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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा36 हजार 177 आवासों के लिए 1188.28 करोड़ रूपए की राशि स्वीकृत
”मोर जमीन-मोर मकान“ योजना: नगरीय निकायों की 138 परियोजनाओं में बनने वाले 34 हजार 308 आवासों के लिए 1066.18 करोड़ रूपए की स्वीकृति
रायपुर विकास प्राधिकरण की परियोजना अन्तर्गत 1869 आवास निर्माण के लिए 122.10 करोड़ रूपए स्वीकृत
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त पक्का मकान उपलब्ध कराने की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए 36 हजार 177 आवासों के निर्माण के लिए 1 हजार 188 करोड़ 28 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई है।नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के प्रस्तावों पर मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य स्तरीय स्वीकृति और निगरानी समिति की बैठक में यह स्वीकृति दी गई। शहरी गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की स्वीकृति मिलने पर नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल के प्रति आभार व्यक्त किया है।बैठक में स्वीकृत किए गए आवासों में नगरीय क्षेत्रों में ”मोर जमीन-मोर मकान“ घटक अन्तर्गत विभिन्न नगरीय निकायों की 138 परियोजनाओं अन्तर्गत 34 हजार 308 आवास निर्माण हेतु 1 हजार 66 करोड़ 18 लाख रूपए एवं रायपुर विकास प्राधिकरण की परियोजना अन्तर्गत 1869 आवास निर्माण के लिए 122 करोड़ 10 लाख रूपए की स्वीकृति प्रदान की गई। योजनान्तर्गत राज्य शासन द्वारा शहरी गरीब आवासहीनों को सर्वसुविधायुक्त आवास देकर उनके जीवन को बेहतर बनाने एवं सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है। आवासों के साथ-साथ हितग्राहियों को मूलभूत सुविधाएं, बिजली, पानी, सड़क आदि की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।बैठक में आवास एवं पर्यावरण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू एवं वित्त एवं नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की सचिव सुश्री अलरमेलमंगई डी. भी सम्मिलित हुईं। -
एजेंसीनई दिल्ली : फाइजर और मॉडर्ना की तर्ज पर सीरम इंस्टीट्यूट ने भी भारत सरकार से अब कानूनी सुरक्षा की मांग की है। कंपनी ने कहा कि अगर उनकी वैक्सीन से किसी को नुकसान पहुंचता है तो सरकार कंपनी को कानूनी कार्रवाई या क्षतिपूर्ति या मुआवजे के दावे को लेकर सुरक्षा प्रदान करे।
सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि अगर विदेशी कंपनियों के लिए यह सुविधा हो सकती है तो घरेलू कंपनियों के लिए भी होनी चाहिए। हालांकि सरकार ने अभी तक किसी भी वैक्सीन निर्माता कंपनी को इस तरह की कानूनी कार्रवाई के खिलाफ सुरक्षा नहीं दी है। हालांकि फाइजर और मॉडर्ना ने देश में वैक्सीन सप्लाई के लिए सरकार के आगे यह शर्त रखी है।
फाइजर-मॉडर्ना को मिल सकती है यह सुविधावहीं बुधवार को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से एक बयान में कहा गया है कि कई देशों ने वैक्सीन बनाने वाली कंपनी को इस तरह की सुविधाएं दे रखी हैं और भारत को ऐसा करने में कोई दिक्कत नहीं है। सूत्रों ने जानकारी दी थी कि अगर विदेशी कंपनियां आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन करती हैं तो इस तरह की सुविधा दी जा सकती है।
सीरम की मांग, विदेशी या घरेलू सभी कंपनियों को मिले ये छूटसीरम इंस्टीट्यूट के सूत्रों ने बताया कि अगर विदेशी कंपनियों को किसी क्षतिपूर्ति या मुआवजे के दावे से छूट मिल रही है तो सीरम इंस्टीट्यूट को भी इससे छूट मिलनी चाहिए। कंपनी ने आगे कहा कि सिर्फ सीरम ही क्यों देश में वैक्सीन बनाने वाली संभी कंपनियों को इससे छूट मिलनी चाहिए।
डीसीजीआई ने लोकल ट्रायल के प्रावधान से दी छूटबता दें कि हाल ही में भारत दवा नियामक डीसीजीआई देश में वैक्सीन की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए फाइजर और मॉडर्ना जैसी विदेशी कंपनियों को जल्द से जल्द भारत लाने के लिए यहां के लोकल ट्रायल से छूट दे दी है। अब नए नियम के मुताबिक, अगर किसी विदेशी कंपनी को विश्व स्वास्थ्य संगठन या बड़े देशों के दवा नियामक संस्था की ओर से आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिल चुकी होगी तो उन्हें भारत में अलग से ट्रायल प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा।
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एजेंसी
नई दिल्ली : कोरोना वायरस के प्रसार में कमी को देखते हुए कई राज्य अब लॉकडाउन के नियमों में ढील दे रहे हैं और कुछ जगहों पर अनलॉक की शुरुआत भी हो चुकी है। इस बीच आईसीएमआर के डायरेक्टर जनरल डॉ बलराम भार्गव ने अनलॉक को लेकर आगाह किया है और उन तीन शर्तों को सूचीबद्ध किया, जिनके आधार पर अनलॉक के फैसले लिए जाने चाहिए। लॉकडाउन प्रतिबंधों को हटाने से पहले डॉ. भार्गव ने यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि जहां अनलॉक किया जा रहा है, वहां पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से कम हो, 70 फीसदी आबादी को टीका लग गया हो और कोरोना उपयुक्त व्यवहार के लिए समुदाय स्तर पर जागरूकता हो।
हेल्थ मिनिस्ट्री की ब्रीफिंग के दौरान डॉ. भार्गव ने लॉकडाउन को खोलने के लिए तीन-सूत्रीय मानदंड का सुझाव दिया- एक सप्ताह में पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम, 70 प्रतिशत संवेदनशील आबादी का टीकाकरण और कोविड से बचने के उपयुक्त व्यवहार को लेकर कम्युनिटी में जागरूकता। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर को रोकने के लिए यह जरूरी होगा कि जिन जिलों में 5 प्रतिशत से कम पॉजिटिविटी रेट है, उन्हीं जिलों को थोड़ा और बहुत धीरे-धीरे। ऐसे जिलों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि वहां अतिसंवेदनशील आबादी को कम से कम 70 प्रतिशत टीका मिला है। अगर यह लक्ष्य हासिल नहीं किया गया है, तो पहले उनका टीकाकरण करना चाहिए और फिर अनलॉक करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर कोरोना से रोकथाम के उपाय 'टिकाऊ समाधान' नहीं हैं और इसलिए व्यवस्थित रूप से अनलॉक करने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि हमें लॉकडाउन को बहुत धीरे-धीरे खत्म करना होगा और अनलॉक करना होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रतिबंधों को धीरे-धीरे उठाने से राज्य कोविड -19 मामलों में बड़े पैमाने पर वृद्धि को रोकने में सक्षम होंगे, मगर प्राथमिकता अभी भी टीकाकरण बनी हुई है।
महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों ने अनलॉक प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि भारत के लगभग आधे जिले अब सात दिनों की पॉजिटिविटी दर 5 प्रतिशत से कम बता रहे हैं। लेटेस्ट आंकड़ों से पता चलता है कि 29 मई को समाप्त सप्ताह में भारत के 44 प्रतिशत जिलों (323) में पॉजिटिविटी दर पांच प्रतिशत से कम है। वहीं, 145 जिलों में 5 से 10 फीसदी के बीच में है पॉजिटिविटी रेट। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में परिवहन विभाग की नई सुविधा ‘तुंहर सरकार, तुंहर द्वार' का वर्चुअल शुभारंभ किया। इस नयी सुविधा के माध्यम से परिवहन विभाग द्वारा प्रदेशवासियों को परिवहन सेवाएं उनके घर के द्वार पर पहुंचकर दी जाएंगी। इन सेवाओं में स्मार्ट कार्ड आधारित ड्रायविंग लायसेंस और रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र से संबंधित 22 परिवहन सेवाएं शामिल हैं। स्पीड पोस्ट के माध्यम से आवेदकों एवं वाहन स्वामियों के घर के पते पर इन सेवाओं को पहुंचाया जाएगा। आवेदकों को सेवाएं प्राप्त करने के लिए www.parivahan.gov.in पर आवेदन करना होगा।
परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस अवसर पर सांसद श्री दीपक बैज, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, गृह विभाग के अपर मुुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, परिवहन आयुक्त डॉ कमल प्रीत सिंह, अपर परिवहन आयुक्त श्री दीपांशु काबरा उपस्थित थे।
परिवहन विभाग द्वारा शुरू की जा रही इस नई सुविधा में डुप्लीकेट लाइसेंस, ड्राइविंग लाइसेंस नवीनीकरण एवं पता परिवर्तन सहित लाइसेंस से सम्बंधित 10 सेवाएं और स्वामित्व अंतरण एवं पता परिवर्तन सहित वाहनों से सबंधित 12 सेवाएं घर पहुंचाकर दी जाएगी। नये वाहनों का पंजीयन, पुराने वाहनों का आरसीसी में संशोधन, नवीन ड्रायविंग लायसेंस व पुराने लायसेंस में कराए जाने वाले परिवर्तन के बाद ड्रायविंग लायसेंस और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) सीधे पंजीकृत पते पर भारतीय डाक के स्पीड पोस्ट के माध्यम से अधिकतम 7 दिवसों में उपलब्ध कराए जाएंगे। इन्हें विभाग द्वारा डिस्पेच करते हुए आवेदकों के दिए गए पते में स्पीड पोस्ट के ट्रेकिंग आईडी सहित एसएमएस भी भेजा जाएगा, जिससे आवेदकों को वस्तु-स्थिति की जानकारी मिल सके। यदि आवेदक घर में उपलब्ध नहीं रहता है तो भी आवेदक को एसएमएस के माध्यम से डिलीवरी के लिए सूचित किया जाएगा।
वाहन से संबंधित आवेदकों से प्राप्त होने वाले प्रकरण जैसे मोटरयानों का नवीन पंजीयन, स्वामित्व अंतरण, मोटरयान का अल्ट्रेशन, पंजीकृत कार्ड में पता परिवर्तन, मोटरयान में परिवर्तन, फायनेंसन के फ्रेश आरसी, हॉइपोथिकेशन जोड़ना-जारी रखना-रद्द करना, पंजीकृत कार्ड की द्वितीय प्रति, पंजीयन क्रमांक पुनःसमानुदेशन, पंजीयन का नवीनीकरण का परिवहन कार्यालय के द्वारा दस्तावेजों का आवश्यक परीक्षण एवं मोटरयान अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार वाहनों का आवश्यक निरीक्षण करने के पश्चात पंजीयन अधिकारी के द्वारा अनुमोदन किया जाएगा। इस नयी व्यवस्था के सुगम संचालन के लिए परिवहन विभाग द्वारा हेल्पलाईन नम्बर 75808-08030 जारी किया जा रहा है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से आवेदक परिवहन कार्यालयों को अनुमोदन उपरांत स्मार्ट कार्ड आधारित ड्रायविंग लायसेंस एवं रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र प्रेषण के संबंध में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
इस सुविधा में स्वैच्छिक आधार पर प्रमाणीकरण से परिवहन सेवाएं तत्काल प्राप्त होंगी। इसी तरह ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन मेडिकल प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे। इस सेवा के शुरू होने पर छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है जिसका परिवहन विभाग ड्राइविंग लाइसेंस एवं पंजीयन संबंधित सेवाओं को आधार से एकीकृत कर रहा है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से परिवहन विभाग के अधिकारी भी कार्यक्रम से जुड़े। -
एजेंसी
नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने पुणे स्थित शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। अब यह बैंक किसी भी प्रकार का बिजनेस नहीं कर पाएगा। बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना न होने के कारण केंद्रीय बैंक ने यह फैसला लिया है। आरबीआई ने कहा कि इसके अतिरिक्त बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करता है।
98 फीसदी ग्राहकों को वापस मिलेगा पूरा पैसाजमाकर्ताओं की बात करें, तो इस संदर्भ में रिजर्व बैंक ने कहा कि इस बैंक को चालू रखना इसके जमाकर्ताओं के हितों के साथ खिलवाड़ करना है। आरबीआई ने कहा कि बैंक ने जो आंकड़े दिए हैं, उसके अनुसार 98 फीसदी जमाकर्ताओं को जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से उनकी जमा राशि के एवज में पूरा पैसा मिलेगा। परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता डीआईसीजीसी से पांच लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि के एवज में जमा बीमा दावा प्राप्त करने का हकदार होगा। आसान शब्दों में समझें, तो डीआईसीजीसी के तहत बैंक डूबने या बंद होने की स्थिति में जमाकर्ताओं को पांच लाख रुपये तक का डिपॉजिट मिल जाता है।
ग्राहक पूरे विश्वास के साथ बैंकों में अपना पैसा जमा कराते हैं, लेकिन कई बार बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के अनुसार काम नहीं कर पाते। ऐसे में केंद्रीय बैंक इनपर कार्रवाई करता है। आरबीआई ज्यादातर बैंकों पर जुर्माना लगाता है। लेकिन कुछ परिस्थितियां में ग्राहकों की सुरक्षा के हित में उसे लाइसेंस भी रद्द करना पड़ता है।
आरबीआई के मुताबिक बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हित में नहीं था। बैंक अपनी खराब वित्तीय स्थिति की वजह से मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा। आरबीआई ने महाराष्ट्र के रजिस्ट्रार ऑफ को-ऑपरेटिव सोसाइटीज को शिवाजी राव भोसले सहकारी बैंक लिमिटेड को बंद करने के लिए ऑर्डर जारी करने को कह दिया गया है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अंतर्राष्ट्रीय धूम्रपान निषेध दिवस के अवसर पर आज यहां अपने निवास कार्यालय से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए वर्चुअल योगाभ्यास एवं योग परामर्श कार्यक्रम का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम छत्तीसगढ़ योग आयोग द्वारा कोविड-19 की चिकित्सा से स्वस्थ हुए व्यक्तियों, होम आइसोलेशन एवं क्वारेंटाइन में रह रहे व्यक्तियों, उनके परिवार के सदस्यों, वैक्सीन का प्रथम डोज ले चुके व्यक्तियों एवं वरिष्ठ नागरिकों सहित जन सामान्य में कोविड-19 के प्रभावों को कम करने एवं रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित किया गया।। योग की निःशुल्क कक्षाएं 31 मई से एक वर्ष तक चलेंगी । सोशल मीडिया में लोग योगाभ्यास कार्यक्रम को देख सकेंगे।
इस अवसर पर गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, समाज कल्याण मंत्री एवं अध्यक्ष छत्तीसगढ़ योग आयोग श्रीमती अनिला भेंड़िया, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव समाज कल्याण विभाग श्रीमती रीना बाबा साहेब कंगाले मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थीं। संचालक समाज कल्याण श्री पी. दयानंद सहित छत्तीसगढ़ योग आयोग और समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभिन्न जिलों से नागरिक, समाज कल्याण विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, योग प्रशिक्षक भी इस कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े।
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एजेंसी
नई दिल्ली : योग गुरु बाबा रामदेव और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) के बीच जारी खींचतान के बीच, आईएमए के राष्ट्रीय प्रमुख डॉ जेए जयलाल ने शुक्रवार को कहा कि एसोसिएशन रामदेव के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि योग गुरु द्वारा आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ अपनी टिप्पणी वापस लेने के बाद पुलिस शिकायत वापस ले ली जाएगी।
