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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बुनियादी सुविधाओं के विस्तार और कनेक्टिविटी सुधार को दी प्राथमिकतासड़क से ही शुरू होता है विकास का सफर - उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
सुकमा : उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज माओवाद प्रभावित क्षेत्र नियद नेल्ला नार योजना की कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में गहन समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने क्षेत्र में चल रही बुनियादी विकास योजनाओं की प्रगति की विस्तार से जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देशित किया कि क्षेत्र में चल रही सभी जनकल्याणकारी योजनाओं को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा किया जाए।उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि क्षेत्र का समग्र विकास तभी संभव है जब यहां सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो। उन्होंने कहा कि अच्छी सड़क से ही शासन की योजनाएं सुगमता से गांवों तक पहुंचाई जा सकती हैं, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और अन्य विकास कार्यों में गति लाई जा सकती है।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र की भौगोलिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए सड़क और पुल निर्माण प्राथमिकता में रखा जाए। इससे गांवों का संपर्क सुगम होगा और आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा। उन्होंने संचार सुविधाओं में सुधार को बेहद जरूरी बताते हुए मोबाइल नेटवर्क के विस्तार में तेजी लाने के निर्देश दिए और कहा कि डिजिटल कनेक्टिविटी से शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सेवाओं को आम नागरिक तक पहुंचाना आसान होगा।उन्होंने हर घर तक शुद्ध पेयजल और निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कार्यों को प्राथमिकता से पूर्ण करने और निर्माणाधीन और प्रस्तावित आवासों की स्थिति की जानकारी ली तथा पात्र हितग्राहियों को शीघ्र लाभ प्रदान करने को कहा। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को शासन की योजनाओं का लाभ तभी मिल सकता है जब उनके पास सभी आवश्यक दस्तावेज हों। इसके लिए विशेष शिविरों का आयोजन कर पात्र लोगों को दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण को अत्यंत आवश्यक बताते हुए तालाबों के निर्माण और रखरखाव को गंभीरता से लेने के निर्देश दिए।इस दौरान सचिव पंचायत विभाग श्री भीम सिंग , कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री पी. सुंदरराज, डीआईजी श्री कमलोचन प्रसाद, कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, एसपी श्री किरण गंगाराम चव्हाण, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन, डीएफओ श्री अक्षय भोसले सहित जिला स्तरीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। -
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उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सुकमा जिले में शाला प्रवेश उत्सव एवं चरण पादुका वितरण कार्यक्रम में हुए शामिल
अब वक़्त आ गया है शिक्षा और विकास की रोशनी हर गांव तक पहुंचेगी-उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
सुकमा : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने आज सुकमा जिले के प्रवास के दौरान जिला मुख्यालय में आयोजित शाला प्रवेश उत्सव और तेंदूपत्ता संग्रहको को चरण पादुका वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने जिले भर से आए स्कूली बच्चों से आत्मीय संवाद किया और उन्हें शिक्षा की नई शुरुआत के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर नवप्रवेशी बच्चों का स्वागत बैग, पुस्तक और गणवेश देकर किया। बोर्ड परीक्षा में अव्वल आने वाले परीक्षार्थियों का सम्मान और प्रतिभाशाली छात्रो को प्रमाण पत्र का वितरण क़िया एवं 10 हितग्राहियों को चरण पादुका का भी वितरण किया।इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि सुकमा जिले में प्राथमिक से लेकर उच्चतर माध्यमिक स्तर तक 1000 से अधिक स्कूल संचालित हो रहे हैं, जो एक सकारात्मक संकेत है। उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यवस्था को बहाल करना, विशेषकर बस्तर जैसे चुनौतीपूर्ण अंचल में, किसी आंदोलन से कम नहीं है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि बीते वर्षों में कई स्कूलों को नक्सल हिंसा का शिकार होना पड़ा, कुछ स्कूलों को बम से उड़ा दिया गया जो मानवता के विरुद्ध अत्यंत निंदनीय कृत्य हैं।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि शासन की मंशा है कि बस्तर के हर गांव तक संविधान की पूर्ण स्थापना हो, ताकि शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और सुरक्षा के अधिकार गांव-गांव में सुदृढ़ हों। उन्होंने ग्रामीण युवाओं और अभिभावकों से आह्वान किया कि वे गांव की उन्नति में सक्रिय भागीदारी निभाएं, क्योंकि असली परिवर्तन स्थानीय नागरिकों की जागरूकता और सहयोग से ही संभव है। उन्होंने कहा कि गांव में यदि शिक्षा है, तो अशिक्षा नहीं होगी। यदि स्वास्थ्य है, तो कुपोषण नहीं रहेगा। यदि भयमुक्त वातावरण है, तो कोई लाल आतंक नहीं रहेगा। यह कार्य बस्तर के लोग स्वयं कर सकते हैं और सरकार उनके साथ खड़ी है।
कार्यक्रम के दौरान उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बच्चों को प्रतीकात्मक रूप से मुकुट पहनाया, प्रोत्साहन राशि और प्रवेश प्रमाण-पत्र वितरित किए और तेंदूपत्ता संग्रहको को चरण पादुका का भी वितरण किया। उन्होंने कहा कि ये प्रतीक मात्र नहीं, बल्कि एक नए भविष्य की ओर उनका पहला कदम है।उपमुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के समापन पर जिला प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि यह आयोजन न सिर्फ प्रेरणादायी है, बल्कि समाज को सकारात्मक दिशा में जोड़ने वाला है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि हाल ही में एक बड़ी दुर्घटना में शहीद हुए पुलिस अधिकारी के परिवार के साथ मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय स्वयं संवेदनशीलता के साथ खड़े रहे और संपूर्ण सहयोग प्रदान किया। उन्होंने कहा कि शहीदों की इच्छाएं कभी व्यर्थ नहीं जातीं वे समाज के संकल्प में परिवर्तित होती हैं।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे, श्री अरुण सिंह भदौरिया, राज्य महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, जिला पंचायत सुकमा अध्यक्ष श्रीमती मंगम्मा सोयम, जिला पंचायत दंतेवाड़ा अध्यक्ष श्री नंदलाल मुड़ामी, नगर पालिका परिषद् सुकमा अध्यक्ष श्री हुंगाराम मरकाम, जिला पंचायत सदस्य श्री हुंगाराम मरकाम, जिला पंचायत सदस्य श्री कोरसा सन्नू, जनप्रतिनिधि कुसुम लता कवासी, श्रीमती रीना पेद्दी, श्री सोयम मुक्का, श्री दिलीप पेद्दी और अन्य जनप्रतिनिधि सहित सचिव पंचायत विभाग श्री भीम सिंग , कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री पी. सुंदरराज, डीआईजी श्री कमलोचन प्रसाद, कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, एसपी श्री किरण गंगाराम चव्हाण, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन, डीएफओ श्री अक्षय भोसले सहित शिक्षा विभाग वन विभाग के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे। -
