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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और उभरती हुई आर्थिक ताकत
धर्म के नाम पर समाज का विभाजन चिंताजनक
‘भारत के 75 वर्ष एक समीक्षा‘ विषय पर एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में आयोजित तीन दिवसीय कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र में मुख्यमंत्री ने वर्चुअल सम्बोधन
छत्तीसगढ़ सामाजिक न्याय और गांव स्वराज्य के सपने को कर रहा साकार
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने त्याग और बलिदान से यह साबित किया था कि सभी जाति, धर्म, समाजों की विविधता के बीच एक राष्ट्र के रूप में हमारी एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। आजादी के बाद भारत ने जिन मूल्यों के साथ अपनी यात्रा शुरु की थी, हम उन मूल्यों को सहेजते और मजबूत करते हुए विकास पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। ये वही मूल्य हैं, जो हमारे संविधान की आत्मा हैं। जिनकी वजह से, तमाम चुनौतियों के बावजूद, हमारा लोकतंत्र जिंदा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में आयोजित कॉन्फ्रेंस के उद्घाटन सत्र को वर्चुअल रूप से सम्बोधित कर रहे थे। यह कॉन्फ्रेंस भारत की आजादी के 75 वें वर्ष के उपलक्ष्य में एसओएएस यूनिवर्सिटी ऑफ लंदन में एक अगस्त से 03 अगस्त तक भारत के 75 वर्ष एक समीक्षा विषय पर आयोजित है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आगे कहा कि आज हमारे लोकतांत्रिक मूल्य पर खतरा मंड़रा रहा है। हम इन मूल्यों को बचाकर और आगे बढ़ाकर भारत की स्वतंत्रता को बचाए रखने में अपना योगदान दे रहे हैं। हमारा देश एक ऐसे दौर से गुजर रहा है जब जनता के साथ न्याय के सवाल गैरजरूरी बना दिए गए हैं और गैरजरूरी सवालों पर देश को हांकने की कोशिश हो रही है। हम धर्म के नाम पर एक विभाजित समाज का खतरा झेल रहे हैं, यह बहुत ही चिंता का विषय है। उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश में आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ी जा रही है, यह लड़ाई आजादी पाने की नहीं, बल्कि बचाने की लड़ाई है। छत्तीसगढ़ में हम पूरी ताकत के साथ यह लड़ाई लड़ रहे हैं। आजादी के 7 दशक पूरे होने के बाद छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में मुझे यह अवसर मिला कि एक प्रदेश के माध्यम से दुनिया को यह दिखा सकूं कि हमारे लिए आजादी के क्या मायने थे। स्वतंत्रता आंदोलन के क्या मूल्य थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत की आजादी के बाद हम भारतीयों ने जिस संविधान को आत्मसात किया है, वह प्रत्येक नागरिक के लिए सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता सुनिश्चित करता है। वह एक लोकतांत्रिक, धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी भारत के निर्माण का हामी है। लेकिन विडंबना है कि बीते आठ सालों से देश में लोकतांत्रिक संस्थाएं एक के बाद एक ढहाई जा रही हैं, धर्मनिरपेक्षता को सिरे से नकारा जा रहा है। आजादी के बाद का आज सबसे चुनौतीपूर्ण दौर है। लोकतांत्रिक मूल्यों का क्षरण हो रहा है। देश की लोकतांत्रिक संस्थाओं की स्वतंत्रता और स्वायत्तता खत्म की जा रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज़ादी के बाद 75 वर्षों में हम एक देश की तरह कहां तक पहुंचे हैं। पूरे दो सौ वर्षों की ग़ुलामी के बाद हमें 15 अगस्त 1947 को जब भारत आज़ाद हुआ तब से अब तक की हमारी यात्रा पर विचार करना है. देखना है कि हमने क्या खोया और क्या पाया। उन्होंने कहा कि भारत का आर्थिक वैभव इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि वर्ष 1700 में दुनिया की अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 24.4 प्रतिशत थी, जो ग़ुलामी के दौर में लगातार घटती रही और जब भारत आज़ाद हुआ तो यह हिस्सेदारी घटकर 4.2 प्रतिशत रह गई थी। यह बात और किसी ने नहीं अंग्रेज़ अर्थशास्त्री एंगेस मैडेसन ने अपनी किताब में लिखी है। औद्योगिक क्षेत्र में हमारी भागीदारी 25 प्रतिशत से घटकर सिर्फ़ दो प्रतिशत रह गई थी। हम सोने की चिड़िया कहलाते थे और जब आज़ाद हुए तो दाने-दाने को मोहताज हो चुके थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश आज़ाद हुआ तब अंग्रेज़ों का अनुमान था कि हम इसे संभाल नहीं पाएंगे। पहले तो वे सोचते थे कि हम आज़ादी ही नहीं ले सकेंगे, लेकिन हमारे पास गांधी नाम का एक ऐसा महामानव था, जिसने भारतीयों को याद दिलाया कि उनकी ताक़त क्या है. हमारे पास उनके नेतृत्व में अहिंसा के रास्ते पर चलने वाले सैकड़ों दीवाने थे जो देश के लिए अपनी जान देने के लिए तैयार थे। हमारे पास भगत सिंह से लेकर सुभाष चंद्र बोस तक ऐसे अनगिनत नौजवान थे, जो हर क़ीमत पर आज़ादी हासिल करने को तैयार थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास पंडित जवाहर लाल नेहरू जैसा एक दूरदर्शी नेता था, जिसने नए भारत की ऐसी नींव रखी कि आज 75 बरस बाद हम यह कह सकने के काबिल हो गए हैं कि हम दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र हैं और उभरती हुई आर्थिक ताक़त हैं। हम अंतरिक्ष से लेकर सिलिकॉन वैली तक हर जगह हैं। हमारे पास आईआईटी है, एम्स है, आईआईएम हैं और ऐसा समाज है जो अंग्रेज़ों के उस सपने को धराशाई कर दिया है कि हम आज़ादी को नहीं संभाल पाएंगे।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक परिस्थितियों को समझने के लिए सतही तौर पर यह जान लेना जरूरी है कि छत्तीसगढ़ में आज भी 44 प्रतिशत जंगल हैं, यहां की जनसंख्या में 31 प्रतिशत लोग आदिवासी हैं, 80 प्रतिशत से ज्यादा लोग खेती किसानी करते हैं। छत्तीसगढ़ की संस्कृति वन एवं कृषि आधारित संस्कृति है। यहां के लोगों में विकास का अपना अपना दृष्टिकोण रहा है। यह दृष्टिकोण विशुद्ध रूप से भौतिकवादी न होकर प्रकृतिवादी रहा है। छत्तीसगढ़ के लोगों ने हमेशा प्रकृति के सहचर होते हुए अपना आर्थिक विकास चाहा है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमने छत्तीसगढ़ के लोगों से वादा किया था कि हम महात्मा गांधी और पं. जवाहर लाल नेहरू की नीतियों पर चलते हुए यहां के लोगों के सपनों को साकार करेंगे। ग्राम स्वराज्य की कल्पना को धरातल पर उतारेंगे। एक ऐसे छत्तीसगढ़ का निर्माण करेंगे जिसमें हाशिये पर खड़े लोगों के साथ न्याय होगा। हमने छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था की धुरी को शहरों से हटाकर गांवों में स्थापित करने का वादा किया था। किसानों और आदिवासियों को उनके पसीने की कीमत दिलाने, उन्हें जल-जंगल-जमीन पर कानूनी अधिकार दिलाने का वादा किया था।