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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
लोकवाणी की 26वीं कड़ी प्रसारित
मुख्यमंत्री ने ‘‘सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार’’ विषय पर प्रदेशवासियों से की बात
राज्य में आर्थिक गतिविधियों के साथ रोजगार बढ़ाने पर विशेष जोर
छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1,715 नये उद्योग स्थापित: 19,500 करोड़ रूपए से अधिक का निवेश तथा 33 हजार लोगों को मिला रोजगार
बायो एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 18 निवेशकों से 3300 करोड़ रूपए के निवेश का एमओयू
छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन: पांच वर्षों में 15 लाख रोजगार के सृजन का लक्ष्य
राज्य के 110 विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए भूमि चिन्हांकित
उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली से दी जा रही 56 ऑनलाइन सेवाएं
औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आवंटन नियमों का हुआ सरलीकरण
प्रदेश में 21 हजार करोड़ रूपए से अधिक लागत की सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना
छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने 16 जिलों में गढ़ कलेवा स्थापित
छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में चार संसाधनों खनिज, कृषि, वानिकी और मानव संसाधन का महत्वपूर्ण योगदान
रायपुर, 13 फरवरी 2022
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी में आज ‘‘सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार’’ विषय पर प्रदेशवासियों से बात-चीत की। मुख्यमंत्री श्री बघेल की रेडियोवार्ता लोकवाणी की 26वीं कड़ी का प्रसारण आज छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से प्रातः 10.30 से 11 बजे तक किया गया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्योग, व्यापार और कारोबार के लिए अनुकूल वातावरण है। उन्होंने कहा कि संभावनाओं से भरपूर छत्तीसगढ़ में देश और दुनिया के निवेशक आकर देखें कि यहां उद्योग मित्र, व्यापार मित्र, कारोबार मित्र, उपभोक्ता मित्र, पर्यटक मित्र, रोजगार मित्र नीतियों से कैसे नवा छत्तीसगढ़ गढ़ा जा रहा है। राज्य में हमने शुरू से ही ऐसे कार्यों को महत्व दिया है, जिससे प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए और रोजगार के अवसर बढ़ें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमारे पुरखों ने यह सपना देखा था कि जब हमारा अपना छत्तीसगढ़ राज्य बनेगा, तब यहां कोई बेरोजगारी नहीं होगी। इसी ध्येय को ले करके हमारी सरकार द्वारा प्रदेश में सभी को आजीविका और रोजगार उपलब्ध कराने के लिए पहल की जा रही है। वन क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र, सरकारी क्षेत्र, अर्द्धसरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र, जहां भी रोजगार के अवसर दिख रहे हैं, वहां हमारी सरकार योजना बना कर कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमारे फैसलों से गांवों की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई। उसका लाभ उद्योग और व्यापार जगत को मिला। निश्चित तौर पर सबके सहयोग से हम छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को प्रदेश की अर्थव्यवस्था का आधार बनाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री बनने के बाद मैंने औद्योगिक नीति 2019-2024 की घोषणा की थी, जिसमें फूड, एथेनॉल, इलेक्ट्रॉनिक्स, डिफेंस, दवा, सोलर जैसे नए उद्योगों को प्राथमिकता दी गई थी। हम चाहते हैं कि छत्तीसगढ़ में सेवा क्षेत्र को बहुत प्रोत्साहन मिले। इसके लिए पर्यटन के अलावा अन्य कार्यों को भी चिन्हांकित किया गया है। एम.एस.एम.ई. सेवा श्रेणी उद्यमों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सेवा केन्द्र, बी.पी.ओ., 3-डी प्रिंटिंग, बीज ग्रेडिंग इत्यादि 16 सेवाओं को सामान्य श्रेणी के उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा कि बहुत से मेडिकल उपकरण तथा सामग्री स्थानीय स्तर पर ही बनाए जा सकते हैं, इसलिए इन्हें भी उद्योगों की भांति औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया है।औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन नियमों का सरलीकरण किया गया था, जिसके अनुसार औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि आबंटन भू-प्रब्याजी में 30 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों में भू-भाटक में 33 प्रतिशत की कमी की गई है। औद्योगिक क्षेत्रों एवं औद्योगिक क्षेत्रों से बाहर 10 एकड़ तक आबंटित भूमि को लीज़ होल्ड से फ्री होल्ड किए जाने हेतु नियम तैयार कर अधिसूचना जारी की गई। ऐसे प्रयासों के कारण छत्तीसगढ़ में तीन वर्षों में 1 हजार 715 नए उद्योग स्थापित हुए, जिसमें 19 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हुआ तथा 33 हजार लोगों को रोजगार मिला है। इसके अलावा 149 एमओयू भी किए गए हैं, जिसमें 74 हजार करोड़ रुपए का निवेश होगा और 90 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने बायो एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए 18 निवेशकों के साथ 3 हजार 300 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए एमओयू किया है, जिसमें 2 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने तो धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी केन्द्र सरकार से मांगी है। यदि यह अनुमति मिल गई तो धान के बम्पर उत्पादन को सही दिशा में उपयोग करते हुए हम बड़े पैमाने पर एथेनॉल बना सकते हैं और इससे बहुत बड़े पैमाने पर रोजगार का अवसर भी बना सकते हैं। इससे हम धान उत्पादक किसानों को बेहतर दाम दिलाने और उनकी माली हालत में लगातार सुधार के रास्ते भी बना सकते हैं।
हमने अपना वादा निभाते हुए विकासखण्डों में फूडपार्क की स्थापना के लिए 110 विकासखण्डों में भूमि का चिन्हांकन कर लिया है। औद्योगिक नीति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिलाओं, कृषि उत्पादक समूहों, तृतीय लिंग के लोगों के लिए विशेष पैकेज हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए ऐसा कोई प्रावधान औद्योगिक नीति में नहीं था। इस दिशा में ध्यान देते हुए ओबीसी प्रवर्ग हेतु 10 प्रतिशत भू-खण्ड आरक्षित किए जाएंगे, जो कि भू-प्रीमियम दर के 10 प्रतिशत दर तथा 1 प्रतिशत भू-भाटक पर उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं समाज के सभी वर्गों से यह अनुरोध करता हूं कि हमने प्रदेश में उद्यमिता विकास के माध्यम से रोजगार के नए अवसर पैदा किए हैं। सभी वर्ग के लोग इन अवसरों का लाभ उठाएं, बड़े पैमाने पर स्वयं भी स्वावलंबी बनें तथा कई लोगों को रोजगार देने का माध्यम भी बनें।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में हमने उद्योगों की सुगमता पर भी जोर दिया है। निश्चित तौर पर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्ड विश्व बैंक द्वारा तय किए जाते हैं। इससे पता चलता है कि किसी देश अथवा किसी राज्य में कामकाज की सुगमता की क्या स्थिति है। मुझे यह कहते हुए खुशी है कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मापदण्डों में हमारा छत्तीसगढ़ देश के प्रथम 6 राज्यों में शामिल है। उद्योग विभाग द्वारा एकल खिड़की प्रणाली से 56 सेवाएं ऑनलाइन दी जा रही हैं। ई-डिस्ट्रिक्ट के अंतर्गत 82 सेवाएं ऑनलाइन की गई हैं, जिसमें दुकान पंजीयन से लेकर कारोबार के लायसेंस तक शामिल हैं। हमने गुमाश्ता एक्ट के अंतर्गत हर साल नवीनीकरण की अनिवार्यता को समाप्त किया ताकि छोटे व्यापारियों को राहत मिले। सरकारी खरीद में पारदर्शिता लाने के लिए ई-मानक पोर्टल संचालित किया जा रहा है। इस तरह से राज्य में उद्योग, व्यापार और कारोबार का फ्रैंडली वातावरण बना है। इस तरह के सुधार किए जाने से लोगों का काफी समय बच रहा है। पहले जो समय दफ्तरों के चक्कर काटने में बिताना पड़ता था, उसका उपयोग अब लोग अपने काम-धंधे में कर रहे हैं। हमने छोटे भू-खण्डों की खरीदी और बिक्री पर पूर्व में, शासन द्वारा लगाकर रखी गई रोक को हटाने का निर्णय लिया था और कहा था कि इससे भी कारोबार और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मैं बताना चाहता हूं कि हमारे इस एक निर्णय से 2 लाख 87 हजार भू-खण्डों के सौदे हुए। एक भू-खण्ड बिकने से क्रेता-विक्रेता के अलावा उस भू-खण्ड को विकसित करने वाले कई लोगों को लाभ मिलता है। सीमेंट, लोहा, भवन सामग्री के विक्रेता, बिजली, नल, मिस्त्री, बढ़ई, राजमिस्त्री और कई तरह के काम करने वाले लाखों लोगों को रोजगार मिलता है। इससे लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलने लगी। यह पैसा बाजार में आया। इसके अलावा हमने महिलाओं के पक्ष में पंजीयन कराने पर स्टाम्प शुल्क में छूट दी है, जिससे 50 हजार 280 पंजीयन पर 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट दी गई है। इस तरह हमारी सरकार की जनहितकारी योजनाओं से बाजार में पैसा भी आया तथा लोगों को रोजगार भी मिला।