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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास को मिलेगा नया आयाम: आईओए विशेषज्ञ दल छत्तीसगढ़ आकर खिलाड़ियों को देगा मार्गदर्शनरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद श्रीमती पी. टी. उषा ने सौजन्य भेंट की। इस महत्वपूर्ण मुलाकात में छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास, युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, खेल अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण और ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए राज्य की तैयारियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई।
मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है।
आईओए का विशेषज्ञ दल देगा खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण
बैठक के दौरान श्रीमती पी. टी. उषा ने छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों के मार्गदर्शन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस दल में विभिन्न खेलों के अनुभवी कोच और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो स्थानीय खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित करेंगे और उनकी खेल तकनीकों को निखारने में सहायता करेंगे।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। श्रीमती उषा ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की सराहना की और इसे भारत के खेल प्रोत्साहन मॉडल के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।
बस्तर ओलंपिक और अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन जैसे आयोजन खेल प्रतिभाओं को देंगे नई उड़ान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने और छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के लिए विशेष खेल आयोजनों का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ‘बस्तर ओलंपिक’ का आयोजन किया गया, जिसमें 1.65 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना था।उन्होंने बताया कि 2 मार्च 2025 को ‘अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 5000 से अधिक युवा प्रतिभागी भाग लेंगे। इस प्रतिष्ठित मैराथन को तीन श्रेणियों – 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 5 किलोमीटर में आयोजित किया जाएगा। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सरकार युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित कर रही है और राज्य को एक मजबूत खेल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ के बीच यह साझेदारी राज्य में खेलों के विकास को नया आयाम देगी। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी, समाज सुधारक और प्रखर विचारक श्री गोपाल कृष्ण गोखले की पुण्यतिथि (19 फरवरी) पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोखले जी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की बौद्धिक और नैतिक नींव को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके विचारों और आदर्शों ने राष्ट्र की दिशा को नई ऊर्जा दी और अनेक स्वाधीनता सेनानियों को भी राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने के लिए प्रेरित किया।मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि गोपाल कृष्ण गोखले जी का जीवन त्याग, निःस्वार्थ सेवा और चारित्रिक दृढ़ता का प्रतीक था। उन्होंने आत्मिक विकास और नैतिक मूल्यों को राजनीति और समाज सुधार के केंद्र में रखा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि गोखले जी का देश के प्रति योगदान भारतीय इतिहास में अमिट रहेगा और वे युवा पीढ़ी के लिए सदैव महान पथप्रदर्शक बने रहेंगे। -
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सुशासन को सुदृढ़ करने के लिए सीईजीआईएस और टीआरआई के साथ हुआ एमओयूमुख्यमंत्री की उपस्थिति में ऐतिहासिक समझौते पर हुए हस्ताक्षर : प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में होगाक्रांतिकारी सुधारभ्रष्टाचार पर कसेगा शिकंजा, आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा सुगमता सेरायपुर : प्रदेश में शासन की पारदर्शिता, जवाबदेही और प्रभावी प्रशासन सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में सुशासन एवं अभिसरण विभाग ने सेंटर फॉर इफेक्टिव गवर्नेंस ऑफ इंडियन स्टेट्स (CEGIS) और ट्रांसफॉर्मिंग रूरल इंडिया (TRI) के साथ समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए। इस साझेदारी से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि, योजनाओं की प्रभावी निगरानी एवं क्रियान्वयन को मजबूती मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। इसी उद्देश्य से हमने प्रदेश में ‘सुशासन एवं अभिसरण विभाग’ की स्थापना की है। यह 58वां विभाग न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा बल्कि सरकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में भी मदद करेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आज हुए एमओयू से प्रशासनिक पारदर्शिता, वित्तीय अनुशासन और नीति-निर्माण में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
ई-गवर्नेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन को मिलेगा बढ़ावा
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि ई-गवर्नेंस, डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिकायत निवारण तंत्र और योजनाओं की रियल-टाइम मॉनिटरिंग जैसी सुविधाओं को इस पहल से नया आयाम मिलेगा। इस एमओयू से न केवल सरकारी कर्मचारियों और युवाओं के कौशल विकास और क्षमता उन्नयन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि शासन की योजनाओं को अधिक प्रभावी और सुगम बनाया जाएगा।मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि भ्रष्टाचार पर सख्त लगाम लगेगी और आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के प्राप्त होगा।
