- Home
- टॉप स्टोरी
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत की अध्यक्षता में आज यहां विधानसभा के समिति कक्ष में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, संसदीय कार्य मंत्री श्री रविंद्र चौबे सहित समिति के सदस्य उपस्थित थे
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणों के घरों तक खुद पहुंच रहा है चलित अस्पताल
ग्रामीणों की मांग पर बढ़ाए जा रहे हैं हाट बाजार क्लिनिक एवं एमएमयू की संख्या
रायपुर : छत्तीसगढ़ का आदिवासी ग्रामीण जीवन, पूरी तरह से प्रकृति पर निर्भर रहा है। देवी देवताओं पर विश्वास इतना ज्यादा कि कितनी भी बड़ी विपदा आ जाए बैगा पहले और डाक्टर बाद में या फिर डाक्टर के पास तो जाना ही नहीं। सरगुजा संभाग पूरी तरह से प्राकृतिक वन संसाधनों से आच्छादित है। साल और सागौन के साथ बांस के घने जंगल यहां के आदिवासियों के लिए स्वर्ग के समान हैं तभी तो वो जंगल और पहाड़ छोड़कर गांवों में बसने के लिए आना ही नहीं चाहते थे। सरगुजा संभाग में उरांव, कंवर, कोरवा, बिंझवार, नगेशिया जनजाति बहुतायत मात्रा में रहती है और इनमें से ज्यादातर कृषि एवं अपने पुरखो के पारंपरिक कार्यों में ही लिप्त है।
छत्तीसगढ़ एक आदिवासी प्रधान राज्य है जहां के 146 में 85 विकासखंड आदिवासी घोषित हैं। ऐसे में आदिवासियों के उत्थान के लिए राज्य सरकार का कार्य करना लाजमी है। हालांकि पिछले साढ़े तीन वर्षों में जो परिवर्तन आया है वो पहले कभी देखने को नहीं मिला। खास तौर पर आदिवासियों के स्वास्थ्य को लेकर जो परिवर्तन आया है उसकी पुष्टि केंद्र सरकार के आंकड़ों से भी हुयी है और ये सब कुछ मुमकिन हुआ है मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशों पर चलाए जा रहे आदिवासी कल्याण की योजनाओं से। इन्हीं योजनाओं में से एक है मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना।सुदूर अंचल तक तक पहुंच रही है हाट बाजार क्लिनिक योजनाआदिम समुदाय भले ही जंगलों एवं पहाड़ों को आम तौर पर न छोड़े , लेकिन बाजार करने के लिए वो नियमित रूप से गांवों में आते ही हैं। यही वजह रही की मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच ने हाट बाजार क्लिनिक योजना का रूप लिया। अब आदिवासी जनता को अस्पतालों तक पहुंचने की जरूरत नहीं है, बल्कि अस्पताल खुद उनके घरों के पास पहुंचता है।सरगुजा संभाग के कोरिया जिले में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की महत्वाकांक्षी हाट बाजार क्लिनिक योजना से सुदूर एवं पहुंच विहीन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुँच अब काफी आसान हो गई है। शहरों से लेकर दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों के हाट बाज़ारों तक हाट बाजार क्लिनिक के माध्यम से निःशुल्क परामर्श ,जांच तथा दवाइयां उपलब्ध हो रही हैं और इससे योजना की लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है।एक समय ऐसा था कि कोरिया के सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले ग्रामीणो को मौसमी बीमारियों की चपेट में आकर अपनी जान गंवानी पड़ती थी, लेकिन बीते साढ़े तीन साल में परिवर्तन ये आया है कि अब इनहें अस्पताल तक नहीं जाना पड़ता, अस्पताल की सारी सुविधाएं हाट बाजार के जरिए इन तक पहुंच रही हैं।ग्रामीणों की मांग पर बढ़ रही है हाट बाजार क्लिनिक एवं एमएमयू की संख्याकोरिया जिले में 35 हाट बाज़ार क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था, इसके लिए 5 एमएमयू की सेवाएं ली जा रही हैं। लेकिन ग्रामीणों की लगातार मांग पर योजना की लोकप्रियता को देखते हुए कोरिया जिला प्रशासन द्वारा 3 अन्य हाट बाजारों का चिन्हांकन किया गया है जिससे अब जिले के लोगों को 35 की बजाए 38 हाट बाज़ारों में स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा। डेडिकेडेट वाहनों पर मरीजों का बोझ ना पड़े इसके लिए मोबाइल मेडिकल यूनिट यानि की एमएमयू की संख्या भी बढ़ाई जाने का प्रावधान किया गया है।3 महीने में 35 हजार से अधिक को मिला निःशुल्क जांच एवं दवाईयों का लाभवनाच्छादित कोरिया जिले में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के तहत वर्तमान में 35 साप्ताहिक हाट बाजारों में 5 एमएमयू के द्वारा स्वास्थ्य विभाग की टीम प्रत्येक विकासखण्ड के हाट बाजार में स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 1 अप्रैल 2022 से अभी तक कुल 35 हजार 675 मरीजों ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया तथा निःशुल्क दवा वितरण का लाभ लिया। इस समयावधि में योजना के अंतर्गत एमएमयू वाहन 538 साप्ताहिक हाट बाजारों में पहुंचे। इस दौरान 53 जरूरतमंदों लोगों को बेहतर स्वास्थ्य हेतु जिला अस्पताल रेफर किया गया ।आदिवासी अंचल में सुदूर गांवों में रहने वालों को मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना के तहत ज्यादा सुविधाएं मिली इसके लिए प्रत्येक सप्ताह नेत्र सहायक के द्वारा नेत्र परीक्षण उपचार एवं दंत चिकित्सक द्वारा दांतों से संबंधित बीमारियों की भी जांच की जा रही है। इस तरह से मुख्यमंत्री हाटल बाजार योजना से मरीजों को बेहतर चिकित्सा परामर्श, निःशुल्क दवा वितरण के साथ ही गंभीर मरीजों को उचित इलाज के लिए उच्च चिकित्सकीय संस्थाओं में रेफर भी किया जा रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
महिला समूहों को एक रूपए तथा सहकारी समितियों को प्रति किलो कम्पोस्ट विक्रय पर 10 पैसे का बोनस मिलेगा
महिला समूहों को बोनस के रूपए लगभग 17.64 करोड़ और सहकारी समितियों को 1.76 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि को होगा भुगतान
कृषि विभाग ने बोनस वितरण के संबंध में जारी किया आदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट एवं सुपर प्लस कम्पोस्ट का निर्माण कर राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिला स्व-सहायता समूहों की बहनों को एक बड़ी सौगात दी है। महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित कम्पोस्ट में से 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट के एवज में प्रति किलो एक रूपए तथा सहकारी समितियों को 10 पैसे के मान से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। बोनस वितरण के संबंध में कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग मंत्रालय द्वारा आज 19 जुलाई को आदेश जारी किया गया।गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों से जुड़कर कम्पोस्ट निर्माण कर रही महिला स्व-सहायता समूहों को 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट के एवज में बोनस दिए जाने की मंशा जताई थी। इस संबंध में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 7 जुलाई 2022 को आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में कृषि विभाग मंत्रालय द्वारा विविधत आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत महिला समूहों द्वारा उत्पादित कम्पोस्ट में से 7 जुलाई 2022 तक विक्रय किए गए लगभग 17.64 लाख क्विंटल की मात्रा के एवज में महिला समूहों को 17 करोड़ 64 लाख तथा प्राथमिक सहकारी समितियों को 01 करोड़ 76 लाख रूपए की राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी। प्रोत्साहन की यह राशि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा गोधन न्याय योजना के बजट प्रावधान से किया जाएगा। गोधन न्याय योजना के लिए वर्ष 2022-23 के बजट में 175 करोड़ रूपए का प्रावधान है।यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना की शुरूआत 20 जुलाई 2020 को हरेली पर्व के दिन से राज्य में हुई थी। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से 2 रूपए किलो में गोबर की खरीदी गौठानों में की जा रही है। अब तक 76 लाख क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है, जिससे महिला समूहों द्वारा अब तक 16.81 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, 5.16 लाख से अधिक सुपर कम्पोस्ट तथा 18 हजार 924 क्विंटल सुपर प्लस कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है, जिसमें से तीनों प्रकार के कम्पोस्ट की कुल 17.64 लाख की मात्रा का विक्रय हो चुका है। इसके एवज में महिला समूहों और प्राथमिक सहकारी समितियों को प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। गौरतलब है कि महिला स्व-सहायता समूहों को वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के लिए 3 रूपए 27 पैसे प्रति किलो के मान से लाभांश तथा प्रति किलो पैकेजिंग पर 65 पैसे मिलते हैं। 7 जुलाई 2022 तक बिक चुकी कम्पोस्ट की प्रति किलो मात्रा पर एक रूपए का बोनस मिलने से महिला समूहों को अतिरिक्त लाभ होगा। इस प्रकार देखा जाए कि महिला समूहों को कम्पोस्ट निर्माण का लाभांश, पैकेजिंग और प्रोत्साहन राशि को मिलाकर प्रति किलो 4 रूपए 92 पैसे की राशि मिल रही है, जो वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय मूल्य के 50 प्रतिशत के करीब है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री शामिल हुए डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह में
मुख्यमंत्री ने डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें दी श्रद्धांजलिरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि डॉ.खूबचंद बघेल छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को जगाने और छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने वाले अग्रणी नेता थे। छत्तीसगढ़ के खान पान, रहन-सहन, बोली, भाषा को ऊपर उठाने में हमारे जिन महापुरुषों ने योगदान दिया, उनमें डॉ. खूबचन्द बघेल सदैव अग्रणी रहे। उन्होंने जीवनभर किसानों, आदिवासियों के हितों की रक्षा और उनके उत्थान के लिए संघर्ष किया।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर में आयोजित डॉ. खूबचंद बघेल जयंती समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। जयंती समारोह का आयोजन फूल चौक स्थित व्यावसायिक परिसर में किया गया। उन्होंने डॉ. खूबचंद बघेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, महापौर रायपुर श्री एजाज ढेबर, छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा, पूर्व राज्यसभा सदस्य श्रीमती छाया वर्मा सहित समाज के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि डॉ. बघेल छत्तीसगढ़ महतारी के सच्चे सपूत थे। उनकी गिनती छत्तीसगढ़ के प्रथम पंक्ति के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में होती है। वे ऐसे बिरले फ्रीडम फाइटर रहे, जिनकी मां एवं पत्नी तथा स्वयं उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जेल की यात्राएं की । डॉ. बघेल एक अच्छे राजनेता रहे, उन्होंने विधायक, सांसद, संसदीय सचिव, नेता प्रतिपक्ष जैसे पदों में रहते हुए विधानसभा और लोकसभा में आम जनता की आवाज बुलंद की। उन्होंने पंक्ति तोड़ो, नाता जोड़ो का नारा देकर समाज में व्याप्त विसंगतियों और कुरीतियों को दूर करने का कार्य किया।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के लिए पहली आवाज डॉ. खूबचंद बघेल ने उठाई। समाज मे जहां भी शोषण, अत्याचार हुए डॉ. साहब ने विरोध किया। उन्होंने सदैव आदिवासी, मजदूर, किसान वर्ग पर होने वाले अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई।डॉ. बघेल छत्तीसगढ़ के पहले एकांकी लेखक थे। उन्होंने ऊंच-नीच, जनरैल सिंह, करम छड़हा जैसी अनेक रचनाएँ लिखी। उन्होंने नाटक भी लिखा और साथ ही उनमें अभिनय भी किया। डॉ. बघेल एक अच्छे किसान एवं चिकित्सक थे। साथ ही सहकारिता के क्षेत्र में भी उन्होंने अपना योगदान दिया।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार डॉ.खूबचंद बघेल के बताए रास्ते पर चलते हुए किसानों, आदिवासियों के उत्थान के लिए काम कर रही है। छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को जगाने और अपनी संस्कृति को नई पहचान दिलाने का काम कर रही है। हमारी संस्कृति से जुड़े हरेेली, तीजा जैसे त्यौहारों और गेड़ी, भौंरा जैसे खेलों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है।मुख्यमंत्री ने डॉ. खूबचंद बघेल के छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने के काम में योगदान का उल्लेख करते हुए कहा कि बासी के बारे में जो हमारी हीनता है, संकोच है उसे दूर करने के लिए डॉ. बघेल ने कविता लिखी थी कि ’बासी के गुण कहूं कहां’ तक, इसे न टालो हासी में, बिकट विटामिन भरे हुए हैं, छत्तीसगढ़ के बासी म’। हमने एक मई, मजदूर दिवस को बोरे-बासी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। डॉ. बघेल ने किसान, मजदूर आदिवासी समाज के उत्थान के लिए जो स्टैंडर्ड तैयार किया है, जो लकीर खींची है, वो आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने जीवन भर किसानों के हित के लिए लड़ाईयां लड़ी।मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार भी उनके नक्शे कदम पर चलते हुए इन वर्गों के लिए कार्य कर रही है। आज हमारा अन्नदाता किसान खुश है, किसानों को उपज का सबसे ज्यादा मूल्य छत्तीसगढ़ में मिल रहा है। भूमिहीन श्रमिकों को 7 हजार रुपए की सलाना मदद की जा रही है। आदिवासियों के उत्थान के लिए समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली लघु वनोपज 7 से बढ़कर अब 65 कर दी गई हैै। इन लघु वनोपज से बनने वाले उत्पादों की संख्या 150 से बढ़कर 600 हो गयी है। जिनकी बिक्री गाँव के साथ ही सी-मार्ट के जरिये शहरों में भी होने लगी है। अब स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा बनाए गए उत्पाद सी-मार्ट में विक्रय किया जा रहा है। हमारा मूल उद्देश्य सभी वर्ग के लोगों की आय में वृद्धि करना है। हमारी सरकार छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान को बनाये रखने और संस्कृति को पहचान दिलाने का कार्य कर रही है।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा डॉ. बघेल के नाम पर डॉ. खूबचन्द बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत प्रदेश के 65 लाख परिवार स्वास्थ्य लाभ ले सकते हैं। अब तक 18 लाख परिवारों ने इस योजना का लाभ उठाया है। इस योजना में गरीब परिवारों को इलाज के लिए 5 लाख रूपए तक की सहायता देने का प्रावधान है। छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केंद्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. खूबचंद बघेल के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य के माध्यम से 24 लाख से ज्यादा लोगों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना की मोबाइल मेडिकल यूनिट के चिकित्सा दल शहरों में गरीबों की बस्तियों में पहुंचकर जरूरतमंद लोगों का इलाज निःशुल्क कर रहे है। गरीब लोग कई कारणों से अस्पताल तक नही पहुंच पाते थे। जिससे उनका इलाज नहीं हो पाता था। परन्तु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गरीबों की पीड़ा को समझा। गरीबों का इलाज करने उनके घर पर ही डॉक्टर पहुंचे ऐसी परिकल्पना उन्होंने की।