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पुनर्वास केन्द्र सुकमा में आत्मसमर्पित नक्सलियों से उप मुख्यमंत्री ने किया संवाद
प्रशिक्षण के साथ-साथ सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों से भी जोड़े-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
रायपुर : सुकमा जिले के सबसे सुदूर क्षेत्र के आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास के तहत राजमिस्त्री, कृषि उद्यमी और अन्य प्रशिक्षण प्रदाय कराया जा रहा है। विगत तीन माह से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा का स्वागत भारत माता की जय घोष करते हुए किया।इस अवसर पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री से सीधा संवाद करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले के नक्सल संगठन का जीवन एक भटका हुआ और गुमराह से भरा जीवन था। उस खोखली विचारधारा को त्याग कर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर बहुत ही बेहतर जीवन मिला लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जानकारी के अभाव में हम रास्ता भटक गए थे किन्तु शासन के पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर एक बेहतर जीवन जी रहे हैं। आज शासन-प्रशासन द्वारा हमें कौशल विकास के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे हम आत्मनिर्भर बनकर समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने उनके अनुभवों को गंभीरतापूर्वक सुना और आाधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक खाता सहित सभी प्रकार आवश्यक दस्तावेज पुनर्वास केन्द्र में ही बनवाकर केन्द्र और राज्य शासन के समस्त योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने। वहीं पुनर्वास केन्द्र में उनके दैनिक दिनचर्या से अवगत होकर और भी गतिविधियों को शामिल कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने आवश्यक पहल करने, एक्सपोजर विजिट कराकर बाहरी दुनिया का भ्रमण कराने रायपुर, जगदलपुर जैसे शहर ले जाने के निर्देश दिए।ज्यादातर लोग पढ़ाई नहीं किए है उनको साक्षर बनाने के लिए आवश्यक पहल करते हुए दिनचर्या में शामिल कर खेलकूद, मनोरंजन, देशभक्ति फिल्में दिखाने सहित उनको नियमित आमदनी के स्त्रोत हासिल हो सके उस दिशा विशेष प्रयास करने के निर्देश कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत को दिए। इस अवसर पर सचिव पंचायत विभाग श्री भीम सिंग, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, आईजी श्री पी.सुंदरराज, कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव, एसपी श्री किरण गंगाराम चव्हाण, सीईओ जिला पंचायत श्रीमती नम्रता जैन, राज्य महिला आयोग की सदस्य सुश्री दीपिका सोरी, जनप्रतिनिधि श्री धनीराम बारसे, जिला पंचायत सदस्य श्री हुंगाराम मरकाम सहित अन्य उपस्थित थे। -
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रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज अपने दंतेवाड़ा प्रवास के दौरान बस्तर की आराध्य देवी माँ दंतेश्वरी जी के दर्शन कर साष्टांग प्रणाम अर्पित किया। पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। -
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आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को पूर्ण करने के दिए निर्देश
रायपुर : महामहिम राज्यपाल श्री रमेन डेका ने अपने महासमुंद जिले के प्रवास के दौरान आज विकासखंड पिथौरा के ग्राम गोड़बहाल में विकासखंड स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर पिथौरा में आकांक्षी विकासखंड के अंतर्गत चल रहे विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी की। उन्होंने स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, कौशल विकास, वित्तीय समावेश एवं बुनियादी ढांचे में सुधार को लेकर विभागीय प्रदर्शन की विस्तृत जानकारी लेते हुए सभी विभागों को निर्देशित किया कि आकांक्षी विकासखंड के सभी संकेतकों को 90 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य करें। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए सभी विभाग समन्वित प्रयास करें।
राज्यपाल श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वाेच्च प्राथमिकता में रखते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डबरी निर्माण, शोख पिट (सोखता गड्ढा), इंटक वेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण और भू-जल स्तर में सुधार हो सके। राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाए। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता लाने के निर्देश भी दिए।
राज्यपाल श्री डेका ने महिला स्व-सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का और विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले। स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने, न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती और पोषण ट्रैकर से निगरानी करने के निर्देश दिए। उन्होंने मितानिन, महिला एवं बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग के बीच समन्वय से डाटा संकलन करने कहा। वार्षिक प्रशिक्षण कैलेण्डर के अनुसार शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने के निर्देश दिए। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए मैदानी भ्रमण करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के निर्देश दिए। एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला एवं बाल विकास, और अन्य विभागों के जिला अधिकारी उपस्थित रहे। -
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ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने कार्ययोजना जरूरी
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की सचिव एवं बलरामपुर-रामानुजगंज जिले की प्रभारी सचिव श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले की अध्यक्षता में आज संयुक्त जिला कार्यालय भवन परिसर में विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
