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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पॉलिटेक्निक कॉलेजों तथा आईटीआई में थ्री-डी प्रिन्टिग और रोबोटिक्स जैसे नये ट्रेडों की होगी शुरूआत
रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में उत्पादों को तैयार करने होगा अत्याधुनिक तकनीकी का उपयोग
मुख्यमंत्री की टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों के साथ बैठक में विचार-विमर्श
रायपुर : छत्तीसगढ़ के पॉलिटेक्निक कॉलेजों तथा आईटीआई में थ्री-डी प्रिन्टिग और रोबोटिक्स जैसे नये ट्रेडों में प्रशिक्षण प्रारंभ करने तथा छत्तीसगढ़ के गौठानों में विकसित किए जा रहे रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में कृषि उपजों और लघु वनोपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग प्रारंभ करने के संबंध में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों की बैठक में विचार-विमर्श किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में विधानसभा स्थित उनके कार्यालय कक्ष में हुई बैठक में टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों के साथ गौठानों को आईटीआई से जोड़ने, गौठानों में तैयार किए जा रहे उत्पादों के वेल्यू एडिशन और उत्पादों के विक्रय के लिए सी-मार्ट से जोड़ने जैसे विषयों पर चर्चा हुई। इसके अलावा रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के काम में भी सहयोग विचार-विमर्श किया गया। टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों द्वारा बैठक में प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया कि पॉलीटेक्निक और आईटीआई में आधुनिक उद्योगों की जरूरत के अनुसार ट्रेड प्रारंभ करने के साथ ही इन संस्थाओं को शिक्षकों को प्रशिक्षण की व्यवस्था रहेगी। बैठक में जानकारी दी गई कि टाटा टेक्नोलॉजिस द्वारा विकसित अधोसंरचना का उपयोग बच्चों के प्रशिक्षण के साथ स्थानीय उद्योगों द्वारा भी आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सकेगा। कृषि उपजों के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र के साथ भी टाटा टेक्नोलॉजिस कार्य करेगी। बैठक में एग्रीकल्चर रिसर्च एण्ड इनोवेशन सेंटर पर भी विचार-विमर्श हुआ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों को बताया कि छत्तीसगढ़ की गांवों में स्थापित गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। हर विकासखण्ड में दो गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन पार्कों में कुटीर उद्योग स्थापित कर स्थानीय रॉ-मटेरियल के प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन कर उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। तैयार उत्पादों का सी-मार्ट के माध्यम से विक्रय की व्यवस्था की गई है। इन उत्पादों को राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय मार्केट दिलाने का प्रयास भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठानों में बिजली, पानी और जमीन की व्यवस्था है। गौठान की एक से दो एकड़ भूमि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के लिए रखी गई है। यहां बनने वाले रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में लगने वाले उद्योगों को बिजली बिल में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।मुख्यमंत्री ने टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारियों को बताया कि छत्तीसगढ़ के 116 स्कूलों में हायर सेकेण्डरी के साथ आईटीआई के दो वर्षीय संयुक्त कोर्स प्रारंभ किए गए हैं। ग्यारहवीं कक्षा से यह दोनों कोर्स प्रारंभ होते हैं। बारहवीं पास करने वाले विद्यार्थियों को एक साथ बारहवीं बोर्ड और आईटीआई का सर्टिफिकेट दिया जाएगा। यहां आधुनिक उद्योगों के लिए उपयोगी ट्रेड प्रारंभ होने से विद्यार्थियों के रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री प्रदीप शर्मा और श्री विनोद वर्मा, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री अरूण प्रसाद पी. तथा टाटा टेक्नोलॉजिस के अधिकारी श्री सुशील कुमार, श्री राजेश राघवन और पी.व्ही. काउलगुड उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कारगिल विजय दिवस 26 जुलाई पर भारतीय जवानों की वीरता को नमन करते हुए कारगिल युद्ध के शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। श्री बघेल ने कहा कि भारतीय सेना ने 26 जुलाई 1999 को अपने अदम्य साहस और शौर्य से विपरीत परिस्थितियों में भी घुसपैठियों से कारगिल को मुक्त कराकर ’ऑपरेशन विजय’ में सफलता प्राप्त की। इस दिन की याद में हम हर साल कारगिल विजय दिवस मनाते है। यह देश के वीर सपूतों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता प्रगट करने का दिन है। यह दिन देश के प्रति कर्तव्यों की याद दिलाता है, और सिखाता है कि देश सबसे ऊपर है। यह पूरे देश के लिए गौरवशाली दिन हैं।
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नई दिल्ली : द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को भारत के 15वें राष्ट्रपति पद की शपथ ली। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एनवी रमना ने निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। साथ ही वह सर्वोच्च संवैधानिक पद संभालने वाली पहली आदिवासी महिला और स्वतंत्र भारत में पैदा होने वाली पहली राष्ट्रपति हैं।
पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे: मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा,"मेरे लिए बहुत संतोष की बात है कि जो सदियों से वंचित रहे, जो विकास के लाभ से दूर रहे, वे गरीब, दलित, पिछड़े और आदिवासी मुझ में अपना प्रतिबिंब देख रहे हैं। मेरे इस निर्वाचन में देश के गरीब का आशीर्वाद शामिल है, देश की करोड़ों महिलाओं और बेटियों के सपनों और सामर्थ्य की झलक है।"
पीएम समेत शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए ये लोग
संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह से पहले, निवर्तमान राष्ट्रपति और निर्वाचित राष्ट्रपति संसद पहुंचे। उपराष्ट्रपति व राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, संसद सदस्य आदि समारोह में शामिल हुए।
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रोग नियंत्रण क्षमता रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक
किसान आसानी से तैयार कर सकते हैं गौमूत्र कीट नियंत्रक उत्पाद
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में कृषि की लागत को कम करने, विषरहित खाद्यान्न के उत्पादन तथा जैविक खेती को बढ़ावा देने की लगातार सार्थक पहल की जा रही है। छत्तीसगढ़ में रासायनिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में जैविक खाद की उपलब्धता और इसके उपयोग के प्रभावी परिणामों को देखते हुए अब रासायनिक कीटनाशकों का खेती में उपयोग कम करने के उद्देश्य से गौमूत्र कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार कर किसानों को सस्ते दर पर उपलब्ध कराने की प्रभावी पहल शुरू कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य में आगामी 28 जुलाई हरेली पर्व के दिन से गौठानों में गौमूत्र की खरीदी और इससे कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। प्रथम चरण में राज्य के सभी जिलों के चिन्हिंत गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी गौठान समितियां करेंगी, जिससे महिला स्व-सहायता समूह की प्रशिक्षित महिलाएं गौमूत्र कीट नियंत्रक, जीवामृत (ग्रोथ प्रमोटर) तैयार करेंगी। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार गौमूत्र कीटनाशक उत्पाद, जीवामृत किसानों को बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशक के मूल्य की तुलना में एक तिहाई कीमत से भी कम में उपलब्ध कराए जाएंगे।गौमूत्र कीटनाशक बाजार में मिलने वाले रासायनिक पेस्टीसाइड का बेहतर और सस्ता विकल्प है। इसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता, रासायनिक कीटनाशक से कई गुना अधिक होती है। खेतों में इसके छिड़काव से सभी प्रकार की कीटों पर नियंत्रण में मदद मिलती है। पत्ती खाने वाले, फल छेदन तथा तना छेदक जैसे अधिक हानि पहुंचाने वाले कीटों के प्रति इसका उपयोग अधिक लाभकारी है। गौमूत्र कीटनाशक, खाद्य पदार्थ की गुणवत्ता और उसके स्वाद को बनाए रखने, खेती की उर्वरा शक्ति के साथ-साथ कृषि पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।गौमूत्र कीटनाशक बनाने की विधि - गौमूत्र कीट नियंत्रक उत्पाद आसानी से बनाया जा सकता है। इसको बनाने के लिए 10 लीटर गौमूत्र में 2-3 किलो नीम की पत्ती के साथ सीताफल, पपीता, अमरूद एवं करंज की 2-2 किलो पत्तियां मिलाकर उबालना होता है। जब इसकी मात्रा 5 लीटर तक हो जाए तब इसे छान कर ठण्डा कर बोतल में पैकिंग की जाती है। इस तरह 5 लीटर गौमूत्र कीटनाशक तैयार हो जाता है।उपयोग का तरीका - दो से ढाई लीटर गौमूत्र कीटनाशक को 100 लीटर पानी में मिलाकर सुबह-शाम खड़ी फसल पर 10 से 15 दिनों के अंतराल में छिड़काव करने से फसलों का बीमारियों एवं तना छेदक कीटों से बचाव होता है। गौमूत्र कीटनाशक का उपयोग कीट का प्रकोप होने के पूर्व करने पर अधिक प्रभावशाली होता है। यह रोग नियंत्रक बायो डिग्रेबल है, जो वातावरण के लिए पूर्णतः सुरक्षित है। इसके उपयोग से कीटों में इसके प्रति प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न नहीं होती है, क्योंकि यह मल्टीपल एक्शन से कीट नियंत्रण करता है। गौमूत्र कीटनाशक से मित्र कीटों को हानि नहीं होती है।गौमूत्र कीटनाशक की प्रति लीटर लागत- कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार गौमूत्र कीटनाशक बनाने पर प्रतिलीटर खर्च 39 रूपए की लागत आती है, जिसमें इसके एक लीटर पैकेजिंग का खर्च 15 रूपए शामिल है। यदि केन में पैकेंजिंग की जाए तो इसकी लागत और कम हो जाती है। प्रदेश में कृषकों को गौमूत्र कीटनाशक 50 रूपए प्रति लीटर की दर से उपलब्ध कराए जाना प्रस्तावित है, जो कि बाजार में मिलने वाले रासायनिक कीटनाशकों की मूल्य से एक तिहाई से भी कम है।गोबर और गौमूत्र से बनता है जीवामृत - गौमूत्र से जीवामृत यानि ग्रोथ प्रमोटर भी तैयार किया जाता है। यह एक बायोस्टिमुलेंट है, जो मिट्टी में सूक्ष्म जीवों तथा पत्ते पर छिड़के जाने पर फाइलोस्फेरिक सूक्ष्म जीवों की गति को बढ़ाता है। यह माइक्रोबियल गतिविधि के लिए प्राइमर की तरह काम करता है और देशी केंचुओं की आबादी को भी बढ़ाता है। जीवामृत बनाने के लिए गाय का गोबर 10 किलो, गौमूत्र 10 लीटर, गुड़ एक किलो, बेसन एक किलो, बरगद या पीपल के पेड़ के नीचे की मिट्टी 250 ग्राम तथा 200 लीटर पानी की जरूरत होती है।जीवामृत बनाने की विधि - एक प्लास्टिक अथवा सीमेंट की टंकी में 200 लीटर पानी भरकर उसमें 10 किलो गाय का गोबर, गौमूत्र डालने के बाद एक किलो गुड़, एक किलो बेसन, बरगद या पीपल के नीचे की 250 ग्राम मिट्टी मिलाते हैं। इसको 48 घंटा छाया में रखकर बोरे से ढक देते हैं, जिससे जीवामृत तैयार हो जाता है। जीवामृत में एजोस्पाइरिलम, फास्फेट सॉल्यूब्ल्यूलाइजिंग माइक्रोब्स, स्यूडोमोनास, ट्राइकोडर्मा, खमीर एवं मोल्ड्स सूक्ष्मजीव बहुतायत मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इस जीवामृत का उपयोग केवल 7 दिनों तक किया जा सकता है। जीवामृत का प्रयोग करने से फसलों को उचित पोषण मिलता है और दाने और फल स्वस्थ होते हैं।सावधानियां एवं प्रति लीटर लागत - जीवामृत बनाने के लिए उपयोग में आने वाले गौमूत्र को धातु के बर्तन में नहीं रखना चाहिए। ताजा गोबर अथवा सात दिन तक छायां में रखे गोबर का ही उपयोग इसके लिए करना चाहिए। जीवामृत बीज बोने के 21 दिन बाद फसल की पहली सिंचाई के साथ किया जाना चाहिए। एक लीटर जीवामृत तैयार करने की अनुमानित लागत 21 रूपए आती है। इसे बोतल में भरकर विक्रय किया जा सकता है। छत्तीसगढ़ में गौठानों में तैयार किए जाने वाले जीवामृत का मूल्य 40 रूपए प्रति लीटर प्रस्तावित है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
दिल्ली : आदिवासियों के महानायक बिरसा मुंडा अग्रिम पंक्ति के स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्होंने आंदोलन में अहम् भूमिका निभाई थी। उन्हें भगवान बिरसा कहा जाता है।
राजीव गांधी विश्वविद्यालय अरुणाचल प्रदेश के कुलपति डॉ.साकेत कुशवाहा ने यह बात आज यहां एक इंटरव्यू के दौरान कही।वह "जनजातीय समुदाय एवं विश्वविद्यालयों में अनुसंधान" विषय पर आईआईटी दिल्ली के सीनेट हाल में आयोजित संवाद कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री जे.के.बजाज थे।इस अवसर पर राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष चौहान के अलावा देश के 40 विश्वविद्यालयों के कुलपति मौजूद थे।
डॉ.कुशवाहा ने कहा कि आदिवासियों की सभ्यता एवं संस्कृति अति प्राचीन है।इनका राष्ट्र निर्माण एवं आजादी में महत्वपूर्ण योगदान रहा है,किन्तु इतिहास में उन्हें समुचित स्थान नहीं मिल पाया,जिसे संयोगने का काम आजादी के इस अमृत महोत्सव वर्ष में किया जा रहा है।इस वर्ग से श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपति बनना गौरव की बात है। -
एजेंसी
दिल्ली : में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हो गई है। रविवार को एलएनजेपी में दो दिन से भर्ती मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। उसमें 15 दिन से बुखार और संक्रमण के लक्षण दिखाई दे रहे थे।
दिल्ली में मंकीपॉक्स के पहले मरीज की पुष्टि हुई है। पश्चिमी दिल्ली का रहने वाला 32 साल का शख्स इस बीमारी से संक्रमित मिला है। उसमें 15 दिन से बुखार और मनकीपॉक्स के लक्षण थे। दो दिन पहले ही उसे लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रविवार को उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। संक्रमित ने कोई विदेश यात्रा नहीं की है। इससे पहले देश में मंकीपॉक्स के तीन मामले सामने आ चुके हैं।
इससे पहले शुक्रवार को मंकीपॉक्स के तीसरे मरीज की पुष्टि हुई थी। 35 साल का शख्स इस महीने की शुरुआत में संयुक्त अरब अमीरात से केरल आया था। इसपर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा था कि मलप्पुरम का मूल निवासी छह जुलाई को केरल आया था। उसका मंजेरी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। उसकी स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है। मंत्री ने यह भी बताया था कि जो लोग मरीज के कॉन्टैक्ट में आए थे उनपर कड़ी नजर रखी जा रही है।
संक्रमण का संभव है इलाज
विशेषज्ञों के अनुसार, मंकीपॉक्स वायरस बहुत तेजी से म्यूटेट (रूप बदलना) होता है लेकिन इस संक्रमण का इलाज हो सकता है। इलाज लक्षणों के साथ बदलता रहता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण की शुरुआत बुखार, सिरदर्द और फ्लू से होती है। जैसे ही संक्रमण तेज हो जाता है, शरीर पर लाल घाव दिखाई देने लगते हैं जिनमें चिकनपॉक्स जैसी खुजली होने लगती है। वायरस के इनक्यूबेशन की अवधि पांच से 21 दिनों तक होती है।
मंकीपॉक्स हेल्थ इमरजेंसी घोषित
