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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्ल्ड इकोनामिक फोरम के कार्यक्रम में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक छत्तीसगढ़िया होने के नाते प्रकृति के प्रति सम्मान और श्रद्धा हमारे खून में है। राज्य के 42 प्रतिशत हिस्से में वन क्षेत्र है। और हम साल दर साल 3 से 5 प्रतिशत तक वनावरण बढ़ा रहे हैं।
हमने अपने राज्य में वन क्षेत्र के संरक्षण के लिए हर संभव प्रयास किया है। उदाहरण के लिए, मेरी प्रमुख योजना नरवा, गरवा, घुरवा, बारी कार्यक्रम पर विचार करें तो इसके मूल में पारिस्थितिक संरक्षण है। हमने अपने प्राकृतिक जलस्त्रोतों को रिचार्ज करने, भूमि को संरक्षित और अर्जित करने के लिए जैविक माध्यमों का उपयोग करने के साथ ही स्थानीय जनसमुदाय के बाहरी स्थानों पर प्रवास को कम करने के लिए स्थानीय स्तर पर रोजगार के साधन उपलब्ध कराकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया है।
हमारे द्वारा किए जा रहे प्रकृति आधारित कार्य का आर्थिक मूल्य हमे किस प्रकार मिले, इस सोच के साथ इस दिशा में कार्य किया जा रहा है। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की सशक्त महिलाएं स्वसहायता समूहों के माध्यम से स्थानीय वन उत्पादों पर आधारित सामग्रियों के उत्पादन और बिक्री के लिए लगातार काम कर रही हैं। छत्तीसगढ़ में औषधीय पौधे प्रचुर मात्रा में हैं और इनमें अपार संभावनाएं हैं।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के परिचर्चा में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
वन ट्रिलियन ट्री अभियान के अंतर्गत वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए जुड़े मुख्यमंत्री
प्रदेश में वन संसाधनों को बढ़ावा देने और पर्यावरण को संरक्षित करने के प्रयासों पर मुख्यमंत्री ने रखी अपनी बात
परिचर्चा में छत्तीसगढ़ में पर्यावरण संरक्षण को लेकर किए जा रहे कार्यों की हुई तारीफ
हमारे वनक्षेत्र की रक्षा का कार्य जारी रहे, इसलिए हम वन क्षेत्र के भीतर रहने वाले वनवासियों को इसका पर्याप्त आर्थिक मूल्य मिले, इस दिशा में प्रयासरत हैं। और इसलिए, मैं उम्मीद कर रहा हूं कि आज की बातचीत के द्वारा हम एक सर्वोत्तम मॉडल का पता लगाने में सफल होंगे जहां हम वनों के रखरखाव को प्रोत्साहित करना प्रभावी ढंग से जारी रख सकते हैं।
छत्तीसगढ़ में वर्ष-दर-वर्ष वनावरण की निरंतर वृद्धि देखी गई है। वन और प्रकृति का संरक्षण हमारे कार्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
मुख्यमंत्री ने कहा जंगलों को बचाना जरूरी है इसके लिए फलदार वृक्षों का प्राथमिकता से साथ वृक्षारोपण करना चाहिए। जंगलों को बचाने के लिए पानी महत्वपूर्ण है। हमने नरवा परियोजना के तहत जल संरक्षण के क्षेत्र में भी काम चालू कर दिया है जंगल की सुरक्षा से वन्य प्राणियों का भी संरक्षण होगा
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने मिनीमाता की 50वीं पुण्यतिथि पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण का किया विमोचन
मिनीमाता स्मृति दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि मिनीमाता का व्यक्तित्व अतुलनीय था। सरल और सहज व्यक्तित्व की धनी मिनीमाता ने अपना पूरा जीवन मानव सेवा के लिए समर्पित कर दिया। दलितों के नागरिक अधिकारों की रक्षा के लिये अस्पृश्यता निवारण अधिनियम को संसद में पारित कराने में उन्होंने महती भूमिका निभाई। बाल विवाह और दहेज प्रथा के विरोध में उन्होंने समाज से लेकर संसद तक अपनी आवाज उठाई।श्री बघेल आज राजधानी रायपुर के शहीद स्मारक भवन में मिनीमाता स्मृति दिवस एवं प्रतिभा सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने प्रथम महिला सांसद मिनीमाता की 50वीं पुण्यतिथि पर डाक विभाग द्वारा जारी विशेष आवरण का विमोचन किया। कार्यक्रम का आयोजन गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, प्रगतिशील छत्तीसगढ़ सतनामी समाज की ओर से किया गया था।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में आगे कहा कि मिनीमाता ने महिला अस्मिता को एक नई ऊंचाई दी है। अपने प्रखर नेतृत्व क्षमता की बदौलत राष्ट्रीय नेताओं के बीच उनकी अलग पहचान थी। दलित शोषित समाज ही नहीं सभी वर्गों ने उनके नेतृत्व को मान्य किया था। मिनीमाता समाज हितैषी कार्यो की वजह से लोकप्रियता के शीर्ष पर पहुंची। छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला सांसद के रूप में उन्हें दलितों एवं महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए कार्यों के लिए सदा याद किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि मिनीमाता ने समाज सुधार सहित सभी वर्गों की उन्नति और बेहतरी के कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। उन्हें असमिया, अंग्रेजी, बांग्ला, हिन्दी और छत्तीसगढ़ी भाषा का अच्छा ज्ञान था। वह सत्य, अहिंसा एवं प्रेम की साक्षात् प्रतिमूर्ति थीं। उनका विवाह गुरूबाबा घासीदास जी के चौथे वंशज गुरू अगमदास से हुआ। विवाह के बाद वे गुरूमाता के रूप में असम से छत्तीसगढ़ आई, तब से उन्होंने इस क्षेत्र के विकास के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। स्वतंत्रता पश्चात लोकसभा का प्रथम चुनाव 1951-52 में सम्पन्न हुआ। मिनीमाता सन् 1951 से 1971 तक सांसद के रूप में लोकसभा की सदस्य रहीं। अविभाजित मध्यप्रदेश में बिलासपुर-दुर्ग-रायपुर आरक्षित सीट से लोकसभा की प्रथम महिला सांसद चुनी गईं। इसके बाद परिसीमन में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित जांजगीर लोकसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव जीत कर लोकसभा पहुंचीं।कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सतनामी समाज की तरफ से गिरौदपुरी का नामकरण गुरू घासीदास गिरौदपुरी धाम किए जाने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने सतनामी समाज के उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभाशाली विद्यार्थियों और लोगों को सम्मानित भी किया। इस अवसर पर रायपुर ग्रामीण विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, रायपुर महापौर श्री एजाज ढेबर, चरौदा के महापौर श्री निर्मल कोसले सहित बड़ी संख्या में सतनाम पंथ के अनुयायी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आर्थिक सशक्तिकरण की तरफ अग्रसर हैं प्रदेश के आदिवासीः मुख्यमंत्री
प्रदेश में आदिवासी संस्कृति को सहेजने का किया जा रहा है कार्य
विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर सर्व आदिवासी समाज के कार्यक्रम में उपस्थित रहे मुख्यमंत्रीरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि पेसा कानून पहले से अस्तित्व में था लेकिन इसके नियम नहीं बनने के कारण इसका लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में पेसा अधिनियम को लेकर नियम बन चुका है और इसके लिए आठ अगस्त को राजपत्र में प्रकाशन भी किया जा चुका है। इससे आदिवासी अपने जल-जंगल-जमीन के बारे में खुद फैसला ले सकेंगे।मुख्यमंत्री आज विज्ञान महाविद्यालय परिसर स्थित दीन दयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आयोजित सर्व आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ के कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में राज्य भर के जनजाति समुदाय के लोग उपस्थित रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ शहीद वीर नारायण के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ।मुख्यमंत्री ने कहा है कि आदिवासियों के हितों को संरक्षण देने के लिए राज्य में पेसा कानून लागू होने से ग्राम सभा का अधिकार बढ़ेगा। नए नियम से ग्राम सभा के 50 प्रतिशत सदस्य आदिवासी समुदाय से होंगे। इस 50 प्रतिशत में से 25 प्रतिशत महिला सदस्य होंगी।विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि उनकी सरकार बनने के बाद विश्व आदिवासी दिवस पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई, आदिवासियों को वन अधिकार के पट्टे प्रदान किए गए जिसके तहत अभी तक पांच लाख पट्टे वन अधिकार के तहत दिए जा चुके हैं। आदिवासियों के हितों का ध्यान रखने के लिए और योजनाओं का समय पर क्रियांवयन करने के लिए जन जागरण अभियान कैलेंडर का विमोचन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार 65 प्रकार के लघु वनोपज खरीद रही है और इससे आदिवासियों का आर्थिक सशक्तिकरण हो रहा है, यही वजह है कि बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अपने गांवों के लिए बैंक खोलने की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासियों के स्वास्थ्य के लिए राज्य सरकार लगातार काम कर रही है और इसी का नतीजा है कि मलेरिया के मामलों में 65% कमी आई है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक से भी लाखों लोग लाभांवित हो रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि शिक्षा के मामले में भी हम आगे बढ़ रहे हैं, हमने बस्तर के 300 बंद स्कूलों को शुरू करने का काम किया है और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए राज्य में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती भी होने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिम संस्कृति छत्तीसगढ़ की पहचान है और आदिवासियों का आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम आदिवासियों के सारे योगदान को सहेज कर रखना चाहते हैं और इसके लिए भाषा, संस्कृति सभी कुछ सहेजने का काम किया जा रहा है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने सभी को विश्व आदिवासी दिवस की शुभकामनाएं दी हैं।इस अवसर पर शिक्षा एवं आदिम जाति विकास मंत्री श्री प्रेमसाय सिंह टेकाम, अनुसूचित जन जाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानु प्रताप सिंह, अनुसूचित जन जाति आयोग की उपाध्यक्ष सुश्री राजकुमारी दीवान, विधायक एवं संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक श्री बृजमोहन अग्रवाल, सर्व आदिवासी समाज के अध्यक्ष श्री भारत सिंह समेत हजारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग उपस्थित थे। -
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रायपुर : विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के 107 हितग्राहियों को 329 लाख 86 हजार रूपए का ऋण और अनुदान वितरित किया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्यमंत्री निवास में आयोजित कार्यक्रम में रायपुर जिले की तहसील आरंग के ग्राम सेमरिया निवासी श्री वसंत कुमार दीवान को ट्रेक्टर ट्रॉली की चाबी प्रदान की। प्रदेश में आयोजित कार्यक्रम के दौरान अनुसूचित जनजाति के 20 हितग्राहियों को ट्रेक्टर ट्रॉली, 05 हितग्राहियों को गुड्स कैरियर, 02 हितग्राहियों को पैसेंजर व्हीकल, 23 हितग्राहियों को स्माल बिजनेस लोन और 57 हितग्राहियों को आदिवासी स्वरोजगार योजना अंतर्गत ऋण वितरित किया गया।
विश्व आदिवासी दिवस का आयोजन पूरे प्रदेश में आज हर्षोल्लास से किया गया। इस दौरान सभी जिला मुख्यालयों में कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन कार्यक्रमों में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ऑनलाइन माध्यम से जुड़े। इस अवसर पर प्रदेश के अनुसूचित जनजाति वर्ग के अधिक से अधिक पात्र हितग्राहियों को वित्तीय योजनाओं का लाभ पहुंचाने और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य के अंत्यावसायी सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा सभी जिला मुख्यालयों में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति एवं वित्त विकास निगम, नई दिल्ली की विभिन्न योजनाओं से हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया। हितग्राहियों को ट्रेक्टर ट्रॉली, गुड्स कैरियर, पैसेंजर व्हीकल, स्माल बिजनेस एवं बैंक प्रवर्तित आदिवासी स्वरोजगार योजना में जनप्रतिनिधियों की उपस्थित में ऋण वितरित किया गया। -
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आदि विद्रोह में स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी जननायकों की भूमिका का किया गया है वर्णन
वन अधिकार के प्रति ग्राम सभा जागरूकता अभियान कैलेण्डर एवं वीडियो संदेश का भी हुआ विमोचन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां निवास कार्यालय में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में आदिम जाति अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रकाशित ’आदि विद्रोह’ एवं 44 अन्य पुस्तिकाओं का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन अधिकार के प्रति ग्राम सभा जागरुकता अभियान के कैलेण्डर, अभियान गीत तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (चारगांव जिला कांकेर) के वीडियो संदेश का भी विमोचन किया।कार्यक्रम में इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव तथा श्री शिशुपाल सिंह सोरी, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानुप्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति के के सचिव श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।छत्तीसगढ़ के आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में एवं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आदिवासी जनजीवन से संबद्ध विभिन्न आयामों को अभिलेखीकृत करने का कार्य किया गया है, संस्थान द्वारा 44 पुस्तकें प्रकाशित की गई है।आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जल-जंगल-जमीन शोषण, उत्पीड़न से रक्षा एवं भारतीय स्वतंत्रता के लिए समय-समय पर आदिवासियों द्वारा किये गये विद्रोहों एवं देश की स्वतंत्रता हेतु विभिन्न आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली वीर आदिवासी जननायकों की शौर्य गाथा को प्रदर्शित करने आदि विद्रोह छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोह एवं स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी जननायक पुस्तिका तैयार की गयी है। इस पुस्तक में 1774 के हलबा विद्रोह से लेकर 1910 के भूमकाल विद्रोह एवं स्वतंत्रता पूर्व तक के विभिन्न आंदोलन जिसमें राज्य के आदिवासी जनजनायकों की भूमिका का वर्णन है। इस कॉफीटेबल बुक का अंग्रेजी संस्करण The Tribal Revolts Tribal Heroes of Freedom Movement and the Tribal Rebellions of Chhattisgarh के नाम से प्रकाशित की गई है।आदिवासी व्यंजन: राज्य के उत्तरी आदिवासी क्षेत्र जैसे सरगुजा, जशपुर कोरिया, बलरामपुर, सूरजपूर आदि, मध्य आदिवासी क्षेत्र जैसे रायगढ़ कोरबा, बिलासपुर, कबीरधाम, राजनांदगांव, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी एवं दक्षिण आदिवासी क्षेत्र जैसे कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा एवं बीजापुर जिलों में निवासरत जनजातिया में उनके प्राकृतिक पर्यावास में उपलब्ध संसाधनों एवं उनकी जीवनशैली को प्रदर्शित करने वाले विशिष्ट प्रकार के व्यंजन एवं उनकी विधियां अभिलेखीकृत की गई हैं।छत्तीसगढ़ की आदिम कला: छत्तीसगढ़ राज्य के उत्तर मध्य एवं दक्षिण क्षेत्र के जिलों में निवासरत जनजातीय समुदायों में उनके दैनिक जीवन के उपयोगी वस्तुओं, घरो की दीवारों में उकेरे जाने वाले भित्ती चित्र, विशिष्ट संस्कारों में प्रयुक्त ज्यामितीय आकृतियां आदि सदैव आदिकाल से जनसामान्य के लिए आकर्षण का विषय रही है। इनमें सामान्य रूप से दीवारों व भूमि पर बनाये जाने वाले कलाकृति, बांस व रस्सी से निर्मित शिल्पाकृति एवं महिलाओं के शरीर में गुदवाये जाने वाले गोदनाकृति या डिजाइनों के स्वरूप तथा उनके पारंपरिक ज्ञान को अभिलेखीकृत किया गया है।