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श्रीलंका : जनरल सिल्वा ने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर उत्पन्न हुआ है। सिल्वा ने श्रीलंका के लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने की अपील की।
श्रीलंकाई सेना प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने देश में शांति बनाए रखने के लिए लोगों से समर्थन की मांग की है। उन्होंने रविवार को कहा कि मौजूदा राजनीतिक संकट का शांतिपूर्ण तरीके से समाधान का अवसर अब उपलब्ध है। यह बयान ऐसे समय में आया है जब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने कुछ घंटे पहले ही 13 जुलाई को पद छोड़ने की सहमति जताई।
देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल सिल्वा ने कहा कि मौजूदा संकट को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने का अवसर उत्पन्न हुआ है। सिल्वा ने श्रीलंका के सभी लोगों से देश में शांति बनाए रखने के लिए सशस्त्र बलों और पुलिस का समर्थन करने का अनुरोध किया। यह बयान शनिवार को गाले फेस और फोर्ट व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के निजी आवास के पास हुई हिंसा के बाद जारी किया गया। इन घटनाओं के बाद राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने इस्तीफा देने की पेशकश की है।
पीएम में घर में प्रदर्शनकारियों ने लगाई आग
श्रीलंका में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी शनिवार को कोलंबो के कड़ी सुरक्षा वाले फोर्ट इलाके में राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास में घुस गए थे। आर्थिक संकट का सामना कर रहे देश के ये प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे थे। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के इस्तीफे की पेशकश किए जाने के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने उनके निजी आवास में आग लगा दी।
अपने इस्तीफे को लेकर क्या बोले प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री के मीडिया प्रभाग ने कहा कि सर्वदलीय सरकार बनने और संसद में बहुमत साबित होने के बाद वह प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देंगे। उनके कार्यालय ने कहा कि विक्रमसिंघे तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे। विक्रमसिंघे ने विपक्षी पार्टी के नेताओं से कहा कि वह इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पद छोड़ने का निर्णय ले रहे हैं कि इस सप्ताह से देशव्यापी ईंधन वितरण दोबारा शुरू किया जाना है, विश्व खाद्य कार्यक्रम के निदेशक इस सप्ताह देश का दौरा करने वाले हैं और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के लिए ऋण निरंतरता रिपोर्ट को जल्द ही अंतिम रूप दिया जाना है।
छठी बार प्रधानमंत्री बने थे विक्रमसिंघे
सरकार विरोधी विरोध प्रदर्शनों के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के मई में इस्तीफा देने के बाद विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया था। अपने दशकों लंबे राजनीतिक करियर में वह छठी बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री बने थे। अगले आठ हफ्तों के दौरान वह यह लगातार बताते रहे कि उनकी सरकार संकट से उभरने के लिए क्या कदम उठा रही है। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, "बहुत कुछ किया है और कई चीजें अभी करनी बाकी हैं। हम मामलों को प्राथमिकता दे रहे हैं। निश्चिंत रहें, उन्हें जल्द से जल्द ठीक कर लिया जाएगा।"
श्रीलंका की स्थिति पर नजर: आईएमएफ
वहीं, अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) की श्रीलंका के घटनाक्रम पर नजर है। उसे उम्मीद है कि श्रीलंका का राजनीतिक संकट जल्द हल होगा जिसके बाद नकदी संकट से जूझ रहे देश को राहत पैकेज पर बातचीत शुरू हो सकेगी। आईएमएफ की प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के साथ नीति-स्तर की एक दौर की वार्ता हुई थी। विक्रमसिंघे के पास वित्त मंत्रालय का भी प्रभार है। दोनों पक्षों के बीच कुछ वित्तीय मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाया जाना है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राहुल के परिवार को पांच लाख रूपए की आर्थिक सहायता की घोषणा
बोरवेल से सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए राहुल साहू के माता-पिता सहित जांजगीर-चांपा वासियों ने मुख्यमंत्री का जताया आभार
जांजगीर-चांपा : जांजगीर-चांपा जिले के ग्राम पिहरिद के बोरवेल में लगभग 65 फीट नीचे गिरे राहुल को सफलतापूर्वक रेस्क्यू ऑपरेशन कर निकालने और उसके ईलाज के लिए मुख्यमंत्री द्वारा किए गए प्रयासों के प्रति आभार प्रकट करने के लिए आज राहुल के परिजन और जांजगीर-चांपा के सैकड़ो ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बड़ी घोषणा करते हुए राहुल के स्पीच थैरेपी और उसकी शिक्षा की सम्पूर्ण जिम्मेदारी उठाने की बात कही है, साथ ही राहुल के परिवार की आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 5 लाख रूपए की आर्थिक मदद करने की घोषणा भी की। मुख्यमंत्री ने राहुल के परिजन को रोजगार देने के भी निर्देश दिए।
गौरतलब है कि 105 घंटे के सफल रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहुल को बोरवेल से बाहर निकाल लिया गया था। इसके बाद ग्रीन कारीडोर बनाकार राहुल को उपचार हेतु बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में भर्ती किया गया था।
मुख्यमंत्री के प्रति कृतज्ञता जाहिर करते हुए राहुल की मां श्रीमती गीता देवी ने कहा कि आपने अपना बेटा समझ कर राहुल की जान बचाई है। इसके लिए मैं और मेरा परिवार जीवन भर आपका आभारी रहेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राहुल के बारे में सूचना मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दे दिए थे कि बचाव कार्य में कोई कमी नहीं रहनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि उन्होंने राहुल की दादी को भरोसा दिलाया था कि उसका नाती सुरक्षित बाहर आएगा। श्री बघेल ने कहा कि जब भी हम सामूहिक प्रयास करते है तो उसमें सफलता जरूर मिलती है और राहुल को बचाने के लिए तो हर एक ने धैर्यपूर्वक और दिन-रात मेहनत की। श्री बघेल ने कहा कि 105 घंटे तक पत्थर, चट्टान को काटकर राहुल को बाहर निकालने का कार्य कठिन था लेकिन राहुल को बचाने में लोगों की दुआ और ईश्वर की कृपा भी शामिल है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बोरवेल से निकालने के बाद अस्पताल में इलाज कराना दूसरी चुनौती थी और इसके लिए उन्होेंने एयर एम्बुलेंस के साथ ही देश के कुशल डॉक्टरों को भी तैयार रखा था। श्री बघेल ने कहा कि राहुल जिंदगी की जंग पहले बोरवेल में लड़ा और फिर अस्पताल में।
इस मौके पर मुख्यमंत्री निवास कार्यालय परिसर में राहुल के परिजन ने मुख्यमंत्री का सम्मान किया। साथ ही जांजगीर-चांपा से आए ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों ने भी राहुल के मामले में मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता की प्रशंसा करते हुए उन्हें धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर चन्द्रपुर विधायक श्री रामकुमार यादव, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष श्री संदीप साहू, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, वरिष्ठ जनप्रतिनिधिगण सहित जांजगीर-चांपा से आए विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि एवं पदाधिकारी उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अमरनाथ हादसे में फंसे छत्तीसगढ़ के तीर्थ यात्रियों की सहायता के लिए जारी किए गए दो हेल्पलाइन नंबर
