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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
अच्छी पुस्तकें बौद्धिक एवं व्यक्तित्व विकास के साथ चेतना का करती हैं संचार: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत लाभान्वित बच्चे शिवंत कश्यप को गोद में उठाकर दुलारा
सिवनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की पदस्थापना, डिपरीपारा में बिजली सब-स्टेशन, सर्व सुविधायुक्त मंगल भवन बनेगा, जर्जर गेमनपुल का नया निर्माण कराया जाएगा
बोड़सरा तथा मरकाडीह में नवीन पंचायत भवन निर्माण और करमंदी में उचित मूल्य दुकान भवन निर्माण की घोषणाजांजगीर-चांपा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज जांजगीर-चांपा जिले के विकासखण्ड नवागढ़ अंतर्गत ग्राम सिवनी में ग्रामीणों से भेंट-मुलाकात कर योजनाओं से उन्हें मिल रहे लाभ और प्रगति का फीडबैक लिया। श्री बघेल ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के संबंध में भी लोगों से चर्चा की। विजय कुमार साहू ने मुख्यमंत्री को बताया कि उन्हें किसान न्याय योजना की तीनों किश्त प्राप्त हो चुकी हैं, 48 हजार का लोन माफ हो चुका है। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को बताया कि भूमिहीन मजदूरों को सालाना 7000 रूपए दिया जा रहा है। इस जिले में 300 मजदूर लाभान्वित हो चुके हैं। उन्होंने लाभान्वित अन्य लोगों से भी बातचीत की। भेंट-मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को सूर्यांश इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल में किताबों से तौला गया। श्री बघेल ने कहा कि अच्छी पुस्तकें बौद्धिक एवं व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ चेतना का संचार करती है। शिक्षा जीवन का आधार है और शिक्षा का आधार अच्छी पुस्तकें हैं। उन्होंने बच्चों को बेहतर शिक्षा और अच्छी पुस्तकों से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्राम सिवनी में भेंट-मुलाकात के दौरान सिवनी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टर की पदस्थापना, डिपरीपारा में बिजली सब-स्टेशन स्थापित करने, सर्व सुविधायुक्त मंगल भवन बनवाने, संतोषी माता मंदिर परिसर में महिला और पुरूषों के लिए प्रसाधन की व्यवस्था करने की घोषणा। इसी प्रकार उन्होंने चांपा के पुराना नेशनल हाईवे में हसदेव नदी में जर्जर गेमनपुल का नया निर्माण तेजी से कराने, कन्हाईबंध में छतराम सूर्यवंशी के घर से नैला फाटक तक पक्की सड़क बनवाने, पाली में शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला भवन का निर्माण कराने, ग्राम बोड़सरा से हाथीटिकरा तक पक्की सड़क बनवाने, बोड़सरा तथा मरकाडीह में नवीन पंचायत भवन निर्माण और करमंदी में उचित मूल्य दुकान हेतु भवन निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री श्री बघेल को भेंट-मुलाकात के दौरान सिवनी की उर्मिला ने बताया कि उन्हें 70 किलो राशन मिलता है, छोटी बहु का राशन कार्ड नहीं बन पाया है। मुख्यमंत्री ने शीघ्र राशन कार्ड बनवाने का आश्वासन दिया। स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के बच्चों ने मुलाकात कर अंग्रेजी में बात की। 11वीं कक्षा के अनिल साहू ओर माही पांडेय ने बताया कि पहले महंगी फीस देकर इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ते थे, अब स्वामी आत्मानंद स्कूल उपलब्ध हो जाने से मुफ्त में पढ़ाई हो रही है। बच्चों ने इसके लिए मुख्यमंत्री का आभार माना।भेंट-मुलाकात में बोड़सरा निवासी कंचन ओगरे ने मुख्यमंत्री को जाति प्रमाण पत्र नहीं बनने की जानकारी दी। उन्होंने अपना मूल निवासी महासमुंद जिला का होना बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आवेदन दे दीजिए, आपका जाति प्रमाण बन जाएगा। आवेदन महासमुंद कलेक्टर को भेज दिया जाएगा। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को सिवनी स्कूल के बच्चों ने बताया कि समतल खेल मैदान, गेट और मंच नहीं है। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल संज्ञान लेते हुए 4 माह के भीतर मांग पूरा करने का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने ग्राम सिवनी के राजीव युवा मितान क्लब के सदस्यों से बातचीत की। क्लब के उपाध्यक्ष श्री जगेश्वर यादव ने बताया कि क्लब के माध्यम से गांव में खो-खो कबड्डी, रस्साकस्सी खेलों का आयोजन किया गया। इन खेलों में ग्रामीणों द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। इस पर मुख्यमंत्री ने क्लब के सदस्यों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।इलाज के लिए 3 दिनों में मिली साढ़े 12 लाख रुपये की सहायता
भेंट-मुलाकात के दौरान ग्राम बुडेना से पहुँचे शिपन्द कश्यप ने मुख्यमंत्री को अपने बच्चे के इलाज करवाने के लिए नम आंसू से आभार प्रकट किया। उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि मेरे 3 वर्षीय पुत्र शिवंत कश्यप के दिमाग के नसों में गंभीर समस्या आ गयी थी। जिसके इलाज के लिए सर्जरी होनी थी, इसके लिए करीब 12 लाख रुपये की आवश्यकता थी। फिर मैंने मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत आवेदन किया। मेरा आवेदन 3 दिन में स्वीकृत हुआ एवं इलाज के लिए 12 लाख 50 हजार रूपए प्राप्त हुआ। ऐसा सुनते ही मुख्यमंत्री ने बच्चे को अपने पास बुलाया एवं बच्चे को गोद में उठाकर दुलारा और बच्चे को आशीर्वाद दिया।
गोबर बेचकर कमाए 2 लाख रूपए
ग्राम बछोद से पहुँची श्रीमती रूकमणी ने मुख्यमंत्री को बताया कि गोधन न्याय योजना के अंतर्गत लगभग 2 सालों में गोबर बेचकर मैने 2 लाख 10 हजार रुपये अतिरिक्त आमदनी प्राप्त की। इस पर मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बधाई देते हुए इतने सारे पैसा का क्या उपयोग किया पूछा। जिस पर श्रीमती रूकमणी ने बताया कि इस पैसे से कोठा बनवाया है। साथ ही इस पैसे से मैं अपने बच्चों को पढ़ा रही हूं। उन्होंने आगे बताया कि घर में भैंस और गाय मिलाकर कुल 50 जानवर हैं एवं गोधन न्याय योजना से अब डेयरी पालन में पहले से अधिक मुनाफा मिल रहा है। -
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भेंट-मुलाकात: विधानसभा क्षेत्र जांजगीर-चांपा के ग्राम सेमरा पहुँचे मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल
मुख्यमंत्री ने धुरकोट में सहकारी बैंक, नवागढ़ में आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की दी सौगात
नवागढ़ महाविद्यालय का नाम लिंगेश्वर महादेव के नाम पर और हाईस्कूल बुढ़ेना को आयुर्वेद रत्न डॉ. गुलाब सिंह के नाम पर करने की स्वीकृति
लिंगेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार, सी.सी. रोड, शेड, चबुतरा, मुक्तिधाम, खेल मैदान की मिली सौगात
जांजगीर-चांपा : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज भेंट-मुलाकात के लिए विधानसभा जांजगीर-चांपा के ग्राम सेमरा पहुंचे। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में किसानों से चर्चा करते हुए कहा कि धान कटाई की शुरुआत हो चुकी है। इस साल बारिश अच्छी होने से फसल भी अच्छी हुई है। किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए धान खरीदी की शुरुआत भी एक नवंबर से हो चुकी है। किसान अपनी सुविधा अनुसार टोकन कटवाकर धान बेचना शुरू करें।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर ग्राम धुरकोट में सहकारी बैंक, नवागढ़ के शासकीय नवीन महाविद्यालय का नाम लिंगेश्वर महादेव के नाम पर करने, लिंगेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार, नवागढ़ में आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल शुरू करने, शासकीय हाईस्कूल बुढ़ेना को आयुर्वेद रत्न डॉ. गुलाब सिंह के नाम पर करने की घोषणा की। इसी प्रकार ग्राम सेमरा साप्ताहिक बाजार में शेड व चबूतरा निर्माण, ग्राम कुटरा में हाईस्कूल में अतिरिक्त भवन व शौचालय, ग्राम औराई में सी.सी. रोड, ग्राम सलखन में मुक्तिधाम तक सी.सी. रोड बनवाने, ग्राम उदय भाठा के हाईस्कूल का उन्नयन करने और नगर पंचायत नवागढ़ में खेल मैदान की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए पैरादान के फायदे गिनाते हुए किसानों से गौठानों में पैरादान करने की अपील भी की। पैरादान करने से प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी और मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था होगी। उन्होंने किसानों से कहा कि फसल कटाई के बाद पैरा न जलाएं। इससे प्रदूषण बढ़ जाता है, जो हम सबके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के हित का ध्यान रखते हुए दीवाली के पहले राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना और राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि श्रमिक न्याय योजना की राशि का वितरण किया है। इससे किसानों व श्रमिकों के चेहरे पर खुशहाली सहज ही देखने को मिली। बाजार की रौनक बढ़ने से व्यापार भी समृद्ध हुआ।
मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए ग्राम अमोरा के किसान श्री भरत पटेल ने बताया कि वे पहले मजदूरी करने जम्मू जाते थे। राजीव गांधी किसान न्याय योजना सहित अन्य योजनाओं का लाभ मिला तो 2 साल से मजदूरी के लिए बाहर जाना नहीं पड़ा। उन्होंने आगे बताया कि ऋणमाफी और राजीव गांधी किसान न्याय योजना से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हुई है। जिससे वे पिछले दो साल से बाहर मजदूरी करने नही जा रहे हैं। बल्कि यहीं खेती कर रहे हैं। उनका 10 हजार का कर्जमाफ हुआ है, 19 हजार का बोनस मिला है, गोधन न्याय योजना में गोबर बेचकर 20 हजार का लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल पामगढ़ की छात्रा तान्या केशरी ने फर्राटेदार अंग्रेजी में बात कर बताया कि स्कूल खुलने से अब फीस की चिंता किए बगैर अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ाई कर पा रहे हैं। पहले ज्यादा फीस लगती थी। तान्या ने मुख्यमंत्री श्री बघेल को बताया कि उनके स्कूल में लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासरूम जैसी सुविधाएं मिल रही है। शिक्षक भी बहुत सपोर्टिव हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस पर कहा कि आज गांवों में बच्चों को फर्राटेदार अंग्रेजी में बात करते देख बहुत खुशी होती है। बच्चे अपनी संस्कृति परंपरा से जुड़े रहे हैं इसलिए स्कूलों में हफ्ते में एक दिन छत्तीसगढ़ी और संस्कृत में भी पढ़ाई करवाई जायेगी।
मुख्यमंत्री ने एक छात्रा की शिकायत पर सेमरा हाई स्कूल में पूर्व में पदस्थ प्राचार्य को निलंबित करने एवं क्लर्क को अन्यत्र ट्रांसफर करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। छा़त्रा ने शिकायत में बताया था की तत्कालिन प्राचार्य विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण नहीं करते थे। राज्य सरकार द्वारा कोविड के दौरान फीस माफी के आदेश का पालन करवाने के लिए विद्यार्थियों को हड़ताल करना पड़ा था। साथ ही यहां पदस्थ लिपिक द्वारा कार्य नही करने के कारण शिक्षकों को कार्यालयीन काम करना पड़ता है। इस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल कार्यवाही करते हुए पूर्व में पदस्थ प्राचार्य को निलंबित करने एवं क्लर्क को अन्यत्र ट्रांसफर करने के निर्देश अधिकारियों को दिये।भेंट-मुलाकात के दौरान जनपद पंचायत उपाध्यक्ष नवागढ़ श्री पुष्पेंद्र प्रताप सिंह, ग्राम पंचायत सेमरा की सरपंच श्रीमती गायत्री साहू, बिलासपुर सम्भाग के कमिश्नर श्री संजय अलंग, कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा, एसपी श्री विजय अग्रवाल सहित त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्था के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्र्रामीण उपस्थित थे। -
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जांजगीर-चांपा : 1. ग्राम सेमरा साप्ताहिक बाजार में शेड व चबूतरा निर्माण करवाया जायेगा।
2. ग्राम धुरकोट में सहकारी बैंक की शाखा खोली जायेगी।
3. शासकीय नवीन महाविद्यालय नवागढ़ का नाम लिंगेश्वर महाविद्यालय किया जायेगा।
4. नवागढ लिंगेश्वर मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया जायेगा।
5. नवागढ़ में आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल खोली जायेगी।
6. ग्राम कुटरा में हाईस्कूल में अतिरिक्त भवन व शौचालय निर्माण करवाया जायेगा।7. ग्राम औरी में सी.सी. रोड बनवाई जायेगी।
8. ग्राम सलखन में मुक्तिधाम तक सी.सी. रोड बनवाई जायेगी।
9. शासकीय हाईस्कूल बुढ़ेना का नामकरण आयुर्वेद रत्न डॉ. गुलाब सिंह के नाम पर किया जायेगा।
10. ग्राम उदय भाठा के हाईस्कूल का उन्नयन हायर सेकेंडरी के रूप में किया जायेगा।
11. नवागढ़ में खेल मैदान की घोषणा। -
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जांजगीर-चांपा : भेंट-मुलाकात के लिए जांजगीर-चांपा जिले के नवागढ़ विकासखंड के ग्राम रांछाभांटा हेलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों द्वारा स्वागत किया गया।इस अवसर पर बिलासपुर सम्भाग के कमिश्नर श्री संजय अलंग, कलेक्टर श्री तारण प्रकाश सिन्हा, एसपी श्री अग्रवाल सहित जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया। -
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मुख्यमंत्री ने श्री नारायणा हॉस्पिटल में घुटना प्रत्यारोपण के लिए पूर्णतः ऑटोमेटिक रोबोट का किया शुभारंभरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य के दूर-दराज सहित हर अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने और इसकी सुगम उपलब्धता के लिए हर संभव पहल की जा रही है। इसके तहत राज्य में स्वास्थ्य अधोसंरचना को सुदृढ़ बनाने का कार्य निरंतर जारी हैं। इससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं का बेहतर लाभ हर नागरिक को मिले और गरीब से गरीब व्यक्ति भी गंभीर से गंभीर बीमारी का इलाज कराने में सक्षम हो सके।मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज शाम राजधानी के श्री नारायणा हॉस्पिटल में अत्याधुनिक पद्धति से घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए मध्य भारत का सबसे पहला पूर्ण रूप से ऑटोमेटिक रोबोट का शुभारंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने इसके लिए हॉस्पिटल के पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि इस सुविधा की यहां शुरूआत होना श्री नारायणा हॉस्पिटल के साथ-साथ हमारे प्रदेश की भी एक अच्छी उपलब्धि है। इस मशीन के आने से मध्य भारत और छत्तीसगढ़ के जरूरतमंद मरीजों की घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए अन्य मेट्रो शहरों के बड़े अस्पतालों पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए कहा कि बीते पौने चार वर्षों के दौरान राज्य के चिकित्सा सेवा क्षेत्र में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र में मिलकर प्रदेश की स्वास्थ्य अधोसरंचना को बहुत सुदृढ़ बना दिया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि आज हमारे राज्य में हर तरह की गंभीर बीमारियों की उत्कृष्ट चिकित्सा उपलब्ध है। इसके परिणाम स्वरूप छत्तीसगढ़ में न केवल भारत के अन्य प्रदेशों से बल्कि दुनिया के अनेक देशों के लोग अपनी चिकित्सा के लिए आ रहे है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आगे कहा कि अब हर तरह की नई और आधुनिक चिकित्सा तकनीकें हमारे राज्य के अस्पतालों में उपलब्ध हैं। यह हमारी मजबूत स्वास्थ्य अधोसंरचना का परिणाम था कि हमने कोरोना जैसी भीषण संकट का सफलता के साथ सामना किया। हमने न सिर्फ अपने राज्य के लोगों की स्वास्थ्य सुरक्षा सुनिश्चित की बल्कि अन्य राज्यों की भी हम मदद करने में सफल रहे। हमारी सरकार राज्य के स्वास्थ्य अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए निजी क्षेत्र को अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करने के लिए न केवल प्रोत्साहित कर रही है, बल्कि सहयोग भी दे रही है। कार्यक्रम को डॉ. सुनील खेमका-श्री नारायणा हॉस्पिटल ने भी सम्बोधित किया।
