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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में लिफ्ट और एस्केलेटर की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। अब सभी लिफ्ट और एस्केलेटर का पंजीकरण, नवीनीकरण और निरीक्षण अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह नियम के तहत लिफ्ट और एस्केलेटर का संचालन उच्च सुरक्षा मानकों के अनुसार जरूरी है। इससे दुर्घटनाओं का खतरा कम होगा और व्यवसायों को कानूनी परेशानियों से भी राहत मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर सरकार ने लिफ्ट और एस्केलेटर से जुड़ी सभी सेवाओं को पब्लिक सर्विस गारंटी एक्ट में शामिल कर दिया है। अब इन सेवाओं को अधिकतम 30 दिन के भीतर पूरा करना अनिवार्य होगा। अगर तय समय में काम नहीं होता है, तो संबंधित अधिकारी जिम्मेदार होंगे। इससे उद्योगों और व्यावसायिक संस्थानों को समय पर सेवा मिलेगी ।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि आम जनता की सुरक्षा और सुविधाओं हमारी सरकार की प्राथमिकता है। लिफ्ट और एस्केलेटर की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करना जरूरी है। इसलिए हमने इस सेवा को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल किया है, ताकि हर लोगों को समय पर सेवा मिले और उनका भरोसा बना रहे। मुख्य विद्युत निरीक्षणालय ने सभी बिल्डरों, व्यावसायिक प्रतिष्ठानों और लिफ्ट संचालकों से अपील की है कि वे नए नियमों का कड़ाई पालन करें और सुरक्षित रूप से लिफ्ट और एक्सलेटर की सुविधाएं उपलब्ध कराएं। इससे बीमा का खर्च भी घटेगा और कारोबार का जोखिम कम होगा।
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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सिंह 9 महिला हितग्राहियों को प्रदान किए ई-रिक्शा
महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
रायपुर : महिलाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के उद्देश्य से संचालित दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। यह बात शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने स्पीकर हाउस राजनांदगांव में आयोजित कार्यक्रम में कही। इस अवसर पर उन्होंने योजना के तहत 9 महिला हितग्राहियों को ई-रिक्शा प्रदान कर उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
डॉ. सिंह ने कहा कि श्रम विभाग द्वारा संचालित दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना महिलाओं को आर्थिक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक प्रभावी पहल है। योजना के तहत प्रत्येक महिला को एक लाख रुपए की सब्सिडी दी गई है, जिससे वे स्वरोजगार कर अपने परिवार की आय बढ़ा सकेंगी। डॉ. सिंह ने कहा कि अब महिलाएं प्रतिदिन 400 से 600 रुपए तक आमदनी प्राप्त कर रही हैं, जिससे वे अपने घर का खर्च और बैंक किस्त जमा कर रही हैं।
कार्यक्रम में ग्राम केसला निवासी गीता यादव, ग्राम पदुमतरा की ललिता, ग्राम धर्मापुर की गायत्री बाई, ग्राम अछोली की नीलम ओझा, ग्राम भंवरमरा की रजनी गुप्ता, रामकृष्ण वार्ड की वर्षा रानी, तिलक वार्ड की किरण बाई, मोतीपुर वार्ड की अनुपा देवांगन और शंकरपुर वार्ड की पुष्पलता देवांगन को ई-रिक्शा प्रदान किया गया। श्रम विभाग के छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा दीदी ई-रिक्शा सहायता योजना संचालित की जा रही है, जिसके तहत अब तक जिले में 263 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। वहीं मुख्यमंत्री ई-रिक्शा सहायता योजना से अब तक 272 महिला एवं पुरुष हितग्राही लाभान्वित हुए हैं।
इस अवसर पर श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री योगेश दत्त मिश्रा, समाजसेवी श्री कोमल सिंह राजपूत, श्री रमेश पटेल, कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे, कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक श्री मोहित गर्ग, वनमंडलाधिकारी श्री आयुष जैन, नगर निगम आयुक्त श्री अतुल विश्वकर्मा, एसडीएम श्री खेमलाल वर्मा, श्रमपदाधिकारी श्री संजय सिंह सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और हितग्राही मौजूद थे।
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विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह धीरी में भक्त मां कर्मा जयंती समारोह में हुए शामिल
विकास कार्यों की दी सौगात
रायपुर : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मां कर्मा के आशीर्वाद से साहू समाज निरंतर प्रगति कर रहा है। डॉ. सिंह शनिवार को राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम धीरी में आयोजित भक्त मां कर्मा जयंती समारोह एवं मूर्ति स्थापना कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। डॉ. रमन सिंह ने मां कर्मा पूजा-अर्चना कर प्रदेश के सुख-समृद्धि की कामना की। डॉ. सिंह ने इस अवसर पर सभी लोगों को कर्मा जयंती की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मां कर्मा भवन के बाउंड्रीवाल निर्माण के लिए 5 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने ग्राम धीरी शासकीय हाई स्कूल में 6 लाख 96 हजार रुपए की लागत से निर्मित अतिरिक्त कम्प्यूटर कक्ष भवन का लोकार्पण भी किया।
डॉ. सिंह ने कहा कि मां कर्मा की भक्ति से प्रसन्न होकर स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने उनके हाथों से खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया था। उन्होंने कहा कि साहू समाज ने मां कर्मा के आदर्शों को अपनाते हुए शिक्षा, संस्कृति और सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। डॉ. रमन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में किसानों से 3100 रुपए क्विंटल की दर से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की गई है। महतारी वंदन योजना से 70 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया जा रहा है। यह योजना देश की सबसे बड़ी महिला सशक्तिकरण की योजना है। उन्होंने धीरी में निर्माणाधीन पुल को शीघ्र पूरा कराने और अवैध कब्जा तथा अतिक्रमण हटाने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
