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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को महाशिवरात्रि की बधाई दी है। महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाशिवरात्रि का त्यौहार पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ में भी श्रद्धा और भक्तिभाव से मनाया जाता है। श्री बघेल ने इस अवसर पर भगवान शिव से प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाग्रामीण महिलाएं अब गोबर से बनाएंगी बिजली : श्री भूपेश बघेलमुख्यमंत्री की मौजूदगी में राज्य में कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए हुए दो महत्वपूर्ण एमओयू
राज्य में गोबर से बिजली बनाने और खाद्य पदार्थाें के संरक्षण के लिए होगा आधुनिक तकनीक का उपयोग
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य जिसने भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के साथ तकनीकी हस्तांतरण के लिए किया अनुबंध
गोबर से बिजली बनाने निसरग्रुना टेक्नोलॉजी का होगा उपयोग
छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण और भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के मध्य हुआ एमओयू
राज्य में खाद्य विकिरण केन्द्र स्थापना के लिए राज्य बीज निगम और बोर्ड ऑफ रेडियेशन एण्ड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी के बीच अनुबंध
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अब तक विद्युत उत्पादन का कार्य सरकारें और बड़े औद्योगिक घराने करते रहे हैं। यह मिथक छत्तीसगढ़ राज्य में टूटने जा रहा है। राज्य सरकार की मदद से अब गांव की महिलाएं विद्युत उत्पादक बनने जा रही है। राज्य के गौठानों में क्रय किए जा रहे गोबर से स्व-सहायता समूहों की ग्रामीण महिलाएं बिजली बनाएंगी। इसके लिए भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र ट्राम्बे मुम्बई से गोबर से विद्युत उत्पादन की आधुनिक तकनीक निसरगु्रना के हस्तांतरण के लिए छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के साथ एमओयू हुआ है। गौठानों में गोबर एवं कृषि अपशिष्ट से बिजली एवं जैव ईंधन के उत्पादन के लिए संयंत्र लगाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में गोबर से बिजली उत्पादन एवं खाद्य विकिरण परियोजना के एमओयू कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ ने कृषि के क्षेत्र में तेजी से प्रगति करते हुए पूरे देश को रास्ता दिखाया है। कृषि और किसानों की बेहतरी के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं और नए-नए नवाचार हुए है। कृषि क्षेत्र के विकास के लिए छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं की सफलता की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है। किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए फसल उत्पादन एवं गुणवत्ता बढ़ाने तथा मूल्य संवर्धन करने और उनके सुरक्षित भंडारण पर जोर दिया है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य में खाद्य विकिरण केन्द्र की स्थापना के लिए बोर्ड ऑफ रेडियेशन एवं आइसोटोप टेक्नोलॉजी (बीआरआईटी) परमाणु ऊर्जा विभाग भारत सरकार एवं छत्तीसढ़ राज्य बीज कृषि विकास निगम के मध्य हुए समझौते पर प्रसन्नता जताते हुए कहा कि इस आधुनिक तकनीक के जरिए खाद्य पदार्थाें विशेषकर फल, सब्जी और दालों को जल्दी से खराब होने से बचाने में और किसानों को बेहतर मूल्य दिलाने में मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ के कृषि उत्पादन एवं लघु वनोपजों को देश-दुनिया से मार्केट में जगह और अच्छा मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर वैज्ञानिको को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि वे जनजीवन से जुड़ी समस्याओं के निदान के लिए लगातार प्रयासरत है। ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरण की देश-दुनिया के सामने चुनौती का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि वैदिक काल से हमारी परंपरा प्रकृति से लेने और फिर उसे वापस लौटाने की रही है। छत्तीसगढ़ राज्य में बीते तीन सालों में इस परंपरा को मजबूती के साथ हम आगे बढ़ा रहे है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से हमने पैरादान की परंपरा की शुरूआत की है। इससे खेतों में पराली जलाने और कार्बन उत्सर्जन पर रोक लगी है।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में वनों के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों का भी उल्लेख किया और कहा कि राज्य का 44 प्रतिशत भू-भाग वनाच्छादित है। हमने जंगलों को बचाकर रखा है, राज्य का बड़ा भू-भाग वनाच्छादित होने के कारण वहां अपेक्षाकृत विकास के कार्य नहीं हो पाते हैं। विकास के लिए बड़े प्रोजेक्ट जैसे सिंचाई के लिए बांध, उद्योग, कारखाने आदि की स्थापना में दिक्कत आती है, परंतु राज्य को इसकी कहीं से कोई भी प्रतिपूर्ति नहीं मिलती है, जबकि छत्तीसगढ़ देश को 16 प्रतिशत ऑक्सीजन की सप्लाई करता है। प्रकृति को कैसे बचाएं और उससे कैसे लाभ लें, इस दिशा में छत्तीसगढ़ सरकार काम कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में फूड रेडियेशन टेक्नोलॉजी के उपयोग से किसानों और वनवासियों के आय में और वृद्धि होगी।
कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया और कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर राज्य के गौठानों में रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क की स्थापना तेजी से की जा रही है। यहां बेहतर उत्पादन एवं लाभ के लिए तकनीक की जरूरत है। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र से हुए एमओयू के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ रहा है।
परमाणु वैज्ञानिकों ने गोधन न्याय योजना को सराहा
इस अवसर पर बीआरसी के डायरेक्टर डॉ. ए.पी. तिवारी, ब्रिट के सीईओ डॉ. प्रदीप मुखर्जी ने गोबर से विद्युत उत्पादन और खाद्य रेडियेशन तकनीक के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र के वैज्ञानिकों ने छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना की सराहना की और कहा कि गौठान और गोधन न्याय योजना के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार ने कई उद्दश्यों की पूर्ति की है और कई ज्वलंत समस्याओं का निदान का रास्ता भी दिखाया है। परमाणु वैज्ञानिक डॉ. ए.पी. तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में गोबर और कचरा अब धन बन गया है। इससे मिथेन गैस और विद्युत ऊर्जा का उत्पादन होगा। बीएआरसी बॉयो साईंस डायरेक्टर डॉ. तपन कुमार घंटी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार दो रूपए में गोबर खरीदकर उसका अच्छा उपयोग कर रही है।
कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने विकिरण टेक्नोलॉजी का खाद्य उत्पादों की सेल्फ-लाइफ बढ़ाने, उनकी गुणवत्ता की सुरक्षा और सुधार के लिए उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग आलू, प्याज, सब्जी, दलहन, अदरक और मसालें सहित उद्यानिकी फसलों की सेल्फ-लाईफ बढ़ाने के लिए किया जाता है। इससे छत्तीसगढ़ के उत्पादों का अमेरिका, यूरोप के देशों में निर्यात करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि बोर्ड ऑफ रेडिएशन एण्ड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी द्वारा छत्तीसगढ़ के विशेष उत्पादों जैसे इमली और महुआ की सेल्फ-लाइफ बढ़ाने के लिए इस तकनीक के उपयोग पर अनुसंधान किया जाएगा। बी.आर.आई.टी. द्वारा छत्तीसगढ़ को टेक्नोलॉजी देने के साथ यहां के लोगों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विकिरण टेक्नोलॉजी से संसाधित उत्पादों का सर्टिफिकेशन भी किया जाएगा। ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद ने कहा कि एमओयू से बायो एनर्जी के उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और यह तकनीक राज्य के इच्छुक निजी उद्यमियों को भी दी जा सकेगी।
