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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
11 करोड़ रुपये की लागत से बने मंडी के उद्घाटन अवसर पर अपने संबोधन में कहा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल नेकिसानों के साथ किया लंच, उद्यानिकी फसलों की बेहतरी के लिए किए जाने वाले उपायों पर की बातचीत
दुर्ग :मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज धमधा में 55 करोड़ रुपये की लागत से धमधा ब्लॉक में विभिन्न कार्यों का लोकार्पण एवं भूमिपूजन एवं सामग्री वितरण किया। इस मौके पर उन्होंने 11 करोड़ रुपये की लागत से बने सब्जी एवं फल मंडी का लोकार्पण किया। साथ ही 1 करोड़ 75 लाख रुपये की लागत से बने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी भवन का लोकार्पण भी किया। साथ ही जलसंसाधन विभाग की 18 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण तथा पीएचई विभाग की 15 करोड़ रुपये की योजनाओं का भूमिपूजन भी किया।
उन्होंने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि धमधा की पहचान छह आगर, छह कोरी तालाब की है। इसकी ऐतिहासिक पहचान हमेशा से रही है। अब इसकी पहचान टमाटर के उत्पादन और उद्यानिकी फसलों से भी बनी है। धमधा के किसानों ने देश और देश के बाहर बांग्लादेश और पाकिस्तान में भी सप्लाई की है। किसानों की यह उपलब्धि शानदार रही है। इसके पीछे कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे की मेहनत भी है। उन्होंने मंडी की जो योजना बनाई, उसे हमने स्वीकृत किया। उन्होंने बहुत शीघ्रता से और अच्छे से इसे मूर्त रूप दिया है। इस मंडी के बन जाने से किसानों को फसल को उचित मूल्य मिल सकेगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने धमधा के स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तर तक अपडेट करने की घोषणा की। साथ ही उन्होंने पीएससी, सेना भर्ती एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में की कोचिंग भी धमधा में आरंभ करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने एक करोड़ की लागत से स्टेडियम की घोषणा भी की। धमधा महाविद्यालय में ऑडिटोरियम के लिए मुख्यमंत्री ने घोषणा भी की। इसके साथ ही उन्होंने धमधा में तालाबों के सौंदर्यीकरण की घोषणा भी की। उन्होंने बंधुआ तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए एक करोड़ रुपए की राशि की घोषणा की। साथ ही उन्होंने इस मौके पर धमधा में सामुदायिक भवन के लिए 1 करोड़ रुपए की घोषणा भी की। अपने उद्बोधन में मुख्यमंत्री ने कहा कि धमधा के विकास के लिए हर संभव कदम सरकार ने उठाए हैं। इसके साथ ही निरंतर विकास कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब धमधा की पहचान उद्यानिकी फसलों से है। उद्यानिकी फसलों के विकास के लिए मंडी बनाई गई है, इसके साथ ही किसानों को हर संभव मदद करने एवं नवाचार अपनाने के लिए की योजनाएं बनाई गई है। इस मौके पर अपने संबोधन में कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने कहा कि धमधा के किसानों के लिए मंडी का आरंभ होना बहुत शुभ संकेत है, मंडी के आरंभ होने के पश्चात अब यहां के किसानों को देशभर का मार्केट मिल सकेगा। पहले भी हमारे किसान हैदराबाद से इलाहाबाद तक अपने उत्पाद पहुंचाते रहे हैं, अब मंडी के माध्यम से उन्हें उचित दाम मिल पाएगा। यह मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार की बहुत अच्छी भेंट धमधा ब्लाक को है। उन्होंने कहा कि मोती नाला तथा रौंदा जलाशय से सिंचाई की व्यवस्था और बेहतर हो सकेगी। इन 3 सालों में धमधा में सिंचाई का दायरा बढ़ाने के लिए बड़े कार्य किए गए हैं।
3 करोड़ रुपये के वितरण कार्य- इस मौके पर मुख्यमंत्री ने हितग्राहियों को सामग्री वितरण भी किए। उन्होंने 50 किसानों को ट्रैक्टर वितरण किया। मत्स्य कृषकों को भी नाव, जाल, मत्स्य आहार आदि वितरित किए। इसके साथ ही उन्होंने समाज कल्याण विभाग के हितग्राहियों को भी बाइक प्रदान की। इस मौके पर जिला मंडी बोर्ड अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू ने भी अपना संबोधन दिया। उन्होंने मंडी के अनुपम उपहार के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही नगर पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सुनीता गुप्ता ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर कार्यक्रम में पूर्व विधायक श्री प्रदीप चौबे , पूर्व विधायक श्रीमती प्रतिमा चंद्राकर, जनपद अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती रात्रे, श्रीअविनाश चौबे एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके साथ ही मौके पर कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने अपने प्रतिवेदन में 3 साल की धमधा की उपलब्धियों की जानकारी दी। इस मौके पर संभागायुक्त श्री महादेव कांवड़े, आईजी श्री ओपी पॉल, एसपी श्री बद्रीनारायण मीणा, एसडीएम श्री ब्रजेश क्षत्रिय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
किसानों के साथ किया लंच-इस मौके पर मुख्यमंत्री ने किसानों के साथ लंच भी किया। उन्होंने इस दौरान किसानों से उद्यानिकी फसलों की स्थिति के बारे में जाना। साथ ही उन्होंने किसानों से इस क्षेत्र में और भी बेहतर योजनाएं बनाने के लिए चर्चा भी की। उन्होंने किसानों से कहा कि आप लोगों ने जिस तेजी से उद्यानिकी फसलों के क्षेत्र में धमधा को नई पहचान दी है। उससे हमारा यह सपना शीघ्र ही मूर्त रूप लेगा।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भिलाई के स्मृति नगर में टेनिस कोर्ट का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने टेनिस का रैकेट थामा और टेनिस के कुशल खिलाड़ी की तरह सर्विस शाट लगाया। उनके सामने महापौर श्री नीरज पाल थे। इस मौके पर चर्चा में उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि दुर्ग-भिलाई में खेलों की शानदार अधोसंरचना तैयार हो रही है। हमने खेल अधोसंरचना को प्राथमिकता में रखा है। दुर्ग-भिलाई से ऐसे खिलाड़ी निकले हैं जिन्होंने देश भर में अपना नाम कमाया है। अब उसी के मुताबिक खेल अधोसंरचना का विकास होने से यहां खेल सुविधा एक नये स्तर पर पहुंचेगी।
इस मौके पर उन्होंने खिलाड़ियों से भी मुलाकात की। खिलाड़ियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताते हुए कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि मुख्यमंत्री लगातार खेल सुविधाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में काम कर रहेे हैं और दुर्ग-भिलाई में खेल अधोसंरचना का इतना सुंदर इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है। उल्लेखनीय है कि 51 लाख रुपए की लागत से टेनिस कोर्ट के साथ ही दो कोर्ट रूम भी तैयार किये गये है। इस मौके पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, विधायक श्री देवेंद्र यादव सहित श्री मुकेश चंद्राकर के साथ अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे। साथ ही कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, एसएसपी श्री बद्रीनारायण मीणा, आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद थे। -
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- मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की मांग पर की घोषणा: कलेक्टर को दिए जमीन चिन्हांकन के निर्देश
- आप तो स्टील बेचते हैं हम तो गोबर भी बेच देते हैं: उद्योगपतियों से अपने खास अंदाज में कहा मुख्यमंत्री ने
- उद्योगपतियों से मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि स्थानीय लोगों का स्किल डेवलपमेंट करें, उनके लिए रोजगार की संभावना होगी तो वे उद्योगों को स्वीकार करेंगे