सीयूव्हीआईएस नाम के इस रोबोट को साउथ कोरिया में एक कंपनी द्वारा विशेष रूप से घुटना प्रत्यारोपण सर्जरी के लिए निर्मित किया गया है, जो अत्याधुनिक एवं पूर्णतः ऑटोमेटिक है। विदित हो कि इसी कंपनी ने दुनिया में सबसे पहला सर्जिकल रोबोट लांच किया था। इसमें सर्जरी के पहले प्लानिंग के साथ मरीज के पैर के लोवर लिम्ब का, हिप, नी और एंकल को फोकस करते हुए सीटी स्कैन किया जाता है। एकदम फाइन एक्यूरेसी एवं मानन्यूट डिग्री के एंगल का करेक्शन होने की वहज से रोबोटिक सर्जरी के बाद यह नॉर्मल लिम्ब जैसा हो जाता है और इसमें जॉइंट्स की लाइफ एक्सपेक्टेंसी ज्यादा रहती है।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, महापौर नगर पालिक निगम श्री एजाज ढेबर, पूर्व मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल तथा मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा एवं श्री राजेश तिवारी और डॉ. राम खेमका, श्री राजकुमार अग्रवाल, डॉ. प्रीतम अग्रवाल सहित श्री नारायणा हॉस्पिटल के चिकित्सकीय स्टॉफ उपस्थित थे। -
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ग्रामीणों और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधिमंडलों से करेंगे बात
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान की अगली कड़ी में 11 नवम्बर को जांजगीर-चांपा जिला के जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात के लिए पहुंचेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल आमजनों संपर्क और संवाद के साथ भेंट-मुलाकात करते हुए शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन की जानकारी लेंगे। वहीं आमजनता की समस्याओं पर उनसे सीधे बातचीत करेंगे साथ ही विभिन्न संगठनों से भी मुलाकात कर उनकी समस्याओं और आवश्यकताओं को जानेंगे। गौरतलब है कि भेंट-मुलाकात कार्यक्रम में आमजनता को प्रदेश के मुखिया से सीधे बातचीत करने का अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री 11 नवम्बर को हेलीकॉप्टर द्वारा रायपुर पुलिस ग्राउंड हेलीपेड से सुबह 11.45 बजे जांजगीर-चांपा जिले के जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम राछाभांठा के लिए प्रस्थान करेंगे। दोपहर 12.30 बजे से राछाभांठा में मुख्यमंत्री का भेंट-मुलाकात कार्यक्रम प्रारंभ होगा। फिर दोपहर 2.05 बजे ग्राम राछाभांठा से हेलीकॉप्टर द्वारा प्रस्थान कर दोपहर 2.20 बजे ग्राम सिवनी (नैला) पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री का ग्राम सिवनी (नैला) में दोपहर 3 बजे से भेंट-मुलाकात कार्यक्रम शुरू होगा। मुख्यमंत्री श्री बघेल ग्राम सिवनी (नैला) से शाम 4.20 बजे प्रस्थान कर दोपहर 4.35 बजे मुख्यमंत्री श्री बघेल जांजगीर पहुंचेंगे, जहां वे शाम 6.30 बजे से विभिन्न प्रतिनिधिमण्डलों से भेंट करेंगे। मुख्यमंत्री जांजगीर में ही रात्रि विश्राम करेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने प्रदेशव्यापी भेंट-मुलाकात अभियान के पूर्व में जिले के पामगढ़ विधानसभा में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम कर चुके हैं। वहीं जांजगीर-चांपा जिला से पृथक हुए नवगठित सक्ती जिले के जैजैपुर व चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में भेंट-मुलाकात कार्यक्रम सम्पन्न हो चुका है। -
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रंगीनी बीहन लाख हेतु 15 नवंबर तथा कुसुमी बीहन लाख हेतु 15 दिसंबर तक मांग के अनुसार राशि जमा कराने समय-सीमा निर्धारितनिःशुल्क ब्याज के साथ लाख फसल ऋण उपलब्ध कराने राज्य सरकार का अहम् फैसला
4 हजार से 10 हजार टन तक लाख का उत्पादन बढ़ाने का लक्ष्य
किसानों को होगी 250 करोड़ रूपए की आय
छत्तीसगढ़ में किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने विशेष पहल
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आय में वृद्धि हेतु विशेष पहल की जा रही है। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है।
राज्य में बीहन लाख की कमी को दूर करने हेतु कृषकों के पास उपलब्ध बीहन लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए क्रय दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 550 रूपए प्रति किलो ग्राम तथा रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 275 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह कृषकों को बीहन लाख उपलब्ध कराने हेतु विक्रय दर का भी निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त ) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 640 रूपए प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 375 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख फसल ऋण निःशुल्क ब्याज के साथ प्रदाय करने हेतु व्यवस्था की गई है। इसके तहत लाख पालन करने हेतु पोषक वृक्ष कुसुम पर 5 हजार रूपए, बेर पर 900 रूपए तथा पलाश पर 500 रूपए प्रति वृक्ष ऋण सीमा निर्धारित है। लाख पालन को वैज्ञानिक पद्धति से करने हेतु राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कांकेर में प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। इस केन्द्र में 03 दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण के साथ लाख उत्पादन क्लस्टर में ऑनफार्म प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन और लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनों में 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन भी किया गया है। इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन क्लस्टर में सर्वेक्षण कर कृषकवार बीहन लाख की मांग की जानकारी ली जा रही है। इनमें कृषकों को संघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर बीहन लाख प्रदाय करने हेतु आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन खाते में जमा कराना होगा। इसके तहत रंगीनी बीहन लाख के लिए कृषकों से प्राप्त मांग के अनुरूप राशि जमा किए जाने हेतु समय-सीमा 15 नवंबर तक निर्धारित है। इनमें कुसुमी बीहन लाख के लिए कृषकों से प्राप्त मांग के अनुरूप राशि जमा किए जाने हेतु 15 दिसंबर तक समय-सीमा निर्धारित है।
गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों में परंपरागत रूप से लाख की खेती होती है और लगभग 50 हजार कृषकों द्वारा कुसुम एवं बेर वृक्षों पर कुसुमी लाख, पलाश एवं बेर वृक्षों पर रंगीनी लाख पालन किया जाता है। राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपए है। राज्य में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय कृषकों को देने का लक्ष्य है। इसके लिए लाख पालन करने वाले कृषकों को निःशुल्क ब्याज के साथ लाख फसल ऋण देने का अहम निर्णय लिया गया है। संपूर्ण देश में लाख उत्पादन के गिरावट के कारण वर्तमान में कुसुमी लाख का बाजार दर 300 रूपए से 900 रूपए प्रति किलोग्राम तक वृद्धि हुई है। इससे लाख खेती बढ़ाने हेतु किसानों का रूझान बढ़ रहा है। -
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58,41 5 किसानों ने बेचा धान: 375.11 करोड़ रूपए का भुगतान
धान विक्रय के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र
अब तक 63,649 टोकन जारी
धान खरीदी के साथ-साथ धान का उठाव शुरू: कस्टम मिलिंग के लिए अब तक 3692 मीट्रिक टन धन का उठाव
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश में धान खरीदी का महाभियान 01 नवम्बर से प्रारंभ है। यह अभियान 31 जनवरी 2023 तक चलेगा। प्रदेश में अब तक किसानों से समर्थन मूल्य पर लगभग 1 लाख 74 हजार मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। आज 9 नवम्बर को किसानों से 55 हजार 707 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। धान के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत अब तक 375.11 करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया गया है।
खाद्य विभाग के सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि धान बेचने वाले किसानों को आज 23,682 टोकन जारी किए गए थे। टोकन तुंहर हाथ एप्प के द्वारा 2687 टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस की खरीदी के लिए राज्य में धान उपार्जन के लिए 22,317 टोकन तथा तुंहर हाथ एप के जरिये 2,469 टोकन जारी किए गए हैं। राज्य में धान खरीदी निर्बाध रूप से जारी है। अधिकारी धान की व्यवस्था पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। धान खरीदी को लेकर कहीं से किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है।
