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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सिमगा में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने किया सिटी सर्विलांस का शुभारंभ
अत्याधुनिक 40 सीसीटीवी कैमरों से शहर की हर गतिविधि पर रहेगी पैनी नजर
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने शुक्रवार को बलौदाबाज़ार-भाटापारा जिले के सिमगा नगर में सिटी सर्विलांस सिस्टम का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने थाना परिसर में स्थापित सीसीटीवी सिटी सर्विलांस कक्ष का अवलोकन कर नगर की निगरानी व्यवस्था की जानकारी ली।
कार्यक्रम में राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा, कलेक्टर श्री दीपक सोनी, पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता, जनपद अध्यक्ष श्री दौलत राम पाल, जनपद सदस्य श्री चंद्रप्रकाश टोंड्रे सहित जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।
अपने उद्बोधन में उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग कर रही है। सिमगा नगर में सिटी सर्विलांस की शुरुआत इस दिशा में एक मील का पत्थर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि सिमगा नगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है, जहां कई औद्योगिक इकाइयाँ संचालित हैं और विभिन्न प्रांतों से लोग आते-जाते रहते हैं।
ऐसे में किसी भी आपराधिक घटना के तुरंत बाद उसकी पहचान और अपराधियों की तलाश अब सीसीटीवी नेटवर्क से सहज और तेज़ हो जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में 40 उच्च गुणवत्ता वाले कैमरे लगाए गए हैं, जो दिन-रात समान रूप से कार्य करने में सक्षम हैं और वाहन के नंबर प्लेट तक को स्पष्ट रूप से कैद कर सकते हैं। इससे अपराध नियंत्रण, दुर्घटनाओं की रोकथाम तथा ट्रैफिक प्रबंधन में उल्लेखनीय सुधार आएगा।
राजस्व मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने कहा कि सिटी सर्विलांस व्यवस्था शहर की “तीसरी आँख” साबित होगी। अब किसी भी घटना पर तुरंत निगरानी रखी जा सकेगी और अपराधियों को पकड़ने में पुलिस को ठोस सबूत मिल सकेंगे। कार्यक्रम में कलेक्टर श्री दीपक सोनी और पुलिस अधीक्षक श्रीमती भावना गुप्ता ने भी इस पहल को शहर की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि निगरानी तंत्र से न केवल अपराधों में कमी आएगी बल्कि लोगों में भी सुरक्षा का विश्वास बढ़ेगा।
इस अवसर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री हेमसागर सिदार, स्थानीय जनप्रतिनिधि, नगर पंचायत अधिकारी एवं बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे। सिटी सर्विलांस की यह पहल सिमगा को तकनीकी रूप से सशक्त और सुरक्षित नगर के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। -
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काष्ठ कला प्रशिक्षण के लिए राज्यपाल ने दिए 50 हजार अनुदान
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज राजभवन में शासकीय उच्च प्राथमिक शाला मड़ानार जिला कोण्डागांव के शिक्षकों एवं बच्चों ने काष्ठ कला से निर्मित पोट्रेट भेंट की। विद्यालय के शिक्षक श्री शिवचरण साहू ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप उनके विद्यालय में विद्यार्थियों के कौशल उनयन के लिए काष्ठ कला का प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिससे वे मूर्तियां एवं अन्य उपयोगी सामग्री तैयार करते है।
श्री डेका ने इसकी सराहना करते हुए बच्चों को प्रोत्साहित किया और प्रशिक्षण के सुचारू संचालन के लिए 50 हजार रूपए अनुदान राशि प्रदान करने की घोषणा की। इस अवसर पर शासकीय प्राथमिक शाला मड़ानार की प्रधानपाठिका श्रीमती हिना साहू एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। -
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भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 में वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने किया राज्य की डिजिटल क्षमताओं का सशक्त प्रस्तुतीकरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की डिजिटल प्रगति और तकनीकी क्षमता को राष्ट्रीय मंच पर प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया गया। नई दिल्ली के यशोभूमि में आयोजित भारत मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के अंतर्गत राज्यों के आईटी मंत्रियों की राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में राज्य के वित्त मंत्री एवं कैबिनेट मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करते हुए देशभर के समक्ष राज्य के डिजिटल और दूरसंचार विकास की दृष्टि प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा दूरसंचार अधोसंरचना के समन्वित विकास की दिशा में किए जा रहे प्रयास सहकारी संघवाद का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने अपने संबोधन में प्रदेश में मोबाइल नेटवर्क विस्तार की आवश्यकता, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में निवेश के अवसर, साइबर सुरक्षा, डेटा सेंटर विकास और नवीन तकनीकों के प्रोत्साहन पर विशेष बल दिया। उन्होंने इंडियन मोबाइल कॉन्फ़्रेंस में केंद्रीय संचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समक्ष छत्तीसगढ़ में मोबाइल टावरों और हाई-स्पीड इंटरनेट विस्तार के लिए ठोस तर्क प्रस्तुत किए। साथ ही विभिन्न राज्यों को छत्तीसगढ़ में भूकंपीय जोखिम कम होने के कारण डेटा सेंटर एवं डिज़ास्टर रिकवरी साइट स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया।
भारत सरकार के दूरसंचार मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अध्यक्षता में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में श्री चौधरी ने अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में दूरसंचार अधोसंरचना के तीव्र विकास के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है। इसी क्रम में राज्य ने भारत सरकार द्वारा जारी राइट ऑफ वे (ROW) नियम, 2024 को अधिसूचित कर 1 जनवरी 2025 से प्रभावी कर दिया है तथा केंद्रीय ROW पोर्टल पर ऑनबोर्ड होने का निर्णय लिया है।
श्री चौधरी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में दूरसंचार विस्तार प्राथमिकता पर जारी है। राज्य के कम जनसंख्या घनत्व एवं सुरक्षा-संवेदनशील जिलों में लगभग 1,600 टावर स्थापित किए जा रहे हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि मोबाइल नेटवर्क विस्तार की वर्तमान योजनाओं — LWE फेज-I एवं II, Aspirational Districts और 4G Saturation — में छत्तीसगढ़ को विशेष श्रेणी रियायत प्रदान की जाए, ताकि इन क्षेत्रों में नेटवर्क कनेक्टिविटी को और सुदृढ़ किया जा सके।
इसके साथ ही उन्होंने नेटवर्क विस्तार की आगामी योजनाओं, जैसे “धरती आबा योजना”, के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में अतिरिक्त टावर स्वीकृति और राज्य-विशेष नई योजना के निर्माण की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने बताया कि राज्य के दूरस्थ वनांचलों में, जहाँ मोबाइल नेटवर्क विस्तार अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, वहाँ सैटेलाइट आधारित कनेक्टिविटी के लिए नवीन परियोजनाओं की स्वीकृति आवश्यक है।