इस अवसर पर जिला साहू समाज के अध्यक्ष श्री भागवत साहू, संरक्षक श्री कल्याण साहू, समाजसेवी श्री कोमल सिंह राजपूत, जनपद पंचायत अध्यक्ष श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, सरपंच श्री जगदीश लहरे, साहू समाज के अध्यक्ष श्री घनश्याम साहू, मंडल अध्यक्ष श्री खिलेश्वर साहू, श्री मनोज साहू, डॉ. मोहित साहू सहित साहू समाज के अनेक पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नीतियों से मिला वित्तीय स्वावलंबन
अब विकास को मिलेगी और तेज गति
रायपुर : छत्तीसगढ़ की राजधानी नवा रायपुर से एक प्रेरणादायक और सुखद खबर सामने आई है। नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण, जिसे पहले एनआरडीए के नाम से जाना जाता था, अब पूरी तरह से कर्जमुक्त हो गया है। प्राधिकरण ने 1788 करोड़ रुपये का सारा कर्ज़ चुका दिया है, जो कि भारत सरकार और कई राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिया गया था। साथ ही 100 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी भी अब राज्य सरकार को लौटा दी है। इस उपलब्धि का श्रेय छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की नीतियों, वित्तीय अनुशासन और पारदर्शी प्रशासन को जाता है। यह कदम नवा रायपुर को अधोसंरचना विकास और नई परियोजनाओं के क्रियान्वयन में मददगार होगा।नवा रायपुर, छत्तीसगढ़ की आधुनिक और नियोजित राजधानी, के विकास के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लिया गया था। यह कर्ज भूमि अधिग्रहण, सड़कों, शासकीय भवनों और शैक्षणिक संस्थानों जैसे हिदायतुल्लाह विश्वविद्यालय के निर्माण के लिए था। हालांकि, कर्ज के बोझ और ब्याज भुगतान ने प्राधिकरण के नगदी प्रवाह को प्रभावित किया था। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्तीय स्वावलंबन पर जोर देते हुए ऐसी नीतियाँ लागू कीं, जिन्होंने प्राधिकरण की आय बढ़ाई और कर्ज से छुटकारा दिलाने का मार्ग प्रशस्त किया।मुख्यमंत्री ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि नवा रायपुर अटल नगर का ऋणमुक्त होना एक सुखद संकेत है। हमारी सरकार ने वित्तीय अनुशासन, पारदर्शिता और रणनीतिक नियोजन के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि प्राधिकरण न केवल कर्ज से मुक्त हो, बल्कि आत्मनिर्भर बनकर विकास की नई ऊँचाइयों को छूए। यह उपलब्धि नवा रायपुर को एक आधुनिक, रोजगारोन्मुखी और सुविधायुक्त शहर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।छत्तीसगढ़ सरकार की नीतियों ने प्राधिकरण की संपत्तियों के व्यावसायिक उपयोग को बढ़ावा दिया। मेडिसिटी, फार्मास्यूटिकल पार्क, देश की विख्यात पॉलिमैटेक कंपनी के सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान की स्थापना की पहल जैसे प्रोजेक्ट्स ने निजी निवेश को आकर्षित किया। छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2024-25 के तृतीय अनुपूरक बजट में नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण के लिए 1043 करोड़ रूपए का प्रावधान और औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त धन आवंटन ने आय के स्रोतों को मजबूत किया। इसके अलावा, छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान (संशोधन) अध्यादेश-2025 के तहत व्यापारियों को राहत ने आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया, जिसका अप्रत्यक्ष लाभ नवा रायपुर विकास प्राधिकरण को मिला है।ऋणमुक्ति के साथ, प्राधिकरण की सभी संपत्तियाँ अब बंधनमुक्त हो गयी है, जिससे उनका उपयोग और क्रय-विक्रय आसान होगा। इससे नगदी प्रवाह बेहतर होगा और अधोसंरचना, सार्वजनिक सेवाओं और नई परियोजनाओं को तेजी से लागू किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम नवा रायपुर को मेडिकल टूरिज्म और औद्योगिक विकास का केंद्र बनाएगा। नागरिकों को बेहतर सुविधाएँ मिलेंगी और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण की यह उपलब्धि वित्तीय अनुशासन और रणनीतिक नियोजन का एक अनुकरणीय उदाहरण है। यह देश के अन्य शहरी विकास प्राधिकरणों के लिए अनुकरणीय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारा लक्ष्य नवा रायपुर को न केवल छत्तीसगढ़ की गौरवशाली राजधानी बनाना है, बल्कि इसे देश के लिए एक मॉडल शहर के रूप में स्थापित करना है।वित्त मंत्री श्री ओपी चौधरी का कहना है कि नवा रायपुर छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था का नया ग्रोथ इंजन बनने जा रहा है। आज नवा रायपुर में आरबीआई, नाबार्ड सहित अन्य बैंकों और एनटीपीसी के क्षेत्रीय कार्यालय, बालको कैंसर अस्पताल, सत्य साईं अस्पताल जैसे अनेक संस्थाओं का पदार्पण हो चुका है। नवा रायपुर आईटी के क्षेत्र में भी एक बड़ा केंद्र बनकर उभर रहा है। अब यहां पर सेमीकंडक्टर, डाटा सेंटर क्षेत्र से संबधित उद्योग भी लगने जा रहे हैं । नवा रायपुर में राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर की मेडिकल सुविधा प्रदान करने हेतु लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में मेडिसिटी विकसित करने की योजना है।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वर्ष 2025-26 के बजट में लगभग 100 एकड़ क्षेत्र में एडुसिटी विकसित करने के लिए भी बजट प्रावधान किया है। यहां पर देश का तीसरा सबसे बड़ा इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है। नवा रायपुर के बढ़ते विकास को देखते हुए इंटिग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कंट्रोल सेंटर के उन्नयन, संचालन एवं संधारण कार्य हेतु 40 करोड़ का प्रावधान किया गया है। विकसित भारत आईकोनिक डेस्टिनेशन निर्माण हेतु 20 करोड़, ई-बसों सेवाओं के लिए 10 करोड़, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट हेतु 20 करोड़, साईंस सिटी की स्थापना हेतु 37 करोड़ तथा पुस्तकालय के निर्माण हेतु 20 करोड़ का प्रावधान किया गया है।प्लग एंड प्ले ऑफिस स्पेस विकसित किए जाने के लिए 156 करोड़ की लागत से कमर्शियल ऑफिस कॉम्प्लेक्स के निर्माण प्रावधानित है। सीबीडी कमर्शियल टॉवर में 2000 आईटी रोजगार हेतु जगह का आबंटन टेली परफार्मेंस, स्क्वायर बिजनेस, सीएसएम कंपनियों को किया है। नवा रायपुर में एसडीएम एवं नवीन तहसील कार्यालय की स्थापना के लिए भी बजट प्रावधान है। -