छत्तीसगढ़ के जनजातीय तीज-त्यौहार: राज्य के उत्तरी क्षेत्र की पहाड़ी कोरवा जनजाति का कठौरी, सोहराई त्यौहार, उरांव जनजाति का सरहुल, करमा त्यौहार, खैरवार जनजाति का बनगड़ी, जिवतिया त्यौहार आदि, मध्य क्षेत्र की बैगा जनजाति का छेरता, अक्ती त्यौहार, कमार जनजाति का माता पहुंचानी, अक्ती त्यौहार, बिंझवार जनजाति का ज्योतियां, चउरधोनी त्यौहार, राजगोंड जनजाति का उवांस, नवाखाई त्यौहार आदि वहीं राज्य के दक्षिण क्षेत्र या बस्तर संभाग की अबुझमाड़िया जनजाति द्वारा माटी तिहार, करसाड़ त्यौहार, मुरिया जनजाति के कोहकांग, माटी साड त्यौहार, हलबा जनजाति का बीज बाहड़ानी, तीजा चौथ एवं परजा जनजाति का अमुस या हरेली, बाली परब त्यौहार के सदृश्य राज्य को अन्य जनजातियों के भी त्यौहारों का अभिलेखीकरण किया गया है।मानवशास्त्रीय अध्ययन: राज्य की 09 जनजातियों यथा राजगोंड धुरवा, कंडरा, नागवंशी, धांगड़, सौंता, पारधी, धनवार एवं कोंध जनजाति का मानवशास्त्रीय अध्ययन पुस्तक तैयार की गई। जिसमें जनजातियों की उत्पत्ति, सामाजिक संगठन, राजनैतिक जीवन, धार्मिक जीवन एवं सामाजिक संस्कार आदि का वर्णन किया गया है।मोनोग्राफ अध्ययन: राज्य की जनजातियों के जीवनशैली से संबंधित 21 बिन्दूओं पर मोनोग्राफ अध्ययन किया गया है। जिसमें गोंड जनजाति में प्रथागत कानून, हलबा जनजाति में प्रथागत कानून, पहाड़ी कोरवा का प्रथागत कानून, कमार जनजाति में प्रथागत कानून, मझवार जनजाति में प्रथागत कानून, खड़िया जनजाति का प्रथागत कानून, उरांव का सरना उत्सव, उरांव जनजाति में सांस्कृतिक परिवर्तन, दंतेवाड़ा की फागुन मडई, नारायणपुर की मावली मडई, घोटपाल मडई, भंगाराम जात्रा, बैगा गोदना, भुजिया गोदना, भुंजिया जनजाति का लाल बंगला, कमार जनजाति में बांस बर्तन निर्माण, कमार जनजाति में हाट बाजार, बैगा जनजाति में हाट बाजार, खैरवार जनजाति में कत्था निर्माण विधि एवं सरगुजा संभाग में हड़िया एवं मंद निर्माण विधि संबंधी प्रकाशन किये गये है।भाषा बोली: राज्य की जनजातियों में प्रचलित उनकी विशिष्ट बोलियों के संरक्षण के उद्देश्य से सादरी बोली में शब्दकोष एवं वार्तालाप संक्षेपिका, दोरली बोली में शब्दकोष एवं वार्तालाप संक्षेपिका, गोंडी बोली में शब्दकोष एवं वार्तालाप संक्षेपिका, गोंडी बोली दण्डामी माड़िया में शब्द कोष एवं वार्तालाप संक्षेपिका का निर्माण किया गया है।प्राइमर्स: राज्य की जनजातीय बोलियों के प्रचार-प्रसार एवं प्राथमिक स्तर के बच्चों को उनकी मातृभाषा में अक्षर ज्ञान प्रदाय करने हेतु प्रायमर्स प्रकाशन का कार्य किया गया है। इस कड़ी में गोंडी बोली में गिनती चार्ट, गोंडी बोली में वर्णमाला चार्ट, बैगानी बोली में वर्णमाला चार्ट, बैगानी बोली में गिनती चार्ट एवं बैगानी बोली में बारहखड़ी चार्ट आदि शामिल है। इसके अलावा अन्य पुस्तकों में राजगोंड, धुरवा, कंडरा, नागवंशी, धांगड, सौंता, पारधी, धनवार, कोंध पर पुस्तकें प्रकाशित की गई। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ और आदिवासी एक-दूसरे के पर्याय हैं। छत्तीसगढ़ के वन और यहां सदियों से निवासरत आदिवासी राज्य की पहचान रहे हैं। प्रदेश के लगभग आधे भू-भाग में जंगल है, जहां छत्तीसगढ़ की गौरवशाली आदिम संस्कृति फूलती-फलती रही है। आज से साढ़े तीन साल पहले नवा छत्तीसगढ़ के निर्माण का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों को उनके सभी अधिकार पहुंचाने की जो पहल शुरू की जिससे आज वनों के साथ आदिवासियों का रिश्ता एक बार फिर से मजबूत हुआ है और उनके जीवन में नई सुबह आई है। राज्य में 42 अधिसूचित जनजातियों और उनके उप समूहों का वास है। प्रदेश की सबसे अधिक जनसंख्या वाली जनजाति गोंड़ है जो सम्पूर्ण प्रदेश में फैली है। राज्य के उत्तरी अंचल में जहां उरांव, कंवर, पंडो जनजातियों का निवास हैं वहीं दक्षिण बस्तर अंचल में माडिया, मुरिया, धुरवा, हल्बा, अबुझमाडिया, दोरला जैसी जनजातियों की बहुलता है।
छत्तीसगढ़ में निवासरत जनजातियों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत रही है, जो उनके दैनिक जीवन तीज-त्यौहार एवं धार्मिक रीति-रिवाज एवं परंपराओं के माध्यम से अभिव्यक्त होती है। बस्तर के जनजातियों की घोटुल प्रथा प्रसिद्ध है। जनजातियों के प्रमुख नृत्य गौर, कर्मा, काकसार, शैला, सरहुल और परब जन-जन में लोकप्रिय हैं। जनजातियों के पारंपरिक गीत-संगीत, नृत्य, वाद्य यंत्र, कला एवं संस्कृति को बीते साढ़े तीन सालों में सहेजने-संवारने के साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार ने विश्व पटल पर लाने का सराहनीय प्रयास किया है। अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का भव्य आयोजन इसी प्रयास की एक कड़ी है। प्रदेश सरकार द्वारा आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान रायपुर में संग्रहालय की स्थापना वास्तव में आदिवासियों की समृद्ध कला एवं संस्कृति और उनके जीवन से सदियों से जुड़ी सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयत्न है। छत्तीसगढ़ के प्रथम शहीद श्री वीरनारायण सिंह की स्मृति में लगभग 25 करोड़ 66 लाख रूपए की लागत से 10 एकड़ भूमि में स्मारक-सह-संग्राहलय का निर्माण नवा रायपुर अटल नगर में पुरखौती मुक्तांगन में किया जा रहा है। इसमें प्रदेश के जनजातीय वर्ग के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का जीवंत परिचय प्रदेश और देश के शोध छात्र और आम जनों को हो सकेगा।छत्तीसगढ़ राज्य के 28 जिलों में से 14 जिले संविधान की 5वीं अनुसूची में पूर्ण रूप से और छह जिले आंशिक रूप से शामिल हैं। राज्य के आदिवासी समुदाय का लिंगानुपात सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं वरन् देश के लिए अनुकरणीय है। इस समुदाय में एक हजार पुरूष पर 1013 महिलाओं की स्थिति लिंगानुपात को लेकर सुखद एहसास है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी क्षेत्रों और वहां के जनजीवन को खुशहाल और समृद्ध बनाने के लिए प्रयासरत है। यही वजह है कि आदिवासियों का भरोसा व्यवस्था में कायम हुआ है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का कहना है लोहण्ड़ीगुड़ा में किसानों की जमीन की वापसी, तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 2500 रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4 हजार रूपए प्रति मानक बोरा करके, 65 प्रकार के लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी एवं वेल्यू एडीशन करके हमने न सिर्फ वनवासियों की आय में बढ़ोत्तरी की है, बल्कि रोजगार के अवसरों का भी निर्माण किया है। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी समुदाय के जुड़े हर मसले को पूरी संदेवनशीलता और तत्परता से निराकृत करने के साथ ही उनकी बेहतरी के लिए कदम उठा रही है। वनवासियों को वन भूमि का अधिकार पट्टा देने के मामले में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। अब तक राज्य में 4 लाख 54 हजार से अधिक व्यक्तिगत वनाधिकार पत्र, 45,847 सामुदायिक वन तथा 3731 ग्रामसभाओं को सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित कर 38 लाख 85 हजार हेक्टेयर से अधिक की भूमि आवंटित की गई है, जो 5 लाख से अधिक वनवासियों के जीवन-यापन का आधार बनी है।वन अधिकार पट्टाधारी वनवासियों के जीवन को आसान बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा उनके पट्टे की भूमि का समतलीकरण, मेड़बंधान, सिंचाई की सुविधा के साथ-साथ खाद-बीज एवं कृषि उपकरण भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। वन भूमि पर खेती करने वाले वनवासियों को आम किसानों की तरह शासन की योजनाओं का लाभ मिलने लगा है। वनांचल में कोदो-कुटकी, रागी की बहुलता से खेती करने वाले आदिवासियों को उत्पादन के लिए प्रति एकड़ 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी देने का प्रावधान राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत किया गया है। राज्य में पहली बार कोदो-कुटकी की तीन हजार तथा रागी की 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से कुल 16 करोड़ 58 लाख रूपए की खरीदी की गई। कोदो-कुटकी, रागी जैसी फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने और वैल्यु एडिशन के माध्यम से किसानों की आय में बढ़ोत्तरी के लिए मिशन मिलेट शुरू किया गया है। वनोपज का आदिवासियों के जीवन से बड़ा ही गहरा ताल्लुक रहा है। बिचौलियों से सरकार ने अब वनवासियों को मुक्ति दिला दी है।