डिजिटल भारत निधि के अंतर्गत भारतनेट परियोजना फेज-III के तहत छत्तीसगढ़ द्वारा ₹3,761.15 करोड़ का प्रस्ताव भारत सरकार को प्रेषित किया गया है, जिसके माध्यम से राज्य की 5,659 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर द्वारा हाई-स्पीड इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रदान की जाएगी। श्री चौधरी ने इस प्रस्ताव की शीघ्र स्वीकृति का आग्रह करते हुए कहा कि इससे प्रदेश की ग्राम पंचायतें टेलीमेडिसिन, ई-गवर्नेंस और डिजिटल पेमेंट जैसी सेवाओं से जुड़ सकेंगी तथा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का डिजिटल इंडिया का स्वप्न साकार होगा।
साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्थापित किए जा रहे अत्याधुनिक स्टेट डेटा सेंटर और मैनेज्ड सिक्योरिटी ऑपरेशन सेंटर (MSOC) की प्रगति से भी उन्होंने अवगत कराया। श्री चौधरी ने कहा कि अपनी भौगोलिक स्थिति, सरप्लस विद्युत उपलब्धता, Seismic Zone-II वर्गीकरण और आकर्षक निवेश नीति के कारण छत्तीसगढ़ डेटा सेंटर उद्योग के लिए देश का नया उभरता हुआ केंद्र बन रहा है। रैंक बैंक डेटा सेंटर्स द्वारा रायपुर में भारत का पहला AI-Optimized Data Center Park लॉन्च किया गया है, जिसमें ₹1,000 करोड़ का प्रारंभिक निवेश किया गया है, जो अगले पाँच वर्षों में ₹3,000 करोड़ तक बढ़ेगा। यह सुविधा 13.5 एकड़ में फैली है, 80 मेगावाट क्षमता प्रदान करती है और इसमें 1 लाख GPU होंगे, जिससे 500 से अधिक उच्च-कुशल रोजगार सृजित होंगे।इसके अतिरिक्त ESDS Software Solutions ने रायपुर में ₹600 करोड़ के निवेश से उन्नत AI-आधारित डेटा सेंटर स्थापना का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
इस अवसर पर श्री चौधरी ने केंद्र सरकार, सार्वजनिक उपक्रमों एवं अन्य राज्य सरकारों को छत्तीसगढ़ में अपने डिज़ास्टर रिकवरी डेटा सेंटर्स स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से सभी डेटा सेंटर निवेशकों को आवश्यक सभी सुविधाएँ प्रदान करने के लिए पूर्णतः कृतसंकल्पित है। -
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प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से उज्ज्वल होगा प्रदेश की बहनों का भविष्य - मुख्यमंत्री श्री साय
छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार” और “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत 1.59 लाख माताओं-बहनों को मिलेगा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ
रायपुर : भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत देशभर में 25 लाख नए एलपीजी कनेक्शन स्वीकृत किए गए हैं। इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ में “सुशासन तिहार” और “नियद नेल्ला नार योजना” के अंतर्गत 1.59 लाख पात्र माताओं-बहनों को उज्ज्वला योजना का लाभ प्राप्त होगा।यह निर्णय छत्तीसगढ़ की लाखों माताओं-बहनों के जीवन में स्वच्छ ऊर्जा और स्वास्थ्य का उजाला लेकर आएगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी जी के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना ने महिला सशक्तिकरण की दिशा में जो उजाला फैलाया है, वह आने वाले वर्षों में पूरे समाज के विकास का आधार बनेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की मातृशक्ति हमेशा से परिवार और समाज की धुरी रही है। उज्ज्वला योजना के माध्यम से उन्हें वह सम्मान मिला है जिसकी वे हकदार हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री के नेतृत्व में प्रत्येक पात्र बहन तक इस योजना का लाभ पहुँचाने के लिए कटिबद्ध है। भारत सरकार के इस निर्णय से छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में जीवन की गुणवत्ता में बड़ा सुधार होगा। ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों की महिलाएं अब प्रदूषण रहित वातावरण में जीवन जी सकेंगी।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में वर्तमान में लगभग 38 लाख महिलाएं प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ प्राप्त कर रही हैं। -
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कुतुल से नीलांगुर महाराष्ट्र बॉर्डर तक एनएच-130-डी का होगा निर्माण
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने के लिए सरकार सतत प्रयासरत – मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी के निर्माण को नई गति मिली है। छत्तीसगढ़ शासन ने कुतुल से नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक 21.5 किलोमीटर हिस्से के निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इस सड़क के निर्माण के लिए न्यूनतम टेंडर देने वाले ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया शर्तों सहित पूरी करने के निर्देश लोक निर्माण विभाग मंत्रालय द्वारा प्रमुख अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग परिक्षेत्र रायपुर को दिए गए हैं। कुल तीन खंडों में निर्मित होने वाले 21.5 किलोमीटर सड़क के निर्माण हेतु लगभग 152 करोड़ रुपए न्यूनतम टेंडर दर प्राप्त हुई है, जिसे छत्तीसगढ़ शासन ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
यह उल्लेखनीय है कि कुतुल, नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में स्थित है और कुतुल से महाराष्ट्र सीमा पर स्थित नीलांगुर की दूरी 21.5 किलोमीटर है। यह नेशनल हाईवे 130-डी का हिस्सा है। इस सड़क का निर्माण टू-लेन पेव्ड शोल्डर सहित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि एनएच-130डी राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 195 किलोमीटर है। यह एनएच-30 का शाखा मार्ग (स्पर रूट) है। यह कोण्डागांव से शुरू होकर नारायणपुर, कुतुल होते हुए नीलांगुर (महाराष्ट्र सीमा) तक जाता है। आगे महाराष्ट्र में यह बिंगुंडा, लहरे, धोदराज, भमरगढ़, हेमा, लकासा होते हुए आलापल्ली तक पहुँचता है, जहाँ यह एनएच-353डी से जुड़ जाता है। इस मार्ग के विकसित होने से बस्तर क्षेत्र सीधे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से जुड़ जाएगा और व्यापार, पर्यटन एवं सुरक्षा को बड़ी मजबूती प्राप्त होगी।
नेशनल हाईवे 130-डी का कोण्डागांव से नारायणपुर तक का लगभग 50 किमी हिस्सा निर्माणाधीन है। नारायणपुर से कुतुल की दूरी 50 किमी है और वहाँ से महाराष्ट्र सीमा स्थित नीलांगुर तक 21.5 किमी की दूरी है। इस राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 195 किमी है, जिसमें से लगभग 122 किमी का हिस्सा कोण्डागांव-नारायणपुर से कुतुल होते हुए नीलांगुर तक छत्तीसगढ़ राज्य में आता है। इस सड़क के बन जाने से बस्तर अंचल को महाराष्ट्र से सीधा और मजबूत सड़क संपर्क मिलेगा तथा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षित एवं सुगम यातायात सुविधा सुलभ हो सकेगी।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के सहयोग से इस नेशनल हाईवे के अबूझमाड़ इलाके में स्थित हिस्से के लिए फॉरेस्ट क्लियरेंस और निर्माण की अनुमति प्राप्त हुई, जिससे इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण का रास्ता खुल गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 130-डी केवल सड़क नहीं बल्कि बस्तर अंचल की प्रगति का मार्ग है।हमारी सरकार ने इस परियोजना को तेजी देने के लिए लगातार प्रयास किए हैं। इस सड़क से बस्तर के लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह सड़क न केवल छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र को जोड़ेगी, बल्कि बस्तर अंचल के सामाजिक एवं आर्थिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगी। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति तेज करने के लिए यह परियोजना मील का पत्थर साबित होगी। -
