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यूपी : नंदग्राम में एससी-एसटी छात्राओं के छात्रावास को डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। अवैध रूप से रह रहे विदेशियों के लिए डिटेंशन सेंटर बनाने पर शुरू हुए विरोध के बाद सरकार और शासन ने निर्णय वापस ले लिया है।
बसपा प्रमुख मायावती के मुख्यमंत्री काल में बने इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने पर उन्होंने गुरुवार को ही ट्वीट कर इसे दोबारा छात्रावास ही बनाए जाने की मांग की थी। ऐसे में राजनीति के गरमाने से पहले ही सरकार ने अब इस छात्रावास की बिल्डिंग में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय वापस ले लिया है। इस इमारत में अब छात्रावास ही रहेगा।नंदग्राम स्थित एससी-एसटी छात्राओं के लिए बने छात्रावास की बिल्डिंग में उत्तर प्रदेश का पहला और देश का 12वां डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्णय कई माह पहले ले लिया गया था। इसके बाद समाज कल्याण विभाग ने इस इमारत को गृह मंत्रालय को एनओसी काफी पहले ही दे दी थी।पुलिस विभाग द्वारा इसके जीर्णोद्धार का कार्य भी पूरा हो गया है। बीते बुधवार को इसकी रिपोर्ट गृह विभाग को भेज दी गई थी। सेंटर को दिल्ली में बने तीन सेंटर की तर्ज पर ही संचालित किया जाएगा। अभी सिर्फ भवन का जीर्णोद्धार किया गया है। शुक्रवार को इस डिटेंशन सेंटर के संचालन और बजट को लेकर गाजियाबाद में अहम बैठक होनी थी। डीएम की अध्यक्षता में प्रस्तावित इस बैठक में कई अन्य अधिकारियों को शामिल होना था।विरोध के साथ ही डिटेंशन सेंटर के बोर्ड पर पोत दी थी कालिखइस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने को लेकर बीते कई दिनों से विरोध तेज हो गया था। इस बिल्डिंग पर लगाए गए डिटेंशन सेंटर के बोर्ड पर भी किसी ने कालिख पोत दी थी। यह मुद्दा पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती तक पहुंचा तो उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर विरोध किया था।
उन्होंने ट्वीट में कहा था कि डा. अंबेडकर एससी-एसटी छात्रावास को यूपी के पहले डिटेंशन सेंटर के रूप में कनर्वट करना अति दुखद व अति निंदनीय है। यह सरकार की दलित विरोधी कार्यशैली का एक और प्रमाण है। उन्होंने सरकार से इस निर्णय को वापस लेने की मांग भी उठाई थी। माना जा रहा है कि चुनाव के इस दौर में एससी-एसटी के बड़े वर्ग में विरोध शुरू न हो इसको लेकर गुरुवार को ही सरकार ने इस निर्णय को वापस ले लिया है।
पूरी हो चुकी थी क्रियाशील बनाने की तैयारीसमाज कल्याण विभाग की ओर से बनाए गए नंदग्राम के इस छात्रावास में बालक और बालिकाओं के लिए अलग-अलग आवास बने हैं। समाज कल्याण विभाग ने इस छात्रावास के पूरे भवन को गृह विभाग को हैंडओवर कर दिया था। डिटेंशन सेंटर बनाने के प्रस्ताव के बाद बालिका छात्रावास जिसमें लगभग 80 कमरे हैं, उसके पांच कमरे पुलिस विभाग ने लिए थे और ग्राउंड फ्लोर के पांच कमरे का जीर्णोद्धार मेरठ स्थित निर्माण समिति ने करा दिया है।
अब इसको क्रियाशील करने की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी समाज कल्याण को ही दी गई थी। इसको लेकर डीएम की अध्यक्षता में शुक्रवार को बैठक प्रस्तावित थी, इसमें पदों के सृजन से लेकर बजट का खर्च, किस विभाग की पूर्ण जिम्मेदारी होगी इस पर मुहर लगाई जानी थी।
इसके साथ ही गृह विभाग इस पूरे भवन का इस्तेमाल करेगा या सिर्फ गर्ल्स हॉस्टल का ही इस्तेमाल होगा इसपर भी चर्चा होनी थी। इस डिटेंशन सेंटर को दिल्ली में बने तीन डिटेंशन सेंटर की तर्ज पर संचालित किया जाना था। गृह विभाग द्वारा भेजे गए स्टैंडर्ड आपरेशन प्रोसिजर (एसओपी) के अनुसार इसमें ऐसे विदेशियों को रखा जाना था, जिनका वीजा खत्म हो चुका है और वह अवैध रूप से यहां रह रहे हैं।2011 में शुरू हुआ था दलित छात्रावासनंदग्राम में दलित छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग दो अंबेडकर छात्रावास प्रशासन द्वारा बनाए गए थे। दोनों छात्रावास की क्षमता 408 छात्र-छात्राओं की है। यह जनवरी 2011 में बनकर तैयार हो गया था और इसकी शुरुआत भी 15 जनवरी 2011 को ही कर दी गई थी।
छात्रावास पूरी सुविधाओं से लैस बनाया गया था, लेकिन काफी समय से यह छात्रावास बंद है। इतना ही नहीं इसकी देखरेख ना होने के कारण यह जर्जर हालत में हो चुका था। योगी सरकार के आने के बाद बंद पड़े इस छात्रावास की सुध ली गई और इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था।
जिसे केंद्र सरकार द्वारा स्वीकार करते हुए इस छात्रावास को डिटेंशन सेंटर में तब्दील कर दिया गया। यहां पर 100 विदेशियों को रखे जाने की व्यवस्था की गई थी और सुरक्षा की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस को सौंपी गई थी।