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने शनिवार को मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि 74 देशों में इसका प्रसार होना एक ‘असाधारण’ हालात हैं। मई के बाद से अब तक दुनियाभर में मंकीपॉक्स के 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस अदहानोम गेब्रेयेसस ने स्वास्थ्य संगठन की आपात समिति के सदस्यों के बीच आम सहमति नहीं बन पाने के बावजूद यह घोषणा की। उन्होंने कहा, हम एक ऐसे रोग का सामना कर रहे हैं, जो तेजी से दुनियाभर में फैल गई है। केरल में तीन मामले सामने आ चुके हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीससगढ़ी कला, साहित्य और फिल्म को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध
छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की शिरकतरायपुर : छत्तीसगढ़ी फिल्मों का सफर 1965 में श्कहि देबे संदेशश् और श्घर-द्वारश् से शुरू हुआ, जो निरंतर जारी है। छत्तीसगढ़ी फिल्म जगत ने बहुत से उतार-चढ़ाव देखा है। इन फिल्मों ने सामाजिक व्यवस्था, सामाजिक कुरीतियां और समाजिक परिवेश पर अपनी बात कही है। दर्शकों के मन में मनोरंजन के साथ फिल्मों के माध्यम से अपनी संस्कृति को लेकर गौरव की अनुभूति की अपेक्षा होती है। दूसरी ओर प्रदेश की कला, संस्कृति और फिल्म को आगे बढ़ाने के लिए राज्य सरकार कटिबद्ध है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति इसी कड़ी का हिस्सा है। छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनने से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग और पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस मौके पर संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, राज्य खाद्य आयोग के अध्यक्ष श्री गुरप्रीत सिंह बाबरा विशेष रूप से मौजूद थे।छत्तीसगढ़ी फिल्म महोत्सव के माध्यम से छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े, कलाकारों, निर्माता, निर्देशक, गीतकार, संगीतकार, गायक-गायिका व तकनीशियनों का सम्मान किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि कलाकारों के लिए असली इनाम दर्शकों से मिलने वाला प्रतिसाद है। उन्होंने छत्तीसगढ़ी फिल्मों के सफर पर बात करते हुए कहा कि, ‘‘कहि देबे संदेश’’ ने जहां तात्कालीन जातीय परिदृश्य पर करारा प्रहार किया था। वहीं ‘‘घर-द्वार’’ में टूटते पारिवारिक रिश्तों को रेखांकित किया गया था। लगभग हर छत्तीसगढ़ी फिल्म ने सामाजिक व्यवस्था और सामाजिक परिवेश को दर्शाया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि, हमारी सरकार आने के बाद छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति बनाने के लिए बहुत मेहनत की गई। संस्कृति मंत्री ने कैबिनेट में फिल्म नीति का प्रारूप पेश किया, जिसे कैबिनेट ने अनुमोदित भी कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से यहां के फिल्म उद्योग को तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। छत्तीसगढ़ में ही ऐसे अनेक मनोरम स्थान हैं, जो फिल्मों के शूटिंग के लिए उपयुक्त हैं। फिल्म नीति के साथ ही राज्य सरकार की नीतियों से अब ऐसा वातावरण तैयार हुआ है, जिससे अन्य प्रदेशों के फिल्मकारों की रुचि भी छत्तीसगढ़ को लेकर बढ़ी है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े सभी लोगों को फिल्म महोत्सव की बधाई व शुभकामनाएं देते हुए कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कटिबद्ध है।अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कहा कि, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हर मौके पर छत्तीसगढ़ का मान बढ़ाया है। उनकी सोच है कि छत्तीसगढ़ की कला, साहित्य, संस्कृति और फिल्म आगे बढ़े। पहले कभी फिल्म नीति नहीं बनी थी, लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इसके लिए पहल की। फिल्म नीति न होने से स्थानीय कलाकारों के पास विजन भी नहीं था, अब छत्तीसगढ़ फिल्म नीति बनने से यहां के कलाकारों और फिल्म जगत से जुड़े लोगों को विजन मिला है। उन्होंने नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली फिल्म को एक करोड़ रुपये और इंटरनेशनल अवॉर्ड जीतने पर पांच करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार की ओर से देने के प्रावधान का विशेष रूप से उल्लेख किया। संस्कृति मंत्री ने उम्मीद जताई कि छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति और राज्य सरकार द्वारा स्थानीय फिल्म उद्योग को दिए जा रहे प्रोत्साहन के फलस्वरूप नित नयी कड़ी छत्तीसगढ़ी फिल्मों की उपलब्धि में जुड़ेगी। छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग नए कीर्तिमान स्थापित करेगा।स्थानीय शहीद स्मारक भवन के आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं संस्कृति मंत्री श्री भगत व अन्य अतिथियों के हाथों छत्तीसगढ़ी फिल्म उद्योग से जुड़े लोगों को सम्मानित किया गया। वहीं इस मौके पर एक फिल्म का पोस्टर भी लॉन्च किया गया। -
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रायपुर : विवेकानंद विद्यापीठ, रायपुर द्वारा संस्कृति विभाग के सहयोग से सम्मेलन का आयोजन किया गया
विवेकानंद विद्यापीठ के विद्यार्थियों ने राज्यगीत और देशभक्ति पूर्ण गीत की संगीतमय प्रस्तुति दी
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री रामकृष्ण आश्रम,राजकोट के अध्यक्ष श्रीमत् स्वामी निखिलेश्वरानंद जी कर रहे हैं
संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हैं
विवेकानंद विद्यापीठ के सचिव डॉ. ओमप्रकाश वर्मा स्वागत भाषण दे रहे हैं
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के आदर्श हैं
छत्तीसगढ़ से विवेकानंद जी का गहरा लगाव रहा है
कलकत्ता के बाद स्वामी विवेकानंद जी ने रायपुर में सबसे ज्यादा समय बिताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने विपक्ष में रहते हुए रायपुर एयरपोर्ट का नाम विवेकानंद जी के नाम पर रखने के लिए विधानसभा में एक अशासकीय संकल्प लाया था
विवेकानंद जी युवाओं से कहा करते थे कि अच्छे स्वास्थ्य, अच्छे चरित्र का निर्माण हो, साथ ही एक लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ने की बात वह करते थे
स्वामी रामकृष्ण परमहंस ने कहा आप किसी भी पद्धति से प्रार्थना करिए या पूजा करें आप एक ही ईश्वर तक पहुंचेंगे
आप किसी भी रास्ते से चलिए आप पहुंचेंगे एक ही जगह पर
उन्होंने समानता की बात कही जोड़ने की बात कही, यही हिंदुस्तान की ताकत है
सब को जोड़ने की बात यदि किसी संत ने कही है तो वह रामकृष्ण परमहंस ने कहीं और उस बात को चरितार्थ करने का काम यदि किसी ने किया तो विवेकानंद की
स्वामी विवेकानंद ने कहा कि पश्चिम के विज्ञान तो हमें स्वीकार करना होगा और भारत के आध्यात्म को पश्चिम को स्वीकार करना होगा
आजकल राजनीति करने वाले धर्म की बात कर रहे हैं और धार्मिक गुरु चुप बैठे हुए हैं
हम हिंदू हैं हमें इस बात पर गर्व है लेकिन कोई बात का यह मतलब नहीं हम किसी और धर्म का अपमान करें
धर्म कभी घृणा की बात नहीं कर सकता
साधु संत के दो काम जगत कल्याण और आत्म उन्नति यदि आपके मन में घृणा है तो आप साधु नहीं
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विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 2904.41 करोड़ रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित
हरेली से गौठानों में शुरू होगी गौ-मूत्र की खरीदी
राज्य में पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट होंगी प्रारंभ
हाट-बाजार क्लिनिक योजना की मोबाइल यूनिटों के लिए 300 चिकित्सा अधिकारियों की होगी भर्ती
रूरल इंडिस्ट्रीयल पार्क के कुटीर उद्योगों को मिलेगा बिजली बिल हॉफ योजना का लाभ
कोरबा, कांकेर, महासमुंद के मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण एवं उपकरणों तथा बिलासपुर के कैंसर संस्थान के लिए 250 करोड़ रूपए का प्रावधान
