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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने सुशासन तिहार के तृतीय चरण में आज महासमुंद जिले में जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायज़ा लिया और मरीजों से आत्मीय संवाद कर उनका हालचाल जाना। इस अवसर पर प्रदेश के खाद्य एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल, सांसद श्रीमती रूपकुमारी चौधरी तथा महासमुंद विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से संवाद किया और उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुना। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय 60 वर्षीय मरीज श्री गंगाराम से भी मिले, जिन्होंने बताया कि कमजोरी के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था, लेकिन चार दिन के उपचार के पश्चात अब वे स्वस्थ अनुभव कर रहे हैं। उन्होंने अस्पताल की व्यवस्था, इलाज और चिकित्सकों के व्यवहार की सराहना की। इसके पश्चात मुख्यमंत्री श्री साय ने डायलिसिस वार्ड का निरीक्षण कर किडनी पीड़ित मरीजों से बातचीत की और उनके इलाज संबंधी जानकारी प्राप्त की। उन्होंने किडनी ट्रांसप्लांट की आवश्यकता वाले मरीज श्री अतुल चंद्राकर से आत्मीयता से बात की। जब श्री चंद्राकर ने मदद की गुहार लगाई, तो मुख्यमंत्री श्री साय ने आश्वस्त किया कि डोनर की व्यवस्था होते ही ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च हम उठाएंगे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने अस्पताल प्रशासन को निर्देशित किया कि सभी मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित की जाएं तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है, ताकि प्रत्येक नागरिक को गुणवत्तापूर्ण और सुलभ इलाज मिल सके। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विनय लंगेह, पुलिस अधीक्षक श्री आशुतोष सिंह, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, अस्पताल स्टाफ तथा बड़ी संख्या में मरीज और उनके परिजन उपस्थित थे।
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सुशासन लाने हम कर रहे भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद
कुमेली घाट को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने 81.90 लाख और सरना-देवगुड़ी के विकास के लिए 45.42 लाख रूपए की घोषणा
48 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों को दी मंजूरी
पटना के समाधान शिविर में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के सभी 11 हजार से अधिक पंचायतों में एक साल के भीतर बैंकिंग सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार नए-नए रिफॉर्म लाकर भ्रष्टाचार के रास्ते बंद कर रही है। भ्रष्टाचार को रोकने भूमि रजिस्ट्री के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। वे आज सुशासन तिहार के अंतर्गत सूरजपुर जिले के ग्राम पटना में आयोजित समाधान शिविर को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कुमेली घाट को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने 81.90 लाख तथा सरना-देवगुड़ी के विकास के लिए 45.42 लाख रूपए की घोषणा की। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न सड़कों, पुल-पुलियों के लिए 48 करोड़ 26 लाख रूपए की मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री श्री साय ने समाधान शिविर में कहा कि भूमि रजिस्ट्री के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव किए गए हैं। अब भूमि के ऑनलाइन रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण भी उसी दिन हो जा रहा है। पहले भूमि के रजिस्ट्री के बाद नामांतरण के लिए महीनों चक्कर काटना पड़ता था। अब रिफॉर्म के बाद एक ओर जहां भूमि की रजिस्ट्री में होने वाली धोखाधड़ी रूकेगी, वहीं लोगों को सुविधा भी मिलेगी। इसी प्रकार पारिवारिक दान और हक त्याग के मामलों को भी आसान किया गया है। अब 500 रूपए के शुल्क के साथ परिवार के सदस्यों को भूमि एवं संपत्ति दी जा सकती है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पंचायतों में बैंकिग सुविधा उपलब्ध कराने पहले चरण में राज्य में 24 अप्रैल राष्ट्रीय पंचायत दिवस के दिन से 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजीटल सेवा केन्द्र (कॉमन सर्विस सेंटर) शुरू किए गए हैं। जिसके माध्यम से ग्रामीणों को राशि के लेन-देन तथा विभिन्न प्रकार के प्रमाण पत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 6 माह के भीतर 5 हजार ग्राम पंचायतों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। उन्होंने कहा कि आवासहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास दिलाने के लिए आवास प्लस-प्लस के लिए सर्वे किया जा रहा है। सभी आवासहीन इस सर्वे करा लें, जिससे कि उन्हें आवास मिल सके।
मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार में प्राप्त आवेदनों का तत्परतापूर्वक निराकरण के लिए जिला प्रशासन की प्रशंसा की। उन्होंने शिविर में चार हितग्राहियों को मछली जाल, 5 हितग्राहियों को राशन कार्ड, चार हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास की चाबी सौंपी। इसी प्रकार उन्होंने चार हितग्राहियों को पेंशन स्वीकृति और दो-दो हितग्राहियों को पशु शेड और बकरी शेड की स्वीकृति आदेश प्रदान किया। कार्यक्रम को खाद्य मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री दयालदास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर अनेक जनप्रतिनिधि, पंचायत प्रतिनिधि और 15 ग्राम पंचायतों से आए बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
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माथमौर में महुआ पेड़ की छांव तले लगी सीएम की चौपाल
रायपुर : सुशासन तिहार के तीसरे चरण के अंतर्गत मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज अचानक मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के ग्राम माथमौर पहुंचे। बिना किसी पूर्व सूचना के जब मुख्यमंत्री माथमौर गांव पहुंचे, तो गांव में उत्साह की लहर दौड़ गई। अचानक पहुंचे मुख्यमंत्री के स्वागत के लिए ग्रामीणों ने आस-पास लगे फूलों से सुन्दर गुलदस्ता तैयार कर उनका आत्मीय स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने गांव के बीच स्थित महुआ के पेड़ के नीचे चौपाल लगाई और वहां मौजूद ग्रामीणों से सीधा संवाद किया। ग्रामीणों से शासकीय योजनाओं के लाभ की जानकारी लेते हुए कहा कि, नई बहुओं को भी जल्द महतारी वंदन योजना का लाभ मिलेगा। वहीं ग्राम सरपंचों को पीएम आवास के लिए पात्र परिवारों की सूची बनाकर भेजने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने चौपाल की शुरुआत भारत माता और छत्तीसगढ़ महतारी के जयकारों के साथ की। उन्होंने गांव के सरपंच को अपने पास बिठाया और पंचायत में विकास कार्यों एवं जनहित की योजनाओं के क्रियान्वयन तथा समस्याओं की विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री के आगमान की खबर पाकर आसपास के कोलियारी और कुवांरपुर पंचायत के साथ निकट के कई ग्रामों से भी बड़ी संख्या में ग्रामीण माथमौर पहुंचे थे, जिन्होंने अपनी समस्याएं और मांगें मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सामने रखीं।