कार्यक्रम का संचालन सचिव कृषि डॉ. एस. भारतीदासन ने किया। गोबर से विद्युत उत्पादन की तकनीक हस्तांतरण के लिए बीएआरसी के डायरेक्टर डॉ. ए.पी. तिवारी और छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के सीईओ श्री सुमित सरकार ने तथा फूड रेडियेशन परियोजना के लिए बीआरआईटी के सीईओ डॉ. प्रदीप मुखर्जी और छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री भुवनेश यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, कृषि सचिव डॉ. एस. भारतीदासन, सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनन्द, बीएआरसी बॉयो साईंस डायरेक्टर डॉ. तपन कुमार घंटी, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एण्ड कोलेबोरेशन डिविजन के प्रमुख डॉ. अमर बनर्जी, वैज्ञानिक डॉ. एस.टी. मेहत्रे, फूड टेक्नोलॉजी के प्रमुख डॉ. एस.गौतम सहित अन्य वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर तथा विकिरण बोर्ड और आइसोटोप प्रौद्योगिकी के प्रतिनिधि अधिकारी कार्यक्रम में मौजूद रहे
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबिलासपुर में 357 करोड़ रूपए के विकास कार्याे का हुआ लोकार्पण एवं भूमिपूजन
अरपा नदी को स्वच्छ बनाने हरसंभव प्रयास होंगे बिलासपुर से रात में भी हवाई उड़ान के लिए प्रयास जारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि अरपा बिलासपुर की जीवनदायिनी नदी है। राजगीत का पहला शब्द भी अरपा से शुरू होता है। इसको बचाने के लिए सभी लोगों और संस्थाओं के साथ राज्य सरकार भी चिंतित है। नदी के जल को शुद्व रखने और इसके सौंदर्यीकरण के लिए राज्य सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किया जायेगा। धन की कमी आड़े नहीं आयेगी। श्री बघेल आज यहां बिलासपुर के शास्त्री स्कूल मैदान में आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उक्त बाते कहीं। इससे पूर्व उन्होंने बिलासपुर जिले में 353 करोड़ से ज्यादा की लागत वाले 97 विकास एव ंनिर्माण कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि काफी प्रयासों के बाद बिलासपुर में हवाई सेवा शुरू हुई है। यहां से अभी केवल दिन में दो-तीन स्थानों के लिए फ्लाईट सुविधा उपलब्ध है। इसके विस्तार की जरूरत है। लेकिन बगल में सेना की जमीन होने के कारण अनुमति नहीं मिल पाई है। अनुमति मिलने के बाद जरूरी सुविधाएं विकसित करके रात में भी उड़ान शुरु करने के प्रयास किये जाएंगे। उन्होंने बिलासपुर सांसद को इस में मदद करने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ का दूसरा बड़ा शहर है। न्यायधानी एवं संस्कारधानी का दर्जा इसे प्राप्त है। सबके सहयोग एवं साथ लेकर शहर को सुन्दर बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए पुराने स्कूल बंद नहीं किये जाएंगे। पुराने स्कूल भी चलते रहेंगे, जरूरत पड़ी तो कक्षाएं दो पारी में संचालित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा आगामी 5 सालों में 5 लाख लोगों को नौकरी दी जायेगी। इसके लिए कार्य-योजना तैयार कर ली गई है। उन्हांेने कहा कि चालू सीजन में किसानों से 98 लाख मीटरिक टन धान की खरीदी की गई है। इससे किसानों को 20 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। संपूर्ण भारत में छत्तीसगढ़ पहला प्रदेश है जो कि ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूरों को 6 हजार रूपये प्रतिवर्ष मदद दे रही है। भूमिहीन परिवारों को योजना के तहत प्रथम किस्त की राशि दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि हमारे गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा हो रही है। केन्द्र सरकार भी इसी तर्ज पर योजना चलाने पर विचार कर रही है। गौठानों में स्व-सहायता समूह की महिलाएं दीया, पेण्ट, गमला, गौकाष्ठ आदि घरेलू सामान बनाकर आमदनी अर्जित कर रही हैं। महिलाएं इन गौठानों में बिजली पैदा करने का उद्यम कर रही है।कार्यक्रम को नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, सांसद श्री अरूण साव, विधायक श्री शैलेश पाण्डेय और महापौर रामशरण यादव ने भी सम्बोधित किया। कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने प्रतिवेदन के माध्यम से मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पिछले तीन साल में हुए जिले की महत्वपूर्ण उपलब्धियों एवं भावी कार्य-योजना पर प्रकाश डाला। तीन बरस की विकास उपलब्धियों पर आधारित एक लघु फिल्म भी इस अवसर पर प्रदर्शित की गई। संसदीय सचिव रश्मि आशीष सिंह ने आभार प्रकट किये।
कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी, रजनीश सिंह, छग पर्यटन मण्डल अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, महापौर रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान, निगम सभापति श्री शेख नजीरूद्दीन बिलासपुर के कमिश्नर डॉ संजय अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, एसपी पारूल माथुर सहित निगम के पार्षद, पंचायत प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में लोग इस अवसर पर उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
107.49 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर सहित व्यापार विहार स्मार्ट रोड और प्लेनेटोरियम का लोकार्पण
मुख्यमंत्री ने 353.56 करोड़ रूपए की लागत के 97 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर को 107.49 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर सहित व्यापार विहार स्मार्ट रोड और प्लेनेटोरियम की सौगात दी। श्री बघेल ने बिलासपुर के लाल बहादुर शास्त्री मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर शहर और बिलासपुर जिले के लिए लगभग 353 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत के 97 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में से 277 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत के 62 कार्यों का लोकार्पण और 76 करोड़ 25 लाख रूपए की लागत के 35 कार्यों का भूमिपूजन किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का लोकार्पण किया, उनमें 107 करोड़ 49 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर-रायपुर रोड स्थित महाराणा प्रताप चौक पर नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर, 36 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर विश्वविद्यालय में निर्मित अकादमी भवन, पहंुच मार्ग तथा बाउंड्रीवॉल, 28 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से तिफरा में पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्मित 264 आवास, 26 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा व्यापार विहार स्मार्ट रोड महाराणा प्रताप चौक से तारबहार चौक तक निर्मित स्मार्ट रोड और 6 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से व्यापार विहार में निर्मित प्लेनेटोरियम शामिल हैं।