इनमें नई दिल्ली स्थित छत्तीसगढ़ सदन के रेजिडेंट कमिश्नर श्री गणेश मिश्रा का मोबाइल नंबर+91-9997060999 तथा छत्तीसगढ़ सदन का हेल्पलाइन नंबर +91-1146156000 है।
आपदा में फंसे तीर्थ यात्री या उनके परिजन इन नम्बरों में सम्पर्क कर सूचना दे सकते हैं
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जनजाति क्षेत्रों में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण करने के निर्देश
बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर किया जाएगा शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण
पेसा एक्ट के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुसमर्थन
जनजातियों के जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही कठिनाईयों के अध्ययन कर प्रस्ताव तैयार करने के लिए टीआरआई के कैम्प लगेंगे
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में आयोजित की गई। मुख्यमंत्री ने बैठक में जनजाति क्षेत्रों के जर्जर छात्रावास-आश्रम तथा स्कूलों के भवन की मरम्मत का कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण दो साल बाद स्कूल, छात्रावास और आश्रम प्रारंभ हुए हैं, जहां मरम्मत की आवश्यकता है, वहां मरम्मत का कार्य तत्परता से कराया जाए। मुख्यमंत्री ने जनजाति क्षेत्रों में संचालित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए छात्रावास का निर्माण करने के निर्देश भी दिए। इसी तरह उन्होंने स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या के आधार पर शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण करने के निर्देश दिए।जनजाति सलाहकार परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री नेे कहा कि जनजाति क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ राज्य आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) के कैम्प आयोजित कर वहां जाति प्रमाण पत्र जारी करने में आ रही दिक्कतों का अध्ययन कर इस संबंध में प्रस्ताव तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में छत्तीसगढ़ पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार) अधिनियम-1996 (पेसा एक्ट) के क्रियान्वयन के संबंध में प्रस्तुत प्रस्ताव का सर्वसम्मति से अनुसमर्थन किया गया। इसी तरह अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर राज्यपाल का प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 का अनुमोदन भी बैठक में किया गया। अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन पर बैठक में अनुमोदित किए गए राज्यपाल को भेजे जाने वाले प्रतिवेदन वर्ष 2020-21 में अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक एवं सामाजिक, आर्थिक प्रोत्साहन हेतु संवैधानिक प्रावधानों के क्रियान्वयन, विभिन्न विकास विभागों द्वारा अनुसूचित क्षेत्र में क्रियान्वित प्रमुख योजनाओं का विवरण, प्रदेश के विशेष रूप से कमजोर जनजातियों की जनसांख्यिकीय जानकारी, प्रशासकीय इकाई एवं विकास कार्यो की स्थिति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत वन निवासी (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम 2006 एवं नियम 2007 यथा संशोधित नियम 2012 के क्रियान्वयन का उल्लेख है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जनजाति सलाहकार परिषद की पूर्व में आयोजित बैठक में लिए गए निर्णय के परिपालन में नारायणपुर जिले के 19 ग्रामों का सर्वेक्षण कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा दो ग्रामों के सर्वे का कार्य प्रक्रियाधीन है। बैठक में यह भी बताया गया कि मार्च 2022 तक 4 लाख 46 हजार 41 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, 45 हजार 764 सामुदायिक वन अधिकार, 3 हजार 516 सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र का वितरण कर दिया गया है। इस तरह कुल 4 लाख 95 हजार 455 वन अधिकार पत्र वितरित किए गए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल की घोषणा के अनुरूप विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह के 9623 शिक्षित युवाओं को शासकीय सेवा में नियुक्ति देने के संबंध में जिलेवार सूची सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी कर दी गई है।
बैठक में आदिमजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, जनजातीय सलाहकार परिषद के उपाध्यक्ष श्री रामपुकार सिंह, लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज, विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी,संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी सहित परिषद के सदस्यगण विधायक श्रीमती लक्ष्मी ध्रुव, श्री मोहन मरकाम, श्री चक्रधर सिंह, श्री इंद्रशाह मंडावी, श्री मोहित राम, श्री गुलाब कमरो और पूर्व विधायक श्री बोधराम कंवर, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ,आदिम जाति विकास एवं कल्याण विभाग के सचिव श्री डी.डी. सिंह, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव श्री प्रसन्ना आर., ऊर्जा विभाग के सचिव श्री अंकित आनंद, सचिव स्कूल शिक्षा डॉ.एस.भारतीदासन, आयुक्त आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग श्रीमती शम्मी आबिदी मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थीं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विधायक सर्वश्री विनय भगत, श्री लखेश्वर बघेल, श्री वृहस्पति सिंह, श्री चिंतामणी महाराज, श्रीमती देवती कर्मा, श्री बृहस्पत सिंह, श्री अनूप नाग बैठक में शामिल हुए।
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एजेंसी
नई दिल्ली: दक्षिण कश्मीर में स्थित पवित्र अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार शाम को बादल फटने से आई आकस्मिक बाढ़ के कारण कई लोग बह गए. हादसे में अब तक 16 लोगों के मौत की पुष्टि हुई है. एक अधिकारी ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि करीब 40 लोग लापता हैं तथा पांच को बचाया गया है. शनिवार की सुबह सारे शवों को बालटाल भेजा गया है.
बीएसएफ एमआई 17 हेलिकॉप्टर को आगे के इलाज या शवों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए नीलगढ़ हेलीपैड / बालटाल से बीएसएफ कैंप श्रीनगर तक कार्रवाई में लगाया गया. ITBP की टीमें अमरनाथ गुफा के पास लापता की तलाश कर रही . तलाशी अभियान जोरों पर है.
हादसे के बाद बालटाल बसे कैम्प से पहलगाम की ओर श्रद्धालुओं की चढ़ाई को रोकने का फैसला किया गया था. खराब मौसम को देखते हुए ये फैसला लिया गया था. हालांकि, शनिवार को मौसम में सुधार आने के बाद श्रद्धालुओं का नया जत्था पहलगाम की ओर रवाना हुआ. इस संबंध में एक श्रद्धालु ने बताया कि हम पहलगाम कैंप की ओर बढ़ रहे हैं. हमे उम्मीद है कि यात्रा फिर से शुरू हो जाएगी. हम प्रार्थना करते हैं कि भोलेनाथ सभी श्रद्धालुओं की रक्षा करें.
कल शाम अचानक आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश यात्रियों को पंजतरणी शिफ्ट कर दिया गया है. ITBP ने लोअर होली गुफा से पंजतरणी तक सुरक्षा दलों को लगाया था. रेस्क्यू तड़के 3.38 बजे तक जारी रहा.
कोई भी यात्री ट्रैक पर नहीं बचा है. अब तक करीब 15,000 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इधर, बालटाल बेस हॉस्पिटल में घायलों को लाना शुरू हो गया है. 3 घायल लाए गए हैं.
