- Home
- टॉप स्टोरी
-
लगातार 18 साल से दिल्ली-एनसीआर में हिन्दुस्तान टाइम्स (Hindustan Times ) नंबर 1 की कुर्सी पर काबिज है। अंग्रेजी अखबारों में 17 लाख पाठकों के साथ Hindustan Times की दिल्ली-एनसीआर में बादशाहत बरकरार है, वह भी लगातार 18वीं बार। इंडियन रीडरशिप के ताजा सर्वे ने इस बात पर मुहर लगाई है। एचटी मीडिया लिमिटेड की ओर से प्रकाशित हिन्दुस्तान टाइम्स देश में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले अंग्रेजी अखबारों में दूसरे नंबर पर है। देश में इसके कुल 3.2 million पाठक हैं। दिल्ली-एनसीआर में हिन्दुस्तान टाइम्स से टाइम्स ऑफ इंडिया पीछे है। इसकी कुल पाठकों की संख्या 14 लाख है।हिन्दुस्तान टाइम्स पर बढ़ा पाठकों का भरोसाइंडियन रीडरशिप सर्वे के मुताबिक एचटी पंजाब में लगातार मजबूती से डटा हुआ है। पंजाब में 352,000 पाठकों के साथ हिन्दुस्तान टाइम्स नंबर एक पोजीशन पर बना हुआ है। वहीं मुंबई में HT 859,000 पाठकों के साथ नंबर दो पर है। ये आंकड़े IRS 2019 के तीसरे क्वार्टर के हैं, जो Average Issue Readership (AIR) के आधार पर हैं। इस सर्वे के तहत खुद पाठक बताते हैं कि वो कौन सा अखबार डेली पढ़ते हैं। ये आंकड़े प्रिंट मीडिया ही नहीं बल्कि एचटी मीडिया पब्लिकेशन के हिन्दुस्तान टाइम्स, मिंट और हिन्दुस्तान के प्रति विश्वास की गवाही दे रहे हैं। एचटी मीडिया का दूसरा अंग्रेजी भाषा का बिजनेस अखबार मिंट 314,000 पाठकों के साथ अपने श्रेणी में देश में दूसरे नंबर पर है।बिहार में दैनिक हिन्दुस्तान का दबदबाएचटी मीडिया की सहायक हिंदुस्तान मीडिया वेंचर्स लिमिटेड द्वारा प्रकाशित हिंदी दैनिक हिन्दुस्तान 51.3 मिलियन पाठकों के साथ और मजबूत हुआ है। वहीं बिहार में हिन्दुस्तान 15.1 मिलियन पाठकों के साथ उसका दबदबा बरकरार है। बिहार की राजधानी पटना शहर में भी 630,000 पाठकों के साथ नंबर 1 है।उत्तराखंड में हिन्दुस्तान नंबर 1उत्तराखंड में हिंदुस्तान 800,000 पाठकों के साथ अपना नंबर 1 स्थान बनाए हुए है, जबकि झारखंड में 3.9 मिलियन पाठकों के साथ दूसरा सबसे अधिक पढ़ा जाने वाला अखबार बन गया है। दिल्ली में हिन्दुस्तान के 2.1 मिलियन पाठक हैं तो उत्तर प्रदेश में 27.3 मिलियन पाठकों की पहली पसंद हिन्दुस्तान है।एचटी मीडिया के समूह चीफ मार्केटिंग ऑफीसर राजन भल्ला ने कहा, “ इस रिजल्ट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारे पाठकों का हम पर भरोसा है। हम अपने पाठकों और विज्ञापनदाताओं को धन्यवाद देते हैं। हम ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ आपके भरोसे के लिए काम करना जारी रखेंगे। ”
-
झामुमो नेता हेमंत सोरेन रविवार (29 दिसंबर) को झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू उन्हें राजधानी के मोरहाबादी मैदान में आयोजित भव्य समारोह में पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। उनके साथ झामुमो के प्रो. स्टीफन मरांडी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव के भी मंत्री पद की शपथ लेने की संभावना है। 44 वर्षीय हेमंत सोरेन राज्य में दूसरी बार मुख्यमंत्री का पद संभालेंगे। इसके पहले वह 2013 में कांग्रेस गठबंधन की सरकार में मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