रायपुर : बैठक में प्रभारी सचिव श्रीमती कंगाले ने विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि योजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने तथा निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जनकल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने जिले में ईको-टूरिज्म की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए इस दिशा में एक समग्र एवं प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रभारी सचिव ने राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुए अविवादित, विवादित नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार सहित लंबित प्रकरणों का समयबद्ध निराकरण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के समग्र उत्थान हेतु किए जा रहे प्रयासों की जानकारी लेते हुए उन्होंने कहा कि इन समुदायों को शासन की मुख्यधारा से जोड़ना अत्यंत आवश्यक है। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा में उन्होंने निर्माण कार्यों की गति बढ़ाने तथा लक्ष्यानुरूप प्रगति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मनरेगा अंतर्गत संचालित गतिविधियों एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत प्राप्त उपलब्धियों की भी जानकारी ली गई।
बैठक में उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के क्रियान्वयन की प्रगति पर संतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने पूर्व पंजीकृत कृषकों का अद्यतन पंजीयन भारत सरकार के निर्देशानुसार पूर्ण कराने के निर्देश दिए। शिक्षा विभाग की समीक्षा में उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाए तथा शिक्षकों को समय-समय पर आधुनिक शिक्षण तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि परीक्षा परिणामों में निरंतर सुधार हो सके। बैठक में जल जीवन मिशन, खाद-बीज आपूर्ति, सौर सुजला योजना, उद्योग विभाग की योजनाएं, स्वच्छ भारत मिशन, रेशम विभाग की गतिविधियों तथा रोजगार सृजन कार्यक्रमों की भी गहन समीक्षा की गई।
बैठक में कलेक्टर श्री राजेन्द्र कटारा ने जिले की प्रमुख उपलब्धियों, विकास कार्यों, सामाजिक-आर्थिक संरचना, स्थानीय चुनौतियों एवं प्रशासनिक प्रयासों की जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक श्री बैंकर वैभव रमनलाल ने अपराध नियंत्रण, कानून-व्यवस्था तथा सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु किए गए प्रयासों से अवगत कराया। वनमण्डलाधिकारी श्री आलोक कुमार बाजपेयी ने ‘एक पेड़ माँ के नाम‘ अभियान के अंतर्गत किए जा रहे पौधारोपण कार्यों की जानकारी दी तथा बताया कि पर्यावरण संरक्षण हेतु जनभागीदारी बढ़ रही है। उन्होंने हाथियों द्वारा प्रभावित ग्रामीणों को मुआवजा वितरण एवं ईको-टूरिज्म विकास की दिशा में उठाए गए कदमों की भी जानकारी दी। बैठक में जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्रीमती नयनतारा सिंह तोमर, अपर कलेक्टर श्री आर.एस. लाल, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री विश्व दीपक त्रिपाठी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार
जीएसटी राजस्व संग्रहण विषय पर मंत्रियों के समूह (GoM) की बैठक आयोजित
मुख्यमंत्री श्री साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने दिए सकारात्मक परिणाम - वित्त मंत्री श्री चौधरी
रायपुर : देशभर में जीएसटी राजस्व संग्रहण को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाने के लिए गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की महत्वपूर्ण बैठक आज राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई। बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के अनुभव साझा किए और बोगस व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई, पंजीयन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के प्रयोग तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए। इस समूह का संयोजन गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत कर रहे हैं। बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने बतौर सदस्य भागीदारी की और राज्य के अनुभव एवं नीतिगत सुझाव साझा किए। बैठक का मुख्य उद्देश्य राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों का आकलन कर व्यापक समाधान तलाशना था।
बैठक के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों में जीएसटी के राजस्व पर पड़ने वाले आर्थिक व अन्य कारकों का विस्तार से विश्लेषण किया। इस अवसर पर श्री चौधरी ने छत्तीसगढ़ में एंटी इवेजन और अनुपालन के क्षेत्र में की गई पहलों की जानकारी दी।श्री ओ.पी. चौधरी ने बताया कि कर अपवंचन रोकने और वास्तविक करदाताओं को सहूलियत देने के लिए छत्तीसगढ़ में डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स का सघन उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयासों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी संभव हुई है।बैठक में बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के प्रजेंटेशन भी हुए। श्री चौधरी ने सुझाव दिया कि इन नवाचारों को पूरे देश में समान रूप से लागू करने से बोगस व्यवसायियों की पहचान और कार्यवाही में तेजी लाई जा सकेगी।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने विशेष रूप से फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम, तथा पंजीकरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए केंद्रीयकृत डिजिटल तंत्र के विकास पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन उपायों से न केवल राजस्व बढ़ेगा बल्कि करदाताओं में विश्वास भी बढ़ेगा।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैठक में यह भी रेखांकित किया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में जीएसटी कलेक्शन के संदर्भ में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ का अनुभव अन्य राज्यों के लिए उपयोगी मॉडल बन सकता है।
बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ पी चौधरी ने कहा कि सभी राज्यों को मिलकर साझा प्रयास करने चाहिए ताकि जीएसटी राजस्व संग्रहण में स्थायित्व एवं वृद्धि सुनिश्चित हो सके। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि मंत्रियों के समूह द्वारा सुझाए गए उपायों को जीएसटी परिषद शीघ्र लागू करेगी। उन्होंने कहा कि यह बैठक जीएसटी परिषद के समक्ष व्यापक सुधारात्मक प्रस्ताव रखने के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी, जिससे भारत में कर प्रशासन और राजस्व संग्रहण को नई दिशा मिलेगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ की सुरम्य वादियों में बसा एक छोटा-सा गांव ईरकभट्टी, जो कभी माओवादी गतिविधियों की छाया में अपनी रौनक खो चुका था, अब एक बार फिर से मुस्कुराने लगा है। जंगलों की छांव में रहने वाले यहां के वनवासी लंबे समय से अपने मूल अधिकारों और सुविधाओं से वंचित थे, लेकिन अब बदलाव की बयार बहने लगी है। इस बदलाव की शुरुआत हुई है शिक्षा से।