- मुख्यमंत्री ने किया जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र के नवीन कार्यालय भवन का लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि दुर्ग में भी रायपुर की तरह होलसेल कॉरिडोर बनेगा। उन्होंने आज जिला मुख्यालय दुर्ग में जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के नवीन कार्यालय भवन के लोकार्पण कार्यक्रम में उद्योगपतियों की मांग पर यह घोषणा की। मुख्यमंत्री ने दुर्ग कलेक्टर को इसके लिए जमीन चिन्हांकन के निर्देश दिए। कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया और राज्य भंडार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अरूण वोरा सहित अनेक जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे।श्री बघेल ने कहा कि दुर्ग औद्योगिक जिला है, लेकिन देश मे औद्योगिक केंद्र की पहचान भिलाई से है। बीएसपी की स्थापना के बाद यहां उद्योगों की शुरुआत हुई। दुर्ग के निर्माण में यहां के उद्योगों की बड़ी भूमिका है। बीच के दौर में निजीकरण का दौर चला और श्रमिकों की मांग घटी। तकनीक का असर पड़ा है। बीएसपी प्रदेश के उद्योगों के लिए रीढ़ की तरह है।मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्ग जिला सब्जी और फल का भी हब रहा है। यहां के किसान ऐसी क्रॉप भी उगा रहे हैं जिनकी मांग विदेशों में भी है। उद्योगपतियों के साथ बैठकों के बाद हमने उद्योग नीति बनाई, जिसमें सभी राज्यों की अच्छी नीतियों का समावेश रहा। कोरोना काल मे लगातार मै उद्योग संगठनों से मिलता रहा, उनकी समस्याएं जानी और इसका निराकरण किया। हमने प्रदेश के उन क्षेत्रों में भी उद्योग प्रसार की नीति अपनाई जहां पर उद्योग कम थे। मैंने फाइनल ड्राफ्ट बनने के बाद भी उद्योगपतियों से चर्चा की। उन्होंने कहा कि इस नीति में एनपीए नहीं होगा।श्री बघेल ने कहा कि जब उद्योग की बात आती है तो रोजगार के उद्देश्य से इसकी मांग होती है लेकिन कई बार स्थानीय स्तर पर विरोध भी होता है। हमने स्थानीय लोगों से कहा कि स्थानीय स्तर पर रोजगार हो तो आपको पलायन की जरूरत नहीं पड़ेगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना काल के दौरान ऐसे स्थल के लोगों से बात हुई जहाँ काफी संख्या में श्रमिकों को वापस लाया गया था। हमने उन्हें बताया कि स्थानीय स्तर पर उद्योग के कार्य हो सकें, इसके लिए हमने ऑरेंज एरिया चिन्हांकित किये। चैम्बर के अधिकारियों से बस्तर में बैठक ली। उन्हें बताया कि जब आप उद्योग लगाएं तो स्थानीय स्तर पर सर्वे कर उद्योग की जरूरत की मुताबिक लोगों का कौशल उन्नयन करें, जब लोगों को उद्योगों में रोजगार के अवसर दिखेंगे, तो वे लोग उद्योगों का समर्थन करेंगे क्योंकि अब उनके लिए आपके पास रोजगार की संभावना है।मुख्यमंत्री ने अपने सम्बोधन के दौरान मिलर्स के लिए किए गए कार्यों को भी रेखांकित किया। मिलिंग के चार्ज को बढ़ा दिया गया। संग्रहण केंद्रों में नाममात्र का धान रह गया है। हमने ग्रामीण क्षेत्रों में गौठान को भी ग्रामीण उद्योग के रूप में बदला है और रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में इसे विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं। आप अपने व्यावसाय और उद्योग की जरूरत के मुताबिक यहां काम करने वाले स्व सहायता समूहों से उत्पाद बनवा सकते हैं। आपके उद्योगों के लिए इन रूरल पार्क से काफी मदद मिल सकती है। आप लोग विजनरी हैं, सरकार की पूरी सहायता आपके साथ हैं। आप आगे बढ़े, प्रदेश का औद्योगिक परिदृश्य शानदार रूप से उन्नत होगा।मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी से हुई अपनी चर्चा का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ऊर्जा परिदृश्य में काफी संभावना है। हमने कहा कि धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति मिलने पर इस उद्योग के लिए बड़ा काम हो सकता है। किसान उन्मुखी नीतियों का लाभ बाजार को मिला है और शहरी अर्थव्यवस्था भी इससे लाभान्वित हुई है। कोर सेक्टर और इससे बाहर हम सबको अवसर देंगे। हमारे उद्योगपति ही हमारे उद्योग के ब्रांड एम्बेसडर हैं। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान उद्योगपतियों से सीधी बातचीत की।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी आज राजधानी रायपुर पहुंचे हैं। बता दे की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है, राजधानी रायपुर के पंडित जवाहर लाल नेहरू स्मृति चिकित्सक कॉलेज में हो रहे इस विशाल कार्यक्रम का आयोजन, जहां छत्तीसगढ़ में 9,240 करोड़ रुपए की लागत 1017 किलोमीटर की 33 सड़को का शिलान्यास केंद्रीय परिवहन मंत्री द्वारा किया गया,कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी मंत्री,विधायक,जनप्रतिंनिधि, उपस्थित दिखे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने उद्बोधन में कहा की आज गडकरी जी के द्वारा आज छत्तीसगढ़ को बड़ी सौगात मिली है जहा 9240 करोड़ रुपयों के रोड का लोकार्पण किया गया, आगे सीएम ने कहा की जितने फ्लाई ओवर बने है समय की बचत हुई जितने भी रोड निर्माण हुए सब नितिन गडकरी के कार्यकाल में हुआ,गडकरी जी अच्छे मंत्री नही अच्छे डॉक्टर भी है,वे एक अच्छे लेखक भी है. गडकरी जी कभी भेद-भाव नहीं करते इसके बाद अपने सम्बोधन को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा की मंत्री जी आये तो कुछ मांगना है और उम्मीद भी है.
छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय मार्ग 3200 किलोमीटर है NHUI द्वारा इसका निर्माण किया जा रहा है, बिलासपुर मार्ग,ओडिशा मार्ग, और चांपा मार्ग के निर्माण करवाने आभार व्यक्त किया, साथ ही राजधानी रायपुर में सदारनीय दरबार मार्ग से शहर आने के किए सड़क को बनवाया जा रहा है.यहां देखें video-<iframe width="560" height="315" src="https://www.youtube.com/embed/9id0UcmbzZc" title="YouTube video player" frameborder="0" allow="accelerometer; autoplay; clipboard-write; encrypted-media; gyroscope; picture-in-picture" allowfullscreen></iframe>
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मांग करते हुए कहा की-
तेलीबांधा चौक से मैग्नोटो मॉल तक फ्लाईओवर की मांग की क्योकि इस मार्ग में अधिक ट्रैफिक रहता है, बलौदाबाजार मार्ग में भी फोरलेन करने की मांग की, साथ ही साथ रामवनगमन मार्ग कोरिया से सुकमा तक मार्ग को एनएच से जोड़ने की भी मांग की और राम गमन पथ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित करने के आग्रह भी किया।
मुख्यमंत्री ने अपने आखरी उद्बोधन में कहा की-
जो समझ सड़को के बारे में नितिन जी को शायद किसी और को न हो, जितने भी फ्लाईओवर बनाया है उसमें नितिन गडकरी जी बड़ा योगदान है,कभी भेदभाव नहीं करते चाहे राज्य में किसकी भी सरकार हो. -
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स्वावलंबी गौठानों ने पेश की मिसाल : स्वयं की राशि से खरीदा 13 करोड़ 18 लाख का गोबर
गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2.97 करोड़ रूपए का भुगतान
3006 गौठान आज की स्थिति में स्वावलंबी हो चुके हैं
गोधन न्याय योजना: पशुपालक ग्रामीणों, गोठान समितियों और महिला समूहों को 6.59 करोड़ रूपए का भुगतान
छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की पूरे देश में चर्चा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी भुगतान तथा लाभांश वितरण के रूप में पशुपालक ग्रामीणों, गोठान समितियों और महिला समूहों को 6 करोड़ 59 लाख रूपए की राशि का ऑनलाईन भुगतान किया। आज शाम मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में आज भुगतान की गई राशि में 29 मार्च से 15 अप्रैल तक गोठान में क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 97 लाख रूपए, गोठान समितियों को 2 करोड़ 43 लाख रूपए और महिला समूहों को 1 करोड़ 50 लाख रूपए का लाभांश शामिल है। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के गोधन न्याय योजना को राष्ट्रीय एलेट्स इनोवेशन अवार्ड मिलने पर खुशी जाहिर करते हुए कृषि विभाग के अधिकारियों सहित पशुपालक किसानों, ग्रामीणों, महिलाओं तथा गोठान समितियों को बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि गोधन न्याय योजना की सफलता की चर्चा आज देश के अन्य राज्यों में भी होने लगी है और इस योजना को अपने राज्य में लागू करने के लिए आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना का संचालन राज्य में मिशन मोड में किया जा रहा है। इसके सफल क्रियान्वयन से गौठान तेजी से स्वावलंबी हो रहे हैं। 3 हजार से अधिक गौठान स्वावलंबी हो चुके हैं। यह ग्रामीणों और पशुपालक कृषकों को स्वावलंबी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। हमारे गौठानों ने एक मिसाल कायम करते हुए स्वयं की राशि से 13 करोड़ से अधिक राशि का गोबर क्रय किया है। कार्यक्रम को कृषि एवं पशुपालन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने भी संबोधित किया और राज्य में गोधन न्याय योजना के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन पर पशुपालक ग्रामीणों, गोठान समितियों और महिला समूहों को बधाई और शुभकामनाएं दी।