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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अपने निवास कार्यालय में स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जूदेव की जयंती पर उनके छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस अवसर पर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत भी उपस्थित रहीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी न केवल प्रखर राष्ट्रवादी थे, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और सांस्कृतिक पहचान के दृढ़ रक्षक भी थे। उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन धर्म, संस्कृति और समाज सेवा के लिए समर्पित किया। उनके नेतृत्व में प्रारंभ हुआ ‘घर वापसी’ अभियान एक ऐतिहासिक सामाजिक आंदोलन बना, जिसने हजारों लोगों को उनकी मूल सनातन परंपरा से पुनः जोड़ने का कार्य किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री जूदेव जी जल, जंगल, जमीन और जनजातीय अस्मिता के सशक्त प्रहरी थे। छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्रों में आदिवासी समाज को उनका गौरव और पहचान लौटाने के लिए उन्होंने अनवरत संघर्ष किया। उनके प्रयासों से समाज में राष्ट्रवादी चेतना का प्रसार हुआ और छत्तीसगढ़ के जनजातीय समाज को अपनी सांस्कृतिक जड़ों से और अधिक जुड़ने का अवसर मिला।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वर्गीय दिलीप सिंह जूदेव जी केवल एक राजनेता नहीं, बल्कि एक विचारधारा के प्रतीक थे। उन्होंने अपने जीवन में राष्ट्रवादी मूल्यों को आत्मसात कर समाजहित में कार्य किया। उनकी दृढ़ता, निडरता और ओजस्वी नेतृत्व आज भी हम सभी को प्रेरित करता है। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बुज़ुर्गों की आंखों में वर्षों से पल रही तीर्थ यात्रा की अभिलाषा हुई पूरी: पहली विशेष ट्रेन से 780 श्रद्धालु तिरुपति, मदुरै, रामेश्वरम रवाना
विधवा और परित्यकता महिलाओं को भी अब मिल सकेगा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज रायपुर रेलवे स्टेशन से पहली विशेष तीर्थ यात्रा ट्रेन को तिरुपति, मदुरै और रामेश्वरम के लिए हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस पहली तीर्थ यात्रा ट्रेन में रायपुर और बलौदाबाजार-भाटापारा जिलों के 780 श्रद्धालु बुजुर्ग सम्मिलित हुए, जिनके लिए यह यात्रा केवल धार्मिक अनुभव नहीं, बल्कि सम्मान और स्नेह का प्रतीक बन गई। प्रदेश के बुजुर्गों की वर्षों पुरानी अभिलाषा आज पूरी हो गई जब मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का विधिवत शुभारंभ किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने तीर्थयात्रा पर जा रहे बुजुर्गों से आत्मीय चर्चा करते हुए कहा कि आप सभी के चेहरे पर जो खुशी है, वही मेरा संतोष है। उन्होंने कहा कि रामेश्वरम में आप लोग पवित्र रामसेतु देख सकेंगे, ज्योतिर्लिंग का दर्शन कर सकेंगे। आप लोग मदुरै तीर्थ का भी दर्शन करेंगे जहां मीनाक्षी मंदिर है। तिरुपति में बालाजी का दर्शन करेंगे। दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों को देखने का यह सुंदर अवसर है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री रामलला (अयोध्या दर्शन) योजना अंतर्गत अब तक 22 हजार से अधिक श्रद्धालु अयोध्या में श्री रामलला के दर्शन कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रयागराज में 144 वर्षों उपरांत महाकुंभ का आयोजन हुआ। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों ने भी बड़ी संख्या में कुंभ में हिस्सा लिया। छत्तीसगढ़ के तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए और उनकी सुविधा का ध्यान रखने के लिए हमने प्रयागराज मेला क्षेत्र में छत्तीसगढ़ पवैलियन तैयार किया था। यहां लगभग साढ़े चार एकड़ में तीर्थयात्रियों के रूकने के इंतजाम थे। यह हमारा सौभाग्य है कि हम गंगा जी में स्नान करने पहुंचे प्रदेश के लाखों श्रद्धालुओं की सेवा कर सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अब श्रद्धालुओं की यात्रा मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना अंतर्गत निरन्तर होती रहेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए हमने 15 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। इस योजना में उज्जैन, पुरी, द्वारिका, वैष्णो देवी, मथुरा, वृंदावन जैसे अनेक तीर्थ स्थलों को जोड़ा गया है, जिनकी निःशुल्क यात्रा कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि हमारे बुज़ुर्गों की तीर्थ यात्रा की इच्छा अक्सर आर्थिक कठिनाइयों के चलते अधूरी रह जाती थी। उन्होंने कहा कि हमें संतोष है कि हम उनकी इस इच्छा को साकार कर पा रहे हैं। उन्होंने बताया कि योजना में विधवा और परित्यक्त महिलाओं को भी शामिल किया गया है, जिससे उन्हें भी धार्मिक स्थलों के दर्शन का गौरव प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार युवाओं, किसानों, महिलाओं और आदिवासी समुदाय सहित समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए पूरी तरह समर्पित है और इसी दिशा में निरंतर कार्य कर रही है।
यह केवल यात्रा नहीं, संस्कृति और श्रद्धा का संगम है – मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े
समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना केवल तीर्थ यात्रा नहीं, बल्कि हमारी सनातन संस्कृति, परंपराओं और धार्मिक आस्था का जीवंत प्रतीक है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उन श्रद्धालुओं को यह अवसर प्राप्त होगा, जो अब तक आर्थिक सीमाओं के कारण तीर्थ यात्रा से वंचित रहे हैं। सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए पूर्ण सुविधायुक्त पैकेज तैयार किया है जिसमें ट्रेन यात्रा, यात्रियों के ठहरने, भोजन, मंदिर दर्शन, सुरक्षा और चिकित्सा जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएँ शामिल हैं।स्पेशल ट्रेन में टूर एस्कॉर्ट, पुलिस बल और चिकित्सकों की टीम भी उनके साथ यात्रा कर रही है ताकि श्रद्धालुओं को हर क्षण सुरक्षा और सुविधा का अहसास हो। योजना के तहत देशभर के 19 प्रमुख तीर्थ क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जिनमें उज्जैन, ओंकारेश्वर, पुरी, हरिद्वार, काशी, शिरडी, वैष्णोदेवी, अमृतसर, द्वारका, बोधगया, कामाख्या मंदिर, सबरीमाला जैसे प्रमुख धार्मिक स्थल सम्मिलित हैं।समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने कहा कि मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में 4 दिसंबर 2012 को की गई थी। 15 जनवरी 2013 से 10 जून 2019 के मध्य इस योजना के अंतर्गत कुल 272 तीर्थ यात्राओं के माध्यम से 2,46,983 श्रद्धालुओं को लाभान्वित किया गया था। पूर्व सरकार के कार्यकाल के दौरान यह योजना 5 साल तक संचालन में नहीं थी। डॉ. रमन सिंह की सरकार के दौरान संचालित इस योजना को, जिसे उसके बाद आने वाली सरकार ने बंद कर दिया था, अब पुनः प्रारंभ कर वर्तमान सरकार ने छत्तीसगढ़ में बुजुर्गों की श्रद्धा, आस्था और वर्षों से संजोए गए तीर्थ यात्रा के सपने को पूर्ण करने के लिए एक बार फिर पहल की है।
इस अवसर पर विधायकगण श्री पुरंदर मिश्रा, श्री मोतीलाल साहू, श्री अनुज शर्मा, समाज कल्याण आयुक्त श्री भुवनेश यादव, संचालक श्रीमती रोक्तिमा यादव, रायपुर कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह, नगर निगम आयुक्त श्री विश्वदीप, रायपुर डीआरएम श्री दयानंद, समाज कल्याण और रेलवे विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित रहे। -