बीते वर्षों में माओवादी हिंसा के कारण ईरकभट्टी जैसे कई गांवों की सामाजिक और सांस्कृतिक धारा थम सी गई थी। गांव के बच्चे स्कूल जाना भूल चुके थे, मांदर की थाप शांत हो गई थी और गांव की गलियों में वीरानी छा गई थी। स्कूलों के बंद होने से आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर अंधेरा मंडराने लगा था। लेकिन अब इस अंधेरे को उजाले में बदलने का काम किया है छत्तीसगढ़ सरकार की “नियद नेल्लानार” योजना ने, जिसका अर्थ है, आपका अच्छा गांव।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में शुरू की गई इस अभिनव योजना ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास का नया अध्याय लिखा है। सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में शत-प्रतिशत सरकारी योजनाओं को पहुँचाने का लक्ष्य लेकर शुरू हुई यह योजना अब गेम चेंजर साबित हो रही है।
ईरकभट्टी गांव इसका जीवंत उदाहरण है। यहां प्राथमिक शाला वर्षों से बंद थी, लेकिन अब युक्तियुक्तकरण नीति के तहत न केवल स्कूल को फिर से शुरू किया गया है, बल्कि दो योग्य शिक्षकों की भी नियुक्ति की गई है। इससे गांव के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की राह फिर से मिली है।
केवल शिक्षा ही नहीं, अब गांव में सड़क भी बन चुकी है, बिजली पहुंच चुकी है और शासन की कई योजनाएं धरातल पर उतर रही हैं। ग्रामीणों को यह यकीन हो चला है कि अब उनका भविष्य उज्जवल है। एक ओर जहाँ माओवाद का डर घट रहा है, वहीं दूसरी ओर विकास की किरणें गांव-गांव तक पहुँच रही हैं।ईरकभट्टी की कहानी, सैकड़ों गांवों की उम्मीद
ईरकभट्टी केवल एक गांव नहीं, बल्कि उन सैकड़ों गांवों की आशा बन गया है, जो अब तक विकास की मुख्यधारा से कटे हुए थे। नियद नेल्लानार योजना से ग्रामीणों को न केवल मूलभूत सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल इस बात का प्रमाण है कि सशस्त्र संघर्ष का जवाब संवेदनशील शासन और समग्र विकास से दिया जा सकता है। अब ईरकभट्टी के बच्चे फिर से पाठशाला में हँसते हैं, मांदर की थाप फिर से गूंजने लगी है और गांव की पगडंडियों पर उम्मीदें दौड़ने लगी हैं।
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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई में जुटे जवानों की सराहना की, कहा अब सिर्फ कुछ कदम और
बीजापुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने बीजापुर जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र भैरमगढ़ विकासखण्ड अंतर्गत फुंडरी में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों से भेंट कर उनका हौसला अफजाई किया। उन्होंने जवानों की कर्तव्यनिष्ठा, साहस और समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि आपकी मेहनत, लगन और भुजाओं की ताकत के कारण नक्सलवाद अब समापन की ओर है। अब सिर्फ कुछ और प्रयास बाकी हैं, जिसे पूरी निष्ठा के साथ पूरा करना है, ताकि केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी का यह संकल्पमार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल अंत साकार हो सके।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन जवानों ने न सिर्फ सुरक्षा का काम किया है, बल्कि इस अतिसंवेदनशील क्षेत्र में संविधान को लागू करने और शासन की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने का ऐतिहासिक कार्य भी किया है। पहले जहां अंदरूनी गांवों के लोग सरकार की योजनाओं से वंचित रहते थे, अब जवानों की सतत उपस्थिति और सघन गश्त के चलते हालात तेजी से बदले हैं। उन्होंने कहा कि अब शासन की योजनाओं का लाभ धीरे-धीरे इन गांवों तक पहुंच रहा है। इसका श्रेय आपको जाता है। आप सिर्फ हथियार लेकर सुरक्षा नहीं कर रहे हैं, बल्कि एक नए युग की नींव रख रहे हैं जिसमें भय नहीं, विश्वास और विकास होगा। इस दौरान सचिव पंचायत विभाग श्री भीम सिंह, आईजी बस्तर श्री सुंदरराज पी, डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ जितेन्द्र यादव, डीएफओ श्री रंगानाथन रामाकृष्णा वाय एवं सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार सहित सीआरपीएफ एवं पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गण उपस्थित थे।
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जिले के गांवों में होंगे सड़क, भवन, नाली, पुलिया एवं शेड निर्माण कार्य
जिले के 30 से अधिक गांवों में होगा विकास कार्य की शुरूवात
नारायणपुर : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं गृह, जेल, पंचायत, ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री विजय शर्मा द्वारा जिले के एक दिवसीय भ्रमण के दौरान जिला पंचायत के सभा कक्ष में जनप्रतिनिधियों एवं जिला स्तरीय अधिकारियों का बैठक लेकर समीक्षा किया गया। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना अंतर्गत नारायणपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 1 करोड़ 63 लाख 14 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। यह राशि जिले के ओरछा एवं नारायणपुर विकासखण्डों के ग्राम पंचायतों में आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण हेतु स्वीकृत की गई है।
उप मुख्यमत्री श्री विजय शर्मा ने स्वीकृत निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए ओरछा विकासखण्ड अंतर्गत विभिन्न ग्रामों में आवश्यक निर्माण कार्यों के लिए 37 लाख 30 हजार रुपये की मंजूरी दी गई है। ग्राम कोहकामेटा में महेश के खेत से कमलू पटेल के घर तक सीसी रोड निर्माण हेतु 5 लाख 20 हजार रुपये, कस्तुरमेटा में बजार स्थल में सीसी रोड निर्माण हेतु 5 लाख 20 हजार रुपये, कच्चापाल में पंचायत भवन से तोके मोड़ तक सीसी रोड निर्माण हेतु 5 लाख 20 हजार रुपये, ओरछा में राजाराम घर से आरईएस कालोनी तक नाली निर्माण हेतु 5 लाख 91 हजार रुपये, ग्राम पंचायत गारपा में आंगनबाड़ी भवन होरादी में शेड निर्माण हेतु 5 लाख रुपये, पांगुड पुतवाड़ा में पुलिया निर्माण हेतु 6 लाख रुपये और कोंगे में मुक्तिधाम सह प्रतिक्षालय शेड निर्माण हेतु 4 लाख 79 रुपये की राशि स्वीकृत किया गया है।