जयलाल ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, "योग गुरु बाबा रामदेव के खिलाफ हम नहीं है। उनके बयान कोविड -19 के टीकाकरण के खिलाफ हैं। हमें लगता है कि उनके बयान लोगों को भ्रमित कर सकते हैं, उन्हें विचलित कर सकते हैं। यह हमारी बड़ी चिंता है क्योंकि उनके कई अनुयायी हैं।"
योग गुरु और चिकित्सा संघ के बीच बयानों के आदान-प्रदान बिना किसी कमी के संकेत के लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि रामदेव ने अपने उस वीडियो बयान को वापस ले लेते हैं जिसकों लेकर यह विवाद शुरू हुआ। उस वीडियो में योग गुरु को एलोपैथी चिकित्सा पद्धति को लेकर अपमानजनक टिप्पणी करते देखा गया था। हालांकि बाबा रामदेव ने यह दावा किया गया था कि वह व्हाट्सऐप संदेश पढ़ रहे थे।
इसके बाद भी विवाद खत्म नहीं हुआ। एक अन्य वीडियो में योग गुरु कह रहे थे कि 'किसी का बाप भी उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकता'। उन्होंने आईएमए से 25 सवाल भी पूछे और पूछा कि आधुनिक चिकित्सा ने उच्च रक्तचाप का स्थायी इलाज क्यों नहीं खोजा है। जयलाल ने कहा कि अगर रामदेव अपनी टिप्पणी को पूरी तरह वापस लेने के लिए आगे आते हैं तो आईएमए शिकायत और मानहानि नोटिस वापस लेने पर विचार करेगा।
इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के उत्तराखंड अध्याक्ष ने रामदेव के 25 सवालों का जवाब दिया और पतंजलि योगपीठ को एलोपैथी पर एक खुली, टेलीविजन पर बहस के लिए चुनौती दी। 'एलोपैथी बनाम आयुर्वेद' विवाद ने उस समय एक नया मोड़ ले लिया जब पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और रामदेव के सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने आईएमए पर पूरे देश को ईसाई धर्म में बदलने की साजिश का हिस्सा होने का आरोप लगाया। इसका जवाब देते हुए, डॉ जयलाल ने कहा, "धर्म का सवाल यहां तक कैसे आता है? यह विशुद्ध रूप से निहित स्वार्थों की एक भटकाव की रणनीति है और कुछ भी नहीं। मैंने जीवन भर लोगों को किसी भी आधार पर भेदभाव किए बिना उनकी सेवा की है और आगे भी जारी रखूंगा।"
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एजेंसीलखनऊ : कांग्रेस महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कोविड में इस्तेमाल होने वाली जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों से जीएसटी हटाने का आग्रह किया है। प्रियंका गांधी ने कहा कोविड से लड़ाई में ऐसी वस्तुओं पर जीएसटी लगाना क्रूरता है। बता दें कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक से कुछ घंटे पहले शुक्रवार 28 मई को प्रियंका गांधी ने यह ट्वीट किया है।
'जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों पर से हटना चाहिए जीएसटी' कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार 28 मई को जीएसटी परिषद की बैठक से पहले एक लिस्ट शेयर की है। लिस्ट शेयर करने के साथ प्रियंका गांधी ट्विट करते हुए लिखा, 'महामारी के समय एंबुलेंस, बेड, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन, दवाइयों, वैक्सीन के लिए परेशान हुए लोगों से कोविड संबंधित उत्पादों पर जीएसटी वसूलना निर्दयता व असंवेदनशीलता है। आज जीएसटी काउंसिल में सरकार को कोविड से लड़ाई में इस्तेमाल हो रही सभी जीवनरक्षक दवाइयों व उपकरणों पर से जीएसटी हटाना चाहिए।'
बता दें कि आज 28 मई को जीएसटी परिषद की डिजिटल बैठक होनी है। कांग्रेस का कहना है कि इस बैठक में विपक्ष शासित राज्य जीएसटी की व्यवस्था में सुधार और राज्यों को उपकर संबंधी राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र से अनुदान की जरूरत पर जोर देंगे।
'जिम्मेदार कौन' अभियान प्रियंका गांधी ने किया शुरू-इससे पहले प्रियंका गांधी ने 'जिम्मेदार कौन' अभियान शुरू किया है, जिसके तहत वे सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार सरकार से सवाल कर रही हैं। प्रियंका गांधी ने कहा सरकार जनता के प्रति जवाबदेह है, इसलिए हर एक मुद्दे पर बेबाक सवाल पूछे जाने जरूरी हैं। -
एजेंसीनई दिल्ली : अमेरिकी कंपनी फाइजर ने भारत की सरकार से अपने कोरोना वायरस की वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगी है। फाइजर ने कथित तौर पर अपने टीके की फास्ट-ट्रैक मंजूरी भी मांगी है। फाइजर ने वैक्सीन के लिए मंजूरी मांगते हुए कहा है कि 12 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों पर उनका वैक्सीन प्रभावी है। फाइजर ने ये भी कहा है कि भारत में फैले कोविड-19 के वैरिएंट B.1.617.2 पर भी उनका वैक्सीन असरदार है। फाइजर ने कहा है कि उनके वैक्सीन को 2-8 डिग्री तापमान पर एक महीने तक स्टोर किया जा सकता है।
फाइजर ने इस हफ्ते की शुरुआत में भारत सरकार से कहा था कि वह इस साल जुलाई से अक्टूबर के बीच भारत को अपने टीके की 5 करोड़ खुराक देने को तैयार है। लेकिन फाइजर ने इसके साथ ही नुकसान होने पर हर्जाना समेत कुछ अन्य छूट मांगी है। फाइजर की वैक्सीन को BNT612b2 का नाम दिया गया है। फाइजर ने ये भी कहा है कि हाल ही में जो डेटा मिले हैं, SARS-CoV-2 के वैरिएंट के खिलाफ भारतीयों में BNT612b2 के दो डोज की प्रभावशीलता की पुष्टी करते हैं।
फाइजर ने कहा है कि पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड की तरफ से की गई स्टडी में 26 फीसदी भारतीय और ब्रिटिश इंडियन शामिल हुए थे। पूरी स्टडी से पता चला है कि भारत में फैले कोविड-19 के वैरिएंट B.1.617.2 पर हमारा वैक्सीन BNT612b2 काफी ज्यादा प्रभावी है।
एक सूत्र ने फाइजर के हवाले से सरकार को बताया, "भारत और दुनिया भर में मौजूदा स्थिति 'हमेशा की तरह व्यवसाय' नहीं है और हमें हमेशा की तरह प्रक्रियाओं के साथ इसका जवाब नहीं देना चाहिए।'' चर्चा से जुड़े एक अन्य सूत्र ने कहा कि भारत सरकार और फाइजर के अध्यक्ष और सीईओ अल्बर्ट बौर्ला के बीच हालिया बैठकों के बाद, वे भारत में कंपनी के कोविड -19 वैक्सीन के अनुमोदन में तेजी लाने के लिए तीन प्रमुख मुद्दों पर संयुक्त रूप से काम करने पर सहमत हुए हैं। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामुख्यमंत्री ने नगर निगम भिलाई, दुर्ग एवं भिलाई-चरौदा में लगभग 114 करोड़ रुपए की लागत के कार्यों का किया वर्चुअल भूमिपूजन-लोकार्पणकोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए दुर्ग जिले में जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों के सहयोग से किया गया अभूतपूर्व कार्य
मुख्यमंत्री ने टीम भावना के साथ किए गए प्रयासों की सराहना की, मितानिनों, सफाई कर्मियों सहित सभी लोगों को दिया धन्यवाद
भिलाई-चरौदा नगर निगम में 56.21 करोड रूपए की लागत से बनने वाले ट्रांसपोर्ट नगर और 16.19 करोड की लागत के गौरव पथ निर्माण कार्य का हुआ भूमिपूजन
नगर निगम भिलाई में 24 करोड़ 33 लाख रुपए की लागत के कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण
नगर निगम दुर्ग के अंतर्गत 14 वें वित्त आयोग मद से 17 करोड़ 38 लाख रुपए लागत के कार्यों का भूमिपूजन
