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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवाराज्य के लगभग 12 लाख ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिलेगा लाभ
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य के ग्रामीण अंचल के भूमिहीन कृषि मजदूरों को आर्थिक मदद देने के लिए राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगी। इसका लाभ राज्य के लगभग 12 लाख ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों को मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज अपने निवास कार्यालय में कृषि, जल संसाधन, राजस्व, वन विभाग के कार्याें की समीक्षा के दौरान राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से हितग्राहियों को लाभान्वित किए जाने की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए। बैठक में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल विशेष रूप से मौजूद थे।मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूरों के बैंक खातों में राशि दी जाएगी। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में यह योजना राज्य की तीसरी ऐसी महत्वपूर्ण योजना है, जिसके जरिए हम ग्रामीण भूमिहीनों मजदूरों को सीधे मदद देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना दो ऐसी योजनाएं हैं, जिनकी चर्चा देश-दुनिया में हो रही है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के जरिए किसानों को फसल विविधीकरण एवं उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के लिए आदान सहायता (इनपुट सब्सिडी) के रूप में बहुत बड़ी धन राशि दे रहे हैं, किसानों को ऐसी मदद देश की कोई भी सरकार नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना के जरिए हम राज्य के गोपालकों, किसानों से दो रूपए किलो की दर से गोबर की खरीदी कर उन्हें सीधे लाभ दे रहे हैं। पूरे हिन्दुस्तान में कहीं भी ऐसी योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजूदरों को सीधे मदद देने के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुरूप राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना लागू करने जा रहे हैं। यह योजना भी छत्तीसगढ़ सरकार की लोकहितैषी योजना होगी।
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एजेंसी
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिजनों के लिए मुआवजे की मांग वाले मामले पर बुधवार को जस्टिस अशोक भूषण की अगुवाई वाली तीन जजों की बेंच ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिकरण (NDMA) को COVID-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को आर्थिक मदद के लिए दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि COVID-19 से जान गंवाने वाले लोगों के परिजन मुआवजे के हकदार हैं।
NDMA को 6 सप्ताह का समय देते हुए कहा गया है कि यह राज्यों को इस बारे में निर्देश दे। कोर्ट ने मामले में मुआवजा तय करना NDMA का वैधानिक कर्तव्य बताया और कहा कि इसके लिए रकम तय करना सरकार का काम है क्योंकि उसे कई और आवश्यक खर्चे भी हैं। इसके अलावा कोर्ट ने मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए भी आसान प्रक्रिया बनाने की बात कही है।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि कोविड-19 के कारण मरने वालों के परिजनों को 4 लाख रुपये का मुआवजा देना संभव नहीं क्योंकि सरकार के पास सीमित संसाधन है। मंत्रालय ने कहा था कि ऐसे यदि मुआवजे की राशि दी जाती है तो सरकार का आपदा राहत कोष खाली हो जाएगा। इससे अन्य राहत कार्यों व फैसलेे पर असर होगा। सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया था जिसमें कहा गया कि दुर्लभ संसाधनों का मुआवजा देने के लिए इस्तेमाल करने से, महामारी के खिलाफ कदमों और दूसरे मामलों में स्वास्थ्य पर खर्च प्रभावित हो सकता है।
एडवोकेट गौरव कुमार बंसल (Gaurav Kumar Bansal) और रीपक कंसल (Reepak Kansal) द्वारा दर्ज याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया है। बंसल ने आपदा प्रबंधन अधिनियम (DMA) के सेक्शन 12 (iii) का हवाला दिया और मुआवजे की मांग की। इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय अधिकरण को आपदा के कारण प्रभावित हुए लोगों को राहत के न्यूनतम मापदंडों के लिए दिशानिर्देश की सिफारिश करनी चाहिए, जिसमें मुआवजा शामिल हो। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवागौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटर में शेड निर्माण, चारागाह निर्माण, देवगुड़ी और घोटुल निर्माण सहित हाट बाजार क्लिनिक के लिए वाहन की व्यवस्था में होगा डीएमएफ मद का उपयोग
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने की घोषणा
रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द करने के निर्देश: ग्राम पंचायतों को 19.20 करोड़ से अधिक राशि होगी वितरित
अनुपयोगी खदानों में जमा पानी का सिंचाई के लिए किया जाए उपयोग
डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, कॉपर जैसे बहुमूल्य खनिजों के नये क्षेत्रों की खोज में तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कम्पनियों का लिया जाएगा सहयोग: मुख्यमंत्री ने दी सहमति
वर्ष 2020-21 में राज्य को मिला 5517 करोड़ रूपए का खनिज राजस्व: वर्ष 2021-22 में 7800 करोड़ रूपए का लक्ष्य
डीएमएफ पोर्टल से कार्यों की स्वीकृति, राशि का वितरण और भुगतान के मामले में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर
डीएमएफ कार्यों की स्वीकृति और इस मद में व्यय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुराजी गांव योजना के तहत गांवों में स्थापित किए गए गौठानों की व्यवस्था को चाक-चौबंद करने में डीएमएफ फंड की राशि का उपयोग किया जाए। चारागाह के विकास, गौठानों में मल्टी एक्टिविटी सेंटरों के लिए शेड निर्माण सहित बस्तर अंचल में देवगुड़ी और घोटुल निर्माण के कार्य भी इस मद से किए जाएं। उन्होंने कहा कि गौठानों को रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क के रूप में विकसित करने की योजना है। यहां शेड बनने से स्व-सहायता समूहों को आर्थिक गतिविधियों के संचालन में आसानी होगी। श्री बघेल ने कहा कि ग्रामीण अंचलों के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लिनिक योजना काफी प्रभावी सिद्ध हो रही है। इस योजना के लिए वाहनों की व्यवस्था करने में भी इस मद का उपयोग किया जाए। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा हाल ही में जिलों में की गई विभिन्न घोषणाओं पर अमल के लिए डीएमएफ की राशि का उपयोग किया जाए।
मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि प्रदेश में अनुपयोगी खदानों में जहां पानी इकट्ठा है, वहां पंप लगाकर किसानों को सिंचाई की सुविधा दी जाए। गौण खनिज रेत से प्राप्त रायल्टी का वितरण संबंधित ग्राम पंचायतों को जल्द किया जाए। ज्ञातव्य है कि पंचायतों को रेत से प्राप्त रायल्टी पर 25 प्रतिशत अधिक रायल्टी देने का प्रावधान है। मार्च 2020 की स्थिति में प्रावधान के अनुसार ग्राम पंचायतों को 19 करोड़ 20 लाख 94 हजार रूपए के वितरण की कार्यवाही विभाग द्वारा की जा रही है।
समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि वर्ष 2020-21 में राज्य को 5517 करोड़ रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है। वर्ष 2021-22 में लगभग 7800 करोड़ रूपए के खनिज राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य तय किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष में मई 2021 तक की स्थिति में कुल 1217 करोड़ 82 लाख रूपए का खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है। बैठक में यह भी बताया गया कि वर्ष 2021-22 में 18 खनिज ब्लॉक्स नीलामी हेतु प्रस्तावित किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने इन खनिज ब्लॉक्स के लिए सभी तैयारियां समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। इन खनिज ब्लॉक्स की नीलामी से 6 माह में लगभग 200 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होगी और इन ब्लॉक्स में खनन प्रारंभ होने से प्रतिवर्ष लगभग 1998 करोड़ रूपए का राजस्व प्रदेश को मिलेगा। इन खनिज ब्लॉक्स में 10 लौह अयस्क के और 8 चूना पत्थर के ब्लॉक्स शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने प्रदेश में बहुमूल्य खनिजों डायमंड, गोल्ड, सिल्वर, कॉपर, टंगस्टन, बेसमेटल, निकिल, पीजीई मिनरल्स, बाक्साईड और लौह अयस्क के नये खनिज क्षेत्रों का अन्वेषण तकनीकी विशेषज्ञता प्राप्त कम्पनियों केे सहयोग से करने के प्रस्ताव को बैठक में सहमति प्रदान की। जिला खनिज संस्थान न्यास की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि डीएमएफ से कार्यो की स्वीकृति और इस मद से व्यय करने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का देश में दूसरा स्थान है। राज्य में डीएमएफ निधि की 68 प्रतिशत राशि का व्यय किया गया है, जो पूरे देश में अधिकतम है। इसी तरह डीएमएफ पोर्टल के माध्यम से कार्यो की स्वीकृति, राशि का वितरण और भुगतान करने के मामले में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2020-21 में डीएमएफ मद में 1464 करोड़ 53 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुई है। इस वित्तीय वर्ष में माह मई तक 251 करोड़ रूपए की राशि मिली है। डीएमएफ से 7 हजार 9 करोड़ रूपए की लागत के 51 हजार 951 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। इन कार्यो में अब तक 4766 करोड़ रूपए की राशि खर्च की गई है।
बैठक में खनिज ऑनलाईन 2.0 परियोजना के संबंध में जानकारी दी गई कि इस परियोजना में खनिजों के अवैध परिवहन और डायवर्सन पर नियंत्रण के लिए मिनरल्स व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम विकसित किया जाएगा। साथ ही प्रशासकीय नियंत्रण के लिए इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर बनाया जाएगा। इसके माध्यम से खनिज पट्टाधारकों की सहूलियत के लिए मोबाइल एप और डेस्कटॉप बेस्ट एप्लीकेशन तैयार किया जा रहा है।बैठक में यह जानकारी दी गई कि राज्य में ई नीलामी के माध्यम से गौण खनिजों निम्न श्रेणी चूना पत्थर, डोलोमाईट, क्वार्ट्ज, साधारण पत्थर, फर्शी पत्थर, ईट-मिट्टी, ग्रेनाईट कीे 293 खदानों की नीलामी की गई है, जिनमें 192 खदानंे संचालित हैं। बैठक में यह भी बताया गया कि नवीन रेत नीति के बाद प्रदेश में 362 रेत खदानों की नीलामी की गई, जिनमें से 256 खदानें संचालित है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में रेत की रायल्टी से 17 करोड़ 77 लाख रूपए, नीलामी राशि के रूप में 17 करोड़ 76 लाख रूपए, डीएमएफ में एक करोड़ 76 लाख रूपए तथा रेत ब्लॉक नीलामी हेतु प्राप्त आवेदनों से आवेदन शुल्क के रूप में 21 करोड़ 54 लाख रूपए की राशि प्राप्त हुई है। बैठक में बताया गया कि गौण खनिजों के खदानों में स्टार रेटिंग प्रणाली लागू की गई है। खदानों को व्यवस्थित और वैज्ञानिक माइनिंग, पर्यावरण सुरक्षा, खनिजों के संरक्षण, खान सुरक्षा के उपायों के पालन आदि मापदण्डों पर स्टार रेटिंग दी जाती है। चयनित 5 स्टार खदान के पट्टेधारियों को मुख्यमंत्री श्री बघेल प्रमाण पत्र देकर सम्मानित करेंगे।
बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, खनिज साधन विभाग के सचिव श्री अंबलगन पी, मुख्यमंत्री के सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी, खनिज साधन विभाग के संचालक श्री जय प्रकाश मौर्य उपस्थित थे। -
उत्तर प्रदेश : उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने उत्तर प्रदेश जिला पंचायत चुनाव से पहले बड़ी घोषणा की है। उन्होंने सोमवार को प्रेस वार्ता में कहा कि बसपा जिला पंचायत चुनाव नहीं लड़ेगी। मायावती ने बोला कि मैं स्पष्ट कहना चाहती हूं कि अगर यह चुनाव पारदर्शी होते तो हम जरूर लड़ते।
इसके साथ ही मायावती ने कहा कि एआईएमआईएम के साथ हमारे गठबंधन की खबरें पूरी तरह गलत हैं। हम भले ही जिला पंचायत चुनाव नहीं लड़ रहे हैं, लेकिन पूरी तरह सक्रिय हैं। हमारी लगातार बैठकें चल रही हैं। हम विधानसभा चुनाव की पुरजोर तैयारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अगले विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में बसपा की सरकार बनेगी। यूपी में सर्वजन को बचाना है बसपा को सत्ता में लाना होगा। जब प्रदेश में बसपा की सरकार बन जाएगी तो जिला पंचायत अध्यक्ष खुद ही बसपा में शामिल हो जाएंगे।
उन्होंने बताया कि पार्टी के लोगों को निर्देश दिया गया है कि वे इस चुनाव में अपना समय और ताकत लगाने की बजाय पार्टी के संगठन को मजबूत बनाने और सर्व समाज में पार्टी के जनाधार को बढ़ाने में लगाएं।