सीईजीआईएस और टीआरआई के सहयोग से नीति निर्माण को मिलेगी नई दिशा
सीईजीआईएस के फाउंडर श्री कार्तिक मुरलीधरन ने कहा कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर राज्य की नीतियों और योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए तकनीकी, विश्लेषणात्मक और रणनीतिक सहयोग देंगे। साथ ही, रणनीतिक बजटिंग और वित्तीय प्रबंधन में शासन को सहयोग करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर की विशेषज्ञता और डेटा-ड्रिवन नीति निर्माण से छत्तीसगढ़ को व्यापक लाभ मिलेगा।
टीआरआई के सहयोग से ग्रामीण विकास को मिलेगा नया आयाम
ग्रामीण क्षेत्रों के सतत विकास के लिए TRI के साथ हुए समझौते के तहत, शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण और जल संरक्षण को नई दिशा मिलेगी। TRI के एसोसिएट डायरेक्टर श्री श्रीश कल्याणी ने बताया कि हम छत्तीसगढ़ सरकार के साथ मिलकर स्थानीय शासन को सशक्त बनाने, सामुदायिक सहभागिता बढ़ाने और ग्रामीण विकास को तेज गति देने में सहयोग करेंगे। शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि-आधारित आजीविका और जलवायु अनुकूलन जैसे क्षेत्रों में व्यापक सुधार लाने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस महत्वपूर्ण समझौते के लिए सुशासन एवं अभिसरण विभाग, सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि इस साझेदारी से छत्तीसगढ़ में प्रशासनिक सुधारों की नई राह खुलेगी और राज्य की जनता को योजनाओं का त्वरित और प्रभावी लाभ मिलेगा।
इस ऐतिहासिक समझौते के अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ. पी. चौधरी ने कहा कि इस एमओयू की छत्तीसगढ़ में सुशासन की परिकल्पना को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, सुशासन एवं अभिसरण विभाग के सचिव श्री राहुल भगत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजू एस, तथा सीईजीआईएस और टीआरआई के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रगौरव के प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती (19 फरवरी) पर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वीर शिवाजी महाराज केवल एक योद्धा ही नहीं, बल्कि एक दूरदर्शी शासक, उत्कृष्ट रणनीतिकार और कुशल प्रशासक भी थे। उन्होंने अपनी नीतियों, अनुशासित सेना और संगठित प्रशासनिक व्यवस्था के माध्यम से शक्तिशाली और आत्मनिर्भर राज्य की नींव रखी।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का शौर्य एवं राष्ट्रप्रेम आज भी अनगिनत लोगों को प्रेरित करता है। उन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और सूझबूझ से विपरीत परिस्थितियों में भी अद्वितीय विजय प्राप्त की। उनकी रणनीति, सुशासन और लोकहितकारी नीतियाँ सदियों तक प्रेरणा स्रोत बनी रहेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज का जीवन साहस, संकल्प और आत्मसम्मान का प्रतीक है। उनकी अमर गाथा भारत के युवाओं में राष्ट्रप्रेम और अदम्य उत्साह की भावना जागृत करती रहेगी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के मुख्य बजट एवं नवीन मद प्रस्ताव पर मंत्री स्तरीय चर्चा के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के विभागों के बजट प्रस्ताव पर व्यापक चर्चा हुई। बैठक में वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी भी उपस्थित थे।बैठक में धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व विभाग, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी, मछली पालन, पशुपालन विभाग, ग्रामोद्योग, स्कूल शिक्षा, सामान्य प्रशासन, उच्च शिक्षा विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति, जनशिकायत निवारण, वाणिज्यिक कर (आबकारी), परिवहन, जनसंपर्क, खनिज साधन, विमानन, सुशासन एवं अभिसरण, ऊर्जा विभाग के बजट प्रस्तावों पर चर्चा हुई।बजट चर्चा के दौरान अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, वित्त विभाग के सचिव श्री मुकेश कुमार बंसल, खनिज साधन एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव श्री पी.दयानंद, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव श्री अविनाश चम्पावत, कृषि विभाग की सचिव श्रीमती शहला निगार, ग्रामोद्योग सचिव श्री यशवंत कुमार सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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राज्य सरकार पशुपालन को बना रही समृद्ध ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़, किसानों की आय दोगुनी करने के लिए उठाए जा रहे ठोस कदमराष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के मार्गदर्शन में तैयार हुआ पायलट प्रोजेक्ट, डेयरी उद्योग को मिलेगी नई दिशारायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के कहा कि छत्तीसगढ़ में श्वेत क्रांति की तर्ज पर डेयरी उद्योग को सशक्त बनाने और किसानों व पशुपालकों की आय दोगुनी करने की दिशा में राज्य सरकार ने प्रभावी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि दुग्ध उत्पादन को लाभकारी व्यवसाय बनाने और प्रदेश को दुग्ध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से एक पायलट प्रोजेक्ट तैयार किया गया है, जिसके तहत व्यापक स्तर पर कार्य किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित बैठक में पशुपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि दिसंबर 2024 में राज्य सरकार और NDDB के बीच हुए समझौते के बाद छत्तीसगढ़ में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हेतु तेजी से प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अधिकांश आबादी कृषि से जुड़ी है और अतिरिक्त आय के लिए पशुपालन का कार्य भी करती है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की विशेषज्ञता में तैयार पायलट प्रोजेक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार लगभग 5 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। इस योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ के 6 जिलों को शामिल किया गया है और सफल क्रियान्वयन के बाद इसे पूरे प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती, पोषण अभियान को मिलेगा लाभ