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पर्यटन से भी राज्य में बड़े पैमाने पर रोजगार के नये अवसर बनेंगे। हम जिस वातावरण में पले-बढ़े हैं, उसमें हमारे पुरखों और माता-पिता से हमें धार्मिक सद्भाव और सांस्कृतिक एकता के संस्कार मिले हैं। आस्था के कारण हमारे मन में किसी स्थान पर दर्शन हेतु जाने की इच्छा पैदा होती है। आस्था से आत्मबल मजबूत होता है और ऐसे पर्यटन पर होने वाला खर्च लोगों को संतोष देता है इसलिए हमने आस्था स्थलों के विकास की रणनीति अपनाई है। इससे नए-नए स्थानों पर अधोसंरचना का विकास होता है। इसमें जो सामग्री लगती है, उससे स्थानीय स्तर पर उद्योग व्यापार पनपता है। स्थानीय सामग्री का वेल्यू एडीशन होता है। स्थानीय उत्पादों को अच्छा दाम मिलता है। राम वन गमन पथ के अंतर्गत कोरिया से लेकर सुकमा जिले तक 75 स्थानों का चिन्हांकन किया गया है। प्रथम चरण में 9 स्थानों का विकास किया जा रहा है। चन्दखुरी-जिला रायपुर में माता कौशल्या मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया गया है, जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर पर्यटक पहुंचने लगे हैं। आदिवासी अंचलों में देवगुड़ी तथा घोटुल स्थलों का विकास किया जा रहा है। सतरेंगा, सरोधा दादर, बालाछापर सरना, गंगरेल आदि स्थानों पर नए तरह के पर्यटन की सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिससे इन स्थानों में बड़ी संख्या में लोग पहुंचने लगे हैं। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर पर भी बढ़े हैं। छत्तीसगढ़ी खान-पान को प्रोत्साहित करने के लिए गढ़ कलेवा की स्थापना 16 जिलों में कर दी गई है। हमने छत्तीसगढ़ की अपनी फिल्म विकास नीति भी लागू कर दी है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि कोरोना काल में हमने सिर्फ छत्तीसगढ़ के ही नहीं बल्कि यहां से गुजरकर दूसरे राज्यों को जाने वाले मजदूरों की भी मदद की है। हमने अपने राज्य के मजदूरों के खाने-पीने, ठहरने, गांवों में क्वारंटाइन होने, जांच और उपचार की व्यवस्था के अलावा उन्हें अपने ही राज्य में रोजगार दिलाने के उपाय किए थे। हमारे बेहतर प्रबंधन को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली थी। उसी समय हमने घोषणा की थी कि प्रवासी श्रमिकों के लिए नीति बनाएंगे। इस तरह हमने छत्तीसगढ़ प्रवासी श्रमिक नीति 2020 को तैयार कर अधिसूचित किया है। इस नीति के तहत वापस लौटे प्रवासी श्रमिकों का ऑनलाइन पंजीयन किया गया। पलायन पंजी के ऑनलाइन संधारण की व्यवस्था की गई है। हम संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्रों के श्रमिकों के कल्याण की योजनाएं संचालित कर रहे हैं। श्रमिकों के परंपरागत कौशल को नवीन ज्ञान से संवारने हेतु उनके प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है। हम छत्तीसगढ़ में ऐसे अवसर पैदा कर रहे हैं कि हमारे प्रदेश के श्रमिकों को अन्य प्रदेशों में जाना ही नहीं पड़े। उनका कौशल और मेहनत राज्य के विकास के काम आए। भारत सरकार द्वारा असंगठित श्रमिकों के पंजीयन के लिए जो ई-श्रम पोर्टल बनाया गया है। उसमें भी हमने 64 लाख श्रमिकों का पंजीयन करते हुए देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। हमने कारखाना अधिनियम के तहत कामगारों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी है। इसके अलावा दो नई योजनाओं की घोषणा 26 जनवरी के अवसर पर की है। प्रत्येक जिला मुख्यालय तथा विकासखण्ड स्तर पर ‘मुख्यमंत्री श्रमिक संसाधन केन्द्र’ की स्थापना की जाएगी।श्रमिक परिवारों की बेटियों की शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा विवाह में सहायता के लिए ‘मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना’ शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत ‘छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल’ में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा। विगत तीन वर्षों में एक ओर जहां नक्सलवाद और उसकी हिंसक गतिविधियों पर प्रभावी अंकुश लगा है वहीं दूसरी ओर उद्योग, व्यापार और कारोबार में लगे लोगों को यह विश्वास हुआ है कि सरकार उनके साथ खड़ी है। प्रदेश के आर्थिक विकास के लिए उत्साहजनक वातावरण निर्मित हुआ है, जिससे हर क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हमने अधोसंरचना विकास के लिए बहुस्तरीय रणनीति अपनाई है। प्रदेश में 21 हजार करोड़ रुपए से अधिक लागत से सड़कों के निर्माण की कार्ययोजना बनाई गई है, जिसमें विभिन्न स्तरों पर काम चल रहा है। प्रदेश में सिंचाई क्षमता बढ़ाने के लिए केलो परियोजना, खारंग परियोजना, मनियारी परियोजना, अरपा भैंसाझार परियोजना को इस वर्ष पूर्ण करने के लिए तेजी से कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा हमने अनेक व्यावहारिक उपाय करते हुए मरम्मत व अन्य तरीकों से वास्तविक सिंचाई क्षमता को दोगुना कर दिया है। हमने विगत तीन वर्षों में डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ की संख्या लगभग दोगुनी कर दी है। विभिन्न विभागों के निर्माण कार्यों से स्थानीय युवाओं को जोड़ने के लिए हमने ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था की है, जिसमें विकासखण्ड स्तर पर 5 हजार युवाओं का पंजीयन किया गया है और उन्हें 200 करोड़ रूपए से अधिक लागत के काम सीमित प्रतियोगिता के आधार पर दिए गए हैं। इसके साथ ही ग्रामीण अधोसंरचना के विकास के लिए सुराजी गांव योजना संचालित की जा रही है। नरवा, गरुवा, घुरुवा और बारी के विकास से बहुत बड़े पैमाने पर ग्रामीण कारोबार के अवसर बढ़े हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए चार तरह के संसाधनों का सबसे ज्यादा योगदान हो सकता है-पहला खनिज, दूसरा कृषि, तीसरा वानिकी और चौथा मानव संसाधन। खनिज आधारित उद्योगों की स्थापना के लिए पूर्व में अनेक प्रयास हुए हैं लेकिन उनकी अपनी सीमाएं भी हैं। कृषि, वन और मानव संसाधन की भागीदारी को बहुत बड़े पैमाने में बढ़ाने की संभावनाएं हैं, जिस पर पहले गंभीरता से काम नहीं किया गया। दशकों से कृषि के नाम पर धान, वन के नाम पर तेन्दूपत्ता और मानव संसाधन के नाम पर सीमित सरकारी नौकरियों से अधिक की सोच नहीं रखी गई। हमने पूरी रणनीति ही बदल दी है। खनिज आधारित उद्योगों के स्थान पर ऐसे उद्योगों को प्राथमिकता दी गई जिससे पर्यावरण प्रभावित न हो। कृषि और वानिकी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। एक ओर धान की खेती करने वाले किसानों का मनोबल बढ़ाया वहीं दूसरी ओर वैकल्पिक फसलों के प्रति भरपूर जागरुकता पैदा की गई। हम बरसों से यह सुनते आए थे कि धान और गरीबी का चोली-दामन का साथ होता है। हमने इस कहावत को झुठला दिया है। अब हमारे धान उत्पादक किसान भी समृद्ध हैं। यही वजह है कि प्रदेश में धान की उत्पादकता और उत्पादन