मायावती ने कहा कि बसपा के लोगों को हथकंडों से सतर्क रहना चाहिए। 1995 में हम सपा सरकार से अलग हुए थे, भारतीय जनता पार्टी भी सपा की ही तरह है। बसपा के खिलाफ तरह-तरह की अफवाह फैलाई जा रही है जिससे सभी को दूर रहना चाहिए।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने ‘वन शहद‘ के लिए किया आर्डरवन शहद, आर्गेनिक बस्तर काजू, चिरौंजी, महुआ लड्डू जैसे अनेक उत्पाद अब अमेजन पर ’छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ ब्रांड के नाम से उपलब्ध
रायपुर : छत्तीसगढ़ के हर्बल उत्पाद अब ’छत्तीसगढ़ हर्बल्स’ के ब्रांड नेम से ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन एप पर उपलब्ध हो गए हैं। इससे छत्तीसगढ़ के वनवासी क्षेत्रों की आदिवासी महिलाओं के समूहों द्वारा लघुवनोपजों से तैयार किए जा रहे अनेक उपभोक्ता उत्पादों को अब देश-विदेश में अच्छा बाजार मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज छत्तीसगढ़ हर्बल्स के उत्पादों के अमेजन एप पर प्रथम ग्राहक बने। उन्होंने इस एप पर महिला स्व सहायता समूहों द्वारा तैयार ‘वन शहद‘ के लिए ऑर्डर किया। वन शहद, आर्गेनिक बस्तर काजू, चिरौंजी, महुआ लड्डू जैसे अनेक उत्पाद अब अमेजन पर उपलब्ध हो गए हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा की गई इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अमेजन में उपलब्ध होने से इन उत्पादों को देश भर मंे एक बड़ा मार्केट और पहचान दिलाने मे मदद मिलेगी।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, प्रमुख सचिव वन श्री मनोज कुमार पिंगुआ, छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ के प्रबंध संचालक श्री संजय शुक्ला भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ ने हाल ही मे अमेजन से उनके सहेली प्रोग्राम के अंतर्गत महिला उद्यमियों को प्रोत्साहन देने के लिए करार किया है। सहेली प्रोग्राम अमेजन का एक सराहनीय प्रयास है, जिसके अंतर्गत एक टीम, महिला उद्यमियों के द्वारा बनाए उत्पादों को विशेष सहायता एवं उनकी बिक्री बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग प्रदान करती है। लघुवनोपज संघ के इन प्रयासों द्वारा महिला उद्यमियों के उत्पादों को एक बड़ा मार्केट प्राप्त होगा तथा उनके जीविकोपार्जन प्रयासों को दीर्घकालिक स्थायित्व प्राप्त होगा।।
उल्लेखनीय है कि लगभग 13 लाख 50 हजार वनवासी परिवारों के उत्थान के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। वनवासी जनजातियों द्वारा एकत्रित लघुवनोपजों को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद कर, उन्हें महिला स्वसहायता समूहों द्वारा संचालित, वन धन विकास केंद्रों में अनेकों उपभोक्ता उत्पादों में परिवर्तित किया जाता है। छत्तीसगढ़ के वनों के इन अमूल्य लघु वनोपजों से बने उत्पादों को छत्तीसगढ़ हर्बल्स के ब्रांड से मार्केट मे उपलब्ध कराया जा रहा है। वन शहद, आर्गेनिक बस्तर काजू, चिरौंजी, महुआ लड्डू जैसे अनेक उत्पाद अब अमेजन पर भी वितरित किए जाऐंगे।
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एजेंसीनई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन के सात महीने पूरा होने पर शनिवार को कहा कि उनकी पार्टी इन सत्याग्रही अन्नादाताओं के साथ खड़ी है।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘सीधी-सीधी बात है- हम सत्याग्रही अन्नदाता के साथ हैं।’’
गौरतलब है कि केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान पिछले साल 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। वे इन तीनों कानूनों को रद्द करने और फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी देने के लिए एक नया कानून लाने की मांग कर रहे हैं।
इन विवादास्पद कानूनों पर बने गतिरोध को लेकर हुई किसानों और सरकार के बीच कई दौर की वार्ता बेनतीजा रही। -
एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप कुछ कम होने के साथ ही अब स्वास्थ्य विशेषज्ञों के सामने तीसरी लहर की आशंकाएं खड़ी हो गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के नए वेरिएंट 'डेल्टा प्लस' की वजह से देश में इस महामारी की तीसरी लहर आ सकती है। अभी तक महाराष्ट्र सहित तीन राज्यों में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरिएंट के 40 मामले सामने आ चुके हैं। हालांकि, इस बीच देश के शीर्ष डॉक्टरों में शुमार और जीनोम सीक्वेंसर डॉ. अनुराग अग्रवाल ने डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर एक राहत भरी जानकारी दी है।
'डेल्टा+ का तीसरी लहर से कोई लेना-देना नहीं' एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी के निदेशक डॉ. अनुराग अग्रवाल ने बताया, 'इस समय तक अभी ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है, जिससे यह माना जाए कि डेल्टा प्लस वेरिएंट का कोरोना वायरस की संभावित तीसरी लहर से कोई लेना-देना है। मेरे इंस्टीट्यूट ने जून के महीने में महाराष्ट्र से लिए गए 3500 से ज्यादा सैंपल का सीक्वेंस किया। इसमें अप्रैल और मई के सैंपल्स भी कवर किए गए। हमने यह तो पाया कि उनमें डेल्टा प्लस वेरिएंट के मामले बहुत ज्यादा हैं, लेकिन अगर देखा जाए तो ये एक प्रतिशत से भी कम होंगे।'
'डेल्टा का कोई भी वेरिएंट एक चिंताजनक वेरिएंट' डॉ. अनुराग अग्रवाल के मुताबिक, 'हालांकि डेल्टा का कोई भी वेरिएंट एक 'चिंताजनक वेरिएंट' है। तो जब मैं कहता हूं कि हमें बहुत ज्यादा चिंतित नहीं होना चाहिए, तो मेरा मतलब साफ है कि आज भारत में कहीं भी मौजूद किसी भी डेल्टा के लिए, हमें तीसरी लहर के बारे में चिंता करने से पहले दूसरी लहर के खत्म ना होने के बारे में चिंतित होना चाहिए। दूसरी लहर की रफ्तार खुद भले ही कम हुई है, लेकिन अगर हम कोविड प्रोटोकॉल में लापरवाही बरतते हैं, तो हमारे लिए भारी पड़ सकता है।'