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डेयरी उद्योग के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। इसके साथ ही, प्रदेशवासियों के पोषण स्तर में भी सुधार होगा, जिससे बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य में सकारात्मक बदलाव आएगा।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि दुग्ध उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ, प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में वृद्धि और सरप्लस दूध के उपयोग को लेकर ठोस कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि दूध उत्पादन से जुड़े किसानों और पशुपालकों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए ताकि वे आधुनिक तकनीकों को अपनाकर अपनी आय को बढ़ा सकें।
बैठक में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के चेयरमैन श्री मिनिष शाह ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में प्रतिदिन 58 लाख किलोग्राम दूध का उत्पादन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली का गहन अध्ययन करने के बाद, दुग्ध उत्पादन और मार्केटिंग को बढ़ाने के लिए एक व्यापक कार्ययोजना तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से पशुपालकों को आधुनिक तकनीक और मशीनों से दूध की गुणवत्ता जांच और तत्काल भुगतान की सुविधा प्रदान की जाएगी। बायोगैस और बायो-फर्टिलाइजर प्लांट की स्थापना से पशुपालकों की अतिरिक्त आय के स्रोत बढ़ेंगे, जिससे पर्यावरणीय संतुलन भी बना रहेगा।
छत्तीसगढ़ को डेयरी उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के सफल क्रियान्वयन से छत्तीसगढ़ को दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा सकते हैं। उन्होंने डेयरी विकास, पशु उत्पादकता संवर्धन, पशु प्रजनन और पशु पोषण को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालिक योजना के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की।
मुख्यमंत्री का आह्वान – पशुपालन से समृद्धि की ओर बढ़े छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार किसानों और पशुपालकों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि आधुनिक तकनीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को नई ऊंचाइयों तक ले जाया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि करने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दृढ़संकल्पित है।
इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त श्रीमती शहला निगार, संचालक पशुपालन श्री रिमिजियूस एक्का सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के द्वारा आयोजित दिव्यागजन सामूहिक विवाह समारोह में 31 दिव्यांग जोड़ों को आशीर्वाद प्रदान किया। उन्होंने सभी नवविवाहित जोड़ों के सुखी वैवाहिक जीवन की मंगलकामना करते हुए कहा कि यह आयोजन सामाजिक समरसता और दिव्यांगजनों के उत्थान का उत्कृष्ट उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। यह आयोजन भी देवतुल्य दिव्यांगजनों की सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने परिषद द्वारा विगत अनेक वर्षों से इस आयोजन को सफलतापूर्वक संचालित करने की सराहना की और इसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाली पहल बताया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने दिव्यांगजनों के सामूहिक विवाह आयोजन को समाज में समावेशिता और समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि दिव्यांगजनों की सेवा केवल एक सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि यह सबसे बड़ा पुण्य का कार्य है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन न केवल 31 नवविवाहित दिव्यांग जोड़ों के लिए नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि यह समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता और सहयोग की प्रेरणा भी देता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक जोड़े को 50,000 रुपये की सहायता दी जाती है। यदि पति-पत्नी दोनों दिव्यांग हैं, तो दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत उन्हें एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि सरकार समाज के कमजोर वर्गों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है।
महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोरमुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी महतारी वंदन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि प्रदेश की लगभग 70 लाख महिलाओं को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। अब तक इस योजना की 12 किश्तें जारी की जा चुकी हैं, जिससे प्रदेश की माताओं और बहनों को आर्थिक संबल मिला है।
उन्होंने कहा कि बेटियां समाज का आधार स्तंभ हैं। वे न केवल परिवार को जोड़ती हैं, बल्कि संस्कारों की वाहक भी होती हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना ने एक दशक पूरा कर लिया है, जिससे बालिकाओं के सशक्तिकरण में अभूतपूर्व सफलता मिली है।