रायपुर : CM साय ने मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई। आपको बता दें कि यह योजना पहले भाजपा की रमन सरकार ने शुरू की थी, लेकिन कांग्रेस सरकार में इस योजना का लाभ बुजुर्गों को नहीं मिल पाया था। अब, भाजपा की साय सरकार ने इस योजना को पुनः शुरू करने का निर्णय लिया है, ताकि अधिक से अधिक बुजुर्गों को इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना क्या है? - मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत राज्य के बुजुर्गों को धार्मिक तीर्थ स्थलों की यात्रा करवाई जाएगी, ताकि वे अपने श्रद्धा स्थलों का दौरा कर सकें। (एजेंसी) -
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मयाली नेचर कैम्प में साहसिक खेलों की रोमांचक शुरुआत: जनजातीय प्रतिभाओं को मिलेगा मंच और युवाओं को मिलेगा रोजगाररायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले को एक नई पहचान देने वाली ऐतिहासिक पहल की। उन्होंने कुनकुरी स्थित मयाली नेचर कैम्प में एडवेंचर जोन का शुभारंभ किया और जिले के लिए तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों—आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक (स्पिरिचुअल एंड हेरिटेज), प्राकृतिक एवं वन्य जीव (नेचर एंड वाइल्ड लाइफ) और साहसिक पर्यटन (एडवेंचर) सर्किट—का लोकार्पण किया। यह कदम न केवल जशपुर को छत्तीसगढ़ के भीतर एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य बनाएगा, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए भी नए अवसरों के द्वार खोलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं पोंटून बोट में सवार होकर मधेश्वर महादेव के विहंगम दृश्य का अवलोकन किया और कहा कि मयाली एडवेंचर ज़ोन अब रोमांच और रोजगार का केंद्र बनेगा। यहाँ एक्वा साइक्लिंग, कयाकिंग, स्पीड बोट, फ्लोटिंग जेटी, बम्पर बोट जैसे एडवेंचर एक्टिविटी की शुरुआत की गई है।
तीन नए पर्यटन सर्किटों की झलक
मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा जिन तीन प्रमुख पर्यटन सर्किटों का लोकार्पण किया गया, वे जशपुर की विविधता और विशेषता को दर्शाते हैं। स्पिरिचुअल और हेरिटेज सर्किट कोतेबीरा से शुरुआत होती है, जो तमता, कैलाश गुफा, मधेश्वर पहाड़, शारदा धाम, ग्वालिन सरना जैसे स्थलों से होकर गुजरता है—यह सर्किट श्रद्धा, विरासत और जनजातीय परंपराओं की अनमोल झलक पेश करता है।
प्राकृतिक एवं वन्य जीव सर्किट उन पर्यटकों को आकर्षित करेगा जो प्रकृति की गोद में सुकून तलाशते हैं। इसमें मकरभंजा जलप्रपात, बादलखोल अभ्यारण्य, रानीदाह और गुल्लू जलप्रपात से लेकर सारुडीह का चाय बागान तक शामिल हैं—प्राकृतिक धरोहरों से भरपूर यह सर्किट पर्यावरण प्रेमियों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं होगा।
साहसिक पर्यटन सर्किट रोमांच के शौकीनों को आकर्षित करेगा। इसमें दनगरी कैम्प साइट, बेलवार जलप्रपात, देशदेखा हिल कैम्प, सरना ईको एथेनिक रिसोर्ट और क्लाइम्बिंग सेक्टर जैसे स्थान शामिल हैं, जो ट्रेकिंग, क्लाइम्बिंग और नेचर-कैम्पिंग जैसी गतिविधियों के लिए एक आदर्श स्थान बनेंगे।
जनजातीय युवाओं के लिए पर्वतारोहण अभियान: हिमाचल की ऊंचाइयों से लौटेगा जशपुर का आत्मविश्वास
मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर अब जशपुर के जनजातीय युवाओं को हिमाचल प्रदेश के मियाड़ घाटी में पर्वतारोहण, रोप क्लाइम्बिंग आदि का प्रशिक्षण मिलेगा। प्रशिक्षण प्राप्त युवा वापस लौटकर स्थानीय युवाओं को भी प्रशिक्षित करेंगे, जिससे पर्यटन और युवाशक्ति दोनों को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री साय से अभियान में जाने वाले बच्चों ने मिलकर कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उन्हें ये अनोखा अवसर प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि शासन द्वारा युवाओं को विभिन्न साहसिक खेलों के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। विगत दिनों छत्तीसगढ़ की एक पर्वतारोही बेटी ने अफ्रीका के सबसे ऊंचे शिखर पर तिरंगा फहराने की इच्छा दर्शाई थी जिसे तुरन्त आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई गई थी। उसने किलीमंजारो फतह किया। इसी तरह आपको भी खूब मेहनत कर राज्य का नाम ऊंचा करना है। जिस पर युवा तेजल भगत ने कहा अब हमारी पारी है हम भी राज्य को गौरवान्वित करेंगे।
स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने कहा—पर्यटन ने बदली जिंदगी
मयाली नेचर कैम्प में कार्यरत लक्ष्मी एवं तुलसी स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने मुख्यमंत्री से भेंट कर उनका आभार जताया। उन्होंने बताया कि पर्यटन की वजह से अब उन्हें नियमित आय मिल रही है और बच्चों को भी रोजगार के अवसर मिल रहे हैं। महिलाओं ने मधेश्वर महादेव की काष्ठ-निर्मित कलाकृति भेंट कर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय की यह पहल पर्यटन को सिर्फ सैर नहीं, बल्कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण का साधन बना रही है। जशपुर की प्राकृतिक सुंदरता, आध्यात्मिक विरासत और जनजातीय आत्मबल को राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने की यह ऐतिहासिक शुरुआत है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को भक्त माता कर्मा जयंती की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने माता कर्मा से समस्त छत्तीसगढ़वासियों के जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की कामना करते हुए कहा कि भक्त माता कर्मा का जीवन सेवा, भक्ति, त्याग और परोपकार की अनुपम मिसाल है। वे भगवान श्रीकृष्ण की अनन्य भक्त थीं और उनका आदर्श आज भी जनमानस को प्रेरणा देता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में माता कर्मा जयंती का पर्व पूरे श्रद्धाभाव और सामाजिक समरसता के साथ मनाया जाता है। साहू तैलिक समाज की आराध्य देवी माता कर्मा की जयंती पर पूरे राज्य में शोभायात्राएँ, कलश यात्राएँ और विविध धार्मिक-सांस्कृतिक आयोजन होते हैं, जिनमें सभी समाजों की भागीदारी से एकता और भाईचारे का संदेश भी प्रसारित होता है। उन्होंने प्रार्थना की कि माता कर्मा का आशीर्वाद हम सभी पर सदैव बना रहे।मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास जताया कि माता कर्मा के आदर्श हमें समाज में करुणा, समानता और समर्पण के साथ कार्य करने की प्रेरणा देते रहेंगे। -
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फील्ड विजिट कर समस्याओं का मौके पर समाधान सुनिश्चित करें अधिकारी- मुख्यमंत्री श्री साय15 दिवसीय विशेष अभियान : हैंडपंप और सार्वजनिक नलों की मरम्मतरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि ग्रीष्मकाल में प्रदेश के प्रत्येक नागरिक तक निर्बाध और सुरक्षित पेयजल पहुंचाना हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। इसके लिए सभी विभागों के बीच समन्वय और जनसहभागिता अनिवार्य है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, जिससे आने वाले समय में प्रदेश जल संकट की किसी भी स्थिति से सुरक्षित रह सके। मुख्यमंत्री श्री साय मंत्रालय में आयोजित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं जल संसाधन विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक को संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि ग्रीष्म ऋतु के दौरान प्रदेशभर में पेयजल की समुचित और सतत उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी उपायों को प्राथमिकता पर क्रियान्वित किया जाए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रीष्मकालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रदेशभर