बस्तर अंचल के तेजी से विकास के लिए नियमित हवाई सेवा शुरू की गई है। जगदलपुर एयरपोर्ट आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करायी गई हैं। इस एयरपोर्ट का नामकरण बस्तर की आराध्य देवी मां दंतेश्वरी के नाम पर किया गया है। अंबिकापुर में शीघ्र हवाई सेवा शुरू करने के लिए दरिमा स्थित मां महामाया एयरपोर्ट में हवाई पट्टी का विस्तार शुरू कर दिया गया है। बीजापुर से बलरामपुर तक सभी अस्पतालों में अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित किया गया है। इन अस्पतालों में प्रसुति सुविधा, जच्चा बच्चा देखभाल सहित पैथालाजी लेब और दंतचिकित्सा सहित विभिन्न रोगों के उपचार और परीक्षण की सुविधाएं उपलब्ध करायी गई है। हाट-बाजारों में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना में मेडिकल एम्बुलेंस के जरिए दुर्गम गांवों तक निःशुल्क जांच और उपचार की सुविधा के साथ दवाईयों का वितरण किया जा रहा है। मलेरिया के प्रकोप से बचाने के लिए बस्तर संभाग में विशेष अभियान चलाया गया, जिससे बस्तर अंचल में अब मलेरिया का प्रकोप थम सा गया है।सुकमा जिले के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र जगरगुण्डा सहित 14 गांवों की एक पूरी पीढ़ी 13 वर्षों से शिक्षा से वंचित थी अब यहां स्कूल भवनों की मरम्मत कर दी गई है। बीजापुर और बस्तर संभाग के जिलों में भी सैकड़ों बंद स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में 9 प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जहां से शिक्षा प्राप्त 97 विद्यार्थी आईआईटी, 261 विद्यार्थी एनआईटी एवं ट्रिपल आईटी, 44 विद्यार्थी एमबीबीएस तथा 833 विद्यार्थी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन प्राप्त कर तकनीकी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। राज्य में 73 एकलव्य आवासीय विद्यालय संचालित हैं। शैक्षणिक सत्र 2022-23 में एकलव्य विद्यालयों में 18 हजार 984 विद्यार्थी अध्ययनरत है।
बस्तर अंचल के लोहांडीगुड़ा के 1707 किसानों की 4200 हेक्टेयर जमीन जो एक निजी इस्पात संयंत्र के लिए अधिगृहित की गई थी। यह भूमि किसानों को लौटा दी गई है। बस्तर संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 429 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। इससे बस्तर अंचल में कृषि, उद्योग, अधोसंरचना के निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध हो सकेगी। आजादी के बाद पहली बार अबूझमाड़ क्षेत्र के 2500 किसानों को मसाहती पट्टा प्रदान किया गया है। अबूझमाड़ के 18 गांवों का सर्वे पूरा कर लिया गया है, दो गांवों का सर्वे जारी है। -
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू करने का दिया सुझाव
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में लिया हिस्साराज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी
रायपुर : प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की सातवीं बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने बैठक से संबन्धित एजेंडा बिन्दुओं के अतिरिक्त राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर अपनी बात रखी।
वहीं, बैठक में प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना का जिक्र भी किया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बताया कि बैठक में प्रधानमंत्री ने विशेषकर गोधन न्याय योजना का जिक्र करते हुए कहा कि, गोबर से तैयार हो रहे वर्मी कम्पोस्ट खेतों की उत्पादकता बढ़ाने में सहायक है l कहा यह किसानों के हित में अच्छी योजना है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले साढ़े तीन वर्षों में नीति आयोग ने प्रदेश के आकांक्षी जिलों के बेहतर प्रदर्शन की सराहना की है। लेकिन राज्य में संसाधनों की समस्याएँ अभी भी हैं, जिनका समाधान होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ अनाज उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना लागू करने के साथ ही छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन गठित किया गया है।
श्री बघेल ने सुझाव दिया कि फसल विविधीकरण एवं दलहल, तिलहन का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने के लिए नवीन विकसित फसल क़िस्मों के नि:शुल्क बीज मिनी किट एवं ब्रीडर सीड बड़े पैमाने पर कृषि अनुसंधान संस्थानों के माध्यम से उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्वामी आत्मानन्द उत्कृष्ट अँग्रेजी माध्यम स्कूल की स्थापना सहित अच्छी गुणवत्ता की अधोसंरचना, उपकरण, शैक्षिक तथा पाठ्यसहगामी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है।
वहीं, नगरीय प्रशासन पर चर्चा करते हुए श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने लगातार तीन वर्षों से राज्य स्वच्छ सर्वेक्षण में बाजी मारी है। प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में बेहतर कार्य किए गए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों एवं 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू की जाये।
इसके अलावा उन्होंने बैठक में जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को राजस्व की हानि हुई है, आगामी वर्ष में राज्य को लगभग 5000 करोड़ के राजस्व की हानि की भरपाई की व्यवस्था केंद्र द्वारा नहीं की गयी है, इसलिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को जून 2022 के पश्चात भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखा जाये।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि विगत 3 वर्षों के केन्द्रीय बजट में छतीसगढ़ को केन्द्रीय करों में हिस्से की राशि 13,089 करोड़ कम प्राप्त हुए हैं। जिससे राज्य के संसाधनों पर अत्याधिक दबाव की स्थिति निर्मित हुई है। केन्द्रीय करों के हिस्से की राशि पूर्णतः राज्य को दी जाये।
श्री बघेल ने कोल ब्लॉक कंपनियों से कोल उत्खनन पर 295 रुपये प्रति टन के मान से केंद्र के पास जमा राशि 4,140 करोड़ छत्तीसगढ़ को शीघ्र देने की मांग की। उन्होने कहा कि राज्य का लगभग 65 प्रतिशत खनिज राजस्व का स्रोत प्रदेश में संचालित लौह अयस्क खानें है। रॉयल्टी दरों में संशोधन राज्य के वित्तीय हित में आवश्यक है। श्री बघेल ने कोयला एवं अन्य मुख्य खनिजों की रॉयल्टी की दरों में संशोधन का अनुरोध किया।
श्री बघेल ने कहा कि आंतरिक सुरक्षा पर होने वाला व्यय केंद्र शासन द्वारा वहाँ किया जाना चाहिए। नक्सल उन्मूलन के लिए राज्य में केंद्रीय बलों की तैनाती पर हुये सुरक्षा व्यय 11 हजार 828 करोड़ रुपये को केंद्र सरकार द्वारा वहन करते हुये राज्य को इस बकाया से मुक्त किया जाए।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वनांचल 10 आकांक्षी जिलों में 5 मेगावाट तक के सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना में वन संरक्षण अधिनियम के तहत छूट देने का भी आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होने नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी, जूट बारदाने की उपलब्धता सुनिश्चित करने सहित अन्य लंबित मांगों पर शीघ्र कार्रवाई का अनुरोध किया। -
