बलरामपुर : ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रही है गौठान
गौठान में सूकर पालन कर महिलाओं ने कमाएं 84 हजार
मल्टीएक्टिविटी सेन्टर के रूप में गौठानों को मिल रही है नई पहचान
बलरामपुर : सुराजी गांव योजना के अंतर्गत राज्य शासन ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए गौठानो को आजीविका के केन्द्र के रूप में विकसित करने का लक्ष्य लिया था।

शासन के मंशानुरूप गोठान को मल्टीएक्टिविटी सेन्टर के रूप में विकसित करने का प्रयास विकासखण्ड रामचन्द्रपुर के ग्राम पंचायत चिनिया के आश्रित ग्राम शिवपुर स्थित गोठान में साकार होता दिख रहा है।

शिवपुर के गौठान में विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ मई 2020 में सूकर फार्मिंग केन्द्र की स्थापना की गई। सूकर शेड का निर्माण कर स्व-सहायता समूह की महिलाओं को सूकर पालन की जिम्मेदारी देते हुए 30 सूकर जिसमें 20 मादा तथा 10 नर प्रदाय किया गया।

राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की शंकर महिला समूह तथा शारदा महिला समूहों के सदस्यों ने सफलतापूर्वक सूकर पालन का कार्य करते हुए 21 सूकरों का विक्रय कर 84 हजार रूपये की आय प्राप्त की है।
प्रशासन द्वारा महिला समूहों को सूकर पालन में हर संभव सहयोग प्रदान किया गया जिसमें पशुधन विकास की भूमिका महत्वपूर्ण है। पशुधन विभाग द्वारा सूकर के देखरेख की सम्पूर्ण जानकारी महिलाओं को दी गई तथा समय-समय पर उनका वैक्सीनेशन एवं खान-पान के साथ ही साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया। मादा सूकरों ने 70 शिशु सूकरों को भी जन्म दिया है जिसकी देखरेख समूह की महिलाएं कर रही हैं।
सूकर पालन से जुड़ी शंकर महिला समूह की ज्योति देवी ने बताया कि सूकर पालन की जानकारी मिलने पर हमने इस व्यवसाय से जुड़ने का फैसला किया। हमारे इस फैसले को मूर्तरूप प्रदान करने के लिए प्रशासन ने पशुधन विभाग के माध्यम से सूकर पालन की जरूरी जानकारी दी साथ ही सूकर उपलब्ध कराया। सूकर शेड के निर्माण से सूकरों की सही देखभाल तथा सफाई व्यवस्था सुनिश्चित हो पाई। कुछ ही महीनों में सूकरों में अच्छी वृद्धि हुई जिसे बेच कर हमें 84 हजार की आय प्राप्त हुई है।
समूह की सभी महिलाओं ने क्रमशः सुबह, दोपहर, शाम की पालियों में पशुओं की देखरेख की और इसी का परिणाम सामने है। घर के पास ही समूह के सदस्यों को काम मिल गया है जिससे वे परिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ आर्थिक जरूरते भी पूरी कर पा रही हैं।
बातचीत के दौरान ज्योति देवी ने शासन की ग्रामीण आजीविका को मजबूत करने की संकल्पना में गौठान की भूमिका को महत्वपूर्ण मानते हुए कहा कि वास्तव में इसी योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। गांव घर में ही उपलब्ध संसाधनांें का व्यवस्थित उपयोग कर उसे आय का जरिया बनाने में गौठान एक संस्था की भूमिका निभा रहा है। स्थानीय स्तर पर ही इतनी सरलता के साथ रोजगार मिलेगा यह हमने कभी सोचा नहीं था लेकिन हम महिलाएं अब स्वयं इसकी साक्षी हैं जो सीधे तौर पर इससे लाभान्वित हुई हैं।
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