इसी प्रकार मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का भूमिपूजन किया, उनमें 10 करोड़ 89 लाख रूपए की लागत से पुराना बस स्टैंण्ड, बिलासपुर में बनने वाली स्वचालित मल्टी लेबल कार पार्किंग, 9 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी में स्थापित की जाने वाली जीआईएस समाधान प्रणाली के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य, 5 करोड़ 61 लाख रूपए की लागत से मंगला भैंसाझार से दीनदयाल कॉलोनी, लोखण्डी रेलवे गेट तक बनने वाली 3.5 किलोमीटर 02 लेन सड़क, 4 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कोटा विकासखण्ड में 31.45 किलोमीटर लम्बाई की 9 सड़कों के नवीनीकरण कार्य तथा 3 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर में विभिन्न सड़कों के लिए सौर प्रावधान के साथ मौजूदा स्ट्रीट और सहायक रोशनी की दोहरी फीड में परिवर्तित करने के लिए हाइब्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली का निर्माण कार्य शामिल हैं। इस अवसर पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, सांसद श्रीमती छाया वर्मा, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, विधायक श्री शैलेष पाण्डेय और छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज बन जाने से शहर को मिलेगी जाम से मुक्तितिफरा का नये फ्लाई ओवर ब्रिज के बन जाने से महाराणा प्रताप चौक और तिफरा छोर में जाम से मुक्ति मिल जाएगी। साथ ही रायपुर मार्ग को बिलासपुर शहर से जोड़ने वाले इस ब्रिज से शहरवासियों के साथ ही साथ उन तमाम राहगीरों को भी राहत मिलेगी, जो एनएच 130 का उपयोग आवागमन के लिए करते हैं। बिलासपुर-रायपुर मार्ग में काफी लंबे समय से तिफरा रेलवे क्रासिंग में व्यवस्थित और चौड़े फ्लाईओवर ब्रिज की ज़रूरत महसूस की जा रही थी। तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक 1620 मीटर की लंबाई में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण 107 करोड़ 49 लाख रूपये की लागत से नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया गया है। इस रेलवे क्रासिंग पर पहले भी एक ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया था, लेकिन ब्रिज के सामने ही चौक होने और ब्रिज की चौड़ाई कम होने के कारण चौक के चारों ओर तथा ब्रिज में आए दिन जाम का सामना करना पड़ता था।
स्मार्ट रोड के बनने से व्यापार विहार में सुगम होगा यातायातबिलासापुर शहर में महाराणा प्रताप चौक से तारबाहर चौक तक बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 26 करोड़ 83 लाख रूपये की लागत से व्यवस्थित और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्मार्ट रोड का निर्माण किया गया है। संभाग के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र होने की वजह से इस मार्ग में भारी वाहनों का आवागमन हमेशा लगे रहता है लेकिन पूर्व में इस मार्ग के अव्यवस्थित होने की वजह से हमेशा ट्रैफिक और जाम की समस्या बनी रहती थी। फोरलेन स्मार्ट रोड के बन जाने से व्यापार विहार में व्यापारिक परिवहन सहज और सुगम होगा।
मनोरंजन और ज्ञान के केन्द्र प्लेनेटोरियम की मिली सौगातबिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा साढ़े तीन एकड़ में 6 करोड़ 77 लाख रूपये की लागत से डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसका लोकार्पण किया। इस प्लेनेटोरियम में शहरवासियों को दिन में ही आकाशीय नज़ारे के अवलोकन के साथ ही साथ विज्ञान तथा खगोलशास्त्र के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। दो सौ लोगों की बैठक क्षमता वाले इस प्लेनेटोरियम में आगंतुकों के लिए फोर के सिंगल टेक्नोलॉजी का प्रोजेक्टर लगाया गया है, इसके अलावा प्लेनेटोरियम परिसर में ऑक्सीजोन का भी निर्माण किया गया है। प्लेनेटोरियम पहुंचने वाले आगंतुकांे की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पहुंच मार्ग का भी निर्माण किया गया है।
बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया...मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बिलासपुर में तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज का लोकार्पण किया। 107 करोड़ रुपये की लागत से इस 1620 मीटर लंबे फ्लाई ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। लोकार्पण के बाद तिफरा फ्लाई ओवर ब्रिज पर मुख्यमंत्री कुछ दूर तक चलकर गए। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक ब्रिज का निर्माण किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को राज्य के कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा कर कृषि में गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिट्टी की उर्वरा शक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जनसामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य के गौठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आये हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है। इसी तरह कृषि में जहरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में श्गोमूत्रश् के उपयोग की अपार संभावनायें हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि आवश्यकता इस बात की है कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिए। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री 25 फरवरी को बिलासपुर को देंगे 353.56 करोड़ रूपए की लागत के विभिन्न विकास कार्यों की सौगात
107.49 करोड़ रूपए की लागत से नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर का करेंगे लोकार्पण
पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्मित 264 आवासों, व्यापार विहार स्मार्ट रोड महाराणा प्रताप चौक-तारबहार चौक स्मार्ट सड़क का भी होगा लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 25 फरवरी को बिलासपुर प्रवास के दौरान शहरवासियों को लगभग 353 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत के 97 विकास कार्यों की सौगात देंगे। मुख्यमंत्री इन कार्यों में से 277 करोड़ 31 लाख रूपए की लागत के 62 कार्यों का लोकार्पण और 76 करोड़ 25 लाख रूपए की लागत के 35 कार्यों का भूमिपूजन करेंगे। मुख्यमंत्री श्री बघेल बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का लोकार्पण करंेगे, उनमें 107 करोड़ 49 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर-रायपुर रोड स्थित महाराणा प्रताप चौक पर नवनिर्मित तिफरा फ्लाईओव्हर, 36 करोड़ 56 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर विश्वविद्यालय में निर्मित अकादमी भवन, पहंुच मार्ग तथा बाउंड्रीवॉल, 28 करोड़ 48 लाख रूपए की लागत से तिफरा में पुलिस कर्मचारियों के लिए निर्मित 264 आवास, 26 करोड़ 83 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा व्यापार विहार स्मार्ट रोड महाराणा प्रताप चौक से तारबहार चौक तक निर्मित स्मार्ट रोड और 6 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से व्यापार विहार में निर्मित प्लेनेटोरियम शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल बिलासपुर में जिन प्रमुख कार्यों का भूमिपूजन करेंगे, उनमें 10 करोड़ 89 लाख रूपए की लागत से पुराना बस स्टैंण्ड, बिलासपुर में बनने वाली स्वचालित मल्टी लेबल कार पार्किंग, 9 करोड़ 99 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर स्मार्ट सिटी में स्थापित की जाने वाली जीआईएस समाधान प्रणाली के क्रियान्वयन से संबंधित कार्य, 5 करोड़ 61 लाख रूपए की लागत से मंगला भैंसाझार से दीनदयाल कॉलोनी, लोखण्डी रेलवे गेट तक बनने वाली 3.5 किलोमीटर 02 लेन सड़क, 4 करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत कोटा विकासखण्ड में 31.45 किलोमीटर लम्बाई की 9 सड़कों के नवीनीकरण कार्य तथा 3 करोड़ 77 लाख रूपए की लागत से बिलासपुर में विभिन्न सड़कों के लिए सौर प्रावधान के साथ मौजूदा स्ट्रीट और सहायक रोशनी की दोहरी फीड में परिवर्तित करने के लिए हाइब्रिड सौर ऊर्जा प्रणाली का निर्माण कार्य शामिल है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