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रायपुर : नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोयला सहित मुख्य खनिजों की रॉयल्टी दर में संशोधन का आग्रह किया
कर्मचारियों के हित में नवीन पेंशन योजना में जमा राशि की वापसी की मांग कीनीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की माँग- शहरों के निकट स्थित ग्रामीण क्षेत्रों एवं 20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू की जाये।नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल - जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा उठाया। कहा जीएसटी कर प्रणाली से राज्यों को हुई राजस्व की हानिजीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान जून 2022 के बाद भी आगामी 05 वर्षों के लिए जारी रखने का अनुरोध किया।
नक्सल उन्मूलन के लिए तैनात केन्द्रीय सुरक्षा बलों पर किये 12 हजार करोड़ के व्यय की प्रतिपूर्ति की मांग
कहा राज्यों के संसाधनों पर बढ़ा दबाव, केंद्रीय कर में राज्यों का हिस्सा बढ़ाने की मांग । -
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दिल्ली : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल नई दिल्ली प्रवास के दौरान आज नव निर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी से सौजन्य मुलाक़ात की।
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3.82 लाख व्यक्तिगत और 36,674 सामुदायिक वन अधिकार पत्र राजस्व एवं वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वन अधिकार अधिनियम के क्रियान्वयन की समीक्षा की
वन अधिकार पत्र के रूप में वनवासियों को वितरित 5.15 लाख हेक्टेयर रकबा भूइंया पोर्टल में अपलोडरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज वन अधिकार अधिनियम, 2006 के प्रदेश में क्रियान्वयन की समीक्षा की। उन्होंने सामुदायिक वन अधिकार और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के अंतर्गत वितरित वनों के प्रबंधन के लिए प्रभावी कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के दावों के लिए विशेष अभियान चलाने कहा। उन्होंने इसके लिए ग्रामसभा जागरूकता अभियान भी संचालित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के निवास कार्यालय में हुई बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी एवं श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन तथा अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू भी शामिल हुए।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह ने समीक्षा बैठक में बताया कि प्रदेश के वनांचलों में अब तक चार लाख 54 हजार 415 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 45 हजार 847 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 3731 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। इसके तहत क्रमशः तीन लाख 70 हजार हेक्टेयर, एक लाख 98 हजार हेक्टेयर और 15 लाख 32 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन वनवासियों को प्रदान की गई है। उन्होंने जानकारी दी कि इनमें से तीन लाख 81 हजार 667 व्यक्तिगत, 36 हजार 674 सामुदायिक वन अधिकार तथा 2965 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्रों को राजस्व एवं वन विभाग के अभिलेखों में दर्ज किया जा चुका है। व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र के रूप में वितरित एक लाख 83 हजार 604 पट्टों की करीब पांच लाख 15 हजार हेक्टेयर रकबे को भूइंया पोर्टल में अपलोड भी किया जा चुका है।बैठक में बताया गया कि वन अधिकार अधिनियम के अंतर्गत विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह (विशेष संरक्षित जनजाति) के 23 हजार 643 हितग्राहियों को व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र प्रदान किए गए हैं। इन जनजातियों के लोगों को 1758 सामुदायिक वन अधिकार पत्र और 106 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र भी दिए गए हैं। अधिनियम के तहत प्रदेशभर में 17 हजार 209 विधवा, अविवाहित और तलाकशुदा आदिवासी महिलाओं को भी व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि वन अधिकार पत्रों की त्रुटियों को दूर करने और सभी जिलों में एकरूपता लाने के लिए सभी जिलों को मॉडल अधिकार पत्र का प्रारूप जारी किया गया है। समीक्षा बैठक में वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., राजस्व विभाग के सचिव श्री नीलम नामदेव एक्का तथा आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग की आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी भी मौजूद थीं। -
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अवैध निर्माण के नियमितीकरण की 25 प्रतिशत की राशि निकायों को देने की घोषणा
मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर नगर निगम क्षेत्र में जनता की मांग के अनुसार विकास कार्यो के
लिए 10 करोड़ रूपए की स्वीकृतिरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज शहर के सुभाष स्टेडियम में आयोजित मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम में शिरकत की। उन्होंने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी विकास की बराबर चिंता की है। आम नागरिकों तक सेवाओं को पहुंचाने के लिए कई सफल योजनाएं संचालित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अब लोगों को आय, जाति, निवास, शादी का रजिस्ट्रेशन जैसे कागजों के लिए दफतरों के चक्कर नहीं काटने पड़ते, इसके लिए हमने मितान योजना शुरू की हैं। अब इनके जैसे 13 सेवाएं लोगों को घर बैठे मिल रही है। मुख्यमंत्री रायपुर नगर निगम क्षेत्र में आम जनों की समस्याओं को जानने और उनके मौके पर ही निराकरण के अभियान की भी खुलकर तारीफ की। कार्यक्रम में उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित भी किया। इसके साथ ही निगम क्षेत्र में शासकीय योजनाओं से लाभान्वित होने वाले हितग्राहियों से भी बात की। कार्यक्रम में महापौर श्री एजाज ढेबर, रायपुर ग्रामीण विधानसभा के विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, खादी ग्राम उद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेश तिवारी, छत्तीसगढ योग आयोग के अध्यक्ष श्री ज्ञानेन्द्र शर्मा, नगर निगम के सभापति श्री प्रमोद दुबे सहित कलेक्टर श्री सर्वेश्वर भुरे, नगर निगम आयुक्त श्री मयंक चतुर्वेदी और अन्य अधिकारी तथा बड़ी संख्या में शहरवासी भी शामिल हुए।मुख्यमंत्री ने शहरवासियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुछ साल पहले नगर निगम क्षेत्र में पानी की सप्लाई टैंकरों से होती थी। प्रदेश की राजधानी की इस दशा को हमारी सरकार ने सुधारा है और राजधानी को टैंकर मुक्त बनाया है। उन्होंने यह भी कहा कि पीने के पानी की बात हो या साफ-सफाई की या फिर शहरवासियों के रोजगार और सुख सुविधा की, सभी के लिए सरकार नगर निगम के साथ तेजी से प्रयास कर रही है। बीरगांव नगर निगम क्षेत्र में अभी-अभी 104 करोड़ रूपए की लागत से नया जल शोधन संयंत्र शुरू हुआ है। मुख्यमंत्री ने रायपुर नगर निगम सहित पूरे प्रदेश के नगर निकायों को स्वच्छता के क्षेत्र में भारत सरकार से मिले राष्ट्रीय पुरस्कारों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि पार्षदों, अधिकारियों की मेहनत, स्वच्छता दीदीयों के पसीने और जन सहयोग से छत्तीसगढ़ को लगभग 60 से अधिक पुरस्कारों से नवाजा गया। यह हर छत्तीसगढ़िया व्यक्ति के लिए गर्व की बात है। उन्होंने रायपुर नगर निगम को स्वच्छता सर्वेक्षण में इस बार छठवें नम्बर से पहले नम्बर पर लाने के लिए प्रयास करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की धन्वंतरी योजना, गरीबों की इलाज के लिए 5 लाख रूपए तक की डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना और गंभीर बीमारियों के लिए 20 लाख रूपए तक की सहायता वाली मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के बारे में भी बताया।