आपको बता दें कि, सभी अफसरों पर भाजपा शासनकाल के दौरान करीब 14 वर्षों में फर्जी एनजीओ बनाकर 1000 करोड़ रुपए के घोटाला करने का आरोप है. इन्होंने अलग-अलग नामों से NGO बनाकर शासन के कई कार्य और योजनाओं के तहत पैसे रिलीज करवाये और कमीशनखोरी की. इनमें से एक पूर्व आईएएस अफसर बीएल अग्रवाल को भ्रष्टाचार के मामलों के तहत जबरिया सेवानिवृत्ति दी गई थी. जबकि कई आरोपी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
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मुंबई। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता वारिस पठान के आपत्तिजनक बयान पर विवाद जारी है। एक ओर जहां सत्ताधारी और विपक्षी पार्टियां वारिस पठान के बयान की आलोचना कर रही हैं। वहीं बॉलीवुड भी उनके बयान को गलत बता रहा है। स्वरा भास्कर और राहुल महाजन के बाद अब गीतकार जावेद अख्तर ने वारिस पठान को फटकार लगाई है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जावेद अख्तर ने कोल्हापुर में आयोजित एक कार्यक्रम में वारिस पठान को जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने वारिस पठान को मुस्लिम लीग की मानसिकता वाला बताया। जावेद अख्तर ने कहा, 'देश में मुस्लिम लीग की मानसिकता आजादी के बाद भी पूरी तरह नहीं गई और इसका उदाहरण वारिस पठान जैसे लोग हैं। तुम किसके नौकर हो... तुम्हें 15 करोड़ मुसलमानों का ठेका किसने दिया है?'
बता दें वारिस पठान ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शनों के बीच उत्तरी कर्नाटक के कालाबुर्गी में सीएए विरोधी रैली को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने ये आपत्तिजनक बयान दिया। जिसका वीडिया सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में वारिस पठान कहते हैं, 'ईंट का जवाब पत्थर से देना सीख लिया है हमने, मगर इकट्ठा होकर चलना पड़ेगा, आजादी लेनी पड़ेगी, और जो चीज मांगने से नहीं मिलती उसको छीनकर लेना पड़ेगा। अब वक्त आ गया है, हमको बोला मां बहनों को आगे भेज दिया, अरे भाई अभी तो सिर्फ शेरनियां बाहर निकली हैं और तुम्हारे पसीने छूट गए हैं, अगर हम लोग साथ में आ गए तो क्या होगा। हम 15 करोड़ हैं लेकिन 100 करोड़ पर भारी हैं, याद रख लेना ये बात।' -
नई दिल्लीः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भारत यात्रा से पहले कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने पूछा है कि क्या ‘हाउडी मोदी’ जैसा ही ‘नमस्ते ट्रंप’ कार्यक्रम होगा. कांग्रेस ने सरकार से पूछा कि ट्रंप के कार्यक्रम में विपक्षी नेताओं को क्यों नहीं बुलाया गया. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पूछा कि डोनाल्ड ट्रंप अभिनंदन समिति के अध्यक्ष कौन हैं?
कांग्रेस पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर पूछा, कृपया बताइए कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अभिनंदन समिति का प्रमुख कौन है? ट्रंप को कब आमंत्रित किया गया और यह आमंत्रण कब स्वीकार हुआ? राष्ट्रपति ट्रंप क्यों कह रहे हैं कि आपने उनके स्वागत के लिए 70 लाख लोगों की उपस्थिति वाले कार्यक्रम का वादा किया है?
ट्वीट कर सुरजेवाल ने यह भी पूछा कि पीएम नरेंद्र मोदी जी, फिर गुजरात सरकार उस 3 घंटे के कार्यक्रम के लिए 120 करोड़ रुपये क्यों खर्च कर रही है, जिसका आयोजन अनाम निजी इकाई की ओर से किया जा रहा है? इससे पहले कांग्रेस ने सवाल पूछे थे कि अगर हाउडी मोदी कार्यक्रम के तर्ज पर नमस्ते ट्रंप का आयोजन किया जा रहा है तो फिर विपक्षी दलों के नेताओं को क्यों नहीं बुलाया गया है.