हमने किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाकर आर्थिक रूप से अधिक सक्षम और ऊर्जावान बनाने का वादा किया था। हमने एक ऐसे छत्तीसगढ़ के निर्माण का वादा किया था जिसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन, स्वच्छ पेयजल और आवास पर सभी का समान अधिकार हो। सांसद श्री राहुल गांधी ने न्यूनतम आय योजना की संकल्पना देश के सामने रखी थी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के रूप में यहां मैं उस संकल्पना को पूरा कर रहा हूं। छत्तीसगढ़ में हमने जिन नयी योजनाओं और नीतियों का निर्माण किया वे महात्मा गांधी और पंडित जवाहर लाल नेहरू के विचारों के अनुरूप, छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलनकारियों की अपेक्षाओं और समतावादी समाज की आकांक्षाओं को पूरा करने वाली हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को उनके पसीने की सही कीमत मिल सके इसके लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत हमने उनके लिए आदान सहायता की व्यवस्था की है। आज छत्तीसगढ़ के किसानों को उनकी उपज की देश में सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है। छत्तीसगढ़ को पूर्ण जैविक राज्य बनाने हम गोधन न्याय योजना के अंतर्गत पशुपालक किसानों से गोबर और गोमूत्र की खरीदी करके उनसे खाद और कीटनाशक बना रहे हैं। गांव-गांव में गौठानों का निर्माण कर उन्हें ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में उन्नत किया जा रहा है। हमने गोबर से बिजली का उत्पादन करने की शुरुआत की है। इसके अलावा गोबर से ही प्राकृतिक पेंट और गुलाल का निर्माण भी हम कर रहे हैं। हम अपने ग्रामीणों को केवल उपभोक्ता बनाकर नहीं रखना चाहते, बल्कि हम उन्हें उत्पादक भी बना रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे गांव उत्पादन केंद्रों के रूप में विकसित हो रहे हैं तो शहरों में उन उत्पादों की बिक्री के लिए सी-मार्ट की भी स्थापना की है, जहां एक ही छत के नीचे गांवों के सभी उत्पाद बेचे जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य में लघु वनोपज की खरीदी, वैल्यू एडिशन एवं इससे रोजगार के अवसरों का उल्लेख किया। उन्होंने मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना, दाई-दीदी क्लीनिक योजना, श्री धन्वंतरी जैनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना, स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम एवं हिन्दी माध्यम स्कूल योजना के बारे में विस्तार से अपनी बात रखी। -
महाराष्ट्र : शिवसेना सांसद संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में रात 12 बजे गिरफ्तार कर लिया। बुधवार को साढ़े छह घंटे की पूछताछ के बाद ईडी की ओर से यह कार्रवाई किया गया। संजय राउत महाराष्ट्र के पात्रा चॉल घोटाले में आरोपी है। राउत की गिरफ्तारी के बाद उनके भाई सुनील राउत ने कहा कि गलत तरीके से उन्हें गिरफ्तार किया गया है। हमें गिरफ्तारी के संबंध में कोई कागज नहीं दिया गया है।
ईडी सूत्रों के मुताबिक राउत के घर से 11.5 लाख रुपये नकद मिले हैं। इस रुपयों का राउत हिसाब नहीं दे पाए, जिसके बाद ईडी ने उसे जब्त कर लिया। संजय राउत के भाई सुनील ने बताया कि सोमवार सुबह 11.30 बजे उन्हें PMLA कोर्ट में पेश किया जाएगा। ईडी की टीम पूछताछ के लिए कस्टडी की मांग कर सकती है।
इसके साथ ही राउत के खिलाफ मुंबई के वकोला पुलिस स्टेशन में कथित ऑडियो मामले में मामला दर्ज हुई है। यह एफआईआर पात्रा चॉल केस में गवाह स्वप्ना पाटेकर ने कराई है। ऑडियो में आपत्तिजनक शब्दों का उपयोग किया गया था।
राउत की 11 करोड़ की संपत्ति हो चुकी है जब्तयह केस मुंबई के गोरेगांव इलाके में पात्रा चॉल से जुड़ा है, जो महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी का भूखंड है। इसमें करीब 1034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में प्रवीण राउत की 9 करोड़ रुपए और संजय राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त हो चुकी है।
ऐसे उजागर हुआ मामला2020 में महाराष्ट्र में सामने आए पीएमसी बैंक घोटाले की जांच हो रही थी, तभी प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि बिल्डर की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था।
क्या है पत्रा चाल घोटालामुंबई के गोरेगांव उपनगर में महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथारिटी (म्हाडा) की 47 एकड़ जमीन पर टीन के पतरे वाली चाल (खोलियां) बनाकर 500 से ज्यादा परिवार रहते थे। 2007 में इसी भूखंड पर फ्लैट बनाकर वहां पहले से रह रहे परिवारों को देने और बाकी फ्लैट म्हाडा व इसे विकसित करने वाली कंपनी को हस्तांतरित करने की योजना बनाई गई थी। भूखंड पर फ्लैट बनाने का काम गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया। इस कंपनी के साथ हुए समझौते के अनुसार भूखंड पर कुल 3,000 फ्लैट बनाए जाने थे। इनमें से 672 फ्लैट वहां पहले से चालों में रह रहे परिवारों को दिए जाने थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बेटी की पढ़ाई के लिए मां ने छोड़ दी थी अपनी नौकरी
चीफ जस्टिस आफ इंडिया और मुख्यमंत्री की मौजूदगी गोल्ड मेडल से किया गया सम्मानित
रायपुर : मंजिल उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता , हौंसलों से उड़ान होती है। ये कविता हम हमेशा ही सुनते आए हैं, लेकिन इसे चरितार्थ करके दिखाया है दिल्ली की रहने वाली एक दृष्टिहीन छात्रा यवनिका ने। यवनिका रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी से बीएएलएलबी (आनर्स) 2021 बैच की टापर हैं और इन्होंने प्रोफेशनल एथिक्स में गोल्ड मेडल हासिल किया है। यवनिका को ये गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में चीफ जस्टिस आफ इंडिया की मौजूदगी में प्रदान किया गया।यवनिका दृष्टिहीन छात्रा हैं, लेकिन उन्होंने इसे कभी भी अपनी कमजोरी नहीं समझा, बल्कि उनके हौंसले उन्हें उड़ान भरने के लिए लगातार प्रेरित करते रहे। दिल्ली की रहने वाली यवनिका के पिता भारतीय रेल सेवा में अधिकारी हैं तथा मां स्पेशल एजुकेटर के तौर पर काम कर रही थीं। यवनिका ने फैसला लिया कि वो लॉ की पढ़ाई करेंगी। यवनिका ने रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया। यवनिका को कोई परेशानी ना हो इसके लिए उनकी मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यवनिका के साथ ही रायपुर में पांच वर्ष तक रहीं।
अपने मंजिल को पाने मे यवनिका ने अपनी पूरी जान लगा दी और आखिरकार वो इसमें कामयाब भी हुईं। इतना ही नहीं यवनिका ने खुद के लिए नई मंजिल तय की है और इसे पाने के लिए वो नेशनल ला कालेज बंगलौर में एलएलएम कोर्स में एडमिशन लेकर पढ़ाई भी कर रही हैं। यवनिका का कहना है कि रायपुर की पांच साल की जर्नी में कालेज, फैकल्टी और साथी स्टूडेंट्स ने उसका बहुत सपोर्ट किया जिसके लिए वो हमेशा उनका आभारी रहेगी।यवनिका का कहना है कि माता पिता धरती पर भगवान का रूप हैं और उनका आशीर्वाद है तो जीवन में किसी भी लक्ष्य को पाना नामुमकिन नहीं है। यवनिका ने हमेशा ही अपनी मेहनत और काबीलियत पर भरोसा रखा और अपने लक्ष्य को हासिल किया। यवनिका के जुझारू पन के सम्मान में उसे गोल्ड मेडल देते वक्त जीफ जस्टिस श्री एन वी रमणा तथा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल समेत सभी अतिथि अपनी जगह पर खड़े होकर उनका उत्साह बढ़ाया। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