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एजेंसी
जापान : जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की मौत हो गई है। आज सुबह ही नारा शहर में एक रैली के दौरान हमलावर ने उन पर हमला कर दिया था और उन्हें दो बेहद करीब से गोलियां मारी थीं।
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की मौत हो गई है। आज सुबह ही नारा शहर में एक रैली के दौरान हमलावर ने उन पर हमला कर दिया था और उन्हें दो गोलियां मारी थीं। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। डॉक्टरों ने उन्हें बचाने की तमाम कोशिशें कीं, लेकिन बचाया नहीं जा सका। जापान के एनएचके वर्ल्ड रेडियो ने उनकी मौत की पुष्टि की है। पश्चिम जापान के नारा शहर में शुक्रवार सुबह ही वह एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान उनके बेहद करीब आकर हमलावर ने उन पर एक के बाद एक दो गोलियां दाग दी थीं।
गोलियां लगने के तुरंत बाद शिंजो आबे जमीन पर गिर पड़े थे और उसके बाद तुरंत उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। उन्हें एयरलिफ्ट करके ले जाया गया था, लेकिन अस्तपाल में तमाम कोशिशों के बाद भी बचाया नहीं जा सका। डॉक्टरों का कहना है कि उनके दिल ने काम करना बंद कर दिया था और उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। उन्हें गहन चिकित्सा निगरानी में रखा गया था, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती जा रही थी। 67 वर्षीय शिंजो आबे जापान के सबसे लंबे वक्त तक पीएम रहने वाले शख्स थे। वह 2006 से 2007 के दौरान और फिर 2012 से 2020 के दौरान पीएम रहे थे। उनके दादा भी जापान के प्रधानमंत्री थे और फिर उनके पिता भी देश के विदेश मंत्री थे।
शिंजो आबे के 41 वर्षीय हमलावर की भी हुई पहचान
पुलिस ने शिंजो आबे पर हमला करने वाले शख्स को तत्काल गिरफ्तार कर लिया है। 41 वर्षीय आरोपी का नाम तेत्सुया यामागामी बताया जा रहा है। फिलहाल, पुलिस यामागामी से पूछताछ कर रही है। वहीं, मौजूद पीएम फुमिया किशिदा ने भी ऐलान कर दिया है कि इस घटना को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यामागामी ने शॉटगन से आबे पर हमला किया था। यह हमला तब हुआ जब पूर्व पीएम नारा शहर स्थित यामातो सैदाजी स्टेशन पर भाषण दे रहे थे। घटना से जुड़े कुछ वीडियो भी सामने आए हैं।
शिंजो आबे के दादा भी थे देश के पीएम, पिता थे विदेश मंत्री
शिंजो आबे के परिवार का भी एक समृद्ध इतिहास रहा है, जो दशकों से सत्ता में रहा है। उनके दादा किशि नोबुसुके 1957 से 1960 के दौरान दो बार जापान के पीएम रहे थे। इसके अलावा उनके पिता शिंतारो आबे भी जापान के विदेश मंत्री रह चुके हैं। 1993 में पिता की मौत के बाद शिंजो आबे ने पहली बार जापान के आम चुनाव में उतरने का फैसला लिया था। जापान के पीएम बनने से पहले भी शिंजो आबे का बड़ा सियासी कद रहा है। डिप्टी चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी के तौर पर भी वह तत्कालीन पीएम के साथ उत्तर कोरिया की यात्रा पर गए थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गौठानों में उत्पादित दूध की गांवों में खपत और पशुओं के लिए चारे की पुख्ता व्यवस्था के लिए तैयार की जाएगी कार्य योजना
गोधन न्याय योजना और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश
रायपुर : आंगनबाड़ियों और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन योजना में बच्चों को दूध देने से उनमें कुपोषण होगा दूर
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गांवों के गौठानों में पशुपालन और डेयरी व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से गौठानों में उत्पादित दूध की गांवों में खपत करने और पशुओं के चारे की पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह राजीव गांधी किसान न्याय योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं, इसी तरह गौठानों में संचालित डेयरी से उत्पादित दूध की गांवों में खपत और पशुओं के चारे की व्यवस्था होने से पशुपालक लाभान्वित होंगे और पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि गांवों के आंगनबाड़ी केन्द्रों और स्कूलों में मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के सहयोग से बच्चों को उबालकर दूध उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। इससे पशुपालकों को दूध का वाजिब मूल्य मिलेगा। ग्रामीण दूधारु पशुपालन के लिए प्रोत्साहित होंगे। गौ-माता की सेवा होगी। ग्रामीण अंचल में दूध की उपलब्धता बढ़ने से पोषण स्तर बेहतर होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य सचिव को इसके लिए कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को राशि वितरण और राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत हितग्राहियों को अनुदान राशि वितरण के लिए आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ये निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। इस राशि में से 15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया। गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि का भुगतान किया। इसी तरह उन्होंने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को 13.63 लाख रूपए की अनुदान राशि का भुगतान हितग्राहियों के खाते में किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान में पशुपालन कर रहे हितग्रहियों से चर्चा कर उनसे राज्य शासन द्वारा उपलब्ध कराई गई अनुदान राशि, दूध का गांवों में मिल रहे रेट की जानकारी भी ली।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि अलग-अलग गांवों में दूध का अलग-अलग रेट हितग्राहियों को मिल रहा है। आंगनबाड़ी और स्कूलों में दूध वितरण की व्यवस्था से दूध के रेट में एकरूपता आएगी। उन्होंने कहा कि गौठानों में डेयरी व्यवसाय कर रहे हितग्राहियों को छह माह बाद एक अतिरिक्त गाय अन्य योजना से दी जाएगी। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने भेंट-मुलाकात अभियान का उल्लेख करते हुए कहा कि गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन के साथ चल रही अन्य गतिविधियों से गांवों में बदलाव नजर आ रहा है। लोगों की आय बढ़ी है और उनमें एक नया आत्मविश्वास जगा है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता से प्रदेश में गौठानों की संख्या में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। सालभर में खरीदे गए गोबर की मात्रा और गोबर खरीदी की राशि में वृद्धि हुई है। योजना के तहत अब तक 75 लाख 38 हजार क्विंटल गोबर की खरीदी हुई है तथा गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक गोबर के एवज में 150.75 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 143.19 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है। इस योजना से एक लाख 33 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। गौठानों की आजीविका गतिविधियों के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों ने अब तक 72 करोड़ 19 लाख रूपए की आय प्राप्त की है।
कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि गौठानों एवं ग्रामीण औद्योगिक पार्क को विद्युत देयक में 50 प्रतिशत की रियायत देने और गौठानों में सम्बद्ध, स्व-सहायता समूहों और प्राथमिक सहकारी समितियों को कम्पोस्ट विक्रय पर प्रोत्साहन राशि और वार्षिक कम्पोस्ट विक्रय पर बोनस राशि देने के आज केबिनेट में लिए गए निर्णय से गौठानों में नई-नई औद्योगिक इकाईयां स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा कि गौठानों में अब तक 16 लाख 43 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया गया है, इसमें से 13 लाख 69 हजार क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का वितरण किसानों और विभिन्न विभागों को किया जा चुका है। गौठानों में 2.89 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट गौठानों में उपलब्ध है। गौठानों मे वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन रासायनिक खादों की कमी से निपटने में काफी हद तक मदद मिली है। लगभग 2 लाख 94 हजार किसानों ने वर्मी कम्पोस्ट लिया है। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश के 3089 गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने गोधन न्याय योजना की प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने गौठानों में गौ-मूत्र, क्रय एवं उत्पादन की कार्य योजना के संबंध में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंह देव, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी श्री गुरू रूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री अमरजीत सिंह भगत, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्यसचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अंकित आनंद, मुख्यमंत्री की उप सचिव सौम्य चौरसिया, गोधन न्याय मिशन के प्रबंध संचालक डॉ. अय्याज तंबोली, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, संचालक पशु चिकित्सा श्रीमती चंदन त्रिपाठी सहित अधिकारी गण उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज रायपुर स्थित अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर बेचने वाले पशुपालकों, ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 10 करोड़ 84 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की
