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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नारायणपुर का वार्ड क्रमांक 10 स्ट्रीट लाईट से हुए जगमग
कई आवेदकों को मिला आयुष्मान कार्ड, श्रम कार्ड, राशन कार्ड, लर्निंग लाइसेंस
बैगा आदिवासी की समस्या का हुआ तुरन्त निदान, 24 घंटे के भीतर मिली ट्राइसिकल
तेलीटोला में प्राथमिक शाला भवन के लिए 15 लाख की मिली स्वीकृति
पारदर्शी और गंभीरता के साथ प्राप्त आवेदनों का हो रहा है निराकरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रहे प्रदेशव्यापी सुशासन तिहार-2025 के पहले चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक लोगों से प्राप्त आवेदनों के निराकरण की कार्यवाही जिलों में शुरू हो गई है। सभी जिलों में प्राप्त आवेदनों का निराकरण पूरी तत्परता के साथ किया जा रहा है।
गौरतलब है अभियान के दूसरे चरण में प्राप्त आवेदनों का निराकरण एक माह के भीतर निराकरण किया जाना है। इसके बाद तीसरे चरण में 05 मई से 31 मई तक समाधान शिविर का आयोजन किया जाएगा। इन शिविरों में मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायक, स्थानीय जनप्रतिनधि तथा संबंधित अधिकारी-कर्मचारी जनता से रूबरू होंगे।
सुशासन अभियान के तहत बिलासपुर जिले में एक संवेदनशील पहल देखने को मिली। कोटा ब्लॉक के ग्राम के ग्राम पंचायत करका निवासी श्री मंगल सिंह बैगा को आवेदन देते ही महज 24 घंटे के भीतर ट्राइसाइकिल मिली। वे दिव्यांग पेंशन की पात्रता सूची में भी आ गए हैं जल्द ही उन्हें पेंशन भी मिलने लगेगी। मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के ग्राम पंचायत तेलीटोला के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास से नवीन प्राथमिक शाला भवन निर्माण के लिए तत्काल दी 15 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। तेलीटोला स्थित प्राथमिक शाला भवन जर्जर अवस्था में होने के चलते बच्चों के पढ़ाई लिखाई में समस्या उत्पन्न हो रही थी। अब ग्राम तेलीटोला को उनकी इस समस्या से निजात मिल गई है।
सुशासन अभियान के तहत नारायणपुर जिले के जीवन राम साहू को उनके मांग के आधार पर स्ट्रीट लाईट की सुविधाएं उपलब्ध हो गई है। नारायणपुर के वार्ड क्रमांक 10 मुरियापारा निवासी जीवन साहू ने सुशासन तिहार में स्ट्रीट लाईट के लिए आवेदन किया था। महासमुंद जिले के ग्राम पंचायत जंघोरा, विकासखंड पिथौरा निवासी श्री मनोहर सिंह पटेल ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष्मान कार्ड बनवाने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया था। पूर्व में किसी तकनीकी कारणवश उनका कार्ड नहीं बन पाया था, जिससे वे योजना का लाभ नहीं ले पा रहे थे। उनके आवेदन को गंभीरता से लिया गया और मात्र 24 घंटे के भीतर समाधान कर दिया गया।
जिला राजनांदगांव के शीतला माता वार्ड निवासी श्रीमती भारती देवांगन के आवेदन पर उन्हें तत्काल श्रमिक कार्ड बनाकर दिया गया। इसी क्रम में रायपुर जिले के ग्राम सांकरा निवासी श्री विकास मिश्रा के आवेदन प्राप्त होते ही परिवहन विभाग द्वारा श्री मिश्रा से संपर्क किया गया। उनसे दस्तावेज लेकर प्रक्रिया पूर्ण करवाई गई और ड्राइविंग टेस्ट लिया गया। सभी औपचारिकताओं के उपरांत उन्हें लर्निंग लाइसेंस जारी कर किया गया। मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के विकासखण्ड भरतपुर के कर्री की निवासी निर्मला जोगी को 15 अप्रैल को राशन कार्ड जारी कर दिया गया। इस समाधान के लिए निर्मला जोगी मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को इस अभियान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया है।
बस्तर जिले के लोहण्डीगुड़ा ब्लॉक अंतर्गत धुरागांव निवासी शम्भूनाथ कश्यप के परिवार में पहले केवल दो सदस्य माता समली कश्यप और वह स्वयं ही थे लेकिन तीन वर्ष पहले विवाह होने के बाद पत्नी महादई कश्यप और दो साल का बेटा प्रभात भी अब परिवार में सदस्य हैं। इन दोनों का नाम उन्हें प्रदत्त प्राथमिकता राशनकार्ड में शामिल नहीं था। शम्भूनाथ ने राशनकार्ड में अपनी पत्नी और बेटे का नाम जुड़वाने के लिए सुशासन तिहार के दौरान ग्राम पंचायत में आवेदन जमा किया था, आवेदन पर तत्परता के साथ कार्यवाही करते हुए एक सप्ताह के भीतर ही राशनकार्ड में नाम जोड़कर शम्भूनाथ को नया राशनकार्ड प्रदान कर दिया गया है।
रायगढ़ जिले के ननसिया के श्री सुन्दरलाल उरांव तथा श्रीमती अनीता बाई का पंजीयन कर हितग्राहियों को श्रमिक कार्ड प्रदान किया गया। पुसौर विकासखंड के ग्राम पंचायत ओड़ेकेरा के हितग्राही सुदर्शन खडिय़ा के आवेदन पर उन्हें ट्रायसायकल एवं बैसाखी प्रदाय किया गया। सुदर्शन 80 प्रतिशत दिव्यांग हैं। जिसके चलते उन्हें कहीं भी आने-जाने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। सुदर्शन ने कहा कि ट्रायसाइकिल मिलने से अब उनकी दूसरों पर निर्भरता कम होगी और उन्हें कहीं आने जाने में सहूलियत होगी। -
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प्रदेश का पहला नक्सल सदस्य मुक्त ग्राम पंचायत बना सुकमा जिले का बडेसट्टी गांव
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने सुकमा जिले में 11 सक्रिय माओवादियों के सामूहिक आत्मसमर्पण को ऐतिहासिक बताया है। उन्होंने कहा कि “मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के समाधान के लिए जिस संवेदनशील और दूरदर्शी नीति को अपनाया है, उसका परिणाम अब ज़मीनी स्तर पर दिखने लगा है। आज का आत्मसमर्पण इस बात का प्रमाण है कि विश्वास, पुनर्वास और विकास की त्रिस्तरीय रणनीति से माओवादियों को मुख्यधारा से जोड़ने में सफलता मिल रही है। मैं आत्मसमर्पण करने वाले सभी का स्वागत करता हूँ और उन्हें एक नए जीवन की शुरुआत के लिए शुभकामनाएं देता हूँ।छत्तीसगढ़ शासन की “नक्सलवादी आत्मसमर्पण एवं पीड़ित राहत पुनर्वास नीति - 2025” एवं “नक्सली इलवद पंचायत योजना” के तहत, आज सुकमा जिले की ग्राम पंचायत बड़ेसट्टी से कुल 11 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय सुकमा में आत्मसमर्पण किया। इस प्रकार बडेसट्टी ग्राम नक्सल सदस्य मुक्त होने वाला प्रदेश का पहला ग्राम पंचायत होगा। इस योजना के तहत ग्राम पंचायत को 1 करोड़ रुपये के निर्माण कार्यो की स्वीकृति मिलेगी।उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नियद नेल्लानार योजना, पुलिस जवानों की सतत उपस्थिति, नक्सली संगठनों की क्रूरता और भेदभाव तथा शासन की नई नीतियों से मिले भरोसे से मिली। यह घटना न केवल बड़ेसट्टी पंचायत के लिए, बल्कि समूचे सुकमा और बस्तर अंचल के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है – कि अब बंदूक नहीं, विकास की राह ही बदलाव का मार्ग है। उपमुख्यमंत्री ने कहा की अब नक्सलमुक्त ग्राम पंचायत घोसित होने की शुरुआत सुकमा जिले से हो चुकी है, निश्चित रूप से बस्तर सहित पूरे प्रदेश के ग्राम पंचायत अब नक्सलमुक्त होंगे। नक्सलमुक्त होते ही ग्राम पंचायत का भी विकास होगा।नक्सली इलवद पंचायत योजना के तहत ऐसे ग्राम पंचायतों को जहाँ से सभी सक्रिय नक्सली संगठन छोड़कर समाज की मुख्यधारा में लौटते हैं, “नक्सल-मुक्त ग्राम पंचायत” घोषित किया जाता है। शासन की इस योजना के अंतर्गत ऐसे ग्राम पंचायतों को ₹1 करोड़ की राशि निर्माण कार्यों हेतु तत्काल स्वीकृत की जाती है। यह राशि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल, सामुदायिक भवन जैसे प्राथमिक ढांचे के विकास में व्यय की जाती है, जिससे क्षेत्र में स्थायी शांति और विकास सुनिश्चित किया जा सके।आत्मसमर्पित माओवादियों में से चार पर दो-दो लाख रुपये और एक पर पचास हजार रुपये का कुल ₹8.50 लाख का इनाम घोषित था। सभी आत्मसमर्पितों को पुनर्वास नीति के अंतर्गत ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि, वस्त्र और अन्य आवश्यक सुविधाएँ प्रदान की गईं हैं। शासन द्वारा उन्हें आगे स्वरोजगार, शिक्षा और सामाजिक पुनःस्थापन की दिशा में हर संभव सहायता दी जाएगी। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