खाद्य सचिव श्री वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर धान खरीदी के साथ साथ कस्टम मिलिंग के लिए धन का उठाव प्राम्भ हो गया है। अब तक 22 हजार 192 मीट्रिक टन धान के उठाव के लिए जारी किए गए हैं। जिसके एवज में उपार्जन केंद्रों से 3,692 मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.92 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 1.86 लाख नये किसान है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। -
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. महंत को भेजा प्रस्तावएक एवं दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का किया आग्रहरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासी आरक्षण के मुद्दे को लेकर विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का प्रस्ताव विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत को भेजा है। मुख्यमंत्री ने आगामी एक एवं दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का आग्रह किया है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासी समाज को भरोसा दिलाया है कि राज्य में आरक्षण के मामले में आदिवासी निश्चिंत रहें, उन्हें 32 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए हम हर संभव प्रयास कर रहे है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में आरक्षण की विधिक स्थिति का अध्ययन करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से वरिष्ठ अधिकारियों एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं का दल शीघ्र वहां जाएगा। अध्ययन दल के गठन एवं इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश को लेकर सामान्य प्रशासन विभाग मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि आदिवासियों के हित और उनके संरक्षण के लिए संविधान में जो अधिकार प्रदत्त है, उसका पालन हमारी सरकार कर रही है। हमारी स्पष्ट मंशा है कि संविधान द्वारा अनुसूचित जनजाति वर्ग को प्रदान किए गए सभी संवैधानिक अधिकार उन्हें प्राप्त हों। आरक्षण के मामले को लेकर हमने विधानसभा अध्यक्ष महोदय से एक एवं दो दिसंबर को विधानसभा का विशेष सत्र आहूत किए जाने का भी आग्रह किया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिवासी समुदाय के विकास और कल्याण के लिए लगातार कार्य कर रही है। इसी कड़ी में विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। आदिवासियों के समुचित विकास के लिए विकास प्राधिकरणों में स्थानीय विधायकों को ही अध्यक्ष बनाया गया। आदिवासियों के विकास के लिए अनेक योजनाएं बनाई गईं और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया गया। आदिवासी समुदाय के आस्था स्थल देवगुड़ी और घोटुल का संरक्षण एवं जीर्णाेद्धार का काम भी बीते पौने चार सालों से प्राथमिकता से कराया जा रहा है। राज्य के आदिवासी अंचल में स्वास्थ्य और शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल के नेतृत्व में ही आदिवासी बाहुल्य जिलों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराते हुए छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और कला को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का काम किया जा रहा है। वनवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए वंचितों को वन अधिकार पत्र वितरण और पेसा कानून लागू करने जैसे कार्य छत्तीसगढ़ सरकार ने किए हैं।छत्तीसगढ़ सरकार का मुख्य फोकस गांव, गरीब, किसान और आदिवासियों, वनवासियों पर है। खासतौर से आदिवासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने काम किया है। गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही को पहला पूर्ण आदिवासी जिले के रूप में गठित किया गया। इसी कड़ी में मोहला-मानपुर-अम्बागढ़ चौकी और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर का भी गठन किया गया है। आदिवासी व वनवासियों को आरक्षित क्षेत्र में अधिकार प्रदान करते हुए व्यक्तिगत वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन अधिकार पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन अधिकार पत्र वितरित किए जा रहे हैं।
वनवासी क्षेत्र में ग्राम सभा को शक्ति सम्पन्न बनाने पेसा कानून बनाकर लागू किया गया। लघुवनोपजों पर निर्भर वनवासियों की आर्थिक समृद्धि और उन्हें संबल बनाने के लिए सरकारी स्तर पर सात प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी को 65 प्रकार के लघुवनोपज तक बढ़ा दिया गया है। तेंदूपत्ता के समर्थन मूल्य को 25 सौ रुपये से बढ़ाकर चार हजार रुपये तक कर दिया गया है। तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए शहीद महेन्द्र कर्मा तेंदूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना की शुरुआत अगस्त 2020 से की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार अब न सिर्फ लघुवनोपजों की खरीदी कर रही है, बल्कि उनका स्थानीय स्तर पर ही प्रसंस्करण और वैल्यू एडिशन का कार्य भी किया जा रहा है, जिससे वनवासियों के रोजगार एवं आय में कई गुना की बढ़ोत्तरी हुई है।
बस्तर में बादल (बस्तर एकेडमी ऑफ डांस, आर्ट एंड लिट्रेचर) की शुरुआत की गई। वहीं बस्तर में आदिवासी संग्रहालय की स्थापना की गई। आदिवासी समुदाय को ध्यान में रखते हुए ही स्थानीय बोली में प्राथमिक शिक्षा का निर्णय मुख्यमंत्री श्री बघेल की सरकार ने लिया है। आदिवासी बाहुल्य बस्तर में मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान चलाया गया, जिसमें काफी हद तक मलेरिया के प्रकोप को कम किया जा सका है। कुपोषण के शिकार बच्चे और एनिमिया से पीड़ित किशोरी बालिकाओं व महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान का संचालन किया गया। इसका परिणाम यह रहा कि कम ही समय में दो लाख 11 हजार बच्चे कुपोषण की समस्या से मुक्त हुए तो लगभग एक लाख महिलाओं को एनिमिया से राहत मिली है।मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की पहल पर ही लोहाण्डीगुड़ा में उद्योग द्वारा अधिगृहीत की गई 1707 किसानों की जमीन लौटाई गई। बस्तर संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30,439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई। आजादी के बाद पहली बार अबूझमाड़ क्षेत्र के 52,500 से अधिक किसानों को मसाहती खसरा प्रदाय किया गया। श्री भूपेश बघेल की सरकार ने राज्य क नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में निर्दाेष आदिवासियों के विरुद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी के लिए उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कमेटी गठित की है, जिसके चलते वर्षों से चले रहे मामले निराकृत हुए है और सैकड़ों लोगों को राहत मिली है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
मुख्यमंत्री ने गन्ना प्रोत्साहन योजना में किसानों को 68.90 करोड़ रूपए का किया भुगतान
गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों के खाते में 5.35 करोड़ रूपए की राशि का ऑनलाईन अंतरण
गोबर खरीदी के एवज में गोबर विक्रेताओं को अब तक किया गया 179.28 करोड़ रूपए का भुगतान
रबी सीजन में भी वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को प्रोत्साहित करेंस्वावलंबी गौठानों ने अब तक अपने संसाधनों से 24.15 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी की
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वावलंबी गांवों की परिकल्पना धीरे-धीरे साकार हो रही है। गोधन न्याय योजना के तहत गांवों में बनाए गए गौठानों में से 3089 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर 2022 तक गौठानों में क्रय किए गए गोबर के एवज में भुगतान की गई राशि में से लगभग 50 प्रतिशत राशि का भुगतान स्वावलंबी गौठानों द्वारा किया गया है। यह एक बड़ा बदलाव है। स्वावलंबी गौठानों ने अब तक अपने संसाधनों से 24.15 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी की है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को गोबर खरीदी की राशि, महिला स्वसहायता समूहों और गौठान समितियों को लाभांश राशि तथा गन्ना उत्पादक किसानों को गन्ना प्रोत्साहन राशि के वितरण के लिए आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने खरीफ की तरह रबी सीजन में भी वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग को बढ़ावा देने और गौठानों में गौ मूत्र की खरीदी को प्रोत्साहित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