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य स्लम योजना के तहत करीब 24 लाख से ज्यादा लोगों का इलाज छत्तीसगढ़ के शहरी इलाकों की स्लम बस्तियों में किया जा चुका है। शहरों में मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन घूम-घूम कर गरीबों का इलाज कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में निवासरत लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ प्रदेश के शहरी क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में निवासरत लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा संचालित मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक मोबाइल मेडिकल टीम द्वारा 24 लाख से ज्यादा लोगों को निःशुल्क इलाज मुहैया कराया गया है। इसके तहत राज्य के 169 नगरीय निकायों की स्लम बस्तियों में अब तक मोबाइल मेडिकल यूनिट टीम द्वारा 34 हजार 370 कैम्प लगाकर लोगों की निःशुल्क जांच व उपचार कर दवाईयां दी गई हैं। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि नगरीय क्षेत्रों की तंग बस्तियों के एवं अन्य जरूरत मंद लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें निःशुल्क दवायें उपलब्ध करायें।गौरतलब है कि राज्य के 14 नगर निगम क्षेत्रों की स्लम बस्तियों में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने के लिए मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के प्रथम चरण की शुरूआत 01 नवम्बर 2020 को हुई थी। इसके तहत 60 मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा स्लम बस्तियों में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण और उपचार एवं दवा वितरण की शुरूआत की गई थी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा इस योजना से लोगों को घर पहुंच स्वास्थ्य सुविधा मिलने की सफलता को देखते हुए 31 मार्च 2022 को इसका विस्तार पूरे राज्य के नगरीय निकाय क्षेत्रों में किया गया तथा 60 और नई मोबाइल मेडिकल यूनिट शुरू की गई। इस योजना के तहत अब पूरे राज्य के नगरीय क्षेत्रों के स्लम बस्तियों में चिकित्सक, पैरामेडिकल टीम, मेडिकल उपकरण एवं दवाओं से लैस 120 मोबाइल मेडिकल यूनिट पहुंचकर लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करा रही है। मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत अब तक 4 लाख 88 हजार 533 मरीजों को पैथालॉजी टेस्ट की सुविधा मुहैया कराने के साथ ही 19 लाख 97 हजार 532 से अधिक मरीजों को निःशुल्क दवाएं दी गई हैं। इस योजना के तहत लाभान्वित मरीजों में 2 लाख 38 हजार 960 श्रमिक हैं। -
एजेंसी
अरुणाचल प्रदेश : डिप्टी कमीश्नर बेंगिया निघी ने बताया कि ये सभी यहां एक रोड प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और 5 जुलाई से ही लापता है। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर असम के रहने वाले हैं। अधिक जानकारी का इंतजार है।
अरुणाचल प्रदेश के कुरुंग कुमे जिले में भारत-चीन सीमा पर एक मजदूर की मौत और 18 के लापता होने की खबर है। डिप्टी कमीश्नर बेंगिया निघी ने बताया कि ये सभी यहां एक रोड प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे और 5 जुलाई से ही लापता है। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर असम के रहने वाले हैं।डिप्टी कमीश्नर ने बताया, "सड़क बनाने के लिए ठेकेदार असम से 19 मजदूरों को लेकर आया था। जिला मुख्यालय कोलोरियांग से यह इलाका 150 किमी की दूरी पर स्थित है। हमें 13 जुलाई को यह जानकारी मिली कि सभी मजदूर वर्क साइट से लापता हैं। इसके तुरंत बाद हमने तलाशी अभियान शुरू किया। आसपास के जंगलों और अन्य रास्तों में तलाशी लेने के बावजूद उनका पता नहीं चला। सोमवार को उन मजदूरों में से एक का शव फुरक नदी से बरामद किया गया था।"नदी में डूबने से मौत की आशंकाआशंका जताई जा रही है कि कुमी नदी में डूबने से सभी मजदूरों की मौत हो गई होगी। एक शव मिलने के बाद इस आशंका को और भी अधिक बल मिला है। फिलहाल रेस्क्यू का काम जारी है। नदी में ये मजदूर कब डूबे, इस बारे में पता नहीं चल सका है। इनके घरवालों को भी किसी तरह की जानकारी नहीं है। बताया जा रहा है कि कुछ दिनों पहले ये सभी पैदल ही घर के लिए निकले थे। रास्ते में कुमी नदी पड़ती है। इसे पार करते समय हादसा हुआ होगा।ईद पर पैदल ही चल दिए थे घरमीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, ये मजदूर ईद के मौके पर अपने घर जाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने कॉन्ट्रैक्टर से छुट्टी की मांग की लेकिन उसने इनकार कर दिया। इसके बाद ये लोग पैदल ही अपने घर के लिए निकल पड़े। अब आधिकारिक तौर पर इनके लापता होने की खबर सामने आई है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि लापता मजदूरों की तलाशी की जा रही है।शव ना मिलें... इसकी भी आशंकाहादसे को कई दिन बीत जाने के बाद आशंका यह भी जताई जा रहा है कि उनमें से कई लोगों के शव न मिल पाएं। हालांकि अभी कुछ भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता है। मालूम हो कि पूर्वोत्तर में बीते दिनों भारी बारिश हुई है। इससे अरुणाचल प्रदेश, असम और मिजोरम के कई इलाकों में बाढ़ के हालात हैं। साथ ही नदियां भी उफान पर हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
21 जुलाई को होगी मतों की गिनती
रायपुर : देश के 16वें राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए आज विधानसभा भवन में बनाए गए मतदान केंद्र में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत तथा नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक सहित सभी 90 विधायकों ने वोट डाले। मतदान सुबह दस बजे शुरू हुआ था। मतदान की निर्धारित अवधि खत्म होने के बाद शाम पांच बजे मतपेटी को सीलबंद किया गया। राष्ट्रपति निर्वाचन-2022 के लिए नियुक्त सहायक रिटर्निंग ऑफिसर सीलबंद मतपेटी को लेकर आज रात सवा नौ बजे के नियमित विमान से नई दिल्ली जाएंगे। वहां 21 जुलाई को मतों की गिनती की जाएगी।
छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन में बनाए गए स्ट्रांग-रूम से आज सवेरे मतपेटी को निकालकर मतदान कक्ष में रखा गया। राष्ट्रपति पद के दोनों उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त ऑब्जर्वर व प्रेक्षक तथा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की मौजूदगी में सीलबंद मतपेटी को खोलकर व जांचकर मतदान के लिए रखा गया। शाम पांच बजे मतदान की निर्धारित अवधि समाप्त होने के बाद मतपेटी को पुनः सीलबंद किया गया।
