- Home
- टॉप स्टोरी
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
संबलपुर को नगर पंचायत का दर्जालोधी समाज के सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50 लाख रुपये की घोषणावीरांगना रानी अवंती बाई लोधी बलिदान दिवस समारोह में शामिल हुए मुख्यमंत्री
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बेमेतरा जिले के विकासखण्ड नवागढ़ के ग्राम संबलपुर मे आयोजित वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी बलिदान दिवस समारोह में वीरांगना रानी अवंती बाई लोधी के नाम से छत्तीसगढ़ राज्य में महिला सशक्तिकरण पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की। यह पुरस्कार राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर 01 नवम्बर को प्रदान किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सम्बलपुर को नगर पंचायत का दर्जा देने की घोषणा करने के साथ ही सम्बलपुर में लोधी समाज के सामुदायिक भवन के लिए 50 लाख रुपये दिए जाने का ऐलान किया। मुख्यमंत्री ने ग्राम गोढ़ीकला एवं खेड़ा में लोधी समाज के सामुदायिक भवन की भी घोषणा की। संबलपुर के शासकीय हाई स्कूल मैदान मे आयोजित समारोह में क्षेत्रीय विधायक एवं संसदीय सचिव श्री गुरुदयाल सिंह बंजारे, सुश्री साधना भारती, अंत्याव्यवसायी सहकारी वित्त विकास निगम की उपाध्यक्ष सुश्री नीता लोधी, लोधी समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री कमलेश्वर वर्मा, जिला कमेटी के अध्यक्ष श्री बंशी पटेल सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम सन् 1857 की लड़ाई में वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे, मंगल पाण्डे का नाम प्रथम पंक्ति में आता है। सन 1857 वीरांगना अवंती बाई लोधी ने अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। सम्बलपुर में यह सभा वीरांगना रानी अवंती बाई अदम्य साहस और बलिदान को याद करने और उन्हें नमन करने के लिए आयोजित की गई है। रानी अवंती बाई लोधी महारानी लक्ष्मी बाई रानी दुर्गावती जैसी अनेक वीरांगनाएं स्त्रियों की शक्ति, साहस और क्षमता के प्रतीक है। महिलाएं जब भी अपने अधिकारों को पाने की जिद के साथ आगे बढ़ी है, तब-तब उन्होंने इतिहास रचा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि छत्तीसगढ़ के वीर सपूत शहीद वीरनारायण सिंह, गैंद सिंह नायक, गुण्डाधूर ने अंग्रेजों से लोहा लिया था। 17-18वीं शताब्दी में महिलाओं को घर से बाहर निकलना, युद्ध में भाग लेना साधारण बात नहीं थी। रानी अवंती बाई ने स्वाधीनता आंदोलन के दौरान देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की बाजी लगा दी। ऐसे वीरांगना को हम शत-शत नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की चौथी किश्त की राशि गुरुवार 31 मार्च को किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। उन्होंने कहा कि आने वाले खरीफ सीजन में 2540 रु. प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की जायेगी। राज्य सरकार कोदो-कुटकी को 3 हजार रु. प्रति क्विंटल एवं रागी को 3377 रु. प्रति क्विंटल की दर से समर्थन मूल्य पर खरीद रही है। 64 प्रकार के लघु वनोपज की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। पशुओं की संरक्षण एवं संवर्धन के लिए गांव-गांव में गौठान बनाये जा रहे हैं। गौ-मूत्र को खरीदने की व्यवस्था भी सरकार करने जा रही है। मुख्यमंत्री ने भूमि की उर्वराशक्ति को बनाये रखने के लिए रसायनिक खाद के बदले वर्मी कम्पोस्ट खाद को अपनाने की अपील की। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि गांव के गौठान को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की परिकल्पना के अनुरुप रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के रुप में विकसित किया जा रहा है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत कर सालाना 6 हजार रुपये सहायता राशि दी जा रही है। अब नये बजट में सालाना 7 हजार रुपये करने की घोषणा की गई है। समारोह में मुख्यमंत्री का गजमाला से स्वागत किया गया। पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा पर शिक्षक संघ नवागढ़-नांदघाट ने मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया।
संसदीय सचिव श्री गुरूदयाल सिंह बंजारे ने कहा कि रानी अवंती बाई लोधी ने आजादी की लड़ाई के साथ-साथ समाज मे चेतना जगाने का कार्य किया। उन्होने अपने पराक्रम एवं देशप्रेम, राष्ट्रीय एकता एवं अखण्डता के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। ऐसी वीरांगना को मैं श्रद्धापूर्वक नमन करता हूँ। संसदीय सचिव श्री बंजारे ने इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के शामिल होने पर उनके प्रति आभार प्रकट किया।प्रवक्ता सुश्री साधना भारती ने कहा कि आज वीरांगना रानी अवंती बाई के बलिदान दिवस पर हम सब यहां एकत्र हुए हैं। जिन्होने देश के स्वाधीनता आंदोलन में अपने प्राणों की आहुति दी। साधना भारती ने कहा कि विवाह में फिजूल खर्ची रोकने के लिए सामूहिक विवाह को बढ़ावा देने की जरुरत है। प्रदेश सरकार द्वारा भी मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना संचालित की जा रही है। नगरीय निकाय एवं त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। प्रदेश सरकार की यह अनुकरणीय पहल है। प्रदेश अध्यक्ष लोधी समाज श्री कमेलेश्वर वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपान, पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती लीना मण्डावी, जनपद पंचायत अध्यक्ष नवागढ़ श्रीमती अंजली सतीश मारकण्डे, जनपद उपाध्यक्ष रितेश शर्मा, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व प्रवीण तिवारी, समाज के धनश्याम वर्मा, मारो सर्किल लोधी समाज के अध्यक्ष सरोज कुमार राजपूत, नवागढ़ सर्किल अध्यक्ष ईश्वर सिंह लोधी, मूलचंद लोधी, श्रीमती सीमा कौशिक, जयप्रकाश राजपूत, जगदीश राजपूत, राजेन्द्र वर्मा, धनश्याम राजपूत सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
- मुख्यमंत्री ने विभिन्न पहलुओं पर विचार करने टेक्निकल समिति गठित करने के दिए निर्देश
- टेक्निकल कमेटी गौ-मूत्र के संग्रहण, गौ-मूत्र की गुणवत्ता की टेस्टिंग, गौ-मूत्र से तैयार किए जाने वाले उत्पादों के बारे में 15 दिनों में देगी अपनी अनुशंसा
- हर विकासखण्ड में 4-4 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना के लिए कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश
- विभिन्न जिलों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल और उनसे तैयार किए जाने वाले उत्पादों के लिए पोटेंशियल मैपिंग जल्द की जाए
- गौठानों में तैयार उत्पादों की हो पुख्ता मार्केटिंग
- शहरों में भी वर्मी कम्पोस्ट विक्रय के लिए उपलब्ध कराई जाएगी
- अधिकारियों को गौठानों का भ्रमण करने के निर्देश
रायपुर : छत्तीसगढ़ में गोबर खरीदी के बाद अब गौ-मूत्र की खरीदी के संबंध में राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में गौ-मूत्र की खरीदी के विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। मुख्यमंत्री ने गौ-मूत्र खरीदी के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन करने के लिए टेक्निकल कमेटी के गठन के निर्देश दिए। इस कमेटी में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस कमेटी के गठन के बाद 15 दिनों में प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। यह टेक्निकल कमेटी गौ-मूत्र के संग्रहण, गौ-मूत्र की गुणवत्ता की टेस्टिंग, गौ-मूत्र से तैयार किए जाने वाले उत्पादों के बारे में अपनी अनुशंसा देगी।बैठक में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गौठानों में विकसित किए जाने वाले महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की स्थापना के लिए विभिन्न जिलों में स्थानीय स्तर पर उपलब्ध कच्चे माल और उनसे तैयार किए जाने वाले उत्पादों के लिए पोटेंशियल मैपिंग का कार्य 15 दिनों में पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। उल्लेखनीय है कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में स्थानीय खाद्य उत्पादों एवं लघु वनोपजों के मूल्य संवर्धन के लिए प्रसंस्करण इकाईयों की स्थापना की जानी है। इसके लिए राज्य सरकार के वर्ष 2022-23 के बजट में 600 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इस राशि से रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में जरूरी अधोसंरचना, बिजली, पानी और प्रसंस्करण इकाईयों की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि हर विकासखण्ड में चार-चार रूरल इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने की कार्ययोजना तैयार की जाए, इसमें स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की उपलब्धता का ध्यान रखा जाए। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि बीजापुर, दंतेवाड़ा और कोण्डागांव जिले में जहां महुआ, इमली, तिखुर के साथ विभिन्न लघु वनोपजें होती है, वहां इनके प्रसंस्करण की इकाईयां स्थापित की जाएं। इसी तरह कोरबा से सरगुजा तक के गौठानों में वनौषधियों के प्रसंस्करण के लिए, कोरबा, जांजगीर-चांपा, बस्तर में कोसे का काम होता है, यहां कोसे के कपड़े तैयार करने की इकाईयां स्थापित की जाएं। मुख्यमंत्री ने रूरल इंडस्ट्रियल पार्काें में बिजली, पानी और वर्किंग स्पेस विकसित करने, इन पार्काें में महिला स्व-सहायता समूहों और ग्रामीणों को विभिन्न गतिविधियों में प्रशिक्षण देने के लिए टेªनिंग हॉल की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में तैयार किए जाने वाले उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ उनकी मार्केटिंग की भी पुख्ता व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि रूरल इंडस्ट्रियल पार्क में मांग के अनुसार उत्पाद तैयार किए जाने चाहिए, ताकि उत्पादों की खपत आसानी से हो सके।