कार्यक्रम में कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह एवं सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने पावरपाइंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से गोधन न्याय योजना के उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत गोबर विक्रेताओं को अब तक 136 करोड़ 21 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह गोठान समितियों को 58 करोड़ 31 लाख रूपए एवं स्व-सहायता समूहों को 38 करोड़ रूपए 25 लाख रूपए का भुगतान भी किया गया है। गौठानों में महिला समूहों द्वारा बड़े पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट प्लस एवं अन्य उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। महिला समूह गोबर से खाद के अलावा गोकाष्ठ, दीया, अगरबत्ती, मूर्तियां एवं अन्य सामग्रियों का निर्माण एवं विक्रय कर आय अर्जित कर रही है। राज्य में गोधन न्याय योजना के तहत अब तक स्वीकृत गौठानों 10 हजार 622 में से 8 हजार 397 सक्रिय गौठान है। इनमें पशुपालक ग्रामीणों से अब तक 136 करोड़ रूपए से अधिक की राशि के 68 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी हो चुकी है। गोधन न्याय योजना से राज्य में 2 लाख 11 हजार से अधिक ग्रामीण, पशुपालक किसान लाभान्वित हो रहे हैं। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष डॉ. गिरीश देवांगन तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री एवं कृषि मंत्री ने प्रदेशवासियों गोधन न्याय मिशन से जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को दी बधाई और शुभकामनाएं
रायपुर : छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना को राष्ट्रीय स्तर पर एलेट्स एनोवेशन अवार्ड (Elets Innovations Award) से सम्मानित किया गया है। एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट में छत्तीसगढ़ राज्य को कृषि में इनोवेशन केटेगरी में यह अवार्ड प्रदान किया गया। नई दिल्ली में आयोजित दो दिवसीय एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट में आज 19 अप्रैल को एलेट्स टेक्नोमीडिया प्राईवेट लिमिटेड के संस्थापक, सीईओ एवं एडीटर इन चीफ श्री डॉ. रवि गुप्ता एवं टेक्सटाइल मंत्रालय भारत सरकार के सचिव श्री यू.पी. सिंह ने संयुक्त रूप से यह अवार्ड प्रदान किया गया। सचिव एवं राज्य नोडल अधिकारी छत्तीसगढ़ की ओर से यह अवार्ड संयुक्त संचालक श्री आर.एल. खरे ने प्राप्त किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने इस शानदार उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों, कृषि विकास, कृषक कल्याण और जैव प्रौद्योगिकी विभाग, गोधन न्याय मिशन के अधिकारियों-कर्मचारियों, गौठान समितियों एवं स्व-सहायता समूहों की महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।यह यहां उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार की गोधन न्याय योजना को इससे पूर्व पर्यावरण संरक्षण और सतत् विकास में उत्कृष्ट योगदान के लिए ’स्कॉच गोल्ड अवार्ड’ मिल चुका है। स्कॉच ग्रुप द्वारा छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना को 20 मार्च 2021 को नई दिल्ली में यह अवार्ड प्रदान किया गया था। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर 20 जुलाई 2020 हरेली पर्व से छत्तीसगढ़ में गोधन न्याय योजना प्रारंभ की गई। इस योजना में पशुपालकों और ग्रामीणों से 2 रूपए प्रति किलो की दर पर गोबर खरीदी की जा रही है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों और कृषि विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा है कि छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है, अपितु अवार्डस् के माध्यम से इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता भी मिल रही है।एलेट्स आत्म निर्भर भारत समिट को सम्बोधित करते हुए गोधन न्याय योजना के संयुक्त संचालक श्री आर.एस. खरे ने कहा कि मात्र 20 माह की अवधि में इस योजना की खूबियों और लाभ ने देश- दुनिया का ध्यान छत्तीसगढ़ की ओर खींचा है। गोधन न्याय योजना छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सोच और उनकी ही पहल का परिणाम है। मुख्यमंत्री जी, जो स्वयं किसान हैं और बचपन से ही खेती किसानी उनकी रुचि रही है। खेती को समृद्ध और किसानों को खुशहाल कैसे बनाया जाए? यह उनकी सोच रही है। इसी का परिणाम है कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीते 3 सालों में खेती-किसानी के क्षेत्र में कई अभिनव प्रयोग और बदलाव हुए हैं। छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों और कार्यक्रमों के चलते खेती-किसानी समृद्ध हुई है और किसानों की आर्थिक स्थिति बेहतर हो रही है।पशुधन संरक्षण और संवर्धन फसल एवं पर्यावरण की सुरक्षा, छुट्टा पशुओं पर नियंत्रण, गोबर विक्रय से ग्रामीणों एवं पशुपालकों को आय, वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट एवं अन्य उत्पाद से महिला स्व सहायता समूहों को रोजगार एवं आय का जरिया तथा जैविक खेती को प्रोत्साहन मिला है। वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट खाद के उपयोग से खाद्यान्न की गुणवत्ता एवं भूमि की उर्वरा शक्ति में सुधार और खेती की लागत में कमी आ रही है। इस योजना से डेयरी एवं पशुपालन को बढ़ावा मिलने के साथ ही दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होने लगी है। -
दिल्ली : दिल्ली के जहांगीरपुरी में आखिरकार बुलडोजर थम गए हैं। शोभायात्रा पर पथराव के बाद यहां अवैध निर्माण को तोड़ने की शुरू हुई कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट से दूसरी बार आए आदेश के बाद तुरंत रोक दिया गया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की ओर से स्टे लगाए जाने की सूचना मीडिया के माध्यम से आई थी, लेकिन अधिकारियों ने आदेश नहीं मिलने का हवाला देकर कार्रवाई को जारी रखा था।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर-पश्चिम दिल्ली के दंगा प्रभावित जहांगीरपुरी क्षेत्र में शुरू होने वाले अतक्रिमण विरोधी अभियान पर रोक लगाने का आदेश देते हुए दंगा मामलों के आरोपियों के मकान तोड़ने के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पर सहमित दे दी है। मुख्य न्यायाधीश एन. वी. रमाना, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और हिमा कोहली की खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील दुष्यंत दवे और कपिल सिब्बल के विशेष उल्लेख पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया। खंडपीठ ने कहा, ''हम इस मामले को गुरुवार को सूचीबद्ध करेंगे।''
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का आदेश अधिकारियों को नहीं मिला तो उन्होंने मौके पर कार्रवाई जारी रखी। इस बीच एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी गई कि अतिक्रमण हटाने का काम नहीं रोका गया है। इस पर उच्चतम न्यायालय ने एनडीएमसी के महापौर और दिल्ली पुलिस प्रमुख को जहांगीरपुरी में विध्वंस रोकने के आदेश से अवगत कराने को कहा। कोर्ट ने तुरंत काम रोकने का आदेश दिया। इसके बाद अधिकारियों ने बुलडोजर को थामने को कहा। -
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खैरागढ़ संगीत विश्वविद्यालय की तर्ज पर बस्तर, सरगुजा और रायपुर में लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय के लिए प्रस्ताव तैयार करें: मुख्यमंत्री बघेल
विशेष संरक्षित जनजातियों की भाषा में स्वास्थ्य, शिक्षा और योजनाओंके लिए चलाएं जन जागरूकता अभियान
लोक कलाकारों का लिया जाए सहयोग
मुख्यमंत्री ने पर्यटन और संस्कृति विभाग के कार्यो की प्रगति की समीक्षा की
ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों, पर्यटन स्थलों में पर्यटकों केलिए विकसित की जाएं सुविधाएं
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेश की कला और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ की तर्ज पर बस्तर, सरगुजा और रायपुर में लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय प्रारंभ करने का प्रस्ताव तैयार करने संस्कृति विभाग को निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन महाविद्यालयों के प्रारंभ होने से बस्तर और सरगुजा अंचल की लोककला और संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय अमरकंटक का एक सेंटर छत्तीसगढ़ में शुरू करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री अपने निवास कार्यालय में समीक्षा बैठकों के क्रम में पर्यटन एवं संस्कृति विभागों के काम-काज की समीक्षा कर रहे थे।