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बेंगलुरु : नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ बेंगलुरु में आयोजित रैली में मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवती अमूल्या लियोन के घर पर चिकमंगलूर में देर रात कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। पुलिस मामले की जांच कर रही है। बता दें कि गुरुवार को अमूल्या के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं इसपर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का बयान आया है। येदुयुरप्पा ने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाली युवति को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। उसके पिता ने कहा कि वे उसे नहीं बचाएंगे। इससे अब ये साबित हो चला है कि उसका नक्सलियों से संबंध है। इसके लिए जरूरी सजा दी जानी चाहिए।
गौरतलब है कि अमूल्या ने गुरुवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की रैली में मंच पर चढ़ने के बाद माइक लेकर पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाना शुरू कर दिया था। अपने मंच से पाकिस्तान जिंदाबाद का नारा लगाए जाने की ओवैसी ने भी निंदा की थी। अमूल्या के पिता ने भी अपनी बेटी की हरकतों की निंदा करते हुए कहा कि उसने बिल्कुल गलत किया। मैंने उसे कई बार कहा कि वह मुसलमानों से न जुड़े, लेकिन उसने मेरी एक न सुनी।
असदुद्दीन ओवैसी ने मंच पर चढ़ी अमूल्या के बारे में कहा, मैं उसके बयान की निंदा करता हूं। हमारे लिए भारत जिंदाबाद था, जिंदाबाद रहेगा। उन्होंने कहा कि हम भारत के लिए हैं और किसी भी तरह दुश्मन देश का समर्थन नहीं करते। -
नई दिल्ली : राजस्थान के नागौर से दिल दहलाने वाली ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं यहां चोरी के आरोप में दो दलित युवकों को बेरहमी से पीटा गया, प्राइवेट पार्ट में पेट्रोल डाल दिया गया, स्क्रूड्राइवर का भी इस्तेमाल किया. इस वीडियो के आने के बाद एक बार फिर दलित उत्पीड़न को लेकर बहस शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर इस घटना की आलोचना की है और राज्य सरकार से एक्शन लेने की बात कही है.
सोशल मीडिया पर वायरल हुआ नागौर का ये वीडियो भले ही कुछ दिन पुराना हो, लेकिन अब इसने देश की राजनीति में भूचाल ला दिया है. वीडियो में दो दलित युवक बचने के लिए चिल्ला रहे हैं, पीटने वालों से लगातार माफी मांग रहे हैं और बार-बार छोड़ देने की अपील कर रहे हैं लेकिन मारने वालों पर कोई फर्क नहीं पड़ रहा है. घटना के बाद भारतीय जनता पार्टी की ओर से राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा जा रहा है.
ये वीडियो राजस्थान के नागौर जिले का है. पांचौड़ी थाना क्षेत्र के करणु सर्विस सेंटर में दो युवकों पर चोरी करने का आरोप लगाया गया. जिसके बाद सर्विस सेंटर के वर्कर्स ने दोनों को पीटा. घीसाराम और पन्नालाल दो दलित युवक सर्विस सेंटर पर किसी काम से गए थे. इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है और कार्रवाई की जा रही है. नागौर के ASP राजकुमार के मुताबिक, ये वीडियो 16 फरवरी का है.
पुलिस ने इस मामले में IPC की धारा 342, 323, 341, 143 और SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया है. पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR में सात लोगों के नाम सामने आए हैं, इनमें भीम सिंह, ऐदान सिंह, जस्सू सिंह, सवाई सिंह शामिल हैं. इस घटना को अंजाम देने वाले सातों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, साथ ही निष्पक्ष जांच भी की जा रही है. इस मामले की जांच नागौर ASP राजकुमार, DSP मुकुल शर्मा कर रहे हैं.
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नई दिल्ली: उपहार त्रासदी मामले में पीडितों की क्यूरेटिव याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. क्यूरेटिव याचिका की खुली अदालत में मांग भी खारिज कर दी. ये विचार CJI एसए बोबडे, जस्टिस एन वी रमना और जस्टिस अरुण मिश्रा चेंबर में किया. सुप्रीम कोर्ट ने गोपाल अंसल की सजा बढाने की मांग भी ठुकराई. दोषी सुशील अंसल की उम्र और बीमारी के चलते सजा माफ करने का फैसला बरकरार रखा है. अब अंसल बंधु आगे जेल नहीं जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने उपहार केस को दोबारा खोलने से इनकार किया है. बताते चले कि ये 13 फरवरी का फैसला है जो अब आया है.