राज्य में सरकार गठन की गहमागहमी के बीच शनिवार (28 दिसंबर) को राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदला। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के रांची पहुंचते ही प्रदेश के नेताओं ने उनसे पेंच वाले मुद्दों को जल्दी से जल्दी सुलझाने का आग्रह किया। खासकर कांग्रेस कोटे से रविवार (29 दिसंबर) को मंत्री की शपथ लेने वाले नेता के नाम तय करने के लिए कहा। प्रदेश कांग्रेस के तीन नेताओं रामेश्वर उरांव,आलमगीर आलम और राजेंद्र सिंह के बीच इसे लेकर होड़ थी। आरपीएन सिंह चार बजे हेमंत सोरेन के आवास पर पहुंचे।साधा सियासी संतुलन, आज पहली कैबिनेट करेंगेहेमंत सरकार में स्टीफन मरांडी और रामेश्वर उरांव को उपमुख्यमंत्री बनाकर सियासी संतुलन साधा गया है। हेमंत सोरेन शिबू सोरेन की आदिवासी राजनीति के विरासत के प्रतीक हैं। हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अपनी सरकार की पहली कैबिनेट की बैठक रविवार (29 दिसंबर) की शाम करेंगे। पहली बैठक में विधानसभा के लिए प्रोटेम स्पीकर के नाम की अनुशंसा होगी। -
उत्तर प्रदेश में नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुए हैं। इस बीच मेरठ के एसपी (SP) का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह 20 दिसंबर को हिंसक प्रदर्शन के दौरान स्थानीय निवासियों से प्रदर्शनकारियों को “पाकिस्तान जाने के लिए” कहते हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा- “खाओगे यहां का, गाओगे कहीं और का।” बता दें किएसपी ने कहा कि अगर कुछ हो गया तो तुम लोग कीमत चुकाओगे। हर एक आदमी को जेल में बंद करूंगा। मेरठ हिंसा में चार लोगों की मौत हुई थी।
क्या है मामला:
दरअसल, 20 दिसंबर को CAA को लेकर मेरठ में हिंसा भड़की थी। बताया जा रहा है कि वायरल वीडियो लिसारी गेट के पास का है जहां एसपी सिटी अखिलेश एन सिंह स्थानीय लोगों को कह रहे हैं, “कहां जाओगे, इस गली को ठीक कर दूंगा।” इस दौरान वह पुलिस पर पथराव कर रहे लोगों का पीछा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कई युवक पाकिस्तान के समर्थन में नारेबाजी कर रहे थे।
एक सकरी गली में पुलिसवालों के साथ हिंसा पर कंट्रोल करने के दौरान मेरठ के एसपी ने इलाके के स्थानीय लोगों से कहा, “ये जो काली और पीली पट्टी बांध के आए हैं, इनसे कह दो पाकिस्तान चले जाएं। खाओगे यहां का, गाओगे कहीं और का। ये गली मुझे याद हो गई है और जब मुझे याद हो जाता है तो मैं नानी तक पहुंच जाता हूं।”
जब कुछ मीडिया ने एसपी से बात की तो उसने सफाई देते हुए कहा कि उस दौरान असामाजिक तत्व पाकिस्तान के समर्थन में बयान दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हम यह देखने के लिए इस क्षेत्र में आए थे कि कौन लोग हैं जो पाक के फेवर में नारेबाजी कर रहे हैं। जब हम फोर्स के साथ पहुंचे तो वे भाग चुके थे। हमें पता चला कि 3-4 ऐसे लोग थे जो एक मुद्दा बनाना चाहते थे। इसके बाद हमने स्थानीय लोगों के साथ चर्चा की। -
नई दिल्ली। दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं। माना जा रहा है कि दिल्ली में 22 फरवरी 2020 से पहले चुनाव हो सकते हैं। गुरुवार को चुनाव आयोग के अधिकारियों ने दिल्ली के विधानसभा चुनावों को लेकर अहम बैठक की। इस बीच भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी गुरुवार को आम आदमी पार्टी पर तीखा हमला बोला। अमित शाह ने कहा कि दिल्ली के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा सीएम अरविंद केजरीवाल हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा कि केजरीवाल किसी और के काम पर अपना ठप्पा लगा देते हैं। अमित शाह के इन आरोपों पर अब आम आदमी पार्टी ने पलटवार किया है।