15 जून से 30 जून तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए गोबर के एवज में 3.69 करोड़ रूपए का भुगतान किया गयाआज गौठान समितियों को 4.31 करोड़ और महिला समूहों को 2.84 करोड़ रूपए की लाभांश राशि भुगतान की गयी
गौठानों में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को अब तक गोबर के एवज में 150.75 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है
गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को अब तक 143.19 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है
गोधन न्याय योजना के तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है
गोधन न्याय योजना से 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं
गोबर बेचकर अतिरिक्त आय अर्जित करने वालों में 45.97 प्रतिशत संख्या महिलाओं की है
इस योजना से एक लाख 33 हजार से अधिक भूमिहीन परिवार लाभान्वित हो रहे है
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना के तहत 25 हितग्राहियों को जारी की 13.63 लाख रूपए अनुदान राशि
यह सभी हितग्राही गौठानों से जुड़े हुए हैं, जहां इन्होंने राज्य डेयरी उद्यमिता विकास योजना का लाभ उठाकर डेयरी स्थापित की है।
मुख्यमंत्री ने कांकेर जिले के पोटगांव गौठान, कोण्डागांव के बोलबोला गौठान, बलौदाबाजार के पुरैना खपरी गौठान, दुर्ग के मोहलई गौठान एवं रायगढ़ के बनसियां गौठान के हितग्रहियों को अनुदान राशि जारी की
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : अप्लास्टिक एनीमिया की गंभीर बीमारी से जूझ रही सीता देवी को मिला नया जीवन-राज्य सरकार से मिले 15 लाख रूपये से बोन मैरो का हुआ सफल ट्रांसप्लान्ट
मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत राज्य सरकार गंभीर बीमारियों के ईलाज के लिए 20 लाख रूपये तक दे रही सहायता
गंभीर बीमारियों से पीड़ित जरूरतमंद मरीजों के लिए राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार गंभीर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 20 लाख रूपए तक आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इससे हजारों जिंदगियों को नया जीवन मिल रहा है, इनमें कोरबा शहर तुलसीनगर वार्ड में रहने वाली श्रीमती सीता देवी भी हैं। अप्लास्टिक एनीमिया की गंभीर बीमारी से जूझ रही सीता देवी को योजना के तहत 15 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गयी। राज्य सरकार से मिली सहायता के फलस्वरूप सीता देवी का सफलतापूर्वक एलोजनिक बोन मैरो प्रत्यारोपण किया गया। प्रत्यारोपण के बाद सीता देवी अब पूरी तरह से ठीक एवं स्वस्थ है।
सीता देवी के पति श्री सुभाष कुमार ने शासन की इस जीवनदायनी योजना की प्रशंसा करते हुए बताया कि मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना से उनकी पत्नी की जान बच पायी है। आठ वर्ष से बीमारी से जूझ रही पत्नी के ईलाज में उनके बहुत पैसे खर्च हो गये थे, फिर भी उनकी तबीयत ठीक नही हो रही थी। चिकित्सकों ने आखरी उम्मीद के रूप में बोन मैरो ट्रांसप्लान्ट करने की सलाह दी। इलाज में लगभग 15-20 लाख रूपये खर्च का अनुमान बताया गया। सुभाष कुमार ने बताया कि गंभीर अवस्था में पहुंच चुकी पत्नी के ईलाज के लिए मुख्यमंत्री विशेष सहायता योजना से फिर से आशा बंधी। राज्य सरकार ने संवेदनशीलता दिखाते हुए उनके आवेदन पर हफ्ते भर में ही ईलाज के लिए 15 लाख रूपये की स्वीकृति दे दी गई। जिसके फलस्वरूप सफलतापूर्वक जल्द ही उनकी पत्नी का बोन मैरो का ट्रांसप्लान्ट हो पाया।
श्री सुभाष कुमार ने बताया कि उनकी पत्नि को वर्ष 2014 से कमजोरी और चक्कर आने की तकलीफ हुई। चिकित्सकों ने प्लेटलेट की कमी बताते हुये तुरन्त भर्ती करने की सलाह दी। बिलासपुर के निजी हॉस्पिटल में 15 दिन तक भर्तीकर ईलाज कराया लेकिन कोई सुधार नही हुआ। तब चिकित्सकों की सलाह पर वर्ष 2016 में तमिलनाडु राज्य के निजी अस्पताल में ईलाज के लिये गये थे। वहां डॉक्टरो ने विस्तृत जांच कर बताया कि सीता देवी को अप्लास्टिक एनिमिया की बीमारी है। डॉक्टरों ने बताया कि बोन मैरो ट्रांसप्लान्ट कराने पर यह बीमारी ठीक हो सकती है। इसके लिए लगभग 15-20 लाख रूपए खर्च होने का अनुमान बताया गया। सुभाष कुमार अपनी आर्थिक स्थिति के कारण बिना ईलाज वापस घर लौट आए। इधर सीता देवी की स्थिति लगातार खराब होती गई। वर्ष 2018 में नागपुर के निजी अस्पताल में भी उन्होंने ईलाज कराया जिसमें बची-खुची राशि भी खर्च हो गई और स्वास्थ्य में कोई सुधार नही आया। वर्ष 2020 में सीता देवी की स्थिति अत्यन्त गंभीर होने पर डी.के.एस. हॉस्पिटल रायपुर लाने पर उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना से इलाज के लिए मदद मिल सकती है। सीता देवी को रायपुर स्थित बालको मेडिकल सेन्टर में ईलाज के लिये भर्ती करवाया जिसमें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना अंतर्गत 15 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की गई। अक्टूबर 2021 में सीता देवी की एलोजनिक बोन मैरो प्रत्यारोपण सर्जरी की गई। अब सीता देवी पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने तथा जटिल और दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले व्यय भार कम करने के लिये मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना प्रारंभ की गई है, जिसके अंतर्गत अधिकतम बीस लाख रूपये तक के इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। छत्तीसगढ़ राज्य पहला राज्य है जो अपने नागरिकों के लिए इतनी बड़ी राशि उपलब्ध करवा रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के भीतर एवं राज्य के बाहर पंजीकृत चिकित्सालय में उपचार करवानें पर सहायता राशि प्रदान की जाती है। इस योजना के संबंध में किसी भी प्रकार की जानकारी के लिये टोल फ्री नंबर 104 पर कॉल किया जा सकता है अथवा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय के स्वास्थ्य बीमा योजना शाखा से भी संपर्क कर सकते हैं।
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गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को मिल रही है खुशियां, अब पैसों की नहीं सताती है चिंता, गोबर बेच कर रहे हैं सपनों को साकार
गोधन न्याय योजना में अब तक 283.10 करोड़ रूपए का हो चुका है भुगतान,गौठानों से जुड़ी महिला समूहों को हो चुकी 72.19 करोड़ की आय
कोरिया : बैकुण्ठपुर के भर्रा की रहने वाली मीनल का एक सपना था कि उनका खुद का एक घर हो, लेकिन ये सपना लंबे समय से सपना ही बना हुआ था। मीनल के पास पैसे नहीं थे कि वो अपने लिए घर बनाए। मीनल ने गांव में दूसरे की घरों की दीवारों को मजबूत करने के लिए अक्सर उनपर गोबर की पुताई करती थी, लेकिन आज इसी गोबर को बेचकर मीनल ने अपने लिए मजबूत घर बना लिया है। गोधन न्याय योजना की मदद से मीनल ने 140 क्विंटल गोबर बेचकर 28 हजार रूपए कमाए और गोबर से 500 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर बेचने से 5 लाख रूपए की आय अर्जित की। मीनल का ये कारवां अभी थमा नहीं है और वो इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाना चाहती है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा शुरू की गयी गोधन न्याय योजना की ये कहानी सिर्फ मीनल की ही नही है, छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना के शुरू होने के बाद से ऐसे कई जीवंत उदाहरण सामने आए हैं जिसमें गोबर बेचकर लोगों ने अपने सपनों को साकार किया है। किसी ने गोबर बेचकर मोबाइल खरीदा, किसी ने मोटरसायकिल, किसी ने गहने तो किसी ने अपने बेटी की शादी की है।
