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नई दिल्ली. कोरोना वायरस से संक्रमित केजरीवाल कैबिनेट के अहम मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत अचानक से फिर बिगड़ गई है. जानकारी के मुताबिक, उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही है. डॉक्टरों ने बताया कि उनमें निमोनिया का असर बढ़ गया है. ऐसे में उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा सकता है. बता दें कि दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन की तबीयत सोमवार रात को अचानक बिगड़ गई थी. इसके बाद उन्हें उत्तर पूर्वी दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. मंगलवार को उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी, जबकि बुधवार को दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में सेना लगातार आतंकियों के खिलाफ अभियान चला रही है है। एक-एक करके घाटी में आतंकियों का सेना सफाया कर रही है। इस बीच सेना ने आज एक बार फिर से घाटी में 5 आतंकियों को ढेर कर दिया है। जानकारी के अनुसार सेना ने शोपियां जिले के मुनंद इलाके के में 5 आतंकियों को मार गिराया है। श्रीनगर में सेना के पीआरओ ने इस बाबत जानकारी देते हुए कहा कि अभी तक 5 आतंकियों को मारा जा चुका है, अभी भी ऑपरेशन चल रहा है।
वहीं जम्मू कश्मीर के अवंतिपोरा के पंपोर के मीज गांव में भी सेना और आतंकियों के बीच एनकाउंटर चल रहा है। सेना ने पूरे इलाके को घेर लिया है। जानकारी के अनुसार दो आतंकी इलाके में स्थित मस्जिद में छिपे हैं। सेना मस्जिद की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए इस ऑपरेशन को चला रही है। अभी तक यहां तीन आतंकियों को सेना ने ढेर कर दिया है। अभी तक सेना को इस ऑपरेशन में किसी भी नुकसान की खबर नहीं है। भारतीय सेना ने बताया कि इलाके में यह ऑपरेशन अभी भी चल रहा है।
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एम.एच.जकरीया,
The News India समाचार सेवा
कोरोना वयरस से आज पुरा देश लड़ रहा है, वही छत्तीसगढ़ राज्य का जनसंपर्क विभाग भी पूरी तरह इस जंग मे सरकार से कंधे से कंधा मिला कर हर - जिले के PRO सहित सारे कर्मचारी भी हर सूचना और छत्तीसगढ़ शासन की लाभकारी योजनाओ को जिला कलेक्टर के साथ मिल कर उसे क्रियांवित करने और जानकारी देने मे अपनी जी- जान की परवाह किये बगैर लगे हुए हैं, एक मीडिया ग्रुप और समाचार सेवा से जुड़े होने के कारण हमें भी इनके कार्यो से हर दिन इनके कार्यो से अवगत होना पड़ता है क्योंकि जिन जिलों मे सेवाएँ दे रहे है हमे भी समाचार पहुँचाना होता है। हर जिला स्तर पर इनका कार्य ही जनसंपर्क का होता है जहाँ ये अपनी जान की परवाह किये बगैर अधिक से अधिक जानकारी जुटाने में लगे हुए हैं जबकि कोरोना जैसी महामारी संपर्क में आने पर ही फैलती है फिर भी इनका भरसक प्रयास रहता है की इस संकट काल के समय में छत्तीसगढ़ की जनता को हर संभव शासन से सहयोग मिल सके और शासन की योजना की पूरी जान कारी और लाभ मिल सके
इसके लिए कमिशनर श्री तारण प्रकाश सिन्हा का कुशल नेतृत्व और दृढ़ इच्छा शक्ति को माना जायेगा जिनके नेतृत्व में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और उनकी सरकार की सभी योजनाओ को जनता तक पहुँचाने का काम किया है, हक़ीकत में ये हमारे हीरो है जिन्होंने बिना डरे अपने काम को अंजाम दे रहे है, जिसका परिणाम है कि आज छत्तीसगढ़ राज्य अन्य राज्यों से अलग इस भयानक महामारी से लड़ कर बेहतर परिणाम देने मे कामयाब हुआ है और आशा है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल के कुशल नेतृत्व में इस संकट से हमारा राज्य जल्द बाहर निकल जायेगा।