चौपाल में मुख्यमंत्री श्री साय ने राशन दुकान संचालन, महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना की स्थिति पर ग्रामीणों से फीडबैक लिया। उन्होंने महिलाओं से पूछा कि, क्या उन्हें हर माह हजार रुपये की राशि समय पर मिल रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्पष्ट किया कि जिन नवविवाहित महिलाओं की पात्रता बनती है, उन्हें भी जल्द महतारी वंदन योजना का लाभ मिलेगा।
कुवांरपुर में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की होगी स्थापनाजनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी सच्चाई जानने के साथ ही मुख्यमंत्री श्री साय ने माथमौर और उसके आसपास के गांवों के लिए कई बड़ी घोषणाएं भी कीं। उन्होंने कुवांरपुर में 33/11 केवी विद्युत उपकेंद्र की स्थापना की घोषणा की। साथ ही प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत फुलझर से चंदेला, तिलौली से दर्रीटोला, सनबोरा से पण्डो, कुवांरपुर से गाजर और पटपर टोला से चंदेला तक नई सड़कों के निर्माण की बात कही।
राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए लगेगा बंदोबस्त कैंप
मुख्यमंत्री श्री साय ने कुवांरपुर में नायब तहसीलदार कार्यालय के लिए भवन निर्माण की स्वीकृति भी दी और राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए बंदोबस्त कैंप आयोजित करने एसडीएम को निर्देशित किया। माथमौर में सामुदायिक भवन की भी स्वीकृति दी गई है, जिससे ग्रामीणों को सामाजिक आयोजनों और बैठकों के लिए एक स्थायी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
जनकपुर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का जल्द होगा निर्माण, मिल चुकी है स्वीकृति
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को यह भी जानकारी दी कि जनकपुर में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का निर्माण स्वीकृत हो चुका है, जिससे इस आदिवासी अंचल के लोगों को इलाज के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। इस दौरान उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कुवांरपुर में पढ़कर बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे अंकों से उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों को सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से उनके भविष्य की करियर प्लानिंग पर बात करते हुए गांव में स्कूल की व्यवस्था की जानकारी ली। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस. सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री ने सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों के अधिकारियों की ली बैठकपेयजल, प्रधानमंत्री आवास और ग्रामीण रोजगार को लेकर दिए आवश्यक निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज सूरजपुर जिले के जिला पंचायत सभागार में सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिलों की संयुक्त समीक्षा बैठक आयोजित हुई। मुख्यमंत्री ने बैठक में शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति की विस्तार से समीक्षा करते हुए अधिकारियों को कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त शिकायतों के अनुसार जिन हैंडपंपों में मरम्मत की आवश्यकता है, उन्हें 10 दिवस के भीतर दुरुस्त कराया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि हैंडपंपों में राइजिंग पाइप का विस्तार कर जल्द मरम्मत की व्यवस्था की जाए, जिससे ग्रामीणों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों राजस्व प्रकरणों का शीघ्रता से निराकरण करने के साथ ही स्वामित्व योजना के अंतर्गत अधिकार अभिलेखों का वितरण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को अविवादित नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन और नक्शा बंटांकन जैसे मामलों का शीघ्र निराकरण करने के भी निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की प्राथमिकता वाली योजना है। इसकी प्रगति पर विशेष ध्यान रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इस योजना के क्रियान्वयन में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कोई हितग्राही प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है तो उसके द्वारा मकान बनाने के लिए परिवहन की जा रही रेत के वाहन को खनिज विभाग द्वारा नहीं रोका जाना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना के मामले में किसी भी तरह की कोई भी गड़बड़ी पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जो आवास मित्र अपने कार्यों में लापरवाही बरत रहे हैं, उनके विरुद्ध त्वरित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि आगामी में प्रधानमंत्री आवासों की संख्या में बढ़ोतरी होने की संभावना है, ऐसे में अधिक से अधिक प्रशिक्षित राजमिस्त्रियों की आवश्यकता होगी। इसके लिए राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत राजमिस्त्रियों को भवन निर्माण की सेट्रिंग और मेशन का प्रशिक्षण सुनिश्चित दिया जाए, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें और निर्माण कार्य भी तीव्र गति से पूरे होंगे। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन और आमजन तक उनकी पहुंच सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शासन की प्राथमिकता में गांव, गरीब और किसान हैं, जिनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
बैठक में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, जिला पंचायत सूरजपुर की अध्यक्ष श्रीमती इंदुमणी पैकरा, विधायक श्री भैयालाल राजवाड़े, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. बसवराजु एस., जिले के प्रभारी सचिव श्री भुवनेश यादव, सरगुजा संभाग के आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, कलेक्टर सूरजपुर, कोरिया और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, तीनों जिलों के पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा विभिन्न विभागों के जिलाधिकारी उपस्थित थे।
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ऑपेरशन की भविष्य की रणनीति के बारे में अधिकारियों से की चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में गृह विभाग की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने बीजापुर जिले के कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर सुरक्षाबलों की नक्सलियों के विरुद्ध जारी मुठभेड़ के विषय में अधिकारियों से अपडेट लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशानिर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने ऑपेरशन के संदर्भ में भविष्य की रणनीति के बारे में अधिकारियों से चर्चा की। बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक श्री अरूण देव गौतम, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नक्सल ऑपेरशन श्री विवेकानंद सिन्हा उपस्थित थे।
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धमतरी जिला सुशासन तिहार में मिले आवेदनों के निराकरण में प्रदेश में प्रथम
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय स्वयं कर रहे फील्ड विजिट