स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने मिले 10 हजार से अधिक आवेदन- कार्यक्रम में महापौर श्री एजाज ढेबर ने बताया कि मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम के तहत आयोजित हुए शिविरों में सबसे अधिक लगभग 10 हजार से अधिक आवेदन केवल स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने के लिए मिले हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल की इस योजना की लोकप्रियता इतनी है कि हर व्यक्ति, जनप्रतिनिधि अपने वार्ड में स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू कराकर अपने बच्चों को उसमें पढ़ाना चाहता है। इस पर मुख्यमंत्री अपने उद्बोधन में कहा कि स्वामी आत्मानंद स्कूल केवल स्कूल नहीं है, बल्कि गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों के सपनों को साकार देने का माध्यम है। उन्होंने बताया कि इन स्कूलों से एक ओर जहां पालकों की गाढ़ी कमाई का बड़ा हिस्सा फीस के रूप में खर्च होने से बच रहा है, वहीं बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से बच्चों का भविष्य भी गढ़ा जा रहा है। इन स्कूलों के खुल जाने से दूसरे निजी स्कूलों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है और कुल मिलाकर शिक्षा के स्तर में बड़ा सुधार हुआ है। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय से शासन की योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने की भी अपील की।अवैध निर्माण के नियमितिकरण से मिली राशि का 25 प्रतिशत नगरीय निकायों का मिलेगा- मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम में नगरीय क्षेत्रों में 5 हजार वर्ग फीट तक के अवैध निर्माण के नियमितिकरण की योजना के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने महापौर श्री एजाज ढेबर की मांग पर इस प्रकार के नियमितिकरण से मिली राशि में से 25 प्रतिशत राशि संबंधित नगर निगम और नगरीय निकायों को उपलब्ध कराने की घोषणा की। इस 25 प्रतिशत राशि से नगरीय क्षेत्रों में विकास को नये आयाम मिलेंगे और जनसुविधाओं में भी बढ़ोत्तरी होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने महापौर की मांग पर ही रायपुर नगर निगम क्षेत्र में नाली, सड़क निर्माण जैसे छोटे-छोटे कामों के लिए 10 करोड़ रूपए भी मौके पर ही मंजूर किए।35 दिन में मिले 28 हजार से अधिक आवेदन साढ़े 23 हजार का हुआ निराकरण- मोर महापौर मोर द्वार कार्यक्रम के बारे में बताते हुए महापौर श्री एजाज ढेबर ने कहा कि 35 दिन शहर के हर दो वार्डो में नगर निगम के अधिकारियों-कर्मचारियों जनप्रतिनिधियों ने शिविर लगाकर लोगों की समस्याओं को सुना। उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 28 हजार 059 आवेदन मिले, जिनमें से 23 हजार 582 आवेदनों का मौके पर ही निराकरण कर दिया। महापौर ने बताया कि शेष आवेदनों का परीक्षण कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी। इन शिविरों में 6 हजार 567 आय प्रमाण पत्र, 3 हजार 164 आयुष्मान कार्ड, एक हजार 370 ई-श्रमिक कार्ड, एक हजार 082 आधार कार्ड, 896 निवास प्रमाण पत्र, 873 राशन कार्ड, 871 जाति प्रमाण पत्र बनाकर शिविर स्थल पर ही लोगों को दिए गए। महापौर ने बताया कि वार्डवार इन शिविरों में स्व-सहायता समूह की महिलाओं को 5 करोड़ रूपए तक के ऋण स्व-रोजगार के लिए दिए गए और लोगों की मांग पर मूलभूत सुविधाओं के लिए एक करोड़ रूपए से अधिक कामों के लिए स्वीकृति भी शिविरों में दिए गए। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को 5 करोड़ 60 लाख रूपए का किया भुगतान
पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 60 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी16 जुलाई से 31 जुलाई तक पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.17 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 2.07 करोड़ और महिला समूहों को 1.37 करोड़ रूपए की लाभांश राशि शामिलगोधन न्याय योजना में अब तक 301.42 करोड़ का हो चुका है भुगतानगौठानों से जुड़ी महिला समूहों को हो चुकी 77.34 करोड़ की आय -
एजेंसी
दिल्ली : आईबी ने 10 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में लश्कर, जैश के अलावा रेडिकल संगठनों से भी खतरा बताया है। रिपोर्ट में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हुए हमले का भी जिक्र है। दिल्ली पुलिस को दिए निर्देश में कहा गया है कि 15 अगस्त को आयोजन स्थल पर प्रवेश के नियमों में सख्ती बरती जाए।
केंद्रीय खुफिया जांच एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) ने स्वतंत्रता दिवस को लेकर दिल्ली पुलिस को अलर्ट जारी किया है। आईबी की रिपोर्ट के अनुसार, 15 अगस्त तक जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी संगठन किसी हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं। आईबी ने दिल्ली पुलिस को इस संबंध में अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।आईबी ने 10 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में लश्कर, जैश के अलावा रेडिकल संगठनों से भी खतरा बताया है। रिपोर्ट में जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे पर हुए हमले का भी जिक्र है। दिल्ली पुलिस को दिए निर्देश में कहा गया है कि 15 अगस्त को आयोजन स्थल पर प्रवेश के नियमों में सख्ती बरती जाए। आईबी ने हाल ही में उदयपुर और अमरावती में हुईं घटनाओं का जिक्र करते हुए निर्देश दिए हैं कि भीड़भाड़ वाली जगहों पर रेडिकल ग्रुप और उनकी गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखी जाए। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : आजादी की 75वीं वर्षगाठ के गौरवमयी क्षण को यादगार बनाने के लिए छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से माउंट एल्ब्रुस की चोटी पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ की युवा पर्वतारोही सुश्री अंकिता गुप्ता को मांउट एल्ब्रुस की चोटी पर तिरंगा प्रदान करते हुए उन्हें उनके पर्वतारोहण अभियान के लिए अग्रिम बधाई और शुभकामनाएं दी। कबीरधाम की रहने वाली सुश्री अंकिता गुप्ता अपने पिता श्री मदन गुप्ता के साथ आज मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से सौजन्य मुलाकात करने मुख्यमंत्री निवास कार्यालय पहुंची थी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि आजादी की 75वीं वर्षगांठ यादगार बनाने तथा लोगों में देशभक्ति की भावना को अक्षुण्य बनाने के लिए छत्तीसगढ़ में हमर तिरंगा अभियान संचालित किया जा रहा है। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा हमारे राष्ट्रीय अस्मिता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि 11 अगस्त से 17 अगस्त तक राज्य के सभी सरकारी एवं निजी संस्थानों सहित हर घर में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराने का आग्रह हमने लोगों से किया है।सुश्री अंकिता गुप्ता ने बताया कि वह 8 अगस्त को माउंट एल्ब्रुस चोटी के फतह के लिए रवाना होंगी। इस चोटी की ऊंचाई 18,510 फीट है। सुश्री अंकिता गुप्ता 15 अगस्त को माउंट एल्ब्रुस चोटी पर पहुंचकर वहां मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदत्त राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा को छत्तीसगढ़ राज्य की जनता की ओर से फहराएंगी। -