अभी तक कहां कहां मिला डेल्टा प्लस वेरिएंट आपको बता दें कि डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर केंद्र सरकार ने बुधवार को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकारों से कहा कि जिन जिलों में इस वेरिएंट के मामले मिल रहे हैं, वहां प्राथमिकता के आधार पर रोकथाम के उपाय किए जाएं। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने अपनी चिट्ठी में टीकाकरण की रफ्तार बढ़ाने की भी सलाह दी। डेल्टा प्लेस वेरिएंट के मामले अभी तक केवल महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और केरल में ही मिले हैं। केरल में कोरोना के डेल्टा प्लस मामलों को देखते हुए तीन गांवों को सील कर दिया गया है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवासभी आयु वर्गाें के लिए अब वैक्सीनेशन हेतु पंजीयन कोविन पोर्टल से होगा
रायपुर : प्रदेश के 18 से 44 आयु वर्ग के जिन व्यक्तियों ने 20 जून तक सी जी टीका पोर्टल से पंजीयन करवा कर कोविड वैक्सीन का प्रथम डोज लिया है,वे प्रथम डोज का सर्टिफिकेट उसी पोर्टल से डाउनलोड कर सकते हैं। केवल इस हेतु सी जी टीका पोर्टल प्रारंभ किया जा रहा है। 21 जून से सभी आयु वर्गाें के लिए चूंकि भारत सरकार निःशुल्क टीका उपलब्ध करा रहा है अतः अब कोविन पोर्टल से ही कोविड टीकाकरण के लिए पंजीयन किया जा रहा है। पंजीयन की सुविधा आन साइट भी उपलब्ध है।
राज्य कोविड 19 टीकाकरण अधिकारी डॉक्टर अमर सिंह ठाकुर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग के कोविड टीकाकरण के लिए मई में सी जी टीका पोर्टल प्रारंभ किया था जिसमें पंजीयन कराने के बाद उन्हे टीका लगाने में आसानी हो रही थी। भारत सरकार द्वारा 21 जून से सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए निःशुल्क टीका दिया जा रहा है और इसके लिए पंजीयन कोविन पोर्टल से हो रहा है अतः सीजी टीका पोर्टल पोर्टल की अब आवश्यकता नहीं है, इसलिए इसे बंद किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। किंतु जिन लोगों ने 20जून तक सी जी टीका पोर्टल में पंजीयन करा कर प्रथम डोज लिया है ,उन्हे प्रथम डोज का सर्टिफिकेट देने के लिए सीजी टीका पोर्टल चालू किया जा रहा है जो उनके वैक्सीन के द्वितीय डोज के समय काम आएगा। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामसाहती पट्टा मिलने के बाद अबूझमाड़ क्षेत्र के ग्राम कुरूसनार के सत्यनारायण उसेंडी ने पहली बार लैम्पस में बेचा धान
किसान क्रेडिट कार्ड सहित कृषि और उद्यानिकी विभाग की योजनाओं का मिला लाभ
कुरूसनार गांव के किसानों के खेत में कराया गया भूमि समतलीकरण, डबरी निर्माण, बोरवेल का काम
ओरछा विकासखंड के 4 गांवों में पूरा हुआ सर्वे का काम: अब 1041 किसानों को मिलेगा शासन की योजना का लाभ
नारायणपुर : नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र के किसान वैसे तो शुरू से ही खेती करते आ रहे हैं, लेकिन गांव का सर्वे नहीं होने के कारण उनके पास पट्टे नहीं थे। इस वजह से न तो वे लैम्पस में धान बेच पा रहे थे और न ही उन्हें शासन की किसी योजना का लाभ मिल पा रहा था। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व मेें अबूझमाड़ क्षेत्र के गांवों में राज्य सरकार द्वारा प्राथमिकता के साथ सर्वे का काम तेजी से किया जा रहा है।
ओरछा विकासखंड के चार गांव जहां राजस्व सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है, वहां किसानों को मसाहती पट्टों का वितरण किया गया है। मसाहती पट्टा मिलने के बाद ऐसे किसानों को अब शासन की योजनाओं का लाभ भी मिलना प्रारंभ हो गया है। इस क्षेत्र के कुरूसनार गांव के एक किसान श्री सत्यनारायण उसेंडी ने इस वर्ष पहली बार लैम्पस में धान समर्थन मूल्य पर बेचा और उन्हें धान के एवज में 16 हजार रूपए की राशि मिली। साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना की पहली किश्त की राशि भी मिली है। हलांकि उन्होंने अभी अपने खाते की जांच कर नहीं देखा है कि उनके खाते में कितनी राशि आयी है।
श्री सत्यनारायण उसेंडी ने शनिवार 19 जून को नारायणपुर जिले में विकास कार्यों के लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से वर्चुअल चर्चा के दौरान उन्हें पट्टा मिलने पर धन्यवाद देते हुए बताया कि अब उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। उन्होंने बताया कि वे शुरू से ही खेती कर रहे थे। लेकिन अबूझमाड़ क्षेत्र में धान की खरीदी नहीं की जाती थी। मसाहती पट्टा मिलने से इस बार पहली बार उन्होंने लैम्पस में धान बेचा। उनका किसान क्रेडिट कार्ड बन गया है। जिन गांवों का सर्वे हो गया है, वहां शासन की योजना के तहत किसानों के खेत में भूमि समतलीकरण और डबरी निर्माण किया गया है। पूरे गांव की फैंसिंग की गई है और किसानों के खेत में बोरवेल्स भी लगाए गए हैं। कृषि विभाग से अब किसानों को विभिन्न फसलों के बीज वितरण के साथ-साथ मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उद्यानिकी विभाग की योजना में उनके खेत में ड्रीप लाईन बिछायी गई है और पाली हाउस बनाया गया है। जिनमें वे बरबट्टी की खेती कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शासन की योजना से उन्हें काफी लाभ हुआ है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने उनसे पूछा कि उनके गांव में कितने किसान खेती कर रहे हैं और उनके पास कितनी जमीन है। श्री सत्यनारायण उसेंडी ने बताया कि उनके गांव में लगभग 40 किसान खेती कर रहे हैं। किसानों के पास 4 एकड़ से लेकर 8 एकड़ जमीन है। इस बार उन्होंने 10 क्विंटल धान पहली बार बेचा। मुख्यमंत्री ने श्री उसेंडी से कहा कि वे शासन की योजनाओं का लाभ उठाएं और दूसरे लोगों को योजनाओं के बारे में बताएं। राज्य सरकार विशेषकर आदिवासियों के लिए अनेक योजनाएं लेकर आयी है, इनमें उद्यानिकी, मछलीपालन, सब्जी उत्पादन, धान उत्पादन से जुड़ी अनेक योजनाएं है। ज्याद से ज्यादा लोगों को इन योजनाओं का लाभ लेना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि नारायणपुर जिले के ओरछा और नारायणपुर विकासखंड के गांवों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। ओरछा के 237 और नारायणपुर विकासखंड के 9 गांवों में सर्वेक्षण नहीं हो पाया था। राज्य सरकार द्वारा इन गांवों का सर्वेक्षण प्राथमिकता के साथ किया जा रहा है। ओरछा विकासखंड के 4 गांवों को प्रारंभिक सर्वेक्षण पूरा हो गया है। उन्हें भुइंया सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है। इससे अब वहां के 1041 किसान शासन की योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से बस्तर जिले में 167 करोड़ 21 लाख रूपए के 70 विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन किया, जिसमें 67 करोड़ 91लाख रूपए की लागत वाले 24 कार्यों का लोकार्पण और 99 करोड़ 30 लाख रूपए के 46 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर स्व-सहायता समूह की महिलाओं तथा विभिन्न योजनाओं से लाभांवित हितग्राहियों से चर्चा कर शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की स्थिति का भी मूल्यांकन किया।