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। संक्रमण दर भी घटकर मात्र 5 प्रतिशत के आस-पास रह गयी है। अब जन-जीवन सामान्य होने के साथ विकास कार्य भी तेजी से पूरे किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने की हमारी मुहिम कोरोना संकट से थोड़ी देर के लिए प्रभावित जरूर हुई है, लेकिन नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का न तो हमारा संकल्प प्रभावित हुआ और न प्रदेश के विकास और उन्नति की मुहिम की रफ्तार को प्रभावित होने दिया जाएगा। कोरोना की वजह से समय की जो क्षति हुई है, विकास कार्यों की गति बढ़ाकर इसकी पूर्ति कर लेंगे। मुख्यमंत्री ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में दुर्ग जिले के नगर निगम भिलाई, दुर्ग एवं भिलाई-चरौदा में लगभग 114 करोड़ रुपए की लागत के विभिन्न कार्यों का वर्चुअल भूमिपूजन और लोकार्पण करने के बाद इस आशय के विचार प्रकट किए।
मुख्यमंत्री ने दुर्ग जिले में कोरोना संक्रमण के नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन के साथ जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों द्वारा किए गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि सभी के सहयोग से दुर्ग जिले में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए अभूतपूर्व काम किया गया है। इसकी जितनी भी सराहना की जाए कम है। एक समय था जब दुर्ग जिले में संक्रमण की दर 30 प्रतिशत तक पहुंच गयी थी। जिसे सभी के प्रयासों से 3 प्रतिशत के नीचे लाने में सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों ने टीम भावना के साथ काम करते हुए जिले में आॅक्सीजन, आॅक्सीजन बेड, डाॅक्टरों और दवाईयों की व्यवस्था की। मितानिनों ने कोरोना किट की दवाईयों के गांव-गांव में वितरण का सराहनीय काम किया। सफाई कर्मचारियों और चिकित्सा स्टाॅफ ने भी प्रशंसनीय काम किया। मुख्यमंत्री ने इन कार्यों में दिए गए सहयोग के लिए सभी लोगों को धन्यवाद दिया।
मुख्यमंत्री ने भिलाई-चरौदा निगम में ट्रांसपोर्ट नगर का भूमिपूजन किया, इसका निर्माण 56 करोड़ 21 लाख रुपए की लागत से किया जाएगा। इसके बनने से ट्रांसपोर्टर्स को काफी राहत मिलेगी और क्षेत्र की यातायात व्यवस्था में भी सुधार होगा। इसके साथ ही उन्होंने भिलाई-चरौदा निगम में ही गौरवपथ के कार्य का भूमिपूजन किया। इसकी लागत 16.19 करोड़ है। श्री बघेल ने नगर निगम भिलाई में 2.54 करोड़ रूपए की लागत से निर्मित 22 कार्यों का लोकार्पण और 22.33 करोड़ रूपए के 172 कार्यों का भूमिपूजन किया। उन्होंने नगर निगम दुर्ग के अंतर्गत 14 वें वित्त आयोग मद से 17 करोड़ 38 लाख रुपए लागत के कार्यों का भूमिपूजन किया। कार्यक्रम के दौरान दो दिवंगत शासकीय कर्मियों के एक-एक परिजन को अनुकंपा नियुक्ति का पत्र सौंपा गया। कलेक्टर दुर्ग ने बताया कि राज्य शासन द्वारा अनुकंपा नियुक्ति के शिथिल किए गए प्रावधान के अनुसार 40 दिवंगत कर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के प्रकरण तैयार किए जा रहे हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, राज्य भंडारगृह निगम के अध्यक्ष श्री अरुण वोरा, क्षेत्र के विधायक एवं निगम के महापौर भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम से जुड़े। वनमंत्री एवं दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरु रुद्रकुमार तथा नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू मुख्यमंत्री निवास में उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले डेढ़ महीने से कोरोना की दूसरी लहर के कारण पूरे देश के साथ-साथ छत्तीसगढ़ को भी बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। इन डेढ़ महीनों में विकास कार्य भी बहुत प्रभावित हुआ है। लेकिन अब प्रदेश में स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। संक्रमण-दर भी घटकर मात्र 5 प्रतिशत के आसपास रह गई है। लाकडाउन में छूट दी जा चुकी है। अब जन जीवन तेजी से सामान्य होने के साथ-साथ विकास कार्य भी तेजी से किए जाएंगे। पिछले डेढ़ महीनों के दौरान जो काम रुके हुए थे, उन्हें भी तेजी से पूरा किया जाएगा। कोरोना की वजह से समय की जो क्षति हुई है, हम अपनी रफ्तार बढ़ाकर उसकी भी पूर्ति कर लेंगे। इसके लिए बहुत जरूरी है कि हम कोरोना के प्रति बहुत सावधानी बरतें, ताकि हमारे विकास कार्य दुबारा बाधित न हो सकें। सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजेशन मास्क और टीकाकरण से ही हम कोविड के खिलाफ जंग जीत सकते हैं।
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में दुर्ग जिले में विकास के कार्य तेजी से पूरे होंगे। उन्होंने तीनों नगर निगम क्षेत्रों के नागरिकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विषम परिस्थितियों के बावजूद मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में विकास कार्यों को गति प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। हर क्षेत्र में विकास कार्यों को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। राज्य में सभी वर्गो के लिए योजनाएं बनाई गई और उन पर अमल किया गया। किसी भी स्तर पर कमी नहीं होने दी गई। आने वाले समय में विकास की गति और तेज होगी।
वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की प्राथमिकता किसान और गांव हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास और आर्थिक उन्नति के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे है। राजीव गांधी किसान योजना के अंतर्गत किसानों को लगभग 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में देने की शुरूआत कर दी गयी है। 1500 करोड़ रूपए की पहली किश्त का किसानों को भुगतान किया जा चुका है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से प्रदेश के लगभग डेढ़ लाख गौपालक लाभान्वित हो रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 154 करोड़ रूपए लघु वनोपजों की खरीदी की गयी है। वनोपज खरीदी में छत्तीसगढ़ का देश में पहला स्थान है। तेन्दूपत्ता संग्रहकों को 649 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जाएगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डाॅ. शिवकुमार डहरिया ने कहा कि प्रदेश के 169 नगरीय निकायों में मूलभूत कार्यों के लिए राशि स्वीकृत की गयी है। आज दुर्ग जिले के 3 नगर निगमों में लगभग 114 करोड़ रूपए की लागत के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया। ये कार्य इन नगर निगम क्षेत्रों के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ का सपना जल्द साकार होगा। कार्यक्रम को विधायक श्री देवेन्द्र यादव और छत्तीसगढ़ राज्य भण्डार गृह निगम के अध्यक्ष श्री अरूण बोरा ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर दुर्ग डाॅ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने विकास कार्यों के संबंध में संक्षिप्त प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा45 प्लस के टीकाकरण में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल
लक्षण वाले लोगों को तत्काल कोरोना दवा देने का फैसला रहा असरकारी
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रोें में भी कोरोना रैपिड एंटीजन टेस्ट की सुविधा से संक्रमितों के त्वरित पहचान में मिली मदद