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2022-23 का 2904 करोड़ 41 लाख 70 हजार 571 रूपए का प्रथम अनुपूरक बजट ध्वनि से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रथम अनुपूरक पर सदन में हुई चर्चा का सिलसिलेवार जवाब देते हुए राज्य सरकार के वित्तीय प्रबंधन, उपलब्धियों और अनुपूरक बजट के प्रावधानों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने चर्चा का जवाब देते हुए अनेक घोषणाएं की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10 हजार नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र प्रारंभ होगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 1998 के बाद राज्य सरकार द्वारा 14 हजार शिक्षकों की भर्ती की है, जिन्हें दस्तावेजों के परीक्षण के उपरांत नियुक्ति दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरेली पर्व से गौ-मूत्र की खरीदी भी शुरू करने जा रहे है। इससे राज्य में जैविक खेती को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि पशुओं के उपचार के लिए 163 मोबाइल वेटनरी यूनिट शीघ्र प्रारंभ की जाएगी, इसके लिए अनुपूरक में 10 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। गौठानों में विकसित किए जा रहे महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में लगने वाली यूनिटों को बिना बिजली की खपत की सीमा के कुल बिजली बिल में हॉफ बिजली बिल योजना का लाभ दिया जाएगा। इसी तरह मुख्यमंत्री ने सार्वभौम सार्वजनिक वितरण प्रणाली के पीडीएस केन्द्र संचालकों को डीलर मार्जिन राशि देने के लिए 266 करोड़ रूपए, अनुसूचित क्षेत्रों एवं सामान्य क्षेत्रों में चना वितरण हेतु 100 करोड़ रूपए की राशि, हाट-बाजार क्लिनिक योजना की मोबाइल यूनिटों के लिए 300 चिकित्सा अधिकारियों की भर्ती, कोरबा, कांकेर, महासमुंद के मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण, उपकरणों की व्यवस्था और बिलासपुर के कैंसर संस्थान के लिए 250 करोड़ रूपए, 120 देवगुड़ी एवं 94 घोटुल के लिए 25.50 करोड़ रूपए, राजिम माघी पुन्नी मेला स्थल विकास के लिए 1.85 करोड़, गिरौदपुरी एवं भण्डारपुरी के विकास के लिए एक करोड़, रामायण मंडली के कलाकारों के संरक्षण एवं संवर्धन एवं कला दलों के सतत् विकास हेतु रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के लिए 10 करोड़ रूपए, दामाखेड़ा के विकास के लिए 9 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों के लिए आवासीय सुविधा हेतु नजदीक के शासकीय छात्रावासों में अतिरिक्त कक्ष का निर्माण के लिए 19 करोड़ रूपए, 9058 शैक्षिक तथा 2565 गैर शैक्षिक पद स्वीकृत किए गए है। मुख्यमंत्री ने 5 एचपी तक के सिंचाई पम्पों को निःशुल्क बिजली देने के लिए 200 करोड़ रूपए, हॉफ बिजली बिल योजना के तहत 41.16 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को बिजली बिल में रियायत देने के लिए 115.37 करोड़ रूपए, एकल बत्ती कनेक्शन योजना के तहत 17 लाख बीपीएल उपभोक्ताओं को 30 यूनिट तक निःशुल्क विद्युत सुविधा देने के लिए 84.63 करोड़ रूपए, पावर कंपनी के ऋण का टेक ओव्हर योजना में 300 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजना के लिए 79.68 लाख, शहरी क्षेत्रों में अमृत मिशन 2.0 के अतंर्गत अधोसंरचना विकास तथा बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए 155 करोड़ रूपए, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिला कार्यालय एवं भू-अभिलेख कार्यालय के लिए 58 पदों का सृजन, साल्हेवारा, पिपरिया, कुण्डा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद तथा सरगांव तहसील कार्यालयों के लिए 104 पदों का सृजन किया गया है। ग्राम सिलघट, भिंभौरी बेमेतरा जिला, ग्राम संकनपल्ली एवं कैका जिला बीजापुर, सहनपुर जिला सरगुजा में नवीन उप स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए पदों का सृजन का प्रावधान किया गया है। ग्राम देउर गांव जिला बेमेतरा, ग्राम फरेसगढ़, पालागुड़ा एवं बेदरे जिला बीजापुर में नवीन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिए पदों के सृजन। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पामेड़ एवं बासागुड़ा जिला बीजापुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में उन्नयन तथा ग्राम छोटे डोंगर जिला नारायणपुर में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र की स्थापना के लिए 111 पदों का सृजन तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 50 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग अंतर्गत अनुपूरक बजट में 02 वृहद पुल निर्माण कार्य, केन्द्रीय सड़क निधि योजनांतर्गत 15 निर्माण कार्य, जवाहर सेतु योजनांतर्गत 02 पुल निर्माण कार्य, मूलभूत न्यूनतम सेवा योजना के अंतर्गत 14 ग्रामीण सडक निर्माण, न्यूनतम आवश्यकता योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 40 सड़क निर्माण कार्य, मुख्य जिला सड़क योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 02 मुख्य जिला सड़क निर्माण, सी. जी आर.आई.डी. सी. एल के द्वारा निर्माण कार्य योजनांतर्गत अनुसूचित जनजाति क्षेत्र के 31 सड़क एवं पुल निर्माण कार्य, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में सड़कों निर्माण योजनांतर्गत 02 सड़क निर्माण कार्य, लोक निर्माण विभाग अंतर्गत 02 ऑडिटोरियम एवं 05 विश्राम गृह का निर्माण इस प्रकार कुल 115 कार्य विभागीय बजट से किये जायेंगे। इस हेतु आवश्यक प्रावधान किये गये है।
मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरूआत में कहा कि आज हमारे राष्ट्रीय झण्डा अंगीकार दिवस की 75वीं सालगिरह है। 22 जुलाई 1947 को भारत की संविधान सभा ने वर्तमान स्वरूप में जो तिरंगा है, उसे स्वीकार किया था। मैं आज तिरंगे के इस स्वरूप के जन्मदाता पिंगली वेंकैया जी का पावन स्मरण और सादर नमन करता हूं। यह तिरंगा झण्डा हर भारतीय की आन-बान और शान का प्रतीक बना है। भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह 15 अगस्त 2022 को होगी लेकिन वर्तमान स्वरूप में हमारे तिरंगे झण्डे को संविधान सभा द्वारा अंगीकार करने की 75वीं सालगिरह आज है। उन्होंने इस पावन अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी।
प्रथम अनुपूरक अनुमान ( 2022-23) एक नजर में
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने चर्चा के दौरान कहा कि राज्य का वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए है, 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए के प्रथम अनुपूरक बजट के बाद इसका आकार बढ़कर 1 लाख 15 हजार 507 करोड़ 82 लाख रूपए हो गया है। प्रथम अनुपूरक बजट में 2 हजार 904 करोड़ 42 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसमें राजस्व व्यय 2 हजार 467 करोड़ 99 लाख रूपए तथा पूंजीगत व्यय 436 करोड़ 43 लाख रूपए है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है।
मुख्यमंत्री ने राज्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार हमारे राज्य के हक और हिस्से के वित्तीय संसाधनों में समय-समय पर कमी करती रही है। इसके बावजूद वर्ष 2021-22 में कुल राजस्व प्राप्तियां 79 हजार 688 करोड़ हैं, जिसमें राज्य की स्वयं की राजस्व प्राप्तियां 41 हजार करोड़ तथा केन्द्र से प्राप्तियां 38 हजार 688 करोड़ हैं। इस प्रकार राज्य की राजस्व प्राप्ति केन्द्र की तुलना में अधिक है। कई वर्षों के बाद ऐसा पहली बार हुआ है। यह हमारी सफल अर्थनीति के कारण हुआ है।