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य में आम जनता की शिकायतों एवं मांगों के त्वरित समाधान के लिए ‘सुशासन तिहार’ का आयोजन पूरे उत्साह के साथ जारी है। तीसरे चरण में प्रदेशभर के गांवों और कस्बों में शासन-प्रशासन पूरी तत्परता और तन्मयता के साथ आमजन की बाते सुन रहा है और उनका का समाधान कर रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं इस अभियान की निगरानी कर रहे हैं। वे हेलीकाप्टर से गांवों के आकस्मिक दौरे कर रहे हैं। शासकीय योजनाओं की जमीनी हकीकत का मूल्यांकन कर रहे हैं। जनता से सीधा संवाद कर रहे हैं और समाधान शिविरों में पहुंचकर लोगों की समस्याओं को सुनकर उसका मौके पर निराकरण करवा रहे हैं। यह जनता-जनार्दन के प्रति छत्तीसगढ़ सरकार की संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
राज्य में अब तक 40 लाख 95 हजार आवेदन
सुशासन तिहार के तहत अब तक 40 लाख 95 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से अधिकांश का निराकरण कर लिया गया है। इसमें धमतरी जिला ने लगभग 2 लाख 28 हजार आवेदनों में से 99.38 प्रतिशत का निराकरण कर राज्य में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश के 14 जिले क्रमशः धमतरी, महासमुंद, सक्ति, बालोद, रायगढ़, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मुंगेली, रायपुर, सरगुजा, दक्षिण बस्तर दंतेवाडा, दुर्ग, जांजगीर-चाम्पा, नारायणपुर, बीजापुर ने 90 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण कर लिया है, जबकि गरियाबंद, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, बिलासपुर, राजनांदगाँव, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, बलौदा बाज़ार-भाटापारा, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, कबीरधाम, बेमेतरा, जशपुर, कोरिया, उत्तर बस्तर कांकेर, सूरजपुर जिले ने 80 से 90 प्रतिशत आवेदनों का समाधान किया है। बस्तर जिले में 78.48 प्रतिशत, कोण्डागांव में 70.97 प्रतिशत, बलरामपुर-रामानुजगंज जिलें में 60.59 प्रतिशत, मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर ने 59.09. प्रतिशत, कोरबा जिले ने 41.61 प्रतिशत तथा सुकमा जिले ने 30 प्रतिशत से अधिक आवेदनों का निराकरण किया जा चुका है, जो इस बात का प्रमाण है कि राज्यभर में त्वरित एवं प्रभावी समाधान की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं।
रायपुर को मिले सर्वाधिक आवेदन
रायपुर जिले को 3 लाख 764 आवेदन प्राप्त हुए, जो राज्य में सर्वाधिक है। इसके बाद दूसरे क्रम पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है। धमतरी, बिलासपुर और बस्तर क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवे स्थान पर हैं। निराकरण के मामले में धमतरी पहले, महासमुंद दूसरे और सक्ति जिला तीसरे स्थान पर हैं। बालोद और रायगढ़ चौथे और पांचवें क्रम पर हैं।
सुशासन तिहार के दौरान सर्वाधिक 10 लाख से अधिक आवेदन प्रधानमंत्री आवास योजना से संबंधित प्राप्त हुए, जिनमें से 94.70 प्रतिशत का निराकरण हो चुका है। उज्ज्वला योजना से जुड़े 1.47 लाख और राशन कार्ड हेतु 1.12 लाख आवेदनों में से अधिकांश का समाधान कर दिया गया है। शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण, पेयजल व्यवस्था और स्वच्छता से संबंधित मांगें भी प्रमुख रहीं।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को 25 लाख 77 हजार 747 आवेदन प्राप्त हुए। राजस्व विभाग को 3 लाख 74 हजार 429, खाद्य विभाग को 2 लाख 18 हजार 113, महिला एवं बाल विकास विभाग को 1 लाख 57 हजार और नगरीय प्रशासन विभाग को 1 लाख 42 हजार 475 आवेदन प्राप्त हुए। निराकरण में महिला एवं बाल विकास विभाग प्रथम, श्रम विभाग दूसरे, तथा उद्योग, पशुपालन और खाद्य विभाग क्रमशः तीसरे, चौथे और पांचवें स्थान पर हैं।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की यह पहल छत्तीसगढ़ राज्य को, जनभागीदारी पर आधारित सुशासन की दिशा में आगे बढ़ा रही है। गांवों में शिविरों में पहुँचकर आम लोगों से संवाद करना, शिकायतों की तत्काल सुनवाई करना और शासकीय तंत्र को अधिक उत्तरदायी बनाना, यही सुशासन तिहार की मूल भावना है।
‘सुशासन तिहार’ छत्तीसगढ़ शासन की एक अभिनव पहल है, जिसने प्रशासन को जनता के और निकट लाकर विश्वास, समाधान और सेवा की एक मजबूत परंपरा को जन्म दिया है। यह अभियान मुख्यमंत्री की सोच को साकार करता है, जहाँ सरकार सिर्फ कार्यालयों में नहीं, बल्कि गांव-गांव जाकर आमजन की आवाज सुनती है और हर समस्या का समाधान करती है।
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मैं आप लोगों की दुख-तकलीफ जानने आया हूँ- मुख्यमंत्री श्री साय
गांव में सहसा गूंजी हेलीकॉप्टर की आवाज तो अचंभित ग्रामीण निकले घरों से
अपने मुखिया से मिलने उमड़ी भीड़
रायपुर : मुख्यमंत्री ने बरगद की छांव में खाट पर बैठ जाना ग्रामीणों का हाल-चाल, विद्युत सब स्टेशन, हायर सेकंडरी स्कूल भवन और प्राचीन मंदिर के सौंदर्यीकरण की घोषणा मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय सुशासन तिहार के तीसरे चरण के दूसरे दिन हेलीकॉप्टर से अचानक बेमेतरा जिले के सहसपुर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों से योजनाओं का सीधा फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से कहा कि मैं आप लोगों के बीच आपकी दुख-तकलीफ जानने आया हूँ। ग्राम- सहसपुर में मुख्यमंत्री के आने की कोई पूर्वयोजना नहीं थी। ऐसे में जब गांव में सहसा हेलीकॉप्टर की आवाज गूंजी तो अचंभित ग्रामीण अपने घरों से निकले। अपने मुखिया से मिलने लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। ग्रामीणों ने खुशी में कहा- राम-राम जी गा मुख्यमंत्री जी ! और सदाबहार फूल की माला और चंदन-आरती के साथ उनका स्वागत किया।बरगद की छांव में लगी मुख्यमंत्री की चौपाल
मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम- सहसपुर में ग्रामीणों से पुराने बरगद की छांव में खाट पर बैठ संवाद किया। उन्होंने लोगों से शासन की योजनाओं प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना, नल जल योजना, धान खरीदी, स्कूल में बच्चों की शिक्षा सहित अन्य योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार को अभी डेढ़ साल हुए हैं इस अवधि में हमने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कई गारंटी को पूरा किया है। सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट में हमने 18 लाख आवास को स्वीकृति दी।किसानों को 2 साल का बकाया बोनस दिया। 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी भी की जा रही है।मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सुशासन तिहार का ये तीसरा चरण है। शुरुआती चरणों में लोगों से उनकी समस्याओं के सम्बंधित आवेदन लिए गए। इन आवेदनों का अधिकारियों द्वारा लगातार निराकरण किया जा रहा है। अब मैं स्वयं आप सभी के बीच सरकार के अधिकारियों के साथ पहुंचा हूँ ताकि आप सीधे मुझ तक अपनी बात पहुंचा सकें।
पूनम साहू ने कहा- महतारी वंदन से मिली बड़ी मदद
मुख्यमंत्री श्री साय के चौपाल में महतारी वंदन से मिल रही सहायता पर श्रीमती पूनम साहू ने अपनी बात रखी। पूनम ने कहा कि महतारी वंदन योजना से मिली राशि से परिवार और बच्चों की जरूरतों को पूरी करने में बड़ी मदद मिलती है। हर माह महतारी वंदन योजना की राशि नियमित रूप से मिलती है।
सहसपुर ग्राम पंचायत में मुख्यमंत्री ने की घोषणाएं