कोरोना के इलाज की अभी तक कोई दवाई या टीका नही बन पाया है..इसका इलाज केवल सावधानी रखना और कुछ ज़रूरी सफ़ाई गतिविधियों को समय समय पर करना ही है.... महामारी के समय जितनी ज़रूरत डाक्टरों को होती है उतनी ही ज़रूरत... या युँ कहे तो उस से ज़्यादा ... सही जानकारी और सूचनाओ की है। महामारी के पैरो को अफ़वाहों के पहिए लगाने से रोकने में छतीसगढ़ का जनसम्पर्क विभाग पुरी तरह मुस्तैद और सजग रहा है। कोविड के फैलाव के तरीक़ों, बचाव के इंतज़ामों सहित लोगों को आत्मविश्वासी बनाने मे भी इन सूचनाओं ने महती भूमिका निभाई है। जब सभी अपने अपने घरों में सुरक्षित रहने में लगे थे तब...कुछ हॉटस्पाट जिलो में तो जनसम्पर्क अधिकारियों ने अपनी और अपने परिवार को जान को परवाह किए बिना मौक़े पर जाकर आँखो देखी रेपोर्टिंग की और लोगों को कोरोना की हकीकत बताई।
कोरोना से निपटने ले लिए किए जा रहे प्रयासों की लाइव रेपोर्टिंग की.... प्रिंट Media को फ़ोटो तो Electronic Media को Exclusive Video Footage तक उपलब्ध कराए ताकि लोग देखे .. और कोरोना के बारे में अपने मन मे बैठे डर और भ्रामक जानकरियों को हटा सकें।
सच कहें तो जनसम्पर्क अधिकारियों की सूचनाओं से प्रदेश में जो मनोवैज्ञानिक सकारात्मक माहौल बना उसने शासन प्रशासन को इस महामारी के नियंत्रण में सीधे मदद की। सही जानकारी और सूचनाओं ने डाक्टरों, मेडिकल स्टाफ़, सब्ज़ी वालों, दूधवालों से लेकर सभी का काम आसान किया और सभी ने जन सहयोग से इस लड़ाई में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की। समय पर सही और प्रमाणिक जानकारी मिल जाने, समय पर भ्रामक सूचना और अफवाह का खंडन हो जाने का ही परिणाम है कि आज हम पूरे देश में कोरोना को नियंत्रित करने वाले श्रेष्ठ राज्यों में शामिल है। -
भारत और चीन के बीच लद्दाख पर सीमा को लेकर तनाव बना हुआ है। चीनी सेना सोमवार को भारतीय सैनिकों के साथ हुई मुठभेड़ के बावजूद अब तक गलवान से पीछे नहीं हटी है। बुधवार को इसी सिलसिले में दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई। हालांकि, बातचीत बेनतीजा रही। बताया गया है कि अगले कुछ दिनों में सेना अलग-अलग राउंड में तनाव सुलझाने पर बात करेंगी। हालांकि, इस बीच एक अफसर ने दावा किया है कि चीन गलवान में सैनिकों के साथ अपनी मशीनरी और हथियार भी बढ़ा रहा है। इसके अलावा बख्तरबंद गाड़ियों का काफिला भी सीमा पर जमा हुआ है।
द टेलिग्राफ अखबार ने सरकारी सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि चीन 6 जून को हुई मेजर जनरल स्तर की वार्ता के तहत अब तक पीछे नहीं हटा है। चीनी लगातार गलवान में अपने सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है। ऐसे में तनाव की स्थिति अभी बरकरार रह सकती है। बता दें कि लद्दाख सीमा पर चीन और भारतीय सेना के बीच जारी टकराव पर आर्मी ने अब तक ब्रीफिंग नहीं की है। ऐसे में लीक्स के जरिए सोमवार रात को हुई घटना पर लगातार ब्योरे आ रहे हैं।
गौरतलब है कि एक दिन पहले ही गलवान घाटी से जुड़ी कुछ सैटेलाइट तस्वीरें जारी हुई थीं। इनमें दिखाया गया था कि झड़प के बाद भी चीनी सेना 200 गाड़ियों के साथ वहीं डटी हुई है। हालांकि, चीन को करारा जवाब देने के लिए भारतीय जवान भी अपनी सरजमीं पर मुस्तैदी से तैनात हैं। तस्वीरों में नजर आ रहा है कि चीनी वाहन घाटी में लगातार सैन्य गतिविधियां कर रहे हैं। चीनी सैनिकों ने चोटी के 200 मीटर के पास अपना कैंप लगाया हुआ था और विवाद के बाद भी चीन यहां से हटने का नाम नहीं ले रहा है।
बता दें कि गलवान घाटी में सोमवार रात को हुई मुठभेड़ में जहां भारत की तरफ से 20 सैनिकों की शहादत की बात की पुष्टि की गई है, वहीं चीन के भी 43 जवानों के हताहत होने की खबर है।
साभार : जनसत्ता -
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने कोविड -19 रोगियों के समुचित उपचार और अस्पतालों में कोरोना रोगियों के शवों के साथ गरिमापूर्ण व्यवहार को लेकर स्वत: संज्ञान मामले में सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार सबकुछ छुपा रही है. सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने पूछा, ‘दिल्ली ने क्या किया है? कृपया डॉक्टरों, नर्सों की सुरक्षा करें. वे कोरोना योद्धा हैं. आप (दिल्ली सरकार) नहीं चाहती की सच्चाई सामने आए. कई वीडियो सामने आए हैं.’