श्री बघेल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में राजस्व व्यय 75 हजार 366 करोड़ है, जो कुल व्यय का 87 प्रतिशत है। वर्ष 2021-22 में राज्य के राजस्व में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है तथा राजस्व आधिक्य 4 हजार 321 करोड़ है। वर्ष 2021-22 में पूंजीगत व्यय 10 हजार 890 करोड़ है, जो कि कुल व्यय का 12.6 प्रतिशत तथा अब तक का सर्वाधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण वर्ष 2021-22 में प्रथम तिमाही में राज्य के राजस्व में कमी तथा जनहित के कार्यों एवं पूंजीगत व्यय के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने हेतु 4 हजार करोड़ का बाजार ऋण लिया गया। वर्ष 2021-22 में बाजार ऋण का 3 हजार करोड़ भुगतान भी किया गया है। इस प्रकार वर्ष 2021-22 में लिया गया शुद्ध बाजार ऋण केवल 1 हजार करोड़ है, जो कि वर्ष 2012-13 के बाद पिछले 10 वर्षाे में सबसे कम है।
श्री बघेल ने कहा कि वित्तीय घाटा 6 हजार 812 करोड़ है, जो जीएसडीपी का मात्र 1.70 प्रतिशत है। इसमें से जीएसटी क्षतिपूर्ति ऋण 04 हजार 965 करोड़ तथा केन्द्र द्वारा दिया गया पूंजीगत व्यय हेतु ऋण 423 करोड़ कम करने पर यह 01 हजार 424 करोड़ होगा, जो जीएसडीपी का मात्र 0.36 प्रतिशत होगा। आरबीआई के अनुसार छत्तीसगढ़ का विगत 5 वर्षों का औसत कमिटेड व्यय (वेतन, पेंशन एवं ब्याज भुगतान) सभी राज्यों में सबसे कम (राजस्व व्यय का 23 प्रतिशत) है। विगत 5 वर्षाे में औसत विकासात्मक व्यय सभी राज्यों में सर्वाधिक (73.4 प्रतिशत) है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2022 की स्थिति में कुल ऋण दायित्व 82,961 करोड़ है, जो जीएसडीपी (4 लाख 61 करोड़ ) के प्रतिशत के रूप में केवल 20.74 प्रतिशत है 15वें वित्त आयोग की अनुसंशा अनुसार यह अनुपात 25 प्रतिशत से कम होना चाहिए। छत्तीसगढ़ का ऋण जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में ओडिशा एवं गुजरात के बाद सभी राज्यों में सबसे कम है। भारत सरकार के लिए यह अनुपात 48 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ के दोगुने से भी अधिक है। वर्ष 2021-22 में ब्याज भुगतान 5.657 करोड़ है, जो राजस्व प्राप्तियों (79 हजार 688 करोड़) के प्रतिशत के रूप में 7.10 प्रतिशत है। 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा अनुसार यह अनुपात 10 प्रतिशत से कम होना चाहिए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गेड़ी दौड़, फुगड़ी ,भौंरा, रस्साकसी आदि की होंगी स्पर्धाएं
चीला, बड़ा, सोहारी, गुलगुला भजिया जैसे छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से महकेंगे गोठान
रायपुर : हरेली-तिहार छत्तीसगढ़ राज्य का पहला त्यौहार है, जो छत्तीसगढ़ की ग्रामीण कृषि संस्कृति, परंपरा एवं आस्था से जुड़ा हुआ है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य के तीज-त्यौहार, परंपरा एवं संस्कृति को आगे बढ़ाने की पहल के चलते हरेली सहित अन्य तिहार जैसे पोला-तीजा, छेर-छेरा पुन्नी आदि का आयोजन बीते तीन सालों से बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इसका उद्देश्य लोगों को अपनी परंपरा और संस्कृति से जोड़ना है, ताकि लोग छत्तीसगढ़ की समृद्ध कला-संस्कृति, तीज-त्यौहार एवं परंपराओं पर गर्व की अनुभूति कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा भी इसी उद्देश्य की पूर्ति का एक हिस्सा ताकि लोग छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहारों के अवसर पर अपनी बढ़-चढ़कर भागीदार सुनिश्चित कर सकें।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मंशा अनुरूप कृषि विभाग द्वारा गौठानों में हरेली तिहार के दिन 28 जुलाई को ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित करते हुए विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इस मौके पर ग्रामीणों के मध्य गेड़ी दौड़, कुर्सी दौड़, फुगड़ी, रस्साकशी, भौंरा, नारियल फेंक आदि की प्रतियोगिताएं तथा छत्तीसगढ़ी पारंपरिक व्यंजन आदि की भी स्पर्धाएं होंगी।गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों, संभागायुक्तों को पत्र लिखकर गौठानों में पारंपरिक कार्यक्रम के साथ ही गौठान प्रबंधन समिति, स्व-सहायता समूह, ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से हरेली तिहार के दिन गौठानों में कार्यक्रमों के आयोजन की रूपरेखा के संबंध में चर्चा करने को कहा है। हरेली तिहार के दिन गौठानों में पशुओं के स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण के लिए विशेष कैम्प का भी आयोजन किया जाएगा। गौठानों में पशुओं को नियमित रूप से भेजने, खुले में चराई पर रोक लगाने तथा पशु रोका-छेका अभियान में सभी ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को लेकर भी चर्चा की जाएगी। हरेली तिहार के दिन किसानों को भी गौठानों में विशेष रूप आमंत्रित कर खेती-किसानी के संबंध में उन्हें समसमायिक सलाह देने के साथ ही उन्हें वर्मी कम्पोस्ट का खेती में उपयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। गौठानों के प्रबंधन, क्रय किए गए गोबर, उत्पादित वर्मी कंपोस्ट के रखरखाव सुरक्षा को लेकर भी चर्चा की जाएगी तथा गौठानों में गोबर, वर्मी कम्पोस्ट आदि के सुरक्षित रख-रखाव के लिए छायादार चबूतरा, तिरपाल आदि के प्रबंध की पहल की जाएगी। हरेली तिहार के मौके पर जनप्रतिनिधियों, गौठान प्रंबंधन समिति के सदस्यों, स्व-सहायता समूह की महिलाओं एवं ग्रामीणों द्वारा फलदार, छायादार पौधों विशेषकर कदम का रोपण किए जाए।
गौरतलब है कि राज्य की महत्वकांक्षी सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का संरक्षण व संवर्धन किया जा रहा है। इसके गरवा कार्यक्रम के तहत राज्य 10624 गौठानों की निर्माण की स्वीकृति दी गई जिसमें से 8408 गौठान निर्मित एवं संचालित हैं। इन गौठानों में 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व से 2 रूपए किलो दर से गोबर की खरीदी की शुरूआत गोधन न्याय योजना के तहत की गई थी। गौठानों में क्रय गोबर से अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। क्रय गोबर से वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।पशुओं के संरक्षण संवर्धन के उद्देश्य से गांवों में गौठानों की स्थापना से पशुधन प्रबंधन के साथ-साथ ग्रामीणों को आय का एक नया ठौर मिला है। गौठानों में पशुओं की देखभाल, चारा-पानी का निःशुल्क प्रबंध होेने से पशुपालन के खर्च में कमी आयी है। गौठान पशुधन के रोका-छेका अभियान में भी काफी मददगार साबित हो रहे हैं। राज्य में 10 जुलाई से संचालित रोका-छेका अभियान में ग्रामीणों की भागीदारी और गौठान प्रबंधन समिति की मदद से खुले में चराई प्रथा पर काफी हद तक विराम लगा है। -
एजेंसी
एक भुट्टे की कीमत 15 रुपये जान मंत्री जी चौंक गए और उन्हें महंगाई का असर नजर आया। इसी दौरान मंत्री जी ने भुट्टे वाले से कहा कि 45 रुपए। इतना महंगा दे रहे हो। युवक ने मंत्री को बेबाकी से जवाब दिया और कहा कि तुम सोच रहे हो कि गाड़ी देखकर बताए हैं।मध्यप्रदेश के मंडला जिले से भाजपा सांसद व केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते जब भुट्टा खरीदने पहुंचे तो उन्हें एक भुट्टे की कीमत 15 रुपये जानकर महंगाई का झटका लग गया। भुट्टे की कीमत सुनकर न सिर्फ केंद्रीय मंत्री चौंक गए बल्कि उन्होंने कहा कि इतना महंगा यहां तो फ्री में मिलता है। इतना महंगा बेच रहे हो। वहीं, उनकी बातों का जवाब देते हुए दुकानदार ने कहा कि गाड़ी देखकर रेट नहीं बढ़ाए। जिस पर मंत्री ने दुकानदार का नाम भी पूछा। केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते का भुट्टे वाले से मोल भाव करने का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।