में रिकार्ड तोड़ वृद्धि हुई है। वहीं हर साल समर्थन मूल्य पर खरीदी का भी नया कीर्तिमान बना है। वर्ष 2017-18 में सिर्फ 15 लाख 77 हजार पंजीकृत किसान थे, जो अब बढ़कर 22 लाख 66 हजार हो गए। इसमें से 21 लाख 77 हजार किसानों ने धान बेचा है। खेती का रकबा 22 लाख से बढ़कर 30 लाख 11 हजार हेक्टेयर हो गया। धान की खरीदी 56 लाख 88 हजार से बढ़कर लगभग 98 लाख मीट्रिक टन हो गई। इसके अलावा मक्का, गन्ना, तिलहन, दलहन, लघु धान्य फसल, उद्यानिकी फसलों का विकास भी तेजी से हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब शिक्षित और युवा किसान भी तेजी से बढ़ रहे हैं, जो नई-नई तकनीक का उपयोग कर रहे हैं, जिसके नतीजे आने वाले समय में दिखाई देंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ के खेत अपने आप में उद्यम बन गए हैं। चाय, कॉफी, काजू, फल, फूल की खेती लगातार बढ़ने के साथ ही प्राकृतिक रेशों से धागे बनाने का काम भी हो रहा है। इतना ही नहीं, फूड प्रोसेसिंग को भी नई ऊंचाई पर ले जाने का कौशल हमारे ग्रामीण भाई-बहनों ने दिखाया है। हमारे नेता और सांसद राहुल गांधी जी ने 3 फरवरी को छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान ऐसे नए किसानों और उद्यमियों से भेंट की तथा उनके उत्पादों की दिल खोलकर तारीफ भी की। इसी तरह छत्तीसगढ़िया भाई-बहनों के हाथों के हुनर ने भी खूब तारीफ बटोरी। राहुल गांधी जी ने खुले मंच से कहा कि छत्तीसगढ़ के उत्पाद अब देश और दुनिया में भेजे जाने चाहिए। वन संसाधनों की बात करें तो पहले मात्र 7 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जाती थी। अब हमने 61 लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर करने की व्यवस्था कर दी है। ये सारे उत्पाद इशारा करते हैं कि छत्तीसगढ़ के भावी औद्योगिक विकास के लिए ये सभी सबसे अच्छा कच्चा माल साबित होंगे।
जहां तक मानव संसाधन की उद्यमिता का सवाल है तो हमने अब छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन कर दिया है, जिससे 5 वर्ष में 15 लाख रोजगार के अवसर सृजित करने का लक्ष्य दिया गया है। हमने सरकारी विभागों तथा अर्द्धसरकारी संस्थाओं में लाखों लोगों को नौकरी देकर यह साबित किया है कि यदि सरकार की इच्छा शक्ति मजबूत हो तो नई पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित रहेगा। यही कारण है कि जब पूरा देश कोरोना और लॉकडाउन के कारण मंदी से परेशान था, तब हमारा छत्तीसगढ़ उद्योग, व्यापार और कारोबार में नई ऊंचाइयां छू रहा था। न्याय योजनाओं के माध्यम से हमने किसानों, पशुपालकों और खेतिहर मजदूरों को आर्थिक संबल दिया। ऐसी कल्याणकारी पहल से 91 हजार करोड़ रुपए की राशि जरूरतमंद लोगों की जेब में डाली गई जिसके कारण खेत-खलिहानों से लेकर उद्योगों तथा बाजारों तक में रौनक बनी रही। सिर्फ उद्योग लगाना ही उद्यमिता नहीं है बल्कि कला, संस्कृति, खेलकूद, शोध, अनुसंधान, शिक्षा- दीक्षा तथा कुछ नया करने का जुनून भी उद्यमिता है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि मैं अपने युवा साथियों से अनुरोध करता हूं कि वे अपनी रुचि, अपने समाज, अपने प्रदेश के हित में अपनी आजीविका का जो भी रास्ता चुनें, उस पर डटे रहें। आप में वह क्षमता है कि किसी भी काम को चमका सकते हैं। हमने प्रदेश में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का ऐसा ढांचा खड़ा कर दिया है कि जिस तरह हमारे गौठान स्वावलंबी हो रहे हैं, उसी तरह गांव भी स्वावलंबी हो जाएंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
बीजापुर : बीजापुर जिले में सीआरपीएफ जवानों व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई है। उक्त मुठभेड़ में एक जवान के शहीद व एक जवान के घायल होने की खबर सामने आई है। घटना उसूर ब्लाक के तिम्मापुरम से लगे पुतकेल के जंगलों की जहां बड़ी संख्या में माओवादियों की मौजूदगी की सूचना है। बीजापुर SP कमलोचन कश्यप ने इसकी पुष्टि की है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक बीजापुर के उसूर ब्लॉक में सीआरपीएफ 168 बटालियन के जवान गश्त पर निकले थे। इसी दौरान तिम्मापुर से लगे पुतकेल के जंगलों में पुलिस और नक्सली के बीच मुठभेड़ हो गई। CRPF 168 बटालियन और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी है। मुठभेड़ में झारखंड निवासी असिसटेंट कमांडेंट SB तिर्की शहीद शहीद हो गए हैं, जबकि एक जवान भी जख्मी है। मुठभेड़ की यह घटना बासागुड़ा थाना क्षेत्र में हुई है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार पर होगी बात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी की 26 वीं कड़ी का प्रसारण 13 फरवरी 2022 को होगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल लोकवाणी में इस बार सुगम उद्योग, व्यापार-उन्नत कारोबार पर प्रदेशवासियों से बातचीत करेंगे। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केंद्रों, एफएम रेडियो और क्षेत्रीय समाचार चैनलों से सुबह 10.30 से 11 बजे तक किया जाएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाबोर्ड परीक्षा के लिए इस बार 6787 परीक्षा केन्द्र
छत्तीसगढ़ : छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा मंडल ने 10वीं-12वीं बोर्ड की परीक्षाओं के लिए परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाने का निर्णय लिया है। शिक्षा मंडल द्वारा प्रदेश के 6787 स्कूल मान्यता प्राप्त हैं। कोविड-19 के मद्देनजर इस वर्ष मुख्य परीक्षा-2022 के लिए मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को परीक्षा केंद्र बनाया गया है, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो सके। इस साल 6787 केंद्रों में परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, जिसमें लगभग साढ़े छह लाख स्टूडेंट्स परीक्षा में शामिल होंगे। पढ़ाई फिलहाल ऑनलाइन ही चल रही है।
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने स्पष्ट किया है कि जो विद्यार्थी जिस स्कूल का छात्र है उसे उसी स्कूल में परीक्षा देनी होगी। वहीं स्वाध्यायी के रूप में परीक्षा देने वाले छात्र ने जिस स्कूल से फॉर्म भरा है, उनका सेंटर भी उसी स्कूल में दिया जाएगा। वे स्वाध्यायी छात्र के रूप में उसी स्कूल से परीक्षा में शामिल होंगे। इधर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा मंडल (CBSE) ने भी 10वीं और 12वीं बोर्ड की टर्म-2 परीक्षाओं की तिथि घोषित की है। ये परीक्षाएं 26 अप्रैल से शुरू होंगी। मंडल ने स्पष्ट किया है, इस बार बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन मोड में ही होगी।
सीजी बोर्ड की 2 मार्च से शुरू हो रहीं परीक्षाएंछत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा इस बार हायर सेकेंडरी सर्टिफिकेट परीक्षा 2 मार्च से शुरू की जा रही है। वहीं हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा 3 मार्च से शुरू होगी। कक्षा 12वीं की परीक्षाएं 2 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगी। वहीं कक्षा दसवीं की परीक्षाएं 3 मार्च से 23 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। इसके अलावा शारीरिक प्रशिक्षण पत्रोपाधि परीक्षा प्रथम एवं द्वितीय वर्ष की परीक्षाएं 3 मार्च से 11 मार्च तक आयोजित की जाएगी। -
द न्यूज़ इंडिया सामाचार सेवामुख्यमंत्री श्री बघेल के निर्देश पर मुख्य सचिव ने सभी विभागों को आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा पत्र