मुख्यमंत्री ने सहसपुर में ग्रामीणों से बरगद के नीचे खाट पर बैठकर संवाद किया। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों की मांग पर गांव के हायर सेकेंडरी स्कूल के लिए नए भवन को स्वीकृति दी। साथ ही उन्होंने 13 वीं-14 वीं शताब्दी में फणी नागवंशी राजाओं द्वारा निर्मित शिव मंदिर व हनुमान मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करेंगे। महाशिवरात्रि के मेले में मैं खुद आऊंगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने सहसपुर में 33 केव्ही विद्युत सब स्टेशन की भी घोषणा की। इस अवसर पर विधायक श्री ईश्वर साहू, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह और मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानन्द उपस्थित थे। -
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‘नगर सुराज संगम’ के समापन सत्र में बोले मुख्यमंत्री – जनता का विश्वास, आपके अच्छे कार्यों का इनाम है
नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला में 705 जनप्रतिनिधि और अधिकारी हुए शामिल
शहरों के विकास के रोडमैप और कार्ययोजना पर हुआ सार्थक संवाद – उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों से शहरों में सुराज के लिए काम करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आपके शहर की जनता ने आप पर विश्वास कर शहर के विकास और जन सुविधाएं विकसित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। आप लोग इस अवसर का सदुपयोग करें, निष्ठा और जवाबदेही के साथ अपने कर्तव्यों को निभाएं। अच्छा काम करने वालों को जनता लगातार अपना आशीर्वाद देकर आगे बढ़ने का मौका देती है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज शाम नगरीय निकायों के नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित दो दिवसीय प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला ’’नगर सुराज संगम’’ के समापन सत्र में ये बातें कहीं।
मुख्यमंत्री श्री साय ने नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों और नगरीय प्रशासन विभाग के मैदानी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि शहरों को सुंदर, स्वच्छ और सुविधापूर्ण बनाने की महती जिम्मेदारी आप लोगों के कंधों पर है। इस कार्यशाला में आप लोगों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों के साथ ही विभाग की कार्यप्रणाली, योजनाओं व अधिनियमों की जानकारी मिली है। उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने भी स्वयं दो घंटे तक मार्गदर्शन दिया है। इस कार्यशाला से नगरीय प्रशासन एवं विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर आपके ज्ञान में वृद्धि हुई होगी और यह आपको ज्यादा कुशलता से अपने कार्यों को अंजाम देने में मददगार होगा। श्री साय ने उम्मीद जताई कि इस नगर सुराज संगम से लौटकर हमारे जनप्रतिनिधि अपने-अपने शहरों में सुराज लाने के लिए सक्रियता से काम करेंगे।
उप मुख्यमंत्री तथा नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री श्री अरुण साव ने कार्यशाला के समापन सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि हाल ही में संपन्न नगरीय निकायों के चुनाव में अनेक जनप्रतिनिधि पहली बार निर्वाचित होकर आए हैं। उनके लिए विभाग द्वारा दो दिनों के इस प्रबोधन कार्यक्रम-सह-कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने बताया कि कार्यशाला के पहले दिन राज्य के सभी नगर निगमों के कुल 228 प्रतिनिधि शामिल हुए जिनमें महापौर, सभापति, एमआईसी सदस्य, आयुक्त और वरिष्ठ अभियंता शामिल हैं।वहीं आज दूसरे दिन प्रदेशभर की नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के 477 प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण दिया गया जिनमें नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्ष, मुख्य नगर पालिका अधिकारी और अभियंता शामिल हैं। इस तरह कुल 705 जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से शहरों के विकास का रोडमैप साझा किया गया है। अगले पांच वर्षों की कार्ययोजना पर संवाद के साथ ही बुनियादी सुविधाओं से लेकर संसाधनों के सुप्रबंधन के उपायों पर विमर्श किया गया है।
नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने कार्यशाला के समापन सत्र में अपने स्वागत संबोधन में बताया कि नगरीय निकायों के जनप्रतिनिधियों के साथ दो दिनों तक शहरों के विकास और नागरिकों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराने पर विस्तार से चर्चा हुई है। कार्यशाला के माध्यम से नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों का ओरिएंटेशन किया गया है। विभिन्न सत्रों में प्रबोधन से निकायों की कार्यप्रणाली, योजनाओं और प्रशासकीय प्रक्रियाओं को लेकर नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मन में बेहतर समझ बनी है। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक श्री आर. एक्का और राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के सीईओ श्री शशांक पाण्डेय सहित नगरीय प्रशासन विभाग और सुडा के अधिकारी भी कार्यशाला में मौजूद थे। -
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मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही श्रीमती सोनाई बाई के घर पहुंचकर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का लिया जायजा
प्रधानमंत्री आवास योजना, महतारी वंदन योजना और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं से ग्रामीणों के जीवन में आ रहा है सकारात्मक परिवर्तन-मुख्यमंत्री श्री साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने आज सुशासन तिहार 2025 के अंतर्गत सक्ति जिले के ग्राम करिगांव का दौरा किया। यहां उन्होंने पीपल के वृक्ष के नीचे खाट पर बैठकर चौपाल लगाई। इस चौपाल में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे, जिन्होंने मुख्यमंत्री से सीधे संवाद करते हुए अपनी समस्याएं, सुझाव और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार का उद्देश्य केवल योजनाएं बनाना नहीं, बल्कि उन योजनाओं का जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन सुनिश्चित कर प्रत्येक पात्र नागरिक तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि सुशासन का मूल आधार जनसुनवाई और जनसरोकार से जुड़ाव है और आज की यह चौपाल उसी दिशा में एक कदम है।
पीएम आवास योजना हितग्राही के घर पहुंचे मुख्यमंत्री
चौपाल के उपरांत मुख्यमंत्री श्री साय प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की लाभार्थी श्रीमती सोनाई बाई के निर्माणाधीन आवास पर पहुंचकर निर्माण कार्य की गुणवत्ता देखी और परिवार से बातचीत करते हुए योजना से प्राप्त लाभों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री श्री साय ने हितग्राही से पूछा कि क्या उन्हें महतारी वंदन योजना के अंतर्गत मिलने वाली सहायता राशि मिल रही है। इस पर श्रीमती सोनाई बाई ने बताया कि उन्हें नियमित रूप से यह राशि प्राप्त हो रही है, जिससे उनके परिवार को आर्थिक सहयोग मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने देखा कि उनके घर में जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल से जल आपूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा कि अब तो आपके घर तक पानी भी पहुंच रहा है, यह हमारे गांवों में बुनियादी सुविधाएं पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा बदलाव है।
आवास योजना के सर्वे हेतु मुख्यमंत्री की अपील
