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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : उपमुख्यमंत्री एवं कवर्धा विधायक श्री विजय शर्मा आज पीजी कॉलेज मैदान कवर्धा में छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के अंतर्गत राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा निर्धारित कार्यक्रम अनुसार आज कवर्धा पहुंचेंगे। जहां राज्योत्सव में सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। जिसमें स्टार नाइट, पं. विवेक शर्मा और साथियों द्वारा सुरमय प्रस्तुति दी जाएगी साथ ही विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। -
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मुख्यमंत्री ने बिलासपुर कलेक्टर से बात कर दुर्घटना की ली जानकारी: प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहयोग प्रदान करने दिए निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बिलासपुर जिले के पास हुई ट्रेन दुर्घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने इसे अत्यंत दुखद घटना बताया और कहा कि इस दुर्घटना में प्रभावित परिवारों के प्रति राज्य सरकार पूरी संवेदना के साथ खड़ी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने दूरभाष पर बिलासपुर जिला कलेक्टर से बात कर घटना की विस्तृत जानकारी लेते हुए प्रभावितों की सहायता के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि घायलों को तत्काल चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए तथा प्रभावित परिवारों को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाए।
मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर जानकारी दी कि रेलवे प्रशासन और जिला प्रशासन की टीमें तत्काल मौके पर पहुंच गई हैं और राहत-बचाव कार्यों में जुटी हैं। घायलों के उपचार के लिए सभी आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पूरी तत्परता और संवेदनशीलता के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस दुर्घटना में जान गंवाने वाले यात्रियों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है और उनके परिजनों को इस दुखद समय में धैर्य प्रदान करने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। -
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रायपुर : वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, छत्तीसगढ़ द्वारा आज नवा रायपुर में ‘छत्तीसगढ़ टेकस्टार्ट 2025’ का सफल आयोजन किया गया। यह राज्य में नवाचार, उद्यमिता और निवेश को जोड़ने वाला एक ऐतिहासिक मंच साबित हुआ। इस आयोजन का उद्देश्य छत्तीसगढ़ को आईटी, आईटीईएस, डिजिटल इंडस्ट्रीज और नवाचार आधारित उद्यमों का नया केंद्र बनाना है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ “नवाचार से संचालित विकास के नए युग में प्रवेश कर रहा है।” उन्होंने कहा कि “टेकस्टार्ट के माध्यम से हम विचारों और निवेशों के बीच एक सेतु का निर्माण कर रहे हैं, जिससे युवाओं को अवसर और राज्य के विकास को गति मिलेगी। यह आयोजन छत्तीसगढ़ की नई आर्थिक छलांग का प्रतीक है।”
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले दस महीनों में छत्तीसगढ़ को लगभग ₹7.5 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जो निवेशकों के बढ़ते विश्वास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि औद्योगिक विकास नीति 2024–30 निवेशकों के अनुकूल और विकासोन्मुख है, जो नए उद्योगों, स्टार्टअप्स और तकनीकी उद्यमिता को गति देगी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना है, जहाँ स्टार्टअप्स फलें-फूलें और निवेशकों को स्थायी एवं विस्तार योग्य अवसर मिलें। उन्होंने कहा कि “छत्तीसगढ़ तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में तेजी से उभर रहा है और आने वाले वर्षों में यह डिजिटल भारत के मानचित्र पर अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होगा।”
इस आयोजन में सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (STPI), MeitY स्टार्टअप हब, और देश के प्रमुख तकनीकी विशेषज्ञों, निवेशकों एवं इनोवेटर्स ने भाग लिया। कार्यक्रम में आईटी और आईटीईएस क्षेत्रों में सहयोग, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन रणनीतियों और निवेश साझेदारियों पर विस्तृत चर्चा हुई।
देशभर से 250 से अधिक निवेशक, इनक्यूबेटर और इनोवेटर इस आयोजन में शामिल हुए। यह राज्य का अब तक का सबसे बड़ा इनोवेशन नेटवर्किंग इवेंट रहा। नवा रायपुर में भारत के पहले एआई डाटा सेंटर पार्क और सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना भी जारी है, जो छत्तीसगढ़ को उच्च तकनीकी, डाटा इनोवेशन और रोजगार सृजन के अग्रणी केंद्र के रूप में स्थापित करेगी।
मुख्य घोषणाएँ
राज्य सरकार ने स्टार्टअप्स और इनोवेशन को बढ़ावा देने हेतु MeitY Startup Hub, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन, वाधवानी फाउंडेशन, NASSCOM फाउंडेशन, Startup Middle East और Carve Startup Labs के साथ रणनीतिक साझेदारियाँ की हैं। इन समझौतों के माध्यम से छत्तीसगढ़ के स्टार्टअप्स को मेंटरशिप, वैश्विक नेटवर्क और फंडिंग के अवसर प्राप्त होंगे।