सामूहिक विवाह: सामाजिक समरसता की मिसालमुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सामूहिक विवाह अब सामाजिक परंपरा का हिस्सा बन गए हैं और इससे समाज में जागरूकता बढ़ रही है। उन्होंने इस आयोजन में कान्य कुब्ज ब्राह्मण समाज, मारवाड़ी युवा मंच, सीनियर सिटीजन वेलफेयर फोरम जैसी विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के योगदान की सराहना की और कहा कि ऐसे आयोजन समाज में एकजुटता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देते हैं।
मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्ममुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा धर्म है और निःशक्तजनों की सेवा करना एक सौभाग्य की बात है। उन्होंने सभी स्वयंसेवी संगठनों को इस तरह के सामाजिक समरसता बढ़ाने वाले आयोजनों के लिए प्रेरित किया और आयोजन समिति को भव्य और प्रेरणादायक कार्यक्रम के लिए बधाई दी।
नवविवाहित जोड़ों को मुख्यमंत्री का आशीर्वादमुख्यमंत्री श्री साय ने सभी नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद देते हुए कहा, "आपका दांपत्य जीवन सुखमय रहे, आप प्रेम और विश्वास के साथ आगे बढ़ें। मैं सभी नवविवाहित जोड़ों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।"
विशेष आकर्षण: दिव्यांग बच्चों की सांस्कृतिक प्रस्तुतिइस अवसर पर 'कोपलवाणी' के मूक-बधिर दिव्यांग बच्चों ने छत्तीसगढ़ी गीतों पर सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया। उनकी प्रतिभा ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। मुख्यमंत्री श्री साय एवं उपस्थित अतिथियों ने बच्चों की कला की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद के कार्यों की सराहना की और कहा कि सरकार दिव्यांगजनों के पुनर्वास, चिकित्सा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेगी। इस अवसर पर परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. विनय पाठक ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया और कहा कि जनसहयोग से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण की दिशा में परिषद लगातार कार्य कर रही है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के डुंडा स्थित अशोका पाम मिडोज कॉलोनी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में शामिल हुए। इस पावन अवसर पर उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा रानी से समस्त छत्तीसगढ़वासियों की सुख-समृद्धि, शांति और मंगलमय जीवन की प्रार्थना की। मुख्यमंत्री ने व्यासपीठ का नमन करते हुए कथाव्यास पंडित श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री से आशीर्वाद लिया और श्रीकृष्ण-सुदामा प्रसंग का श्रवण किया।
भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद हम सभी पर बना रहे – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री श्री साय ने कथाव्यास पंडित श्री कृष्ण गौड़ शास्त्री का माता कौशल्या की पावन भूमि छत्तीसगढ़ में हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अत्यंत सौभाग्य की बात है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, बल्कि हमें धर्म, प्रेम और कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है। मैं आशा करता हूँ कि सभी श्रद्धालु इस कथा के दिव्य संदेश को आत्मसात करेंगे और इसे अपने जीवन में अपनाएंगे। भगवान श्रीकृष्ण हम सभी को शक्ति दें कि हम पूरे समर्पण और निष्ठा के साथ छत्तीसगढ़ की जनता की सेवा कर सकें।
छत्तीसगढ़ – भगवान श्रीराम की वनवास स्थली, रामभक्तों के लिए महाकुंभ में विशेष व्यवस्था
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम के वनवास काल का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बीता, और यहां उन्हें "भांचा" के रूप में सम्मान दिया जाता है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार ने "श्रीरामलला दर्शन योजना" के तहत अब तक 20,000 से अधिक रामभक्तों को अयोध्या धाम में श्रीरामलला के दर्शन का सौभाग्य प्रदान किया है।इसके साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रयागराज महाकुंभ के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि 144 वर्षों बाद यह शुभ संयोग आया है, और छत्तीसगढ़ सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए महाकुंभ में 'छत्तीसगढ़ पवेलियन' की विशेष व्यवस्था की है। इस पवेलियन में निःशुल्क आवास, भोजन और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं, ताकि छत्तीसगढ़ से जाने वाले श्रद्धालु सुविधापूर्वक स्नान, दर्शन और धार्मिक अनुष्ठान कर सकें।
मुख्यमंत्री ने श्रीमद्भागवत कथा के सफल आयोजन के लिए सभी आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे आध्यात्मिक आयोजन समाज में सकारात्मक ऊर्जा और धार्मिक चेतना का संचार करते हैं। इस अवसर पर श्री भूपेंद्र सवन्नी, श्री राजीव अग्रवाल, श्री सरल मोदी सहित श्रीमद्भागवत कथा के आयोजकगण, स्थानीय गणमान्यजन और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राष्ट्रीय चेतना की सशक्त स्वर श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान की पुण्यतिथि (15 फरवरी) पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके अप्रतिम योगदान को नमन किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान क्रांतिकारी विचारधारा की संवाहक थीं जिनकी लेखनी ने स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी। उनकी कालजयी रचना ‘झाँसी की रानी’ मात्र कविता नहीं, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम की अमर गाथा है, जिसने प्रत्येक भारतीय के हृदय में स्वाभिमान और संघर्ष की ज्वाला प्रज्वलित की।