24, 25 एवं 26 फरवरी को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके करा सकते हैं रिकॉर्डिंग
13 मार्च को प्रसारित होगी 27 वीं कड़ी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल इस बार रेडियोवार्ता लोकवाणी में ‘छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति से सरोकार‘ विषय पर बातचीत करेंगे। इस संबंध में कोई भी नागरिक आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-2430501, 2430502, 2430503 पर 24, 25 एवं 26 फरवरी को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकॉर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 27 वीं कड़ी का प्रसारण 13 मार्च 2022 को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार की हाफ बिजली बिल योजना प्रदेश के लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को बिजली बिल में 50 प्रतिशत छूट का लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस योजना को लागू कर ना सिर्फ महंगाई के दौर में लाखों घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाई है, अपितु जनता से किया गया एक बड़ा वायदा भी पूरा किया है। छत्तीसगढ़ के हर गांव, हर शहर में लोगों को इस योजना का सीधा लाभ मिल रहा है। पहले 1 माह का जो बिजली बिल 1000 से 1200 रुपए तक आता था, वह बिल अब उतनी ही बिजली की खपत के लिए 500 से 600 रुपए तक आ रहा है। इससे लोगों के बिजली पर होने वाले खर्च में कमी आई और वे बचत राशि का उपयोग अपनी दूसरी जरूरतों को पूरा करने में कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा 1 मार्च 2019 से लागू की गई हाफ बिजली बिल योजना में बिजली उपभोक्ताओं को 400 यूनिट तक की बिजली की खपत पर 50 प्रतिशत की छूट मिल रही है। इस योजना का लाभ लेने के लिए यह जरूरी है कि बिजली उपभोक्ताओं का कोई भी बिल लंबित ना हो, उन्होंने अपने पुराने बिजली बिल चुका दिए हों। हाफ बिजली बिल योजना से प्रदेश के 40 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल में 2145 करोड़ रुपए की बड़ी छूट मिली है। सस्ती बिजली से गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों के घर का बजट सुधरा है। इस योजना के माध्यम से जहां घरेलू बचत को प्रोत्साहन मिला है, वहीं यह भी सुनिश्चित हुआ है कि लोग अपने बिजली बिल का नियमित भुगतान करें। बिल की राशि जमा नहीं करने वाले योजना का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे।योजना के क्रियान्वयन के लिए घरों में मीटर रीडिंग कर उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने में उपयोग में लाई जा रही स्पॉट बिलिंग मशीन के सॉफ्टवेयर को हाफ बिजली बिल योजना के अनुसार अपडेट किया गया है। मशीन 400 यूनिट तक बिजली की हर खपत के लिए स्वचालित रूप से 50 प्रतिशत छूट के साथ बिजली बिल जनरेट करती है। राज्य सरकार द्वारा हाफ बिजली बिल योजना के अलावा एकल बत्ती कनेक्शन योजना में गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों को हर माह 30 यूनिट बिजली निःशुल्क दी जा रही है। लगभग 18 लाख बिजली उपभोक्ताओं को इस योजना का लाभ मिल रहा है। पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 2 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ता बढ़े हैं।
घरेलू बिजली उपभोक्ता इस योजना को लागू करने के निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद देते हैं। महासमुंद के श्री अनिल चौधरी इस योजना को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि पहले जो बिजली बिल 1000 से 1200 रुपए आता था, वह सिमट कर 500 से 700 रूपए रह गया है। महासमुंद के ही बिजली उपभोक्ता श्री चमन चंद्राकर बताते हैं कि उन्हें बिजली बिल हाफ योजना का लाभ मिल रहा है, इससे उन्हें आर्थिक रूप से राहत मिली है। रायपुर की सीनू योजना के लिए सरकार के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहती हैं कि योजना से मिली छूट से राहत मिली है। रायपुर के श्री राकेश साहू भी राज्य सरकार को धन्यवाद देते नहीं थकते।
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द न्यूज़ इंडिया सामाचार सेवा
रायपुर : राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा शहरी शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं (UHWC) में 910 पदों पर संविदा भर्ती की जाएगी। इनमें चिकित्सा अधिकारी के साथ ही स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के पद शामिल हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा राज्य स्तर पर 182 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती की जाएगी। वहीं 16 जिलों में जिला स्तर पर स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के कुल 728 पदों पर भर्ती होगी।
चिकित्सा अधिकारी (संविदा) की भर्ती के लिए एम.बी.बी.एस. की उपाधि या भारतीय चिकित्सा परिषद द्वारा मान्यता प्राप्त समकक्ष उपाधि (समकक्ष उपाधि में केवल एलोपैथी पद्धति की उपाधि ही मान्य होगी) की योग्यता रखी गई है। इसके लिए 25 फरवरी से 15 मार्च 2022 तक ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। किसी अन्य माध्यम से आवेदन पत्र स्वीकार नहीं किया जाएगा। विज्ञापन तिथि तक अभ्यर्थी की सभी शैक्षणिक एवं अन्य अर्हताएं पूर्ण होना अनिवार्य है, अन्यथा आवेदन पत्र अस्वीकृत कर दिया जाएगा। इस संबंध में कोई पत्र व्यवहार मान्य नहीं किया जाएगा। अभ्यर्थियों को सभी प्रमाण पत्र ऑनलाइन आवेदन में संलग्न करना अनिवार्य है। इसके बिना आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक की उम्र 1 जनवरी 2022 को न्यूनतम 21 वर्ष व अधिकतम 70 वर्ष होना चाहिए। आयु की गणना 1 जनवरी 2022 को आधार मानकर की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग की वेबसाइट www.cghealth.nic.in पर विज्ञापन का प्रारूप एवं भर्ती संबंधी अन्य जानकारियां देखी जा सकती हैं।