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने गौठानों में संचालित विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा के दौरान कहा कि अधिकारी गौठानों का भ्रमण कर वहां संचालित गतिविधियों का निरीक्षण करें और उनका सुचारू संचालन सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री ने वर्मी कम्पोस्ट से होने वाले लाभों की जानकारी देने के लिए गांवों में वॉल राईटिंग कराने और हैण्डबिल वितरित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने गौठानों में तैयार की जा रही वर्मी कम्पोस्ट विक्रय के लिए शहरों में भी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि गौ-मूत्र से बॉयो फर्टिलाईजर और बॉयो इनसेक्टिसाइडस तैयार किए जाते हैं गौ-मूत्र में यूरिया सहित अनेक मिनिरल और इंजाइम्स भी होते हैं। फर्टिजलाईजर के रूप में गौ-मूत्र का उपयोग करने से सूक्ष्म पोषक तत्व नाईट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का अवशोषण बढ़ता है। पौधों की ऊंचाई और जड़ में अच्छी वृद्धि होती है, मिट्टी में लाभकारी जीवाणु बढ़ते हैं और गौ-मूत्र में पाये जाने वाला यूरिया बहुत से कीटों और बीमारियों को नियंत्रित करता है। बैठक में यह भी बताया कि प्रदेश में गौ-वंशीय और भैस वंशीय पशुओं की संख्या 111 लाख से अधिक है। प्रति पशु औसतन प्रतिदिन 7 लीटर गौ-मूत्र विसर्जित करना है। बैठक में उपस्थित कृषक प्रतिनिधि श्री रोहित साहू, ग्राम अचानकपुर, विकासखंड पाटन, श्री गोवर्धन साहू, श्रीराम गौशाला आन्दु, बेमेतरा, श्री तिलक साव, महासमुंद ने गौ-मूत्र के उपयोग के संबंध में अपने अनुभव साझा किए।
बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल, श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ. एन.पी. दक्षिणकर, संचालक कृषि श्री यशवंत कुमार, संचालक पशुधन श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी, संचालक उद्यानिकी विभाग श्री माथेश्वरन व्ही., मुख्यमंत्री की उप सचिव सुश्री सौम्या चौरसिया, सहित अनेक कृषक प्रतिनिधि तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।
- मुख्यमंत्री ने विभिन्न पहलुओं पर विचार करने टेक्निकल समिति गठित करने के दिए निर्देश
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाशिक्षक संवर्ग और पंचायत सचिव के 12 संघों ने पुरानी पेंशन बहाली पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का किया सम्मान
सरकार के संवदेनशील फैसले के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया
मुख्यमंत्री ने पंचायत सचिवों के नियमितीकरण के लिए सीएस स्तर पर कमेटी बनाने की घोषणा की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि एक फैसले से जीवन किस तरह बदलता है, वह मुझे पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा से देखने को मिल रहा है। पुरानी पेंशन बहाली से एक ओर जहां सेवानिवृत्ति के बाद शासकीय अधिकारियों-कर्मचारियों का जीवन बिना किसी चिंता के बीतेगा, वहीं उनके परिवार को भी आर्थिक सम्बल मिलेगा। श्री बघेल ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली से कर्मचारियों के बुढ़ापे की चिंता दूर हुई है। हमारी सरकार प्रदेश के हर वर्ग के उत्तरोत्तर विकास के लिए निरंतर काम कर रही है। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में शिक्षक संवर्ग एवं पंचायत सचिव संघों के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर पंचायत सचिवों के नियमितीकरण संबंधी मांग पर मुख्य सचिव स्तर पर कमेटी बनाने की घोषणा भी की।
शिक्षक संवर्ग एवं पंचायत सचिव के 12 संघों ने पुरानी पेंशन योजना को बहाल किए जाने पर आज इंडोर स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का सम्मान किया। प्रदेशभर से हजारों की संख्या में जुटे शिक्षकों और पंचायत सचिवों ने इस संवदेनशील फैसले के लिए मुख्यमंत्री के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षकों के आंदोलनों में हमेशा मैं साथ रहा हूं। कर्मचारियों के हित में जो भी संभव हो सकेगा, हमारी सरकार इसके लिए सदैव तत्पर है। उन्होंने कहा कि 1998 के बाद पहली बार राज्य में लगभग 15 हजार शिक्षकों की नियमित नियुक्ति हुई है। अब शिक्षकों को भविष्य में संविदा कर्मी या शिक्षाकर्मी नहीं कहलाना पड़ेगा। शिक्षकों को भी पूरा सम्मान मिलेगा।
श्री बघेल ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में भी अपने जीवन की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों सहित शिक्षकों, पंचायत सचिवों, पुलिस के जवानों, सफाई कर्मचारियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कोरोना काल में सहयोग के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आगे भी हम सबको मिल-जुल कर राज्य की प्रगति के लिए तत्परता से काम करने की जरूरत है।मुख्यमंत्री ने कहा कि हर व्यक्ति चाहता है कि उसके बच्चे अंग्रेजी माध्यम और उत्कृष्ट स्कूलों में पढ़ाई करें। सरकार ने गरीबों, वंचितों, निम्न आय वर्गाें की पीड़ा को समझा और प्रदेश में 172 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम के स्कूल खोलने का काम किया। सरकार ने अब 32 उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम के स्कूल खोलने का भी निर्णय लिया है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि सरकार बनते ही हमने सर्वप्रथम किसानों की चिंता दूर करते हुए कर्जमाफी का काम किया। किसानों के उत्पाद को उचित मूल्य दिलाने के लिए समर्थन मूल्य के साथ-साथ इनपुट सब्सिडी के रूप में उन्हें न्याय दिलाने का भी काम किया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी के फायदों के संबंध में भी विस्तार से जानकारी दी। श्री बघेल ने कहा कि राज्य में गरीबों से लेकर अमीरों तक सबका राशन कार्ड बनाया गया है। सभी परिवारों को हर माह 35 किलो चावल की पात्रता दी गई है। कोरोना काल में हमने गरीबों व वंचितों को 11 माह निःशुल्क चावल देने का काम किया है।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए संसदीय सचिव श्री चंद्रदेव राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार अन्नदाता किसानों, कर्मचारियों, गरीबों, अदिवासियों, श्रमिकों और सर्वहारा वर्ग के हित में लगातार फैसले ले रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में शासन ने शिक्षा जगत का काला अध्याय खत्म करते हुए 1995 में डाइंग कैडर घोषित शिक्षकों के पद पर नई भर्ती की शुरूआत की है। शिक्षा कर्मियों के संविलियन के बाद अब उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने जा रही है। सरकार के इस फैसले ने प्रदेश के शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों तथा उनके परिजनों के चेहरे की चमक बढ़ा दी है।छत्तीसगढ़ शिक्षक संवर्ग और पंचायत सचिव मंच द्वारा आयोजित सम्मान कार्यक्रम में संयुक्त शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री केदार जैन, शालेय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री विरेन्द्र दुबे, सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री विवेक दुबे, क्रांतिकारी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री लैलून कुमार भारद्वाज, प्रदेश शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री चंद्रभानु मिश्रा, पंचायत सचिव संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री तुलसी साहू, शारीरिक शिक्षा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री हरीश देवांगन, प्रदेश शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री चेतन बघेल, विद्यालयीन शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय तिवारी, वरिष्ठ व्याख्याता संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. भूपेन्द्र गिलहरे, सर्व शिक्षक कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र बनाफर और राज्य शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेन्द्र ठाकुर सहित अन्य पदाधिकारी बड़ी संख्या में मौजूद थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहाँ राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ शिक्षा संवर्ग एवँ पंचायत सचिव संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए...
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहाँ राजधानी रायपुर स्थित बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में छत्तीसगढ़ शिक्षा संवर्ग एवँ पंचायत सचिव संघ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए ।संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा शासकीय कर्मचारियों एवँ अधिकारियों के हित में पुरानी पेंशन योजना लागू किये जाने पर उनका सम्मान कर आभार व्यक्त किया । इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री चन्द्रदेव राय तथा संघ के पदाधिकारीगण भी उपस्थित हैं । -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र, जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी रखने केंद्र से साझा आग्रह का अनुरोध...