इस अवसर पर कृषि एवं जल संसाधन मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित हैं । -
द न्यूज़ इंडिया सामाचार सेवाशांति का एक ही मंत्र है- विकास, विश्वास और सुरक्षा: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेलकांकेर जिले के कोड़ेकुर्से में विद्युत सब-स्टेशन और बीएड कॉलेज की घोषणा
ग्राम गिधाली के स्कूल चौक में दो लाख रूपए की लागत से स्थापितहोगी शहीद श्री गणेश कुंजाम की प्रतिमा
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि शांति का एक ही मंत्र है- विकास, विश्वास और सुरक्षा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तर अंचल के लोगों को विकास की मुख्यधारा में आगे लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। वनवासियों को जल-जंगल और जमीन का हक देने के लिए व्यक्तिगत और सामुदायिक वन अधिकार पट्टों के साथ वन संसाधनों का भी अधिकार दिया जा रहा है। वनवासियों को तेंदूपत्ता सहित लघु वनोपजों का सही मूल्य दिलाने के साथ-साथ रोजगार से भी जोड़ा जा रहा है। बस्तर अंचल में स्वास्थ्य सुविधाएं मजबूत की गई हैं। वनवासियों, किसानों, महिलाओं और ग्रामीणों तक राज्य शासन की योजनाओं का लाभ दिलाया जा रहा है। जिससे उनके जीवन में बड़ा परिवर्तन आ रहा है।मुख्यमंत्री श्री बघेल आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में कांकेर और नारायणपुर जिले को 222 करोड़ रूपए के 275 विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने कांकेर जिले में 152 करोड़ 59 लाख रूपए की लागत के 145 कार्यों का और नारायणपुर जिले में 69 करोड़ 75 लाख रूपए की लागत के 130 निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी के आग्रह पर कांकेर जिले के कोड़ेकुर्से में विद्युत सब-स्टेशन की घोषणा की। संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सिंह सोरी और मुख्यमंत्री के सलाह श्री राजेश तिवारी के आग्रह पर कांकेर में बीएड कॉलेज और चारामा विकासखण्ड के ग्राम गिधाली के स्कूल चौक में गलवान घाटी में शहीद श्री गणेश कुंजाम की प्रतिमा की स्थापना के लिए 2 लाख रूपए की स्वीकृति की घोषणा। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप के आग्रह पर नारायणपुर जिले में मधुमक्खी पालन के लिए कलेक्टर को डीएमएफ और सीएसआर मद से आवश्यक कार्य कराने के लिए स्वीकृति देने के निर्देश दिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने वनवासियों, किसानों, महिलाओं और ग्रामीणों के जीवन मे बदलाव के लिए नई-नई योजनाएं शुरू की है। किसान हितैषी अनेक फैसले भी लिए हैं। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर ढाई हजार रूपए से बढ़ाकर 4000 रूपए की गई है। इसी प्रकार 52 प्रकार के लघु वनोपजों को समर्थन मूल्य में खरीदने की व्यवस्था से वनवासियों को पहले से ज्यादा कीमत मिल रही है। वनोपज इकट्ठा करने, बेचने, खरीदने प्रोसेसिंग करने का सारा काम अब गांव के लोग ही कर रहे हैं, इससे गांवों के लोगों को रोजगार और भरपूर आमदनी मिल रही है।श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार ने कोदो-कुटकी का समर्थन मूल्य 3 हजार रूपए क्विंटल निर्धारित किया है। वनोपजों की प्रोसेसिंग के साथ ही कोदो-कुटकी की भी प्रोसेसिंग का काम किया जा रहा है। कांकेर के कृषि विकास केन्द्र और दुर्गुकोंदल विकासखण्ड के गोटूलमुंडा गांव में इसकी प्रोसेसिंग यूनिट लग चुकी है। कांकेर के ही इच्छापुर में हर्रा-बेहड़ा की प्रोसेसिंग यूनिट चल रही है। नारायणपुर की फूल-झाडू तो दिल्ली में भी बिक रही है। जो वनोपज कभी शोषण का जरिया थे, आज वनवासियों की बहुत बड़ी ताकत बन गए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा-गरवा-घुरवा-बाड़ी योजना से अब जमीन भी ऊपजाऊ हो रही है, और सिंचाई का भी इंतजाम हो रहा है। गांव की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है। गोबर खरीदकर और गौठान में वर्मी कंपोस्ट बनाकर हमारी हजारों बहनें रोजगार पा रही हैं। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना ने तो खेती-किसानी में बड़ी क्रांति ही कर दी है। योजना शुरु होने के बाद लगातार खेती का रकबा बढ़ रहा है। किसानों की संख्या भी बढ़ रही है। अब इस योजना का दायरा और बढ़ा दिया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि अबूझमाड़ के ओरछा के 237 और नारायणपुर विकासखंड के 09 गांवों का सर्वेक्षण अभी तक नहीं हो पाया था। इसके कारण वहां के किसानों को योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। हमारी सरकार सर्वे का काम प्राथमिकता के साथ कर रही है। ओरछा विकासखंड के 04 गांवों का प्रारंभिक सर्वे पूरा हो गया है। उन्हें भुइंया साफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है। इससे अब वहां के 1041 किसान भी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे। शेष गांवों का सर्वे भी तेजी कर रहे हैं। नारायणपुर जिला अस्पताल को भारत सरकार ने प्रसव संबंधी उत्कृष्ट सेवा के लिए लक्ष्य सर्टिफिकेशन प्रमाण-पत्र दिया है। यह एक बड़ी उपलब्धि है।विधानसभा उपाध्यक्ष श्री मनोज मण्डावी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने और प्रदेश के लोगों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। कांकेर और नारायणपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए इन जिले में स्वास्थ्य सुविधा को और भी अधिक मजबूत करने के लिए डीएमएफ मद की राशि का उपयोग करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा ने कहा कि दो साल में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में बस्तर अंचल को विकास कार्याें के लिए करोड़ों की सौगात मिली। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि नारायणपुर में कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को जोड़कर कोदो-कुटकी के प्रसंस्करण का अच्छा काम किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ में विकास का पहिया गतिमान रहा है। लोकसभा सांसद श्री दीपक बैज, राज्यसभा सांसद श्रीमती फूलोदेवी नेताम और विधायक और हस्तशिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप ने कहा कि स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल छत्तीसगढ़ के लिए मील का पत्थर साबित होगी, अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई से नई पीढ़ी को देश-दुनिया में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा। संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी ने कहा कि कांकेर के जिला चिकित्सालय में जल्द ही एमआरआई और मेमोग्राफी जैसी सुविधाएं मिलेंगी।इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में उपस्थित थे। विधायक श्री अनूप नाग सहित अनेक जनप्रतिनिधि कार्यक्रम से वर्चुअल रूप से जुड़े। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवामहत्वपूर्ण घोषणाएं करने के साथ-साथ अनेक स्वीकृतियां भी दे रहे हैं श्री भूपेश बघेल