अब पृथक से निविदा की आवश्यकता नहीं और सीधे क्रय की सुविधा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रमों तथा नगर निगमों आदि संस्थाओं को ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड के उत्पादों को अपनी आवश्यकतानुसार छूट के साथ अनिवार्य रूप से क्रय करने के निर्देश दिए गए हैं। इस तारतम्य में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन द्वारा राज्य के समस्त विभागों, अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर, विभागाध्यक्षों, कलेक्टरों और सार्वजनिक उपक्रमों को पत्र भेजा गया है। जिसमें निर्देशित किया गया है कि वे ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड के अंतर्गत निर्मित उत्पादों को एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट का लाभ लेते हुए शासकीय खरीदी किए जाने की व्यवस्था लागू करने के संबंध में आवश्यक कार्यवाही की जाए।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने निर्देशित किया है कि राज्य शासन के समस्त विभागों, शासकीय उपक्रमों, नगर निगमों इत्यादि द्वारा राज्य के विभिन्न स्व-सहायता समूहों से प्रसंस्कृत किए जा रहे हर्बल उत्पादों का विक्रय छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के अंतर्गत विभिन्न संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ के नाम से किया जा रहा है। इसका विभाग की आवश्यकता के अनुसार अनिवार्य रूप से क्रय किया जाए।छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ मर्यादित द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवाओं, हर्बल उत्पादों एवं लघु वनोपज से प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों को निर्धारित दर पर सीधे क्रय किए जाने तथा इस हेतु पृथक से निविदा बुलाए जाने की आवश्यकता नहीं होने के संबंध में छत्तीसगढ़ भण्डार क्रय नियम 2002 (यथासंधोशित 2020) के नियम 8 में संशोधन किए जाने का प्रावधान किया जा चुका है। अतएव समस्त शासकीय संस्थाओं द्वारा ऐसी सामग्रियों, जिसका विक्रय ‘‘छत्तीसगढ़ हर्बल्स’’ ब्रांड के अंतर्गत संजीवनी केन्द्रों के माध्यम से किया जाता है। उसका अनिवार्य रूप से एमआरपी पर 10 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय किया जाए। इसका संबंधित विभागीय अधिकारियों को कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का किया वर्चुअल लोकार्पण
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भूमकाल दिवस के एक दिन पहले आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से नगर पालिका कांकेर के घड़ी चौक में स्थापित अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा का वर्चुअल लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अमर शहीद गुण्डाधुर को नमन करते हुए कहा कि उन्होंने बस्तर में भूमकाल आंदोलन का नेतृत्व किया। भूमकाल आंदोलन सन् 1909 में प्रारंभ हुआ था। यह आंदोलन आदिवासियों के स्वाभिमान, आदिवासियों के जल, जंगल और जमीन तथा आदिवासियों की स्वतंत्रता की लड़ाई थी। उन्होंने सीमित संसाधनों के बावजूद अंग्रेजों से लोहा लिया। वो अंग्रेजों के सामने झुके नहीं। उन्होंने आदिवासी समाज को जोड़ा।
विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज मंडावी रायपुर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम में जुड़े। संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, नगरपालिका कांकेर अध्यक्ष श्रीमती सरोज ठाकुर, जिला पंचायत कांकेर अध्यक्ष श्री हेमन्त ध्रुव सहित अनेक जनप्रतिनिधि, पार्षद, गोंडवाना समाज के अनेक पदाधिकारी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक इस अवसर पर कांकेर में उपस्थित थे।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि 1857 की क्रांति के पहले ही परलकोट के राजा अमर शहीद गैंद सिंह ने 1925 में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फंूका। 1857 की लड़ाई में अमर शहीद वीर नारायण सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी थी। हमारे इन जननायकों ने अपनी आजादी की किसी भी कीमत पर गिरवी नही रखा। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में हमारे इन वीर स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का अमूल्य योगदान जिस तरह रेखांकित होना था, वैसा रेखांकित नही हो पाया। अब हमारा आदिवासी समाज जागृत हो रहा है और इन वीरों के योगदान को रेखंाकित करने के साथ उनका स्मरण कर रहा है।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने आदिवासियों के हित में अनेक कदम उठाए हैं। जमीन वापसी, किसानों की ऋण माफी के साथ वनवासियों को वन अधिकार देने का काम राज्य सरकार द्वारा किया गया। वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी और उनके वेल्यू ऐडिशन के साथ कोदो, कुटकी और रागी की समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है। इन कार्यो से ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ हो रही है। इनके साथ-साथ आदिवासी अंचलों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं पहंुचाने के बेहतर उपाय किए गए हैं। बच्चों को शिक्षा के बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल प्रारंभ किए गए। बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, जरूरत उन्हें अच्छे अवसर उपलब्ध कराने की है। उन्होंने कहा कि हमारे आदिवासी भाई अस्पताल नहीं जाते हैं, इसलिए हाट बाजार क्लिनिक योजना प्रारंभ की गई, जिसका यह सुखद परिणाम रहा कि बस्तर में उल्टी, दस्त और डायरिया के प्रकरण में कमी आई।मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर में मलेरिया उन्मूलन अभियान से मलेरिया के मामले में भी उल्लेखनीय कमी आई है। राज्य सरकार ने कुपोषण से लड़ने के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया, जिससे बच्चों और महिलाओं में कुपोषण कम हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि बस्तर के लोग शारीरिक रूप से सशक्त हों, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से मजबूत हों, इसके साथ उन्हें अधिकार मिलें, तो वे और आगे तरक्की करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर के विकास में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने अमर शहीद गुण्डाधुर की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए कांकेरवासियों द्वारा उनकी प्रतिमा की स्थापना के कार्य की सराहना की।कार्यक्रम से वीडियो कॉन्फ्रंेसिंग से जुड़े विधानसभा के उपाध्यक्ष श्री मनोज सिंह मण्डावी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि भूमकाल क्रांति के महानायक अमर शहीद गुण्डाधुर ने आजादी के 37 साल पहले सन् 1910 में बस्तर जैसे वनांचल क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई छेड़ी, जिनके कब्जे में पूरा देश था। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में आदिवासियों के समग्र विकास और उनकी संस्कृति और परम्पराओं के संरक्षण के लिए किए जा रहे कार्यो का विस्तार से उल्लेख किया।कांकेर में कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि बस्तर के प्रवेश द्वार कांकेर में आज स्थापित की जा रही अमर शहीद गुण्डाधुर की प्रतिमा आदिवासी समाज सहित सम्पूर्ण बस्तर को गौरवान्वित करेगी। उन्होंने कहा कि बस्तर के शूरवीरों ने आजादी की अलख जगाई और सारे समाज को एक सूत्र में पिरोया। कार्यक्रम को जिला पंचायत कांकेर के अध्यक्ष श्री हेमंत धु्रव सहित अनेक जनप्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया। आभार प्रदर्शन नगर पालिका कांकेर की अध्यक्ष श्रीमती सरोज ठाकुर ने किया।
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एजेंसीलखनऊ: उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी वाड्र्रा की अगुवाई में चुनाव लड़ रही कांग्रेस पार्टी ने अपना चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है. पार्टी ने वादों का पिटारा खोलते हुए महिलाओं और युवाओं सहित समाज के हर वर्ग को लुभाने की कोशिश की है. कांग्रेस का यह घोषणा पर राज्य में कल 10 फरवरी को पहले चरण की वोटिंग के ठीक पहले आया है. राज्य में सात चरणों में मतदान होना है. घोषणा पत्र जारी करते हुए प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि हमारी सरकार बनेगी तो 10 दिन के अंदर किसानों का कर्ज माफ करेंगे. 2500 रुपये में गेहूं-धान और 400 रुपये में गन्ना खरीदा जाएगा. उन्होंने कहा कि बिजली बिल आधा किया जाएगा, इसके अलावा जिन परिवारों को कोरोना की मार पड़ी उन्हें 2500 रुपयेदिए जाएंगे. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि हम 20 लाख सरकारी नौकरियां दी जाएंगी. 40% महिलाओं को नौकरी में आरक्षण दिया जाएगा. इसके अलावा आवारा पशु से जिनकी फ़सल का नुक़सान होगा उसे 3000 रुपये दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जो उन्नति विधान , शक्ति विधान और भर्ती विधान जारी किए हैं