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘डॉक्टरों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को धमकी न दें, उनका समर्थन करें.’ कोर्ट ने यह भी कहा ‘आप सच्चाई को दबा नहीं सकते. आपने एक डॉक्टर को निलंबित क्यों किया, जिसने आपके एक अस्पताल की दयनीय स्थिति का वीडियो बनाया था?’ आपको बता दें, इससे पहले दिल्ली सरकार पर कोविड-19 की वजह से हुई मौतों को छुपाने का भी आरोप लगा है. तब दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया था कि यह समय एकजुट होकर लोगों की ज़िंदगी बचाने का है, आरोप लगाने का नहीं.
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नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच लद्दाख में लगातार बढ़ते तनाव को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा कि बस, अब बहुत हुआ. हमें सच जानना है कि आखिर क्या हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आखिर चुप क्यों हैं? कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि आखिर चीन ने हमारे सैनिकों को मार कैसे दिया? उनकी हिम्मत कैसे हुई कि चीन ने हमारी जमीन को हड़प लिया.
भारत और चीन के बॉर्डर पर बीस जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में गुस्सा है. विपक्षी पार्टियां भी लगातार सरकार से सवाल कर रही हैं. तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा ने अब सरकार पर तीखा हमला बोला है. महुआ का कहना है कि पिछले एक हफ्ते में चीन, पाकिस्तान और नेपाल बॉर्डर पर लोगों जान चली गई हैं. सवाल पूछने पर एंटी नेशनल कह दिया जाता है. टीएमसी सांसद ने ट्वीट में लिखा कि पिछले एक हफ्ते में काफी कुछ घट चुका है. चीन बॉर्डर पर LAC के पास 20 जवान शहीद हो गए हैं, हमारे दोस्त नेपाल ने अपने नक्शे में बदलाव कर लिया और अब बातचीत से हल निकलना है और पाक-चीन-नेपाल बॉर्डर पर भारतीयों की जान चली गई.
महुआ मोइत्रा ने लिखा कि अगर हम सवाल पूछें तो एंटी नेशनल हो जाते हैं, पूछते हैं कैसे हुआ तो हमपर देशद्रोह का केस हो जाता है. आपको बता दें कि गलवान घाटी के पास दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए, जिसमें कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं. दूसरी ओर चीन को भी भारी नुकसान हुआ है. समाचार एजेंसी ANI का दावा है कि चीन के 43 सैनिक हताहत हुए हैं, हालांकि चीन ने इसकी पुष्टि नहीं की है. -
मीडिया रिपोर्ट
भारत और चीन के बीच पिछले काफी वक्त से लद्दाख में जारी विवाद अब और भी गहरा गया है. सोमवार रात को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई है. इस झड़प में भारतीय सेना के अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं. ये घटना तब हुई जब सोमवार रात को गलवान घाटी के पास जब दोनों देशों के बीच बातचीत के बाद सबकुछ सामान्य होने की स्थिति आगे बढ़ रह थी. भारतीय सेना की ओर से जारी किए गए आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘गलवान घाटी में सोमवार की रात को डि-एस्केलेशन की प्रक्रिया के दौरान भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. इस दौरान भारतीय सेना के एक अफसर और दो जवान शहीद हो गए हैं. दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी इस वक्त इस मामले को शांत करने के लिए बड़ी बैठक कर रहे हैं’.
आपको बता दें कि भारत और चीन के बीच मई महीने की शुरुआत से ही लद्दाख बॉर्डर के पास तनावपूर्ण माहौल बना हुआ था. चीनी सैनिकों ने भारत द्वारा तय की गई LAC को पार कर लिया था और पेंगोंग झील, गलवान घाटी के पास आ गए थे. चीन की ओर से यहां पर करीब पांच हजार सैनिकों को तैनात किया गया था, इसके अलावा सैन्य सामान भी इकट्ठा किया गया था.