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दिव्यांगों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है हमारी सरकार - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष के पदभार ग्रहण एवं अभिनंदन समारोह में शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम के नवनियुक्त अध्यक्ष श्री लोकेश कावड़िया को नए दायित्व के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम का नाम परिवर्तित कर छत्तीसगढ़ दिव्यांग जन वित्त एवं विकास निगम करने की घोषणा की। साथ ही मुख्य मंच से इस अवसर पर 15 दिव्यांग हितग्राहियों को ऋण, 11 दिव्यांग हितग्राहियों को ऋण अदायगी करने पर ब्याज सब्सिडी एवं श्रवण बाधित दिव्यांग को श्रवण यंत्र प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारी सरकार दिव्यांगों के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। दिव्यांगों के जीवन स्तर को बेहतर करने के लिए छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें दिव्यांग बच्चों का सर्वे कर उनके व्यवसाय एवं नए स्टार्टअप के लिए ऋण प्रदान कर मदद करनी चाहिए, ताकि उनके जीवन स्तर में सकारात्मक सुधार आ सके।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि दिव्यांगजनो के जीवन में खुशहाली लाने के लिए हमें हर संभव प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान दंतेवाड़ा जिले में आए थे, तब दिव्यांगजनों से उनका विशेष लगाव देखने को मिला था। आज हमारी सरकार ने बेहद अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ता को इसकी जिम्मेदारी दी है, जिसका सीधा लाभ दिव्यांग साथियों को मिलेगा।
महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी रजवाड़े ने कहा कि हमारी सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' के संकल्पों के आधार पर दिव्यांगों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने एवं उनके कौशल विकास पर जोर दे रही है। इस अवसर पर उन्होंने लोकेश कावड़िया को नए दायित्व के लिए बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
पदभार ग्रहण समारोह में शासकीय दिव्यांग स्कूल माना के छात्र-छात्राओं द्वारा बहुत ही आकर्षक गीत गाया गया, जिसने सबका मन मोहा।इसके साथ ही राजनांदगांव के दिव्यांग स्कूल के श्रवण बाधित छात्रों द्वारा देशभक्ति नृत्य का मंचन भी किया गया।
इस अवसर पर वन मंत्री श्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, विधायक श्री राजेश मूणत, श्री मोतीलाल साहू, श्री पुरंदर मिश्रा, रायपुर नगर निगम महापौर श्रीमती मीनल चौबे सहित विभिन्न मंडल आयोगों के अध्यक्षगण, छत्तीसगढ़ निःशक्तजन वित्त एवं विकास निगम के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में दिव्यांग छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। -
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धमतरी और कांकेर में आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण, अधिकारियों को सख्त निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार बच्चों और महिलाओं को सरकारी योजनाओं का लाभ पूर्ण पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित करने के लिए कटिबद्ध है। महिला एवं बाल विकास तथा समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने गुरुवार को धमतरी और कांकेर जिलों में आंगनबाड़ी केंद्रों का औचक निरीक्षण कर इस प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा, विष्णु के सुशासन में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी।
धमतरी जिले के ग्राम तेलिनसत्ती में आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक-2 का दौरा करते हुए श्रीमती राजवाड़े ने बच्चों को दी जा रही सुविधाओं का जायजा लिया। उन्होंने बच्चों के साथ फर्श पर बैठकर खेल-खेल में परिचय किया, उनके नाम पूछे और चॉकलेट बांटी। बच्चों से नाश्ता व भोजन के बारे में जानकारी लेते हुए उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को निर्धारित समय पर भोजन और नाश्ता देने के निर्देश दिए। पोषक आहार की गुणवत्ता सुनिश्चित करने, गर्मी को देखते हुए पीने का पानी और ओआरएस की व्यवस्था करने, और केंद्रों को सुबह 7 से 11 बजे तक खोलने के निर्देश भी दिए।मंत्री ने बच्चों को खेल-खेल में व्यवहारिक ज्ञान देने, पढ़ाई पर ध्यान देने और साफ-सफाई का महत्व सिखाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए सुरक्षित, सुविधायुक्त और अनुकूल बनाया जाए।
कांकेर जिले के ग्राम दरगाहन में आंगनबाड़ी केंद्र के निरीक्षण के दौरान कुछ कमियां पाए जाने पर श्रीमती राजवाड़े ने अधिकारियों और कर्मचारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने दोहराया, बच्चों की देखरेख में कोताही स्वीकार नहीं की जाएगी। निरीक्षण के बाद आयोजित समीक्षा बैठक में श्रीमती राजवाड़े ने विभागीय अधिकारियों से योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति की जानकारी ली और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। बैठक में संचालक महिला एवं बाल विकास श्री पदुम सिंह एल्मा, संचालक समाज कल्याण श्रीमती रोक्तिमा यादव, परियोजना अधिकारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका सहित कई लोग उपस्थित थे।मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का लक्ष्य बच्चों और महिलाओं के कल्याण के लिए योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है, और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बख्शा नहीं जाएगा।
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वन्यजीव संरक्षण की दिशा में छत्तीसगढ़ की ऐतिहासिक उपलब्धि
रायपुर : छत्तीसगढ़ के नंदनवन जंगल सफारी से नेपाल की कोसी टप्पू वाइल्ड लाइफ सैंक्चुअरी तक की 1165 किलोमीटर लंबी उड़ान भरने वाले हिमालयन ग्रिफ़्फॉन गिद्ध ‘जटायु’ की यात्रा, केवल एक पक्षी की वापसी नहीं है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण, वैज्ञानिक निगरानी और समर्पित प्रयासों की एक जीवंत मिसाल है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ जैव विविधता से भरपूर राज्य है। छत्तीसगढ़ राज्य अब वन्यजीव संरक्षण की नई उड़ान का नेतृत्व करता हुआ राज्य भी बन चुका है। ‘जटायु’ की यह यात्रा केवल आकाश की नहीं, विश्वास की भी है।
करीब दो महीने पहले बिलासपुर वनमंडल से एक हिमालयन ग्रिफ़्फॉन गिद्ध गंभीर रूप से घायल अवस्था में रेस्क्यू किया गया था। प्राथमिक उपचार के बाद उसे नवा रायपुर स्थित नंदनवन जू और जंगल सफारी लाया गया, जहाँ विशेषज्ञों की देखरेख में उसका सफल इलाज किया गया। स्वास्थ्य लाभ के उपरांत 11 अप्रैल 2025 को इसे रेडियो टेलीमेट्री टैग के साथ दोबारा प्राकृतिक वातावरण में छोड़ा गया।
