दुर्ग : कोरोना नियंत्रण के प्रयासों को लेकर जिला प्रशासन की प्रभारी मंत्री ने थपथपाई पीठ
कोरोना नियंत्रण के प्रयासों को लेकर जिला प्रशासन की प्रभारी मंत्री ने थपथपाई पीठ - कहा संक्रमण की रोकथाम की दृष्टि से और जरूरतमंदों की मदद की दृष्टि से जिला प्रशासन ने किया शानदार कार्य, उम्मीद है आगे भी इसी तरह से थामे रहेंगे - विभागीय अधिकारियों से ली प्रगतिरत कार्यों की जानकारी, कहा युद्धस्तर पर पूरा करें काम
दुर्ग 19 मई : आज वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई विभागीय समीक्षा बैठक में जिले के प्रभारी मंत्री एवं वन, पर्यावरण तथा परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कोरोना संक्रमण को थामने को लेकर जिला प्रशासन द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा की। मंत्री ने कहा कि पूरे समय वे स्थिति पर नजर रखे हुए थे और दुर्ग प्रशासन का कोरोना को लेकर रिस्पांस शानदार रहा। कलेक्टर ने बताया कि कोरोना के संक्रमण को रोकने बाहर से आए श्रमिकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जा रहा है। रैपिड किट के माध्यम से शत प्रतिशत प्रवासियों का तथा ट्रू नाट पद्धति से लगभग 40 प्रतिशत लोगों के सैंपल की जांच की जा रही है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में क्वारंटीन किए गए लोगों की लगातार निगरानी की जा रही है तथा क्वारंटीन केंद्रों में जरूरी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। दूसरे जिलों में जा रहे लोगों को छोड़ने के लिए बसें लगाई गई हैं। भविष्य में संकट की आशंका को देखते हुए कोविड हास्पिटल जिले में तैयार कर लिया गया है। यहां 15 आईसीयू बेड हैं और इसके अलावा 169 बेड हैं ।

पीपीई, एन 95 मास्क, ट्रिपल लेयर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। कलेक्टर ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए तीन महत्वपूर्ण कदम उठाये गए हैं। इसमें 90 प्रतिशत घरों में टैमीफास बांटा जा चुका है। 30 प्रतिशत बीएसपी क्षेत्र में भी इसका वितरण हो चुका है। खाली प्लाट को 90 प्रतिशत तक कवर कर लिया गया है। साथ ही सर्विलिएंस का काम भी निरंतर जारी है। बैठक में एसएसपी श्री अजय यादव, नगर निगम कमिश्नर भिलाई श्री ऋतुराज रघुवंशी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
एनजीजीबी की समीक्षा- मंत्री ने नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी योजना की समीक्षा की। जिला पंचायत सीईओ श्री कुंदन कुमार ने बताया कि अब तक 153 गौठानों में निर्माण कार्य पूरा हो गया है। नरवा के अंतर्गत 29 नालों में 871 मनरेगा कार्य स्वीकृत किए गए हैं। चारागाहों के विकास के लिए 119 चारागारों को चिन्हांकित किया गया है। केसरा, पाहंदा, लिटिया, मचांदूर आदि में सामुदायिक बाड़ी का काम किया गया है जिससे स्वसहायता समूहों को अच्छी खासी आय हासिल हुई है। यह माडल अन्य जगहों में भी क्रियान्वित किया जाएगा।
परीक्षण के नतीजे आए बगैर बीज न उपलब्ध कराए जाएं- कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री ने कहा कि परीक्षण के नतीजे आए बगैर बीज और ऊर्वरक किसानों को उपलब्ध न कराया जाए। उपसंचालक कृषि ने बीज, ऊर्वरक आदि के भंडारण की जानकारी दी। कलेक्टर ने बताया कि ऊर्वरक की सप्लाई अभी थोड़ी धीमी है। उन्होंने बताया कि जिले में इस बार 76 करोड़ रुपए का फसल बीमा किसानों को वितरित हुआ जो पिछले साल का 86 प्रतिशत अधिक है।
पूछा लाकडाउन में पर्यावरण में कितना सुधार आया- मंत्री ने लाकडाउन के दौरान पर्यावरण से जुड़े हुए आंकड़ों की जानकारी भी ली। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पानी में डिसाल्वड आक्सीजन 8.32 प्रतिशत तक बढ़ा। बीओडी में 4 से 6 प्रतिशत तक कमी आई। कोलीफार्म का स्तर भी काफी कम हो गया। हवा में पीपीएम 44 से 48 के बीच रहा। मंत्री ने सभी खदानों में पर्यावरण के मानकों की जांच करने एवं जांच रिपोर्ट प्रेषित करने निर्देश दिया। पर्यावरण संरक्षण मंडल के अधिकारियों ने बताया कि लगातार जांच की जा रही है और एक दिन पहले ही मानकों का पालन नहीं करने पर अस्सी हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है। खाद्य अधिकारी से पूछा, नमक की स्थिति कैसी है- खाद्य अधिकारी ने बताया कि लगभग तीन लाख 75 हजार राशनकार्ड धारियों ने दो महीने के खाद्यान्न का उठाव कर लिया है। इसके बाद मंत्री ने नमक की स्थिति की जानकारी ली। खाद्य अधिकारी ने बताया कि नमक मार्केट में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि लाकडाउन के दौरान 92 हजार हितग्राहियों के घर रेडी टू ईट पहुंचाया गया। इसी प्रकार शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिड डे मील भी प्रेषित किया गया।
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