अमित शाह के आरोपों पर पलटवार करते हुए आम आदमी पार्टी के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट करते हुए कहा गया, 'सातों दिन और 24 घंटे सब्सिडी वाली बिजली, फ्री पानी, फ्री और गुणवत्ता युक्त हेल्थकेयर, विश्व स्तरीय सरकारी स्कूल, 1.4 लाख सीसीटीवी, फ्री वाईफाई, महिलाओं के लिए फ्री यात्रा और जरूरी सुविधाओं की घर पर डिलीवरी। यह सारे काम अरविंद केजरीवाल सरकार ने कराए हैं और अमित शाह चुनाव से ठीक पहले ठप्पा लगाने आए हैं।'आपको बता दें कि इससे पहले एक कार्यक्रम में दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, 'दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ऐसे हैं जो नई-नई चीजें करते रहते हैं। केजरीवाल ने अब एक नई शुरुआत की...योजना और काम किसी और का, लेकिन ये ठप्पा अपने नाम का लगाते हैं। पीएम मोदी ने कहा है कि देश के हर घर में नल से पीने का पानी पहुंचाने का काम भाजपा की सरकार करने वाली है। सीएम केजरीवाल विज्ञापन देकर इस योजना का यश लेने का प्रयास कर रहे हैं। जब पीएम मोदी ने देश के हर घर को पानी पहुंचाने का वादा किया है, तो दिल्ली भी तो उसमें आता है।'अरविंद केजरीवाल की सरकार पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, 'करीब 60 महीने होने को आए हैं, केजरीवाल को मुख्यमंत्री बने, आज से पहले ये सारे वादे पूरे क्यों नहीं किए। अभी भी ये वादे पूरे नहीं होने वाले हैं, सिर्फ विज्ञापन देकर ये लोगों को झांसा दे रहे हैं। इन्होंने जीवन में सिर्फ विरोध करने और धरना देने का काम किया है। मैं आज आपको सबसे बड़ा रोड़ा क्या है, बताना चाहता हूं। मोदी जी, हरदीप जी द्रुत गति से काम करना चाहते हैं, मगर ये केजरीवाल सरकार जो है वो एक बहुत बड़ा रोड़ा है। केजरीवाल सरकार हर विकास के काम में अड़ंगा लगाती है।'गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल आगामी 22 फरवरी को खत्म हो रहा है। 70 विधानसभा सीटों वाली दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने 2015 के चुनाव में 67 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा को महज 3 सीटें ही मिल पाईं थी, जबकि कांग्रेस का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुला था। गुरुवार को दिल्ली में चुनाव अधिकारियों की बैठक हुई, जिसे देखकर माना जा रहा है कि जल्द ही दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो सकता है। साल 2020 में दिल्ली के अलावा बिहार में भी विधानसभा चुनाव होने हैं। -
भाषा की खबर
कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान कर्नाटक के मंगलुरु में मारे गए दो लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देगी. पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ दल की इस घोषणा पर कर्नाटक में भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. तृणमूल कांग्रेस की ट्रेड यूनियन इकाई इंडियन नेशनल तृणमूल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (आईएनटीटीयूसी) की प्रदेश अध्यक्ष डोला सेन ने कहा कि मंगलुरु में तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल के प्रस्तावित दौरे के दौरान मृतकों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये के चेक दिए जाएंगे.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बजर्नी ने बृहस्पतिवार को यहां एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल कर्नाटक में पुलिस की कथित गोलीबारी में मारे जाने वाले लोगों के परिवारों से मिलने के लिए जाएगा और परिवारों को अनुग्रह राशि दी जाएगी. बेंगलुरु से मिली खबर के मुताबिक, मंगलुरु में मारे गए दो लोगों के परिवारों को अनुग्रह राशि देने की घोषणा के लिए ममता बनर्जी की आलोचना करते हुए कर्नाटक में सत्ताधारी भाजपा ने उनके इस कदम को एक खास समुदाय को लुभाने और ध्रुवीकरण करने का आरोप लगाया.