दोनों देशों की सेनाओं की ओर से लंबे वक्त से इस विवाद को खत्म करने की ओर कदम बढ़ाए जा रहे थे. 6 जून के बाद से कई राउंड की बात चल रही थी, CO से लेकर लेफ्टिनेंट जनरल लेवल तक के अफसरों के बीच बातचीत जारी थी. जिसके बाद तय हुआ था कि दोनों देशों की सेना कुछ किमी. तक पीछे हटी थीं. लेकिन जब ये प्रक्रिया चल रही थी, उसी दौरान दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई. -
मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत की बात अपने संबोधन में कहा कि वोकल को लोकल पर जोर दिया जाए वहीं दिल्ली से मेरठ के बीच बनने वाले अंडरग्राउंड सड़क का काम चीन की कंपनी को दे दिया गया है। चीन की कंपनी शंघाई टनल इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस काम के लिए सबसे कम बोली लगाई थी, जिसके बाद इस रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम प्रोजेक्ट को चीन की कंपनी को दिया गया है। जिस तरह से देश में चीन का बहिष्कार हो रहा है, ऐसे में चीन की कंपनी को 1000 करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट के मिलने से एक बड़ा वर्ग नाराज भी है और इसका विरोध कर रहा है।
इस प्रोजेक्ट का विरोध विपक्ष करता उससे पहले भाजपा की विचारधारा को प्रभावित करने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की इकाई स्वदेशी जागरण मंच ने ही इसका विरोध करना शुरू कर दिया है। संघ ने मोदी सरकार से मांग की है कि वह चीन के इस प्रोजेक्ट को रद्द करे। संघ का कहना है कि सरकार को आत्मनिर्भर भारत अभियान को सफल बनान चाहिए, चीन की कंपनियों को अहम प्रोजेक्ट्स में बोली लगाने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। स्वदेशी जागरण संघ के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने इस बाबत केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से अपील की है और का है कि चीन की कंपनी को यह प्रोजेक्ट ना दिया जाए।
दिलचस्प बात यह है कि यह निविदा ऐसे समय में हुई है जब भारत और चीन के बीच सीमा विवाद चल रहा था। 12 जून को शंघाई टनल इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने इस प्रोजेक्ट के लिए सबसे कम बोली लगाई। यह प्रोजेक्ट 5.6 किलोमीटर का है जिसके तहत न्यू अशोक नगर से साहिबाबाद के बीच अंडरग्राउंड रास्ता बनना है जोकि दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कोरिडोर का हिस्सा है। इस प्रोजेक्ट कोक नेशनल कैपिटल ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन यानि एनसीआरटीसी ने के तहत आता है। कॉर्पोरेशन ने इसके लिए ऑनलाइन बोली की प्रक्रिया पिछले हफ्ते शुरू की थी। -
नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को तेज़ बुख़ार और सांस लेने की समस्या के चलते राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा।
समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, तेज बुखार और सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। खुद सत्येंद्र जैन ने भी ट्वीट करके इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि आगे मैं आपको अपने स्वास्थ्य के बारे में जानकारी देता रहूंगा।
सत्येंद्र जैन के इस ट्वीट पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने भी उनके स्वस्थ होने की कामना की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, “अपनी सेहत का ख़्याल किए बिना आप रात दिन 24 घंटे जनता की सेवा में लगे रहे। अपना ख़्याल रखें और जल्द स्वस्थ हों।” -
इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के 1 अफसर और एक ड्राइवर लापता हो गए हैं। पिछले कुछ घंटों से इन दोनों के लापता होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ है। आशंका जताई जा रही है कि इसमें ISI का हाथ हो सकता है। विदेश मंत्रालय ने इस मामले पर संज्ञान लिया है। बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ के एक अफसर और एक ड्राइवर ड्यूटी पर बाहर गए थे, लेकिन वह अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुंचे हैं। आशंका जताई जा रही है कि कहीं उनका अपहरण तो नहीं कर लिया गया। ड्राइवर और अफसर की तलाश की जा रही है तथा पाकिस्तान सरकार को गुमशुदगी के बारे में बता दिया गया है।
आधिकारिक तौर पर मामले में कोई बयान जारी नहीं किया गया है। भारतीय उच्चायोग ने पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष मामला उठाया है। भारत द्वारा पाकिस्तान उच्चायोग के दो अधिकारियों को जासूसी के आरोप में निलंबित किए जाने के कुछ दिन बाद यह घटना हुई है। पाकिस्तान के दो अधिकारियों आबिद हुसैन और मुहम्मद ताहिर को दिल्ली पुलिस ने देश की गोपनीय सूचना पाकिस्तान को भेजने के आरोप में पकड़ा था। बताया गया था कि नाम और पहचान बदलकर यह दोनों भारतीय अधिकारियों से मिलते थे और उनसे देश की सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय सूचना हासिल करते थे। -