रायपुर : केंद्र सरकार द्वारा जून 2022 के बाद से राज्यों को जीएसटी क्षति पूर्ति की राशि न देने के निर्णय पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र के माध्यम से केंद्र के इस निर्णय से राज्यों को होने वाली हानियों पर चर्चा की है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उड़ीसा, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, गुजरात, झारखंड, राजस्थान, पंजाब, बिहार, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, आंध्रप्रदेश, हैदराबाद, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, तेलंगाना और दिल्ली जैसे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजा है। इस पत्र में श्री बघेल ने 17 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से केंद्र सरकार से क्षतिपूर्ति दस वर्ष तक जारी रखने का साझा आग्रह करने का अनुरोध किया है, ताकि राज्यों के राजस्व को भारी हानि होने से बचाया जा सके और जीएसटी क्षतिपूर्ति जारी रखने अन्यथा वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा सके।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इसमें राज्यों के मुख्यमंत्रियों से चर्चा करते हुए तीन बिंदुओं में अपनी बात रखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में 29 दिसंबर, 2021 को नई दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बजट-पूर्व बैठक में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों ने जून 2022 में समाप्त होने वाले जीएसटी मुआवजे पर चिंता व्यक्त की थी और केंद्र सरकार से इसे और 5 साल के लिए बढ़ाने का अनुरोध किया, जबकि इस मामले में सभी राज्य केंद्र सरकार से सकारात्मक निर्णय की उम्मीद रखते हैं।
दूसरे बिंदु में उन्होंने कहा है कि छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे मैन्युफैक्चरिंग राज्यों के लिए जीएसटी क्षतिपूर्ति नहीं मिलना एक बड़ा वित्तीय नुकसान होगा। वि-निर्माण राज्य होने के नाते, देश की अर्थव्यवस्था के विकास में हमारा योगदान उन राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है, जिन्हें वस्तुओं और सेवाओं की अधिक खपत के कारण जीएसटी शासन से लाभ हुआ है। यदि जीएसटी क्षतिपूर्ति जून 2022 से आगे जारी नहीं रखा गया, तो छत्तीसगढ़ भारी राजस्व नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आगामी वित्तीय वर्ष में लगभग 5,000 करोड़ का नुकसान हो सकता है। ठीक इसी तरह दूसरे राज्यों को भो आगामी वित्तीय वर्ष में राजस्व प्राप्तियां कम होगी।और राज्यों को इस समस्या से जनहित के कार्यों और विकास कार्यों के लिए पैसों की व्यवस्था करना बहुत कठिन हो जाएगा।
तीसरे बिंदु में श्री बघेल ने बताया है कि जीएसटी व्यवस्था की शुरुआत के बाद टैक्स नीति पर राज्यों की स्वतंत्रता बहुत कम हो गई है। वाणिज्यिक टैक्स के अलावा, राज्यों के पास टैक्स राजस्व की अन्य मदों में राजस्व बढ़ाने के लिए विकल्प नहीं बचे हैं। इसलिए, अर्थव्यवस्था पर कोविड-19 के दुष्प्रभाव से उबरने के लिए और राज्यों को जीएसटी का यथोचित लाभ मिलने तक, राज्यों को केंद्र सरकार से अनुरोध करना चाहिए कि वह कम से कम अगले 5 के लिए जीएसटी की कमी के लिए क्षतिपूर्ति के मौजूदा तंत्र को जारी रखे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्वास जताया कि राज्य उनकी बात से सहमत होंगे और एक साथ इस मुद्दे पर केंद्र से सहमति का साझा अनुरोध करेंगे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासाजा में बनने वाले 50 बिस्तर मातृ शिशु अस्पताल कानामकरण स्व. (श्रीमती) बिंदेश्वरी देवी बघेल के नाम पर
स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल साजा के अधोसंरचना विकास के लिए मिलेंगे 2 करोड़ रूपए
छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 76वां वार्षिक राज अधिवेशनधमधा राज के कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज बेमेतरा जिले के विकासखण्ड मुख्यालय साजा मे आयोजित छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के 76वां वार्षिक राज अधिवेशन धमधा राज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने विधानसभा क्षेत्र साजा की नगर पंचायत-साजा, देवकर, परपोड़ी, थानखम्हरिया एवं धमधा में अधोसंरचना विकास के लिए एक-एक करोड़ रुपये दिए जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल साजा के लिए दो करोड़ रुपये तथा साजा में बनने वाले 50 बिस्तर मातृ शिशु अस्पताल (एमसीएच) का नामकरण स्व. (श्रीमती) बिंदेश्वरी देवी बघेल के नाम पर करने की घोषणा की। समारोह में प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा, धमधा राज प्रधान श्री चंद्रशेखर परगनिया, समाज के संरक्षक रामकुमार सिरमौर, नगर पंचायत अध्यक्ष साजा श्रीमती शालिनी जायसवाल सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कुर्मी समाज के 76वें वार्षिक राज अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे पुरखों ने छत्तीसगढ़ राज्य की कल्पना की थी। हमारी सरकार आने से छत्तीसगढ़िया राज महसूस हो रहा है। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक तीजा-पोरा, छेरछेरा, भक्त माता कर्मा जयंती, विश्व आदिवासी दिवस पर शासकीय अवकाश घोषित किया गया। अरपा पैरी के धार को राज गीत घोषित किया गया है। प्रदेश सरकार किसानों की दशा बदलने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना की चौथी किश्त की राशि 31 मार्च 2022 को किसानों के बैंक खाते मे अंतरित कर दी जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना की शुरुआत कर सालाना 6 हजार रुपये सहायता राशि दी जा रही है। अब नये बजट में सालाना 7 हजार रुपये करने की घोषणा कर दी गई है। कोदो-कुटकी रागी को समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। गांव के गौठान को महात्मा गांधी की परिकल्पना के अनुरुप रुरल इंडस्ट्रियल पार्क के रुप में विकसित किया जा रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में एक नया प्रयोग किया गया है और राज्य में 172 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गये है। इससे गरीब परिवार के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम में निःशुल्क शिक्षा हासिल करने का अवसर सुलभ हुआ है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा योजनांतर्गत 5 लाख रुपये तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर समाज के प्रतिभावान युवक-युवतियों को सम्मानित किया। पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर साजा एवं बेरला के शासकीय कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया। छत्तीसगढ़ श्रमजीवी पत्रकार संघ के ब्लॉक अध्यक्ष साजा श्री कृष्ण कुमार राठी के नेतृत्व में सभी सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत किए। कुर्मी समाज की ओर से गजमाला से मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया गया।
कृषि मंत्री श्री चौबे ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों, मजदूरों, समाज के कमजोर वर्गों के भलाई के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने शपथ ग्रहण के पहले दिन की किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से इस साल किसानों के खाते में 20 हजार करोड़ रुपया अंतरित हुआ। कृषि मंत्री ने मनवा कुर्मी समाज के पुरोधा स्व. चंदूलाल चंद्राकर, स्व. वासुदेव चंद्राकर, स्व. पु़रुषोत्तम कौशिक के समाज के उत्थान की दिशा में उनके कार्यों का स्मरण किया। श्री रविन्द्र चौबे ने साजा के स्व. लतेल राम वर्मा का स्मरण करते हुए कहा कि उनकी उंगली पकड़कर मैने अपने सार्वजनिक जीवन की शुरुआत की थी। कृषि मंत्री ने उम्मीद जताई कि आने वाले समय में छत्तीसगढ़ देश का सबसे समृद्ध खुशहाल और उन्नत राज्य बनेगा। इस दिशा में मुख्यमंत्री निरंतर कार्य कर रहे हैं। मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष श्री चोवाराम वर्मा, धमधा राज प्रधान श्री चंद्रशेखर परगनिया ने भी सम्मेलन को संबोधित किया। इस अवसर पर कलेक्टर श्री विलास भोसकर संदीपान, पुलिस अधीक्षक श्री धमेन्द्र सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्रीमती लीना मंडावी, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व साजा धनराज मरकाम उपस्थित थे।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था को उद्योगों से जोड़ने की पहल नई उद्योग नीति में की गई है। राज्य में कृषि उत्पादनों और वनोपजों के वैल्यूएडिशन के जरिए भी लोगों को रोजगार मुहैया कराने के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। राज्य में पिछड़े वर्गों को उद्योगों से जोड़ने के नये प्रावधान भी किए गए हैं। राज्य में उद्योग हितैषी नीतियों के कारण नये-नये उद्योगों की स्थापना हो रही है। युवाओं को उद्यमियता से जोड़ने के लिए नये स्टार्टअप विशेष प्रोत्साहन पैकेज दिए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में निवेश प्रोत्साहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। कोर सेक्टर के साथ ही नये क्षेत्रों में भी उद्यमियों को आकर्षित किया जा रहा है। विगत 3 वर्षों में कुल एक हजार 751 औद्योगिक इकाइयां स्थापित हुई है, जिसमें 19550.72 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। इससे 32 हजार 912 लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है। इस दौरान कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित 478 इकाईयां स्थापित हुई है, जिसमें कुल 1167.28 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है तथा 6319 व्यक्तियों को रोजगार भी मिला है।