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उप मुख्यमंत्री ने 48 करोड़ से अधिक के विकास कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन
अटल परिसर का किया लोकार्पण, नालंदा परिसर का भूमिपूजन भी किया
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज अपने सक्ती प्रवास के दौरान अटल परिसर के लोकार्पण के साथ ही विभिन्न विकास कार्यों का भी लोकार्पण एवं भूमिपूजन किया। उन्होंने आज सक्ती जिले के लिए कुल 48 करोड़ 73 लाख रुपए से अधिक के विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। इनमें सक्ती नगर पालिका में 30 लाख रुपए की लागत से निर्मित अटल परिसर और तीन करोड़ नौ लाख रुपए की लागत से सोसायटी चौक से बुधवारी बाजार होते हुए गुरुनानक कॉम्प्लेक्स तक बी.टी. रोड निर्माण कार्य, चौड़ीकरण एवं सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण शामिल हैं। श्री साव ने चार करोड़ 41 लाख रुपए की लागत से बनने वाले नालंदा परिसर का भूमिपूजन भी किया।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने सक्ती में पंडित दीनदयाल उपाध्याय उद्यान के जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण के लिए 40 लाख रुपए तथा श्यामा प्रसाद मुखर्जी सभागार सामुदायिक भवन के जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। उन्होंने सक्ती नगर पालिका के अध्यक्ष श्री श्याम सुंदर अग्रवाल को शहर के विकास के लिए साढ़े तीन करोड़ रुपए के कार्यों का प्रस्ताव भेजने को कहा। उन्होंने नगर पालिका के प्रस्ताव को तत्काल मंजूरी देने की बात कही। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों को उनके नए आवासों की चाबी सौंपने के साथ ही राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को चेक प्रदान किया गया। कार्यक्रम में शहर की स्वच्छता दीदियों एवं स्वच्छता मित्रों को सम्मानित भी किया गया।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा कि सक्ती जिले के विकास के लिए लगातार कार्य किए जा रहे हैं। आज यहां युवाओं के लिए नालंदा परिसर का भूमिपूजन किया गया है जो क्षेत्र के युवाओं और प्रतिभागियों के लिए बहुत ही लाभदायक होगा। नालंदा परिसर के माध्यम से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं को पढ़ाई-लिखाई के लिए बहुत ही अच्छा वातावरण उपलब्ध हो सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा मोदी की एक-एक गारंटी को पूरा करने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। पुराने सड़कों की मरम्मत और नई सड़कों के निर्माण किए जा रहे हैं। सड़कों के पुनर्निर्माण का काम पूरे प्रदेश में जल्द ही वृहद स्तर पर प्रारंभ किया जाएगा।
श्री साव ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी बाजपेयी ने छत्तीसगढ़ को बिलासपुर रेलवे जोन, हाई-कोर्ट और रायपुर के एम्स हॉस्पिटल जैसी बड़ी सौगातें दी हैं। हम अपने प्रदेश के लिए उनके योगदान को नहीं भूला सकते। अटलजी ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। उनके योगदान को चिरस्थायी रखने सभी शहरों में अटल परिसर बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सक्ती जिले में 85 करोड़ रुपए की लागत से जल आवर्धन योजना का कार्य अंतिम चरण में है। इसके पूर्ण हो जाने के बाद हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचेगा।
सक्ती नगर पालिका के अध्यक्ष श्री श्याम सुंदर अग्रवाल ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गौरव की बात है कि आज नगर के विकास के लिए उप मुख्यमंत्री स्वयं आकर अनेक विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास कर रहे हैं। पूर्व मंत्री श्री मेघा राम साहू, सक्ती जिला पंचायत की अध्यक्ष श्रीमती द्रौपदी कीर्तन चंद्रा, उपाध्यक्ष श्री कमल किशोर पटेल, जांजगीर-चांपा जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री गगन जयपुरिहा, सक्ती नगर पालिका के उपाध्यक्ष श्री भारत यादव, कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो, पुलिस अधीक्षक श्रीमती अंकिता शर्मा, जिला पंचायत के सीईओ श्री वासु जैन और सीएमओ श्री प्रहलाद पाण्डेय सहित पार्षदगण, जनप्रतिनिधि तथा गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।
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जनजातीय संस्कृति, परंपराओं की झलक बिखेरेंगे नर्तक दल
छत्तीसगढ़ में डेढ़ माह तक मनाया जाएगा करमा महोत्सव
रायपुर : छत्तीसगढ़ जनजातीय कला, संस्कृति और परंपराओं की विविधता से परिपूर्ण राज्य है। यहां की आदिवासी संस्कृति, लोक नृत्य, लोकगीत और पारंपरिक पर्व न केवल देश में, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार जनजातीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु निरंतर प्रयासरत है। इसी कड़ी में पूरे राज्य में भव्य करमा महोत्सव 2025 का आयोजन किया जा रहा है। करीब डेढ़ माह तक चलने वाला यह कार्यक्रम 04 चरणों में आयोजित होगी।
ग्राम स्तर पर इसकी शुरूआत 01 अक्टूबर से हो चुकी है। समापन राज्य स्तर पर 15 नवंबर को होगा। इसमें राज्य के अनुसूचित क्षेत्र, माडा पाकेट क्षेत्र एवं विशेष रूप से सरगुजा एवं बिलासपुर संभाग के ग्राम शामिल होंगे। सरगुजा संभाग अंतर्गत जिले सरगुजा, जशपुर, बलरामपुर-रामानुजगंज, सूरजपुर, कोरिया, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर और बिलासपुर संभाग अंतर्गत बिलासपुर, कोरबा, रायगढ जिले में होगा।
चार चरणों में आयोजित होगी करमा महोत्सव, बिखरेगी सांस्कृतिक छटा
करमा महोत्सव ग्राम पंचायत स्तर, विकासखंड, जिला और राज्य स्तर परं आयोजित की जाएगी। ग्राम स्तर पर 01 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक, विकासखंड स्तर पर 16 से 31 अक्टूबर तक, जिला स्तर पर 01 नवंबर से 07 नवंबर तक और राज्य स्तर पर 08 नवंबर से 15 नंवबर तक मनाया जाएगा। करमा महोत्सव में करमा नृत्य, करमा गीत, जनजातीय लोक गायकों का प्रतिनिधित्व एवं जनजातीय समुदायों में प्रचलित परम्परागत वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन किया जाएगा।विकासखण्डों के अंतर्गत आने वाले चयनित ग्राम पंचायत में करमा त्यौहार कार्यकम आयोजन प्रति ग्राम 02 हजार रूपए के मान से तथा विकास खंड स्तरीय कार्यक्रम हेतु प्रति वि.ख. 01 लाख तथा जिला स्तर में कार्यक्रम हेतु राशि 5 लाख रूपए तथा राज्य स्तरीय कार्यक्रम हेतु क्षेत्र एवं बजट उपलब्धता के आधार पर उपलब्ध करायी जायेगी। विकासखण्ड स्तर पर चयनित 02 करमा नर्तक दलों को चिन्हांकित करते हुए जिलों में कार्यक्रम के प्रस्तुतीकरण हेतु भेजा जाएगा। जिला स्तर से चयनित 01 करमा नर्तक दलों को राज्य स्तर में प्रस्तुतीकरण हेतु भेजा जायेगा।