एजेंसीनई दिल्ली : देश में कोरोना वायरस को लेकर राजनीति गर्म हो चुकी है। विपक्ष का कहना है कि सरकार इस वायरस पर अंकुश लगाने में नाकामयाब रही है। दूसरी तरफ, अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए अनलॉक-1 के तहत दी गई रियायतों की वजह से नए मामलों में बढ़ोतरी हो रही है।
वहीं, एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल गांधी ने कोरोना संकट पर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने एक ट्वीट कर कोरोना ग्राफ साझा किया साथ ही लिखा, 'भारत एक गलत रेस जीतने के रास्ते पर है। अहंकार और अक्षमता के घातक मिश्रण के कारण, एक भयावह त्रासदी।' अपने इस ट्वीट में राहुल गांधी ने एक 20 सेकंड का वीडियो भी शेयर किया है।
गौरतलब हो कि गुरुवार को भारत यूनाइटेड किंगडम को पीछे छोड़ते हुए कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की सूची में चौथे स्थान पर पहुंच गया। इस वीडियो में दिखाया गया कि कैसे 17 मई के बाद से लगातार बढ़ते मामलों के कारण भारत एक-एक पायदान ऊपर चढ़ता जा रहा है और अब दुनिया में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर आ गया है।
बता दें कि, केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 11,458 नए मामले सामने आए हैं और 386 लोगों की मौत हुई है।
इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 308993 हो गई है, जिनमें से 145779 सक्रिय मामले हैं, 154330 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 8,884 लोगों की मौत हो चुकी है।
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मुंबई: महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के मामले 1 लाख के करीब पहुंच गए हैं और इसके बावजूद यहां तो क्या पूरे देश में कहीं भी वायरस थमता हुआ नजर नहीं आ रहा. राज्य में बढ़ते केसों के बीच सोशल मीडिया और वॉट्सऐप पर महाराष्ट्र में 15 जून से फिर से पूर्ण लॉकडाउन लगने की खबरें चल रही थीं, जिसके बाद उद्धव ठाकरे सरकार की ओर से इसपर सफाई दी गई है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्वीट कर लोगों से अपील की गई है कि वो अफवाहों पर ध्यान न दें. महाराष्ट्र सरकार ने 31 मई से अपना 'Mission Begin Again' शुरू किया है, जिसके तहत लोगों को सुबह पांच बजे से शाम के सात बजे तक बाहर निकलने की आजादी है, वहीं दुकानें सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक खुल सकती हैं. लोगों को इस दौरान सेफ्टी गाइडलाइंस और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना होगा.
बता दें कि महाराष्ट्र में कोरोनावायरस के बढ़ते केस देखकर सोशल मीडिया पर खबरें आ रही थीं कि यहां- जरूरी सेवाओं को छोड़कर- फिर से पूर्ण लॉकडाउन लगाया जा सकता है. जिसके बाद सीएमओ महाराष्ट्र की ओर से ट्वीट किया गया, 'लॉकडाउन दोबारा नहीं लगाया जा रहा. मुख्यमंत्री उद्धव बालासाहेब ठाकरे ने अपील की है कि लोग भीड़भाड़ से बचकर रहें. उन्होंने लोगों से सरकार की ओर से जारी की गई गाइडलाइंस का पालन करने, सारे जरूरी बचाव करने और अपना खयाल रखने को कहा है.' -
नई दिल्ली : लॉकडाउन अवधि में मजदूरों और कर्मचारियों की तनख्वाह के भुगतान पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि कंपनी और कर्मचारी आपस में समझौता कर तय कर लें. इस सिलसिले में कंपनियों के खिलाफ कोई दण्डात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकेगी. इस बाबत सुप्रीम कोर्ट का पिछला आदेश ही मान्य रहेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सभी मुद्दों पर एक साथ फैसला किया जाना था. अब केंद्र को अपना जवाब दाखिल करने के लिए चार सप्ताह का वक्त दिया जाता है. कुछ याचिकाओं में अदालत ने पहले ही कोई कार्रवाई न करने का आदेश पारित कर दिया था. यह आदेश सभी मामलों में जारी रहेगा. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह विवादित नहीं हो सकता है कि उद्योग और मजदूर दोनों को एक-दूसरे की जरूरत है. 54 दिनों के लिए मजदूरी के भुगतान के विवादों को हल करने का प्रयास किया जाना चाहिए. प्राइवेट कंपनियां या फैक्ट्री, जो लॉकडाउन के दौरान भुगतान के लिए श्रमिकों के साथ बातचीत करने के इच्छुक हैं, बातचीत शुरू कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि सरकार उन प्राइवेट कंपनियों या फैक्ट्रियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाएगी जो लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को मजदूरी देने में विफल रहे. राज्य सरकार के श्रम विभागों द्वारा वेतन भुगतान की सुविधा के संबंध में कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच बातचीत की जाएगी.