दरअसल केंद्रीय मंत्री मंडला जा रहे थे, इसी दौरान वे सड़क किनारे एक भुट्टे की दुकान देखकर भुट्टा खरीदने पहुंचे। उन्होंने दुकानदार को तीन भुट्टे सेंकने का ऑर्डर दिया था। जब भुट्टे वाले ने भुट्टे तैयार कर मंत्री जी को उनकी कीमत बताई तो एक भुट्टे की कीमत 15 रुपये जान मंत्री जी चौंक गए और उन्हें महंगाई का असर नजर आया। इसी दौरान मंत्री जी ने भुट्टे वाले से कहा कि 45 रुपये। इतना महंगा दे रहे हो। युवक ने मंत्री को बेबाकी से जवाब दिया और कहा कि तुम सोच रहे हो कि गाड़ी देखकर बताए हैं। लेकिन ऐसा नहीं है। इसके बाद मंत्रीजी बोल पड़े कि- यहां तो फ्री में मिलता है..। यह सुनकर युवक हंसने लगा और बोला फ्री में..। 5 रुपए में खरीदकर लाते हैं। इस दौरान मंत्री ने युवक से नाम भी पूछा। युवक ने अपना धर्मेंद्र बताया, जिस पर मंत्री बोले बेटा राम 15 रुपये में बेचते हो। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्रीमती द्रौपदी मुर्मू को देश की 15वीं राष्ट्रपति निर्वाचित होने पर छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने ट्वीट के माध्यम से नवनिर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती मुर्मू को बधाई देते हुए कहा है कि भारत गणराज्य के संवैधानिक संरक्षक के रूप में आपके हाथों में देश के नागरिकों के लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा का गौरवशाली इतिहास सुरक्षित रहेगा। -
एजेंसी
दिल्ली : सोनिया गांधी से आज प्रवर्तन निदेशालय नेशनल हेराल्ड मामले में पूछताछ करेगा। इस दौरान कांग्रेस पार्टी प्रदर्शन करेगी। जिसके चलते दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने लोगों के लिए एडवाइजरी जारी की है।
दिल्ली में जिन लोगों का ऑफिस है या जो लोग दिल्ली के रास्ते अपने ऑफिस के लिए जाते हैं गुरुवार को उन्हें कई जगह पर ट्रैफिक जाम या रूट डायवर्जन का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल, आज नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सोनिया गांधी से पूछताछ करेगा। इसके विरोध में कांग्रेस प्रदर्शन करेगी। इसी इसके चलते आपको कई रास्तों में परेशानी झेलनी पड़ सकती है। इसलिए पुलिस ने ट्रैफिक एडवाइजरी जारी की है।दिल्ली ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि पेड़ गिरने के कारण किर्बी प्लेस रेडलाइट से सदर बाजार दिल्ली कैंट की ओर जाने वाले कैरिजवे पर यातायात प्रभावित है। कृपया यहां जाने से बचें। गुरुवार को नौ बजे से दो बजे के बीच मोतीलाल नेहरू मार्ग, अकबर रोड, जनपथ और मान सिंह रोड पर जाने से बचें। विशेष व्यवस्था के चलते इन सड़कों पर आवागमन नहीं हो पाएगा।9-2 तक इन रास्तों पर जाने से बचेंइसके अलावा विशेष यातायात व्यवस्था के चलते नई दिल्ली में गोल डाक खाना जंक्शन, पटेल चौक, विंडसर प्लेस, तीन मूर्ति चौक, पृथ्वीराज रोड से आगे बसों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। गोल मेथी जंक्शन, तुगलक रोड जंक्शन, क्लेरिज जंक्शन, क्यू-पॉइंट जंक्शन, सुनहरी मस्जिद जंक्शन, मौलाना आजाद रोड जंक्शन और मान सिंह रोड जंक्शन पर सुबह नौ बजे से दोपहर दो बजे तक जाने से बचें। विशेष व्यवस्थाओं के चलते इन सड़कों पर भारी ट्रैफिक रहेगा।देशभर में प्रदर्शन करेगी कांग्रेससोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ को लेकर कांग्रेस ने देशभर में विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया हुआ है। दिल्ली में इसका ज्यादा असर दिखने की संभावना है। लोगों को आवाजाही में परेशानी ना हो इसी वजह से ट्रैफिक पुलिस ने एडवाइजरी जारी की है। वहीं सुरक्षा कारणों से कांग्रेस अध्यक्ष के सरकारी आवास, कांग्रेस मुख्यालय, ईडी के हेडक्वॉर्टर और संसद भवन के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी गई है। इसके अलावा संसद सत्र चलने से वीवीआईपी मूवमेंट बढ़ गया है।पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी तय समय पर ईडी मुख्यालय जाएंगी। पार्टी अध्यक्ष को ईडी मुख्यालय तक छोड़ने के लिए पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी व पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी उनके साथ जा सकती हैं। इससे पहले ईडी इस मामले में राहुल गांधी से लगातार कई दिन तक 51 घंटे से ज्यादा पूछताछ कर चुकी है।ईडी ने कांग्रेस अध्यक्ष को जून में पूछताछ के लिए तलब किया था। पर उनकी सेहत ठीक नहीं होने की वजह से उन्होंने जांच एजेंसी से पेश होने के लिए और वक्त मांगा था। ईडी ने उन्हें राहत देते हुए पूछताछ की तिथि बढ़ा दी थी। इसके बाद ईडी ने उन्हें 21 जुलाई को पेश होने के लिए कहा था। इस बीच, पार्टी ने सभी प्रदेश अध्यक्षों और विधायक दलों को दिल्ली में बुलाया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
नगर पालिका भवन के लोकार्पण के मौके पर मुख्यमंत्री ने की निर्माण कार्य की तारीफ, कहा ऐसा पालिका भवन छत्तीसगढ़ में पहली बार देखा
दुर्ग : कुम्हारी नगर पालिका के नए भवन का लोकार्पण करते वक्त मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जब इसका सभाकक्ष देखा तो इसकी बनावट की बहुत प्रशंसा की। उन्होंने छत्तीसगढ़ी में कहा कि मतलब पूरा विधानसभा स्टाइल में बने हे। बहुत बढ़िया बनवाए हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा पालिका भवन छत्तीसगढ़ में मैंने नहीं देखा है। बहुत अच्छी तरह से बना है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पार्षदों से चर्चा भी की। पार्षदों ने मुख्यमंत्री से कहा कि कुम्हारी नगरपालिका के विकास के लिए जिस तरह से मुख्यमंत्री ने घोषणाएं की हैं उससे नगर में अधोसंरचना के क्षेत्र में और नागरिक सुविधाओं के क्षेत्र में बहुत बढ़िया काम हो सका है। हम सब इस से बहुत खुश हैं। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने पूरा भवन देखा।नगर पालिका कुम्हारी का भवन जी प्लस टू बनाया गया है। प्रथम तल में सभाकक्ष और दूसरे तल में विभागों की शाखाएं होंगी। उल्लेखनीय है कि इस इमारत की लागत 3 करोड़ 54 लाख रुपये है। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत बाड़ी से समूह को प्राप्त होने वाली आय के चेक का वितरण भी किया। उन्होंने इस मौके पर डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने वाली स्वच्छता ग्राही दीदियों के लिए ई रिक्शा भी दिया।कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री श्री शिव डहरिया, नगर पालिका अध्यक्ष श्री राजेश्वर सोनकर सहित अन्य जनप्रतिनिधि, दुर्ग संभागायुक्त श्री महादेव कांवड़े, आईजी श्री बद्रीनारायण मीणा, कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा, एसपी डॉ अभिषेक पल्लव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक-इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कुम्हारों को इलेक्ट्रिक चाक भी वितरित किया। मुख्यमंत्री को इलेक्ट्रिक चाक में मिट्टी के बर्तन बनाकर कुम्हारों ने दिखाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक के माध्यम से आपको हुनर को निखारने के लिए और बेहतर अवसर मिलेगा। साथ ही आप कम समय में अधिक कार्य भी कर पाएंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सिंगापुर में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह होंगे पुरस्कृत
छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए मिलेगा ग्रिट अवार्ड
सिंगापुर में पुरस्कार ग्रहण करने रायपुर से दल रवाना
मुख्यमंत्री श्री बघेल और वन मंत्री श्री अकबर ने दी बधाई