फूड पार्को की स्थापना-किसानों की फसल का वैल्यूएडिशन कर नये उत्पाद तैयार करने के लिए 200 फूड पार्कों की स्थापना के लिए काम शुरू कर दिया गया है। लगभग 110 फूड पार्कों के लिए जमीन का चिन्हांकन एवं अन्य आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में फुडपार्क स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है, आने वाले वर्षों में राज्य में कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण पर आधारित कई उद्योग भी स्थापित होंगे और जिससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
खाद्य प्रसंस्करण मिशन -छत्तीसगढ़ खाद्य प्रसंस्करण मिशन योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण सहायता अनुदान के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 में 14 करोड़ रूपए का प्रावधान रखा गया है। इस योजना के तहत उद्योगों का उन्नयन, स्थापना, आधुनिकीकरण तथा उद्यानिकी एवं गैर उद्यानिकी दोनों क्षेत्रों में कोल्ड चेन, मूल्य संवर्धन एवं संरक्षण अधोसंरचना का विकास, प्रसंस्करण केंद्र व संग्रहण केंद्र भी योजना में सम्मिलित है।एथेनॉल प्लांटसहकारिता के क्षेत्र में देश में पहली बार पीपीपी मोड पर कंवर्धा जिले के भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाने में एथेनॉल प्लांट की स्थापना के लिए अनुबंध किया गया है। इसी प्रकार कोण्डागांव जिले के कोकड़ी गांव में प्रस्तावित मक्का प्रसंस्करण ईकाई में मक्का आधारित एथेनॉल संयंत्र की स्थापना का निर्णय लिया गया है।
पिछड़ा वर्ग को प्रोत्साहन-अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला वर्ग के उद्यमियों के लिए स्वयं का उद्योग स्थापित करने हेतु अंशपूंजी सहायता के रूप में अनुदान योजना लागू की गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में 10 प्रतिशत भूमि आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। राज्य के बंद एवं बीमार उद्योगों को क्रय किए जाने पर नवीन पंजीयन के साथ ही अनुदान एवं छूट की भी पात्रता देने का निर्णय लिया गया है।
3 साल में 167 एमओयू -नए उद्योग की स्थापना के लिए जनवरी 2019 से फरवरी 2022 तक कुल 167 एमओयू किए गए हैं। जिनमें 78 हजार करोड़ रुपए का निवेश प्रस्तावित है। जिसके तहत 90 इकाइयों ने उद्योग स्थापना की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब तक 2,750 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश किया गया है। कुछ इकाइयों ने व्यवसायिक उत्पादन प्रारंभ कर दिए हैं।
508 स्टार्टअप इकाईयां पंजीकृत -औद्योगिक नीति 2019-24 में स्टार्टअप इकाईयों को प्रोत्साहित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य स्टार्टअप पैकेज लागू की गई है। जिसके तहत विगत 3 वर्षों में 508 स्टार्टअप इकाईयां पंजीकृत हुई है। भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त इकाइयों को छत्तीसगढ़ में स्थापित होने पर विशेष प्रोत्साहन पैकेज देने की घोषणा की गई है। इसके तहत ब्याज अनुदान, स्थाई पूंजी निवेश अनुदान, विद्युत शुल्क पर छूट, स्टांप शुल्क में छूट, परियोजना प्रतिवेदन में छूट इत्यादि छूट प्रदान की जा रही है।
नवीन उद्योगों के लिए रियायत-औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत 16 प्रमुख से एमएसएमई सेवा श्रेणी उद्यमों जैसे इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केंद्र बीपीओ 3 डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। महिला स्व-सहायता समूह एवं तृतीय लिंग के उद्यमियों को उद्योग निवेश प्रोत्साहन हेतु पृथक से वर्गीकृत किया गया है। इसके अलावा मेडिकल एवं लेबोरेटरी उपकरण, मेडिकल ऑक्सीजन गैस, ऑक्सीजन सिलेेंडर, आक्सीजन कन्सनट्रेटर, फेस मास्क, कोविड जैसे संक्रमण वाली बीमारियों के टेस्ट में उपयोग होने वाले उपकरण, टीका बनाने के उपकरण को प्राथमिकताओं वाली उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहित किया जा रहा है।
-
'द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रसिद्ध अभिनेता, गायक, फिल्म निर्माता-निर्देशक श्री क्षमानिधि मिश्रा के निधन पर गहन शोक व्यक्त करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने कहा है कि श्री मिश्रा का असमय निधन छत्तीसगढ़ के कला-जगत को अपूरणीय क्षति है। ईश्वर उनके परिजनों को इस असीम दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक की कुनकुरी (जिला जशपुर) और लैलूंगा (जिला रायगढ़) शाखा का वर्चुअल शुभारंभ किया...
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक की कुनकुरी (जिला जशपुर) और लैलूंगा (जिला रायगढ़) शाखा का वर्चुअल शुभारंभ किया।.सहकारिता मंत्री डॉ.प्रेमसाय सिंह टेकाम, अपेक्स बैंक के अध्यक्ष श्री बैजनाथ चंद्राकर मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे। उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल,संसदीय सचिव एवं विधायक कुनकुरी श्री यू.डी.मिंज, विधायक पत्थलगांव श्री रामपुकार सिंह, विधायक जशपुर श्री विनय कुमार भगत, विधायक श्री चक्रधर सिंह सिदार, विधायक श्री लालजीत सिंह राठिया, विधायक श्री प्रकाश नायक कार्यक्रम वर्चुअल रूप से जुड़े। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा29, 30 एवं 31 मार्च को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके करा सकते हैं रिकॉर्डिंग
रेडियोवार्ता की 28 वीं कड़ी 10 अप्रैल को होगी प्रसारित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल रेडियोवार्ता लोकवाणी में इस बार ‘‘नवा छत्तीसगढ़-नवा बजट’’ विषय पर बातचीत करेंगे। इस संबंध में आप आकाशवाणी रायपुर के दूरभाष नंबर 0771-4003482, 4003483 और 4003484 पर 29, 30 एवं 31 मार्च को अपरान्ह 3 से 4 बजे के बीच फोन करके अपने सवाल रिकॉर्ड करा सकते हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 28 वीं कड़ी का प्रसारण 10 अप्रैल 2022 को होगा। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
- बेहतर वित्तीय प्रबंधन से छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राजस्व सरप्लस की स्थिति : श्री भूपेश बघेल
- छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी
- राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि और वित्तीय घाटा में हो रही लगातार कमी
- छत्तीसगढ़ विधानसभा में 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित
- पिपरिया, कुंडा, बचरापोड़ी, चलगली, हसौद और सारागांव में नई तहसील की घोषणा
- अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज चर्चा के बाद 01 लाख 12 हजार 603 करोड़ 40 लाख रूपए की राशि का छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था देश के पहले से स्थापित बड़े राज्यों की तुलना में बहुत अच्छी है। राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है और वित्तीय घाटा भी बेहतर वित्तीय प्रबंधन और अनुशासन से लगातार कम किया जा रहा है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हालांकि कोविड-19 की दूसरी लहर के कारण राज्य के राजस्व में कमी आई, लेकिन बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते हम कम ऋण भी ले रहे हैं। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2012-13 के बाद सबसे कम ऋण इस वर्ष लिया है। चालू वर्ष में केवल एक हजार करोड़ का शुद्ध ऋण लिया गया है। केन्द्र सरकार कहती है कि जीएसटी के एवज में राज्य सरकार ऋण ले। वर्ष 2019-20 में 3109 करोड़ रूपए का लोन लिया गया। वर्ष 2021-22 में 8 हजार 71 करोड़ का लोन लिया गया, जिसमें जीएसटी ऋण 4965 करोड़ रूपए तथा विशेष केन्द्रीय सहायता ऋण 282 करोड़ शामिल है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2021-22 की प्रथम तिमाही में 4000 करोड़ का ऋण लिया गया। दूसरी तिमाही में पूंजीगत व्यय 4624 करोड़ रूपए था, जो लिए गए ऋण से अधिक था। जनवरी 2022 की स्थिति में पंूजीगत व्यय 7629 करोड़ रूपए था और राजस्व आधिक्य 1103 करोड़ रूपए था। इसी प्रकार वित्तीय घाटा 6591 करोड़ रूपए था, जो जीएसडीपी का मात्र 1.65 प्रतिशत था। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सर्वजन हिताय- सर्वजन सुखाय की भावना के साथ काम करते हुए प्रदेश के किसानों, आदिवासियों युवाओं, महिलाओं, मजदूरों के हित में प्रारंभ की गई योजनाओं को पूरा करेगी और मितव्ययता को अपनाते हुए अनुत्पादक व्ययों में कमी लाने का हर संभव प्रयास करेगी।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान सदस्यों द्वारा नवीन तहसीलों के गठन की मांग पर सदन में कबीरधाम जिले में पिपरिया और कुंडा, कोरिया जिले में बचरापौड़ी, बलरामपुर में चलगली, जांजगीर-चांपा जिले में हसौद और मुंगेली जिले में सरगांव में तहसील के गठन की घोषणा की। उन्होंने पत्रकारों को अधिमान्यता के नवीनीकरण में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को देखते हुए अधिमान्यता नियम में संशोधन करने तथा अगले कैलेंडर वर्ष से पत्रकारों की अधिमान्यता का नवीनीकरण 2 वर्ष में करने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने विनियोग पर चर्चा करते हुए कहा कि विनियोग वर्ष 2022-23 का आकार 01 लाख 12 हजार 603 करोड रुपए है। बजट 2022-23 का शुद्ध व्यय 1 लाख 4000 करोड रुपए का है। इसमें राजस्व व्यय 88 हजार 371 करोड़ रूपए और पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ रूपए है। राज्य को कुल 01 लाख 4 हजार करोड़ रूपए की राजस्व प्राप्ति होगी, जिसमें राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ रूपए तथा पंूजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ रूपए होगी। बजट के वित्तीय संकेतकों का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राजस्व आधिक्य 702 करोड़ रूपए, वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ रूपए का अनुमान है। वर्ष 2022-23 के लिए अनुमानित जीएसडीपी 4 लाख 38 हजार 478 करोड़ रूपए तथा जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में वित्तीय घाटा 3.33 प्रतिशत होगा। बजट में अनुसूचित जनजाति के लिए 33 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 12 प्रतिशत, सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत तथा आर्थिक क्षेत्र के लिए 40 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। बजट में कृषि बजट का आकार 20 हजार 405 करोड़ रूपए है।