जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने स्वाथ्य उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
गैर संचारी रोग नियंत्रण, परिवार नियोजन एवं मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम की हुई सामीक्षा
जशपुरनगर : जिले में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के उद्देश्य कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देशन में जिले के समस्त स्वास्थ्य अमलों हेतु उन्मुखीकरण प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन मंगलवार को किया गया। इस बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ जीएस जात्रा एवं जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव रंजन मिश्रा की अध्यक्षता में जिले में संचालित विभिन्न राष्ट्रीय कार्यक्रमों की सुविधायें जन-जन तक पहुंचाने के लिए उन्मुखीकरण प्रशिक्षण देने के साथ योजनाओं की समीक्षा भी की गई। इसमें गैर संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला चिकित्सालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर कार्यरत चिकित्सा अधिकारी, ग्रामीण चिकित्सा सहायकों तथा आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्तर पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी शामिल हुए।
जिसमें सभी को मधुमेह, उच्चरक्तचाप, पक्षाघात (लकवा), एवं मुख, स्तन व ग्रीवा कैंसर जैसे गैर संचारी रोगों से पीड़ित व्यक्तियों को अनिवार्य रूप से आवश्यक चिकित्सकीय सुविधाएं, जॉच, उपचार, परामर्श के साथ-साथ मरीजों के डाटा की प्रविष्टि ऑनलाईन करने हेतु प्रशिक्षण दिया गया। इस अवसर पर राज्य सलाहकार सुबोध धर शर्मा, डब्ल्युएचओ चिकित्सा अधिकारी डॉ उर्वन पी शाह, एचएसटीपी सिनियर एनालिस्ट भूपेंद्र रावत, जिला सलाहकार डब्ल्युएचओ अतुल शुक्ला, जिला सलाहकार डॉ रूपा प्रधान के द्वारा अपने-अपने विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गयी।
इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अधिकारी डॉ जी जे लकड़ा तथा निश्चेतना विशेषज्ञ डॉ संदीप भगत द्वारा परिवार नियोजन कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए जनसंख्या वृद्धि में नियंत्रण के साथ चुनौती एवं जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के पर ध्यान देते हुए सतत् विकास लक्ष्यों को अर्जित करने के बारे में बताया गया। प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को प्रतिवर्ती अंतराल साधनों के द्वारा अवांछित, समय से पूर्व गर्भधारण को कम करने एवं इस प्रकार के अधिक जोखिम वाले गर्भधारण एवं असुरक्षित गर्भपात से बचाए जाने के साथ ही गर्भनिरोधक इंजेक्शन के उपयोग के प्रति महिलाओं में स्वीकार्यता लाने एवं गुणवत्तापूर्ण परामर्श और फॉलो-अप देखभाल व अवांछित माध्यम से गर्भनिरोध से होने वाले दुष्प्रभावों के प्रति सजग करने के लिए जानकारी दी गयी।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कार्यक्रम अंतर्गत आयोजित समीक्षा बैठक में सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डॉ व्हीके इंदवार, कार्यक्रम की जिला नोडल अधिकारी डॉ एम ममता साय, जिला कार्यक्रम प्रबंधक राजीव रंजन मिश्रा एवं डीपीएचएन करिश्मा चौहान, के द्वारा जिला चिकित्सालय सहित विभिन्न विकास खंडों में हुई मातृ मृत्यु की घटनाओं की समीक्षा की गयी। इस बैठक में संबंधित संस्था से खण्ड चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, ग्रामीण चिकित्सा सहायक, सीएचओ, एएनएम उपस्थित रहे। इस दौरान एएनएम को अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाली गर्भवती माताओं कि नियमित निगरानी रखने, समय-समय पर आवश्यक जांच सुविधा मुहैया कराने, उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं को विशेष ध्यान देने एवं पार्टोग्राफ किये जाने के निर्देश दिए गए। मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए शत प्रतिशत संस्थागत प्रसव हेतु प्रेरित करने तथा प्रसव पश्चात 48 घंटे तक माता एवं बच्चे को संस्था में रखने साथ ही उच्च जोखिम वाली गर्भवती माताओं को आवश्यकतानुसार उच्च चिकित्सा संस्थानों में रेफर किये जाने हेतु निर्देशित किया।
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