ज्यूडीशियरी को सर्वोत्तम अधोसंरचना उपलब्ध कराने में अग्रणी बन कर उभरेगा छत्तीसगढ़ः सीजेआई श्री एन वी रमणा
विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी का पांचवा दीक्षांत समारोह संपन्न
रायपुर : उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री एन. वी. रमणा ने आज रायपुर में कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ज्यूडिशियल कम्युनिटी के बजट और अधोसंरचना सम्बंधित सभी आवश्यकताओं का पूरा ख्याल रख रही है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ये ट्रेंड इसी तरह जारी रहेगा और छत्तीसगढ़ ज्यूडिशियरी को सर्वोत्तम अधोसंरचना उपलब्ध कराने में अग्रणी राज्य बनकर उभरेगा। मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति श्री एन. वी. रमणा ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ में विधिक शिक्षा के विकास में सक्रिय रूप से सहयोग प्रदान करने के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ की जनता को गुड गवर्नेंस प्रदान करने उनके द्वारा किये जा रहे प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दीं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आज देश के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति श्री एन वी रमणा हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पांचवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सीजेआई श्री रमणा ने छात्रों से कहा कि आप सभी के पास एक विजन होना चाहिए और उसे पाने के लिए आप सभी के भीतर जोश और जज्बा होना चाहिए। सीजेआई श्री रमणा ने छात्रो से कहा कि आप सभी इस देश के लिए अनमोल हैं और हम सभी को टेलेन्डेट माइन्ड्स को सही दिशा मे ले जाने की जरूरत है।रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ युनिवर्सिटी की तारीफ करते हुए सीजेआई श्री एन वी रमणा ने कहा कि इसका नाम एक महान विधिवेत्ता के नाम पर रखा गया है जिन्होंने अपना पूरा जीवन विधि के नाम पर समर्पित कर दिया था। सीजेआई श्री रमणा ने दीक्षांत समारोह में छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि ज्ञान और सूचना सबसे बड़े धरोहर हैं और इनका सही उपयोग करके ही हमें विकसित होते जाना है।
दीक्षांत समारोह में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के जर्नल लॉ एंड सोशल साइंस के छठें संस्करण का विमोचन करते हुए गोल्ड मेडलिस्ट छात्रो को उपाधि वितरित की एवं उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।रायपुर के हिदायतुल्ला नेशनल लॉ युनिवर्सिटी के पांचवे दीक्षांत समारोह के अवसर पर दो शोधार्थियों को डाक्टर आफ फिलासाफी की उपाधि प्रदान की गयी। इसके अलावा कुल 23 छात्र छात्राओं को 66 गोल्ड मेडल के सम्मान से सम्मानित किया गया। 6 गोल्ड मेडल्स के साथ वर्ष 2020 बैच के अंकित पाल एवं 11 गोल्ड मेडल्स के साथ वर्ष 2021 बैच की पल्लवी मिश्रा ओवरआल टापर रहे।
दीक्षांत समारोह की अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधिपति न्यायमूर्ति श्री एस अब्दुल नजीर ने की। दीक्षांत समारोह में उच्चतम न्यायालय की न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना भी मौजूद थीं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस तथा हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति श्री अरूप कुमार गोस्वामी और आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस श्री प्रशांत मिश्रा भी उपस्थित थे। दीक्षांत समारोह में छत्तीसगढ़ के विधि मंत्री श्री मोहम्मद अकबर एवं आदिम जाति कल्याण विभाग के मंत्री डा प्रेमसाय सिंह टेकाम भी दीक्षांत समारोह में उपस्थित थे। -
मनोज शुक्ला
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से आयोजित समारोह के थे मुख्य अतिथि
बिजली मंत्रालय के प्रधानमंत्री पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना का हुआ शुभारंभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से केन्द्रीय बिजली मंत्रालय के 'उज्ज्वल भारत उज्ज्वल भविष्य - पावर@2047' कार्यक्रम के समापन समारोह में शामिल हुए। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से आयोजित इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।प्रधानमंत्री ने समारोह में डिस्कॉम कंपनियों और बिजली विभागों की परिचालन क्षमता तथा वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए प्रधानमंत्री पुनर्निर्मित वितरण क्षेत्र योजना (Revamped Distribution Sector Scheme) का शुभारंभ किया। मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, क्रेडा के सीईओ श्री आलोक कटियार एवं संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य भी मुख्यमंत्री निवास कार्यालय से कार्यक्रम में वर्चुअली मौजूद थे। वहीं नई दिल्ली से केन्द्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह तथा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हुए। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित ऊर्जा महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए । इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, क्रेडा के सीईओ श्री आलोक कटियार एवँ संस्कृति विभाग के संचालक श्री विवेक आचार्य भी उपस्थित हैं ।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गांव-गांव पहुंचकर महिलाओं को जागरूक करेगा न्याय रथ निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ को किया रवानादुर्ग : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा शुरू की गई है। मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के करसा गांव से हुई। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने हरेली तिहार के अवसर पर गुरूवार को करसा गांव से ’मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ’ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। शुभारंभ के पहले दिन यह रथ मुख्यमंत्री श्री बघेल के विधानसभा क्षेत्र ग्राम करसा, जामगांव एम और अमलेश्वर पहुंचा और महिलाओं को जागरूक किया।प्रारंभिक चरण में महतारी न्याय रथ दुर्ग जिले के महिला बाल विकास विभाग के आठ सेक्टरों में भ्रमण करेगा। यात्रा के दूसरे दिन महतारी न्याय रथ दुर्ग जिले के तेलीगुंडरा, असोगा, रानीतराई और झीठ गांव पहुंचा और महिलाओं को उनके विधिक अधिकारों से जागरूक कराया। इसके बाद न्याय रथ जिले के दरबारमोखली, जामगांव आर, गाडाडीह और सेलूद पहुंचेगा।छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. नायक ने बताया कि रथ के माध्यम से लोगों को राष्ट्रीय विधिक जागरूकता पर बनी चयनित और पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। यह रथ गांव-गांव में भ्रमण कर महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा। इसके लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा पुरस्कृत कानून संबंधी फिल्में उपलब्ध कराई गई हैं। इनमें मुख्य रूप से भोर के किरण (टोनही प्रताड़ना), नन्ही परी (भ्रूण हत्या), कैसे कहूं ना (नशामुक्ति), ‘‘बोलते दरख्त’’ (मानव तस्करी), भंवर (साइबर क्राइम), खुशी (पास्को एक्ट, घरेलु हिंसा गुडटच, बैडटच), फुलवा (घरेलु हिंसा और नशा), ‘‘अधिकार किसका’’ (प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण, दहेज प्रताड़ना), सार्थक (बालश्रम और बंधवा मजदूरी) फिल्में शामिल हैं। इसके साथ ही स्त्री शिक्षा, नाबालिकों का विवाह और उनका घर से भाग जाना जैसे विषयों को भी इसमें शामिल किया गया है।डॉ. नायक ने बताया कि प्रथम चरण में न्याय रथ प्रदेश के नौ जिलों में जाएगा। महतारी न्याय रथ का संचालन जिलों को प्राप्त डीएमएफ राशि से किया जा रहा है। इस अभियान के तहत महिलाओं को निःशुल्क कानूनी सहायता भी दी जाएगी। प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी। प्राप्त आवेदनों का महिला आयोग द्वारा निराकरण किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष बदलाव किए हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
प्रत्येक मृतक के परिजनों को आर.बी.सी 6-4 के प्रावधानों के अनुरूप 04-04 लाख की सहायता स्वीकृत करने के निर्देश
घायलों को बेहतर उपचार सुविधा उपलब्ध कराने को कहा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने महासमुंद जिले में आकाशीय बिजली गिरने की घटना में 05 श्रमिकों की मृत्यु पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने घटना में घायल 06 श्रमिकों को बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। श्री बघेल ने हादसे में मृत प्रत्येक श्रमिक के परिजनों को आर.बी.सी. 6-4 के प्रावधानों के अनुरूप 04-04 लाख रुपए की सहायता राशि स्वीकृत करने के भी निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि महासमुंद जिले के थाना सिंघोड़ा के अंतर्गत ग्राम घाटकछार में आकाशीय बिजली गिरने से कुमारी जानकी, कुमारी लक्ष्मी यादव, श्रीमती बसंती नाग, श्रीमती जमोवती, श्रीमती नोहरमति की मृत्यु हो गई। इस घटना में श्रीमती पंकजनी यादव, श्रीमती पार्वती मालिक, श्रीमती तपस्वनी, श्रीमती पुन्नी, श्रीमती गीतांजलि, श्रीमती शशि मुझी घायल हो गए हैं, जिनका सरायपाली स्वास्थ्य केंद्र में उपचार चल रहा है। -
शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अब तक अर्पिता मुखर्जी के दो फ्लैटों पर छापेमारी की है। छापेमारी के दौरान सोने, डॉलर और कुछ दस्तावेजों के अलावा 51 करोड़ रुपये की नकदी का एक बड़ा भंडार मिला है। बंगाली और उड़िया फिल्म उद्योग में काम करने वाली अभिनेत्री और मॉडल अर्पिता मुखर्जी फिलहाल ईडी की हिरासत में हैं। माना जाता है कि उसने जांचकर्ताओं के सामने खुलासा किया था कि पार्थ चटर्जी ने अपने फ्लैटों को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया था। वहीं बरामद पैसे से तृणमूल कांग्रेस पहले ही दूरी बना चुकी है।
पहली छापेमारी में ईडी ने किया बरामद-1. 21 करोड़ रुपये के करेंसी नोट2. 70 लाख रुपये से अधिक मूल्य का सोना3. डॉलर में 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी4. 20 मोबाइल फोन
बुधवार को दूसरी छापेमारी में ईडी ने बरामद किया
1. 28 करोड़2. सोने की छड़ों सहित 5 किलो सोनापार्थ चटर्जी के घर से मिले 17 सामानकम से कम 44 पन्नों की एक डीड, 2012 की है, जो बताती है कि दोनों एक-दूसरे को कम से कम पिछले 10 सालों से जानते थे।हार्ड डिस्क, मोबाइल फोननियुक्ति (स्कूलों में ग्रुप डी स्टाफ की) और पदों के स्थानांतरण से संबंधित दस्तावेजउम्मीदवारों के प्रवेश पत्रवॉशरूम में , वार्डरोब और संदूक भी मिला नोटों का जखीराईडी ने पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर अर्पिता मुखर्जी के चार ठिकानों को खंगाला है। कमरों के अलावा वॉशरूम, वार्डरोब और संदूक में भी नकदी छिपाकर रखी गई थी। अब तक 51 करोड़ से ज्यादा की नकदी और सोना व डॉलर आदि मिले हैं। इसे देखते हुए ईडी को आशंका है कि यह घोटाला 100 करोड़ से ज्यादा का हो सकता है।ईडी के अधिकारियों को अर्पिता मुखर्जी के बेलघरिया स्थित आवास के बारे में पूछताछ के बाद पता चला जिसमें वह कथित तौर पर सहयोग कर रही हैं। कैश की गिनती बुधवार शाम करीब छह बजे शुरू हुई और गुरुवार सुबह चार बजे तक चली। नोट गिनने के लिए बड़ी-बड़ी मशीनें लाई गईं और सुबह ट्रकों में नकदी भरी गई।क्या है अर्पिता का पार्थ चटर्जी से कनेक्शन?रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि अर्पिता मुखर्जी दुर्गा पूजा कमेटी के जरिए मंत्री पार्थ चटर्जी के संपर्क में आई थीं। इतना ही नहीं वह 2019 और 2020 में नकटला उदयन संघ नामक पार्थ चटर्जी की दुर्गा पूजा समिति के प्रचार अभियानों का चेहरा भी थीं।अर्पिता मुखर्जी, अभिनेत्री और मॉडल हैं। अर्पिता ने न केवल ओडिया में बल्कि बंगाली और तमिल फिल्मों में भी अभिनय किया है। अभिनेत्री के फेसबुक बायो में लिखा है, "एक मल्टी-टैलेंटेड वर्सेटाइल एक्टर, जिन्होंने टॉलीवुड में कई फिल्मों में काम किया है।" बता दें कि अभिनेत्री 2009 में आई फिल्म 'मामा भगने' में बंगाली सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी के साथ और 2008 में रिलीज हुई फिल्म 'पार्टनर' में काम कर चुकी हैं। -
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वासुदेव कृष्ण का दूसरा नाम, सही मायने में इस माटी के कृष्ण हैं स्व. दाऊ वासुदेव चन्द्राकर जी: मुख्यमंत्री श्री बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कृषि संस्कृति की महत्ता को दर्शाने वाले हरेली त्यौहार पर दुर्ग के मालवीय नगर चौक में स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि स्वर्गीय वासुदेव चंद्राकर जी को छत्तीसगढ़ की राजनीति का आधार स्तंभ माना जाता है, वैसे तो चंद्राकर जी 14 वर्ष की आयु से ही स्वतंत्र भारत के स्वप्न को पूरा करने के लिए स्वतंत्रता पूर्व विभिन्न आंदोलनों का हिस्सा रहे और छत्तीसगढ़ की स्थापना में उनका विशेष योगदान रहा। उनकी छवि हमेशा से किसान हितैषी रही है। किसान के हितों पर कभी समझौता न करने वाले स्वर्गीय चंद्राकर जी खुद भी खेती किसानी की बहुत अच्छी समझ रखते थे। अपने जीवन काल में उन्होंने छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सभ्यता में प्राणवायु भरने का कार्य किया है। छत्तीसगढ़ में उन्हें हमेशा किसान और मजदूरों के संगठन व उत्थान के लिए कार्य करने के कारण उनके प्रिय नेता के रूप में याद किया जाएगा।