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की दूरदर्शिता, त्वरित फैसले और मजबूत इरादे के साथ बेहतर प्रबंधन ने छत्तीसगढ़ राज्य में कोरोना की दूसरी लहर को त्रासदी में तब्दील होने से पहले ही थाम लिया। कोरोना के प्रकोप को रोकने में स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से लेकर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, मितानिनों , आंगनवाडी कार्यकर्ताओं,सहायिकाओं सहित सभी विभागों के अधिकारियों कर्मचारियों ने पूरी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन किया । यही वजह है कि आज छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की रफ्तार मंद पड़ गयी है। बेहतर प्रबंधन और उपचार के चलते कोरोना संक्रमित मरीजों की रिकवरी भी तेजी से होने लगी है। मुख्यमंत्री ने राज्य में शहरी इलाकों के साथ-साथ गांव में तेजी से पांव पसारते कोरोना की रोकथाम के लिए लक्षण वाले मरीजों को कोरोना टेस्टिंग के रिजल्ट का इंतजार किए बिना निःशुल्क घर-पहुंच कोरोना दवा किट उपलब्ध कराने के फैसले का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया ,जिसका सार्थक परिणाम देखने और सुनने को मिला। कोरोना संक्रमित मरीज गंभीर स्थिति में जाने से बचने लगे। इससे हॉस्पिटल में बेड न मिलने की स्थिति बेकाबू होने से रुक गयी।
गौरतलब है कि कोरोना के गंभीर प्रकोप की स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की राज्य स्तरीय समिति द्वारा इसकी रोकथाम एवं उपचार के लिए अनुशंसित दवाओं की किट मितानिनों , स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से राज्य के ग्रामीण इलाकों में घर-घर सर्दी, खांसी, बुखार से पीड़ित कोरोना के लक्षण वाले लोगों को बटवानी शुरू कर दी । लोगों को दवा के साथ लिखित में एक पर्ची भी दी गयी ,जिसमें दवाओं के सेवन का तौर-तरीका बताने के साथ ही उन्हें होम आइसोलेशन में रहने और सावधानी बरतने की समझाइश दी गई। इसका परिणाम यह रहा कि राज्य देखते ही देखते इस महामारी के संकट से उबरने लगा। कोरोना संक्रमण की पहली लहर को ध्यान में रखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के साथ-साथ कोरोना टेस्टिंग क्षमता में भी उल्लेखनीय वृद्धि की। जनवरी से लेकर मई माह की अवधि में यदि कोरोना टेस्टिंग के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो टेस्टिंग की क्षमता 3 गुना से भी ज्यादा बढ़ गई है। जनवरी और फरवरी माह में रोजाना औसतन 21 से 22 हजार कोरोना सेम्पल टेस्टिंग हो पाती थी, आज की स्थिति में यह आंकड़ा रोजाना 70 हजार से पार हो गया है। टेस्टिंग के चलते कोरोना संक्रमितों की तेजी से पहचान और उपचार ने इस महामारी पर काबू पाने में मदद की है।छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिदिन कोरोना टेस्ट 2416 (प्रति 10 लाख जनसंख्या के मान से) है, जो देश के औसत टेस्टिंग 1511 से कहीं अधिक है। राज्य में अब तक 9 लाख 31 हजार 211 कोरोना पाजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिनमें से 8 लाख 33 हजार 161 लोग कोरोना-मुक्त हो चुके हैं। वर्तमान में कोरोना संक्रमित 85 हजार 868 लोगों का उपचार जारी है। इनमें से होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को घर पर ही उपचार तथा निगरानी की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। वर्तमान में राज्य में 33 शासकीय तथा 6 निजी लैब्स में ट्रू- नाट जांच की सुविधा उपलब्ध है। राज्य के 11 शासकीय लैब एवं 5 निजी लैब में कोरोना की आरटीपीसीआर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। राज्य के ग्रामीण इलाकों के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में भी रेपिड एंटीजन टेस्ट किया जा रहा है ताकि कोरोना संक्रमितों की तेजी से पहचान कर इस महामारी को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सके।
राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 37 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल एवं 154 कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं। राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल स्थापित किया गया है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 5249 बेड तथा कोविड केयर सेंटर में 16405 बेड स्थापित किए गए हैं। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 555 आईसीयू, 515 एचडीयू एवं इसके अतिरिक्त 2516 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर है। इसी तरह शासकीय कोविड सेंटर में स्थापित 16405 बेड में से 3043 ऑक्सीजन युक्त बिस्तर तैयार किए गए हैं। निजी कोविड अस्पतालों में कुल उपलब्ध 9596 बेड, 2399 आईसीयू, 1055 एचडीयू के अलावा 4395 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध है। राज्य में शासकीय अस्पतालों में 526 तथा निजी चिकित्सालयों में 625 इस प्रकार कुल 1151 वेंटिलेटर की सुविधा उपलब्ध है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा जिलों में आईसीयू ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या बढ़ाने तथा कोरोना पीड़ितों के इलाज की बेहतर व्यवस्थाके लिए जिलों को लगातार वित्तीय सहायता दी जा रही है। मुख्यमंत्री सहायता कोष से अभी हाल ही में 73 करोड़ रुपए से अधिक की सहायता जिलों को कोरोना मरीजों के इलाज एवं जरूरतमंदों की मदद की लिए दी जा चुकी है। इससे पूर्व जिलों को कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए लगभग 192 करोड रुपए की आर्थिक मदद दी गई थी।
छत्तीसगढ़ राज्य 45 वर्ष से अधिक उम्र के नागरिकों के टीकाकरण के मामले में देश में छठवें स्थान और हेल्थ वर्कर के टीकाकरण में देश में तीसरे स्थान पर है। राज्य में अब तक 69 लाख 35 हजार से ज्यादा लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। राज्य में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं सहित 45 वर्ष से अधिक उम्र एवं 18 से 44 आयु वर्ग तक के नागरिकों में से अब तक 69 लाख 35 हजार 394 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है। 45 वर्ष से अधिक उम्र के 44.87 लाख नागरिकों को प्रथम डोज एवं 6.77 लाख लोगों को दोनों डोज तथा 18-44 वर्ष उम्र के 7 लाख 41 हजार 198 लोगों को 24 मई की स्थिति में टीकाकरण किया जा चुका है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में झीरम घाटी में 25 मई 2013 को हुए नक्सल हमले में शहीद नेताओं और जवानों को नमन करते हुए उन्हें अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की है।झीरम घाटी के नक्सल हमले में छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेता श्री विद्याचरण शुक्ल, श्री नंदकुमार पटेल, श्री महेन्द्र कर्मा, श्री उदय मुदलियार, श्री योगेंद्र शर्मा सहित अनेक नेतागण और सुरक्षा बलों के जवान शहीद हो गए थे।श्री बघेल ने शहीदों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।मुख्यमंत्री श्री बघेल दंतेवाड़ा और जगदलपुर में शहीद श्री महेंद्र कर्मा की प्रतिमा के अनावरण के कार्यक्रम में शामिल हुए। इस अवसर पर बस्तर विश्वविद्यालय और डिमरापाल स्थित स्वर्गीय श्री बलिराम कश्यप स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अस्पताल का नामकरण शहीद श्री महेंद्र कर्मा के नाम पर किया गया।कार्यक्रम में दंतेवाड़ा से उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री कवासी लखमा, विधायक श्रीमती देवती कर्मा, बस्तर सांसद श्री दीपक बैज और विधायक श्री रेखचंद्र जैन शामिल हुए। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यसभा सांसद श्री पी.एल. पुनिया और छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल के सदस्य, विभिन्न जिलों से विधायक तथा जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम से जुड़े।
मुख्यमंत्री निवास में विधायक श्री मोहन मरकाम और श्री बृहस्पति सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार द्वय श्री विनोद वर्मा और श्री राजेश तिवारी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे। -