मुख्यमंत्री ने राज्य की आर्थिक स्थिति की जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2021-22 के प्रावधिक अनुमान अनुसार स्थिर भाव पर राज्य की जीएसडीपी में 11.54 प्रतिशत वृद्धि संभावित है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 9.2 प्रतिशत कमी की तुलना में अधिक है। वर्ष 2021-22 में स्थिर भाव पर कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। राष्ट्रीय स्तर पर इन क्षेत्रों में अनुमानित वृद्धि दर क्रमशः 3.9 एवं 11.8 प्रतिशत तथा 8.2 की तुलना में छत्तीसगढ़ में काफी बेहतर स्थिति है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष राज्य में राजस्व सरप्लस की स्थिति है। छत्तीसगढ़ ने बजट का 80 प्रतिशत लोन लिया है। झारखण्ड में 89 प्रतिशत ऋण है। इसी तरह उत्तराखण्ड में 104 प्रतिशत, उत्तरप्रदेश में 92 प्रतिशत, गुजरात में 146 प्रतिशत, मध्यप्रदेश में 125 प्रतिशत और हरियाणा में 180 प्रतिशत ऋण है। छत्तीसगढ़ की स्थिति पहले से स्थापित देश के कई राज्यों से बेहतर है।मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के तहत राज्य सरकार केन्द्र की किसान सम्मान निधि योजना से ज्यादा राशि भूमिहीन कृषि मजदूरों को देगी। भूमिहीन कृषि मजदूरों को प्रतिवर्ष 7000 रूपए की सहायता दी जाएगी। इस योजना का लाभ हमारी आदिवासी संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले का मांझी, बैगा, गुनिया और पुजारी को भी मिलेगा। इसके साथ-साथ हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया को भी इस योजना के समान लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए कहा कि पीएससी और व्यापमं की परीक्षाओं में स्थानीय युवाओं को शुल्क से छूट दी गई है। कर्मचारियों के हितों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने एनपीएस स्थान पर पुरानी पेंशन योजना बहाली करने का निर्णय लिया है। शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में आगामी वर्ष से वृद्धि की जाएगी। उन्होंने कहा कि विधान सभा के सदस्यों की क्षेत्र विकास निधि 2 करोड रुपए से बढ़ाकर 4 करोड़ रूपए की जा रही है। जनपद अध्यक्षों का मानदेय 6000 रूपए से बढ़ाकर 10000 रूपए, जनपद उपाध्यक्ष का मानदेय 4000 रूपए से बढ़ाकर 6000 रूपए और सदस्यों का मानदेय 1500 रूपए से बढ़ाकर 5 हजार रूपए प्रतिमाह किया जाएगा। बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों और पदोन्नति का लाभ देने के लिए डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स का नवीन कैडर का गठन किया जाएगा। पांच पुलिस चौकियों मारो (बेमेतरा), जेवरा-सिरसा (जिला-दुर्ग), नैला (जांजगीर-चांपा), खरसिया (रायगढ़) और वाड्रफनगर (बलरामपुर) के थाने में उन्नयन के लिए 226 नवीन पदों, तीन नवीन पुलिस चौकी भैंसा (रायपुर), घटारानी जतमई (गरियाबंद), राहूद (जांजगीर) की स्थापना हेतु 99 पदों, बिलासपुर, जगदलपुर एयरपोर्ट की सुरक्षा के लिए 114 नवीन पदों का सृजन किया जाएगा। नौ जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बैरक निर्माण के लिए 16.96 करोड़ रूपए का प्रावधान तथा रायपुर में छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक, पुलिस मेमोरियल टावर के लिए 01 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने पुलिस प्रशासन की सराहना करते हुए कहा कि पुलिस द्वारा नशे का कारोबार करने वालों पर लगातार कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में चिटफंड कंपनियों के विरूद्ध 436 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। चिटफंड कंपनियों की 18 करोड़ से अधिक लागत की संपत्ति की नीलामी की गई और 17 हजार से अधिक निवेशकों को 11 करोड़ 32 लाख रूपए की राशि वापस दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवगठित मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ़-बिलाईगढ़ और मनेन्द्रगढ़ जिलों के लिए 1100 नवीन पदों तथा 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों के लिए 37 पदों का प्रावधान किया गया है। बजट में अनुसूचित जाति तथा जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिए संचालित भवनविहीन छात्रावास आश्रमों हेतु 106 भवनों के निर्माण के लिए 50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी तरह जगदलपुर (बस्तर), बासीन (बालोद), माकड़ी (कोण्डागांव) एवं मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जनता की मांग को देखते हुए 32 नवीन स्वामी आत्मानंद शुद्ध हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ करने का प्रावधान किया गया है प्रत्येक जिले में कम से कम एक हिंदी माध्यम स्कूल प्रारंभ होंगे। स्वास्थ्य व्यवस्था और चिकित्सा शिक्षा की बेहतर व्यवस्था के लिए नवीन भवन, आधुनिक लैब, उपकरणों और मानव संसाधन की व्यवस्था की जा रही है। विगत दो वर्षों में 01 हजार 329 डाक्टरों के साथ पुलिस और महिला बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, लैब टेक्निशियनों तथा तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों की नियुक्ति की जा चुकी है। जगरगुण्डा (सुकमा) में 30 बिस्तर सीएससी एवं अहिवारा (दुर्ग) में 10 बिस्तर एनआरसी हेतु 45 पदों का सृजन, खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत मुख्यमंत्री पोषण अभियान सहित अन्य योजनाओं से विगत 3 वर्षों के दौरान कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के अनुसार राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 से कम है। उन्होंने कहा कि राज्य के 48.60 लाख परिवारों को नल से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल जीवन मिशन में 01 हजार करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। इसी प्रकार नगरीय निकायों में भी जल प्रदाय योजना के लिए प्रावधान किया गया है। वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना में नरवा योजना के तहत 1950 नालों को उपचारित करने के लिए 300 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा 65 वनोपजों का समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इस योजना का यह सकारात्मक प्रभाव है कि इस वर्ष बस्तर में व्यापारी 45 रूपए प्रतिकिलो की दर पर महुए की खरीदी कर रहा है। प्रदेश में कोदो, कुटकी 3000 रूपए और रागी 3377 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जा रही है। इन फसलों का उत्पादन करने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना 10 हजार प्रति एकड़ इनपुट सब्सिडी का लाभ भी मिलेगा।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि प्रदेश के विकास में युवा शक्ति की सहभागिता बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 तथा नगरीय क्षेत्रों में 1605 राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जाएगा। इस क्लब द्वारा अपनी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के साथ-साथ शासकीय योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोक निर्माण विभाग के बजट में 6638 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से वर्तमान में 16 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों एवं पुलों का निर्माण किया जा रहा है। राज्य मार्गों के निर्माण के लिए 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के लिए 458 करोड़, ग्रामीण मार्गों हेतु 810 करोड़, वृहद एवं मध्यम निर्माण हेतु 315 करोड़ रूपए, मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना के लिए 150 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि बस्तर संभाग में मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरूआत की जाएगी। जिसके तहत जगदलपुर विकासखण्ड के नानगूर में ककून बैंक की स्थापना की जाएगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिए दिया जाएगा। इन समूहों को इसके लिए प्रशिक्षण के साथ मशीन उपकरण भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य के वित्तीय प्रबंधन की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 3 वर्षो में केन्द्र सरकार से केन्द्रीय करों में राज्य के हिस्से की राशि में 13 हजार 89 करोड़ रूपए की कमी तथा कोविड आपदा के कारण राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं होने के कारण राज्य सरकार को ऋण लेना पड़ा। राज्य सरकार द्वारा केवल 33 हजार 886 करोड़ रूपए का शुद्ध ऋण लिया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य के पूंजीगत व्यय में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2021-22 के मुख्य बजट में पूंजीगत व्यय हेतु 13,839 करोड़ का प्रावधान था, जो पुनरीक्षित अनुमान में बढ़कर 14,191 करोड़ तथा वर्ष 2022-23 के बजट में 15,241 करोड़ रखा गया है। इसी प्रकार वित्तीय घाटा भी लगातार कम किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 के लिए वित्तीय घाटा राज्य की जीएसडीपी का केवल 2.55 प्रतिशत होगा। यह एफआरबीएम एक्ट के अंतर्गत निर्धारित 3 प्रतिशत की सीमा से काफी कम है। - बेहतर वित्तीय प्रबंधन से छत्तीसगढ़ में इस वर्ष राजस्व सरप्लस की स्थिति : श्री भूपेश बघेल
