कोरोना वाले दिनों में छोटी माता और लू से बचना है तो गांठ बांध लें ये बातें
जिला प्रशासन द्वारा जारी सावधानी निर्देशों के बाद चिकित्सकों ने भी सुझाए बचाव के नुस्खे
वो कहते हैं कि दूध का जला छाछ को भी फूंक कर पीता है। कहावत को मान लेने में परहेज कैसा, आखिर कोरोना ने माहौल ही ऐेसा बना रखा है। संक्रामक बीमारियों के साथ-साथ मौसमी मर्जों से स्वयं और अपने परिवार को कैसे सुरक्षित बचा कर रखने के लिए जिला चिकित्सालय के विशेषज्ञों की सलाह देखें
महासमुंद 02 मई 2020/ पसीने से लथ-पथ कर देने वाले गर्मी के मौसम में हर साल की तरह इस बार भी छोटी माता और लू का खतरा तो मंडरा ही रहा है साथ ही करेले में नीम चढ़ा यानी कोरोना वायरस संक्रमण का प्रकोप अब भी बना हुआ है। इस दौरान भी आप कुछ घरेलू नुस्खे अपना कर स्वयं और अपने परिवार को इन जानलेवा बीमारियों से बचा सकते हैं। बता दें कि इस ओर हाल में कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने भी आमजन से चिकित्सकीय सलाह मानने की अपील करने के साथ स्वास्थ्य विभाग के लिए भी व्यवस्थागत आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक डाॅ आरके परदल ने जिलेवासियों को कोराना वायरस संक्रमण के साथ-साथ लू और छोटी माता से बच कर रहने के लिए क्या करें और क्या न करें के मार्गदर्शी सुझाव संबंधी सावधानियों की जानकारी साझा की है। डाॅ परदल के अनुसार इस दौरान जहां तक हो सके घर पर ही रहें। रेडियो सुनें, टीवी देखें, स्थानीय मौसम और कोविड-19 स्थिति पर अद्यतन परामर्श के लिए जानकारी लेते रहें। जितना हो सके पर्याप्त पानी पिएं, भले ही प्यास न लगी हो। इन दिनों बुजुर्गों को लू और करीब दस वर्ष की आयु तक के बच्चों को लू के साथ-साथ छोटी माता की बीमारी होने की भी संभानवाएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में उनका विशेष ध्यान रखना जरूरी है। हल्के रंग के ढीले सूती कपड़े पहनने, निर्धारित चिकिस्कीय पैमाने में ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन) घोल, घर का बना पेय लस्सी, नींबू का पानी, छाछ आदि का उपयोग करने की संयमित अदतें भी आपको उक्त बीमारियों से बचाने रखने के लिए संजीवनी बूटी का काम करती हैं। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ एसपी वारे द्वारा दी गई सलाह मानें तो लू लगना है तो रोग प्रतिरोधी क्षमता के धनी माने जाने वाले जवान लोगों को भी लग सकती। ऐेसे में यदि किसी को भी बाहर जाना आवश्यक है, तो अपने सिर पर (कपड़े-टोपी, या छाता) और चेहरे को ढंक कर रखना चाहिए साथ ही जहां तक संभव हो किसी भी सतह को छूने से बचना ही अच्छा प्रबंधन साबित होगा। इस ओर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अन्य व्यक्तियों से कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखने के एवं बार-बार साबुन से हांथ धोते रहने के साथ-साथ पानी की उपलब्धता न होने पर हैंड रब सैनिटाइजर के उपयोग में लापरवाही न करने की हिदायत दी गई है।बीमार होने से बचने के लिए डालें ये आदते राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला सलाहकार (शिशु स्वास्थ्य) डाॅ मुकुंद राव ने बचाव के लिए सरलतम उपाए बताते हुए कहा कि जितना हो सके घर के अंदर रहेंअगर बाहर जाना पड़े तो पानी की बोतल जरूर साथ रखें। धूप से बचाव के लिए पर्दे, शटर का उपयोग करें। निचली मंजिलों पर बने रहने का प्रयास करें। बाहर से आकर तुरंत ठंडा पानी न पिएं, एसी या कूलर के सामने तुरंत जाने से बचें। सर्दी-खांसी या बुखार की शिकायत होते ही तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेने के लिए विभाग के टोल फ्री नंबर 104 से संपर्क कर सकते हैं।
Leave A Comment