रायपुर : मंत्रिपरिषद की बैठक में परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं के हित में निर्णय लिया गया कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग, छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मण्डल एवं विशेष कनिष्ठ कर्मचारी चयन बोर्ड, सरगुजा/बस्तर/बिलासपुर द्वारा आयोजित परीक्षाओं में छत्तीसगढ़ के स्थानीय निवासी अभ्यर्थी जो परीक्षा अथवा साक्षात्कार में उपस्थित होंगे उन्हें उनके द्वारा दी गई परीक्षा शुल्क की राशि वापस की जाएगी।
इससे सिरियस केन्डीडेट की परीक्षा में उपस्थिति का प्रतिशत बढ़ेगा, वहीं नॉन सिरियस केन्डीडेट और इनइलिजिबल केन्डीडेट परीक्षा फॉर्म नहीं भरेंगे और इनके कारण राज्य शासन को होने वाली आर्थिक क्षति भी कम होगी।
कैबिनेट की बैठक में राज्य के छोटे व्यापारियों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के प्रारूप में निहित संशोधन का अनुमोदन किया गया।
जिसके अनुसार राज्य सरकार छोटे व्यापारियों को प्रोत्साहित करेगी और 10 साल से अधिक पुराने लंबित मामलों में 25 हजार रूपए तक की वैट देनदरियों को माफ करेगी। इससे 40 हजार से अधिक व्यापारियों को लाभ होगा और 62 हजार से अधिक मुकदमेबाजी के मामलों में कमी आएगी।
कैबिनेट की बैठक में नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ में एन.आई.एफ.टी. (NIFT) के कैम्पस को मंजूरी प्रदान की गई। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) का नया कैम्पस छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में स्थापित किया जाएगा। कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब 271.18 करोड़ रुपये होगी। इसमें भूमि क्रय हेतु 21.18 करोड़, भवन निर्माण के लिए 200 करोड़ और मशीनरी, फर्नीचर आदि के लिए 50 करोड़ रुपये का व्यय शामिल है।
इस संस्थान की स्थापना से फैशन शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश के युवाओं को नए अवसर मिलेंगे और फैशन उद्योग को तकनीकी रूप से प्रशिक्षित मानव संसाधन भी उपलब्ध हो सकेंगे। राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (NIFT) भारत में फैशन शिक्षा का एक प्रमुख संस्थान है, जिसकी स्थापना 1986 में कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार के तहत हुई थी। एन.आई.एफ.टी. के पूरे भारत में 17 परिसर हैं, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बेंगलुरु शामिल हैं। यह संस्थान फैशन डिजाइन, प्रबंधन और प्रौद्योगिकी में स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रम प्रदान करता है। संस्थान फैशन डिजाइन, टेक्सटाइल डिजाइन, फैशन प्रबंधन और फैशन प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में विशेषज्ञता रखता है। यह छात्रों को व्यावहारिक अनुभव और प्लेसमेंट के अवसर प्रदान करने के लिए फैशन उद्योग के साथ सहयोग करता है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य के नगरीय निकायों में जैव अपशिष्ट सह कृषि अपशिष्ट के प्रसंस्करण हेतु स्थापित किये जा रहे बायो-सीएनजी संयंत्रों हेतु रियायती लीज (Lease) दरों पर शासकीय भूमि आबंटन किये जाने की सहमति प्रदान करते हुए आगे की कार्यवाही के लिए नगरीय प्रशासन विभाग एवं संबंधित नगर निगमों को अधिकृत किया है।
मंत्रिपरिषद ने राज्य में सहकारिता को प्रोत्साहन दिये जाने के उद्देश्य से सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत शक्कर वितरण हेतु अप्रैल 2025 से मार्च 2026 तक आवश्यक शक्कर का क्रय राज्य के सहकारी शक्कर कारखानों से करने का निर्णय लिया है। इस हेतु शक्कर का क्रय मूल्य 37,000 रू. प्रति टन (एक्स फैक्ट्री, जी.एस.टी. अतिरिक्त) निर्धारित किया गया है।
मंत्रिपरिषद ने स्थानीय रोजगार और सूक्ष्म-लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (BEML) को राज्य में हैवी अर्थ मूविंग इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरिंग संयंत्र स्थापित करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी है। इसके लिए 100 एकड़ भूमि को टोकन दर पर आबंटित करने का निर्णय लिया है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के चार होनहार खिलाड़ियों ने नेपाल के पोखरा शहर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय बॉडीबिल्डिंग एवं वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में दमदार प्रदर्शन करते हुए छत्तीसगढ़ और देश का परचम लहराया है। अंतर्राष्ट्रीय संयुक्त भारतीय खेल संघ द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता में भारत, नेपाल, पाकिस्तान, भूटान, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार समेत सात देशों के 300 से अधिक खिलाड़ियों ने भाग लिया। भारत की ओर से छत्तीसगढ़ के कवर्धा से सूरज राजपूत, दीपाली सोनी, अभिषेक तिवारी और अनुराग जांगड़े ने इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में भाग लेकर स्वर्ण पदक हासिल किए।
ज्ञात हो कि बॉडीबिल्डिंग स्पर्धा में कबीरधाम के सूरज राजपूत ने सात देशों के प्रतिभागियों को पीछे छोड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज पूर्व में मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल बॉडीबिल्डिंग चौंपियनशिप और पावरलिफ्टिंग में भी पदक जीत चुके हैं। वर्तमान में वे कवर्धा के “भारत हेल्थ क्लब” में कोच की भूमिका निभा रहे हैं और लगभग 50 युवाओं को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। दीपाली सोनी, जो कि जिले की पहली महिला स्वर्ण विजेता वेटलिफ्टर बनीं, उन्होंने 76 किलोग्राम वर्ग में जीत दर्ज की। वे इससे पहले राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। पुरुषों की 67 किलोग्राम श्रेणी में सब-जूनियर वर्ग के अभिषेक तिवारी ने स्वर्ण पदक हासिल किया। इसके पहले स्कूल नेशनल गेम्स में भी पदक जीत चुके हैं। वहीं 14 वर्षीय अनुराग जांगड़े, जिन्होंने 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक अपने नाम किया, पहले भी जिला और स्कूल स्तरीय कई प्रतियोगिताओं में अव्वल रहे हैं।
गौरतलब है कि इन चारों खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करने का श्रेय भी सूरज राजपूत को जाता है, जो वर्षों से समर्पण भाव से निःशुल्क प्रशिक्षण देकर जिले के युवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तैयार कर रहे हैं। सूरज राजपूत ने अपनी सफलता और टीम की उपलब्धियों के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, खेल मंत्री श्री टंक राम वर्मा के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह उपलब्धि जिले के साथ-साथ राज्य के हर युवा की प्रेरणा बनेगी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में दुबई में अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित होगी, जिसकी तैयारी भी वे कवर्धा से ही पूरी निष्ठा के साथ करेंगे। नेपाल की धरती पर खिलाड़ियों द्वारा किया गया यह प्रदर्शन न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
बॉडी बिल्डिर सूरज राजपूत