कर्नाटक भाजपा महासचिव शोभा करंदलाजे ने सवाल किया कि क्या उन्होंने इसलिए अनुग्रह राशि देने की घोषणा की क्योंकि मारे गए दोनों लोग मुस्लिम समुदाय के थे. उन्होंने यह भी पूछा कि क्या ममता बनर्जी ने अपने राज्य में राजनीतिक हिंसा के शिकार ‘सैकड़ों' लोगों के परिवारों के लिए ऐसा कदम उठाया. तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए करंदलाजे ने कहा कि पश्चिम बंगाल में विभिन्न प्रदर्शनों में सैकड़ों राजनीतिक कार्यकर्ता मारे गए. क्या बनर्जी ने उनके परिवारों को मुआवजा दिया? -
कोलकाता: नागरिक संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ देश के अलग-अलग हिस्सों में अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी है. आज पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक बार फिर इस कानून के खिलाफ विरोध मार्च निकाला. ममता बनर्जी ने मार्च को संबोधित करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकरा को चेतावनी दी कि जब तक सीएए वापस नहीं लिया जाता, तबतक प्रदर्शन जारी रहेगा.
आग से न खेले बीजेपी- ममता
इस विरोध मार्च में सीएम ममता बनर्जी ने बीजेपी को ‘‘आग से नहीं खेलने’’ की सलाह देते हुए कहा कि जब तक संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को वापस नहीं लिया जाता, तब तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रहेंगे. ममता ने शहर में आयोजित प्रदर्शन रैली में बीजेपी पर अपने वादे पूरे नहीं करने का आरोप भी लगाया.
सीएम ममता ने कहा, ‘’मंगलुरु में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन में पुलिस गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिवारों के लिए मुआवजा रोकने संबंधी कर्नाटक के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा के बयान का भी जिक्र किया.’’ येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा था कि यदि जांच में 19 दिसंबर को प्रदर्शनों में हुई हिंसा में दोनों लोगों की संलिप्तता साबित होती है तो उनके परिवारों को एक भी रुपया नहीं दिया जाएगा. -
दिल्ली
नरेंद्र मोदी सरकार के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर फिर चेतावनी दी है. एनडीटीवी के मुताबिक उन्होंने कहा है कि भारत किसी सामान्य आर्थिक संकट की चपेट में नहीं है बल्कि स्थिति बहुत गंभीर है. अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक अर्थव्यवस्था के मुख्य संकेतकों की वृद्धि दर या तो नकारात्मक है या फिर उनमें नाममात्र की वृद्धि है. उनका यह भी कहना था कि निवेश से लेकर आयात-निर्यात तक हर जगह मंदी है जिसके चलते लोगों की आय भी घटी है और सरकार को मिलने वाला राजस्व भी.
आईआईएम अहमदाबाद और इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड से पढ़े अरविंद सुब्रमण्यम दुनिया के चर्चित अर्थशास्त्रियों में शुमार हैं. नरेंद्र मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में वे तीन साल तक मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे. कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था इस समय ट्विन बैलेंस शीट (टीबीएस) की दूसरी लहर का सामना कर रही है जिसके चलते इसमें असाधारण सुस्ती आ गई है. उनका दावा था कि अर्थव्यवस्था आईसीयू की तरफ जाती दिख रही है.
टीबीएस की समस्या तब पैदा होती है जब निजी कंपनियों द्वारा लिया गया विशाल कर्ज एनपीए में तब्दील होने लगता है. अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक टीबीएस-1 नाम का संकट तब पैदा हुआ जब बैंकों ने 2004 से 2011 तक स्टील, ऊर्जा और बुनियादी ढांचे से जुड़ी कंपनियों को कर्ज दिए और यह पैसा डूब गया.
अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक टीबीएस-2 का लेना-देना मुख्य तौर पर नोटबंदी के बाद वाले दौर से है. उनके मुताबिक इस दौर में बैंकों में खूब पैसा जमा हुआ जिन्होंने इसका एक बड़ा हिस्सा गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को उधार दिया. इन कंपनियों ने आगे यह पैसा रियल एस्टेट सेक्टर में लगाया. 2017-18 तक रियल एस्टेट से जुड़ी जो पांच लाख करोड़ रु की रकम बकाया थी उसमें लगभग आधा वही पैसा था जो एनबीएफसी ने इस सेक्टर को दिया था.
अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है कि सितंबर 2018 में जब आईएलएंडएफएस के ढहने की खबर आई तो यह सिर्फ इसलिए अहम नहीं थी कि 90 हजार करोड़ रु से ज्यादा का कर्ज डूब रहा है. उनके मुताबिक यह खबर इसलिए भी बहुत महत्वपूर्ण थी कि अब बाजार पूरे एनबीएफसी सेक्टर की तरफ से चौकन्ना हो गया.