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुभद्रा जी की कविताएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं, जितनी स्वतंत्रता संग्राम के समय थीं। उनकी लेखनी ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई को ऊर्जा दी और जनमानस में राष्ट्रीय चेतना जागृत की। उनकी रचनाएं न केवल अतीत की गौरवगाथा हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणा का शाश्वत स्रोत बनी रहेंगी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान ने श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए उनके अविस्मरणीय योगदान को नमन किया।मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर युवाओं से आह्वान किया कि वे श्रीमती सुभद्रा कुमारी चौहान के विचारों को आत्मसात कर राष्ट्र के उत्थान में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति समर्पण की भावना को आत्मसात कर ही हम एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकते हैं। -
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खड़िया समाज के वार्षिक सामाजिक सम्मेलन में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री सायरायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने खड़िया अनुसूचित जनजाति उत्थान समिति के वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा किसी भी समाज की प्रगति का सबसे मजबूत आधार है। उन्होंने समाज के सभी प्रबुद्धजनों और युवाओं से शिक्षा को प्राथमिकता देने और अगली पीढ़ी को सही मार्गदर्शन देने का आह्वान किया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि जनजातीय समाज की वास्तविक प्रगति तब होगी जब शिक्षा, आर्थिक सशक्तिकरण और सामाजिक एकता को समान रूप से बढ़ावा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समाज के प्रत्येक वर्ग के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है और आने वाले वर्षों में विकास की नई ऊंचाइयां देखने को मिलेंगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और एकता से ही समाज, राज्य और देश की समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने खड़िया समाज के ऐतिहासिक सफर की चर्चा करते हुए 2011 में समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने के ऐतिहासिक निर्णय को याद किया और इसके लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम की शुरुआत में माता सरस्वती और स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद तेलंगा खड़िया के छायाचित्र पर श्रद्धा-सुमन अर्पित किए गए। इस अवसर पर विधायक एवं सरगुजा क्षेत्र विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष श्रीमती गोमती साय, पूर्व विधायक श्री भरत साय, और समाज के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित थे।
13 महीनों में सरकार ने दिए विकास को नए आयाममुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मात्र 13 महीनों में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की गारंटियों को जमीन पर उतार दिया है। उन्होंने बताया कि सरकार बनने के बाद पहली ही कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख परिवारों को लाभान्वित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि किसानों के हितों को प्राथमिकता देते हुए धान खरीदी की दर ₹3,100 प्रति क्विंटल निर्धारित की गई है, जिससे पिछले दो खरीफ सीजन में किसानों को 21 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान बेचने का लाभ मिला है। इस वर्ष प्रदेश में 149 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया गया है।
वनवासी समाज के उत्थान के लिए सरकार के ठोस प्रयासमुख्यमंत्री श्री साय ने वनवासी समाज के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि तेंदूपत्ता संग्रहण दर को ₹4,000 से बढ़ाकर ₹5,500 प्रति मानक बोरा कर दिया गया है, जिससे लाखों संग्राहकों को सीधा लाभ मिल रहा है। इसके अलावा 70 लाख माताओं-बहनों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए महतारी वंदन योजना के तहत प्रति माह ₹1,000 की आर्थिक सहायता दी जा रही है।
भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना के तहत प्रत्येक वर्ष ₹10,000 की सहायता राशि दी जा रही है, जिससे समाज के सबसे जरूरतमंद वर्ग को सीधा लाभ मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजातीय समाज की शिक्षा और समग्र विकास के लिए पीएम जनमन योजना और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान जैसी योजनाएँ चलाई जा रही हैं।
उन्होंने बताया कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे जनजातीय युवाओं को अधिक अवसर देने के लिए दिल्ली के द्वारका स्थित ट्राइबल यूथ हॉस्टल में सीटों की संख्या 50 से बढ़ाकर 185 कर दी गई है। इसके अलावा, बच्चों की उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य में 341 विद्यालयों को पीएमश्री योजना के अंतर्गत सम्मिलित किया जा रहा है, ताकि वे निजी स्कूलों के समान सुविधाओं का लाभ उठा सकें।