बॉडीबिल्डिंग की दुनिया में सूरज राजपूत का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। नेपाल की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में उन्होंने सात देशों के धुरंधरों को पछाड़ते हुए इंटरनेशनल मिस्टर ओवरऑल का खिताब अपने नाम किया। सूरज राजपूत कहा कि यह जीत सिर्फ मेरी नहीं, पूरे छत्तीसगढ़ की है। छोटे शहर से निकलकर अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचना आसान नहीं होता, लेकिन अगर मन में जुनून हो और मार्गदर्शन सही हो, तो कोई भी मंजिल दूर नहीं। सूरज ‘भारत हेल्थ क्लब’ में बतौर कोच लगभग 50 खिलाड़ियों को निःशुल्क प्रशिक्षण दे रहे हैं। वे मिस्टर छत्तीसगढ़, सीनियर नेशनल और पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भी मेडल जीत चुके हैं।
वेटलिफ्टर दीपाली सोनी
76 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाली कबीरधाम जिले की दीपाली सोनी कबीरधाम की पहली महिला वेटलिफ्टर बनी हैं। जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर इतिहास रच दिया। दीपाली सोनी अपना अनुभव साझा करती हुए कहती है कि नेपाल की यात्रा मेरे लिए बेहद प्रेरणादायक रही। पहली बार विदेश जाकर खेलना और तिरंगा लहराना एक सपना था, जो पूरा हुआ। मुझे खुशी है कि अब जिले की अन्य बेटियां भी वेटलिफ्टिंग जैसे खेलों में आगे बढ़ने की प्रेरणा लेंगी।” दीपाली पहले भी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीत चुकी हैं।
वेटलिफ्टर अभिषेक तिवारी
67 किलोग्राम वर्ग के सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग कैटेगरी में अभिषेक तिवारी ने गोल्ड मेडल जीतकर अपनी कड़ी मेहनत का शानदार उदाहरण पेश किया। अभिषेक तिवारी कहते हैं कि जब मेरे गले में मेडल आया, तो मुझे अपने माता-पिता, गुरुजी और पूरे जिले की मेहनत याद आई। नेपाल में रहना, वहां के खिलाड़ी और माहौल सभी कुछ नया था, लेकिन हमने भारत का झंडा ऊंचा रखने का संकल्प लिया था।
वेटलिफ्टर अनुराग जांगड़े
सिर्फ 14 वर्ष की उम्र में 109 किलोग्राम वर्ग में सब-जूनियर वेटलिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाले अनुराग जांगड़े ने सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा। अनुराग जांगड़े ने अपनी कैरियर की पहली विदेश यात्रा में मिले उपलब्धियों की खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “मैं बहुत खुश हूं कि इतनी छोटी उम्र में देश के लिए स्वर्ण पदक जीत पाया। यह सब मेरे कोच सूरज सर की वजह से संभव हुआ, जिन्होंने हमें दिन-रात निःस्वार्थ भाव से मुझे तैयार किया।” विदेश में राष्ट्रीय ध्वज लहराने की खुशी में शब्दों में बयां नही कर सकता। -
पात्र परिवारों को पक्का मकान दिलाना हमारी जिम्मेदारी : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा
राज्य में 15 से 30 अप्रैल तक चलेगा मोर दुआर-साय सरकार महाभियान
रायपुर : उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा आज बस्तर जिले के ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण के अंतर्गत 'आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा' के तहत 3 हितग्राहियों के घर जाकर ‘आवास प्लस 2024 (2.0)’ मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया। ग्रामवासियों से आत्मीय संवाद किया। उप मुख्यमंत्री के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में भारी उत्साह दिखाई दिया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विशेष पहल पर 15 दिवसीय मोर दुआर-साय सरकार महाभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है। इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने ग्राम शासनकचौरा और हलबा कचौरा में आयोजित कार्यक्रम में स्वयं लाभार्थियों क्रमशः बृन्दावती भारती, दुलारी भारती और गुड्डुराम बघेल से चर्चा करते हुए उनके मकान की स्थिति जानी। उन्होंने ग्रामवासियों से सीधा संवाद करते हुए यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी पात्र परिवार सामने आएंगे, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र योजना में सम्मिलित किया जाएगा।हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार : उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले, जिसमें पक्का मकान एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संकल्प के साथ कार्य कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत कुल 11,50,315 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 9,41,595 मकानों की पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1,78,476 मकान पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। अब तक कुल 3,59,037 लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए लाभार्थी स्वयं भी मोबाइल ऐप के जरिए अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा GRIH पोर्टल भी विकसित किया गया है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज शाम उनके निवास कार्यालय में पदभार ग्रहण उपरांत छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ वर्णिका शर्मा ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर उन्होंने डॉ.वर्णिका शर्मा को उनके नई एवं महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए हार्दिक शुभकामनाएं दी।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कहा कि डॉ. वर्णिका शर्मा काफी समय से आम जनता की सुरक्षा के साथ साथ बाल अधिकारों के सरंक्षण तथा सुरक्षा के प्रति सजगता से कार्य करते हुए जुड़ी हुई है। इनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग को एक नई दिशा मिलेगी और प्रदेश में बाल अधिकारों तथा उनके सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए प्रभावी ढंग से कार्य होंगे।
इस मौके पर राजनांदगांव सांसद श्री संतोष पांडेय,छत्तीसगढ़ राज्य बाल संरक्षण आयोग सचिव श्री प्रतीक खरे, बाल संरक्षण पर कार्य करने वाले सामाजिक संगठन के सदस्यों सहित उनके परिवार के सदस्य गण उपस्थित रहे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दो दिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान स्थानीय सर्किट हाउस में मंगलवार देर शाम को स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाज प्रमुखों एवं सामाजिक संगठनों के पदाधिकारियों से चर्चा की, जहां पर उनसे विभिन्न समाज, संगठन और समिति के प्रतिनिधि मंडलों ने सौजन्य भेंट कर अपनी मांगों और समस्याओं से अवगत कराया।
सर्किट हाउस परिसर में मुख्यमंत्री ने माहरा समाज, विश्वकर्मा समाज, कंवर समाज के प्रमुखजनों को क्रमशः आमंत्रित कर उनकी मांगें सुनीं। इसके अलावा बस्तर किसान संघ, नगरपालिक निगम जगदलपुर के पार्षदगणों और विद्युत वितरण कम्पनी के कार्यालयीन कर्मचारी संघ की मांगों और समस्याओं से मुख्यमंत्री रुबरु हुए। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल के प्रमुखजनों से कहा कि प्रदेश सरकार सभी वर्ग की समस्याओं और मांगों को लेकर संवेदनशील व गंभीर है तथा इसके समाधान के लिए वह हरसंभव प्रयास करेगी। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, महापौर श्री संजय पाण्डे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री बलदेव मंडावी सहित अन्य जनप्रतिनिधी एवं अधिकारीगण मौजूद थे।
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नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही कार्य: मुख्यमंत्री श्री साय
