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न्यूयॉर्क : स्पेसएक्स के फांडडर और दुनिया के सबसे अमीर कारोबारी एलन मस्क ने कहा कि भारत के ऊपर ‘स्टारलिंक के ‘सैटेलाइट बीम’ बंद कर दिए हैं। उनका यह बयान उन दावों पर आया हैं कि जिसमें कहा गया कि उनकी कंपनी के उपकरण का इस्तेमाल हिंसाग्रस्त मणिपुर में हो रहा है। सुरक्षा बलों ने हाल ही में इंफाल पूर्वी जिले में छापेमारी के दौरान हथियारों और गोला-बारूद के साथ कुछ इंटरनेट उपकरण जब्त किए थे। भारतीय सेना के स्पियर कोर ने एक्स’ पर जब्त की गई चीजों की तस्वीरें साझा की थीं जिसके बाद एक उपयोगकर्ताओं ने इस पर ध्यान दिया कि उसमें से एक उपकरण पर ‘स्टारलिंक का लोगो’ था।इस ओर ध्यान आकर्षित कर एक उपयोगकर्ता ने पोस्ट कर कहा, ‘‘स्टारलिंक का इस्तेमाल आतंकवादियों द्वारा किया जा रहा है। आशा है कि मस्क इस पर ध्यान दे और इस तकनीक के दुरुपयोग पर अंकुश लगाने में मदद करे। मस्क ने जवाब दिया, ‘‘यह गलत है। भारत के ऊपर स्टारलिंक के सैटेलाइट बीम बंद कर दिए गए हैं।’’राज्य पुलिस के अनुसार, केराओ खुनौ से जब्त की गई सामग्री में ‘‘एक इंटरनेट सैटेलाइट एंटीना, एक इंटरनेट सैटेलाइट राउटर और 20 मीटर (करीब) एफटीपी तार’’ शामिल हैं। अधिकारियों ने बताया कि स्टारलिंक जैसे उपकरण की बरामदगी के बाद एजेंसियों ने इसकी जांच शुरू कर दी कि यह उपकरण हिंसाग्रस्त राज्य में कैसे पहुंचा। सैटेलाइट इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने वाली मस्क की कंपनी स्टारलिंक के पास भारत में काम करने का लाइसेंस नहीं है। (एजेंसी)
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बीजिंग : चीन के दौरे पर गए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल ने बीजिंग में बुधवार को चीनी विदेशमंत्री वांग यी से मुलाकात की। दोनों के बीच बैठक के दौरान वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर शांति और स्थिरता बनाए रखने और ठप द्विपक्षीय संबंधों को बहाल करने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई। दोनों के बीच बैठक भारतीय समय के मुताबिक सुबह 8 बजे शुरू हुई। बैठक के बाद चीन ने कहा कि वह भारत के साथ हुए समझौतों को लागू करेगा।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा कि चीन ईमानदारी से मतभेदों को सुलझाने के लिए तैयार है। दरअसल डोभाल 17 दिसंबर को भारत और चीन के बीच विशेष प्रतिनिधि स्तर की 23वीं बैठक में शामिल होने पहुंचे थे। डोभाल के साथ भारतीय प्रतिनिधि मंडल भी मौजूद था। भारत-चीन के बीच इस साल अक्टूबर में सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सहमति बनी थी। इसके लिए दोनों देशों ने अजित डोभाल और वांग यी को स्पेशल प्रतिनिधि बनाया था। (एजेंसी)
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SYRIA ISREAL- UNDOF के तहत 2006 से भारतीय सेना उस इलाके में तैनात है. भारतीय सेना की एक लाजेस्टिक बटालियन UNDOF की लाजेस्टिक आपरेशन में मदद कर रही है.SYRIA UPDATE : संयुक्त राष्ट्र ने सीरिया और इजरायल के बीच 1974 ब्लू लाईन और रेड लाइन खींचकर बफर जोन बनाया और सीरिया और इज़राइल की सीमा पर सीजफायर एग्रीमेंट लागू कर दिया. सीरिया में असद सरकार के गिरने के बाद सीरिया की सेना अपने इलाके पोस्ट को खाली कर के निकल गई. इसी दौरान इजरायली सेना ने 50 साल से बने बफर जोन को में अपनी सेना भेज दी. और इलाके पर कब्जा कर लियाा. और एसे 50 साल पुराना सीजफायर एग्रिमेंट को एकतरफा खत्म कर बफर ज़ोन की ही खत्म कर. यानी एक तरह से यूएन रेजुलेयूशन काउल्लंघन माना जाएगा. सीरिया के उन पोस्ट पर कब्जा कर लिया जहां सीरिया की सेना तैनात थी. इस वक्त भारतीय सेना भी उस इलाके में तैनात है . सेना के सूत्रों के मुताबिक फिलहाल भारतीय सेना के कुल 145 आर्मी पर्सनल जिसमें 10 अफसर , 11 जेसीओ और 124 जवान तैनात है. सूत्रों के मुताबिक अभी वहाँ पर यूएन ने अलर्ट का लेवल कोड ब्लैक जारी किया है यानी की सबसे हाई लेवल का अलर्ट. सेना के सूत्रों के मुताबिक़ यूएन का कंटिंनजेंसी प्लान तैयार है. और अभी यूएन वेट एंड वॉच की स्थिति में है. भारतीय सेना की तैनात उस बफर ज़ोन को यूएन मैंडेट के तहत सिक्योर करने की ज़िम्मेदारी है. यूएन के फ़ैसले के बाद ही वहाँ से मिशन का अगला रुख़ तय होगा.