में पेयजल की उपलब्धता को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता घोषित किया है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जल संकट की किसी भी संभावना को गंभीरता से लेते हुए त्वरित और समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने इस दिशा में ग्रामीण विकास, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा, वन एवं कृषि विभाग को परस्पर तालमेल के साथ कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में उत्पन्न हो रही पेयजल समस्याओं के समाधान हेतु अल्पकालिक और दीर्घकालिक रणनीतियाँ समान रूप से आवश्यक हैं। इसके लिए उन्होंने जल संरक्षण के प्रभावी उपायों जैसे रिचार्ज पिट, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग और सौर ऊर्जा आधारित पंपों को तेजी से बढ़ावा देने पर बल दिया। साथ ही, उन्होंने भूजल के अनियंत्रित दोहन पर सख्त निगरानी रखने और कम जल-खपत वाली फसलों की खेती को प्रोत्साहन देने के निर्देश दिए, जिससे जल संसाधनों का संतुलित उपयोग सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे केवल कार्यालयों तक सीमित न रहते हुए, फील्ड में जाकर स्वयं स्थिति का आकलन करें और स्थल पर ही पेयजल संबंधी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी 15 दिनों के भीतर प्रदेशभर में विशेष अभियान चलाकर सभी हैंडपंपों और सार्वजनिक नलों की मरम्मत सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि अनेक स्थानों पर हैंडपंपों में केवल मामूली तकनीकी समस्याएँ होती हैं, जिन्हें यदि समय रहते स्थानीय मैकेनिक द्वारा दुरुस्त किया जाए, तो नागरिकों को अनावश्यक परेशानी से बचाया जा सकता है।
बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि राज्य सरकार ने इस कार्य के त्वरित निष्पादन हेतु पूरे प्रदेश में मोबाइल वैन यूनिट्स की विशेष व्यवस्था की है, जो आगामी चार महीनों तक फील्ड में सक्रिय रहकर रखरखाव और मरम्मत का कार्य प्राथमिकता से संपादित करेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के पर्वतीय और मैदानी दोनों क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की सतत उपलब्धता सुनिश्चित करना राज्य सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि इसके लिए स्थानीय भू-प्राकृतिक परिस्थितियों के अनुरूप जल संरक्षण उपायों को बढ़ावा दिया जाए, ताकि दीर्घकालिक समाधान सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने वन्य प्राणियों के लिए गर्मी के मौसम में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी स्पष्ट निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देशित किया कि प्रदेशभर में अमृत सरोवरों को जल प्रबंधन के मॉडल के रूप में विकसित किया जाए, ताकि वे जल संग्रहण, वर्षा जल संरक्षण और सामुदायिक भागीदारी के सफल उदाहरण बन सकें। उन्होंने तालाबों और जलाशयों के आसपास हो रहे अतिक्रमण को प्राथमिकता से हटाने की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि जलस्रोतों की रक्षा करना केवल प्रशासनिक दायित्व नहीं, बल्कि सामूहिक सामाजिक जिम्मेदारी भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सौर ऊर्जा आधारित पेयजल योजनाओं के संचालन और रखरखाव की प्रक्रिया को तीव्र गति से क्रियान्वित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी कार्यान्वयन से जल स्रोतों के अपव्यय को नियंत्रित किया जा सकता है और ऊर्जा की बचत भी सुनिश्चित होती है। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि सोलर पेयजल योजनाओं में 'सेंसर आधारित स्वचालित प्रणाली' लागू की जाए, जिससे जल वितरण की निगरानी और नियंत्रण तकनीकी रूप से संभव हो सके और स्मार्ट जल प्रबंधन प्रणाली की दिशा में राज्य एक महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाए।
मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका को जल संरक्षण के क्षेत्र में अत्यंत महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि ग्राम स्तर पर जनजागरूकता और सहभागिता ही जल संकट का दीर्घकालिक समाधान है। उन्होंने निर्देश दिए कि ग्राम सभाओं में जल संरक्षण, भूजल प्रबंधन और निस्तारी जल योजनाओं पर व्यापक चर्चा सुनिश्चित की जाए, ताकि समुदाय स्तर पर ठोस पहल हो सके। मुख्यमंत्री ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को इन गतिविधियों के सुनियोजित क्रियान्वयन और ग्राम पंचायतों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष रूप से निर्देशित किया।
इस उच्चस्तरीय बैठक में उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव श्रीमती निहारिका बारिक, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री राजेश सुकुमार टोप्पो, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सचिव श्री मोहम्मद कैसर अब्दुल हक और कृषि, वन, जलवायु परिवर्तन एवं ऊर्जा विभाग के अधिकारी उपस्थित थे। -
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छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय परंपराओं में रचा अनुशासन और आदर्श का इतिहास : विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंहरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज छत्तीसगढ़ विधानसभा के रजत जयंती समारोह के अवसर पर प्रदेशवासियों की ओर से भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का आत्मीय स्वागत करते हुए कहा कि यह हम सभी का सौभाग्य है कि जब छत्तीसगढ़ विधानसभा अपने गौरवशाली 25 वर्षों का उत्सव मना रही है, तब देश की प्रथम नागरिक हमारे बीच उपस्थित हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2000 में भारत रत्न स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के नेतृत्व में बने छत्तीसगढ़ का रजत वर्ष संयोग से उनके जन्मशताब्दी वर्ष में पड़ रहा है, जिसे हम अटल निर्माण वर्ष के रूप में मना रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र की सुदृढ़ परंपराओं की प्रतीक है। वैदिक काल से चले आ रहे भारतीय लोकतंत्र को छत्तीसगढ़ ने अपने कार्यों से मजबूत किया है। सदन में जनहितकारी विषयों पर गंभीर चर्चाएं, सशक्त विमर्श और स्वस्थ वातावरण में लिए गए निर्णय, हमारी संसदीय संस्कृति को समृद्ध करते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने केवल विधायी कार्य ही नहीं, बल्कि प्रतिनिधियों के नेतृत्व विकास को भी प्राथमिकता दी है।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलनी चाहिए। हाल ही में विधानसभा सदस्यों के लिए आईआईएम रायपुर में आयोजित पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम इसका उदाहरण है, जहाँ नेतृत्व और प्रशासन के महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि हम सभी मिलकर विकसित भारत और विकसित छत्तीसगढ़ के निर्माण के लिए संकल्पबद्ध हैं।
विधान सभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा को यह गौरव प्राप्त है कि तीसरी बार भारत के राष्ट्रपति ने सदन को संबोधित किया है। इससे पहले स्वर्गीय डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम और श्रीमती प्रतिभा देवी सिंह पाटिल विधानसभा को संबोधित कर चुके हैं। उन्होंने राष्ट्रपति मुर्मु जी के सरल, संघर्षशील और प्रेरणादायक जीवन को देश की महिलाओं, जनप्रतिनिधियों और युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बताया। उन्होंने छत्तीसगढ़ विधान सभा की 25 वर्ष की यात्रा को लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ता की यात्रा बताया। उन्होंने कहा कि सदन में ‘स्वअनुशासन’ की परंपरा स्थापित की गई, जहां सदस्यों ने स्वयं बनाए नियमों का पालन कर पूरे देश के लिए उदाहरण प्रस्तुत किया।