राज्य स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने वाले करमा नर्तक दल को मिलेंगे 02 लाख रूपए पुरस्कार
जिला स्तर पर आयोजित जनजातीय करमा महोत्सव में प्रथम आने वाले को 50 हजार द्वितीय को 25 हजार एवं तृतीय आने वाले दल को 15 हजार रूपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त जिला स्तरीय समिति द्वारा अनुशंसित नर्तक दल को 10,000 रूपए के मान से सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।इसी तरह राज्य स्तर पर आयोजित जनजातीय करमा महोत्सव में प्रथम आने वाले दल को 02 लाख रूपए, द्वितीय को 01 लाख रूपए एवं तृतीय आने वाले दल को 50 हजार रूपए की पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। इसके अतिरिक्त राज्य स्तरीय समिति द्वारा अनुशंसित नर्तक दल को 25 हजार रूपए के मान से सांत्वना पुरस्कार भी प्रदान किया जाएगा। राज्य स्तरीय करम महोत्सव के आयोजन के लिए स्थान का निर्धारण बाद में किया जाएगा।
करमा महोत्सव 2025 का आयोजन संचालक, आदिम जाति अनुसंधान तथा प्रशिक्षण संस्थाना नवा रायपुर के समन्वय एवं मार्गदर्शन में आयोजित किया जाएगा। मुख्य कार्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न चरणों में जनजातीय लोक गायकों का प्रतिनिधित्व एवं जनजातीय समुदायों में प्रचलित परम्परागत वाद्य यंत्रों आदि की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।
करम महोत्सव विभिन्न स्तरों में
प्रत्येक ग्राम की करमा नृत्य दल का चयन ग्राम स्तर पर किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम पंचायत केवल एक ही दल को विकासखण्ड स्तर के महोत्सव के लिए चयनित करेंगें। विकासखण्ड मुख्यालय में होने वाले प्रदर्शन के आधार पर प्रथम एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले करम नृत्य दल जिला स्तर में आयोजित होने वाले महोत्सव में अपनी प्रस्तुतीकरण देंगें। जिला स्तर के प्रस्तुतीकरण में अपने जिले से प्रथम स्थान पाने वाला दल प्रदेश स्तरीय नृत्य महोत्सव में अपना प्रस्तुतीकरण देंगें।
जिला एवं राज्य स्तर में प्रदर्शन करने वाली प्रत्येक करमा नृत्य दल को प्रदर्शन हेतु अधिकतम 15 मिनट की समय-सीमा निर्धारित है। राज्य स्तर पर प्रदर्शन करने वाले प्रत्येक करमा नृत्य दल अपने पारंपरिक वेशभूषा एवं वाद्ययंत्रों के साथ प्रस्तुतीकरण करेंगें। करम महोत्सव आयोजन में सम्मिलित होने वाले जिले एवं प्रदेश स्तर के प्रतिभागी महिला एवं पुरुषों के लिए परिवहन, भोजन और आवास की समूचित व्यवस्था की जाएगी। मुख्य कार्यकम के साथ-साथ विभिन्न चरणों में जनजाति लोक गायकों का प्रतिनिधित्व एवं जनजाति समुदायों में प्रचलित परम्परागत वाद्ययंत्रों आदि की प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा।
करमा विशेष प्रकार का पूजनीय और मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष
करमा महोत्सव मनाए जाने का उद्देश्य जनजातीय समुदायों द्वारा मनाये जाने वाले त्यौहारों में करम उत्सव एक महत्वपूर्ण उत्सव है। इसके साथ ही सेंदों दो नृत्य एवं अन्य स्थानीय नृत्यों को भी महोत्सव के माध्यम से जनजातीय संस्कृति एव परम्परा को संरक्षित करना तथा मूल स्वरूप में आगामी पीढी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं को अभिलेख करना है। करम अर्थात विशेष प्रकार का पूजनीय और मनोकामना पूर्ण करने वाला वृक्ष माना जाता है। करमा डाल को करम राजा, करम सेनी के नाम से पुकारा जाता है। करम राजा अर्थात् देवता एवं करम सेनी अर्थात् देवी। सरगुजा संभाग के सभी जिलों में देवता के रूप में तथा जिला रायगढ में देवी के रूप में करम सेनी की सेवा की जाती है।इस त्यौहार के माध्यम से जनजातीय संस्कृति, उनके पारंपरिक रीति-रिवाज और कला संस्कृति का बढावा देना और संरक्षित करना है। राज्य में करम उत्सव को चार भिन्न-भिन्न उद्देश्यों के साथ अगस्त-सितम्बर माह (भादो) से अक्टूबर-नवम्बर माह (कार्तिक) तक संपूर्ण सरगुजा संभाग के जिले एवं रायगढ, महासमुंद, कोरबा बिलासपुर एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिलों में स्थानीय जनजातीय समूहों के द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। -
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मुख्यमंत्री श्री साय से इसरो के वैज्ञानिकों ने की सौजन्य भेंट
इसरो की यात्रा में छत्तीसगढ़ की भागीदारी, युवाओं के लिए नए अवसर और शासन की कार्यकुशलता बढ़ाने में इसरो की तकनीक के उपयोग पर हुई विस्तृत चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से राजधानी रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में इसरो अहमदाबाद केंद्र के निदेशक डॉ. एन. एम. देसाई के नेतृत्व में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य भेंट की।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय और वैज्ञानिकों के बीच इसरो की यात्रा में छत्तीसगढ़ की भागीदारी को बढ़ाने, राज्य के युवाओं के लिए नए अवसर सृजित करने, शासन के कामकाज में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए इसरो की तकनीक के उपयोग तथा स्कूल–कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए इसरो द्वारा संचालित गतिविधियों पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इसरो की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में जो ऊँचाइयाँ प्राप्त की हैं, वह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नवाचार और तकनीकी शिक्षा को प्रोत्साहित कर रही है, ताकि प्रदेश के युवा स्पेस साइंस के प्रति रुचि लेकर देश के अंतरिक्ष अभियानों में सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इसरो द्वारा प्रदेश के विद्यार्थियों के लिए इंटर्नशिप और प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएँ, जिससे उन्हें अंतरिक्ष विज्ञान की व्यावहारिक जानकारी प्राप्त हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि इसरो की तकनीक का उपयोग कृषि, खनन नियंत्रण, भू-अतिक्रमण की निगरानी तथा धान खरीदी के दौरान अवैध गतिविधियों की पहचान जैसे कार्यों में प्रभावी रूप से किया जा सकता है।
इस अवसर पर इसरो अहमदाबाद केंद्र के निदेशक डॉ. एन. एम. देसाई ने मुख्यमंत्री को इसरो द्वारा संचालित विभिन्न परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि युवाओं को अंतरिक्ष विज्ञान से जोड़ने के लिए इसरो कई अभिनव कार्यक्रम चला रहा है, जिन्हें छत्तीसगढ़ में भी विस्तारित किया जाएगा। इस दौरान प्रदेश में एक ‘स्पेस गैलरी’ की स्थापना को लेकर भी सकारात्मक चर्चा हुई।
डॉ. देसाई ने मुख्यमंत्री श्री साय को इसरो अहमदाबाद केंद्र के भ्रमण हेतु आमंत्रित किया और उन्हें इसरो द्वारा हाल ही में लॉन्च किए गए उपग्रहों तथा मिशन चंद्रयान की प्रतिकृतियाँ स्मृति स्वरूप भेंट कीं।
इसरो के वैज्ञानिक भगवान मधेश्वर की तस्वीर देखकर हुए अभिभूत
मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक के दौरान इसरो के वैज्ञानिकों की नजर जब भगवान मधेश्वर की तस्वीर पर पड़ी, तो वे उसे देखकर अभिभूत हो गए। जिज्ञासावश उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से इसके बारे में जानकारी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री ने बताया कि मधेश्वर पहाड़ जशपुर जिले में स्थित है, जहाँ भगवान शिव विशाल प्राकृतिक शिवलिंग स्वरूप में पूजे जाते हैं। स्थानीय लोग भगवान शिव के इस स्वरूप की अत्यंत श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा-अर्चना करते हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थल न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है, बल्कि छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। मुख्यमंत्री श्री साय ने सभी वैज्ञानिकों को भगवान मधेश्वर के छायाचित्र भेंटस्वरूप प्रदान किए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, राजस्व विभाग की सचिव श्रीमती रीना बाबा साहब कंगाले, उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, संचालक रोजगार एवं प्रशिक्षण श्री विजय दयाराम के., संचालक भू-अभिलेख श्री विनीत नंदनवार, इसरो के ग्रुप डायरेक्टर डॉ. डी. के. पटेल, डॉ. दीपक कुमार सिंह, कलेक्टर श्री गौरव कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर कर सकते हैं संपर्क
रायपुर : खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु किसानों का एग्रीस्टैक पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य किया गया है। एग्रीस्टैक पोर्टल से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए टोल फ्री नंबर 1800-233-1030 पर संपर्क किया जा सकता है।
एग्रीस्टैक पोर्टल भारत सरकार द्वारा विकसित एक यूनिफाइड एग्रीकल्चर डेटाबेस है, जिसमें किसानों का भूमि एवं आधार लिंक्ड पंजीयन किया जाता है। पंजीकरण उपरांत किसानों को एक यूनिक फार्मर आईडी (Unique Farmer ID) प्राप्त होती है। यह आधार लिंक्ड डेटाबेस शासन की विभिन्न योजनाओं के लाभ केवल वास्तविक पात्र किसानों तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के तहत किसानों को सीधे भुगतान किया जाता है। अतः शासन की मंशा है कि सभी पात्र किसान सुशासन एवं पारदर्शिता के साथ इस योजना का वास्तविक लाभ प्राप्त करें। एग्रीस्टैक में आधार-आधारित पंजीयन और ई-केवाईसी की व्यवस्था से संपूर्ण प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता, सटीकता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित होगा।
गत वर्ष राज्य के 25.49 लाख किसानों ने धान विक्रय किया था। वर्तमान वर्ष में अब तक 21.47 लाख किसानों ने एग्रीस्टैक पोर्टल पर पंजीकरण कर लिया है। शेष किसान अपने निकटतम सहकारी समिति या निर्धारित केंद्र में जाकर 31 अक्टूबर 2025 तक अपना पंजीयन करा सकते हैं। इस संबंध में सभी समितियों और जिला कलेक्टरों को पूर्व में आवश्यक निर्देश जारी किए जा चुके हैं।
राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि एग्रीस्टैक पोर्टल डिजिटल क्रांति की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो छत्तीसगढ़ में धान खरीदी व्यवस्था को पारदर्शी, सटीक और किसान हितैषी बनाएगा।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राज्य के 20 हजार ग्रामों में से 13 हजार 879 ग्रामों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया गया है। इस डिजिटल क्रॉप सर्वे और मैनुअल गिरदावरी की रिपोर्टों का 2 से 14 अक्टूबर 2025 तक ग्राम सभाओं में पठन किया जा रहा है। इसके लिए प्रत्येक पंचायत में मुनादी कर सूचना दी गई है और सर्वे सूची का पंचायत भवनों में प्रदर्शन (चस्पा) भी किया गया है।
इस कार्यवाही की सतत निगरानी जिला कलेक्टर, खाद्य अधिकारियों तथा वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा की जा रही है। यह पहल “डिजिटल एग्रीकल्चर और गुड गवर्नेंस” की दिशा में राज्य का एक सशक्त और दूरदर्शी कदम है। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ की माटी ने एक बार फिर पूरे देश में अपनी प्रतिभा का परचम लहराया है। कोरबा जिले की सुश्री लखनी साहू, ई. विश्वेश्वरैया इंजीनियरिंग कॉलेज की एनएसएस स्वयंसेविका ने अपने समर्पण, सेवा और कर्मनिष्ठा से प्रदेश का नाम रोशन किया है।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें “MY Bharat NSS राष्ट्रीय पुरस्कार (2022-23)” से सम्मानित किया है। यह उपलब्धि न केवल लखनी साहू के अथक प्रयासों की पहचान है, बल्कि हर छत्तीसगढ़वासी के लिए गर्व और प्रेरणा का विषय है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस सम्मान पर लखनी साहू को हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने समाजसेवा के क्षेत्र में अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के माध्यम से समाजहित में किए गए उनके योगदान ने यह सिद्ध किया है कि जब युवा संकल्प लेकर आगे बढ़ते हैं, तो परिवर्तन निश्चित होता है। उनकी यह उपलब्धि प्रदेश के युवाओं को देश सेवा और जनकल्याण के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि राज्य सरकार युवाओं की ऊर्जा को रचनात्मक दिशा देकर उन्हें समाज निर्माण और राज्य के नवोदय में सहभागी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। -
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वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने ली ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की विशेष समीक्षा बैठक
रायपुर : वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने ली ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की विशेष समीक्षा बैठकनवा रायपुर में आयोजित ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की विशेष समीक्षा बैठक में वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने राज्य के नागरिकों को जीएसटी की घटी दरों का त्वरित लाभ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे आम जनता तक पहुँचना चाहिए, ताकि हर परिवार को वास्तविक बचत और व्यापारियों को राहत मिल सके।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने बैठक में राज्य के सभी बाजारों की स्थिति की विस्तृत समीक्षा करते हुए अधिकारियों से फीडबैक लिया। उन्होंने निर्देश दिया कि जीएसटी दरों में की गई कमी का लाभ उपभोक्ताओं तक पारदर्शी रूप से पहुँचे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “जीएसटी 2.0” के अंतर्गत दरों में ऐतिहासिक कमी की गई है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को राहत देना और व्यापार को सुगमता प्रदान करना है। यह राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस सुधार का लाभ समयबद्ध और ईमानदारीपूर्वक जनता तक पहुँचे।
गौरतलब है कि आम उपयोग की वस्तुओं की दरों में व्यापक कमी की गई है — लगभग 99 प्रतिशत वस्तुएँ अब 5 प्रतिशत जीएसटी स्लैब में लाई गई हैं। इस निर्णय से उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष रूप से बड़ी बचत हो रही है। उदाहरण के तौर पर, ट्रैक्टर जैसी कृषि मशीनरी पर 60,000 रुपये से 1,20,000 रुपये तक की बचत संभव हुई है। वहीं, कपड़ों और दैनिक उपयोग की वस्तुओं की कीमतों में भी उल्लेखनीय कमी आई है, जिससे आमजन का वार्षिक खर्च काफी घटेगा।
उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर 2025 से लागू हुए जीएसटी 2.0 सुधारों का उद्देश्य आम भारतीय परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ पहुँचाना है। इन सुधारों के तहत स्वास्थ्य क्षेत्र में महत्वपूर्ण राहत दी गई है। व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम अब जीएसटी मुक्त हैं, जिससे परिवारों को सालाना हजारों रुपये की बचत होगी. अधिकांश दवाइयों, मेडिकल उपकरणों और डायग्नोस्टिक किट पर जीएसटी दर 12% से 5% कर दी गई है, जबकि कई जीवनरक्षक दवाइयाँ पूरी तरह टैक्स मुक्त कर दी गई हैं।
इन सुधारों से न केवल आम नागरिकों को स्वास्थ्य खर्च में राहत मिली है, बल्कि घरेलू बजट पर सकारात्मक असर भी पड़ा है।
वित्त मंत्री श्री चौधरी ने सभी जिलों के जीएसटी अधिकारियों से कहा की वे यह सुनिश्चित करें कि कोई भी वस्तु पुरानी दरों पर न बेची जाए। यदि कोई पुराना स्टॉक उपलब्ध हो, तो उस पर नई संशोधित दरें अंकित की जाएँ और वस्तुएँ केवल नई दरों पर ही बेची जाएँ, ताकि जीएसटी दरों में की गई कटौती का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुँचे। उन्होंने यह भी कहा कि ‘जीएसटी बचत उत्सव’ की दैनिक रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाएगी और राज्य स्तर पर इसकी नियमित समीक्षा वे स्वयं करेंगे, ताकि “जीएसटी 2.0” सुधारों का लाभ प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक पहुँच सके।
यह बैठक वित्त एवं वाणिज्यिक कर मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी, वित्त सचिव श्री मुकेश बंसल तथा आयुक्त, राज्य कर श्री पुष्पेन्द्र मीणा की उपस्थिति में आयोजित की गई। बैठक में विभाग के सभी वरिष्ठ एवं क्षेत्रीय अधिकारी उपस्थित रहे। -
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रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला प्रवास के दौरान आज उत्कृष्ट कार्य के लिए डाइट के प्राचार्य श्री जे पी पुष्प को कलेक्ट्रेट में शाल और श्रीफल से सम्मानित किया। श्री पुष्प ने 1997 से 2013 तक हायर सेकेण्डरी विद्यालय जैजैपुर में प्राचार्य पद पर रहते हुए विद्यालय को नवाचारी, गतिशील बनाए रखा। इनके कार्यकाल में पूरे विकासखंड के विद्यार्थी इस विद्यालय में अध्ययन करना चाहते थे। इस विद्यालय में विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए कार्यक्रम संपन्न किए जाते थे।
दो बार कक्षा 12वीं के विद्यार्थी टॉप 10 में स्थान बनाने में सफल हुए। इस विद्यालय से राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भी प्राप्त हुए। शिक्षककीय कार्य में सेना तथा प्रशासनिक सेवा के क्षेत्रों में भी इस विद्यालय से बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने उल्लेखनीय स्थान अर्जित किया है। उस समय 2500 विद्यार्थियों की विशाल दर्ज संख्या के लिए शिक्षकों की व्यवस्था करना गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना तथा व्यक्तित्व विकास का कार्य करना उस समय के लिए बहुत बड़ी उपलब्धि रहा।श्री जे .पी. पुष्प वर्तमान में डाइट पेंड्रा में प्राचार्य के पद पर कार्यरत है। यहां भी जिले के आकांक्षी युवकों के लिए निशुल्क कोचिंग का संचालन कर रहे हैं। साथ ही एनइपी 2020 के अंतर्गत तीन जिले-मुंगेली, बिलासपुर तथा गौरेला पेंड्रा मरवाही में एफएलएन हेतु मार्गदर्शन, कठपुतली नृत्य, डाइट में संसाधनों की व्यवस्था, उल्लास कार्यक्रम का प्रचार प्रसार, मिनी बॉटनिकल गार्डन का विकास, डाइट परिसर का ईसीसीई की थीम पर साज सज्जा करना , शिक्षकों के लिए टीईटी मार्गदर्शन कक्षाओं का आयोजन करना जैसे महत्वपूर्ण कार्य इनके द्वारा किए जा रहे हैं। -
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योजनाओं का शत प्रतिशत क्रियान्वयन के निर्देश
राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आकांक्षी विकासखंड लखनपुर में ली अधिकारियों की बैठक
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने सरगुजा जिले के प्रवास के दौरान सोमवार को आकांक्षी विकासखंड लखनपुर के जनपद पंचायत सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर विकास कार्यों, शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की प्रगति की जानकारी ली। सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए, इससे स्थानीय स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

राज्यपाल श्री डेका ने स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण, कृषि, पीएम आवास, सामाजिक विकास, वित्तीय समावेशन एवं बुनियादी ढांचे के तहत चल रहे कार्यों की जानकारी ली। उन्होंने सभी विकासात्मक कार्यों को शत प्रतिशत क्रियान्वयन करने पर जोर देते कहा कि विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर लगाएं एवं मुख्यधारा में जोड़ने शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाएं।
श्री डेका ने जल संरक्षण को सर्वाेच्च प्राथमिकता देते हुए कहा कि प्रत्येक ग्राम में जल संचयन के लिए ठोस प्रयास किए जाएं। उन्होंने डबरी निर्माण, शोख पिट (सोखता गड्ढा), इंटकवेल जैसे संरचनात्मक कार्य तेजी से पूर्ण करने के निर्देश दिए ताकि वर्षा जल का अधिक से अधिक संग्रहण हो सके और भू-जल स्तर में सुधार हो सके। बैठक में पर्यटन, संस्कृति ,धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री श्री राजेश अग्रवाल, लुण्ड्रा विधायक श्री प्रबोध मिंज, कलेक्टर श्री विलास भोसकर, पुलिस अधीक्षक श्री राजेश अग्रवाल एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षण से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
राज्यपाल ने पशुपालन को ग्रामीण आजीविका का सशक्त माध्यम बताते हुए इसे बढ़ावा देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि पशुपालन से न केवल आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह पोषण सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। पर्यटन विकास की संभावनाओं पर चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्थानीय प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित कर पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे स्थानीय स्व-रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। सड़क सुरक्षा को लेकर उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी पहल की जाए और व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाए जाए। उन्होंने हेलमेट और यातायात नियमों के प्रति सतत् जागरूकता लाने के निर्देश भी दिए।
महिला स्व-सहायता समूहों की सराहना की