‘जटायु’ नामक इस गिद्ध की गतिविधियों पर वन विभाग छत्तीसगढ़ और भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की टीम द्वारा लगातार नजर रखी जा रही थी। इस पूरी अवधि में इस गिद्ध ने छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार होते हुए नेपाल की कोसी टप्पू वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी तक सफलतापूर्वक उड़ान भरी, जो इस बात का प्रमाण है कि वह पूर्णतः स्वस्थ है और अपने प्राकृतिक व्यवहार में लौट चुका है।
एक नहीं, तीन सफल कहानियाँ
‘जटायु’ अकेला नहीं है। छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हाल के वर्षों में तीन अलग-अलग प्रजातियों के गिद्धों को न सिर्फ बचाया, बल्कि सफलतापूर्वक प्राकृतिक आवास में पुनः स्थापित किया। भानुप्रतापपुर क्षेत्र से रेस्क्यू किए गए व्हाइट रंप्ड वल्चर प्रजाति के एक दुर्लभ गिद्ध को बाम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी मुंबई द्वारा टैग कर निगरानी की जा रही है। आज यह मध्यप्रदेश के शहडोल ज़िले में सक्रिय है। इसी तरह इजिप्शियन वल्चर प्रजाति के गिद्ध को रायपुर-बिलासपुर मार्ग से रेस्क्यू करके इसे अभनपुर क्षेत्र में छोड़ा गया, जहाँ यह नियमित रूप से देखा जा रहा है और स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र में अपनी भूमिका निभा रहा है।
नंदनवन जंगल सफारी के संचालक श्री धम्मशील गणवीर बताते हैं कि गिद्धों की निगरानी के लिए उपयोग की गई रेडियो टेलीमेट्री तकनीक एक आधुनिक वैज्ञानिक पद्धति है, जिससे इनके प्रवास मार्ग, व्यवहार और निवास स्थलों की सटीक जानकारी मिलती है। इससे न केवल गिद्धों के जीवनचक्र को समझने में मदद मिलती है, बल्कि उनके संरक्षण के लिए रणनीति बनाने में भी सहायता मिलती है।
गिद्ध पारिस्थितिकी तंत्र के सफाईकर्मी माने जाते हैं। मृत पशुओं को खाकर ये संक्रमण फैलने से रोकते हैं। लेकिन बीते दशकों में डाइक्लोफेनाक जैसे विषैले पशु-औषधियों के चलते इनकी संख्या में तेज गिरावट आई है। ऐसे में इनकी हर एक सफल रिहाई और निगरानी हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़ी जीत है।
वनमंत्री श्री केदार कश्यप का कहना है कि यह हमारे राज्य के लिए गौरव की बात है। ‘जटायु’ और अन्य गिद्धों की सफल निगरानी से हमें भविष्य में और भी पक्षियों और जीवों के संरक्षण का मार्ग प्रशस्त होगा। जटायु की यह ऐतिहासिक उड़ान न केवल पक्षियों के जीवन की रक्षा का प्रतीक है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ सरकार की दूरदर्शी वन्यजीव संरक्षण नीति, वैज्ञानिक सोच और टीम वर्क का शानदार उदाहरण भी है। यह दिखाता है कि अगर इच्छाशक्ति हो तो घायल पंख भी दोबारा आकाश छू सकते हैं। -
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प्रदेश में मोदी की एक और गारंटी पूरी: डिजिटल सेवाओं की पहुंच अब गांव तक, ग्रामीणों को मिलेगी नकद भुगतान सहित नागरिक सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने 'मोर गांव-मोर पानी महाअभियान' का शुभारंभ कर जल संरक्षण दिलाई शपथ
प्रदेश के 11 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में चलेगा जल संरक्षण अभियान
पंचायतें लोकतंत्र की जड़ें हैं, इन्हें सशक्त बनाना सर्वोच्च प्राथमिकता : मुख्यमंत्री साय
मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों से की चर्चा, लाभार्थियों ने साझा किए अपने अनुभव
पीएम आवास प्लस प्लस का सर्वे जारी, मुख्यमंत्री ने कहा - सर्वे में शामिल होकर योजना से लाभान्वित
रायपुर : त्रि स्तरीय पंचायती राज संस्थाएं ग्रामीण विकास की मूल कड़ी हैं। मैं पांच साल पंच रहा और निर्विरोध रूप से सरपंच का दायित्व संभालने का अवसर भी मिला। अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए यदि आप अच्छा काम करेंगे तो जनता का स्नेह हमेशा मिलेगा और गांव के विकास में आप बड़ी भूमिका निभा पाएंगे। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर से ‘अटल डिजिटल सुविधा केंद्र’ का वर्चुअल शुभारंभ कर पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों को संबोधित करते हुए यह बातें कही।उन्होंने कहा कि पंचायती राज दिवस के खास मौके पर शुरू हुई इस योजना से छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में डिजिटल क्रांति आएगी और प्रदेश के सरकारी सेवाओं और योजनाओं की पहुंच आम लोगों तक सुगम होगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल संरक्षण के उद्देश्य से प्रदेश के 11 हजार 693 ग्राम पंचायतों में मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ कर पंचायत प्रतिनिधियों और नागरिकों से जल संरक्षण का आह्वान करते हुए शपथ दिलाई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पंचायतें हमारे लोकतंत्र की जड़ें हैं और इन्हें मजबूत करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ की जनता से वादा किया था कि ग्राम पंचायतों में नगद भुगतान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि ग्रामीणों को बैंक शाखाओं तक न जाना पड़े। आज मोदी की इस गारंटी को पूरा करते हुए अटल डिजिटल सुविधा केंद्र का शुभारंभ किया गया है।
उन्होंने कहा कि हमारे बुजुर्ग पेंशनधारी, महतारी वंदन योजना से लाभान्वित माताएं बहनें, अन्नदाता किसानों को पीएम किसान निधि समेत डीबीटी से प्राप्त राशि के आहरण की सुविधा अब गांव में ही मिलने लगेगी। श्री साय ने कहा कि ग्रामीणों को अब लंबी दूरी तय कर बैंक नहीं जाना पड़ेगा और समय के साथ-साथ उनके आने-जाने में खर्च होने वाली राशि की भी बचत होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जाति, निवास, जन्म, मृत्यु प्रमाणपत्र, पेंशन योजनाएं, राशन कार्ड जैसी सरकारी सेवाएं भी ग्रामीणों के लिए आसान और सुगम हो जाएंगी। श्री साय ने विश्वास जताया कि यह योजना डिजिटल इंडिया मिशन को जमीनी स्तर पर मजबूती देगी और ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शी व उत्तरदायी शासन प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि आज 1460 ग्राम पंचायतों में यह व्यवस्था शुरू हुई है और आने वाले समय में इस योजना को विस्तार दिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भू जल स्तर में लगातार कमी हो रही है और जल संचयन के उद्देश्य से मोर गांव मोर पानी महाअभियान का शुभारंभ किया गया है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि जल संचयन की दिशा में आप सभी को गंभीरता के साथ कार्य करना है। वर्षा जल संचयन के साथ-साथ वाटर हार्वेस्टिंग जैसे उपायों को भी अपनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा। इन प्रयासों के माध्यम से ही हम आने वाले समय में प्रदेश में पानी की कमी को दूर कर पाएंगे।