डॉ. सिंह ने बताया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने संसदीय गतिविधियों के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई है। उन्होंने उल्लेख किया कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2011 में लोक सेवा गारंटी अधिनियम, और 2012 में खाद्य सुरक्षा अधिनियम पारित किए, जो अंत्योदय और समावेशी विकास के प्रतीक हैं। डॉ. रमन सिंह ने बताया कि शीघ्र ही विधानसभा नया रायपुर स्थित नवीन भवन में स्थानांतरित होगी। उन्होंने राष्ट्रपति जी की उपस्थिति को सदन की स्मृतियों में एक अमिट अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले जनप्रतिनिधियों और पत्रकारों को नियमित रूप से पुरस्कार व सम्मान दिया जाता है, जो लोकतांत्रिक चेतना को सुदृढ़ करते हैं।
नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु का हृदय से स्वागत करते हुए उन्हें संघर्ष, सादगी और सेवा की प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जी का जीवन पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत है। उन्होंने राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मु की उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए आभार व्यक्त किया और कहा कि हम सब उनके वचनों से प्रेरणा लेकर छत्तीसगढ़ के विकास में एकजुटता से कार्य करेंगे। इस अवसर पर राज्यपाल श्री रमेन डेका ने विधानसभा सदस्य संदर्भ पुस्तिका का विमोचन किया और राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्म को पुस्तिका की प्रथम प्रति भेंट की। रजत जयंती समारोह के अवसर पर मंत्रीमंडल के सभी मंत्रीगण एवं विधानसभा के सभी सदस्यगण उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संघ की पत्रिका "सेवा शिखर" के प्रथम संस्करण का विधिवत विमोचन भी किया।
राज्य प्रशासनिक सेवा की भूमिका को बताया शासन का मजबूत स्तंभ
मुख्यमंत्री श्री साय ने मुलाकात के दौरान राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की सराहना करते हुए कहा कि प्रदेश की योजनाओं और कार्यक्रमों का सफल क्रियान्वयन उन्हीं के माध्यम से धरातल पर संभव हो पाता है। उन्होंने कहा कि जनता तक शासन की नीतियों और योजनाओं को प्रभावी ढंग से पहुँचाने में इन अधिकारियों की निष्ठा, समर्पण और संवेदनशीलता अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही वे मूल्य हैं जो शासन और जनता के बीच की कड़ी को मजबूत करते हैं तथा प्रदेश के विकास को गति प्रदान करते हैं।
"सेवा शिखर" पत्रिका को बताया विचारों का सशक्त मंच
मुख्यमंत्री श्री साय ने "सेवा शिखर" पत्रिका के प्रथम संस्करण के प्रकाशन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक सार्थक मंच बताया। उन्होंने कहा कि यह पत्रिका अधिकारियों को अपने अनुभव, विचार और सुझाव साझा करने का अवसर प्रदान करेगी, जिससे एक जीवंत और संवादपूर्ण प्रशासनिक वातावरण का निर्माण होगा।मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य प्रशासनिक सेवा संघ को पत्रिका के प्रकाशन हेतु बधाई देते हुए उम्मीद जताई कि यह पहल सेवा भावना, उत्तरदायित्व और पारदर्शिता को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध होगी। उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूर्ण ईमानदारी और निष्ठा से करें, ताकि शासन की योजनाओं का लाभ सही अर्थों में अंतिम व्यक्ति तक पहुँच सके।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अध्यक्ष श्री अजय त्रिपाठी, उपाध्यक्ष श्री उमाशंकर बंदे, कोषाध्यक्ष श्री नवीन भगत, सेवा शिखर पत्रिका के संपादक डॉ. अभिनव मिश्रा सहित श्री अपूर्व प्रियेश टोप्पो, श्री नंद कुमार चौबे, सुश्री अर्चना पाण्डेय, श्रीमती दिव्या वैष्णव, श्री बृजेश क्षत्रिय, डॉ. सुभाष राज, डॉ. धनंजय कुमार नेताम एवं श्री घनश्याम कँवर उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने भारतीय प्रबंध संस्थान में छत्तीसगढ़ विधानसभा सदस्यों के लिए आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम का किया शुभारम्भ
नेतृत्व क्षमता को सशक्त बनाने के लिए विधायकों का विशेष प्रशिक्षण
रायपुर : हम सभी के बीच मतभेद हो सकते है लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए और छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों में यह बात हमेशा से कायम है। छत्तीसगढ़ का विकास हमारा मूल उद्देश्य है और जनप्रतिनिधि के रूप में हमें प्रदेशवासियों के हित में सदैव समर्पित होकर काम करना है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यों के लिए भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर में आज आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सीखने की कोई उम्र नहीं होती, नेतृत्व क्षमता में निरंतर निखार जरूरी
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में हमेशा सीखते रहने की बात करते है और निश्चित रूप से सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। यहां कई ऐसे विधायक मौजूद है, जिनका जनप्रतिनिधि के रूप में लंबा अनुभव है, लेकिन वे भी इस कार्यक्रम को लेकर बहुत अधिक उत्साहित है। श्री साय ने कहा कि आप सभी सदस्यों की मौजूदगी यह साबित करती है कि छत्तीसगढ़ के विकास को लेकर आप कितने चिंतित भी है और उत्साहित भी है।श्री साय ने कहा कि जनप्रतिनिधि के रूप में आमजनों से आपका व्यवहार सबसे बड़ी पूंजी है और यह लोगों के मन में आपके और संसदीय व्यवस्था के प्रति विश्वास को अधिक मजबूत करेगा।
नवीन समाधानों को साझा करने और विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को पाने में प्रशिक्षण कार्यक्रम उपयोगी
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम नवीन समाधानों को साझा करने का मजबूत मंच है और विकसित छत्तीसगढ़ 2047 के लक्ष्य को पाने में यह उपयोगी और सार्थक सिद्ध होगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सुशासन की संकल्पना को स्थापित करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि ई ऑफिस की व्यवस्था से प्रशासनिक दक्षता के साथ-साथ पारदर्शिता भी बढ़ी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि हमें प्रदेश को आगे ले जाना है तो सभी प्रकार की चुनौतियों से निपटने के लिए समान रूप से तैयार रहना होगा। उन्होंने सार्वजनिक हित में तकनीक के सदुपयोग पर विशेष जोर दिया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने भारतीय प्रबंध संस्थान में पिछले वर्ष आयोजित चिंतन शिविर को भी अत्यधिक उपयोगी बताया। उन्होंने कहा कि चिंतन शिविर में हमने जो कुछ सीखा था, छत्तीसगढ़ के नीति निर्माण में हमने इसका भरपूर उपयोग किया है। विजन डॉक्यूमेंट से लेकर बजट तैयार करने में भी हमें इससे बड़ी मदद मिली। मुख्यमंत्री ने विधानसभा के सभी सदस्यों से दो दिवसीय सत्र का भरपूर लाभ लेने को कहा और प्रबंध संस्थान को सफल आयोजन की शुभकामनाएं दी।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने लीडरशिप प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में सभी सदस्य लगभग 1 महीने तक सक्रियता के साथ शामिल रहे और इसके तुरंत बाद इस दो दिवसीय आयोजन में आप सभी की उपस्थिति प्रशंसनीय है। उन्होंने कहा आप लोग सोच रहे होंगे कि जीतने के बाद हमारा प्रशिक्षण क्यों? जीतने के बाद हमारी जिम्मेदारी और भूमिका बढ़ जाती है, इसलिए हमें लगातार सीखते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें केवल अपने क्षेत्र के लिए नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की बेहतरी के लिए कार्य करना है।
