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बलरामपुर : मल्टीएक्टिविटी सेन्टर के रूप में विकसित हो रहे हैं जिले के गौठान

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा'


बटेर पालन, मशरूम उत्पादन के बाद अब मधुमक्खी पालन की हुई शुरूआत

कुशलता के साथ मधुमक्खी पालन कर रही हैं महिलाएं, 60 किलो शहद बेचकर कमाएं 24 हजार रूपए

बलरामपुर : मल्टीएक्टिविटी सेन्टर से आशय ऐसे स्थान से है जहां विभिन्न गतिविधियां एक साथ संचालित होती हंै। राज्य शासन द्वारा सुराजी गांव योजनांतर्गत विभिन्न गौठानों को आजीविका का केन्द्र बनाने के लिए मल्टीएक्टिविटी सेन्टर के रूप में विकसित किया जा रहा है।
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जिले के विभिन्न गौठानों में नवाचार के माध्यम से अनेकों आजीविकामूलक गतिविधियों के संचालन की शुरूआत की गई है। इसी क्रम में विकासखण्ड बलरामपुर के जाबर गौठान, राजपुर के परसागुड़ी तथा वाड्रफनगर के रूपपुर गौठान में महिलाओं ने मधुमक्खी पालन की शुरूआत की है।
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शासन के मंशानुरूप गौठान को मल्टीएक्टिविटी सेंटर बनाने की संकल्पना साकार करने में महिलाएं अपनी भागीदारी निभा रही हैं। स्व सहायता समूह की महिलाओं को उद्यानिकी विभाग द्वारा मधुमक्खी पालन व शहद निकालने का प्रशिक्षण तथा तकनीकी सहयोग प्रदान किया गया। महिलाओं ने अब तक 60 किलो शहद निकालकर स्थानीय बाजार में बेचा है, जिससे उन्हें लगभग 24 हजार रूपये की आय प्राप्त हुई है।
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ज्ञात हो कि मधुमक्खी पालन में विशेष सावधानी बरतने तथा तकनीकी ज्ञान की जरूरत होती है, लेकिन महिलाओं ने न केवल बेहतर ढंग से प्रशिक्षण प्राप्त किया बल्कि कुशलता के साथ मधुमक्खी पालन का कार्य कर रही है।

जाबर स्थित गौठान में रौशनी महिला स्व सहायता समूह मधुमक्खी पालन के कार्य से जुड़ी हैं, समूह की सदस्य लाखो देवी ने बताया कि इसी वर्ष जनवरी माह के दूसरे हफ्ते में मधुमक्खी पालन की शुरुआत करते हुए उद्यानिकी विभाग के सहयोग से उसकी कॉलोनी (बॉक्स) लगवाए थे, जिससे शहद निकालना भी प्रारंभ हो गया है।

लाखो देवी बताती हैं कि गौठान में शहद निकालने की मशीन लगाई गई है, जिससे शहद निकालने में आसानी होती है। मधुमक्खी पालन से लेकर शहद निकालने का पूरा काम हम महिलाएं मिलकर करती हंै तथा अब तक 60 किलो शहद निकल चुका है आगे और भी शहद निकाला जायेगा।

रौशनी समूह की एक अन्य सदस्य अनारकली ने बताया कि मधुमक्खी पालन हम महिलाओं के लिए बिल्कुल नया काम था। प्रशासन के सहयोग से आजीविका का यह अवसर मिलने से हमें कुछ नया सीखने को मिला है, साथ ही शहद की मांग को देखते हुए इस काम में बहुत संभावनाएं हैं और हम आगे भी इसे जारी रखेंगें।

मधुमक्खी पालन आय हेतु व्यवसाय के अच्छे विकल्प के रूप में महिलाओं को आकर्षित कर रहा है। देखरेख और उचित प्रबंधन से अच्छी मात्रा में शहद निकाल कर आय प्राप्त की जा सकती है।
 
इसी प्रकार परसागुड़ी तथा रूपपुर के गौठानों में महिलाएं मधुमक्खी पालन कर अच्छी आय प्राप्त कर रही है। कई गौठानों में मशरूम उत्पादन, बटेर पालन जैसी गतिविधियां पहले से ही संचालित की जा रही है और इसीक्रम में अब मधुमक्खी पालन भी जुड़ गया है।

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