राज्यपाल श्री डेका ने महिला स्व-सहायता समूहों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि समूहों की आर्थिक गतिविधियों का ओर विस्तार किया जाए। उन्होंने बैंकिंग सुविधाओं को सुदृढ़ और सुगम बनाने पर विशेष जोर दिया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय समावेशन को मजबूती मिले। स्वास्थ्य और पोषण को लेकर उन्होंने कुपोषित बच्चों की पहचान एवं सघन मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने शिक्षकों का नियमित प्रशिक्षण, राज्य एवं जिला स्तर पर विषय-विशेष प्रशिक्षण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी विभागों से आपसी समन्वय और सूचकांकों के सतत सुधार की रणनीति पर कार्य करने निर्देशित किया। राज्यपाल ने अधिकारियों को योजनाओं की जमीनी स्तर पर जांच के लिए मैदानी भ्रमण करने और लाभार्थियों से फीडबैक लेने के भी निर्देश दिए।
एक पेड़ मां के नाम लगाने प्ररित करें
एक पेड़ मां के नाम’ अभियान को मिशन बताते हुए राज्यपाल ने सभी को पेड़ लगाने और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करने का आह्वान किया। सभी सरकारी कार्यालयों में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधरोपण के निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने जनपद परिषद में ‘एक पेड़ मां के नाम‘ पौधा रोपित किए। राज्यपाल श्री डेका ने आकांक्षी ब्लाक अंतर्गत दसवीं कक्षा में जिले में सर्वाेच्च अंक प्राप्त करने पर कुमारी भूमिका रजवाड़े को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
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रायपुर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज नई दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह से उनके निवास पर सौजन्य मुलाक़ात की। बैठक में बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार, रक्षा क्षेत्र के विकास, पूरे प्रदेश में सेना भर्ती रैलियों के आयोजन एवं नौसैनिक पोतों के नामकरण जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। इस अवसर पर केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्यमंत्री श्री तोखन साहू और मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बैठक के दौरान रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह को अवगत कराया कि बिलासपुर में रक्षा मंत्रालय की भूमि है। इस भूमि को उन्होंने बिलासपुर एयरपोर्ट के विस्तार के लिए उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यहां रक्षा क्षेत्र से संबंधित विकासात्मक कार्य भी आरंभ करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने यह भी रेखांकित किया कि छत्तीसगढ़ में सेना में भर्ती होने के प्रति युवाओं में विशेष उत्साह है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं में अनुशासन, शारीरिक क्षमता और देशभक्ति की भावना है। इस आधार पर उन्होंने रक्षा मंत्री से आग्रह किया कि पूरे प्रदेश में विशेष “सेना भर्ती रैलियों” का आयोजन किया जाए, जिससे युवाओं को अपने ही प्रदेश में देश सेवा का अवसर मिल सके।
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्य की सांस्कृतिक पहचान और गौरवशाली परंपराओं का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की नदियाँ — इंद्रावती, महानदी — केवल जलस्रोत नहीं, बल्कि प्रदेश की आत्मा हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि रक्षा मंत्रालय जब भी नए नौसैनिक पोतों या जहाजों को लॉन्च करे, तो उनमें से कुछ का नाम छत्तीसगढ़ की नदियों और क्षेत्रों के नाम पर रखा जाए, जैसे INS इंद्रावती, INS महानदी या INS बस्तर। यह न केवल प्रतीकात्मक रूप से सुंदर होगा, बल्कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गौरव प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत रक्षा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को प्रोत्साहन देने की योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह नीति प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “आत्मनिर्भर भारत” के विज़न के अनुरूप है और इससे छत्तीसगढ़ में उच्च तकनीकी प्रशिक्षण, अनुसंधान और निजी निवेश के अवसर बढ़ेंगे। -
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खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योगपतियों से की भेंट
रायपुर : विश्व के सबसे बड़े खाद्य प्रदर्शनी आयोजन “अनुगा, जर्मनी” में मंत्री स्तरीय बैठक में छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने किया। आयोजन स्थल पर आयोजकों द्वारा मंत्री श्री देवांगन का स्वागत किया गया। इस अवसर पर Koelnmesse GmBH के COO श्री ओलिवर फ्रेस्से से मंत्री श्री देवांगन की भेंट हुई। मंत्री श्री देवांगन ने रायपुर में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी के आयोजन के संबंध में सार्थक संवाद किया।

इसके साथ ही, श्री मिलिंद दीक्षित – प्रबंध निदेशक, Koelnmesse GmBH, भारत एवं सार्क देशों तथा श्री समीर मितिया – समूह निदेशक, Koelnmesse GmBH के साथ भी बैठक हुई। बैठक में मा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बनी छत्तीसगढ़ राज्य के नवीन औद्योगिक विकास नीति और औद्योगिक परिदृश्य की जानकारी उद्योग मंत्री ने दी तथा राज्य द्वारा औद्योगिक पार्कों, विशेष रूप से खाद्य पार्कों में निवेश हेतु दी जा रही प्रोत्साहन योजनाओं और सुविधाओं की उपलब्धियों को रेखांकित किया।औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया। राज्य गैर-बासमती चावल, इमली एवं मूल्य संवर्धित वन उत्पादों को बढ़ावा देने हेतु निवेश आकर्षित करने हेतु संवाद किया। इस अवसर पर उद्योग विभाग के डायरेक्टर श्री प्रभात मालिक भी उपस्थित रहे।
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सरकार सुशासन, पारदर्शिता और विकास के संकल्प के साथ निरंतर काम कर रही - श्री ओ.पी. चौधरी
उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री ने 70 करोड़ से अधिक के कार्यों का किया लोकार्पण-भूमिपूजन
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने विकास कार्यों के लिए 6 करोड़ देने की घोषणा की
रायपुर : उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव और वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने आज रायगढ़ में 70 करोड़ 54 लाख रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। उन्होंने रायगढ़ नगर निगम में 43 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत के सात कार्यों का शिलान्यास और 70 लाख रुपए के दो कार्यों का भूमिपूजन किया। इनके साथ ही लोक निर्माण विभाग के 22 करोड़ रुपए लागत के छह कार्यों का भूमिपूजन और चार करोड़ 24 लाख रुपए के दो कार्यों का लोकार्पण भी किया गया। उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री साव ने रायगढ़ शहर में विभिन्न विकास कार्यों के लिए छह करोड़ रुपए देने की घोषणा की। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) 2.0 के हितग्राहियों को आवास स्वीकृति पत्र, निर्मित आवास के हितग्राहियों को चाबी तथा स्वच्छता दीदियों को पीपीई किट भी प्रदान किया गया।