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देश सेवा की भावना से महिलाएं बना रही तिरंगा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से 11 से 17 अगस्त के मध्य मनाए जाने वाले स्वतंत्रता सप्ताह के दौरान अपने घरों, संस्थानों, दुकानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर हमर तिरंगा अभियान को सफल बनाने का आग्रह किया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता सप्ताह के विशेष डीपी फ्रेम का इस्तेमाल अपनी डीपी में करने की अपील की है। प्रोफाईल फोटो बनाने के लिए http://twb.nz/hamar-tiranga पर क्लिक करें।आजादी के अमृत वर्ष को यादगार बनाने के लिए हर घर झंडा कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर हर घर झंडा कार्यक्रम अंतर्गत छत्तीसगढ़ के स्व-सहायता समूह की दीदीयों द्वारा तैयार किया गया तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने के लिए छत्तीसगढ़ के सभी जिलों की महिला स्वसहायता समूह की दीदीयां मन में देश भक्ति की भावना के साथ तिरंगा झंडा तैयार कर रही है साथ ही स्वयं को आर्थिक रूप से सशक्त कर रही है। दंतेवाड़ा जिले की पार्वती स्व-सहायता समूह की दीदियों द्वारा तिरंगा झंडा बनाया जा रहा है। ये दीदीया झंडे बनाने के काम को महज काम नहीं बल्कि देश सेवा के रूप में देख रही हैं।महासमुंद जिले के कोमाखान की महिला स्व सहायता समूह की श्रीमती यामिनी साहू ने बताया कि उन्हें अभी हाल में ही डेढ़ हजार झण्डे बनाने का ऑर्डर मिला है, इसके उपरांत और ऑर्डर मिलने वाला हैं। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि उनके समूह की महिलाओं द्वारा बनाए गए झण्डे जिले के घरों और सरकारी कार्यालयों में फहरेंगे। ये उनके लिए गौरव की बात है। झंडे बनाने का यह कार्य जहां एक तरफ राष्ट्रभक्ति की भावना को जागृत कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं को रोजगार भी दे रहा है। जिसमें राष्ट्रीय ध्वज तैयार करने की जिम्मेदारी महिला स्व-सहायता समूहों को दी गई है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
आगामी शिक्षा सत्र से खरोरा में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय खुलेगा
मोहरेंगा-कठिया और कोदवा-मढ़ी सड़क निर्माण की हुई घोषणाखरोरा में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कॉलेज भवन का किया लोकार्पण
दानवीर दाऊ स्व. श्री रामप्रसाद देवांगन की प्रतिमा का किया अनावरण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर जिले के खरोरा में निर्मित कॉलेज भवन का लोकार्पण और दानवीर स्व. दाऊ रामप्रसाद देवांगन की प्रतिमा का अनावरण किया। इस दौरान आयोजित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि दानवीर श्री देवांगन ने बच्चों के भविष्य उज्जवल करने के लिए अपने जीवनकाल में ही स्कूल के लिए 4 एकड़ जमीन दान की थी। शिक्षा के माध्यम से ना केवल व्यक्ति का विकास होता है। अपितु परिवार और समाज सुदृढ़ और विकसित भी होता है। उन्होंने शिक्षा के अलख जगाने में स्व. दाऊ रामप्रसाद देवांगन की महती सोच और भूमिका की तारीफ की। खरोरा में नया कॉलेज भवन बन जाने से बच्चों को अब उच्च शिक्षा के लिए अन्यत्र जाने की जरूरत नहीं होगी।
इस अवसर पर कृषि एवं पंचायत मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, श्रम मंत्री श्री शिवकुमार डहरिया, धरसीवां विधायक श्रीमति अनिता योगेन्द्र शर्मा, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुंदर दास, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमति डोमेश्वरी वर्मा एवं क्षेत्र के जनप्रतिनिधीगण, अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सरकार किसान, मजदुर, महिलाओं सभी के लिए योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। आज किसानों के ऋण माफी के साथ-साथ बिजली बिल हाफ योजना, किसानों को तीन और पांच हॉर्सपावर मोटर पर बिजली बिल छूट, राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ 9 हजार रूपये, गरीब भूमिहीन मजदूरों को प्रतिवर्ष 7 हजार रूपये की सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसकेे साथ-साथ बच्चों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए आत्मानंद उत्कृष्ठ अंग्रेजी स्कूल खोले जा रहे है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को अब अच्छी शिक्षा मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि देश में छत्तीसगढ़ एक मात्र राज्य है, जहां गोबर के साथ-साथ गौ-मुत्र की भी खरीदी की जा रही है। इससे पशुपालकों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि एक ओर हमने जहां राज्य की जनता की खुशहाली और समृद्धि के लिए अनेक योजनाएं क्रियान्वित कर रहे है, वहीं दुसरी और छत्तीसगढ़ की परंपरा, संस्कृति और खानपान को जीवंत बनाने के लिए कदम उठा रहे है। छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराओं की एक अलग पहचान है। यह पहचान हमारे पुरखों की देन है। इसे बनाए रखना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है।
दो सड़के बनाने और स्वामी आत्मानंद स्कूल खोलने की घोषणा, दो विद्यालयों का नामकरण भी हुआ- कार्यक्रम के दौरान उन्होंने आमजनों की सुविधाओं तथा मांगो के अनुरूप मोहरेंगा-कठिया तथा कोदवा-मढ़ी सड़क मार्ग निर्माण करने की घोषणा की। इसके साथ-साथ उन्होंने शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कनकी का नाम शहीद युगल किशोर वर्मा तथा शासकीय हाई स्कूल मोहरेगा का नाम मण्डल दास गिलहरे के नाम से करने की घोषणा की। इस दौरान उन्होंने विधायक की मांग पर खरोरा में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी विद्यालय के भवन निर्माण तथा आगामी शिक्षा सत्र से प्रारंभ करने की घोषणा भी की। कार्यक्रम को कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया सहित विधायक श्रीमति अनिता शर्मा और राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण ने भी संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल के समक्ष स्व. रामप्रसाद देवांगन के सुपुत्र श्री ईश्वरी देवांगन ने परिजनों की और से स्वयं के व्यय पर कॉलेज परिसर में सुसज्जित ऑडिटोरियम निर्माण करने की घोषणा की।खरोरा कॉलेज में लगभग चार सौ विद्यार्थियों को पढ़ने की बेहतर सुविधा मिलेगी- खरोरा में स्व.रामप्रसाद देवांगन शासकीय महाविद्यालय के नव-निर्मित भवन में आस-पास के लगभग चार सौ विद्यार्थी पढ़ रहें है। पहले खरोरा के विद्यार्थियों को कॉलेज की पढ़ाई के लिए रायपुर-पलारी-बिलासपुर जाना पड़ता था। घर से दूर रहने-खाने के साथ-साथ अन्य दूसरी असुविधाएं भी विद्यार्थिंयों को होती थी। ऐसे में 2017 में खरोरा में शासकीय कॉलेज शुरू हुआ था। इस महाविद्यालय का नामकरण क्षेत्र के लोकप्रिय दानवीर और बच्चों की शिक्षा के लिए हमेशा अग्रसर रहने वाले दाऊ स्व.रामप्रसाद जी देवांगन के नाम पर किया गया था। इस महाविद्यालय का नया भवन तीन करोड़ 91 लाख रूपये की लागत से तैयार हुआ है । 2100-2100 वर्गमीटर क्षेत्र में भू-तल और प्रथम तल पर तैयार इस भवन में प्राचार्य कक्ष, उप प्राचार्य कक्ष, स्टाफ कक्ष, कार्यालय, सोलह क्लास रूम, पांच प्रयोगशाला कक्ष, लाइब्ररी कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, परीक्षा नियत्रंक कक्ष, कॉमन रूम सहित आठ स्टोर रूम भी बनाये गये है। इस महाविद्यालय में आर्टस, कामर्स और गणित विषय में विज्ञान संकाय की कक्षाएं संचालित हो रही है। -
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दानवीर दाऊ स्व. श्री रामप्रसाद देवांगन की प्रतिमा का अनावरण भी किया