बैठक में गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, उपाध्यक्ष श्रीमती चित्ररेखा साहू, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री अनिल साहू, मुख्यमंत्री सचिवालय में उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बैठक में कहा कि लोककला दलों के माध्यम से आदिवासी अंचलों में स्वास्थ्य, शिक्षा और जनकल्याणकारी योजनाओं के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि कला जत्थों के जरिए स्थानीय बोली-भाषाओं में कार्यक्रम तैयार कराए जाएं, जिससे उनका अच्छा प्रभाव हो। उन्होंने कहा कि इससे विशेष पिछड़ी जनजातियों-सरगुजा के पण्डो, कवर्धा के बैगा और गरियाबंद, सिहावा-नगरी और मगरलोड क्षेत्र की कमार जनजाति के लोगों में शासकीय योजनाओं, स्वास्थ्य और शिक्षा के प्रति जागरूकता का संचार होगा। उन्होंने कहा कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के तहत मानस प्रतियोगिता अगले वर्ष जनवरी में आयोजित की जाए।मुख्यमंत्री ने प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में जहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं, वहां पर्यटकों के रूकने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी से होटलों की सुविधा सहित शौचालय, पेयजल, आवागमन जैसी बुनियादी सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत पर बल दिया। शिवरीनारायण, चंदखुरी, राजिम, सतरेंगा, चित्रकोट, चम्पारण, गंगरेल जैसे पर्यटन स्थलों में ये सुविधाएं विकसित की जाएं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के ऐतिहासिक और पुरातात्विक धरोहरों पर्यटन स्थलों में पर्यटन के दृष्टिकोण से सुविधाएं विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सिमगा तहसील के समीप स्थित ऐतिहासिक कबीरभूमि दामाखेड़ा में भी विश्वस्तरीय सुविधाएं विकसित किया जाए। अधिकारियों ने बताया कि दामाखेड़ा (कबीर तालाब) को विकसित करने के लिए 22.43 करोड़ रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने पर्यटन विभाग के पुराने मोटल्स के निजी क्षेत्र की भागीदारी से सुचारू संचालन की कार्ययोजना की प्रगति की जानकारी ली। राम वन गमन पर्यटन परिपथ के तहत विकसित किए जा रहे पर्यटन स्थलों की प्रगति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे-जैसे कार्य पूर्ण होते जाते हैं, उनका लोकार्पण किया जाए, जिससे लोगों को जल्द सुविधाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने अमरकंटक मार्ग के सुदृढ़ीकरण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बांधों और जलाशयों के समीप उपलब्ध शासकीय भूमि में निजी क्षेत्र की भागीदारी से वोटिंग, वाटर स्पोटर्स, पर्यटकों के ठहरने के लिए सुविधाएं विकसित की जाएं।
पर्यटन, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. ने प्रदेश की विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं की प्रगति की जानकारी देते हुए बताया कि प्रसाद योजना के तहत 43.33 करोड़ रूपए की लागत से मॉ बम्लेश्वरी देवी मंदिर डोंगरगढ़ में कराए जा रहे विकास कार्य अक्टूबर 2022 तक पूर्ण करने का लक्ष्य है। स्वदेश दर्शन योजना के तहत 96.10 करोड़ रूपए की लागत की ट्रायबल टूरिज्म सर्किट परियोजना के सभी 13 स्थानों में कार्य पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि 65.60 करोड़ रूपए की लागत से सिरपुर को हेरिटेज स्थल के रूप में बुद्धिष्ट थीम पर विकसित किया जा रहा है। श्री अन्बलगन पी. ने यह भी बताया कि सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ के विकास की योजना को प्रसाद योजना में शामिल करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। कुदरगढ़ में रोप-वे बनाने की प्रक्रिया भी प्रगति पर है। इसी प्रकार स्वदेश दर्शन योजना 2.0 के तहत चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एंव हसदेव बांगो डेम को शामिल कर इको टूरिज्म सर्किट विकसित करने का प्रस्ताव केन्द्र को भेजा गया है। उन्होंने बताया कि सतरेंगा, गंगरेल और चित्रकूट में बजट होटल के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ वेब अभिलेखागार के तहत ख्याति प्राप्त कलाकारों की आडियो-वीडियो क्लीपिंग संकलित कर उनका भावी पीढ़ी के लिए डिजिटाईजेशन किया जा रहा है। बैठक में दुर्ग जिले के पाटन तहसील के तरीघाट और रायपुर जिले के आंरग तहसील के रीवा के पुरातत्व स्थलों की प्रगति की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यहां लगभग दो से ढाई हजार साल पुरानी मानव बस्ती के अवशेष मिल रहे हैं। खनन के दौरान दूसरी से पांचवीं शताब्दी के वस्तुएं मिली है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ के प्रथम चरण में विकसित किए जा रहे स्थलों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राम वन गमन पथ में मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम की सौम्य छवि की झलक दिखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि चंदखुरी और शिवरीनारायण में प्रथम चरण में किए गए विकास कार्यों का लोकार्पण हो गया है। प्रथम चरण के लिए चिन्हांकित अन्य स्थलों का भी जैसे-जैसे जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण का कार्य पूर्ण होता है। लोगों को समर्पित करने की कार्यवाही भी की जाए। बैठक में बताया गया कि रामायण मंडली प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत इस वर्ष कराई गई मानस मंडली प्रतियोगिता में 7 हजार मानस मंडलियों के लगभग 70 हजार मानस कलाकरों ने हिस्सा लिया। -
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राष्ट्रीय जनजातीय महोत्सव आदिवासी समाज को अन्य समाज से जोड़ने के लिए सेतु का कार्य करेगा : मुख्यमंत्री
जनजातीय साहित्य को लिपिबद्ध करने की जरूरत: मंत्री डॉ. टेकाम
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए कहा कि जो प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, उन्हें हमें बचाना है। इसके लिए जनजातीय भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का पहली बार आयोजन हो रहा है। यह आयोजन सांस्कृतिक दृष्टि से अन्य समाजों और जनजातीय समाज के बीच निश्चित रूप से सेतु का काम करेगा। इस कार्यक्रम में अनुसूचित जाति एवं जनजाति मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, पूर्व मुख्य सचिव श्री सुनील कुजूर, राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष श्री सरजियस मिंज, सचिव अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्री डी.डी. सिंह भी मंचस्थ थे।
राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पद्मश्री लोकनायक हलधर नाग, साकीनी रामचंद्रा और अर्जुन सिंह धुर्वे को शॉल और नारियल भेंटकर सम्मानित किया। मुख्यमंत्री ने प्रख्यात कवि पद्मश्री हलधर नाग को सम्मानित करते हुए आत्मीयता से गले लगाया। उन्होंने समारोह में देशभर से पहुंचे विख्यात साहित्यकारों, रचनाकारों, विश्वविद्यालयों के अध्येताओं, शोधर्थियों, विषय-विशेषज्ञों, नृतक दलों, चित्रकारों का स्वागत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरगुजा से बस्तर तक अनेक जनजातियां निवास करती हैं और उनकी भाषा-शैली भी अलग-अलग है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में पिछले तीन वर्षाें में नक्सली समस्या कम हुई है। अब छत्तीसगढ़ की चर्चा देश-दुनिया में यहां की समृद्ध संस्कृति के लिए हो रही है। हमारी सरकार ने जनजातियों की संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराया, जिसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया। इससे देश-दुनिया के लोगों को छत्तीसगढ़ को जानने और समझने का मौका मिला। उन्होंने कहा कि चिंता का विषय है कि विश्व में बहुत सी जनजातियों का अस्तित्व समाप्त हो रहा है, जिससे उनकी संस्कृति विलुप्त हो रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने जनजातीय संस्कृति के संरक्षण के लिए स्कूली स्तर भी पहल की है। इसके लिए प्रदेश में 16 प्रकार की बोली में पाठ्य पुस्तक तैयार की गई है। अब प्रदेश में कक्षा पहली और दूसरी के बच्चे अपनी स्थानीय भाषा में पढ़ाई कर रहे हैं। जनजातीय भाषाओं, बोलियांे, कला-परंपराओं के संरक्षण और संवर्धन के लिए बस्तर में बादल अकादमी की स्थापना की गई है। इसी तरह की अकादमी अन्य जनजातीय बहुलता वाले जिलों में भी स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि साहित्य, नृत्य, चित्रकारी का प्रदर्शन निश्चित रूप से सभी समाज को जोड़ने में सेतु का कार्य करता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी हितों के संरक्षण के प्रतिबद्ध है। हमारी सरकार में आदिवासियों को उनका अधिकार दिलाने के लिए वन अधिकार पत्र प्रदान सरकार की इसी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उनके रोजगार के लिए वन क्षेत्रों में फलदार वृक्ष लगाने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है, इससे वनों में वृक्षों के संरक्षण के साथ ही वनवासियों को उनकी जरूरत की चीज उपलब्ध होगी। इसी प्रकार प्रदेश में पहले 7 लघु वनोपजों की खरीदी की जाती थी, अब 65 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। इसके साथ ही इन लघु वनोपजों का प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार जनजातियों की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के लिए कार्य कर रही है।
