कोरबा : घर से बाहर.. घर सी व्यवस्था.... न कोई परेशानी... न कोई चिंता...... क्वारेंटाइन सेंटर में गर्भवती सुनीता की हुई स्वास्थ्य जांच, टीका भी लगाया गया
24 घंटे बिजली आपूर्ति के लिए जनरेटर की भी व्यवस्था
बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में प्रवासी श्रमिकों को घर जैसा माहौल भा रहा.....
कोरबा 09जून : कोरोना वायरस के कारण लागू लाॅक डाउन में अपने घर वापसी के लिए पैदल चलते हुए सुनीता को यह चिंता थी कि इस विकट परिस्थिति में मेरे पेट में पल रहे नन्ही सी जान की देखभाल केैसे करूं.......? दर-दर भटकते हुए इसे सुरक्षा कैसे प्रदान करूं....? जैसे-तैसे पैदल, ट्रकों के सहारे करतला पहुंचते ही जिला प्रशासन द्वारा बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया। सेंटर पहुंचने के बाद एक सुखद अहसास हुआ कि इतने दिनों तक बाहरी राज्य में भटकने के बाद अपने प्रदेश की छाया में रहने का मौका मिल रहा है। सुनीता की खुशी उस समय दोगुनी हो गई जब गर्भवती होने के कारण सेंटर के प्रभारी ने उसकी विशेष देखभाल का जिम्मा लिया। सुनीता के लिए मेडिकल जांच, जरूरी दवाईयां, पौष्टिक आहार की व्यवस्था प्राथमिकता सें की गई। साथ ही साथ सुनीता की टीकाकरण की भी व्यवस्था की गई। क्वारेंटाइन सेंटर में हो रही गर्भवती सुनीता की देखभाल की तरह सुनीता ही नहीं सेंटर में ठहरे अन्य लोग भी बेहद सुखद अनुभव कर रहे हैं। सेंटर में मिलने वाले रहने, खाने-पीने की सुविधा को रीवांबहार के रहने वाले श्री जितेन्द्र मिरी ने सेंटर की व्यवस्था को घर की व्यवस्था से और भी बहुत सुविधाजनक बताया हैं।



बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे सभी बच्चों के मनोरंजन और उनके स्वास्थ्य का भी पूरा ध्यान प्रशासन द्वारा रखा जा रहा है। अपने मां-बाप के साथ सेंटर में रह रहे चार वर्षीय तारा और राकेश की आंखें खुशी से उस समय प्रफुल्लित हो गई जब उन्हें चित्रकारी करने की किताब और रंगीन पेंसिल मिली। सेंटर में रहने वाले सभी 16 बच्चों को मनोरंजन के साथ ज्ञान सिखाने के लिए कलर पेंसिल के साथ पुस्तक भी दी गई है। बच्चे बड़े आनंद और उत्साह के साथ रंग भरकर और खेलकर अपना समय खुशी-खुशी व्यतीत कर रहे हैं। बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराये गये सभी प्रवासी श्रमिकों की उत्तम खानेे-पीने की व्यवस्था के साथ-साथ महिलाओं की सुरक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और गरिमा का भी ख्याल रखा जा रहा है। सभी महिलाओं के लिए अलग से शौचालय की व्यवस्था है, जहां पानी की सप्लाई 24 घंटे हो रही है। महिलाओं की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए सभी किशोरी बालिकाओं और महिलाओं को सेनेटरी नेपकिन प्रदान की गई है। महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इन्हें सभी जरूरी सलाह एवं जानकारियां दे रहीं हैं। सभी का ख्याल रखने के लिए प्रवासी श्रमिक महिलाएं छत्तीसगढ़ की सरकार का धन्यवाद कर रहीं हैं। रीवांबहार की तुलसी देवी बताती हैं कि क्वारेंटाइन सेंटर में सभी का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है। कोई भी परेशानी होने पर प्रभारी अधिकारी परेशानी को दूर कर रहे हैं।
क्वारेंटाइन सेंटर में बिजली की आपूर्ति 24 घंटे बनी रहे इसके लिए विद्युत जनरेटर की भी व्यवस्था की गई है। जनरेटर की व्यवस्था होने से बिजली बंद होने पर पानी का पंप चालू करने में कोई परेशानी नहीं होती तथा 24 घंटे अबाध पानी और बिजली की आपूर्ति बनी रहती है। बिजली-पानी की व्यवस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य जांच की भी उत्तम व्यवस्था क्वारेंटाइन सेंटर में की गई है। सभी प्रवासी श्रमिकों का नियमित स्वास्थ्य जांच हो रहा है तथा सर्दी, बुखार, दर्द जैसे सामान्य बिमारियों का तुरंत ईलाज कर दवाईयां भी दी जा रही हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए बाहर से आये प्रवासी श्रमिकों को बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में हरियाणा, राजस्थान एवं उड़ीसा से आये 84 प्रवासी श्रमिकों को ठहराया गया है। सभी प्रवासी श्रमिक करतला ब्लाक के अलग-अलग गांव उमरेली, पहाड़गांव, बुंदेली, टुण्डा आदि के मूल निवासी हैं। सभी प्रवासी श्रमिक काम की तलाश में राज्य से बाहर गये थे। जिले में वापस आते ही शासन के द्वारा 14 दिन की क्वारेंटाइन अवधि में कोविड-19 प्रोटोकाल के तहत बड़मार क्वारेंटाइन सेंटर में ठहराया गया है, जहां नियमित स्वास्थ्य जांच के साथ रहने, खाने-पीने की सभी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
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