रायपुर : छत्तीसगढ़ को लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ को संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिलेगा। इसमें पुरस्कार ग्रहण करने आज 20 जुलाई को माना विमानतल रायपुर से दल रवाना हो चुका है।सिंगापुर में आगामी 22 और 23 जुलाई को आयोजित ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह पुरस्कृत होंगे। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के उपरांत संभवतः यह पहला अवसर है, जब महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विदेश यात्रा पर जा रहे हैं।सिंगापुर के लिए भरी यह उड़ान उनकी आकांक्षाओं और सपनों की ऊंची उड़ान है। बकावंड वन धन केन्द्र के सदस्य सुश्री पद्मिनी बघेल तथा सुश्री बेलाबाई कश्यप तथा डोंगानाला वनधन केन्द्र के सदस्य सुश्री सरोज पटेल तथा सुश्री फूलबाई नेती के विमान को एक बड़ी भीड़ ने जब हाथ हिला कर रवाना किया, तो पूरे छत्तीसगढ़ तथा विशेषकर कोरबा तथा बस्तर जिलों में हर्ष की लहर दौड़ गई। वन धन विकास के सदस्यों की यह उड़ान, ऐसी सैकड़ों महिलाओं और वनवासियों की आशाओं की उड़ान है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केन्द्रों में लघु वनोपज के प्रसंस्करण कार्य में लगी महिला सदस्यों के समर्पित कार्य प्रणाली का परिणाम है कि इस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उनकी पहचान हुई है। छत्तीसगढ़ की इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल और वन मंत्री श्री अकबर ने राज्य लघु वनोपज संघ सहित वनधन केन्द्रों के समूहों को बधाई और शुभकामनाएं दी है।खुशी से भरपूर छत्तीसगढ़ के ये वनवासी प्रतिनिधि 150 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के समक्ष यह पुरस्कार ग्रहण करते हुए, छत्तीसगढ़ मॉडल तथा सतत् विकास की कहानी भी सुनाएगी। इस समारोह में पूरी दुनिया के व्यवसायी, बैंकर्स, इनवेस्टर्स, पर्यावरणविद तथा शासकीय प्रतिनिधियों की उपस्थिति में ‘छत्तीसगढ़-हर्बल्स’ की पूरी दुनिया में पहचान सुनिश्चित करेगी। इससे लघु वनोपज आधारित उद्योग को बढ़ावा मिलेगा। ‘छत्तीसगढ़ मॉडल’ को पूरे विश्व में सतत् विकास के मॉडल के रूप में पहचान मिलेगी।छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के इस दल का नेतृत्व राज्य लघु वनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला द्वारा किया जा रहा है तथा अपर प्रबंध संचालक श्री बी. आनंद बाबू एवं वनमंडल अधिकारी सुश्री स्टायलो मण्डावी सहयोग हेतु दल में सम्मिलित हैं। इस सात सदस्यीय दल का सिंगापुर एयरपोर्ट पर कार्पस्टेज सिंगापुर की डॉ. निशा कोहली द्वारा स्वागत किया जाएगा, जो इस आयोजन के प्रमुख है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सुबह डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और दोपहर में खाद बनाती हैं महिलाएं
रोजगार का नया अवतार बन गया है गोधन न्याय योजना, बड़े आर्थिक बदलाव की ओर बढ़ रहा है प्रदेश
गोबर,खाद और केंचुआ बेचकर महिलाएं बन रही हैं लखपति, गांवों में उद्योग का रूप ले रहे हैं गौठान
कोरिया : कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ की रहने वाली प्रीति टोप्पो एक गरीब परिवार से संबंध रखती हैं। दो साल पहले छत्तीसगढ़ में आज ही के दिन गोधन न्याय योजना की शुरूआत हुई। प्रीति को लगा जैसे ये योजना उन्हीं के लिए बनायी गयी है। प्रीति ने अपने ही जैसे अन्य महिलाओं के साथ एक महिला स्व सहायता समूह बनाया और गोबर संग्रहण के साथ ही वर्मी कंपोस्ट खाद के निर्माण में जुट गईं। आज दो वर्षों बाद प्रीति टोप्पो समूह के माध्यम से 93 लाख रूपए का वर्मी कंपोस्ट खाद बेच चुकी हैं । अब उन्हें अपनी आर्थिक आजादी के लिए किसी अन्य पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं पड़ती है। प्रीति ना सिर्फ खुद का बल्कि अपने साथ जुड़ी समूह की महिलाओं के लिए भी आर्थिक बदलाव लायी हैं और ये सब कुछ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शी सोच की वजह से संभव हो सका है जिन्होंने गोबर खरीदने की योजना बनाई और इस योजना से आज प्रीति जैसी हजारों महिलाएं आर्थिक स्वालवंबन की नई कहानियां लिख रही हैं।कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ के शहरी गौठान में वर्मी कम्पोस्ट निर्माण में संलग्न स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ, जो एक महिला स्वसहायता समूह है, आजकल काफी चर्चा में है और इस चर्चा का विषय यह है कि किस तरह इस समूह ने वर्मी कंपोस्ट खाद बेचकर 93 लाख रूपए कमाए हैं। चर्चा भी क्यों ना हो , किसने सोचा था कि गोधन इतने काम का हो सकता है। धार्मिक कार्यों में गोबर का बेहद महत्व है पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने गोबर को आर्थिक बदलाव की धुरी बना दिया है।गोधन न्याय योजना पूरे देश में अपने किस्म की अनूठी योजना है। शासन की गोधन न्याय योजना ने गोबर को एक कमोडिटी में तब्दील कर दिया है। आज गोबर बेचा और खरीदा जा रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार गोबर की खरीदी कर रही है। इस गोबर से गौठानों में स्व सहायता समूहों के द्वारा वर्मी कंपोस्ट खाद बनाई जा रही है। इसी खाद के विक्रय से समूहों को जो लाभ हो रहा उससे उनके जीवन में बड़ा बदलाव आ रहा है।शुरू मे घर वाले नहीं मान रहे थे, काम करना कठिन लग रहा था, लाभ से मिले पैसों से बहन की शादी में लिया कर्ज छुड़ायाःप्रीति टोप्पो
पूरे जिले में सर्वाधिक वर्मी कम्पोस्ट खाद का उत्पादन करने वाली विकासखण्ड मनेन्द्रगढ़ की स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ की सदस्य श्रीमती प्रीति टोप्पो बताती हैं कि "गोधन न्याय योजना शुरू हुई तो शहर के गौठान में समूह के रूप में जुड़कर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य शुरू किया, तब घर-परिवार के लोग खुश नहीं थे, लेकिन जैसे-जैसे उत्पादन एवं विक्रय से लाभ मिला, लोगों का हमारे प्रति नजरिया बदलने लगा। इस योजना से हमें स्वरोजगार का जरिया मिला है समाज में हमारा मान-सम्मान बढ़ा है।प्रीति ने बताया उसे लाभांश से लगभग 50 हज़ार रुपये मिले हैं। उसने बहन की शादी में कुछ कर्ज लिया था, वो इस पैसे से छूट गया और बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए साईकल लेकर दी है। घर के लोग पहले घर मे टाइम ना दे पाने के कारण थोड़ा नाराज़ थे पर अब आय देखकर खुश हैं।आत्मनिर्भरता का मिला रास्ता
इस समूह में 73 महिलाएं हैं। गौठान में वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन के काम से जुड़ी कोई महिला निर्धन परिवार से है तो किसी ने कभी घर से बाहर निकलकर कभी काम नहीं किया। इस काम से हुई कमाई ने उन्हें अपने परिवार का मजबूत स्तंभ बनाया है। उन्हें आत्मविश्वास और आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाया है। समूह द्वारा अब तक 9 लाख 30 हजार किलोग्राम वर्मी कम्पोस्ट खाद उत्पादन कर बेचा गया है जिसके एवज में समूह को 93 लाख रूपए का भुगतान किया गया है।मुख्यमंत्री से मिलने के बाद बढ़ा हौंसला