80 किलोमीटर लंबे और 200 मीटर चौड़े बफर ज़ोन में कोड ब्लैक1974 में इज़राइल और सीरिया के बीच सीजफायर के बाद 80 किलोमीटर लंबे और 200 मीटर चौड़े इलाके में यूएन ने अपनी शांति सेना को तैनात किया. UNDOF की तरफ से जारी आधिकारिक जानकारी के मुताबिक कुल 13 देशों को 1220 आर्मी पर्सनल तैनात हैं. जिसमें 57 स्टाफ ऑफिसर, 47 सिविलियन इंटरनेशनल स्टाफ और 1116 TCC बटालियन पर्सनल इस वक्त तैनात हैं. UNDOF यानी की यूनाइटेड नेशन डिसएंगेजमट ऑब्ज़र्वर फोर्स के तहत तैनाती है. UN शांति सेना को जो काम सौंपा गया था, वो कि दोनों देशों के बीच सीजफायर को बरकरार रखना , इज़राइली और सीरिया के सेना के बीच डिसएंगेजमट को सुपरवाइज करना और उस पूरे इलाके पर नजर रखना जो कि यूएन 1974 सीजफायर एग्रीमेंट में तय हुई थी. भारतीय सेना साल 2006 से वहा पर तैनात है.
लेकिन अब ग्राउंड के हालात अलग है. अब जब सीजफायर खत्म कर दिया इजरायल ने और बफर ज़ोन में अपने टैंक के साथ आ घुसा हैं तो सारे प्रोसिजर को फिर से खंगाला जा रहा है. चौंकाने वाली बात तो ये है कि इज़राइल ने पिछले महीने ही बफर ज़ोन के पास निर्माण का कुछ काम किया था जो की एग्रीमेंट का उल्लंघन था. खुद प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इज़रायल सीरिया बॉर्डर का दौरा किया था. इज़राइली को शायद पता था कि सीरिया में ग़दर मचने वाला है और ऐसी सूरत में बड़ी संख्या में आतंकियों को लेबनान या फिर विद्रोहियों का हमला हो सकता है. लेहाजा सीरिया से कब्जाई जमीन गोलन हाइट्स को बचाने के लिए पहले से ही अपनी तैयारी पूरी कर ली. हालाकि अभी तक इजरीयली एक्शन पर कोई बयान जारी नही किया है. और जब तक यूएन नहीं कहेगा भारतीय सेना की तैनाती जारी रहेगी. (एजेंसी) -
Plane Toilet Secret : एक एयर होस्टेस ने एयरलाइंस के टॉयलेट से जुड़े राज के बारे में खुलासा किया है, जिसके बारे में जानकर हैरानी होगी. फ्लाइट अटेंडेंट ने बताया कि उसने कई बार यात्रियों को टॉयलेट में रोमांस करते हुए देखा है. आमतौर पर यात्री वहां फिजिकल रिलेशन भी बनाने से नहीं चूकते. और उसने क्या कहा? सुनकर हैरान रह जाएंगे आप!
हमें कहीं जल्दी में जाना होता है, तो हम प्लेन का इस्तेमाल करते हैं. ऐसी स्थिति में एयरलाइंस हमारी यात्राएं बहुत आसान बनाती हैं. साथ ही एयरलाइन के सारे स्टाफ मिलकर यात्रा को सुचारू बनाते हैं. लेकिन कई बार प्लेन से जुड़े ऐसी डर्टी सीक्रेट्स के बारे में जानकारी मिलती है, जिसके बारे में जानकर हैरानी होती है. हाल ही में एक एयरहोस्टेस ने बात करते-करते एयरलाइंस के अंदर का राज खोल दिया.
एक 28 वर्षीय एयर होस्टेस ने अपना एक्सपीरिएंस शेयर करते हुए कहा कि वह कभी ऐसे पायलट से नहीं मिली, जिसने अपनी पत्नी को धोखा न दिया हो! एयर होस्टेस ने बताया कि वह अपने करियर में अब तक पांच पायलटों के साथ काम कर चुकी है. इसके अलावा इस एयरहोस्टेस ने कहा कि कई ऐसी घटनाएं भी हैं, जिन्हें भुलाया नहीं जा सकता. आखिर क्या? जानकर आपके होश उड़ जाएंगे.
एयरहोस्टेस ने बताया कि उसने कई बार यात्रियों को टॉयलेट में फिजिकल रिलेशन बनाते हुए देखा है. दरअसल, हवाई यात्रा के दौरान विमान में संबंध बनाने को आमतौर पर 'माइल हाई क्लब' कहा जाता है, जिसमें कई बार यात्रियों के साथ एयरहोस्टेस भी शामिल होती हैं. हालांकि, इस एयरहोस्टेस ने कहा कि वो स्वयं कभी भी इस माइल हाई क्लब का हिस्सा नहीं रही. इसके पीछे का कारण बताते हुए फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा कि फ्लाइट के पायलट आराम के दौरान जिस बिस्तर पर सोते हैं वह बहुत छोटा होता है. यहां दो लोग नहीं रह सकते. इसके अलावा टॉयलेट इतना गंदा है कि वह वहां जाकर ऐसा काम करने के बारे में सोच भी नहीं सकती.
फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा, 'मैं यह सोचकर ही कांप उठती हूं. हालांकि, यात्रियों को इससे कोई परेशानी नहीं है. मैंने अक्सर पुरुष और महिलाओं को एक साथ शौचालय से बाहर निकलते देखा है. मैं जानती हूं, वे पहली बार इसी सीट पर मिले थे.' बता दें कि जब तक अन्य यात्रियों को समस्या नहीं होती, तब तक फ्लाइट क्रू को इसमें कुछ कहने का अधिकार नहीं है. फ्लाइट अटेंडेंट ने कहा, "हम भी मौज-मस्ती करते हैं, लेकिन फ्लाइट के बाहर. ज्यादातर ऐसी जगहों पर जहां होटल, स्विमिंग पूल, शराब और कैसीनो होते हैं. हर कोई बहुत शराब पीता है."
एयरहोस्टेस ने दावा किया कि उसके ज्यादातर सहकर्मी शादीशुदा होने के बावजूद अपने पार्टनर को धोखा देते रहते हैं. पायलट और केबिन स्टाफ के बीच अफेयर आम बात है. लेकिन कई कर्मचारियों की स्थानीय नर्सों या कॉल गर्ल्स के साथ संबंध होते हैं. उन्होंने कहा कि वह दो पायलटों और दो एयर होस्टेस को जानती है, जिनके एक-दूसरे के साथ संबंध हैं.