जनजातीय समाज को संगठित होकर आगे बढ़ना होगा: विधायक श्रीमती गोमती सायविधायक श्रीमती गोमती साय ने कहा कि जो समाज शिक्षा, आर्थिक विकास और सामाजिक एकता पर बल देता है, वही उन्नति करता है। उन्होंने जनजातीय समाज के लोगों से एकजुट होकर आगे बढ़ने का आह्वान किया, जिससे हर वर्ग का समग्र विकास संभव हो सके। सभा में उपस्थित सभी लोगों ने जनजातीय समाज की शिक्षा, रोजगार और सामाजिक उत्थान के लिए सामूहिक रूप से कार्य करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर खड़िया समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री मदन नायक, जिला संरक्षक श्री बोध साय मांझी, जिला महामंत्री श्री कृपाल मांझी, जिला उपाध्यक्ष श्री रामसागर सोरेंग और श्री बाल कुमार प्रधान सहित बड़ी संख्या में समाज के गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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रायपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में महाकुंभ आए मंत्रिगणों, सांसद, विधायकों के प्रति आभार जताते हुए कहा कि महाकुम्भ पर्व, भारत की हजारों वर्षों से जागृत सांस्कृतिक एवं अध्यात्मिक ज्ञान की जीवंत ज्योति है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्य नाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के यशस्वी मार्गदर्शन में आस्था का यह दिव्य महोत्सव महाकुम्भ-2025, प्रयागराज सकल विश्व को अपनी भव्यता और दिव्यता के दर्शन करा रहा है। तीर्थराज प्रयाग के अमृत समागम में पधारे श्रद्धालु माँ गंगा, माँ यमुना और माँ सरस्वती के पावन संगम में आस्था की डुबकी लगाकर स्वयं को धन्य कर रहे हैं।उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज महाकुंभ में त्रिवेणी संगम पर माँ गंगा की पूजा-अर्चना कर पुण्य स्नान किया। उन्होंने कहा कि 144 वर्षों बाद महाकुम्भ का शुभ मुहूर्त आया है, जिसके अंतर्गत आज तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान का लाभ प्राप्त हुआ। इस अवसर पर उन्होंने माँ गंगा, यमुना और सरस्वती से प्रदेशवासियों की खुशहाली और आरोग्य की मंगलकामना की है। -
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रायपुर : महाकुंभ 2025 के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज तीर्थराज प्रयाग के त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की मंगलकामना की। उनके साथ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मंत्रिमंडल के सदस्य, विधायकगण एवं उनके परिवारजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने महाकुंभ को सनातन धर्म की दिव्यता और आध्यात्मिक ऊर्जा का महापर्व बताते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति की अनंत शक्ति और सनातन परंपराओं की जीवंतता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि 144 वर्षों बाद आयोजित यह विराट महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि भारत की सनातन लोकतांत्रिक परंपराओं को जानने, समझने और आत्मसात करने का अनुपम अवसर भी है।
मुख्यमंत्री श्री साय रायपुर से प्रयागराज के लिए रवाना हुए, जहां पहुंचने के बाद प्रयागराज एयरपोर्ट से मंत्रिमंडल के सदस्यों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ 5 इलेक्ट्रिक बसों के माध्यम से संगम तट के लिए प्रस्थान किया। अरेल घाट पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री श्री साय एवं अन्य गणमान्यजन मोटर बोट से त्रिवेणी संगम पहुंचे और धार्मिक विधि-विधान के अनुसार माँ गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगाई और प्रदेशवासियों के कल्याण की कामना की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महाकुंभ भारतीय संस्कृति की गौरवशाली विरासत का प्रतीक है, और इसी परंपरा के अनुरूप छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को भी यहां स्थापित करने का संकल्प लिया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारतीय आस्था, परंपरा और लोकतांत्रिक मूल्यों का जीवंत उदाहरण है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि गंगा, यमुना और सरस्वती का यह त्रिवेणी संगम केवल जल का मिलन नहीं, बल्कि अध्यात्म, परंपरा और संस्कृति का महासंगम है। प्रयागराज महाकुंभ न केवल भारत के लिए, बल्कि समूची मानवता के लिए आध्यात्मिक चेतना का केंद्र है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन हमारी आध्यात्मिक जड़ों को सुदृढ़ करने और सनातन संस्कृति के दिव्य स्वरूप को विश्वभर में प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करता है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने उत्तर प्रदेश सरकार एवं मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी की व्यवस्थाओं के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से आए श्रद्धालुओं ने भी इस दिव्य आयोजन और उसकी व्यवस्थाओं की मुक्त कंठ से सराहना की है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सनातन संस्कृति के संवर्धन में योगदान देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ सनातन परंपरा की अमूल्य धरोहर है, जिसे हमें भावी पीढ़ियों तक संरक्षित रखना है।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने छत्तीसगढ़वासियों और समस्त देशवासियों को महाकुंभ की शुभकामनाएँ देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य, समृद्धि और आरोग्य की कामना की। उन्होंने कहा कि महाकुंभ भारतीय सभ्यता के मूल सिद्धांत—धर्म, करुणा, और आध्यात्मिकता—का उत्सव है, जो समाज को नई दिशा देता है और आध्यात्मिक चेतना को जाग्रत करता है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय, राज्यपाल एवं विधानसभा अध्यक्ष समेत सभी मेहमान अरेल घाट पहुंचे घाट से मोटर बोट के जरिए पहुंचे त्रिवेणी संगम के लिए महाकुंभ 2025 के अवसर पर त्रिवेणी संगम में सभी ने लगाई आस्था की डुबकी -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज शाम नया रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में केंद्रीय खाद्य मंत्री श्री प्रहलाद जोशी का आत्मीय स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उन्हें बस्तर आर्ट का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। उल्लखेनीय है कि केंद्रीय मंत्री श्री प्रहलाद जोशी छत्तीसगढ़ प्रवास के तहत रायपुर पहुंचे थे।इस महत्वपूर्ण भेंट के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में किसानों के हित में सरकार द्वारा संचालित योजनाओं और प्रयासों की विस्तार से जानकारी दी। बैठक के दौरान खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, श्री सौरभ सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि रेडियो संचार का एक प्रभावी, विश्वसनीय और जनहितकारी माध्यम है, जो आमजन को सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के साथ-साथ लोक संस्कृति एवं लोकभाषा को सहेजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि डिजिटल युग में भी रेडियो की प्रासंगिकता बनी हुई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में रेडियो न केवल आम जनता तक सरकार की योजनाओं और नीतियों को पहुँचाने का एक सशक्त माध्यम है, बल्कि यह दूर-दराज के गाँवों तक शिक्षा और सामाजिक जागरूकता का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है। -