18 जून को कोरबा और जांजगीर जिले में नये विकास-कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन
रायपुर : कोरोना की दूसरी लहर की रफ्तार धीमी पड़ने के साथ ही छत्तीसगढ़ में विकास-कार्यों में तेजी आ गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल हर रोज वर्चुअल-कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न जिलों में नये विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण कर रहे हैं। अब तक 9 वर्चुअल कार्यक्रमों के माध्यम से वे 18 जिलों में 5 हजार 220 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कार्यों की सौगात दे चुके हैं। कल 18 जून को श्री बघेल कोरबा जिले में 111 करोड़ रुपए और जांजगीर जिले में 122 करोड़ 96 लाख रुपए का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे। इन वर्चुअल कार्यक्रमों में श्री बघेल महत्वपूर्ण कार्यों की घोषणाएं करने के साथ-साथ स्वीकृतियां भी दे रहे हैं।
वर्चुअल भूमिपूजन और लोकार्पण कार्यक्रमों की शुरुआत 08 जून 2021 से हुई। पहले दिन मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बालोद जिले में लगभग 400 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इसी दिन दुर्ग जिले को 287 करोड़ 87 लाख रुपए के नये कार्यों की सौगात उन्होंने दी। 09 जून को महासमुंद जिले को 270 करोड़ रुपए और बलौदाबाजार-भाटापारा जिले को लगभग 295 करोड़ रुपए की सौगात दी गई। 10 जून को कबीरधाम जिले को लगभग 225 करोड़ रुपए, गरियाबंद जिले को 358 करोड़ रुपए, 11 जून को राजनांदगांव जिले को 556 करोड़ रुपए, धमतरी जिले को 271 करोड़ 51 लाख रुपए, 12 जून को मुंगेली जिले को 276 करोड़ 12 लाख रुपए, बेमेतरा जिले को 172 करोड़ 65 लाख रुपए, 13 जून को गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले को 120 करोड़ 09 लाख रुपए, रायपुर जिले को 561 करोड़ 32 लाख रुपए के नये विकास कार्यों की सौगात मिली। 14 जून को रायगढ़ जिले में 308 करोड़ 31 लाख रुपए, जशपुर जिले में 283 करोड़ 70 लाख रुपए, 15 जून को सरगुजा जिले में 247 करोड़ 91 लाख रुपए, बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में 76 करोड़ 52 लाख रुपए, 16 जून को सूरजपुर जिले में 244 करोड़ रुपए और कोरिया जिले में 216 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया गया। इसी दौरान सुकमा और बीजापुर जिले के लिए हुए एक अतिरिक्त वर्चुअल कार्यक्रम में 50 करोड़ रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और शुभारंभ किया गया है।
इन 9 दिनों श्री बघेल ने जिलों में अनेक महत्वपूर्ण कार्यों का लोकार्पण तथा भूमि-पूजन के साथ-साथ महत्वपूर्ण घोषणाएं भी की हैं। उत्तर छत्तीसगढ़ में हवाई सुविधाओं की शुरुआत के लिए एक और कदम बढाते हुए उन्होंने अंबिकापुर के मां महामाया एयरपोर्ट के उन्नयन कार्य का भूमिपूजन किया। कोरिया जिले के मनेंद्रगढ़ में नयेऔद्योगिक क्षेत्र का उन्होंने लोकार्पण किया।बालोद की जल आवर्धन योजना की पाईप लाईन विस्तार के लिए उन्होंने एक करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। बलौदाबाजार जिले के ग्राम पाहांदा-लिमाही-रायपुर मार्ग तक पुल सहित पक्की सड़क निर्माण के लिए 6 करोड़ रूपए, सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 20 लाख रूपए की स्वीकृति उन्होंने दी। श्री बघेल ने साजा में 50 बिस्तर वाले मातृ शिशु अस्पताल खोलने की घोषणा की है। ग्रामीणों की मांग पर उन्होंने जगरगुण्डा में 30 बिस्तरों के अस्पताल की स्वीकृति की घोषणा की। इसी तरह उन्होंने बीजापुर जिले के गंगालूर क्षेत्र में लाल पानी की समस्या से प्रभावित 10 ग्राम पंचायतों गंगालूर, बुरजी, गोंगला, पुसनार, पीडिया, तोडका, गमपुर, कैका, रेड्डी और पालनार को इस समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए 5 करोड़ रूपए की लागत से वहां सिल्टेशन फिल्ट्रेशन स्ट्रक्चर और सोलर ड्यूल पम्प की स्थापना की घोषणा की। इस प्लांट की स्थापना से इस क्षेत्र के 6 हजार परिवारों के लगभग 20 हजार लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकेगा।
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मुख्यमंत्री ने सभी कलेक्टरों को जिला चिकित्सालय एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के विकास की कार्ययोजना तैयार करने के दिए निर्देशसभी अस्पतालों में सर्व सुविधा संपन्न ऑपरेशन रूम, लेबर रूम, लैबोरेटरी, आई.सी.यू. वेन्टीलेटर, ब्लड बैंक और निःशुल्क दवा की सुविधाएं होंगी उपलब्ध
अस्पतालों में शिशु रोग, स्त्री रोग, निश्चेतना, पैथॉलाजी, मेडिसीन एवं सर्जरी के पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सक होंगे उपलब्ध, जहां पोस्ट ग्रेजुएट उपलब्ध नही हो सकेंगे वहां इन विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों की की जाएगी व्यवस्था