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मीडिया रिपोर्ट
नई दिल्ली : पतंजलि आयुर्वेद के को-फाउंडर आचार्य बालकृष्ण ने एक नया दावा किया है. आचार्य बालकृष्ण का दावा है कि पंतजलि ने कोरोना की दवा बनाने में सफलता हासिल कर ली है. उन्होंने इस दवा से 1 हजार से ज्यादा लोगों के ठीक होने की भी बात कही है. आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया कि अलग-अलग जगह पर कई कोरोना पॉजिटिव मरीजों को यह दवा दी गई, जिसमें से 80 फीसदी लोग ठीक हो चुके हैं.
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैसे ही कोरोना महामारी ने चीन के साथ पूरे विश्व में दस्तक दी तो उन्होंने अपने संस्थान में हर विभाग को सिर्फ और सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल होने वाली दवा पर काम करने में लगा दिया, जिसका परिणाम अब सामने आया है. उन्होंने कहा कि इस दवा का न केवल सफल परीक्षण किया गया, बल्कि इसे तैयार भी कर लिया गया.
आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि शास्त्रों, वेदों को पढ़कर और उसे विज्ञान के फॉर्मूले में डालकर आयुर्वेदिक चीजों से यह दवा बनाई गई. उन्होंने कहा कि इस दवा के निर्माण के लिए पतंजलि के सैकड़ों वैज्ञानिक दिन-रात एक कर काम करते रहे. पतंजलि शोध संस्थान के मुख्य वैज्ञानिक ने बताया कि जनवरी में जब चीन में कोरोना की शुरुआत हुई थी, तभी से इस दिशा में कार्य शुरू कर दिया गया था. दिन-रात सैकड़ों वैज्ञानिकों ने मेहनत की. उन्होंने कहा कि इस कड़ी मेहनत का परिणाम है कि हमने दवा बनाने में सफलता पा ली है. दवा से हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं. और इसकी सफलता का प्रतिशत भी 80 के लगभग रहा है. -
नई दिल्ली। देश में कोरोना मामलों की रफ्तार पर ब्रेक लगता नहीं दिखाई दे रहा है, एक रिपोर्ट के मुताबिक अब कोविड-19 का सामाजिक फैलाव शुरू हो चुका है। इसी बीच तमिलनाडु के बाल सुधार गृह में 35 बच्चें करोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद से हंगामा मचा हुआ है। इस मामले में अब सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है। न्यायालय ने सरकार से पूछा है कि बच्चों में सक्रमण को रोकने के लिए क्या उपाए किए गए हैं।
जस्टिस एल नागेश्वर राव, कृष्ण मुरारी और एस रवींद्र भट की पीठ ने गुरुवार को आश्रय गृहों में बच्चों के कोरोना संक्रमित होने के मामले पर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने अब अलग-अलग राज्य सरकारों से आश्रय गृहों में रहने बच्चों की सुरक्षा और कोरोना से बचाव पर किए जा रहे इंतजाम की रिपोर्ट मांगी है, इस संबंध में 3 अप्रैल के आदेश का अनुपालन भी किया। सुप्रीम कोर्ट ने अब अगली सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निश्चित किया है।
देश के सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि हाई कोर्ट की किशोर न्याय समितियों की जिम्मेदारी होगी कि वह राज्य सरकारों के बीच एक प्रश्वावली प्रसारित करें। इसके अलावा आश्रय गृहों में रहने वाले बच्चों की कोरोना वायरस से सुरक्षा के लिए किए गए इंतजामों पर अपनी प्रतिक्रिया एकत्र करें। बता दें कि तमिलनाडु के रॉयपुरम इलाके में राज्य सरकार द्वारा संचालित एक आश्रय गृह में 35 से अधिक बच्चों में कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसके अलावा वहां के पांच कर्मचारी भी कोरोना वायरस पॉजिटिव पाए गए हैं।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडप्पादी के पलानीस्वामी ने बुधवार को राज्य में कोरोना स्थिति पर बात करते हुए कहा, तमिलनाडु में अब तक कोई सामाजिक फैलाव नहीं है। राज्य के कई जिलों में कोरोना वायरस पर काबू पा लिया गया है। चूंकि चेन्नई में घनी आबादी है इसलिए वहां, वायरस का प्रसार अधिक है। सीएम ने आगे कहा कि हम कोरोना वायरस से होने वाली मौत को नहीं छिपाते, अगर हम ऐसा करते हैं तो भी हमें इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला।