अनुसूचित जाति एवं जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने की। उन्होंने कहा कि जंगल का संरक्षण आदिवासी करते हैं। देश में 80 प्रतिशत वनोपज की खरीदी छत्तीसगढ़ राज्य से होती है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 171 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए हैं। जिसका लाभ जनजातीय समाज के बच्चों को भी मिल रहा है। प्रदेश में प्रयास विद्यालय के माध्यम से जनजातीय समाज के बच्चों को इंजीनियरिंग और मेडिकल पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोचिंग दी जा रही है। उन्होंने कहा कि जनजातीय परंपरा और साहित्य को लिपिबद्ध किया जाना जरूरी है। अब आदिवासी समाज में इस दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव के साथ ही तीन दिन तक यहां राज्य स्तरीय कला एवं चित्रकला प्रतियोगिता एवं नृत्य महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इसके अतिरिक्त जनजातीय साहित्य प्रचार-प्रसार और विकास के लिए पुस्तक मेले का आयोजन किया गया है। जिसमें विशेष रूप से जनजातीय विषयों पर प्रकाशित पुस्तकों को प्रदर्शन सहविक्रय की व्यवस्था स्टॉल के माध्यम से की गई है। साथ ही राज्य के विभिन्न विभागों जैसे हस्तशिल्प विकास बोर्ड, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान, औषधि पादप बोर्ड, जनसम्पर्क विभाग, माटी कला बोर्ड, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग, राज्य लघु वनोपज सहकारी संघ के स्टॉल भी लगाए गए हैं। स्टॉल में गढ़कलेवा तथा बस्तरिहा व्यंजन का स्वाद भी जनसमूह ले सकेंगे।समारोह को पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केशरी लाल वर्मा ने सम्बोधित किया। आयुक्त अनुसूचित जाति एवं जनजाति श्रीमती शम्मी आबिदी ने स्वागत भाषण दिया। समारोह में विभिन्न जनजातीय समाज प्रमुख और पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाईयों की बजाय ब्रांडेड दवाई लिखने पर जताई कड़ी नाराजगी
टाउन एंड कंट्री प्लानिंग की बजाय ले-आउट पास करने का अधिकार अब नगर निगम को
नगरीय निकायों की सम्पत्तियों को फ्री-होल्ड करने के निर्देश
नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी होंगे राजपत्रित अधिकारी
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग तथा पर्यावरण एवं आवास विभाग की समीक्षा बैठक ली। मुख्यमंत्री ने बैठक में श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर योजना की समीक्षा के दौरान सरकारी अस्पतालों में जेनेरिक दवाईयों की बजाय ब्रांडेड दवाई लिखने पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि जो सरकारी डॉक्टर ब्रांडेड दवाईयां लिखते हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने तत्काल सभी कलेक्टरों और सीएमएचओ को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि यह सुनिश्चित करें की डॉक्टर सिर्फ जेनेरिक दवाईयां ही लिखे। मुख्यमंत्री को यह जानकारी मिली थी कि बार-बार हिदायत के बावजूद डॉक्टर जेनेरिक की बजाय ब्रांडेड दवाईयां लिख रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लोगों को सस्ती दवाईयां मिलें, इसके लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर शुरू किए हैं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में इस योजना के तहत 159 मेडिकल स्टोर संचालित हैं। इन मेडिकल स्टोर्स के माध्यम से अब तक विक्रय की गई दवाईयों से लगभग 17 लाख 92 हजार नागरिकों केे 17 करोड़ 38 लाख रूपए की बचत हुई है। बैठक में बताया गया कि प्रदेश की 9 नगर निगमों में 500 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉटस पर निर्माण हेतु ऑनलाईन भवन अनुज्ञा प्रणाली लागू की गई है, जिसके माध्यम से अब तक 3771 भवन अनुज्ञा जारी की गई है। बैठक में मुख्यमंत्री ने लोक सेवा गारंटी अधिनियम के तहत नगरीय निकायों द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली अधिक से अधिक सेवाओं को ऑनलाईन करने के निर्देश दिए हैं।बैठक में मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ले-आउट पास करने का अधिकार अब नगर निगम को सौंपा जाएगा। अब तक टाउन एडं कंट्री प्लानिंग विभाग द्वारा ले-आउट पास किया जाता था। नागरिकों को किसी भी काम के लिए दो कार्यालयों के चक्कर नही लगाने पड़ेंगे। मुख्यमंत्री ने नगरीय निकायों की सम्पत्तियों को फ्री-होल्ड करने के भी निर्देश दिए। अब तक नगरीय निकायों की सम्पत्ति लीज पर दी जाती है। इस निर्णय से लाखों नागरिक लाभान्वित होंगे।मुख्यमंत्री ने बैठक के दौरान आम नागरिकों की सहूलियत और प्रशासनिक काम-काज के सुचारू संचालन की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार अब नगरीय निकाय के मुख्य नगर पालिका अधिकारी राजपत्रित अधिकारी घोषित किए जाएंगे। बैठक में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ.शिवकुमार डहरिया ने मुख्यमंत्री से मुख्य नगरपालिका अधिकारी को राजपत्रित अधिकारी घोषित करने की मांग की थी, जिस पर मुख्यमंत्री ने सहमति प्रदान कर दी है।बैठक में रायपुर विकास प्राधिकरण के सीईओ ने बताया कि रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के 2544 आवास पूर्ण हो चुके हैं। इन्द्रप्रस्थ योजना फेस-2 में 2416 ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी प्लेट्स का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। कमल विहार योजना सेक्टर-4 में 128 ईडब्ल्यूएस प्लेट्स का निर्माण हो गया है। उक्त प्लेट्स हेतु एप्रोच रोड का निर्माण 30 अप्रैल 2022 तक पूर्ण कर लिया जाएगा।छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के आयुक्त ने बताया कि मंडल द्वारा प्रक्रियाओं का सरलीकरण करते हुए ऑनलाईन पंजीयन, भुगतान एवं आबंटन प्रक्रिया प्रारंभ की गई है। भवनों की किश्त, रख-रखाव शुल्क, जलकर आदि की राशि, एमआर बुक के स्थान पर पीओएस मशीन के माध्यम से प्राप्त की जा रही है। वर्तमान में मंडल की 44 परियोजनाओं में संपत्तियों का विक्रय ऑनलाईन वेबसाईट/एप के माध्यम से किया जा रहा है। कुल 796 संपत्तियों मूल्य रूपए 227.40 करोड़ का विक्रय ऑनलाईन माध्यम से किया गया है।बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव श्रीमती अलरमेलमंगई डी., आयुक्त, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल डॉ अयाज भाई तम्बोली, टाउन एन्ड कंट्री प्लानिंग के संचालक श्री जय प्रकाश मौर्य, सूडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सौमिल रंजन चौबे सहित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। -
सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने का कार्य सबसे अहम : मुख्यमंत्री श्री बघेल