प्रियंका ने कहा कि श्रमिकों और कर्मचारियों के लिए आउटसोर्सिंग बंद करेंगे. आउट सोर्स्ड और संविदा कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से नियमितीकरण करेंगे. इसी तरह संस्कृत और उर्दू शिक्षकों के खाली पद भरे जाएंगे. कांग्रेस के घोषणा पत्र में 2 रुपये किलो में गोबर खरीदने का प्रावधान है. झुग्गी की ज़मीन जो रह रहा है उसके नाम की जाएगी. ग्राम प्रधान का वेतन 6000 रू बढ़ाया जाएगा जबकि चौकीदारों का वेतन 5000 रुपये बढ़ाया जाएगा.कोरोना में मरे कोरोना वॉरियर्स को 50 लाख रुपये दिए जाएंगे. उन्नति विधान में इस बात का भी जिक्र है कि सभी शिक्षा मित्रों को नियमित किया जाएगा. SC-ST की पूरी शिक्षा मुफ़्त की जाएगी.कारीगर और बुनकरों के लिए विधानपरिषद में एक सीट आरक्षित की जाएगी.दिव्यांगों की पेंशन प्रति माह 6000 किया जाएगा.महिला पुलिसकर्मियों को उनके गृहनगर में पोस्टिंग दी जाएगी
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बताया कि दूसरी पार्टियों की तरह हमने अन्य पार्टियों के वादे को लेकर अपने घोषणापत्र में नहीं डाले, हमने लोगों से मिले सुझावों को इसमें शामिल किया है. इस समय महंगाई और बेरोजगारी प्रमुख मुद्दा है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने बताया कि पार्टी ने लाखों लोगों की राय लेकर यह घोषणा पत्र तैयार किया है, इस दौरान मिले उचित सुझावों को उन्नति विधान में स्थान दिया है. -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य सरकार ने लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए लघुवनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर की 61
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप प्रदेश के वनवासियों के हित को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर 61 लघु वनोपजों की खरीदी की जा रही है। वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि इस तरह छत्तीसगढ़ में लगभग तीन वर्ष में समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिए लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है।
गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में निर्धारित समर्थन मूल्य के तहत 52 से बढ़ाए गए 61 लघु वनोपजों में हर्रा बाल, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड), झाडू छिंद (घास), कोदो, कुटकी (काला), कुटकी (भूरा), रागी, अमचूर (सफेद) तथा अमचूर (भूरा) नवीन लघु वनोपज शामिल है। निर्धारित समर्थन मूल्य के अनुसार इनमें हर्रा बाल 30 रूपए, महुआ फूल कच्चा (फूड ग्रेड) 10 रूपए , झाडू छिंद (घास) 15 रूपए, कोदो 30 रूपए, कुटकी (काला) 30 रूपए, कुटकी (भूरा) 30 रूपए, रागी 33.77 रूपए, अमचूर (सफेद) 120 रूपए तथा अमचूर (भूरा) 80 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर खरीदी की जाएगी।
इस संबंध में प्रबंध संचालक छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ श्री संजय शुक्ला ने बताया कि राज्य में वर्तमान में समर्थन मूल्य के अंतर्गत खरीदी की जा रही लघु वनोपजों में संग्रहण दर मालकांगनी बीज (सूखा) 100 रूपए, बायबडिंग 94 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-1-35 रूपए, कालमेघ/भूईनीम (सूखा) ग्रेड-2-31.50 रूपए, आंवला (बीज रहित) सूखा 57 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह रंगीनी लाख/छिली लाख (सूखा) 220 रूपए, रीठा फल (सूखा) 14 रूपए, वन जीरा बीज 70 रूपए, सतावर जड़ (सूखा) 107 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-1-16 रूपए, चरौटा बीज ग्रेड-2-14.50 रूपए, शहद 225 रूपए तथा नागरमोथा (सूखा) 30 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। माहुल पत्ता 15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-15 रूपए, हर्रा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-13.50 रूपए, हर्रा कचरिया 25 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-1-17 रूपए, बहेड़ा साबूत (सूखा) ग्रेड-2-15.30 रूपए, बहेड़ा कचरिया 20 रूपए तथा गिलोय (सूखा) ग्रेड-1-40 रूपए, गिलोय (सूखा) ग्रेड-2-36 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
इसी तरह कुसुमी लाख/छिली लाख (सूखा) 300 रूपए, वन तुलसी बीज 16 रूपए, भेलवा 9.75 रूपए, शिकाकाई फल्ली (सूखा) 50 रूपए, इमली आटी (बीज सहित) ग्रेड-1-36 रूपए, इमली आटी (बीज सहित) ग्रेड-2-33 रूपए, इमली फूल (बीज रहित) 69 रूपए, इमली बीज 11 रूपए तथा महुआ फूल (सूखा) 33 रूपए, महुआ बीज 29 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। झाडू फूल (घास) 50 रूपए, कौंच बीज 21 रूपए, धवई फूल (सूखा) ग्रेड-1-37 रूपए, धवई फूल (सूखा) ग्रेड-2-33.50 रूपए, चिरौंजी गुठली ग्रेड-1-126 रूपए, चिरौंजी गुठली ग्रेड-2-115 रूपए, करंज बीज 24 रूपए, बेलगुदा (सूखा) ग्रेड-1-30 रूपए, बेलगुदा (सूखा) ग्रेड-2-27 रूपए तथा कुल्लू गोंद 125 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। काजू गुठली ग्रेड-1-90 रूपए, काजू गुठली ग्रेड-2-81 रूपए, साल बीज 20 रूपए, कुसुम बीज ग्रेड-1-23 रूपए, कुसुम बीज ग्रेड-2-20.70 रूपए, नीम बीज (सूखा) 27 रूपए, जामुन बीज (सूखा) ग्रेड-1-42 रूपए, जामुन बीज (सूखा) ग्रेड-2-38 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
इसके अलावा संग्रहण दर आंवला फल (कच्चा) 28 रूपए, रंगीनी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) 200 रूपए, कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) ग्रेड-1-275 रूपए, कुसुमी लाख बीहन (जीवित लाख कीट के साथ) ग्रेड-2-245 रूपए, झाडू कांटा (घास) 25 रूपए, बेलफल (कच्चा) 10 रूपए, जामुन फल (कच्चा) 23 रूपए, सवई घास 15 रूपए, पाताल कुम्हड़ा कंद (सूखा) 21 रूपए, सफेद मूसली कंद (सूखा) 650 रूपए, तीखुर कंद (कच्चा) 20 रूपए, अश्वगंधा जड़ (सूखा) 350 रूपए, कोरिया बीज (इन्द्र जौ) (सूखा) 150 रूपए, कुटज छाल (सूखा) 12 रूपए तथा पलाश फूल (सूखा) 11.50 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाराज्य में समर्थन मूल्य पर खरीदा गया 97.97 लाख मीट्रिक टन धान
21 लाख 77 हजार 383 किसानों ने बेचा धान
राज्य में निर्विघ्न सम्पन्न हुआ धान खरीदी महा अभियान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने इस साल राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 97 लाख 97 हजार 122 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर अपने पिछले साल के रिकार्ड को ब्रेक करते हुए एक नया रिकार्ड कायम किया है। राज्य में बीते साल 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल राज्य में एक दिसम्बर 2021 से शुरू हुआ धान खरीदी का महाअभियान आज 7 फरवरी को सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया। इस साल 21,77,283 किसानों ने समर्थन मूल्य पर अपना धान बेचा है, जो बीते वर्ष धान बेचने वाले 20,53,600 किसानों की संख्या से 1,23,683 अधिक है। बारदाना संकट और जनवरी माह में बेमौसम बारिश के बावजूद भी राज्य में किसानों से बिना किसी व्यवधान धान खरीदी पूरा होना, अपने आप में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है।