हालांकि, ये लोग अपने रिश्तों को छुपाते हैं. सिर्फ प्लेन के अंदर या फिर किसी दूसरे देश या अन्य शहर में जाकर ही एक-दूसरे के साथ होते हैं. घर लौटने के बाद ये दूरी बना लेते हैं. उड़ान भरने से पहले पायलट शराब नहीं पीते. फ्लाइट अटेंडेंट के मुताबिक, "कभी-कभी जब हमें बहुत पार्टी करनी होती है, तो हम फर्स्ट क्लास से शैंपेन और कुछ कैवियार लाते हैं. शराब पूरी रात चलती है. अगर लंबे समय तक रुकना हो तो ज्यादा शराब पी जाती है."
लेकिन उनके लिए सबसे दिलचस्प यात्रा दक्षिण अफ्रीका है! फ्लाइट अटेंडेंट के मुताबिक, "इस दौरे पर हमें अक्सर सैलरी काटे बिना पांच दिन की छुट्टी मिलती है, इसलिए ज्यादातर कर्मचारी इस रास्ते को पसंद करते हैं. पायलट उड़ान भरने से 24 घंटे पहले शराब पीना बंद कर देते हैं." (एजेंसी) -
वाशिंगटन : अमेरिका की एक अदालत ने ईलॉन मस्क के लिए टेस्ला में तय किए गए 46,000 करोड़ से ज्यादा के मुआवजा पैकेज को खारिज करने का अपना फैसला बरकरार रखा। डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी की जज कैथलीन मैककॉर्मिक ने कहा कि जून में शेयरहोल्डर्स की वोटिंग के जरिए मस्क के इस पैकेज को मंजूरी दिलाने का टेस्ला का प्रयास उनके जनवरी में दिए फैसले को बदल नहीं सकता। उन्होंने इसे बहुत ज्यादा और शेयरहोल्डर्स के लिए अनुचित बताया था।जज ने टेस्ला के इस प्रयास में कई गलतियां पाईं। इसमें शेयरहोल्डर्स को दिए गए दस्तावेजों में गलत जानकारी दी गई थी, जिससे वोट के प्रभाव को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने अपने फैसले में कहा, फैसले को बदलने का अनुरोध खारिज किया जाता है। उन्होंने आगे कहा, टेस्ला की टीम ने तर्कों में नए तरीके अपनाए, लेकिन उनके ये तर्क कानून के खिलाफ जाते हैं।
टेस्ला ने मस्क के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बयान दिया कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगी। मस्क ने कहा, कंपनी के फैसले शेयरहोल्डर्स के हाथ में होने चाहिए, जजों के नहीं। अदालत ने शिकायतकर्ता रिचर्ड टॉरनेटा के वकीलों के लिए 2,800 करोड़ फीस तय की, जो उनकी 45,000 करोड़ की मांग से काफी कम है। डेलावेयर कानून के मुताबिक शुल्क की गणना का तरीका सही था, लेकिन कोर्ट ने कहा कि इतना बड़ा भुगतान अनुचित लाभ होगा।मस्क ने यह भी कहा कि टेस्ला कभी ऑटो इंडस्ट्री का मजाक बनती थी, लेकिन मॉडल 3 की सफलता ने सब कुछ बदल दिया। उन्होंने यह दावा भी किया कि उन्होंने भुगतान योजना बनाने में कोई भूमिका नहीं निभाई और न ही बोर्ड के साथ इस पर चर्चा की। डेलावेयर कोर्ट ऑफ चांसरी अमेरिका की बड़ी कंपनियों के लिए एक प्रमुख कोर्ट है, जहां दो-तिहाई फ़ॉर्च्यून 500 कंपनियां रजिस्टर्ड हैं। सोमवार को मस्क ने एक्स पर ऐसी पोस्ट शेयर कीं, जिनमें कंपनियों को डेलावेयर छोड़ने की सलाह दी गई थी। (एजेंसी) -
ओटावा : कनाडा में अस्थायी परमिट पर रह रहे विदेशी नागरिकों, विशेष रूप से भारतीयों के लिए गंभीर चुनौती पैदा हो गई है। कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री ने कहा है कि 2025 के आखिर तक करीब 50 लाख अस्थायी परमिट खत्म होने वाले हैं। इनमें 7,66,000 से ज्यादा विदेशी छात्रों के वीजा शामिल हैं।कनाडा में ट्रूडो सरकार द्वारा हाल ही में लागू की गई नीतियों ने विदेशी छात्रों और अन्य अस्थायी निवासियों के सामने चुनौतियां बढ़ा दी हैं। मंत्री ने संसदीय समिति को बताया कि ज्यादातर लोग स्वेच्छा से देश छोड़ने की उम्मीद है, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में वीजा खत्म होने से सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि वह यह तय करे कि लोग नियमानुसार देश छोड़ें।
सभी अस्थायी लोगों को देश छोड़ने की जरुरत नहीं होगी। कुछ को उनके वर्क परमिट या पोस्टग्रेजुएट वीजा नवीनीकरण का विकल्प मिल सकता है। ये वीजा कनाडाई डिग्री या डिप्लोमा धारकों को स्थायी करने के लिए जरुरी अनुभव प्रदान करते हैं। कनाडा में भारतीय सबसे बड़े प्रवासी समूहों में शामिल हैं। ट्रूडो सरकार की नई नीतियों से भारतीय समुदाय पर असर पड़ा है। ब्रैम्पटन में भारतीय युवा लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, जिनका कहना है कि वे बेहतर भविष्य की उम्मीद में कनाडा आए थे, लेकिन बदलती नीतियों के कारण उनके सपनों पर संकट खड़ा हो गया है। कनाडा में नीतिगत बदलावों और अस्थायी परमिटों की समाप्ति से पैदा हुए संकट के समाधान के लिए सरकार और प्रभावित समुदायों के बीच संवाद महत्वपूर्ण होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति न केवल प्रवासियों बल्कि कनाडा की अर्थव्यवस्था और समाज पर भी असर डाल सकती है। (एजेंसी) -