पीडितों ने सुप्रीम कोर्ट के 2016 के उस आदेश पर क्यूरेटिव याचिका दाखिल की है जिसमें पुनर्विचार याचिका पर खुली अदालत में सुनवाई के बाद सुशील अंसल की उम्र और बीमारी के चलते जेल की सजा को माफ कर दिया था. जबकि गोपाल अंसल की एक साल की सजा को बरकरार रखा था. आपको बता दें कि नवंबर 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में गोपाल और सुशील अंसल को तीन महीने के भीतर 30-30 करोड़ रुपये का जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया गया था.
सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने उम्र के आधार पर कहा था कि जुर्माना ना देने की सूरत में 2 साल जेल की सजा दी जाएगी. इस फैसले के बाद उपहार हादसा पीड़ित असोसिएशन की प्रमुख नीलम कृष्णामूर्ति और सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल की थी. सुशील अंसल पांच महीने जबकि गोपाल अंसल चार महीने की सजा काट चुके थे. इससे पहले दो जजों की बेंच ने अलग-अलग फैसले सुनाए जिसकी वजह से मामले को तीन जजों की बेंच में भेजा गया था. गौरतलब है कि 1997 में हिन्दी फिल्म ‘बार्डर' के प्रदर्शन के दौरान हुए इस अग्निकांड में 59 दर्शकों की मृत्यु हो गई थी और भगदड़ में 103 लोग जख्मी हुए थे. -
नई दिल्ली: बंगाली फिल्मों के जाने माने अभिनेता एवं तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद तापस पॉल के निधन के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की 'बदले की राजनीति' की वजह से मैंने तीन मौतें देखी हैं. तापस पॉल का मंगलवार को मुंबई में दिल का दौरे पड़ने की वजह से निधन हो गया था. उनके चिटफंड मामले में कथित तौर पर लिंक होने की जांच चल रही थी. इस मामले में बंगाल में सत्तारुढ़ दल टीएमसी के कई और नेता भी आरोपी हैं.मुख्यमंत्री ने कहा, 'केंद्र सरकार की बदले की राजनीति निंदनीय है. मैंने इसकी वजह से अपनी आंखों के सामने तीन मौतें देखी हैं. कानून को खुद का काम खुद करना चाहिए, लेकिन दिनों दिन अपमान लोगों को खत्म कर रहा है.'
बता दें, तापस पॉल का मंगलवार तड़के दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 61 साल के थे. परिवारिक सूत्रों ने बताया कि पॉल अपनी बेटी से मिलने मुम्बई गए थे. कोलकाता लौटते समय मुम्बई हवाई अड्डे पर उन्हें सीने में दर्द की शिकायत हुई जिसके बाद उन्हें जुहू के एक अस्पताल ले जाया गया, सुबह करीब चार बजे उनका निधन हो गया. उन्हें हृदय संबंधी बीमारियां थीं और पिछले दो साल से उनका इलाज चल रहा था.
पॉल कृष्णानगर से दो बार सांसद और अलीपुर से विधायक रह चुके हैं. उनके परिवार में पत्नी और एक बेटी है. पॉल का जन्म हुगली जिले के चंदन नगर में हुआ था और हुगली मोहसिन कॉलेज ने उन्होंने स्नातक किया था. सीबीआई ने 2016 में रोज़ वैली चिटफंड मामले में उन्हें गिरफ्तार किया था और करीब 13 महीने बाद उन्हें जमानत मिली थी. इसके बाद से ही उन्होंने फिल्मों और सक्रिय राजनीति दोनों से दूरी बना ली थी.