मुख्यमंत्री के द्वारा इस योजना के शुरू करने के पीछे का उद्देश्य पशुपालकों की आय में वृद्धि, पशुधन की खुली चराई में रोक लगाकर फसलों की सुरक्षा, द्विफसली क्षेत्र का विस्तार करना, जैविक खाद के उपयोग को बढ़ावा देना, स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करना, भूमि की उर्वरता में सुधार करना और सुपोषण को बढ़ावा देना है।छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना पूरे देश में लोकप्रिय योजना का रूप ले चुकी है जिसकी प्रशंसा भारत सरकार ने भी की है। इस योजना से ग्रामीण और शहरी इलाकों में गौ पालकों को आमदनी का अतिरिक्त जरिया मिला है।
गोधन न्याय योजना देश दुनिया की इकलौती ऐसी योजना है जिसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है। गौठानों में 15 जून तक खरीदे गए गोबर के एवज में गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को 147.06 करोड़ रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है। गौठान समितियों एवं महिला स्व सहायता समूहों को अब तक 136.04 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है।
गौठानों में महिला समूहों द्वारा गोधन न्याय योजना के अंतर्गत क्रय गोबर से बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट, सुपर कंपोस्ट एवं सुपर कंपोस्ट प्लस खाद का निर्माण किया जा रहा है।गौठानों में महिला स्वसहायता समूहों अन्य आयमूलक गतिविधियों का भी संचालन किया जा रहा है जिससे महिला समूहों को अब तक 72.19 करोड़ रूपए की आय हो चुकी है। राज्य में अब तक गौठानों से 13,969 महिला स्वसहायता समूह सीधे जुड़ चुके हैं जिनकी सदस्य संख्या 82,874 है ।
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गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में प्रारंभ होगा विश्वविद्यालय का कौशल विकास केन्द्र
क्षेत्रीय वन उत्पाद की होगी ब्रांडिंग, स्वरोजगार के मिलेंगे अवसर
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की उपस्थिति में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के सर्किट हाउस में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के आजीविका व्यापार प्रशिक्षण केन्द्र एवं छत्तीसगढ़ शासन के बीच एमओयू हुआ। इसके अनुसार गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक सामुदायिक केन्द्र या कौशल विकास केन्द्र की स्थापना की जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार द्वारा जिले के ग्राम लालपुर में 3 हेक्टेयर भूमि आबंटित कर दी गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे प्रदेश के लिए एक बहुत अच्छा अवसर है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह एमओयू न सिर्फ विश्वविद्यालय के हित में कार्य करेगा, बल्कि यहां के स्थानीय युवाओं और जनजातीय क्षेत्रों के उन्नयन के लिए कार्य करेगा। इसके लिए राज्य शासन हर संभव मदद करेगा। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी ने कहा कि यह एमओयू मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र दुर्लभ औषधीय प्रजाति से समृद्ध है। साथ ही यहां के निवासी पेड़-पौधे और दुर्लभ जीव जंतुओं एवं औषधियों के जानकार है। उनका विश्वविद्यालय के साथ मिलकर कार्य करने पर न ही सिर्फ इस क्षेत्र का विकास होगा, बल्कि पूरी मानव जाति का कल्याण होगा।
विश्वविद्यालय द्वारा स्थापित केन्द्र द्वारा डिप्लोमा तथा डिग्री प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे, जिसमें नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क के अनुकूल एवं गाइड लाईन के अनुसार विभिन्न रोजगार उन्मुख ई कौशल पाठयक्रम शामिल रहेंगे। साथ ही इस केन्द्र के सहयोग से स्वरोजगार स्थापित करने के इच्छुक अभ्यर्थियों को मार्केट लिंकेज तथा क्रेडिट लिंकेज की सेवा प्रदान की जाएगी।
इसका उद्देश्य जिले में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्व सहायता समूह की महिलाओं, ग्रामीणों एवं युवाओं को कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी, व्यवसायपरक शिक्षा प्रदान कर उन्हे आर्थिक रुप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न विधाओं में पारंगत कर जनजातीय उन्नयन की दिशा में कार्य करना है। लाइवलीहुड बिजनेस इन्क्यूबेशन (एलबीआई) के समेकित प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा क्षेत्रीय जनजातियों एवं किसानों को विभिन्न ट्रेड्स में प्रशिक्षित किया जायेगा।
केन्द्र के समेकित प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा जनजातीय समुदायों को व किसानों को विभिन्न टेªर्ड्स में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। केन्द्र द्वारा क्षेत्रीय उत्पाद कोदा,े कुटकी, शहद आदि से विभिन्न उत्पाद तैयार कर उनकी ब्रंाडिंग भी की जाएगी तथा किसानों को उचित मूल्य प्रदान किया जाएगा, जिससे क्षेत्र के किसान की आय में वृद्धि होगी और छत्तीसगढ़ के उत्पादों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। इस क्षेत्र के युवाओं को कौशल विकास में पारंगत होने से स्व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे, उच्च शिक्षा प्राप्त करने के भी अवसर मिलेंगे। साथ ही उन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए बड़े शहर जाने से मुक्ति मिलेगी। इस एमओयू से इस केन्द्र में अध्ययन करने वाले विद्यार्थियों को शोध करने का अवसर मिलेगा। क्षेत्रीय जनजातीय समुदाय को मुख्य धारा में जोड़ने, शैक्षणिक व आर्थिक रूप से समृद्ध व आत्मनिर्भर करने में सहायक सिद्ध होगा।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, जिले के प्रभारी सचिव श्री अब्दुलहक केशर, बिलासपुर राजस्व संभाग के कमिश्नर डॉ. संजय अलंग, कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी, जिला पंचायत डीआरडी के परियोजना निदेशक श्री आर. के. खुटे, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के जिला मिशन प्रबंधक श्री दुर्गाशंकर सोनी, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलसचिव श्री पी. सिलुवैनाथन, प्रोफेसर नवीन कुमार शर्मा, डॉ. आशीष माथुर, डॉ. प्रमाणिक, डॉ. दीक्षित एवं डॉ. आदित्य श्रीवास्तव उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध जिला: पर्यटन की संभावना अधिक
मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में दिए निर्देश
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि सुराजी गांव योजना में नरवा संवर्धन को पहली प्राथमिकता में रखा गया है। नरवा संवर्धन से वाटर रिचार्ज होगा और भू-जल स्रोत पुनर्जीवित होंगे। स्थानीय लोगों की निस्तारी की समस्या का समाधान होगा, साथ ही सिंचित रकबे में भी वृद्धि होगी। इसके अलावा सिंचाई रकबा बढ़ाने और निस्तारी पानी की व्यवस्था के लिए सोलर सिस्टम को बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री ने यह बात आज गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के ग्राम गौरेला में आयोजित जिला अधिकारियों की समीक्षा बैठक में कही।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा गया कि बड़े पैमाने पर मनरेगा के तहत कुएं का निर्माण करें। इससे निस्तारी एवं सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहेगा और गांव में ही रोजगार उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि सभी पंचायतों में गौठान बनाया जा रहा है। इन गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीज पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। जहां लाख, वन औषधि सहित अन्य स्थानीय उत्पादों का प्रसंस्करण होगा। इसके लिए गौठान में बड़े पैमाने पर तेल मिल और हालर मिल उपलब्ध कराया जाए। इससे किसानों की आय बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को रोजगार भी उपलब्ध होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से यह भी कहा कि आम जनता की आय बढ़ाने के लिए कार्ययोजना बनाकर राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजें। मुख्यमंत्री ने गौठान में चारा उत्पादन को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक संख्या में स्व-सहायता समूह को स्वरोजगार से जोड़ने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से संबंधित विद्यार्थियों का अधिक से अधिक संख्या में जाति प्रमाण पत्र स्कूल से ही जारी किया जाए। इसके लिए शिक्षा विभाग और राजस्व विभाग आपसी समन्वय से कार्य करें। विशेष रूप से 9वीं और 10वीं कक्षा के बच्चों का जाति प्रमाण पत्र अवश्य बनाएं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ समय पर निराकरण करें। अविवादित नामांतरण, बंटवारा के निस्तारण में निश्चित प्रक्रिया का पालन करते हुए भुइयां पोर्टल में दर्ज अवश्य करें, साथ ही 170 ’ख’ के राजस्व प्रकरणों का त्वरित निराकरण भी करें। इससे राजस्व रिकॉर्ड अपडेट रहेगा और भूमि संबंधी विवादों में कमी आएगी।