चौपाल में उपस्थित ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत नए आवास की मांग रखी। इस पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार सबके लिए आवास उपलब्ध कराने प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत सर्वेक्षण कार्य 15 मई 2025 तक चल रहा है, जिसमें वे सभी लोग अपना नाम दर्ज कराएं जो अब तक इस योजना से वंचित हैं। पात्रता के अनुसार सभी को आवास देने का कार्य प्राथमिकता से किया जाएगा।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक आवास के अधिकार से वंचित न रहे। यह केवल एक छत देने की योजना नहीं, बल्कि सम्मान और सुरक्षा देने की दिशा में एक मजबूत कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन केवल प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह नागरिकों की भागीदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित शासन प्रणाली है। उन्होंने कहा कि चौपाल के माध्यम से हम सीधे लोगों के जीवन से जुड़कर यह जान पाते हैं कि योजनाएं वास्तव में लोगों के जीवन में क्या बदलाव ला रही हैं। उन्होंने कहा कि जब हम किसी हितग्राही के घर जाकर पूछते हैं कि पैसा आया या नहीं, जब हम स्वयं निर्माण कार्य की गुणवत्ता को देखते हैं, तभी हमें विश्वास होता है कि योजनाएं फाइलों से निकलकर हितग्राहियों तक पहुंच रही हैं। -
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जांजगीर-चांपा, सक्ती एवं कोरबा जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं एवं कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की
जनहित के कामों में लापरवाही के लिए कलेक्टर, एसपी होंगे जिम्मेदार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज जांजगीर-चांपा जिले के जिला पंचायत कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में तीन जिलों जांजगीर-चांपा, सक्ती एवं कोरबा में संचालित शासकीय योजनाओं, निर्माण कार्यों एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने बीते वित्तीय वर्ष में बजट में जांजगीर-चांपा जिले में स्वीकृत सड़कों की मंजूरी में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्राथमिकता के आधार पर तत्काल प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री साय राज्य सरकार के सुशासन तिहार के तीसरे चरण के शुरूआत के पहले दिन आज सक्ती, कोरबा जिले के भ्रमण के बाद जांजगीर-चांपा पहुंचे थे। जहां उन्होंने तीनों जिलों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ प्रदेश में सुशासन स्थापित करने का काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य में सुशासन तिहार मनाया जा रहा है। सुशासन तिहार के दो चरण पूर्ण होने के बाद तीसरा चरण की शुरुआत आज से हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में अच्छा काम हुए हैं लेकिन इनकी गति और गुणवत्ता और बढ़ाने की जरूरत है। कलेक्टर, एसपी और अच्छा काम करें। अधिकारी ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण इलाकों का दौरा करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आम जनता और जनप्रतिनिधियों से सौहाद्र पूर्ण बर्ताव करें। उन्होंने अधिकारियों को पूरे समर्पण के साथ ईमानदारी से अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जनहित के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिले में इसके लिए सीधे कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार होंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण बस सुविधा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी कलेक्टरों को जिलेवार रूट निर्धारण की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीणों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री ने संस्थागत प्रसव, सिकलसेल स्क्रीनिंग तथा जल जीवन मिशन के तहत पेयजल आपूर्ति की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आय, जाति एवं निवास प्रमाणपत्र सत्र प्रारंभ होते ही वितरित किए जाएं।
मुख्यमंत्री ने राजस्व रिकॉर्ड, स्वामित्व योजना, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना इत्यादि की प्रगति की समीक्षा करते हुए हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुँचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनसामान्य को जेनेरिक दवाइयों के उपयोग हेतु जागरूक किया जाए एवं चिकित्सकों को मरीजों को जेनेरिक दवाएं लिखने हेतु प्रेरित किया जाए, जिससे जनऔषधि केन्द्रों से रियायती दर पर दवाएं प्राप्त की जा सकें। कृषि विभाग को फसल चक्र परिवर्तन के तहत मूँगफली की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए उन्होंने खाद-बीज भंडारण एवं वितरण की तैयारी की भी समीक्षा की।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत 47 हजार आवासों की धीमी प्रगति पर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जताई। अधिकारियों द्वारा राजमिस्त्री एवं सेंटरिंग टीमों की कमी को प्रमुख कारण बताया गया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण युवाओं को मिस्त्री का प्रशिक्षण देकर इस समस्या का समाधान निकालने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना अंतर्गत निःशुल्क रेत आपूर्ति की व्यवस्था पहले से की गई है, जिसमें हितग्राहियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त परिवार में विवाहित पुत्रों के नाम पर जमीन नहीं होने पर आवास स्वीकृति में बाधा आ रही है। ऐसी स्थिति में पिता मात्र 5 सौ रुपए का दानपत्र लिख दे तो, इसका लाभ मिल सकता है।बैठक में वित्त मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने पंजीयन विभाग द्वारा आरंभ की गई 10 नवीन जनहितकारी सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए विशेष तकनीकी कार्यशालाओं का आयोजन कर अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने अंत में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों के साथ सम्मानजनक संवाद बनाए रखें और छत्तीसगढ़ के समावेशी एवं विकसित भविष्य के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करें।
बैठक में सांसद श्रीमती कमलेश जांगडे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, तीनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। -
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142 वर्षों बाद जांजगीर को मिला नया तहसील भवन
रायपुर : सुशासन तिहार के तहत ‘संवाद से समाधान’ की भावना के साथ आकस्मिक दौरे पर जांजगीर पहुंचे मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जिलेवासियों को 142 वर्षों बाद एक ऐतिहासिक सौगात दी। उन्होंने नव-निर्मित तहसील कार्यालय भवन का लोकार्पण किया। अंग्रेजी शासन काल में वर्ष 1883 में बना पुराना तहसील भवन अब इतिहास बन गया है, और उसकी जगह 4 करोड़ 21 लाख रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त नया भवन जनता को समर्पित किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि आमजन तक सेवाओं की सरल, सहज और सुगम पहुँच सुनिश्चित हो, और यह नवीन तहसील कार्यालय उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने बताया कि इस भवन से क्षेत्र के 54 गांवों और 24 पटवारी हल्कों के नागरिकों को राजस्व से जुड़ी सभी सेवाएं एक ही परिसर में उपलब्ध होंगी।