स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी को सभी लोग राजनीति के चाणक्य के रूप में जानते हैं लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके साथ-साथ उन्हें छत्तीसगढ़ की माटी का कृष्ण कहा, मुख्यमंत्री जी का कथन था कि जब उनके नाम में ही वासुदेव है और वासुदेव का दूसरा नाम कृष्ण है तो इससे बेहतर उनका परिचय नहीं हो सकता। यहां उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी का आत्म चिंतन किया और उपस्थित लोगों के बीच उनका और अपना अनुभव साझा किया। उन्होंने आगे कहा कि उनके बिना राजनीति के अध्याय की कल्पना नहीं की जा सकती, जनता का विश्वास उनके लिए सर्वोपरी था, वह नैतिकता को ताक पर रखकर कभी भी कोई कार्य नहीं करते थे, उन्होंने हमेशा आम जनता, मजदूरों और किसानों के हित में अपनी आवाज बुलंद की है। उन्होंने स्व. दाऊ वासुदेव चंद्राकर को उनके जीवन का पथप्रदर्शक भी बताया।इस अवसर पर श्री लक्ष्मण चंद्राकर और श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का आभार व्यक्त किया। इसके साथ-साथ कार्यक्रम में स्वर्गीय दाऊ वासुदेव चंद्राकर जी की मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार व आर्किटेक्ट का सम्मान किया गया। जिसमें पद्मश्री श्री नेलसन जी मूर्तिकार, श्री शंभु ताम्रकार आर्किटेक्ट, श्री मोहन बराल आर्किटेक्ट और श्री किशोर शिंदे इंजीनियर सम्मिलित थे।कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, विधायक श्री अरूण वोरा, पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे, श्री आर.एन. वर्मा, नगर निगम दुर्ग महापौर श्री धीरज बाकलीवाल, सभापति श्री राजेश यादव, श्री अब्दुल गनी, पार्षद श्रीमती बबीता यादव, श्री लक्ष्मण चंद्राकर, श्री संदीप वोरा, श्री देवेश मिश्रा, श्री संजय कोहले, संभागायुक्त श्री महादेव कावरे, आईजी श्री बद्रीनारायण मीणा, कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा तथा अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारीगण उपस्थित थे। -
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जैविक खाद विक्रय के लिए सहकारी समितियों को मिला 1.70 करोड़ रुपये का बोनस
जैविक खाद के विक्रय पर महिला समूहों और सहकारी समितियों को बोनस देने वाला छत्तीसगढ़ देश का इकलौता राज्यरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज 28 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित हरेली तिहार के मौके पर राज्य के गौठानों से जुड़ी जैविक खाद उत्पादक महिला स्व-सहायता समूहों को प्रोत्साहन राशि (बोनस) का चेक वितरित किया और समूह की बहनों को बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि समूह की महिला बहनों ने अपनी लगन और मेहनत से स्वावलंबन की एक नई मिसाल कायम की है। महिला बहनों की मेहनत का ही यह परिणाम है कि उन्हें जैविक खाद के विक्रय के एवज में मिलने वाले लाभांश के अतिरिक्त प्रति किलो एक रूपया की दर से यह अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर 7442 महिला स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रुपये और सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ की प्रोत्साहन राशि प्रदान की।यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 7 जुलाई 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में जैविक खाद का निर्माण कर रहीं महिला स्व-सहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी जैविक खाद की प्रति किलो मात्रा पर एक रुपये तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे की दर से प्रोत्साहन (बोनस) राशि देने का निर्णय लिया गया था। गौरतलब है कि राज्य के गौठानों में गोधन न्याय योजना के तहत दो रूपए किलो में गोबर की खरीदी बीते दो सालों से की जा रही है। क्रय गोबर से महिला स्व-सहायता समूह की बहनें वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट प्लस का निर्माण करने के साथ-साथ दीया, गमला, अगरबत्ती, गो-काष्ट आदि का निर्माण कर रही है। समूहों द्वारा उत्पादित जैविक खाद का विक्रय किसानों एवं शासन के विभिन्न विभागों को किया जा रहा है। 7 जुलाई 2022 की स्थिति में राज्य में महिला समूहों द्वारा लगभग 21 लाख क्विंटल जैविक खाद का उत्पादन किया जा चुका था, जिसमें से सोसायटियों के माध्यम से 17 लाख क्विंटल जैविक खाद का विक्रय हुआ था। मंत्रिपरिषद में विक्रय हो चुकी खाद की प्रति किलो की मात्रा पर महिला समूहों को एक रूपया तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे के मान से प्रोत्साहन राशि देने का फैसला लिया था, जिसके परिपालन में आज महिला समूहों और सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि का वितरण किया गया। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो महिला समूहों को जैविक खाद के उत्पादन पर निर्धारित लाभांश के अलावा अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि बोनस भी दे रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल महिला समूहों के आत्मबल को बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने में मददगार साबित होगी।गौरतलब है कि राज्य के कई ऐसे महिला स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें 2 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक की राशि बोनस के तौर पर मिली है। राज्य के शहरी क्षेत्र के जैविक खाद उत्पादक स्व-सहायता समूहों में राजनांदगांव स्वच्छ शहरी महासंघ को सर्वाधिक 21 लाख 13 हजार 270 रूपये का बोनस मिला है। इसी तरह स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सिटी लेबल फेडरेशन 20 लाख 6 हजार 995 रूपये, स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ को 9 लाख 80 हजार 702 रूपये, एकता क्षेत्र स्तरीय संघ सिमगा को 7 लाख 1 हजार 624 रूपये, मां दुरपता समूह गंडई को 6 लाख 37 हजार 978 रूपए, मां मरियम स्व-सहायता समूह रायपुर को 5 लाख 91 हजार 270 रूपये, स्वच्छ दल्लीराजहरा क्षेत्र स्तरीय संघ को 4 लाख 52 हजार 632 रूपये, कान्हा महिला स्व-सहायता समूह रायपुर को 4 लाख 22 हजार 780 रूपये, गोधन शहर स्तरीय संगठन खैरागढ़ को 3 लाख 93 हजार 31 रूपये तथा स्वच्छ चिरमिरी संगठन समूह को 3 लाख 65 हजार 165 रूपये का बोनस दिया गया।इसी तरह ग्रामीण अंचल के टॉप-10 जैविक खाद उत्पादक स्व-सहायता समूहों में रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के ग्राम्यश्री स्व-सहायता समूह को 3 लाख 69 हजार 17 रूपये का बोनस मिला है, जबकि बस्तर जिले के बकावण्ड के पंचवटी स्व-सहायता समूह को 3 लाख 65 हजार 420 रूपये, महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के जय मां भवानी को 3 लाख 29 हजार 420 रूपये, कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के डोन्डे समूह को 2 लाख 79 हजार 846 रूपए, रायगढ़ विकासखंड के जय मां संतोषी समूह को 2 लाख 59 हजार 960 रूपये, रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के सीता महिला संगठन को 2 लाख 25 हजार 17 रूपये, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखंड के जय मौली माता समूह को 2 लाख 24 हजार 40 रूपये, बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड के जय सतनाम स्व-सहायता समूह को 2 लाख 14 हजार 20 रूपये, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के गौ-सेवा महिला स्व-सहायता समूह सेन्दर को 2 लाख 12 हजार 490 रूपये तथा रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के राजलक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह टेकरीकुंडा को 2 लाख 10 हजार 253 रुपये की राशि बोनस के तौर पर मिली है।मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में महिला समूहों एवं सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री चन्द्रदेव राय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा विधायक श्री सत्यनारायण शर्मा, श्री अनूप नाग, श्री चन्दन कश्यप, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, पूर्व सांसद श्रीमती छाया वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित महिला स्व-सहायता समूह की बहनें एवं नागरिकगण उपस्थित थे। -