औद्योगिक विकास नीति 2024–30 के अंतर्गत स्टार्टअप प्रोत्साहन अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा घोषित नई नीति के तहत स्टार्टअप्स को ₹5 लाख तक की सीड फंडिंग, 6 माह के संचालन उपरांत ₹3 लाख तक का ऑपरेशनल सपोर्ट और 18 माह बाद ₹3 लाख तक का डेवलपमेंट सपोर्ट प्रदान किया जाएगा।
उद्यमिता को सशक्त बनाने हेतु ₹50 करोड़ का स्टार्टअप कोर्पस फंड और ₹50 करोड़ का क्रेडिट रिस्क फंड स्थापित किया गया है। साथ ही तीन वर्षों तक 40 प्रतिशत किराया अनुदान तथा 100 प्रतिशत स्टाम्प ड्यूटी छूट दी जाएगी।
इनक्यूबेटर्स के लिए ₹40 लाख तक की पूंजीगत सहायता और 5 वर्षों तक प्रतिवर्ष ₹3–5 लाख के ऑपरेशनल सपोर्ट का प्रावधान किया गया है, ताकि राज्य का नवाचार तंत्र दीर्घकालिक रूप से सुदृढ़ रह सके।
कार्यक्रम के अंत में छत्तीसगढ़ आइडियाथॉन 2025 के विजेताओं को सम्मानित किया गया, जिन्होंने अपने अभिनव विचारों और तकनीकी समाधानों से राज्य के स्टार्टअप इकोसिस्टम को नई दिशा दी है।
‘छत्तीसगढ़ टेकस्टार्ट 2025’ के माध्यम से राज्य ने एक नवाचार-आधारित अर्थव्यवस्था की दिशा में अपने संकल्प को दोहराया है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ को आईटी, आईटीईएस और टेक्नोलॉजी निवेश के राष्ट्रीय केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक सशक्त कदम है - जहाँ विचारों को अवसर मिलता है, पूंजी को उद्देश्य मिलता है और नवाचार प्रगति का इंजन बनता है। -
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भूमि त्रिवेदी के सुरों की थिरकन, ऊषा बारले की पंडवानी का असर और सूफी संगीत की रूहानी महक
संगीत की सुरमयी शाम में झूम उठा राज्योत्सव मैदान
रायपुर : छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव की सांस्कृतिक संध्या में सोमवार की रात संगीत, नृत्य और लोक संस्कृति का अनोखा संगम देखने को मिला। बॉलीवुड की ख्यातनाम पार्श्व गायिका भूमि त्रिवेदी ने अपनी मनमोहक आवाज़ से दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। उन्होंने “ससुराल गेंदा फूल”, “सैय्यारा”, “राम चाहे लीला”, “झुमका गिरा रे” "जय-जय शिवशंकर-कांटा लगे न कंकड़", "होली खेले रघुवीरा", "रंग बरसे", "ये देश है वीर जवानों का".."डम-डम ढोल बाजे", "उड़ी-उड़ी जाएं" जैसे लोकप्रिय गीतों को अपने नए अंदाज़ में प्रस्तुत कर माहौल को जोश और उमंग से भर दिया। हिंदी, पंजाबी और राजस्थानी सहित अन्य राज्यों के भाषाओं के धुनों के साथ छत्तीसगढ़ी लोकसंगीत का ताना-बाना जोड़ते हुए उन्होंने युवाओं के दिलों में संगीत की हलचल मचा दी। दर्शकों की तालियों और नृत्य से पूरा प्रांगण गूंज उठा।
पंडवानी की वीरता और सूफी संगीत की रूहानी छुअनपंडवानी की वीरता और सूफी संगीत की रूहानी छुअन
छत्तीसगढ़ की गौरवगाथा को आगे बढ़ाते हुए पद्मश्री श्रीमती ऊषा बारले ने अपने तानपुरे की झंकार और अभिव्यक्तिपूर्ण मुद्राओं से महाभारत की वीरता को जीवंत कर दिया। उनकी प्रस्तुति ने श्रोताओं को भावविह्वल कर दिया और वे देर तक मंच से नज़रें नहीं हटा सके। उन्होंने महाभारत के चीरहरण की घटनाओं को मार्मिक और ह्रदयस्पर्शी ढंग से प्रस्तुत किया।
इसके बाद सूफी पार्श्व गायक राकेश शर्मा और उनकी टीम ने “दमादम मस्त कलंदर”, “मौला मेरे मौला”, “चोला माटी के राम” जैसे गीतों से श्रोताओं को रूहानी सफर पर ले गए। उनकी साथी गायिका निशा शर्मा और कलाकारों ने भी अपने स्वर और लय से इस सूफियाना माहौल को और प्रगाढ़ बनाया।
माटी की खुशबू और लोकनृत्य की छटामाटी की खुशबू और लोकनृत्य की छटा
प्रादेशिक लोकमंच के कलाकार कुलेश्वर ताम्रकार ने नाचा के माध्यम से छत्तीसगढ़ की माटी में रची-बसी लोकसंस्कृति को मंच पर साकार किया। उनके प्रदर्शन ने परंपरा, ऊर्जा और रचनात्मकता का ऐसा संगम रचा कि दर्शक देर तक तालियां बजाते रहे और दर्शकदीर्घा में मुस्कान के साथ थिरकते रहे। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह आज नवा रायपुर अटल नगर में चल रहे छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के तीसरे दिन के मुख्य अतिथि के रूप कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य निर्माण से पहले छत्तीसगढ़ पलायन, कुपोषण और पिछड़ेपन के लिए जाना जाता था। अब 25 वर्ष में छत्तीसगढ़ ने तेजी से विकास किया है और छत्तीसगढ़, देश का सबसे तेजी से विकास करने वाला राज्य बन गया है। उन्होंने इस अवसर पर पडवानी गायक पद्मश्री उषा बारले, सूफी गायक श्री राकेश शर्मा, छत्तीसगढ़ गायक श्री कुलेश्वर ताम्रकर एवं पार्श्व गायक सुश्री भूमि त्रिवेदी को सम्मानित किया। इस मौके पर राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा और विधायक धरसीवां श्री अनुज शर्मा भी शामिल रहे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माता श्रद्धेय अटल जी का स्मरण करते हुए कहा कि अटल जी ने छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं का सम्मान करते हुए छत्तीसगढ़ को पृथक से राज्य बनाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में छत्तीसगढ़ देश का सबसे तेजी से विकास करने वाला राज्य बना है। आज छत्तीसगढ़ भारत के आधे राज्यों को चावल प्रदान करता है, देश में हर पांचवे सीमेंट की बोरी छत्तीसगढ़ की है, हर पांचवा छड़ छत्तीसगढ़ का है, छत्तीसगढ़ विद्युत उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह ने कहा कि अब बस्तर से सरगुजा तक सड़कों का जाल बिछ चुका है। राज्य में आईआईटी, आईआईएम, ट्रिपलआईटी, हिदायतुल्लाह लॉ यूनिवर्सिटी, एम्स, 15 मेडिकल कॉलेज, 84 नर्सिंग कॉलेज जैसी संस्थाएं खुल गयीं हैं। ये छत्तीसगढ़ की बदलती तस्वीर है। उन्होंने कहा कि आने वाला कल छत्तीसगढ़ का है छत्तीसगढ़ के युवाओं के संकल्प में वो ताकत है कि 2047 में जब भारत विकसित राष्ट्र बनेगा तब छत्तीसगढ़ देश के सबसे विकसित राज्यों में शीर्ष पर होगा।