यह यान यूरोपा साल 2030 तक पहुंचेगा, 290 करोड़ किमी की यात्रा तय करेगावाशिंगटन : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने बृहस्पति ग्रह के चंद्रमा यूरोपा के अध्ययन के लिए रॉकेट लॉन्च किया है। फ्लोरिडा के केप केनवरल स्थित कैनेडी स्पेस सेंटर से यूरोपा क्लिपर नाम का स्पेसक्राफ्ट के फॉल्कन हैवी रॉकेट से लॉन्च किया गया। इस यान को यूरोपा तक पहुंचने में 2030 तक का समय लगेगा।यूरोपा क्लिपर एक रोबोटिक सोलर पावर्ड यान है। यह बृहस्पति ग्रह की कक्षा यानी ऑर्बिट में 2030 में प्रवेश करेगा। इस दौरान यह 290 करोड़ किलोमीटर की यात्रा करेगा। इस यात्रा में उसे करीब साढ़े पांच साल लगेंगे। इस लॉन्चिंग को पहले किया जाना था लेकिन हुरीकेने मिल्टन की वजह से टाल दिया गया था। बृहस्पति ग्रह की ऑर्बिट में पहुंचने के बाद नासा का यह यान तीन साल में यूरोपा चंद्रमा के नजदीक से 49 बार गुजरेगा। इसकी सबसे नजदीकी यात्रा यूरोपा मून की सतह से 25 किलोमीटर ऊंचाई की होगी। यूरोपा क्लिपर को वहां पर धरती से 20 हजार गुना ज्यादा मैग्नेटिक फील्ड का सामना करना पड़ेगा साथ ही भयानक रेडिशन का भी।इस मैग्नेटिक फील्ड की वजह से सौर कण को बृहस्पति खींचता है इसलिए रेडिशएन बहुत ज्यादा होता है। ऐसे में यूरोपा क्लिपर को खतरा भी है। यूरोपा क्लिपर में 2750 किलोग्राम ईंधन है। जो इसे बृहस्पति तक लेकर जाएगा।यूरोपा क्लिपर स्पेसक्राफ्ट को नासा ने बहुत बड़ा बनाया है। यह 100 फीट लंबा है। इसके सोलर पैनल और एंटीना खुल जाते हैं, तब इसकी चौड़ाई कुल मिलाकर 58 फीट होती है। तब यह एक बास्केटबॉल कोर्ट के आकार का हो जाता है। इसका वजन करीब 6000 किलोग्राम है। बृहस्पति ग्रह के पास 95 चंद्रमा है। बर्फीला यूरोपा चौथा सबसे बड़ा चांद है। यह धरती के व्यास का एक चौथाई है। इसकी सतह पर नमकीन पानी का बर्फीला समंदर है। इस चंद्रमा पर पृथ्वी से दोगुना पानी है। यह उम्मीद भी लगाई जाती है कि यहां पर जीवन मौजूद हो सकता है या पनप रहा हो या कभी पहले रहा हो।यूरोपा का व्यास 3100 किलोमीटर है। पृथ्वी के बाद इस चंद्रमा पर जीवन का संकेत मिल सकता है क्योंकि इसकी सह पर 15 से 25 किलोमीटर मोटी बर्फ की चादर है। जिसके नीचे 60 से 165 किलोमीटर गहरा समंदर है। इस समंदर में जीवन की उम्मीद है। यूरोपा क्लिपर हमारे सौर मंडल के सबसे बड़े ग्रह की यात्रा पर है।(एजेंसी)
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
काठमांडू : सार्क पत्रकार मंच के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष राजू लामा सार्क देशों के पत्रकारों का प्रतिनिधित्व करते हुए संयुक्त राष्ट्र की 79वीं महासभा में भाग लेने जा रहे हैं। महासभा 10 सितंबर से न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में शुरू हो रही है।
अध्यक्ष लामा 20 और 21 सितंबर को न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित होने वाली महासभा में भाग लेंगे और दक्षिण एशियाई पत्रकारों की स्थिति, उनके अनुभवों, मानवाधिकारों और शांति स्थापना में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी देंगे।
उन्होंने कहा कि उस समय आयोजित ‘साइडलाइन मीटिंग’ में सक्रिय रूप से भाग लेकर समूह चर्चा में सार्क क्षेत्र के पत्रकार अपने-अपने देशों में शांति स्थापित करने, लोकतंत्र की रक्षा करने और मानवाधिकारों की रक्षा करने में सार्क पत्रकार मंच द्वारा निभाई गई भूमिका के बारे में जानकारी देंगे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस महासभा की बैठक को संबोधित करेंगे। सार्क पत्रकार मंच दक्षिण एशियाई पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा के लिए स्थापित एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। इसका मुख्यालय काठमांडू, नेपाल में है। -
- इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर बातचीत जारी
तेल अवीव : गाजा पट्टी में हमास और इजरायल के बीच काफी दिनों युद्ध चल रहा है। इस युद्ध में अभी तक न हमास ने घुटने टेक रहा हैं और न ही इजरायल हमले करना बंद कर हैं। हालांकि इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम को लेकर बातचीत जारी है। हमास ने इजरायली बंधकों के नए वीडियो जारी कर इजरायल को फिर भड़का दिया है। इजरायल ने हमास को युद्धविराम का ऑफर देते हुए कहा है कि यह आखिरी मौका है और इजरायल ने हमास को प्रस्ताव भेजा, उधर, मध्य और दक्षिणी गाजा में ताबड़तोड़ हमले भी किए हैं। इजरायली बमबारी में 22 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर मासूम बच्चे हैं। पूरी दुनिया में इजराइल की इस बमबारी को लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
इजरायल के प्रस्ताव पर फिलिस्तीनी चरमपंथी समूह हमास का कहना है कि उसे गाजा में संभावित युद्धविराम के बारे में अपने नए प्रस्ताव पर इजरायल की आधिकारिक प्रतिक्रिया मिल गई है और जवाब देने से पहले वह दस्तावेज का अध्ययन करेगा। गाजा के उप प्रमुख खलील अल-हया ने एक बयान में कहा है कि हमास को 13 अप्रैल को मिस्र और कतरी मध्यस्थों को प्रस्तुत प्रस्ताव पर जायोनी कब्जे की आधिकारिक प्रतिक्रिया मिली है। एक तरफ हमास अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है कि इजरायल के साथ किसी भी समझौते से फिलिस्तीनी क्षेत्र पर इजरायल के युद्ध का अंत होना चाहिए। उधर, इजरायल हमास को पूरी तरह खात्म करने तक युद्ध न रोकने की बात कह रहा है।