अपने सांस्कृतिक मूल्य और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने के साथ ही आर्थिक विकास का रास्ता हमने चुना, हमने अपने तीज त्योहारों परंपराओं को सहेजने की दिशा में कार्य किया। इसी क्रम में भक्त माता कर्मा की जयंती पर भी अवकाश आरंभ किया इस अवकाश की मांग सामाजिक जनों ने नहीं की थी लेकिन हमें महसूस हुआ कि भक्त माता कर्मा के भक्तों के लिए यह बहुत अच्छा कार्य होगा। यह संदेश मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने दुर्ग जिले के ग्राम परसदा में साहू समाज के कार्यक्रम के अवसर पर दिया। इस अवसर पर उन्होंने आदर्श विवाह के नव दंपति को भी आशीर्वाद दिया। मुख्यमंत्री ने कुम्हारी में साहू समाज के सामुदायिक भवन के लिए 50 लाख रुपये की घोषणा की।मुख्यमंत्री ने कहा कि सांस्कृतिक परंपराओं को सहेजने के साथ आर्थिक विकास का रास्ता भी हमने अपनाया है। उन्होंने कहा कि हमारी सांस्कृतिक मान्यताएं कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था से संबंधित है और इन्हें बढ़ावा देकर हम कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी विकास के लिए भी तेजी से योजनाएं शासन ने आरंभ की है। कुम्हारी क्षेत्र में नगरपालिका के वार्डों के लिए 24 करोड़ रुपये के विकास कार्य किये जा रहे हैं। इसके साथ ही कुम्हारी क्षेत्र में स्कूलों का जीर्णाेद्धार भी होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजिम में साहू समाज के द्वारा बड़ा आयोजन किया जाता है ऐसे ही आयोजनों को ध्यान में रखते हुए हमने 55 एकड़ जगह क्षेत्र के विकास के लिए निर्धारित किया। यहां मंगल भवन बनाया जाएगा सामुदायिक भवन बनाया जाएगा तथा क्षेत्र का विकास इस तरह से किया जाएगा ताकि सामाजिक जनों को सामाजिक कार्यक्रम करने में किसी तरह की दिक्कत ना आए।विधायक श्री धनेंद्र साहू ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा सामाजिक जनों को बढ़ावा दिए जाने के लिए जिस तरह से पहल की जाती रही है उससे सामाजिक जनों का उत्साह बढ़ा है। उन्होंने कहा कि सामाजिक एकजुटता के माध्यम से ही देश का विकास संभव है। इस मौके पर श्री दीपक ताराचंद साहू ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एकजुटता से ही समाज का विकास संभव है समाज द्वारा सकारात्मक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है जिससे सामाजिक जनों को तो लाभ होगा ही, प्रदेश का विकास भी तेजी से होगा। इस मौके पर कुम्हारी नगर पालिका के अध्यक्ष श्री राजेश्वर सोनकर ने भी मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया। इस मौके पर साहू समाज के पदाधिकारी गण एवं परसदा के ग्रामीण मौजूद थे। -
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खैरागढ़ : खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी यशोदा वर्मा को बड़ी मिला हैं. कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ने वाली यशोदा वर्मा ने भाजपा प्रत्याशी कोमल जंघेल को रिकार्ड 20 हजार से अधिक मतों के अंतर से शिकस्त दी है.बता दे की कांग्रेस की जीत में सबसे अहम मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की खैरागढ़ को जिला बनाने की घोषणा को माना जा रहा है. यही वजह है कि पिछले चुनाव में तीसरे स्थान पर आने के बाद इस उपचुनाव में रिकार्ड मतों के अंतर से जीत हासिल की है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल हैं.
बता दे की खैरागढ़ उपचुनाव में मिली जीत के बाद अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या बढ़कर 71 होने हो गई है. दंतेवाड़ा, चित्रकोट और मरवाही में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन कर तीनों सीटों में जीत हासिल की थी. अब कांग्रेस ने शानदार रिकॉर्ड बनाते हुए चौथे उपचुनाव को भी अपने पाले में कर लिया है. खैरागढ़ विधानसभा उपचुनाव परिणाम की तस्वीर भी साफ हो चुकी है. इसी के साथ अब सदन में कांग्रेस विधायकों की संख्या 71 हो जाएगी. -
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वर्मी खाद के इस्तेमाल से दलहल-तिलहन के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि : श्री भूपेश बघेल
कृषि एवं वन उत्पादों के मूल्य संवर्धन के लिए बड़ी संख्या में खोले जाएंगे प्रोसेसिंग सेन्टर
मुख्यमंत्री ने किसानों को सामग्री एवं चेक बांटकर किया राज्य स्तरीय कृषि समृद्धि मेले का समापन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि धान की तरह अन्य फसलों के उत्पादन के लिए भी सहकारी बैंक से आसानी से ऋण मुहैया कराया जायेगा। इसके लिए ऋणमान में भी बदलाव किया जाएगा ताकि ज्यादा से ज्यादा किसान दलहन-तिलहन और नकद फसलों की खेती कर ज्यादा आमदनी कमा सकें। उन्होंने कहा कि राज्य में राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना के उत्साहजनक परिणाम मिल रही है। दलहन उत्पादन में दूसरी फसल के रूप में राज्य में 17 फीसदी और तिलहन में 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। श्री बघेल आज बिलासपुर में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कृषि समृद्धि मेला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत किसानों को आदान सामग्री एवं अनुदान राशि के चेक वितरित किए। समारोह की अध्यक्षता कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने की। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मुख्य अतिथि की आसन्दी से कहा कि हमारी आजीविका का प्रमुख आधार कृषि है। नये-नये प्रयोग से राज्य में कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई है। इसके बाद भी हमें आगे बहुत कुछ करना बचा है। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी एवं वानिकी के क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। बिलासपुर संभाग में सिंचाई की अच्छी सुविधा है और किसान मेहनतकश हैं। राज्य सरकार के सहयोग से जरूर उद्यानिकी का रकबा यहां बढ़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि फसल विविधता को हम बढ़ावा दे रहे हैं। धान के बदले अन्य फसल अथवा वृक्ष लगाने पर 10 हज़ार प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोदो-कुटकी एवं रागी की फसल खरीदने वाली देश की अकेली राज्य सरकार है। कोदो-कुटकी 3 हज़ार और रागी 3 हज़ार 377 रुपये प्रति क्विन्टल के हिसाब से सरकार इसे खरीदती है।
श्री बघेल ने कहा कि आज हम 65 प्रकार के लघु वनोपज की समर्थन मूल्य पर खरीदी करते हैं। तीन साल पहले केवल 7 किस्म के लघु वनोपज ही खरीदे जाते थे। स्वरोजगार के प्रमुख साधन के रूप में लाख और मछलीपालन को हमने खेती का दर्जा दिया है। उन्हें भी अब बैंकों से बिना ब्याज के ऋण मिल रहा है। हमने सहकारी संस्थाओं की संख्या बढाकर किसानों के इतने नज़दीक ले आये हैं कि धान बेचने के लिए उन्हें रतज़गा नहीं करना पड़ता और न ही लम्बी लाइन लगानी पड़ती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दूध की जरूरत और उत्पादन में फिलहाल बड़ा अंतर है। उत्पादन अभी 85 हज़ार लीटर प्रतिदिन हो रहा है जबकि जरूरत ढाई लाख लीटर प्रतिदिन की है। गोधन न्याय योजना से इस खाई को मिटाने में मदद मिल रही है। बहुत जल्द हम दूध उत्पादन के मामले में आत्म निर्भर हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई-नई तकनीकों के इस्तेमाल से कृषि उत्पादन में वृद्धि तो हो रही है। लेकिन बाजार नहीं मिलने से इनका वास्तविक लाभ किसानों को नहीं मिल रहा है। इसका फायदा तभी होगा जब हम इनके मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण केन्द्र लगाएं। फसल की किस्मों के अनुरूप राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के प्रसंस्करण केंद्र स्थापित किये जायेंगे। इसकी कार्य-योजना राज्य सरकार ने तैयार कर ली है। इससे उद्यमियों और युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुये कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि तीन दिनों में 30 हज़ार से ज्यादा लोगों ने मेले का अवलोकन कर खेती-किसानी की उन्नत तकनीकी सीखी है। इन नई तकनीकों का इस्तेमाल वे अपनी खेतों पर करेंगे और ज्यादा लाभ कमायेंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की तरक्की का रास्ता खेती-किसानी से होकर जाता है। इसलिए सरकार तमाम योजनाएं लाकर किसानों को आर्थिक तौर से मजबूत कर रही है। उन्होंने बिलासपुर में राज्य स्तरीय किसान मेला आयोजित करने का औचित्य भी बताया। उन्होंने कहा कि इस साल हमने अपने वादे से ज्यादा मूल्य पर किसान भाइयों से धान खरीदा है। अगले साल इसमें और वृद्धि हो सकती है। उन्होंने कहा कि खाद संकट का सामना करने के लिए हमारे गौठान तैयार हो गये है। लगभग 16 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट खाद तैयार है। छत्तीसगढ़ की गोठान योजना को लागू करने में देश के कई राज्यों ने रुचि दिखाई है।
राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री एवं बिलासपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि हमने न केवल किसान बल्कि कृषि मज़दूरों की सहायता का ख्याल भी हमने रखा है। लगभग साढ़े 3 लाख कृषि मज़दूरों को साल में 6 हज़ार की सहायता कर रहे हैं। इस साल से इसे बढ़ाकर 7 हज़ार रुपये कर दिये हैं। सचिव कृषि विभाग डॉ. एस. भारतीदासन ने स्वागत भाषण दिया। इस अवसर पर संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू, विधायक श्री शैलेश पाण्डेय, विधायक श्री रजनीश सिंह, कृषक कल्याण परिषद के अध्यक्ष श्री सुरेन्द्र शर्मा, बीज निगम के अध्यक्ष श्री अग्नि चंद्राकर, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राम सुन्दर दास, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष श्री रामकुमार पटेल, पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, महापौर श्री रामशरण यादव, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री अरूण सिंह चौहान, जिला अध्यक्ष श्री विजय केशरवानी एवं विजय पाण्डेय, कमिश्नर डॉ. संजय अलंग, आईजी श्री रतनलाल डांगी, कलेक्टर डॉ. सारांश मित्तर, पुलिस अधीक्षक श्रीमती पारूल माथुर सहित बड़ी संख्या में राज्य भर से आए किसान, जनप्रतिनिधि एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर में आयोजित भगवान महावीर स्वामी जन्मकल्याणक महोत्सव में शामिल हुए मुख्यमंत्री
उल्लेखनीय कार्यों के लिए जैन समाज के विभिन्न संगठनों को किया सम्मानित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहां राजधानी के एमजी रोड स्थित दादाबाड़ी में आयोजित भगवान महावीर स्वामी जन्मकल्याणक महोत्सव में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने दादाबाड़ी परिसर स्थित श्री धर्मनाथ जिनालय में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर जैन समाज के लोगों को भगवान महावीर स्वामी की 2621वीं जयंती पर बधाई और शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने महोत्सव में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि भगवान महावीर के सिद्धांत आज भी प्रासंगिक है। आज पूरी दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के मुहाने पर खड़ी है। ऐसे संकट के दौर में भगवान महावीर द्वारा बताए गए सत्य और अहिंसा जैसे मार्गों का अनुशरण करना हम सब लोगों के लिए जरूरी है। उन्होंने पूरे विश्व को सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य, अस्तेय तथा अपरिग्रह जैसे महान आदर्शों का मार्ग बताया था। इसके साथ-साथ समाज में परस्पर एक-दूसरे के सम्मान के लिए अनेकांतवाद का महान सिद्धांत दिया। जिसमें सबके विचारों के सम्मान का आदर्श निहित है। आज समाज में शांति, आपसी भाईचारा और परस्पर सम्मान के लिए उनके बताए मार्गों पर चलना बहुत आवश्यक है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि हमारी सरकार छत्तीसगढ़ में हर समाज और वर्ग की उन्नति के लिए निरंतर कार्य कर रही है। विगत कोरोना संकट के दौर में भी स्थिति से उबरने में सभी समाज के लोगों का भरपूर सहयोग मिला, जिसमें जैन समाज से मिले सहयोग की भी बड़ी भूमिका रही। हमारी सरकार राज्य में मजदूर, किसान, व्यापारी आदि हर वर्ग के लोगों के उत्थान के लिए कृत-संकल्पित है। इसके लिए नित नये योजनाओं और कार्यक्रमों का संचालन किया जा रहा है। राज्य में अब गाय के दूध ही नहीं बल्कि उसके गोबर और गौमूत्र से भी पैसा आने लगे हैं। इस तरह राज्य में विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का बेहतर से बेहतर क्रियान्वयन कर गत तीन वर्षों के दौरान लोगों के जेब में 91 हजार करोड़ रूपए की राशि डाले गए हैं। जिसके फलस्वरूप कोरोना संकट के दौर में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था गतिशील बनी रही और सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ उन्नति की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है।
कार्यक्रम में संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ राज्य गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप सिंह जुनेजा, रायपुर महापौर श्री एजाज ढेबर, भगवान महावीर जन्मकल्याणक महोत्सव समिति के अध्यक्ष श्री महेन्द्र कोचर, श्री कमल भंसाली, श्री मनोज कोठारी, श्री गुलाब दस्तानी सहित बड़ी संख्या में जैन समाज के लोग उपस्थित थे।
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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने की मंगल भवन और ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50-50 लाख रुपये की घोषणा
अंबेडकर चौक में लगेगी बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा : मुख्यमंत्री
बाबा साहेब अंबेडकर ने हमें दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अंबेडकर चौक में आयोजित बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह में शामिल हुए। यहां उन्होंने मंगल भवन के लिये 50 लाख रूपये और देवेन्द्रनगर स्थित बौद्ध विहार में ऑडिटोरियम निर्माण के लिए 50 लाख रुपए की राशि देने की घोषणा की । इसके साथ ही उन्होंने अंबेडकर चौक में नगर निगम द्वारा बाबा साहेब की 20 फ़ीट ऊंची नई प्रतिमा स्थापित करने की घोषणा की। सभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर ने दलित, शोषित और वंचितों के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित कर दिया। वे जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत दलितों के उद्धार में लगे रहे। उन्होंने सामाजिक दंश झेलने के बावजूद भी उच्च शिक्षा प्राप्त की और समाज की सेवा और उत्थान में जुड़ गए ।
बाबा साहेब अंबेडकर ने मंत्र दिया कि 'शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो' । शिक्षा ही हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों का भान कराती है। जब हमें अपने कर्तव्य का भान होता है, हम अपनी उपेक्षा के विरुद्ध सोचते हैं, यही विचार हमें संघर्ष की प्रेरणा देती है और संघर्ष संगठित होकर ही किया जाता है। बाबासाहेब का दिया संविधान हमें सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता का अवसर देता है। इस संविधान के चलते हमें आरक्षण मिला। बाबा साहेब न होते तो समाज वर्ग विभाजन के ऊपर नहीं उठ पाता। उन्होंने हमें दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया, जिसने शिक्षा, समानता और नौकरी का अधिकार दिया है।
बाबा साहेब के रास्तों पर चलते हुए हमारी सरकार ने जाति प्रमाण पत्र का सरलीकरण किया है। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जहां यदि माता-पिता के पास जाति प्रमाण पत्र है तो बच्चे को पैदा होते ही उसका जाति प्रमाण पत्र दे दिया जाता है। बाबा साहेब ने शिक्षा को सबसे ज्यादा महत्व दिया। उनकी नीति को आत्मसात करते हुए हमने आज लिए निर्णय में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल जहां बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में उत्कृष्ट शिक्षा दी जाती है, वहां कक्षा में प्रवेश 40 से बढ़ाकर 50 बच्चों की व्यवस्था करने के निर्देश दिये हैं ।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य कर एवं आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री शिव डहरिया, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री पंकज शर्मा , रायपुर महापौर श्री ऐज़ाज़ ढेबर, गुरू घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के अध्यक्ष श्री के पी खांडे एवं अंबेडकर समारोह आयोजन समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री ने भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उन्हें किया नमन-
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संविधान निर्माता, स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं न्याय मंत्री और समाज सुधारक भारतरत्न डॉ. भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया । इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया एवँ उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा भी उपस्थित थे ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बाबा साहब के अमूल्य योगदान को याद करते हुए कहा कि बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी डॉ. अम्बेडकर भारतीय संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने विविधता लिए भारत देश को एक मजबूत और लोक हितैषी संविधान दिया, जिसकी नींव पर भारतीय लोकतंत्र निरंतर पल्लवित हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि बाबा साहब ने समाज में जातिगत भेदभाव के विरूद्ध अभियान चलाया। दलितों कोे सम्मान और अधिकार दिलाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। उन्होंने मजदूरों और महिलाओं के अधिकारों की भी वकालत की। राज्य सरकार बाबा साहब के बताए मार्ग पर चल कर समाज के कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं संचालित कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश में बाबा साहब के लाखों अनुयायी उनका जन्मदिन उत्साह और श्रद्धा से मनाते हैं। देश के लिए बाबा साहब का योगदान अविस्मरणीय है।