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि राज्य का निर्माण जिन उद्देश्यों को लेकर किया गया था आज उसे पूरा करते हुए तीव्र गति से विकास कर रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इसके विकास की गति दुगुनी हो गयी है। विधायक श्री अनुज शर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपनी संस्कृति और संसाधनों में देश में विशिष्ट स्थान रखता है। उन्होंने रजत महोत्सव पर राज्य के निर्माताओं को नमन भी किया।
इस अवसर पर साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, फिल्म विकास निगम अध्यक्ष सुश्री मोना सेन, श्री तिमलेंदु शेखर श्री विक्रम सिसोदिया, संस्कृति विभाग के सचिव श्री रोहित यादव, संचालक संस्कृति विभाग श्री विवेक आचार्य सहित बड़ी संख्या में दर्शक उपस्थित थे। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित राज्योत्सव के दूसरे दिन राज्यपाल श्री रमेन डेका मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस मौके पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होना हम सभी के लिए गर्व का क्षण है। यह रजत जयंती वर्ष बीते हुए सफर को याद करने और भविष्य के लिए नए संकल्प लेने का अवसर है।
राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2000 में जब छत्तीसगढ़ का गठन हुआ था, तब यह उम्मीदों और चुनौतियों से भरा राज्य था। पिछले पच्चीस वर्षों में राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, बिजली, सड़कों और संस्कृति सहित हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ एक युवा राज्य है, जिसने कम समय में अपनी प्रतिभा और क्षमताओं से देशभर में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है।
श्री डेका ने ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी, तथा राज्य निर्माण का स्वप्न देखने और उसे साकार करने के लिए संघर्ष करने वाले सभी महापुरुषों को नमन किया।
उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को बधाई देते हुए कहा कि राज्य शासन द्वारा जनकल्याण की दिशा में कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि, जनजातीय समाज, महिलाएं और युवा वर्ग सशक्त हो रहे हैं।
राज्यपाल श्री ने कहा कि बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास की एक ठोस नींव रखी है। यहां की सांस्कृतिक पहचान, प्राकृतिक संपदा और मेहनती जनता इस राज्य की सबसे बड़ी पूंजी हैं। उन्होंने कहा कि विकास के साथ प्रकृति का संतुलन बनाए रखना भी उतना ही आवश्यक है।
नक्सल समस्या पर राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से छत्तीसगढ़ अब नक्सलमुक्त होने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिन इलाकों में कभी डर और हिंसा थी, वहां आज सड़कों का निर्माण हो रहा है, स्कूल खुल रहे हैं और बच्चों के चेहरे में मुस्कुराहट है।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे किसान, मजदूर, युवा और महिलाएं इस राज्य की असली ताकत हैं। उनकी मेहनत और संकल्प ही छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और प्रगतिशील बनाएंगे।
उन्होंने कहा कि रजत जयंती वर्ष में हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ सुशासन, विकास और भाईचारे का आदर्श राज्य बने। हम सब मिलकर अपने संसाधनों का संतुलित और बेहतर उपयोग करते हुए छत्तीसगढ़ को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करेंगे।
राज्यपाल ने प्रदेशवासियों को छत्तीसगढ़ राज्योत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं दीं और प्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।स्वागत उद्बोधन संस्कृति एवं पर्यटन विभाग के सचिव डॉक्टर रोहित यादव ने दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य की 25 वर्षों की विकास यात्रा को रेखांकित करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों को राज्योत्सव में आकर विकास प्रदर्शनी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आनंद उठाने का आग्रह किया । आभार प्रदर्शन संचालक श्री विवेक आचार्य ने किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने समारोह में प्रस्तुति देने वाले गायक श्री आदित्य नारायण, पद्मश्री डोमार सिंह सहित अन्य कलाकारों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम में राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी, साहित्य अकादमी संस्कृति परिषद के अध्यक्ष श्री शशांक शर्मा, फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन सहित दर्शक गण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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बस्तर की महिलाओं को सशक्त बनाएगा ग्रोथ सेंटर, स्थानीय उत्पादों से बनेगी नई पहचान - उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा
रायपुर : छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री एवं बस्तर जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजय शर्मा ने गुरुवार को बस्तर जिले के ग्राम तुरेनार में स्थित ग्रामीण औद्योगिक केंद्र में संचालित ग्रोथ सेंटर का निरीक्षण किया। यहां महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा किए जा रहे उत्पादों के प्रसंस्करण का जायजा लेते हुए उन्होंने कहा कि मूल्यवर्धन हमारा मूल उद्देश्य है। बस्तर के स्थानीय उत्पादों को बाजार में बेहतर कीमत दिलाकर हम ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार खुलेंगे।
प्रभारी मंत्री श्री शर्मा ने ग्रोथ सेंटर में चल रही गतिविधियों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान अधिकारियों ने उन्हें बताया कि वर्तमान में केंद्र में हल्दी, मिर्च और धनिया का प्रसंस्करण हो रहा है जल्द ही तीखुर का प्रसंस्करण भी शुरू किया जाएगा। इसके अतिरिक्त बस्तर की विशिष्ट पहचान बेलमेटल के भी उत्पाद तैयार किए जाएंगे।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने महिला समूह की दीदीयों से चर्चा भी की। जहां महिला समूह की सदस्यों ने उन्हें मसालों की खरीदी, प्रसंस्करण तथा बिक्री प्रक्रिया की विस्तारपूर्वक जानकारी दी और उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने सभी के उत्कृष्ट कार्य और मेहनत के लिए सभी की सराहना भी की। उन्होंने कहा कि बस्तर में प्रचुरता से उपलब्ध स्थानीय उत्पादों के प्रसंस्करण पर कार्य करें, जिससे आय में वृद्धि के साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी गति प्राप्त होगी।
भविष्य की योजनाओं को गति देते हुए उन्होंने केंद्र में इमली प्रसंस्करण इकाई को जल्द स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्व-सहायता समूहों को इमली का बीज, तीखुर की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए इनके उत्पादक क्षेत्रों की मैपिंग कर महिला समूहों के माध्यम से संग्रहण करवाकर प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग कराने को कहा। जिससे मूल्यवर्धन हो और महिलाओं को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
उन्होंने महिला समूहों के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाने और महुआ से लड्डू, कुकीज़, काजू एवं रागी प्रीमिक्स तथा अन्य स्थानीय उत्पादित उत्पादों का प्रसंस्करण कराकर मूल्यवर्धन कराने को कहा ताकि ग्रामीण महिलाओं को घर बैठे रोजगार प्राप्त हो और बस्तर की महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो सकें।
इस मौके पर पूर्व विधायक श्री सुभाऊ कश्यप, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री प्रतीक जैन सहित, जनपद सीईओ श्री अमित भाटिया, जनप्रतिनिधि, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन जिला कार्यक प्रबंधक, पी डब्ल्यू सी टीम एवं अन्य कर्मचारी और महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य मौजूद रहीं। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका और राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी ने आज महाकालीबाड़ी विश्वनाथ मंदिर पंडरी रायपुर में माता जगतधात्री की पूजा-अर्चना कर आर्शीवाद लिया और प्रदेश के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर मंदिर समिति के अध्यक्ष श्री दिप्तेश चटर्जी एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। -
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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल के सम्मान में दिया गया विष्णु देव रूट नाम
रायपुर : छत्तीसगढ़ के जशपुर ज़िले के आदिवासी युवाओं के एक दल ने भारतीय पर्वतारोहण के इतिहास में नया अध्याय जोड़ दिया है। इस दल ने हिमाचल प्रदेश की दूहंगन घाटी (मनाली) में स्थित 5,340 मीटर ऊँची जगतसुख पीक पर एक नया आल्पाइन रूट खोला, जिसे छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल के सम्मान में “विष्णु देव रूट” नाम दिया गया है। टीम ने यह चढ़ाई बेस कैंप से केवल 12 घंटे में पूरी की — वह भी आल्पाइन शैली में, जो तकनीकी रूप से अत्यंत कठिन मानी जाती है।
यह ऐतिहासिक अभियान सितंबर 2025 में आयोजित हुआ, जिसका आयोजन जशपुर प्रशासन ने पहाड़ी बकरा एडवेंचर के सहयोग से किया। इस अभियान को हीरा ग्रुप सहित अनेक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संस्थानों का सहयोग प्राप्त हुआ।