नवीन तहसील भवन में प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों के कुशल संचालन के लिए आवश्यक समस्त सुविधाएं विकसित की गई हैं। इसमें लोक सेवा केंद्र के माध्यम से जाति, निवास, आय प्रमाण-पत्र जैसी सेवाएं प्रदान की जाएंगी, वहीं आवक-जावक शाखा में दस्तावेजों का नियमानुसार प्रेषण और आवाज सुनिश्चित किया जाएगा। न्यायालयीन दस्तावेजों के संधारण के लिए नजीर शाखा, निर्वाचन से संबंधित कार्यों के लिए निर्वाचन शाखा, भूमि व राजस्व अभिलेखों के लिए कानूनगो शाखा तथा राजस्व वसूली और आर्थिक प्रबंधन के लिए मालजमादार कक्ष की स्थापना की गई है। साथ ही, कार्यालय भवन में अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं अनुविभागीय दंडाधिकारी, तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार के प्रशासनिक और न्यायिक कार्यों के लिए सर्वसुविधायुक्त कक्ष बनाए गए हैं।
इस अवसर पर वित्त मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी, सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष श्री नारायण चंदेल, विधायक श्री व्यास कश्यप, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम अध्यक्ष श्री सौरभ सिंह, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद सहित जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने गोंडवाना ध्वजारोहण किया
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जनजातीय समाज व जनजातीय क्षेत्रों के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की हैं - मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मध्यप्रदेश के मंडला जिले के रामनगर में आयोजित आदि उत्सव का कार्यक्रम जनजातीय समाज के लिए गौरव की बात है। आदि उत्सव कार्यक्रम में जनजातीय समाज के रीति-रिवाज, परंपरा, संस्कृति, इतिहास इत्यादि के बारे में जानकारी दी जाती है, इसलिए संपूर्ण जनजातीय समाज आदि उत्सव के महाकुम्भ में उपस्थित हुआ है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय रविवार को रामनगर में आयोजित आदि उत्सव कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री श्री साय के आगमन पर उनका फूलमालाओं, लोकगीत व लोकनृत्य कर भव्य स्वागत किया गया, इस अवसर पर गोंडवाना ध्वजारोहण भी किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय जनजातीय मंत्री श्री जुएल ओराम, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजातीय आयोग के अध्यक्ष श्री अंतर सिंह आर्य, मध्यप्रदेश शासन की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्रीमती संपतिया उइके, उत्तर प्रदेश सरकार के राज्यमंत्री समाज कल्याण अनु.जा. एवं जन. कल्याण श्री संजीव गौंड़, सांसद श्री फग्गन सिंह कुलस्ते, लोकसभा सांसद कांकेर श्री भोजराज नाग सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि उन्हें आदि उत्सव कार्यक्रम के महाकुंभ में शामिल होने का अवसर मिला है। आदि उत्सव कार्यक्रम में पहुंचने से पहले जनजातीय समाज के चौगान स्थित मढ़िया में पूजा-अर्चना कर प्रदेश की जनता के लिए सुख-समृद्धि की कामना करते हुए आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश राज्य, छत्तीसगढ़ राज्य का बड़ा भाई है इसलिए मध्यप्रदेश में आने पर उन्हें बहुत प्रसन्नता होती है। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ राज्य का गठन हुआ था।छत्तीसगढ़ राज्य बने अब 25 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामनगर मंडला में आदि उत्सव कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय मंत्री श्री जुएल ओराम के द्वारा किया गया था। आदि उत्सव कार्यक्रम आयोजित करने से जनजातीय समाज की संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपरा और इतिहास को जानने का अवसर मिलेगा। उन्होंने कहा कि गोंड़वाना की इस धरा में रानी दुर्गावती और राजा शंकरशाह व कुंवर रघुनाथशाह ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राण न्यौछावर किए हैं।हमारे इन महापुरूषों की वीरगाथाओं से आने वाली पीढ़ी को अवगत कराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि भारतवर्ष में जनजातीय समाज के 11 करोड़ लोग निवास करते हैं। जनजातीय समाज के विकास और उत्थान के लिए भारत सरकार के द्वारा जनजातीय मंत्रालय का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को जनजातीय समाज के विकास व उत्थान की गहरी चिंता है। प्रधानमंत्री प्रतिवर्ष जनजातीय क्षेत्रों के लिए करोड़ों रूपए का बजट आवंटित कराते हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ सबका विकास के नारा के साथ काम करते हुए 2047 तक विकसित भारत बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा दिया जायेगा और नक्सलवाद को समाप्त किया जायेगा। डबल इंजन की सरकार का लाभ प्रदेशवासियों को मिल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भगवान बिरसामुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।उन्होंने धरती आबा योजना प्रारंभ कर जनजातीय समाज व जनजातीय क्षेत्रों को विकास के पथ पर जोड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के माध्यम से पिछड़ी जनजातीय परिवारों के लिए पक्के मकान बनाए जा रहे हैं। जनजातीय समाज व जनजातीय क्षेत्रों के लिए बिजली, सड़क और पानी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय श्री चित्रगुप्त प्राकट्य उत्सव में हुए शामिल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के मेडिकल कॉलेज स्थित अटल बिहारी वाजपेयी सभागार में आयोजित श्री चित्रगुप्त प्राकट्य उत्सव में शामिल हुए। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
मुख्यमंत्री श्री साय ने श्री चित्रगुप्त आयोजन समिति के पदाधिकारियों एवं कायस्थ समाज के सदस्यों को प्राकट्य उत्सव के सफल आयोजन के लिए बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। कार्यक्रम में चित्रांश महोत्सव स्मारिका सहित बच्चों की सीख एवं ग़ज़ल-मुक्तक संग्रह पुस्तिका का विमोचन किया गया। कायस्थ समाज के प्रतिभावान छात्रों और विभिन्न विधाओं में उत्कृष्ट कार्य करने वालों का सम्मान किया गया।
मुख्यमंत्री श्री साय ने इस मौके पर कहा कि भगवान चित्रगुप्त न्याय और कर्म के देवता हैं और उनका संदेश साफ है—जो जैसा करेगा, वैसा फल पाएगा। उन्होंने कहा कि जीवन में सच्चाई, न्याय और कर्तव्यनिष्ठा ही मनुष्य की सबसे बड़ी पूंजी है और यही मूल्य हमारे समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कायस्थ समाज के इतिहास को गौरवशाली बताते हुए कहा कि इस समाज ने शिक्षा, लेखन, प्रशासन, न्याय और संस्कृति जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार समाज के सभी वर्गों के सम्मान और विकास के लिए संकल्पित है और सामाजिक समरसता, सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण और जनकल्याण के कार्य उनकी प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री ने भगवान श्री चित्रगुप्त के आशीर्वाद की कामना करते हुए कहा कि उनका आशीष हमें सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता रहे।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने आयोजक मंडल को भव्य आयोजन के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस आयोजन से न केवल हमारी सांस्कृतिक चेतना को नई ऊर्जा मिलेगी, बल्कि इससे नई पीढ़ी अपने गौरवशाली इतिहास से भी परिचित होगी। कायस्थ समाज के सदस्यों का देश की आज़ादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण योगदान रहा, साथ ही कला, साहित्य, संगीत सहित विभिन्न विधाओं में भी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने समाज की महान विभूतियों को याद किया।