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि नए जिले में काम का अवसर अधिक है, सभी अधिकारी मिलकर कार्य करें। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध जिला है। यहां अन्य जिलों की तुलना में पर्यटन की संभावना अधिक है, उन्होंने राजमेरगढ़ को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश कलेक्टर को दिए। मुख्यमंत्री ने वनाधिकार पट्टा, बिजली कटौती सहित अन्य स्थानीय समस्याओं के निराकरण के लिए भी अधिकारियों को निर्देशित किया। बैठक में विधायक डॉ. के.के. ध्रुव, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव ऊर्जा श्री अंकित आनंद सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
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गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि भेंट- मुलाकात में बिलासपुर संभाग की सबसे पहले शुरुआत आपके जिले से की। हमने पहला जिला जीपीएम ही बनाया।
यहाँ के पत्रकार पर्यटन के महत्व को लेकर हमेशा लिखते रहे हैं। इसे हमने मूर्त रूप दिया है। पर्यटन केंद्रों का विकास किया गया है और तेजी से टूरिज़्म का विकास इस क्षेत्र में हुआ है।
हमारा फोकस इस इलाके में दो बातों को लेकर है। वनोपज संग्राहकों को प्रमोट करना और नरवा संरचनाओं का विकास। इस क्षेत्र में किया गया विकास दिखता है।
रवींद्रनाथ टैगोर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वे अपनी पत्नी के स्वास्थ्य लाभ के लिए यहां आए थे, इसे स्वास्थ्य के क्षेत्र में इतना ही मजबूत बनाना हमारा लक्ष्य है।
शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरंतर कार्य कर रहे हैं। जिला चिकित्सालय सिर्फ रिफरल सेंटर न बने। यहां सभी सुविधाएं रहें, यह प्रयास रहेगा।
चिटफण्ड कंपनी के मामले में हम प्रभावी काम कर रहे हैं। देश भर में छत्तीसगढ़ पहला ऐसा राज्य है जहां इस दिशा में ठोस कार्य हो रहा है।
लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई इन कंपनियों में लगाई थी। हम इन पर प्रभावी कार्रवाई कर रहे हैं।
एक प्रश्न के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि देश आजाद हुआ और संविधान ने सबको दायित्व दिए हैं, ये आदर्श स्थिति है इसे बनाकर रखना चाहिए।
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बैगा आदिवासियों ने कौड़ी की माला पहनाकर मुख्यमंत्री का किया स्वागत
हितग्राहियों को शासकीय योजनाओं के तहत चेक एवं सामग्री वितरित
क्षेत्र के विकास के लिए अनेक निर्माण कार्यों की दी स्वीकृति
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के ग्राम केंवची में आयोजित भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में शामिल हुये। उन्होंने स्थानीय ग्रामीणों और किसानों से राज्य सरकार द्वारा संचालित कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लिया। उन्होंने स्थानीय विधायक डॉ. के.के.धु्रव की मांग पर ग्रामीण विकास एवं जन सुविधाओं के लिए अनेक घोषणाएं की। श्री बघेल के केंवची पहुंचने पर बैगा आदिवासियों द्वारा अपनी परम्परा के अनुरूप माहुल पत्ते से बनी खुमरी पहनाई और उनके गले में कौड़ी की माला पहनाई एवं तीर-धनुष भेंटकर स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्रामीणों से रू-ब-रू होकर राज्य सरकार की योजनाओं जैसे गोधन न्याय, वनोपज खरीदी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, वन अधिकार पट्टा आदि योजनाओं का लाभ मिल रहा है अथवा नहीं इसकी जानकारी ली। उपस्थित सभी लोगों ने हाथ उठाकर अपनी सहमति दी और बताया कि इसका लाभ उठाकर काफी आमदनी अर्जित कर रहे हैं।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस मौके पर राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हितग्राहियों को चेक एवं सामग्री वितरित किये। उन्होंने 17 बैगा आदिवासियों को वन अधिकार पत्र भी सौंपे। खेती-किसानी के मौसम को देखते हुए श्री बघेल ने आदिवासी किसानों को बीज भी वितरित किये।
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ग्रामीण गौठान जैसी योजनाओं से जुड़े और अपना जीवन बदले श्री बघेल
गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में मरवाही विधानसभा के ग्राम कोटमी में चौपाल लगाकर आम जनता से मुलाकात की और कहा कि मैंने बिलासपुर संभाग के दौरे की शुरूआत गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से कर रहा हूं। जब से मैं गौरेला-पेण्ड्रा मरवाही क्षेत्र में आया हूं निरंतर बारिश हो रही है। यह खेती-किसानी के लिए अच्छा है। उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की। मुख्यमंत्री ने विभिन्न शासकीय योजनाओं के साथ विशेष रूप से वनाधिकार पट्टे की जानकारी ली। उन्होंने उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोटमी में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय, ग्राम सिकोला में सामुदायिक भवन और मिनी स्टेडियम के निर्माण की तथा शारीरिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण महाविद्यालय पेण्ड्रा का जीर्णोद्धार, घाटबहरा से बम्हनी पहुंच मार्ग में पक्की सड़का का निर्माण और ग्राम पूटा में पंडो बाहुल्य पारा संचार पूटा में सौर ऊर्जा से बिजली और पानी की सुविधा मुहैया कराने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री को सरपंच श्रीमती हीरामती ने बताया कि शासन की नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना से किसानों को काफी लाभ मिला है। इस योजना से प्रेरित होकर उनके गांव के किसान घर के पीछे खाली जमीन पर सब्जी-बाड़ी लगा रहे हैं, जिससे घर के लोगों को न केवल पौष्टिक एवं ताजी सब्जियां मिल रही हैं बल्कि इनकी बिक्री से कमाई भी हो रही है। धनेश्वर सिंह यादव ने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत 96 हजार रुपये का गोबर बेचा। जिसमें से 32 हजार रुपये का बोरवेल कराया और 40 हजार रुपये से फोटोकॉपी मशीन लेकर बेटे के लिए रोजगार शुरू कराया। मुख्यमंत्री ने श्री यादव की सराहना करते हुए कहा कि सभी लोग शासकीय योजनाओं का इसी तरह लाभ लें और अपना जीवन बदलते हुए लाभ कमाएं।
नवागाँव स्थित गौठान से जुड़ी महिला सदस्य ने बताया कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने से लेकर गौठान में ही सब्जी उत्पादन का कार्य कर रही हैं। गौठान से आर्थिक संबलता मिली है। आर्थिक लाभ मिलने के बाद स्व-सहायता समूह अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के साथ ही अपने लिए सोने के आभूषण भी ख़रीद रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान का लाभ सभी गाँव के लोगों को मिलना चाहिए। गौठान में कई आजीविकामूलक गतिविधियों का संचालन किया जाए, जिससे वे आर्थिक लाभ अर्जन कर सकती हैं।उन्होंने कहा कि सभी गांव में गौठान खोलने हैं। सामुदायिक सब्जी बाड़ी का विकास सभी ग्रामों में कराया जाएगा। श्री बघेल ने सभी गांव में गौठान और गोबर खरीदी करने के लिए दिए निर्देश दिए। मुख्यमंत्री को राजीव गांधी किसान न्याय योजना से मिले लाभ के बारे में बताते हुए श्री तुलेश्वर प्रसाद ने बताया कि 32 क्विंटल धान बेचा और राजीव गांधी की किसान न्याय योजना के तहत राशि मिल गई है। श्री तुलेश्वर प्रसाद रजक ने बताया कि वे पशुपालन भी कर रहे हैं। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बोनस की राशि से 2 गाय ख़रीदे हैं, साथ ही अब तक 40 हजार रुपये का गोबर बेच चुके हैं। मुख्यमंत्री ने जनता से स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना के बारे में जानकारी ली। पेण्ड्रा की स्वामी आत्मानंद स्कूल की छात्रा सुश्री बिशाखा ने बताया कि सभी शिक्षक अच्छे है और स्कूल में काफी अच्छी पढ़ाई होती है।