इसके बाद जो पता चला वह और भी ज्यादा चिंता जगाने वाला था. पता चला कि बहुत से एनबीएफसी ऐसे हैं जिन्होंने हाल में अपना ज्यादातर पैसा रियल एस्टेट में ही लगाया है. अरविंद सुब्रमण्यम के मुताबिक यह बहुत खतरनाक स्थिति है क्योंकि फिलहाल जो आंकड़े हैं वे बताते हैं कि भारत के शीर्ष आठ शहरों में ऐसे मकानों या फ्लैट्स का आंकड़ा 10 लाख है जिनका कोई खरीदार नहीं है. इनकी कीमत मोटा-मोटी आठ लाख करोड़ रु बैठती है. यानी आगे खाई साफ दिख रही है. -
आगरा। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हिंसक प्रदर्शन हुई थी। प्रदर्शन के बाद हालात सामान्य हो रहे हैं। वहीं, गुरुवार को एक बार फिर ब्रॉडबैंड और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई है। पुलिस-प्रशासन की मानें तो ऐसा एहतियात के तौर पर किया गया है। बता दें कि गुरुवार सुबह 10 बजे से शुक्रवार शाम 6 बजे तक के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद की गई हैं।
जानकारी के अनुसार, जिले में इंटरनेट बंद करने का फैसला जुमा की नमाज के मद्देनजर लिया गया है। इससे पिछले शुक्रवार भी सीएए के खिलाफ हिंसक विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था। तब भी नमाज के लिए जुटी भीड़ आक्रामक हो गई थी। एक आदेश में, जिला प्रशासन ने कहा कि इस बैन से मकसद नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के बारे में गलत सूचना को रोकना है। बताया गया कि शहर में शुक्रवार की नमाज के बाद हिंसक विरोध प्रदर्शन सीएए के खिलाफ भड़क सकता है।
एडीएम सिटी डॉ. प्रभाकांत अवस्थी ने इंटरनेट सेवा बंद किए जाने का आदेश जारी किया। इसमें यह भी बताया गया है कि लूप लाइन और लीज लाइन सेवा भी बंद रहेगी। इंटरनेट सेवा बंद किए जाने की वजह सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलना बताई गई है। डीएम एनजी रवि कुमार ने बताया कि धारा 144 के तहत ही इंटरनेट सेवा को बंद किया गया है। फिरोजाबाद जनपद में भी जुमे की नमाज को देखते हुए प्रशासन ने पैनी नजर रखना शुरू कर दिया है। मोबाइल इंटरनेट सेवा को आज व शुक्रवार को बंद रखने का फैसला लिया है। वहीं, मथुरा में भी 27 दिसंबर की शाम को छह बजे इंटरनेट बंद रखने का फैसला प्रशासन ने लिया है। -
एजेंसी
कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार ने अपनी ही घोषणा को रद्द करते हुए मंगलूरू हिंसा में मारे गए दो लोगों के परिजनों को मुआवजा देने से इनकार कर दिया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि मंगलूरू में पुलिस की गोलीबारी में मारे गए दो लोगों के परिजन को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने के फैसले को वापस लिया गया है।बता दें कि मंगलूरू में 19 दिसंबर को नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शनों में दो लोगों की मौत हो गई थी। मृतकों के परिजनों ने आरोप लगाया कि ये मौतें पुलिस की फायरिंग से हुईं हैं। हालांकि तब पुलिस ने इससे इनकार किया था।
इसके बाद 22 दिसंबर को मंगलूरू के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विभिन्न धार्मिक समुदायों के प्रतिनिधियों और पीड़ितों के परिवार के साथ बातचीत की। इस दौरान उन्होंने घोषणा की थी कि वह मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। इसके अलावा हिंसा की जांच की जाएगी। -
मुंबईमहाराष्ट्र में कई वीवीआईपी की सुरक्षा में बदलाव किया गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बेटे और शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की सुरक्षा को बढ़ाया गया है तो वहीं सचिन तेंदुलकर समेत कई लोगों की सुरक्षा में कटौती की गई है. शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे की सुरक्षा को Y+ से बढ़ाकर Z कर दी गई है. हालांकि, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर की सुरक्षा X श्रेणी से कम कर दी गई है. अब उनके साथ चौबीस घंटे पुलिसकर्मी नहीं होगा, लेकिन एस्कॉर्ट रहेगा.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल राम नाईक की सुरक्षा को Z+ से घटाकर X कर दी गई है. वरीष्ठ वकील उज्ज्वल निकम की सुरक्षा को Z+ से Y कर दिया गया. इसके अलावा बीजेपी नेता एकनाथ खडसे की Y सिक्योरिटी से एस्कॉर्ट को हटा दिया गया है. महाराष्ट्र में 97 लोगों को सुरक्षा मिली है, जिसमें से 29 लोगों की सुरक्षा में बदलाव किया गया है. इसके अलावा खतरे को देखते हुए 16 लोगों को सुरक्षा दी गई है. -
