित साफ-सफाई एवं सेनेटाइजेशन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। आगंतुकों और पूजा स्थल के कर्मचारियों द्वारा उपयोग किए गए फेस कवर, मास्क एवं दस्ताने को उचित निपटान की व्यवस्था धार्मिक स्थल प्रबंधक द्वारा सुनिश्चित की जाएगी। प्रबंधकों को पूजा स्थल में आए हुए श्रद्धालुओं को कोविड टीकाकरण के लिए भी प्रेरित करना होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
45 वर्ष से अधिक उम्र के दो लाख 67 हजार से अधिक और 18-44 आयु वर्ग के 50 हजार से
अधिक लोगों को कोविड वेक्सीन की पहली डोज, 43 हजार से अधिक लोगों ने दूसरा डोज भी लगवाया
कोरबा : राज्य शासन से प्राप्त वैक्सीन के अनुसार जिले में लोगों को कोविड का टीका लगाया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा 45 वर्ष से अधिक उम्र के दो लाख 67 हजार 403 लोगों को कोविड का टीका लगाया जा चुका है। 18 वर्ष से अधिक उम्र के 50 हजार 729 लोगों को कोविड वैक्सीनेशन किया जा चुका है। इस प्रकार जिले में कुल तीन लाख 18 हजार 132 लोगों का कोरोना टीकाकरण पूर्ण हो चुका है। 45 वर्ष या अधिक उम्र के 16 हजार 991 लोगों का टीकाकरण बाकी है। विगत दिवस 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के तीन हजार 571 लोगों को कोविड का टीका लगाया गया। अभी तक अंत्योदय श्रेणी के पांच हजार 095, बीपीएल के 20 हजार 316, एपीएल श्रेणी के 19 हजार 868 एवं फ्रंटलाइन वर्करों के अंतर्गत पांच हजार 450 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। कोरोना टीकाकरण अभियान के दौरान अभी तक कटघोरा और कोरबा के शहरी इलाकों में सबसे अधिक वैक्सीेनेशन हुआ है। इन इलाकों में अब तक 45 वर्ष से अधिक उम्र के 71 हजार 110 लोगों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। ग्रामीण क्षेत्रों में टीकाकरण के मामलें में पोड़ी-उपरोड़ा विकासखण्ड पहले स्थान पर है जहां अब तक 43 हजार 655 लोगों को पहले डोज से वैक्सीनेट किया जा चुका है। दूसरे स्थान पर पाली विकासखण्ड है जहां 43 हजार 623 लोगों को कोरोना का टीका लग चुका है। कटघोरा विकासखण्ड में 39 हजार 948 लोगों को, कोरबा विकासखण्ड के ग्रामीण इलाकों में 34 हजार 678 लोगों को और करतला विकासखण्ड में 34 हजार 389 लोगों को कोरोना से बचाव का टीका लगाया जा चुका है।
18-44 आयु वर्ग के 50 हजार से अधिक लोगों का टीकाकरण- कोरबा जिले में 18 से 44 आयु वर्ग के 50 हजार 729 लोगों को अब तक कोविड वेक्सीन की पहली खुराक लगाई जा चुकी है। इस आयु वर्ग में सबसे अधिक कोरबा और कटघोरा के शहरी इलाकों में 24 हजार 706 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। दूसरे स्थान पर कटघोरा ग्रामीण है जहां पर पांच हजार 839 लोगों को कोविड का वैक्सीन लगाया जा चुका है। इसी प्रकार करतला के ग्रामीण क्षेत्रों में चार हजार 628 लोगों का, कोरबा के ग्रामीण क्षेत्रों में चार हजार 972 लोगों का, पाली में पांच हजार 626 लोगों का एवं विकासखण्ड पोड़ी-उपरोड़ा में चार हजार 958 लोगों का कोरोना वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है।
दूसरी डोज 45+ वर्ग के 41 हजार 872 लोगों को एवं 18+ वर्ग के एक हजार 779 लोगो को लगी - जिले में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 41 हजार 872 लोगों को निर्धारित समयावधि पूरी होने पर कोविड-19 वेक्सीन की दूसरी डोज भी लगा दी गई है। इसी प्रकार 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के एक हजार 779 लोगों को भी कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगा दी गई है। इस प्रकार कुल 43 हजार 651 लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई जा चुकी है। 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में कोरबा-कटघोरा के शहरी इलाकों में 18 हजार 326, कटघोरा विकासखंड के ग्रामीण इलाकों में आठ हजार 536, पोड़ीउपरोड़ा विकासखंड में पांच हजार 855, करतला विकासखंड में चार हजार 300, कोरबा विकासखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में दो हजार 665 और पाली विकासखंड में दो हजार 190 लोगों को वेक्सीन का दूसरा डोज दिया जा चुका है। 18 वर्ष और अधिक उम्र वर्ग में कोरबा और कटघोरा के शहरी क्षेत्रों में 386 लोगों को, विकासखण्ड करतला में 235, कटघोरा ग्रामीण में 455, कोरबा ग्रामीण मंे 238, पाली में 296 एवं पोड़ी उपरोड़ा में 169 लोगों को कोविड वैक्सीन की दूसरी डोज लगाई गई है।
156 जगहों पर लग रही वैक्सीन - जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कोविड वैक्सीनेशन 156 स्थानों पर किया जा रहा है। सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में कोविड का टीका सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक लग रहा है। पाली विकासखण्ड में 23, करतला विकासखण्ड में 29, कटघोरा विकासखण्ड में 16, कोरबा विकासखण्ड में 30, पोड़ी उपरोड़ा विकासखण्ड में 20 तथा कोरबा शहरी क्षेत्रों में संचालित 38 स्वास्थ्य केन्द्रों पर वैक्सीन लग रही है। नगर निगम क्षेत्र में संचालित आठ मोबाइल मेडिकल यूनिटों को भी कोविड वैक्सीनेशन के काम में लगाया गया है।