मतदान के लिए मतपेटी को खोलने और मतदान के बाद पुनः सीलबंद करने के दौरान छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री पी. दयानंद, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती शिखा राजपूत तिवारी, विधानसभा के सचिव श्री दिनेश शर्मा, भारत निर्वाचन आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए नियुक्त ऑब्जर्वर श्री राकेश रंजन और प्रेक्षक श्री मलय मलिक, उम्मीदवारों के पोलिंग एजेंट विधायक श्री मोहित राम केरकेट्टा एवं डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी मौजूद थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गौ-मूत्र की खरीदी के लिए न्यूनतम राशि 4 रूपए लीटर प्रस्तावित
राज्य में पशुपालकों की आय और जैविक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में एक और पहल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की विशेष पहल पर राज्य के गौठानों में 28 जुलाई हरेली तिहार से गौ-मूत्र की खरीदी की शुरूआत होगी। प्रथम चरण में प्रत्येक जिले के दो चयनित स्वावलंबी गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी की जाएगी। गौठान प्रबंध समिति पशुपालक से गौ-मूत्र क्रय करने हेतु स्थानीय स्तर पर दर निर्धारित कर सकेगी। कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा राज्य में गौ-मूत्र क्रय के लिए न्यूनतम राशि 4 रूपए प्रति लीटर प्रस्तावित की गई है। क्रय गौ-मूत्र से महिला स्व-सहायता समूह की मदद से जीवामृत एवं कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाएंगे। चयनित समूहों को पशु चिकित्सा विभाग एवं कृषि विज्ञान केन्द्र के सहयोग से विधिवत प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।
गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तम्बोली ने सभी कलेक्टरों को गौठानों में गौ-मूत्र की खरीदी को लेकर सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने को कहा है। उन्होंने कहा है कि गौ-मूत्र का क्रय गौठान प्रबंधन समिति स्वयं के बैंक खातों में उपलब्ध गोधन न्याय योजना अंतर्गत प्राप्तियां, चक्रीय निधि ब्याज की राशि से करेगी। उन्होंने कलेक्टरों को अपने-अपने जिले के दो स्वावलंबी गौठानों, स्व-सहायता समूह का चयन करने, गौठान प्रबंध समिति तथा स्व-सहायता समूह के सदस्यों को प्रशिक्षण देने के साथ ही गौ-मूत्र परीक्षण संबंधी किट एवं उत्पाद भण्डारण हेतु आवश्यक व्यवस्था करने को कहा है। कलेक्टरों को चयनित गौठान एवं स्व-सहायता समूह की सूची ई-मेल [email protected] पर शीघ्र उपलब्ध कराने को कहा गया है।
गौरतलब है कि दो साल पहले 20 जुलाई 2020 को राज्य में हरेली पर्व के दिन से ही गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में गोबर की खरीदी की शुरूआत हुई थी। गोबर से गौठानों में अब तक 20 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर प्लस कम्पोस्ट महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित किए जा चुके हैं, जिसके चलते राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिला है। गौ-मूत्र की खरीदी राज्य में जैविक खेती के प्रयासों को और आगे बढ़ाने में मददगार साबित होगी। इसी को ध्यान में रखकर राज्य में गौ-मूत्र की खरीदी शुरू की जा रही है। इससे पशुपालकों को गौ-मूत्र बेचने से जहां एक ओर अतिरिक्त आय होगी, वहीं दूसरी ओर महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से जीवामृत, गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद तैयार किए जाने से समूहों को रोजगार और आय का एक और जरिया मिलेगा। जीवामृत और गौ-मूत्र की कीट नियंत्रक उत्पाद का उपयोग किसान भाई रासायनिक कीटनाशक के बदले कर सकेंगे, जिससे कृषि में कास्ट लागत कम होगी। खाद्यान्न की विषाक्तता में कमी आएगी। गोधन न्याय योजना राज्य के ग्रामीण अंचल में बेहद लोकप्रिय योजना साबित हुई है। इस योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों से लगभग दो सालों में 150 करोड़ से अधिक की गोबर खरीदी की गई है, जिसका सीधा फायदा ग्रामीण पशुपालकों को मिला है। क्रय गोबर से वर्मी खाद का निर्माण एवं विक्रय से महिला स्व-सहायता समूहों और गौठान समितियों को 143 करोड़ से अधिक की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : राष्ट्रपति निर्वाचन के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विधानसभा में स्थापित मतदान केंद्र में किया मतदान।
बता दे कि भारत के 15वें राष्ट्रपति चुनाव में मतदान का दौर जारी है। दिल्ली से लेकर राज्यों की विधानसभाओं में सांसद और विधायक वोट डाल रहे हैं। इस दौरान 4 हजार से ज्यादा सांसद और विधायक सर्वोच्च पद के लिए उम्मीदवार के नाम पर मुहर लगाएंगे। एक ओर जहां NDA की तरफ से झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू मैदान में हैं। वहीं, विपक्ष के साझा उम्मीदवार पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा हैं।
-
मध्यप्रदेश : मध्यप्रदेश के धार जिले के खलघाट में यात्रियों से भरी महाराष्ट्र राज्य परिवहन की बस नर्मदा नदी में गिरने से 13 यात्रियों की मौत हो गई। हादसा सुबह पौने 10 बजे का बताया जा रहा है। सभी 13 लोगों के शव नदी से निकाले जा चुके हैं। हादसे में किसी भी यात्री की जान नहीं बची। बस को क्रेन के जरिए निकाला जा चुका है। हादसा रॉन्ड साइड से आ रहे एक मोटरसाइकिल सवार को बचाने के दौरान हुआ। बस पुल की रेलिंग तोड़ते हुए सीधे 25 फीट नीचे नदी में जा गिरी। हादसा खलघाट के पुराने पुल पर हुआ है।
जानकारी के अनुसार इंदौर से महाराष्ट्र की ओर जा रही यात्री बस खलघाट संजय सेतु पुल पर संतुलन बिगड़ने के कारण 25 फीट नीचे नदी में जा गिरी। मौके पर धामनोद पुलिस एवं खलटाका पुलिस मोर्चा संभाला और तेजी से बचाव कार्य किया। गोताखोरों की मदद से नदी से सभी यात्रियों को बाहर निकाला गया लेकिन किसी भी यात्री को जिंदा नहीं बचाया जा सका। NDRF की टीम भी राहत बचाव के लिए मौके पर मौजूद है। इंदौर कमिश्नर पवन कुमार शर्मा ने धार और खरगोन के कलेक्टर्स को घटना स्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए थे, प्रशासन ने घटनास्थल पर मोर्चा संभाला है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खलघाट में हुई बस दुर्घटना का संज्ञान लेते हुए, प्रशासन को शीघ्र राहत एवं बचाव कार्य करने के निर्देश दिए थे। बस को क्रेन की मदद से निकाला गया, तेजी से बचाव कार्य करते हुए सभी यात्रियों के शव नदी से बरामद किए गए।
जिला प्रशासन घटना स्थल पर है। मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ को भेजने के निर्देश दिए हैं, इसके अतिरिक्त आवश्यक संसाधन घटना स्थल पर भेजने और घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। खरगोन, इंदौर जिला प्रशासन के साथ मुख्यमंत्री निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं।