अंतिम छोर तक योजनाओं का पहुंचे लाभ और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच हो सुनिश्चित - मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज बस्तर कलेक्ट्रेट सभाकक्ष 'प्रेरणा' में संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न योजनाओं की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को हितग्राहीमूलक योजनाओं का सुचारू कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हुए प्राथमिकता से निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के विकास की यात्रा अब ठहराव नहीं, निरंतर गति की मांग करती है। हमारा प्रयास है कि अंतिम छोर तक योजनाओं का लाभ पहुंचे और हर हितग्राही तक शासन की पहुँच सुनिश्चित हो।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर अब पिछड़ेपन का प्रतीक नहीं, नए भारत की संभावनाओं का प्रवेश द्वार बन रहा है। यहां का हर गाँव, हर परिवार विकास की मुख्यधारा से जुड़े — यही हमारा लक्ष्य है। आयुष्मान, आधार, आवास और विद्युतीकरण जैसी योजनाएं केवल सरकारी परियोजनाएं नहीं, बल्कि आम जन की गरिमा और सुरक्षा की गारंटी हैं।उन्होंने कहा कि बस्तर के युवा हमारी सबसे बड़ी पूंजी हैं। हम उन्हें सिर्फ कौशल नहीं, स्वाभिमान देना चाहते हैं। अब हमारा मंत्र है — हर घर में उजाला, हर हाथ में रोजगार और हर दिल में विश्वास। यही बस्तर की नई पहचान होगी, और यहीं से छत्तीसगढ़ की विकास गाथा को नई ऊँचाई मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आज की बैठक अत्यंत उपयोगी रही और इसमें बस्तर संभाग के विकास, शांति स्थापना और योजनाओं की प्रगति को लेकर गहन विचार-विमर्श हुआ। यह देखकर संतोष होता है कि बस्तर संभाग में शासन और प्रशासन की टीम युवा, ऊर्जावान और संकल्पबद्ध दिख रही है। जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और समस्त अधिकारियों की उपस्थिति यह प्रमाणित करती है कि हम सब विकास के प्रति गंभीर हैं और बस्तर में शांति स्थापना के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने निर्देश दिए कि नक्सलवाद के समूल उन्मूलन हेतु सरकार पूरी ताक़त और समर्पण के साथ काम कर रही है। केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में नक्सल उन्मूलन का कार्य तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है और यह लक्ष्य 31 मार्च 2026 तक पूर्ण करने का संकल्प है। हमारे सुरक्षा बलों का साहस, समर्पण और रणनीति के साथ काम करना इस दिशा में बड़ी उपलब्धि है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने जा रहा है। उन्होंने जाति प्रमाणपत्र की प्रक्रिया को समयबद्ध और सरल बनाने के निर्देश दिए ताकि बच्चों को कोई कठिनाई न हो। उन्होंने कहा कि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों की आशंका रहती है, ऐसे में सीएससी स्तर और स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाइयों की उपलब्धता और चिकित्सकीय व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त रखें।उन्होंने कहा कि बस्तर में उद्योग की स्थापना को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, महिलाओं और स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देते हुए उद्योग नीति में ऐसे प्रावधान किए गए हैं जिनसे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वावलंबन की दिशा में आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि बस्तर में अपूर्ण योजनाओं को शीघ्र पूर्ण करने के प्रयास किए जा रहे हैं और जगदलपुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ानें प्रारंभ करने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य अधोसंरचना परियोजनाओं पर भी गति लाई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात की आवश्यकता है कि सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे। आदिवासी बहुल क्षेत्र होने के कारण यह और भी आवश्यक हो जाता है कि हम व्यक्तिगत लाभ आधारित योजनाओं को प्राथमिकता दें और प्रत्येक परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त करें। मोबाइल नेटवर्क की समस्याओं के कारण कई बार आधार, राशन, बैंकिंग जैसी सेवाएं बाधित होती हैं। संबंधित एजेंसियों से समन्वय कर इसका शीघ्र समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क और संचार उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने परिवहन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के सम्बन्ध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित बसें चलाने की आवश्यकता है ताकि जनता को सुरक्षित व सुलभ आवागमन का साधन मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसी सांस्कृतिक गतिविधियों में जनता की जबरदस्त भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि लोग विकास से जुड़ना चाहते हैं और नक्सलवाद की विचारधारा से दूर होना चाहते हैं। हमें इसी विश्वास को और मजबूत करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों की शिकायतों को गंभीरता से लें, उन्हें सम्मान दें, और धैर्यपूर्वक उनकी बातों को सुनें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों में प्रशासनिक कुशलता के साथ मानवीय संवेदनशीलता भी आवश्यक है। बस्तर संभाग की जनता का विश्वास हमारी सबसे बड़ी पूंजी है और हमें पूरी निष्ठा के साथ उनके कल्याण के लिए कार्य करना है।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में समूचा बस्तर अलग ही परिदृश्य में दिखाई दे रहा है, बस्तर उन्नति की कहानी लिख रहा है। यह सभी के परिश्रम का परिणाम है। बस्तर की आवश्यकता का ध्यान रखते हुए कार्ययोजना बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी निर्माण कार्यो को समयावधि में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बारिश के पहले ही निर्माण कार्य पूर्ण हो।
बैठक के दौरान बस्तर संभाग के आयुक्त श्री डोमन सिंह ने क्षेत्र में हुए विकास कार्यों की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 87.24 प्रतिशत और आधार कार्ड निर्माण में 96.37 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने आयुष्मान कार्ड और आधार कार्ड में शतप्रतिशत लक्ष्यपूर्ति के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए।
बैठक में अंदरूनी क्षेत्रों में नेटवर्क की समस्या के समाधान के लिए मोबाइल टावर लगाने की कार्ययोजना पर भी चर्चा हुई।बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 93.37 प्रतिशत प्रगति हुई है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी पात्र हितग्राही आवास से वंचित न रहे, और सभी निर्माण कार्य आगामी दिसंबर माह तक पूर्ण कर लिए जाएँ। आवश्यक निर्माण सामग्री की आपूर्ति पंचायतों के माध्यम से एकसाथ करने की रणनीति पर भी जोर दिया गया।
बैठक में जानकारी दी गई कि विद्युतीकरण के क्षेत्र में बस्तर संभाग ने उल्लेखनीय प्रगति की है। अब तक 95.89 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच चुकी है। कांकेर जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है, वहीं बस्तर और कोंडागांव में यह आँकड़ा 99 प्रतिशत के पार पहुँच गया है। शेष जिलों में दिसंबर 2025 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड योजना में 91.55 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त किया गया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सुकमा, बीजापुर और नारायणपुर जैसे जिलों में गति लाने के निर्देश दिए। इसी तरह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत 82.88 प्रतिशत किसानों को लाभ मिल रहा है। जनधन खातों में 90.79 प्रतिशत पात्र हितग्राही पंजीकृत हैं। राजस्व संबंधी प्रकरणों जैसे नामांतरण, सीमांकन, त्रुटि सुधार के मामलों में त्वरित एवं समयबद्ध निराकरण के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री साय ने स्थानीय युवाओं को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं से जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने प्रशिक्षित युवाओं को शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिलाने और स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए।
समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, डीजीपी श्री अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, पीसीसीएफ श्री श्रीनिवास राव, बस्तर संभाग के आयुक्त, आईजी पुलिस, सभी जिलों के कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, डीएफओ, जिला पंचायत सीईओ, नगर निगम आयुक्त सहित सभी विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
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रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज 16 अप्रैल को वर्ष 2006 और 2008 की नृशंस घटनाओं में शहीद हुए जवानों एवं नक्सल हिंसा का शिकार बने निर्दोष आदिवासियों को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि 16 अप्रैल हमारे प्रदेश के इतिहास में एक अमानवीय, रक्तरंजित और दुःखद स्मृति के रूप में दर्ज है। 2006 में बीजापुर जिले के उसूर थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मुरकीपार स्थित पुलिस पोस्ट पर नक्सलियों द्वारा किया गयाकायरतापूर्ण हमला आज भी हमें झकझोर देता है। इस हमले में छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की 9वीं वाहिनी 'ए' कंपनी के 4 वीर जवान एवं 7 विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) वीरगति को प्राप्त हुए। 1 पुलिसकर्मी और 3 एसपीओ गंभीर रूप से घायल हुए। उनका बलिदान हमारी सुरक्षा और संविधान की रक्षा के लिए था, जिसे हम कभी नहीं भूल सकते।
उन्होंने आगे कहा कि इसके दो वर्ष पश्चात16 अप्रैल 2008 को बीजापुर थाना क्षेत्र के पामेड़ के जंगलों और खेतों में मुखबिरी के संदेह में 6 निर्दोष आदिवासी – माड़वी देवा, माड़वी कुंजाम, माड़वी सोमारू, माड़वी केसा, माड़वी आयता और करतम देवा (सभी निवासी कंचाल) – की नक्सलियों ने निर्मम हत्या कर दी। यह न केवल अमानवीयता का चरम था, बल्कि उस आदिवासी समाज पर एक गहरा आघात भी था जो शांति और सरलता का प्रतीक है।उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार शहीदों के परिजनों और पीड़ित परिवारों के साथ पूरी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ खड़ी है। नक्सल हिंसा के विरुद्ध यह लड़ाई अंतिम सांस तक जारी रहेगी और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण छत्तीसगढ़ का निर्माण ही हमारे वीरों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। -
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उप मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों के घरों का किया सर्वे
प्रदेश सरकार का संकल्प, हर पात्र व्यक्ति को मिलेगा शत-प्रतिशत आवास - श्री विजय शर्मा
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने ग्राम पंचायत हल्बा कचोरा के आश्रित ग्राम शासन कचोरा में आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण विशेष पखवाड़ा के अंतर्गत सर्वे किया, जिसके तहत पात्र हितग्राहियों के घरों का सर्वेक्षण कर उन्हें आवास योजना से लाभान्वित किया जाएगा।इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ने कई घरों का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याएं भी सुनीं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि पात्र सभी व्यक्तियों को जल्द ही आवास की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा, अब सरकार ने आवास योजनाओं का दायरा बढ़ा दिया है। जो भी पात्र हैं, उन्हें शत-प्रतिशत आवास मिलेगा।
ग्राम की हितग्राही दुलारी भारती, ब्रुदावती भारती और प्रतिमा बघेल ने उप मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। इस दौरान प्रतिमा बघेल के 7 वर्षीय पुत्र यूस बघेल ने मोबाइल से क्लिक कर सर्वे की प्रक्रिया पूरी की। हितग्राही प्रतिमा बघेल, पति गुड्डूराम बघेल, दुलारी भारती, पति भारत भारती और ब्रुदावती भारती, पति धनेश्वर भारती तीनों परिवार मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं और वर्षों से अपने पक्के घर के सपने को साकार करने की प्रतीक्षा कर रहे थे। उप मुख्यमंत्री के सर्वे से उनकी उम्मीदों को पंख लग गए हैं। उन्हें विश्वास हो गया है कि शीघ्र ही उन्हें उनके सपनों का घर मिलेगा।उन्होंने यह भी कहा कि सरकार जनता के साथ है और उनकी हर समस्या का शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन के अधिकारी, जनप्रतिनिधि और ग्रामीणजन बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
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बस्तर अब शांति की ओर बढ़ चुका है, अब हमारा लक्ष्य है – लोगों को सम्मानजनक आजीविका देना : मुख्यमंत्रीकौशल विकास को लेकर विकसित बस्तर की ओर अग्रसर है छत्तीसगढ:बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 85 कोर्स पंजीकृत
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग के 24 कैंप के 95 चिन्हित ग्रामों के 457 युवाओं को दिया जा चुका है कौशल प्रशिक्षण
आत्मसमर्पित माआवादियों में से 222 को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है , 62 अन्य है प्रशिक्षणरत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर कार्यक्रम में बस्तर में कौशल विकास और रोजगार को लेकर सरकार की दूरदृष्टि साझा की। उन्होंने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि जब हम सांसद थे, तब देश में कौशल विकास मंत्रालय का गठन हुआ – और आज यह विभाग देश के युवाओं के भविष्य निर्माण में क्रांतिकारी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर में चल रहे कौशल विकास प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि स्किलिंग केवल एक सेक्टर तक सीमित नहीं है — भाषा प्रशिक्षण, विदेशी रोजगार, हस्तशिल्प, कृषि, फूड प्रोसेसिंग, पर्यटन, कंस्ट्रक्शन, टेक्नोलॉजी जैसे अनेक क्षेत्रों में कौशल विकास संभव है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर अब शांति की ओर अग्रसर है। शांति के बाद सबसे बड़ी चुनौती है – यहां के युवाओं को रोजगार देना। और यह कार्य हम पूर्ण निष्ठा से करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल कौशल विकास पर ध्यान देगी, बल्कि स्थानीय लोगों को स्थानीय संसाधनों के माध्यम से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कार्य करेगी। इससे बस्तर का युवा न केवल आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि पूरे देश और दुनिया में अपने हुनर की पहचान बना सकेगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में विकसित बस्तर की ओर बढ़ते हुए संभाग में युवाओं के कौशल उन्नयन और रोजगार प्रशिक्षण के लिए कौशल विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना, पीएम कौशल विकास योजना , पीएम विश्वकर्मा योजना और नियद नेल्लानार योजना का संचालन किया जा रहा है। इन रोजगार प्रशिक्षण में विशेषकर नक्सल प्रभावित युवाओं को प्राथमिकता दिए जाने का प्रस्ताव शामिल है।
बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत 85 कोर्स पंजीकृत है। पोर्टल के माध्यम से इनका पूर्णता आनलाइन क्रियान्वयन किया जाता है। सभी जिलों में आवासीय प्रशिक्षण की सुविधा है। वर्तमान में 64 व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रदाता (VTP) है । योजना के अंतर्गत अब तक 90, 273 युवा प्रशिक्षित हो चुके है। प्रशिक्षित युवाओं में से 39,137 युवा नियोजित है। 32 कौशल विकास केन्द्रों की स्थापना की जा चुकी है जिसमे आगामी समय में 4,915 युवाओं को प्रशिक्षण एवं रोजगार हेतु कार्ययोजना शामिल है।