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रायपुर :भारत निर्वाचन आयोग नई दिल्ली द्वारा विधि एवं न्याय मंत्रालय भारत सरकार के परामर्श से विभिन्न नियमों में निम्नलिखित संशोधन किए गए हैं-
1- मतदाताओं से आधार संख्या संकलन हेतु।
2-नागरिकों के मतदाता सूची में पंजीकरण हेतु उपयोग होने वाले प्रपत्रों में।
3-मतदाताओं के पंजीकरण हेतु अहर्ता तिथियों में।
4-अन्य संशोधन प्रावधान एवं परिसर अधिग्रहण।)
साथ ही आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ प्रदेश में फोटोयुक्त निर्वाचक नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अहर्ता तिथि 1 जनवरी 2023 के संदर्भ में पुनरीक्षण कार्यक्रम जारी किया है।
उल्लेखित विभिन्न नियमों में आयोग द्वारा जारी किए गए संशोधनों और निर्वाचन नामावलियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण अहर्ता तिथि 1 जनवरी 2023 के संबंध में जानकारी देने के लिए 29 जुलाई 2022 को शाम 4.00 बजे मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय शास्त्री चौक पुराना मंत्रालय परिसर, रायपुर में इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया को सादर आमंत्रित किया गया है। -
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मुख्यमंत्री गौ-मूत्र विक्रय कर बने प्रथम विक्रेता
छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा देने एक और पहल
गौठानों में जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक का होगा उत्पादन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के अवसर पर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी की ऐतिहासिक की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर चंदखुरी की निधि स्व-सहायता समूह को 5 लीटर गौ-मूत्र 20 रूपए में बेचकर राज्य के पहले विक्रेता बने। निधि स्व-सहायता समूह ने गौ-मूत्र विक्रय की यह राशि श्री भूपेश बघेल के आग्रह पर मुख्यमंत्री सहायता कोष के खाते में जमा की।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जो पशुपालक ग्रामीणों से दो रूपए किलो में गोबर खरीदी के बाद अब 4 रूपए लीटर में गौ-मूत्र की खरीदी कर रहा है। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में धूम-धाम से आयोजित हरेली पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री ने कृषि यंत्रों की पूजा की और प्रदेश की खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने गौ-माता को चारा खिलाया और उसकी पूजा की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य के जैविक खाद उत्पादक 7442 महिला स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन (बोनस) राशि का भी वितरण किया।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर अपने उद्बोधन में कहा कि गोधन न्याय योजना के बहुआयामी परिणामों को देखते हुए देश के अनेक राज्य इसको अपनाने लगे हैं। इस योजना के तहत अमीर हो या गरीब सभी दो रूपए किलो में गौठानों में गोबर बेच रहे हैं। बीते दो सालो में गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर विक्रेताओं, गौठान समितियों और महिला समूहों के खाते में 300 करोड़ रूपए से अधिक की राशि अंतरित हुई है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी समृद्ध हो, किसान खुशहाल हो यह हमारी कोशिश है। जैविक खाद और जैविक कीटनाशक का खेती में उपयोग करने से खेती की लागत में कमी आएगी। खाद्यान्न की गुणवत्ता बेहतर होगी, जिससे जन-जीवन का स्वास्थ्य बेहतर होगा।गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार देश की इकलौती सरकार है, जो अपने राज्य के पशुपालक ग्रामीणों से बीते दो सालों से गोबर खरीद रही है। आज 28 जुलाई को हरेली पर्व से छत्तीसगढ़ में गौ-मूत्र की सरकारी खरीदी की विधिवत शुरूआत हो गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की यह पहल वास्तव में राज्य में पशुपालन के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ पशुपालक की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देना है। राज्य में बीते दो सालों से गोबर की खरीदी और इससे जैविक खाद के निर्माण से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र खरीदी का मकसद गौठानों में इससे जैविक कीटनाशक, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर का निर्माण करना है, ताकि राज्य के किसानों को कम कीमत पर जैविक कीटनाशक सहजता से उपलब्ध कराया जा सके।यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना की शुरुआत छत्तीसगढ़ में आज से 2 साल पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से हुई थी। इसके तहत गौठनों में पशुपालक ग्रामीणों से 2 रुपये किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। देश- दुनिया में गोबर की खरीदी की गोधन न्याय योजना की बेजोड़ सफलता ही गौ-मूत्र की खरीदी का आधार बनी है। गोबर खरीदी के जरिए बड़े पैमाने पर जैविक खाद का निर्माण और उसके उपयोग के उत्साहजनक परिणामों को देखते हुए अब गोमूत्र की खरीदी कर इससे कीट नियंत्रक उत्पाद, जीवामृत, ग्रोथ प्रमोटर बनाए जाएंगे। इसके पीछे मकसद यह भी है कि खाद्यान्न उत्पादन की विषाक्तता को कम करने के साथ ही खेती की लागत को भी कम किया जा सके।खेती में अंधाधुंध रासायनिक खादों एवं रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से खाद्य पदार्थों की पौष्टिकता खत्म हो रही है। भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है। खाद्य पदार्थों में विषाक्तता की मात्रा बढ़ रही है ,जिसके कारण जन जीवन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। अब गौठानों में गोमूत्र की खरीदी कर महिला समूहों के माध्यम से इससे जैविक कीटनाशक तैयार किए जाएंगे, जिसे किसानों को रियायती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा। इन जैविक कीटनाशकों की कीमत बाजार में मिलने वाले महंगे रासायनिक कीटनाशक पेस्टिसाइड की कीमत से काफी कम होगी। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि गोमूत्र कीटनाशक, रासायनिक कीटनाशक का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार के कीटों के नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले ,फल छेदन एवं तना छेदक कीटों के प्रति गोमूत्र कीटनाशक का उपयोग ज्यादा प्रभाव कारी है। इसका उपयोग कृषि- पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए भी बेहतर है।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर सुराजी गांव योजना के गरवा घटक के तहत राज्य के 8408 गांव में गौठान निर्मित एवं संचालित है, जहां पशुओं के देखरेख चारा-पानी का निःशुल्क प्रबंध है। इन गौठनों में गोधन न्याय योजना के तहत बीते 2 सालों से गोबर की खरीदी की जा रही है। जिससे महिला समूह जैविक खाद एवं अन्य उत्पाद तैयार कर रही हैं। राज्य में बीते 2 सालों में 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसके एवज में गोबर विक्रेता ग्रामीण पशुपालकों को 153 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का भुगतान किया गया है। महिला समूहों ने क्रय गोबर से अब तक 22 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट प्लस का उत्पादन कर राज्य के किसानों को खेती में उपयोग के लिए उपलब्ध कराया है। गौठानों में गोबर से जैविक खाद के निर्माण के साथ-साथ महिलाएं अन्य मूलक गतिविधियां भी संचालित कर रही हैं, जिनसे उन्हें बीते 2 सालों में 74 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय हुई है। गौठानों में महिला समूह द्वारा जैविक खाद के साथ-साथ अब जैविक कीटनाशक तैयार किए जाने से राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा मिलेगा। इससे पशुपालक ग्रामीणों को अतिरिक्त आय और महिला समूहों को रोजगार और आय का जरिया भी मिलेगा।मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हरेली पर्व के कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, संसदीय सचिव श्री चिंतामणि महाराज, श्री चन्द्रदेव राय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल,छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा विधायक श्री सतनारायण शर्मा, श्री अनूप नाग, श्री चन्दन कश्यप, श्रीमती अनिता योगेन्द्र शर्मा महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, पूर्व सांसद श्रीमती छाया वर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह सहित बड़ी संख्या में नागरिकगण उपस्थित थे। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज अपने निवास परिसर से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया और शुभकामनाएं दी। राजगीत से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। मुख्यमंत्री ने महिलाओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य के संबंध में शपथ भी दिलाई ।
इस मौके पर महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, उद्योग मंत्री श्री कावासी लखमा, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राजेश्री राम सुंदर दास, राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमई नायक, विधायक श्री सतनारायण शर्मा, राज्य खाद्य आपूर्ति निगम के अध्यक्ष श्री रामगोपाल अग्रवाल सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे। -
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राज्य के 7442 स्व-सहायता समूहों को मिलेगा 17 करोड़ रूपये का बोनस
सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ रुपये का बोनस
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल 28 जुलाई को हरेली पर्व के अवसर पर गौठानों से जुड़े कम्पोस्ट उत्पादक महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को बोनस वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में पूर्वान्ह 11.30 बजे से आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री बघेल 7442 स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ रुपये और सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ की राशि बोनस के रूप में देंगे।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में 7 जुलाई 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट खाद का निर्माण कर रहीं महिला स्व-सहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट की प्रति किलो मात्रा पर एक रुपये तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 10 पैसे की दर से प्रोत्साहन (बोनस) राशि देने का निर्णय लिया गया था। इसी तारतम्य में 28 जुलाई को 7442 स्व-सहायता समूहों को 17 करोड़ तथा सहकारी समितियों को 1.70 करोड़ रूपये प्रोत्साहन राशि के रूप में जारी की जाएगी।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि राज्य के कई ऐसे महिला स्व-सहायता समूह हैं, जिन्हें 2 लाख रुपये से लेकर 21 लाख रुपये तक का बोनस मिलेगा। राज्य के शहरी क्षेत्र के कम्पोस्ट उत्पादक स्व-सहायता समूहों में राजनांदगांव स्वच्छ शहरी महासंघ को सर्वाधिक 21 लाख 13 हजार 270 रूपये का बोनस मिलेगा। इसी तरह स्वच्छ अंबिकापुर मिशन सिटी लेबल फेडरेशन 20 लाख 6 हजार 995 रूपये, स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ को 9 लाख 80 हजार 702 रूपये, एकता क्षेत्र स्तरीय संघ सिमगा को 7 लाख 1 हजार 624 रूपये, मां दुरपता समूह गंडई को 6 लाख 37 हजार 978 रूपए, मां मरियम स्व-सहायता समूह रायपुर को 5 लाख 91 हजार 270 रूपये, स्वच्छ दल्लीराजहरा क्षेत्र स्तरीय संघ को 4 लाख 52 हजार 632 रूपये, कान्हा महिला स्व-सहायता समूह रायपुर को 4 लाख 22 हजार 780 रूपये, गोधन शहर स्तरीय संगठन खैरागढ़ को 3 लाख 93 हजार 31 रूपये तथा स्वच्छ चिरमिरी संगठन समूह को 3 लाख 65 हजार 165 रूपये का बोनस दिया जाएगा।
इसी तरह ग्रामीण अंचल के टॉप-10 कम्पोस्ट उत्पादक स्व-सहायता समूहों में रायगढ़ जिले के बरमकेला विकासखंड के ग्राम्यश्री स्व-सहायता समूह को 3 लाख 69 हजार 17 रूपये, बस्तर जिले के बकावण्ड के पंचवटी स्व-सहायता समूह को 3 लाख 65 हजार 420 रूपये, महासमुंद जिले के बागबाहरा ब्लॉक के जय मां भवानी को 3 लाख 29 हजार 420 रूपये, कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा विकासखंड के डोन्डे समूह को 2 लाख 79 हजार 846 रूपए, रायगढ़ विकासखंड के जय मां संतोषी समूह को 2 लाख 59 हजार 960 रूपये, रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के सीता महिला संगठन को 2 लाख 25 हजार 17 रूपये, बलौदाबाजार-भाटापारा जिले के सिमगा विकासखंड के जय मौली माता समूह को 2 लाख 24 हजार 40 रूपये, बेमेतरा जिले के बेरला विकासखंड के जय सतनाम स्व-सहायता समूह को 2 लाख 14 हजार 20 रूपये, गरियाबंद जिले के फिंगेश्वर ब्लॉक के गौ-सेवा महिला स्व-सहायता समूह सेन्दर को 2 लाख 12 हजार 490 रूपये तथा रायपुर जिले के आरंग विकासखंड के राजलक्ष्मी महिला स्व-सहायता समूह टेकरीकुंडा को 2 लाख 10 हजार 253 रुपये बोनस मिलेगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से आज यहां विधानसभा परिसर के कार्यालय में सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम और अध्यक्ष अपेक्स बैंक श्री बैजनाथ चंद्राकर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के प्रतिनिधिमंडल ने सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के विगत 3 वर्ष की उपलब्धियों पर आधारित स्मारिका ‘‘नई सोच - नई पहल छत्तीसगढ़ की सहकारिताएं’’ पुस्तिका का विमोचन किया। उन्होंने इसके प्रकाशन पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि किसानों, ग्रामीणों तथा सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए यह पुस्तिका उपयोगी साबित होगी।