नारायणपुर विकासखण्ड अंतर्गत 1 करोड़ 25 लाख 84 हजार रुपये की राशि स्वीकृत की गई है, जिससे कई ग्रामों में निर्माण कार्य कराए जाएंगे, जिसमें ग्राम हतलानार, कुंदला, कुतुल, ताडनार, मेटानार, बोरण्ड, कोंगेरा, चमेली, कन्हारगांव, दण्डवन, तोयनार, धनोरा में पुलिया निर्माण हेतु प्रत्येक ग्राम के लिए 5-5 लाख रुपये, ग्राम मुरनार में नाली निर्माण हेतु 5 लाख 91 हजार रुपये, ग्राम कलमानार, मंडाली में सामुदायिक भवन हेतु प्रत्येक ग्राम के लिए 6 लाख 50 हजार रुपये, ग्राम पदमकोट, बोरण्ड, गौरदण्ड में शेड निर्माण हेतु 5-5 लाख रुपये, ग्राम बोरण्ड, कौशलनार, मढ़ोनार, करमरी, गोटाजम्हरी, छिनारी में सीसी रोड हेतु प्रत्येक ग्राम के लिए 5 लाख 20 हजार रुपये, ग्राम बडे़जम्हरी में मुक्तिधाम शेड हेतु 4 लाख 79 हजार रुपये की राशि स्वीकृत किया गया है। उप मुख्यमत्री श्री विजय शर्मा ने उपस्थित जिला पंचायत के सदस्य, जनपद पंचायत सदस्य और ग्राम पंचायत के सरपंचों से स्वीकृत निर्माण कार्यों का समीक्षा करते हुए कार्यों को प्राथमिकता के साथ पूर्ण कराने के निर्देशित किए।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, उपाध्यक्ष प्रताप सिहं मण्डावी, जिला पंचायत सदस्य, जनपद सदस्य और ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, आईजी बस्तर सुन्दरराज पी., कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, पुलिस अधीक्षक रॉबिनसन गुरिया, जिला पंचायत सीईओ आकांक्षा शिक्षा खलखो, वनमण्डलाधिकारी शशिगानंदन के. सहित जिला स्तरीय अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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रायपुर : शिक्षा के उजाले को छत्तीसगढ़ के अंतिम छोर तक पहुंचाने के संकल्प के साथ उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने बीजापुर जिले में ऐतिहासिक पहल करते हुए 14 बंद पड़े स्कूलों का पुनः संचालन तथा दो नए स्कूलों का शुभारंभ किया। यह पहल जिले के एड़समेटा, तोड़का, सावनार, कोरचोली, नेंड्रा, इतावर, करका, भट्टीगुड़ा जैसे अतिसंवेदनशील क्षेत्रों में की गई, जहां लंबे समय से शिक्षा व्यवस्था ठप थी। कुल 16 स्कूलों के संचालन से हजारों बच्चों को अब औपचारिक शिक्षा का लाभ मिल सकेगा।
जिला स्तरीय शाला प्रवेश उत्सव कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने नौनिहालों का आत्मीय स्वागत करते हुए उन्हें पढ़ाई, खेल और संस्कारों में आगे बढ़ने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि ईश्वर आप सबको बुद्धिमान बनाए, ताकि आप देश और समाज की सेवा कर सकें। उन्होंने इस अवसर पर "दक्ष बीजापुर" अभियान के तहत पांचवीं, आठवीं, दसवीं और बारहवीं के मेधावी छात्र-छात्राओं को पांच-पांच हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की। साथ ही उत्कृष्ट शैक्षणिक संस्थाओं, शिक्षकों और बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर्स को सम्मानित किया गया।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने "वेंडे स्कूल दायकाल" योजना के अंतर्गत अप्रवेशी और शाला त्यागी बच्चों को 'वेलकम किट' वितरित कर शिक्षा के प्रति उनका उत्साहवर्धन किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि बीजापुर में शिक्षा के क्षेत्र में जो परिवर्तन हो रहा है, वह सहज नहीं बल्कि संघर्ष से प्राप्त हुआ है। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे समाज को भ्रमों से निकालकर शिक्षा की ज्योति दूर-दराज के गांवों तक पहुंचाएं। शिक्षा को शांति स्थापना का मूल आधार बताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक समाज के सबसे प्रभावशाली व्यक्ति होते हैं और उनसे ही दिशा मिलती है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने बीजापुर की विकास संभावनाओं की ओर भी ध्यान दिलाया और कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह तथा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय लगातार बीजापुर के विकास को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जब शीर्ष नेतृत्व से लेकर स्थानीय प्रशासन तक सभी एकजुट हैं, तो यह जिला शीघ्र ही विकास के पथ पर अग्रसर होगा।
नक्सल हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए उपमुख्यमंत्री ने हाल ही में एक 13 वर्षीय छात्र की हत्या को अत्यंत अमानवीय और अस्वीकार्य बताया। उन्होंने कहा कि मासूमों की हत्या और जंगलों में हिंसा की अब कोई जगह नहीं रहनी चाहिए और ऐसी घटनाओं पर समाज को सामूहिक रूप से विराम लगाना होगा। उन्होंने सुरक्षाबलों की संवेदनशीलता का उल्लेख करते हुए एक जवान की घटना साझा की, जिसमें सर्च ऑपरेशन के दौरान भालू के हमले के बावजूद जवान ने गोली नहीं चलाई क्योंकि उसे आदेश नहीं था। उन्होंने कहा कि हमारे जवान केवल सुरक्षा के लिए नहीं, बल्कि मानवीय मूल्यों और प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता के प्रतीक हैं। यही हमारी असली ताकत है।
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया के सकारात्मक उपयोग की अपील की। उन्होंने कहा कि बीजापुर में हो रहे इस बड़े परिवर्तन की जानकारी देश-दुनिया तक पहुंचे, इसके लिए इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे माध्यमों का सदुपयोग करें। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि अच्छी बातों को फैलाएं, जिससे बीजापुर की नई पहचान उभर सके। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने उन समर्पित शिक्षकों और शिक्षा मित्रों का विशेष अभिनंदन किया, जो विषम परिस्थितियों के बावजूद गांव-गांव जाकर शिक्षा का दीपक जलाने में लगे हुए हैं। उन्होंने मंच से उपस्थित जनसमूह से आग्रह किया कि ऐसे कर्मठ शिक्षकों के लिए जोरदार तालियों से स्वागत करें।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती जानकी कोरसा ने अपने उद्बोधन में शिक्षा के महत्व को रेखांकित किया और केंद्र एवं राज्य शासन की योजनाओं के माध्यम से बीजापुर में हो रहे सतत विकास को साझा किया। कार्यक्रम में जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री पेरे पुलैया, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती गीता सोम पुजारी, पंचायत विभाग के सचिव श्री भीम सिंह, बस्तर रेंज के आईजी श्री सुंदरराज पी., डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार, डीएफओ श्री रंगानाथा रामाकृष्णा वाय सहित जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण, जनप्रतिनिधिगण एवं भारी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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पुनर्वास केन्द्र बीजापुर में आत्मसमर्पित नक्सलियों से उप मुख्यमंत्री ने किया संवाद
रायपुर : बीजापुर जिले के सबसे सुदूर क्षेत्र के आत्मसमर्पित नक्सलियों को कौशल विकास के तहत मेशन, ट्रेक्टर एवं जीसीबी ऑपरेटर और अन्य प्रशिक्षण प्रदाय कराया जा रहा है। विगत तीन माह से प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा का स्वागत भारत माता की जय घोष करते हुए किया।