राज्य स्तर पर चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती के साथ ही शहरी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर्स (UHWC) के लिए चार अलग-अलग कनिष्ठ पदों स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मापदण्डों के अनुरूप जिला स्तर पर भर्ती की जाएगी। इसके अंतर्गत बलौदाबाजार, राजनांदगांव एवं कोरिया जिले में स्टॉफ नर्स के 3, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 3, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 3 एवं चतुर्थ श्रेणी के 3 पदों पर भर्ती की जाएगी। बस्तर, महासमुंद एवं कवर्धा जिले में स्टॉफ नर्स के 4, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 4, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 4 एवं चतुर्थ श्रेणी के 4, बिलासपुर में स्टॉफ नर्स के 14, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 14, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 14 एवं चतुर्थ श्रेणी के 14 पदों पर भर्ती होगी।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत धमतरी एवं रायगढ़ जिले में स्टॉफ नर्स के 6, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 6, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 6 और चतुर्थ श्रेणी के 6 पदों पर भर्ती की जाएगी। दुर्ग में स्टॉफ नर्स के 27, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 27, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 27 एवं चतुर्थ श्रेणी के 27 पदों पर भर्ती होगी। जांजगीर-चांपा में स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के एक-एक पद पर भर्ती की जाएगी। कांकेर तथा मुंगेली जिले में स्टॉफ नर्स के 2, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 2, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 2 एवं चतुर्थ श्रेणी के 2 पदों, कोरबा में स्टॉफ नर्स के 19, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 19, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 19 एवं चतुर्थ श्रेणी के 19 पदों, रायपुर में स्टॉफ नर्स के 76, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता के 76, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट के 76 एवं चतुर्थ श्रेणी के 76 पदों तथा सरगुजा में स्टॉफ नर्स, पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जूनियर सेक्रेट्रियल असिस्टेंट और चतुर्थ श्रेणी के 8-8 पदों पर भर्ती की जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाराज्य सरकार द्वारा सम्पर्क हेतु दूरभाष नम्बर जारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा यूक्रेन से संबंधित मुद्दों पर छत्तीसगढ़ के लोगों की मदद के लिए नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ भवन में सम्पर्क अधिकारी श्री गणेश मिश्र को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। श्री मिश्र से दूरभाष नम्बर 01146156000, मोबाइल नम्बर +91-9997060999 और फैक्स क्रमांक 01146156030 पर सम्पर्क किया जा सकता है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के जरिये राज्य के 1497 हाट-बाजारों में ग्रामीणों को मिल रही निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, उपचार व दवाईयां हाट-बाजारों में प्रारंभ से अब तक 21.63 लाख लोगों का इलाज
08 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही मलेरिया, डेंगू, एचआईव्ही, मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांचशिशुओं का टीकाकरण व गर्भवती महिलाओं की जांच भी
रायपुर : मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना राज्य के समस्त जिलों एवं विकासखण्डों में संचालित है। योजना के अंतर्गत हाट- बाजार में आने वाले समस्त मरीजों का ओ.पी.डी. आधारित 08 प्रकार की सेवाएं तथा जांच की जा रही है। जांच उपरांत पाए गए व्याधिग्रस्त लोगों को दवाईयों का निःशुल्क वितरण किया जा रहा है तथा आवश्यकता होने पर उच्च स्तरीय स्वास्थ्य केन्द्रों में संदर्भन कर चिकित्सकीय सेवा प्रदान की जा रही है।
इस योजना के अंतर्गत राज्य में 356 डेडिकेटेड ब्राडिंग वाहन तथा चिकित्सा दल के माध्यम से चिकित्सा सुविधा प्रदाय किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ के वनांचलों और ग्रामीण इलाकों के हाट-बाजारों में स्वास्थ्य विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा 21 लाख 62 हजार 751 लोगों को इलाज मुहैया कराया गया है। हाट-बाजारों की क्लिनिक में पहुंचे 19 लाख 60 हजार 270 मरीजों की जांच कर निःशुल्क दवाईयां दी गई हैं। मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत जनवरी 2022 तक प्रदेश के 1497 हाट-बाजारों में क्लिनिक लगाकर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा इस दौरान कुल 64 हजार 401 हाट-बाजार क्लिनिक शिविर आयोजित किए गए हैं।
हाट-बाजार क्लिनिक में जरूरतमंदों को निःशुल्क उपचार, चिकित्सीय परामर्श और दवाईयां उपलब्ध कराने के साथ ही मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा मलेरिया, एचआईव्ही, वी.डी.आर.एल., मधुमेह, एनिमिया, टीबी, कुष्ठ रोग, उच्च रक्तचाप और नेत्र विकारों की जांच भी की जा रही है। इन क्लिनिकों में गर्भवती महिलाओं की जांच व शिशुओं का टीकाकरण भी किया जा रहा है।वर्ष 2019 से शुरू मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लिनिक योजना के अंतर्गत अब तक 04 लाख 90 हजार 143 लोगों के उच्च रक्तचाप, 03 लाख 40 हजार 649 लोगों की मधुमेह, 02 लाख 20 हजार 336 लोगों की मलेरिया जांच, 01 लाख 03 हजार 831 लोगों की रक्त-अल्पता (एनिमिया) और 66 हजार 24 लोगों के नेत्र विकारों की जांच की गई है। हाट-बाजार क्लिनिकों में 20 हजार 563 लोगों की टीबी, 06 हजार 340 लोगों की कुष्ठ और 12 हजार 639 लोगों की एचआईव्ही जांच भी की गई है। इस दौरान 39 हजार 733 गर्भवती महिलाओं की जांच और 11 हजार 871 शिशुओं को टीके भी लगाए गए हैं। हाट-बाजार क्लिनिकों में 49 हजार 917 डायरिया पीड़ितों का भी उपचार किया गया है। -
एजेंसी
नई दिल्ली: चारा घोटाले के डोरडा कोषागार के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत से राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू यादव को पांच साल की सजा और 60 लाख जुर्माना की सजा हुई है. 950 करोड़ रुपये के बहुचर्चित चारा घोटाले के सबसे बड़े रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के गबन के मामले में सीबीआई अदालत राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव समेत 38 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
सीबीआई के विशेष अभियोजक बीएमपी सिंह ने बताया कि 38 दोषियों में से 35 बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं जबकि लालू प्रसाद यादव समेत तीन अन्य दोषी स्वास्थ्य कारणों से राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में भर्ती हैं. इस मामले में सीबीआई ने कुल 170 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था जबकि 148 आरोपियों के खिलाफ 26 सितंबर 2005 में आरोप तय किए गए थे.
चारा घोटाले के चार विभिन्न मामलों में चौदह वर्ष तक की सजा पा चुके लालू प्रसाद यादव समेत 99 लोगों के खिलाफ अदालत ने सभी पक्षकारों की बहस सुनने के बाद 29 जनवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
बता दें कि संयुक्त बिहार में चारा घोटाला मामला जनवरी 1996 में पशुपालन विभाग में छापेमारी के बाद सामने आया था. सीबीआई ने जून 1997 में तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू यादव को एक आरोपी के रूप में नामित किया था. एजेंसी ने लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा के खिलाफ आरोप तय किए थे. सितंबर 2013 में निचली अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्रा और 45 अन्य को दोषी ठहराया और रांची जेल भेज दिया था.
दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय ने मामले में लालू प्रसाद को जमानत दे दी, जबकि दिसंबर 2017 में सीबीआई अदालत ने उन्हें और 15 अन्य को दोषी पाया और उन्हें बिरसा मुंडा जेल भेज दिया. झारखंड उच्च न्यायालय ने लालू प्रसाद को अप्रैल 2021 में जमानत दे दी थी. चारा घोटाले में कुल पांच मामले चल रहे हैं, जिसमें यह पांचवां और अंतिम मामला है.