यह उपलब्धि इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस दल के पाँचों पर्वतारोही पहली बार हिमालय की ऊँचाइयों तक पहुँचे थे। सभी ने “देशदेखा क्लाइम्बिंग एरिया” में प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो जशपुर प्रशासन द्वारा विकसित भारत का पहला प्राकृतिक एडवेंचर खेलों के लिए समर्पित प्रशिक्षण क्षेत्र है। विश्वस्तरीय मानकों को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने भारतीय और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को जोड़ा, जिनमें बिलासपुर के पर्वतारोही एवं मार्गदर्शक स्वप्निल राचेलवार, न्यूयॉर्क (USA) के रॉक क्लाइम्बिंग कोच डेव गेट्स, और रनर्स XP के निदेशक सागर दुबे शामिल रहे। इन तीनों ने मिलकर तकनीकी, शारीरिक और मानसिक दृष्टि से युवाओं को तैयार करने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया। दो महीनों की कठोर तैयारी और बारह दिनों के अभ्यास पर्वतारोहण के बाद टीम ने यह चुनौतीपूर्ण चढ़ाई पूरी की।
अभियान प्रमुख स्वप्निल राचेलवार ने बताया कि जगतसुख पीक का यह मार्ग नए पर्वतारोहियों के लिए अत्यंत कठिन और तकनीकी था। मौसम चुनौतीपूर्ण था, दृश्यता सीमित थी और ग्लेशियरों में छिपी दरारें बार-बार बाधा बन रही थीं। इसके बावजूद टीम ने बिना फिक्स रोप या सपोर्ट स्टाफ के यह चढ़ाई पूरी की — यही असली आल्पाइन शैली है। यह अभियान व्यावसायिक पर्वतारोहण से अलग था, जहाँ पहले से तय मार्ग और सहायक दल पर निर्भरता होती है; इस दल ने पूरी तरह आत्मनिर्भर रहते हुए नई मिसाल कायम की।
अभियान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना मिली। स्पेन के प्रसिद्ध पर्वतारोही टोती वेल्स, जो इस अभियान की तकनीकी कोर टीम का हिस्सा थे और स्पेन के पूर्व वर्ल्ड कप कोच रह चुके हैं, ने कहा कि “इन युवाओं ने, जिन्होंने जीवन में कभी बर्फ नहीं देखी थी, हिमालय में नया मार्ग खोला है। यह साबित करता है कि सही प्रशिक्षण और अवसर मिलने पर ये पर्वतारोही विश्वस्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।”
“विष्णु देव रूट” के अलावा दल ने दूहंगन घाटी में सात नई क्लाइम्बिंग रूट्स भी खोले। इनमें सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि रही एक अनक्लाइम्ब्ड (पहले कभी न चढ़ी गई) 5,350 मीटर ऊँची चोटी की सफल चढ़ाई, जिसे टीम ने ‘छुपा रुस्तम पीक’ नाम दिया। इस पर चढ़ाई के मार्ग को ‘कुर्कुमा (Curcuma)’ नाम दिया गया — जो हल्दी का वैज्ञानिक नाम है और भारतीय परंपरा में सहनशक्ति और उपचार का प्रतीक माना जाता है।
यह अभियान इस बात का प्रमाण है कि यदि सही दिशा, अवसर और संसाधन मिलें तो भारत के सुदूर ग्रामीण और आदिवासी इलाकों से भी विश्वस्तरीय पर्वतारोही तैयार हो सकते हैं। बिना किसी हिमालयी अनुभव के इन युवाओं ने आल्पाइन शैली में जो उपलब्धि हासिल की है, उसने भारतीय साहसिक खेलों को नई दिशा दी है। इस पहल ने तीन बातों को सिद्ध किया — आदिवासी युवाओं में प्राकृतिक शक्ति, सहनशीलता और पर्यावरण से जुड़ी सहज समझ उन्हें एडवेंचर खेलों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाती है; “देशदेखा क्लाइम्बिंग सेक्टर” जैसे स्थानीय प्रशिक्षण केंद्र पेशेवर पर्वतारोही तैयार करने की क्षमता रखते हैं; और हिमालय की अनदेखी चोटियाँ भारत में सतत एडवेंचर पर्यटन की नई संभावनाएँ खोल सकती हैं।
अभियान का नेतृत्व स्वप्निल राचेलवार ने किया, उनके साथ राहुल ओगरा और हर्ष ठाकुर सह-नेता रहे। जशपुर के पर्वतारोही दल में रवि सिंह, तेजल भगत, रुसनाथ भगत, सचिन कुजुर और प्रतीक नायक शामिल थे। अभियान को प्रशासनिक सहयोग डॉ. रवि मित्तल (IAS), रोहित व्यास (IAS), शशि कुमार (IFS) और अभिषेक कुमार (IAS) से मिला। तकनीकी सहायता डेव गेट्स, अर्नेस्ट वेंटुरिनी, मार्टा पेड्रो (स्पेन), केल्सी (USA) और ओयविंड वाई. बो (नॉर्वे) ने दी। पूरे अभियान का डॉक्यूमेंटेशन और फोटोग्राफी ईशान गुप्ता की कॉफी मीडिया टीम ने किया।
प्रमुख सहयोगी और प्रायोजक संस्थानों में पेट्ज़ल, एलाइड सेफ्टी इक्विपमेंट, रेड पांडा आउटडोर्स, रेक्की आउटडोर्स, अडवेनम एडवेंचर्स, जय जंगल प्राइवेट लिमिटेड, आदि कैलाश होलिस्टिक सेंटर, गोल्डन बोल्डर, क्रैग डेवलपमेंट इनिशिएटिव और मिस्टिक हिमालयन ट्रेल शामिल रहे।
यह अभियान केवल एक पर्वतारोहण उपलब्धि नहीं, बल्कि उस सोच का प्रतीक है कि भारत के गाँवों और आदिवासी क्षेत्रों से भी अंतरराष्ट्रीय स्तर की सफलता प्राप्त की जा सकती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि “भारत का भविष्य गाँवों से निकलकर दुनिया की ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।” इस उल्लेखनीय उपलब्धि के साथ अब जशपुर को एक सतत एडवेंचर एवं इको-टूरिज़्म केंद्र के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने देश के वरिष्ठ साहित्यकार एवं ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्री विनोद कुमार शुक्ल के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। उन्होंने आज श्री विनोद कुमार शुक्ल जी के सुपुत्र श्री शास्वत शुक्ल से दूरभाष पर चर्चा कर श्री शुक्ल के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विनोद कुमार शुक्ल छत्तीसगढ़ की साहित्यिक परंपरा की अमूल्य धरोहर हैं। उनका सृजन हमारी भाषा, संवेदना और संस्कृति की आत्मा है। मुख्यमंत्री ने प्रभु श्री राम से श्री शुक्ल के शीघ्र स्वस्थ होने और दीर्घायु की कामना की है.