इस अवसर पर जिला सहकारी बैंकों के अध्यक्ष सर्वश्री पंकज शर्मा, प्रमोद नायक, नवाज खान, जवाहर वर्मा, रामदेव तथा एमडी के.एस. कांडे, पुस्तिका के प्रकाशन में सहभागी अविनाश श्रीवास्तव, भूपेश चंद्रवंशी, अजय भगत, चंद्रप्रकाश, अभिषेक और प्रभाकर भी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिलाओं को उनके अधिकारों और कानूनों के प्रति जागरूक करने राज्य महिला आयोग की नई पहल
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हरी झंडी दिखाकर महतारी न्याय रथ को करेंगे रवाना
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की पहल पर हरेली पर्व से प्रदेश की महिलाओं को उनके संवैधानिक अधिकारों और कानूनों की जानकारी देकर जागरूक करने और उनमें आत्मविश्वास बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा की शुरूआत की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हरेली के दिन मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह रथ सभी जिलों में भ्रमण कर लोगों को शॉर्ट फिल्मों, संदेशों और ब्रोशर के माध्यम से महिलाओं के कानूनी प्रावधानों और उनके संवैधानिक अधिकारों के बारे में अवगत कराएगा।मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ यात्रा राज्य महिला आयोग के माध्यम से संचालित की जाएगी। प्रत्येक महतारी न्याय रथ में 2 अधिवक्ता भी होंगे, जो महिलाओं की समस्याओं को सुनकर उन्हें जानकारी और सलाह देंगे। न्याय रथ के माध्यम से महिलाएं आवेदन भी दे सकेंगी, जिससे महिला आयोग द्वारा उनकी समस्याओं का निराकरण किया जा सके। एक बड़ी एलईडी स्क्रीन होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ी और हिंदी भाषा में विभिन्न कानूनों संबंधित राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत लघु फिल्में दिखाई जाएंगी। महतारी न्याय रथ के संचालक के लिए प्रदेश सरकार ने डीएमएफ पॉलिसी में विशेष रूप से बदलाव किए हैं। न्याय रथ के संचालन के लिए जिले को मिलने वाली डीएमएफ राशि का उपयोग किया जाएगा।राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने बताया कि शिक्षित, अशिक्षित, गृहणी, नौकरी कर रही सभी महिलाओं को महिला आयोग के कार्योें और महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों, नियमों और उनके अधिकारों को जानना बहुत जरूरी है। इसके लिए हरेली तिहार से मुख्यमंत्री महतारी न्याय रथ की शुरूआत की जा रही है। इन महतारी न्याय रथों के माध्यम से लोगों को बताया जाएगा कि महिलाएं अपनी समस्याओं के समाधान के लिए और निःशुल्क तथा त्वरित न्याय पाने के लिए किस तरह सरलता और सुगमता से महिला आयोग में आवेदन कर सकती हैं। यह रथ शुरूआत में खनिज न्यास निधि प्राप्त करने वाले नौ जिलों में पहले जाएगा, उसके बाद रथ प्रदेश के बाकी बचे जिलों के भ्रमण पर जाएगा।श्रीमती नायक ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की माताओं और बहनों को सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त बनाने के लिए बीते साढ़े तीन वर्षों में राज्य सरकार ने विभिन्न स्तरों पर अनेक योजनाएं संचालित की हैं। हमारी इन योजनाओं की सफलता पूरे देश में उदाहरण बनी है। अब एक कदम और बढ़ते हुए एक और नयी योजना की शुरुआत की जा रही हैं। यह योजना भी देश में अपनी तरह की एकमात्र योजना होगी। इससे महिलाएं जागरूक होंगी और उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा। महिलाओं को कानूनी अधिकारों की जानकारी से राज्य में महिलाओं के साथ होने वाली अपराधों में कमी आएगी। -
एजेंसी
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकीपॉक्स बीमारी को स्वास्थ्य आपातकाल बताया है। संगठन ने शनिवार को जानकारी दी थी कि अब तक 75 देशों में 16 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं और 5 की मौत हो चुकी है।
भारत पर अब तक मंकीपॉक्स के केवल 4 मामले ही सामने आए हैं, लेकिन जानकार हालात को लेकर चिंता जाहिर कर रहे हैं। लक्षण दिखने वालों को जांच कराने की सलाह दी गई है। वहीं, सरकार भी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुकी है। फिलहाल, केरल में तीन और राजधानी दिल्ली में मंकीपॉक्स के एक मरीज मिला है। इसके अलावा NCR में एक संदिग्ध मरीज को भी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहान ने मंकीपॉक्स को खतरा बढ़ाने वाला बताया है। उन्होंने कहा, 'यह चिंता की बात है। हम पहले ही कोविड का सामना कर रहे हैं और अगर कोई और बीमारी देश में फैलती है, तो खतरा बढ़ जाएगा। जिन लोगों को लक्षण नजर आ रहे हैं, उन्हें जांच करानी चाहिए और लोगों को सतर्क रहना चाहिए।'
किन वजहों से मंकीपॉक्स घोषित हुई हेल्थ इमरजेंसी, भारत में कितना खतरा
खास बात है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी मंकीपॉक्स बीमारी को स्वास्थ्य आपातकाल बताया है। संगठन ने शनिवार को जानकारी दी थी कि अब तक 75 देशों में 16 हजार से ज्यादा मामले मिल चुके हैं और बीमारी के चलते 5 मरीजों की मौत हो चुकी है। दिल्ली और केरल के अलावा बिहार के पटना और उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में मंकीपॉक्स का संदिग्ध मरीज मिल चुके हैं।
शरीर पर मिले घावमंकीपॉक्स से संक्रमित होने के संदेह में दिल्ली में एक व्यक्ति को LNJP अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि व्यक्ति की उम्र 30 से 40 साल के बीच है। वह राष्ट्रीय राजधानी में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों में से नहीं है। उसका विदेश यात्रा का इतिहास है। सूत्रों ने कहा कि रोगी के शरीर पर चकत्ते और घाव मिले हैं। उसके नमूनों को राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पुणे भेजा गया है।मंकीपॉक्स होने का किन लोगों को है ज्यादा खतरा, जानें इसके शुरुआती लक्षण
टीके के लिए सीरम इंस्टीट्यूट की बातचीत जारी
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) देश में मंकीपॉक्स के मामलों से निपटने के लिए टीकों की कुछ खेप के आयात को लेकर डेनमार्क की कंपनी बवेरियन नॉर्डिक के साथ बातचीत कर रहा है। एसआईआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अदार पूनावाला ने मंगलवार को यह बात कही। पूनावाला ने एक चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा कि समझौते की स्थिति में देश में टीके आयात करने के लिए दो से तीन महीने लगेंगे।