एक अधिकारी ने कहा कि इज़रायल के पास देने के लिए कोई नया प्रस्ताव नहीं है, हालांकि वह एक सीमित संघर्ष विराम पर विचार करने को तैयार है। इजरायल की शर्त है कि बातचीत से पहले हमास उसके 33 बंधकों को रिहा करे। संयुक्त राज्य अमेरिका और 17 अन्य देशों ने हमास से युद्ध खत्म करने के लिए सभी बंदियों को रिहा करने की अपील की है। वहीं, हमास ने भी कहा कि वह हमारे लोगों की जरूरतों और अधिकारों को ध्यान में रखने वाले किसी भी विचार या प्रस्ताव पर विचार कर रहे हैं। हालांकि, हमास अपनी प्रमुख मांग पर अड़ा है कि इजरायल गाजा पर अपना युद्ध खत्म करे और स्थायी युद्धविराम का आह्वान करे, तभी वह उसके सभी बंधकों को रिहा करेगा।
उधर, बातचीत के बीच मध्य और दक्षिणी गाजा पर शनिवार को इजरायली हवाई हमलों में कम से कम 22 फिलिस्तीनी नागरिक मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। फिलिस्तीनी सुरक्षा सूत्रों ने ‘बताया कि इजरायली युद्धक विमानों ने मध्य गाजा में नुसीरात शरणार्थी शिविर में एक आबादी वाले घर को कई मिसाइलों दांगी, जिसमें चार बच्चों सहित नौ फिलिस्तीनियों की मौत हो गई और 30 अन्य घायल हो गए हैं।(एजेंसी) -
ओहायो. अमेरिका में भारतीय छात्रों की मौत के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. यहां अब ओहायो राज्य में एक भारतीय छात्र की मौत हो गई है. वर्ष 2024 की शुरुआत से लेकर अब तक पिछले 3 महीनों में भारतीय या भारतीय मूल के 10वें छात्र की मौत थी. पुलिस फिलहाल इस मामले की जांच कर रही है.
न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने शुक्रवार को यह जानकारी देते हुए सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ‘ओहायो के क्लीवलैंड में एक भारतीय छात्र श्री उमा सत्य साईं गड्डे के दुर्भाग्यपूर्ण निधन से गहरा दुःख हुआ.’
पोस्ट में बताया गया है कि पुलिस जांच जारी है और शव को भारत भेजने के प्रयास किये जा रहे हैं. दूतावास ने कहा कि वह भारत में परिवार के साथ संपर्क में है. पोस्ट में कहा गया है, ‘श्री उमा गड्डे के पार्थिव शरीर को जल्द से जल्द भारत पहुंचाने सहित हरसंभव सहायता दी जा रही है.’
हाल के सप्ताहों में अमेरिका में भारत और भारतीय मूल के छात्रों की मौत की घटनाएं बढ़ी हैं. इससे भारत और भारतीय अमेरिकी समुदाय में चिंता बढ़ गई है. इससे पहले अमेरिका के जॉर्जिया में 25 साल के विवेक सैनी की एक ड्रग एडिक्ट ने हत्या कर दी थी. वहीं 19 वर्षीय श्रेयस रेड्डी बेनिगर ओहायो में ही मृत पाया गया था. श्रेयस ओहायो में लिंडनर स्कूल ऑफ बिज़नेस का स्टूडेंट था.
इसके अलावा नील आचार्य पर्ड्यू यूनिवर्सिटी कैंपस में मृत मिला था. नील आचार्य की मां ने उनके लापता होने की शिकायत की थी, जिसके कुछ दिनों बाद उनकी लाश मिली. वहीं भारतीय अमेरिकी मूल के अकुल धवन का मृत शरीर यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय के बाहर मिला था. वहीं भारतीय अमेरिकी छात्र समीर कामथ का मृत शरीर एक नेचर प्रीजर्व से मिला था. कामथ पर्ड्यू यूनिवर्सिटी में मैकेनिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी कर रहे थे.(एजेंसी) -
रूस-यूक्रेन : रूस की आलोचना नहीं करने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब भारत के कुछ इलाकों पर दूसरे देश ने कब्जा किया तब तो पूरी दुनिया चुप्पी साधे रही।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक बार फिर से रूस-यूक्रेन से जुड़े सवाल पर दो टूक जवाब दिया है। दरअसल जब से यूक्रेन में युद्ध शुरू हुआ है तब से भारत ने एक बार भी रूस की आलोचना नहीं की है। यहां तक कि कई मौकों पर भारत ने रूस का खुलकर समर्थन किया है। भारत द्वारा रूस की आलोचना नहीं करने से जुड़े एक सवाल का जवाब देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि जब भारत के कुछ इलाकों पर दूसरे देश ने कब्जा किया तब तो पूरी दुनिया चुप्पी साधे रही।
रूस के साथ भारत के संबंधों और यूक्रेन में युद्ध की उसकी आलोचना पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘कई बार विश्व राजनीति में, देश एक मुद्दा, एक स्थिति, एक सिद्धांत चुनते हैं और वे इस पर इसलिए जोर देते हैं कि वह उनके अनुकूल होता है। लेकिन अगर कोई सिद्धांत पर गौर करे तो भारत में हम लोग किसी अन्य देश के मुकाबले बेहतर जानते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आजादी मिलने के तुंरत बाद, हमने आक्रमण देखा, हमारी सीमाओं में बदलाव की कोशिश हुई और बल्कि आज भी भारत के कुछ हिस्सों पर एक अन्य देश का कब्जा है, लेकिन हमने इसपर दुनिया को यह कहते नहीं देखा कि चलो हम सभी भारत का साथ दें।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘आज हमें बताया जा रहा है कि यह सिद्धांतों का मामला है। काश, मैं यह सिद्धांत पिछले 80 वर्ष में देखता। मैंने इन सिद्धांतों को मनमाने ढंग से इस्तेमाल करते हुए देखा है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं कहूंगा कि हमारे साथ अन्याय किया गया। मैं इसकी पैरवी नहीं कर रहा हूं कि हर किसी के साथ ऐसा किया जाना चाहिए। हमारा रुख बहुत स्पष्ट रहा है। मेरे प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बगल में खड़े होकर कहा है कि हम इस संघर्ष को खत्म होते देखना चाहते हैं।’’