एजेंसीनई दिल्ली : Cowin पोर्टल की शुरुआत वैक्सीन लेने वालों की सहूलियत के लिए हुई थी लेकिन जब से 18-44 आयु वर्ग के लोगों के लिए वैक्सीनेशन शुरू हुआ है तब से हर दिन हजारों लोग Cowin पोर्टल पर वैक्सीन के लिए स्लॉट बुक करने के लिए जाते हैं और खाली हाथ लौट आते हैं। लोगों की इस समस्या को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 18-44 आयु वर्ग के लोग अब बिना अप्वाइंटमेंट किसी भी सरकारी वैक्सीनेशन सेंटर पर रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट ले सकते हैं। इसकी शुरुआत आज यानी 24 मई से हो गई है।
मंत्रालय ने कहा है कि अब 18-44 साल वालों को वैक्सीन लगवाने के लिए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट लेने की जरूरत नहीं है। यदि आपने पहले से ही रजिस्ट्रेशन करवा लिया है तो अच्छी बात है, वरना आपको वैक्सीनेशन सेंटर पर ही रजिस्ट्रेशन करना होगा और उसके बाद आपको अप्वाइंटमेंट और वैक्सीन मिलेगी। मंत्रालय ने कहा है कि ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट के दौरान कई जगहों से वैक्सीन बर्बाद होने की भी रिपोर्ट मिली है जिसके बाद यह फैसला लिया गया है।
मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस संबंध में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सूचित कर दिया है। अलग-अलग राज्यों के निर्णय के बाद ही वहां ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन और अप्वाइंटमेंट मिल पाएगा। यानी आखिरी फैसला राज्य सरकार के हाथों में है।
मंत्रालय की ओर से साफतौर पर कहा गया है कि यह सुविधा फिलहाल केवल सरकारी वैक्सीनेशन केंद्र पर ही उपलब्ध है। बता दें कि अभी तक सिर्फ 45 साल से अधिक उम्र के लोगों को ही बिना अप्वाइंटमेंट वैक्सीन दिया जा रहा था, जबकि 18-44 साल के लोगों को कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने के बाद ऑनलाइन स्लॉट बुक करना पड़ता था जिसमें लोगों को काफी दिक्कत आ रही थी।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की घोषणा की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में नवनिर्मित डेडीकेटेड कोविड अस्पताल और कोविड लैब का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जिले में नयी स्वास्थ्य सुविधा के लिए सभी को बधाई दी। उन्होंने इस मौके पर जिले में ऑक्सीजन प्लांट स्थापना की घोषणा भी की। लोकार्पण कार्यक्रम की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने की। इस अवसर पर राजस्व मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, मरवाही विधायक डॉ के. के. ध्रुव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से तथा मुख्यमंत्री निवास से वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर अब पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में भी कम हो रही है। नये मरीज भी अब कम आ रहे हैं। यह हम सबके लिए राहत की बात है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम निश्चिंत हो जाएं। पहली लहर के बाद जब कुछ महीनों के लिए कोरोना कम हो गया था, तब हम लोग थोड़े असावधान हो गए थे। उसी असावधानी की कीमत हम लोगों को आज चुकानी पड़ रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना की तीसरी लहर भी आ सकती है, जो हो सकता है कि दूसरी लहर से भी ज्यादा चुनौती खड़ी कर दे, लेकिन यदि हम सब सावधान रहेंगे तो इस तीसरी लहर को आने ही नहीं देंगे। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही छत्तीसगढ़ का नया जिला है, यहां अलग ही तरह की चुनौतियां हैं, लेकिन इसके बावजूद हम सबने मिलकर कोरोना का मुकाबला सफलता के साथ किया है। शासन ने गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में तेजी से संसाधन जुटाए हैं। हमने ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट करके उनका उपचार सुनिश्चित किया है।
श्री बघेल ने कहा कि कोरोना का मुकाबला हम पूरी मजबूती के साथ कर सकें, इसी सिलसिले में जिला मुख्यालय में 30 लाख रुपए की लागत से 66 बेड डेडीकेटेड कोविड अस्पताल की स्थापना की गई है। इस नये अस्पताल में वेंटीलेटर सहित सभी जरूरी सुविधाएं होंगी। अस्पताल के लिए एक वैंटीलेटर, 4 बाईपेप मशीन, सेंट्रल ऑक्सीजन पाइप लाइन स्थापित की गई है। डेडीकेटेड अस्पताल में 150 आक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था की गई है। अस्पताल में 44 सामान्य आक्सीजन बेड, 6 एचडीयू बेड तथा 6 आईसीयू बेड होंगे। इन्हें मिलाकर कुल 66 बिस्तरों वाला यह अस्पताल होगा। 6 बेड प्रेगनेंट, पोस्ट एवं प्री प्रेगनेंट कोविड मरीज महिलाओं के उपचार के लिए आरक्षित किए गए हैं। इस अस्पताल का संचालन चौबीसों घंटे होगा। 7 डॉक्टरों तथा 6 नर्सों की टीम यहां तैनात की गई है। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों से मास्क लगाने, हाथों को सेनेटाईज करने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने तथा अपनी पारी आने पर कोरोना का टीका लगवाने के लिए प्रेरित किया।
स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि इस अस्पताल के शुरु हो जाने से अब गंभीर कोविड मरीजों का उपचार यहीं पर हो सकेगा। गंभीर मरीजों को दूसरे जिले में रिफर नहीं करना पड़ेगा। कोरोना की दूसरी लहर के खिलाफ लड़ी जा रही लड़ाई को यह नया अस्पताल मजबूती देगा। राजस्व मंत्री एवं गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल ने नये जिले में स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री और जिलेवासियों को बधाई दी। सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत ने कोरोना काल की विषम परिस्थिति में कोराना संक्रमण से प्रभावित लोगों के इलाज के लिए कोविड अस्पताल शुरू करने पर मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रकट किया। मरवाही विधायक डॉ. के.के. ध्रुव ने भी नए जिले में स्वास्थ्य सुविधा के लिए मुख्यमंत्री और जिलेवासियों को बधाई दी।
लोकार्पण अवसर पर मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, वन विभाग के प्रमुख सचिव श्री मनोज पिंगुआ, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख श्री राकेश चतुर्वेदी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री अरुण कुमार पाण्डेय भी उपस्थित थे। -
एजेंसी
नई दिल्ली : केंद्र और राज्य सरकारों की कोशिशें धीरे-धीरे रंग ला रही हैं, जिस वजह से कोरोना के रोजाना केस की संख्या अब 2.5 लाख के आसपास पहुंच गई। अभी कुछ दिन पहले तक ये आंकड़ा 4 लाख के पार चला गया था। ऐसे में नए मामलों में गिरावट से जनता ने भी राहत की सांस ली है। हालांकि एक चिंता अभी भी बनी हुई है, क्योंकि केस तो कम हो रहे, लेकिन मृतकों का आंकड़ा अभी भी अपने उच्चतम स्तर पर बना हुआ है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मिली रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटे में देश में 2,57,299 नए मरीज पाए गए। इससे साथ ही 4194 लोगों की मौत हुई, जबकि 3,57,630 ने इस महामारी से जंग जीत ली। ऐसे में देश में कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 2,62,89,290 हो गई है, जिसमें से 2,95,525 ने इस बीमारी की वजह से जान गंवाई और 2,30,70,365 पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। वहीं देशभर में एक्टिव केस की संख्या भी अब 29,23,400 हो गई है। मंत्रालय ने बताया कि देश में अब तक कुल 19,33,72,819 वैक्सीन डोज लोगों को दी जा चुकी है।