इस अवसर पर आत्मसमर्पित नक्सलियों ने उपमुख्यमंत्री से सीधा संवाद करते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं व्यक्त की। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहले के नक्सल संगठन का जीवन एक भटका हुआ और गुमराह से भरा जीवन था। उस खोखली विचारधारा को त्याग कर समाज के मुख्यधारा से जुड़कर बहुत ही बेहतर जीवन मिला लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की जानकारी के अभाव में हम रास्ता भटक गए थे किन्तु शासन के पुनर्वास नीति के तहत आत्मसमर्पण कर एक बेहतर जीवन जी रहे हैं। आज शासन-प्रशासन द्वारा हमें कौशल विकास के तहत प्रशिक्षित किया जा रहा है। जिससे हम आत्मनिर्भर बनकर समाज के मुख्यधारा में शामिल हो सके।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने उनके अनुभवों को गंभीरतापूर्वक सुना और आाधार कार्ड, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, बैंक खाता सहित सभी प्रकार आवश्यक दस्तावेज पुनर्वास केन्द्र में ही बनवाकर केन्द्र और राज्य शासन के समस्त योजनाओं का समुचित लाभ दिलाने। वहीं पुनर्वास केन्द्र में उनके दैनिक दिनचर्या से अवगत होकर और भी गतिविधियों को शामिल कर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करने आवश्यक पहल करने, एक्सपोजर विजिट कराकर बाहरी दुनिया का भ्रमण कराने रायपुर, जगदलपुर जैसे शहर ले जाने के निर्देश दिए। ज्यादातर लोग पढ़ाई नहीं किए है उनको साक्षर बनाने के लिए आवश्यक पहल करते हुए दिनचर्या में शामिल कर खेलकूद, मनोरंजन, देशभक्ति फिल्में दिखाने सहित उनको नियमित आमदनी के स्त्रोत हासिल हो सके उस दिशा विशेष प्रयास करने के निर्देश कलेक्टर एवं सीईओ जिला पंचायत को दिए।
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निर्माण कार्य की धीमी गति पर जताई नाराजगी, अधिकारियों को निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण करने के दिए निर्देश
फुंडरी पुल - विकास का प्रवेश द्वार-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
पुल के बन जाने से बीजापुर और नारायणपुर के मध्य की दूरी में उल्लेखनीय कमी आएगी, 13 हजार से अधिक ग्रामीणों को मिलेगा सीधा लाभ
विकास का रोडमैप तैयार, सरकार प्रतिबद्ध-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री श्री विजय शर्मा ने बीजापुर जिले के एक दिवसीय प्रवास के दौरान भैरमगढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम फुंडरी में इंद्रावती नदी पर निर्माणाधीन उच्च स्तरीय पुल का स्थल निरीक्षण किया। इस पुल का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है, किंतु अभी दो पिलर का कार्य शेष है। निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री ने निर्माण एजेंसी और संबंधित विभागीय अधिकारियों से अब तक की प्रगति, निर्माण में हुई देरी के कारणों और आगामी कार्ययोजना की विस्तृत जानकारी ली।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिए कि कार्य में विलंब अब किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह पुल बीजापुर और नारायणपुर जिले के बीच आवागमन का एक महत्वपूर्ण संपर्क बिंदु बनेगा और इसके पूर्ण होने से क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन में परिवर्तन आएगा। उन्होंने पुल निर्माण कार्य को जनसेवा से जुड़ी प्राथमिकता बताते हुए कहा कि किसी भी कीमत पर इसे एक निर्धारित समयसीमा में गुणवत्तापूर्वक पूर्ण किया जाना चाहिए।
फुंडरी पुल - विकास का प्रवेश द्वार-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि यह पुल केवल एक भौतिक संरचना नहीं, बल्कि बीजापुर और नारायणपुर जिले के हजारों ग्रामीणों के लिए जीवन रेखा है। इस पुल के माध्यम से जहाँ आवागमन की सुविधा सुलभ होगी, वहीं शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाएं जैसे राशन, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, एवं सामाजिक सुरक्षा दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों तक तेज़ी से पहुँच पाएंगी। उन्होंने बताया कि पुल के बन जाने से बीजापुर और नारायणपुर के मध्य की दूरी में उल्लेखनीय कमी आएगी। इससे बीजापुर के ग्राम पंचायत बांगोली, बैल, ताकिलोड़, मर्रामेटा, इतामपारा सहित नारायणपुर के गांव डुंगा, थुरथली, रेखावाया, पिड़ियाकोट के लगभग 13,000 से अधिक ग्रामीणों को सीधा लाभ मिलेगा।
समर्पण से होगा निर्माण संभव, समयसीमा होगी अनिवार्य
उपमुख्यमंत्री ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि ऐसे महत्वपूर्ण कार्यों में समर्पण, तकनीकी दक्षता और सतत निगरानी की आवश्यकता होती है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे पुल निर्माण की प्रगति की साप्ताहिक समीक्षा करें, निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित करें और कार्य स्थल पर श्रमिकों एवं तकनीकी कर्मचारियों की उपस्थिति बनाए रखें। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि यदि ठेकेदार या एजेंसी निर्माण कार्य को समयसीमा में पूर्ण करने में अक्षम पाई जाती है तो वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।निरीक्षण के दौरान पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री भीम सिंह, बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक श्री सुंदरराज पी., डीआईजी श्री कमलोचन कश्यप, बीजापुर कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेंद्र यादव, वनमंडलाधिकारी श्री रंगानाथन रामाकृष्ण वाय, जिला पंचायत सीईओ श्री हेमंत रमेश नंदनवार सहित सीआरपीएफ, जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
विकास का रोडमैप तैयार, सरकार प्रतिबद्ध-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की यह प्रतिबद्धता है कि बस्तर क्षेत्र के हर गांव, हर परिवार तक विकास की पहुँच हो। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर को नक्सल प्रभावित क्षेत्र की छवि से निकालकर समृद्ध, आत्मनिर्भर और सशक्त बस्तर के रूप में स्थापित करने का सपना जल्द ही साकार होगा। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे इस मिशन को निजी दायित्व की भावना से लें, क्योंकि बस्तर के विकास में की गई हर छोटी पहल यहां के भविष्य को रौशन करेगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा' से साभार
श्री अटल बिहारी बाजपेयी जी छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, उनके सम्मान में सभी नगरीय निकायों में अटल परिसरों का निर्माण – श्री अरुण साव
