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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
कलेक्टर श्री भीम सिंह सहित अन्य जिला स्तरीय अधिकारियों ने लिया एक-एक बच्चे को गोद, देंगे आर्थिक सहयोग
बच्चों को मिलेंगे एक-एक लाख रुपये भी
रायगढ़, कलेक्टर श्री भीम सिंह की पहल पर जिला प्रशासन ने एक संवेदनशील पहल की है। रायगढ़ जिले के 17 ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता की मृत्यु कोविड से हो गयी, उनके देख रेख में सहयोग प्रदान करने के लिए कलेक्टर श्री भीम सिंह के साथ सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल व अन्य जिला अधिकारियों ने गोद लिया है। वे इन बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रतिवर्ष 10 हजार का आर्थिक सहयोग देंगे। साथ ही बच्चों के देख रेख, इलाज व अन्य आवश्यकताओं में भी मदद करेंगे। कलेक्टर श्री सिंह ने इसके साथ ही इन बच्चों को रेडक्रॉस की ओर से 1-1 लाख रुपये देने की घोषणा की। जिससे उनके परिजनों और रिश्तेदारों को बच्चों के पालन-पोषण में सहायता मिले। कलेक्टर श्री सिंह व अन्य अधिकारियों ने आज इन बच्चों से सृजन सभा कक्ष में मुलाकात की और उनका कुशलक्षेम पूछा।
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी बच्चों एवं उनके परिजनों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान जिन बच्चों ने अपने माता-पिता को खोया यह अत्यंत दुखद है और इसकी भरपायी कर पाना इस जीवन काल में मुश्किल है। उन्होंने बताया कि ऐसे बच्चों को पीएम केयर्स योजना से 23 साल के उम्र में उन्हें 10-10 लाख रुपये मिलेगा। साथ ही राज्य शासन के निर्देशानुसार कोविड से मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपये अनुग्रह सहायता अनुदान राशि दी जा रही है एवं महतारी दुलार योजना के तहत कक्षा 12 वीं तक उन्हें उनकी पढ़ाई-लिखाई के लिए स्कूल में किसी भी तरह की फीस नहीं देना पड़ेगा एवं किताबें व ड्रेस भी मुहैय्या कराया जाएगा। साथ ही उन्हें अब एक-एक लाख रुपये रेडक्रास के माध्यम से दिया जाएगा। इसी के साथ रायगढ़ जिले के अधिकारी उनमें से एक-एक बच्चे को गोद भी लेंगे और 10 हजार रुपये की राशि का सहयोग बच्चों को देंगे। साथ ही अधिकारी उन बच्चों के लगातार संपर्क में रहेंगे एवं उनके इलाज व अन्य बुनियादी सुविधाओं व देखभाल में भी बच्चों की मदद करेंगे। इस दौरान उन्होंने खाद्य अधिकारी को निर्देशित किया कि सभी बच्चों का राशन कार्ड में नाम जोड़े एवं उन्हें प्राथमिकता से प्रतिमाह राशन दिलाए। कलेक्टर श्री सिंह ने बच्चों से रूबरू होते हुए उनकी पढ़ाई-लिखाई के संबंध में उनसे जानकारी ली। कुछ बच्चों ने बताया कि उनके स्कूल फीस माफ नहीं हो पायी है, जिसकी वजह से उनको पढ़ाई में दिक्कते जा रही है। कलेक्टर श्री सिंह ने इस बात पर तुरंत कार्यवाही करते हुए शिक्षा विभाग को उनके स्कूल में फीस माफ कराने एवं उनके लिए स्कूल ड्रेस सहित कापी-पुस्तकें उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया। इस दौरान जिला पंचायत सीईओ डॉ.रवि मित्तल, जिला खाद्य अधिकारी श्री जी.पी.राठिया, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री टी.के.जाटवर सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे।
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रायगढ़ जिले के धर्मजयगढ ब्लॉक के बेहरमार डिवीज़न में आज सुबह एक हाथी का शव बरामद हुआ है बताया जा रहा है कि बीती रात वह छाल रेंज के बेहरामार गाँव के किनारे विचरण कर रहा था. इसकी सूचना पाते ही वन विभाग की टीम घटना स्थल पर पहुंचकर पूरे मामले की जांच में जुट गई है. हाथी का शव कटहल के पेड़ के नीचे मिला है जिससे अंदेशा लगाया जा रहा है कि कटहल खाते हुए उसकी मौत हुई होगी बता दें कि प्रदेश में दो हफ्तों के अंदर 6 हाथियों की मौत हो चुकी है.