गौरतलब है कि अक्टूबर माह के आखरी पखवाड़े में खरीदे गए गोबर के एवज में कुल 4.69 करोड़ रूपए का भुगतान आज गोबर बेचने वाले ग्रामीणों और पशुपालकों को किया गया है। इस राशि में से विभाग द्वारा 2.37 करोड़ रूपए और स्वावलंबी गौठानों द्वारा 2.32 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक सकारात्मक बदलाव है। राज्य सरकार की भी यह मंशा है कि आने वाले समय में सभी गौठान स्वावलंबी बने। वहां की गतिविधियों का संचालन गौठान समितियां अपने संसाधनों से कर सकें।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में गोबर विक्रेता पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़ी महिला समूहों और गौठान समितियों को 5 करोड़ 35 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की। गौठनों में 15 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से क्रय किए गए 2.35 लाख क्विंटल गोबर के एवज में किया गया 4.69 करोड़ रूपए भुगतान किया गया। इसी तरह गौठान समितियों को 39 लाख और महिला समूहों को 27 लाख रूपए की लाभांश राशि का भुगतान किया गया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रेमसाय सिंह टेकाम, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष श्री गिरीश देवांगन, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि गोधन न्याय योजना के तहत आज भुगतान की गई राशि को मिलाकर गोबर विक्रेताओं को योजना के शुरू होने के बाद से अब तक 179.28 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। इसी तरह अब तक गौठान समितियों एवं महिला स्व-सहायता समूहों को 164.24 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि राज्य के 83 गौठानों में 4 रूपए लीटर की दर से अब तक 76 हजार 820 लीटर गौमूत्र क्रय किया जा चुका है। गौठानों में महिला स्व-सहायता समूहों द्वारा 24,348 लीटर कीट नियंत्रक ब्रम्हास्त्र और 18,722 लीटर वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया गया है, जिसमें से 20,521 लीटर ब्रम्हास्त्र और 14,055 लीटर जीवामृत की बिक्री से कुल 15 लाख रूपए की आय हुई। इस गतिविधि को और बढ़ावा देना चाहिए।गन्ना उत्पादक किसानों को 68.90 करोड़ रूपए का भुगतान
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यालय में कार्यक्रम में राज्य के गन्ना उत्पादक कृषकों को गन्ना प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत 68 करोड़ 90 लाख रूपए की बोनस राशि का ऑनलाईन अंतरण किया। इस राशि में वर्ष 2020-21 के बोनस की 11.99 करोड़ रुपए की बकाया बोनस राशि और गन्ना पेराई वर्ष 2021-22 की 56.91 करोड़ रूपए की प्रोत्साहन राशि शामिल है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि गन्ना उत्पादक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है, जिससे उन्हें खेती की लागत में भी राहत मिल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना में गन्ना पेराई वर्ष 2021-22 में गन्ना उत्पादक कृषकों को प्रति एकड़ के मान से 10 हजार रूपए एवं शेष राशि गन्ना प्रोत्साहन योजना अंतर्गत दिये जाने का निर्णय लिया गया था। वर्ष 2020-21 में राशि 84.25 प्रति क्विटल की दर से 28.589 कृषकों को 59.14 करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना था, जिसमें से 47 करोड़ 12 लाख का भुगतान किया जा चुका है। शेष राशि 11.99 करोड़ का भुगतान भारत सरकार द्वारा घोषित उचित एवं लाभकारी मूल्य के अतिरिक्त छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया जा रहा है। इसी तरह गन्ना पेराई वर्ष 2021-22 में 79 रुपए 50 पैसे प्रति क्विटल की दर से कुल 31, 051 कृषकों को 76.24 करोड़ रुपए का भुगतान गन्ना प्रोत्साहन राशि के रूप में किया जाना है, परंतु राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रदाय की गई आदान सहायता राशि का समायोजन करने के साथ ही अंतरिम रूप से गन्ना उत्पादन प्रोत्साहन राशि के रूप में 56.91 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य शासन द्वारा वर्ष 2019-20 में 355 रुपये प्रति क्विटल की दर पर गन्ना क्रय किये जाने का निर्णय लिया गया था, जिसके फलस्वरूप वर्ष 2019-20 में गन्ना कृषकों को 93 रुपए 75 पैसे प्रति क्विंटल की दर से 34,637 कृषकों को 73 करोड़ 56 लाख रूपए का भुगतान प्रोत्साहन राशि के तौर पर किया गया था। मुख्यमंत्री ने गन्ना उत्पादक किसानों और गोधन न्याय योजना के हितग्राहियों को कार्तिक पूर्णिमा और गुरूनानक जयंती की बधाई और शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने पण्डरिया, केरता और बालोद के गन्ना उत्पादक किसानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की और उन्हें बोनस वितरण के लिए बधाई दी। किसानों ने कहा कि एथेलॉन प्लांट शुरू होने से गन्ना उत्पादक किसानों को फायदा होगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के सचिव श्री अंकित आनंद, कृषि विभाग के विशेष सचिव डॉ. अय्याज एफ. तम्बोली, मिशन संचालक राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन श्री अवनीश शरण, विशेष सचिव सहकारिता श्री हिमशिखर गुप्ता, संचालक पशुधन श्रीमती चंदन संजय त्रिपाठी, कृषि विभाग के उप सचिव सुश्री तूलिका प्रजापति भी उपस्थित थीं। विभिन्न जिलों से अनेक जनप्रतिनिधि और किसान भाई भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़े थे।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
राज्य में कृषकों को बीहन लाख उपलब्ध कराने पर्याप्त प्रबंध
राज्य सरकार द्वारा निःशुल्क ब्याज के साथ लाख फसल ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था
योजना के सफल क्रियान्वयन और लाख उत्पादन में वृद्धि के लिए लाख उत्पादन क्लस्टर गठित4 हजार से 10 हजार टन तक लाख का उत्पादन बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय का लक्ष्य
रंगीनी बीहन लाख हेतु कृषकों से मांग प्राप्त करने 10 नवंबर के पूर्व तथा कुसुमी बीहन लाख हेतु कृषकों से मांग प्राप्त करने 30 नवंबर के पूर्व की समय-सीमा निर्धारित
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने और उनकी आय में वृद्धि हेतु विशेष पहल की जा रही है। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है।
राज्य में योजना के सफल क्रियान्वयन और लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए 20 जिला यूनियनों में 03 से 05 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन भी किया गया है। इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन क्लस्टर में सर्वेक्षण कर कृषकवार बीहन लाख की मांग की जानकारी ली जाएगी। इनमें कृषकों को संघ द्वारा निर्धारित मूल्य पर बीहन लाख प्रदाय करने हेतु आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन खाते में जमा कराना होगा। इसके तहत रंगीनी बीहन लाख के लिए कृषकों से मांग प्राप्त करने हेतु समय-सीमा 10 नवंबर के पूर्व निर्धारित है। इसमें कृषकों से राशि जमा किए जाने हेतु समय-सीमा 15 नवंबर तक निर्धारित है। इनमें कुसुमी बीहन लाख के लिए कृषकों से मांग प्राप्त करने हेतु 30 नवंबर के पूर्व तथा राशि जमा किए जाने हेतु 15 दिसंबर तक समय-सीमा निर्धारित है।
राज्य में बीहन लाख की कमी को दूर करने हेतु कृषकों के पास उपलब्ध बीहन लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए क्रय दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 550 रूपए प्रति किलो ग्राम तथा रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय क्रय दर 275 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है। इसी तरह कृषकों को बीहन लाख उपलब्ध कराने हेतु विक्रय दर का भी निर्धारण किया गया है। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त ) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 640 रूपए प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए कृषकों को देय विक्रय दर 375 रूपए प्रति किलोग्राम निर्धारित है।
राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख फसल ऋण निःशुल्क ब्याज के साथ प्रदाय करने हेतु व्यवस्था की गई है। इसके तहत लाख पालन करने हेतु पोषक वृक्ष कुसुम पर 5 हजार रूपए, बेर पर 900 रूपए तथा पलाश पर 500 रूपए प्रति वृक्ष ऋण सीमा निर्धारित है। लाख पालन को वैज्ञानिक पद्धति से करने हेतु राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा कांकेर में प्रशिक्षण केन्द्र खोला गया है। इस केन्द्र में 03 दिवसीय संस्थागत प्रशिक्षण के साथ लाख उत्पादन क्लस्टर में ऑनफार्म प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
लाख पालन की अच्छी खेती के लिए कुसुम वृक्ष गर्मी के मौसम में अत्यंत उपयुक्त है परन्तु वर्षा ऋतु में बेर वृक्ष कुसुमी लाख पालन हेतु उपयुक्त है। अतएव कुसुम वृक्षों से आच्छादित क्षेत्रों में मीठा बेर रोपण कर वर्ष में 02 फसल लेते हुए अतिरिक्त आय प्राप्त किया जा सकता है। इसके मद्देनजर राज्य में कुसुम समृद्ध क्षेत्रों में कृषकों के मेड़ तथा नीजि भूमि पर वृहद स्तर पर मीठा बेर रोपण हेतु वन विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।राज्य में लाख पालन में वृद्धि हेतु तेन्दूपत्ता संग्राहक परिवार के युवा सदस्य जो 12वीं उत्तीर्ण है, उन्हें वनधन मित्र के रूप में चयन कर लाख कृषक सर्वेक्षण, प्रशिक्षण, बीहन लाख व्यवस्था तथा फसल ऋण प्रदायगी आदि में उचित मानदेय पर उपयोग किया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 200 वनधन मित्र (लाख) द्वारा विभिन्न जिला यूनियनों में अपनी सेवाएं लाख कृषकों को प्रदाय किया जा रहा है।
गौरतलब है कि राज्य के विभिन्न जिलों में परंपरागत रूप से लाख की खेती होती है और लगभग 50 हजार कृषकों द्वारा कुसुम एवं बेर वृक्षों पर कुसुमी लाख, पलाश एवं बेर वृक्षों पर रंगीनी लाख पालन किया जाता है। राज्य में वर्तमान में 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है, जिसका अनुमानित मूल्य राशि 100 करोड़ रूपए है। राज्य में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाते हुए 250 करोड़ रूपए की आय कृषकों को देने का लक्ष्य है। इसके लिए लाख पालन करने वाले कृषकों को निःशुल्क ब्याज के साथ लाख फसल ऋण देने का अहम निर्णय लिया गया है। संपूर्ण देश में लाख उत्पादन के गिरावट के कारण वर्तमान में कुसुमी लाख का बाजार दर 300 रूपए से 900 रूपए प्रति किलोग्राम तक वृद्धि हुई है। इससे लाख खेती बढ़ाने हेतु किसानों का रूझान बढ़ रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की
शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने का लगातार हो रहा काम : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेलरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज कार्तिक पुन्नी के अवसर पर प्रातः रायपुर के महादेव घाट पहुंचकर खारून नदी में कार्तिक पूर्णिमा स्नान कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर सभी प्रदेशवासियों को कार्तिक पुन्नी मेला की बधाई और शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक परंपरा का निर्वहन किया जाता है। पुन्नी मेला के अवसर पर आज यहां आसपास के सभी गांव के लोग आते हैं। पुन्नी मेला हमारी प्राचीन परंपरा है, हमारे छत्तीसगढ़ के गांव, शहरों की परंपरा का हिस्सा है। कार्तिक माह में सुबह का स्नान और शिवजी पर जल चढ़ाने की परंपरा रही है, आज से गांवों के घाटों में मेले का आयोजन शुरू हो जाता है। उन्होंने कहा कि आज प्रकाश पर्व का शुभ दिन भी है, गुरुनानक जी की जयंती है, जिनका छत्तीसगढ़ से पुराना नाता रहा है, उनके जुड़ाव के स्थल महासमुंद जिले के गढ़फुलझर को हमने पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि पिछले साल खारुन नदी के घाट के विकास की घोषणा की थी, अब बजट में प्रावधान के साथ घाट के विकास का काम शुरू हो जाएगा। हमारे प्रदेश में किसान भाई धान कटाई की शुरुआत कर चुके हैं। एक नवंबर से धान की खरीदी भी शुरू हो चुकी है, किसान भाई समर्थन मूल्य में धान बेच रहे हैं और समय पर उन्हें भुगतान भी हो रहा है। दिवाली के पहले हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना की तीसरी किश्त भी दे दी है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा को सहेजने के उद्देश्य से हाल ही में हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन भी राज्योत्सव के अवसर पर किया। हम शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के साथ साथ अपनी संस्कृति के संरक्षण और उसके विकास के लिए भी लगातार काम कर रहे हैं। जिसमे प्रदेश की जनता की भागीदारी है।
इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री विकास उपाध्याय, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री राम सुंदर दास, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री प्रदीप शर्मा, रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
श्रमेव जयते मोबाइल एप्प में 10 हजार से अधिक श्रमिको का आवेदन
एप्प के माध्यम से 60 प्रकार की योजनाओं के साथ ही श्रमिक डाऊनलोड कर सकते हैं अपना श्रम कार्ड
रायपुर : राजधानी के साइंस कालेज मैदान पर चल रहे राज्योत्सव मेला में श्रम विभाग ने ऑनस्पाट सुविधा केंद्र ई श्रमिक पंजीयन लगाया है। श्रम विभाग के इस स्टॉल में अब तक साढ़े पांच सौ से अधिक लोगों का ऑनस्पाट श्रमेव जयते नामक मोबाइल एप्प के माध्यम से पंजीयन हेतु आवेदन किया जा चुका है। श्रम विभाग द्वारा श्रमिको की सुविधा के लिए श्रमेव जयते नाम से मोबाइल एप्प बनाया गया है जिसके माध्यम से बहुत ही आसानी से श्रमिको का पंजीयन किया जा सकता है। एक बार पंजीयन हो जाने के बाद श्रमिक विभाग द्वारा प्रदान की जाने वाली सरकारी योजनाओं के लिए इस एप्प के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं।
साथ ही अन्य योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री श्रमिक सियान सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक निःशुल्क कार्ड योजना, मिनीमाता महतारी जतन योजना, नौनिहाल छात्रवृत्ति योजना, मेधावी छात्र/छात्रा शिक्षा प्रोत्साहन योजना, निर्माण श्रमिकों के बच्चों हेतु उत्कृष्ट खेल प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना, विशेष शिक्षा सहायता योजना, मोबाईल रजिस्ट्रेशन वेन योजना, मुख्यमंत्री सिलाई मशीन सहायता योजना, मुख्यमंत्री श्रमिक औजार सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर सुरक्षा उपकरण सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण मजदूर कौशल विकास एवं परिवार सशक्तिकरण योजना, शहीद वीरनारायण सिंह श्रम अन्न योजना, प्रधानमंत्री उज्जवला योजना, बंधक निर्माण मजदूर पुनर्वास सहायता योजना, श्रम मित्र योजना, सिलिकोसिस से पीड़ित निर्माण श्रमिकों के लिये आर्थिक सहायता एवं पुनर्वास सहायता योजना, निर्माण श्रमिक ई-रिक्शा सहायता योजना,दुर्घटना में चिकित्सा सहायता योजना, मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना की तरह के 60 प्रकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
इस एप्प के माध्यम से श्रमिक अपना मजदूर कार्ड डाऊनलोड कर सकते हैं। श्रमिक अपने साथ काम करने वाले सहकर्मी के साथ हुई किसी भी दुर्घटना की सूचना विभाग को श्रमेव जयते एप्प के माध्यम से दे सकते हैं। राज्योत्सव में लगे श्रम विभाग के स्टाल के माध्यम से आने वाले आगंतुकों को विभाग की योजनाओं लाभ एवं जानकारी प्रदान की गई।
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द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
25,493 किसानों ने बेचा धानरायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के घोषणा के अनुरूप प्रदेश में धान खरीदी का महाभियान 01 नवम्बर से शुरू हो चुका है। बीते चार दिनों में राज्य में किसानों से समर्थन मूल्य पर 69 हजार 783 मीट्रिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। आज 4 नवम्बर को किसानों से 23 हजार 89 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। धान के एवज में किसानों को बैंक लिंकिंग व्यवस्था के तहत 283..07करोड़ रुपये का भुगतान जारी कर दिया गया है।खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज धान बेचने वाले किसानों को 8671 टोकन जारी किए गए थे। जिसमें 606 टोकन तुंहर हाथ एप्प द्वारा जारी किए गए थे। 5 नवम्बर को राज्य में धान उपार्जन के लिए 12,577 टोकन तथा तुंहर हाथ एप के जरिये 1,428 टोकन जारी किए गए है। राज्य में धान खरीदी निर्बाध रूप से जारी है। अधिकारी धान की व्यवस्था पर निरंतर निगरानी बनाए हुए हैं। धान खरीदी को लेकर कहीं से किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं मिली है।