सभी कलेक्टरों को उपरोक्तानुसार प्रस्ताव, आवश्यक बजट सहित 15 दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि आम लोगों तक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिये यह आवश्यक है कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं विकासखण्ड स्तरीय अस्पतालों को सर्वसुविधा संपन्न बनाया जाये। उन्होंने इसके लिए सभी जिला कलेक्टरों के माध्यम से 15 दिनों के भीतर कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश मुख्य सचिव को दिए है।मुख्यमंत्री ने कहा है कि पिछले 6 माह में कोरोना के इलाज की व्यवस्थाएं सुदृढ़ करने की दृष्टि से इन अस्पतालों में आक्सीजन संबंधी उपकरण आई.सी.यू. बिस्तर, वेन्टिलेटर्स इत्यादि की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इन स्वास्थ्य उपकरणों का बेहतर रखरखाव और लगातार उपयोग कोरोना की संभावित तीसरी लहर की तैयारी के लिए भी आवश्यक है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डाक्टरों की संख्या में भी पिछले दिनों में काफी बढ़ोतरी हुई है, किन्तु स्वास्थ्य प्रबंधन और मजबूत किया जाना आवश्यक है।
श्री बघेल ने कहा है कि प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों के विकास की एक योजना शीघ्र तैयार की जाये। इस योजना में उपरोक्त सभी अस्पतालों में सर्व सुविधा संपन्न ऑपरेशन रूम, लेबर रूम, लैबोरेटरी, आई.सी.यू. और वेन्टीलेटर की सुविधा, ब्लड बैंक, निःशुल्क दवा आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी अस्पतालों में 24 घंटे इलाज की सुविधा हो। साथ ही सभी में शिशु रोग, स्त्री रोग, निश्चेतना, पैथॉलाजी, मेडिसीन एवं सर्जरी के पोस्ट ग्रेजुएट चिकित्सक उपलब्ध कराने का प्रयास किया जाये और जहां पोस्ट ग्रेजुएट उपलब्ध न हो सकें, वहां इन विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त चिकित्सकों की व्यवस्था की जाये। मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों के माध्यम से उपरोक्तानुसार प्रस्ताव, आवश्यक बजट सहित 15 दिनों में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। -
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रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज बुधवार को अपने रायपुर निवास कार्यालय में आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में सूरजपुर और कोरिया जिले को 460 करोड़ 14 लाख लाख रुपये के विकास कार्यों की सौगात दी। उन्होंने इस मौके पर दोनों जिलों में 368 विकास और निर्माण कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया जिनमें 184 करोड़ 28 लाख 75 हजार रूपए की लागत वाले 187 कार्यों का लोकार्पण और 275 करोड़ 85 लाख 39 हजार रूपए की लागत वाले 180 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने इस मौके पर शासन की विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों, किसानों और महिला स्व- सहायता समूह के सदस्यों से चर्चा की। कार्यक्रम में गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविंद्र चौबे, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया, शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू उपस्थित थे। कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, कोरबा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत, संसदीय सचिवगण, विधायकगण वर्चुअल रूप से शामिल हुए । -
मीडिया रिपोर्टप. बंगाल : अभिनेता और भाजपा नेता मिथुन चक्रवर्ती की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार के दौरान उनके विवादास्पद भाषण को लेकर कोलकाता पुलिस आज उनसे पूछताछ कर रही है। विवादित भाषण से संबंधित मामले में मिथुन के खिलाफ मानिकलता पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था। एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर मिथुन ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस को मिथुन से पूछताछ करने का निर्देश दिया था। इसी सिलसिले में पुलिस उनसे वर्चुअली पूछताछ कर रही है। भाजपा में शामिल होते ही मिथुन चक्रवर्ती ने ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस सरकार के खिलाफ कड़े तेवर दिखाए थे। चुनावी मंच से उन्होंने कहा था, "मैं एक नंबर का कोबरा हूं.. डसूंगा तो तुम फोटो बन जाओगे" उन्होंने आगे कहा कि वो गरीबों की लड़ाई लड़ना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैं राजनीति नहीं, मनुष्य नीति करता हूं।
भड़काऊ बयान देने पर हुई थी एफआईआर दर्जबता दें कि 7 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में मिथुन चक्रवर्ती ने भाजपा का दामन थामा था। भाजपा में शामिल होने के बाद मिथुन चक्रवर्ती ने ममता के खिलाफ एक के बाद एक बयान देकर राज्य की राजनीति गरमा दी थी। उनकी टिप्पणी पर टीएमसी ने थाने में भड़काऊ बयान देने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज करवायी थी।
मिथुन चक्रवर्ती का है आज जन्मदिनबता दें कि मिथुन चक्रवर्ती का आज जन्मदिन है। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें शुभकामनाएं दे रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कोलकाता पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुलिस उनके द्वारा दिए गए बयान को लेकर पूछताछ कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पुलिस उनपर कार्रवाई भी कर सकती है।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवारायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजीव भवन में प्रशिक्षण शिविर में कांग्रेस सरकार के ढाई साल की उपलब्धियां गिनाई. जब सीएम मीडिया में मुखातिब हुए और उनसे ढाई साल के विषय पर सवाल पूछा गया. तब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि यह ढाई साल और 17 जून क्या है ? बीजेपी के कैंपेन सवाल तो पूछे जाएंगे को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूछने का अधिकार सबको है, लेकिन पूछते हैं कि 1 साल में कितना हुआ, 2 साल में कितना हुआ. लेकिन प्रधानमंत्री से सवाल नहीं करते 5 साल तक उन्होंने कोई रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत नहीं किया, उनसे क्यों नहीं मांगते साहब ?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि प्रशिक्षण शिविर को बूथ लेवल तक लेकर जाना है. मोहन मरकाम की अध्यक्षता में कमेटी बनी है. 5 सदस्य बूथ कमेटी बनाने का काम करेगी. सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की जवाबदारी सौंपी गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रभारी सचिव सप्तगिरि, प्रदेश प्रभारी सचिव चंदन यादव और प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम की उपस्थिति में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था. कांग्रेस ने 2023 के विधानसभा चुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है.