सारंगढ़ नगर पालिका में दो करोड़ तथा पवनी, भटगांव और सरसींवा नगर पंचायत में एक-एक करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने आज जिला मुख्यालय सारंगढ़ सहित जिले के तीन नगर पंचायतों पवनी, भटगांव और सरसींवा में नवनिर्मित अटल परिसरों का लोकार्पण किया। उन्होंने इस दौरान तीनों नगर पंचायतों में एक-एक करोड़ रुपए और सारंगढ़ नगर पालिका में दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों की घोषणा की। उन्होंने सारंगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के हितग्राहियों को उनके नवनिर्मित आवासों की चाबी भी सौंपी। सांसद श्री राधेश्याम राठिया भी लोकार्पण कार्यक्रमों में शामिल हुए।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने चारों नगरीय निकायों में अटल परिसरों का लोकार्पण करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता हैं। अलग राज्य बनने के बाद छत्तीसगढ़ तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। उनके सम्मान में राज्य के सभी नगरीय निकायों में अटल परिसर का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने शहरवासियों से अपील की कि वे अटल जी की गरिमा के अनुरूप अटल परिसर को हमेशा साफ-सुथरा रखें और वहां अच्छा वातावरण बनाए रखें।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अटल परिसरों के लोकार्पण के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नगर पंचायत पवनी में जल आवर्धन योजना के लिए पांच करोड़ 30 लाख रुपए और 26 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं। शहर के विकास के लिए एक करोड़ 64 लाख रुपए की पार्षद निधि भी प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि भटगांव नगर पंचायत में 14 करोड़ रुपए लागत की जल आवर्धन योजना का कार्य पूरा हो चुका है। साथ ही वहां विभिन्न विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ 76 लाख रुपए तथा 99 परिवारों के लिए तीन करोड़ पांच लाख रुपए के पीएम आवास मंजूर किए गए हैं।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने अपने संबोधन में कहा कि सभी शहरों का समग्र विकास सरकार की प्राथमिकता में है। उन्होंने बताया कि सरसींवा नगर पंचायत में दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों की स्वीकृति दी गई है। हर घर में नल कनेक्शन के लिए साढ़े आठ करोड़ रुपए और 31 परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास भी मंजूर किए गए हैं। श्री साव ने बताया कि सारंगढ़ नगरपालिका में विभिन्न विकास कार्यों के आठ करोड़ 18 लाख रुपए, नाली निर्माण के लिए छह करोड़ 40 लाख रुपए और 250 सीटर नालंदा लाइब्रेरी परिसर के लिए चार करोड़ 41 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।
सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री संजय भूषण पाण्डेय, पूर्व विधायक डॉ. सनम जांगड़े, श्रीमती केराबाई मनहर और सुश्री कामदा जोल्हे, पवनी नगर पंचायत के अध्यक्ष श्री कुलदीपक साहू, भटगांव नगर पंचायत के अध्यक्ष श्री विक्रम कुर्रे, सरसींवा नगर पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती गुलेचन बंजारे, कलेक्टर डॉ. संजय कन्नौजे, पुलिस अधीक्षक श्री आंजनेय वार्ष्णेय सहित चारों नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, पार्षदगण, गणमान्य नागरिक और शहरवासी भी अटल परिसरों के लोकार्पण के दौरान बड़ी संख्या में मौजूद थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
एनपीके और एसएसपी उर्वरकों के लक्ष्य में 4.62 लाख मेट्रिक टन की बढ़ोत्तरी
मुख्यमंत्री ने कहा किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं
चालू खरीफ सीजन में अब 17.18 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य
रायपुर : देश में डीएपी खाद के आयात में कमी के चलते चालू खरीफ सीजन में राज्य में डीएपी की आपूर्ति प्रभावित होने का वैकल्पिक मार्ग छत्तीसगढ़ सरकार ने निकाल लिया है। किसानों को डीएपी खाद की किल्लत के चलते परेशान होने की जरूरत नहीं है। डीएपी के बदले किसानों को भरपूर मात्रा में इसके विकल्प के रूप में एनपीके और एसएसपी खाद की उपलब्धता सोसायटियों के माध्यम सुनिश्चित की जा रही है। डीएपी की कमी को पूरा करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एनपीके (20:20:013) और एनपीके (12:32:13) के वितरण लक्ष्य में 3.10 लाख मेट्रिक टन तथा एसएसपी के वितरण लक्ष्य में 1.80 लाख मेट्रिक टन की वृद्धि करने के साथ ही इसके भण्डारण एवं वितरण की भी पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित की है। एनपीके और एसएसपी के लक्ष्य में वृद्धि होने के कारण चालू खरीफ सीजन में विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का वितरण लक्ष्य 14.62 लाख मेट्रिक टन से 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गया है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि डीएपी खाद की कमी को लेकर किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इसके विकल्प के रूप में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा अन्य रासायनिक उर्वरक जैसे-एनपीके और एसएसपी की भरपूर व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इंदिरा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों और कृषि विभाग के अधिकारियों के सुझाव के अनुरूप किसान डीएपी के बदले उक्त उर्वरकों का प्रयोग कर बेहतर उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। सोसायटियों से किसानों को उनकी डिमांड के अनुसार खाद-बीज की उपलब्धता सुनिश्चित हो, इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। किसानों की समस्याओं का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
यहां यह उल्लेखनीय है कि चालू खरीफ सीजन में 14.62 लाख मेट्रिक टन उर्वरक वितरण का लक्ष्य कृषि विभाग द्वारा निर्धारित किया गया था, जिसमें यूरिया 7.12 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 3.10 लाख मेट्रिक टन, एनपीके 1.80 लाख मेट्रिक टन, एमओपी 60 हजार मेट्रिक टन, एसएसपी 2 लाख मेट्रिक टन शामिल था। डीएपी के कमी को देखते हुए कृषि विभाग ने इस लक्ष्य को संशोधित किया है। डीएपी की आपूर्ति की कमी चलते इसके लक्ष्य को 3.10 लाख मेट्रिक टन से कमकर 1.03 लाख मेट्रिक टन किया गया है, जबकि एनपीके के 1.80 लाख मेट्रिक टन के लक्ष्य को बढ़ाकर 4.90 लाख मेट्रिक टन और एसएसपी के 2 लाख मेट्रिक टन को बढ़ाकर 3.53 लाख मेट्रिक टन कर दिया गया है। यूरिया और एमओपी के पूर्व निर्धारित लक्ष्य को यथावत् रखा गया है। इस संशोधित लक्ष्य के चलते रासायनिक उर्वरकों के वितरण की मात्रा 14.62 लाख मेट्रिक टन से बढ़कर अब 17.18 लाख मेट्रिक टन हो गई है।