वर्ष 2025-26 के प्रस्तावित लक्ष्य के अनुसार 456 नियोक्ताओं के माध्यम से 4 हजार 915 युवाओं को प्रशिक्षण, 5 हजार 875 रोजगार के अवसर प्रदान किया जाना है। इसके लिए महिन्द्रा एंड महिन्द्रा, नंदी फाउंडेशन, MSDC इंटरनेशनल और नीति आयोग जैसी संस्थाओं से अनुबंध किया गया है।
बस्तर संभाग में पीएम कौशल विकास योजना के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 64% लक्ष्य पूर्ण किया गया तथा पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत अब तक 6 हजार 123 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
विकसित बस्तर की ओर बढ़ते हुए नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग के 24 कैंप के 95 चिन्हित ग्रामों के 457 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इसके साथ ही इन ग्रामों में 5 हजार 598 युवाओं का रोजगार प्रशिक्षण के लिए सर्वे किया जा चुका है। योजना के अंतर्गत आत्मसमर्पित माआवादियों में से 222 को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जा चुका है जबकि 62 प्रशिक्षणरत है।
जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक श्री किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, कौशल विकास विभाग के सचिव श्री भारती दासन, कौशल विकास विभाग के संचालक श्री विजय दयाराम के., बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, कौशल विकास से जुड़ी संस्थाओं के लोग उपस्थित थे।
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उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन देने हेतु नई औद्योगिक नीति में है विशेष प्रावधान: मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव सायबस्तर संभाग के लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता: श्री साय
वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को बना सकते हैं समृद्ध: मुख्यमंत्री
बस्तर संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष का निर्यात, लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक
विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 में विशेष प्रावधान किए गए हैं। आज जगदलपुर में आयोजित विकसित बस्तर की ओर परिचर्चा में बस्तर संभाग के विकास में उद्योगों की भूमिका को लेकर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा की नई औद्योगिक नीति के तहत बस्तर संभाग में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ खनिज आधारित, कृषि, खाद्य प्रसंस्करण और पर्यटन उद्योगों की असीमित संभावनाओं को साकार करने का रोडमैप तैयार किया गया है।
बस्तर के औद्योगिक परिदृश्य को देखें तो वर्तमान में बस्तर संभाग में 690 MSME इकाइयाँ संचालित हैं। बस्तर संभाग के 3 प्रमुख सेक्टर्स में चावल मिल, ईंट निर्माण और धातु निर्माण उद्योग शामिल हैं। एनएमडीसी माइनिंग, एनएमडीसी स्टील, एस्सार, ब्रज इस्पात और ए एम एन एस इंडिया जैसी प्रमुख कंपनियाँ यहाँ स्थापित हैं। संभाग से लगभग 102 करोड़ रुपये का निर्यात होता है, जिसमें लौह अयस्क की हिस्सेदारी सर्वाधिक है।
विकसित बस्तर की ओर बढ़ने के लिए औद्योगिक नीति 2024-30 के अनुसार बस्तर संभाग के विकास के लिए 32 में से 28 विकासखंडों को समूह 3 के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है, ताकि उद्योगों को अधिकतम प्रोत्साहन मिले। इस्पात उद्योग के लिए 15 वर्षों तक रॉयल्टी प्रतिपूर्ति का प्रबंध है।
विकास की मुख्य धारा में बस्तर को जोड़ने के लिए नई औद्यौगिक नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों को रोजगार देने के लिए रोजगार सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे 5 वर्षों तक शुद्ध वेतन का 40% का प्रावधान है। अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए 10% अतिरिक्त सब्सिडी का प्रावधान है। युवाओं के लिए प्रशिक्षण व्यय प्रतिपूर्ति तथा मार्जिन मनी सब्सिडी का प्रावधान है जिसमे अनुसूचित जाति/जनजाति और नक्सलवाद प्रभावित व्यक्तियों द्वारा स्थापित नए MSME के लिए 25% तक कि सब्सिडी है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की अगुवाई में विकसित बस्तर की ओर का रोडमैप तैयार करने के लिए भूमि बैंक प्रबंधन को मजबूत करना और व्यापार को आसान बनाना शामिल है। स्थानीय उद्योगों (वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, हस्तशिल्प) के लिए प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना, विशेष रूप से जनजातीय युवाओं और महिला उद्यमिता पर फोकस किया जा रहा है। इस्पात, धातु प्रसंस्करण, कृषि, वनोपज आधारित उद्योग और हर्बल-औषधीय उत्पादों के लिए क्लस्टर की स्थापना की जा रही है। ग्रामीण और जनजातीय क्षेत्रों में सभी मौसमों के लिए उपयुक्त सड़कों का निर्माण और राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नेटवर्क के साथ एकीकरण का काम हो रहा है। स्टार्टअप्स के लिए समर्थन हेतु नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजनाएँ संचालित की जा रही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि आने वाले समय में पूरी तरह से शांति कायम हो जाएगी और नक्सलवाद का पूरी तरह से खत्म हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमें बस्तर के लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत करना होगा ताकि विकसित बस्तर की ओर हम बढ़ सकें। यहां उद्योग के लिए उचित वातावरण है और हमने उद्योगों लिए नई औद्यौगिक नीति में विशेष प्रावधान भी किए है।
श्री साय ने कहा कि बस्तर संभाग में औद्योगिक विकास के साथ-साथ स्थानीय युवाओं, महिलाओं और नक्सलवाद प्रभावित लोगों के लिए रोजगार और स्वरोजगार के अवसर सृजित करना हमारी प्राथमिकता है। यह नीति बस्तर को औद्योगिक और आर्थिक समृद्धि की नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। उन्होंने कहा कि वन संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करके हम स्थानीय लोगों को समृद्ध बना सकते है और हमारी सरकार महुआ आधारित उद्योग पर भी विशेष ध्यान देगी।
जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद श्री महेश कश्यप, विधायक श्री किरण सिंह देव, श्री विनायक गोयल, प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, चैंबर ऑफ कॉमर्स के सदस्य, बस्तर संभाग में स्थापित उद्योगों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के जगदलपुर पहुंचने पर मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों ने आत्मीय स्वागत किया। श्री साय दो दिवसीय बस्तर प्रवास पर जगदलपुर पहुंचे। उनके साथ उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा भी पहुंचे।मुख्यमंत्री श्री साय बस्तर के विकास के लिए रोडमैप तैयार करने हेतु वहां के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ विचार मंथन करेंगे। बस्तर में कृषि पशुपालन, मछली पालन को बढ़ावा देने के साथ ही बस्तर में औद्योगिकीकरण और रोजगार के अवसरों के निर्माण और पर्यटन विकास की संभावनाओं के साथ ही युवाओं के रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास से संबंधित कार्ययोजना पर चर्चा करेंगे। अगले दिन मुख्यमंत्री श्री साय बस्तर संभाग में वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की समीक्षा भी करेंगे। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री श्री साय का वन मंत्री श्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर श्री महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर श्री किरण देव, विधायक चित्रकोट श्री विनायक गोयल, छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री श्रीनिवास राव मद्दी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती वेदवती कश्यप, महापौर श्री संजय पाण्डे सहित अनेक जनप्रतिनिधियों और वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों ने स्वागत किया।