इस मौके पर कार्यक्रम के संयोजक एवं छत्तीसगढ़ राज्य नागरिक आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव ने भी संबोधित करते हुए समाज की गतिविधियों से अवगत कराया।इस मौके पर आयोजन समिति के पदाधिकारी एवं कायस्थ समाज के गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। -
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रायपुर : अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर कबीरधाम जिले में मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत 85 जोड़ों का सामूहिक विवाह पारंपरिक रीति-रिवाजों और उत्साह के साथ संपन्न हुआ। उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने नवविवाहितों को आशीर्वाद देते हुए उनके सुखमय जीवन की कामना की।
कार्यक्रम के दौरान नवदम्पतियों को 35-35 हजार रुपये के चेक प्रदान किए गए। सांसद श्री संतोष पाण्डेय, कृषक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष श्री सुरेश चंद्रवंशी, पूर्व विधायक डॉ. सियाराम साहू सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने भी वर-वधुओं को आशीर्वाद दिया।
उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना बेटियों के आत्मसम्मान और सामाजिक सुरक्षा का प्रतीक बन चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य इस योजना को और अधिक व्यापक बनाकर प्रदेश की हर जरूरतमंद बेटी तक इसका लाभ पहुँचाना है। आगामी वर्षों में ऐसे आयोजनों को और भव्य स्वरूप में संपन्न किया जाएगा।
मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना से गरीब परिवारों की बेटियों के विवाह की चिंता दूर हुई है। उन्होंने नवदंपत्तियों को उनके दाम्पत्य जीवन के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन उनके लिए नई जिम्मेदारियों की शुरुआत है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वर्ष 2005 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल में प्रारंभ इस योजना को वर्तमान मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में और अधिक पारदर्शी व प्रभावी बनाया गया है।
इस आयोजन की भव्यता तब और बढ़ गई जब कवर्धा शहर के वीर सावरकर भवन से छत्तीसगढ़ी गुदुल बाजा, बैंड और आतिशबाजी के साथ सामूहिक बारात निकाली गई। दूल्हों की बारात का स्वागत जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा पारंपरिक ‘परघौनी’ और डंडा खेल के माध्यम से किया गया, जिसने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत कर दिया।
महिला एवं बाल विकास विभाग के तत्वावधान में आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में प्रत्येक जोड़े पर 50 हजार रुपये का व्यय किया गया, जिसमें से 35 हजार रुपये नकद सहायता और 15 हजार रुपये मूल्य की प्रोत्साहन सामग्री प्रदान की गई। सरकार का प्रयास है कि आने वाले समय में इस योजना के तहत और अधिक बेटियों को सम्मानपूर्वक विवाह का अवसर प्रदान किया जा सके। -
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मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए -
रायपुर : मंत्रिपरिषद द्वारा छत्तीसगढ राज्य के सुदूर अनुसूचित एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जहां यात्री परिवहन की सुविधा कम है, वहां आम जनता को सुलभ परिवहन सेवा उपलब्ध कराने के लिए ‘‘मुख्यमंत्री ग्रामीण बस सुविधा योजना‘‘ शुरू करने का अहम निर्णय लिया गया है।
इस योजना के तहत हल्के/मध्यम परिवहन मोटरयान 18 से 42 बैठक क्षमता (चालक को छोड़कर) के वाहन को अनुज्ञा पत्र और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। नवीन ग्रामीण मार्गाें के विनिर्धारण के लिए राज्य एवं जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाएगा। अनुज्ञा का लाभ छत्तीसगढ़ राज्य के स्थानीय निवासियों को मिलेगा, जिसमें अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं तथा नक्सल प्रभावितों को प्राथमिकता दी जाएगी। लाभार्थियों का चयन निविदा प्रक्रिया से किया जाएगा। इस योजना के तहत संबंधित वाहन स्वामी को ग्रामीण मार्गाें पर वाहनों के संचालन के लिए प्रथम परमिट निर्गमन की तिथि से तीन साल अधिकतम अवधि के लिए मासिक कर में पूर्णतः छूट दी जाएगी।
इस योजना के तहत संचालित विभिन्न श्रेणी के वाहनों को राज्य शासन द्वारा प्रथम वर्ष 26 रूपए प्रति किलोमीटर, द्वितीय वर्ष 24 रूपए प्रति किलोमीटर तथा तृतीय वर्ष 22 रूपए प्रति किलोमीटर विशेष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना में दृष्टिहीन, बौद्धिक दिव्यांग, दोनों पैरों से चलने में असमर्थ दिव्यांग, 80 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिक, एड्स से पीड़ित व्यक्तियों को एक परिचारक के साथ किराया में पूरी छूट रहेगी, वहीं नक्सल प्रभावित व्यक्तियों को आधा किराया लगेगा।
मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदेश की तकनीकी शिक्षा को सशक्त बनाने और डिजिटल कौशल को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। जिसके तहत नवा रायपुर अटल नगर में State of Art NIELIT की स्थापना के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान NIELIT को 10.023 एकड़ भूमि निःशुल्क आवंटित करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
राज्य में NIELIT केन्द्र की स्थापना से छत्तीसगढ़ में तकनीकी शिक्षा, डिजिटल कौशल विकास और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आएगा। यह केन्द्र न केवल युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करेगा, बल्कि उन्हें रोजगार के नये अवसर प्रदान करेगा। इससे छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी शिक्षा के मानचित्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरेगा।
मंत्रिपरिषद ने रेगहा, बटाई, लीज और डुबान क्षेत्र पर खेती करने वाले किसानों के हित में बड़ा निर्णय लिया है। छत्तीसगढ़ सरकार की कृषक उन्नति योजना का लाभ अब उक्त श्रेणी के किसानों को भी मिलेगा। मंत्रिपरिषद ने बैठक में ‘‘कृषक उन्नति योजना‘‘ के दिशा-निर्देशों में संशोधन करते हुए इसका लाभ प्रदेश के ऐसे उक्त समस्त कृषक जिनसे खरीफ मौसम में सहकारी समिति एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषक विकास निगम लिमिटेड के माध्यम से धान/धान बीज का उपार्जन किया गया हो, उन्हें आदान सहायता राशि दिए जाने का निर्णय लिया है।
मंत्रिपरिषद की बैठक में सीधी भर्ती 2023 में नियुक्ति उपरांत सेवा समाप्त किये गये 2621 बी.एड. अर्हताधारी सहायक शिक्षकों के हित में महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए उनको अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के पद पर समायोजन करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को अधिकृत किया गया है।
अंतर्विभागीय समिति की अनुशंसा अनुसार हटाये गए बी.एड अर्हताधारी 2621 सहायक शिक्षकों को सहायक शिक्षक विज्ञान (प्रयोगशाला) के राज्य में रिक्त 4,422 पदों में समायोजित किया जाएगा। समायोजन गैर विज्ञापित पदों पर किया जाएगा। कला/विज्ञान संकाय से 12वीं उत्तीर्ण सहायक शिक्षकों को निर्धारित अर्हता (12वीं गणित/विज्ञान) पूर्ण करने हेतु 3 वर्ष की अनुमति दी जाएगी साथ ही इन अभ्यर्थियों को प्रयोगशाला कार्य के संबंध में एस.सी.ई.आर.टी. के माध्यम से दो माह का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 355 अभ्यर्थियों के लिए सांख्येत्तर पदों का सृजन किया जाएगा। समायोजन के लिए जिलों की प्राथमिकता में पहले राज्य के अनुसूचित क्षेत्र के जिलों के रिक्त पदों में उसके पश्चात सीमावर्ती जिलों के रिक्त पदों पर तत्पश्चात अन्य जिलों में समायोजन किया जाएगा। -