कालेज परिसर में वृक्षारोपण भी किया गयारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 2 अगस्त को रायपुर जिले के खरोरा में स्व.रामप्रसाद देवांगन शासकीय महाविद्यालय के नव-निर्मित भवन का लोकार्पण किया। कॉलेज का यह नया भवन तीन करोड़ 91 लाख रूपये की लागत से बनाया गया है। मुख्यमंत्री कॉलेज परिसर में ही क्षेत्र के दानवीर दाऊ श्री रामप्रसाद जी देवांगन की प्रतिमा का अनावरण भी किया। इस दौरान श्री बघेल जनसमुदाय को संबोधित किया और शासन की योजनाओं के तहत हितग्राहियों को सामग्री वितरित की।खरोरा कॉलेज में लगभग चार सौ विद्यार्थियों को पढ़ने की बेहतर सुविधा मिलेगी- खरोरा में स्व.रामप्रसाद देवांगन शासकीय महाविद्यालय के नव-निर्मित भवन में आस-पास के लगभग चार सौ विद्यार्थी पढ़ रहें है। पहले खरोरा के विद्यार्थियों को कॉलेज की पढ़ाई के लिए रायपुर-पलारी-बिलासपुर जाना पड़ता था। घर से दूर रहने-खाने के साथ-साथ अन्य दूसरी असुविधाएं भी विद्यार्थिंयों को होती थी। ऐसे में 2017 में खरोरा में शासकीय कॉलेज शुरू हुआ था।इस महाविद्यालय का नामकरण क्षेत्र के लोकप्रिय दानवीर और बच्चों की शिक्षा के लिए हमेशा अग्रसर रहने वाले दाऊ स्व.रामप्रसाद जी देवांगन के नाम पर किया गया था। इस महाविद्यालय का नया भवन तीन करोड़ 91 लाख रूपये की लागत से तैयार हुआ है ।2100-2100 वर्गमीटर क्षेत्र में भू-तल और प्रथम तल पर तैयार इस भवन में प्राचार्य कक्ष, उप प्राचार्य कक्ष, स्टाफ कक्ष, कार्यालय, सोलह क्लास रूम, पांच प्रयोगशाला कक्ष, लाइब्ररी कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, परीक्षा नियत्रंक कक्ष, कॉमन रूम सहित आठ स्टोर रूम भी बनाये गये है। इस महाविद्यालय में आर्टस, कामर्स और गणित विषय में विज्ञान संकाय की कक्षाएं संचालित हो रही है। -
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मुख्यमंत्री ने शिवरीनारायण में कन्नौजिया कुर्मी समाज के धर्मशाला का किया लोकार्पण
जांजगीर-चाम्पा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज एक दिवसीय जांजगीर-चाम्पा जिले के शिवरीनारायण प्रवास पर थे। इस दौरान उन्होंने माता शबरी और भगवान नर नारायण के दर्शन कर मंदिर में पूजा की और कन्नौजिया कुर्मी समाज के धर्मशाला का लोकार्पण किया। यहां आयोजित सामाजिक सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के विकास में सभी समाज की सहभागिता जरूरी है। उनकी सरकार सभी समाज और वर्ग को साथ लेकर विकास की राह में आगे बढ़ रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में जो भी योजनाएं बनाई गई है, उससे सभी समाज के गरीब और जरूरतमंद लोगों का उत्थान हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी गौरवशाली संस्कृति है। इन्हें संरक्षित करने के साथ आने वाली पीढ़ी को बताने की दिशा में भी सरकार काम कर रही है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने शिवरीनारायण में कन्नौजिया कुर्मी समाज के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि श्रमदान और सहयोग राशि से धर्मशाला भवन का निर्माण किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार बनते ही सबसे पहले किसानों का कर्ज माफ कर सर्वाधिक समर्थन मूल्य में धान खरीदी शुरू की गई। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इस वर्ष 21 मई को पहली किस्त दी गई। दूसरी किस्त 20 अगस्त को तीजा पर्व से पहले दी जाएगी। तीसरी किस्त एक नवंबर को और चौथी किस्त 31 मार्च को प्रदान की जाएगी। इसी तरह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना और गोधन न्याय योजना की राशि भी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन राशि से किसानों, गौपालकों तथा भूमिहीन मजदूरों के आय को बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जांजगीर-चाम्पा जिले में बहुत अच्छा गौठान है। यहां भी गोबर की खरीदी होती है। इससे बनने वाले वर्मी कम्पोस्ट को इस्तेमाल धान उत्पादन में किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरा का उपयोग भी खाद बनाने के लिए किया जा सकता है। यह सभी खेतों की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने के साथ जमीन को उपजाऊ बनाती है। छत्तीसगढ़ की सरकार गौ सेवा के साथ गोबर और गौ-मूत्र की खरीदी भी कर रही है। गौमूत्र से कीटनाशक और गोबर से खाद बनाया जा रहा है। इससे किसानों, मजदूरों को आर्थिक लाभ पहुंच रहा है। ग्रामीण आद्यौगिक पार्क स्थापना से रोजगार के नये अवसर सृजित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांव-गांव गौठान बनाया गया है। इसका संचालन गांववासी करें और आत्मनिर्भर, स्वावलंबी बने। उन्होंने गांव मंे अतिक्रमण रोकने के लिए ग्रामीणों को जागरूक बनने की भी अपील की। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुंदर दास, नगर पंचायत शिवरीनारायण अध्यक्ष श्रीमती अंजनी तिवारी, कन्नौजिया कुर्मी समाज के अध्यक्ष श्री छोटेलाल कश्यप और समाज के पदाधिकारियों ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक श्री रामकुमार यादव, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल सहित श्रीमती मंजू सिंह सदस्य अन्य भवन सन्निर्माण कर्मकार मण्डल, श्री राघवेन्द्र प्रताप सिंह उपाध्यक्ष जिला पंचायत, श्री व्यासनारायण कश्यप मण्डी अध्यक्ष सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, समाज के पदाधिकारी उपस्थित थे।शिक्षा और स्वास्थ्य में हो रहा बदलावमुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव हुआ है। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय के माध्यम से गरीब बच्चों को सर्वसुविधायुक्त अध्यापन सुविधाएं मिलने के साथ अंग्रेजी की शिक्षा दी जा रही है। पहले किसी निजी स्कूल में पढ़ाने के लिए अधिक शुल्क देने के साथ पुस्तकों एवं ड्रेस के लिए भी अधिक पैसे खर्च करने पड़ते थे। स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट शासकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी आने वाले दिनों में प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के गरीब वर्गों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाओं के साथ सस्ती दर पर दवाइयां उपलब्ध कराई जा रही है। हाट बाजारों में लगने वाले क्लीनिक से मुफ्त में उपचार भी किया जा रहा है।छत्तीसगढ़ की संस्कृति को विश्व के मानचित्र पर लाना हैमुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति उन्नत, प्राचीन और गौरवशाली है। इसे दुनिया के मानचित्र पर आगे लाना है। यहां की आदिवासी संस्कृति को पहचान दिलाने के साथ सरंक्षित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। राजिम, गिरौदपुरी, दामाखेड़ा सहित शिवरीनारायण आदि के विकास के लिए कदम उठाए गए हैं। संस्कृति को संरक्षित करने के साथ पर्यटन को विकसित करने का काम किया जा रहा है। राम वनगमन पर्यटन परिपथ भी इसी कड़ी का हिस्सा है। हमारे राज्य में विशिष्ट कार्य करने वाले महापुरूष और लोग है। ऐसे लोगों को सामने लाने के साथ आने वाले पीढ़ियों को भी उनसे अवगत कराने की दिशा में सरकार काम कर रही है।
इंडोर स्टेडियम का नाम माता शबरी के नाम पर करने मुख्यमंत्री ने की घोषणामुख्यमंत्री श्री बघेल ने शिवरीनारायण में बनाए जा रहे इंडोर स्टेडियम का नाम माता शबरी के नाम पर करने की घोषणा मंच से की। उन्होंने कन्नौजिया कुर्मी समाज के धर्मशाला हेतु अतिरिक्त कक्ष हेतु सहयोग करने की बात भी कही। उन्होंने 30 बेड अस्पताल भवन हेतु टेण्डर जारी होने तथा पर्यटन के विकास के लिए कार्य प्रगति पर होने की बात कही।
नवा कलेक्टर हे, अच्छा काम करहीमुख्यमंत्री श्री बघेल ने मंच से कहा कि आने वाले समय में जिला का विकास तेजी से होगा। आपके जिला में नवा कलेक्टर आ गे हे। लकठा परोस के रहइया हे, बिलासपुर के हे। अच्छा काम करही। इहा के जिला पंचायत सीईओ रह चुके हे, अब निरन्तर विकास होही। उन्होंने कहा कि राजनांदगांव में कलेक्टर से पहले श्री तारन प्रकाश सिन्हा, जनसंपर्क के आयुक्त सह संचालक थे। अब आपके जिले के कलेक्टर बन गये हैं।