राज्य में धान खरीदी के निर्विघ्न पूरा होने पर किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों ने प्रसन्नता जताई है। बेमौसम बारिश की वजह से धान न बेच पाने वाले किसानों को धान बेचने का मौका दिए जाने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा धान खरीदी की निर्धारित अवधि 31 जनवरी को बढ़ाकर 7 फरवरी किए जाने के लिए भी किसानों ने मुख्यमंत्री का आभार जताया है। किसान संगठनों के पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों का कहना है कि किसान हितैषी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राज्य के किसानों को हर संभव मदद दी है। किसानों के हितों का ख्याल रखा है। उन्होंने धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार से राज्य की मांग के अनुसार बारदाना उपलब्ध न कराए जाने के बावजूद भी राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर भरपूर बारदाने का इंतजाम एवं केन्द्रों में धान खरीदी की चाक-चौबंद व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए भी मुख्यमंत्री एवं छत्तीसगढ़ सरकार के प्रति आभार जताया है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते बीते तीन सालों में राज्य में धान उत्पादक कृषकों की संख्या और उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का रिकार्ड साल दर साल टूट रहा है। इस साल 97.97 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का नया रिकार्ड बना है। वर्ष 2021 में 92 लाख मीट्रिक टन धान, वर्ष 2020 में 83.94 लाख मीट्रिक तथा 2019 में 80.37 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। इस साल खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में धान बेचने के लिए कुल 24,06,560 किसानों ने पंजीयन कराया था, जिनके द्वारा बोए गए धान का रकबा 30 लाख 10 हजार 880 हेक्टेयर है। जबकि गत वर्ष पंजीकृत धान का रकबा 27 लाख 92 हजार 827 हेक्टेयर था। यदि एक साल के आंकड़े की ही तुलना की जाए तो धान बेचने के लिए पंजीकृत किसानों की संख्या में लगभग सवा लाख तथा पंजीकृत धान के रकबे में 2 लाख 18 हजार की वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को उनकी फसल का वाजिब मूल्य देने के साथ ही फसल उत्पादकता एवं फसल विविधिकरण को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना संचालित की जा रही है। इसके चलते राज्य ने खेती किसानी के प्रति किसानों में एक नया उत्साह पैदा हुआ है। खेती से विमुख हो चुके लोग भी अब फिर से खेती की ओर लौटने लगे हैं। जिसके चलते राज्य में किसानों की संख्या, खेती के रकबे और फसल उत्पादकता मेें लगातार वृद्धि होते जा रही है। साल दर साल समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के आंकड़े इसके प्रमाण हैं।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ किसानों को तत्परता से भुगतान तथा खरीदे गए धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग की व्यवस्था के चलते किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने पाई। किसानों की सहूलियत के लिए धान खरीदी केन्द्रों की संख्या भी 2311 से बढ़ाकर 2484 कर दी गई थी। जिससे किसानों को धान बेचने में आसानी हुई। राज्य में धान खरीदी के लिए बारदाने की कमी के चलते किसानों को धान खरीदी के पहले दिन से ही अपने बारदाने में धान लाने की सुविधा दी गई। किसानों के बारदाने के मूल्य को भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए किया गया। किसानों ने धान खरीदी के लिए बारदाने उपलब्ध कराने के मामले में बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। मिलर्स और पीडीएस की दुकानों से पुराने बारदाने की व्यवस्था कर धान खरीदी सुचारू रूप से जारी रही। इस साल किसानों से क्रय किए गए धान के एवज में उन्हें 19 हजार 83 करोड़ 97 लाख का भुगतान किया जा चुका है।
राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में राजनांदगांव जिला प्रदेश में अग्रणीय रहा है। राजनांदगांव जिले के 149 खरीदी केन्द्रों में धान खरीदी के अंतिम तिथि 7 फरवरी तक सर्वाधिक 8 लाख 25 हजार 127 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है। जांजगीर-चांपा जिला दूसरे क्रम पर रहा है यहां 8 लाख 24 हजार 552 मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ है। महासमुंद जिले ने 7 लाख 74 हजार 136 मीट्रिक टन धान की खरीदी कर तीसरे क्रम पर रहा है।
खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार बस्तर जिले में 1,58,915 मीट्रिक टन, बीजापुर में 63,703 मीट्रिक टन, दंतेवाड़ा में 17,437 मीट्रिक टन, कांकेर में 3,18,793 मीट्रिक टन, कोण्डागांव में 1,53,322 मीट्रिक टन, नारायणपुर में 22,794 मीट्रिक टन, सुकमा में 46,291 मीट्रिक टन, बिलासपुर में 4,84,119 मीट्रिक टन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 69,356 मीट्रिक टन, कोरबा में 1,70,237 मीट्रिक टन, मुंगेली में 3,83,622 मीट्रिक टन, रायगढ़ में 5,72,898 मीट्रिक टन, बालोद जिले में 5,19,469 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।
इसी प्रकार बेमेतरा जिले में 6,30,616 मीट्रिक टन, दुर्ग में 4,17,097 मीट्रिक टन, कवर्धा में 4,16,281 मीट्रिक टन, बलौदाबाजार में 6,96,431, मीट्रिक टन, धमतरी में 4,31,397 मीट्रिक टन, गरियाबंद में 3,31,512 मीट्रिक टन, रायपुर में 5,09,931 मीट्रिक टन, बलरामपुर में 1,93,867 मीट्रिक टन, जशपुर में 1,54,181 मीट्रिक टन, कोरिया में 1,40,093 मीट्रिक टन, सरगुजा में 2,19,967 मीट्रिक टन और सूरजपुर जिले में 2,50,976 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।खाद्य सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का उठाव और कस्टम मिलिंग का काम तेजी से जारी है। अब तक 64.43 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है। कस्टम मिलिंग करके भारतीय खाद्य निगम में 9.47 लाख मीट्रिक टन एवं नागरिक आपूर्ति निगम में 7.66 लाख मीट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। -
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18 वर्ष से अधिक के 75 प्रतिशत नागरिकों को दोनों टीके लगाए जा चुके, इस आयु वर्ग की लगभग पूरी आबादी को लग चुका है पहला टीका
राज्य में अब तक कुल 3.59 करोड़ टीके लगाए गए
रायपुर : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए प्रदेश की डेढ़ करोड़ से अधिक आबादी को दोनों टीके लगाए जा चुके हैं। वहीं 18 वर्ष से अधिक के लगभग सभी पात्र लोग कोरोना वैक्सीन का पहला टीका लगवा चुके हैं। इस आयु वर्ग के एक करोड़ 95 लाख 89 हजार 893 नागरिकों को कोरोनारोधी टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। राज्य में 15 से 18 वर्ष के दस लाख 26 हजार 890 किशोरों को भी इसका पहला टीका लगाया जा चुका है। इस आयु वर्ग के 63 प्रतिशत बच्चों को पहला टीका लग चुका है। प्रदेश के दो लाख 88 हजार 583 स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 वर्ष से अधिक के नागरिकों को प्रिकॉशन डोज भी लगाया जा चुका है।
राज्य में 18 वर्ष से अधिक के एक करोड़ 47 लाख 85 हजार 068 नागरिकों और 15 से 18 वर्ष के दो लाख 21 हजार 982 किशोरों को कोरोना से बचाव का दोनों टीका लगाया जा चुका है। यह इन दोनों वर्गों के लिए निर्धारित टीकाकरण के लक्ष्य का क्रमशः 75 और 14 प्रतिशत है। दोनों आयु वर्गों में पहली और दूसरी, तथा प्रिकॉशन डोज को मिलाकर प्रदेश भर में अब तक (6 फरवरी तक) कुल तीन करोड़ 59 लाख 12 हजार 416 टीके लगाए गए हैं। -
एजेंसीमुंबई : सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की सेहत हाल ही में ठीक हुई थी और खबरें थी कि वो अब धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही हैं, लेकिन अब उनके चाहनेवालों के लिए बुरी खबर आ रही है. दरअसल लता मंगेशकर की तबियत फिर बिगड़ने की खबर आ रही है, पिछले 27 दिनों से मुम्बई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में एडमिट लता मंगेशकर की तबियत सुधर रही थी और एकाएक उनकी तबियत बिगडने पर उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया है. आईसीयू में हैं और फिलहाल उनकी सेहत की लगातार निगरानी की जा रही है.