डॉ. सिंह ने कहा कि हम अपने आसपास के परिवेश और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य के प्रति कितने सजग है, जनप्रतिनिधि के रूप में आपको सफल बनाने में यह तथ्य महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि आपके पास अपने विधानसभा क्षेत्र की छोटी से छोटी जानकारी होनी चाहिए। डॉ. सिंह ने अपने मुख्यमंत्रित्व काल से जुड़े कई अनुभव साझा किए और जनता से व्यवहार, जुड़ाव और उनका भरोसा जीतने को लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास मंहत ने कहा विधायक बनते ही हम लीडर बन गये, ऐसा सोचना गलत धारण होगी। लीडर बनना एक प्रक्रिया है और हमें यह सीखना होगा। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों से निकलकर जशपुर का एक आदिवासी बेटा आज मुख्यमंत्री बना है, यह हमारे लोकतंत्र की खूबसूरती और ताकत है। हम सभी का मुख्य उद्देश्य छत्तीसगढ़ की उन्नति है और इसी को लेकर आगे बढ़ने की जरूरत है।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्यगण, नीति आयोग के सीईओ श्री बीवीआर सुब्रमण्यम, आईआईएम रायपुर के निदेशक श्री राम कुमार, आईआईएम के प्रोफेसर श्री सुमीत गुप्ता, प्रोफेसर श्री संजीव पराशर, प्रोफेसर श्रीमती अर्चना पराशर उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विश्व जल दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों से जल संरक्षण अभियान को जनआंदोलन का रूप देने की अपील की है। उन्होंने कहा कि जल ही जीवन है — जीवन का आरंभ जल से हुआ है और इसका सतत प्रवाह ही जीवन की निरंतरता का आधार है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज जब दुनिया जल संकट की ओर बढ़ रही है, तब हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि वह जल की हर बूँद को संजोए।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को ‘विश्व जल दिवस’ मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य समाज में जल के महत्व और उसके संरक्षण की आवश्यकता के प्रति जनजागरूकता बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जल संरक्षण को अपनी प्राथमिकताओं में रखते हुए कई महत्वपूर्ण पहल की हैं। राज्य में जन-भागीदारी के माध्यम से जल संचय को बढ़ावा दिया जा रहा है, साथ ही जल प्रदूषण नियंत्रण और जल संसाधनों के पुनर्जीवन के लिए भी योजनाबद्ध और सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि धमतरी जिले में आयोजित ‘जल-जगार महोत्सव’ जल संरक्षण को लेकर एक अभिनव पहल थी, जिसमें स्थानीय समुदाय की सक्रिय भागीदारी से जल चेतना को नई ऊर्जा मिली है। उन्होंने कहा कि बढ़ती जनसंख्या, अनियंत्रित दोहन और प्रदूषण के कारण स्वच्छ जल की उपलब्धता भविष्य की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक बन चुकी है, जिसे केवल सामूहिक प्रयासों से ही टाला जा सकता है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि जल की प्रत्येक बूँद को सहेजेंगे, इसके महत्व को जन-जन तक पहुँचाएँगे और आने वाली पीढ़ियों को जल-समृद्ध भविष्य का उपहार देंगे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय विश्व वानिकी दिवस पर विधानसभा में आयोजित संगोष्ठी में हुए शामिल
फॉरेस्ट्स एण्ड फूड्स थीम पर आधारित है वर्ष 2025 का विश्व वानिकी दिवस
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज विधानसभा के समिति कक्ष में आयोजित विश्व वानिकी दिवस संगोष्ठी में शामिल होकर प्रदेशवासियों को वन संरक्षण और संवर्धन का संदेश दिया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का ‘ऑक्सिजोन’ बनकर पूरे भारत को ऑक्सीजन प्रदान कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश का 44 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है, जो न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत का अभिन्न हिस्सा भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2025 का विश्व वानिकी दिवस ‘फारेस्ट एंड फूड' थीम पर आधारित है, जो इस बात पर बल देता है कि वन केवल ऑक्सीजन ही नहीं, बल्कि पोषण, रोजगार और संस्कृति का भी स्रोत हैं। इसी अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘वाइल्ड एडिबल प्लांट्स इन छत्तीसगढ़ स्टेट’ पुस्तक का विमोचन किया तथा पुदीना-मिंट फ्लेवर के बस्तर काजू प्रोडक्ट को लॉन्च भी किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की 32 प्रतिशत आबादी जनजातीय भाई बहनों की है जो वनों के साथ गहराई से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार वनों में निवासरत जनजातीय भाई-बहनों को वनाधिकार पट्टे प्रदान कर रही है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें और खेती की दिशा में आगे बढ़ें। उन्होंने बताया कि बस्तर की इमली, जशपुर का महुआ, चिरौंजी, हर्रा-बहेड़ा जैसे सैकड़ों लघु वनोत्पाद छत्तीसगढ़ की विशिष्ट पहचान हैं, जिनका वैल्यू एडिशन कर आदिवासी परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने छत्तीसगढ़ की नैसर्गिक सुंदरता की सराहना करते हुए कहा कि यहां के जलप्रपात, वनवासी संस्कृति और समृद्ध जैव विविधता पूरे देश के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। बस्तर का धूड़मारास अब विश्व पर्यटन मानचित्र पर स्थान बना चुका है। पर्यटन का विस्तार हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में लगभग चार करोड़ वृक्ष लगाए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि नवा रायपुर में पीपल फॉर पीपल कार्यक्रम के अंतर्गत हर चौराहे पर पीपल का रोपण किया गया है, जो भविष्य में शुद्ध ऑक्सीजन का सशक्त स्रोत बनेंगे। पीपल का पेड़ वैज्ञानिक रूप से सबसे अधिक ऑक्सीजन देने वाला वृक्ष है, और यह पहल शहरी हरियाली की दिशा में एक प्रभावी कदम है।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के वन विश्व के सबसे सुंदर वनों में गिने जाते हैं। साल और सागौन के वृक्ष यहां की प्राकृतिक शोभा हैं। साल के वनों में एक अनूठा सम्मोहन है और यह गर्व की बात है कि छत्तीसगढ़ में वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक जंगल हैं, तब तक जीवन है।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री केदार कश्यप ने कहा कि छत्तीसगढ़ के जनजातीय समुदायों का पूरा जीवन वनों पर आधारित है। उनका जीवनस्तर ऊँचा उठाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि आज पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज जैसी चुनौतियों से जूझ रही है, और इसका सबसे कारगर उपाय वन क्षेत्र का विस्तार है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी भाई-बहनों के पास प्रकृति का अनुभवजन्य ज्ञान है – उसका समुचित उपयोग कर हम विकास और संरक्षण दोनों को संतुलित कर सकते हैं।
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव, विधायकगण श्री धरमलाल कौशिक, श्री धर्मजीत सिंह, श्री योगेश्वर राजू सिन्हा, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री व्ही. श्रीनिवास राव तथा वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रीय खेल पदक विजेता खिलाड़ियों को बताया छत्तीसगढ़ का गौरव: खिलाड़ियों को दी ओलंपिक विजेता बनने की शुभकामनाएं
बस्तर में अमन लौटा, और साथ लौटी खेलों की रौनक, जहां कभी डरते थे पांव भी रखने से, आज वहीं खेलते हैं हज़ारों खिलाड़ी: मुख्यमंत्री
130 खिलाड़ियों को 1 करोड़ 95 लाख 20 हजार रूपए की सम्मान राशि उनके बैंक खाते में अंतरित