ये हैं सबसे प्रभावित राज्य महाराष्ट्र- 55,27,092 कर्नाटक- 23,67,742 केरल- 22,93,633 तमिलनाडु- 17,70,988 उत्तर प्रदेश- 16,59,212
दक्षिण भारत अभी भी चपेट में वैसे आंकड़े भले ही 4 लाख से घटकर 2.5 लाख के आसपास पहुंच गए हैं, लेकिन चिंता अभी कम नहीं हुई है। मौजूदा वक्त में दक्षिण भारत के कई राज्यों में केस अनुमान के हिसाब से ज्यादा हैं। जिस वजह से केरल और कर्नाटक सरकार ने लॉकडाउन को 31 मई और 7 जून तक बढ़ा दिया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवागोधन न्याय योजना के तहत गौपालकों को 7.17 करोड़ रूपए जारी
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को दी गई श्रद्धांजलि
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी के शहादत दिवस के अवसर पर राज्य के 22 लाख किसानों को आगामी खरीफ फसल की तैयारियों के लिए इनपुट सब्सिडी के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि उनके खातों में ऑनलाईन अंतरित की। किसानों को उक्त राशि राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 की पहली किस्त के रूप में जारी की गई है। इस योजना के तहत राज्य के किसानों को कुल 5597 करोड़ रूपए आदान सहायता के रूप में चार किस्तों में दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत सहित मंत्रीमंडल के सभी सदस्यों ने इस मौके पर पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यगीत से हुआ। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को आतंकवाद विरोधी दिवस की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर गोधन न्याय योजना के तहत राज्य के 72 हजार ग्रामीणों, पशुपालकों को 15 मार्च से 15 मई के मध्य गौठानों में बेचे गए गोबर के एवज में 7.17 करोड़ रूपए का भी अंतरण किया। मुख्यमंत्री ने गौठानों में निर्मित सुपर कम्पोस्ट खाद किसानों के विक्रय के लिए लॉच किया। उन्होंने इस मौके पर रायपुर के राजीव गांधी चौक स्थित प्रतिमा स्थल के सौंदर्यीकरण कार्य का लोकार्पण भी किया। इस कार्यक्रम में सांसद श्री पी.एल.पुनिया सहित सभी जिलों से विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष एवं अन्य जनप्रतिनिधि भी वर्चुअल रूप से शामिल हुए।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना एवं गोधन न्याय योजना के तहत राशि अंतरण के इस कार्यक्रम के लिए प्रेषित अपने संदेश में सांसद श्रीमती सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा आमजनों के साथ-साथ अन्नदाता किसानों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने और उनके जीवन में खुशहाली लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने राजीव गांधी किसान न्याय योजना को किसानों के हित में एक प्रशंसनीय कदम बताते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी मंत्रियों को बधाई दी। सांसद श्रीमती सोनिया गांधी ने अपने संदेश में कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी की सोच सदैव किसानों, श्रमिकों, गरीबों और पिछड़ों को आर्थिक तौर पर मजबूत करना था। उनके पुण्य तिथि के अवसर पर छत्तीसगढ़ सरकार ने ग्रामीणों और किसानों को मदद पहंुचाकर सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत राज्य के किसानों को दी जा रही इनपुट सब्सिडी की वजह से राज्य में खेती-किसानी बेहतर हुई है। सरकार ने इस योजना का दायरा भी खरीफ सीजन 2021 से बढ़ाया है। इसमें धान के साथ-साथ अन्य खरीफ फसलों को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राजीव गांधी किसान न्याय योजना 2021 के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी और कहा कि इस योजना के तहत भूमिहीन मजदूरों को प्रतिवर्ष निश्चित धनराशि दिए जाने के लिए वर्ष 2021-22 के बजट में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर राज्य में कोविड संक्रमण की दूसरी लहर की रोकथाम, पीड़ितों के उपचार एवं जरूरतमंदों के मदद के लिए राज्य सरकार द्वारा किए गए उपायों की विस्तार से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि दो सालों में उनकी सरकार ने स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में उल्लेखनीय काम किया है। उन्होंने इस मौके पर कोरोना टीकाकरण की स्थिति, समाज के अंत्योदय एवं गरीब परिवारों को दो महीने का निःशुल्क खाद्यान्न, कोविड महामारी के चलते बेसहारा हुए बच्चों की शिक्षा-दीक्षा के निःशुल्क प्रबंध एवं छात्रवृत्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लागू की गई महतारी दुलार योजना का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों पर कृषि ऋण की माफी के साथ ही उन्हें बीते दो सालों में 11 हजार करोड़ रूपए की अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि दी गई।
कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत एवं सांसद श्री पी.एल.पुनिया ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी जनहितैषी नीतियों को विषम परिस्थिति में भी प्रतिबद्धता के साथ पूरा कर यह जता दिया है कि स्थितियां चाहे जो भी सरकार गरीबों, किसानों के साथ है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के जन कल्याण के कार्यो की सराहना करते हुए लाभान्वित किसानों और ग्रामीणों को बधाई और शुभकामनाएं दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री ने अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के किसानों के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना एक महत्वपूर्ण योजना है। उन्होंने गोधन न्याय योजना के तहत राज्य में गोबर की खरीदी वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ सुपर कम्पोस्ट खाद के निर्माण और महिला स्व सहायता समूहों द्वारा संचालित आजीविका की गतिविधियों की जानकारी दी। श्री चौबे ने कहा कि गोबर विक्रेता किसानों को 7.17 करोड़ रूपए की राशि जारी करने के साथ ही स्व सहायता समूहों और गौठान समितियों को 3.06 करोड़ रूपए की लाभांश राशि जारी की जा रही है। गोबर विक्रेताओं को गोधन न्याय योजना के अंतर्गत अब तक 95.31 करोड़ रूपए प्रदान किए गए हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस.सिंहदेव ने आभार जताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की सोच और संकल्प को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार आगे बढ़ा रही है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी को 21 मई को उनकी पुण्यतिथि पर नमन किया है। श्री बघेल ने देश के विकास और नवनिर्माण में स्वर्गीय श्री राजीव गांधी के महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हुए उनकी पुण्यतिथि की पूर्व संध्या पर आज यहां जारी अपने संदेश में कहा है कि राजीव जी ने सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में देश की बागडोर सम्हाली। उन्होंने 21वीं सदी के आधुनिक भारत का सपना देखा था। अपनी आधुनिक और प्रगतिशील सोच से उन्होंने भारत में सूचनाक्रंाति का सूत्रपात किया। उनकी दूरदर्शी सोच का परिणाम है कि हम आज ई-प्रशासन का वर्तमान स्वरूप देख रहे हैं। उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी की शुरूआत कर देश में भारत संचार नेटवर्क और कम्प्यूटर क्रांति का आगाज किया तथा वर्तमान के डिजिटल इंडिया की नींव रखी। राजीव जी ने पंचायती राज संस्थाओं और नगरीय निकायों को भी अधिक अधिकार देकर देश में लोकतांत्रिक विकेन्द्रीकरण को बढ़ावा दिया। उन्होंने मतदान की आयु 21 वर्ष से घटा कर 18 वर्ष करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया।