खाद्य सचिव श्री टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि इस वर्ष लगभग 110 लाख मीट्रिक धान का उपार्जन अनुमानित है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए राज्य में 25.92 लाख किसानों का पंजीयन हुआ है, जिसमें लगभग 1.86 लाख नये किसान है। राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए 2497 उपार्जन केन्द्र बनाए गए हैं। इस साल किसानों से सामान्य धान 2040 रूपए प्रति क्विंटल तथा ग्रेड-ए धान 2060 रूपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जा रहा है। -
द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा
रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्योत्सव में राज्य शहरी विकास अभिकरण नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, छत्तीसगढ़ शासन द्वारा हमर सरकार हमर द्वार, मुख्यमंत्री मितान योजना के माध्यम से 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार पंजीयन एवं सभी आयु वर्ग के निवासियों के आधार में मोबाईल अद्यतन सुविधा प्रदाय की जा रही है। राज्योत्सव में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के स्टाल में भारतीय विशिष्ठ पहचान प्राधिकरण, भारत सरकार से श्री श्रीनिवास नायक जी, निदेशक एवं चौतन्या रेड्डी टी उप निदेशक, क्षेत्रीय कार्यालय, हैदराबाद विशेष रूप से उपस्थित हुए। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री मितान योजना अंतर्गत घर पहुंच सेवाओं की प्रगति की सराहना की। इसके साथ साथ 5 वर्ष तक के बच्चों के आधार पंजीयन एवं सभी आयु वर्ग के निवासियों के आधार में मोबाईल अद्यतन से संबंधित समस्त जानकारी ली गई।
राज्य शहरी विकास अभिकरण के अधिकारियों ने आमंत्रित अधिकारियों को जानकारी से भी अवगत कराया कि एक मई 2022) से अब तक 23000 से अधिक परिवार लाभान्वित हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि एक नवंबर 2022 से 5 वर्ष तक के बच्चों का आधार पंजीयन एवं सभी आयु वर्ग के नागरिकों के आधार में मोबाईल नंबर अद्यतन सुविधा प्रारंभ की गई है। राज्य के विभिन्न शहरी क्षेत्रों में विगत 2 दिनों में ही करीब एक हजार से अधिक लोगों ने छोटे बच्चों के आधार पंजीयन एवं आधार में मोबाईल अद्यतन के लिए मितान कॉल सेंटर के माध्यम से अपाइंटमेंट बुक कराए गए है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के अधिकारियों ने को 5 वर्ष तक के बच्चों के आधार पंजीयन के लिए हर संभव सहयोग करने की बात कही। -
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आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है उसके सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने किया राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजनरविवार तक राज्योत्सव के आयोजन को बढ़ाने की घोषणा भी की
रायपुर : आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है। इसे सहेज कर और इसकी खूबसूरती को बड़े फलक पर दिखाने के उद्देश्य से हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की। रात बारह बजे तक लोग इस सुंदर आयोजन को देखने बड़ी संख्या में जुटते रहे। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के समापन के अवसर पर कही। उन्होंने इस मौके पर अपने संदेश में कहा कि हमने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया। साथ ही 22 देश के आदिवासी कलाकार इस आयोजन में शिरकत करने के इच्छुक थे लेकिन समयसीमा को देखते हुए हमने केवल 10 देशों को स्वीकृति दी। इस आयोजन के माध्यम से लोगों ने जाना कि हमारी आदिवासी संस्कृति कितनी समृद्ध है। इनके नृत्यों के माध्यम से प्रकृति और लोकजीवन को सहेजने के सुंदर मूल्य जो सीखने को मिलते हैं वो सीख हमारे लिए अमूल्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टाल भी लगाए। इनमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी, उससे पता लगता है कि हमारी आदिवासी कला को जानने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं और यह कितनी समृद्ध लोककला है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम 22 साल से स्थापना दिवस मना रहे हैं। अब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी मना रहे हैं। इससे हमारी खुशी दोगुनी हो गई है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिरकत करने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के प्रति भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन के साथ ही हम प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन भी कर रहे हैं। इसमें 20 लाख प्रतिभागियों ने अब तक हिस्सा लिया है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल हैं। 70 साल की बुजुर्ग महिलाएं भी फुगड़ी खेल रही हैं। सबको बचपन की यादें ताजा हो गई हैं। इन खेलों से मोबाइल से ध्यान हटा, यह भी बड़ी बात है। इस मौके पर अपने संबोधन में झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री बघेल छत्तीसगढ़ में ऐसे वर्ग को आगे बढ़ा रहे हैं जिनका सदियों से शोषण हुआ है। उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। मुझे इस मंच में आकर गौरव महसूस हो रहा है। इस मौके पर गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से हमारी आदिवासी संस्कृति को सहेजने का बड़ा काम राज्य शासन द्वारा हुआ है। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने इस मौके पर कहा कि लोगों ने महोत्सव का भरपूर आनंद लिया और इससे हमारी समृद्ध आदिवासी संस्कृति की झलक एक बड़े मंच में दिख रही है।
इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ विभागीय प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, संसदीय सचिव श्री कुंवरसिंह निषाद, विधायक श्री धनेन्द्र साहू, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, पीसीसीएफ श्री संजय शुक्ला, पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. एवं संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य मौजूद थे।
फसल कटाई की श्रेणी में पहला स्थान छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पुरस्कार भी इस अवसर पर दिये गये। फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया।विवाह संस्कार में पहला स्थान सिक्किम को- विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम को, दूसरा स्थान ओडिशा को और तीसरा स्थान झारखंड को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम को और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया।
कृषि विभाग की प्रदर्शनी को पहला स्थान- इस मौके पर विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी पुरस्कृत की गई। पहला स्थान कृषि विभाग को, दूसरा स्थान ऊर्जा विभाग को और तीसरा स्थान वन विभाग को मिला। सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में पहला पुरस्कार बाल्को, दूसरा पुरस्कार एनएमडीसी तथा तीसरा पुरस्कार एनटीपीसी को मिला।
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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा- आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है
आदिवासियों के सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने किया गया राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन
राज्योत्सव के ‘‘मेला, प्रदर्शनी व फूड जोन‘‘ की आयोजन अवधि रविवार तक बढ़ाने की घोषणा
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव का समापन
रायपुर : झारखण्ड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल राज्य में ऐसे वर्ग को आगे बढ़ा रहे हैं जिनका सदियों से शोषण हुआ है। उनकी सरकार आदिवासी, दलित और पिछड़े लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही सबके विकास के लिए कार्य कर रही है। मुझे इस मंच में आकर गौरव महसूस हो रहा है। श्री हेमंत सोरेन राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव के समापन समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से सम्बोधित कर रहे थे।