उल्लेखनीय है कि श्री विनोद कुमार शुक्ल विगत कुछ दिनों से अस्वस्थ हैं और रायपुर स्थित एक निजी अस्पताल में स्वास्थ्यलाभ ले रहे हैं। -
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उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा डड़सेना कलार समाज द्वारा आयोजित भगवान श्री सहस्त्रबाहु अर्जुन जन्मोत्सव कार्यक्रम में हुए शामिल
भगवान सहस्त्रबाहु चौक में भव्य प्रतिमा स्थापना और सौर्दर्यीकरण की घोषणा की
रायपुर : प्रदेश के उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज कवर्धा शहर के भारत माता चौक में डड़सेना कलार समाज द्वारा आयोजित भगवान श्री सहस्त्रबाहु अर्जुन जन्मोत्सव कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शमिल होकर समाज के साथ पारंपरिक और आध्यात्मिक उत्सव साझा किया। उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन के तैलचित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने रायपुर रोड स्थित भगवान सहस्त्रबाहु चौक का सौंदर्यीकरण तथा भगवान सहस्त्रबाहु अर्जुन की भव्य प्रतिमा की स्थापना करने की घोषणा की।
उप मुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने कहा कि डड़सेना कलार समाज आज सशक्त रूप से संगठित होकर एक नई दिशा में आगे बढ़ रहा है। समाज ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित की हैं, जिससे यह सिद्ध होता है कि नई पीढ़ी जागरूक और लक्ष्य के प्रति समर्पित है। उन्होंने गर्व के साथ उल्लेख किया कि समाज के युवा प्रतियोगी परीक्षाओं में चयनित होकर प्रशासनिक और अन्य महत्वपूर्ण सेवाओं में अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, जो न केवल समाज बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गौरव का विषय है।
उन्होंने कहा कि समाज के वरिष्ठजनों द्वारा दिखाई जा रही एकजुटता, अनुशासन और सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण की भावना प्रेरणादायक है। इसी संगठित प्रयास का परिणाम है कि समाज की नई पीढ़ी आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही है तथा राज्य और राष्ट्र के निर्माण में अपना योगदान दे रही है।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि समाज के सर्वांगीण उत्थान और विकास से जुड़े हर सार्थक प्रयास में छत्तीसगढ़ सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी। शिक्षा, कौशल विकास, सांस्कृतिक संरक्षण और सामाजिक सशक्तिकरण जैसे सभी क्षेत्रों में सरकार की योजनाओं और संसाधनों का लाभ समाज को प्राथमिकता के आधार पर उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि समाज आगे बढ़ने का संकल्प ले तो सरकार सदैव उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी।इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री ईश्वरी साहू, नगर पालिका अध्यक्ष श्री चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी, उपाध्यक्ष श्री पवन जायसवाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती देवकुमारी चंद्रवंशी, श्रीमती सतविंदर पाहुजा, पार्षद श्री दीपक सिन्हा, अध्यक्ष श्री रूपेन्द्र जयसवाल, श्री गजेंद्र जयसवाल, श्री खेलूराम जयसवाल, श्री आत्माराम जायसवाल, श्री श्याम लाल, बद्री जायसवाल, श्री रोहित, श्री उमराव सहित जनप्रतिनिधि, समाज के नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर जिले के कुनकुरी स्थित भगवान श्री जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर महाप्रभु श्री जगन्नाथ, माता सुभद्रा और बलराम जी के दर्शन किए। मुख्यमंत्री श्री साय ने अपनी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, समृद्धि, शांति और कल्याण की मंगलकामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंदिर परिसर में श्री जगन्नाथ सेवा समिति कुनकुरी द्वारा आयोजित तुलसी अर्चन कार्यक्रम में भी भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने भगवान श्री जगन्नाथ को 51 हजार तुलसी दल अर्पित कर विशेष पूजन किया। उन्होंने प्रदेश की निरंतर प्रगति, सामाजिक समरसता और जनकल्याण के लिए आशीर्वाद मांगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं से आत्मीय भेंट कर उनकी कुशलक्षेम पूछी और श्री जगन्नाथ सेवा समिति कुनकुरी के सदस्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत ऐसी धार्मिक परंपराओं से ही सशक्त होती है। ऐसे आयोजन समाज को एकता, श्रद्धा और भक्ति के सूत्र में जोड़ते हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने समिति को इस पावन आयोजन के सफल संचालन के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। -
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प्रदेश की सुख-समृद्धि के लिए की छठी मईया से कामना
रायपुर : महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने आज छठ पर्व के अवसर पर सूरजपुर जिले के भटगांव स्थित शिव मंदिर और हनुमान मंदिर के पास बने छठ घाट पर पहुँचकर श्रद्धा और भक्ति के साथ सूर्य देव को संध्या अर्घ्य अर्पित किया। उन्होंने पारंपरिक विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हुए प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि की मंगलकामना की।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने घाट पर उपस्थित व्रतियों से आत्मीय भेंट की और उन्हें नारियल एवं फल भेंट कर छठी मईया से आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने छठ पूजा को भारतीय संस्कृति का अद्भुत पर्व बताते हुए कहा कि यह पर्व आस्था, पर्यावरण और परिवार के सामूहिक बंधन का प्रतीक है।
श्रीमती राजवाड़े ने कहा कि छत्तीसगढ़ की धरती विविधता में एकता और लोक परंपराओं की समृद्धि के लिए जानी जाती है। यहाँ हर पर्व सामाजिक एकता और महिला शक्ति के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। छठ पूजा में महिलाओं की आस्था और तप का जो स्वरूप देखने को मिलता है, वह समाज को अनुशासन, निष्ठा और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देता है।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधि, स्थानीय नागरिक, महिला समूहों की सदस्याएँ तथा बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। वातावरण ‘छठी मईया के जयकारों’ से गूंज उठा। -
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छत्तीसगढ़ विधानसभा का नया भवन केवल खूबसूरत इमारत नहीं, हमारी संस्कृति और परंपरा का वाहक भी है - श्री अरुण साव