- रायगढ़ : जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने जनपद पंचायत खरसिया ग्राम पंचायत बड़े जामपाली के पंचायत सचिव श्री गणेश सिंह रौतिया एवं ग्राम पंचायत रतनमहका के पंचायत सचिव नटवर पटैल को मजदूरों के लिए बनाये गये क्वारेंटीन सेंटर में लापरवाही बरतने एवं शासकीय कार्य में रूचि नहीं लेने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में दोनों पंचायत सचिव का मुख्यालय जनपद पंचायत खरसिया निर्धारित किया गया है तथा उन्हें इस अवधि नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
ज्ञात हो कि बड़े जामपाली के पंचायत सचिव गणेश सिंह रौतिया द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के समय बिना पूर्व सूचना के अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने, शासकीय कार्य में रूचि नहीं लेने एवं उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने एवं अपने पदीय कर्तव्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के कारण निलंबित किया गया है। इसी तरह ग्राम रतनमहका के पंचायत सचिव श्री नटवर पटैल द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना के समय अन्य राज्यों से आने वाले मजदूरों के लिए पूर्व माध्यमिक शाला रतन महका को क्वारेंटीन सेंटर बनाया गया है जिसमें मजदूरों के लिए रहने, खाने, पीने, शौचालय, स्नानागार इत्यादि की व्यवस्था नहीं किए जाने, शासकीय कार्य में रूचि नहीं लेने एवं उच्चाधिकारियों के के आदेशों की अवहेलना करने एवं अपने पदीय कर्तव्यों का पालन नहीं करने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। -
निर्धारित लक्ष्य से 165 करोड़ अधिक राजस्व की प्राप्ति
रायपुर, 01 अप्रैल 2020/ छत्तीसगढ़ सरकार को वित्तीय वर्ष 2019-20 में 6,165 करोड़ रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के कुशल नेतृत्व में राज्य सरकार को प्राप्त यह राजस्व निर्धारित लक्ष्य से 165 करोड़ रूपए अधिक है। यह खनिज राजस्व पिछले वित्तीय वर्ष में प्राप्त राजस्व से भी 55 करोड़ रूपए अधिक है।राज्य सरकार को पिछले वित्तीय वर्ष 2018-19 में 6,110 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। खनिज विभाग के अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2019-20 में रायपुर जिले से 62 करोड़ 56 लाख 40 हजार रूपए, बलौदाबाजार जिले से 244 करोड़ 95 लाख 43 हजार रूपए, गरियाबंद जिले से 2 करोड़ 97 लाख 8 हजार रूपए, धमतरी जिले सेे 9 करोड़ 15 लाख 14 हजार रूपए, महासमुन्द जिले से 6 करोड़ 4 हजार रूपए, राजनांदगांव जिले से 22 करोड़ 36 लाख 28 हजार रूपए, कबीरधाम जिले से 15 करोड़ 90 लाख 81 हजार रूपए, दुर्ग जिले से 69 करोड़ 68 लाख 82 हजार रूपए, बालोद जिले से 303 करोड़ 20 लाख 80 हजार रूपए, बेमेतरा जिले से 11 करोड़ 70 लाख 79 हजार रूपए और बस्तर जिले से 13 करोड़ 74 लाख 30 हजार रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।इसी तरह से नारायणपुर जिले से 44 लाख 69 हजार रूपए, सुकमा जिले से 60 लाख 43 हजार रूपए, कांकेर जिले से 108 करोड़ 98 लाख 48 हजार रूपए, कोण्डागांव जिले से एक करोड़ एक लाख 12 हजार रूपए, दंतेवाड़ा जिले से 2012 करोड़ 61 लाख 27 हजार रूपए, बीजापुर जिले से 78 लाख 90 हजार रूपए, बिलासपुर जिले से 33 करोड़ 38 लाख 50 हजार रूपए, मुंगेली जिले से 3 करोड़ 82 लाख 17 हजार रूपए, कोरबा जिले से 2010 करोड़ 60 लाख 81 हजार रूपए, जांजगीर-चांपा जिले से 44 करोड़ 33 लाख 13 हजार रूपए, रायगढ़ जिले से 495 करोड़ 19 लाख 19 हजार रूपए, जशपुर जिले से 3 करोड़ 13 लाख 38 हजार रूपए, सरगुजा जिले से 323 करोड़ 20 लाख 12 हजार रूपए, बलरामपुर जिले से 68 करोड़ 71 लाख 13 हजार रूपए, सूरजपुर जिले से 58 करोड़ 15 लाख 64 हजार रूपए और कोरिया जिले से 137 करोड़ 77 लाख 40 हजार रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है।