एजेंसी
झारखंड चुनाव नतीजों से जो तस्वीर सामने आ रही है, उससे साफ है कि रघुवर दास सरकार की विदाई तय है। विपक्ष बीजेपी को लगे इस झटके की वजह सीएम रघुवर दास की अक्खड़ छवि को भी मानता है. बता दें कि सीएम रघुवर दास 'अबकी बार 65 पार' का नारा दे रहे थे, अब नतीजों में बीजेपी 30 का आंकड़ा छूते भी नजर नहीं आ रही है. रघुवर दास जिस जमशेदपुर ईस्ट सीट पर 1995 से लगातार जीत रहे हैं, जहां पिछला चुनाव उन्होंने 70 हजार वोटों से जीता था. इस बार मुख्यमंत्री रहते हुए भी उस सीट को जीतने के लिए वह जोर आजमाइश करते नजर आए.
झारखंड में रघुवर दास सीएम रहते हुए अपनी छवि के लिए चर्चा में रहे. ऐसा कई बार हुआ जब वे सार्वजनिक कार्यक्रमों में अफसरों, फरियादियों पर अपना गुस्सा जाहिर कर चुके हैं. एक वाकया 2015 का है. रघुवर दास धनबाद दौरे पर थे. इस दौरान बोकारो के जिला अधिकारी मनोज कुमार को मोबाइल पर बात करते देख उन्होंने उन्हें हॉल छोड़कर जाने का आदेश दे दिया. इसके आधे घंटे बाद फिर उन्हें वापस बुला लिया. इसी कार्यक्रम में भाषण के दौरान एक स्थानीय अधिकारी अनिल कुमार सिंह को मंच के सामने से जाते देख रघुवर दास आग बबूला हो गए. सीएम का यह बर्ताव काफी चर्चाओं में रहा था.
-
नई दिल्ली। पांच चरणों में संपन्न हुए झारखंड़ विधानसभा चुनाव की आज सुबह 8 बजे मतगणना शुरू हो चुकी है। पहले पोस्टल बैलेट की गिनती की जा रही है। उसके बाद ईवीएम के मतों की गणना की जानी है। शुरुआती रुझानों में कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। एक राउंड में अधिकतम 14 ईवीएम के वोटों की गिनती की जाएगी। हर राउंड में मतों की गिनती के बाद औपचारिक घोषणा की जाएगी। निर्वाचन पदाधिकारी अपने-अपने जिलों में स्ट्रांग रूम की निगरानी में जुटे हुए हैं।
EC ने दिए 81 सीटों के रुझान जारी किए, कांग्रेस गठबंधन को बहुमत(41), बीजेपी 28 सीटों पर आगे, आजसू 5, जेवीएम-4 सीपीआई -1, एनसीपी-1 और निर्दलीय 1 सीट पर आगे -
लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act- CAA) के खिलाफ उत्तर प्रदेश में हो रहे हिंसक प्रदर्शनों को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजामात किए गए हैं. उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह (DGP OP Singh) ने कहा कि पूरे UP में विभिन्न जनपदों में विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए फोर्सेस तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा कि अब तक 5000 प्रदर्शनकारियों को पाबंद किया गया है. डीजीपी ने बताया कि इस पूरी घटना में अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 288 पुलिस घायल हैं.
डीजीपी ओपी सिंह ने राज्य के लोगों से शांति की अपील की है. उन्होंने कहा कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने में हमारी मदद करें. राज्यभर में हुए हिंसक प्रदर्शनों के नुकसान का सर्वे किया जा रहा है. सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने का जुर्माना उपद्रवियों से ही वसूला जाएगा. उन्होंने कहा कि अगर जुर्माना नहीं देंगे तो कोर्ट से आदेश लेकर हम कुर्की की व्यवस्था करेंगे. डीजीपी ने कहा कि राज्य में धारा 144 लगाई गई है. अगर TMC के लोग यहां न आएं तो बेहतर होगा. उन्होंने कहा कि अगर वो आए तो सुरक्षा कारणों को देखते हुए हम उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं आने देंगे.