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को विश्व जल दिवस की शुभकामनाएं दी है। उन्होंने अपने संदेश में कहा है कि विश्व जल दिवस के मौके पर हम सभी जल के समस्त स्रोतों के संरक्षण और संवर्धन हेतु प्रतिबद्ध हो।मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमारा छत्तीसगढ़ तालाबों, नदियों का प्रदेश है, जबकि सही देखरेख और जागरूकता के अभाव में सुख रहे हैं। छत्तीसगढ़ सरकार नरवा कार्यक्रम के तहत् इन जल स्रोतों के संवर्धन का प्रयास कर रही है, मगर इसके लिए जन समुदाय की सहभागिता भी उतनी ही जरूरी है। आप सभी से आग्रह है कि हमारे धरोहर तालाब, जल स्रोतों को बचाने के लिए स्वयमेव पहल कर नई पीढ़ी को भी इसके लिए प्रेरित करें। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
जनता को राहत पहुंचाने और विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय
विधानसभा में मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित व्यय के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें पारित
लगातार बढ़ रहा खनिज राजस्व इस वर्ष लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान
लोकसेवा केन्द्रों से इस वर्ष 25 लाख 21 हजार से अधिक नागरिकों को मिला विभिन्न शासकीय सेवाओं का लाभ
हाफ बिजली बिल योजना: 40.74 लाख घरेलू उपभोक्ताओं को मिली 2200 करोड़ रुपए की राहत
बिजली पर किसानों को तीन वर्षों में मिली 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट
पुरानी पेंशन योजना की बहाली से अधिकारी-कर्मचारियों को नहीं रहेगा बुढ़ापे में टेंशन
पांच नये जिलों में जिला जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थापना के लिए प्रावधान
रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के विभागों के लिए 12681 करोड़ 75 लाख 82 हजार रूपए की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं। इस राशि में से सामान्य प्रशासन विभाग के लिए 339 करोड़ 68 लाख 81 हजार रूपए, सामान्य प्रशासन विभाग से संबंधित अन्य व्यय के लिए 429 करोड़ 60 लाख 90 हजार रूपए, वित्त विभाग से संबंधित व्यय के लिए 7734 करोड़ 24 लाख 25 हजार रूपए, जिला परियोजनाओं से संबंधित व्यय के लिए 208 करोड़ 65 लाख रूपए, ऊर्जा विभाग से संबंधित व्यय के लिए 2634 करोड़ 17 लाख 38 हजार रूपए, खनिज साधन विभाग से संबंधित व्यय के लिए 751 करोड़ 70 लाख 42 हजार रूपए, जनसम्पर्क विभाग से संबंधित व्यय के लिए 329 करोड़ 87 लाख 10 हजार रूपए, इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के लिए 192 करोड़ 32 लाख 68 हजार रूपए और विमानन विभाग के लिए 61 करोड़ 49 लाख 28 हजार रूपए का प्रावधान किया गया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सदन में हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि राज्य सरकार ‘सेवा, जतन, सरोकार’ और ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ इन दो ध्येय वाक्यों को लेकर चल रही है। हमने एक ओर जहां जनता को जल्दी से जल्दी राहत पहुंचाने पर जोर दिया है, वहीं दूसरी ओर उन्हें प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के हरसंभव उपाय कर रहे हैं। वर्ष 2018 में जिन हालात में कराहता हुआ छत्तीसगढ़ मिला था, उसकी याद करके भी रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हमने तीन वर्षों में बहुत से बड़े-बड़े बदलाव लाए हैं, जिसके कारण छत्तीसगढ़ की जनता को राहत भी मिली और सशक्तीकरण भी हुआ।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा की छत्तीसगढ़ महतारी का सबसे बड़ा आशीर्वाद हमें प्रचुर मात्रा में खनिज के रूप में मिला है। हमारा मानना है कि खनिज ऐसी धरोहर है, जिससे वर्तमान को संवारना है और इसे भविष्य के लिए सुरक्षित भी रखना है ताकि आने वाली पीढ़ियों को भी खनिज संसाधन मिल सके। इसलिए हमने बहुत ही पारदर्शी नीतियों और योजनाएं बनाई हैं। जिसके कारण एक ओर जहां खनिज राजस्व में तेजी से वृद्धि हो रही है वहीं दूसरी ओर इनका लाभ स्थानीय निवासियों को मिल रहा है। राज्य के समग्र विकास में हमारे खनिज संसाधन का समुचित उपयोग किया जा रहा है। खनिज राजस्व में उत्तरोत्तर वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि खनिज राजस्व के रूप में राज्य शासन को वित्तीय वर्ष 2020-21 में 5 हजार 517 करोड़ रुपए प्राप्त हुआ। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक की स्थिति में निर्धारित लक्ष्य 7 हजार 800 करोड़ रुपए के विरूद्ध 8 हजार 200 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस तरह वित्तीय वर्ष के अंत तक लगभग 11 हजार 900 करोड़ रुपए का खनिज राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएमएफ के दुरूपयोग के बहुत से किस्से इस सदन में गूंज चुके हैं। हमने डीएमएफ के सदुपयोग की दिशा में गंभीर कदम उठाए हैं। डीएमएफ का उपयोग अब खनन संक्रियाओं से प्रभावित व्यक्तियों एवं क्षेत्र के विकास हेतु किया जा रहा है। हमारी सरकार आने के बाद डीएमएफ के अंशदान से जिलों के कुपोषण दर कम करने, स्वास्थ्य, शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने, कृषि, प्रसंस्करण को बढ़ावा, रोजगार एवं हितग्राही मूलक कार्य प्राथमिकता पर स्वीकृत हो रहे है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल से दिसम्बर, 2021 तक डीएमएफ मद में अंशदान के रूप में 2 हजार 20 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है। डीएमएफ से अंशदान के रूप में वर्ष 2015 से अब तक कुल 8 हजार 35 करोड़ रुपए की राशि प्राप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी को जनसुविधा तथा जनसशक्तीकरण का माध्यम बनाया है। इस कड़ी में अब राज्य शासन की प्राथमिकता वाली योजनाओं की मॉनीटरिंग हेतु ऑनलाइन एडवांस प्लेटफॉर्म ‘मुख्यमंत्री सीजी कैम्प पोर्टल’ विकसित किया गया है। इस पोर्टल में प्रमुख फ्लैगशिप योजनाओं को शामिल किया गया है। जैसे गोधन न्याय योजना, मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, सीजी ई-डिस्ट्रिक्ट, मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना, नरवा, गरुवा, घुरुवा, बाड़ी योजना की ऑनलाइन मॉनीटरिंग इसी पोर्टल के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने कहा कि हमने सरकारी दफ्तरों तथा लोकसेवकों की जवाबदेही तय करते हुए लोकसेवा केन्द्रों को सक्षम बनाया है, जिनके माध्यम से इस वर्ष 25 लाख 21 हजार से अधिक नागरिक विभिन्न शासकीय सेवाओं से लाभान्वित हुए हैं। वर्तमान में विभिन्न विभागों की 132 सेवाएं ऑनलाइन रूप से उपलब्ध हैं। इस योजना के माध्यम से अभी तक 172 लाख 86 हजार से अधिक ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 161 लाख 66 हजार आवेदन निराकृत हो चुके हैं। हमारी तीन महत्वपूर्ण योजनाओं को राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है। ऑफलाइन शिक्षा के लिए ब्लूटूथ आधारित ई-शिक्षा समाधान ‘बुलठू के बोल’/ग्रामीण क्षेत्रों में नगद भुगतान हेतु ‘डिजिपे सखी’ और ‘गोधन न्याय योजना’ को भारत सरकार द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के अवसर पर जारी डिजिटल ट्रांसफॉर्मेंशन स्टोरीज की किताब में प्रकाशित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में हमने कुशल प्रबंधन और सही अनुशासन का पालन किया। यही वजह है कि कोरोना, कोयला संकट, लॉकडाउन जैसे तमाम अवरोधों के बावजूद हमने सर्वाधिक उत्पादन, उपलब्धता और आपूर्ति के कीर्तिमान बनाए। जब राज्य का गठन हुआ था तब छत्तीसगढ़ में बिजली की मांग सिर्फ 1हजार 334 मेगावाट होती थी। 2018 के अंत में 4 हजार 559 मेगावाट पहुंची और आज 5 हजार 57 मेगावाट के शीर्ष को हमने छुआ है।
उन्होंने कहा कि ट्रांसमिशन (पारेषण) की बात करें तो हमने कुशल प्रबंधन से पारेषण हानि 3 प्रतिशत के करीब ला दी है, जो नियामक आयोग द्वारा निर्धारित लक्ष्य 3.22 प्रतिशत से भी कम है। अच्छी व्यवस्था के कारण पारेषण प्रणाली की उपलब्धता 99.79 प्रतिशत रही, जो एक कीर्तिमान है। विगत वर्ष में पारेषण क्षमता बढ़ाने के लिए हमने 132/33 केव्ही क्षमता के 2 उपकेन्द्र उदयपुर (जिला सूरजपुर) तथा खैरागढ़ (जिला राजनांदगांव) में ऊर्जीकृत किया है तथा ऐसे 5 उपकेन्द्र शीघ्र पूर्ण करने जा रहे हैं। कोरोना और लॉकडाउन के बावजूद हमने प्रदेश में विद्युत विकास को गति दी। वितरण व्यवस्था की बात करें तो वर्ष 2018 तक अर्थात 18 वर्षों में प्रदेश में 4 लाख 17 हजार 523 सिंचाई पम्पों को बिजली दी गई थी, जबकि हमने मात्र 3 वर्षों में 67 हजार 942 पम्पों को बिजली दी है। यानी 3 वर्षों में 16 प्रतिशत। 11 केव्ही उपकेन्द्र की बात करें तो प्रदेश में 18 वर्षों में 1 लाख 56 हजार 94 उपकेन्द्र स्थापित हुए थे, जबकि हमने मात्र 3 वर्षों में 44 हजार 321 उपकेन्द्र स्थापित किए। यानी सिर्फ 3 वर्षों में 28 प्रतिशत। 11 केव्ही और निम्न दाब लाइनों की संख्या भी हमने 18 वर्षों की तुलना में 16 प्रतिशत बढ़ा दी है। राज्य सरकार ने अपनी विद्युत क्षमता का लाभ प्रदेश के जरूरतमंद परिवारों को देने का काम किया है। हाफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 400 यूनिट खपत पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। इस योजना के तहत हमने अभी तक 40 लाख 74 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को लगभग 2200 करोड़ रुपए की राहत दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को बिजली की ताकत देने के लिए निःशुल्क अथवा रियायती दर पर बिजली दी जा रही है। विगत 3 वर्षों में 5 लाख 94 हजार सिंचाई पम्प उपभोक्ता किसानों को 7 हजार 464 करोड़ रुपए की छूट दी गई है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए विद्युत खपत की कोई सीमा नहीं रखी गई है। अन्य वर्गों के किसानों को 3 हार्स पावर के पम्पों पर 6000 यूनिट तथा 3 से 5 हार्स पावर वाले किसानों को 7500 यूनिट बिजली प्रतिवर्ष निःशुल्क दी जा रही है। बीपीएल परिवारों को 30 यूनिट प्रति कनेक्शन प्रतिमाह की दर से निःशुल्क बिजली दी जा रही है, जिससे 17 लाख से अधिक परिवारों के घर रोशन हो रहे हैं। सौर ऊर्जा से विगत 3 वर्षों में 56 हजार से अधिक पम्पों की स्थापना की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बंद हो चुकी पुरानी पेंशन को फिर से बहाल करने का निर्णय लिया है, इससे अधिकारियों कर्मचारियों को बुढ़ापे की चिंता नहीं रहेगी क्योंकि उन्हें पेंशन मिलेगी।