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाने पर जोर
रायपुर : राज्य में मूलभूत साक्षरता के विकास के लिए बच्चों को सुनने के कौशल में दक्ष बनाया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस के दौरान 22 फरवरी को राज्य के सभी प्राथमिक स्कूलों में कहानी उत्सव मनाया जाएगा। कहानी सुनाने के लिए स्कूलों में बड़े-बुजुर्गाें को आमंत्रित किया जाएगा, जो स्थानीय भाषा में बच्चों को कहानी सुनाएंगे। आयोजन के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के सहयोग से दिशा-निर्देश सभी जिला मिशन समन्वय समग्र शिक्षा को जारी कर दिए गए हैं।
कहानी सुनाना दुनिया को सबसे प्राचीन शिक्षण उपकरण है। प्राचीन काल से मौखिक परंपरा का उपयोग, ज्ञान, विश्वास, परंपराओं और इतिहास को प्रसारित करने के लिए किया जाता रहा है। कहानी सुनाना किसी की कल्पना को उसके रहने वाले परिवेश या संदर्भ के साथ जोड़ता है, वह वाचक और श्रोता के बीच सार्थक संबंध के लिए आपसी अंतर को दूर करता है। कहानी एक बहुसांस्कृतिक समाज में अनेक लोगों के दिल और दिमाग को छुने के लिए सामान्य आधार बनाता है। छोटे बच्चों को कहानियां बहुत पसंद आती है। स्थानीय बुजुर्गाें से स्थानीय भाषा में कहानी सुनाने का अवसर मिलने से उनके सुनने की दक्षता का विकास होता है।
जिला मिशन समन्वयकों को निर्देशित किया गया है कि सभी प्राथमिक स्कूलों में कहानी उत्सव का आयोजन सुनिश्चित किया जाए। बड़े बुजुर्गोें द्वारा सुनाई गई कहानियों को बड़ी कक्षा के बच्चों द्वारा लिखकर संकलित किया जाए। स्कूलों में उसकी वीडियो रिकार्डिंग की व्यवस्था रखें, ताकि उसे बाद में साझा किया जा सके। इस कार्यक्रम का आयोजन व्यापक स्तर पर करते हुए राज्य में मूलभूत साक्षरता और गणितीय कौशल विकास अभियान में सुनने के कौशल का विकास करने की दिशा में ठोस कार्य प्रारंभ करना सुनिश्चित किया जाए। इसके लिए बड़े बुजुर्गाें के माध्यम से कहानी सुनाने की परंपरा को प्राथमिक स्कूलों में निरंतर जारी रखने की व्यवस्था की जाए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
यह मात्रा फरवरी तक के सप्लाई प्लान का मात्र 52 प्रतिशत
छत्तीसगढ़ को 4.36 लाख मेट्रिक टन खाद उपलब्ध कराने
की बात असत्य एवं भ्रामक: कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा रबी सीजन 2021-22 के लिए अब तक मात्र 2 लाख 12 हजार 162 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की आपूर्ति की गई है, जो कि भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए अक्टूबर से फरवरी माह तक के लिए जारी सप्लाई प्लान का 52 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों का आबंटन स्वीकृत मात्र एवं सप्लाई प्लान के अनुसार नहीं किया जा रहा है।
कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा भारत सरकार को रबी वर्ष 2021-22 के लिए 7.50 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की मांग की गई थी। किन्तु भारत सरकार ने 4.11 लाख मेट्रिक टन उर्वरक छत्तीसगढ़ को दिए जाने की स्वीकृति दी गई, जो कि राज्य की मांग का मात्र 55 प्रतिशत ही है। छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा मांग किए गए उर्वरक की मात्रा में पहले ही भारत सरकार द्वारा 45 प्रतिशत की कमी कर दी गई है। चालू रबी सीजन के लिए भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को स्वीकृत 4.11 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों में यूरिया 2 लाख मेट्रिक टन, डीएपी 60,000 मेट्रिक टन, एनपीके 50,000 मेट्रिक टन, एमओपी 26,000 मेट्रिक टन एवं एसएसपी 75,000 मेट्रिक टन शामिल है।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने बताया कि स्वीकृत मात्रा 4.11 लाख मेट्रिक टन के विरूद्ध भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य को अक्टूबर से फरवरी तक 3 लाख 46 हजार 225 मेट्रिक टन उर्वरकों की सप्लाई का प्लान जारी किया गया है। सप्लाई प्लान के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को आज की स्थिति में मात्र 2 लाख 12 हजार 162 मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक की ही आपूर्ति की गई है, जो कि छत्तीसगढ़ के लिए स्वीकृत मात्रा का मात्र 52 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को कुल आवश्यकता के मुकाबले 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरक भारत सरकार द्वारा उपलब्ध कराए जाने की बात असत्य एवं भ्रामक है।
कृषि मंत्री ने यह भी बताया कि रबी सीजन 2021-22 में राज्य में एक अक्टूबर 2021 की स्थित में रासायनिक उर्वरकों की बचत मात्रा तथा भारत सरकार द्वारा नवीन आपूर्ति की मात्रा को यदि मिला दिया जाए तो पर भी रासायनिक उर्वरकों की कुल मात्रा 3 लाख 69 हजार 817 मेट्रिक टन होती है, जो कि भारत सरकार द्वारा बताई जा रही मात्रा की 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन से काफी कम है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य को भारत सरकार द्वारा आवश्यकता के मुकाबले 4 लाख 36 हजार मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध कराए जाने की बात पूरी तरह से असत्य है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालक ग्रामीणों, महिला समूहों और
गौठान समितियों को जारी की 10.24 करोड़ रूपए की राशि
गोबर विक्रेताओं को अब तक 127.79 करोड़ रूपए का भुगतान
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में रायपुर और दुर्ग के 10 गौठानों में जैविक गुलाल और पूजन सामग्री के उत्पादन के लिए किए गए एमओयू पर हस्ताक्षर
मुख्यमंत्री ने प्राकृतिक पदार्थाें से निर्मित उत्पादों के लिए एकीकृत ‘अर्थ ब्रांड‘ किया लांच
गौठानों में 152 तेल मिलों और 173 दाल मिलों की होगी स्थापना
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना और सुराजी गांव योजना किसानों के जीवन में बदलाव लाने वाली योजनाएं साबित हुई हैं। गोधन न्याय योजना को लगातार नया आयाम दिया जा रहा है। अब प्रदेश में गोधन न्याय योजना का संचालन मिशन के रूप में किया जा रहा है। इस योजना में गौठानों में गोबर के क्रय, वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने सहित गौठानों में संचालित विभिन्न आयमूलक गतिविधियों से स्व-सहायता समूह की महिलाओं को आर्थिक मजबूती मिल रही है। आने वाले समय में गांव-गांव में बनाए गए गौठानों को और अधिक मजबूत किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के राशि अंतरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 24 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की, इस राशि में 16 जनवरी से 15 फरवरी तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 5 करोड़ 62 लाख रूपए का भुगतान तथा गौठान समितियों को 1.88 करोड़ और महिला समूहों को 2.75 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिल है। गोबर विक्रेताओं को गोबर खरीदी शुरू होने से लेकर अब तक 127 करोड़ 79 लाख रूपए राशि का भुगतान किया जा चुका है। इसी प्रकार इस योजना के शुरू होने से लेकर अब तक स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 79 करोड़ 39 लाख रूपए की भुगतान किया जा चुका है।