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राज्यपाल की पहल से हुआ ऐतिहासिक चुनावरायपुर : छत्तीसगढ़ के सामाजिक और मानवीय सेवा के क्षेत्र में एक नया इतिहास रचा गया है। राज्यपाल श्री रमेन डेका की प्रेरणादायी पहल पर पहली बार छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी के पदाधिकारियों का चुनाव संपन्न हुआ है। यह कदम न केवल रेड क्रॉस सोसाइटी को नई दिशा देगा, बल्कि छत्तीसगढ़ के हर कोने में जरूरतमंदों तक मदद पहुंचाने में भी मील का पत्थर साबित होगा। छत्तीसगढ़ के गठन को 24 वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन रेड क्रॉस सोसाइटी के लिए यह पहला मौका है जब लोकतांत्रिक तरीके से इसके पदाधिकारियों का चयन हुआ। इस ऐतिहासिक चुनाव ने पूरे राज्य में उत्साह की लहर पैदा कर दी है। रायपुर से लेकर दुर्ग, बिलासपुर से लेकर बस्तर तक, रेड क्रॉस से जुड़े स्वयंसेवकों और समाजसेवियों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ है।नवनिर्वाचित पदाधिकारियों में अध्यक्ष टोमन साहू (बालोद), उपाध्यक्ष रूपेश पाणिग्रही (जशपुर) और कोषाध्यक्ष संजय पटेल (बलौदाबाजार) शामिल हैं। इन नेतृत्वकर्ताओं से अपेक्षा है कि वे छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी को समाजसेवा और मानवीय कार्यों में नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने रेड क्रॉस सोसाइटी को एक सशक्त और पारदर्शी संस्था बनाने का संकल्प लिया है। उनकी यह पहल न केवल संस्था को नई पहचान दे रही है, बल्कि इसे जन-जन तक पहुंचाने का भी मार्ग प्रशस्त कर रही है। चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष और समावेशी बनाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न जिलों से योग्य प्रतिनिधियों का चयन हुआ।
राज्यपाल ने कहा कि रेड क्रॉस सोसाइटी का उद्देश्य मानवता की सेवा करना है। यह चुनाव छत्तीसगढ़ में समाजसेवा के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि नवनिर्वाचित पदाधिकारी और स्वयंसेवक मिलकर जरूरतमंदों के लिए एक मजबूत सहारा बनेंगे।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी की स्थापना 4 अप्रैल 2001 को हुई थी। इसका मुख्यालय रायपुर के कलेक्टोरेट परिसर में स्थित है। विगत दो दशकों में यह संस्था आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएं, और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती आ रही है। चाहे बाढ़ हो, सूखा हो, या महामारी, रेड क्रॉस के स्वयंसेवक हमेशा सबसे आगे रहकर लोगों की मदद करते हैं। संस्था का मूल मंत्र है- “सेवा, सहायता, और समर्पण”। इसके तहत रेड क्रॉस निम्नलिखित क्षेत्रों में सक्रिय है- बाढ़, भूकंप, या अन्य प्राकृतिक आपदाओं में राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता प्रदान करना, स्वास्थ्य सेवाओं के तहत रक्तदान शिविर, प्राथमिक उपचार प्रशिक्षण, और टीकाकरण अभियान, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करना, सड़क सुरक्षा, जागरूकता अभियान और प्राथमिक चिकित्सा प्रशिक्षण, कमजोर समुदायों की सहायता, आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, और आजीविका के लिए सहयोग करना इस संस्था के प्रमुख कार्य हैं।छत्तीसगढ़ में रेड क्रॉस की उपलब्धियां
छत्तीसगढ़ रेड क्रॉस सोसाइटी ने कई मौकों पर अपनी सेवा की मिसाल कायम की है। कोविड-19 महामारी के दौरान स्वयंसेवकों ने ऑक्सीजन सिलेंडर, दवाइयां, और भोजन वितरण में अहम भूमिका निभाई। बस्तर और सरगुजा जैसे सुदूर क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से हजारों लोगों को लाभ पहुंचाया गया। इसके अलावा, रक्तदान शिविरों के जरिए हर साल सैकड़ों लोगों की जान बचाई जाती है। संस्था ने ग्रामीण और आदिवासी समुदायों के लिए विशेष योजनाएं भी चलाई हैं। जैसे, बस्तर में महिलाओं के लिए सिलाई प्रशिक्षण और सरगुजा में स्कूली बच्चों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम। ये प्रयास न केवल सामाजिक विकास को बढ़ावा देते हैं, बल्कि समाज में एकता और भाईचारे को भी मजबूत करते हैं।
नई चुनौतियां, नई संभावनाएं
नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के सामने कई चुनौतियां और अवसर हैं। छत्तीसगढ़ जैसे विविधतापूर्ण राज्य में हर जिले की अपनी विशेष जरूरतें हैं।
रेड क्रॉस को हर गांव और हर जरूरतमंद तक पहुंचाना है। आदिवासी क्षेत्रों में स्वास्थ्य और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। पारदर्शिता और संसाधनों के बेहतर उपयोग से यह सुनिश्चित करना होगा कि हर मदद सीधे जरूरतमंदों तक पहुंचे।स्वयंसेवकों का योगदान-
रेड क्रॉस सोसाइटी की ताकत इसके स्वयंसेवक हैं। चाहे रायपुर की गलियां हों या दंतेवाड़ा के जंगल, स्वयंसेवक हर जगह अपनी सेवा से लोगों का दिल जीत रहे हैं। युवाओं में रेड क्रॉस के प्रति बढ़ती रुचि भी एक सकारात्मक संकेत है। संस्था समय-समय पर प्रशिक्षण शिविर आयोजित करती है, जिसमें प्राथमिक उपचार, आपदा प्रबंधन, और नेतृत्व कौशल सिखाया जाता है। रेड क्रॉस सोसाइटी न केवल आपदा में सहारा है, बल्कि यह एक ऐसा मंच है जो हमें मानवता की सेवा का अवसर देता है।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के द्वारा रायपुर के गुलमोहर पार्क पीएमवाय कॉलोनी में विगत दिवस हुई आकस्मिक दुर्घटना में मृत बालक दिव्यांश के शोकसंतप्त परिवारजनों को तत्काल 4 लाख रूपये आर्थिक सहायता देने के निर्देश पर परिवारजनों को तत्काल सहायता राशि दी गई। मुख्यमंत्री के आदेश पर रायपुर जिला प्रशासन और रायपुर नगर पालिक निगम के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के साथ सतत संपर्क बनाकर आकस्मिक घटना के तत्काल पश्चात अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर रहे दो अन्य बालकों की स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। दोनों बालकों का स्वास्थ्य निरंतर सुधर रहा है। चिकित्सक गण लगातार दोनों बालकों के स्वास्थ्य की सतत मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
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वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी के मंशानुसार एनआरडीए में युवा फोटोग्राफरों को मिलेगा इंटर्नशीप का मौकारायपुर : फोटोग्राफी को एक ऐसी विधा है जिसमें उम्र का कोई बंधन नहीं है और डिजिटल युग में फोटोग्राफी का महत्व भी बहुत है, हर कोई चाहता कि वो अच्छी फोटोज़ क्लीक कर पाए और अपना नजरिया लोगों तक पहुंचा पाए। कहा जाता है कि एक तस्वीर में हजार शब्द कहने की कला माना जाता है, और इन्हीं हजार शब्दों को एक तस्वीर के जरिए कहने सीखने के लिए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने विश्व प्रसिद्ध स्ट्रीट फोटोग्राफर श्री विनीत वोहरा के साथ मिलकर 11 से 13 अप्रैल तक तीन दिवसीय मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। इस तीन दिवसीय मास्टर क्लास में छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से आए युवा फोटोग्राफरों ने न केवल फोटो क्लिक करना सीखा, बल्कि दुनिया को नए नजरिए से देखने का हुनर भी हासिल किया।
नवा रायपुर अटल नगर ही क्यों ?