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के 51 हजार परिवारों को पीएम आवास की 300 करोड़ से अधिक की राशि जारी की है। प्रधानमंत्री सभी जरूरतमंद परिवार को पक्का घर मिले इसकी लगातार चिंता करते हैं। उन्होंने बताया कि अभी आवास प्लस प्लस का सर्वे चल रहा है और इसका दायरा बढ़ाते हुए कुछ अतिरिक्त छूट के प्रावधान भी किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने सर्वे में शामिल होकर योजना का लाभ लेने की बात कही और पंचायत प्रतिनिधियों से कहा कि वे भी इसकी जानकारी आमजन तक पहुंचाएं।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने आज राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दीं। अपने संबोधन में उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अटल डिजिटल सुविधा केंद्र ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच को सशक्त बनाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से नागरिकों को जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, आय-जाति निवास प्रमाणपत्र, भूमि दस्तावेज, डिजिटल भुगतान और ई-डिस्ट्रिक्ट की अनेक सेवाएं आसानी से ग्राम पंचायत स्तर पर ही उपलब्ध होंगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद की 10 ग्राम पंचायतों में पहले चरण में यह सुविधा प्रारंभ की जा रही है और आगामी छह महीनों में 8,000 से अधिक पंचायतों में इन केंद्रों की स्थापना की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि जल संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, वर्षा जल संग्रहण और भू-जल स्तर को पुनःस्थापित करने हेतु मोर गांव-मोर पानी महाभियान प्रारंभ किया गया है। हर ग्राम पंचायत में नागरिकों की सहभागिता से जल संचयन की योजनाएं बनाई जाएंगी और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने सरपंचों, जनपद एवं जिला पंचायत सदस्यों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में जल स्रोतों की पहचान कर उनके पुनर्निर्माण और संरक्षण की दिशा में सक्रिय कार्य करें।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज लोकतंत्र की जड़ है और ग्राम विकास की रीढ़ है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से आह्वान किया कि वे योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का संकल्प लें और यह सुनिश्चित करें कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी सुविधाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अपूर्ण मकानों की सूची तैयार कर उनका समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी दयानंद, सचिव पंचायत श्री भीम सिंह, संचालक पीएम आवास ग्रामीण श्री तारन प्रकाश सिन्हा सहित अधिकारी कर्मचारी और प्रदेश के विभिन्न जिलों से पंचायत प्रतिनिधि, हितग्राही और आमजन वर्चुअली मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के हितग्राहियों और जनप्रतिनिधियों से किया संवाद
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के शुभारंभ के अवसर पर सूरजपुर, धमतरी, बस्तर, कबीरधाम, रायगढ़ और जशपुर जिले के विभिन्न हितग्राहियों से योजना को लेकर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह योजना ग्रामीणों की सुविधा की दृष्टि से प्रारंभ किया गया है और इसकी जानकारी अधिक से अधिक लोगों को दी जाए। बस्तर जिले के नानगुर ग्राम पंचायत की श्रीमती सुमनी बघेल ने मुख्यमंत्री को बताया कि महतारी वंदन से प्रति माह उन्हें 1 हजार रूपये की राशि मिलती है।जिसे वह पोस्ट ऑफिस में जमा कर रही हैं ताकि आठवीं कक्षा में पढ़ाई कर रही बेटी को कम्प्यूटर क्लास के लिए लैपटॉप दिलवा सके। उनके पंचायत में अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र खुल जाने से अब उन्हें पैसों के लेन-देन के लिए 18 से 20 किलोमीटर की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी और न ही बैंक की लम्बी कतारों में खड़ा होना पड़ेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद देते हुए कहा कि केन्द्र के शुभारंभ से पैसे और समय दोनों की बचत हो रही है। इसी तरह धमतरी जिले की ग्राम अछोटा की श्रीमती चेतना देवांगन ने बताया कि आज उन्होंने अटल डिजिटल सुविधा केन्द्र से 2 हजार रूपये निकाले हैं।उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि गांव में ही सुविधा केंद्र खुलने से पैसे निकालने के लिए अब उन्हें पहले जैसी परेशानियों का सामना नहीं करना होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने सूरजपुर जिले के भैयाथान पंचायत की सकीना बेगम से बात करते हुए कहा कि आज हमने मोदी की एक और गारंटी को पूरा किया है। इससे आपको शासन की योजनाओं से मिलने वाले राशि के नकद आहरण की सुविधा पंचायत में ही मिल जाएगी। इसी तरह रायगढ़ के तमनार पंचायत की श्रीमती सुभद्रा साव ने मुख्यमंत्री को बताया कि हर माह महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि से वह अपनी बिटिया को ट्यूशन पढ़ाती हैं और अब आसानी से गांव में ही पैसे निकाल पाएंगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री ने मुंबई में आयोजित 'इंडिया स्टील 2025' सम्मेलन में भाग लियारायपुर : छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने मुंबई में आयोजित 'इंडिया स्टील 2025' सम्मेलन में भाग लिया। जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 300 मिलियन टन इस्पात उत्पादन लक्ष्य को प्राप्त करने में छत्तीसगढ़ की केंद्रीय भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा देश को इस्पात उत्पादन का वैश्विक केन्द्र बनाने में छत्तीसगढ़ अग्रणी भूमिका निभाएगा। इस दौरान उन्होंने राज्य के इस्पात उद्योग के विकास के लिए राज्य सरकार की प्रतिबद्धता व्यक्त की और उद्योगपतियों को राज्य के विकास में सक्रिय भागीदार बनने का आह्वान किया।