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने लोकार्पण-भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार ’हमने बनाया है हम ही संवारेंगे’ के संकल्प के साथ निरंतर कार्य कर रही है। सरकार बनते ही सबसे पहले 18 लाख गरीब परिवारों को पक्के आवास की स्वीकृति दी गई है। महिलाओं के सम्मान और सशक्तीकरण के लिए महतारी वंदन योजना संचालित की जा रही है। श्री साव ने बताया कि अकेले रायगढ़ नगर निगम को पिछले 20 महीनों में 343 विकास कार्यों के लिए 222 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई है। हमारी सरकार प्रदेश के शहरों के सुनियोजित विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य के शहरों को स्वच्छ, सुंदर और सुविधायुक्त बनाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। इसका परिणाम है कि छत्तीसगढ़ के सात शहरों को राष्ट्रीय स्तर पर स्वच्छता पुरस्कार प्राप्त हुआ है। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि छत्तीसगढ़ विकास के हर क्षेत्र में अग्रणी बने। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 700 से अधिक टेंडर जारी किए जा चुके हैं, जिससे विभिन्न निर्माण एवं विकास कार्यों को गति मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में जीएसटी उत्सव मनाया जा रहा है। जीएसटी में सुधार से वस्तुओं की कीमतों में कमी आई है और आर्थिक प्रणाली सुदृढ़ हुई है।
वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार सुशासन, पारदर्शिता और विकास के संकल्प के साथ निरंतर कार्य कर रही है। रायगढ़ जिले को हर क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं, जिनका लाभ लोगों को सीधे तौर पर मिल रहा है। रायगढ़ में सड़क, पुल-पुलिया, नालंदा परिसर और ऑक्सीजोन जैसे कई महत्वपूर्ण निर्माण कार्य तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि रायगढ़ राज्य के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला जिला है। रायगढ़ को एक आदर्श एवं आधुनिक जिला के रूप में विकसित किया जाएगा। सरकार की प्रतिबद्धता है कि हर क्षेत्र में विकास के कार्य ईमानदारी, पारदर्शिता और गति के साथ संपन्न हों। श्री चौधरी ने कहा कि सरकार बनने के मात्र 12 दिनों के भीतर किसानों को दो वर्षों का बोनस प्रदान किया गया, जो सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। किसानों के हित में धान की खरीदी 2100 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है, जिससे राज्यभर के कृषक लाभान्वित हो रहे हैं। इनके साथ ही रामलला दर्शन योजना, मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना जैसी कई योजनाएँ भी संचालित की जा रही है।
सांसद श्री राधेश्याम राठिया ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय एवं उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव के नेतृत्व में रायगढ़ तेज गति से विकास के पथ पर अग्रसर है। रायगढ़ नगर निगम के महापौर श्री जीवर्धन चौहान ने कहा कि रायगढ़ में विकास की गति को नई दिशा मिली है। नालंदा परिसर, मरीन ड्राइव रोड, सड़क चौड़ीकरण जैसी परियोजनाएं रायगढ़ के स्वरूप को बदलने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। कलेक्टर श्री मयंक चतुर्वेदी, पुलिस अधीक्षक श्री दिव्यांग पटेल, जिला पंचायत के सीईओ श्री अभिजीत बबन पठारे और नगर निगम के आयुक्त श्री बृजेश सिंह क्षत्रिय सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, पार्षदगण एवं गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।उप मुख्यमंत्री श्री साव ने ‘जोहार रायगढ़ तथा ‘कर्तव्य' पोर्टल का किया शुभारंभ
उप मुख्यमंत्री श्री साव तथा वित्त मंत्री श्री चौधरी ने कार्यक्रम के दौरान नागरिक सुविधा पोर्टल 'जोहार रायगढ़' एवं कर्मचारी एप 'कर्तव्य का शुभारंभ किया। 'जोहार रायगढ़' एआई चैटबॉट के माध्यम से नागरिक अब घर बैठे नगर निगम की अनेक सेवाओं का लाभ ले सकेंगे। इनमें संपत्ति कर भुगतान की जानकारी, जन्म-मृत्यु पंजीकरण, भवन अनुज्ञा, दुकान किराया, ऑनलाइन स्पोर्ट्स बुकिंग, सफाई व्यवस्था, बिजली आपूर्ति से संबंधित सेवाएं शामिल हैं। इस एप में शिकायत निवारण और फीडबैक की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, जिससे नागरिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके। इसी क्रम में ‘कर्तव्य एप’ की शुरुआत नगर निगम के नियमित एवं प्लेसमेंट सफाई कर्मियों, जल संयंत्र स्टाफ तथा स्वच्छता दीदियों के लिए की गई है। इस एप के माध्यम से अब सभी कर्मचारी अपनी उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज कर सकेंगे। यह व्यवस्था कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही एवं कार्यकुशलता को बढ़ाने की दिशा में एक अभिनव पहल है।
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पहाड़ी कोरवा परिवार को दी बधाई एवं शुभकामनाएं
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने आज बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकासखंड राजपुर के पहाड़ी कोरवा ग्राम घटगांव में प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के हितग्राही श्री रामकुमार के घर पहुँचकर उन्हें उनके नए आवास की चाबी सौंपी। राज्यपाल ने फीता काटकर नवनिर्मित आवास में गृह प्रवेश कराया। उन्होंने परिवार के सदस्यों को उनके नए आवास एवं उज्जवल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने हितग्राही श्री रामकुमार और उनके परिवार से आत्मीयता से बातचीत की।

उन्होंने परिवार की आजीविका, बच्चों की पढ़ाई और योजना से हुए बदलावों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान रामकुमार ने बताया कि पहले वे कच्चे घर में डर में रहते थे लेकिन अब योजना अंतर्गत मिले आवास से अपने पक्के घर में सुकून से बेफिक्र होकर सो पाएंगे। राज्यपाल श्री रमेन डेका ने पहाड़ी कोरवा परिवार से विदा लेते समय उनको उपहार भेंट किया और आगे बेहतर जीवन के लिए शुभकामनाएं दी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पंजीयन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर
रायपुर : बस्तर अंचल में खेल, संस्कृति और जनभागीदारी का महापर्व बस्तर ओलंपिक 2025 आगामी माह आयोजित होने जा रहा है। प्रतियोगिता में पंजीयन की अंतिम तिथि 20 अक्टूबर तय की गई है। पंजीयन प्रक्रिया 22 सितम्बर से प्रारंभ हो चुकी है, जो ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है।
सुकमा कलेक्टर श्री देवेश कुमार ध्रुव ने बताया कि बस्तर ओलंपिक केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि जनभागीदारी और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। उन्होंने जिलेवासियों से अधिक से अधिक पंजीयन कराने की अपील की।
प्रतियोगिता का आयोजन चार स्तरों पर होगा - ग्राम पंचायत, विकासखंड, जिला और संभाग। इसमें जूनियर वर्ग (14 से 17 वर्ष) और सीनियर वर्ग (आयु सीमा नहीं) के लिए एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बैडमिंटन, हॉकी, वेटलिफ्टिंग, कबड्डी, खो-खो, वॉलीबॉल और रस्साकशी जैसी खेल विधाएँ शामिल की गई हैं। ग्राम पंचायत स्तर पर 4 से 7 नवम्बर, विकासखंड स्तर पर 9 से 11 नवम्बर तथा जिला स्तर पर 14 से 16 नवम्बर। पंजीयन फॉर्म rymc.cg.gov.in/bastarOlympics2025 से ऑनलाइन तथा जनपद पंचायत, विकासखंड शिक्षा अधिकारी और जिला खेल अधिकारी कार्यालय से ऑफलाइन उपलब्ध हैं।

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