रायपुर : आप सभी ने अपनी मेहनत, प्रतिभा और जुनून से छत्तीसगढ़ का नाम राष्ट्रीय पटल पर रोशन किया है। ये सिर्फ आपकी नहीं, पूरे प्रदेश की जीत है। आप प्रदेश के खेल जगत के हीरे हैं। सरकार आपको तराशेगी, निखारेगी और अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाएगी। आपके लिए हर संभव संसाधन और समर्थन उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मुख्यमंत्री निवास में आयोजित राष्ट्रीय खेल विजेता सम्मान समारोह में गोवा और उत्तराखंड नेशनल गेम्स में पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए यह बात कही। मुख्यमंत्री ने समारोह में गोवा में वर्ष 2023 में सम्पन्न 37वें नेशनल गेम में छत्तीसगढ़ के पदक विजेता 72 खिलाड़ियों को और वर्ष 2025 में उतराखंड में सम्पन्न 38 वें नेशनल गेम्स में छत्तीसगढ़ पदक विजेता 58 खिलाड़ियों को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने खिलाड़ियों को सम्मानित करते हुए कहा कि आप सभी छत्तीसगढ़ के गौरव है। आपने न सिर्फ पदक जीते हैं, बल्कि पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है। आप सभी ने छत्तीसगढ़ का सर गर्व से ऊंचा किया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने खिलाड़ियों से आह्वान किया कि वे अब एशियाड, कॉमनवेल्थ और ओलंपिक जैसे वैश्विक मंचों पर छत्तीसगढ़ और भारत का नाम रोशन करें।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने संबोधन में कहा कि आज गोवा और उत्तराखंड में हुए नेशनल गेम्स विजेता खिलाड़ियों का सम्मान कर हम सब बहुत गौरव का अनुभव कर रहे हैं। आप सभी ने अपने शानदार प्रदर्शन से छत्तीसगढ़ का नाम रौशन किया है इसके लिए आप सभी की जितनी भी प्रशंसा की जाए, कम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम लोगों ने गोवा में पदक जीतने वाले राज्य के 72 खिलाड़ियों को 1 करोड़ 7 लाख 60 हजार रुपए की राशि एवं उत्तराखंड में नेशनल गेम्स जीतने वाले 58 खिलाड़ियों को 87 लाख 60 हजार रुपए की राशि प्रदान कर सम्मानित किया है। इस प्रकार समारोह के माध्यम से छत्तीसगढ़ के 130 राष्ट्रीय पदक विजेता खिलाड़ियों को कुल 1 करोड़ 95 लाख 20 हजार रुपए की सम्मान राशि हमारे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के खाते में अंतरित की जा रही है।
ओलंपिक विजेता खिलाड़ियों के लिए विशेष पुरस्कारों की हमारी सरकार ने की है घोषणा
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश के जो भी खिलाड़ी ओलंपिक खेलों में पदक लाएंगे, उनके लिए विशेष पुरस्कारों की घोषणा हमारी सरकार ने की है। ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दो करोड़ रुपए तथा कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपए देने का निर्णय हमारी सरकार ने किया है।
बस्तर क्षेत्र में खेलों की वापसी, नई आशा और विश्वास का प्रतीक
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बरसों तक माओवादी आतंक झेलने के बाद जब बस्तर में अमन लौटा तो खेल भी लौटा, वहां हमने बस्तर ओलंपिक का आयोजन कराया। उन्होंने कहा कि जहां कभी पांव भी रखने से लोग डरते थे, आज वहीं हज़ारों खिलाड़ी खेल रहे हैं। लोगों में जबर्दस्त उत्साह दिखा, पूरे देश में कम ही हुआ होगा कि किसी खेल आयोजन में 1 लाख 65 हजार प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया और वह भी ऐसा आयोजन जो बस्तर संभाग में हुआ जहां की आबादी शेष जगहों की तुलना में काफी विरल है। इसमें ऐसे लोगों ने भी हिस्सा लिया, जो नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके थे। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने भी हिस्सा लिया। नक्सल हिंसा प्रभावित परिवारों ने भी हिस्सा लिया। इस आयोजन से प्रदेश के खेलप्रेमियों की उम्मीदें काफी बढ़ी हैं।
खिलाड़ियों को बेहतरीन खेल अधोसंरचना उपलब्ध कराने सरकार कर रही प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों में काफी दमखम है। हम छत्तीसगढ़ में खेलों के लिए शानदार अधोसंरचना तैयार कर रहे हैं। खेलो इंडिया के 7 नये सेंटर हमने आरंभ किये हैं। छत्तीसगढ़ में हर तरह की खेल प्रतिभाएं हैं। हमने इसे ध्यान में रखते हुए अलग-अलग तरह के खेलों के लिए कोचिंग की विशेष व्यवस्था की है। इसी साल हमने तीन नई अकादमी की शुरूआत की है। रायपुर में टेनिस, राजनांदगांव में हाकी और नारायणपुर में मल्लखंभ अकादमी हमने आरंभ की है।
परंपरागत खेलों को मिलेगा नया जीवन: 20 करोड़ रूपए की छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अपने परंपरागत खेलों के लिए भी प्रसिद्ध है। इन खेलों का समुचित विकास होता रहे, इसके लिए हमने 20 करोड़ रुपए का प्रावधान छत्तीसगढ़ क्रीडा प्रोत्साहन योजना के तहत किया है। हमारी सरकार खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
खेलों में जीत के लिए कुशल रणनीति, तकनीक में महारत के साथ ही फिटनेस बहुत जरूरी
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि कुछ दिनों पहले हमने मल्लखंभ के खिलाड़ियों का ढोलकल की पहाड़ियों पर अद्भुत करतब देखा, यह मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य था। मल्लखंभ या किसी भी तरह के खेल के लिए लचीलापन बहुत जरूरी होता है और यह सब फिटनेस से आता है। खेलों में जीतने के लिए कुशल रणनीति, तकनीक में महारत के साथ ही एक अच्छे लेवल का फिटनेस भी बहुत जरूरी है। मोदी जी ने फिट इंडिया मूवमेंट चलाया है। फिटनेस के माध्यम से खेलों में तो सफलता हासिल की ही जा सकती है। फिट रहने से आप एक हेल्दी लाइफ स्टाईल भी जीते हैं जिससे कोई भी कार्य आप करें, उसमें आपको सफलता मिलती है।
इस अवसर पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री टंकराम वर्मा ने अपने संबोधन में खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य के युवाओं में अपार खेल प्रतिभा है। जिसे पहचान कर तराशना हमारी प्राथमिकता है। इस अवसर पर खेल विभाग के सचिव श्री हिमशिखर गुप्ता, संचालक श्रीमती तनुजा सलाम, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव श्री विक्रम सिसोदिया उपस्थित थे। -
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रायपुर : छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के समूल उन्मूलन की दिशा में निर्णायक अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। आज सुरक्षाबलों ने बीजापुर-गंगालूर और कांकेर-नारायणपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए 30 नक्सलियों को मार गिराया। इनमें 26 नक्सली बीजापुर-गंगालूर में और 4 नक्सली कांकेर-नारायणपुर में ढेर हुए।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस सफलता को नक्सलवाद के खात्मे की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बताते हुए कहा कि सुरक्षाबलों की वीरता और अदम्य साहस को नमन है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई मजबूती से जारी है। यह संघर्ष तब तक नहीं रुकेगा, जब तक प्रदेश पूरी तरह से नक्सलमुक्त नहीं हो जाता।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस ऑपरेशन के दौरान डीआरजी के एक जवान की शहादत को नमन करते हुए कहा कि हमारे वीर जवानों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा। उन्होंने छत्तीसगढ़ को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। उनका यह त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा।
2026 तक नक्सलवाद का संपूर्ण उन्मूलन – संकल्प की ओर तेज़ी से अग्रसर