यह सम्मेलन 24 से 26 अप्रैल 2025 तक बॉम्बे एग्जिबिशन सेंटर (NESCO), मुंबई में आयोजित किया गया है। यह आयोजन भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (FICCI) के संयुक्त तत्वावधान में हुआ। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान इस्पात एवं भारी उद्योग राज्य मंत्री श्री भूपति राजू श्रीनिवास वर्मा भी उपस्थित रहे।
उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन ने सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ स्टील कैपिटल ऑफ इंडिया है। हमारे पास देश के लौह भंडार का 18 प्रतिशत है। हमारे यहां की बैलाडीला खदानों से निकलने वाले लौह अयस्क को गुणवत्ता के मामले में दुनिया में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। उन्होंने कहा ग्रीन स्टील से जुड़ी तकनीक को अपनाने में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है।उन्होंने बताया स्टील सेक्टर की बड़ी संभावनाओं को देखते हुए ही हमने प्रदेश में नई औद्योगिक नीति बनाई है। इस नीति में स्टील जैसे कोर सेक्टर पर सबसे ज्यादा फोकस है। हम स्पंज आयरन और स्टील यूनिट्स पर 150 प्रतिशत तक इंसेटिव और छूट दे रहे हैं। सिंगल विंडो सिस्टम, इज आफ डूइंग बिजनेस और स्पीड आफ बिजनेस का सबसे अधिक लाभ स्टील सेक्टर को मिल रहा है। बस्तर में नगरनार स्टील प्लांट के पास एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए हम 118 एकड़ क्षेत्र में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित कर रहे हैं।
श्री देवांगन ने कहा कि हमने दिल्ली, मुंबई, बंगलुरू और रायपुर में इंवेस्टमेंट समिट किये हैं जिसमें साढ़े चार लाख करोड़ रुपए से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन निवेश प्रस्तावों का क्रियान्वयन त्वरित गति से किया जा रहा है। हाल ही में सेमीकंडक्टर प्लांट का भूमिपूजन इसका बेहतरीन उदाहरण है। उन्होंने बताया नई औद्योगिक नीति के तहत सर्वाधिक निवेश प्राप्त करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ शीर्ष दस राज्यों में शामिल हो चुका है। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, उद्योग विभाग के सचिव श्री रजत कुमार, संचालक श्री प्रभात मलिक, सीएसआईडीसी के प्रबंध संचालक श्री अभिषेक अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
उद्योगपतियों से निवेश की संभावनाओं पर चर्चा
इंडिया स्टील सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री ने निवेशकों एवं उद्योगपतियों से राउंड टेबल मीटिंग में सीधी बातचीत की। इस बैठक में छत्तीसगढ़ में निवेश की संभावनाओं को देखते हुए औद्योगिक क्लस्टर्स, लॉजिस्टिक सपोर्ट, सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम, और अनुकूल श्रमिक नीति जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखन लाल देवांगन आज मुंबई में आयोजित 'इंडिया स्टील 2025' सम्मेलन में शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने छत्तीसगढ़ को इस्पात उत्पादन और औद्योगिक निवेश के लिए तेजी से उभरता हुआ गंतव्य बताया। मंत्री श्री देवांगन ने इस्पात क्षेत्र में राज्य सरकार की नीति, पारदर्शिता और प्रोत्साहन योजनाओं की जानकारी दी और देश-विदेश के निवेशकों से राज्य के औद्योगिक विकास में साझेदार बनने का आह्वान किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वाले रायपुर निवासी श्री दिनेश मिरानिया को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल श्री डेका आज सुबह श्री मिरानिया के घर पहंचें और उनके पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर नमन किया तथा उनकी सद्गति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की। उन्होंने शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त कर उन्हें ढ़ाढ़स बंधाया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने पहलगाम में हुए कायराना आतंकी हमले में रायपुर निवासी श्री दिनेश मिरानिया के दुःखद निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि यह नृशंस और अमानवीय कृत्य अत्यंत निंदनीय है। आतंकवाद मानवता के लिए सबसे बड़ा खतरा है, और इसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दुःख की इस घड़ी में राज्य सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। स्थानीय प्रशासन और संबंधित अधिकारियों को पीड़ित परिवार को हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को यह अपार दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राज्यपाल श्री रमेन डेका से आज यहां राजभवन में श्री टेकवांग नामग्याल अतिरिक्त महानिदेशक, एंटी नक्सल ऑपरेशन सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ ने सौजन्य भेंट की। उन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सल गतिविधियों की रोकथाम के लिए की जा रही कार्रवाई के संबंध में राज्यपाल को अवगत कराया।
इस अवसर पर एंटी नक्सल (ऑपरेशन) सीमा सुरक्षा बल छत्तीसगढ़ केे डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल श्री संजय यादव भी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पूर्वा अग्रवाल को 65वीं रैंक प्राप्त करने पर दूरभाष पर दी शुभकामनाएंरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा-2024 में सफलता प्राप्त करने वाले छत्तीसगढ़ के सभी अभ्यर्थियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप सभी चयनित युवाओं ने न केवल अपने परिजनों, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव बढ़ाया है। यह सफलता आपकी मेहनत, धैर्य और आत्मविश्वास का प्रतीक है। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी युवा साथी पूरी ईमानदारी एवं तन्मयता से कार्य करते हुए जनता की सेवा करेंगे और देश-प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आज विशेष रूप से पूर्वा अग्रवाल जिन्होंने 65वां रैंक प्राप्त किया है,से दूरभाष पर संवाद कर उन्हें इस उपलब्धि पर बधाई दी। उन्होंने उनके दृढ़ निश्चय, कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि आपने राष्ट्रीय स्तर की इस प्रतिष्ठित परीक्षा में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त कर छत्तीसगढ़ का नाम रोशन किया है। यह पूरे राज्य के लिए गौरव का विषय है। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर समस्त युवाओं से आग्रह किया कि वे इन सफल प्रतिभाओं से प्रेरणा लें और सतत प्रयासों से अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कामकाज की समीक्षा