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पत्नी अकी आबे से शुक्रवार को मुलाकात की और भारत-जापान संबंधों को आगे बढ़ाने में दिवंगत प्रधानमंत्री के अमूल्य योगदान को याद किया। आबे (67) की आठ जुलाई 2022 को जापान के नारा में एक चुनाव प्रचार अभियान के दौरान गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी।(एजेंसी) -
पाकिस्तान : पाकिस्तान में आज आम चुनाव हो रहे हैं। यहां भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। अलग अलग राज्यों में सेना की अलग अलग टुकडियां लगीं हुई है। एतिहात के तौर ने इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। ताकि कहीं कोई संपर्क न हो सके। हालांक सरकार की तरफ से खबर आई की इंटरनेट बंद करने के सरकारी आदेश नहीं थे। चुनाव के लिए 6.50 लाख सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है। देशभर में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। पाकिस्तान के अस्पतालों को किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए 7 से 9 फरवरी तक हाई अलर्ट पर रखा गया है।
पाकिस्तान में 90600 से अधिक पोलिंग स्टेशनों पर वोटिंग हो रही है। इस बार मुख्य मुकाबला नवाज शरीफ की पीएमएल-एन, बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के बीच है। इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद से ही पाकिस्तान आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। हालांकि इमरान के जेल में होने से नवाज शरीफ की पार्टी को इसका फायदा मिल रहा है। पाकिस्तान में चुनाव के दौरान मोबाइल सर्विस सस्पेंड कर दी गई है। बलूचिस्तान के इलाके पर कड़ी नजर रखी जा रही है। इस बार चुनाव में 12.85 करोड़ मतदाता अपने मताधिकार के प्रयोग करेंगे। नेशनल असेंबली सीटों के लिए 5121 उम्मीदवारों में से कुल 12,85,85,760 पंजीकृत मतदाता वोट देने के पात्र हैं।
पाकिस्तान में चुनाव परिणाम के नतीजे वोटिंग 9 फरवरी तक आ आएंगे। शाम 5 पांच बजे तक वोटिंग जारी रहेगी। इसके तुरंत बाद मतगणना शुरू हो जाएगी। साल 2017 के पाकिस्तानी चुनाव एक्ट के मुताबिक जिस दिन वोटिंग होती है, उसी दिन रात 2 बजे तक रिजल्ट जारी करना होता है। अगर किसी वजह से पोलिंग अधिकारी गिनती करने में देरी करते हैं तो इस बात की जानकारी वहां के चुनाव आयोग को दी जाती है। पाकिस्तान में बैलेट पेपर के जरिए चुनाव होता है। इस बार आम चुनाव के लिए कुल 26 करोड़ बैलेट पेपर छापे गए हैं।(एजेंसी) -
न्यूयार्क : अलबामा ने हत्या के मामले के दोषी को अपनी तरह का पहला तरीका अपनाकर नाइट्रोजन गैस सुंघाकर मृत्युदंड दिया। साथ ही अमेरिका में मृत्युदंड को लेकर फिर से बहस छिड़ गई है। राज्य प्रशासन का कहना है कि यह नया तरीका मानवीय है, लेकिन आलोचकों ने इस तरीके को क्रूर और प्रयोगात्मक बताया है। प्रशासन के अधिकारियों ने बताया कि 58 वर्षीय केनेथ यूजीन स्मिथ को एक ‘फेस मास्क’ के द्वारा नाइट्रोजन गैस सुंघाई गई, जिसके कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने से उसकी मौत हुई।
स्मिथ को अलमाबा जेल में रात आठ बजकर 25 मिनट पर मृत घोषित किया गया। अमेरिका में 1982 के बाद से घातक इंजेक्शन देकर मौत की सजा देने का प्रावधान शुरू हुआ था और तभी से मृत्युदंड देने के लिए आमतौर पर यही तरीका अपनाया जाता है। लेकिन अमेरिका में नाइट्रोजन सुंघाकर मौत की सजा देने का यह पहला मामला है। राज्य ने एक व्यक्ति से सुपारी लेकर उसकी पत्नी की हत्या मामले में दोषी स्मिथ को 2022 में भी मृत्युदंड देने की कोशिश की थी, लेकिन तब किसी तकनीकी समस्या के कारण मृत्युदंड को रोक दिया गया।
नए तरीके से सजा देने के खिलाफ कानूनी लड़ाई हराने के बाद स्मिथ को नाइट्रोजन सुंघाकर मृत्युदंड दिया गया। स्मिथ के वकीलों ने दावा किया था कि राज्य सजा के इसतरह के तरीके का प्रयोग करने के लिए स्मिथ को परीक्षण वस्तु की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जो दंड देने के क्रूर एवं असामान्य तरीके पर संवैधानिक प्रतिबंध का उल्लंघन कर सकता था। अमेरिकी उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार रात स्मिथ की इस याचिका को खारिज कर दिया।(एजेंसी) -
रूस : रूस की राजधानी मॉस्को जा रहे एक यात्री विमान के क्रेश होने के समाचार मिले हैं। मोरक्को का यह विमान रविवार दोपहर अफगानिस्तान के बदख्शां में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हालांकि शुरुआत में खबर आई थी कि यह विमान भारत का था, जो मास्को जा रहा था। लेकिन बाद में केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बताया कि अफगानिस्तान में हादसे का शिकार विमान भारतीय नहीं है। उधर भारत सरकार के उड्डयन मंत्रालय ने भी कहा कि अफगानिस्तान में एक छोटी एयरक्राफ्ट दुर्घटनाग्रस्त हुई है, जो अफ्रीकी देश मोरक्को का था।