लता मंगेशकर का इलाज कर रहे डॉक्टर प्रतीत समधानी ने मीडिया को बताया कि ‘लताजी की तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया है और साथ ही वो ICU में हैं और डॉक्टर्स की एक टीम 24*7 उनकी निगरानी कर रही है’
बता दें कि पिछले 27 दिनों से लता जी मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती हैं, वहां उन्हें कोरोना संक्रमण होने के बाद भर्ती कराया गया था. कई बार उनकी हालत में सुधार आया और आज फिर उनकी तबियत बिगड़ी है. पांच दिन पहले मीडिया से बात करते हुए माहाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री राजेश टोपे ने बताया, “मैंने लता जी का इलाज कर रहे डॉक्टर्स से बात की और वो रिकवर कर रही हैं. वह पहले वेंटिलेटर पर थीं, लेकिन आज उनका वेंटिलेटर भी हटा दिया गया है. -
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गांधी एवं गांधीवाद देश के लिए श्रेष्ठ निधि: मुख्यमंत्री बघेल
गांधी विचार संगोष्ठी में सांसद श्री राहुल गांधी हुए शामिल
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी राजधानी रायपुर स्थित र्साइंस कॉलेज मैदान में सेवाग्राम स्थल में आयोजित गांधी विचार संगोष्ठी में भी शामिल हुए। उन्होंने छत्तीसगढ़ के नवा रायपुर में बनाए जा रहे सेवाग्राम के लिए बधाई दी और कहा कि यह बहुत अच्छी पहल है। हम इसके माध्यम से गांधी जी के विचारों को मूर्त रूप प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने गांधीवादी विचारक श्री गोपालकृष्ण गांधी के विचारों का उद्धरण देते हुए कहा कि गांधी जी एक व्यक्ति नहीं तपस्वी थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन तपस्या में व्यतीत की और उन्होंने सच्चाई के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
सांसद श्री गांधी ने कहा कि तपस्वी आमजनों को तपस्या करने का संदेश देते हैं, वे चाहते है कि लोग उनके बताए रास्ते में चले, उनका अनुसरण करें। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति सच्चाई के रास्ते पर चलता है उनके अंदर स्वतः त्याग, ईमानदारी की भावना जागृत होती है। जो व्यक्ति सच्चाई के रास्ते पर नहीं चलते, उनमें यह भावना नहीं होती। श्री राहुल गांधी ने कहा कि सच एक शब्द नहीं है, सच एक क्रिया है, हमें सौहार्द के साथ सही दिशा में आगे बढ़ना चाहिए, महात्मा गांधी जी का सपना सबके लिए आदर्श और अनुकूल समाज का निर्माण था। श्री राहुल गांधी ने कहा कि नेतृत्व समाज और सत्ता के बीच का समन्वय है। एक ऐसे समाज का निर्माण जिसमें सभी वर्गों के लिए बराबरी, सम्मान और स्वाभिमान का स्थान हो।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि गांधी और गांधीवाद देश के लिए श्रेष्ठ निधि है। उन्होंने कहा कि भारत के बिना गांधी नहीं और गांधी के बिना भारत नहीं। श्री बघेल ने कहा कि टॉलस्टाय, फिनिक्स, साबरमती आश्रम एवं सेवाग्राम के बाद हमारे छत्तीसगढ़ में सेवाग्राम आश्रम की स्थापना की जा रही है।
उन्होंने कहा कि गांधी जी जो करते थे, वे सबके सहयोग से करते थे नवा रायपुर में जो सेवाग्राम बनाया जा रहा है, इसके लिए वर्धा स्थित पुराने सेवाग्राम ने 1.50 लाख रूपए की सहायता राशि दी है। मुख्यमंत्री ने सभी से सहयोग करने का आग्रह करते हुए कहा कि जिससे जैसा बन पड़े, वह नवा रायपुर सेवाग्राम बनाने के लिए सहयोग करें, भले ही एक रूपए का सहयोग क्यों न हो। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू और मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा ने भी सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने सांसद श्री राहुल गांधी को छत्तीसगढ़ का राजकीय गमछा, गांधी जी की प्रतिमा और कोसे के कपड़े में उकेरे गए सेवाग्राम भेंट की। इस अवसर पर श्री गोपालकृष्ण गांधी एवं प्रोफेसर आशीष नंदी के वीडियो संदेश का प्रदर्शन किया गया। संगोष्ठी कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत सहित मंत्रीमण्डल के सदस्य, संसदीय सचिव, सांसद, विधायकगण, गांधीवादी विचारधारा के लोग, वक्तागण एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति का भूमिपूजन एवं शिलान्यास किया। छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल की चौथी बटालियन के माना रायपुर में निर्माण किया जाएगा। देश में कहीं भी पुलिस, सेना और सशस्त्र बलों में कर्तव्य पथ पर शहीद होने वाले छत्तीसगढ़ के वीरों और छत्तीसगढ़ में शहादत देने वाले देश भर के रणबांकुरों के सम्मान में जलती रहेगी छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति जलती रहेगी।
‘छत्तीसगढ़ अमर जवान ज्योति’ देश के वीर सपूतों के बलिदान की स्मृतियों को संजोने, उनके प्रति सम्मान और कृतज्ञता तथा राष्ट्रप्रेम की भावना को वर्तमान पीढ़ी के साथ आने वाली भावी पीढ़ियों के हृदय में जगाए रखने का प्रभावी माध्यम बनेगी। इस गौरवशाली स्मारक के माध्यम से छत्तीसगढ़ के लोग अपने वीर सपूतों के पराक्रम और शौर्य के गौरव को अनुभूत कर सकेंगे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
सांसद श्री राहुल गांधी के साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में पहुंचने पर गौर सिंग का मुकुट पहनाकर उनका स्वागत किया।
सांसद श्री राहुल गांधी के साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात की...
सांसद श्री राहुल गांधी के साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में आदिवासी समाज के लोगों से मुलाकात की। समाज के लोगों ने उनका परम्परागत ढ़ंग से स्वागत किया। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल उनके साथ थे।
सांसद श्री राहुल गांधी ने साईंस कॉलेज स्थित मुख्य कार्यक्रम स्थल में लगाई गई विकास प्रदर्शनी के विभिन्न विभागीय पंडाल में जाकर छत्तीसगढ़ की विकास की गतिविधियों को देखा...
सर्व समाज एकता परिषद की एक अनूठी पहल : सांसद श्री राहुल गांधी ने कहा आज यह देश की जरूरत...