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एक वर्ष में सर्वाधिक स्वास्थ्य संस्थाओं को मिली राष्ट्रीय गुणवत्ता पहचान
मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट स्वास्थ्य सेवा संस्थाओं और टीम को दी बधाई
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी के क्षेत्र में नए प्रतिमान स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति हमारी प्रतिबद्धता और सेवा भावना का परिणाम है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाण पत्र प्राप्त करने वाले शासकीय अस्पतालों की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बताया कि वर्ष 2024-25 में 427 से अधिक शासकीय स्वास्थ्य संस्थानों ने राष्ट्रीय गुणवत्ता प्रमाणन हासिल किया है, जो पूर्व वर्षों की तुलना में सबसे अधिक है। यह प्रदेश की स्वास्थ्य प्रणाली में आए अभूतपूर्व सुधार और सेवा के अंतिम छोर तक पहुँच सुनिश्चित करने का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल तथा स्वास्थ्य विभाग की पूरी टीम को उनकी समर्पित कार्यशैली और दूरदर्शी प्रयासों के लिए बधाई दी। उन्होंने विशेष रूप से सुदूर अंचलों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सुकमा जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र ‘चिंतागुफा’ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र की उपलब्धि का उल्लेख करते हुए कहा कि जो क्षेत्र कभी चुनौतियों का प्रतीक रहा, आज वहाँ का स्वास्थ्य केन्द्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सेवा गुणवत्ता के लिए सम्मानित हुआ है। चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को 28 नवंबर 2024 को भारत सरकार के राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाण पत्र से सम्मानित किया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि प्रदेश में कुल 436 शासकीय अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केन्द्रों को गुणवत्ता प्रमाणन मिल चुका है, वहीं 644 अन्य संस्थानों का मूल्यांकन प्रक्रियाधीन है। यह दर्शाता है कि छत्तीसगढ़ सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को सुसंगत, भरोसेमंद और उत्कृष्ट बनाने के लिए लगातार प्रतिबद्ध है।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (NQAS) प्रमाणन केवल उन्हीं अस्पतालों को प्रदान किया जाता है, जो उपलब्ध सेवाओं, मरीज अधिकारों, इनपुट गुणवत्ता, क्लिनिकल सर्विसेज, इन्फेक्शन कंट्रोल और गुणवत्ता प्रबंधन जैसे सख्त मानकों पर खरे उतरते हैं। विशेषज्ञों की टीम द्वारा गहन मूल्यांकन के बाद ही यह प्रमाणन प्रदान किया जाता है। मुख्यमंत्री श्री साय ने विश्वास जताया कि सरकार की सतत पहल और समर्पित टीम वर्क के जरिए छत्तीसगढ़ शीघ्र ही देश के अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदायक राज्यों में शामिल होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में मिलेगी अत्याधुनिक सुविधाएं
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज राजधानी रायपुर के दावड़ा कॉलोनी, पचपेड़ी नाका स्थित ‘बॉर्नियो मदर एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल’ का विधिवत शुभारंभ किया। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर अस्पताल का उद्घाटन किया और परिसर का भ्रमण कर उपलब्ध सुविधाओं का अवलोकन किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, विधायक श्री राजेश मूणत, विधायक श्री सुनील सोनी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि किसी भी राज्य के समग्र विकास में शिक्षा और स्वास्थ्य अधोसंरचना की अहम भूमिका होती है। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है और राजधानी से लेकर दूरस्थ अंचलों तक प्रत्येक नागरिक के स्वास्थ्य की चिंता हमारी सरकार कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार नवा रायपुर अटल नगर में 'मेडिसिटी' विकसित कर रही है, जिससे छत्तीसगढ़ न केवल देश के स्वास्थ्य मानचित्र पर अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराएगा, बल्कि मेडिकल टूरिज्म को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने आयुष्मान भारत योजना की सराहना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री श्री साय ने 'बॉर्नियो मदर एंड चाइल्ड केयर हॉस्पिटल' के प्रबंधन एवं स्टाफ को बधाई दी और आशा व्यक्त की कि यह संस्थान माताओं और नवजात शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए सामाजिक सेवा में महत्वपूर्ण योगदान देगा। -
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नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन - मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में छत्तीसगढ में नक्सल उन्मूलन अभियान की समीक्षा की। बैठक में गृह मंत्री श्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव गृह श्री मनोज पिंगुआ, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री अरुण देव गौतम, विशेष डीजी नक्सल ऑपरेशंस, सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। बैठक का मुख्य फोकस प्रदेश की आंतरिक सुरक्षा स्थिति और नक्सल उन्मूलन अभियानों की प्रगति रहा।
मुख्यमंत्री श्री साय ने बैठक में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह के नेतृत्व में प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प के साथ दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल उन्मूलन करना हमारा लक्ष्य है और इस दिशा में हम हर संभव प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने सुरक्षा बलों के अधिकारियों और जवानों के अदम्य साहस, समर्पण और कर्तव्यनिष्ठा की सराहना करते हुए कहा कि उनकी बहादुरी के कारण आज प्रदेश के कई क्षेत्र नक्सल प्रभाव से मुक्त हो चुके हैं। उन्होंने सुरक्षा बलों के मनोबल को और ऊंचा बनाए रखने के लिए उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि अंतिम सफलता अब बहुत निकट है।
मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को मजबूत किया करते हुए प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में सुरक्षा और विकास दोनों को साथ लेकर चलना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्थानीय समुदायों का विश्वास जीतने के लिए संवाद बढ़ाया जाए और क्षेत्र में विकास कार्यों को तेज गति से पूरा किया जाए। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सड़क निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जनता को यह महसूस होना चाहिए कि सरकार उनके लिए समर्पित है और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहती है।
बैठक के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ अब निर्णायक मोड़ पर है। उन्होंने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे पूरी निष्ठा, सजगता और प्रतिबद्धता के साथ इस ऐतिहासिक लक्ष्य को प्राप्त करने में अपनी भूमिका निभाएँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख प्रदेश के रूप में पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी सुरक्षा बल, प्रशासनिक अमला और प्रदेशवासी एकजुट होकर इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करेंगे और 'विकसित छत्तीसगढ़' के सपने को साकार करेंगे।