उन्होंने ‘साहेब' (1981), ‘परबत प्रिया' (1984), ‘भालोबाशा भालोबाशा' (1985), ‘अनुरागर चोयन' (1986) और ‘अमर बंधन' (1986) जैसी कई हिट फिल्में दी. फिल्म ‘साहेब' (1981) के लिए उन्हें ‘फिल्मफेयर' पुरस्कार भी मिला था. बॉलीवुड में उन्होंने अपनी पारी की शुरुआत 1984 में फिल्म ‘अबोध' से की थी. -
वॉशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 से 25 फरवरी तक अपने पहले भारत दौरे पर आ रहे हैं। इस दौरे के शुरू होने से पहले उन्होंने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। ट्रंप ने ट्रेड डील पर आशंका जताई और कहा है कि भारत ने उनके देश के साथ अच्छा बर्ताव नहीं किया है। आपको बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफप कर चुके हैं। अपना दौरा शुरू करने से पहले उन्होंने कहा था कि वह अपने भारत दौरे को लेकर काफी उत्साहित हैं। ट्रंप का पहला पड़ाव गुजरात का अहमदाबाद होगा और यहां से वह नई दिल्ली आएंगे। पिछले दिनों व्हाइट हाउस की तरफ से उनके इस दौरे की आधिकारिक पुष्टि की गई थी।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि वह भारत के साथ एक बड़ी डील करना चाहते हैं लेकिन अभी उसके लिए समय नहीं है। ट्रंप ने कहा उन्हें नहीं मालूम कि यह अमेरिकी चुनाव से पहले हो पाएगाी या फिर नहीं। राष्ट्रपति ट्रंप ने पीएम मोदी की तारीफ की और कहा कि वह उन्हें बहुत पसंद करते हैं। भारत और अमेरिकी के व्यापारिक रिश्ते पर ट्रंप ने कहा कि भारत ने हमारे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया है। लेकिन उन्हें भारत दौरे से काफी उम्मीदें हैं। -
एजेंसीलखनऊ: यूपी विधानसभा में मंगलवार को यूपी सरकार ने 5 लाख 12 हजार 860 करोड़ 72 लाख रुपये (5,12, 860. 72 करोड़ रुपये) का बजट पेश किया। जो अबतक का सबसे बड़ा बजट है। बजट में 10 हजार 967 करोड़ 87 लाख रुपये(10,967,87 करोड़ रुपये) की नई योजनाएं सम्मलित की गई हैं। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि ये यूपी सरकार का चौथा बजट है। यूपी में जब हमारी सरकार बनी थी तो काफी चुनौतियां थीं जिसे एक एक करके ठीक किया जा रहा है। कानून व्यवस्था पर हमारी सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। इस दौरान वित्त मंत्री ने एक कविता पढ़ी जिसपर सदन में खूब तालियां बजीं।
बजट की बड़ी बातें-
कन्या सुमंगल योजना के लिए 1200 करोड़।एक ट्रिलियन का लक्ष्य रखा।साइबर क्राइम के लिए 3 करोड़।पुलिस फॉरेंसिक के लिए 20 करोड़।पूर्वाचल एक्सप्रेस वे का शिलान्यास हुआ।पुलिस कमिश्ररी सिस्टम लागू किया गया।डिफेंस एक्सपों में 23 एमओयू साइन हुए।दुष्कर्म की घटनाओं में 35 प्रतिशत की कमी आई।महिला सुरक्षा के लिए कई कदम उठाए गए।बुंदेलखंड के विकास के लिए एक्सप्रेस वे।हर जिले में युवा हब के लिए 50 करोड़।पुलिस विभाग के लिए 600 करोड़।युवाओं को 2500 रुपये हर महीनायुवाओं को रोजगार के लिए 1200 करोड़।पुलिस को आधुनिक बनाने के लिए 122 करोड़।अयोध्या एअरपोर्ट के लिए 500 करोड़।गोरखपुर समेत कई शहरों में आएगी मेट्रो।पीजीआई के लिए 820 करोड़।जेवर एअरपोर्ट के लिए 2000 करोड़।गन्ना का 325 रुपये क्विंटल समर्थन मूल्य।मेडिकल कॉलेज लखनऊ को 919 करोड़।कैंसर संस्थान के लिए 187 करोड़।20 नवीन कृषि विज्ञान संस्थान केंद्र खोले जा रहे।राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए 4000 करोड़।कानपुर मेट्रो के लिए 358 करोड़ रुपये।निराश्रति महिलाओं के लिए 500 करोड़ रुपये।इस साल 60 लाख टन से ज्यादा चीनी का उत्पादन।चीनी मिलों की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा।86700 करोड़ रुपये किसानों को भुगतान।लखनऊ, आगरा में भी इलेक्ट्रिक बस।बुंदेलखंड, विंध्य क्षेत्र के लिए विशेष बजट दिया जाएगा।