रायपुर : उप मुख्यमंत्री तथा लोक निर्माण मंत्री श्री अरुण साव ने आज नवा रायपुर में छत्तीसगढ़ विधानसभा के नवनिर्मित भवन के लोकार्पण की तैयारियों का निरीक्षण किया। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप भी इस दौरान उनके साथ थे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 1 नवम्बर को राज्योत्सव के मौके पर विधानसभा के नए भवन का लोकार्पण करेंगे। वे विधायकों और आमंत्रित अतिथियों को संबोधित भी करेंगे।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने नवीन विधानसभा परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी की मूर्ति के अनावरण स्थल, विधानसभा के सदन और मंचीय कार्यक्रम के स्थल का जायजा लेकर अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। नवा रायपुर के सेक्टर-19 में मंत्रालय (महानदी भवन) और विभागाध्यक्ष कार्यालय (इंद्रावती भवन) के पीछे 51 एकड़ परिसर में विधानसभा का नया भवन बनाया गया है।
श्री साव ने लोकार्पण की तैयारियों का निरीक्षण करते हुए कहा कि 1 नवम्बर का दिन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक होने जा रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी विधानसभा के नए भवन को छत्तीसगढ़ की जनता को समर्पित करेंगे। नया राज्य बनने के बाद वर्ष 2000 में रायपुर के राजकुमार कॉलेज से शुरू हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा को 25 वर्षों के बाद रजत जयंती वर्ष में खुद का भव्य और आधुनिक भवन मिलने जा रहा है। हमारा यह नया विधानसभा भवन केवल एक खूबसूरत इमारत ही नहीं है, बल्कि हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा का वाहक भी है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बताया कि नए विधानसभा भवन को वर्तमान और भविष्य की जरूरत के हिसाब से बनाया गया है। आधुनिक, सर्वसुविधायुक्त, सुसज्जित इसके सदन को 200 सदस्यों के बैठने के लिए विस्तारित किया जा सकता है। भविष्य में पेपरलेस विधानसभा संचालित हो सके, इसके लिए जरुरी व्यवस्थाओं और तकनीकों का समावेश किया गया है। -
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छठ मइया की उपासना सूर्य आराधना और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक : मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी हैं। उन्होंने कहा कि छठ पूजा आस्था, पवित्रता और प्रकृति के प्रति कृतज्ञता का पर्व है, जो सूर्यदेव और छठ मइया की उपासना के माध्यम से मानव और प्रकृति के मधुर संबंध का संदेश देता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छठ पर्व का प्रत्येक अनुष्ठान – अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने से लेकर उदीयमान सूर्य की आराधना तक – जीवन में अनुशासन, संयम और स्वच्छता के महत्व को दर्शाता है। यह पर्व समाज में सामूहिकता, पवित्रता और पारिवारिक एकता की भावना को सशक्त बनाता है। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की है कि इस अवसर पर सूर्योपासना के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण, जलस्रोतों की स्वच्छता और समाज में सद्भाव बनाए रखने का संकल्प लें। -
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अर्चना, प्रदेश की खुशहाली के लिए की कामना
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज भिलाई के हुडको स्थित स्कंदाश्रम में विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रदेश की समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। तीन दिवसीय चलने वाले इस 28वीं स्कंद षष्ठी महोत्सव के महायज्ञ में राज्यपाल श्री डेका धर्मपत्नी श्रीमती रानी डेका ककोटी के साथ सम्मिलित हुए तथा संकल्प लेकर देवी सप्तसती का पहला अध्याय पूर्ण किया।
यह महायज्ञ हर वर्ष दिवाली के बाद स्कंद षष्ठी तिथि को दक्षिण भारतीय वेदाचार्यों द्वारा विधिवत सम्पन्न कराया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव श्री सी.आर.प्रसन्ना, संभाग आयुक्त श्री एस.एन. राठौर, कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री विजय अग्रवाल, स्कंदाश्रम के पदाधिकारी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
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सीवी रमन विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में शामिल हुए राज्यपाल
195 को पीएचडी एवं 189 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल से नवाजा
राज्यपाल ने विद्यार्थियों को दी जीवन मूल्यों की सीख
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका कोटा स्थित डॉ. सीवी रमन विश्वविद्यालय के दूसरे दीक्षांत समारोह में शामिल हुए। उन्होंने 195 विद्यार्थियों को पीएचडी को उपाधि और 189 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल प्रदान किया। उन्होंने इस दौरान विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित दीक्षांत स्मारिका सहित अन्य प्रकाशनों का विमोचन किया। अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में उन्होंने विद्यार्थियों को समर्पण, अनुशासन और निरंतर परिश्रम को जीवन का मूल मंत्र बताते हुए सफलता की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।
भाषा ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम
श्री डेका ने कहा कि भाषा ज्ञान का माध्यम है, बाधा नहीं। केवल अंग्रेजी जानने से कोई ज्ञानी नहीं बन जाता। भाषा ज्ञान प्राप्त करने का माध्यम हो सकती है, लेकिन यह बाधा कभी नहीं बन सकती। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा में सच्चा ज्ञान तभी प्राप्त होता है जब हम उसमें मन, मस्तिष्क और व्यवहार से जुड़ते हैं। राज्यपाल ने दीक्षांत को सिर्फ एक समापन नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत करार दिया।
कार्यक्रम में केन्द्रीय आवासन एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा, बेलतरा विधायक श्री सुशांत शुक्ला, डॉ. सीव्ही रमन विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री संतोष चौबे, कुलपति डॉ. प्रदीप कुमार घोष, कुलसचिव डॉ. अरविन्द कुमार तिवारी, आईआईटी भिलाई के निदेशक प्रोफेसर राजीव प्रकाश, आइसेक्ट समूह के सचिव डॉ. सिद्वार्थ चतुर्वेदी, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, एसएसपी श्री रजनेश सिंह सहित विश्वविद्यालय के शिक्षक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
कड़ी मेहनत और अनुशासन लक्ष्य तक पहुंचने का मार्ग