प्रीति का कहना है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में उनसे बातचीत करने के बाद उनके समूह का हौंसला और बढ़ गया है। प्रीति कहती हैं कि राज्य के मुखिया से सीधे बात करना मेरे लिए और पूरे समूह के लिए बड़ा क्षण था। उन्होंने हमारा हौसला बढ़ाया और कहा कि गौठान का टर्नओवर जल्द ही एक करोड़ हो जायेगा। उनकी इस बात ने समूह में नई ऊर्जा का संचार किया है और समूह की सभी महिलाएं इस दिशा में दुगुनी मेहनत कर रही हैं।सुबह डोर टू डोर कचरा कलेक्शन और दोपहर में खाद निर्माण का कार्यमनेंद्रगढ़ की इस महिला स्व सहायता समूह की ज्यादातर महिलाएं गरीब परिवारों से हैं। सुबह वे डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का काम करती हैं जिससे उन्हें प्रतिमाह 6 हजार रूपए की आमदनी होती है। दोपहर में खाद निर्माण का काम करती हैं, इस कार्य में होने वाले लाभ में इन महिलाओं को लाभांश मिलता है।अब तक जिले के वर्मी उत्पादक समूहों को 9 करोड़ से ज्यादा का हो चुका है भुगतानकोरिया जिले में 332 गौठानों में संलग्न 345 महिला स्व-सहायता समूहों के द्वारा वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन एवं विक्रय किया जा रहा है। अब तक जिले में 1.30 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है जिसमें से 92 हजार 805 क्विंटल वर्मी खाद विक्रय किया जा चुका है। इसके एवज में समूहों को 9.28 करोड़ की आय हुई है और जिसमें समूह का शुद्ध लाभांश 3.52 करोड़ रूपये रहा है। जिले में 342 स्थानों पर गोबर खरीदी की जा रही है। इसमें 13 हजार ज्यादा विक्रेताओं से 3.93 लाख क्विंटल गोबर खरीदी की गई है और विक्रेताओं के खाते में 7.86 करोड़ रूपये सीधे अंतरित किए गए हैं। -
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महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर दिया जाएगा बोनस
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना की दूसरी वर्षगांठ पर हितग्राहियों के खाते में अंतरित की 7.48 करोड़ रूपए की राशि
गोबर खरीदी के एवज में अब तक पशुपालकों, ग्रामीणों को 153.44 करोड़ रूपए का भुगतान
गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 147.99 करोड़ रूपए का किया गया भुगतान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि 28 जुलाई को हरेली तिहार से गोधन न्याय योजना का विस्तार करते हुए गोबर के साथ-साथ गौ-मूत्र की खरीदी की शुरूआत की जाएगी। गौ-मूत्र की खरीदी के लिए 4 रुपए प्रति लीटर की दर प्रस्तावित की गई है। खरीदे गए गौ-मूत्र का उपयोग जीवामृत कीटनाशकों और खाद के निर्माण के लिए किया जाएगा। इससे राज्य में जैविक खेती को और मजबूती मिलेगी तथा पशुपालकों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।मुख्यमंत्री ने आज विधानसभा परिसर स्थित अपने कार्यालय कक्ष में ‘गोधन न्याय योजना‘ की दूसरी सालगिरह पर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 48वीं किश्त की राशि के रूप में 7 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान करने के बाद कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए इस आशय के विचार व्यक्त किए।मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि महिला स्व-सहायता समूहों तथा सहकारी समितियों को वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर बोनस दिया जाएगा। इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। महिला समूहों को प्रति किलो वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय पर 01 रुपए तथा सहकारी समितियों को 10 पैसे का बोनस मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 07 जुलाई 2022 तक बिक चुके कम्पोस्ट के लिए महिला समूहों को बोनस के रूप में 17 करोड़ 64 लाख रुपए तथा सहकारी समितियों को 01 करोड़ 76 लाख रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा आज गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में अंतरित की गई राशि में एक जुलाई से 15 जुलाई तक राज्य के गौठानों में पशुपालकों, ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 2.88 करोड़ और महिला समूहों को 1.91 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान शामिल है। गोबर खरीदी के एवज में आज किए गए भुगतान की राशि को मिलाकर अब तक 153.44 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह योजना के तहत अब तक गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 147.99 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है।इस अवसर पर कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री विनोद वर्मा और श्री रूचिर गर्ग, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी कार्यक्रम में उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना के दो वर्ष पूर्ण होने पर योजना के सभी हितग्राहियों और प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि 20 जुलाई 2020 को हरेली तिहार के दिन से हम लोगों ने छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी की शुरुआत की थी। तब से लेकर अब तक राज्य में लगातार गोबर की खरीदी और वर्मी कंपोस्ट का निर्माण किया जा रहा है। केवल 02 वर्षों में इस योजना ने जो सफलताएं अर्जित की हैं, उसे पूरे देश में इस योजना को सराहा जा रहा है। देश के अनेक राज्यों ने हमारा अनुसरण करके अपने यहां भी इसी तरह की योजनाएं लागू की हैं। हम गोबर खरीद कर न केवल वर्मी कंपोस्ट बना रहे हैं, बल्कि गोबर से बिजली उत्पादन करने, प्राकृतिक पेंट बनाने, तरह-तरह की सामग्री बनाने का काम भी हम कर रहे हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन न्याय योजना ने स्व सहायता समूहों की हमारी बहनों को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनने का एक बड़ा अवसर दिया है। गोबर विक्रेताओं और गोठान समितियों ने भी इन दो वर्षों में अच्छी आय अर्जित की है। किसान भाईयों में पशुपालन को लेकर रुचि बढ़ी है। गौठानों में संचालित विभिन्न् आजीविका गतिविधियों से 13 हजार 969 स्व सहायता समूहों को अब तक 74 करोड़ 68 लाख रुपए की आय हो चुकी है। गोधन न्याय योजना के अंतर्गत ही गौठानों में तेल मिल और दाल मिल जैसी प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जा रही है। राज्य के गौठानों 227 तेल मिलों और 251 दाल मिलों की स्थापना की जा रही है। इनमें से 86 तेल मिल और 134 दाल मिल स्थापित की जा चुकी हैं। आने वाले समय में गोधन न्याय योजना सफलता के और नये आयाम स्थापित करेगी।कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज गोधन न्याय योजना को दो वर्ष हो गए हैं, योजना के प्रारंभ होने से अब तक गोधन न्याय योजना का काफी विस्तार किया गया है। योजना की लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। इस योजना से ग्रामीणों, पशुपालकों, महिला समूहों को आय और रोजगार का नया साधन मिला है। योजना के तहत अब तक 8 हजार 408 गौठान निर्मित किए गए हैं, लगभग 1456 गौठान एसे है, जहां 30 क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी 01 से 15 जुलाई तक की गई है। ग्रामीणों और किसानों का विश्वास योजना के प्रति जगा है। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने योजना की प्रगति की विस्तृत जानकारी दी। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज "गोधन न्याय योजना" की दूसरी सालगिरह पर गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 7 करोड़ 48 लाख रूपए की राशि का ऑनलाइन भुगतान किया
गोधन न्याय योजना की शुरुआत दो वर्ष पहले 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व पर मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा की गई थी
आज वितरित की गई राशि में एक जुलाई से 15 जुलाई तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.69 करोड़ रूपए भुगतान, गौठान समितियों को 2.88 करोड़ और महिला समूहों को 1.91 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान शामिल हैंकृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, नगरीय विकास मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया कार्यक्रम में उपस्थित हैंगोबर खरीदी के एवज में आज किए गए भुगतान की राशि को मिलाकर अब तक 153.44 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है
योजना के तहत अब तक गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 147.99 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है