नंदग्राम एससी-एसटी छात्रावास को अब डिटेंशन सेंटर नहीं बनाया जाएगा। शासन ने इसे डिटेंशन सेंटर न बनाने का फैसला लिया है। इसके लिए निर्देश मिल चुके हैं। अब इस इमारत में छात्रावास ही संचालित होगा। - अजय शंकर पांडेय, डीएम
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बिहार : बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र और राज्य सरकार द्वारा उद्घाटन-शिलान्यास का कार्यक्रम जारी है। इसी बीच किशनगंज जिले में एक निर्माणाधीन पुल धंस गया है। यह मामला दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी पंचायत का है।
दिघलबैंक प्रखंड की पत्थरघट्टी पंचायत के गुवाबाड़ी के पास करीब एक करोड़ 42 लाख की लागत से बन रहा पुल धंस गया। उद्घाटन से पहले ही पुल का एक पिलर पुरी तरह धंस गया है। पुल के धंस जाने के कारण इस रास्ते से खुद को मुख्य धारा से जोड़ने का आस वर्षों से संजोए गुवाबाड़ी समेत आसपास के गांवों के हजारों की आबादी का इंतजार एक बार फिर से बढ़ गया है।
ग्रामीण जमील अख्तर ने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि 'अगर समय रहते प्रशासन और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर जाता तो आज पत्थरघट्टी पंचायत के आधे दर्जन से अधिक गांवों पर यह खतरा न तो मंडराता और न ही इस प्रकार के नई समस्याओं का सामना रोज हमलोगों को करना पड़ता।' गौरतलब है कि कनकई नदी ने पिछले करीब एक दशक से दिघलबैंक प्रखंड में सबसे अधिक नुकसान पत्थरघट्टी पंचायत को ही पहुंचाया है।
मंगलवार की रात गुवाबाड़ी के पास धंसे निर्माणाधीन पुल को लेकर ग्रामीण विकास विभाग के कनीय अभियंता रामानंद यादव का कहना है कि 'जिस वक्त पुल को बनाने का काम शुरू हुआ था, वहां पर कनकई नदी की एक हल्की धारा थी और पुल उसी हिसाब से बनाया जा रहा था, लेकिन अचानक से इस बार नदी का रूख बदल गया। हजारों एकड़ में फैला पानी जब केवल कुछ मीटर लंबे पुल से पास जमने लगे तो इस प्रकार की अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता है।'
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स्कूल खुलने के बाद ही जारी होंगे नियुक्ति आदेशदस्तावेज सत्यापन, मेडीकल फिटनेस और पुलिस वेरिफिकेशन के बाद जारी होंगे नियुक्ति आदेश
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग के सहमति के बाद 14 हजार 580 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति आदेश राज्य शासन द्वारा स्कूल खुलने के आदेश जारी होने के उपरांत ही जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
स्कूल शिक्षा विभाग को वित्त विभाग द्वारा शिक्षकांे की नियुक्ति की अनुमति शर्तो के साथ प्रदान की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि ’नियुक्ति किसी न्यायालय में लंबित अथवा भविष्य में दायर किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अध्याधीन होगी’। नियुक्ति आदेश प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी के लिए पृथक-पृथक जारी किए जाएंगे। नियुक्ति आदेश में शिक्षकों की वरिष्ठता व्यापम द्वारा जारी प्रावीण्य सूची के क्रमानुसार रहेगी। शिक्षकों की परीक्षा अवधि तीन वर्ष की होगी। राज्य शासन द्वारा परिवीक्षा अवधि के दौरान देय वेतन और अन्य लाभों के संबंध में जारी नियम लागू होंगे।
लोक शिक्षण संचालनालय से विभिन्न संवर्गो के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापम द्वारा परीक्षा आयोजित करायी गई थी, जिसमें विभिन्न संवर्ग के कुल 14580 शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी थी। व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणाम 30 सितम्बर 2019 एवं 22 नवम्बर 2019 को घोषित किए गए थे। व्यापम द्वारा जारी की गई प्रावीण्य सूची के आधार पर नियुक्तियां की जानी थी। मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन होने के पश्चात वित्त विभाग द्वारा यह निर्देश जारी किए गए कि विभागों में प्रचलित नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी रहेगी, परंतु नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करना आवश्यक होगा। तद्नुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को प्रकरण सहमति हेतु भेजा गया था। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा शर्तांे के साथ शिक्षकों के पदों की नियुक्ति के लिए सहमति दी गई है।
शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शामिल शर्तो में प्रत्येक नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा व्यापम की प्रावीण्य सूची के क्रम में विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार प्रावधिक चयन सूची जारी की जाएगी। प्रावधिक चयन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों को नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि दस्तावेज सत्यापन के समय कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित भारत सरकार और राज्य सरकार के सेनेटाइजेशन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखें आदि के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित होते हैं, उन्हें जिला चिकित्सा बोर्ड से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निर्देश दिया जाएगा और पुलिस वेरिफिकेशन हेतु संबंधित का प्रकरण भेजा जाएगा। प्रावधिक चयन सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को दस्तावेज सत्यापन के लिए नियुक्तिकर्ता अधिकारी के कार्यालय में सभी दस्तावेजों सहित निश्चित तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा। अभ्यर्थी की उपस्थिति का दिन सूचना पत्र जारी होने के कम से कम 20 दिन बाद का रखा जाएगा। यदि किसी 16कारणवश कोई अभ्यर्थी निर्धारित तिथि को उपस्थित न हो सकें तो वह नियुक्तिकर्ता अधिकारी के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत करके किसी अन्य दिन उपस्थित होने का अनुरोध कर सकेगा। यदि ऐसा अनुरोध उपस्थिति के लिए निश्चित तिथि से 10 दिन के भीतर प्राप्त होता है तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी उस अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन के लिए कोई अन्य तिथि निश्चित कर सकेगा।
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नही होता है अथवा जो अभ्यर्थी सूचना प्राप्ति के बाद भी दस्तावेज सत्यापन के लिए उपस्थित नही होते हैं, उन्हें लिखित रूप से सूचित किया जाएगा कि, विज्ञापन में निर्धारित मापदंडों के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होने के कारण उन्हें नियुक्ति के योग्य नहीं पाया गया और ऐसे अभ्यर्थियों का नाम प्रावधिक चयन सूची से काट दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को दी जाने वाली सूचना मेें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि, कौन से अनिवार्य दस्तावेज सत्यापित नहीं हुए।
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नियमानुसार पूर्ण होगा उन्हें इस बात की लिखित सूचना दी जाएगी कि, उनका प्रकरण मेडिकल फिटनेस एवं सेवा पूर्व पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजा जा रहा है। यह दोनों प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनके लिए पृथक से नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। पत्र में इस बात का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि यह पत्र नियुक्ति आदेश नहीं है। संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित नियुक्तिकर्ता अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश तैयार किया जाएगा। दस्तावेज सत्यापन उपरांत उन पात्र चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा फिट पाया गया है तथा जिनके पुलिस वेरिफिकेशन में प्रतिकूल टीप नहीं पाई गई है।
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टोक्यो : जापान की सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी 71 वर्षीय योशिहिदे सुगा को अपना नया प्रधानमंत्री चुन लिया है। अब वह पूर्व पीएम शिंजो आबे की जगह लेंगे। बुधवार को ही आबे ने अपने पद से इस्तीफा दिया है। पिछले दिनों एलडीपी ने कैबिनेट के चीफ सेक्रेटरी सुगा को अपना नेता चुना था। सुगा को 534 में से 377 वोट्स मिले थे। आपको बता दें कि पूर्व पीएम आबे के नाम सबसे लंबे समय तक जापान का पीएम रहने का रिकॉर्ड है। वह सात साल और आठ माह तक पीएम के पद पर रहे हैं। कोलाईटिस बीमारी के चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ गया था।
शिंजो आबे के करीबी सुगा नए पीएम सुगा का मुकाबला पूर्व रक्षा मंत्री शिगेरु इशिबा और एलडीपी के नीति मुखिया फ्यूमियो किशिदा से था। लेकिन दोनों ही उनसे पीछे चल रहे हैं। एलडीपी को जापान की संसद में बहुमत हासिल है। ऐसे में उनका पीएम के तौर पर चुना जाना तय माना जा रहा था। योशिहिदे सुगा, आबे के भरोसेमंद साथी हैं। सुगा की पहचान एक ऐसे नेता के तौर पर है जिनका कद पिछले कुछ दिनों में रहस्मय तरीके से सरकार में बढ़ा। वह आबे सरकार में एक अहम सलाहकार के तौर पर उभरे, सरकार के प्रवक्ता बने और नीतियों को आगे बढ़ाने वाले नेता के तौर पर माने गए। सुगा अब तक कई अहम राजनीतिक किरदारों में नजर आ चुके हैं। लेकिन बतौर चीफ कैबिनेट सेक्रेटरी उनके कार्यकाल को सबसे सफल माना जाता है।वह आबे सरकार का एक प्रभावी चेहरा रहे हैं और कोविड-19 के समय में उन्हें बतौर प्रवक्ता सरकार के कई फैसले का बचाव रूटीन प्रेस कॉन्फ्रेंस में करते हुए देखा गया था। कोविड से जूझती अर्थव्यवस्था चुनौती उत्तरी जापान के अकिता के रहने वाले सुगा के पिता एक किसान थे और स्ट्रॉबेरी की खेती करते थे। सुगा का बचपन उत्तरी जापान के अकिता क्षेत्र में बीता है। एलडीपी का नेता चुने जाने पर उन्होंने कहा था, 'मैं अपने बैकग्राउंड के साथ एलडीपी पार्टी का नेता बना और इस दौरान हर इतिहास और परंपरा को देखा। मैं खुद को जापान और यहां के लोगों के लिए समर्पित करता हूं।' सुगा पर सबसे बड़ी चुनौती 'आबेनॉमिक्स' जो कि पीएम शिंजो आबे की आर्थिक रणनीति है उसे जारी रखना है। सुगा ने कहा है कि वह इसे ही आगे बढ़ाने वाले हैं। साथ ही कोरोना वायरस से पैदा हुई समस्या के लिए जो नीति शिंजो आबे ने तय की थी, सुगा उसे जारी रखेंगे और अर्थव्यवस्था में तेजी लाने की कोशिशें करेंगे। इंडस्ट्री में सुधार करना उनकी सबसे बड़ी चुनौती होगा क्योंकि पिछले दिनों हुए एक पोल के मुताबिक जापान के उत्पादक कोविड-19 की वजह से खासी निराशा में डूबे हैं। ऐसे में अब उनकी नजरें अपने नए नेता पर हैं। -