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि डीएपी की कमी को अन्य उर्वरकों के निर्धारित मात्रा का उपयोग कर पूरी की जा सकती है और फसल उत्पादन बेहतर किया जा सकता है। फसलों के लिए जरूरी पोषक तत्व जैसे नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश सहित मात्रा में मिले तो उपज में कोई कमी नहीं आती है। डीएपी की कमी को देखते हुए किसानों को अन्य फॉस्फेट खादों के उपयोग की सलाह दी है। डीएपी के प्रत्येक बोरी में 23 किलोग्राम फॉस्फोरस और 9 किलोग्राम नाइट्रोजन होता है। इसके विकल्प के रूप में तीन बोरी एसएसपी और एक बोरी यूरिया का उपयोग करने से पौधों को पर्याप्त मात्रा में फॉस्फोरस, कैल्सियम, नाइट्रोजन और सल्फर मिल जाता है। एसएसपी उर्वरक पौधों की वृद्धि के साथ-साथ जड़ों के विकास में भी सहायक है, इसके उपयोग से फसल की क्वालिटी और पैदावार बढ़ाने में मदद मिलती है। डीएपी की कमी को दूर करने के लिए किसान जैव उर्वरकों का भी उपयोग कर सकते हैं।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ-2025 में किसानों को विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 12.13 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों का भण्डारण कराया गया है, जिसमें से 7.29 लाख मेट्रिक टन का वितरण किसानों को किया जा चुका है। राज्य में वर्तमान में सहकारी और निजी क्षेत्र में 4.84 लाख मेट्रिक टन खाद वितरण हेतु उपलब्ध है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। रजक समाज के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय को आगामी 20 जुलाई को बिलासपुर में आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय युवा सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री श्री साय से समाज के युवाओं के उत्थान एवं कौशल विकास के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की तथा राज्य सरकार द्वारा समाज के कल्याणार्थ किए जा रहे कार्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने रजक समाज की एकजुटता और प्रगति की सराहना करते हुए सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ रजककार विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री प्रह्लाद रजक उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शासन की हर योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे-उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
नारायणपुर जिले के अतिसंवेदनशील क्षेत्र इरकभट्टी पहुँचे उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा एवं वनमंत्री श्री कश्यप
अबूझमाड़ क्षेत्र के इरकभट्टी कैम्प में जवानों से की बातचीत
बच्चों के साथ बैठकर किया दोपहर का भोजन
रायपुर : नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ क्षेत्र के अतिसंवेदनशील क्षेत्र इरकभट्टी में आज उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा तथा नारायणपुर विधायक एवं वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों के जवानों और ग्रामीणों से सीधे संवाद किया। इरकभट्टी के आश्रम का भ्रमण तथा अधिकारियों के साथ बैठक लेकर विकास योजनाओं की समीक्षा की। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि बस्तर संभाग के सातों जिलों में ग्राम पंचायतों से लेकर जनपद एवं जिला पंचायतों तक आदिवासी समाज की भागीदारी प्रमुख रूप से है। 12 में से 11 विधायक और दोनों सांसद भी आदिवासी समाज से हैं। यानी शासन की पूरी व्यवस्था में आदिवासी समाज अग्रणी है।
ऐसे में किसी को भड़काने या गुमराह करने की कोशिश को नकार देना चाहिए। हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि शासन की हर योजना अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। उन्होंने कहा कि अबुझमाड़ क्षेत्र में योजनाएं इसलिए नहीं पहुंच पाईं क्योंकि कुछ लोगों ने जानबूझकर विकास को बाधित किया। अब वह समय समाप्त हो चुका है। महतारी वंदन योजना का लाभ यहां की हर पात्र महिला तक पहुंचेगा। शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और आजीविका से जुड़ी योजनाएं पूरी मजबूती के साथ आगे बढ़ रही हैं। स्कूलों की स्थिति सुधारी जाएगी ताकि यहां के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
इस दौरान श्री विजय शर्मा ने स्वामी विवेकानंद आश्रम इरकभट्टी का भी निरीक्षण किया और बच्चों से बातचीत कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने स्कूली बच्चों के साथ बैठकर दोपहर का भोजन भी किया। कैम्प में अधिकारियों के साथ अबुझमाड़ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों की विस्तृत समीक्षा की गई और आगामी कार्य योजना पर विचार-विमर्श किया गया। मार्ग में नियद नेल्लानार गांव में चल रहे निर्माण कार्यों का निरीक्षण कर उपमुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी कार्य समयबद्धता और गुणवत्ता के साथ पूरे किए जाएं।
नारायणपुर विधायक एवं वनमंत्री श्री केदार कश्यप ने अपने संबोधन में कहा कि हमें तय करना है कि विकास करना है या नहीं। जब सड़क का प्लान है तो रास्ता भी देना पड़ेगा। कुछ लोग मना करते हैं, लेकिन हमें उन्हें समझाना होगा कि यह हमारे बच्चों के लिए जरूरी है। यहां तालाब नहीं है, पानी की कमी है, बस सेवा की जरूरत है यह सब तभी संभव होगा जब सड़क होगी। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह का सपना है कि गांव-गांव तक सड़क पहुंचे।उन्होंने आगे कहा कि पहले की तुलना में आज चावल, राशन, स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। हमारी पारंपरिक फसलें जैसे रागी और मंडिया की देश-विदेश में मांग है। हमें प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना है और रासायनिक खादों से बचना है। सरकार ब्रांडिंग और बाज़ार तक पहुँच सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है।
श्री कश्यप ने यह भी बताया कि 23 जून को केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह का दौरा प्रस्तावित था, लेकिन भारी बारिश के कारण वह नहीं आ सके। उन्होंने व्यक्तिगत रूप से आग्रह किया कि मैं स्वयं और उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री श्री शर्मा जाकर लोगों से मिलूं और उनकी मांगों को लेकर सरकार में चर्चा करूं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
विद्यार्थियों से आत्मीय संवाद, बच्चों को पढ़ने के लिए किये प्रेरित
नारायणपुर : प्रदेश के उप मुख्यमंत्री एवं गृह, जेल, पंचायत, ग्रामीण विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी श्री विजय शर्मा एवं संसदीय कार्य, वन एवं जलवायु परिवर्तन, जल संसाधन, कौशल विकास एवं सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप ने जिले के नियद नेल्लानार योजना अंतर्गत संचालित ग्रामों का दौरा किया। उन्होंने ओरछा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कच्चापाल के आश्रित ग्राम ईरकभट्टी पहुंचकर प्राथमिक शाला निरीक्षण किया।मंत्रियों ने स्कूल के बच्चों से आत्मीय संवाद करते हुए उनका परिचय पूछते हुए उत्साहवर्धन किया। बच्चों से खुश होकर मंत्रियों ने कहा कि खूब पढ़ें और अपने क्षेत्र के साथ साथ राज्य का नाम भी रोशन करें। इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष नारायण मरकाम, उपाध्यक्ष प्रताप सिहं मण्डावी, अध्यक्ष जनपद पंचायत ओरछा नरेश कोर्राम, उपाध्यक्ष मगंड़ूराम नूरेटी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह, कमिश्नर बस्तर डोमन सिंह, आईजी बस्तर सुन्दरराज पी., कलेक्टर प्रतिष्ठा ममगाईं, जिला पंचायत सीईओ आकांक्षा शिक्षा खलखो, सहायक आयुक्त राजेन्द्र सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी रमेश कुमार निषाद सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।