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जी.आई.एस. मैपिंग के माध्यम से ऐसे ग्रामों का चिन्हांकन किया गया था, जिनके 5 किलोमीटर के क्षेत्र में कोई भी बैंक शाखा/बैंक मित्र कार्यरत नहीं है। छत्तीसगढ़ राज्य में इसके अंतर्गत ऐसे 1 हजार 540 ग्रामों को चिन्हांकित किया गया। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 1 हजार 483 ग्राम में बैंकिंग सेवा पहुंचा दी है, जो लक्ष्य का लगभग 96.3 प्रतिशत होता है। वर्ष 2019-20 में छत्तीसगढ़ के ग्रामीण क्षेत्र में आम जनता तक बैंकिंग सुविधा की पहुंच के लिए विशेष प्रयास किए गए, जिसमें समस्त बैंकों के माध्यम से 21 हजार 312 बैंक मित्र नियुक्त किए जा चुके हैं। इसी तरह प्रदेश के नक्सल प्रभावित अंचलों में बैंक शाखाओं की संख्या 338 से बढ़कर 551, एटीएम की संख्या 222 से बढ़कर 455 कर दी गई है। लगभग 4 हजार बीसी सखियों की सेवाएं भी सराहनीय है। हमने जहां 91 हजार करोड़ रुपए लोगों की जेब में डाले, वहीं इन पैसों की सुरक्षा की दिशा में भी प्रयास करने में सफल हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के मुख्य बजट में वित्त विभाग अंतर्गत प्रमुख प्रावधानो की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य अंतर्गत विभागों की विभिन्न योजनाओं हेतु निर्बाध वित्त आपूर्ति हेतु लिए गए लोक ऋण के पुनर्भुगतान हेतु 6 हजार 11 करोड़ 90 लाख रुपए का प्रावधान। ऋण के ब्याज की समयबद्ध अदायगी हेतु 7 हजार 2 करोड़ 70 लाख रुपए का प्रावधान। राज्य के कर्मचारियों की पेंशन व अन्य सेवानिवृत्ति लाभों हेतु 7 हजार 594 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान। किसानों को दिए जाने वाले ब्याजमुक्त ऋण के संबंध में ग्रामीण बैंकों को दिए जाने वाले ब्याज अनुदान हेतु 16 करोड़ रुपए का प्रावधान। जगदलपुर में लेखा प्रशिक्षण शाला के स्थापना हेतु 6 नवीन पदों के सृजन के लिए 20 लाख रुपए का प्रावधान। इससे बस्तर क्षेत्र के कर्मचारियों के लेखा संबंधी ज्ञानवर्धन के साथ ही लेखा सेवाओं में प्रवेश व पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसम्पर्क विभाग द्वारा पंडित माधवराव सप्रे के नाम पर राष्ट्रीय पुरस्कार तथा स्वर्गीय चंदूलाल चन्द्राकर एवं स्वर्गीय मधुकर खेर की स्मृति में प्रतिवर्ष चयनित पत्रकारों को पुरस्कार दिया जाता है। इसके अलावा 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाले वरिष्ठ पत्रकारों को मुख्यमंत्री सम्मान निधि के रूप में 10 हजार रुपए की राशि देने की व्यवस्था की गई है। मीडियाकर्मियों तथा उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को बीमारी या दुर्घटना की स्थिति में चिकित्सा सहायता अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा 5 नए जिलों में जनसम्पर्क कार्यालयों की स्थापना के लिए भी हमने प्रावधान किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में विमानन सुविधाओं के विकास के संबंध में कहा कि रीजनल कनेक्टिविटी योजना अंतर्गत जगदलपुर, बिलासपुर एयरपोर्ट को 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप विकसित कर इनका लायसेंस प्राप्त किया गया है। मां दंतेश्वरी एयरपोर्ट, जगदलपुर से हैदराबाद-जगदलपुर-रायपुर सेक्टर में तथा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट, बिलासपुर (चकरभाठा) से दिल्ली-जबलपुर-बिलासपुर-प्रयागराज सेक्टर में अब नियमित विमान सेवा का संचालन हो रहा है। राज्य शासन द्वारा मां महामाया एयरपोर्ट, अम्बिकापुर दरिमा के रनवे के विकास के लिए राशि 43 करोड़ 98 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। एयरपोर्ट का विकास 3सी-व्हीएफआर एयरपोर्ट अनुरूप किया जा रहा है। शीघ्र ही एयरपोर्ट का लायसेंस प्राप्त कर यहां से घरेलू विमान सेवा प्रारंभ करने की योजना है। राज्य शासन द्वारा बिलासा देवी केंवट एयरपोर्ट बिलासपुर को 4सी-व्हीएफआर श्रेणी में विकसित करने की योजना बनाई गई है, ताकि यहां से बड़े विमानों का संचालन संभव हो सके। माना रायपुर एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की अपार संभावनाओं को देखते हुए राज्य शासन ने यहां से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा का संचालन प्रारंभ करने तथा व्यापार, वाणिज्य गतिविधियों के विकास के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्गाे सुविधा विकसित करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हमने रायपुर से दुबई एवं सिंगापुर के लिए विमान सेवा शीघ्र प्रारंभ करने का अनुरोध केन्द्र सरकार से किया गया है। अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा संचालन के लिए विमान संचालक कंपनी को राज्य शासन आवश्यक सब्सिडी भुगतान करने हेतु सहमत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार घर-घर में जल पहुंचाने का काम पूरा करेगी। प्रदेश में जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए नरवा योजना शुरू की गई है।
-
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मोपका कॉलेज का नामकरण स्वर्गीय रामनाथ वर्मा एवं ग्राम तिल्दाबांधा में पेयजल के लिए अतिरिक्त व्यवस्था की घोषणा
मुख्यमंत्री शामिल हुए बलौदाबाजार में आयोजित मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के सम्मेलन में
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने में गौठानों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि गौठानों को ग्रामीण आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ की कृषि प्रधान अर्थव्यवस्था के अनुरूप राज्य के अन्नदाताओं की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित की जा रही है। श्री बघेल आज बलौदाबाजार-भाटापारा के जिला मुख्यालय में आयोजित बलौदाबाजार राज कुर्मी क्षत्रिय समाज के अधिवेशन में को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने इस मौके पर मोपका कॉलेज का नामकरण स्वर्गीय रामनाथ वर्मा के नाम पर करने और ग्राम तिल्दाबांधा में पेयजल के लिए अतिरिक्त व्यवस्था घोषणा की। कार्यक्रम में उन्होंने 23 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को समाज की ओर से सम्मानित भी किया। इस दौरान उन्होंने पुष्पा वर्मा द्वारा लिखित चित्रोत्पला प्रेमदीप पुस्तक का भी विमोचन किया।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अधिवेशन को सम्बोधित करते हुए कहा कि कुर्मी समाज प्रगतिशील समाज है। समाज मंे व्याप्त विभिन्न विसंगतियों को दूर करने सार्थक कदम उठाए जा रहे हैं। किसी भी समाज में परिवर्तन के लिए शिक्षा बहुत आवश्यक है। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्रदान करने में राज्य में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। हमें केवल सरकारी नौकरी में ध्यान नहीं देना है,व्यवसाय के तरफ लोगों को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार छत्तीसगढ़िया के अस्मिता को जगाने एवं छत्तीसगढी संस्कृति को बचाने लगातार कार्य कर रही है। स्थानीय तीज त्योहार और खान-पान बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे लोगों में गर्व की अनुभूति हो।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद धान खरीदी की मात्रा और किसानों की संख्या में निरंतर वृद्धि हो रही है। वर्तमान में खेती के रकबा में वृद्धि हुआ है और इसके प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। राज्य में गोधन योजना से रोजगार और आय के नए स्रोत प्रारंभ हुए हैं। जिसके पास पहले कोई रोजगार नहीं होता था। वे भी गोबर बेचकर लाभ कमा रहे हैं। श्री बघेल ने कहा कि गांव की परंपरा को पुनर्जीवित करने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है। योजनाओं को चलाने के लिए सभी की भागीदारी जरूरी है। उन्होंने कहा कि सभी गौठानों में रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाया जाएगा गांधी जी के सपनों को साकार करने की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है।उन्होंने कहा कि गौठान को हम केवल गाय-बैल को एकत्र कर रखने का केवल ठौर हीं नहीं बल्कि इसे ग्रामीण आजीविका के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में विकसित कर रहे हैं। स्थानीय महिलाएं वर्मी कम्पोस्ट के साथ ही धूप,अगरबत्ती सहित स्थानीय जरूरत की तमाम चीजें तैयार कर रही हैं। खाली पड़े जमीन पर साग-सब्जी उपजा कर अतिरिक्त आमदनी भी अर्जित कर रहे हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता कुर्मी समाज के केन्द्रीय अध्यक्ष चोवाराम वर्मा ने की। उन्होंने सम्मलेन को सम्बोधित करते हुए कहा कि ग्राम स्वराज के गांधी जी के सपने को मुख्यमंत्री श्री बघेल आगे बढ़ा रहे हैं।
इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, राज्यसभा सांसद श्रीमती छाया वर्मा,संसदीय सचिव एवं विधायक चंद्रदेव राय,शकुन्तला साहू,जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राकेश वर्मा,पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी,छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरिश देवांगन,पूर्व विधायक श्री जनकराम वर्मा सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण और कुर्मी समाज के राजप्रधान और पदाधिकारी व सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद थे।
-
'न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा'- सुभाष गुप्ता
दर्दनाक सड़क हादसा- पत्रकार के परिवार के 3 लोगों की मौत, पत्रकार घायल..... परिवारिक पूजा में जा रहे थे
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा शोक व्यक्त किया...