झारखंड के मुख्यमंत्री श्री सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड और छत्तीसगढ़ में इतनी समानता है कि दोनों राज्यों के कई ऐसे क्षेत्र है। जहां पता लगाना मुश्किल है कि यह क्षेत्र दोनों राज्यों में से किस राज्य का है। वास्तव में झारखंड और छत्तीसगढ़ दोनों भाई है। दोनों राज्य के लोगों के राज्यों के लोगों का एक-दूसरे के राज्य में आना-जाना लगा रहता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री बघेल राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से पूरे देश और दुनिया में आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, जो सदियों से संघर्ष कर रहा है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष में इसी आयोजन में शामिल होने रायपुर आया था। यहीं की प्रेरणा से झारखंड में विश्व आदिवासी दिवस मनाया, जिसमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने भी शिरकत की थी। श्री सोरेन कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के जरिए यह संदेश देने का भी सफल प्रयास किया गया है कि जब तक सभी वर्गों का विकास नहीं होता तब तक देश का सर्वांगीण विकास नहीं हो सकता।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आदिम संस्कृति सभी को जोड़ने का कार्य करती है। इसे सहेज कर और इसकी खूबसूरती को बड़े फलक पर दिखाने के उद्देश्य से हमने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन किया है। मुझे इस बात की खुशी है कि इस आयोजन में बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की। रात बारह बजे तक लोग इस सुंदर आयोजन को देखने बड़ी संख्या में जुटते रहे। उन्होंने कहा कि हमने देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस आयोजन के लिए आमंत्रित किया। साथ ही 22 देश के आदिवासी कलाकार इस आयोजन में शिरकत करने के इच्छुक थे लेकिन समयसीमा को देखते हुए हमने केवल 10 देशों को स्वीकृति दी। इस आयोजन के माध्यम से लोगों ने जाना कि हमारी आदिवासी संस्कृति कितनी समृद्ध है। इनके नृत्यों के माध्यम से प्रकृति और लोकजीवन को सहेजने के सुंदर मूल्य जो सीखने को मिलते हैं वो सीख हमारे लिए अमूल्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने शिल्प कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टाल भी लगाए। इनमें बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटी, उससे पता लगता है कि हमारी आदिवासी कला को जानने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं और यह कितनी समृद्ध लोककला है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि हम 22 साल से स्थापना दिवस मना रहे हैं। अब राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव भी मना रहे हैं। इससे हमारी खुशी दोगुनी हो गई है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शिरकत करने पहुंचे झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के प्रति भी विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस महोत्सव के आयोजन के साथ ही हम प्रदेश में छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का आयोजन भी कर रहे हैं। इसमें 20 लाख प्रतिभागियों ने अब तक हिस्सा लिया है। इसमें बच्चे और बुजुर्ग सब शामिल हैं। 70 साल की बुजुर्ग महिलाएं भी फुगड़ी खेल रही हैं। सबको बचपन की यादें ताजा हो गई हैं। इन खेलों से मोबाइल से ध्यान हटा, यह भी बड़ी बात है। दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने संस्कृति विभाग की पत्रिका ‘‘बिहनिया‘‘ के नए अंक का विमोचन किया।
इस मौके पर गृह एवं पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के माध्यम से हमारी आदिवासी संस्कृति को सहेजने का बड़ा काम राज्य शासन द्वारा हुआ है। संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने इस मौके पर कहा कि लोगों ने महोत्सव का भरपूर आनंद लिया और इससे हमारी समृद्ध आदिवासी संस्कृति की झलक एक बड़े मंच में दिख रही है। इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के साथ विभागीय प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
समापन समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन एवं विकास मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्रकुमार, संसदीय सचिव श्री कुंवरसिंह निषाद, विधायक श्री धनेन्द्र साहू, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, पीसीसीएफ श्री संजय शुक्ला, पर्यटन विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी. एवं संचालक संस्कृति श्री विवेक आचार्य मौजूद थे।
फसल कटाई की श्रेणी में पहला स्थान छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को- राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के पुरस्कार भी इस अवसर पर दिये गये। फसल कटाई की श्रेणी में प्रथम स्थान पर छत्तीसगढ़ के करमा नृत्य को, दूसरे स्थान पर ओडिशा के ढेंगसा नृत्य को और तीसरे स्थान पर हिमाचल प्रदेश के गद्दी नृत्य को पुरस्कृत किया गया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार असम को दिया गया।
विवाह संस्कार में पहला स्थान सिक्किम को- विवाह संस्कार एवं अन्य श्रेणी में पहला स्थान सिक्किम के तमांग सेलो नृत्य को, दूसरा स्थान ओडिशा के घुड़सा नृत्य को और तीसरा स्थान झारखंड के डमकच नृत्य को मिला। विशेष ज्यूरी सांत्वना सम्मान असम को और गुजरात को मिला। इसके अलावा विदेश से आये कलाकारों का भी मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं झारखंड के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन ने सम्मान किया। इस श्रेणी में सांत्वना पुरस्कार गुजरात के सिद्धी धमाल नृत्य को दिया गया।
कृषि विभाग की प्रदर्शनी को पहला स्थान- इस मौके पर विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी भी पुरस्कृत की गई। पहला स्थान कृषि विभाग को, दूसरा स्थान ऊर्जा विभाग को और तीसरा स्थान वन विभाग को मिला। सार्वजनिक उपक्रमों की श्रेणी में पहला पुरस्कार बाल्को, दूसरा पुरस्कार एनएमडीसी तथा तीसरा पुरस्कार एनटीपीसी को मिला। -
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मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव के दूसरे दिन दर्शक दीर्घा में बैठकर देखी नर्तक दलों की प्रस्तुति
न्यूजीलैण्ड के कलाकारों ने अपने विशिष्ट रीति-रिवाज के अनुसार छत्तीसगढ़ को मित्र बनाने की परंपरा निभाई
रायपुर : मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज यहां साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राज्योत्सव एवं राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री ने दर्शक दीर्घा में बैठकर आदिवासी नृत्य महोत्सव का आनंद लिया। समारोह में मालदीव, सर्बिया, मंगोलिया, न्यूजीलैण्ड और इंडोनेशिया के नर्तक दल ने मनमोहक प्रस्तुति दी। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में करीब 4 हजार किलोमीटर दूर सर्बिया से आए 10 सदस्यीय कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कौशल को देखकर दर्शक काफी उत्साहित हुए।न्यूजीलैण्ड के नर्तक दल ने शंख बजाकर नृत्य की शुरूआत करते हुए लोक नृत्य हाका से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। न्यूजीलैण्ड के आदिवासी कलाकार अपने पारंपरिक वेश-भूषा में मंच पर पहुंचे और अपने विशिष्ट रीति-रिवाज के अनुसार नृत्य की प्रस्तुति देने से पहले छत्तीसगढ़ राज्य को मित्र बनाने की परंपरा को प्रतीक के रूप में निभाया। उन्होंने अपनी भाषा में छत्तीसगढ़ राज्य से मित्रता की घोषणा की। नर्तक दल के कलाकारों ने एक सुर में छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया का उद्घोष कर मुख्यमंत्री सहित सभी अतिथियों का अभिवादन किया।पर्यटन मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, आदिम जाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, विधायक श्रीमती संगीता सिन्हा, हरियाणा के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव एवं अन्य जनप्रतिनिध गण उपस्थित रहे।