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ग्राम गहिरा में श्री विष्णु महायज्ञ में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री साय: सामूहिक विवाह में नवविवाहित जोड़ों को दिया आशीर्वाद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज रायगढ़ जिले के लैलूंगा क्षेत्र स्थित ग्राम गहिरा के संत गहिरा गुरु आश्रम पहुंचे, जहां उन्होंने परम पूज्य गहिरा गुरु जी के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया और श्री विष्णु महायज्ञ में सम्मिलित होकर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने संत गहिरा गुरु जी के समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि ग्राम गहिरा से उनका गहरा आत्मीय संबंध रहा है, यह पूज्य संत गहिरा गुरु जी की जन्मस्थली और एक पवित्र धाम है। उन्होंने स्मरण किया कि पहली बार रायगढ़ संसदीय क्षेत्र से सांसद बनने का सौभाग्य भी उन्हें इसी पवित्र भूमि के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ था। उन्होंने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के प्रधानमंत्री कार्यकाल में सांसदों को अपने क्षेत्र के किसी एक गांव को गोद लेकर विकास कार्य करने के लिए कहा गया था, तब उन्होंने ग्राम गहिरा को चुना और यहां विकास कार्य किए, हालांकि कुछ कार्य अधूरे रह गए थे। मुख्यमंत्री के रूप में पुनः ग्राम गहिरा आने पर उन्होंने कहा कि शायद यह उन्हीं अधूरे कार्यों को पूरा करने का अवसर है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने गहिरा गुरु संत समाज द्वारा सनातन धर्म और सामाजिक उत्थान में किए जा रहे योगदान की सराहना करते हुए कहा कि एक समय ऐसा था जब जनजातीय समुदाय में धर्मांतरण, सामाजिक बुराइयाँ और व्यसन बढ़ रहे थे, तब संत गहिरा गुरु जी ने समाज सुधार का बीड़ा उठाया, गांव-गांव में यज्ञ कराए, रामचरितमानस के पाठ करवाए और समाज को आध्यात्मिक रूप से जागरूक किया। उन्होंने कहा कि आज यह संस्था पूरे प्रदेश में सनातन धर्म को सुदृढ़ करने, समाज को जागरूक करने और संस्कृत की शिक्षा को प्रोत्साहित करने का कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने इस बात की भी प्रशंसा की कि संस्था के माध्यम से जनजातीय समुदाय के बच्चे संस्कृत में अध्ययन कर रहे हैं और सनातन संस्कृति के संवर्धन में एक सराहनीय पहल करते हुए विद्यालय व महाविद्यालय संचालित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का अधिकांश समय छत्तीसगढ़ में बिताया था, जिसके प्रमाण आज भी प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर विद्यमान हैं। उन्होंने प्रयागराज महाकुंभ के लिए प्रदेशवासियों को आमंत्रित करते हुए कहा कि श्रद्धालुओं के ठहरने की संपूर्ण व्यवस्था छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में सतत विकास और सुशासन को प्राथमिकता दी जा रही है, जिससे प्रत्येक नागरिक को समृद्धि और सुशासन का लाभ मिले।
मुख्यमंत्री श्री साय ग्राम गहिरा में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हुए और नवविवाहित जोड़ों से परिचय प्राप्त कर उन्हें मंगलमय दांपत्य जीवन का आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में संत गहिरा गुरु जी के आशीर्वाद से सुशासन और विकास का कार्य निरंतर जारी है। हमारी सरकार राज्य की संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं को अक्षुण्ण बनाए रखते हुए छत्तीसगढ़ को विकास की नई ऊंचाइयों की ओर ले जाने के लिए दृढ़संकल्पित हैं। इस अवसर पर संत समाज संस्था अध्यक्ष श्री बबरूवाहन महाराज, सचिव श्री खीरेंद्र महाराज, रवि भगत, शान्ता भगत, मनोज सतपती, भास्कर बेहरा, मधुकर सिंघानिया एवं अन्य गणमान्यजन उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री से मिले सैन्य अधिकारी, छत्तीसगढ़ यात्रा को बताया अविस्मरणीय
नक्सल उन्मूलन से स्मार्ट सिटी तक अधिकारियों ने जाना छत्तीसगढ़ के विकास का सफर
छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और जनकल्याणकारी योजनाओं से प्रभावित हुए अधिकारी
रायपुर : छत्तीसगढ़ बहुत सुंदर प्रदेश है और नैसर्गिक सुंदरता, सांस्कृतिक धरोहर और समृद्ध जैव विविधता इसे खास पहचान देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से आज उनके निवास कार्यालय में नेशनल डिफेंस कॉलेज से आए 18 सैन्य और सिविल सर्विस के अधिकारियों के दल ने छत्तीसगढ़ भ्रमण उपरांत उनसे मुलाकात कर अपने अनुभवों को साझा करते हुए यह बातें कही। मुख्यमंत्री ने उत्सुकता के साथ सभी सैन्य अधिकारियों से उनके छत्तीसगढ़ भ्रमण को लेकर चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने सभी अधिकारियों का आत्मीय स्वागत करते हुए प्रदेश की भौगोलिक विशेषताओं, सांस्कृतिक धरोहर और विकास यात्रा पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ केवल भौगोलिक रूप से ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अद्वितीय है। प्रदेश का 44 प्रतिशत भूभाग वनाच्छादित है, और आदिवासी समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक परंपरा हमारी धरोहर का अभिन्न अंग हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ का सौंदर्य अनुपम है। आपने जो यात्रा की है, वह सिर्फ प्राकृतिक दृश्यों का अनुभव नहीं, बल्कि एक जीवंत संस्कृति और इतिहास से जुड़ा हुआ सफर भी है। यह अनुभव सदैव आपकी स्मृतियों में अंकित रहेगा।