श्री बघेल ने कहा कि सहज, सरल स्वभाव के राजीव जी का छत्तीसगढ़ से भी गहरा लगाव था। यहां की आदिवासी संस्कृति और निवासियों को भी उन्होंने करीब से देखा, जाना और उनके विकास के लिए काम किया। गरियाबंद जिले के आदिवासी अंचल कुल्हाड़ीघाट में 1985 का उनका संक्षिप्त प्रवास आज भी वहां के निवासियों की स्मृतियों में ताजी है। इसी समय उन्होंने धमतरी जिले के दुगली की यात्रा की, जिसे अब राजीव ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। श्री बघेल ने कहा कि राजीव जी के पदचिन्हों पर चलते हुए छत्तीसगढ़ सरकार भी सबके विकास के लिए काम कर रही है।
श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पिछले वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ शुरू की, जिसके तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5628 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में अंतरित की गई। इस वर्ष भी 21 मई को किसानों को कृषि आदान सहायता राशि (इनपुट सब्सिडी)के रूप में इस योजना की पहली किश्त दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राजीव जी आतंकवाद के आगे नहीं झुके और देश के लिए अपने प्राणों की भी परवाह नहीं की। स्वर्गीय राजीव गांधी के सम्मान में उनको श्रद्धांजलि देने के लिए उनकी पुण्यतिथि 21 मई को पूरा देश आतंकवाद विरोधी दिवस के तौर पर मनाता है। देश और प्रदेश के विकास के लिए हमारा योगदान राजीव जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। -
द न्यूज़ निदिया समाचार सेवाखरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से हर साल धान सहित खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर प्रति एकड़ 9000 रूपए की इनपुट सब्सिडी मिलेगी
कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित
गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद का भी होने लगा उत्पादन: न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में लिए गए अहम निर्णय
रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार ने आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से धान वाले रकबे में धान के बदले अन्य चिन्हित खरीफ फसलों की खेती करने वाले किसानों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का निर्णय लिया है। इससे राज्य में धान के अलावा अन्य फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन 2020-21 में धान तथा 2021-22 से धान के साथ ही खरीफ की सभी प्रमुख फसलों पर प्रतिवर्ष प्रति एकड़ 9000 रूपए इनपुट सब्सिडी देने फैसला लिया है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोदो का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। गौठानों में तैयार सुपर कम्पोस्ट खाद न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से किसानों को उपलब्ध कराई जाएगी।वर्ष 2020-21 में जिन किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचा है, यदि वह धान के बदले कोदो-कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान, अन्य फोर्टिफाइड धान की फसल लेते हैं अथवा वृक्षारोपण करते हैं तो उन्हें प्रति एकड़ 9 हजार रूपए के स्थान पर 10 हजार रूपए इनपुट सब्सिडी दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वालों को तीन वर्षों तक अनुदान मिलेगा।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज यहां उनके निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में मंत्री परिषद उपसमिति के सदस्य कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम. गीता, खाद्य सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, वित्त सचिव श्रीमती अलरमेल मंगई डी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी, सचिव कृषि श्री अमृत खलको, राजस्व सचिव सुश्री रीता शांडिल्य उपस्थित थीं।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से दायरा बढ़ाते हुए इसमें धान के साथ-साथ खरीफ की सभी प्रमुख फसलों मक्का, सोयाबीन, गन्ना, कोदो-कुटकी, अरहर के उत्पादकों को भी प्रतिवर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से इनपुट सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया।मुख्यमंत्री ने कहा कि खरीफ सीजन 2020-21 में धान के रकबे वाले खेतों में यदि किसानों द्वारा आगामी खरीफ सीजन 2021-22 से अन्य चिन्हित फसलों की खेती की जाती है, तो उन्हें 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी प्रति एकड़ के मान से दी जाएगी। खेतों में पेड़ लगाने वाले किसानों को आगामी तीन वर्ष तक प्रतिवर्ष 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जाएगी।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कृषि विभाग को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान के बजाए अन्य फसलों की खेती पर प्रति एकड़ के मान से किसानों को दी जाने वाली 10 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी, गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ अब सुपर कम्पोस्ट खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय मूल्य एवं लाभ का व्यापक प्रचार-प्रसार करने को कहा ताकि राज्य के ज्यादा से ज्यादा किसान इसका फायदा उठा सकें।बैठक में कृषि विभाग के पंजीयन पोर्टल में धान के साथ साथ अन्य फसलों के पंजीयन के लिए इस पोर्टल को अपग्रेड करने, खरीफ फसलों की गिरदावरी के संबंध में भी विस्तार से चर्चा की गई और संबंधित विभाग के अधिकारियों को इसका एक्शन प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए।
गोबर उत्पादित खाद ’सुपर कम्पोस्ट’
बैठक में गोधन न्याय योजना के तहत गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट के साथ साथ अब अतिशेष गोबर से आर्गेनिक मेन्योर खाद के उत्पादन एवं इसके विक्रय को लेकर भी विस्तार से चर्चा की गई। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अतिशेष गोबर से तैयार होने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद को सुपर कम्पोस्ट नाम दिया और इसकी मार्केटिंग की तत्काल व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।यहां यह उल्लेखनीय है कि गोधन न्याय योजना के तहत 20 जुलाई 2020 से राज्य के ग्रामीण अंचलों में सुराजी गांव योजना के तहत पशुधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौठानों का निर्माण किया गया है। इन गौठानों में 2 रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी की जा रही है और इससे महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से बडे पैमाने पर वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण भी किया जा रहा है। गौठानों में अतिशेष गोबर से सुपर कम्पोस्ट खाद का उत्पादन भी किया जा रहा है। अतिशेष गोबर से तैयार की जाने वाली आर्गेनिक मैन्योर खाद, जिसे सुपर कम्पोस्ट नाम दिया गया है। यह खाद वास्तव में बेसल डोज खाद है। जिसे गोबर की कम्पोस्टिंग कर तैयार किया जाता है। यह बेहतर गुणवत्ता वाली खाद है, जिसका उपयोग किसान खेती में कर सकेंगे। यह खाद किसानों को न्यूनतम मूल्य 6 रूपए प्रति किलो की दर से उपलब्ध कराई जाएगी।