मुख्यमंत्री ने दुर्गेश कुमार की पुत्री के इलाज के दिए निर्देश -
कोटमी में भेंट-मुलाक़ात के दौरान ग्राम टीकरखुर्द (बस्ती बगरा) निवासी श्री दुर्गेश कुमार यादव ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से बेटी के इलाज के लिए मदद की। श्री दुर्गेश ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी 4 वर्षीय बेटी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। बेटी के नाक के ऊपर ट्यूमर हो गया है। इसके उपचार की पर्याप्त व्यवस्था छत्तीसगढ़ में नहीं है और चिकित्सकों ने बंगलुरू रिफर किया है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से उनके लिए बेटी का इलाज करा पाना संभव नहीं हो पा रहा है। मुख्यमंत्री ने संवेशीलता दिखाते हुए श्री यादव के पुत्री के इलाज की समुचित व्यवस्था करने की बात कही। उन्होंने कहा कि उनकी पुत्री के इलाज का व्यय राज्य सरकार उठाएगी।
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अब तक 5 हजार से अधिक प्रशिक्षु वाहन चालन तथा सड़क सुरक्षा संबंधी प्राप्त कर चुके प्रशिक्षण
राज्य में हो रहे सड़क दुर्घटनाओं में आएगी कमी और सड़क सुरक्षा को लेकर बढ़ेगी जागरूकता
रायपुर : छत्तीसगढ़ में सुगम तथा सुरक्षित यातायात के लिए नवा रायपुर में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान छत्तीसगढ़ शासन की एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो रही है। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा विगत दिवस 9 दिसम्बर 2021 को परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में इसका शुभारंभ हुआ था। संस्थान में अब तक विगत 6 माह में 5 हजार से अधिक प्रशिक्षु, वाहन चालन तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े हुए नियमों का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं।
संस्थान में इस वर्ष जनवरी माह से आधिकारिक रूप से प्रशिक्षण आरम्भ होने के उपरांत अंतर्विभागीय लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) ने प्रशिक्षण का रिपोर्ट कार्ड जारी करते हुए जानकारी साझा की है कि यहां सड़क सुरक्षा में जागरूकता लाने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा जारी किये गए आकड़ों के अनुसार 72 प्रतिशत दुर्घटनाओं में वाहन चालकों को दोषी पाया गया है। इसे संज्ञान में लेते हुए संस्था ने 4 हजार से अधिक भारी वाहन चालकों को रिफ्रेशर ट्रेनिंग प्रदान किया गया है। स्कूली बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथामिकता के आलोक में स्कूल बस चालकों के लिए भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जा रहा है, इसके तहत प्रदेश भर के 800 से अधिक स्कूल बस चालक इस प्रशिक्षण कार्यक्रम से अब तक लाभान्वित हो चुके है। इसके अलावा 350 से अधिक शासकीय वाहन चालकों को विशेष प्रशिक्षण देते हुए मॉडल चालक बनने हेतु प्रेरित किया गया है, प्रशिक्षण निरंतर जारी है।
परिवहन विभाग, छत्तीसगढ़ शासन एवं मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड के संयुक्त तत्वाधान में संचालित इंस्टिट्यूट ऑफ़ ड्राइविंग एंड ट्रैफिक रिसर्च संस्थान में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल करते हुए 20 एकड के क्षेत्रफल में विशेष ड्राइविंग ट्रैक से ड्राइविंग प्रशिक्षण देने की योजना कार्यान्वित हुई। संस्थान में एक साथ 300 प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण लेने के लिए 5 स्मार्ट क्लासरूम तथा विशालकाय ऑडिटोरियम का उपयोग किया जा रहा है। उच्च स्तर के प्रशिक्षक सड़क सुरक्षा से जुड़ी बारीकियों से छत्तीसगढ़ राज्य के चालकों को प्रशिक्षित कर रहे है। संस्थान में 80 प्रशिक्षुओं के लिए आवासीय प्रशिक्षण एवं कैंटीन सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। वाहन चालन कौशल को बढ़ावा देने हेतु शासन ने महिला वाहन चालकों के लिए अतिरिक्त छूट की भी घोषणा की है। नये चालकों में 50 प्रतिशत से अधिक महिलाओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया है और उनमें विशेष उत्साह देखा गया।
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा चलाये जा रहे इन कार्यक्रमों के जरिए राज्य के चालकों में वाहन चालन कौशल का विकास होगा एवं उनके लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता आएगी और राज्य में हो रही सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सकेगी। बढ़ती हुई ईंधन की कीमतों को ध्यान में रखते हुए संस्थान में ईंधन बचत के लिए वाहन चालकों में जागरूकता लाने हेतु भी विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसके अलावा संस्थान में ज्वलनशील प्रदार्थ एवं खतरनाक रसायन के परिवहन में वाहन चालकों के लिए कार्यक्रम तैयार किये गए हैं। लीड एजेंसी (सड़क सुरक्षा) अध्यक्ष श्री संजय शर्मा एवं संस्थान के संयुक्त संचालक श्री अमित गुप्ता के सतत् पर्यवेक्षण में संस्था में संचालित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में विशेष रूप से दुर्घटना से जुड़े कारण एवं निवारण, रक्षात्मक वाहन चालन, सड़क संकेत एवं सिग्नल, प्राथमिक उपचार, सड़क संबंधी नियम एवं उल्लंघन करने से होने वाली दंडात्मक कार्यवाही, फाइन और पेनल्टी से जुड़े हुए नियम, कठिन परिस्तिथियों में वाहन चालन का कौशल इत्यादि विषयों पर विस्तार से प्रशिक्षुओं को ऑडियो-वीडियो माध्यम से तरीके से अवगत कराया जा रहा है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल कोटमी में भेंट-मुलाक़ात कर रहे हैं। यहां पहुंचने पर लोक कला जत्था ने स्वागत में गेड़ी नृत्य प्रस्तुत किया।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ी में संवाद की इच्छा जाहिर की, लोगों ने एक स्वर में सहमति दी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि मैं गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में जब से आया तब से लगातार बारिश हो रही है।
पूरे प्रदेश में गौरेला-मरवाही क्षेत्र में ही सर्वाधिक बारिश हो रही है, जो खेती किसानी के लिए ज़रूरी है।
आज बिलासपुर संभाग में पहले विधानसभा के दौरे पर आया हूँ। मैं यह जानने आया हूँ कि मंत्रालय में बैठकर बनाई गई लोकहितकारी योजनाओं का लाभ जनता को मिल रहा है या नहीं।
मुख्यमंत्री ने कविता सिंह पोर्ते से पूछा कि कितना राशन मिलता है, कविता ने जवाब दिया। कविता ने पूछा कि खाद्य तेल इतना महंगा क्यों, मिट्टी तेल इतना महंगा क्यों ! इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपको चावल, नमक, चना फ्री मिल रहा है जबकि दूसरे राज्य में बहुत महंगा है। मप्र में फोन लगाकर पूछना कितना महंगा है। आपका ध्यान रखते हैं। मिट्टी तेल छत्तीसगढ़ सरकार नही देती। ये सब केंद्र सरकार से मिलता है। हम आपकी जेब मे पैसे डालते हैं।
मुख्यमंत्री ने यहां वनाधिकार पट्टों की ली जानकारी।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल शासकीय योजनाओं पर आम जनता से बातचीत कर रहे हैं। चावल, नमक निःशुल्क मिल रहा है। छत्तीसगढ़ में एक परिवार को 35 किलो चावल दे रहे हैं, जो दूसरे राज्यों से अधिक है।
जाति प्रमाण पत्र के बारे में मुख्यमंत्री ने पूछा- बारहवीं की छात्रा रिंकी ने बताया कि नहीं बना है, जिस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभा कराओ। रिंकी ने कहा कि गुमदा पंचायत है।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि तुरंत ग्राम सभा कराए, बच्चों का भविष्य सर्वोपरि है। सरपंच ग्राम सभा कराएं जहां भी जरूरत है।ये प्राथमिकता में करें।
रिंकी ने आगे मुख्यमंत्री को कहा कि वच्चे दूर से आते हैं, हॉस्टल की सुविधा हो तो अच्छा हो। बस वाले बदतमीजी करते हैं, पैसे के लिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेटी की यह तकलीफ छोटी सी है लेकिन उसके लिए बड़ी है। मुख्यमंत्री ने पुलिस को निर्देश दिए की बेटी का पैसा वापस कराये। उन्होंने कहा रिंकी की तारिफ की और कहा कि तुम नेता बनोगी।
धनेश्वर सिंह यादव ने बताया कि गोधन न्याय योजना के तहत 96 हज़ार रुपये का गोबर बेचा। जिसमें से 32 हज़ार रुपये का बोरवेल कराया और 40 हज़ार रुपये से फ़ोटोकॉपी मशीन लेकर बेटे के लिए रोज़गार शुरू कराया।
तुलेश्वर प्रसाद रजक ने बताया कि 32 क्विंटल धान बेचा और राजीव गांधी की किसान न्याय योजना के तहत राशि मिल गई है। रजक ने बताया कि वे पशुपालन भी कर रहे हैं।