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में हुई हिंसा में मारे गए लोगों के परिवार से मिलने के लिए रविवार को TMC के चार नेता लखनऊ आने वाले हैं. ऐसे में यूपी पुलिस ने उन्हें एयरपोर्ट पर ही रोकने की तैयारी में है.
उधर, नागरिकता कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. उन्होंने कहा कि प्रदर्शन में शामिल उपद्रवियों की पहचान सीसीटीवी फुटेज, फोटोग्राफ्स व वीडियो से चिन्हित कर एफआईआर दर्ज होगी. इसके बाद नुकसान किए गए सार्वजनिक व सरकारी संपत्तियों का मूल्यांकन किया जाएगा जिसके आधार पर नुकसान की भरपाई के लिए उपद्रवियों के घर नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद सरकार द्वारा उपद्रवियों की संपत्ति की कुर्की की जाएगी.
डीएम ने मूल्यांकन एवं क्षतिपूर्ति के लिए गठित की टीमराजनीतिक जुलूस, धरना और प्रदर्शन आदि के दौरान प्रदर्शनकारियों के उपद्रवी होने के कारण सार्वजनिक एवं निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में क्षति के मूल्यांकन एवं क्षतिपूर्ति के कार्य के लिए लखनऊ के जिला अधिकारी अभिषेक प्रकाश ने 4 अधिकारियों की एक टीम गठित की है. इसमें लखनऊ पूर्वी के एडीएम को पूर्वी क्षेत्र, लखनऊ पश्चिमी एडीएम को पश्चिमी क्षेत्र, ट्रांसगोमती के एडीएम को ट्रांसगोमती क्षेत्र और एडीएम प्रशासन को ग्रामीण क्षेत्रों में हुए क्षति का मूल्यांकन और क्षतिपूर्ति का कार्य सौंपा गया है. -
उन्नाव। उन्नाव रेप केस में दोषी ठहराए गए विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। साथ ही 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने एक महीने के भीतर जुर्माना राशि अदा करने का भी निर्देश दिया है। बता दें, 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। इसके बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई से पहले कुलदीप सिंह सेंगर को अपनी आय और संपत्ति का पूरा ब्योरा देने का आदेश दिया था।
बता दें, 16 दिसंबर को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सेंगर को धारा 376 और पॉक्सो के सेक्शन 6 के तहत दोषी ठहराया था। 17 दिसंबर को सजा पर बहस की गई थी। कोर्ट में बहस के दौरान सीबीआई ने कुलदीप सेंगर को अधिकतम सजा देने की मांग की थी। साथ ही पीड़िता को मुआवजा दिए जाने का आग्रह किया था। वहीं, बचाव पक्ष की तरफ से सेंगर की उम्र का हवाला देते हुए कहा गया था कि उन्होंने हमेशा लोगों की सेवा की। उनकी दो बेटियां हैं जो शादी के लायक हैं ऐसे में उनको कम से कम सजा दी जानी चाहिए। -
नई दिल्ली। CAA के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। तोड़-फोड़, आगजनी की जा रही है। शहर में डर का माहौल बनाया जा रहा है। प्रद र्शनकारी उग्र होते जा रहे हैं। गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों का उग्र रूप दिखा। प्रदर्शनकारियों के इस रूप को देखकर हैरानी और अफसोस हो रहा है। सड़क पर हंगामा बरपा है। अफवाह के जरिए माहौल को बिगाड़ा जा रहा है। वहीं सरकार का दावा है कि इस कानून से किसी की नागरिकता छीनी नहीं जा रही है।
इस हंगामे की वजह से आम जनता की मुश्किल बढ़ गई है। पुलिस के जवान लोगों को समझाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन प्रदर्शनकारी मामने को तैयार नहीं है। उनकी मांग है कि सरकार इस बिल को वापस ले। इस बिल पर किए जा रहे प्रदर्शन का एक और रूप कर्नाटक की राजधानी बैंगलुरू में दिखा, जहां बैंगलुरू सेंट्रल के डीसीपी ने अपने एक कदम से प्रदर्शनकारियों को न केवल शांत कराया बल्कि उन्हें अपने घर लौटने के लिए मना लिया।
बेंगलुरु टाउन हॉल पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को जगह खाली करने के लिए कहा, लेकिन जब उन्होंने जगह खाली करने से इनकार कर दिया तो खुद बेंगलुरु (मध्य) के डीसीपी चेतन सिंह राठौर को वहां आना पड़ा। चेतन सिंह ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, उन्हें वहां से चले जाने की अपील की, लेकिन जब प्रदर्शनकारी टस से मस नहीं हुए तो डीसीपी चेतन ने कहा कि मैं एक गाना गाऊंगा जिसमें मेरे सारे देशवासी मेरे साथ खड़े होंगे।