सासंद श्री राहुल गांधी ने साईंस कॉलेज के मुख्य कार्यक्रम स्थल में बस्तर डोम में सर्व छत्तीसगढ़िया समाज एकता परिसर के प्रतिनिधियों से आत्मीय भेंट की। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जिला दंतेवाड़ा में सामाजिक सौहार्द, समरसता और एकता के लिए 5 एकड़ जमीन आबंटित की है। बस्तर के 12 आदिवासी समाज के सदस्यों को इसका लाभ मिलेगा। इस अवसर पर आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों ने धान से बनी सांसद श्री राहुल गांधी का छाया चित्र भेंट भी किया।गौरतलब है कि समाज के विभिन्न वर्गों के बीच आपसी सद्भाव बढ़ाने और भारतीय संस्कृति की मूल भावना, सर्व धर्म, श्रद्धा समृद्धि के अनुरूप अनूठे सर्व समाज एकता परिसर की कल्पना की गई है। दंतेवाड़ा जिले के 12 अलग-अलग समाजों के लोगों की सामाजिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए एक विशाल परिसर और भवन बनवाने 5 एकड़ भूमि का आवंटन शासन द्वारा किया गया है। यह अनूठी पहल लोगों को सामाजिक एवं सांस्कृतिक रूप से एकजुट करेगी । -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : सांसद श्री राहुल गांधी पहुंचे राजधानी रायपुर के माना स्थित स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट,मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सांसद श्री राहुल गांधी का किया आत्मीय स्वागत।
सांसद श्री राहुल गांधी को कार्यक्रम की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल...यहां देखें विडियो -
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा गणतंत्र दिवस के अवसर पर शासकीय कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के लिए पांच कार्य दिवस प्रति सप्ताह प्रणाली प्रारंभ करने की घोषणा के तारतम्य में आज सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा मंत्रालय से अधिसूचना जारी कर दी गई है। जारी अधिसूचना में कहा गया है कि राज्य शासन द्वारा शासकीय कर्मचारियों की कार्यक्षमता और उत्पादकता बढ़ाने के उद्देश्य से माह के द्वितीय एवं तृतीय शनिवार की भांति सभी शनिवार को अवकाश घोषित किया जाता है।
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि राज्य के मंत्रालय एवं विभागाध्यक्ष कार्यालयों तथा समस्त मैदानी कार्यालयों हेतु कार्यावधि सुबह 10 बजे से सायं 5.30 तक निर्धारित की जाती है। कार्यालयीन अवधि में भोजन अवकाश पूर्व की भांति रहेगा। यह आदेश अधिसूचना जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा3 फरवरी को होगा राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का शुभारंभ
बस्तर के डोम में विकास गाथा के साथ धार्मिक परम्पराएं भी देखने को मिलेगी
नवा रायपुर में बनने वाले सेवाग्राम पर भी प्रदर्शनी
सांसद श्री राहुल गांधी बतौर मुख्य अतिथि करेंगे शिरकत
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार अपनी जनकल्याणकारी योजनाओं की कड़ी में एक और महत्वपूर्ण योजना आगामी 3 फरवरी को शुरू करने जा रही है। ग्रामीण मजदूर वर्ग के लिए लॉन्च की जा रही इस योजना को ‘‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ नाम दिया गया है। इसका शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी के मुख्य आतिथ्य में राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह में किया जाएगा। इसके साथ ही ‘‘राजीव मितान क्लब योजना’’ के तहत राशि का आवंटन किया जाएगा। वहीं वर्धा की तर्ज पर नवा रायपुर में बनने वाले सेवा ग्राम की आधारशिला रखी जाएगी। इस समारोह के लिए तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस पूरे आयोजन के दौरान साइंस कॉलेज मैदान में विभिन्न स्टॉलों के जरिए छत्तीसगढ़ के विकास की झलक देखने को मिलेगी।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में नई सरकार के गठन के बाद ‘‘न्याय रू सब्बो बर-सब्बो डहर’’ के ध्येय को लेकर काम शुरू किया गया। राज्य सरकार सबसे पहले किसानों के लिए न्याय की योजना ‘‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’’ लेकर आयी, जिससे किसानों को उनकी लागत की उचित कीमत मिले। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ के जरिए किसानों को फसल विविधीकरण एवं उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आदान सहायता (इनपुट सब्सिडी) के रूप में बड़ी धनराशि दी जा रही है। वहीं ‘गोधन न्याय योजना’ लागू कर राज्य सरकार गौपालकों, किसानों से दो रुपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी कर उन्हें सीधा लाभ दे रही है। इस योजना में खरीदे गए गोबर से गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट और सुपर कम्पोस्ट जैसे उत्पाद बनाए जा रहे हैं, जिससे जैविक कृषि को बढ़ावा देने की दिशा में काम हो रहा है। साथ ही स्व-सहायता समूहों की महिलाओं व उनके परिवार को आर्थिक संबलता और समृद्धि मिल रही है। अब ‘न्याय’ की कड़ी में अब ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार के लिए ‘न्याय’ मिलने जा रहा है, जिसमें ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार को प्रति वर्ष 6 हजार रुपए की आर्थिक मदद राज्य सरकार की ओर से दी जाएगी। इसके लिए अनुपूरक बजट में 200 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस योजना का शुभारंभ सांसद श्री राहुल गांधी की मौजूदगी में होगा। कार्यक्रम में सांसद श्री राहुल गांधी योजना के पात्र 3 लाख 55 हजार भूमिहीन कृषक मजदूरों को डीबीटी के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों राशि अंतरण करेंगे।
रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम स्थल पर सात डोम होंगे। मुख्य डोम में मुख्य कार्यक्रम होगा, जिसमें वे ‘‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना’’ का शुभारंभ करेंगे। इन डोमों में अलग-अलग जिलों द्वारा छत्तीसगढ़ में विकास गाथा को दर्शाती प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जहां शासन की प्रमुख योजनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा। साथ ही फ्लैगशिप योजनाओं को विभिन्न मॉडलों के माध्यम से दिखाया जाएगा।
सेवा ग्राम की आधारशिला रखी जाएगी, लगेगी प्रदर्शनी -
देश की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर महात्मा गांधी की ग्राम-स्वराज की संकल्पना को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए छत्तीसगढ़ के नवा-रायपुर में भी वर्धा की तर्ज पर सेवा-ग्राम की स्थापना की जा रही है। इसके लिए नवा-रायपुर में 75 एकड़ जमीन चिन्हांकित की गई है। सेवा ग्राम में देश की आजादी की लड़ाई के मूल्यों, सिद्धांतों, आदर्शों को भी रेखांकित किया जाएगा। सांसद श्री राहुल गांधी 03 फरवरी को साइंस कॉलेज रायपुर में आयोजित कार्यक्रम में इस सेवा ग्राम की आधारशिला रखेंगे। इस दौरान कार्यक्रम स्थल पर सेवा ग्राम से संबंधित प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
बस्तर का डोम होगा आकर्षण का केन्द्र -
छत्तीसगढ़ का प्रमुख हिस्सा बस्तर की बात करें वहां पर बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों की उपलब्धियों को दर्शाने के लिए एक डोम बनाया जा रहा है। इस डोम में प्रवेश द्वार पर वैश्विक ब्रांड बन चुके डेनेक्स का स्टॉल होगा। वहीं डोम के चारों ओर बस्तर में विश्वास, विकास और सुरक्षा के ध्येय को लेकर काम को शिक्षा, पुलिस प्रशासन, स्वास्थ्य, सुपोषण, कृषि, वनोपज व हर्बल उत्पाद, उद्यानिकी और कलागुड़ी के स्टॉल में दर्शाया जाएगा। बस्तर के डोम के केन्द्र में धार्मिक आस्था को मनोरम अंदाज में दर्शाते देवगुड़ी का मॉडल देखने को मिलेगा, जिसके अग्र भाग में आंगा को विराजित किया जाएगा।
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज संसद में प्रस्तुत किए गए वित्तीय वर्ष 2022-23 के केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार का बजट पूरी तरह से निराशाजनक और दिशाहीन है। बजट में किसानों, मजदूरों, युवाओं, बेरोजगारों और महिलाओं के लिए कुछ भी नहीं है। श्री बघेल ने कहा कि बजट को लेकर लोगों को बड़ी उम्मीद थी कि किसानों को, मजदूरों को कुछ मिलेगा, लेकिन इसमें कुछ नहीं है। किसानों की आय दोगुनी करने के बारे में कोई बात नहीं कही गई है। पुराने बजट में जिन विषयों को शामिल किया गया था, उनके बारे में कोई प्रावधान नहीं है। 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात कही थी, वो भी पूरा नहीं हो रहा है। यह बजट पूरी तरह से दिशाहीन बजट है। जिसमें न नौजवानों के लिए कुछ है, न बेरोजगारों के लिए, न महिलाओं के लिए और न किसानों के लिए कुछ है।
उन्होंने कहा कि बजट में भारत की सबसे बड़े ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था, कृषि एवं किसान, बेरोजगार एवं गरीब, महिलाएं एवं युवा तथा मध्यम वर्ग व सामान्य जन के लिए किसी भी प्रकार की राहत अथवा उनकी आजीविका एवं आय बढ़ाने के बारे में कोई ठोस प्रावधान, कार्ययोजना अथवा इच्छाशक्ति नहीं दिखाई देती। बजट से किसानों की आय 2022 तक दोगुना करने का केन्द्र सरकार का वादा खोखला साबित हुआ है।