आरोप लगे हैं, तो जवाब देना चाहिए
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर जमीन खरीदने में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगा है. इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि आरोप लगे हैं, तो जवाब देना चाहिए. 5 मिनट में 2 करोड़ की जमीन 18 करोड़ की कैसे हो गई.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि निगम मंडल और संगठन में विस्तार को लेकर प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया और प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम से चर्चा की गई है. निगम मंडल और संगठन के कुछ पदों पर जल्द नियुक्ति होगी. कुछ नियुक्तियां बाद में होंगी.
बीजेपी के पास बताने के लिए कुछ नहीं
बीजेपी की ढाई साल के कैंपेन पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि उनके पास बताने के लिए कुछ है ही नहीं, अब सक्रिय रहने के लिए कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा. दरअसल 12 से 17 जून तक बीजेपी प्रदेश में महाअभियान चला रही है. इस अभियान के जरिए कांग्रेस सरकार के ढाई साल होने पर सवाल पूछे जा रहे हैं.
कांकेर जिले में हाथियों के आतंक को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हाथी आते पहले रायगढ़ है, फिर सरगुजा की तरफ बढ़े और वह हाथी नीचे उतरते हुए बार नवापारा से होकर दुधावा नदी के पास होते हुए कांकेर जिले में प्रवेश किए हैं. पुराना उनका जो रूट रहा है, उससे गुजरते रहे हैं. वन विभाग निगरानी रख रहा है. -
एजेंसी
नई दिल्ली : कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर स्टडी कर रहे एक सरकारी पैनल ने वैक्सीन की वजह से होने वाली पहली मौत की पुष्टि की है। जानकारी के मुताबिक, एक 68 साल के बुजुर्ग को वैक्सीन की पहली डोज देने के बाद एनाफिलेक्सिस हो गया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। आपको बता दें कि ये एक तरह की एलर्जी टाइप की बीमारी होती है, जिसमें जान जाने का भी खतरा होता है। बता दें कि इस बुजुर्ग को मार्च के पहले हफ्ते में वैक्सीन की पहली डोज दी गई थी।
इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, सरकार की तरफ से गठित किए गए इस पैनल ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों का अध्ययन किया था, जिसमें से सिर्फ एक मरीज को ही वैक्सीन के दुष्प्रभाव के कारण हुई मौत की पुष्टि की गई है। इन सभी मरीजों को एक जैसी बीमारी की शिकायत हुई थी। इस बीमारी को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (AEFI) कहा जाता है। AEFI के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की थी। इस कमेटी के अध्यक्ष एनके अरोड़ा ने वैक्सीन के कारण मौत होने की पुष्टि तो कर दी है, लेकिन उन्होंने इससे आगे कुछ भी कहने से अभी इनकार किया है।
तीन और मौतों की वजह हो सकती है वैक्सीन!
आपको बता दें कि तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। सरकारी पैनल की रिपोर्ट कहती है, "वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं, उनकी उम्मीद पहले से ही थी, जिन्हें मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सीस जैसे हो सकते हैं।" -
एजेंसीबिहार : बिहार के भोजपुर जिले में एक अदालत ने 2018 में हुई आरा शहर के चर्चित बैग कारोबारी इमरान खान की हत्या में मामले में कुख्यात अपराधी खुर्शीद कुरैशी समेत 10 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही दोषियों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माने का जुर्माना भी लगाया है। अदालत ने यह फैसला डिजिटल सुनवाई के दौरान सुनाया।
पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार दुबे ने बताया कि एडीजे (9) मनोज कुमार की अदालत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये सुनवाई करते हुए वर्ष 2018 में बैग कारोबारी इमरान की हत्या के मामले में सोमवार को कुख्यात अपराधी खुर्शीद कुरैशी समेत 10 अभियुक्तों को फांसी की सजा सुनाई है। साथ ही एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
बता दें कि भोजपुर जिले के नगर थाना क्षेत्र में 6 दिसंबर 2018 को इमरान की दिनदहाड़े बीच बाजार गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इमरान के भाई अकील अहमद और एक बीएसएनएल कर्मी भी गोली लगने से जख्मी हो गए थे। उसे लेकर अकील अहमद के बयान पर टाउन थाने में खुर्शीद कुरैशी और उसके भाई सहित अन्य के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
प्राथमिकी में कहा गया था कि उससे दस लाख रुपये रंगदारी की मांग की गई थी। पैसे देने से इनकार किया तो दोषियों ने उन पर अंधाधुंध गोली चलाई। गोलीबारी में इमरान की मौत हो गई, जबकि उनके भाई अकील अहमद और एक कर्मी जख्मी हो गए।