इससे पहले अफगानिस्तान के एक समाचार चैनल ने बदख्शां प्रांत के सूचना एवं संस्कृति विभाग के प्रमुख जबीउल्लाह अमीरी के हवाले से बताया था कि एक भारतीय यात्री विमान बदख्शां प्रांत के कुरान-मुंजन और ज़िबक जिलों के साथ लगी तोपखाना की पहाड़ियों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। लिहाजा इस मामले की गंभीरता को देखते हुए और राहत बचाव कार्य हेतु एक टीम कुरान-वा-मुंजन जिले के तोपखाना इलाके में भेजी गई है।वहीं भारत सरकार से जुड़े सूत्रों ने भी भारतीय विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने की खबर को खारिज करते हुए कहा कि भारत के सभी शेड्यूल्ड ऑपरेटर्स की फ्लाइट सुरक्षित हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि जिस रूट पर यह हादसा हुआ, उस पर कोई भारतीय विमान नहीं गया था। इससे साफ जाहिर है कि वह विमान भारत का नहीं है।(एजेंसी) -
जापान : चीन और उत्तर कोरिया की तरफ से मिल रही चुनौतियों के बीच जापान ने अमेरिका से 4 सौ टॉमहॉक मिसाइल खरीदने का निर्णय लिया है। इसके लिए जापान ने गुरुवार को अमेरिका के साथ 400 लैंड बेस्ड टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों को खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसका मकसद चीन और उत्तर कोरिया को ध्यान में रखते हुए अपने डिफेंस को और मजबूत बनाने की ओर बड़ा कदम उठाया है।
अमेरिकी विदेशी सैन्य बिक्री कार्यक्रम के माध्यम से हुए सौदे के अनुसार, जापान उपकरण खरीदने के लिए लगभग 1.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का भुगतान करेगा। जापानी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक जापान अगले साल अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2025 से तीन साल में भुगतान करेगा।
जापान वित्तीय वर्ष 2026 और 2027 में नई टॉमहॉक ब्लॉक-5 मिसाइलें प्राप्त करने और उन्हें अपने समुद्री आत्मरक्षा बल एजिस विध्वंसक पर तैनात करने की योजना है। हालांकि, जापान ने अक्टूबर में, पिछले एडिशन, पुराने ब्लॉक-4 मॉडल की 200 तक खरीद करके एक साल पहले खरीदारी शुरू करने का फैसला किया था। जापान में अमेरिकी राजदूत रहम इमानुएल ने कहा कि अमेरिकी सेनाएं मार्च की शुरुआत में जापान के आत्मरक्षा बलों को टॉमहॉक्स का उपयोग करने के लिए प्रशिक्षण देना शुरू कर देंगी।
टोक्यो में जापानी रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा के साथ अधिग्रहण के संबंध में दस्तावेजों का आदान-प्रदान करते समय उन्होंने यह बयान दिया।रिपोर्ट के अनुसार, किहारा ने कहा कि जापानी सरकार ने टॉमहॉक्स की खरीद को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है, जिसकी मारक क्षमता लगभग 1,600 किलोमीटर है, यह बढ़ते गंभीर सुरक्षा माहौल के जवाब में लिया गया था।(एजेंसी) -
गाजा पट्टी : इजराइल-हमास के बीच चल रही लड़ाई में दोनों तरफ से हजारों लोगों के मौत की खबर है। अब यह लड़ाई खतरनाक होती जा रही है। इजराइल पर फिलिस्तीन ने फास्फोरस बम दागने के आरोप लगाए गए हैं। इजराइली सेना ने गाजा से लगे हुए अल-करामा शहर पर इजराइल ने प्रतिबंधित फास्फोरस बम का इस्तेमाल किया। ये बम जिस इलाके में गिरते हैं वहां ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है। इसके कण इतने छोटो होते हैं कि मानव शरीर में घुस जाते हैं। वहीं, रातभर में इजराइल ने गाजा में हमास के 200 ठिकानों पर हमले किए। इजराइली एयरफोर्स ने बताया है कि उन्होंने हमास कमांडर मोहम्मद देइफ के पिता के घर पर अटैक किया है। टाइम्स ऑफ इजराइल की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में देइफ के भाई की मौत हुई है।
इजराइली हमलों के बाद पूरे गाजा में बिजली सप्लाई ठप हो गई है। गाजा पट्टी के एकमात्र पावर प्लांट में ईंधन खत्म हो गया है। इससे पूरे इलाके की बिजली सप्लाई रुक गई है। अस्पतालों की इमरजेंसी लाइट सिर्फ 2 दिन चल सकेगी। 9 अक्टूबर को गाजा बॉर्डर पर कब्जे के बाद इजराइल ने गाजा तक होने वाली बिजली सप्लाई रोक दी थी। इसके पहले इजराइल और हमास की जंग में अब तक 2,150 लोगों की मौत हुई है। इनमें से करीब 1,200 इजराइली हैं।वहीं अब तक करीब 950 फिलिस्तीनियों ने भी जान गंवाई है। गाजा पर इजराइल के हमले में हृ के 9 कर्मचारी मारे गए हैं। इस बीच मंगलवार रात अमेरिका का पहला ट्रांसपोर्ट प्लेन गोला-बारूद के साथ इजराइल के नेवातिम एयरबेस पर पहुंच गया। दूसरी तरफ, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने पहली बार जंग को लेकर बयान दिया। उन्होंने कहा- यह युद्ध अमेरिकी विदेश नीति की विफलता है। अमेरिका फिलिस्तीनियों के हित को नजरअंदाज कर रहा है।
मदद दोगुना करने की घोषणा की
इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से युद्ध के हालात की जानकारी ली। बाइडेन ने व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में कहा कि अमेरिका इजराइल के साथ है। इजराइल में एक हजार लोगों की अमानवीय तरह से हत्याएं की गई हैं। इनमें 14 अमेरिकी नागरिक मारे गए। इजराइल में नरसंहार हुआ है। इजराइल को इस हमले का जवाब देने का अधिकार है। इसके साथ ही उन्होंने इजराइल के लिए मदद को दोगुना करने की घोषणा की। बाइडेन ने कहा- यह आतंकवाद है, लेकिन दुख की बात है कि यहूदी लोगों के लिए यह कोई नई बात नहीं है। वहीं अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि इजराइल के साथ एकजुटता दिखाने के लिए विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन आज इजराइल रवाना होंगे। वो गुरुवार को इजराइल पहुंच सकते हैं।