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सल उन्मूलन को लेकर किए जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नक्सल उन्मूलन की दिशा में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। हम न केवल सुरक्षा दृष्टिकोण से बल्कि शिक्षा, बुनियादी ढांचे और आर्थिक अवसरों के माध्यम से भी इस समस्या का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने औद्योगिक और शहरी विकास के साथ-साथ ग्रामीण एवं आदिवासी समुदायों के उत्थान पर भी समान रूप से ध्यान दिया है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का प्रयास है कि छत्तीसगढ़ आत्मनिर्भरता, नवाचार और उत्कृष्ट शासन प्रणाली का उदाहरण बने। आपका यह भ्रमण हमारे प्रयासों को एक राष्ट्रीय और वैश्विक दृष्टिकोण से देखने का अवसर प्रदान करता है।
नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्होंने अपने प्रवास के दौरान आईआईएम रायपुर, इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर, ग्रीन फील्ड सिटी और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं का अवलोकन किया। इसके अलावा उन्होंने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कानून व्यवस्था और नक्सल उन्मूलन अभियान के संबंध में चर्चा की। अधिकारियों ने सिरपुर, एजुकेशन सिटी दंतेवाड़ा, कांकेर वुड आर्ट सेंटर, जंगल वारफेयर कॉलेज, कोंडागांव के टाटामारी और शिल्पग्राम, बादल एकेडमी और चित्रकोट जलप्रपात का भ्रमण किया।
दल का नेतृत्व कर रहे एडमिरल संदीप सिंह संधु ने बताया कि नेशनल डिफेंस कॉलेज के द्वारा प्रति वर्ष एक वर्षीय कोर्स संचालित किया जाता है, जिसमें सेना, सिविल सेवा और अंतरराष्ट्रीय रक्षा अधिकारियों को रणनीतिक विषयों पर प्रशिक्षित किया जाता है। इस वर्ष 124 अधिकारी इस कोर्स में शामिल हैं, जिनमें 13 भारतीय और 5 अन्य देशों के अधिकारी छत्तीसगढ़ के सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक ढांचे को समझने के लिए भ्रमण पर आए है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक श्री विवेकानंद सिन्हा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री राहुल भगत, श्री पी. दयानंद और डॉ. बसवराजू एस उपस्थित रहे। नेशनल डिफेंस कॉलेज के अधिकारियों में ब्रिगेडियर अमितोज सिंह, श्री संदीप कुमार मिश्रा, कोमोडोर कार्तिक मूर्ति, ब्रिगेडियर अनिरुद्ध सिंह कंवर, एयर कोमोडोर शेखर यादव, ब्रिगेडियर गुरप्रीत सिंह मान, ब्रिगेडियर रजनीश मोहन, कैप्टन एम. व्ही. ओरपे सहित श्रीलंका, मोरक्को, नाइजीरिया, नेपाल और यूएई के अधिकारी शामिल थे। -
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श्रीकोट आश्रम में गुरुमाता पूर्णिमा जी के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर : यह हम सभी के लिए अत्यधिक गौरव का विषय है कि हम इस पवित्र स्थल पर एकत्रित होकर परम पूज्य संत गहिरा गुरु जी और माता पूर्णिमा जी के योगदान को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि माता पूर्णिमा जी का जीवन पूरी तरह से त्याग, तपस्या और समाज सेवा की अद्वितीय मिसाल प्रस्तुत करता है। उनका विग्रह समाज के कल्याण के प्रति उनके अडिग समर्पण का प्रतीक है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज श्रीकोट आश्रम बलरामपुर में परम पूज्य संत गहिरा गुरु की धर्मपत्नी पूर्णिमा जी के विग्रह की प्राण-प्रतिष्ठा के विशेष अवसर पर यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि संत गहिरा गुरु जी ने गृहस्थ जीवन में रहते हुए भी समाज की सेवा का सर्वोत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने दीन-हीन और असहायों की सेवा को अपना परम धर्म माना और सत्य, शांति, दया और क्षमा के सिद्धांतों को धर्म के अमूल्य स्तंभ के रूप में स्थापित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने संत गहिरा गुरु जी द्वारा आदिवासी समुदायों के उत्थान में दिए गए अतुलनीय योगदान की सराहना की। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रवासियों को इस पावन अवसर पर शुभकामनाएं दी और उन्हें आह्वान किया कि वे माता पूर्णिमा जी और संत गहिरा गुरु जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारते हुए समाज को एक नई दिशा देने हेतु मनोयोग से जुट जाएं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यहां आने पर मुझे माता के विग्रह के दर्शन सौभाग्य मिला, उनका सजीव और मनोरम विग्रह देखकर ऐसा लगा मानो किस क्षण वह बोल उठे। श्री साय ने गहिरा गुरु जी का स्मरण करते हुए कहा कि गहिरा गुरु जी आदिवासी समाज के बड़े संत हुए, जिनके उपदेशों और कथनों के जरिए पूरे समाज ने सत्य सनातन धर्म का महत्त्व जाना। उन्होंने कहा कि विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में विकास से पिछड़े हुए आदिवासी समुदाय के जीवन में गहिरा गुरु महाराज के उपदेशों से आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक सुधार आया।श्री साय ने कहा कि मेरा सौभाग्य रहा कि गहिरा गुरु समाज का आशीर्वाद मुझे मिलता रहा। रायगढ़ के सांसद रहते गहिरा गुरु महाराज के जन्म ग्राम को गोद लेकर उसका विकास करने का सौभाग्य मिला। आज उनके आदर्शों को आत्मसात कर समाज आगे बढ़ रहा है। जगह-जगह संस्कृत महाविद्यालय खुल रहे हैं और आदिवासी समाज लगातार आगे बढ़ रहा है। समारोह में बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।