कोरबा : मानसून के जल्द ही छत्तीसगढ़ में पहुंचने की संभावना, खेती-किसानी के काम तेज करें किसान
कृषि विभाग की तैयारियां पूरी, साढ़े ग्यारह हजार क्विंटल बीज और साढ़े पांच हजार टन उर्वरक सोसायटियों में उपलब्ध
कोरबा 03 जून : मौसमी हलचलों को देखते हुए मौसम वैज्ञानिकों सहित कृषि विभाग के अधिकारियों ने जल्द ही मानसून के छत्तीसगढ़ पहुंचने की संभावना जताई है। आने वाले आठ से दस दिनों में मानसून की बारिश छत्तीसगढ़ में हो सकती है। इसे ध्यान में रखते हुए जिले के किसानों को खरीफ मौसम की फसलों के बीज बोने के लिए खेतों की तैयारियों के साथ-साथ जरूरी सभी काम तेज करने की सलाह कृषि अधिकारियों ने दी है। आगामी खरीफ मौसम के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी कृषि विभाग की तैयारी लगभग पूरी है। किसानों को विभाग के मैदानी अमले द्वारा आगामी खरीफ मौसम में धान, ज्वार, मक्का, अरहर, उड़द के साथ-साथ सोयाबीन, मूंगफली की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। खेतों की तैयारी से लेकर खुर्रा बोनी, रोपा और श्री पद्धति से धान की फसल लगाने की जानकारी किसानों को दी जा रही है।
कृषि विभाग के उप संचालक श्री एम.जी.श्यामकुंवर ने आज यहां बताया कि जिले में इस वर्ष खरीफ मौसम में किसानों को वितरित करने के लिए धान की आठ वेरायटियों के बीज समितियों में भंडारित किये गये हैं। अभी तक जिले की लगभग 27 सोसायटियों में 11 हजार 556 क्विंटल बीज का भंण्डारण कर लिया गया है। किसानों को इस साल धान की खेती के लिए स्वर्णा, एमटीयू 1010, एमटीयू 1001, एचएमटी, राजेश्वरी, बीपीटी 5204, इंद्रा एरोबिक और आरपीबायो 226 प्रजाति के बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। जिले में अभी तक चार हजार 344 क्विंटल स्वर्णा, एक हजार आठ सौ क्विंटल एमटीयू 1001, तीन हजार 905 क्विंटल एमटीयू 1010, दो सौ 92 क्विंटल एचएमटी, 381 क्विंटल बीपीटी 5204, दो सौ पैंतीस क्विंटल आरपीबायो 226, इकसठ क्विंटल राजेश्वरी और तीस क्विंटल इंदिरा एरोबिक धान बीज का भंडारण सोसायटियों में किया जा चुका है। जिसमें से अभी तक दो हजार 729 क्विंटल धान किसानों ने खेतों में बोने के लिए सोसायटियों से उठाया है। श्री श्यामकुंवर ने किसानों से तेजी से बीज-खाद का उठाव करने की अपील की है ताकि समय पर बीज की खेतों में बोनी की जा सके।
श्री श्यामकुंवर ने बताया कि जिले में सहकारी प्राथमिक समितियों तथा निजी कृषि केंद्रों में वर्तमान में पांच हजार पांच सौ 47 टन रासायनिक उर्वरकों का भण्डारण किया जा चुका है। प्राथमिक सहकारी समितियों में चार हजार 177 टन और निजी दुकानों में एक हजार 371 टन रासायनिक उर्वरक खरीफ की खेती के लिए उपलब्ध है। किसानों ने अभी तक इसमें से केवल दो हजार 83 टन उर्वरक ही अभी तक लिये हैं। उप संचालक कृषि ने समय पर बेसल डोज के लिए रासायनिक उर्वरकों का भी उठाव तेज करने की सलाह किसानों को दी है। कोरबा जिले में अभी तक दो हजार 492 टन यूरिया, एक हजार 209 टन सुपर फास्फेट, 240 टन पोटाश, एक हजार 67 टन डीएपी और 540 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का भंडारण किया गया है। जिसमें से अभी तक एक हजार 074 टन यूरिया, 380 टन सुपर फास्फेट, 46 टन पोटाश, 424 टन डीएपी और 157 टन इफ्को रासायनिक उर्वरक का उठाव हुआ है। श्री श्यामकुंवर ने बताया कि किसानों के लिए यूरिया 50 किलो एवं 45 किलो की पैकिंग में उपलब्ध है। जैसे-जैसे किसानों द्वारा उवर्रकों का उठाव किया जाएगा वैसे-वैसे और उवर्रकों का भंडारण कराया जाएगा।
कृषि विभाग द्वारा जिले के किसानों से खरीफ मौसम-2020 मंे फसल मंे लगने वाली खाद का उठाव अभी से करने की सलाह दी जा रही हैं। खाद की कमी, इच्छित खाद की पूर्ति ना होने जैसी समस्याओं से बचने के साथ-साथ पर्याप्त मात्रा में खाद प्राप्त कर फसल की बोनी समय पर करने के लिए किसानों को अभी से खाद उठाव की सलाह दी जा रही है। जो किसान सोसायटियों से लोन लेकर खेती के लिए बीज-खाद उठाते है उन्हें भी अभी से ही पर्याप्त मात्रा में खाद उठाने की सलाह कृषि विभाग ने दी है।
कृषि विभाग के उपसंचालक श्यामकुवंर ने बताया कि चालू खरीफ मौसम के लिए अभी गोदामों में पर्याप्त रासायनिक खाद का भंडारण किया गया है तथा किसानों के उठाव करने पर गोदाम खाली होने से दूसरे चरण की खाद का भंडारण किया जाएगा। अभी से खाद का उठाव होने पर गोदाम खाली होने से समय पर रासायनिक खाद की मांग अनुसार भंडारण कराया जा सकेगा ताकि किसानों को फसल की विभिन्न अवस्थाओं में जरुरत के हिसाब से पर्याप्त मात्रा के यूरिया, पोटास, सुपर फास्फेट खाद मिल सके।
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