जशपुरनगर : टेली चिकित्सा के माध्यम से क्वारेंटाइन सेंटर्स के मजदूरों व समान्य लोगों को मिल रही परामर्श
टेलीचिकित्सा के माध्यम से मनोविकार का ईलाज एक सार्थक पहल
क्वारेंटाईन सेंटरों में मनोविकार से ग्रस्त लोगों का रखा जा रहा है विशेष ध्यान
जषपुरनगर 30 मई : नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए प्रदेश में प्रभावशील लॉक डाउन की स्थिति में लोगों की भागती-दौड़ती जिंदगी अचानक थम सी गई है एकाएक स्कूल, कार्यालय, व्यवसाय बंद हो जाने एवं सोषल मीडिया के माध्यम कोरोना वायरस की खबरें देखने-सुनने से लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जषपुर डाॅ. श्री पी. सुथार ने बताया कि इस विषम परिस्थिति में लोग ज्यादातर तीन कारणों से परेषान हो रहे है। पहला कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर, दूसरा कारोबार को लेकर अनिश्चितता और तीसरा लॉकडाउन के कारण आया अकेलापन। आम नागरिक जो कोविड-19 के कारण लंबे समय से घरों में रह कर लॉक डाउन का सामना कर रहे है उनमें मनोरोग से ग्रस्त होने की संभावना है। ऐसे कई मनोरोगी सामने भी आये है जिन्हें मानसिक ईलाज की जरूरत है।

चिकित्सा केंद्रों एवं क्वारंेटाईन सेंटर में कार्यरत मानव संसाधनों में भी उपरोक्त समस्या स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ रही है, साथ ही क्वारेंटाईन सेंटरों के आस पास के क्षेत्रों में रहने वाले लोग भी तनाव, डर, आषंका एवं बेचैनी जैसी मानसिक परेषानी का सामना कर रहे है। इन स्थितियों का असर हमारे षरीर में पड़ना स्वभाविक है। जिससे हमारे षरीर में स्ट्रेस बढ़ने लगता है। ऐसे में लोग शराब एवं धूम्रपान का सेवन अधिक करने लगते हैं।

ज्ञात है कि अन्य राज्यो से जिले में वापस लौटे प्रवासी श्रमिको को क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया जा रहा है। इन क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे कई लोग अपने घर परिवार से बहुत दिनों से दूर रहने के कारण अनेक प्रकार की मानसिक तनाव व अन्य समस्याओं से गुजर रहे है। ये लोग मौजूदा स्थिति में डरा हुआ या अकेला महसूस कर रहे हैं। ऐसे लोगों को विशेष परामर्श की आवष्यकता है।
डॉ. सुथार द्वारा उपरोक्त विषय की गंभीरता को देखते हुए जिले के क्वारेंटाईन सेंटरों में रहने वाले लोगों के साथ ही जिले के आम लोगों के लिए मनोरोग के परीक्षण के साथ ही मनोवैज्ञानिक सलाह एवं उपचार की व्यस्वस्था किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के समय में मानसिक रोगियों का इलाज करना चुनौतिपूर्ण है। इसे देखते हुए जिला अस्पताल के मनोरोग विभाग द्वारा मनोरोगियों का टेली मनोचिकित्सा के माध्यम से इलाज किया जा रहा है। कोेई भी व्यक्ति कोरोना महामारी एवं मानसिक परेषानियों से संबंधित समस्याओं का फोन केे माध्यम से भी परामर्ष प्राप्त कर सकते है।
मनोवैज्ञानिक डाॅक्टर श्री खान से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी के समय टेली मनोचिकित्सा के माध्यम से मरीजों के ईलाज एक अनुकूल और सार्थक पहल है। इसके द्वारा मनोचिकित्सक रोगियों का मूल्यांकन कर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी परामर्श प्रदान किया जा रहा है एवं उन्हें कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए जागरूक किया जा रहा है। मनोरोग विभाग के वरिष्ठ डाॅक्टर खुसरो एवं डाॅक्टर खान द्वारा क्वारेंटाईन सेंटरों में जाकर लोगोें का कांउसलिंग कर टेली मनोचिकित्सा के द्वारा उनका ईलाज के साथ ही उन्हें आवष्यक परामर्ष भी दिया जा रहा है। साथ ही वे कुछ चिन्हांकित जगहों में जाकर भी काउंसिलिंग के माध्यम से ऐसे लोगों का ईलाज कर रहे है। उन्होंने बताया कि काउंसिलिंग के दौरान क्वारेंटाईन सेंटर में रह रहे उच्च रक्तचाप, मधुमेह, तथा गर्भवती महिलाएं जो मानसिक परेषानियों का सामना कर रही है उनके लिए जिला प्रषासन द्वारा विषेष व्यवस्था किया जा रहा है ताकि वे असहज महसूस न कर कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए मानसिक रूप से मजबूत बन सके।
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