सरगुजा में खुलेगा पीएचई के मुख्य अभियंता का परिक्षेत्रीय कार्यालय
सुशासन तिहार में विभाग को प्राप्त आवेदनों पर त्वरित समाधान के दिए निर्देश
जल संरक्षण के लिए "कैच द रेन" अभियान का करें व्यापक प्रचार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि गर्मी के मौसम में पेयजल संकट से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह सतर्क है और इसकी गहन निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में हैंडपंपों की मरम्मत के लिए पूर्व में दिए गए निर्देशों के तहत तेजी से कार्य हुए हैं और अब तक 86 मोबाइल यूनिट्स के माध्यम से 11,238 हैंडपंपों की मरम्मत पूरी की जा चुकी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जहाँ भी पेयजल से जुड़ी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं, वहाँ तत्काल समाधान सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की गहन समीक्षा बैठक ली और प्रदेश में पेयजल की उपलब्धता, भूजल स्तर, जल जीवन मिशन की प्रगति और जल संरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने सरगुजा में पीएचई विभाग का मुख्य अभियंता परिक्षेत्रीय कार्यालय खोलने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने “सुशासन तिहार” के दौरान प्राप्त आवेदनों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जल जीवन मिशन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने हर घर नल से जल पहुँचाने का बड़ा संकल्प लिया है। जल जीवन मिशन के शेष कार्यों को उन्होंने समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने जल जीवन मिशन की आगामी वर्षों की कार्ययोजना की भी समीक्षा की। श्री साय ने कहा कि भूजल स्तर में गिरावट से प्रभावित विकासखंडों के साथ-साथ बिना जल स्रोत वाले ग्रामों की सूची भी तैयार करें, ताकि इसे दूर करने की दिशा में प्रभावी कदम उठाए जा सकें।
श्री साय ने भूजल संकट से जूझ रहे 6 जिलों के 10 विकासखंडों को लेकर चिंता जताई और कहा कि अल्पकालिक व दीर्घकालिक योजनाएँ बनाकर जल संकट से निपटना होगा। उन्होंने रिचार्ज पिट और वर्षा जल संचयन जैसी जल संरक्षण तकनीकों को बढ़ावा देने की बात कही और अनियंत्रित भूजल दोहन पर सख्ती बरतने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कृषि, जल संसाधन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और वन विभागों को आपसी समन्वय के साथ “कैच द रेन” जैसे जल संरक्षण अभियानों को सुशासन तिहार के दौरान व्यापक रूप से प्रचारित करने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि जल जीवन का आधार है और इसके संरक्षण को हम सभी सर्वोच्च प्राथमिकता दें।
बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री मुकेश बंसल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद अब्दुल कैसर हक, संचालक जल जीवन मिशन श्री जितेंद्र शुक्ला सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
औद्योगिक निवेश और श्रमिक कल्याण की प्रभावी पहलश्रमिकों के लिए कारखाना परिसर में ही आवासीय सुविधा का रास्ता खुला
साय सरकार के निर्णय से बढ़ेगी औद्योगिक उत्पादकता एवं कार्यक्षमता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है। यह संशोधन, जो 27 फरवरी 2025 को अधिसूचित किया गया, औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है। इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक-अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है।
पट्टे पर दी गई भूमि का 15 प्रतिशत नियमितीकरण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर किए गए नए संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई कुल भूमि का 15 प्रतिशत हिस्सा गैर-औद्योगिक गतिविधियों, जैसे प्रशासनिक भवन, कैंटीन, या अन्य सुविधाओं के लिए नियमित करने की अनुमति दी गई है। पहले यह सीमा सख्त थी, जिसके कारण कई इकाइयों को परिचालन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था। अब इस छूट से उद्यमी अपनी इकाइयों की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लचीले ढंग से भूमि का उपयोग कर सकेंगे।
औद्योगिक श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति
संशोधन का दूसरा महत्वपूर्ण पहलू औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों के लिए आवास निर्माण की अनुमति है। यह कदम न केवल श्रमिकों को बेहतर रहन-सहन की सुविधा प्रदान करेगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिकों की उपलब्धता को भी बढ़ाएगा। इससे श्रमिकों को कार्यस्थल के नजदीक रहने का अवसर मिलेगा, जिससे उनकी यात्रा लागत और समय की बचत होगी।
संशोधन के लाभ
15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण की अनुमति से उद्यमी अपनी इकाइयों में बुनियादी ढांचे को बेहतर बना सकेंगे। इससे उत्पादकता और कार्यक्षमता में वृद्धि होगी। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा शुरू होने से श्रमिकों को सुरक्षित और सुविधाजनक आवास मिलेगा। यह उनकी कार्यक्षमता और जीवन स्तर को बढ़ाने में मदद करेगा। अनुकूल नीतियों के कारण छत्तीसगढ़ में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा। यह विशेष रूप से छोटे और मझोले उद्यमों के लिए लाभकारी होगा। श्रमिक आवास और औद्योगिक विस्तार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। औद्योगिक क्षेत्रों में आवास सुविधा से शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव कम होगा, क्योंकि श्रमिकों को औद्योगिक क्षेत्रों में ही रहने का विकल्प मिलेगा।
गौरतलब है कि पहले औद्योगिक इकाइयों को पट्टे पर दी गई भूमि का उपयोग केवल विशिष्ट औद्योगिक गतिविधियों के लिए करना होता था। गैर-औद्योगिक उपयोग, जैसे कार्यालय भवन या कर्मचारी सुविधाओं के लिए, अनुमति लेना जटिल और समय लेने वाला था। नए नियम के तहत, 15 प्रतिशत भूमि को बिना किसी जटिल प्रक्रिया के नियमित करने की अनुमति दी गई है। यह उद्यमियों को परिचालन लागत कम करने और बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगा। उदाहरण के लिए, एक इकाई अब इस 15 प्रतिशत भूमि पर कर्मचारी कल्याण केंद्र, प्रशिक्षण सुविधा, या गोदाम बना सकती है।