कार्यक्रम में गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जैविक गुलाल एवं पूजन सामग्री तैयार करने के लिए संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी तथा श्री गणेश ग्लोबल प्राईवेट लिमिटेड के मध्य एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। इस एमओयू के तहत प्रथम चरण में दुर्ग एवं रायपुर जिले के 10 गौठानों में जैविक गुलाल एवं पूजन सामग्री निर्मित की जाएगी। इसके लिए दोनों जिलों के 150 महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़ा गया है। महिला स्व-सहायता समूह जैविक गुलाल के साथ-साथ पूजन सामग्री जिसमें चंदन पाउडर, रूई बत्ती, कुमकुम, रोली, हवन आदि सामग्री तैयार करेंगी।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर राज्य के गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक रूप से निर्मित विभिन्न प्रकार के उत्पादों के एकीकृत ब्रांडनेम ‘अर्थ‘ को लॉन्च किया। इसके साथ ही बाजार में अर्थ ब्रांडनेम से महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों के गिफ्ट हैम्पर विक्रय के लिए उपलब्ध हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अर्थ ब्रांड के लोगो का भी विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी उत्पादों की मार्केटिंग ूूूण्ंतजीबहण्बवउ वेबसाईट के माध्यम से की जाएगी। गौठानों में स्व-सहायता समूहों द्वारा प्राकृतिक पदार्थाें पर आधारित इम्यूनिटी-टी, एसेंशियल ऑयल, साबुन, जैविक गुलाल और पूजन सामग्र्री जैसे उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनांदगांव जिले में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में जैविक-गुलाल और पूजन-सामग्री के निर्माण का कार्य शुरु किया गया था। वहां इसके लिए सखी समूह संगठन सोमनी और श्री गणेश ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड के बीच एमओयू हुआ है। राजनांदगांव की बहनों को इस काम में बहुत अच्छी सफलता मिली है। अब इसी काम का विस्तार करते हुए इसे रायपुर और दुर्ग जिले के गौठानों में भी शुरु किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट के निर्माण के साथ बिजली उत्पादन, प्राकृतिक पेन्ट निर्माण, दाल मिलों और तेल मिलों की स्थापना जैसे कार्य हो रहे है। अब तक गौठानों में 18 तेल मिलों और 53 दाल मिलों की स्थापना का कार्य किया जा चुका है। गौठानों में 152 तेल मिल और 173 दाल मिल स्थापित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल राज्य में 97.98 लाख मेट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। किसान भाईयों को 19 हजार 36 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन सालों से हर साल धान खरीदी का नया रिकार्ड बन रहा है। प्रदेश में धान के रकबे और धान बेचने वाले किसानों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है।
उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ के किसान भाइयों के जीवन में जो बदलाव आया है, आज उसकी चर्चा पूरे देश में हो रही है। मैंने पिछले कुछ दिनों में उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड सहित कई राज्यों का दौरा किया है। दूसरे राज्यों में जब छत्तीसगढ़ के किसानों के विकास की चर्चा होती है तो मुझे भी बहुत गर्व होता है।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय किए गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट के उत्पादन से हमें रासायनिक उर्वरकों की कमी की समस्या का समाधान करने में सफलता मिली है। अब तक लगभग 127 करोड़ रूपए का गोबर क्रय किया गया। जिसमें से लगभग 91 करोड़ रूपए की वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। इसके साथ ही साथ अन्य गतिविधियों से लगभग 51.36 करोड़ रूपए की आय स्व-सहायता समूहों द्वारा अर्जित की गई है। इसके अलावा स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को कुल 79.39 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। जितनी राशि का गोबर खरीदा गया लगभग उतनी राशि अर्जित की गई है। आने वाले समय में गौठानों की व्यवस्था को और अधिक मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आने वाले खरीफ मौसम में भी किसानों के लिए वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट की उपलब्धता बनाए रखने का प्रयास किया जाएगा। श्री चौबे ने सभी मंत्रिगणों से विभिन्न जिलों के भ्रमण के दौरान गौठानों का दौरा कर वहां संचालित गतिविधियों का निरीक्षण करने तथा उनमें अधिक सुधार के लिए अधिकारियों को सुझाव देने का आग्रह भी किया।कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की विभिन्न गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना के माध्यम से 97 हजार 529 भूमिहीन लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में स्वीकृत 10 हजार 591 गौठानों मंे 7933 गौठान निर्मित हो चुके हैं तथा 2300 गौठान निर्माणाधीन है तथा 2549 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि जनवरी और फरवरी माह में किसानों ने गौठानों में लगभग 31.35 करोड़ रूपए की लागत का 15 लाख 67 हजार क्विंटल से अधिक पैरादान किया है। गोधन न्याय योजना के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. एस. भारती दासन ने गौठानों में जैविक गुलाल और पूजन सामग्र्री के उत्पादन के लिए आज किए गए एमओयू के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस योजना का विस्तार रायपुर और दुर्ग जिले के 5-5 गौठानों में किया जा रहा है, जहां 75-75 महिला स्व-सहायता समूह के सदस्यों द्वारा जैविक गुलाल और पूजन सामग्री तैयार की जाएगी। उन्होंने बताया कि आगामी एक वर्ष में लगभग 100 मेट्रिक टन जैविक गुलाल तैयार किया जाएगा, जिसकी कीमत 1.50 से 2 करोड़ रूपए होगी। इसी प्रकार 2 से 3 करोड़ रूपए मूल्य की 100 मेट्रिक टन पूजन सामग्री इन गौठानों में तैयार की जाएगी। महिलाओं को दैनिक पारिश्रमिक के अलावा उत्पादों को विक्रय से अर्जित आय का 5 प्रतिशत लाभांश के रूप में दिया जाएगा।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू और मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी भी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2021-22 का विधानसभा में उपस्थापन के संबंध में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया |बजट अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिये छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया । छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया | संचालनालय आयुष के अंतर्गत विभिन्न जिलों में फार्मासिस्ट के रिक्त पदों की भर्ती किये जाने हेतु भर्ती परिणाम की वैधता एक वर्ष के लिये बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया |
राज्य के 6536 स्थानों पर जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल परिसर में स्थित हैं वहां 05 से 06 वर्ष के बच्चों के लिये बालवाड़ी प्रारंभ किये जाने के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया गया । इससे राज्य के 5-6 वर्ष के आयु समूह के 3,23,624 विद्यार्थियों में से 68,054 विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लाभान्वित होंगे ।
छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा आवंटित अविकसित / लैंड बैंक की भूमि फ्री होल्ड किये जाने पर दरों के निर्धारण के संबंध में नियमावली की कंडिका में समावेश हेतु संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गयाछत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 में संशोधन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया । जिसके तहत बीज एवं कृषि विकास निगम को कृषि विभाग तथा समान प्रकृति के अन्य विभागों के लिये आवश्यक वस्तुओं के दर निर्धारण हेतु अधिकृत किया गया ।राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत मेसर्स व्हीटेक प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्लास्टिक उत्पाद उद्योग तथा मेसर्स एसबीटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना के लिये विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज निर्धारण के लिये प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया
मंत्री परिषद के निर्णय - दिनांक 18 फरवरी 2022मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में मंत्रीपरिषद की बैठक में निम्नानुसार निर्णय लिये गये ।1. तृतीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2021-22 का विधानसभा में उपस्थापन के संबंध में छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया।2. बजट अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिये छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया ।3. छत्तीसगढ़ अनाधिकृत विकास का नियमितिकरण अधिनियम 2002 में संशोधन हेतु छत्तीसगढ़ अनधिकृत विकास का नियमितिकरण विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया ।
4. संचालनालय आयुष के अंतर्गत विभिन्न जिलों में फार्मासिस्ट के रिक्त पदों की भर्ती किये जाने हेतु भर्ती परिणाम की वैधता एक वर्ष के लिये बढ़ाये जाने का निर्णय लिया गया ।5. राज्य के 6536 स्थानों पर जहां आंगनबाड़ी केंद्र स्कूल परिसर में स्थित हैं वहां 05 से 06 वर्ष के बच्चों के लिये बालवाड़ी प्रारंभ किये जाने के स्कूल शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर अनुमोदन किया गया । इससे राज्य के 5-6 वर्ष के आयु समूह के 3,23,624 विद्यार्थियों में से 68,054 विद्यार्थी शैक्षणिक सत्र 2022-23 से लाभान्वित होंगे ।6. छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 के अंतर्गत उद्योग विभाग द्वारा आवंटित अविकसित / लैंड बैंक की भूमि फ्री होल्ड किये जाने पर दरों के निर्धारण के संबंध में नियमावली की कंडिका में समावेश हेतु संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।7. छत्तीसगढ़ शासन भण्डार क्रय नियम 2002 में संशोधन करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया । जिसके तहत बीज एवं कृषि विकास निगम को कृषि विभाग तथा समान प्रकृति के अन्य विभागों के लिये आवश्यक वस्तुओं के दर निर्धारण हेतु अधिकृत किया गया ।8. राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत मेसर्स व्हीटेक प्लास्टिक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा प्लास्टिक उत्पाद उद्योग तथा मेसर्स एसबीटी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा टेक्सटाइल उद्योग की स्थापना के लिये विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज निर्धारण के लिये प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।09. राज्य प्रशासनिक सेवा संवर्ग के (कनिष्ठ श्रेणी) वेतनमान से वरिष्ठ श्रेणी (संयुक्त कलेक्टर) वेतनमान में पदोन्नत करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।10. छत्तीसगढ़ भूराजस्व संहिता 1959 में (संशोधन) विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया । जिसके अंतर्गत भू सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने , सर्वेक्षण के उपरांत धारणाधिकार के सुगम निर्धारण करने, भूमि अभिलेखों के निर्माण एवं संधारण, नामांतरण एवं बंटवारा जैसे डिजिटल प्रक्रियाओं को विधिक रूप देने , औद्योगिक नीति 2019-24 अंतर्गत औद्योगिक क्षेत्रों, पार्कों के संनिर्माण को प्रोत्साहित करने , मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना के उद्देश्यों की पूर्ति तथा छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता 1959 के गैर जरूरी उपबंधों को विलोपित कर प्रासंगिक प्रावधानों को नियमित करना शामिल है ।11. नगरीय क्षेत्र में शासकीय भूमि आवंटन, अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन एवं भूस्वामी हक प्रदान करने के नवीन प्रावधानों का अनुमोदन किया गया ।12. वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्य के 10 आकांक्षी जिलों( कोरबा, राजनांदगांव, महासमुंद, कांकेर, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर, बस्तर, कोण्डागांव, सुकमा) एवं 02 हाई बर्डन जिले (कबीरधाम एवं रायगढ़ ) में मार्च 2022 से राज्य योजना के राशनकार्डधारियों को फोर्टिफाईड चावल वितरित करने का निर्णय लिया गया । राईस फोर्टिफिकेशन की शत-प्रतिशत राशि (39.59 करोड़ ) राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी ।13. खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु जूट कमिश्नर द्वारा जूट बैग की कम आपूर्तिकृत सीमा तक केंद्रीय पूल में धान उपार्जन के लिये नये एचडीपीई/पीपी बारदाना की उपयोगिता शुल्क भारत सरकार से प्राप्त करने का निर्णय लिया गया ।खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में उपयोग में लाये गये एचडीपीई/पीपी बारदाना मार्कफेड की संपत्ती होगी। इस एक भरती बारदाना का उपयोग खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में किया जाये ।14. छत्तीसगढ़ विद्युत शुल्क नियम 1949 के नियम के तहत प्रत्येक फैक्ट्री द्वारा प्रारूप एच एवं प्रारूप जे के वार्षिक विवरण प्रस्तुत करने की बाध्यता को समाप्त करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया ।15. मंत्रीपरिषद द्वारा बजट सत्र हेतु माननीय राज्यपाल के अभिभाषण का अनुमोदन किया गया । -
अहमदाबाद : अहमदाबाद सीरियम बम ब्लास्ट केस में विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा अदालत ने 11 अन्य दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। अदालत ने इन लोगों को पहले ही दोषी करार दे दिया था और आज इन लोगों की सजा का ऐलान होना था। 26 जुलाई 2008 को अहमदाबाद में हुए 21 सीरियल ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इन धमाकों की गूंज से हर कोई स्तब्ध था।
सरकारी अधिवक्ता अमित पटेल ने बताया कि स्पेशल जज एआर पटेल ने 49 में से 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। इसके अलावा 11 शेष दोषियों को उम्रकैद की सजा दी गई है। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। आतंकियों का कहना था कि हमने 2002 में हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था। इस मामले में कुल 77 लोग आरोपी थे, जिनमें से 28 को अदालत ने बरी कर दिया था और बाकी 49 लोगों को दोषी करार दिया था। 14 सालों तक चले मामले के बाद यह सजा सुनाई गई है।
बता दें कि अभियोजन पक्ष की ओर से कोर्ट से सभी दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की गई थी। वहीं बचाव पक्ष ने कम से कम सजा की अपील कोर्ट की थी। हालांकि अदालत ने 38 लोगों को फांसी की सजा सुनाई। इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है। अहमदाबाद विस्फोट मामले में सत्र न्यायालय के न्यायाधीश एआर पटेल ने 8 फरवरी को फैसला सुनाते हुए 49 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 77 में से 28 आरोपियों को बरी कर दिया था। आपको बता दें कि साल 2008 में अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे। इस घटना में 56 लोगों की मौत हुई थी, साथ ही 200 लोग घायल हो गए थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राजिम माघी पुन्नी मेला क्षेत्र के आसपास की 06 मदिरा दुकानें 16 फरवरी से 01 मार्च तक बंद रहेंगी
वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग ने जारी किया आदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला के दौरान राजीम मेला क्षेत्र के आसपास की छह देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें 16 फरवरी से 01 मार्च 2022 तक बंद रहंेगी। इस आशय का आदेश मंत्रालय महानदी भवन स्थित वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग द्वारा जारी कर गरियाबंद, धमतरी और रायपुर जिले के कलेक्टर को इस आदेश को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं।
वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार राजिम माघी पुन्नी मेला के दौरान राजिम मेला क्षेत्र के आसपास की देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें, देशी-विदेशी मदिरा दुकान राजिम (बाह्य) जिला गरियाबंद, देशी-विदेशी मदिरा दुकान गोबरा नवापारा, जिला रायपुर तथा देशी एवं विदेशी मदिरा दुकान मगरलोड जिला धमतरी कुल 06 देशी एवं विदेशी मदिरा दुकानें 16 फरवरी से 01 मार्च 2022 तक बंद रहंेगी।