नई दिल्ली : देश में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इसी बीच पिछले 24 घंटे के दौरान कोविड-19 के 83,809 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस वायरस के कारण 1,054 मरीजों की मौत हो गई है। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा दी गई है।
मंत्रालय द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार देश में कोरोना वायरस के मामले 49 लाख से ऊपर पहुंच गए हैं। वहीं, पिछले 24 घंटे के दौरान 83,809 नए मामले सामने आए हैं जबकि 1,054 मरीजों की मौत हो गई है।
देश में कोरोना के कुल मामलों की संख्या 49,30,237 हो गई है। इसमें 9,90,061 सक्रिय मामले हैं। 38,59,400 लोगों ने इस वायरस को मात दी है और ठीक होने के बाद अस्पताल से घर लौटे हैं। वहीं, इस वायरस के चलते अब तक देश में 80,776 लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
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एजेंसीनई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि कोरोना के संक्रमण के मामले इस हफ्ते 50 लाख और कोरोना के सक्रिय मामले दस लाख के पार हो जाएंगे।
राहुल गांधी ने कोरोना के बढ़ते मामलों का जिम्मेदार अनियोजित लॉकडाउन बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट में आगे लिखा कि एक अहंकार व्यक्ति देश में अनियोजित लॉकडाउन लगाया, जिसके बाद देश में कोरोना फैल गया। इसके आगे कांग्रेस नेता ने तंज कसते हुए कहा कि मोदी सरकार ने कहा आत्मनिर्भर बनिए यानि अपनी जान खुद ही बचा लीजिए क्योंकि प्रधानमंत्री मोर के साथ व्यस्त हैं।
बता दें कि आज से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है और राहुल गांधी सत्र के शुरुआती दिनों में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। राहुल गांधी अपनी मां के साथ इटली में हैं, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी हर साल मेडिकल चेकअप के लिए विदेश जाती हैं। इसलिए राहुल भी उनके साथ गए हैं।
सोनिया गांधी करीब दो हफ्ते तक विदेश में रह सकती हैं लेकिन राहुल गांधी जल्द ही वापस देश लौट आएंगे। विदेश जाने से पहले राहुल गांधी ने शुक्रवार को रक्षा संसदीय समिति की बैठक में हिस्सा लिया था। पार्टी के सूत्रों के अनुसार प्रियंका गांधी के विदेश जाने के बाद राहुल गांधी वापस देश लौट आएंगे।
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एजेंसी
नई दिल्ली : चीन से डरकर अमेरिका भागने वाली एक वायरोलॉजिस्ट ने दावा किया है कि बीजिंग ने कोरोना वायरस तैयार किया और फिर महामारी छिपाने की कोशिश की. डॉ. ली मेंग यान ने कहा है कि वह सबूत पेश करने जा रही हैं जिससे साबित होगा कि चीन की लैब में कोरोना वायरस तैयार किया गया.
डॉ. ली मेंग यान का कहना है कि वे ऐसा सबूत पेश करेंगी जिससे वैज्ञानिक समुदाय से बाहर के लोग भी समझ सकेंगे कि इस वायरस को इंसानों ने तैयार किया है. ली मेंग यान हॉन्ग कॉन्ग यूनिवर्सिटी में बतौर रिसर्चर काम कर रही थीं जब उन्होंने कोरोना वायरस के ऊपर स्टडी शुरू की.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, अपनी जिंदगी को लेकर खतरा महसूस करने के बाद ली मेंग यान अमेरिका चली गईं और वहां किसी सीक्रेट जगह पर रहती हैं. ली मेंग यान ने कहा है कि चीन सरकार ने उनसे जुड़ी सभी जानकारी सरकारी डेटाबेस से डिलीट कर दी है.
वायरोलॉजिस्ट ली मेंग यान ने साफतौर से कहा कि कोरोना वायरस को वुहान की लैब में तैयार किया गया है. हालांकि, चीन इस आरोप से बार-बार इनकार करता आया है. ली मेंग यान ने कहा कि वायरस के Genome Sequence फिंगर प्रिंट की तरह होते हैं जिससे ये पता लगाया जा सकता है कि यह लैब से आया है या नेचुरल तरीके से.
ली मेंग यान ने कहा कि हॉन्ग कॉन्ग छोड़ने के बाद उनके बारे में सारा डेटा सरकार ने डिलीट कर दिया. उनसे जुड़े लोगों को कहा गया कि अफवाह फैलाएं कि वह झूठी हैं और उन्हें कुछ पता नहीं है. ली मेंग यान का दावा है कि वह कोरोना वायरस पर स्टडी करने वाले शुरुआत के चुनिंदा वैज्ञानिकों में से एक हैं. उन्होंने कहा कि दिसंबर में उनके सुपरवाइजर ने ही सार्स जैसे मामले की जांच करने को कहा था. लेकिन बाद में उन्हें डराया जाने लगा.
