जशपुरनगर - सफलता की कहानी : कृषि विभाग की सार्थक पहल किसानों को जोड़कर 71 हैक्टयेर में पॉलीबैग गन्ना की हो रही खेती
गन्ने के लिए उनुकूल वातावरण होने से किसानों की बढ़ेगी आमदनी
जशपुरनगर 19 मई : जशपुर जिले में किसानों की आमदनी का मुख्य जरिया खेती बाड़ी है। दूरस्थ अंचल ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी जनजाति निवास करते हैं और अपने खेतों में धान की पैदावार के साथ ही अतिरिक्त आमदनी के लिए बाड़ी में साग-सब्जी का उत्पादन करके भी अतिरिक्त आमदनी अर्जित कर रहे है। किसानों द्वारा अपने खेतों से उत्पादन हुए साग-सब्जी को निकट के हाट-बाजारों में विक्रय करने के साथ ही शहरों में भी भेजा जाता है। जिससे उनको अतिरिक्त आमदनी भी हो जाती है। कृषि विभाग द्वारा किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं से लाभांवित तो किया ही जा रही है। साथ ही उनको ंआधुनिक तकनीकी खेती के बारे में भी बताया जा रहा है ताकि दूरस्थ अंचल में निवास करने वाले किसान आधुनिक तकनीकी की खेती करके कम लागत से अच्छी आमदनी अर्जित सके।


इसी कड़ी में कृषि विभाग द्वारा किसानों की मदद करने एवं खेती से उनकी आमदनी अधिक बढ़ाने के उद्देश्य से किसानों को जोड़कर बगीचा विकासखंड में पायलेट प्रोजेक्ट के तहत् 71 हैक्टेयर में गन्ना की खेती की जा रही है। कृषि विभाग के उपसंचालक श्री एम.आर.भगत ने बताया कि पहली बार नगदी फसल गन्ना को विकासखंड बगीचा में माॅडल के तौर पर कुल 71 हैक्टेयर पर पाॅलीबैग गन्ना का उत्पादन किया जा रहा है। पाॅलीबैग गन्ना प्रदर्शन जिला प्रशासन के सहयोग से स्वीकृत कर पौधा रोपण का कार्य किया जा रहा है। अब तक कुल 20 कृषको के यहां 40 हैक्टेयर में पाॅलीबैग गन्ना का रोपण किया जा चुका है।
श्री भगत ने जानकारी दी कि इस वर्ष पाॅलीबैग गन्ना पौधे से कृषकों तक अधिक उत्पादन का लाभ पहुंचाया जा सकता है। आगामी वर्ष में जिले में समस्त आठों विकासखंड में गन्ना की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पड़ौसी जिला अम्बिकापुर में शक्कर का कारखाना होने से कृषकों को मार्केट की व्यवस्था नहीं करना पड़ेगा। जिससे फसल का उचित दाम किसानों को मिलेगा और कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ उनके आय में बढ़ोतरी होगी।
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