सूरजपुर : एक भीषण सड़क हादसे में पत्रकार के परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं खुद पत्रकार गंभीर रूप से जख्मी हो गए। घटना उस वक्त हुई जब पत्रकार उपेंद्र दुबे अपने पूरे परिवार के साथ परिवारिक पूजा में शामिल होने के लिए जा रहे थे। पूरा परिवार यूपी के बनारस जा रहा था, इसी दौरान तड़के ये हादसा हो गया।घटना छत्तीसगढ़ मध्यप्रदेश की सीमा पर मधुटिकरा की है। इस घटना में पत्रकार उपेंद्र दुबे खुद गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं, जबकि हादसे में उनकी पत्नी, मां और बेटे की मौत हो गई है। गंभीर हालत में पत्रकार उपेंद्र दुबे को अंबिकापुर लाया जा रहा है। इस घटना में पत्रकार उपेंद्र दुबे की 70 वर्षीय मां मानमती देवी, 55 वर्षीय पत्नी देवरूपी दुबे और बेटा नवीन दुबे की मौत हो गई। हादसे के वक़्त पत्रकार का पूरा परिवार स्विफ्ट कार से जा रहा था। फिलहाल पत्रकार उपेंद्र दुबे की हालत गंभीर बनी हुई है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा शोक व्यक्त किया...
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सड़क हादसे में वरिष्ठ पत्रकार उपेंद्र दुबे के परिजनों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया हैं. उन्होंने हादसे में घायल पत्रकार के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हुए सरगुजा कलेक्टर को बेहतर इलाज के इतजाम के निर्देश दिए | -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों को रंगों के पर्व होली की बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। श्री बघेल ने इस अवसर पर सभी नागरिकों के लिए सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की है। होली की पूर्व संध्या पर जारी अपने शुभकामना संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि होली उत्साह और उमंग का त्यौहार है। यह रंगों, खुशियों और मेेल मिलाप का भी त्यौहार है। इस दिन ऊंच-नीच, छोटे-बड़े, जात-पात से परे सभी लोग आपसी स्नेह के रंग में सराबोर नजर आते हैं। यह दिन लोगों के बीच खुशियां बाटने का है। कोरोना काफी कम हो चुका है, लेकिन बचाव में ही सुरक्षा है। कोरोना गाईड लाइन का पालन करते हुए त्यौहार मनाएं। उन्होंने सभी लोगों से सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल होली मनाने की अपील की है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
छत्तीसगढ़ में गोबर से गुलाल का अभिनव प्रयोग
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय किसान मेला में की थी गोमय गुलाल की लांचिंग
वैज्ञानिको के मार्गदर्शन में समूह की महिलाओं ने बनाया एंटी बैक्टीरियल ’गोमय गुलाल’
रायपुर : फूलों से बने हर्बल गुलाल से होली सबने खेली होगी, लेकिन छत्तीसगढ़ में इस बार गोबर के बने गुलाल से होली रंगीन होगी। देश में गोबर से गुलाल बनाने का यह अभिनव प्रयोग पहली बार किया गया है। प्रदेश के दूरस्थ दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा जिले की सांई बाबा स्व सहायता समूह की महिलाएं कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन मंे गोबर से गुलाल तैयार कर रही हैं। इससे पहले महिलाओं ने फूल, सब्जियों से गुलाल तैयार किया था। प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा गोधन के माध्यम से आर्थिक समृद्धि की तैयार की गई राह से प्रेरित होकर महिलाओं ने गोबर से हर्बल गुलाल तैयार किया हैै, जिसे ’गोमय हर्बल गुलाल’ नाम दिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के परिसर में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय किसान मेला में 12 मार्च को गोमय गुलाल लांच किया है।
गोमय गुलाल को छतीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में बिक्री के लिए भेजा जा रहा है। एनएमडीसी बैलाडीला, बचेली, कलेक्टेªड परिसर दंतेवाड़ा, रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में लगे स्टॉल में भी इसे बेचा जा रहा है इसके साथ ही इसकी खरीदी ऑनलाइन भी की जा सकती है।
औषधीय गुणों से भरपूर हैकृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ नारायण साहू ने बताया कि गोमय हर्बल गुलाल प्रसंस्कृत गोमय (गोबर), प्रसंस्कृत वर्मी कम्पोस्ट और हल्दी, चंदन, चुकन्दर, कत्था, अरारोट, अपराजिता, सिंदूरी, मेंहदी तथा प्राकृतिक पदार्थों का हस्त निर्मित रंग संयोजन है। यह औषधीय गुणों से भरपूर है। यह एंटी रेडिएशन, एंटी बैक्टेरियल गुणों से युक्त है। यह सुगंधित है और त्वचा को ठंडकता प्रदान करता है। बालों और त्वचा की धुलाई, सफाई करता है।
इको फ्रेंडली और ह्यूमन फ्रेंडली हैयह गुलाल पूर्णत इकोफ्रेंडली और हयूमन फ्रेंडली है। यह महिलाओं के आय सृजन हेतु कम लागत में तैयार किया गया है जो गोठानों के शुद्ध गोबर से बनाया गया है। सांई बाबा स्वसहायता समूह में 20 महिलाए जुड़ी है। कृषि विज्ञान केन्द्र से जुड़कर विभिन्न तरीके से गुलाल बनाने के साथ गोबर से गुलाल बनाकर समूह की दीदियां काफी उत्साहित हैं। समूह की शांति कश्यप, पूजा बघेल सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि गोबर से गुलाल बनाने की जब बात आई तो हमने भी उत्साहित होकर काम किया। डॉ नारायण साहू ने बताया कि इससे महिलाओं को अच्छी आय प्राप्त हो रही है।
-
एजेंसीपंजाब : पंजाब के नए मुख्यमंत्री के तौर पर भगवंत मान ने शपथ ले ली है। एक दौर में कॉमेडियन रहे भगवंत मान आज से पंजाब की कमान संभाल रहे हैं। अपनी शपथ को उन्होंने पंजाबियत से जोड़ते हुए कहा है कि उनके साथ ही तीन करोड़ पंजाबी भी सीएम पद की शपथ लेंगे। बता दें कि आम आदमी पार्टी ने शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह के गांव में शपथ का आयोजन रखा है। आम आदमी की सरकार बनने का संकेत देते हुए पार्टी ने यह फैसला लिया है कि शपथ का आयोजन राजभवन की बजाय भगत सिंह के गांव में रखा जाए।
शपथ से पहले भगवंत मान ने कहा कि हम भगत सिंह और भीमराव आंबेडकर के सपनों को पूरा करने के लिए शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल समेत कई सीनियर नेता मौजूद हैं।
शपथ ग्रहण के बाद भगवंत मान का संबोधनभगवंत मान ने कहा कि मेरे लिए खटकड़ कला कोई नया नहीं है। भगत सिंह ने जो लड़ाई लड़ी थी वही लड़ाई मेरी पार्टी भी लड़ रही है। आपके प्यार का कर्जा उतारने के लिए कई जन्म लेने पड़ेंगे।
राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण समारोह का समापनराष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत हुई थी और राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम का समापन हो रहा है।