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के संपूर्ण खात्मे के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि सुरक्षाबलों की यह सफलता इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि मुझे पूर्ण विश्वास है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह का संकल्प पूरा होगा। प्रदेश का हर नागरिक भयमुक्त जीवन जिएगा। नक्सलवाद की अंतिम घड़ी आ चुकी है।
छत्तीसगढ़ में निर्णायक कार्रवाई का दौर जारी
प्रदेश में सुरक्षाबलों की लगातार सफल कार्रवाइयों से यह स्पष्ट हो चुका है कि नक्सलवाद का अंत अब निकट है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम केवल नक्सली गतिविधियों को रोकने तक सीमित नहीं हैं, बल्कि स्थायी शांति और विकास को सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। छत्तीसगढ़ के हर नागरिक को सुरक्षित, भयमुक्त और समृद्ध जीवन देना हमारा लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार और सुरक्षाबल मिलकर निर्णायक युद्ध लड़ रहे हैं। यह केवल एक सुरक्षा अभियान नहीं, बल्कि एक नई, शांतिपूर्ण और विकसित छत्तीसगढ़ की आधारशिला रखने की मुहिम है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह निर्णायक युद्ध तब तक जारी रहेगा, जब तक छत्तीसगढ़ पूरी तरह से नक्सलमुक्त नहीं हो जाता। सुरक्षाबलों की यह वीरता प्रदेश को नक्सलवाद के अंधकार से निकालकर स्थायी शांति और विकास के पथ पर ले जाने में मील का पत्थर साबित होगी। -
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बड़े भजन रामनामी मेला के लिए दिया विशेष निमंत्रण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से छत्तीसगढ़ विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में अखिल भारतीय रामनामी महासभा के प्रतिनिधि मंडल ने सौजन्य भेंट की। प्रतिनिधिमंडल ने सक्ती जिले के ग्राम जमगहन में 9 अप्रैल को आयोजित होने वाले बड़े भजन रामनामी मेला में मुख्यमंत्री श्री साय को आमंत्रित किया।मुख्यमंत्री ने इस निमंत्रण के लिए महासभा के पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया और उन्हें शुभकामनाएँ दीं। इस अवसर पर चंद्रपुर विधायक श्री राम कुमार यादव सहित सारंगढ़-बिलाईगढ़, जांजगीर-चांपा, बलौदाबाजार-भाटापारा एवं रायगढ़ जिले के रामनामी संप्रदाय से जुड़े सदस्यगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को आईआईएम रायपुर के पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम में शामिल होने का आमंत्रण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) रायपुर के निदेशक श्री रामकुमार काकानी ने आज सौजन्य मुलाकात की और उन्हें 22 एवं 23 मार्च 2025 को आयोजित दो दिवसीय पब्लिक लीडरशिप प्रोग्राम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस निमंत्रण के लिए आभार व्यक्त किया और इस पहल की सराहना की। इस अवसर पर प्रोफेसर श्री संजीव पाराशर भी उपस्थित थे।
नेतृत्व और नीति निर्माण पर केंद्रित होगा कार्यक्रम
श्री काकानी ने बताया कि यह विशेष कार्यक्रम छत्तीसगढ़ के विधायकों के लिए डिजाइन किया गया है, जिसका उद्देश्य समकालीन प्रबंधन और नीति निर्माण से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर विचार-विमर्श को बढ़ावा देना है। इस मंच पर प्रख्यात नीति निर्माता, शिक्षाविद, और विचारक एकत्र होंगे, ताकि विभिन्न विषयों पर सहयोगात्मक सोच और समस्याओं के व्यावहारिक समाधान की प्रक्रिया के सम्बन्ध में सारगर्भित विचार विमर्श किया जा सके।
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व कौशल को नया आयाम देने की पहल
भारतीय प्रबंध संस्थान रायपुर के निदेशक श्री काकानी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति और उनके अनुभवजन्य विचार न केवल कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाएंगे, बल्कि प्रतिभागियों के लिए प्रेरणादायक भी होंगे।
श्री काकानी ने यह भी उल्लेख किया कि यह कार्यक्रम विधायकों को प्रभावी नेतृत्व कौशल विकसित करने और नीति निर्माण में नवीन दृष्टिकोण अपनाने के लिए सहयोग करेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ में सुशासन और जनहितैषी नीतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में सहायक सिद्ध होगी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में सुविख्यात कथावाचक देवी चित्रलेखा ने सौजन्य भेंट की। मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें शॉल एवं श्रीफल भेंटकर आत्मीय सम्मान प्रदान किया। प्रेरक कथाओं और भक्ति प्रवचनों के लिए विख्यात देवी चित्रलेखा ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य में हो रहे विकास कार्यों की सराहना की और जनकल्याण के लिए अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित कीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने देवी चित्रलेखा के आध्यात्मिक एवं सामाजिक योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके विचार और प्रवचन समाज को जागरूक करने के साथ नैतिक मूल्यों को भी सशक्त करते हैं। उन्होंने देवी चित्रलेखा जी की भूमिका को समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली बताते हुए कहा कि उनके प्रयास जनमानस के लिए प्रेरणादायी हैं। इस अवसर पर दोनों के बीच आध्यात्मिक चेतना के प्रसार, सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा और समाज में समरसता को प्रोत्साहित करने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सार्थक चर्चा हुई। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने अपने दो दिवसीय नई दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवार, सांसद श्री तेजस्वी सूर्या सहित विभिन्न वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ के विकास, औद्योगिक नीति, नक्सल उन्मूलन और बस्तर के विकास पर विस्तृत चर्चा की।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से आत्मीय भेंट, छत्तीसगढ़ विकास पर विस्तृत चर्चा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने संसद भवन में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी से आत्मीय मुलाकात की। बैठक में छत्तीसगढ़ के औद्योगिक विकास, बस्तर के विकास का मास्टर प्लान और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आधारभूत संरचना, उद्योग और पर्यटन केंद्रों के विस्तार पर चर्चा हुई। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ राज्य को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए संकल्पबद्ध है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को 30 मार्च को प्रस्तावित छत्तीसगढ़ दौरे की रूपरेखा भी प्रस्तुत की। इस यात्रा के दौरान राज्य में विभिन्न महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने बस्तर विकास योजना की सराहना करते हुए राज्य सरकार को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से निर्णायक चर्चा – नक्सलवाद के खात्मे की रणनीति और बस्तर के तेज विकास पर फोकस
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह से उनके निवास पर मुलाकात कर नक्सलवाद के पूर्ण खात्मे, बस्तर के समग्र विकास और राज्य में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने को लेकर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह को अवगत कराया कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अपने अंतिम चरण में है और राज्य सरकार निर्णायक कदम उठा रही है। केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से नक्सली संगठनों की पकड़ कमजोर हो चुकी है और छत्तीसगढ़ अब एक नए युग की ओर अग्रसर है। केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर के साथ ऊर्जा एवं शहरी विकास पर चर्चा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने केंद्रीय ऊर्जा, आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ में ऊर्जा क्षेत्र के विस्तार और शहरी विकास से संबंधित विषयों पर चर्चा की। बैठक में केंद्रीय राज्य मंत्री एवं बिलासपुर सांसद श्री तोखन साहू भी उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के सांसदों से संवाद – राज्य विकास पर केंद्रित चर्चा