राज्यपाल श्री डेका ने सफलता के तीन मुख्य स्तंभों दृढ़ता, कड़ी मेहनत और अनुशासन पर जोर देते हुए कहा कि यही वे गुण हैं जो किसी भी व्यक्ति को लक्ष्य तक पहुंचा सकते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने माता-पिता और समाज के प्रति आभार प्रकट करने की सीख दी। जितनी भी सफलता आप जीवन में प्राप्त करें, अपने माता-पिता और मूल्यों को कभी न भूलें। समाज ने हमें बहुत कुछ दिया है अब हमें सोचना है कि हमने समाज को क्या दिया। उन्होंने विद्यार्थियों को समय का प्रभावी प्रबंधन करने का सुझाव देते हुए कहा कि आपके पास आज समय और स्थान दोनों हैं कि इनका सदुपयोग करें, क्योंकि यही आपकी सबसे बड़ी पूंजी हैं।
विद्यार्थी के बीच आपसी संवाद, विश्वास और प्रेरणा का रिश्ता जरूरी
राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण का माध्यम होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक और विद्यार्थी के बीच आपसी संवाद, विश्वास और प्रेरणा का रिश्ता होना चाहिए। शिक्षा समावेशी होनी चाहिए और सीखने की प्रक्रिया कभी समाप्त नहीं होती। अपने संबोधन के समापन में राज्यपाल ने सीवी रमन विश्वविद्यालय को भविष्य में एक प्रमुख शैक्षणिक संस्थान बनने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने आशा जताई कि यह विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित करेगा। इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका ने एक पेड़ मां के नाम पर पौधा रोपण किया।
केंद्रीय आवासन एवं शहरी विकास एवं राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने कहा कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए समर्पण, अनुशासन और समय का सही उपयोग अनिवार्य है। उन्होंने युवाओं से निरंतर सीखते रहने का आह्वान किया। उच्च शिक्षा मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि दीक्षांत केवल शिक्षा की पूर्णता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में आपके सक्रिय शुरूआत का योगदान है। कुलाधिपति श्री संतोष चौबे ने विश्विद्यालय का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राज्य शासन की व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति और शांति, संवाद एवं विकास पर केंद्रित सतत प्रयासों के परिणामस्वरूप बस्तर संभाग में आज नक्सल विरोधी मुहिम को ऐतिहासिक सफलता मिली है। ‘पूना मारगेम – पुनर्वास से पुनर्जीवन’ कार्यक्रम के अंतर्गत दण्डकारण्य क्षेत्र के 210 माओवादी कैडरों ने हिंसा का मार्ग त्यागकर समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय लिया है।

यह आत्मसमर्पण विश्वास, सुरक्षा और विकास की दिशा में बस्तर की नई सुबह का संकेत है। लंबे समय से नक्सली गतिविधियों से प्रभावित अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर क्षेत्र में यह ऐतिहासिक घटनाक्रम नक्सल उन्मूलन अभियान के इतिहास में एक निर्णायक मोड़ के रूप में दर्ज होगा।

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य शासन द्वारा अपनाई गई व्यापक नक्सल उन्मूलन नीति ने क्षेत्र में स्थायी शांति की मजबूत नींव रखी है। पुलिस, सुरक्षा बलों, स्थानीय प्रशासन, सामाजिक संगठनों और सजग नागरिकों के समन्वित प्रयासों से हिंसा की संस्कृति को संवाद और विकास की संस्कृति में परिवर्तित किया जा सका है।

यह पहली बार है जब नक्सल विरोधी अभियान के इतिहास में इतनी बड़ी संख्या में वरिष्ठ माओवादी कैडरों ने एक साथ आत्मसमर्पण किया है। आत्मसमर्पण करने वालों में एक सेंट्रल कमेटी सदस्य, चार डीकेएसजेडसी सदस्य, 21 डिविजनल कमेटी सदस्य सहित अनेक वरिष्ठ माओवादी नेता शामिल हैं। इन कैडरों ने कुल 153 अत्याधुनिक हथियार—जिनमें AK-47, SLR, INSAS रायफल और LMG शामिल हैं—समर्पित किए हैं। यह केवल हथियारों का समर्पण नहीं, बल्कि हिंसा और भय के युग का प्रतीकात्मक अंत है—एक ऐसी घोषणा, जो बस्तर में शांति और भरोसे के युग की शुरुआत का संकेत देती है।

मुख्यधारा में लौटने वाले प्रमुख माओवादी नेताओं में सीसीएम रूपेश उर्फ सतीश, डीकेएसजेडसी सदस्य भास्कर उर्फ राजमन मांडवी, रनीता, राजू सलाम, धन्नू वेत्ती उर्फ संतू, आरसीएम रतन एलम सहित कई वांछित और इनामी कैडर शामिल हैं। इन सभी ने संविधान पर आस्था व्यक्त करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था में सम्मानजनक जीवन जीने का संकल्प लिया।

यह ऐतिहासिक आयोजन जगदलपुर पुलिस लाइन परिसर में हुआ, जहाँ आत्मसमर्पित कैडरों का स्वागत पारंपरिक मांझी-चालकी विधि से किया गया। उन्हें संविधान की प्रति और शांति, प्रेम एवं नए जीवन का प्रतीक लाल गुलाब भेंट कर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री अरुण देव गौतम ने कहा कि “पूना मारगेम केवल नक्सलवाद से दूरी बनाने का प्रयास नहीं, बल्कि जीवन को नई दिशा देने का अवसर है। जो आज लौटे हैं, वे बस्तर में शांति, विकास और विश्वास के दूत बनेंगे।” उन्होंने आत्मसमर्पित कैडरों से समाज निर्माण में अपनी ऊर्जा लगाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर एडीजी (नक्सल ऑपरेशन्स) श्री विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ बस्तर रेंज प्रभारी, कमिश्नर श्री डोमन सिंह, बस्तर रेंज आईजी श्री सुंदरराज पी., कलेक्टर श्री हरिस एस., बस्तर संभाग के सभी पुलिस अधीक्षक, वरिष्ठ अधिकारी और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान पुलिस विभाग द्वारा आत्मसमर्पित माओवादियों को पुनर्वास सहायता राशि, आवास और आजीविका योजनाओं की जानकारी दी गई। राज्य शासन इन युवाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और शिक्षा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि वे आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन जी सकें।
मांझी-चालकी प्रतिनिधियों ने कहा कि बस्तर की परंपरा सदैव प्रेम, सहअस्तित्व और शांति का संदेश देती रही है। जो साथी अब लौटे हैं, वे इस परंपरा को नई शक्ति देंगे और समाज में विश्वास की नींव को और मजबूत करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में सभी आत्मसमर्पित कैडरों ने संविधान की शपथ लेकर लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की। उन्होंने प्रतिज्ञा ली कि वे अब हिंसा के बजाय विकास और राष्ट्रनिर्माण की दिशा में योगदान देंगे।
‘वंदे मातरम्’ की गूंज के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। यह क्षण केवल 210 माओवादी कैडरों के आत्मसमर्पण का नहीं, बल्कि बस्तर में विश्वास, विकास और शांति के नए युग की शुरुआत का प्रतीक बन गया।

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