प्रदेश में 2 लाख करोड़ का निवेश आया।माध्यमिक टीचर की नियुक्ति यूपीपीएससी से।ग्रामीण पाइप योजना के लिए 3300 करोड़ रुपये।बमरौली प्रयागराज के लिए 4 लेन सड़क का निर्माण।फूड प्रोसेसिंग को बढ़ावा देंगे।वाराणसी प्रयागराज में इलेक्ट्रिक बस चलेंगी।रिटायर शिक्षकों की तैनाती होगी।तुलसी भवन स्मारक के लिए 10 करोड़।शिक्षा के लिए 18363 करोड़ रुपये की व्यवस्था।यूपी में हवाई कनेक्टीविटी बढ़ेगी।महिलाओं के लिए डॉयल 112 की सुविधा।अटल आवासीय विद्यालय के लिए 270 करोड़ रुपये।किसान पेंशन के लिए... करोड़ रुपये।स्वच्छ भारत मिशन के लिए 5791 करोड़ रुपये।अयोध्या में पर्यटक की सुविधाओं के लिए 85 करोड़।काशी विश्वनाथ कॉरीडोर के लिए 200 करोड़।गांवों में जल जीवन मिशन के लिए 3000 करोड़।ग्रामीण सड़क के लिए 2305 करोड़।यूपी में नीति आयोग का होगा गठन।मदरसों के लिए 479 करोड़।वाराणसी में संस्कृति केंद्र के लिए 180 करोड़।
कितना था याेगी सरकार का तीसरा बजट ?गौरतलब है कि पिछले वर्ष यानी हाल ही में बीते 2019 में योगी सरकार ने 4 लाख 79 हजार 701 करोड़ 10 लाख रुपए का अपना तीसरा बजट पेश किया था। यूपी सरकार का वह बजट उसके पिछले बजट के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक था। पिछले वर्ष के बजट में योगी सरकार ने 21 हजार 212 करोड़ 95 लाख रुपये की नई योजनाओं को शामिल किया था। -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : शाहीन बाग में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही महिलाएं गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकती हैं। महिलाएं रविवार (16 फरवरी) दोपहर 2 बजे गृह मंत्री के आवास पहुंच सकती हैं। शाह ने सीएए का विरोध करने वालों से बातचीत की पेशकश की है जिसके बाद शाहीन बाग की महिलाओं ने इस प्रस्ताव पर हामी भरते हुए इसे स्वीकार कर लिया है।
शाह ने हाल में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून पर जिसको चर्चा करनी है, वह उनके ऑफिस से समय मांग सकता है। वह तीन दिन के भीतर चर्चा करेंगे।’ -
दिल्ली में तीसरी बार सरकार बनाने जा रही आम आदमी पार्टी (आप) ने रविवार 16 फरवरी को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह के लिए दिल्ली के सभी लोगों को आमंत्रित किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह साफ कर दिया कि अरविंद केजरीवाल के शपथ ग्रहण समारोह में आने के लिए डॉक्टर, पुलिस, शिक्षक, किसान, सफाई कर्मी, बस मार्शल और आंगनवाड़ी कर्मियों को आमंत्रित किया गया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा नेता शिक्षकों की इज्जत करना नहीं जानते, इसलिए उन्हें शपथ ग्रहण में बुलाने पर बेवजह के बयान दे रहे हैं। सिसोदिया ने कहा कि 'आप' शिक्षकों के साथ ही दिल्ली के हर व्यक्ति का सम्मान करती है इसलिए सभी को आमंत्रित किया गया है। -
बंबई हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि जो लोग शांतिपूर्ण तरीके से किसी कानून का विरोध कर रहे हैं, उन्हें राष्ट्र विरोधी और देशद्रोही नहीं कहा जा सकता. बंबई हाई कोर्ट की औरंगाबाद बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन के लिए पुलिस ने अनुमति नहीं दी थी.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, बेंच ने आदेश में कहा, 'ऐसे विरोध-प्रदर्शनों से सीएए के प्रावधानों के उल्लंघन का सवाल ही पैदा नहीं होता. इस कोर्ट से ऐसे लोगों के अधिकार पर विचार करने की उम्मीद की जाती है. चूंकि लोग किसी कानून का विरोध करना चाहते हैं, सिर्फ इसलिए उन्हें देशद्रोही या राष्ट्र विरोधी कहा नहीं जा सकता. यह सीएए की वजह से सरकार के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन है.'