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मीडिया रिपोर्टो से
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आम्रपाली मामले (Amrapali Case) में बैंकों और वित्तीय संस्थानों को आम्रपाली होमबॉयर्स (घर खरीदार) को दिए गए कर्ज का पुनर्गठन (रिकंस्ट्रक्ट) करने और शेष राशि को जारी करने का निर्देश दिया जो अब तक जारी नहीं की गई है. कोर्ट ने कहा कि इस राशि का उपयोग निर्माण पूरा करने के लिए किया जाएगा. SC ने निर्देश दिया कि बैंक और वित्तीय संस्थान, जिन्होंने होम लोन को NPA के रूप में घोषित किया है. RBI के दिशानिर्देशों के अनुसार, होमबॉयर्स को राशि जारी करनी होगी. कोर्ट ने FAR यानी फ्लोर एरिया रेशियो को लेकर भी निर्देश जारी किए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रियल एस्टेट परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति को देखते हुए ये सभी परियोजनाएं रुकी हुई हैं. प्रोजेक्ट अधूरे हैं. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के अधिकारियों को एक समय में क्या करना चाहिए इस पर शेड्यूल बनाने की जरूरत है. होमबॉयर्स अपने निवेश के फल का आनंद नहीं ले सकते हैं. कोर्ट ने फैसले में ये भी कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों की स्थिति जस की तस है क्योंकि प्रोजेक्ट के अधूरे पड़े काम में कोई प्रगति नहीं हुई है. कोर्ट ने ऑथोरिटीज से पूछा है कि वो बैंकों और वित्तीय सहायता देने को राज़ी अन्य संस्थानों को ये तो बता दें कि उनको काम पूरा करने को एक बार मे कितनी धनराशि की ज़रूरत है.
घर खरीदारों के होमलोन पर ब्याज की दर को लेकर भी कोर्ट ने निर्देश दिया. जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुआई वाली बेंच से आए इन निर्देशों के बाद अब कोर्ट अगले हफ्ते इस मामले की सुनवाई करेगा. SC ने आरबीआई को निर्देश दिया कि बैंकों को उनके खाते को NPA होने के बावजूद होम बायर्स को स्वीकृत लोन जारी करने की अनुमति दी जाए. अदालत ने कोर्ट रिसीवर के माध्यम से शेष FAR की बिक्री की अनुमति दी. कोर्ट ने कहा कि अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ FAR 2.75 पर होगा न कि 3.5 पर. यदि FAR में कोई वृद्धि होती है, तो यह नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों द्वारा तय किया जाएगा.
रियल बिल्डरों और रियल एस्टेट क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नोएडा प्राधिकरण बिल्डर से भुगतान में ब्याज के लिए अत्यधिक ब्याज दर नहीं ले सकता. कोर्ट ने कहा है कि ये ब्याज दर आठ प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है. सुनवाई के दौरान, SBI कैपिटल और यूको बैंक नोएडा में आम्रपाली के अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए NBCC को फंड देने के लिए तैयार हो गया था. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ये SBI कैपिटल पर है कि वो आम्रपाली के बचे प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए केंद्र द्वारा बनाए गए रीयल एस्टेट स्ट्रैस फंड से पैसा निवेश करे. ED ने शीर्ष न्यायालय को बताया कि आम्रपाली मामले में कोर्ट के आदेश के अनुपालन में जेपी मॉर्गन की संपत्तियों को कुर्क किया गया है. जेपी मॉर्गन की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि कोर्ट के निर्देशों के अनुसार 187 करोड़ रुपये की धनराशि वसूलने के लिए खाता अटैच किया है. ये स्पष्ट रूप से अवैध है, क्योंकि जेपी इंडिया के पास आम्रपाली में कुछ भी निवेश नहीं है.
जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा था हम जेपी मॉर्गन से चिंतित हैं. पूरी दुनिया में इसकी शाखाएं हैं, और जब आपके पास दुनिया भर की शाखाएं हैं, तो हमें इसे ध्यान में रखना होगा. एसबीआई का पक्ष रख रहे हरीश साल्वे ने कहा कि वह अपने क्लाइंट को निर्माण कार्य शुरू करने के लिए फंड जारी करने के लिए बोलेंगे. पिछली सुनवाई में केंद्र सरकार से कोर्ट ने पूछा था कि क्या वो आम्रपाली प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए NBCC को 500 करोड का फंड जारी करने को तैयार है. साथ ही ED को जेपी मार्गन के खाते कुर्क करने के आदेश दिए गए थे. -
नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 2 जून को नई मीडिया नीति का ऐलान किया है। जनसत्ता में प्रकाशित आज खबर के अनुसार इस नीति के मुताबिक अब केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ही यह तय कर सकेगा कि कौन सी खबर फर्जी है और कौन सी अनैतिक या एंटी नेशनल। नई मीडिया नीति के मुताबिक अब प्रशासन यानी सरकार इसके आधार पर ही पत्रकार या मीडिया संस्थान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। नई नीति के मुताबिक सरकार किसी भी मीडिया संस्थान के खिलाफ इसके आधार पर सरकारी विज्ञापन रोक सकती है और पत्रकार को एंटी नेशनल ठहरा सकती है और उनसे जुड़ी सूचनाएं सिक्योरिटी एजेंसीज को सौंप सकती है ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।
50 पन्नों की इस पॉलिसी डॉक्यूमेंट में ज्यादातर बातें सरकारी विज्ञापनों और मीडिया संगठनों पर ही केंद्रित हैं। इस डॉक्यूमेंट में कहा गया है, “जम्मू और कश्मीर में महत्वपूर्ण कानून-व्यवस्था और सुरक्षा संबंधी प्रावधान हैं, यह सीमा पार से समर्थित और छद्म युद्ध लड़ रहा है। ऐसी स्थिति में, यह बेहद महत्वपूर्ण है कि शांति, सद्भाव बिगाड़ने वाले असामाजिक और राष्ट्रविरोधी तत्वों के प्रयासों को विफल किया जाए।”
नई नीति के तहत, सरकारी विज्ञापनों के लिए सूचीबद्ध करने से पहले समाचार पत्रों के प्रकाशकों, संपादकों और प्रमुख कर्मचारियों की पृष्ठभूमि की जांच अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा किसी भी पत्रकार को मान्यता (एक्रिडिएशन) देने से पहले उसका सिक्योरिटी क्लियरेंन्स लेना जरूरी होगा। इंडियन एक्सप्रेस ने सरकार से पक्ष जानना चाहा तो सूचना एवं जनसंपर्क विभाग (डीआईपीआर) के निदेशक सेहरिश असगर ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। इसके अलावा सूचना विभाग के सचिव रोहित कंसल, जो सरकार के प्रवक्ता भी हैं, ने बार-बार प्रयास करने के बावजूद कोई जवाब नहीं दिया।
नई नीति के अनुसार, सरकार समाचार पत्रों और अन्य मीडिया चैनलों में प्रकाशित सामग्री की निगरानी करेगी और यह तय करेगी कि कौन सी खबर फर्जी, असामाजिक या राष्ट्र विरोधी रिपोर्टिंग है? “फर्जी, अनैतिक और देशद्रोही” रिपोर्टिंग में शामिल पाए जाने पर उन समाचार संगठनों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसके अलावा उन्हें सरकारी विज्ञापन नहीं दिए जाएंगे।
पॉलिसी डॉक्यूमेंट के पेज नंबर 8 और 9 में कहा गया है कि डीआईपीआर (सूचना और जनसंपर्क निदेशालय) नकली समाचार, साहित्यिक चोरी और अनैतिक या देश विरोधी गतिविधियों के लिए प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और मीडिया के अन्य रूपों की सामग्री की जांच करेगा।” नई नीति के मुताबिक, कोई भी फर्जी खबर या नफरत फैलाने या सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली किसी भी खबर पर आईपीसी और साइबर कानूनों के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह खबर बिना एडिटिंग के जनसत्ता से सीधे ली गई है -
भोपाल : भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी मां की तबीयत खराब होने के बाद दोनों को दिल्ली के साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सिंधिया और उनकी मां में कोविड 19 पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल दोनों लोगों की हालत सामान्य बताई जा रही है।
जानकारी के अनुसार, ज्योतिरादित्य और उनकी मां माधवी राजे सिंधिया को गले में खराश और बुखार की शिकायत होने पर सोमवार को ही साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। आज दूसरे दिन उनके स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। हालांकि, कल ही दोनों का कोरोना टेस्ट किया गया था, मंगलवार को आई उनकी टेस्ट रिपोर्ट में दोनों के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई है। अभी तक उनके कोरोना संक्रमण की चपेट में आने का स्रोत पता नहीं चल सका है।