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एजेंसीमुंबई : बीएमसी ने बुधवार को बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के मुंबई के पाली हिल इलाके में स्थित दफ्तर पर बुलडोजर चलाया। बीएमसी की इस कार्रवाई के बाद कंगना रनौत लगातार शिवसेना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर ले रही हैं। कंगना ने गुरुवार को उद्धव के साथ-साथ कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए, शिवसेना को सोनिया सेना बताया।
कंगना रनौत ने ट्वीट कर कहा, 'जिस विचारधारा पर श्री बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का निर्माण किया था आज वो सत्ता के लिए उसी विचारधारा को बेच कर शिवसेना से सोनिया सेना बन चुकी है, जिन गुंडों ने मेरे पीछे से मेरा घर तोड़ा उनको सिविक बॉडी मत बोलो, संविधान का इतना बड़ा अपमान मत करो।
वहीं, एक अन्य ट्वीट में कंगना ने कहा, 'तुम्हारे पिताजी के अच्छे कर्म तुम्हें दौलत तो दे सकते हैं मगर सम्मान तुम्हें खुद कमाना पड़ता है, मेरा मुंह बंद करोगे मगर मेरी आवाज मेरे बाद सौ फिर लाखों में गूंजेगी, कितने मुंह बंद करोगे? कितनी आवाजें दबाओगे? कब तक सच्चाई से भागोगे तुम कुछ नहीं हों सिर्फ वंशवाद का एक नमूना हो।'
दूसरी तरफ, एक अन्य ट्वीट में कंगना ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की तारीफ की। कंगना ने शिवसेना को निशाने बनाते हुए कहा, 'चुनाव हारने के बाद शिवसेना ने शर्मनाक तरीके से मिलावट सरकार बनाई और सोनिया सेना में तब्दील हो गई।'
'आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा': कंगनागौरतलब है कि कंगना ने बीएमसी की कार्रवाई के बाद एक वीडियो साझा कर सीधे-सीधे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। कंगना ने वीडियो में कहा, 'उद्धव ठाकरे तुझे क्या लगता है कि तूने फिल्म माफिया के साथ मिलकर मेरा घर तोड़कर मेरे से बहुत बड़ा बदला लिया है। आज मेरा घर टूटा है, कल तेरा घमंड टूटेगा। ये वक्त का पहिया है, याद रखना, हमेशा एक जैसा नहीं रहता, और मुझे लगता है कि तुमने मेरे पर बहुत बड़ा अहसान किया है। क्योंकि मुझे पता तो था कि कश्मीरी पंडितों पर क्या बीती होगी आज मैंने महसूस किया है।'
कंगना ने वीडियो में आगे कहा, 'आज मैं इस देश को वचन देती हूं कि मैं सिर्फ अयोध्या पर ही नहीं बल्कि कश्मीर पर भी फिल्म बनाऊंगी। क्योंकि मुझे पता था कि ये हमारे साथ होना तो होगा लेकिन मेरे साथ हुआ है। इसका कोई मतलब है, इसके कोई मायने हैं। उद्धव ठाकरे ये जो क्रूरता और आतंक है, अच्छा हुआ ये मेरे साथ हुआ, क्योंकि इसको कुछ मायने हैं। जय हिंद, जय महाराष्ट्र।' -
एजेंसी
नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं, स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार पिछले 24 घंटों में (बुधवार सुबह 8 बजे से लेकर गुरुवार सुबह 8 बजे तक) सबसे ज्यादा 95,735 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद कुल संक्रमितों की संख्या 44.65 लाख पहुंच गई है. वहीं इस दौरान 1,172 लोगों की मौत हुई है. जोकि एक दिन में हुए मृतकों की सबसे ज्यादा संख्या है. वहीं पिछले 24 घंटों में 72,939 लोग इस वायरस को मात देने में कामयाब रहे हैं. अब तक 34,71,783 लोग इस खतरनाक वायरस को मात देने में कामयाब रहे हैं.
भारत में इस वक्त 9 लाख 19 हजार एक्टिव केस हैं. यानी कि इनका इलाज या तो अस्पताल में चल रहा है या फिर हल्के फुलके लक्षणों के कारण होमआइसोलेशन में हैं. महाराष्ट्र, कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य है, जहां पिछले 24 घंटों में 23,577 नए मामले सामने आए हैं. इस राज्य में ही एक दिन में 380 लोगों की मौत हुई है, जोकि किसी भी राज्य में एक ही दिन में हुई सबसे ज्यादा मौतें हैं.
