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बिशुनपुर का अमृत सरोवर बना ग्रामीणों के लिए आजीविका गतिविधियों का केंद्र

 द न्यूज़ इंडिया समाचार सेवा

पहले से तीन गुना ज्यादा जलभराव में मछलीपालन तथा 14 एकड़ में सिंचाई की सुविधा

कोरिया : मानव निर्मित तालाब प्रकृति में जलसंरक्षण एवं भूमिगत जल संवर्धन की सबसे प्राचीन व्यवस्था है। इसे आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा बीते वर्षों से मिशन अमृत सरोवर नामक अभियान चलाया गया है जिसका लाभ अब ग्रामीण क्षेत्रों में परिलक्षित होने लगा है। बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत के ग्राम बिशुनपुर में एक पुराना तालाब गाद जमने से अनुपयोगी हो गया था परंतु मिशन अमृत सरोवर के तहत उसके नवीनीकरण के बाद यह ग्राम पंचायत का एक बेहतरीन बहुपयोगी जल संसाधन बन गया है। आज इस अमृत सरोवर में पहले से तीन गुना ज्यादा जलभराव क्षमता हो चुकी है और अब आस पास के कई एकड़ खेतों में सिंचाई के लिए इस संसाधन का उपयोग हो रहा है। साथ ही यहां होने वाली मछलीपालन जैसी आजीविका गतिविधियों से महिलाओं के समूह को एक अतिरिक्त स्वरोजगार भी मिल रहा है।

अमृत सरोवरों की खासियत
ऐसे तालाब जिनका क्षेत्रफल एक एकड़ या उससे अधिक है और वह गाद जमने या अतिक्रमण का शिकार होकर अनुपयोगी हो चले हैं उन्हे इस अभियान के तहत चयनित किया गया है। उनका जीर्णाेद्धार करते हुए कम से कम 10 हजार घनमीटर जलभराव क्षमता लायक बनाया गया और इन तालाबों में मछलीपालन जैसी आजीविका गतिविधियों को सुनिश्चित किया गया है। साथ ही जनभागीदारी सुनिश्चित करने के लिए यहां राष्ट्रीय पर्वों पर ध्वजारोहण, स्वच्छता अभियान, पौधारोपण, योग दिवस जैसी कई गतिविधियों को संपादित कराया जा रहा है।

मनरेगा से बन रहे अमृत सरोवर
बैकुण्ठपुर जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत बिशुनपुर में स्थित तालाब को ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना में मिशन अमृत सरोवर के अंतर्गत नवीनीकरण कार्य हेतु 9 लाख 14 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई है। कार्य की एजेंसी ग्राम पंचायत द्वारा कार्य पूर्णता के बाद इस तालाब के एक एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में 10 हजार घनमीटर से ज्यादा जलभराव क्षमता हो गई है। यह इसकी जलभराव की पूर्व क्षमता से लगभग तीन गुना ज्यादा हो गई है।

दर्जनों ग्रामीणों के लिए आजीविका का आधार
अमृत सरोवर बन जाने के बाद बिशुनपुर के दर्जनों ग्रामीणों के लिए यह एक आजीविका का माध्यम बनकर तैयार हो गया है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि इस तालाब का सीधा फायदा यहां निवासरत 41 परिवारों को खेती में सिंचाई के संसाधन के तौर पर और मछलीपालन की आजीविका से हो रहा है। अमृत सरोवर बिशुनपुर से आसपास के किसानों के कुल 14 एकड़ खेतों में सिंचाई की सुविधा बढ़ गई है तथा 200 स्थानीय पशुओं के लिए बारहमासी पेयजल उपलब्ध हो रहा है।

मछली पालन से समूह की महिलाएं हो रहीं मजबूत
ग्राम पंचायत बिशुनपुर में अमृत सरोवर अब आजीविका का एक संसाधन बन गया है। यहां कार्यरत स्थानीय स्व सहायता महिला समूह को मछली पालन से प्रतिवर्ष 2 लाख तक की आय हो रही है। ग्राम पंचायत ने महिला सहायता समूह को यह तालाब मछलीपालन के लिए लीज पर आवंटित किया है जिससे ग्राम पंचायत को भी एक निश्चित आय प्राप्त हो रही है।

जनसहभागिता का केंद्र
मिशन अमृत सरोवर के तहत नवीनीकृत हो चुके से इस तालाब के किनारे अब निरंतर सामुदायिक गतिविधियां का आयोजन किया जाता है। इससे यह एक अलग पहचान बना रहा है। सामूहिक सहभागिता के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा यहां राष्ट्रीय पर्व पर ध्वजारोहण किया जाता है। साथ ही जनभागीदारी से साफ-सफाई अभियान भी चलाया जाता है। सरोवर तट पर स्थानीय जनों के पौधरोपण, विश्व योग दिवस पर योगाभ्यास जैसी गतिविधियों से यह गांव का एक महत्वपूर्ण सहभागिता केंद्र बनकर उभर रहा है। 

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