इसी के साथ बेंच ने बीड जिले के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (ADM) और माजरगांव सिटी पुलिस के दो आदेशों को भी रद्द कर दिया. पुलिस ने एडीएम के आदेशों का हवाला देते हुए प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी. बेंच ने कहा, 'भारत को ऐसे प्रदर्शनों के कारण ही स्वतंत्रता मिली है, जो अहिंसक थे. इस अहिंसा के रास्ते को ही आज तक लोग मानते आ रहे हैं. हम खुशनसीब हैं कि इस देश के ज्यादातर लोग आज भी अहिंसा में यकीन रखते हैं.'
बंबई हाई कोर्ट ने आदेश में कहा, 'इस मामले में भी याचिकाकर्ता और लोग अपना विरोध जताने के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहते हैं. ब्रिटिश शासन के दौरान हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और प्रदर्शनों के पीछे की विचारधारा के कारण ही हमने अपना संविधान बनाया. यह कहा जा सकता है कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन लोग अपनी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर सकते हैं. लेकिन जमीन पर विरोध को दबाया नहीं जा सकता.' बेंच ने आगे कहा, 'ऐसे मामलों में यह भी देखना होगा कि क्या चुनौती के तहत नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होता है.' -
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) बकाए का भुगतान करने के आदेश का अनुपालन न करने पर शुक्रवार को दूरसंचार कंपनियों को फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा, हमें नहीं मालूम कि कौन ये बेतुकी हरकतें कर रहा है, क्या देश में कोई कानून नहीं बचा है. बेहतर है कि इस देश में न रहा जाए और देश छोड़ दिया जाए. शीर्ष कोर्ट ने कहा, ”यदि एक डेस्क अधिकारी न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने की धृष्टता करता है तो फिर सुप्रीम कोर्ट को बंद कर दीजिए.”
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाए को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों और कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था. इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी. सुप्रीम कोर्ट ने दूरसंचार एवं अन्य कंपनियों के निदेशकों, प्रबंध निदेशकों से यह बताने को कहा कि एजीआर बकाए के भुगतान के आदेश का अनुपालन नहीं किए जाने को लेकर उनके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों नहीं की जाए.
जस्टिस अरुण मिश्रा, जस्टिस एस. अब्दुल नजीर और जस्टिस एम.आर.शाह की पीठ ने आदेश का अनुपालन नहीं होने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए दूरसंचार विभाग के डेस्क अधिकारी के उस आदेश पर अफसोस जताया, जिससे एजीआर मामले में दिए गए फैसले के अनुपालन पर रोक लगी.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने एजीआर बकाए को लेकर सुनवाई करते हुए दूरसंचार कंपनियों तथा कुछ अन्य कंपनियों को दूरसंचार विभाग को 1.47 लाख करोड़ रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया था. इसके भुगतान की समयसीमा 23 जनवरी थी.