नवा रायपुर, विश्व की पहली एकीकृत योजनाबद्ध शहर है, जिसका इन्फ्रास्ट्रक्चर, आर्किटेक्चर, हरियाली और लैंडस्केप इसे अन्य शहरों से बहुत अलग बनाता है। शहर की इन्हीं खूबियों को ग्लोबल स्तर पर पहुंचाने के लिए यह मास्टरक्लास नवा रायपुर में आयोजित की गई।मास्टरक्लास की खासियत
11 और 12 अप्रैल को आयोजित वर्कशॉप और फोटोवॉक में युवा फोटोग्राफरों को तकनीकी कौशल के साथ-साथ रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करना सिखाया गया। 13 अप्रैल को संवाद ऑडिटोरियम में उन्होंने 50 से अधिक लोगों के साथ ओपन टॉक में अपने अनुभव साझा किए और फोटोग्राफी की गहराइयों को समझाया।ओपन एयर प्रदर्शनी ने बटोरी सराहना
13 अप्रैल शाम को अटल नगर पार्क में ओपन एयर प्रदर्शनी का आयोजन किया गया, जहां युवा फोटोग्राफर द्वारा खिंची गई 20 से अधिक फोटो की प्रदर्शनी की गई। प्रदर्शनी देखने आए लोगों ने भी इन तस्वीरों की सराहना की। इस मास्टरक्लास ने छत्तीसगढ़ के युवा फोटोग्राफरों को एक मंच प्रदान किया और एक ऐसी कम्युनिटी का निर्माण किया, जो भविष्य में अपने अनोखे नजरिए से शहर और राज्य की कहानियों को दुनिया तक पहुंचाएगी।युवा फ़ोटोग्राफ़र्स को इंटर्नशिप-
वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी द्वारा युवाओं के लिए जो विज़न है उसे ध्यान में रखते हुए नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा इस मास्टरक्लास का आयोजन किया गया। इस 3 दिन की मास्टरक्लास में सभी शानदार प्रदर्शन किया पर सबसे अच्छी फोटो क्लिक करने वाले 3 स्टूडेंट्स को नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण द्वारा इंटर्नशिप प्रोग्राम से जोड़ा जाएगा। उल्लेखनीय है कि श्री विनित वोहरा का फोटोग्राफी अनुभव लगभग 3 दशकों का रहा है और वे विश्व के 20 बेस्ट स्ट्रीट फोटोग्राफरों में शुमार हैं। साथ ही विश्व के कई देशों में इनकी स्ट्रीट फोटोग्राफी मास्टरक्लास आयोजित होती हैं। उनकी तस्वीरें आम लोगों और रोजमर्रा की जिंदगी को असाधारण ढंग से पेश करती हैं। वोहरा के अनुसार, “स्ट्रीट फोटोग्राफी एक दर्शन है” और उनका यही अनोखा नजरिया उन्हें वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाता है।
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पेट्रोल पंप खोलना हुआ आसान
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोलियम रिटेल आउटलेट्स यानी पेट्रोल पंप के लिए राज्य स्तर पर लाइसेंस की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। यह बदलाव 14 नवंबर 2024 को खाद्य नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की ओर से जारी एक अधिसूचना के जरिए लागू किया गया है। अब पेट्रोल पंप खोलने के लिए व्यवसायियों को सिर्फ केंद्रीय पेट्रोलियम अधिनियम के नियमों का पालन करना होगा। पहले की दोहरी अनुमति की प्रक्रिया को हटाकर इसे आसान बना दिया गया है।
क्या बदला और क्यों है यह अहम
पहले पेट्रोल पंप शुरू करने के लिए व्यवसायियों को कलेक्टर के माध्यम से खाद्य विभाग से क्रय विक्रय का लाइसेंस प्राप्त करना होता था। प्रत्येक वर्ष अथवा तीन वर्ष में एक बार लाइसेंस का रिन्यूवल कराना होता था। राज्य शासन और केंद्र, दोनों जगह से अनुमति लेने की दोहरी प्रक्रिया से समय और पैसा दोनों खर्च होते थे, साथ ही कागजी कार्रवाई भी बढ़ जाती थी। अब केवल केंद्र के नियमों का पालन करना काफी होगा। इससे व्यवसायियों को राहत मिलेगी और पेट्रोल पंप खोलने की प्रक्रिया तेज और सस्ती हो जाएगी। यह कदम छत्तीसगढ़ में व्यवसाय को बढ़ावा देने और नियमों को सरल बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है।
व्यवसायियों को कैसे होगा फायदा
अब कम कागजी कार्रवाई और एक ही स्तर की अनुमति से पेट्रोल पंप जल्दी शुरू हो सकेंगे। नए व्यवसायी, खासकर छोटे उद्यमी और तेल कंपनियां, बिना ज्यादा परेशानी के अपना काम शुरू कर सकेंगे। यह सुधार ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में पेट्रोल पंप खोलने को बढ़ावा देगा, जहां अभी ईंधन की पहुंच कम है।
राज्य और जनता को क्या लाभ
इस बदलाव से छत्तीसगढ़ में ईंधन की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे लोगों को पेट्रोल-डीजल आसानी से मिल सकेगा। खासकर उन इलाकों में, जहां अभी पेट्रोल पंप कम हैं, वहां सुविधा बेहतर होगी। साथ ही, नए पेट्रोल पंप खुलने से राज्य में निवेश बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे का विकास होगा। यह सरकार के उस लक्ष्य को भी पूरा करता है, जिसमें व्यवसाय करने में आसानी और आर्थिक विकास पर जोर दिया गया है।
छत्तीसगढ़ बन रहा व्यवसाय के लिए आकर्षक
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में व्यवसायों के लिए अनुकूल माहौल बनाने को लेकर गंभीर है। नियमों को सरल करके और अनावश्यक बाधाओं को हटाकर राज्य उद्योग, व्यवसाय को सहूलियत और निवेश को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रही है। इससे न सिर्फ व्यवसायियों को फायदा होगा, बल्कि राज्य की जनता को भी बेहतर सेवाएं मिलेंगी। छत्तीसगढ़ सरकार के इस निर्णय से पेट्रोल पंप खोलना आसान हो गया है। यह कदम न केवल सभी क्षेत्रों में ईंधन की पहुंच बढ़ाएगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज राजभवन में भारत रत्न एवं भारतीय संविधान के शिल्पकार डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उनके छायाचित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किए। इस अवसर पर राजभवन के अधिकारियों-कर्मचारियों ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए । राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि बाबा साहेब का जीवन संघर्षाे से भरा हुआ था। उन्होंने सामाजिक भेदभाव, छूआछूत, असमानता के विरुद्ध आजीवन संघर्ष किया। उन्होंने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का सबसे सशक्त माध्यम माना और स्वयं इसके उदाहरण बने। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने अनेक उपाधियाँ प्राप्त कीं और देश के पहले विधि मंत्री के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन किया।
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर न्याय व समतामूलक समाज के निर्माण के लिए सदैव प्रयत्नशील रहे। उन्होंने समाज के शोषित, पीड़ित एवं कमजोर तबके के लोगों के सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज जब हम बाबा साहेब को याद कर रहे हैं, तब यह आवश्यक है कि हम केवल औपचारिकताएं न करें, बल्कि उनके विचारों को व्यवहार में उतारें। समता, बंधुत्व और न्याय के सिद्धांत को हमें समाज के प्रत्येक स्तर पर स्थापित करना होगा। इस अवसर पर राज्यपाल के विधिक सलाहकार श्री भीष्म प्रसाद पाण्डेय, उप सचिव श्रीमती हिना अनिमेष नेताम सहित राजभवन के अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।