वहीं, पूर्व सीएम कमलनाथ ने धार जिले के खलघाट में हुए हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए। सरकार व प्रशासन से युद्ध स्तर पर बचाव कार्य करने की मांग की और लोगों को जल्द राहत पहुँचाने की बात कही है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल केंद्रीय गृह मंत्री श्री शाह की अध्यक्षता में अभियान की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हुए मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में की जा रही तैयारियों की दी जानकारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में ‘हर घर तिरंगा‘ अभियान की तैयारियों के संबंध में आयोजित बैठक में अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 11 से 17 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा‘ अभियान आयोजित किया जा रहा है, इस अभियान में 13 से 15 अगस्त तक हर घर, शासकीय-निजी कार्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, अर्धशासकीय कार्यालयों, व्यावसायिक, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, गैर सरकारी संगठनों के कार्यालयों में तिरंगा झंडा फहराया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बैठक में इस अभियान के लिए छत्तीसगढ़ में की जा रही तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान में जन-जन की भागीदारी सुनिश्चित करने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। अभियान के संबंध में शासकीय स्तर पर बैठक आयोजित की जा चुकी है, भारत सरकार द्वारा जो निर्देश दिए गए हैं, उनके आधार पर प्रदेश में तैयारियां की जा रही हैं। अभियान में सामाजिक संगठनों, सार्वजनिक उपक्रमों, निजी उपक्रमों, कारपोरेट जगत की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। सार्वजनिक उपक्रमों, निजी उपक्रमों, कारपोरेट जगत को सीएसआर मद से इस अभियान में भागीदारी और योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खादी ग्रामोद्योग एवं हाथ करघा विभाग, स्थानीय स्व-सहायता समूहों के माध्यम से तिरंगा का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे उन्हें और स्थानीय दर्जियों को रोजगार मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 60 लाख परिवार हैं। इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिलेवार लक्ष्य तय कर कार्ययोजना बनाई गई है। पांपलेट, बैनर, पोस्टर, होर्डिंग्स और सोशल मीडिया के माध्यम से इस अभियान का प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मुख्य सचिव ने भी कलेक्टरों की बैठक लेकर उन्हें इस अभियान की तैयारियों के संबंध में दिशा निर्देश दिए हैं। लोगों से यह भी कहा गया है कि अभियान के दौरान और इसके बाद भी झंडे की गरिमा और सुरक्षा का ध्यान रखा जाए।
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री निवास में छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, संस्कृति विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. एस. भारती दासन और संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजधानी रायपुर के आउटडोर स्टेडियम बूढ़ापारा में राष्ट्र सन्त श्री ललितप्रभ सागर जी के चल रहे दिव्य सत्संग प्रवचन माला ’जीने की कला’ में शामिल हुए। श्री बघेल ने राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ सागर जी महाराज का प्रवचन सुना तथा उनसे प्रदेश की सुख, समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त किया।
सकल जैन समाज, श्री ऋषभदेव जैन मंदिर ट्रस्ट एवं दिव्य चातुर्मास समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ. मुनि श्री शांतिप्रिय सागर जी, महापौर रायपुर श्री एजाज ढेबर, दिव्य चातुर्मास समिति के अध्यक्ष श्री त्रिलोकचंद बरड़िया, श्री ऋषभदेव जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्री विजय कांकरिया सहित के अनेक पदाधिकारी और श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर ’हैप्पी थाट्स’ कैलेण्डर का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ की पावन धरा में राष्ट्र संतों का स्वागत करते हुए कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि राष्ट्र संत श्री ललितप्रभ सागर जी ने अपने प्रवचन के लिए छत्तीसगढ़ को चुना। हम सभी उनके अनेक प्रवचन पुस्तकों, कैसेट और अन्य माध्यम से सुनते रहते हैं परन्तु आज पहली बार प्रत्यक्ष रूप से उनका सत्संग सुनने का अवसर मिल रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि श्री ललितप्रभ सागर जी ने अपने प्रवचन में इतनी सुंदर बात कही कि क्रोध में कैसे नियंत्रण रखना है, जीवन में किस प्रकार सकारात्मकता बनाये रखना है। इन सब बातों को अपने जीवन में उतारेंगे, विचारों में असमानता का सम्मान करना सीखेंगे तो निश्चित रूप से हम सब का भला होगा। इससे व्यक्ति का, परिवार का, समाज का और पूरे देश का भला होगा -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
यू एन आई अपनी पूरी यात्रा में पत्रकारिता के स्तर में सुधार और स्वतंत्रता की कहानियां बुनती रही हैं। 2006 तक यह संस्था बेहद फायदे में चलती रही और इसके पास सुरक्षित कोष जमा थे। लेकिन इसे गैर कानूनी तरीके से बेचने की तैयारी इस रूप में शुरू हुई कि इसे जिन रास्तों से फायदे होते थे उन्हें घाटे में बदला जाने लगा
यू एन आई ( United News of India ) की स्थापना भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू की पहल और प्रथम प्रेस आयोग की सिफारिश के बाद की गई थी।तब पी टी आई देश की एक मात्र एजेंसी थी और प्रधानमंत्री नेहरू नहीं चाहते थे कि किसी एक समाचार एजेंसी का एकाधिकार हो। यूएनआई की स्थापना के लिए 1958 में पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री विधान चंद्र राय की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई थी।इस कमेटी ने पूरी दुनिया में समाचार एजेंसियों के ढांचे का अध्ययन किया था और समाचार एजेंसी ए पी के ढांचे को यू एन आई के लिए उपयुकत माना था। यह एक सहकारी संगठन के रूप में स्थापित हुआ और बाद में एक ट्रस्ट में परिवर्तित किया गया।यूएनआई भारत की एक महत्त्वपूर्ण समाचार संस्थान है। वर्ष 1959 में इसकी स्थापना हुई तथा 1961 में इसने सक्रिय रूप से काम करना शुरू किया था। इसने वर्ष 1982 में भारत में अपनी पहली समाचार एजेंसी पूर्ण हिन्दी तार सेवा यूनीवार्ता प्रारम्भ की। यूएनआई ने अपनी पहली उर्दू सेवा भी शुरू की। 21 मार्च 1961 से इसका वाणिज्यिक संचालन शुरू किया गया था। अपने शुरुआती दिनों में, कंपनी को पुराने यूनाइटेड प्रेस ऑफ़ इंडिया के टेलीप्रिंटर्स का उपयोग करना पड़ा, जो कि 1958 के बाद से उपयोग में ना होने के कारण जंग खा गए थे। यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया के देश भर में शाखाओं के साथ कई देशों की राजधानियों में भी शाखाएं थी। यूएनआई देश की उन समाचार एजेंसियों में है जिसने पहली बार 14 भाषाओं में समाचार पत्र प्रकाशित किया।यू एन आई को बचाने के लिए यहां के ईमानदार, कर्मठ कर्मचारियों व पत्रकारों ने लंबी लड़ाई लड़ी है लेकिन लगता है कि इस संस्थान के समय के साथ समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है। देश भर में फैले मध्यम और लघु समाचार पत्रों के सामने तो बड़ा संकट खड़ा होता जा रहा है।