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नई दिल्ली : गैस सिलेंडर के दाम बढऩे के तुरंत बाद देश के सियासी हलकों से केंद्र सरकार को कढ़ी आलोचनाओं का शिकार करना पड़ रहा था। राहुल गांधी ने तो स्मृति ईरानी की पुरानी तस्वीर को ट्वीट कर कटाक्ष भी किया। इसी बीच सरकार की ओर से ऐसी चाल चल दी कि जिससे विपक्षियों का मुंह बंद हो गया है। देश के 25 करोड़ घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को राहत देते हुए गैस सबसिडी को दोगुना करने का ऐलान कर दिया है। वहीं सरकार ने इस बात के भी संकेत दे दिए हैं कि अब गैस की कीमत इंटरनेशनल मार्केट के हिसाब से तय होगी।
सरकार की ओर से ऐलान किया गया है कि घरेलू गैस सिलेंडर पर 154 रुपए की जगह 291 रुपए की सबसिडी दी जाएगी। वहीं सबसिडी की राशि बढ़ जाने से कन्ज्यूमर इंटरनेशनल मार्केट में गैस की कीमत में उठापटक से प्रभावित नहीं होंगे। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वालों को अब 175 रुपए की जगह 312 रुपए सबसिडी दी जाएगी। आपको बता दें कि इंडियन ऑयल ने 14.2 किलो वाले सिलेंडर 144.50 रुपए और 5 किलो वाले सिलेंडर 52 रुपए बढ़ा दिए थे। अब राजधानी दिल्ली में 14.2 किलो के सिलेंडर की कीमत 858.50 रुपए हो गया है। कोलकाता में 149 रुपए की बढ़ोतरी के साथ 896 रुपए, मुंबई में 145 रुपए के इजाफे के साथ 829.50 रुपए और चेन्नई में 147 रुपए की बढ़त के साथ घरेलू गैस सिलेंडर के दाम 881 रुपए हो गए हैं। तेल एवं गैस विपणन कंपनियों के 12 फरवरी बुधवार को ही गैस की कीमतों में बढ़ोतरी की थी।
सरकार के इस ऐलान के बाद देश के करीब 25 करोड़ घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ताओं को इसका फायदा होगा। मौजूदा समय में देश में कुल 27.6 करोड़ घरेलू गैस सिलेंडर उपभोक्ता है। जिनमें करीब 2 करोड़ उपभोक्ताओं ने पीएम मोदी के आग्रह पर गैस सिलेंडर पर से सबसिडी छोड़ दी है। जिसके बाद सबसिडी पाने वाले लोगों की संख्या करीब 25 करोड़ हो जाती है। करीब 200 रुपए की सबसिडी देश की जनता को काफी राहत देगी। -
नई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को पुलवामा हमले की बरसी पर शहीद जवानों को याद किया और सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि आखिर इस हमले का सबसे ज्यादा फायदा किसे हुआ, इसकी जांच में क्या निकला और सरकार में किस व्यक्ति को जवाबदेह ठहराया गया।
राहुल गांधी ने शहीद जवानों के पार्थिव शरीर वाले ताबूतों की तस्वीर शेयर करते हुए ट्वीट किया, ”आज जब हम पुलवामा हमले में शहीद हुए 40 जवानों को याद कर रहे हैं तो हमें यह पूछना है कि इस हमले से सबसे ज्यादा फायदा किसको हुआ?” उन्होंने यह सवाल भी किया, ”हमले की जांच में क्या निकला? हमले से जुड़ी सुरक्षा खामी के लिए भाजपा सरकार में अब तक किसको जवाबदेह ठहराया गया है?”
राहुल गांधी के इस ट्वीट के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता कपिल मिश्रा ने कांग्रेस नेता पर पलटवार किया है। कपिल मिश्रा ने अपने ट्वीट में लिखा, “शर्म करो राहुल गांधी। पूछते हो पुलवामा हमले से किसका फायदा हुआ? अगर देश ने पूछ लिया कि इंदिरा राजीव की हत्या से किसका फायदा हुआ, फिर क्या बोलोगे। इतनी घटिया राजनीति मत करो, शर्म करो।”
उल्लेखनीय है कि, ठीक एक साल पहले 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले की पहली बरसी पर पूरा देश शोक में डूबा हुआ है। -
नई दिल्ली /रायपुर : प्रदेश के बहुचर्चित समाज कल्याण विभाग में हुए 1 हजार करोड़ के घोटाले के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई सुप्रीम कोर्ट ने घोटाले की सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है बता दें कि इस मामले में कई आईएएस अधिकारी समेत समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को पक्षकार बनाया गया था। इसको लेकर हाईकोर्ट में भी रिव्यू पिटीशन दाखिल कि गई थी लेकिन उसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था जिसके बाद पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को नोटिस देने का निर्देश देते हुए अगली सुनवाई तय की है।
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लखनऊ: आज से यूपी विधानसभा का बजट सत्र शुरू होते ही सीएए-एनआरसी और एनपीआर के मुद्दे पर विपक्षी विधायकों ने हंगामा किया. सपा-बीएसपी के विधायकों ने पोस्टर बैनर के साथ विरोध किया. विपक्षी विधायकों ने वेल में आकर नारेबाजी की. वहीं, कांग्रेस के विधायकों ने विधानसभा के गेट पर प्रदर्शन किया. उन्होंने हाथों में तख्तियां थाम रखीं थी जिन पर सरकार को किसान और महिला विरोधी बताया गया था. साथ ही उन्होंने सरकार से नागरिकता क़ानून वापस लेने की मांग की. कांग्रेस विधायकों का कहना है कि सरकार असल मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए नागरिकता कानून लेकर आई है.