संक्रमितों के मामले में महाराष्ट्र के बाद आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु का नंबर आता है, जहां क्रमश: 10 हजार 418, 9 हजार 540, 6 हजार 568 और 5 हजार 584 लोग इसकी चपेट में आए हैं. -
एजेंसीमुंबई : बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत के मुंबई स्थित 'मणिकर्णिका फिल्म्ज' ऑफिस को बीएमसी ने कथित तौर पर अवैध निर्माण को तोड़ दिया है. इस बीच बॉम्बे हाईकोर्ट में हुई कार्रवाई में फैसला कंगना रनौत के पक्ष में गया है. हाईकोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. यह रोक गुरुवार दोपहर 3 बजे तक लगाई गई है. हालांकि बीएमसी ने पहले ही अपनी कार्रवाई पूरी ली थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस मामले में कल फिर सुनवाई करेगा. हाईकोर्ट ने कंगना रनौत के ऑफिस में अवैध निर्माण को गिराने में इतनी जल्दबाजी करने के लिए बीएमसी से जवाब मांगा है. कल बीएमसी को इसका जवाब देना है. बता दें कि कोरोना वायरस महामारी देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने 26 मार्च 2020 को एक आदेश जारी करते हुए कहा था कि राज्य सरकार बीएमसी और सभी संबंधित विभाग किसी के खिलाफ कोई विरोधात्मक कार्रवाई जल्दबाज़ी में ना करें.
30 सितंबर तक थी रोक
हाईकोर्ट ने आगे कहा कि इससे कि अगर व्यक्ति को अदालत का दरवाजा खटखटाना हो, तो वह कानूनी सहायता के लिए अदालत का दरवाजा खटखटा सके. 26 मार्च को जारी हुए इस आदेश पर हाईकोर्ट ने 31 अगस्त को सुनवाई की थी और इसे 30 सितंबर तक के लिए बढ़ा भी दिया है.
हाईकोर्ट ने पूछा- जल्दबादी क्यों?
ऐसे में सवाल यह है कि आखिर बीएमसी क्या हाईकोर्ट के आदेश का भी सम्मान नहीं करते या पालन करना उचित नहीं समझती. ऐसे भी क्या जल्दबाजी थी कि बीएमसी ने नोटिस देने के 24 घंटे के भीतर ही कंगना के ऑफिस में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू कर दी. वो भी तब जब मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में आज ही होनी थी.
नहीं हुआ अवैध निर्माण
कंगना रनौत के ऑफिस तोड़ने की तस्वीर सोशल मीडिया पर भी आईं. बीएमसी ने कहा कि कंगना रनौत ने अपने ऑफिस में अवैध निर्माण करवाया है, लेकिन कंगना ने कुछ देर पहले ही ट्वीट कर कहा कि उनके ऑफिस में कोई अवैध निर्माण नहीं हुआ है. -
एजेंसीनई दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को आई परेशानी समेत कई समस्याओं को लेकर पीएम मोदी को जनविरोधी बताया।
राहुल गांधी ने एक वीडियो के साथ ट्वीट किया 'अचानक किया गया लॉकडाउन असंगठित वर्ग के लिए मृत्युदंड जैसा साबित हुआ। वादा था 21 दिन में कोरोना खत्म करने का, लेकिन खत्म किए करोड़ों रोजगार और छोटे उद्योग। मोदी जी का जनविरोधी 'डिजास्टर प्लान' जानने के लिए ये वीडियो देखें।'इससे पहले मंगलवार को भी राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर हमला किया था। कांग्रेस नेता ने कहा कि एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा कि 'मोदी जी ‘सरकारी कंपनी बेचो' मुहिम चला रहे हैं। खुद की बनाई आर्थिक बेहाली की भरपाई के लिए देश की संपत्ति को थोड़ा-थोड़ा करके बेचा जा रहा है। जनता के भविष्य और भरोसे को ताक पर रखकर एलआईसी को बेचना मोदी सरकार का एक और शर्मनाक प्रयास है।' अपने ट्वीट के साथ उन्होंने एक खबर को साझा किया था। जिसमें बताया गया था कि केंद्र सरकार एलआईसी में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचेगी।
पांच अगस्त को भी राहुल गांधी ने ट्वीट कर मोदी सरकार पर आरोप लगाया था कि ‘न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण’ इस सरकार की सोच है। उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया था कि ‘मोदी सरकार की सोच - न्यूनतम शासन, अधिकतम निजीकरण।’ कांग्रेस नेता ने दावा किया कि ‘कोविड तो बस बहाना है, सरकारी दफ्तरों को स्थाई ‘स्टाफ-मुक्त’ बनाना है, युवा का भविष्य चुराना है, ‘मित्रों’ को आगे बढ़ाना है।’ -
नई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या में दिनों-दिन बढ़ोतरी हो रही है। सोमवार को देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 42 लाख को पार कर गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 90,802 नए मामले रिपोर्ट किए गए। ये लगातार दूसरा दिन है, जब संक्रमितों की संख्या 90 हजार के पार पहुंची है।
वहीं, इस दौरान 1,016 लोगों की इस वायरस से मौत हुई है। आंकड़ों के अनुसार, देश में अब तक 42,04,614 लोग इस वायरस की चपेट में आए हैं। भारत में कोरोना के सक्रिय मामलों की संख्या 8,82,542 है।
दूसरी तरफ, 32,50,429 कोरोना के मरीज ऐसे हैं, जिन्होंने इलाज के बाद इस वायरस को मात दी और अस्पताल से डिस्चार्ज हुए। वहीं, भारत में कोविड-19 से मरने वाले लोगों की संख्या 71,642 है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया है कि 6 सितंबर तक 4,95,51,507 नमूनों की जांच की गई है। इसमें से 7,20,362 नमूनों की जांच कल की गई है। -
भाषा की रिपोर्ट
नई दिल्ली: AIMIM के अध्यक्ष और सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच बैठक को लेकर सवाल उठाए. दोनों रक्षा मंत्रियों की बैठक से पहले ओवैसी ने कहा कि भारत का पक्ष रहा है कि हम विवाद को द्विपक्षीय तरीके से सुलझा लेंगे. रूस की मदद लेकर, आप ने कमजोरी दिखाई है. ओवैसी ने कहा कि क्या आप (राजनाथ सिंह) चीन से यह कहने वाले हैं कि वह लद्दाख में कब्जाई भारत की 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन को बिना किसी शर्त के खाली करे.