इतना कहकर चेतन ने राष्ट्रगान गाना शुरू कर दिया । जन गन मन के शुरू होते ही एक-एक कर सभी प्रदर्शनकारी खड़े हो गए और उनके साथ राष्ट्रगान गाने लगे। फिर क्या था राष्ट्रगान खत्म होते ही सारे प्रदर्शनकारी वहां से चले गए। उनके इस काम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । लोग डीसीपी चेतन की समझारी और उनके काम की तारीफ कर रहे हैं। -
एजेंसी
संभल: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ उत्तर प्रदेश के संभल में प्रदर्शन हिंसक हो गया. यहां प्रदर्शनकारियों ने रोडवेज की एक बस को आग के हवाले कर दिया. फायर ब्रिगेड की टीम ने मौके पर पहुंचकर आग बुझाई. कानून के विरोध में सूबे की राजधानी लखनऊ में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई है. पुलिस ने अलग-अलग जिलों से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है.गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) लोकसभा में 9 दिसंबर, 2019 को पास होने के बाद 11 दिसंबर, 2019 को राज्यसभा में गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पेश किया जहां एक लंबी बहस के बाद यह बिल पास हो गया. इस बिल के पास होने के बाद यह नागरिकता संशोधन कानून बन गया. इस कानून के विरोध में असम, बंगाल समेत देश के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए. -
बेंगलुरू: नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के खिलाफ आज (गुरुवार) देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. दिल्ली में लाल किला के पास धारा 144 लगा दी गई है. प्रदर्शन कर रहे दर्जनों लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. वहीं बेंगलुरु में मशहूर इतिहासकर व लेखक रामचंद्र गुहा को पुलिस ने हिरासत में लिया है. यहां करीब 30 प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया है.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने आज शहर में मार्च निकालने का फैसला किया था. बेंगलुरु पुलिस ने इस प्रदर्शन की मंजूरी नहीं दी थी. जिसके बाद सुबह से ही मुख्य सड़कों पर भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती कर दी गई थी. रामचंद्र गुहा भी प्रदर्शनकारियों के साथ मार्च में शामिल हुए, जिसके बाद पुलिस ने गुहा सहित 30 लोगों को हिरासत में ले लिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प भी हुई. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. -
दिल्ली में हुए निर्भया कांड के चार दोषियों में से एक अक्षय की पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया हगै। दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका को जस्टिस भानुमति की अध्यक्षता वाली नई बेंच ने खारिज कर दिया। बेंच के अन्य सदस्य जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस बोपन्ना हैं। निर्भया बलात्कार मामले में दोषियों की मौत की सजा बरकरार रखने के शीर्ष अदालत के 2017 के फैसले के खिलाफ एक दोषी अक्षय कुमार सिंह ने पुनर्विचार याचिका दायर की थी।
दिल्ली सरकार की ओर से अदालत में याचिका का विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि कुछ अपराध ऐसे होते हैं जिनमें ''मानवता रोती' है और यह मामला उन्हीं में से एक है। मेहता ने कहा, '' कई ऐसे अपराध होते हैं जहां भगवान बच्ची (पीड़िता) को ना बचाने और ऐसे दरिंदे को बनाने के लिए शर्मसार होते होंगे। ऐसे अपराधों में मौत की सजा को कम नहीं करना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि जो होना तय है उससे बचने के लिए निर्भया मामले के दोषी कई प्रयास कर रहे हैं और कानून को जल्द अपना काम करना चाहिए। दोषियों की आरे से पेश हुए वकील ए. पी सिंह ने अदालत से कहा कि दिल्ली-एनसीआर में वायु और जल प्रदूषण की वजह से पहले ही लोगों की उम्र कम हो रही है और इसलिए दोषियों को मौत की सजा देने की कोई जरूरत नहीं है।