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जीएसटी क्षतिपूर्ति आगामी 10 वर्षों तक जारी रखने का किया आग्रह
उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई के लिए केंद्र से वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था करने की अपील
जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बंद हो जाने से उत्पादक राज्यों को होगा बड़ा नुकसान
जनहित और विकास के कार्य प्रभावित होंगे
छत्तीसगढ़ को प्रतिवर्ष 5000 करोड़ के राजस्व की होगी हानि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान को लेकर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से जीएसटी क्षतिपूर्ति की वर्तमान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखना का आग्रह किया है । मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस बात का भी उल्लेख किया है कि उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था केंद्र सरकार द्वारा शीघ्र की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ जैसे उत्पादक राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान बंद किए जाना, बड़ा आर्थिक नुकसान है, जब कि उत्पादक राज्य होने के नाते देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में कहीं अधिक है, जो वस्तुओं व सेवाओं के अधिक उपभोग के कारण जीएसटी कर प्रणाली में लाभान्वित हुए हैं। यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति अनुदान जून 2022 के पश्चात नहीं दिया जाता है, तो ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ को आगामी वर्ष में लगभग 5 हजार करोड रुपए के राजस्व की हानि संभावित है। इसी प्रकार कई अन्य राज्यों को भी आगामी वर्ष राजस्व में कमी का सामना करना होगा। जिससे राज्य में चल रहे जनहित एवं विकास के कार्यों में राशि की कमी की व्यवस्था करना अत्यंत कठिन होगा।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं वित्त मंत्रियों के साथ दिसंबर 2021 को नई दिल्ली में आयोजित केंद्रीय बजट 2022 -23 के पूर्व की चर्चा बैठक का भी उल्लेख किया है और कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों ने इस बैठक में जीएसटी अनुदान को बढ़ाए जाने का अनुरोध किया था। राज्यों को इस संबंध में केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की अपेक्षा है
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि जीएसटी कर प्रणाली लागू होने के पश्चात राज्यों के पास करारोपण के अधिकार अत्यंत सीमित हो गए हैं एवं वाणिज्य कर के अतिरिक्त अन्य कर राजस्व में राजस्व संबंधी बहुत संभावनाएं नहीं हैं। यद्यपि हमारे द्वारा राजस्व के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं किंतु कोविड-19 के कारण राज्यों की अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभावों से उबरने तथा जीएसटी कर प्रणाली के वास्तविक लाभ प्राप्त होने तक कम से कम वर्तमान क्षतिपूर्ति अनुदान व्यवस्था को आगामी 10 वर्ष तक जारी रखा जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने उत्पादक राज्यों को राजस्व की भरपाई की कोई वैकल्पिक स्थाई व्यवस्था केंद्र सरकार की ओर से करने की भी अपील की है । मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई है कि प्रधानमंत्री राज्यों की इस चिंता से सहमत होंगे तथा सहकारी संघवाद की भावना के अनुरूप इस महत्वपूर्ण विषय पर राज्यों के हित में विचार कर इसका समाधान करेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री भूपेश बघेल का 2 मई से मैराथन दौरा
जिला प्रशासन को 1 दिन पहले ही दी जाएगी दौरे की जानकारी, बदलते रहेगा कार्यक्रम
प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोरों पर, योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही पर होगी तत्काल कार्रवाई
सीधे जनता से सवाल-जवाब कर सरकार के कामकाज का करेंगे आंकलन
आम लोगों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों से करेंगे मुलाकात
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 2 मई से प्रदेश के सभी विधानसभाओं का मैराथन दौरा करेंगे। प्रशासनिक स्तर पर उनके कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। खास बात है कि मुख्यमंत्री के दौरा कार्यक्रम की जानकारी जिला प्रशासन को भी नहीं होगी, जिला प्रशासन को एक दिन पहले ही दौरे की जानकारी दी जाएगी। ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी सच्चाई पता चल सके। मुख्यमंत्री शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा भी करेंगे। इस दौरान लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर गाज भी गिर सकती है, इसलिए जिला स्तर पर भी तैयारियां शुरू हो गई हैं।
मुख्यमंत्री प्रदेश की सभी 90 विधानसभाओं में शासन की जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन का जमीन स्तर पर अवलोकन करेंगे। आम लोगों, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों से चर्चा कर उनका फीड बैक भी लेंगे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर उनके दौरे की व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। वे अपने इस दौरे के दौरान गांवों, तहसील कार्यालयों, पुलिस थानों, जनपद कार्यालयों, स्कूलों, आंगनबाड़ियों, स्वास्थ्य केंद्रों के कामकाज तथा सड़क, पानी, बिजली जैसी मूलभूत अधोसंरचनाओं की उपलब्धता की समीक्षा करेंगे।
इन योजनाओं पर रहेगी सीएम की खास नजर
अपने दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट बाजार योजना, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, मिलेट मिशन, श्री धन्वंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स योजना, वन अधिकार कानून, वनोपज संग्रहण एवं प्रसंस्करण, छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन, राजस्व प्रकरणों के निराकरण, जल जीवन मिशन आदि योजनाओं, कार्यक्रमों तथा अभियानों की समीक्षा करेंगे। -
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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया
कहा - ’टीएडीपी में स्थानीय बोली में शिक्षा, मलेरिया व एनीमिया में कमी, वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी, लोक कला, लोक नृत्य तथा पुरातत्व का संरक्षण-संवर्धन, जैविक खेती, वनाधिकार पट्टे आदि को शामिल किया जाए’इन सभी मापदंडों पर छत्तीसगढ़ ने शानदार काम किया है
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ के आकांक्षी जिलों के विकास के प्रचलित मापदंडों में सांस्कृतिक उत्थान के तत्वों को भी शामिल किए जाने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि ट्रांसफार्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम (टीएडीपी) के मॉनिटरिंग इंडीकेटर में स्थानीय बोली में शिक्षा, मलेरिया व एनीमिया में कमी, वनोपज की समर्थन मूल्य में खरीदी, लोक कला, लोक नृत्य तथा पुरातत्व का संरक्षण-संवर्धन, जैविक खेती, वनाधिकार पट्टे आदि को शामिल किया जाना चाहिए।
श्री बघेल ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है-मुझे यह कहते हुए खुशी है कि इन सभी मापदंडों पर छत्तीसगढ़ ने शानदार काम किया है।
श्री बघेल ने लिखा है-हमारे राज्य में कुल 10 आकांक्षी जिले हैं, जिसमें पूर्णतः 8 जिले अनुसूचित क्षेत्र में हैं एवं 07 जिले बस्तर संभाग से हैं जो अनुसूचित जनजाति बहुल्य क्षेत्र भी है और वामपंथी उग्रवाद से ग्रसित हैं। इन आकांक्षी जिलों के विकास को लेकर नीति आयोग द्वारा समय-समय पर समीक्षा एवं मूल्यांकन करने हेतु विभिन्न मापदण्ड के आधार पर आकांक्षी जिलों के बीच श्रेणीकरण किया जाता है।
हमारे वनांचल तथा ग्राम्य जीवन में संस्कृति और परंपराओं का विशेष योगदान होता है, जिससे वहां के लोगों के जीवन में समरसता, उत्साह एवं स्वावलम्बन का भाव रहे, इसलिए आकांक्षी जिलों की अवधारणा में सांस्कृतिक उत्थान के बिन्दु को भी यथोचित महत्व एवं ध्यान दिया जाना चाहिए ।उपरोक्त इंडीकेटरों को भी जोड़े जाने पर मुझे विश्वास है कि आकांक्षी जिलों के बहुमुखी विकास में किये जा रहे सभी प्रयासों पर भी ध्यान रहेगा और जिस आशा के साथ यह आकांक्षी जिलों की पृथक मॉनीटरिंग व्यवस्था शुरू की गई है वह भी सफल होगी ।