विपक्षी विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण में भी हंगामा किया. जैसे ही राज्यपाल आनंदीबेन पटेल अपना अभिभाषण पढ़ने के लिए उठीं, वैसे ही समाजवादी पार्टी के विधायक सदन के बीचे में जाकर प्रदर्शन करने लगे और कुछ वहीं बैठ गए. इनमें से कुछ विधायकों ने सीएए, एनआरसी के खिलाफ प्ले कार्ड हाथ में ले रखे थे. कुछ विधायक अपनी पीठ पर गैस सिलेंडर लेकर पहुंचे थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सदन में ही थे. कुछ समाजवादी और कांग्रेस विधायक विधानसभा के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे. कुछ कांग्रेस विधायक महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए रिक्शावालों को टमाटर बांटते हुए दिखे.
बता दें, उत्तर प्रदेश सरकार का वार्षिक बजट मंगलवार को विधानसभा में पेश किया जाएगा. -
नई दिल्ली : राजनीति में बढ़ते अपराधीकरण के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सभी राजनीतिक दलों को निर्देश जारी किया। गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को आदेश दिया कि उसे अपने उम्मीदवारों के आधिकारिक मामलों का रिकॉर्ड अपने वेबसाइट पर दिखाना होगा। साथ ही यब भी आदेश जारी किया कि क्रिमिनल बैकग्राउंड वाले उम्मीदवारों को वो टिकट क्यों दे रहे हैं, इसकी वजह बतानी होगी और जानकारी वेबसाइट पर देनी होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सियासी दलों को वेबसाइट, न्यूजपेपर और सोशल मीडिया पर यह बताना होगा कि उन्होंने ऐसे उम्मीदवार क्यों चुनें जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सियासी दलों को ऐसे उम्मीदवार को चुनने के 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी जिसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं उनके बारे में अगर राजनीतिक दल न्यायालय की व्यवस्था का पालन करने में असफल रहते हैं तो चुनाव आयोग इसे शीर्ष अदालत के संज्ञान में लाए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट को यह तय करना था कि क्या राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों को चुनाव के टिकट देने से रोकने का निर्देश दिया जा सकता है, जिनका आपराधिक पृष्ठभूमि हो। न्यायमूर्ति रोहिंटन नरीमन और एस रविंद्र भट की एक पीठ द्वारा याचिकाओं पर आदेश दिया गया।
कई याचिकाकर्ताओं में से बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि कोर्ट चुनाव आयोग को निर्देश दे कि वह राजनीतिक दलों पर दबाव डाले कि राजनीतिक दल आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेताओं को टिकट न दें। ऐसा होने पर आयोग राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई करे। -
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में ऐतिहासिक जीत हासिल करने वाली आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आगामी 16 फरवरी को रामलीला मैदान में दिल्ली के मुख्यमत्री पद की शपथ लेंगे। बता दें कि, दिल्ली की जनता ने एक बार फिर अरविंद केजरीवाल पर विश्वास जताया है।
दिल्ली के लोगों ने केजरीवाल के बिजली, पानी, शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए गए कामों और महिलाओं को मुफ्त बस यात्र के फैसले को भरपूर समर्थन दिया है। यही वजह है कि आप अपना जनाधार बरकरार रखने में कामयाब रही।
बता दें कि, मंगलवार को आए दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी को जबरदस्त जीत हासिल हुई है। दिल्ली की 70 सीटों में से उसने 62 पर अपना कब्जा जमाया है। जबकि पूरी ताकत झोंकने के बावजूद भाजपा को महज 8 सीटों पर संतोष करना पड़ा। कांग्रेस एक बार फिर शून्य पर आउट हो गई। कांग्रेस के 63 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई है। आप को कुल पड़े वोटों का 53.6 प्रतिशत शेयर मिला जबकि भाजपा को 38.5 फीसदी मत पड़े। कांग्रेस के हिस्से में महज 4.26 प्रतिशत वोट शेयर रहा।