सीरिया से भी इजराइल पर हुए हमले
लेबनान के बाद इजराइल पर सीरिया ने भी हमला कर दिया है। इजराइली सेना ने दावा किया कि वह सीरिया की ओर से हो रही गोलीबारी और रॉकेट हमलों का जवाब तोपखाने और मोर्टार से दे रही है। सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने भी कहा है कि फिलिस्तीनी गुट ने सीरियाई क्षेत्र से इजराइल की तरफ रॉकेट हमले किए। दूसरी तरफ, लेबनान से भी इजराइल पर दोबारा हमला हुआ। टाइम्स ऑफ इजराइल के मुताबिक, लेबनान से 15 रॉकेट दागे गए। ये रॉकेट इजराइल के पश्चिमी शहर गलील और दक्षिणी तटीय शहर अश्कलोन में गिरे। जवाबी कार्रवाई में इजराइली सेना ने लेबनान के आतंकी संगठन हिजबुल्लाह के 3 ठिकानों पर हमला किया है। इससे पहले 8 अक्टूबर को लेबनान बॉर्डर से हिजबुल्लाह ने इजराइल पर गोलीबारी की थी और बम दागे थे।
हमास ने बनाया बंधक
इजरायली सेना के 50 से 100 लोगों को हमास ने बंधक बना रखा है। इसमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं। इन्हें हमास गाजा लेकर गया है। फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह हमास का दावा है कि उन्होंने 150 से अधिक लोगों को पकड़ा है। यह सभी बंधक गाजा में ही हैं। हमास स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया है कि गाजा पट्टी पर इजरायली हमलों के कारण मरने वालों की संख्या 900 तक पहुंच गई हैं इसमें 15 पैरामेडिक्स,20 पत्रकारों और 4,500 अन्य घायल हैं। इसमें 260 बच्चे और 230 महिलाएओं की भी मौत हो गई है। 22 परिवार पूरी तरह से मारे गए हैं। इजरायली प्रसारक कान ने बुधवार को बताया है कि हमास के हमलों में करीब 1,200 लोग मारे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि कि मरने वालों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।इस संघर्ष में अब तक 2,806 लोग घायल हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ने कहा है कि पिछले 24 घंटों में गाजा पट्टी से 263,934 का विस्थापन हुआ है। अभी यह संख्या तेजी से बढऩे की संभावना है। हमास के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार गाजापट्टी में स्वास्थ्य प्रणाली वर्तमान में 44 प्रतिशत दवाओं, 32 प्रतिशत चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों और 60 प्रतिशत प्रयोगशाला और रक्त बैंक आपूर्ति की गंभीर कमी हो गई है। बिजली भी नहीं आ रही है।(एजेंसी) -
-वैज्ञानिकों को भी नहीं हो रहा यकीन!
उत्तरी अमेरिका : वैज्ञानिकों ने उत्तरी अमेरिका में 14,000 साल पुरानी एक अलग दुनिया की खोज की है। यह खोज ब्रिटिश कोलंबिया के सेंट्रल कोस्ट के ट्राइकेट द्वीप पर की गई। उत्तरी अमेरिका का इतिहास रहस्यों से भरा हुआ है। ताजा खोज अमेरिका के रहस्यों का पन्ना वापस खोलने में सक्षम है।
यह बस्ती कनाडा में समुद्र तट पर खुदाई में मिली है। साइट पर हकाई इंस्टीट्यूट, विक्टोरिया विश्वविद्यालय और स्थानीय फर्स्ट नेशंस के पुरातत्वविदों की टीमों ने खुदाई की है। यहां खुदाई में लकड़ी का कोयला, जानवरों को मारने वाले हथियार, मछली के कांटे, समुद्री जीवों का शिकार करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले भाले और यहां तक कि आग जलाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक हैंड ड्रिल के अवशेष भी मिले हैं। पाए गए चारकोल के विश्लेषण के आधार पर, यह अनुमान लगाया गया है कि बस्ती की स्थापना लगभग 13,613 से 14,086 साल पहले हुई थी। इसे उत्तरी अमेरिका की सबसे पुरानी मानव बस्तियों में से एक माना जा रहा है।
इसका मतलब यह भी है कि यह पहिए के आविष्कार से दोगुनी पुरानी है, गीज़ा के पिरामिडों से तीन गुना पुरानी है, और हिमयुग के सभी मेगाफौना के विलुप्त होने से हजारों साल पहले की है। यह खोज यह समझाने में भी मदद करती है कि उत्तरी अमेरिकियों ने ब्रिटिश कोलंबिया के माध्यम से कितनी जल्दी प्रवास किया। एक स्टडी में पाया गया कि मनुष्य एशिया से आए और उन्होंने एक पुल को पार किया जो रूस को अलास्का से जोड़ता है। इसके बाद वे पूर्वी और मध्य कनाडा तक पहुंच गए।(एजेंसी) -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बांग्लादेश : सार्क जर्नलिस्ट फोरम आठ सार्क देशों के पत्रकारों से बना पत्रकारों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन समय-समय पर हर साल सार्क देशों में अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार शिखर सम्मेलन का आयोजन करता है।"साउथ एशिया मीडिया समिट-2024" फरवरी/मार्च 2024 में ढाका में आयोजित होने की संभावना है।यूनाइटेड इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के साथ संयुक्त रूप से इंटरनेशनल ए समिट के आयोजन के उद्देश्य से आज विश्वविद्यालय के पत्रकारिता, मीडिया एवं संचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. शेख मोहम्मद शफीउल इस्लाम के साथ सार्क जर्नलिस्ट फोरम के सार्क जर्नलिस्ट फोरम के पदाधिकारियों की एक बैठक हुई। विश्वविद्यालय के पत्रकारिता मीडिया एवं संचार विभाग के प्रमुख प्रो. आफताब हुसैन भी उपस्थित थे।