हजारों पत्रों के समाचार के स्रोतों को मिटाने की कोशिश और उसकी पूरी प्रक्रिया क्या स्तर और स्वतंत्रता को बनाए रखने में बाधा नहीं कही जाएगी?यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (यूएनआई) भारत में एक बहुभाषी समाचार एजेंसी है। इसकी स्थापना दिसंबर 1961 में हुई थी ।एक अंग्रेजी समाचार एजेंसी के रूप में। इसका वाणिज्यिक संचालन २१ मार्च १९६१ से शुरू किया गया था। यूनीवर्त , एक हिंदी समाचार सेवा के साथ, यूएनआई दुनिया में बहुभाषी समाचार सेवा में से एक बन गया। 1992 में, इसने अपनी उर्दू समाचार सेवा शुरू की और इसलिए उर्दू समाचार प्रदान करने वाली पहली समाचार एजेंसी बन गई। वर्तमान में, यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी समाचार एजेंसी है, जो अंग्रेजी, हिंदी, उर्दू और कन्नड़ भाषाओं में समाचार प्रदान करती है। इसके समाचार ब्यूरो भारत के सभी राज्यों की राजधानियों और प्रमुख शहरों में मौजूद हैं।भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने अपनी पहली प्रेस आयोग रिपोर्ट (1952-1954) में दूसरी समाचार एजेंसी के महत्व पर जोर दिया ताकि वे एक दूसरे के लिए सुधारात्मक कार्य कर सकें। लेकिन पीसीआई के समर्थन के बाद भी , वित्तीय समस्याओं के कारण १९५८ में यूनाइटेड प्रेस ऑफ इंडिया का पतन हो गया। इसलिए कुछ प्रमुख समाचार पत्रों ने प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया के साथ एक दूसरी समाचार एजेंसी की आवश्यकता महसूस की । इसने डॉ. बिधान चंद्र रॉय के तहत यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया का गठन किया , आठ प्रमुख समाचार पत्रों द हिंदू , द टाइम्स ऑफ इंडिया , द स्टेट्समैन , अमृता बाजार पत्रिका , हिंदुस्तान टाइम्स , हिंदुस्तान स्टैंडर्ड , डेक्कन हेराल्ड और आर्यावर्त द्वारा प्रायोजित . अपने शुरुआती दिनों में, कंपनी को पुराने यूनाइटेड प्रेस ऑफ इंडिया टेलीप्रिंटर्स का उपयोग करना पड़ा , जो 1958 से अनुपयोगी होने के कारण जंग खा गए थे। कंपनी ने १ ९ ६१ में १३ टेलीप्रिंटर्स से १ ९ ५५ के अंत तक ४०८ तक अपनी क्षमता बढ़ा दी। १९७१ में, कंपनी का राजस्व रु. 54.31 लाख , जो बढ़कर रु। 1974 में 67.73 लाख और रु। १९७५ में ८७.१४ लाख। यूएनआई ने अपना संचालन शुरू करते समय ५ स्टाफ सदस्य थे, लेकिन १९७५ के अंत तक यह संख्या १३९ पत्रकारों, ३९२ गैर-पत्रकारों और १६६ स्ट्रिंगरों के साथ बढ़कर ६९ ७ हो गई ।यूएनआई ने कई नवीन तरीके पेश किए जिससे इसकी लोकप्रियता में वृद्धि हुई। 1968 में, इसने समसामयिक विषयों के लिए एक साप्ताहिक पृष्ठभूमि सेवा शुरू की, जो गहन पृष्ठभूमि ज्ञान के साथ अच्छी तरह से प्रलेखित थी। १९७० में इसने यूएनआई कृषि समाचार और फीचर सेवा की शुरुआत करके कृषि पत्रकारिता के क्षेत्र को एक नया आयाम दिया। भारतीय और विदेशी बाजारों की रिपोर्टिंग के लिए वित्तीय और वाणिज्यिक सेवा जैसी कई अन्य योजनाएं सफलतापूर्वक शुरू की गईं , यूएनआई एयरमेल न्यूज सर्विस (1971), और विज्ञान रिपोर्ताज के क्षेत्र में पूर्णकालिक विज्ञान संवाददाता देने वाली पहली थी। विश्व समाचारों के लिए, यूएनआई ने एसोसिएटेड प्रेस (यूएसए), ड्यूश प्रेस-एजेंटूर (पश्चिम जर्मनी), एजेंजिया नाजियोनेल स्टैम्पा एसोसिएटा (इटली), एगरप्रेस (रूमानिया) और कई अन्य लोगों के साथ सहयोग किया। वर्तमान में इसका स्पुतनिक, सिन्हुआ और कतर न्यूज एजेंसी (क्यूएनए) के साथ समाचार साझाकरण समझौता है।आपातकाल की अवधि के दौरान , 26 जुलाई 1975 को, इंदिरा गांधी सरकार ने भारत की चार टेलीप्रिंटर समाचार एजेंसियों को मिलाकर एक एकल इकाई बनाने का निर्णय लिया।चार एजेंसियों के कर्मचारी संघों ने एकल समाचार इकाई बनाने के विचार को स्वीकार करते हुए प्रस्ताव पारित किए।इसलिए फरवरी १९७६ में, यूएनआई को एक नई पहचान समाचार बनाने के लिए पीटीआई , हिंदुस्तान समाचार और समाचार भारती के साथ मिला दिया गया ।१९७७ के चुनाव में इंदिरा गांधी की सरकार की हार के बाद , प्रेस की स्वतंत्रता को ध्यान में रखते हुए, समाचार के कामकाज की जांच के लिए नई सरकार द्वारा कुलदीप नैयर समिति का गठन किया गया था। और समाचार एजेंसी की स्वतंत्रता। १४ नवंबर १९७७ को समिति ने समाचार का पुनर्गठन करके दो समाचार एजेंसियों वार्ता और संदेश के निर्माण की सिफारिश की । समिति की सिफारिशों के विपरीत, समाचार को विभाजित कर दिया गया और सभी चार एजेंसियों का विलय पूर्ववत कर दिया गया। इस प्रकार १४ अप्रैल १९७८ को अन्य तीन समाचार एजेंसियों के साथ यूएनआई को फिर से पुनर्जीवित किया गया। आपातकाल के बाद की अवधि में यूएनआई ने अपने ग्राहकों में वृद्धि देखी। जनवरी 1979 में, वॉल स्ट्रीट और NASDAQ से यूरोपीय और एशियाई बाजारों में वित्तीय और कमोडिटी बाजारों की वैश्विक कवरेज प्रदान करने के लिए UNI की वित्तीय सेवाओं (UNIFIN) को लॉन्च किया गया था । UNIFIN में महत्वपूर्ण राजनीतिक कहानियां भी शामिल हैं जो वित्तीय दुनिया को प्रभावित करती हैं। मई 1982 में, UNI ने अपनी हिंदी सेवा, UNIVarta शुरू की । इसके बाद 5 जून 1992 को उर्दू समाचार सेवा की शुरुआत हुई। यह टेलीप्रिंटर पर उर्दू में समाचार की आपूर्ति करने वाली दुनिया की पहली और एकमात्र समाचार एजेंसी बन गई। २००५ के बाद, इसका संचार नेटवर्क भारत और खाड़ी के राज्यों में ९०,००० किमी से अधिक है। दुनिया के सभी प्रमुख शहरों में इसके संवाददाता हैं। इसके रॉयटर्स सहित कई विदेशी समाचार एजेंसियों के साथ सहयोग समझौते हैं ।यूएनआई द्वारा कई अन्य पहल की गई हैं। यह यूएनआई फोटो सेवा, यूएनआई ग्राफिक्स शुरू करने वाली पहली समाचार एजेंसी थी। [ वर्तमान में यह दूरदर्शन (जुलाई १९८६ में शुरू की गई), यूनिकॉन (यूएनआई आर्थिक सेवा, १९७९ में शुरू की गई), यूएनईएन (यूएनआई एनर्जी न्यूज सेवा, सितंबर १९८० में शुरू की गई) के लिए समाचार क्लिप और सुविधाओं के लिए यूनीदर्शन जैसी कई सेवाएं प्रदान करता है। , यूएनआई कृषि सेवा (1967 में शुरू की गई), यूएनआई बैकग्राउंडर सेवा (1968 में शुरू की गई), यूएनआई फीचर्स, यूनिस्कैन, यूनिफिन (जनवरी 1979 में लॉन्च) आदि।यूएनआई भारतीय कंपनी अधिनियम की धारा 25 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी के रूप में पंजीकृत है। यह समाचार पत्रों के समूह के स्वामित्व में है, जिन्होंने उन्हें चलाने के लिए शेयर खरीदे हैं। समाचार पत्र निदेशक मंडल का चुनाव करते हैं जिसका अध्यक्ष एक अध्यक्ष होता है। समाचार एजेंसी के नीति निर्माण में अध्यक्ष मुख्य प्राधिकारी होता है। अध्यक्ष की अध्यक्षता वाले बोर्ड में प्रमुख समाचार पत्रों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ सार्वजनिक हस्तियां भी शामिल हैं -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ में अर्जुन अवॉर्डी ग्रैंड मास्टर श्री प्रवीण थिप्से ने थामा टॉर्च
टॉर्च के स्वागत में स्कूली बच्चों और खिलाड़ियों ने बरसाए फूल