संसद भवन में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के सांसदों से भेंट कर राज्य की विकास योजनाओं, केंद्र-राज्य समन्वय और प्रमुख परियोजनाओं की प्रगति पर विमर्श किया।
सांसद श्री तेजस्वी सूर्या से सौजन्य मुलाकात
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन में सांसद श्री तेजस्वी सूर्या से सौजन्य भेंट की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने उन्हें उनके वैवाहिक जीवन में प्रवेश पर हार्दिक शुभकामनाएँ दीं।
बस्तर विकास का मास्टर प्लान – केंद्र सरकार के साथ समन्वय और सहयोग का विस्तार
मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास का मास्टर प्लान केंद्र सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया, जिसमें सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, उद्योग और पर्यटन के नए अवसरों पर विशेष जोर दिया गया। इस मास्टर प्लान का उद्देश्य नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को विकास की मुख्यधारा में लाना और स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराना है। केंद्र सरकार ने इस मास्टर प्लान को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया।
छत्तीसगढ़ के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ विभिन्न विषयों पर हुआ विचार विमर्श
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का दिल्ली दौरा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ तालमेल बढ़ाने और महत्वपूर्ण विषयों पर निर्णय लेने के लिए बेहद सफल रहा।मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य की विकास योजनाओं के लिए केंद्र सरकार से मजबूत सहयोग और समर्थन प्राप्त किया। उनकी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री श्री अमित शाह सहित विभिन्न केंद्रीय मंत्रियों और सांसदों से महत्वपूर्ण मुलाकातों से छत्तीसगढ़ के विकास को नई गति और दिशा मिलने की उम्मीद है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा – 'आपका संकल्प हमारा संकल्प, हम मिलकर छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त बनाएंगे'रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुदूर अंचल बीजापुर जिले के युवाओं ने आज लोकतंत्र के मंदिर—विधानसभा परिसर में इतिहास रच दिया। राज्य की ‘स्वामी विवेकानंद युवा प्रोत्साहन योजना’ के तहत शैक्षणिक भ्रमण पर पहुंचे बीजापुर के इन युवा प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने एकजुट होकर अपनी मंशा व्यक्त की – "हम अपने गांव, जिले और प्रदेश को नक्सलवाद से मुक्त देखना चाहते हैं और विकास की मुख्यधारा में शामिल होकर अपने भविष्य को उज्जवल बनाना चाहते हैं।"
इस ऐतिहासिक अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने युवाओं की इस मजबूत इच्छाशक्ति की सराहना करते हुए कहा, "आपका संकल्प ही हमारा संकल्प है। यदि क्षेत्र के युवा ठान लें, तो हम सभी के सहयोग से जल्द ही नक्सलवाद के अंधकार को समाप्त कर छत्तीसगढ़ को समृद्धि और विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे।"
‘नियद नेल्ला नार योजना’ से विकास की नई रोशनी
मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार ‘नियद नेल्ला नार योजना’ के माध्यम से उनके गांवों तक मूलभूत सुविधाएं पहुंचाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि निरंतर खुल रहे सुरक्षा कैंपों और सुदूर अंचलों में प्रशासन की बढ़ती पहुंच से नक्सली दायरा सिमटता जा रहा है, जिससे अब विकास को नई गति मिल रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने हाल ही में अपने दिल्ली प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह से हुई महत्वपूर्ण चर्चा का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार भी बीजापुर और बस्तर संभाग के अन्य क्षेत्रों के विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह राज्य के दूरस्थ इलाकों की स्थिति पर लगातार नजर रखते हैं और वहां हो रहे विकास कार्यों की नियमित समीक्षा कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं को आश्वस्त किया कि उनके गांवों में मोबाइल टावर लगाने, पक्की सड़कें बनाने, हर घर तक बिजली पहुंचाने और परिवहन सुविधाओं का विस्तार करने की योजनाएं सरकार की प्राथमिकता में हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है ताकि सुदूर अंचल के ग्रामीणों को भी शहरी सुविधाओं का लाभ मिल सके।
बीजापुर के युवाओं के लिए ऐतिहासिक दिन – विधानसभा और राजधानी का अनुभव मिला
बीजापुर जिले के विभिन्न गांवों से आए सैकड़ों युवाओं के लिए यह दिन एक ऐतिहासिक अनुभव से कम नहीं था। राजधानी रायपुर में आयोजित इस शैक्षणिक भ्रमण के दौरान उन्होंने रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ विधानसभा और वनवासी कल्याण आश्रम का दौरा किया।
राजधानी में आगमन के दौरान युवाओं ने विधानसभा परिसर का दौरा किया और दर्शक दीर्घा में बैठकर सदन की कार्यवाही देखी। वे पहली बार लोकतंत्र के इस मंच से जनप्रतिनिधियों की बहस और नीतिगत चर्चाओं को देखकर रोमांचित हो उठे।
इस दौरान उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा, वन मंत्री श्री केदार कश्यप, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक श्री धर्म कौशिक, अनुज शर्मा और सुश्री लता उसेंडी ने भी युवाओं से भेंट कर चर्चा की।
'सरकार आपके साथ है' – उपमुख्यमंत्री का आश्वासन
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने युवाओं से उनके गांव की स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी ली और उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य सरकार आपके गांवों में पक्की सड़क, बिजली, शुद्ध पेयजल, राशन, चिकित्सा और आवास जैसी सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
सशक्त युवा – सशक्त छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर युवाओं को यह संदेश दिया कि शिक्षा ही विकास का मूलमंत्र है। जब युवा सही दिशा में आगे बढ़ेंगे, तो कोई भी ताकत क्षेत्र के विकास को बाधित नहीं कर सकती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की युवा पीढ़ी अब बदलाव के लिए तैयार है। बीजापुर के युवाओं की यह मजबूत आवाज पूरे प्रदेश के लिए एक नई रोशनी लेकर आई है।
नक्सल मुक्त छत्तीसगढ़ – विकसित छत्तीसगढ़ के संकल्प को जल्द पूरा करने की प्रतिबद्धता के साथ मुख्यमंत्री श्री साय ने बीजापुर के युवाओं से कहा कि हम आपके साथ हैं, आपके गांव के विकास और आप सभी के स्वर्णिम भविष्य को साकार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने युवाशक्ति से आह्वान किया कि इस बदलाव का हिस्सा बनें, अपने सपनों को साकार करें, और छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाइयों तक ले जाएं। उन्होंने युवाओं से सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठाने की अपील की और कहा कि हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को नक्सल मुक्त, विकसित और समृद्ध राज्य बनाएंगे।