ओवैसी ने शुक्रवार को अपने ट्वीट में राजनाथ सिंह पर बोलते हुए लिखा- "भारत का पक्ष रहा है कि हम विवाद को द्विपक्षीय तरीके से सुलझा लेंगे. रूस की मदद लेकर, आप ने कमजोरी दिखाई है. अगर आप चीन से एक विजयी योद्धा के तौर पर बात करते तो इससे आपको फायदा मिलता, लेकिन अब आप उनसे ऐसे मिल रहे है जैसे उन्हें भारतीय इलाकों की जमीन पर कब्जा करने दिया हो और आप हारी हुई पोजिशन में आ गए हों."
असदुद्दीन ओवैसी ने अपने दूसरे ट्वीट में कहा, "सर राजनाथ सिंह जी क्या आप चीन के विदेश मंत्री से यह कहने वाले हैं कि वह लद्दाख में पिछले 4 महीने में कब्जाई भारत की 1000 वर्ग किलोमीटर जमीन को बिना किसी शर्त के खाली करे? या फिर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की तरह यह कहने जा रहे हैं कि हमारे इलाके में कोई आया ही नहीं. हम यह बात जानना चाहते हैं."
भाषा की खबर के मुताबिक, भारत और चीन के मध्य पर सीमा विवाद (LAC Dispute) को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई. जिसमें पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को कम करने पर ध्यान केन्द्रित रहा. सरकारी सूत्रों ने यह जानकारी दी. पूर्वी लद्दाख में मई में सीमा पर हुए तनाव के बाद से दोनों ओर से यह पहली उच्च स्तरीय आमने सामने की बैठक थी. इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल गतिरोध दूर करने के लिए चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत कर चुके हैं. -
एजेंसीनई दिल्ली : भारत में कोविड-19 संक्रमण के मामलों का आंकड़ा 40 लाख को पार कर गया है। देश में 30 लाख मामलों से 40 लाख होने में महज 13 दिन का समय लगा है। इसका मतलब है कि पिछले 13 दिनों में कोरोना संक्रमण के 10 लाख मामले सामने आए हैं। वहीं, बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अब तक 31 लाख से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं।
देश में शनिवार को कोरोना संक्रमण के मामलों में फिर बड़ा उछाल देखने को मिला। शनिवार को 86,432 नए मामले सामने आए। जॉन्स हॉपकिंस विश्वविद्यालय के अनुसार अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत संक्रमण और मौत के मामले में तीसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है।केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह अद्यतन किए गए आंकड़े के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 1,089 लोगों की मौत होने से मृतकों की संख्या बढ़कर 69,561 हो गई है। देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 40,23,179 हो गए हैं, जिनमें से 8,46,395 लोगों का उपचार चल रहा है और 31,07,223 लोग उपचार के बाद इस बीमारी से उबर चुके हैं। संक्रमण के कुल मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, मरीजों के स्वस्थ होने की दर बढ़कर 77.23 फीसदी हो गई है जबकि मृत्यु दर में गिरावट आई है और यह 1.73 फीसदी है। वहीं, 21.04 फीसदी मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। देश में कोरोना मृत्यु दर वैश्विक औसत से भी कम है।
पिछले 24 घंटे में साढ़े 10 लाख से ज्यादा नमूनों की जांचभारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की ओर से जारी आंकड़े के मुताबिक, देशभर में चार सितंबर तक कुल 4,77,38,491 नमूनों की जांच की गई, जिनमें से शुक्रवार को एक दिन में 10,59,346 नमूनों की जांच की गई।
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नई दिल्ली : भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान सही समय पर किया जाएगा। आयोग बिहार चुनाव के समय ही 65 सीटों पर उपचुनाव भी कराने की तैयारी है। चुनाव आयोग के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव को 29 नवंबर, 2020 से पहले पूरा करना है। उसी समय के आसपास विभिन्न राज्यों की 64 विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर उपचुनाव कराया जाएगा। बता दें कि वर्तमान बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है।
बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर के महीने में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसके लिए राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी भी शुरू कर दी है। आयोग ने भी कोरोना काल में चुनाव और उपचुनाव कराने को लेकर हाल ही गाइडलाइंस जारी की थी। तभी यह तय हो गया था कि कोरोना और बाढ़ ग्रस्त बिहार में तय समय पर चुनाव होंगे। हालांकि विपक्षी दलों समेत एनडीए में शामिल एलजेपी ने बिहार में चुनाव टालने की मांग की थी।
21 अगस्त को आयोग ने जारी की थी गाइडलाइंसइससे पहले 21 अगस्त को चुनाव आयोग ने कोरोना काल में देश में चुनाव कराने को लेकर गाइडलाइंस जारी की थी। इसमें कहा गया था कि उम्मीदवार को नामांकन पत्र, शपथ पत्र और नामांकन को लेकर सिक्युरिटी मनी ऑनलाइन ही जमा करना होगा। चुनाव कार्य को लेकर सभी व्यक्ति मास्क लगाएंगे। चुनाव से जुड़े हॉल, रूम या परिसर में प्रवेश के दौरान थर्मल स्कैनिंग की जाएगी। वहां सेनिटाइजर, साबुन और पानी की व्यवस्था की जाएगी। सभी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। घर-घर जाकर पांच लोगों को संपर्क की अनुमति दी जाएगी।
चुनाव आयोग ने मांगी थी बिहार के दलों से रायबिहार के दलों से इलेक्शन कमीशन ने विधानसभा चुनाव कराने को लेकर राय मांगी थी। विपक्षी दल आरजेडी समेत एलजेपी ने भी चुनाव टालने की बात कही थी। आरजेडी ने कहा था कि राज्य में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और विशेषज्ञों ने शंका जताई है कि चुनाव के समय तक इसमें काफी बढ़ोत्तरी दर्ज होगी। दूसरी तरफ राज्य का एक हिस्सा बाढ़ में डूबा हुआ है। ऐसे में अक्टूबर-नवंबर में चुनाव कराना सही नहीं होगा।
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न्यूयॉर्क: अमेरिका की एक संघीय अदालत में एक भारतीय नागरिक समेत 12 विदेशी लोगों पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में अवैध तरीके से मतदान करने का आरोप लगाया गया है.