रायपुर : विश्व शतरंज ओलंपियाड के 44वें सत्र की जिम्मेदारी भारत को सौंपी गई है। शतरंज ओलंपियाड के 95 वर्ष के इतिहास में यह पहला अवसर है जब भारत को विश्व शतरंज ओलंपियाड की मेजबानी करने का मौका मिला है। मुख्य आयोजन से पूर्व शतरंज ओलंपियाड की टॉर्च रिले देशभर में हो रही है। 19 जून से शुरू हुई शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले आगामी 28 जुलाई तक देश के विभिन्न राज्यों में पहुंचेगी। इसी कड़ी में शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले भुवनेश्वर (ओडिशा) से होते हुए आज छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर पहुंची। यहां अर्जुन अवॉर्डी ग्रैंड मास्टर श्री प्रवीण थिप्से ने टॉर्च थामा। शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले के स्वागत के लिए रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर खेल एवं युवा कल्याण मंत्री श्री उमेश पटेल पहुंचे।उन्होंने शतरंज ओलंपियाड का टॉर्च लेकर पहुंचे ग्रैंड मास्टर श्री थिप्से का पुष्पगुच्छ देकर और राजकीय गमछा पहनाकर स्वागत किया। वहीं इस मौके पर खेल एवं युवा कल्याण विभाग के सचिव श्री नीलम नामदेव एक्का, संचालक खेल एवं युवा कल्याण श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा, छत्तीसगढ़ ओलंपिक संघ के महासचिव श्री गुरुचरण सिंह होरा, उपाध्यक्ष श्री विजय अग्रवाल, छत्तीसगढ़ राज्य शतरंज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री राघवेन्द्र सिंघानिया एवं महासचिव श्री विनोद कुमार राठी मौजूद रहे। वहीं दो बार शतरंज में ओलंपिक तक पहुंची छत्तीसगढ़ की बेटी वुमन फीडे मास्टर सुश्री किरण अग्रवाल खासतौर से मौजूद रहीं।शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले का स्वामी विवेकानंद विमानतल के बाहर ढोल-नगाड़ों की धुनों के बीच पारंपरिक राउत नाचा की प्रस्तुति देकर स्वागत किया गया। वहीं विमानतल से पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम के लिए शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले विटेंज कार में निकली। इस बीच रायपुर के तेलीबांधा तालाब के सामने स्कूली बच्चों ने फूलों की वर्षा कर शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले का स्वागत किया। यहां शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले के संग तस्वीरें खिंचाने के लिए बच्चों में भारी उत्साह देखने को मिला। वहीं शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले के स्वागत का अगला पड़ाव घड़ी चौक रहा, जहां शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले पहुंचते ही पूरे उल्लास के साथ खिलाड़ियों ने पुष्प वर्षा कर टॉर्च का स्वागत किया। जब शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुँची तो शतरंज ओलंपियाड टॉर्च रिले के स्वागत के लिए पहुँचे बच्चे अलग-अलग देशों के ध्वज थामे दिखे। जहां बच्चों के द्वारा भारत माता की जय और वंदे मातरम् की जयघोष से पूरा ऑडिटोरियम परिसर गूंजता रहा। ऑडिटोरियम में अर्जुन अवॉर्डी ग्रैंड मास्टर श्री प्रवीण थिप्से प्रदेश के प्रतिभाशाली 60 शतरंज खिलाड़ियों के साथ शतरंज बोर्ड पर साइमनटेनियस चेस खेलकर उनका उत्साहवर्धन किया।
उल्लेखनीय है कि भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव के मौके पर तमिलनाडु में विश्व शतरंज ओलंपियाड का आयोजन होना है। आगामी 28 जुलाई से 10 अगस्त तक होने वाले इस शतरंज ओलंपियाड में विश्वभर से 188 देशों के करीब दो हजार चुने हुए शतरंज खिलाड़ी हिस्सा लेंगे।
-
एजेंसी
श्रीलंका : में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। यहां की अर्थव्यवस्था इस कदर चरमरा गई है कि पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ खाने के सामग्रियों के लिए लोगों को भटकना पड़ रहा है। वहीं 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति के चुने जाने की संभावना है।श्रीलंका में आर्थिक संकट अपने चरम पर पहुंच गया है। महंगाई इतनी बढ़ गई है कि लोगों के खाने पर आफत आ गई है। विश्व खाद्य कार्यक्रम(WFP) ने कहा है कि देश में 60 लाख से अधिक लोगों पर खाने का संकट मंडरा रहा है। श्रीलंका वर्तमान में गिरते भंडार के साथ एक गंभीर विदेशी मुद्रा संकट से जूझ रहा है और सरकार आवश्यक आयात के बिल को वहन करने में असमर्थ है। इतना ही नहीं पेट्रोल की किल्लत इस कदर है कि हाई प्रोफाइल लोगों जिनमें क्रिकेटर से लेकर राजनेता तक शामिल हैं को दो दिनों तक लंबी कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।
आज श्रीलंका की संसद बुलाई गईमीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज श्रीलंका में संसद की विशेष बैठक बुलाई गई है। इस बैठक में अगले राष्ट्रपति के चुनाव के लिए कार्यवाही शुरू की जाएगी। 20 जुलाई को नए राष्ट्रपति के चुने जाने की संभावना है। द्वीप राष्ट्र के इतिहास में यह पहली बार है कि राष्ट्रपति की नियुक्ति सांसदों द्वारा की जाएगी, न कि लोकप्रिय जनादेश द्वारा। बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया ने देश छोड़ने के बाद इस्तीफे का एलान कर दिया है।28 जुलाई तक पूर्व पीएम और पूर्व वित्त मंत्री देश नहीं छोड़ सकते: सुप्रीम कोर्टश्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व वित्त मंत्री बासिल राजपक्षे को बिना अनुमति के 28 जुलाई तक देश छोड़ने पर रोक लगा दी है।कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदारअपने त्यागपत्र में पूर्व राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा कि उन्होंने आर्थिक मंदी का मुकाबला करने के लिए सर्वदलीय सरकार बनाने की कोशिश करने जैसे बेहतरीन कदम उठाए। अपने त्याग पत्र में, 73 वर्षीय राजपक्षे ने श्रीलंका के आर्थिक संकट के लिए कोविड -19 महामारी और लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराया।श्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने स्पीकर से की मुलाकातश्रीलंका में भारतीय उच्चायुक्त ने कहा कि आज सुबह माननीय स्पीकर से मुलाकात की। विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण मोड़ पर लोकतंत्र और संवैधानिक ढांचे को बनाए रखने में संसद की भूमिका सराहनीय रही। बताया कि भारत लोकतंत्र, स्थिरता और समर्थन का समर्थन करना जारी रखेगा। श्रीलंका में आर्थिक सुधार जल्द होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा को बस्तर संभाग के सुकमा और बीजापुर जिले में लगातार बारिश से बनी बाढ़ की स्थिति का जायजा लेने के दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने श्री लखमा को बीजापुर और सुकमा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव के सभी जरूरी इंतजाम सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के लिए श्री लखमा को हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराने के निर्देश दिये -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
उत्पादों की ब्रांडिंग और विक्रय के लिए अमेजान, फ्लिपकार्ड जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का हो उपयोग
स्थानीय हाट बाजार, सी-मार्ट, बिलासा, शबरी इम्पोरियम, संजीवनी केन्द्र, थोक विक्रेता के जरिए होगा ग्रामीण औद्योगिक पार्क के उत्पादों का विक्रय
गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट छानने की मशीन उपलब्ध कराने के निर्देशरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश के गौठानों के ग्रामीण औद्योगिक पार्क में तैयार होने वाले उत्पादों को अच्छा बाजार दिलाने के लिए उत्पादों की गुणवत्ता, उचित कीमत और मार्केटिंग पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि उत्पादों की बिक्री बढ़े और इसका अधिक से अधिक फायदा स्व-सहायता समूहों को मिले। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में ये निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में गौठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में विकसित करने के लिए किए जा रहे कार्यो गोधन न्याय योजना, सी-मार्ट और मुख्यमंत्री रेशम मिशन के कार्यो की समीक्षा की।
बैठक में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में कहा कि गांव की जरूरत के अनुसार उत्पाद तैयार करने तथा जिन चीजों की खपत स्थानीय स्तर पर हो सकती है, उनका उत्पादन प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने गौठानों में तैयार उत्पादों की ब्रांडिंग और उनके विक्रय के लिए अमेजान, फ्लिपकार्ड जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का उपयोग करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में विभिन्न आयमूलक गतिविधियों में संलग्न लोगों को आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण की भी व्यवस्था की जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि गौठानों में 12 हजार 176 स्व-सहायता समूह काम कर रहे हैं, जिनमें 83 हजार 874 महिलाएं सदस्य हैं। इन समूहों को अब तक विभिन्न गतिविधियों से लगभग 65 करोड़ 18 लाख रूपए की आय प्राप्त हो चुकी है। स्व-सहायता समूह वर्मी कम्पोस्ट उत्पादन, सामुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पाद, मुर्गी पालन, मछली पालन, बकरी पालन के साथ-साथ गोबर से दीया, गमला, अगरबत्ती बना रहे हैं। इसके साथ ही साथ सेनेटरी पेड, बैग निर्माण, फेंसिंग पोल, एलईडी बल्ब, पेपर ब्लाक निर्माण जैसी गतिविधियां भी गौठानों में संचालित की जा रही है। वर्तमान में गौठानों में 79 तेल मिल, 177 दाल मिल, 364 आटा मिल, 939 मिनी राईस मिल स्थापित की है। जिले के प्रत्येक विकासखण्ड में कम से कम दो-दो गौठानों का चयन ग्रामीण औद्योगिक पार्क विकसित करने के लिए किया गया है। बैठक में बताया गया कि ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत गौठानों में स्व-सहायता समूहों के साथ बेरोजगार युवा, इच्छुक पुरूष- महिला और तृतीय लिंग के उद्यमी विभिन्न गतिविधियां संचालित करने के लिए पात्र है। ग्रामीण औद्योगिक पार्क में उत्पादित वस्तुओं का विक्रय स्थानीय हाट बाजार, सी-मार्ट, शबरी इम्पोरियम, संजीवनी केन्द्र, थोक विक्रेता, प्राईवेट कम्पनी और शासकीय कार्यालयों में किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने गोधन न्याय योजना की समीक्षा के दौरान सभी गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट छानने के लिए मशीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना से डेयरी उद्योग को लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग कर रहे हैं, आने वाले समय में इसकी मांग बढ़ेगी, इसलिए वर्मी कम्पोस्ट का अधिक से अधिक उत्पादन किया जाना चाहिए।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि गौठानों में लगभग 19 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है, जिसका किसानों को विक्रय किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 3 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बचा है। बैठक में बताया गया कि आवर्ती चराई के 1300 गौठानों में से 619 में गोबर में खरीदी प्रारंभ हो गई है, यहां लगभग 82 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है, आवर्ती चराई के 159 गौठानों में जल्द ही गोबर की खरीदी प्रारंभ होगी।
नानगूर में ककून बैंक की स्थापना
मुख्यमंत्री ने रेशम मिशन समीक्षा के दौरान कहा कि बस्तर में नैसर्गिक ककून के संग्रहण और धागा बनाने के कार्य में बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों को आय और रोजगार का साधन उपलब्ध कराया जा सकता है। बैठक में जानकारी दी गई कि बस्तर जिले के नानगूर में वन विभाग द्वारा ककून बैंक की स्थापना की गई है। वन विभाग द्वारा नैसर्गिक रैली ककून का स्थानीय लोगों से समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। 740 हितग्राहियों को धागा बनाने का प्रशिक्षण दे दिया गया है। इन्हें धागाकरण मशीन भी दी जाएगी। नानगूर में 5 करोड़ 70 रूपए की लागत से आधुनिक वेट रीलिंग यूनिट स्थापित करने की परियोजना स्वीकृति के लिए केन्द्रीय सिल्क बोर्ड को भेजा गया है। रैली ककून का संग्रहण 01 मार्च से 30 अप्रैल तथा 01 अगस्त से 15 अक्टूबर तक किया जाता है।
बिलासा प्रीमियम शॉप में 4.90 लाख के हैण्डलूम वस्त्रों की बिक्री
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि रायपुर के छत्तीसगढ़ पंडरी हाट में 10 जून 2022 को प्रारंभ किए गए बिलासा हैण्डलूम के प्रीमियम प्रोडक्ट के एम्पोरियम में 11 जुलाई तक 4 लाख 90 हजार रूपए के वस्त्रों का विक्रय किया गया है। इस प्रीमियम शॉप में छत्तीसगढ़ के बुनकरों द्वारा तैयार टसर सिल्क और कॉटन की साड़ियां, स्टोल, ड्रेस मटेरियल, फर्नीशिंग एवं रेडिमेड के हैण्डलूम वस्त्रों का डिस्प्ले और विक्रय किया जा रहा है।
हायर सेकेण्डरी सह आईटीआई सर्टिफिकेट कम्बाइन कोर्स में 3101 विद्यार्थी अध्ययनरत
छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की समीक्षा के दौरान बताया गया कि युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ में हायर सेकेण्डरी कोर्स के साथ 11 ट्रेडों में प्रारंभ किए गए आईटीआई सर्टिफिकेट कोर्स में 3101 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर 111 विकासखण्डों में 114 आईटीआई में यह कोर्स संचालित है, इसमें विद्यार्थी 12वीं के साथ-साथ आईटीआई की पढ़ाई भी कर रहे हैं। इन विद्यार्थियों को कोर्स पूरा होने पर 12वीं बोर्ड परीक्षा के सर्टिफिकेट के साथ आईटीआई का सर्टिफिकेट भी प्रदान किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री दाई दीदी मोबाइल क्लीनिकों के माध्यम से अब तक राज्य में करीब एक हजार 439 कैम्प लगाएं जा चुके है और इनसे रायपुर, बिलासपुर एवं भिलाई नगर निगम क्षेत्र की गरीब स्लम बस्तियों में रहने वाली एक लाख 6 हजार 700 से अधिक महिलाओं एवं बच्चियों का उनके घर के पास इलाज किया जा चुका है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन के नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री दाई-दीदी क्लिनिक योजना संचालित की जा रही है। योजना के तहत दाई-दीदी क्लिनिक की मोबाइल मेडिकल यूनिट के वाहन में महिला चिकित्सकों और स्टॉफ की टीम पहुंचती है तथा जरूरतमंद महिलाओं एवं बच्चियों की विभिन्न बीमारियों का निःशुल्क इलाज कराती है। इन मोबाइल मेडिकल यूनिट द्वारा 19 हजार 62 महिलाओं का लैब टेस्ट किया गया तथा एक लाख एक हजार 394 महिलाओं को निःशुल्क दवाईयां दी गई। इससे गरीब स्लम क्षेत्र में रहने वाली मेहनत मजदूरी करने वाली ऐसी महिलाएं जो कई कारणों से अपना इलाज नहीं पा रही थी। उन्हें इलाज की सुविधा घर के पास ही महिला चिकित्सकों और स्टॉफ के माध्यम से मिल पा रही है।