दममद निवासी श्री तुलेश्वर रजक ने बताया कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत बोनस से मिले पैसे से 2 गाय ख़रीदे। अब तक 40 हज़ार रुपये का गोबर बेच चुके हैं।
स्व-सहायता समूह की सदस्य अनिता, पनकोटा गौठन ने बताया कि सब्जी बाड़ी में सब्जी उत्पादन कार्य किया जा रहा है। वर्मी कंपोस्ट के लिए भी अलग समूह कार्य कर रहे हैं।
नवागाँव स्थित गौठान से जुड़ी महिला सदस्य ने बताया कि गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने से लेकर गौठान में ही सब्जी उत्पादन का कार्य कर रही हैं। गौठान से आर्थिक संबलता मिली है। आर्थिक लाभ मिलने के बाद स्व-सहायता समूह अपने परिवार की ज़रूरतों को पूरा करने के साथ ही अपने लिए सोने के आभूषण भी ख़रीद रही हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने वनाधिकार पट्टे की विशेष रूप से जानकारी ली। उन्होंने धान बोनस, राशन कार्ड, वन अधिकार पट्टा, गोबर विक्रय, बोनस वितरण की भी जानकारी आम लोगों से ली।
उन्होंने पूछा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ किन को किन को मिला, किनका- किनका ऋण माफ हुआ जिस पर सभी ने जवाब दिया।
मुख्यमंत्री ने केंद्र की अग्निवीर स्कीम पर लोगों की प्रतिक्रिया जानी और पूछा कि 4 साल के लिए अग्निवीर में भेजोगे क्या, एक आदिवासी बुजुर्ग ने कहा, नहीं साहब नहीं भेजेंगे।
श्री भूपेश बघेल ने कहा कि गौठान का लाभ सभी गाँव के लोगों को मिलना चाहिए। गौठान में कई आजीविकामूलक गतिविधियों का संचालन किया जाए, जिससे वे आर्थिक लाभ अर्जन कर सकती हैं।
उन्होंने कहा कि सभी गांव में गौठान खोलने हैं, सब्जी उत्पादन, बाड़ी उत्पादन सभी ग्रामों में कराया जाएगा। सभी गांव में गौठान और गोबर खरीदी करने के लिए दिए निर्देश।
कोटमी के भेंट-मुलाक़ात कार्यक्रम में पहुँचे एक किसान ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को किसानों के पहले मुख्यमंत्री कहकर संबोधित किया।
मोंगरा समूह की महिलाओं ने बताया कि हमने बाड़ी लगाई है और खूब लाभ कमाया है।
नवागांव की एकता समूह की सदस्य ने बताया कि हमने लाभ बांट लिया है, दो दीदी ने कान का आभूषण लिया है। जिस पर मुख्यमंत्री ने पूछा - तैं का ले हस, तो महिला ने उत्तर में खुशी से अपने कान की बाली दिखाई और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया।
पूजा महिला समूह की सदस्य ने बताया कि समूह ने एक लाख रुपये का लाभ कमाया है। स्टेशनरी का काम भी शुरू किया है।
हम सबको पैरों पर खड़े करने बहुत बधाई मुख्यमंत्री जी।
शासकीय विद्यालय सकोला में अध्ययनरत छात्रा शिखा बेंद्रो ने 11वीं-12वीं के लिए भी किताब की व्यवस्था की माँग की साथ ही सिकोला में महाविद्यालय खोलने की माँग की।
अड़भार से आई मेनका सोनी ने बताया कि मेरी बेटी आत्मानंद स्कूल में है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर योजना से मदद मिली है। कोरोना में पति गुजर गए। तीन बेटी है, उन्होने मदद की गुहार लगाई, अनिता को मुख्यमंत्री ने कहा कि गौठान समिति से जुड़ें और पंचायत को निर्देशित करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं को मजबूत बनाना है। हमें उन्हें सशक्त करना है।
ग्राम टीकरखुर्द (बस्ती बगरा) निवासी दुर्गेश कुमार यादव ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से बेटी के इलाज के लिए मदद की गुहार लगाई।
दुर्गेश ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनकी 4 वर्षीय बेटी गंभीर बीमारी से पीड़ित है। बेटी के नाक के ऊपर ट्यूमर हो गया है। इसके उपचार की पर्याप्त व्यवस्था छत्तीसगढ़ में नहीं है और चिकित्सकों ने बंगलुरू रिफर किया है लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर होने की वजह से उनके लिए बेटी का इलाज करा पाना संभव नहीं हो पा रहा है।
इस पर मुख्यमंत्री श्री दुर्गेश यादव की बेटी के इलाज की समुचित व्यवस्था करने की बात की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि बेटी का इलाज राज्य सरकार कराएगी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मरवाही के रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षाएँ
शासकीय महाविद्यालय तक डामरीकृत सड़क, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय
दलदली नाला पर एनीकट-कम-काजवे, अण्डी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए नया सेटअप
ग्राम सिवनी, खोडरी, कोडगार में नवीन पुलिस थाना की दी सौगात
नवीन तहसील भवन का हुआ लोकार्पण
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बिलासपुर संभाग में भेंट-मुलाक़ात की शुरुआत विधानसभा क्षेत्र मरवाही से की। मुख्यमंत्री ने मरवाही में माता नागेश्वरी के प्राचीन मंदिर में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। उन्होंने मरवाही के महाविद्यालय परिसर में स्थापित आदिवासी नेता स्वर्गीय डॉ. भँवर सिंह पोर्ते की आदमकद प्रतिमा का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री ने नागरिकों की मांग पर उच्च शिक्षा की सुविधा के लिए मरवाही के रानी दुर्गावती शासकीय महाविद्यालय में स्नातकोत्तर की कक्षाएँ, पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, शासकीय महाविद्यालय तक डामरीकृत सड़क, दलदली नाला पर एनीकट-कम-काजवे, स्वास्थ्य सुविधा के लिए ग्राम अण्डी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए नया सेटअप और ग्राम सिवनी, खोडरी, कोडगार में नवीन पुलिस थाना की सौगात दी। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मरवाही में 71.12 लाख रूपए की लागत से निर्मित नवीन तहसील भवन का लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर दीप प्रज्वलित कर और माल्यार्पण कर भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरूआत की। मुख्यमंत्री ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि गौरेला-पेंड्रा-मरवाही ज़िला को बने अभी दो साल ही हुए हैं। ज़िले में लगातार जनसुविधाओं के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। नए कार्यालय शुरू किए जा रहे हैं। भेंट-मुलाक़ात के दौरान ग्राम पंचायत नरौर के सरपंच नरेंद्र सिंह मरावी ने शासकीय योजनाओं की खुलकर प्रशंसा की और कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं विशेषकर गोधन न्याय योजना से ग्रामीणों में ख़ुशी आयी है। उन्होंने गाँव की शासकीय ज़मीन में चारागाह पर स्थानीय व्यक्ति द्वारा क़ब्ज़ा करने की शिकायत की। साथ ही गांव में सामुदायिक भवन की माँग की, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कलेक्टर के माँग को नोट करने एवं परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए। ग्राम करगीकला की श्रीमती रुखमणी दास मानिकपुरी ने मुख्यमंत्री से आवास की माँग की। उन्होंने बताया कि उनके पास आवास नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने कलेक्टर को शासकीय योजना का लाभ दिलाते हुए आवास की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। श्रीमती रुखमणी दास मानिकपुरी को मुख्यमंत्री ने मकान जल जाने पर क्षतिपूर्ति की राशि 10 हज़ार रुपये का चेक प्रदान किया। करगीकला के श्री विशाल उरेती ने हाट बाजार क्लिनिक योजना की प्रशंसा करते हुए बताया कि उनके गाँव समेत रानीकुल्ली, गुल्लीडांढ में नियमित रूप से हाट बाज़ार क्लिनिक लगाया जाता है। उन्होंने स्वयं भी शारीरिक समस्या होने पर हाट बाज़ार क्लिनिक में जाकर निःशुल्क अपना उपचार कराया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने स्वामी आत्मानंद स्कूल की छात्रा काँची घृतेश से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने छात्रा से कहा कि वे छत्तीसगढ़ी में सवाल करेंगे जिसका छात्रा को अंग्रेज़ी में जवाब देना होगा। जिस पर छात्रा ने भी फ़र्राटेदार अंग्रेज़ी में जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने स्कूल में पढ़ाई और सुविधाओं के संबंध में चर्चा की और कुमारी कांची को नियमित पढ़ाई के लिए प्रेरित किया।
भेंट-मुलाकात के दौरान क्षेत्रीय विधायक डॉ. के.के. ध्रुव, बिलासपुर विधायक डॉ. शैलेष पांडेय, छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य श्रीमती अर्चना पोर्ते, छत्तीसगढ़ युवा आयोग के सदस्य श्री उत्तम वासुदेव, बिलासपुर ज़िला पंचायत उपाध्यक्ष श्री अरुण सिंह चौहान भी उपस्थित थे।