उत्तरी कैरोलाइना के मिडल जिले की जिला अदालत में 58 वर्षीय बैजू पोट्टाकुलाथ थोमस और 11 अन्य विदेशी नागरिकों पर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में अवैध रूप से मतदान करने का आरोप पिछले महीने लगाया गया.
अमेरिकी आव्रजन एवं सीमाशुल्क प्रवर्तन (आईसीई) गृह सुरक्षा जांच (एचएसआई) के अनुसार अगर ये दोषी पाए जाते हैं तो इन्हें अधिकतम एक साल की जेल की सजा हो सकती है और 1,00,000 अमेरिकी डॉलर का जुर्माना लग सकता है. -
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने तीन महीने के भीतर दिल्ली में 140 किलोमीटर लंबी रेल पटरियों के आसपास की लगभग 48,000 झुग्गी-झोंपड़ियों (Slums) को हटाने का आदेश दिया है. साथ ही आगे निर्देश दिया है कि कोई भी अदालत झुग्गी-झोंपड़ियों को हटाने पर कोई स्टे न दे. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण के संबंध में यदि कोई अदालत अंतरिम आदेश जारी करती है तो यह प्रभावी नहीं होगा. सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने यह आदेश एम सी मेहता मामले में पारित किया है.
रेलवे (Railways) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि दिल्ली-एनसीआर में 140 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन के साथ झुग्गीवासियों का अतिक्रमण हैं जिसमें 70 किलोमीटर लाइन के साथ यह बहुत ज़्यादा है, जो कि क़रीब 48000 झुग्गियां है. रेलवे ने कहा कि एनजीटी ने अक्टूबर 2018 में आदेश दिया था जिसके तहत इन झुग्गी बस्ती को हटाने के लिए स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया था लेकिन राजनैतिक दख़लंदाज़ी के चलते रेलवे लाइन के आसपास का यह अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका है. रेलवे ने कहा कि इसमें काफ़ी अतिक्रमण तो रेलवे के सुरक्षा ज़ोन में है जो कि बेहद चिंताजनक है.
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने आदेश में कहा है कि ये झुग्गी बस्ती हटाने के लिए चरणबद्ध तरीक़े से काम किया जाए और रेलवे सुरक्षा ज़ोन में सबसे पहले अतिक्रमण हटाया जाए, जो कि तीन महीने में पूरा कर दिया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने ज़ोर देकर कहा है कि रेलवे लाइन के आसपास अतिक्रमण हटाने के काम में किसी भी तरह के राजनैतिक दबाव और दख़लंदाज़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. -
एजेंसीयूपी : असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआई एम AIMIM) बिहार में 50 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पार्टी ने मंगलवार को 18 सीटों की सूची जारी कर दी। इसके पहले वह 32 सीटों पर की सूची जारी कर चुका है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल इमान ने प्रेस वार्ता में बताया कि ये 50 सीटें चिन्हित कर ली गई हैं। उम्मीदवारों का चयन बाद में होगा । भाजपा और जदयू के खिलाफ समान विचारधारा की पार्टियों से भी सीटों के तालमेल के संबंध में बातचीत जारी है। गैर एनडीए दलों की यह जिम्मेदारी है कि वे मजबूत विकल्प पेश करें। आरोप लगाया कि सरकार से लोग निराश हैं। विकास नहीं होने से मजदूर भारी संख्या में वापस जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि दूसरी सूची सूची में कोचाधामन, किशनगंज, बहादुरगंज, ठाकुरगंज, नरपतगंज, अररिया, कस्बा, छातापुर, प्राणपुर, जाले, दरभंगा शहर, भागलपुर, गया और पूर्णिया शामिल हैं। पार्टी की इच्छा है कि गैर एनडीए दलों के साथ बिहार में मजबूत मोर्चा बनाया जाए पार्टी इसके प्रयास में लगी है।