छत्तीसगढ़ में औद्योगिक क्षेत्र अक्सर ग्रामीण या अर्ध-शहरी इलाकों में स्थित हैं, जहां श्रमिकों के लिए आवास की कमी रहती है। इससे श्रमिकों को लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, जिसका असर उनकी उत्पादकता पर पड़ता है। संशोधन के तहत, औद्योगिक इकाइयां अब अपने परिसर में या आसपास श्रमिकों के लिए आवास बना सकती हैं। यह सुविधा न केवल श्रमिकों के लिए लाभकारी होगी, बल्कि उद्यमियों को भी स्थिर और समर्पित कार्यबल उपलब्ध कराएगी।
औद्योगिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह संशोधन छत्तीसगढ़ को निवेश के लिए और अधिक आकर्षक बनाएगा। रायपुर के उद्योगपति, राजेश अग्रवाल ने कहा, 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण से हमें अपने परिसर में कर्मचारी सुविधाएं बढ़ाने में मदद मिलेगी। साथ ही, श्रमिक आवास की अनुमति से हमारे कर्मचारियों का मनोबल बढ़ेगा।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस संशोधन को विकसित छत्तीसगढ़ के विजन का हिस्सा बताया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य उद्योगों को बढ़ावा देना और साथ ही श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करना है। यह संशोधन दोनों उद्देश्यों को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा। छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में संशोधन राज्य के औद्योगिक विकास और श्रमिक कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। 15 प्रतिशत भूमि के नियमितीकरण और श्रमिक आवास निर्माण की अनुमति से न केवल उद्यमियों को लाभ होगा, बल्कि श्रमिकों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आएगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएँरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अंतर्राष्ट्रीय पृथ्वी दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएँ देते हुए धरती के संरक्षण और पर्यावरण संतुलन को बनाए रखने के लिए जन-सहभागिता का आह्वान किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा किछत्तीसगढ़ प्राकृतिक विविधता से भरपूर प्रदेश है। यहाँ की संस्कृति, आजीविका और जीवनशैली सीधे तौर पर प्रकृति से जुड़ी है। इसी भावना के साथ राज्य सरकार वृक्षारोपण, जल-संरक्षण, नदी-नालों का पुनर्जीवन, सामुदायिक वन प्रबंधन और पर्यावरणीय रूप से संतुलित औद्योगिक विकास को प्राथमिकता दे रही है।उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाओं में पर्यावरण संरक्षण को एक केन्द्रीय तत्व बनाया गया है, ताकि प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित किया जा सके। स्थानीय समुदायों को भी इन प्रयासों से जोड़ा जा रहा है, जिससे उनका जीवन स्तर सुधरे और प्राकृतिक धरोहरें भी सुरक्षित रहें।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से अपील करते हुए कहा कि हर व्यक्ति एक वृक्ष लगाए, उसकी देखभाल करे और अपने आसपास के पर्यावरण को स्वच्छ रखने का संकल्प ले। जल और ऊर्जा जैसे संसाधनों का विवेकपूर्ण उपयोग करें तथा हरसंभव अक्षय ऊर्जा का प्रयोग कर पृथ्वी को प्रदूषण-मुक्त बनाने में योगदान दें।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अगुवाई में प्रदेश में सुशासन तिहार की शुरुआत की गई है, जो सरकार की लोक-कल्याणकारी नीतियों और योजनाओं की व्यापक सफलता का प्रतीक बन चुका है। इस तिहार का उद्देश्य आम जनता तक सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ पहुँचाना और उन्हें सशक्त बनाना है। वास्तव में, समस्याओं के त्वरित निराकरण से जनता के दिलों में खुशियों की बयार बहने लगी है। जनता से सरोकार और संवाद करने वाली सरकार नागरिकों के द्वारा प्रस्तुत आवेदनों का गंभीरता से निराकरण कर रही है, जिसका सकारात्मक असर पूरे प्रदेश में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
पतेरापाली की युगेश्वरी को मिला नया आशियाना
महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखंड की ग्राम पंचायत अमलीडीह के आश्रित ग्राम पतेरापाली निवासी श्रीमती युगेश्वरी ध्रुव ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पक्के मकान हेतु सुशासन तिहार के दौरान आवेदन प्रस्तुत किया। उनकी इस आवश्यक मांग को प्रशासन ने प्राथमिकता से संज्ञान में लिया। “मोर द्वार साय सरकार” अभियान के तहत जिले की टीम तत्क्षण उनके घर पहुँची। त्वरित सर्वेक्षण के पश्चात यह स्पष्ट हुआ कि वे योजना की पात्र हैं।उनका नाम आवास प्लस सर्वे 2.0 में दर्ज कर लिया गया है। अब शीघ्र ही उनके घर का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। वर्षों से एक पक्के घर का सपना संजोए बैठी श्रीमती ध्रुव की आँखों में अब उम्मीद की चमक है। जो सपना कभी दूर और धुंधला लगता था, वह अब सरकार की पहल से एक नई सुबह की तरह उनके जीवन में उजाला भरने को तैयार है। अब वह दिन दूर नहीं जब उनका आशियाना केवल एक कल्पना नहीं, बल्कि जीती-जागती सच्चाई होगी।
दीपा को मिलेगा मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना का लाभ
इसी दौरान सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत आयोजित एक शिविर में महासमुंद के वार्ड क्रमांक 25 कुम्हारपारा निवासी कु. दीपा साहू ने मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत किया, जिसमें पात्रता की जांच करने पर वे योजना से लाभान्वित होने हेतु पात्र पाई गईं।जिले के श्रम पदाधिकारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा संचालित इस विशेष योजना के अंतर्गत दीपा को ₹20,000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है, जो डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे उनके बैंक खाते में जमा की जाएगी। इस सहायता से अब दीपा अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख पाएंगी। उनका सपना है कि वे शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ें और भविष्य में एक प्रेरणादायक शिक्षिका बनें, ताकि अन्य बेटियों को भी शिक्षा के महत्व से जोड़ सकें।
गौरतलब है कि सुशासन तिहार के माध्यम से शासन की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण दोनों ही क्षेत्रों में आम जनता की समस्याओं के समाधान हेतु प्रशासन पूरी सजगता और तत्परता के साथ कार्य कर रहा है।